लखनऊ
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण तय करने की प्रक्रिया पर लगी अंतरिम रोक पर शासन सोमवार को जवाब दाखिल करेगा। मिली जानकारी के अनुसार छुट्टी होने के बावजूद दिन भर शासन में जवाब तैयार किए जाने की प्रक्रिया चलती रही। सूत्रों के मुताबिक हाल ही में किए गए पंचायतराज ऐक्ट में 11वें संशोधन और ऐक्ट में आरक्षण तय करने की मूल व्यवस्था को सरकार अपने जवाब का आधार बनाएगी।
बता दें कि शुक्रवार को हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान चुनाव पूर्व आरक्षण तय किए जाने की प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाते हुए सरकार से जवाब मांगा था। याचिका में इस बात पर आपत्ति जताई गई थी कि वर्ष 1995 को आधार वर्ष मानते हुए आरक्षण तय किए जा रहे हैं जबकि रोटेशन के मुताबिक वर्ष 2015 (पिछले चुनाव) के आधार पर आरक्षण तय किया जाना चाहिए।
वहीं, शासन में शनिवार को जवाब तैयार करवाया जा रहा था। इसमें देखा गया कि पंचायतराज ऐक्ट में आधार वर्ष की बात ही नहीं है। सूत्र बताते हैं कि शासन के जवाब की मूल भावना यह होगी कि बीते चुनावों में आरक्षण में रोटेशन की मूल भावना का पालन नहीं किया गया। बीते पांच चुनावों में जिस आरक्षण को नजरअंदाज किया गया है, उसको प्राथमिकता देने के लिए बीते चुनावों के आरक्षण को देखा जा रहा है।
इसके अलावा हाल ही में सरकार ने जो पंचायत राज ऐक्ट में 11वां संशोधन किया था, उसमें कहा गया था कि जिन जिलों में नए सिरे से परिसीमन होगा उसमें नए सिरे से आरक्षण लागू करने के बजाए रोटेशन की प्रक्रिया को चलायमान रखा जाएगा। यह बिंदु भी शासन कोर्ट में जवाब के तौर पर रखने की तैयारी में है।
फाइनल आरक्षण घोषित करने पर असर नहीं
शासन के सूत्रों की मानें तो इस अंतरिम रोक के बावजूद फाइनल आरक्षण में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। हालांकि अगर शासन के जवाब से कोर्ट असंतुष्ट होता है और नए सिरे से आरक्षण तय किए जाने का आदेश देता है तब जरूर चुनाव कुछ और समय के लिए टल जाएंगे। वैसे शासन पहले ही तैयारी में था कि 15 मार्च तक जिलों से आरक्षण तय करने के बाद फाइनल लिस्ट उसके पास आ जाएगी, जिसका परीक्षण करके 22 या 23 तक वह अंतिम सूची जारी करेगा और फिर आयोग चुनाव की तारीखें घोषित कर देगा।
UP Panchayat Election 2021: up panchayt chunaw 2021
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