जब चीन -अमरीका से प्रतिस्पर्धा करने की जरूरत तब हंगरी और रवांडा के श्रेणी में पहुंच गया भारत - तहक़ीकात समाचार

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बुधवार, 21 जुलाई 2021

जब चीन -अमरीका से प्रतिस्पर्धा करने की जरूरत तब हंगरी और रवांडा के श्रेणी में पहुंच गया भारत

सौरभ वीपी वर्मा
भारतीय जनता पार्टी की सरकार जितने भी अनैतिक कार्यों को करे आप स्वीकार कर लो , यदि आप उसके प्रोपोगंडा से सहमत नहीं होंगे तो आप देशद्रोही हो जाओगे ,आप आतंकी समर्थक हो जाओगे आप किसी न किस मामले में आरोपी हो जाओगे और आपकी जगह हवालात में स्थापित कर दी जाएगी।

2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए अमित शाह जैसे नेताओं ने देश के जवानों को दांव पर लगा दिया जहां 50 से अधिक जवानों को आरडीएक्स से निशाना बनाकर मार दिया गया ,बहुत सारे सवाल खड़े हुए ,प्रश्न पूछे गए लेकिन एयर स्ट्राइक के नाम पर भाजपा ने देश के नागरिकों के जेहन में राष्ट्रवाद का विचार भर दिया।

क्या कुछ नही हुआ भारतीय जनता पार्टी की सरकार में उसके सारे मुद्दे चाहे स्वच्छ भारत मिशन हो , स्मार्ट सिटी हो ,नमामि गंगे हो ,आदर्श ग्राम पंचायत हो , रोजगार हो ,गरीबी उन्मूलन हो सब नेताओं के मंच और माइक से निकल कर रह गया और आंकड़ों के दस्तावेजों में सिमट कर रह गया न रोजगार सृजन हो पाए और न ही नागरिकों के आर्थिक स्थिति में सुधार हो पाया।

शिक्षा ,चिकित्सा ,भोजन ,आवास एवं  हिंसा मुक्त समाज की स्थापना करने के लिए किसी सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार में आज तक इन सब मुद्दों पर ना तो चर्चा हुई और ना ही इसके सुधार के प्रयास किए गए । आज देश की एक बहुत बड़ी आबादी बद से बदतर जिंदगी जीने के लिए मजबूर है लेकिन देश की सबसे बड़ी सत्ताधारी को केवल अपना कुनबा बढ़ाने का खुमार चढ़ा हुआ है।

इन सबके बीच जासूसी कांड भी सामने आ गया जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश के माने जाने पत्रकारों एवं विपक्ष के शीर्ष नेताओं के गतिविधियों को टेप कर रही थी ताकि तोड़ मोड़ करके जैसे तैसे सत्ता को अपने पास रखा जाए।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी देश के लोकतांत्रिक मूल्यों का अवलोकन करने वाली एक संस्था ने जो खुलासा किया है उसके आंकड़े देखने के बाद लगता है कि अंग्रेजी हुकूमत से ज्यादा बर्बरता भारतीय जनता पार्टी की सरकार में हो चुकी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2014 में भारत लोकतांत्रिक मूल्यों को कायम रखने के श्रेणी में 27 वें नंबर पर था लेकिन 2021 में बढ़कर 53वें नंबर पर पहुंच गया ।

आप विचार कीजिये जब भारत जैसे देश को चीन को चुनौती ददेना था ,जब अमेरिका से प्रतिस्पर्धा करना था, जब जापान और रूस के टेक्नोलॉजी को पकड़ना था तब हम मोरक्को ,हंगरी ,अजरवैजान ,बहरीन और रवांडा जैसे देशों के श्रेणी में खड़ा है। आप आप वर्ड इंडेक्स की रिपोर्ट को पढ़िए और ताली थाली बजाकर बर्बाद होते लोकतंत्र के जश्न में खुशियां मनाइए।

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