विश्वपति वर्मा।
सत्ताधारियों का मुख्य कार्य समाज के अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा में लाना एवं उनके लिए मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराना होना चाहिए।लेकिन पिछले कई वर्षों से देखा जा रहा है कि राजनीतिक दलों द्वारा जो सत्ता का मजा ले रही हैं उन्हें जनता और मतदाता से कोई खास मतलब नहीं रहा है।
वर्ष 2010 के बाद से जब यूपी में मायावती पूर्ण बहुमत में मुख्यमंत्री थी उसके बाद 2012 में अखिलेश यादव यूपी में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने में कामयाब रहे इस दौरान केंद्र में कांग्रेस भी परचम लहरा रही थी।
परन्तु जनता के लिए बुनियादी सुविधाओं को समय रहते अंतिम व्यक्ति तक न पंहुचा पाना तीनो दलों को मुह की खानी पड़ी जिसका परिणाम रहा भारतीय जनता पार्टी केंद्र के साथ यूपी होते हुए कई राज्यों में सरकार बनाने में कामयाब रही है ।आज चिट भी भाजपा का है और पट भी भाजपा का है लेकिन जनता में न जाने ऐसी कौन सी वायरस पँहुच गई है कि हर व्यक्ति भाजपा को झूठ बोलने वाली सरकार के रूप में देख रहा है।
हमे लगता है कि इसका सबसे ज्यादा कारण यह है कि भारतीय जनता पार्टी प्राथमिकता को तय करते हुए योजनाओं को लाने की बजाय मनमर्जी तरीके से अपने निजी स्वार्थ के खातिर नीतियां तैयार की हुई है जिससे पांच साल बीतने को हैं गरीब जनता को कोई लाभ नही हुआ है।
और अब जनता भी इसका परिणाम पार्टी को देने के लिए तैयार दिखाई देती है।