शनिवार, 2 फ़रवरी 2019

बजट में सबका साथ-सबका विकास के नाम पर उसकी परछाई तक नही

देश के कुछ युवा नौजवान दिग्भ्रमित हो चुके हैं ,उनके पास सोचने और समझने की क्षमता खत्म हो चुकी है जिसका कारण है कि वें निर्णय लेने में असमर्थ हैं।

ये तस्वीर प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की है ,इन बच्चों को भारत और उत्तर प्रदेश की राजधानी का नाम नही मालूम है, देश के प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति को ये नही जानते हैं ,इतना ही नही इन्हें यह भी नही पता है कि हम जिस विद्यालय में पढ़ते हैं इसका नाम क्या है।

आखिर ऐसा क्यों है,इसका जिम्मेदार कौन है ,कौन तय करेगा जवाबदेही ?शायद कोई नही !

आखिर कब तक इस देश के लोग मानसिक गुलामी में जिएंगे, कब तक राजनीतिक दलों के नाम पर अपने आने वाली पीढ़ी को बर्बाद करने के लिए उनकी चापलूसी करेंगे ,शायद इस सवाल का जवाब मिल पाना भी मुश्किल है।

क्योंकि देश का और बजट बेबुनियाद तरीके से बना दिया गया ,इसमे सबका साथ और सबका विकास की कोई परछाई दिखाई नही देती।

तस्वीर बस्ती जनपद के प्राथमिक विद्यालय मुड़वरा की है।

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