राजधानी लखनऊ में बैठकर सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को लगता है कि बस भारत कुछ ही दिनों में विश्वगुरु बनने वाला है ,लेकिन सरकार की उदासीनता और झूठ बोलने का जो रफ़्तार है उससे देश विश्वगुरु बने अगले 100 वर्षों तक संभव नही है।
आज का प्रवास सीतापुर जनपद के थानपुर थाना क्षेत्र के कर्बलापुरवा गांव में रहा ,जंहा पर सुबह से ही देश के नागरिकों के जीवन चर्या की समीक्षा की ,जंहा पर देखने के लिए अगर कुछ था तो सीसे में अपना चेहरा इसके अलावां यंहा पर बुनियादी सुविधाओं का ढांचा भी तैयार नही किया गया है ।
गांव के लिए कुछ भी बेहतरीन है तो यह कि वर्षों बाद गांव के कुछ लोगों के घर तक बिजली के पोल पंहुच गए।लेकिन गांव के सभी घरों के लोग अभी भी वंचित हैं।
गांव में आने के लिए चकरोड की गड्ढमगड्ढा वाली सड़क से चलना शुरू हुआ ,निवास स्थान तक बिजली के पोल नही पंहुचे थे ,दूषित पानी पीने के लिए पूरा गांव मजबूर है ,अधिकांश लोगों के पास आज भी अपना घास फूस का मकान है ,शौच के लिए उनका घर होगा गांव के 80 फीसदी लोगों ने यह सोचा भी नही है । उसके बाद भी इस देश का विकास लोगों को खूब दिखाई दे रहा था।और नेता और मीडिया इसकी खूब चर्चा कर रहे हैं।
आज का प्रवास सीतापुर जनपद के थानपुर थाना क्षेत्र के कर्बलापुरवा गांव में रहा ,जंहा पर सुबह से ही देश के नागरिकों के जीवन चर्या की समीक्षा की ,जंहा पर देखने के लिए अगर कुछ था तो सीसे में अपना चेहरा इसके अलावां यंहा पर बुनियादी सुविधाओं का ढांचा भी तैयार नही किया गया है ।
गांव के लिए कुछ भी बेहतरीन है तो यह कि वर्षों बाद गांव के कुछ लोगों के घर तक बिजली के पोल पंहुच गए।लेकिन गांव के सभी घरों के लोग अभी भी वंचित हैं।
गांव में आने के लिए चकरोड की गड्ढमगड्ढा वाली सड़क से चलना शुरू हुआ ,निवास स्थान तक बिजली के पोल नही पंहुचे थे ,दूषित पानी पीने के लिए पूरा गांव मजबूर है ,अधिकांश लोगों के पास आज भी अपना घास फूस का मकान है ,शौच के लिए उनका घर होगा गांव के 80 फीसदी लोगों ने यह सोचा भी नही है । उसके बाद भी इस देश का विकास लोगों को खूब दिखाई दे रहा था।और नेता और मीडिया इसकी खूब चर्चा कर रहे हैं।