देश को गर्त में ले जाने के लिए पर्याप्त है वर्तमान सरकारी व्यवस्था - तहक़ीकात समाचार

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रविवार, 23 दिसंबर 2018

देश को गर्त में ले जाने के लिए पर्याप्त है वर्तमान सरकारी व्यवस्था

विश्वपति वर्मा–

स्नातक की पढ़ाई के दौर से पहले ही हमने पत्रकारिता में हिस्सा ले लिया था इस लिए अच्छे लेखों , राइटरों एवं अच्छी व्यवस्था को पढ़ने एवं समझने की हमारी प्राथमिकता थी।

अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद से स्नातक की पढ़ाई के दौरान प्राचीन इतिहास और राजनीतिक शास्त्र को हमने पढ़ा ।2500 वर्ष पूर्व की व्यवस्था और भारतीय लोकतंत्र में चल रही राजनीति को जब हमने समझा तो यह हमें यह लगा कि भारत के राजपुरुषों द्वारा चलाई जाने वाली व्यवस्था भारत को विनाश की तरफ ले जाने के लिए पर्याप्त है।

फाइनल ईयर में प्राचीन इतिहास के अध्याय को जब पढ़ रहा था तब मैंने समझा कि भारत की दशा और दिशा  देश के राजनेताओं ने पूर्ण रूप से खराब कर दिया है, प्रशासक के पास देश की व्यवस्था सुधारने के लिए या तो नीति नही है या नियत नही है क्योंकि हमने पढ़ा कि  595 ई. पूर्व में सोलन नामक व्यक्ति को एथेंस की व्यवस्था सुधारने के लिए आर्कन चुना गया था,सोलन कुशल व्यापारी, विद्धवान, कवि एवं बुद्धिमान व्यक्ति के साथ कुशल राजनैतिक था।

अपने उदार कानून व्यवस्था के लिए जाना जाने वाले सोलन में मानवतावादी कूट कूट कर भरी हुई थी जिसके चलते एथेंस की सामाजिक भेद भाव को खत्म कर सोलन ने अपने आप को इतिहास के पन्ने में जोड़ लिया।

मुझे यह बात लिखने की जरूरत क्यों पड़ी इसको भी थोड़ा विस्तार से बता देता हूँ।

सोलन जब आर्कन चुना गया तब उसे पता चला कि राज्य में उन लोगों को दास बना कर रखा गया है जिन्होंने साहूकारों या जमीदारों का ऋण नही चुका पाया है ,सोलन ने सबसे पहले ऋण न चुका पाने के एवज में दास बनाये गए लोगों का ऋण माफ कर उन्हें मुक्त करा दिया। आर्थिक दशा सुधारने के लिए माप तौल की प्रणाली को व्यवस्थित किया। मुद्रा नीति में सुधार किया अंगूर और जैतून की खेती का बढ़ावा दिया एवं उसके निर्यात को प्रोत्साहन दिया ।

अब आप सोच रहे होंगे सोलन ने कौन सी बड़ी बात कर दी थी , भारत मे भी पूर्व में कांग्रेस और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के साथ छत्तीसगढ़ ,राजस्थान एवं  मध्यप्रदेश की प्रांतीय सरकारों ने किसानों का ऋण माफ कर दिया है।

नही ....भारत की केंद्रीय एवं राज्य सरकारों ने सोलन की व्यवस्था पर काम नही किया ।

सोलन को पता था कि एक बार लोगों का ऋण माफ कर देने से लोग अमीर नही हो जाएंगे उनके लिए कुछ ऐसा किया जाए कि उन्हें ऋण लेने की जरूरत न पड़े , सोलन ने प्रांतीय व्यवस्था सुधारते हुए यह अनिवार्य किया कि प्रत्येक पिता अपने पुत्र को किसी न किसी व्यापार का शिक्षा प्रदान करेगा ,श्रमिक वर्ग कोई कर नही देगा , राज्य में नागरिकों के बच्चों को शारीरिक तथा बौद्धिक विकास पर बल देने के लिए खजाने को खोल दिया ,काव्य ,संगीत कला को उच्च स्थान दिया ,बलात्कार को गंभीर अपराध घोषित किया।

उसने राज्य की प्रशासनिक संस्थाओं का पुनर्गठन किया ,पुरानी और निराधार संस्थाओं को खत्म किया ,असेंबली की सदस्यता में संशोधन तथा सर्वोच्च न्यायालय का गठन किया ,देश के नागरिकों को आर्कन के निर्णय के विरुद्ध न्याय पाने के लिए अधिकार देने के साथ उसने तमाम ऐसे कार्य किये जिससे एथेंस क्रांति से बच गया।

वंही हजारों वर्ष बीत जाने के बाद भारतीय लोकतंत्र के 7 दशक के आधुनिक युग मे भारतीय राजनेता वोट बैंक को जोड़ने के लिए किसानों का कर्ज माफ कर देना ही बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं जो देश के विनाश के लिये पर्याप्त है।

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