रविवार, 31 मई 2020

भारत मे आज कोविड-19 के सबसे ज्यादा 8380 मामले दर्ज

लॉकडाउन में ढील के बीच भारत में कोरोनावायरस Coronavirusके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. देश में (Covid-19) संक्रमितों का कुल आंकड़ा 1.82 लाख के ऊपर पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोनावायरस मरीज़ों की कुल संख्या बढ़कर 1,82,143 हो गई है और जबकि इस वायरस से अब तक 5,164 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 8,380 नए मामले सामने आए हैं और 193 लोगों की जान गई है. पिछले 24 घंटो में अब तक सबसे ज़्यादा मामले सामने आए हैं.

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8 जून से मॉल, रेस्टोरेंट और धार्मिक स्थल खोलने को मिलेगी इजाजत

देश में कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन को सरकार ने 30 जून तक बढ़ाने का फैसला किया है. हालांकि इस बार सरकार ने कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी जगहों पर मॉल और रेस्टोरेंट को भी खोलने की इजाजत दे दी है. अब 8 जून से मॉल और रेस्टोरेंट खुल सकेंगे. गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कंटेनमेंट जोन के बाहर के क्षेत्रों को फिर से खोलने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए. ये दिशानिर्देश 1 जून, 2020 से लागू होंगे और 30 जून, 2020 तक प्रभावी रहेंगे. लॉकडाउन के इस पांचवें चरण में सरकार ने कंटेनमेंट जोन से बाहर लगभग हर तरह की गतिविध‍ियों को खोलने की इजाजत दी है. आइए जानते हैं लॉकडाउन 5 में किन बातों की होगी इजाजत.

कंटेनमेंट जोन से बाहर के इलाकों को चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा: 

1. पहले चरण में इन गतिविधियों को 8 जून से शुरू किया जाएगा: धार्मिक स्थल ,होटल, रेस्टोरेंट और हॉस्पिटैलिटी सर्विस, शॉपिंग मॉल. हालांकि  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय  इनके लिए एसओपी जारी करेगा,जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो और कोरोनावायरस के प्रसार को रोका जा सके.

2. दूसरे चरण में स्कूल-कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान, प्रशिक्षण संस्थान, कोचिंग इंस्टिट्यूट खोले जाएंगे. इसमें राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सलाह ली जाएगी.संस्थानगत स्तर पर भी बात की जाएगी. साथ ही अभिभावकों की भी राय ली जाएगी. इस फीडबैक पर ही संस्थान को खोलने का फैसला लिया जाएगा. जुलाई से यह संस्थान खोले जा सकेंगे.इनके लिए एसओपी जारी किया जाएगा.


3. तीसरे चरण में स्थिति को देखते हुए इन गतिविधियों को दोबारा से शुरू किया जा सकता है. अंतर्राष्ट्रीय हवाई उड़ान , मेट्रो रेल. सिनेमा हॉल, जिम, स्विमिंग पूल, इंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर ,बार, ऑडिटोरियम, असेंबली और इसी तरह के स्थान. सामाजिक, राजनैतिक, खेल ,मनोरंजन, अकादमिक, सांस्कृतिक ,धार्मिक कार्यक्रमों और इसी तरह के बड़े कार्यक्रम इसमें शामिल हैं.

इन बातों की होगी इजाजत...
- निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर प्रतिबंधित गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा. 
- आठ जून से जिन गतिविधियों को अनुमति दी जाएंगी उनमें लोगों के लिए धार्मिक स्थल, होटल, रेस्तरां एवं अन्य होटल सेवाएं शामिल होंगी
- आठ जून से शॉपिंग मॉल खोलने की अनुमति होगी
- राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ विचार-विमर्श कर स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक, प्रशिक्षण, कोचिंग संस्थान खोले जाएंगे
- शैक्षणिक संस्थानों को जुलाई से खोलने को लेकर राज्य, केंद्र शासित प्रदेश अभिभावकों, अन्य संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श करेंगे
- रात में कर्फ्यू के समय की समीक्षा होगी, पूरे देश में अब रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक लोगों के घूमने-फिरने पर प्रतिबंध होगा 
- स्थिति का आकलन करने के बाद अंतररष्ट्रीय हवाई यात्रा, मेट्रो ट्रेन, सिनेमा हाल, जिम, राजनीतिक सभाओं इत्यादि पर निर्णय लिया जाएगा
- निषिद्ध क्षेत्रों में लॉकडाउन 30 जून तक जारी रहेगा, इन क्षेत्रों का निर्धारण जिला प्रशासन करेगा.

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शनिवार, 30 मई 2020

बस्ती-जनपद में कोविड-19 के 8 नए मामले ,मृतक का रिपोर्ट पॉजिटिव

जनपद में आज शनिवार सुबह बीआरडी मेडिकल कॉलेज से एक मृतक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, उसके बाद शाम को आए दूसरी रिपोर्ट में सात प्रवासी मजदूर भी पॉजिटिव पाए गए हैं। यह सभी कैली अस्पताल में क्वारंटीन थे।
 जिले में अब कोरोना पॉजिटिव की कुल संख्या 164 हो गई है, जबकि 43 ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। जिले में अब तक कोरोना से पांच मौत हो चुकी है। जबकि एक्टिव मरीजों की संख्या 116 हो गई है। 

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कोरोना वायरस से 24 घण्टे में सबसे ज्यादा 265 मौतें ,7964 नए मामले

कोरोनावायरस का प्रकोप थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार शनिवार सुबह तक देश में 1,73,763 नए मरीज सामने आए हैं, जबकि 4971 लोगों की मौत हो गई है. 24 घंटे में सबसे ज्यादा नए केस और सबसे ज्यादा हुई मौतें हुई हैं. 24 घंटे में नए 7964 मामले, 265.लोगों की मौत हो चुकी है,

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शुक्रवार, 29 मई 2020

बस्ती में कुल155 कोरोना संक्रमित ,109 एक्टिव कोविड-19 के मरीज अब तक 3 की मौत

बस्ती जिले में बीआरडी मेडिकल कॉलेज से गुरुवार को आई रिपोर्ट में सात और पॉजिटिव मरीज की संख्या के साथ जिले में कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़ गई है. ये सभी 21 मई को ट्रक और बस से दूसरे राज्यों यहां आए थे जिन्हे केडीसी में क्वारंटीन किया गया था। रिपोर्ट आने के बाद पॉजिटिव मरीजों को रुधौली स्थित आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।

इन नए रोगियों के मिलने के बाद कोरोना पॉजिटिव की संख्या 155 पहुंच गई है। इसमें तीन की मौत हो चुकी है। 43 निगेटिव हो चुके हैं। एक्टिव केस 109 है

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कोरोना वायरस के 24 घंटे में सबसे ज्यादा 7466 नए मामले, मरीजों की संख्या पहुंची 1,65,799

देश में कोरोना वायरस का संक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहा है.  देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 1,65,799 हो गई है. 24 घंटे में कोरोना के सबसे ज्यादा 7466 नए मामले सामने आए हैं जबकि 175 लोगों की मौत हुई है. 
कोरोना से अभी तक 4706 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि 71 हजार 106 मरीज इस बीमारी को मात देने में सफल भी हुए हैं. देश में पिछले एक हफ्ते से प्रतिदिन कोरोना वायरस के छह हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं. यह पहली बार है कि मामलों की संख्या 7 हजार के आंकड़ों को पार कर गई है.

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फर्जी खबर से बढ़ी ग्राम प्रधानों की मुश्किलें, नही आया 9 लाख 10 हजार रुपया

विश्वपति वर्मा(सौरभ)

सोशल मीडिया पर कब और किस बात का झूठ फैला दिया जाए और किस की मुश्किलें बढ़ा दी जाए इस बात का अंदाजा नहीं रह गया है .आजकल सोशल मीडिया पर ग्राम पंचायत को लेकर के 1 खबर वायरल हो रही है जिसमें बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए ग्राम पंचायतों को 9 लाख 10 हजार रुपया सरकार द्वारा जारी किया गया है जिससे ग्राम पंचायत में साबुन, मास्क और सार्वजनिक स्थानों पर जगह-जगह सैनिटाइज किया जाना है.
इस खबर का पड़ताल करने के लिए तहकीकात समाचार द्वारा भारत सरकार की पंचायती राज विभाग के वेबसाइट पर जाकर नए शासनादेश के बारे में जानकारी हासिल किया गया तब हमें वहां ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली जहां ग्राम पंचायतों को 9 लाख 10 हजार रुपये  दिए जाने का आदेश जारी हुआ हो। 

उसके बाद हमने उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग के वेबसाइट को खंगाला वहां भी हमें इस तरह का कोई जानकारी नहीं मिला जहां कोरोना वायरस से निपटने के लिए ग्राम पंचायतों को अलग से बजट जारी किया गया हो।

इसी वायरल अखबार के पन्ने पर एक नंबर भी दिया गया है जिसमे बताया गया है ग्राम पंचायत में साबुन,मास्क और सैनिटाइज का काम ना हो रहा हो तो इस नंबर पर संपर्क करें. उसके बाद हमने उस नंबर को डायल किया तो वह नंबर बिहार राज्य के पीआरडी-विन-एनआईसी का निकला. हालांकि इस नंबर पर किसी से बात नहीं हो पाई इसके अतिरिक्त जो नंबर दिए गए हैं वह नंबर भी फर्जी है ।

वायरल खबर से उत्तर प्रदेश राज्य से कोई संबंध नहीं है उसके बाद भी इसकी पुष्टि करने के लिए हमने बस्ती जनपद के मुख्य विकास अधिकारी सरनीति कौर ब्रोका से फोन पर बात किया तो उन्होंने बताया की यह वायरल खबर पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक है, शासन द्वारा इस तरह का कोई आदेश और बजट जारी नहीं किया गया है उन्होंने बताया कि गलत खबर वायरल करने वालों के खिलाफ शिकायत मिलने पर कार्यवाई की जाएगी।




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गुरुवार, 28 मई 2020

अज्ञात मां ने ममता को किया कलंकित 1 दिन के नवजात को मिट्टी में दबाया

उत्तर प्रदेश के एक गांव में कुछ लोगों ने अपने आसपास बच्‍चे के रोने की बेहद धीमी आवाज सुनाई दी. आवाज की दिशा की ओर जाने पर उन्‍होंने मिट्टी के ढेर में एक बच्‍चे को दबा हुआ पाया. बच्‍चे को निकालकर तुरंत अस्‍पताल पहुंचाया गया जहां उसकी हालत स्थिर बताई गई है. यूपी के सिद्धार्थ नगर जिले के सोनौरा गाँव के लोगों ने काम के दौरान अपने पास एक बच्‍चे के रोने की आवाज सुनी. जल्द ही, वे उस दिशा की ओर देखने लगे जहां से आवाज़ आ रही थी.
आवाज का पीछा करते हुए वे इस इमारत के पास उस स्‍थान तक पहुंचे जहां निर्माण कार्य चल रहा था. कुछ ही समय में वे एक इमारत के पास एक जंगली जगह पर पहुंचे जहां निर्माण चल रहा था. आवाज को सुनने के बाद उन्‍होंने पास की मिट्टी को हटाया तो एक नवजात शिशु का पैर बाहर आया.बाद में उन्‍होंने सावधानी से बच्‍चे को निकाला और उसे तुरंत अस्‍पताल ले गए. डॉक्‍टर ने बच्‍चे को साफ कर उसका प्राथमिक उपचार किया. डॉक्‍टरों के अनुसार, नवजात की हालत स्थिर है लेकिन कुछ कीचड़ उसने निगल लिया.  सिद्धार्थ नगर जिले के इस मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया गया है. 

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सरकार की शह पर हो रहा शिक्षा का बाजारीकरण

विश्वपति वर्मा(सौरभ)

किसी देश का विकास उस मुल्क की शिक्षा के विकास के बगैर संभव नहीं है लेकिन भारत जैसे विकासशील देश में शिक्षा के विकास को प्राथमिकता देने की बजाय शिक्षा का बाजारीकरण करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा जा रहा है।

देश भर के प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सरकार अच्छा खासा बजट तो खर्च कर रही है लेकिन यहां पढ़ने वाले बच्चे शैक्षणिक, सामाजिक और मानसिक रूप से मजबूत नही बन पा रहे हैं यहाँ तो बस शिक्षा के अधिकार अधिनियम को वैश्विक परिदृश्य में दिखाने के लिए सरकार झूठा प्रयास कर रही है।

वहीं दूसरी तरफ देश भर के प्राइवेट सेक्टर के स्कूलों में सरकारी स्कूलों से कम खर्चा में बेहतर पढ़ाई लिखाई हो रहा है लेकिन प्राइवेट सेक्टर के औसत दर्जे के स्कूल में 80 फीसदी जनता की क्षमता नही है कि वह अपने बच्चों को सामान्य से ऊपर दर्जे के स्कूल में दाखिला दिला सकें क्योंकि ऐसे विद्यालयों में स्कूल फीस ,ड्रेस, किताब ,शैक्षणिक शुल्क, वाहन खर्चा इत्यादि जुटाना छोटे-मझले किसान और मजदूर वर्ग के बस की बात नही है।

ऐसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार को पहली से लेकर इंटरमीडिएट तक की शिक्षा को बेहतर से बेहतर बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए ,सभी सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की संख्या को भरना चाहिए ,रचनात्मक पढ़ाई-लिखाई के साथ स्कूल के संसाधन में बढ़ोतरी किया जाना चाहिए,स्कूल में बच्चों को बैठने के लिए फर्नीचर, लाइट ,पंखा शौचालय के साथ स्वच्छ पेय जल की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए ईमानदार प्रयास किया जाना चाहिए.
यदि देश और राज्य की सरकारें शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में रुचि नहीं रखती हैं तो निश्चित रूप से यह बात माना जायेगा कि पूंजीपति वर्ग के स्कूल संचालकों के दबाव में सरकार अपनी शिक्षा प्रणाली को व्यवस्थित करना नही चाहती है और इसी सरकारी निरंकुशता का परिणाम है कि देश प्रदेश में शिक्षा का बाजारीकरण चरम सीमा पर है जहाँ उचित और मूल्यपरक शिक्षा आम आदमी के बच्चों की पहुंच से कोसों दूर है।

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देश के 6 राज्यों में टिड्डियों का तांडव ,किसानों की चिंता बढ़ी

कोरोना संकट के बीच देश में टिड्डियों का तांडव भी जारी है. कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में अब टिड्डियों के झुंड ने तांडव मचा रखा है. राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा के बाद अब महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पंजाब में रेगिस्तानी टिड्डों का दल बड़े पैमाने पर फसलों को नष्ट कर रहे हैं. सरकार का कहना है कि तीन दशकों में यह देश में सबसे खराब टिड्डी हमला है. कृषि मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के 20, मध्य प्रदेश में 9, गुजरात में दो और उत्तर प्रदेश और पंजाब में एक-एक जिलों के 47,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैले 303 स्थानों पर टिड्डी रोकथाम के उपाय और छिड़काव अभियान चलाए गए हैं.

सरकार विशेष छिड़काव मशीनों का उपयोग कर रही है और नजर रखने के लिए 11 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं. अधिकारियों ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और राज्य के कृषि मंत्रियों और कीटनाशकों कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ तीन बैठकें कर चुके हैं. सरकार कीटनाशकों के हवाई छिड़काव के लिए ड्रोन के लिए निविदाएं भी आमंत्रित कर रही है.

टिड्डे वार्निंग ऑर्गेनाइजेशन (LWO) के अधिकारियों ने बताया कि कीट जिससे सब्जी और दलहनी फसलों के लिए खतरा है, ने भारत में रबी (सर्दियों) की उपज को प्रभावित नहीं किया है, लेकिन खरीफ की फसलों को बचाने के लिए सरकारी प्रयास मॉनसून से पहले ही खत्म हो गए है.


पंजाब में हाई अलर्ट
पंजाब के डायरेक्टर एग्रीकल्चर सवांत कुमार ऐरी ने कहा, 'पंजाब को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है और प्रत्येक जिले में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं और किसानों को टिड्डियों की किसी भी गतिविधि की रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है.'

एक दिन में 100 से 200 किलोमीटर तक का सफर
टिड्डियों का जीवन सामान्यतया 3 से 6 माह का होता है. नमी वाले इलाकों में ये एक बार में 20 से 200 तक अंडे देती हैं, जो 10 से 20 दिन में फूटते हैं. शिशु टिड्डी का पेड़-पौधे खाती है, 5-6 हफ्ते में बड़ी हो जाती है. इन्हें मारने का सबसे अच्छा उपाय अंडों के फूटते ही उन पर रसायन का छिड़काव है. टिड्डी अपने वजन से कहीं अधिक भोजन एक दिन में खाती है. ये एक दिन में 100 से 200 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है  फिलहाल मध्यप्रदेश में 8000 करोड़ रू की मूंग की फसल को इनसे खतरा है, बाकी राज्यों में ये कपास और मिर्ची को निशाना बना सकते हैं.

हरियाणा भी तैयार
हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा है कि टिड्डी दल यदि हरियाणा पहुंचता है तो कृषि विभाग इस समस्या के समाधान के लिए पूरी तरह तैयार है. हरियाणा प्रदेश के सभी कृषि वैज्ञानिकों व विभाग के अन्य कर्मचारियों को टिड्डी दल से निपटने के लिए अलर्ट कर दिया गया है. कृषि मंत्री ने भिवानी में बताया कि यदि टिड्डी दल हरियाणा पहुंचता है तो दवाई के छिड़काव से टिड्डी दल को वहीं मार दिया जाएगा.

हेडलाइन के अलावां यह खबर एनडीटीवी से ली गई है।

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बुधवार, 27 मई 2020

भारत में कोरोनावायरस मरीज़ों की कुल संख्या 1,51,767 पहुंचा 6387 नए मामले

दुनियाभर के देशों के साथ-साथ भारत में भी कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. देश में कोरोना (Covid-19) संक्रमितों का कुल आंकड़ा डेढ़ लाख के पार पर पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोनावायरस मरीज़ों की कुल संख्या 1,51,767 हो गई है और जबकि इस वायरस से अब तक 4,337 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 6,387 नए मामले सामने आए हैं और 170 लोगों की जान गई है.

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बस्ती में उदय पब्लिक स्कूल और गोरखपुर के नयश इंटरनेशनल स्कूल ने माफ किया 3 माह का मासिक शुल्क

केoसीo श्रीवास्तव

एक तरफ जब लॉकडाउन के दौरान उत्पन्न हुई आर्थिक समस्या के बाद भी कई सेक्टरों द्वारा अपने उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं दिया गया तब प्राइवेट सेक्टर की दो स्कूलों द्वारा 3 महीने का फीस माफ कर स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों को एक बड़ी राहत देने का काम किया है।

बस्ती जनपद के गौर विकासखंड के डुहवा स्थित उदय पब्लिक स्कूल के प्रबंधक जयसिंह ने सूचना जारी करते हुए बताया कि कोविड-19 के दौरान उत्पन्न हुई समस्या को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि अप्रैल-मई एवं जून महीने की मासिक शुल्क को माफ किया जाता है।
इसी प्रकार गोरखपुर जनपद के गगहा स्थित नयश इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंधक सत्यवीर सिंह ने सूचना जारी करते हुए बताया कि इस वैश्विक महामारी के दौरान लोगों के सामने उत्पन्न हुई समस्या को ध्यान में रखते हुए विद्यालय प्रशासन द्वारा अप्रैल से जून तक के मासिक शुल्क एवं वाहन शुल्क को नही लिए जाने का निर्णय लिया गया है।
स्कूल प्रबंधन द्वारा लिए गए निर्णय के बाद अभिभावकों के अलावा क्षेत्र के संभ्रांत व्यक्तियों द्वारा भी स्कूल के निर्णय का स्वागत किया गया है। तहकीकात समाचार भी दोनों स्कूल के प्रबंधकों को धन्यवाद देता है की ऐसी महामारी के दौरान जहां लोग राहत देने की बजाय लेट फीस तक वसूल ले रहे हैं वही स्कूल प्रशासन ने 3 महीने का फीस माफ कर मानवता की मिसाल को कायम किया है ।

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मंगलवार, 26 मई 2020

कोरोना वायरस का ताजा अपडेट ,1लाख45 हजार के पार पहुंचा संक्रमित लोगों की संख्या

दुनियाभर के देशों के साथ-साथ भारत में भी कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. देश में कोरोना (Covid-19) संक्रमितों का कुल आंकड़ा 1.45 लाख पर पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोनावायरस मरीज़ों की कुल संख्या 145380 हो गई है और जबकि इस वायरस से अब तक 4167 लोगों की मौत हो चुकी है.

 वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 6535 नए मामले सामने आए हैं और 146 लोगों की जान गई है. हालांकि, राहत की बात यह है कि 60491 मरीज कोरोना को मात देने में कामयाब हुए हैं. रिकवरी रेट 41.60 प्रतिशत पर पहुंच गया है. 

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''मैं जोरु का गुलाम बनकर रहूंगा'' लिखकर देने पर टूटने से बची युवक की शादी

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित एक कुटुम्ब न्यायालय में सगाई के बाद मंगेतर के मजाक से नाराज युवती के शादी से इनकार करने के एक मामले में सोमवार को उस वक्त दिलचस्प मोड़ आया जब युवक के 108 बार “मैं जोरू का गुलाम बनकर रहूंगा” लिख कर देने के बाद युवती शादी के लिये राजी हुई. कुटुम्ब न्यायालय की काउंसलर सरिता राजानी ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि मुम्बई में नौकरी करने वाले भोपाल के एक युवक और युवती की यहां सगाई हुई. सगाई के बाद मंगेतर ने अपने होने वाले पति को मजाक में एक वीडियो भेजा. वीडियो में लॉकडाउन में पति बर्तन साफ कर रहा है और पत्नी की इशारों पर नाच रहा है। वीडियो के साथ ही मंगेतर ने लिखा कि शादी के बाद तुम पर भी यही लागू होगा. 
राजानी ने बताया कि वीडियो देख युवक ने जवाब दिया, ‘‘ मैं इस श्रेणी में नहीं हूं. ऐसे लोगों की अलग श्रेणी होती है.'' उन्होंने बताया कि यह जवाब युवती को नागवार गुजरा और पहले दोनों के बीच अनबन हुई और फिर लड़की ने दो मई 2020 को सगाई तोड़ दी जबकि दोनों की शादी 20 मई को होनी थी. उन्होंने बताया कि परिवार के लोग इस पर हैरान हुए और लड़की को मनाने की कोशिशें शुरू हुईं लेकिन वह जिद पर अड़ी रही। इसके बाद लड़के के परिजन कुटुम्ब न्यायालय पहुंचे. वहां चार दिन तक युवव और युवती दोनों की काउंसलिंग की गई और युवती उसी युवक से शादी करने के लिए मान गयी. 

राजानी ने बताया, ‘‘हमें दोनों को समझाने में चार दिन लगे. लड़के ने कहा कि छोटी सी बात पर उसकी मंगेतर इतना बुरा मान जाएगी, उसे नहीं पता था. युवक ने न सिर्फ सबसे सामने युवती से माफी मांगी बल्कि 108 बार लिखकर दिया कि ‘मैं जोरु का गुलाम बनकर रहूंगा.' युवक ने मंगेतर को यह भी लिखकर दिया कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं.'' उन्होंने बताया कि इसके बाद दोनों की बीच बात बन गई और अब दोनों की 10 जून को शादी तय हो गयी है। राजानी ने बताया कि लड़का और लड़की दोनों मुम्बई में एक निजी कंपनी में एक्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत हैं. 

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सोमवार, 25 मई 2020

बस्ती में लगातार बढ़ रहा कोरोना मरीजों की संख्या ,16 और कोविड 19 संक्रमित मिले

कोरोना वायरस के मरीजों के संख्या तेजी से बढ़ रही है। ताजा जानकारी के अनुसार बस्ती में 16 और कोरोना पॉजिटिव मिले हैं जिससे जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 141 हो गई है। इसके साथ ही 28 लोग डिस्चार्ज हो चुके हैं और 02 की मौत हो चुकी है। इस प्रकार 111 केस एक्टिव हैं।
                   प्रतीकात्मक तस्वीर
 एसीएमओ डॉ. फकरेयार हुसैन ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि 16 और प्रवासी श्रमिकों की रिपोर्ट आज पॉजिटिव आई है। शहर से लेकर गांव तक कोरोना का संक्रमण फैल चुका है। प्रवासी मजदूर इसके जिम्मेदार बताये जा रहे हैं।

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भारत में लगातार बढ़ रहा कोरोना मरीजों की संख्या,24 घण्टे में सर्वाधिक मामले दर्ज

दुनियाभर के देशों के साथ-साथ भारत में भी कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. देश में कोरोना (Covid-19) संक्रमितों का कुल आंकड़ा 1.39 लाख के करीब पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोनावायरस मरीज़ों की कुल संख्या 1,38,845 हो गई है और जबकि इस वायरस से अब तक 4,021 लोगों की मौत हो चुकी है. 
वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 6,977 नए मामले सामने आए हैं और 154 लोगों की जान गई है. पिछले 24 घंटों में सामने आए नए मामलों का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है. इससे पहले रविवार को 6767 नए मरीज़ मिले थे. हालांकि, राहत की बात यह है कि 57721 मरीज़ कोरोना को मात देने में कामयाब हुए हैं. रिकवरी रेट सुधर कर 41.57 प्रतिशत पर पहुंच गया है. 

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रविवार, 24 मई 2020

बस्ती में 5 नए कोरोना पॉजिटिव मिले ,संक्रमित लोगों की संख्या 125

बस्ती जनपद में पांच नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं जिससे जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 125 तक पहुंच गई है। इसके साथ ही 28 लोग डिस्चार्ज हो चुके हैं और 02 की मौत हो चुकी है। 

एसीएमओ डॉ. फकरेयार हुसैन ने बताया कि दो सोनहा थाने के बनरही गांव के ,एक भानपुर का तथा चौथा लालगंज के एक शंकरपुर और पांचवा संक्रमित गौर थानांतर्गत मेहनियां गांव का रहने वाला है। बनरही गांव के दोनों पॉजिटिव पति-पत्नी है। इन्हें भानपुर में क्वारंटीन किया गया है। शेष तीन होम क्वारंटीन हैं। 


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कोरोना का कहर 24 घण्टे में भारत मे रिकॉर्ड तोड़ संक्रमित मरीज निकले

दुनियाभर के देशों के साथ-साथ भारत में भी कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. देश में कोरोना (Covid-19) संक्रमितों मरीज़ों की कुल संख्या 1,31,868 हो गई है और जबकि इस वायरस से अब तक 3867 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 6767 नए मामले सामने आए हैं और 147 लोगों की जान गई है. 24 घन्टे में सबसे ज्यादा नए मामले सामने आए हैं.  
हालांकि, राहत की बात यह है कि 54,441 मरीज कोरोना को मात देने में कामयाब हुए हैं. रिकवरी रेट सुधर कर 41.28 प्रतिशत पर पहुंच गया है.

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शनिवार, 23 मई 2020

भारत में बढ़ रहा कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1,25,101 पहुंचा आंकड़ा

दुनियाभर के देशों के साथ-साथ भारत में भी कोरोनावायरस (COVID-19) का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 180 से ज्यादा देशों में फैल चुका यह वायरस अब तक सवा तीन लाख से ज्यादा जानें ले चुका है. 

दुनियाभर में 51 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. यह आंकड़ा हर रोज बढ़ता जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1,25,101 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 6,654 नए मामले सामने आए हैं और 137 लोगों की मौत हुई है.

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सरकार अपनी नियति साफ करे, डिजिटल मीटर की तरह भागेगी विकास की गाड़ी

विश्वपति वर्मा-

शोषित, वंचित ,गरीब ,किसान ,एवं मजदूरों के हित मे न तो सरकारों ने इमानदार प्रयास से काम किया है और न करेंगी ,अच्छे दिनों का सपना दिखाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने भी गरीबों के साथ बर्बरता और क्रूरता की सारी हदों को पार कर दिया है.

 लॉक डाउन के दौरान मजदूर और मजबूर लोगों के सामने उपजी समस्या को देखने को बाद यह पूरी तरह से साफ हो गया है कि मौजूदा भारतीय जनता पार्टी की सरकार हो या महाराष्ट्र, राजस्थान ,दिल्ली की सरकार हो सबके सब लोगों ने अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों के खून को चूस कर पूजी के ढेरी पर बैठे लोगों को असीमित फायदा पहुंचाने का काम किया है.
फैक्ट्रियों और कंपनियों में हांडतोड़ मेहनत करने वाले मेहनतकश लोग बस उतना ही भुगतान पाते हैं जितना पूंजीवादी व्यवस्था चलाने वाले संगठनों ने तय किया है .

आखिर आम जनता के लिए सरकार का क्या योगदान है ? उद्योगपतियों को राहत पहुंचाने वाली सरकार का आम जनता को राहत देने के लिए कौन-कौन से प्रयास किये गए? इन सब के जवाब में आपको जुमले से ज्यादा और कुछ नही मिलने वाला है  .

आपकी जिंदगी 1000 रुपया महीना खैरात पाने और 500 रुपया जनधन का लाभ पाने से नही बदलने वाली है न ही इस पैसे से घर की रोजी रोटी चलने वाली है इस लिए सरकार को प्राथमिकता के आधार पर इस बात का ध्यान देना होगा कि वह कृषि के क्षेत्र में उत्पादन लागत कम करने और उसका वाजिब मूल्य दिलाने का ईमानदार प्रयास करे,नगद हस्तांतरण योजना को बांटने की जगह ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध करवाने पर जोर दे.

500,1000 ,2000 की योजना चलाने की जगह 20 हजार रुपये का लोन बिना किसी दौड़भाग और ब्याज मुक्त के बैंकों से दिलवाने का काम करे और योजना के माध्यम से खैरात चलाने वाली व्यवस्था को बंद कर बचे हुए पैसों को किसानों का समूह बनाकर 10 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक सहयोग और सब्सिडी दे,सहकारिता के क्षेत्र में सरकारी नियंत्रण पूरी तरह से बंद हो और इसे रिटायर जजों की अध्यक्षता और छोटे-मझले किसान समूह के सदस्यों द्वारा संचालित की जाए, सहकारिता के क्षेत्र में ग्रामीण स्तर पर क्रांति लाई जाए तब जाकर देश में विकास की गाड़ी दौड़ेगी अन्यथा देश के 80 करोड़ लोगों की जिंदगी में न तो बदलाव आया है और न ही आने का कोई उम्मीद दिखाई दे रहा है।

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पीएम केयर्स फंड में जमा हुए पैसे की जानकारी देने के लिए सरकार ने किया मना,बैंक ने भी कहा "न"

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा पीएम केयर्स के संबंध जानकारी देने से मना किए जाने के बाद अब भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने भी इस संबंध में कोई भी सूचना देने से इनकार कर दिया है.

एसबीआई ने दलील दी है कि ये जानकारी विश्वास संबंधी और निजी है, इसलिए ऐसी सूचना साझा नहीं की जा सकती है. आरटीआई मामलों के जानकार और पूर्व सूचना आयुक्तों ने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा है कि ये सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं आरटीआई कानून का उल्लंघन है.
कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के नाम पर जनता से आर्थिक मदद प्राप्त करने के लिए भारत सरकार ने 28 मार्च को ‘पीएम केयर्स फंड’ नाम का एक पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया था. इस ट्रस्ट के चेयरमैन प्रधानमंत्री हैं और रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री इसके सदस्य हैं.पीएम केयर्स फंड ने अनुदान प्राप्त करने के लिए एसबीआई की नई दिल्ली शाखा में खाता खोला है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार इस फंड को लेकर उच्च स्तर की गोपनीयता बरत रही है. सरकार ने अभी तक ये सार्वजनिक नहीं किया है कि इस फंड में कितनी राशि प्राप्त हुई है और कितना खर्च किया गया है.बता दें कि द वायर ने जानकारी प्राप्त करने के लिए आरटीआई आवेदन किया था।

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शुक्रवार, 22 मई 2020

कोविड-19 के बीते 24 घंटे में सबसे ज्यादा 6,088 नए मामले,118 संक्रमितों ने गंवाई जान

दुनियाभर के देशों के साथ-साथ भारत में भी कोरोनावायरस (COVID-19) का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, लगभग 200 देशों में फैल चुका यह वायरस अब तक सवा तीन लाख से ज्यादा जानें ले चुका है. दुनियाभर में 50 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. 

यह आंकड़ा हर रोज बढ़ता जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1,18,447 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 6,088 नए मामले सामने आए हैं और 148 लोगों की मौत हुई है.

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गुरुवार, 21 मई 2020

69 हजार शिक्षकों की भर्ती मामले में यूपी सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

यूपी में 69000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में अब एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार व अन्‍य को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने कहा है कि सरकार को 6 जुलाई से पहले अपना जवाब दाखिल करना होगा. 
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में 69000 शिक्षकों की भर्ती को चुनौती देने वाली शिक्षामित्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा है कि सरकार बताए कि उसने भर्ती के लिए 45 फीसद सामान्य और आरक्षित के लिए 40 फीसदी के आधार को क्यों बदला.

इसी के साथ कोर्ट ने यह भी कहा कि शिक्षामित्र जो सहायक शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं उनको छेड़ा न जाए. कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार को  6 जुलाई तक चार्ट के जरिए भर्ती के सारे चरण और डिटेल बतानी होंगी. 

इससे पहले आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों की याचिका को यह कहते हुए खारिज करने का आदेश दे दिया था कि कोर्ट इससे सहमत नहीं है. हालांकि वकील बार-बार दलील देते रहे और कहते रहे कि यह मामला बेहद जरूरी है और इसे सुना जाना चाहिए. कोर्ट ने वकीलों की बात मानी और उनकी दलीलें सुनने के बाद अब यूपी सरकार को नोटिस जारी कर दिया है. 

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बस्ती-जिले में एक साथ 6 लोगों की रिपोर्ट आई पॉजिटिव कोविड-19 मरीजों की संख्या हुई 110

बस्ती जनपद में कोविड-19 के 6 नए मरीज का रिपोर्ट बृहस्पतिवार को पॉजिटिव आया है यह सभी प्रवासी मजदूर हैं जो विगत दिनों महाराष्ट्र से आए थे ,इन सभी को आइसोलेट किया गया था और वहीं से जांच के लिए रिपोर्ट भेजी गई थी इसकी पुष्टि जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने की है।


इसके साथ ही बस्ती जिले में अब तक 110 मामले कोरोना वायरस के आ चुके हैं जिसमे से 2 लोगों की कोरोना से मृत्य हो चुकी है तथा 28 लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं वहीं 80 पॉजिटिव केस अभी भी जिले में हैं जिनका इलाज चल रहा है।


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देखते ही देखते भारत मे 6 अंकों में पहुंच गया कोरोना संक्रमित की संख्या,24 घण्टे में 5600 नए मामले

दुनियाभर के देशों के साथ-साथ भारत में भी कोरोनावायरस (COVID-19) का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार 200 से ज्यादा देशों में फैल चुका यह वायरस अब तक करीब सवा तीन लाख जानें ले चुका है. 
दुनियाभर में 49 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. यह आंकड़ा हर रोज बढ़ता जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुरुवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1,12,359 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 5,609 नए मामले सामने आए हैं और 132 लोगों की मौत हुई है.

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रेलवे ने आज से शुरू किया बुकिंग ,1 जून से चलाई जाएंगी 200 ट्रेन

देश में जारी कोरोना संकट के बीच भारतीय रेलवे ने श्रमिक ट्रेनों के अतिरिरक्त 1 जून से 200 ट्रेनों को चलाने का फैसला किया है. इन ट्रेनों के टिकटों की बुकिंग 21 मई यानी आज सुबह 10 बजे से शुरू हो जाएगी. पहले रेलवे ने सिर्फ नॉन एसी ट्रेनों की बात की थी, लेकिन इन ट्रेनों में AC और जनरल डिब्बे भी होंगे.
टिकटों की बुकिंग सिर्फ IRCTC की वेबसाइट या ऐप के माध्यम से होगी. रेलवे की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार इन ट्रेनों में RAC और वेटिंग टिकट भी उपलब्ध होंगे. हालांकि वेटिंग टिकट वालों को ट्रेन में जाने की इजाजत नहीं होगी.
इन ट्रेनों में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों की बोर्डिंग स्टेशन पर स्क्रीनिंग की जाएगी और जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं होंगे सिर्फ उन्हीं यात्रियों को यात्रा की इजाजत होगी. ट्रेन के अंदर कंबल उपल्बध नहीं कराए जाएंगे. यात्रियों को सलाह दी गई है कि वह यात्रा के लिए घर से चादर और कंबल लेकर निकलें. इसके साथ-साथ सभी यात्रियों को आरोग्य सेतु एप्लिकेशन को डाउनलोड करना अनिवार्य होगा. इसके साथ-साथ फेस कवर या फेस मास्क भी जरूरी होगा.


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बुधवार, 20 मई 2020

कोरोना के कहर ने देश मे बढ़ाई चिंता ,24 घंटों में 5611 नए मामले 140 लोगों की मौत

भारत में कोरोनावायरस के कहर ने चिंता बढ़ा दी है देश मे जिस तरह से कोरोना वायरस की जांच को बढ़ाया जा रहा है उसी प्रकार मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है . बुधवार को कोरोनावायरस (Covid-19) संक्रमितों का कुल आंकड़ा बढ़कर 1.06 लाख के पार पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोनावायरस से अब तक  3303 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमितों की संख्या 1,06,750 हो गई है. वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 5611 नए मामले सामने आए हैं और 140 लोगों की जान गई है. पिछले 24 घंटे में अब तक सबसे ज़्यादा मामला सामने आए हैं. हालांकि

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ग्राम पंचायत में किस मद में कितना पैसा हुआ खर्च , देखें बिल वाउचर के साथ

विश्वपति वर्मा-

ग्राम पंचायत को समग्र एवं समेकित विकास के क्षेत्र में उन्नत बनाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जाता है ताकि ग्राम पंचायत विकास के क्षेत्र में अग्रणी हो इसके लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा अनेकों प्रकार की योजनाएं ग्राम पंचायत के माध्यम से चलाई जाती हैं इसमे सरकार द्वारा प्रतिवर्ष एक निर्धारित बजट जारी किया जाता है ताकि ग्राम पंचायत की दशा और दिशा बदल सके।

सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को अच्छा खासा बजट दिए जाने के बाद भी देखने को मिलता है कि ग्राम पंचायत अपनी बदहाली के लिए ही जाना जाता है .अक्सर देखने को मिलता है की ग्राम पंचायत का बजट खड़ंजा मरम्मत ,हैंडपंप मरम्मत ,एवं तालाब मरम्मत के नाम पर प्रतिवर्ष खर्च कर दिया जाता है इस नाते ग्राम पंचायत के कई बुनियादी ढांचा पर काम नहीं हो पाता है और सरकार के द्वारा जारी बजट पूरी तरह से खर्च हो जाता है .

तहकीकात समाचार के पाठक पिछले कई महीनों से यह मांग कर रहे थे की उन्हें ऐसी जानकारी दी जाए जिसके माध्यम से ग्राम पंचायत में खर्च हुए धन का पूरा ब्यौरा आसानी से मिल सके इसके लिए हमने पंचायती राज अधिकारी आरoएसo चौधरी से बात की और उन्होंने बताया की ग्राम पंचायत के बजट को कहां खर्च किया जाता है और कितना खर्च किया जाता है इसे सरकार द्वारा पूरी तरह से पारदर्शी कर दिया गया है जिसे आप अपने घर बैठ कर जान सकते हैं .

इस संबंध में उन्होंने एक पोर्टल के बारे में जानकारी दी जिसके माध्यम से हम बिल बाउचर समेत ग्राम पंचायत में खर्च हुए धन का पूरा ब्यौरा जान सकते हैं.


सबसे पहले आप इस लिंक पर क्लिक करें 
उसके बाद आपको इस तरह का पेज दिखाई देगा

इस तरह का पेज खुलने के बाद आप आल इंडिया रिपोर्ट पर क्लिक करेंगे ,उसके बाद जिस वर्ष का ब्यौरा चाहते हैं उसपर क्लिक करेंगे जैसे 2020-21

उसके बाद state wise summary report पर क्लिक करेंगे यहां क्लिक करने के बाद आपको इस तरह का पेज दिखाई देगा
यह पेज खुलने के बाद आप अपने प्रदेश का चयन करेंगे ,उसके बाद, जिला ,फिर ब्लॉक उसके बाद ग्राम पंचायत का चयन करते ही पूरा ब्यौरा आपके सामने होगा।


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मंगलवार, 19 मई 2020

आरजीएस ग्रुप द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए लॉकडाउन में किया जा रहा नाश्ता -खाना की व्यवस्था

केoसीoश्रीवास्तव

लॉकडाउन के दौरान बसों और अन्य गाड़ियों के माध्यम से यात्रा कर रहे प्रवासी मजदूरों को ध्यान में रखते हुए नेशनल हाईवे के गोटवा बाजार में आरजीएस ग्रुप द्वारा नाश्ता और खाना की व्यवस्था की जा रही है।
आरजीएस ग्रुप के डायरेक्टर शिवश्याम चौधरी ने तहकीकात समाचार को बताया कि कोरोना वायरस के दौरान देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच नेशनल हाईवे पर यात्रा कर रहे लोगों को दुकानों के बंद होने के चलते भोजन ,पानी और नाश्ता की समस्या उत्पन्न हो रही थी जिसको देखते हुए हाइवे के किनारे खाने पीने की व्यवस्था की गई है ताकि यात्रियों को भूखे पेट न रहना पड़े।
उन्होंने हमारी टीम को बताया कि पिछले एक हप्ते से हम लोग खाने पीने की व्यवस्था कर रहे हैं ताकि यात्रा कर रहे लोगों को समस्या का सामना न करना पड़े. बता दें कि कोरोना वायरस के चलते देश भर में ट्रेनों और बसों की सेवाओं को बंद किया गया है उसके बाद भी दूसरे प्रदेश में रह रहे लोग अपने घरों को जाने के लिए ट्रक, लारी और अन्य गाड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस दौरान हाइवे पर स्थिति ढाबा और दुकान बंद होने की वजह से खाने पीने की वस्तुएं नही मिल पा रही हैं जिसे देखते हुए तमाम सामाजिक संगठनों और व्यक्तियों द्वारा जगज जगह भोजन पानी की व्यवस्था कराई गई है।

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बस्ती में एकसाथ 50 कोविड19 के मरीज मिलने से संक्रमितों की संख्या हुई 104

बस्ती जनपद में आज एक साथ 50 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं जिससे बस्ती जिले में अब संक्रमितों की संख्या 104 हो गई है । 
आज मंगलवार को आई रिपोर्ट में एक साथ 50 पॉजिटिव मरीज मिलने से हड़कंप फैल गया है। यह सभी प्रवासी मजदूर हैं तथा ये सभी एक विद्यालय में क्वॉरेंटाइन थे। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने  उक्त मामले की पुष्टि करते हुए बताया है कि सभी प्रभावित मरीजों को मुंडेरवा और रुधौली अस्पताल में भर्ती किया गया है।

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73 साल में कुछ बदला है तो बस यह तस्वीर जो ब्लैक एंड व्हाइट से अब रंगीन हो चुका है

भारत पाकिस्तान विभाजन के बाद की जो त्रासदी थी आज 73 साल बाद उससे भी ज्यादा भयंकर तबाही देखी जा रही है आखिर तमाम सुबिधाओं की उपलब्धता होने के बाद सरकार ने जनता को मरने के लिए क्यों छोड़ दिया ?ट्रेन और बसों को उसने क्यों बंद करा दिया?क्या सरकार महामारी की चैन को तोड़ने में कामयाब हो पाएगी या फिर जनता के साथ बर्बरता करने में उसे मजा आता है।
आप इन दोनों तस्वीरों को देखिए एक तस्वीर 1947 के दौर की है और एक तस्वीर लॉकडाउन के दौरान की है यदि इस देश मे 73 साल में कुछ बदला है तो बस यह तस्वीर जो ब्लैक एंड व्हाइट से अब रंगीन हो चुका है।

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देश में COVID-19 मरीज़ों का आंकड़ा एक लाख के पार, पिछले 24 घंटे में करीब 5,000 नए मामले

देश में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में मंगलवार को कोरोनावायरस (Covid-19) संक्रमितों का कुल आंकड़ा बढ़कर एक लाख के पार पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोनावायरस से अब तक 3,163 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमितों की संख्या 1,01,139 हो गई है. वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 4970 नए मरीज मिले हैं और 134 लोगों की जान गई है. हालांकि, राहत की बात यह है कि 39,174 मरीज कोरोना को मात देने में कामयाब हुए हैं.

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सोमवार, 18 मई 2020

सपा जिलाध्यक्ष महेंद्रनाथ यादव ने हाइवे पर स्टॉल लगाकर यात्रियों के लिए किया जलपान की व्यवस्था

केoसीo श्रीवास्तव

बस्ती- समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव ने आज नेशनल हाईवे पर यात्रा कर रहे प्रवासी मजदूरों एवं अन्य यात्रियों के लिए स्टॉल लगाकर पानी और बिस्कुट की व्यवस्था कराई।
जिला अध्यक्ष महेंद्र नाथ यादव ने तहकीकात समाचार को बताया कि लॉकडाउन के इस दौर में दुकानों के बंद होने की वजह से यात्रियों को पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए परेशान न होना पड़े इस नाते हाइवे पर यात्रा कर रहे सभी यात्रियों के लिए पानी और बिस्कुट की व्यवस्था कराई गई है।

जिला अध्यक्ष ने कहा कि यह एक ऐसा दौर है जब मनुष्य को सभी सुख सुविधाओं और लाभ को त्याग कर इंसानियत के खातिर आने जाने वाले राहगीरों के लिए इस चिलचिलाती धूप में उनके लिए उनके जरूरत के चीजों को उपलब्ध कराया जाना चाहिए यही इंसान का सबसे बड़ा धर्म है ।इस मौके पर महेश तिवारी, अरविंद सोनकर, लाला यादव,सहित उनके अन्य साथी मौजूद रहे।

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बेंगलुरु से मोतिहारी 2300 किलोमीटर जाने के लिए जेवरात बेंच कर इस तरह से निकला यह परिवार

सुशील कुमार.

देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच अपने-अपने  घरों को जाने के लिए लोगों में होड़ लगी हुई है ,दिल्ली ,महाराष्ट्र ,गुजरात ,आंध्रप्रदेश, कर्नाटक जैसे राज्यों के दर्जनों शहरों में काम के उद्देश्य से गए लोग जहां तहां फंसे रह गए और लॉकडाउन के 55 दिन बीत जाने के बाद भी यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चालू नही किया गया जिसका परिणाम है कि ज्वैलरी बेंच करके भी लोग अपने घरों को जाना चाहते हैं.

एक तरफ जहां लोग पैदल निकल रहे हैं ,साइकिल मोटर साइकिल से निकल रहे हैं ट्रकों पर सवार होकर निकल रहे हैं वहीं बिहार के मोतिहारी का रहने वाला यह परिवार भी अपने घर पहुंचना चाहता है लेकिन इनकी यात्रा की व्यवस्था अपने निजी गाड़ी से है .अब आप सोच रहे होंगे कि जब इनके पास निजी गाड़ी है तो फिर इस खबर का क्या मतलब है उनकी यात्रा तो उन लोगों से बेहतर है जो पैदल चल रहे हैं लेकिन लॉकडाउन के दौरान इनकी भी अपनी एक कहानी है।

मोतिहारी के रहने वाले राजेश कुमार महतो ने तहकीकात समाचार को बताया कि वें बेंगलुरु में टैक्सी चलाते हैं लॉकडाउन होने की वजह से हमारा काम बंद हो गया जिससे पूरे परिवार के साथ यहां रहकर खर्चा चलाना मुश्किल हो गया था उन्होंने बताया कि हम चाहते थे कि जब तक लॉकडाउन खत्म नही हो रहा है तबतक घर चले जाएं इसके लिए वह लॉकडाउन के तीसरे चरण में अंतिम दौर तक बसों और ट्रेनों के चलने का इंतजार करते रहे लेकिन ट्रेनों का संचालन न होने के नाते हमारा परिवार वहां परेशान हो गया था क्योंकि उमस भरी गर्मी में एक कमरे में वहां कैद रहना पड़ता था।

राजेश ने बताया कि जब वह हताश हो गए तब उन्होंने अपनी पत्नी के पास रखे कुछ जेवरात बेंच दिए जिससे उन्हें 45 हजार रुपये मिला उसके बाद घर फोन कर 20 हजार रुपया मंगाया और हमारे पास भी 20 हजार से ज्यादा रुपया था जिसे लेकर हमारे पास करीब 90 हजार रुपये तक हो गए उन्होंने बताया कि इन पैसों से हमने 26 हजार रुपये में एक पुरानी कार खरीदी और 30 हजार रुपया खर्च करके उसे दुरुस्त कराया उसके बाद छोटे बड़े 10 लोगों को बैठा कर घर जाने के लिए निकला।
राजेश की समस्या यहीं खत्म नही होती उन्होंने बताया कि जब हम लोग बेंगलुरु से निकले तो वहां की पुलिस ने हमसे पास मांगा पास न होने पर हमे वापस जाने के लिए कहा जब हमने अपनी समस्या बताई तब बीच का रास्ता निकाल लेने के लिए कहा गया .उन्होंने बताया कि हम वहां टैक्सी चलाते हैं इस लिए पुलिस के कोड़ भाषा की जानकारी हमे थी तो हमने वहां 500 रुपये का नोट दिया उसके बाद मुझे छोड़ दिया गया इसी तरही से उन्हें रास्ते मे लगभग 3000 रुपया घूस देने में खर्च करना पड़ा.

यूपी में मिला राहत 

राजेश ने बताया कि जब हम यूपी के सीमा में प्रवेश किये तो वहां भी हमे रोका गया लेकिन छोटे बच्चों और महिलाओं को देखने के बाद हमे जाने दिया गया उन्होंने बताया कि हमे यूपी में किसी तरह का रिश्वत नही देना पड़ा बल्कि यहां के हाइवे पर खाने पीने की सामग्री भी हमे दिया गया।

सरकार को कोसा

राजेश महतो पढ़े लिखे व्यक्ति हैं उन्होंने इंटरमीडिएट तक की शिक्षा ग्रहण की है राजेश ने बताया कि जब देशभर में लॉकडाउन किया जा रहा था तो सरकार को इस बात की चिंता करनी चाहिए थी कि जो लोग अपने घरों से बाहर गए हुए हैं उन्हें घर पहुंचने के लिए समय दिया जाता .राजेश ने बताया कि देशभर में सैकड़ों पर्यटन स्थल पर लाखों की संख्या में लोग गए हुए थे लेकिन बिना तैयारी के किए गए लॉकडाउन में  जहां-तहां लोगों को रुक जाना पड़ा. उन्होंने बताया की सरकार ने ट्रेन सेवाओं को बंद करके कोरोना वायरस को रोकने के लिए प्रयास किया लेकिन यह सरकार की विफलता मानी जाएगी क्योंकि हजारों हजार की संख्या में लोग ट्रकों और लारियों में भरकर आ रहे हैं जो कोरोना वायरस को भारत मे व्यापक पैमाने पर फैलाने के लिए काफी है।उनका मानना है कि सरकार लोगों को ट्रेनों से भेजती ताकि सरकारी रिकार्ड में यह जानकारी होता कि किस जगह से कौन लोग कहाँ गए हुए हैं ।


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देश में संक्रमितों की संख्या 96,169 ,24 घण्टे में कोरोना के 5242 नए मरीज, 157 लोगों की गई जान

कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर देश में लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown 4.0) के चौथे चरण का आज पहला दिन है. इस बीच, सोमवार को भारत में Covid-19 संक्रमितों का कुल आंकड़ा 96,000 के पार पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोनावायरस से अब तक 3029 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमितों की संख्या 96,169 हो गई है. वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 5242 नए मरीज मिले हैं और 157 लोगों की जान गई है. 24 घंटों में कोरोना के मामले में यह अब तक का सबसे बड़ा उछाल है. हालांकि, राहत की बात यह है कि 36,824 मरीज कोरोना को मात देने में कामयाब हुए हैं

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कैसे फैला कोरोना वायरस? निष्पक्ष जांच के लिए 61 देशों के साथ खड़ा हुआ भारत


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोनावायरस (Coronavirus) की रोकथाम के लिए अब तक क्या कदम उठाए और उसकी भूमिका क्या रही है, भारत समेत दुनिया के 62 देश ऐसे ही सवालों का जवाब मांग रहे हैं. एनडीटीवी के मुताबिक भारत ने आधिकारिक तौर पर इन देशों को अपना समर्थन दिया है और यूरोपीय यूनियन व ऑस्ट्रेलिया की ओर से जांच की मांग वाले दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं. विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA) की 73वीं बैठक आज (सोमवार) से शुरू हो रही है. मीटिंग के लिए प्रस्तावित मसौदे के अनुसार, भारत सहित 62 देशों ने ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ द्वारा संयुक्त प्रयास का समर्थन किया है, जो COVID-19 महामारी की WHO की प्रतिक्रिया की स्वतंत्र जांच का आह्वान करता है.
यह मसौदा कोरोनोवायरस (Coronavirus) संकट की निष्पक्ष, स्वतंत्र और व्यापक जांच के लिए कहता है. इसके अलावा यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा COVID-19 से निपटने के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों की जांच की भी बात कहता है.

ऑस्ट्रेलिया ने पिछले महीने स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कहा था कि इसका पता लगाया जाए कि आखिर कोरोनावायरस पूरी दुनिया में कैसे फैला. ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मरीसे पेन ने कहा था कि WHO इस मामले की जांच करे. उन्होंने कहा था कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदायों के एक साथ आने का वक्त है ताकि अगली महामारी से समय से निपटा जा सके, जिससे हमारे लोग सुरक्षित रह सकें.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बैठक के प्रस्तावित मसौदे का जापान, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड, साउथ कोरिया, ब्राजील और कनाडा समेत 62 देशों ने समर्थन किया है. हालांकि, इसमें चीन या वुहान शहर का जिक्र नहीं है. चीन के वुहान शहर में ही कोरोना का पहला मामला सामने आया था.

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9 महीने की गर्भवती को भी नही छोड़ा ,याद रहेगी सरकार की निरंकुशता की यह कहानी

विश्वपति वर्मा.

एयर कंडीशनर कमरे बैठ कर देश को विश्वगुरु बनाने वाले नेता बाहर निकल कर देखें कि देश के आम नागरिकों को किन किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।मेट्रो शहरों से देश का मजदूर तबका अपने घरों को जाने के लिए पैदल निकल रहा है ,कोई बुजुर्ग मां को कंधे पर बैठाया है तो गर्भवती पत्नी को कोई मासूम बच्चों को कांवर में बैठाकर ले जा रहा है तो कोई मां अपने बच्चे को ट्राली बैग पर सुला कर ले जाते हुए दिखाई दे रही है।यहां तक कि सबसे विचलित करने वाली तस्वीर भी दिखाई देती है जहां पर 9 महीने की गर्भवती महिला जो मां बनने के अंतिम दौर में है इस निरंकुश सरकार ने उसे भी नही छोड़ा और उसे ट्रकों पर लदकर और पैदल यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। बेहतर होता कि महिला को उसके गंतव्य तक छोड़ने के लिए शासन प्रशासन को ठोस इंतजाम करना चाहिए था।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा कहते हैं कि जो काम कांग्रेस सरकार ने 70 सालों में नही कर पाई वह काम भारतीय जनता पार्टी ने 6 सालों में करके दिखाया है, संबित पात्रा की बातें भी सच साबित हो रही हैं ,सच यही है कि जो काम कांग्रेस ने 70 वर्षों में नही किया वह भाजपा ने 6 सालों में कर दिया।
देश के एक बड़ी आबादी जो अंतिम वर्ग से आता है उसे पहले नोटबन्दी के बाद लाइनों में लगवाया ,बिना रणनीति के जीएसटी लागू कर धंधा चौपट करवाया ,21 वीं सदी के वैज्ञानिक युग में ताली ,थाली ,लोटा ,पिटवाया जानवरों का मल और मूत्र पिलवाया और फिर कोरोना वायरस से निपटने के लिए नाकाम तैयारियों के बीच तालाबंदी कर गरीब ,मजदूर एवं असहाय लोगों को हजारों हजार किलोमीटर तक पैदल दौड़ाया,देश के संसाधनों को बेंच कर सरकारी एकाधिकार खत्म किया , जब शिक्षा का अलख जगाना था तब धर्म के नाम पर जनता को गुमराह किया ,आदर्श ग्राम पंचायत और स्मार्ट सिटी  बनाने के नाम पर देशवासियों से झूठ बोला ,रोजगार के क्षेत्र को चौपट कर लोगों की नौकरियों को छीना ऐसे ही न जाने कितनी योजनाओं और कार्यों के नाम पर भोली भाली जनता को ठगने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया तो यह बात सच ही है कि जो काम भाजपा ने किया वह कांग्रेस नही कर पाई।
इतिहास के पन्नों में यह बात तो दर्ज ही होना है कि जब देश का मजदूर और गरीब आदमी 1000 -500 रुपये रुपये के नोट को बदलवाने के लिए लाइनों में लगा था तब वीवीआईपी लोगों ने बैंक और सरकार से सम्बंध स्थापित कर अपने काले धन को सफेद कर नोटबन्दी की नियति को ध्वस्त कर दिया ,जब देश भर में लॉकडाउन था लोग अपने घरों के लिए पैदल निकल रहे थे, ट्रकों और मिक्सर मशीन में भर कर यात्रा कर रहे थे तब साधन संपन्न लोग हवाई जहाज और सरकारी बसों में यात्रा कर अपने घरों को पहुंच रहे थे ,आखिर यह सरकार की निरंकुशता नही है तो और क्या है .सोचिए और विचार कीजिये।

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रविवार, 17 मई 2020

15 वर्ष की उम्र समाजसेवा की ललक ,कल्लू नेता ने वितरित किया मास्क

केoसीoश्रीवास्तव

समाज सेवा का जनून हो तो उम्र और संसाधन के कमी की समस्या चुनौती नही देती .अमरौली शुमाली निवासी पवन कुमार मोदनवाल उर्फ कल्लू ने आज अमरौली शुमाली में सड़क पर बिना मुह ढके निकलने वाले लोगों को मास्क देकर यह संदेश दिया है।
कल्लू 15 वर्ष का हमेशा नेताओं के बीच रहना ,उनके साथ टहलना घूमना ,उनके साथ फोटो लगाना ,फेसबुक पर जन्मदिन और अन्य कार्यक्रमों की तस्वीर को अपडेट करना इत्यादि शौक है लेकिन आज लोगों में मास्क वितरित कर कल्लू ने यह संदेश दिया कि यह केवल शौक ही नही बल्कि सेवा का जनून भी है।
बता दें कि कल्लू मूलरूप से भानपुर तहसील के अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत के करीम नगर के निवासी हैं।

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मजदूरों के साथ यूपी सरकार की बर्बरता ,घर लौट रहे हजारों लोगों को गाजियाबाद में किया कैद

विश्वपति वर्मा.

आज सुबह से देश के अलग अलग हिस्सों से 17 फोन कॉल आये ,कॉल करने वाले अधिकतर लोग दूसरे प्रदेशों और अन्य शहरों में कमाने गए हुए थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से जहां तहां लोग फंस गए ,कोई व्यवस्था नही ,कोई रियायत नही न ही इन लोगों के लिए कोई सुबिधा है ।
कामकाजी लोग अपने घर पहुंचना चाहते हैं लेकिन न तो सरकार के पास उन्हें घर पहुंचाने की व्यवस्था है और न ही नियति. महाराष्ट्र ,दिल्ली और यूपी के गाजियाबाद ,मेरठ ,नोयडा,लखनऊ  और कौशाम्बी से लोगों ने फोन किया उत्तर प्रदेश सरकार में हो रहे बर्बरता को लोगों ने बताया ,1000 से अधिक लोगों को एक मैरिज हाल में ठूंस कर भर दिया गया, सैकड़ो लोगों को मॉल में भर दिया गया न वहां भोजन की व्यवस्था है न पानी की व्यवस्था है न जांच हो रही है और न ही इन्हें इनके घर भेजने की कोई योजना है ,बस निरंकुश राजा ने आदेश क्या दिया कि प्रवासी लोगों को राजधानी लखनऊ और प्रदेश की सीमाओं पर जहां तहां रोक दिया गया आखिर यह कैसा न्याय हो रहा है।
 यह तस्वीर यूपी के गाजियाबाद से सुरेंद्र कुमार ने भेजी है हजारों की संख्या में ये लोग उत्तर प्रदेश के अलग अलग शहरों और अन्य प्रदेश में जा रहे थे लेकिन योगी आदित्यनाथ के एक आदेश के बाद इन्हें कैद कर लिया गया आखिर सरकार क्या चाहती है? क्या इस बीमारी जड़ ये बेचारे गरीब मजबूर हैं? शायद सरकार अपनी नाकामियों को छुपा कर इन बेचारे मजदूरों के ऊपर कहर बरपा रही है लोग घर जाना चाहते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं है।

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बस्ती में फिर मिले एक साथ4 कोरोना पॉजिटिव मरीज

 जनपद में चार और कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जिससे बस्ती जनपद में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 52 हो गई है,  जिसमे से 29 पॉजिटिव मरीज हैं । उक्त जानकारी देते हुए जिला अधिकारी आशुतोष निरंजन ने बताया है कि पॉजिटिव मिले  चारो व्यक्ति प्रवासी मजदूर हैं जो कि  पिछले दिनों महाराष्ट्र से आए हैं। 
बताते चलें कि जनपद में अब तक कुल 52 कोरोना संक्रमित मिले हैं, जिसमे से 1 की मृत्यु हो चुकी है तथा 22 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं, तथा 29 पॉजिटिव मरीज अस्पताल नें भर्ती हैं जिनका इलाज चल रहा है।



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झूठे सपने दिखाने में माहिर हैं पीएम मोदी, ठगी जा रही है देश की बड़ी आबादी

विश्वपति वर्मा-

आरएसएस कार्यालय में झाड़ू पोछा लगाने वाले नरेंद्र दामोदर दास मोदी जब देश के प्रधानमंत्री हो जाते हैं तो वें इस बात को भूल जाते हैं कि अंतिम पंक्ति में जीवन यापन करने वाली देश की एक बड़ी आबादी बदसे बदतर जिंदगी जीने को मजबूर है।

निश्चित रूप से नरेंद्र मोदी मध्यम वर्गीय परिवार से आते थे फिलहाल गरीब नही कहा जा सकता उसके बाद भी इन्होंने कभी भी गरीब ,शोषित और वंचित वर्ग के लिए ईमानदारी से काम नही किया चाहे गुजरात मे मुख्यमंत्री रहे हों या फिर देश के प्रधानमंत्री।
हाँ पीएम मोदी में एक अच्छी खाशियत यह है कि ये भाषण बहुत अच्छा देते हैं ,बड़े बड़े झूठ को सपनों में बदल देते हैं ,गरीबों ,मजदूरों को अपनी बिरादरी (यानी खुद को गरीब बता कर) अपने पाले में कर लेते हैं , लेकिन सच तो यह है कि पीएम मोदी नही चाहते कि देश का गरीब आदमी गरीबी से थोड़ा भी ऊपर उठ सके।

यदि पीएम मोदी को गरीबों की चिंता होती तो स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में ठोस कदम उठाया जाता ,आज देश की एक बड़ी आबादी उचित और न्यायसंगत शिक्षा और चिकित्सा की सेवा पाने से वंचित है इस पर काम किया जाता,देश की बड़ी आबादी ज्ञान ,विज्ञान ,राजनीति और समाज से जुड़ी हुई खबरों से बेखबर है उन्हें इन सब के करीब लाया जाता ,देश की एक बड़ी आबादी बड़े बड़े शहरों में हांड़तोड़ मेहनत करके भी वाजिब दाम नही पा रही है उन्हें उनके मेहनत के हिसाब से मूल्य दिया जाता ,46 फीसदी महिलाओं में खून की कमी है उससे निपटने के लिए पोषण की योजना ईमानदारी से लागू किया जाता,22 करोड़ लोग भुखमरी के शिकार हैं अन्नदाता के देश में उन्हें न्याय दिया जाता ,लोगों मे नैतिकता का अलख जागता इसके लिए नई सभ्यता का विकास किया जाता लेकिन अंधेर नगरी चौपट राजा का शासन चल रहा है जहां केवल झूठ और जुमला का प्रचार हो रहा है।

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