केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को दिशा-निर्देश जारी कर कंटेनमेंट ज़ोन को छोड़कर बाक़ी जगहों के होटल, शॉपिंग मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थलों को सोमवार 8 जून से खोलने की अनुमति दे दी है.लेकिन इन जगहों को खोलते वक़्त कुछ नियमों का पालन भी करना होगा.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़, इन जगहों पर छह फीट की दूरी, चेहरे पर मास्क, सेनेटाइज़ेशन और थर्मल स्क्रीनिंग को अनिवार्य कर दिया गया है.साथ ही होटल और रेस्तरां मालिकों को विज़िटर्स की पूरी जानकारी रखनी होगी. मसलन पहचान पत्र, मोबाइल नंबर, विदेश यात्रा और बीमारी का ब्यौरा.
वहीं होटल, रेस्तरां और शॉपिंग मॉल में 24 से 30 डिग्री तक ही एसी चलाने की अनुमति होगी. और जितना संभव हो सके, हवा को ताज़ा रखना होगा.ये ध्यान रखना भी ज़रूरी है कि इन जगहों पर सिर्फ़ बिना लक्षण वाले लोगों को ही आने की अनुमति होगी. साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर कोई थूक नहीं सकता है.
इसके अलावा धार्मिक स्थलों और मॉल में 65 साल के ऊपर के लोगों, 10 साल से कम उम्र के बच्चों, गभर्वती महिलाएं और बीमार व्यक्तियों को नहीं जाने की सलाह दी गई है.
मॉल में आने वालों को मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी गई है.
फूड स्टॉल में उनकी कुल क्षमता के 50 फ़ीसदी लोगों के ही बैठने की अनुमति होगी.
एक ग्राहक के जाने पर टेबल को सेनेटाइज़ करना होगा.
डिस्पोज़ेबल मेन्यू रखने की सलाह दी गई है.
एसी से 70 फ़ीसदी ताज़ा हवा आनी चाहिए.
मॉल में गेमिंग ज़ोन फिलहाल बंद रहेंगे.
होटल और रेस्तरां में साफ़-सफ़ाई को लेकर सतर्क रहना होगा.
डोर नॉब, एलेवेटर बटन, हैंड रेल, बेंच और वॉशरूम फिक्स्चर जैसी बार-बार छुई जाने वाली सतहों को साफ़ करते रहना होगा और डिसइनफेक्टेंट छिड़कना होगा.
टॉयलेट को भी थोड़े-थोड़े वक़्त में अच्छे से साफ़ करना होगा.
रिसेप्शन पर हैंड सेनेटाइज़र रखना अनिवार्य होगा.
डिज़िटल पेमेंट को बढ़ावा देना होगा.
होटलों में खाने के लिए रूम सर्विस को प्राथमिकता देनी होगी.
रेस्तरां में थर्मल स्क्रीनिंग यानी तापमान मापना अनिवार्य है.
धार्मिक स्थलों के प्रबंधन को प्रवेश द्वार नियमित अवधि पर सेनेटाइज़ करना होगा.
धार्मिक स्थलों में आने वालों को अपने जूते-चप्पल गाड़ी में ही छोड़ने होंगे. जिनके पास गाड़ी नहीं हैं, उन्हें रखने की ख़ुद ही व्यवस्था करनी होगी.
मंदिरों में प्रसाद नहीं मिलेगा.
धार्मिक स्थलों में प्रवेश और निकासी के लिए अलग से इंतज़ाम करने का भी सुझाव दिया गया है.
मूर्तियों और पवित्र ग्रंथों को छूने की अनुमति नहीं होगी. इसके साथ ही सामूहिक अनुष्ठान पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा.