विश्वपति वर्मा-
सरकारी दुकानों में रखे गए सैकड़ो पेटी देशी और अंग्रेजी शराब सरकारी स्टॉक से मिलान खा जाने के बाद क्या माना जाए कि शराब के शौकीन लोग दोगुने दाम में बोतल खरीदकर गच्चा खा गए ।
भानपुर तहसील के कई क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान शराब अंतिम दौर तक मिलता रहा दूकान खुलने के एक दिन पहले तक शराब के शौकीन लोग जंगल से लेकर एम्बुलेंस के रास्ते शराब लेते रहे । मामले की शिकायत के बाद आबकारी विभाग सब कुछ सही बताता रहा .
अब एक सबसे बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि जब सरकारी दुकानों पर किसी भी तरह का झोल-मोल नही है तो क्या पीने वाले लोगों ने करोड़ो रूपये का नकली शराब खरीदकर गटक लिया।
मामले की जांच की जाए तो रहस्य से पर्दा उठ जाएगा कि शराब नकली बिक रहा था है या आबकारी निरीक्षक बसंतलाल ने भ्रष्टाचार में शामिल होकर शराब की दुकानों में रखे गए शराबों को दोगुने दामों में बेचवाकर अपना हिस्सा तय कर लिया।