मंगलवार, 30 जून 2020

दिग्गज समाजवादी नेता रहे बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे दिनेश वर्मा की कोविड-19 से मौत

बाराबंकी. समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे दिवंगत बेनी प्रसाद वर्मा के बड़े बेटे की मंगलवार को दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमण से मौत हो गई. बेनी बाबू के बेटे दिनेश वर्मा का इलाज एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में चल रहा था. दिनेश वर्मा की मौत से परिवार व जिले के सपाइयों में मातम पसरा हुआ है.
किडनी की बीमारी से भी ग्रसित थे दिनेश वर्मा

बताया जा रहा है कि दिनेश वर्मा किडनी की बीमारी से भी ग्रसित थे. पिछले दिनों कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उन्हें लखनऊ के केजीएमयू में एडमिट कराया गया था. जहां से ठीक होकर वे डिस्चार्ज भी हो गए थे. इसके बाद वे जब किडनी की रेगुलर जांच के लिए दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल पहुंचे तो उनका फिर से चेकअप किया गया. जिसमें वे एक बार फिर कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.

जानकारी के मुताबिक बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र दिनेश वर्मा भंडारण निगम में बाबू के पद पर कार्यरत थे और किडनी और लिवर की समस्या के चलते लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था. 2007 में उनका किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था. उनकी माता ने उन्हें किडनी डोनेट की थी. समय-समय पर उसी के इलाज के लिए वह दिल्ली जाते थे. इधर कोरोना काल में लखनऊ में पहली बार दिनेश वर्मा की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई. जिसके बाद वह मेडिकल कालेज में भर्ती हुए, जहां इलाज के बाद उनकी रिपोर्ट निगेटिव हो गई. फिर वह इलाज के लिए दिल्ली एस्कार्ट हॉस्पिटल में किडनी लिवर के चल रहे इलाज के लिए भर्ती हुए. लेकिन वहां उनकी कोरोना की सैंपल रिपोर्ट दोबारा पॉजिटिव आ गई और मंगलवार दोपहर उनकी मौत हो गई.

गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान 27 मार्च को ही बेनी प्रसाद वर्मा की भी मौत लंबी बीमारी के बाद हो गई थी. बेनी प्रसाद वर्मा समाजवादी पार्टी के संस्थापक और देश के दिग्गज नेताओं में शुमार किये जाते थे. बेनी प्रसाद वर्मा समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद थे. बेनी प्रसाद वर्मा उत्तर प्रदेश के कुर्मी समाज के सर्वमान्य नेता माने जाते थे. यूपीए 2 सरकार में बेनी प्रसाद वर्मा केन्द्रीय इस्पात मंत्री थे. वे सपा संस्थापक मुलायम सिंह के बेहद करीबी माने जाते थे.

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शर्मनाक -यूपी के कन्नौज में इलाज न मिलने के चलते पिता की गोद मे बच्चे की मौत

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. कन्नौज के जिला अस्पताल के बाहर रविवार शाम एक दर्दनाक नज़ारा देखने को मिला. यहां एक शख्स के अपने एक साल के बच्चे के शव से लिपटकर अस्पताल में रोने का वीडियो सामने आया है. वीडियो में एक शख्स अपने मृत बच्चे को सीने से चिपकाये फूट-फूटकर रोता हुआ नजर आ रहा है. पास ही बैठी उसकी पत्नी भी बुरी तरह रो रही है. जिसने भी यह नजारा देखा उसकी आंखों में आंसू आ गए.
पीड़ित पिता ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से बच्चे की मौत होने का आरोप लगाया है. बच्चे के पिता का आरोप है कि अस्पताल ने उसके बच्चे का वक़्त पर इलाज नहीं किया जिससे उसकी मौत हो गई. 

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सोमवार, 29 जून 2020

एक तरफ चकाचौंध जिंदगी दूसरी तरफ 80 करोड़ भारतीय गरीबी में जीने को मजबूर

 विश्वपति वर्मा(सौरभ)

देश सोने की चिडिया थी और देश मे अनंत खजाना था लेकिन विदेशी लुटेरों के चलते देशवासियों को आर्थिक समस्या का सामना करना पडा लेकिन आजादी के बाद भारत में लोकतंत्र बहाल होने के बाद देश को विदेशी लुटेरों से ज्यादा स्वदेशी लुटेरों ने लूटना शुरू कर दिया जिसका परिणाम है कि 21वीं सदी के दौर में भी देश में गरीबी ,बेरोजगारी ,भुखमरी और कुपोषण पर कोई नियंत्रण नहीं पाया जा सका ।
 आज देश में 20 प्रतिशत लोगों के पास देश कि 80 प्रतिशत सम्पत्ति केन्द्रित है जबकि देश की 80 प्रतिशत जनता के पास मात्र 20 प्रतिशत धन है भारत में अति उच्च सम्पत्तिधारी कुबेरों की संख्या 800 है जिनकी कुल सम्पत्ति 945 अरब डालर है इनमें धन कुबेर ऐसे है जिनकी प्रत्येक की सम्पत्ति 50 अरब से अधिक है

लोक सभा में 475 करोड़पति सांसद है. और यही लोग हैं जो अपने हितों और स्वार्थो को ध्यान में रखकर नीतियाँ बनाते बिगाड़ते रहते है इसीलिए देश में आर्थिक विषमता गहराती जा रही है, जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, जिस काले धन को कानून बना कर लाने की बात हो रही थी उस कालेधन को वही कानून निर्माता ही दबा कर बैठे हुये हैं जो कि गरीबी निवारण के मार्ग में बहुत बड़ी बाधा बन गई है. लिहाजा 6 साल बीत जाने के बाद भी काला धन लाने की बात मात्र जुमला बन कर रह गई ।

सरकार द्वारा गरीबी निवारण हेतु अनेक कार्यक्रम चलाए गए हैं किन्तु इनका पूरा लाभ गरीबों तक नहीं पहुंच पाता है आजादी के बाद से  गरीबी निवारण हेतु देश में हजारो करोड़ रूपया पानी की तरहं बहा दिया गया  जिसमे 
 ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय  सामाजिक सहायता योजना, राष्ट्रीय  वृद्धा पेंशन योजना, राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना, राष्ट्रीय प्रसव लाभ योजना, शिक्षा सहयोग योजना, सामूहिक जीवन बिमा योजना ,जयप्रकाश नारायण रोजगार गारंटी योजना , बालिका संरक्षण योजना, सार्वजानिक वितरण प्रणाली , विकलांग संगम योजना, जन श्री बीमा योजना , विजन 2020 फाँर इण्डिया, लक्षित सार्वजानिक वितरण प्रणाली , प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना, सर्वप्रिय योजना, अन्त्योदय अन्न योजना, राजीव गाँधी श्रमिक कल्याण योजना , वाल्मीकि अम्बेडकर आवास योजन , राजीव गाँधी श्रमिक कल्याण योजना, जननी सुरक्षा योजना, भारत निर्माण कार्यक्रम, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना , इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना 2009, 20 सूत्रीय कार्यक्रम 2007, जवाहर ग्राम सामृध्य योजना , महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम सहित वर्तमान केंद्र सरकार की लगभग एक दर्जन से अधिक योजनायें शामिल है।
 
सवाल यह है कि देश के खाजाने से इतना पैंसा खर्च करने के बाद भी देश के अंदर गरीबी कम क्यों नही हुई ? आखिर 80 करोड़ से अधिक आबादी को आज भी राशन की दुकान से अनाज क्यों दिया जा रहा है? क्या बीच में 80 करोड़ से अधिक लोग  गरीबी  काटने के लिए मजबूर हैं ? ऐसे सवालों के बीच साफ जाहिर होता है कि योजना मे खर्च होने वाले धन को जिम्मेदार लोगों द्वारा दबा लिया गया इसका प्रणाम कहा कि गरीब 70 साल पहले जहां पर खड़ा था आज भी वहीं पर खड़ा दिखाई दे रहा है।



 

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रविवार, 28 जून 2020

उत्कृष्ट कार्यों के लिए विशिष्ट स्वदेश प्रेमी सम्मान से सम्मानित हुए चित्रकार चन्द्र प्रकाश चौधरी

उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के मध्यम वर्गीय किसान रामदुलारे चौधरी के पुत्र चन्द्र प्रकाश चौधरी को स्वदेश सेवा संस्थान भारत द्वारा विशिष्ट स्वदेश प्रेमी सम्मान से सम्मानित किया गया ।
कला - संस्कृति के क्षेत्र में  उत्कृष्ट कार्यो के लिए संस्थान के अध्यक्ष एसबी सागर द्वारा सम्मान पत्र देते हुए इनके कार्यों  की खूब सराहना की गई .प्रतिभावान चित्रकार चन्द्र प्रकाश द्वारा लॉकडाउन के दौरान सैकड़ों बच्चों को मुफ्त में ऑनलाइन क्लास दिया गया जिससे बच्चों में सीखने और समझने की कला विकसित हुई है इतना ही नही लॉकडाउन में लोगों को घर पर रहने हेतु अपने चित्रों से युवा चित्रकार चन्द्र प्रकाश चौधरी ने समाज को जागरूक करने का कार्य करते रहे हैं।

 बस्ती के गंवई पृष्टभूमि के इस चित्रकार ने यह सिद्ध कर दिया है कि प्रतिभा किसी की मोहताज नही होती बस जरूत है उसे निखारने की । अभी हाल ही में चित्रकार चन्द्र प्रकाश चौधरी नें प्रवासी मजदूरों के मसीहा फिल्म अभिनेता सोनू सूद की बहुत ही खूबसूरत चित्र बनाया जिसकी जनमानस में खूब सराहना हो रही है। कला के साथ-साथ चन्द्र प्रकाश बेटी बचाओ,वृक्षारोपण, स्वच्छता,एवं अन्य सामाजिक कार्यों में अपना सक्रिय योगदान दे रहे हैं ।

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नजरिया -106 दिन के लॉकडाउन में गायब हो गया भिरियाँ बाजार का रौनक

केoसीo श्रीवास्तव 

भारत के गांवों के बीच लगने वाले बाजारों का एक बड़ा महत्व होता है जंहा पर घरेलू सामानों से लेकर तमाम जरुरत के सामान आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। इसी बीच आज हम उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के अंदर भानपुर तहसील क्षेत्र के सल्टौआ ब्लॉक अंतर्गत लगने वाले भिरियाँ बाजार के बारे में बात कर रहे हैं 
जहां लॉकडाउन चलते पूरा रौनक खत्म हो चुका है ।
                        फाइल फोटो
भिरियाँ बाजार जिला मुख्यालय बस्ती से 26 किलोमीटर दूर सोनहा शिवाघाट मार्ग के किनारे लगता है इस बाजार में साग-सब्जी ,मांस,सरसो तेल ,मिट्टी के बर्तन ,कपड़े ,मिठाई,लोहे से बने सामान, और अनाज के साथ पशुओं की बिक्री की जाती है  ।

हप्ते में दो दिन सोमवार और बृहस्पतिवार को लगने वाले इस बाजार में लगभग 300 से अधिक दुकानें सजती हैं जंहा पर क्षेत्र के 20 से अधिक ग्राम पंचायतों के हजारों लोग सामानों का क्रय -विक्रय करते हैं। बाजार में सर्वाधिक बिक्री सब्जी की होती है जो स्थानीय स्तर के किसानों द्वारा उपजाया हुआ होता है।

लेकिन देश में 24 मार्च से जारी लॉकडाउन के बीच भिरियाँ बाजार पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी है अब यहाँ ना तो व्यापारियों का आना जाना हो रहा है और ना ही खरीददार दिखाई पड़ रहे हैं क्योंकि लॉकडाउन के चलते बाजार को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
     लॉकडाउन के प्रथम चरण की एक तस्वीर

इस लॉकडाउन के चलते सबसे ज्यादा नुकसान स्थानीय किसानों का हुआ है जो अपने खेत में आलू ,प्याज ,मिर्च,लहसुन ,खीरा,लौकी ,कद्दू ,भिंडी ,बैगन ,टमाटर ,साग ,तरोई आदि को पैदा करके बाजार लाते थे और यहां बेंच कर जाते थे लेकिन 106 दिन से चल रहे लॉकडाउन के बीच इस बाजार में किसानों का आगमन नही हो पा रहा है जिसका परिणाम है कि किसानों को या तो सब्जियों के फसल को नष्ट करना पड़ रहा है या फिर औने पौने दामों में बेंच कर उसे खत्म किया जा रहा है।

बता दें कि भारत में कोरोनावायरस महामारी को रोकने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को 21 दिनों के लिए पूरे देश को लॉकडाउन रहने का आदेश दिया। इस निर्णय से पहले 22 मार्च को 14 घंटों के जनता कर्फ्यू किया गया था। उसके बाद 14 अप्रैल सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए लॉकडाउन की अवधि को आगे बढ़ाकर 3 मई करने का फैसला लिया और कहा कि अगले एक हफ्ते नियम और सख्त होंगे साथ ही मोदी ने कहा कि जहां नए मामले सामने नहीं आएंगे वहाँ कुछ छूट दी जाएगी। उसके बाद एक बार फिर 17 मई को गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने की घोषणा की लेकिन कोरोना वायरस तेजी से फैलने के चलते 30 मई को देशभर में लॉकडाउन के पांचवें चरण की घोषणा की गयी जो 30 जून तक प्रभावी है. हालांकि इस बीच मे काफी कुछ छूट दी गई हैं लेकिन उस तरह से बाजारें नही लग रही हैं जैसा कि 24 मार्च के पहले दिखाई पड़ती थी।




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समीक्षा- प्रधानमंत्री मोदी के झूठे दावों के बीच दफन हो गया गरीबों के शौचालय का सपना

विश्वपति वर्मा(सौरभ)

गांधी जी की 150वीं जयंती के अवसर पर साबरमती आश्रम पहुंचे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि पूरा देश खुले में शौच से मुक्त हो गया है।

 उस वक्त समाचार पत्र दैनिक जागरण ने ग्राफिक्स के माध्यम से यह समझाने की कोशिश किया था कि देश में किस तरह से शौचालय का निर्माण कार्य में तेजी आया है और किस तरह से पूरा देश अब शौचालय मय हो गया है।
पीएम मोदी के दावों के बीच 9 महीना बीत जाने के बाद जब भारत के गांव की सही स्थिति जानने के लिए हम धरातल पर जाते हैं तो पता लगता है कि 100 फीसदी घरों में शौचालय बनने का दावा पूरी तरह से गलत है यहां तक कि अभी गांवों में 50 फीसदी से अधिक घरों में शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है।

धरातल की वास्तविक स्थिति जानने के लिए जब हम उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के औड़जंगल निवासी शांति देवी के घर पहुंचते हैं तो उनके घर के सामने शौचालय निर्माण के लिए काम शुरू किया गया है यह काम वर्ष 2018 में शुरू किया गया लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी उनके घर के सामने शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है ।
शांति देवी ने बताया कि शौचालय बनवाने के लिए 6000 रुपये का सरकारी सहायता प्राप्त हुआ था जिससे हमने निर्माण कार्य शुरू करवाया था उसके बाद न तो किसी प्रकार का सहयोग मिला न ही शौचालय का काम पूरा हो पाया।

शांति देवी एक अकेली महिला नहीं है जो शौचालय के निर्माण कार्य पूरा होने के लिए आस लगाए बैठी हुई हैं इसी तरह से देश भर की लाखों महिलाएं और परिवार के मुखिया इस आस में बैठे हुए हैं कि उनके घर पर भी  शौचालय का निर्माण होगा और उनके शौचालय का सपना पूरा होगा लेकिन सरकार की निरंकुशता  और प्रशासन की उदासीनता एवं झूठे दावों के बीच गरीबों के शौचालय का सपना पूरी तरह से दफन हो गया है ।

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शनिवार, 27 जून 2020

एक तरफ कोरोना का कहर दूसरी तरफ टिड्डी दल का खतरा , एक दिन में चट कर जाते हैं 35,000 लोगों के पेट भरने लायक भोजन

विश्वपति वर्मा-

 कोरोना वायरस महामारी का डर अभी कम भी नहीं हुआ कि अब टि्डडी दल ने देश में कहर मचाना शुरू कर दिया है।यह टिड्डी दल अब पूर्वांचल में दस्तक देने के साथ यूपी के बस्ती में पहुंच चुका है।
टिड्डियों के इस दल ने पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश में फसलों को तबाह कर दिया है और अब इसका प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है।

पाकिस्तान के रास्ते भारत पहुंचा है टिड्डियों का यह दल
दुनिया के सबसे खतरनाक मानी जाती है राहत की बात यह है कि टिड्डी इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं ।

वैसे तो भारत में पिछले 20 वर्षों से टिड्डियों का आतंक रहा है। गत वर्ष भी इसने देश में भारी नुकसान किया था टिड्डियों के इस दल ने साल 1993 में सबसे बड़ा नुकसान पहुंचा था, लेकिन इस बाद इनकी संख्या उससे भी कहीं अधिक है।

इस बार ये टिडि्डयां ईरान के रास्ते पाकिस्तान से होते हुए भारत पहुंची हैं। पहले पंजाब और राजस्थान में फसलों को नुकसान पहुंचाने के बाद टिड्डियों का दल अब यूपी के बस्ती में पहुंच गया है।

टिड्डियों की दुनिया भर में 10 हज़ार से ज़्यादा प्रजातियां बताई जाती हैं, लेकिन भारत में मुख्य तौर से चार प्रजातियां रेगिस्तानी टिड्डा, प्रव्राजक टिड्डा, बम्बई टिड्डा और पेड़ वाला टिड्डा ही सक्रिय रहता है।

कृषि क्षेत्राधिकारियों की माने तो रेगिस्तानी टिड्डे दुनिया की दस फीसदी आबादी की ज़िंदगी को प्रभावित करते हैं। इन्हें दुनिया का सबसे खतरनाक कीट कहा जाता है।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार किसी भी प्रकार के टि्डडे इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और ना ही उन्हें काटते हैं। ये केवल फसलों और पौधों का शिकार करते हैं। एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में लोग इन टिड्डों को बड़े चाव से खाते हैं।टिड्डियों के भारी संख्या में पनपने का मुख्य कारण ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते मौसम में आ रहा बदलाव है।

विशेषज्ञों की माने तो एक मादा टिड्डी तीन बार अंडे देती है और एक बार में 95-158 अंडे तक दे सकती है।एक वर्ग मीटर में टिड्डियों के करीब 1,000 अंडे हो सकते हैं। एक टिड्डी का जीवनकाल तीन से पांच महीने का होता है. नर टिड्डे का आकार 60-75 एमएम और मादा का 70-90 एमएम तक हो सकता है।

नमी वाले क्षेत्रों में होता है ज्यादा प्रकोप

दिल्ली स्थित यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क के मोहम्मद फैजल के अनुसार रेगिस्तानी टिड्डे रेत में अंडे देते हैं, लेकिन उनके फूटने के बाद ये टि्डडे भोजन की तलाश में नमी वाली जगहों की ओर बढ़ने लगते हैं। इससे नमी वाले क्षेत्रों में ज्यादा प्रकोप होता है।संयुक्त राष्ट्र के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार रेगिस्तानी टिड्डा 16-19 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ता है।

हवाओं की रफ्तार भी इनकी रफ्तार को तेज करने में मदद करती हैं। ऐसे में ये दल एक दिन में आसानी से 200 किलोमीटर तक का सफर तय कर लेता है।

एक वर्ग किलोमीटर में फैले दल में करीब चार करोड़ टिड्डियां होती हैं, जो एक दिन में 35,000 लोगों के पेट भरने लायक भोजन को चट कर जाती है।

जांच की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक पाया गया कि टिड्डी दलों की तादाद और हमले बढ़ने का कारण बेमौसमी बारिश रही है।लाल सागर से अरबी प्रायद्वीप की बात हो या पाकिस्तान और भारत की, पिछले एक साल के दौरान लगभग हर महीने बारिश हुई।

बेमौसम बारिश से नमी पाकर ये कीट बड़ी तेजी से बढ़े हैं। विशेषज्ञों के अनुसार पहले प्रजजन काल में टिड्डियां 20 गुना, दूसरे में 400 और तीसरे में 1,600 गुना तक बढ़ जाती हैं।

दो महीने पहले जब टिड्डियों ने हमला शुरू किया तो गुजरात और राजस्थान में 1.7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी तेल बीज, जीरे और गेहूं की फसलों को नुकसान पहुंचा था।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि टिड्डियों पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो आठ हजार करोड़ रुपये की मूंग की फसल तबाह हो सकती है।

हालांकि, भारत में इस साल हो चुके और होने वाले कुल नुकसान के बारे में अभी कोई पुख्ता अंदाज़ा नहीं लगाया गया है।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार शिकारी ततैया, मक्सी, परजीवी ततैया, बीटल लार्वा, पक्षी और रेंगने वाले जीव इन टिडि्डयों के सबसे बड़े दुश्मन हैं। ये जीव टिडि्डयों को देखते ही उन पर हमला कर देते हैं और पलभर में उन्हें चट कर जाते हैं।

टिड्डी के हमलों से बचने का सबसे कारगर तरीका तो बेहतर नियंत्रण और मॉनिटरिंग ही है। इसके अलावा कीटनाशक का हवाई छिड़काव या स्प्रे किया जा सकता है, लेकिन भारत में यह सुविधा अब भी बहुत कम है।

इसी प्रकार टिड्डियों के अंडों को पनपने से पहले नष्ट किया जा सकता है। किसान फसलों को ढंककर, टिड्डियों को खाने वाले पक्षियों को पालकर, लहसुन के पानी का छिड़काव, कारबैरिल का छिड़काव और कैनोला तेल मिलाकर स्प्रे किया जा सकता है।

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आज 21वें दिन भी बढ़ा पेट्रोल डीजल का दाम ,जगह जगह हो रहा प्रदर्शन


देश में पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. लगातार 21वें दिन यानी आज (शनिवार) एक बार फिर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है.

 आज दिल्ली में पेट्रोल पर 25 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 21 पैसे प्रति लीटर इजाफा हुआ है. जिसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 80.38 रुपये और डीजल के लिए 80.40 पैसे चुकाने होंगे. शुक्रवार को पेट्रोल पर 21 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 17 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी.
पेट्रोल और डीजल के बढ़ते हुए दामों के खिलाफ पूरे देश मे जगह जगह धरना प्रदर्शन हो रहा है शुक्रवार को बस्ती में आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष कुलदीप जायसवाल और राहुल कुमार के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुआ ,इस मौके पर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने वाहन चालकों को फूल भेंट कर उन्हें बधाई दिया।

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शुक्रवार, 26 जून 2020

भारत में कोरोना से बीते 24 घंटे में सबसे ज़्यादा 17,296 नए मामले, 407 लोगों की मौत

भारत में कोरोना से बीते 24 घंटे में सबसे ज़्यादा 17,296 नए मामले दर्ज हुए हैं और 407 लोगों की मौत हुई है।
देश मे अबतक कोविड-19 के 4,90,401 मरीज हो गए हैं जिसमे से 15,301 लोगों की मौत हो चुकी है ,इस बीमारी से अब तक 2,85,637 लोग ठीक हो चुके हैं।

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गुरुवार, 25 जून 2020

अपना दल के जिला कमेटी का हुआ विस्तार ,अभय पटेल बनाये गए युवा मंच के जिला अध्यक्ष

बस्ती-अपना दल एस की जिला इकाई बस्ती के कमेटी का विस्तार किया गया है जिला कमेटी का विस्तार करते हुए जिला अध्यक्ष विवेक कुमार चौधरी ने बृहस्पतिवार को अभय पटेल को युवा मंच का जिलाध्यक्ष, सुरेंद्र चौधरी को शिक्षक प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष, आदर्श पटेल को छात्र मंच का जिलाध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य विनोद कुमार चौधरी को पंचायत प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष, इंद्रजीत प्रजापति को जिला उपाध्यक्ष,आत्माराम पटेल राणा को जिला सचिव, प्रमोद कुमार पाल को जिला सचिव एवं अरविंद पटेल को जिला सचिव पद पर मनोनीत किया गया। 

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31 जुलाई तक बढ़ाया गया लॉकडाउन ,ममता सरकार ने लिया फैसला

देश में कोरोनावायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. भारत में कोरोना से 4 लाख 56 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 14 हजार 400 से ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. इस बीच पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन को 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है. 

                   प्रतीकात्मक तस्वीर

कोरोनावायरस के मुद्दे में राज्य में हुए सर्वदलीय बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि 31 जुलाई तक राज्य में न तो ट्रेनें चलेंगी और न ही मेट्रो सेवाओं को इजाजत होगी. इसके साथ-साथ स्कूल और कॉलेजों को भी बंद ही रखा जाएगा. 

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बुधवार, 24 जून 2020

कोलकाता-कोरोना वायरस की चपेट में आने से विधायक की मौत

पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस पार्टी के विधायक तमोनाश घोष की बुधवार को मौत हो गई है. वो मई महीने के आखिर में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. उनकी उम्र 60 साल थी. उनका कोविड-19 का इलाज चल रहा था. उनकी बुधवार को अस्पताल में ही मौत हो गई. वो पार्टी में पिछले 35 सालों से थे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर शोक जताया है.

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कानपुर के बालिका संरक्षण गृह में नाबालिक लड़कियों के साथ हुए शोषण के खिलाफ "आप "का प्रदर्शन


कानपुर के संवासनी  बालिका संरक्षण गृह में नाबालिक लड़कियों" के साथ हुए शोषण को लेकर आम आदमी पार्टी बस्ती द्वारा जिला अध्यक्ष कुलदीप जायसवाल के नेतृत्व में मामले की जांच हाई कोर्ट की निगरानी में कराए जाने की मांग की गई।

 पार्टी की जिला इकाई ने जिलाधिकारी बस्ती के माध्यम से राज्यपाल के नाम से 3 सूत्री ज्ञापन सौंपकर पीड़ित लड़कियों को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की मांग करते हुए बस्ती शास्त्री चौक पर विरोध प्रदर्शन भी किया ।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष कुलदीप जायसवाल ने कहा कि" कानपुर के बालिका गृह की 7 बालिकाएं गर्भवती पाई गई हैं और एक को एचआईवी भी है और 57 कोरोना पॉजिटिव की भी मिली है । अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत के कारण बच्चियों को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए स्थापित किए गए  बालगृह वर्तमान समय में अनाथ बेसहारा और मजबूर बच्चियों की इज्जत के खिलवाड़ का अड्डा बन चुके हैं। यही नहीं पूरे प्रशासन के नाक के नीचे इस बालगृह की मतलब साफ है की बालिका गृह से संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सरकार संविधान नियम कायदा और मानवीय मूल्यों का कोई स्थान नहीं है।

 देश और प्रदेश की जनता  देवरिया महिला संरक्षण गृह और मुजफ्फरपुर  (बिहार)  बालिका गृह कांड के दर्द को भूल नहीं पाई थी कि कानपुर कि इस घटना से इस आशंका को बल मिलता है ऐसी घिनौनी घटनाओं की पुनरावृति प्रदेशभर के बालिका गिरि एवं महिला संरक्षण गृह में रही होगी।

 आम आदमी पार्टी  बस्ती अपने तीन सूत्री ज्ञापन में राजपाल से यह मांग की है कि..
1- पूरे मामले की मामले की न्यायिक जांच हाई कोर्ट की निगरानी में गठित SIT के द्वारा की जाए।
2- इस घटना के दोषियों को कठोर दंड दिए जाएं ताकि ऐसी घिनौनी कृत्य की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
3- पीड़िताओ के बेहतर इलाज की व्यवस्था की जाए जिससे  उनके भविष्य को सुरक्षित एवं संरक्षित किया जा सके।
  आम आदमी पार्टी उपरोक्त बिंदुओं पर मानवीयता और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए पीड़ित बालिकाओं और महिलाओं की सुरक्षा स्वास्थ्य और बेहतर भविष्य के लिए प्रभारी आदेश दिए जाने की मांग करती है जिससे प्रदेश भर के बालिका गृह एवं महिला संरक्षण गृह की स्थिति में सुधार लाया जा सके।

 इस अवसर पर निम्न लोग उपस्थित रहे : शैलेंद्र गुप्ता, राहुल कुमार , बीरेन्द्र गुप्ता ,कंचन भारती ,डॉ. जहांगीर आलम ,उमेश, राजन चौधरी मो. शरीफ उर्फ सद्दाम, शहाबुद्दीन, राहुल चमार, कमरुल हसन ,आरिफ, इमरान, छोटू, उर्मिला देवी ,सुभावती ,माया देवी, शांति, रुखसाना सुमित्रा, विकास गुप्ता आदि लोग उपस्थित रहे।

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मंगलवार, 23 जून 2020

गोद लेने के बाद भी नही बदला गांवों का हाल,सीआरएम ने कहा कुछ भी आदर्श नही

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गांवों के विकास की योजना का कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ा है और न ही लक्षित उद्देश्य की प्राप्ति हुई है. ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के प्रदर्शन से संबंधित रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा गया है कि इस योजना की समीक्षा की जानी चाहिए. सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) की घोषणा मोदी ने 15 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री के तौर पर अपने पहले स्वतंत्रता दिवस संबोधन में की थी. इस योजना के तहत प्रत्येक सांसद को एक गांव को गोद लेकर इसे आदर्श ग्राम के तौर पर विकसित करना था. इस योजना की शुरुआत 11 अक्टूबर 2014 को हुई थी. सूत्रों के मुताबिक पांच चरण के बाद भी मंत्रियों समेत कई सांसदों ने अब तक गांवों को गोद नहीं लिया है.
केंद्र ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत आने वाली विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन और उनके प्रभाव के आकलन के लिये एक साझा समीक्षा आयोग (सीआरएम) का गठन किया था. अपनी रिपोर्ट में सीआरएम ने कहा कि एसएजीवाई के लिये कोई समर्पित कोष नहीं है. किसी और मद की रकम के जरिये इसके लिये कोष जुटाया जाता है। सीआरएम के मुताबिक उसके दलों ने राज्यों का दौरा किया और उन्हें योजना का कोई “महत्वपूर्ण प्रभाव” नजर नहीं आया. सीआरएम ने कहा कि इस योजना के तहत सांसदों द्वारा गोद लिये गए गांवों में भी, सांसदों ने अपनी क्षेत्र विकास निधि से इसके लिये पर्याप्त रकम आबंटित नहीं की. सीआरएम ने एक रिपोर्ट में कहा, “कुछ मामलों में जहां सांसद सक्रिय हैं, कुछ आधारभूत विकास हुआ है, लेकिन योजना का कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ा है.”

सीआरएम के मुताबिक, ऐसे में इन गांवों को आदर्श ग्राम नहीं कहा जा सकता और इस योजना की समीक्षा की जानी चाहिए. उसने कहा, “सीआरएम की राय है कि यह योजना अपने मौजूदा स्वरूप में इच्छित उद्देश्यों की पूर्ति नहीं करती. यह अनुशंसा की जाती है कि मंत्रालय इसका प्रभाव बढ़ाने के लिये योजना की समीक्षा कर सकता है.” सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी राजीव कूपर की अध्यक्षता में सीआरएम के 31 सदस्यीय दल ने नवंबर में आठ राज्यों के 21 जिलों के 120 गांवों का दौरा किया था. सीआरएम में शिक्षाविद् और शोध संगठनों के सदस्य भी शामिल हैं. आयोग ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत आने वाली सभी कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की और बेहतर क्रियान्वयन के लिये सुझाव दिये. 

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सोमवार, 22 जून 2020

यूपी के कानपुर के राजकीय बाल संरक्षण गृह में रहने वाली 7 लड़कियां मिली प्रेग्नेंट ,57 कोरोना पॉजिटिव

कानपुर में राजकीय बाल संरक्षण गृह में कई दर्जन बालिकाओं के साथ शारीरिक शोषण हुआ है ,7  बालिका प्रेग्नेंट मिली हैं वहीं 1 लड़की एचआईवी पॉजिटिव मिली है। बालिका गृह में 57 लड़कियां कोरोना पॉजिटिव हैं।
राजकीय बालिका गृह में दो 17 साल की बच्चियों के गर्भवती पाए महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर का कहना है कि इस पूरे मामले को सीएम ने संज्ञान में लिया है। सीएम ने कानपुर डीएम से बात की है।

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रविवार, 21 जून 2020

2020 का पहला सूर्यग्रहण ,11 साल बाद फिर देखने को मिलेगा ऐसा नजारा

21 जून यानी कि आज साल का पहला सूर्य ग्रहण है. यह ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर शुरू हो गया है और दोपहर को 3 बजकर 4 मिनट पर खत्म होगा. आपको बता दें कि आज का ग्रहण भारत के भी कई राज्यों में दिखाई देगा. हालांकि, कुछ हिस्सों में यह वलयाकार सूर्य ग्रहण की तरह नजर आएगा. वहीं बाकी के हिस्सों में इसे आंशिक सूर्य ग्रहण के तौर पर देखा जा सकेगा. 
बता दें, दोपहर को 12 बजकर 10 मिनट पर ग्रहण अपने अधिकत्म प्रभाव में था और ऐसे में रिंग ऑफ फायर  भी नजर आई. आज के सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 6 घंटे की है. हालांकि, दिल्ली में बदली छाए होने के कारण लोग ठीक तरह से सूर्य ग्रहण को नहीं देख पाएं.

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शनिवार, 20 जून 2020

बस्ती-भारतीय सैनिकों पर हमले के विरोध में चीनी राष्ट्रपति का पुतला फूंक कर किया गया विरोध प्रदर्शन

बस्ती- भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यसमिति सदस्य जितेंद्र यादव के नेतृत्व में  चीन के सैनिकों द्वारा की गई भारतीय सैनिकों पर हमले के विरोध में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला सल्टौवा ब्लॉक के कंथुई चौराहे पर फूंक कर विरोध जाहिर किया गया ।

 जिला कार्यसमिति के सदस्य जितेंद्र यादव ने देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह करते हुए कहा कि सरकार अपने सभी कार्यों के साथ- साथ सबसे पहले चीनी सरकार को सबक सिखाते हुए 20 जवानों के बदले चीन को ठोस जवाब दे जिसस देश के वीर सैनिकों को उचित सम्मान मिल सके।
इस मौके पर पुतला फूंकने में विजय यादव ,गुड विन चौधरी, चंदन पाण्डेय, धर्मेंद्र चौधरी, देवेंद्र मिश्रा, राम अवतार चौरसिया, अनिल चौरसिया , जितेंद्र यादव और लवकुश चौधरी भी उपस्थित रहे ।

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पीएम मोदी ने फिर बोला देश से झूठ ,आसानी से समझिए कैसे बढ़ा भारत-चीन सीमा विवाद ,गलवान में क्यों शहीद हुए जवान

विश्वपति वर्मा

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश से झूठ बोल गए लेकिन तानाशाही रवैया अपनाने वाले पीएम मोदी से कोई सवाल न पूछे यही तो वह चाहते हैं।

भारत चाइना के बीच लाइन ऑफ कंट्रोल पर जो झड़प हुई है उसमें मोदी सरकार बहुत कुछ छिपा रही है सच तो यह है कि चीनी सेना ने 23- 24 मई को ही लद्दाख के गलवान घाटी के दक्षिण पूर्व भारतीय सीमा में 3 किलोमीटर अंदर घुसकर कब्जा कर लिया था उसके बाद से यह स्थिति गंभीर होती गई।
भारतीय सेना चाहती थी कि चीनी सेना पीछे जाए लेकिन उसके बाद भी चाइना पैंगोंग झील की तरफ जून महीने के शुरुआती दिनों में निर्माण करते हुए भारतीय सीमा में आगे बढ़ रहा था।

एक और रिपोर्ट के अनुसार चीनी सेना 24 मई के बाद   और जून के पहले हप्ते के बीच भारतीय सीमा में 4 से साढ़े चार किलोमीटर अंदर तक घुस चुकी थी ।

इस बीच चल रहे दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के बीच बात चीत के दौरान 7 जून से 13/14 जून तक भारतीय सेना उसी साढ़े चार किलोमीटर सीमा से बाहर चीनी सेनाओं को खदेड़ना चाहती थी लेकिन 15 जून को चीनी सेनाओं ने भारतीय सेनाओं पर हमला बोल दिया जिसमे 20 सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी।इसके अलावा 56 जवान चीनी सेना के हमले में घायल भी हुए थे जिनका इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।

अब सवाल मोदी सरकार पर है कि वह मई के शुरुआती महीनों से क्या कर रही थी? भले ही समझौते के अनुसार पेट्रोलिंग करते हुए हथियार नही रखना है लेकिन क्या आत्मरक्षा के लिए सेनाओं के पास हथियार नही होने चाहिए थे? जब सरकार और गृहमंत्री को पता था कि सीमा पर तनाव है तो सेना को निहत्था क्यों भेजा गया? जब सरकार को यह पता था कि चीनी सेना भारतीय सीमा में घुस गई है तो वह समय रहते ठोस निर्णय लेने में असफल क्यों रही ऐसे ही बहुत सारे सवाल खड़े होते हैं सरकार के ऊपर।

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शुक्रवार, 19 जून 2020

पिछले 24 घंटे में सामने आए सबसे ज़्यादा 13,586 नए COVID-19 मरीज़, देश में अब तक 12,573 की मौत

देश में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. पिछले 24 घंटे में करीब 13,500 से ज्यादा नए मामले सामने आने के बाद देश में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 3.80 लाख के पार पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय  की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोनावायरस मरीज़ों की कुल संख्या 3,80,532 हो गई है और जबकि इस वायरस से अब तक 12,573 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 13,586 नए मामले सामने आए हैं और 336 लोगों की जान गई है.

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उत्तर प्रदेश में गांव के शौचालय से निकल कर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक जा रहा कमीशनखोरी का पैसा

विश्वपति वर्मा-

भ्रष्टाचार मुक्त करने के दावे करने वाली सरकार में ग्राम पंचायत से लेकर मुख्यमंत्री के कुर्सी तक भ्रष्टाचार की शाखाएं फैली हुई हैं, हर शाखा पर जिम्मेदार बैठा है जहां घूसखोरी ,कालाबाजारी और कमीशनखोरी के जरिये जनता का धन लूट कर अपनी तिजोरी भर रहा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ को शायद न पता हो लेकिन सचिवालय से लेकर गांव के शौचालय तक मे लूट चल रहा है कहीं नौकरी दिलवाने के नाम पर रिश्वत लिया जा रहा है तो कहीं ठेका-पट्टा के नाम पर कमीशनखोरी हो रहा है जैसे जैसे सीढ़ी से चढ़ते उतरते आप आगे बढ़ेंगे वैसे ही आपको भ्रष्टाचार की बड़ी जड़ें दिखाई पड़ेंगी।

निचली इकाई से शुरू कर लीजिये तो कोटेदार ,सिपाही ,सेक्रेटरी ,मुंसी ,बाबू आदि का शोषण हो रहा है आरोप है कि इनके ऊपर के अधिकारी अपने कर्मचारियों से पैसा चाहते हैं पैसा न देने पर कोटे की दुकान का निलंबन ,पुलिस पर विभागीय कार्यवाई, सेक्रेटरी पर जांच और अन्य पर भी गाज गिरने लगता है।

और एक सीढ़ी चढ़ जाइये थानेदारी से लेकर तहसील और ब्लॉक की प्रमुख कुर्सियां भी बेदाग नही हैं यहां तो 5 लाख से लेकर 20 लाख रुपये में थाना बिकता है अब कौन इंस्पेक्टर होगा जो इतना पैसा इन्वेस्टमेंट करेगा .फिलहाल इसमे कोई शक नहीं है लोग निवेश कर रहे हैं और थाना ले रहे हैं।

तहसील पर चले जाइये राजस्व और चकबंदी के अधिकरी एक-एक गांव से करोड़ो रूपये जमीन जायदाद और संपत्ति को दाएं-बाएं करने के लिए उठा चुके हैं .रुपया भी चवन्नी-अठन्नी में नही गया है मोटी मोटी गड्डियां काश्तकारों से ली गई है उसके बाद भी जनता की समस्या की फाइल अभी दफ्तर के कोने में पड़ी मिल जाएगी यानी कि साफ है कि सेवा शुल्क देने के बाद भी लोगों को मुख्यालय का चक्कर लगाना है.

विकास की सबसे बड़ी बड़ी घोषणाएं पंचायती राज और ग्राम विकास से होती हैं लेकिन भ्रष्टाचार की जड़ें और शाखायें भी यहाँ खूब फैली हुई है सेक्रेटरी, जेई ,बीडीओ से लेकर और ऊपर के अधिकारी को कमीशन चाहिए पैसा कहाँ से आएगा यह सब जानते हैं लेकिन बोलता कोई नही है. आवास ,शौचालय ,पेंशन ,मनरेगा इत्यादि में कमीशनखोरी होता है विकास की परिभाषा बताने वाले प्रधान इसमे निचली इकाई से पैसा उठाने का काम करते हैं और अपने ही जनता के धन को ब्लॉक से लेकर विकास भवन के दफ्तरों तक कमीशन में बांट देते हैं।

जिला पंचायत, आरटीओ ,पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, जल निगम ,बिजली विभाग में बहुत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है यहां भी घूसखोरी और कमीशनखोरी का बहुत बड़ा नेटवर्क है .यहां का पैसा भी कमजोर नही है  अधिकारी और नेताओं से लेकर बड़े बड़े रसूखदार लोगों का यहां सिक्का चलता है उसके बाद टेंडर की हेराफेरी और काम के बदले दाम देने की परंपरा ने यहां व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार फैलाया है . यहां भी पैसा पहले ऊपर से नीचे आता है उसके बाद बंदरबांट का मैप तैयार होने के बाद कमीशनखोरी का पैसा मुख्यमंत्री के ऑफिस तक जाता है .

इतना सब कुछ होने के बाद भी भ्रष्टाचार मुक्त सरकार है ,सबका साथ सबका विकास है और अच्छे दिनों के नारे गढ़े जा रहे हैं।

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झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर रही गोदी मीडिया ,लद्दाख में चीनी सैनिकों से हुई झड़प में 76 जवान हुए थे हमले के शिकार

लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना का कोई भी जवान अब गंभीर रूप से घायल नहीं है और सबकी हालत स्थिर है. सेना के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया, 'हमारे सभी जवानों की हालत ठीक है और कोई भी सैनिक गंभीर नहीं है. लेह के अस्पताल में हमारे 18 जवान हैं और वह 15 दिन के भीतर ही ड्यूटी ज्वाइन कर लेंगे. इसके अलावा 56 जवान दूसरे अस्पतालों में हैं, जो मामूली तौर पर घायल हैं और वह एक हफ्ते भर के भीतर ही ड्यूटी पर लौट आएंगे.


इसके साथ-साथ सेना ने यह भी बताया कि कोई भी जवान चीन के कब्जे में नहीं है. बता दें कि सोमवार रात गलवान घाटी में चीन की सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में एक कर्नल समेत 20 सैनिकों की जान चली गई थी. इससे पहले सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि कोई भी भारतीय सैनिक चीनी सेना की हिरासत में नहीं है. सेना सूत्रों ने यह भी बताया कि सैकड़ों सैनिकों के बीच कई घंटे तक चले संघर्ष में चीन के 45 सैनिक या तो मारे गए या गंभीर रूप से घायल हुए हैं. 

सेना के अधिकारियों से मिली जानकारी के बाद भारतीय मीडिया के ऊपर भी सवाल पैदा होता है कि आखिर सच को वह क्यों नही बताता है,  क्या मीडिया के दलाल पत्रकार केवल पाकिस्तान में 300 आतंकियों के मारे जाने की स्टिंग ऑपरेशन कर पाते हैं या कभी सच दिखाने की हिम्मत भी कर पाएंगे।

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गुरुवार, 18 जून 2020

चीन को सबक सिखाने के लिए प्रधानमंत्री को प्रभावी कदम उठाना चाहिये- ऐश्वर्य राज सिंह

बस्तीः राष्ट्रीय लोकदल के आईटी सेल के प्रदेश संयोजक ऐश्वर्य राज सिंह ने भारत चाइना बार्डर पर शहीद हुए 20 सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित किया . ऐश्वर्य राज सिंह ने कहा चीन की कायराना हरकत ने हमारे 20 सैनिकों की जान ले ली वहीं अब नेपाल भी सिर उठाने लगा है उन्होंने कहा कि राष्ट्र से जुड़े मुद्दे पर राष्ट्रीय लोकदल भारतीय सेना के साथ है और चीन के हरकत की निन्दा करता है। 
राजभवन में सैनिकों की शहादत पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित कर रहे ऐश्वर्यराज सिंह ने कहा कि चीन को सबक सिखाने के लिए प्रधानमंत्री को प्रभावी कदम उठाना चाहिये। 

इस मौके पर जिलाध्यक्ष राधेश्याम चौधरी ने कहा देश की बागडोर 56 इंच चौड़ी छाती वाले प्रधानमंत्री के हाथ में है, ऐसे में पूरा देश चीन के ईट का जवाब पत्थर से देने के लिये प्रधानमंत्री द्वारा लिये जाने वाले फैसलें की प्रतीक्षा कर रहा है। इस वक्त जवाबी कार्यवाही से भारतीय सैनिकों का मनोबल और सवा सौ करोड़ देशवासियों के सम्मान के लिये ठोस कदम उठाया जाना जरूरी है। 

इससे पहले पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने दो मिनट का मौन रखकर गलवान घाटी में शहीद सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि दिया। श्रद्धांजलि देने वालों में ओमप्रकाश चौधरी, वकास अहमद, राय अंकुरम श्रीवास्तव, सामइन फारूकी, सुजीत कुमार शुक्ल, अशोक श्रीवास्तव, अशफाक खान, शिवकुमार गौतम, बब्बू चौधरी, शेर सिंह, फजलुर्रहमान, उदयभान यादव, सरोज कुमार, राजकुमार सोनकर, अनुपम कुमार, चुन्नू राय, रवि तिवारी, अमित सिंह, प्रतीक सिंह तथा केशरी प्रसाद जायसवाल उपस्थित रहे।

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देश में 24 घंटे में COVID-19 के सबसे ज़्यादा 12,881 नए मामले, 334 की मौत

देश में कोरोनावायरस का प्रकोप किसी भी तरह से थमता नहीं दिख रहा. रोज सामने आने वाले संक्रमण के मामलों की संख्या पिछले दिन से ज्यादा ही हो रही है. 18 जून यानी गुरुवार को देश में पिछले 24 घंटे में COVID-19 के सबसे ज़्यादा 12,881 नए मामले सामने आए हैं वहीं, 334 लोगों की मौत हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय मुताबिक, इतने केस सामने आने के बाद देश में अब तक के कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 3,66,946 हो चुकी है. देश में अब तक कोरोनावायरस से जान गंवाने वालों की संख्या 12,237 हो गई है.

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बुधवार, 17 जून 2020

बस्ती-दो दिन पूर्व बनाई गई नाली पहली बारिश में देखते ही देखते हो गई ध्वस्त

जनपद के अंदर भ्रष्टाचार किस तरह से व्याप्त है इसे देखना हो तो बस्ती जिले के सल्टौआ ब्लॉक के ग्राम पंचायत अजगैवा जंगल के टोला बोधपुर में आइये एक तरफ नाली का निर्माण हो रहा है और दूसरी तरफ नाली ध्वस्त हो रहा है।

ग्राम पंचायत के बोधपुर निवासी गिरजेश कुमार मौर्य ने तहकीकात समाचार को बताया कि ग्राम पंचायत में आरसीसी सड़क का निर्माण हो रहा है और उसके बगल नाली का निर्माण भी हो रहा है उन्होंने बताया कि जिस नाली का निर्माण दो -तीन दिन पहले हुई थी वह आज रात  हल्की बारिश होने से ध्वस्त हो गई ।
तस्वीर देखने के बाद सवाल पैदा होता है कि आखिर नाली निर्माण कितना घटिया किया गया जो 24 घंटे बाद ही ध्वस्त हो गया ?क्या कार्यदायी संस्था और निर्माणाधीन विभाग ने जरूरत से ज्यादा अपनी हिस्सेदारी तय कर लिया जिसकी वजह से निर्माण के 2 दिन बाद नाली का भविष्य खत्म हो गया।

राजेन्द्र प्रसाद ,अजय चौधरी ,शिव प्रसाद ,राजेश कुमार सहित गांव के दर्जनों लोगों ने कहा कि नाली निर्माण का कार्य घटिया किस्म का हो रहा था जिसकी वजह से ही हल्की बारिश में दीवाल गिर गई।

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भारत मे कहर ढा रहा कोरोना वायरस 24 घंटे में 11 हजार नए मामले ,2000 लोगों की मौत

देश में कोरोनावायरस का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है. एक दिन में करीब 11 हजार नए मामले सामने आने के बाद देश में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 3.54 लाख के पार पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोनावायरस मरीज़ों की कुल संख्या 3,54,065 हो गई है और जबकि इस वायरस से अब तक 11,903 लोगों की मौत हो चुकी है.वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 10,974 नए मामले सामने आए हैं. 
राज्यों द्वारा COVID-19 से हुई मौतों के आंकड़े अपडेट कर दिए जाने की वजह से पिछले 24 घंटे में कोरोनावायरस की वजह से मरने वालों की तादाद पहली बार 2,000 पार कर गई. मौत का आंकड़ा 2003 हो गया है. हालांकि, राहत की बात यह है कि 1,86, 935 मरीज़ कोरोना को मात देने में कामयाब हुए हैं.

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मंगलवार, 16 जून 2020

प्रशासन की बेशर्मी-बेरोजगारी और भूख के नाते हुई मौत के बदले मृतक परिवार को 25 किलो राशन

देश में जारी कोरोना संकट के कारण कई लोगों का रोजगार छिन गया है. हजारों की कमाई करने वाले आज भूखे मरने को मजबूर हैं. इसी कड़ी में आर्थिक तंगी के शिकार एक ऑटो ड्राइवर ने बिहार की राजधानी पटना में खुदकुशी कर ली. 

शहर के बाहरी इलाके शाहपुर में रहने वाले ऑटो ड्राइवर के परिवार वालों ने बताया कि, 'उसने अपने ऑटो को चलाकर पैसे जुटाने के लिए संघर्ष किया, लेकिन वह विफल रहा. इसके अलावा वह दिहाड़ी का काम ढूंढने में भी असमर्थ रहा. उन्होंने बताया कि उसने लोन लेकर ऑटो खरीदा था और लॉकडाउन के कारण बीते तीन महीनों से उसकी किस्त चुकाना भी मुश्किल हो गया था. 

जब मीडिया ने उनके पिता से मुलाकात की और उनसे उन कठिनाइयों के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि लाख कोशिशों के बावजूद आज तक हम लोगों का राशन कार्ड भी नहीं बना. 

हालांकि ऑटो ड्राइवर की खुदकुशी की खबर अधिकारियों तक पहुंचने के बाद पटना जिला मजिस्ट्रेट कुमार रवि 25 किलो चावल और गेहूं के साथ आज पीड़ित परिवार के घर पहुंचे. मृतक ने अपने पीछे तीन बच्चों को छोड़ा है.

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सोमवार, 15 जून 2020

स्वान की सर्वे रिपोर्ट में मोदी सरकार की नाकामियों की खुलती पोल -पढ़ें पूरी रिपोर्ट

कोरोना के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान 85 फीसदी से अधिक प्रवासी मजदूरों ने घर लौटने के लिए खुद अपनी यात्रा टिकट का भुगतान किया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एक स्वयंसेवी संगठन स्ट्रैंडेड वर्कर्स एक्शन नेटवर्क (स्वान) का कहना है कि 85 फीसदी से अधिक मजदूरों को घर लौटने के लिए अपनी यात्रा के खर्च का खुद भुगतान करना पड़ा है.
इस सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि 28 मई को सुप्रीम कोर्ट का प्रवासी मजदूरों की घर वापसी की यात्रा के खर्चे को लेकर दिया गया निर्देश बहुत देर में दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने 28 मई को कहा था कि राज्य सरकारें मजदूरों की घर वापसी की यात्रा का खर्च उठाएंगी.

‘टू लीव और नॉट टू लीवः लॉकडाउन, माइग्रेंट वर्कर्स एंड देयर जर्नीज होम’ नाम की रिपोर्ट शुक्रवार को जारी हुई थी. यह सर्वेक्षण मई के आखिरी सप्ताह और जून के पहले सप्ताह में किया गया था.

स्वान के इस फोन सर्वेक्षण में 1,963 प्रवासी मजदूर शामिल थे. सर्वेक्षण के जरिए पता चला कि 33 फीसदी मजदूर अपने गृह राज्य जाने में सफल हुए जबकि 67 फीसदी प्रवासी मजदूर घर के लिए रवाना नहीं हुए.लॉकडाउन के दौरान घर के लिए रवाना हुए मजदूरों में से 85 फीसदी ने घर पहुंचने के लिए खुद अपने किराये का भुगतान किया है.  रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान घर पहुंचे मजदूरों में से 62 फीसदी ने यात्रा के लिए 1,500 रुपये से अधिक खर्च किए थे.रिपोर्ट में कहा गया कि प्रवासी मजदूरों के जाने के प्रमुख कारणों में से एक बेरोजगारी है. घर जाने का फैसला सिर्फ भावनात्मक नहीं था. अभी भी शहरों में फंसे 75 फीसदी मजदूर बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं.

स्वान की शोधकर्ता अनिंदिता अधिकारी का कहना है, ‘हमें पता चला कि सिर्फ महामारी का डर और परिवार के साथ रहने की इच्छा ने ही उन्हें घर लौटने को मजबूर नहीं किया बल्कि जिन शहरों में वे काम कर रहे थे, वहां रोजगार, आय और खाने की कमी ने उन्हें घर लौटने को मजबूर किया.’सर्वे रिपोर्ट में कहा गया कि 44 फीसदी मजदूर जो घर जाने के लिए निकले थे, उनमें से 39 फीसदी लोगों को श्रमिक ट्रेनें मिली थीं. 11 फीसदी ट्रक, लॉरी और अन्य माध्यमों से घर पहुंचे जबकि छह फीसदी मजदूर पैदल ही घर लौटे.वहीं, शहरों में फंसे 55 फीसदी मजदूर तुरंत अपने घर जाना चाहते हैं.

 स्वान की रिपोर्ट में घर पहुंचे 5,911 मजदूरों पर एक और सर्वे किया गया है, जिससे पता चला है कि इनमें से 821 मजदूरों ने 15 मई से एक जून तक डिस्ट्रेस कॉल की थी.यह भी पता चला है कि जिन लोगों पर सर्वे किया गया, उनमें से 80 फीसदी लोगों को सरकार द्वारा मुहैया कराय गया राशन नहीं मिला. लगभग 63 फीसदी मजदूरों के पास 100 रुपये से भी कम पैसे थे जबकि लगभग 57 फीसदी मजदूरों ने एसओएस कॉल कर कहा कि उनके पास पैसे, राशन कुछ नहीं है और उन्होंने कई दिनों से खाना नहीं खाया है.

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रविवार, 14 जून 2020

भारत में तेजी से फैल रहा कोरोना वायरस,24 घंटों में कोविड-19 के 11, 929 नए मामले

दुनियाभर के तमाम देशों के साथ-साथ भारत में भी कोरोनावायरस (COVID-19) का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रविवार को जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में इस वायरस से संक्रमितों की संख्या 320,922 हो गई है. रविवार की सुबह समाप्त हुए 24 घंटों में कोरोना के 11, 929 नए मामले सामने आए और 311 लोगों की मौत हुई. देश में अब तक 9195 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि 162379 मरीज इस बीमारी को मात देने में सफल हुए हैं. रिकवरी रेट में मामूली बढ़ोतरी के साथ यह दर 50.59 % प्रतिशत पर पहुंच गई है. यह पहली बार है जब रिकवरी रेट 50 फीसदी से ऊपर पहुंचा है. ICMR के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में अब तक 56,58,614 लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है, पिछले 24 घंटों में 1,51,432 लोगों का कोविड-19 टेस्ट हुआ है, जिनमें से 11929 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है. इस तरह पॉजिटिव केसों की दर 7.87% पर पहुंच गई है. 


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फोन पर बात करने के कारण सगे भाई ने किया था प्रमिला की हत्या ,पुलिस ने किया खुलासा

विश्वपति वर्मा-

लॉक डाउन की वजह से काफी दिनों बाद पहली बार तीनों भाई अपने घर पर एकत्रित हुए थे घर में सब कुछ सामान्य चल रहा था मां लाली देवी का पैर फैक्चर होने की वजह से सब उनकी सेवा में लगे हुए थे. रात्रि 9 बजे सब खाना खाने के बाद अपने अपने कमरे में सोने के लिए चले गए .उसी रात करीब 11 बज रहा था इसी बीच भाई श्रीनिवास ने अपनी बहन को किसी से फोन पर बात करते हुए देख लिया जिससे उसका पारा चढ़ गया और वह आवेश में आ कर अपनी छोटी बहन की गला दबाकर उसे मौत की नींद सुला दिया .यह कहानी है वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के चौरा गांव की प्रमिला हत्याकांड का।

 प्रमिला 35 की शादी भी 2 बार हुई थी लेकिन एक-एक करके दोनों जगहों से उसका रिश्ता खराब हो गया ,दूसरी बार शादी होने पर उसने एक लड़के को जन्म दिया जो इस वक्त 5 वर्ष का है .वह अपने बच्चे को लेकर अपने मायके में मां के पास ही रहने लगी थी।

         प्रमिला की माँ और उसका भाई चारपाई पर

3 जून 2020 की सुबह 5 बजे थे इसी बीच गांव के लोगों ने गांव से बाहर खेत मे 1 लड़की का शव देखा यह बात आग की तरह चारो ओर फैल गई कि गांव के बाहर एक लड़की का शव पड़ा है यह जानकारी पाते ही गांव के शिवशरण मौके पर पहुंचे और उन्होंने अपनी बेटी प्रमिला के रूप में उसकी पहचान किया .इसी बीच किसी ने फोन पर पुलिस को घटना की सूचना दिया मौके पर पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ,क्षेत्राधिकारी गिरीश कुमार सिंह और थाना अध्यक्ष डीoकेo सरोज फोरेंसिक टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंचे.
       घटना स्थल पर पुुुलिस और प्रमिला के पिता

फोरेंसिक टीम ने लाश को अपने कब्जे में लेकर उसकी जांच पड़ताल किया उसके बाद पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया पीएम रिपोर्ट आने के बाद इस बात की पुष्टि हो गया कि प्रमिला की मौत दम घुटने से हुई है यानी कि गला दबाकर उसकी हत्या की गई है.

जिस अवस्था में लाश मिला था उसे देखकर तत्काल किसी को दोषी बताना संभव नही था क्योंकि प्रमिला का चाल चलन रंगीन मिजाज का था इसलिए शक इस बात पर भी था कि कहीं उसकी हत्या उसके चाहने वाले लोगों द्वारा न की गई हो इसलिए पुलिस बारीकी से मामले का तहकीकात कर रही थी ताकि असली कातिल को पकड़ा जा सके.

घटना के 10 दिन बाद 13 तारीख को पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि प्रमिला की हत्या उसके भाई श्रीनिवास ने किया था उसके बाद लाश को ठिकाने लगाने में उसके एक और भाई कनिकराम और दो पड़ोसी पृथ्वीराज और रोहित ने मदद किया था। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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शनिवार, 13 जून 2020

अनुप्रिया पटेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं से जिले की गतिविधियों के बारे में जाना हाल

अपना दल (एस) हर उस कमजोर व्यक्ति के साथ खड़ा है जिनके साथ कहीं भी किसी भी प्रकार का अन्याय अत्याचार होता है यह बात अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कही.
श्रीमती पटेल ने आगे कहा कि बीते दिनों में करोना की  वजह से पार्टी की बैठक नहीं हो पा रही है, ऐसे में पार्टी के एजेंडे पर चर्चा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का माध्यम अपनाना पड़ा, श्रीमती पटेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जरिए कार्यकर्ताओं से जिले में हो रही छोटी बड़ी घटनाओं की जानकारी लिया एवं कोरोना वायरस से बचने के लिए सावधानी बरतनें का निर्देश दिया।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रदेश अध्यक्ष डॉ जमुना प्रसाद सरोज ने पार्टी की गतिविधियों पर कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा करते हुए कहा कि पार्टी ने केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए आगामी 26 जून को आरक्षण के जनक छत्रपति शाहूजी जी महाराज तथा 2 जुलाई को अपना दल के संस्थापक डॉ सोने लाल पटेल की जयंती मनाने का निर्णय लिया है, प्रदेश अध्यक्ष डॉ सरोज इस संबंध में कार्यकर्ताओं को 26 जून को छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती जोन स्तर पर मनाने का निर्देश दिया, तथा 2 जुलाई को पार्टी के संस्थापक डॉ सोने लाल पटेल की जयंती पर जरुरतमंद लोगों को राहत सामग्री देने का आह्वान किया। 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बस्ती जिले से बौद्ध अरविन्द सिंह पटेल, राम धीरज पटेल, राम नयन पटेल, झिनकान चौधरी, जिलाध्यक्ष विवेक कुमार चौधरी, इन्द्रजीत प्रजापति, महिपाल पटेल, प्रमोद पाल, अरविन्द सोनकर, सुखराम पटेल आदि लोगों ने प्रतिभाग किया। यह जानकारी अपना दल एस के प्रदेश कोषाध्यक्ष रामसिंह पटेल ने दिया।

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श्रम मंत्रालय के 24 अधिकारी- कर्मचारी निकले कोविड-19 संक्रमित ,दफ्तर को किया गया बंद

कोविड-19 का प्रसार पूरे भारत में तेजी से हो रहा है, अब इसकी चपेट में मंत्रालय और सरकारी विभाग भी आ रहे हैं. जानकारी मिली है कि श्रम मंत्रालय के 24 अधिकारी और कर्मचारी कोरोना पॉज़ीटिव पाए गए हैं इसके अलावा  जल संसाधन मंत्रालय में एक और ऊर्जा मंत्रालय में भी एक कोरोना पॉज़िटिव मिला है. इन मामलों के मिलने के बाद श्रम शक्ति भवन को दो दिनों के लिए बंद किया गया है. पूरी बिल्डिंग का सैनिाइजेशन किया जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार इन पॉजिटिव के संपर्क में आए सभी कर्मचारियों पर कोविड-19 का हाई रिस्क माना जा रहा है, ऐसे में इन सभी को अगले सात दिनों के लिए होम क्वारनटाइन के निर्देश दिए गए हैं. 


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पूर्व आईएएस अधिकारी ने वर्तमान नौकरशाह से पूछा सवाल ,तो योगी सरकार ने दर्ज करा दिया मुकदमा

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने ट्वीट करके चीफ सेकेट्री से पूछा था- "सीएम योगी की टीम-11 की मीटिंग के बाद क्या मुख्य सचिव ने ज्यादा कोरोना टेस्ट कराने वाले डीएम को हड़काया कि क्यों इतनी तेजी पकड़े हो, क्या ईनाम पाना है।" इस पोस्ट के बाद उनके खिलाफ सचिवालय चौकी प्रभारी की तहरीर पर महामारी एक्ट 188, 505 के तहत की गई है।
सत्य पक्ष सत्ता पर पड़ेगा भारी

सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि, मैं सीएम योगी और यूपी पुलिस से कहना चाहता हूँ कि मुझ पर किए गए मुकदमे की कॉपी मुझ तक पहुंचाने का कष्ट करें। मैं इस पूरे प्रकरण पर प्रेस कांफ्रेंस कर सभी मुद्दों पर जवाब दूंगा और सरकार से मेरे कुछ सवाल हैं उन्हें जनता के समक्ष रखूंगा। सत्य पक्ष सत्ता पक्ष पर भारी पड़ेगा।

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शुक्रवार, 12 जून 2020

24 घंटे में सबसे ज़्यादा 10,956 नए COVID-19 मरीज़, एक दिन में सबसे ज़्यादा 396 मौत

भारत में कोरोनावायरस का संक्रमण काफी तेजी से फैलना शुरू गया है. देश में बीते 24 घंटों के भीतर COVID-19 के सर्वाधिक 10,956 मामले सामने आए हैं, जबकि 396 मौतें हुई हैं. इनकी जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दी. देश में अब कोरोना के मामलों की कुल संख्या 2,97,535 है, जिनमें 1,41,842 सक्रिय मामले है. फिलहाल कोरोना के 1,47,195 मरीज ठीक/डिस्चार्ज/विस्थापित मामले हैं, जबकि मौतों की संख्या 8,498 पहुंच गई.

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कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में चौथे स्थान पर पहुंचा भारत, ब्रिटेन को पीछे छोड़ा

देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के 2 लाख 93 हजार से ज्यादा मामले हैं वहीं, अब तक 7400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. इस बीच भारत कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देशों की सूची में ब्रिटेन को पछाड़कर चौथे स्थान पर पहुंच गया है. भारत में अभी कोरोना के 2 लाख 93 हजार 754 मामले हैं, वहीं इससे पहले चौथे स्थान पर काबिज ब्रिटेन में संक्रमितों का आंकड़ा 2 लाख 91 हजार 558 है. भारत अब रूस, ब्राजील और अमेरिका से ही पीछे रह गया है. अमेरिका में सबसे ज्यादा 20 लाख मामले हैं. वहीं, उसके बाद ब्राजील का नंबर आता है जहां संक्रमितों की संख्या साढ़े 7 लाख है. तीसरे स्थान पर रूस है, जहां 4 लाख 93 हजार से ज्यादा केस हैं. 


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गुरुवार, 11 जून 2020

राष्ट्रीय महान कलाकार अवॉर्ड 2020 से सम्मानित हुए बस्ती के चित्रकार चन्द्र प्रकाश

 देश के बहुमुखी प्रतिभा वाले कलाकारो के लिए पांच विविध विधा की कलाओं की महा प्रतियोगिता का आयोजन स्वदेश संस्थान एवं भारत व सागर कला भवन अयोध्या के द्वारा किया गया, 5 जून से 9 जून तक चलने वाले इस कार्यक्रम में एक बार फिर बस्ती के युवा कलाकार चन्द्र प्रकाश चौधरी ने नेशनल ग्रेट आर्टिस्ट अवार्ड 2020 को हासिल कर जिले के नाम को रोशन किया है।
कार्यक्रम में कलाकारो को प्रथम दिन 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण विषय पर पेंटिंग, द्वितीय दिन 6 जून को लोक कला विषय पर पेंटिंग या रंगोली, तृतीय दिन 7 जून को मूर्तिकला या क्राफ्ट या वास्तुकला मॉडल, चतुर्थ दिन 8 जून को सांस्कृतिक नृत्य या संगीत या काव्य की प्रस्तुति ,पांचवें दिन 9 जून को स्वदेश संस्थान के विषय पर काव्य या गीत लेखन पर कार्य करना था, स्वदेश संस्थान द्वारा आयोजित इस महा प्रतियोगिता में देश के सैकड़ों कलाकारों ने प्रतिभाग करते हुए ऑनलाइन लाइव अपनी कला और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जिसमें उत्तर प्रदेश के बस्ती के चित्रकार चन्द्र प्रकाश चौधरी महाप्रतियोगिता मे अपनी प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन किया जिसमे उन्हें राष्ट्रीय महान कलाकार अवॉर्ड 2020 से सम्मानित किया गया।

स्वदेश संस्थान भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक एस०बी० सागर प्रजापति ने बताया कि पूरे भारत देश से कलाकारो ने इस महाप्रतियोगिता में प्रतिभाग किया और स्वदेश संस्थान, भारत से जुड़़ कर अपनी कलाओ का प्रदर्शन किया, जो बहुत ही सराहनीय रही है उन्होंने कहा कि हम कला व कलाकारों के उत्थान व विकास के लिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन नियमित करते रहेंगे.

आयोजक मण्डल व चयन समिति द्वारा कलाकारों के द्वारा किए गए प्रत्येक दिन के कार्यों को देखने के बाद, कार्यक्रम संयोजक एस०बी० सागर ने चित्रकार चन्द्र प्रकाश चौधरी को ऑनलाइन ई सर्टिफिकेट देकर "नेशनल ग्रेट आर्टिस्ट अवार्ड" से सम्मानित किया । चन्द्र प्रकाश चौधरी  को प्राप्त राष्ट्रीय पुरस्कार से प्रदेश के नवकलाकारो मे काफी हर्ष व्याप्त है  लोग सैकड़ो बधाई संदेश भेज रहे है। 
इससे पहले भी कई बार चन्द्र प्रकाश राष्ट्रीय स्तर पर सम्मनित होकर जनपद व प्रदेश का नाम रोशन कर चुके है ।

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INDIA-कोविड-19 के एक दिन में सर्वाधिक 9,996 नए मामले, 357 लोगों की मौत

भारत में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 2,86,579 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 9,996 नए मामले सामने आए हैं और 357 लोगों की मौत हुई है.

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अमित शाह के वर्चुअल रैली पर सोशल मीडिया पर फूटा यूजर्स का गुस्सा ,बोले इसी लिए बनाया गया पीएम केयर्स फंड

गृहमंत्री अमित शाह ने बीते दिनों पश्चिम बंगाल में जनसंवाद नाम से एक वर्चुअल रैली की थी. उनके इस भाषण को प्रसारित करने के लिए प्रदेश भर में हजारों LED स्क्रीन लगाई गई थीं. अब उनकी एक तस्वीर सामने आई है, जिसको लेकर ट्विटर पर चर्चा हो रही है. बंगाल के किसी सुदूर इलाके की इस फोटो में एक LED टीवी बांस के पेड़ों में लटकाई गई दिख रही है, जिसके सामने कुछ बच्चों सहित कुछ लोग भाषण सुनते हुए दिखाई दे रहे हैं. जब पश्चिम बंगाल चक्रवात अम्फन से अभी उबरा भी नहीं है और पूरा देश कोरोनावायरस की जबरदस्त गिरफ्त में है, तब इस फोटो को ट्विटर पर तीखी प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं.
पार्टी सूत्रों से पता चला कि भारतीय जनता पार्टी ने अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देदनजर मंगलवार को हुई शाह की इस वर्चुअल रैली के लिए प्रदेश भर में लगभग 70,000 फ्लैट-स्क्रीन टीवी और 15,000 बड़ी LED स्क्रीन्स लगवाई थीं. 

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बुधवार, 10 जून 2020

अपडेट-देश में प्रतिदिन बढ़ रहा है कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या ,आज 10 हजार के करीब नए मामले

देश में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोनावायरस मरीज़ों की कुल संख्या 2,76,583 हो गई है और इस वायरस से अब तक 7745 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 9985 नए मामले सामने आए हैं और 279 लोगों की जान गई है. 
हालांकि, राहत की बात यह है कि 135206 मरीज़ कोरोना को मात देने में कामयाब हुए हैं. रिकवरी रेट 48.88 प्रतिशत पर पहुंच गया है. पिछले कई दिनों से रोजाना कोरोनावायरस संक्रमण के 9000 से ज्यादा नए मामले आ रहे हैं. 

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सोनहा/बस्ती- 27 पैकेट नकली तंबाकू के साथ 1 गिरफ्तार

केoसीo श्रीवास्तव-

बस्ती- सोनहा पुलिस ने नकली तंबाकू उत्पादों को बेचने वाले एक व्यक्ति को 27 बोरी तंबाकू के साथ गिरफ्तार किया है।

डुमरियागंज निवासी गुलाम हसनैन ने पुलिस को सूचना देते हुए बताया कि वह बंडलपूरी मार्क के तंबाकू के निर्माता हैं लेकिन उनके मार्क का नकली तंबाकू बिकने के लिए बाजार में जा रहा है।हसनैन की सूचना पर सोनहा पुलिस ने असनहरा पुलिस चौकी पर एक पिकअप को रोककर उसको चेक किया तो बंडलपूरी मार्का का तंबाकू उसमें पाया गया जो असली मार्का का कॉपीराइट था।
 पुलिस ने इस मामले में वेवा निवासी खजांची प्रसाद के खिलाफ 98/2020 धारा 420,486,487 IPC व 103,104 ट्रेड मार्क अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है ।

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बेशर्म सरकार की उदासीनता के चलते हाशिए पर पहुंचा छोटे-मझले किसानों का भविष्य

विश्वपति वर्मा-

फेलियर सरकार की निरंकुशता का नतीजा है कि देश के किसान वर्ग की वर्तमान स्थिति हाशिये पर पहुंच चुकी है .देश भर में सबसे ज्यादा खराब स्थिति का सामना कोई कर रहा है तो किसान और उसके बच्चे हैं क्योंकि न तो  किसानों को अपनी फसलों का वाजिब मूल्य मिल पा रहा है और न ही उनके श्रम का कीमत ।

20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज जारी करने वाली केंद्र सरकार को निचली इकाई में जीवन यापन करने वाले लोगों का कोई फिक्र नहीं है वह तो केवल पूंजीपतियों के परंपरागत व्यवसाय को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है .खेती किसानी के बदौलत बहुत बड़ी आबादी को नाना प्रकार की व्यंजन बनाने के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराने वाले किसान वर्ग के लिए सरकार की तरफ से अभी तक कोई राहत पैकेज नही दिया गया जो पहले से दिया भी गया है वह अपर्याप्त है।

कई दशकों से किसानों के साथ हो रहे अन्याय और धोखा के बाद अब किसानों को सरकार से कोई न्याय मिलेगा यह उम्मीद छोटे -मझले तबके के किसानों ने छोड़ दिया है .सरकार में जरा सा भी शर्म बचा हो तो इस बात को गंभीरता से लेते हुए योजना बनाने की जरूरत है कि किसानों द्वारा पैदा किये गए फसलों और सब्जियों का उचित मूल्य उन्हें मिले .
इसके लिए सरकार को प्रत्येक न्याय पंचायत में सहकारी समितियों को पुनः स्थापित कर उसे आर्थिक रूप से मजबूत और हाईटेक बनाने पर जोर देना चाहिए . जहां पर छोटे मझले किसान अपने आलू, प्याज ,मूली ,टमाटर ,करेला ,बैगन ,मिर्चा ,खीरा ,परवल इत्यादि को लेकर जाएं और समिति पर एक निर्धारित दाम पर सब्जियों को बेंच कर चले आएं. यहां पर जो दाम किसानों को दिया जाए उसे जिला मुख्यालय से नियंत्रित किया जाए ताकि पूरे जिले में क्रय-विक्रय का अलग अलग मूल्य न हो पाए. उसके बाद समिति को विपणन केंद्र बनाया जाए जहां से बाजारों में सब्जी बेंचने वाले व्यापारी  सब्जियों को एक निर्धारित दाम पर खरीद कर ले जाएं .मंडी और समिति दोनों में समन्वय स्थापित किया जाए ताकि समिति की सब्जियां नुकसान न हो पाए और वह प्रतिदिन बिकने के लिए व्यापारी और मंडी के माध्यम से बाजार में पहुंच जाए.

यह सब करने में कोई मुश्किल नही है बस सरकार को एक ठोस कदम उठाने की जरूरत है .ऐसा करने से किसानों के चेहरे पर मुस्कान आएगा क्योंकि उसे अपने सब्जियों को लेकर सड़क सड़क नही घूमना होगा और उसे निर्धारित वाजिब मूल्य भी मिल जाएगा।

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मंगलवार, 9 जून 2020

कोरोना वायरस के कारण भारत में 20 करोड़ लोग हो सकते हैं अति गरीब ! विश्व बैंक का आंकड़ा अलग

कोरोना वायरस ने गरीबी के खिलाफ दुनिया की लड़ाई को कई बरस पीछे धकेल दिया है . वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष मुल्पास ने आशंका जताई है कि कोरोना के आसार से दुनिया में 6 करोड़ से ज्यादा लोग अत्याधिक गरीबी में धकेले जा सकते हैं।
वहीं विश्व बैंक की रिपोर्ट की अलावां अन्य क्षेत्रीय सर्वे के आधार पर रिपोर्ट तैयार किया जाए तो केवल भारत मे 20 करोड़ से अधिक लोग अति गरीबी रेखा के नीचे जा सकते हैं और उनकी दैनिक कमाई 50 रुपये पर सिमट सकती है।

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बस्ती-जनपद में कोरोना संक्रमित 100 मरीज हुए ठीक ,अब तक 10 लोगों की मौत

बस्ती जिले में सोमवार को 3 नए मरीज मिलने के साथ जनपद में कोविड -19 के कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 233 हो गई है .इसमें से 100 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं वहीं इस बीमारी से अब तक लोगों10 की मौत हो चुकी है। 

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अपडेट-देश में कोविड-19 मरीजों की संख्या 2 लाख 66 हजार के पार

भारत में कोरोनावायरस मरीज़ों की कुल संख्या 2,66, 598 हो गई है और जबकि इस वायरस से अब तक 7,466 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 9987 नए मामले सामने आए हैं और 266 लोगों की जान गई है. 24 घन्टे में सबसे ज्यादा मामले आए हैं. हालांकि, राहत की बात यह है कि 1,29,215 मरीज़ कोरोना को मात देने में कामयाब हुए हैं.

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