रविवार, 28 मई 2023

बस्ती-शैलेश सिंह ने सोनहा में किया कार्यभार ग्रहण

तहकीकात समाचार

सोनहा/बस्ती- सोनहा थाना के नये थानाध्यक्ष के रूप में एसएचओ शैलेश सिंह ने पदभार ग्रहण किया। पदभार ग्रहण के बाद थाने के सभी पुलिसकर्मियों से औपचारिक जान-पहचान की। उसके बाद उन्होंने थाने का जायजा लिया। नए थानाध्यक्ष ने थाना क्षेत्र की जानकारी हासिल कर महत्वपूर्ण समस्याओं पर चर्चा करते हुए थाने में पदस्थापित पदाधिकारी व पुलिस बल के साथ बैठक कर विचार विमर्श करते हुए निर्देशित किया कि क्षेत्र में प्रतिबंधित पेड़ों का कटान किसी भी सूरत में न हो ।
हरैया थानाध्यक्ष के पद पर योगदान देने के बाद सोनहा थाना अध्यक्ष शैलेश सिंह ने कहा कि क्षेत्र में अपराध नियंत्रण, विधि व्यवस्था एवं जनसंवाद बहाल करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शांति स्थापित करना, अपराध पर पूरी तरह लगाम लगाना व पुलिस और पब्लिक के बीच अच्छा संबंध स्थापित करना होगा। उन्होंने इसके लिए क्षेत्र के लोगों को भी पुलिस को मदद करने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में अशांति फैलाने वाले बख्शे नहीं जाएगें

प्रभारी निरीक्षक ने कहा कि अशांति फैलाने वाले  लोगों तथा अपराधिक तत्वों के लोगों पर कड़ी निगरानी करते हुए कार्रवाई करना मेरी पहली प्राथमिकता है।

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बाबूराम वर्मा



यशःकायी बाबूराम वर्मा

यशः काई बाबूराम वर्मा का जन्म सन् 1930 में बस्ती जनपद के सल्टौवा ब्लाक अन्तर्गत अमरौली सुमाली (बरहपुर में हुआ था। इनके पिता का नाम स्व0 रामनरेश चौधरी था । वे अपनी शिक्षा प्राप्त करने के बाद समाज में अशिक्षितों की संख्या को देखते हुए अधिक से अधिक लोगों को शिक्षित करने का संकल्प लिया जिसके परिणाम स्वरूप प्राइमरी स्कूल के अध्यापक के रूप में समाज सेवा प्रारम्भ किया । किन्तु कुछ ही दिनों बाद पिछड़े गरीबों तथा मजलूमों के दुदर्शा को देखकर उन्होंने इसके विरुद्ध संघर्ष करने का मन बनाया और 1957 में प्राइमरी के अध्यापक पद से त्याग-पत्र देकर रारजनीति की शुरूआत किया। उनके मन में सामाजिक गैर बराबरी की व्यवस्था खटकती रही। उन्होंने सामाजिक परिवर्तन के लिए संघर्ष' किया ।

उस समय वे पिछड़े वर्ग (कुर्मी समाज) के अकेले ऐसे नेता थे जो तमाम अपमान और कष्ट सहकर भी पिछड़े दलितों के आवाज को बुलन्द किया। सन् 1975 में इमरजेन्सी के दौरान वे छब्बीस महीने जेल में रहे । सन् 1977 में राम नगर विधान सभा क्षेत्र से जनता पार्टी के टिकट पर भारी बहुमत से विधायक चुने गये । वे बीसों वर्ष तक अपने ग्रामसभा के प्रधान भी रहे। सन् 1993 में वे दुबारा समाजवादी पार्टी से विधायक चुने गये । उनका पूरा जीवन दलितों, पिछड़ों के हक और सम्मान की लड़ाई के लिए समर्पित रहे । उनका चलते फिरते ही 23 नवम्बर 1997 निधन हो गया और बस्ती के लाखों लोग उनके अनुयायी शोक में डूब गये ।

-प्रेम चन्द्र'

Bkd 

यूपी-ग्राम प्रधान की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या ,पहले पैर छू कर लिया आशीर्वाद

उत्तर प्रदेश के गोंडा (Gonda) में ग्राम प्रधान (Gram Pradhan Killed) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या का कारण जमीन विवाद बताया जा रहा है। गोली लगने के बाद ग्राम प्रधान को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया गया कि हत्या से पहले आरोपी ग्राम प्रधान के बगल में बैठा। उनके पैर छूए और गोली मारकर फरार हो गया। प्रधान की मौत के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उन्होंने पोस्टमॉर्टम रोक जमकर हंगामा किया। बाद में भारी पुलिस फोर्स के साथ मैजिस्ट्रेट ने उन्हें समझाया-बुझाया। तब जाकर मामला शांत हुआ। मामले के मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हत्या में प्रयुक्त असलहा भी बरामद कर लिया गया है। यह मामला गुरुवार की है।
पैर छुआ, फिर मार दी गोली

गोंडा के तरबगंज इलाके के परियावां गांव के प्रधान भूपेश मणि शुक्ल की एक व्यक्ति के साथ जमीन विवाद को लेकर बहस हो गई। जिसके बाद चौराहे पर ही गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। हत्यारे ने उन्हें मारने से पहले उनके पैर भी छुए थे। गोली लगने के बाद घायल ग्राम प्रधान को तत्काल अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उनकी जान जा चुकी थी। पुलिस ने इसके बाद शव को कब्जे में ले लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

हालांकि, ग्रामीणों ने प्रधान का पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया और जमकर हंगामा किया। सूचना मिली को पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। मजिस्ट्रेट ने भी वहां पहुंचकर लोगों को समझाने की कोशिश की। इसके बाद मामला शांत हुआ और प्रधान का पोस्टमॉर्टम हो सका ।दिनदहाड़े ग्राम प्रधान की हत्या से इलाके में सनसनी फैल गई है।

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गुरुवार, 25 मई 2023

बस्ती-वर्षों से उपेक्षित ग्राम पंचायत पुरैना में प्रधान ने तैयार किया बुनियादी सुविधाओं का ढांचा

लेख-सौरभ वीपी वर्मा / फोटो-कुलदीप चौधरी
समीक्षात्मक रिपोर्ट

बस्ती- आजादी के 7 दशक बाद भी भारत के कई सारे गांव ऐसे हैं जहां बुनियादी सुविधाओं का ढांचा आज तक तैयार नही हो पाया जिसके चलते गांव में आवागमन एवं पानी निकासी की मूलभूत आवश्यकताओं से जनता आज भी उपेक्षित है। लेकिन काम करने की इच्छाशक्ति हो तो गांव को समग्र एवं समेकित विकास के क्षेत्र में अव्वल दर्जे का स्थान दिया जा सकता है।

आज हम बात कर रहे हैं बस्ती जनपद के सल्टौआ विकास खण्ड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पुरैना की जहां वर्षों से जनप्रतिनिधियों द्वारा गांव को उपेक्षित रखा गया लेकिन ग्राम प्रधान तबस्सुम एवं उनके पति अली हुसैन द्वारा किये गए उत्कृष्ट कार्यों की वजह से गंदगी एवं बदहाली की ढेर पर टिके पुरैना ग्राम पंचायत को 2 वर्षों में नई दिशा मिली है। 
जिला मुख्यालय बस्ती से बस्ती-बाँसी मार्ग पर 14 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग 233 के किनारे बसे इस गांव में करीब 5000 की आबादी निवास करती है , इस गांव के लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या नाली एवं सड़क की थी जिसके कारण गांव में जल जमाव ,एवं उबड़ खाबड़ जलमग्न सड़कों के बीच लोगों को रहने और आने जाने के लिए मजबूर होना पड़ता था । 
इन्ही बदहालियों के बीच वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनाव में जनता ने तबस्सुम के ऊपर भरोसा जताया एवं गांव का प्रधान बना दिया  ,चुनाव जीतने के बाद ग्राम प्रधान तबस्सुम एवं उनके पति अली हुसैन ने गांव की बुनियादी सुविधाओं का जाल बिछाने के लिए खाका तैयार किया । 
प्रधानपति अली हुसैन ने बताया कि गांव की सबसे बड़ी समस्या सड़क एवं पानी निकासी की थी इस लिए सबसे पहले हमने गांव के प्रत्येक प्रमुख सड़कों को बनाने का काम किया जिसमें करीब 800 मीटर आरसीसी एवं इंटरलॉकिंग निर्माण कर गांव में व्यवस्थित आवागमन की व्यवस्था की गई उसके बाद दूसरी सबसे बड़ी समस्या पानी निकासी की थी जिसके लिए करीब 600 मीटर नाली बनाकर जल निकासी की व्यवस्था बनाई गई । 
अली हुसैन ने बताया कि गांव का बजट छोटा होने की वजह से सड़कों और नालियों का जो काम होना चाहिए वह अभी बाकी है ,उन्होंने बताया कि गांव में अभी 2500 मीटर की सड़क एवं करीब 2000 मीटर की नाली के निर्माण की जरूरत है जिससे गांव के प्रत्येक गलियों में साफ सुथरे सड़क एवं जल निकासी की ठोस व्यवस्था हो जाएगी।
अली हुसैन ने बताया कि गांव में घनी आबादी होने के नाते यहां कूड़ा करकट के फैलने की विकट समस्या थी ,उसके लिए गांव में कई जगहों पर कूड़ा एकत्रित करने के लिए ठोस व्यवस्था का इंतजाम किया गया  ,जिससे गांव स्वच्छता की दिशा में भी अग्रसर हुआ है।उन्होंने कहा कि प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए ग्राम पंचायत में योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है  अगर अतिरिक्त धन मिलेगा तो गांव को समग्र एवं समृद्धि बनाने के लिए ईमानदार प्रयास किया जाएगा।
                   प्रधानपति अली हुसैन
ग्राम पंचायत अधिकारी शालिनी त्रिपाठी ने बताया कि गांव में मूल भूत आवश्यकता को ध्यान में रखकर सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं को क्रमबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है उन्होंने कहा कि गांव को बेहतर बनाने के लिए शासन के नीतियों का पालन किया जा रहा है एवं ग्रामवासियों का सहयोग भी मिल रहा है।


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सोमवार, 22 मई 2023

जवानों के शवों पर लड़ा गया 2019 लोकसभा चुनाव ,जांच होती तो कई लोगों को होता जेल-सत्यपाल मलिक

अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने पुलवामा हमले के मुद्दे पर कहा है कि 2019 का लोकसभा चुनाव सैनिकों के शवों पर लड़ा गया था. अगर मामले की जांच हुई होती तो तत्कालीन गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ता. मलिक ने दावा किया है कि उन्होंने घटना के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमले के बारे में बताया था, लेकिन पीएम ने उन्हें चुप रहने के लिए कहा.
सत्यपाल मलिक ने राजस्थान के अलवर जिले के बानसूर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 'चुनाव (लोकसभा 2019) हमारे जवानों के शवों पर लड़ा गया और कोई जांच नहीं हुई. अगर जांच हुई होती तो तत्कालीन गृह मंत्री (राजनाथ सिंह) को इस्तीफा देना पड़ता. कई अधिकारी जेल भी जाते और एक बड़ा विवाद होता. 

उन्होंने कहा 14 फरवरी 2019 को जब हमला हुआ था तब पीएम मोदी जिम कार्बेट नेशनल पार्क में शूटिंग कर रहे थे ,उन्होंने बाहर आकर हमारे पास फोन किया तब हमने कहा हमारे जवान मारे गए हैं इसमें हमारी ही गलती है , तब पीएम मोदी ने हमे चुप रहने को कहा ।


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रविवार, 21 मई 2023

जेई अभ्यर्थियों ने विधायक पल्लवी पटेल को सौंपा ज्ञापन ,आयोग से परिणाम जारी करने की मांग

लखनऊ- उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की अवर अभियन्ता के पदों पर भर्ती के लिए आयोजित की गयी परीक्षा का परिणाम जारी करने के लिए डिप्लोमाधारी आवेदक 26 नवम्बर 2022 से लगातार इको गार्डन मे धरना दे रहे हैं परन्तु अभी तक इन अभ्यर्थियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है क्योंकि इनका रिजल्ट अभी आयोग ने जारी नहीं किया है। 
ये डिप्लोमा अभ्यर्थी आयोग, शासन-प्रशासन, सत्ता पक्ष- विपक्ष हर जगह अपनी गुहार लगाते फिर रहे हैं, परन्तु इनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। इसी कड़ी में शनिवार को जेई अभ्यर्थी अपना दल की वर्तमान विधायक पल्लवी पटेल को ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा से अवगत कराया। जिस पर डा.पल्लवी पटेल ने इन अभ्यर्थियों को जल्द न्याय दिलाने की बात कही। 

आयोग ने वर्ष 2018 में 1477 पदों के लिए अवर अभियंताओं की भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। इसके लिए 16 अप्रैल 2022 को परीक्षा भी हो गयी है। इसमें प्रदेश भर के 1.20 लाख से अधिक युवाओं ने आवेदन किया था, जबकि लगभग 65 हजार परीक्षा में शामिल हुए थे।डिप्लोमाधारी आवेदक उज्ज्वल वर्मा ,पंकज पटेल, गौरव दीक्षित , सुमित पटेल, अमन वर्मा , राकेश यादव, अर्जेश कुमार, हर्षित सिंह, सुनील त्रिपाठी सहित कई अभ्यर्थी परिणाम जारी करने के लिए कई बार उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के चक्कर काट चुके हैं।

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शनिवार, 20 मई 2023

रुधौली के पूर्व विधायक समेत 7 लोगों को 20 साल पुराने मामले में 3-3 साल की सजा

बस्ती। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी एमएलए कोर्ट अर्पिता यादव ने 2003 में हुए एमएलसी के चुनाव की मतगणना में व्यवधान उत्पन्न करने के मामले में एमएलसी प्रत्याशी कंचना सिंह व पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल सहित सात लोगों को दोषी मानते हुए 3 वर्ष की सजा सुनाई है।

प्रत्येक को 4500 अर्थदंड से भी दंडित किया है अर्थदंड ना देने पर 2 माह 10 दिन की अतिरिक्त सजा का भुगतनी पड़ेगी ।
न्यायालय में शासकीय अधिवक्ता देवानंद सिंह वा रश्मि त्रिपाठी ने घटनाक्रम की जानकारी प्रस्तुत की कहा कि एमएलसी का चुनाव वर्ष 2003 में होने के बाद 3 दिसंबर 2003 को शहर के तहसील भवन में मतगणना हो रही थी समय करीब 3:45 बजे प्रत्याशी कंचना सिंह व उनके पति आदित्य विक्रम सिंह निवासी अठदमा थाना रुधौली संजय जायसवाल पूर्व विधायक निवासी पांडे बाजार बस्ती थाना पुरानी बस्ती मोहम्मद इरफान निवासी डुमरियागंज थाना डुमरियागंज जिला सिद्धार्थ नगर अशोक सिंह निवासी ग्राम पडरी थाना रुधौली बृजभूषण सिंह पूर्व प्रमुख निवासी ग्राम पिपरा संसारपुर थाना वाल्टरगंज महेश सिंह पूर्व प्रमुख निवासी ग्राम डुहवा थाना गौर त्र्यंबक पाठक पूर्व प्रमुख निवासी ग्राम तक्की पुर थाना परसरामपुर 30/40 समर्थकों के साथ मतगणना स्थल पर पहुंचे मतगणना में व्यवधान किया 50 मतपत्र भी उठा ले गए ड्यूटी पर तैनात सी ओ ओम प्रकाश सिंह से भी कहासुनी की ए आर ओ की शिकायत पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ 10 गवाह प्रस्तुत किए गए गवाहों ने घटना का समर्थन किया दोनों पक्ष की सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने 7 आरोपितों को दोषी मानते हुए दंडित किया है आरोपित बृजभूषण सिंह की मुकदमे के दौरान मौत हो गई है

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जेल से मनीष का खत....अगर पढ़ गया हर गरीब का बच्चा, तो चौथी पास राजा का राजमहल हिल जाएगा

दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद से दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) तिहाड़ जेल में बंद हैं. इस बीच उनका एक तहलका मचाने वाला लैटर सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से उसे शेयर किया है. इस पत्र में सिसोदिया ने कवित के माध्यम से केंद्र सरकार प हमला बोला है. उन्होंने कहा अगर लोक कल्याणकारी और जन हितैषी योजनाओं पर अमल हुआ तो चौथी पास राजा का राजमहल हिल जाएगा.
अगर पढ़ गया हर गरीब का बच्चा, तो चौथी पास राजा का राजमहल हिल जाएगा.... पूरा कविता नीचे पढ़ें।

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अयोध्या के संत ने कहा धीरेंद्र शास्त्री बेवकूफ बनाने वाली बातें बंद करें ,नही जब भंडाफोड़ होगा तो ...

अयोध्या के तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर के बड़ा बयान दिया है.परमहंस दास ने कहा कि हम वहां पर गए थे और लोग हमारे पास दौड़ करके आए और कहे कि 6 महीने से आ रहा हूं पेसी लगा रहा हूं कोई आराम नहीं हो रहा है.
उन्होंने कहा कि लोगों को गुमराह ना करें. अगर वह चमत्कार जानते हैं, तो जमीन से सोना और चांदी निकाल करके दिखाएं और लोगों में बांटे । उन्होंने कहा कि जो लोग आपके पास आ रहे है. नौकरी के लिए पेसी लगाने उनसे भी आप चंदा ले ले रहे है किसी को कोई भी लाभ नहीं हो रहा है ,यह केवल भ्रम में डालने वाला काम है।

जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि यह बेवकूफ बनाने वाली बातें बंद कर देना चाहिए क्योंकि इस तरह के कार्यों का जब भंडाफोड़ होता है तो लोगों को श्रद्धा से विश्वास उठ जाता है. वहां जो भीड़ जाती है सभी का पर्चा नहीं बनता है सिर्फ 10 से 5 लोगों का पर्चा बनता है. इसी से ही लोगों को समझ लेना चाहिए हर किसी का पर्चा नहीं बनता है, क्योंकि यह दावा करना कि उनके यहां पर जो लोग आएंगे उनकी नौकरी लग जाएगी उनकी बीमारियां दूर हो जाएंगी यह गलत है.

वहीं उन्होंने कहा कि इस तरह की भाषा उनको नहीं बोलना चाहिए और जो वह कहते हैं कि मेरे पागलों जो सभी को इस तरह की बात बोलते हैं, यह अमर्यादित शब्द है. मैं उनके अच्छे कार्यों का समर्थन करता हूं लेकिन भूत प्रेत झाड़ना यह साधुओं का काम नहीं है, यह ओझा का काम है. क्योंकि जो भूतों की पूजा करते हैं, वह भूत को ही प्राप्त होते हैं यह तामसी कार्य है इसलिए जो है मैं पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का विरोध नहीं कर रहा हूं लेकिन उनके गलत कार्यों का उनके गलत शब्दों का उनके गलत नीतियों का मैं विरोध करता हूं. अगर ऐसा होता तो बड़े-बड़े जो साधु संत हॉस्पिटल जा रहे हैं आप उनको ठीक कर दीजिए.

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शुक्रवार, 19 मई 2023

भ्रष्टाचार की शिकायत में सही पाए गए आरोप, IAS अमित मोहन और प्रांजल यादव के खिलाफ जांच शुरू

लखनऊ : यूपी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) के निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद IAS अफसर अमित मोहन प्रसाद और प्रांजल यादव के खिलाफ लोकायुक्त ने विस्तृत जांच शुरू कर दी है। दोनों पर फायर फाइटिंग सिस्टम और बिजली के काम बिना मानकों का पालन किए अलॉट करने का आरोप है। इसकी शिकायत पर उपलोकायुक्त दिनेश कुमार सिंह ने मामले में प्राथमिक जांच की थी। इसमकें गड़बड़ी के साक्ष्य मिलने पर विस्तृत जांच शुरू की गई है। जांच के दायरे में तीन और अफसर भी आ रहे हैं। उपलोकायुक्त ने इन सभी से प्राथमिक जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर शपथ पत्र के साथ बिंदुवार जवाब मांगा है।
             Amit mohan ,pranjal yadav
लखनऊ के महेश चंद्र श्रीवास्तव ने साल 2021 में लोकायुक्त के यहां सीएचसी के निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि निर्माण का काम चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड को दिया था। सहकारी संघ में कई साल से मुख्य अभियंता (विद्युत) का पद खाली होने के बावजूद बिजली के काम के टेंडर निकाले गए। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अफसरों के इशारे पर उनकी चहेती फर्मों को काम दे दिया गया। यह भी आरोप है कि फायर फाइटिंग का काम उन कंपनियों को दे दिया गया, उन्हें इसका कोई अनुभव नहीं था।

अमित मोहन प्रसाद

  • चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में अपर मुख्य सचिव के पद पर तैनात थे। अभी अपर मुख्य सचिव MSME हैं।

प्रांजल यादव

  • चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में सचिव के पद पर तैनात थे। अभी सचिव MSME हैं।
  • स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन संयुक्त सचिव प्राणेश चंद्र शुक्ला, अपर निदेशक (विद्युत) डीके सिंह और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अनुभाग छह के अनुभाग अधिकारी चंदन कुमार रावत भी जांच के दायरे में।
  • जांच का दायरा बढ़ने पर कार्यदायी संस्था उत्तर राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड के अफसर भी रेडार पर आएंगे।
उप लोकायुक्त की प्राथमिक जांच में भ्रष्टाचार के तमाम आरोप सही पाए गए हैं। आरोपित अफसरों से जवाब मांगा गया है।
- अनिल कुमार सिंह, लोकायुक्त सचिव

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बुधवार, 17 मई 2023

बस्ती-कहीं मौत का कारण न बन जाये चौराघाट एप्रोच का कटान

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- जनपद के भानपुर तहसील क्षेत्र के करीमनगर टिनिच मार्ग पर चौराघाट के निकट पुल से उतरते ही मिट्टी और गिट्टी के भारी कटान के चलते कई बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं जिसकी वजह से यहां दुर्घटना की संभावना ज्यादा बढ़ गई है ।
बता दें कि इस मार्ग से सैकड़ो छोटी बड़ी गाड़ियों के साथ हजारों की संख्या में लोग यात्रा करते हैं लेकिन पुल के उत्तरी छोर पर मिट्टी का कटान होने से सड़क के नीचे भी गड्ढा हो चुका है जो अनजान लोगों के लिए मौत का कारण बन सकता है ।

ऐसी स्थिति में यदि इस सड़क से किसी बड़ी गाड़ी का आवागमन होता है तो बीच सड़क के नीचे हुए कटान की वजह से सड़क धंस सकता है और आवागमन बाधित हो सकता है ।

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मंगलवार, 16 मई 2023

हरिशंकर तिवारी ने अपने साम्राज्य और समर्थकों को छोड़कर पूर्वांचल को कहा अलविदा

यूपी- पूर्वांचल के बाहुबली नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री रह चुके हरिशंकर तिवारी का आज शाम निधन हो गया. जानकारी के मुताबिक जिस गोरखपुर से उनके बाहुबल की शुरुआत हुई, उसी गोरखपुर स्थित उनके घर पर उन्होंने अंतिम सांस ली. उत्तर प्रदेश की राजनीति और बाहुबलियों के अध्याय में हरिशंकर तिवारी एक चर्चित नाम और अध्याय रहे हैं ।
70 के दशक में गोरखपुर यूनिवर्सिटी से जिस बाहुबल का आगाज उन्होंने किया उसको विस्तार कॉलेज से निकलने के बाद सरकारी ठेकों में मिला. इसी दौरान हरिशंकर तिवारी ने चुनाव भी लड़ा.

अपराध के कारोबार में संलिप्त रहने के बाद भी गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी की छवि रॉबिनहुड वाली रही. शायद यही कारण था कि वो 1985 में चिल्लूपार की विधानसभा सीट से चुनाव जीते और विधायक बने. ये वाकया इसलिए भी महत्वपूर्ण बन जाता है, क्योंकि हरिशंकर तिवारी ने ये चुनाव जेल की सलाखों के पीछे से लड़ा था वो भी निर्दलीय. बाद में इसी सीट से वो कुल 6 बार चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे और मंत्री भी बने ,आज शाम मंगलवार को हरिशंकर तिवारी ने अपने साम्राज्य और समर्थकों को छोड़कर दुनिया को अलविदा कह गए। 



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रविवार, 14 मई 2023

नगर पालिका बस्ती से सपा की नेहा वर्मा ने बीजेपी प्रत्याशी को हराया

बस्ती नगर पालिका परिषद अध्यक्ष की सीट पर सपा प्रत्याशी नेहा वर्मा ने धमाकेदार जीत दर्ज की। उन्होंने दस वर्षो से सत्ता का‌बिज भाजपा को 11472 मतों के अंतर हराया ।नेहा वर्मा को 27128 मत प्राप्त हुआ वहीं भाजपा की सीमा खरे को 15656 वोट प्राप्त हुआ।

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सोमवार, 8 मई 2023

बस्ती- करोड़ो रुपया खर्च होने के बाद ग्रामीणों को नसीब नही हुआ एक बूंद पानी

सौरभ वीपी वर्मा

भानपुर/ बस्ती - इंसेफेलाइटिस व अन्य जलजनित बीमारियों के रोकथाम के लिए वर्ष 2013 -14 में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए टीटीएसपी (टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट) योजना लागू हुई थी इसके तहत भानपुर तहसील क्षेत्र के सल्टौआ गोपालपुर विकास खंड के 27 ग्राम पंचायतों में टीटीएसपी का निर्माण हुआ था लेकिन निरंकुशता और भ्रष्टाचार के चलते गांव के लोगों को एक कटोरी पानी नसीब नहीं हुआ और करोड़ो रूपये की लागत से बनी योजना ध्वस्त हो गई ।
टीटीएसपी का निर्माण वर्ष 2013-14 में जनपद के लगभग 400 इंसेफेलाइटिस प्रभावित ग्रामपंचायतों में हुआ था जिसमे से सल्टौआ ब्लॉक के 27 ग्राम पंचायतों में भी इसका निर्माण हुआ था लेकिन घटिया निर्माण एवं एवं देखरेख की अभाव में विकास खंड के 27 ग्राम पंचायतों में बने टीटीएसपी में से 26 ग्राम पंचायतों की योजना बिना प्रयोग के ही धस्वत हो गई वहीं  मात्र एक ग्राम पंचायत सिसवारी में चल रही टीटीएसपी भी रिसाव एवं अन्य कारणों से बंद हो गया जिससे गांव के लोगों को साफ पानी पीने का नसीब नहीं हो पाया।

सल्टौआ ब्लॉक के अमरौली शुमाली, पिटाउट , फेरसम ,कोठिला( अब नगर पंचायत) दसिया ,मनवा ,सेखुई ,सिसवारी ,बसडीला ,जिनवा, सूरतगढ़ , गोरखर , बंगरिया ,बालेडीहा समेत 27 इंसेफेलाइटिस गांवों में इस तरह के पानी की टंकी का निर्माण हुआ था लेकिन साफ पानी पीने के उद्देश्य से लगाये गए टीटीएसपी  बिना चले ही ध्वस्त हो गया और देखते ही देखते वह ढहने के करीब पहुंच गया।

स्वच्छ पेय जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हुआ था टीटीएसपी का निर्माण
विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं भारत सरकार द्वारा भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को दूषित पानी से मुक्ति दिलाने के लिए इस योजना की शुरुआत किया गया था । इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए बस्ती मंडल में सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग उसके बाद जल निगम को इसके देख रेख की जिम्मेदारी सौंपी गई लेकिन जल निगम ने आज तक गांवों में निर्मित पानी टंकियों को देखने और जमीन पर उसके उद्देश्य की पूर्ति को जानने की जहमत नहीं उठाया जिसका परिणाम है कि करोड़ो रूपये की लागत से बने पानी की टंकी से आज तक एक बूंद पानी पीने का नसीब नही हुआ।

टाइल्स के नाम पर डकार लिया गया धन
कई गांव के स्थानीय लोगों द्वारा इसकी शिकायत करने पर जिम्मेदारों की आंख खुली तो पानी टंकी में टाइल्स लगाने की बात कही गई उसके बाद ग्राम पंचायत के सभी 27 गांवों में टीटीएसपी पर टाइल्स लगाने का काम शुरू हुआ लेकिन टाइल्स के नाम पर भी इस योजना में धन को डकार लिया गया क्योंकि न ही टाइल्स लगने के बाद रिसाव बंद हुआ और न ही योजना अपने उद्देश्य की तरफ बढ़ पाया।

दस साल बाद योजना की स्थिति देखने के जो लापरवाही  जिम्मेदार लोगों का दिखाई देता है इससे लगता है कि जनता के धन को बंदरबांट करने एवं बर्बाद करने के सिवा अधिकारियों और स्थानीय जिम्मेदारों के पास न तो कोई  जिम्मेदारी है न ही जवाबदेही।

इस संबंध में उप जिलाधिकारी भानपुर अतुल आनंद से बात हुई तो उन्होंने कहा कि यह योजना स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में था , विभागीय अधिकारियों से वार्ता करने के बाद इसकी जांच करवाई जाएगी और यह पता लगाया जाएगा कि आखिर अभी तक पानी सप्लाई शुरू क्यों नहीं हो पाया है।

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