वर्ष 2011 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा देश भर के ढाई लाख ग्राम पंचायतों में हाईस्पीड इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए फाइबर ऑप्टिकल केबल के जरिये इंटरनेट नेटवर्क पहुंचाने के लिए काम शुरू किया गया था जिसके जरिये देश के नागरिकों को ई-स्वास्थ्य, ई शिक्षा ,ई गवर्नेंस ,आय, जाति ,निवास ,खेती-खतौनी की जानकारी सहित सैकड़ों योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित किया गया था ,जिसपर सरकार द्वारा 20 हजार करोड़ रुपया खर्च करके वर्ष 2016 में यह सुविधा आम जनमानस के लिए खोलने का लक्ष्य रखा गया था ।
लेकिन उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में योजना भ्रष्टाचार में डूब कर मरने के कगार पर पहुंच चुकी है ,जनपद के 14 ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली सभी 1235 ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल केबल के जरिये इंटरनेट पहुंचाने के लिए उससे जुड़ी सम्बन्धित संसाधनों को स्कूल ,पंचायत, भवन ,सीएससी आदि जगहों पर लगाया गया लेकिन वर्ष 2020 के अंतिम तिमाही में भी योजना मुहूर्त रूप में नही आ पाया ।
ऐसी स्थिति में सवाल पैदा होता है कि आखिर इतनी बड़ी योजना को संचालित करने की जिम्मेदारी लेने वाले लोगों की इतनी लापरवाही क्यों है ,क्या यह योजना भी तमाम योजनाओं की तरह दफन हो जाएगी य फिर इसे गंभीरता से लेते हुए इस पर ईमानदारी से काम किया जाएगा।