सौरभ वीपी वर्मा-
किसान ,व्यापारी ,सफाई कर्मी ,चपरासी ,मजदूर ,नाई ,दर्जी ,मोची, नौकरानी से लेकर बेरोजगार से टैक्स के रूप में सरकार पैसा ले रही है लेकिन उसके बदले उन्हें क्या दे रही है यह सब वही समझ पा रहे हैं जो वर्षों से अंतिम पंक्ति में जीवन यापन कर रहे हैं।
आज देखने को मिल रहा है कि देश मे प्राथमिकता को दरकिनार कर जनता के पैंसे से मुख्यमंत्री आवास बन रहा है ,पार्टी कार्यालय का विस्तार हो रहा है ,नेताओं के पैसा कमाने का कारखाना ,डिग्री कालेज और चिट -फट कंपनियां बन रही हैं ,वीवीआइपी लोगों के लिए बुलेट ट्रेन,तेजस ,विमान की व्यवस्था हो रही है ,नेताओं के काफिले में टेक्नोलॉजी से लैस गाड़ियां बढ़ रही हैं ,मॉल खुल रहे हैं आदि इसी तरह के कार्य इस दौर में दिखाई दे रहे हैं।
जबकि देश की एक बहुत बड़ी आबादी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है , देश की 79 फीसदी आबादी की औकात सरकार ने तय कर दी है कि तुम निचले स्तर पर जी रहे थे और वहीं जियोगे , जबकि सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए थी धीरे धीरे लोगों को उनके वास्तविक जिंदगी से बाहर निकालने का काम करे वह गरीब जो वर्षों से अंत्योदय की लाइन में खड़ा है वह बीपीएल की श्रेणी में आये ,जो बीपीएल में है वह अग्रिम पंक्ति में आये जो ,जो अग्रिम पंक्ति में है वह और आगे जाए इसके लिए मुख्य रूप से शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में व्यपक पैमाने पर बदलाव लाने की जरूरत है , आवास ,सड़क, सुद्ध पेय जल की कारगर व्यवस्था की आवश्यकता है, मतदाता पेंशन ,रोजगार की व्यवस्था ,नवाचार शिक्षा, टेक्नोलॉजी का विस्तार बहुत ही जरूरी है अन्यथा की स्थिति में पीएम मोदी जैसे लोग शीर्ष स्तर पर पहुंच कर ऐशो आराम की सारी व्यवस्था छीन लेंगे और आम आदमी वहीं का वहीं खड़ा रह जायेगा।