शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021

मशहूर न्यूज एंकर रोहित सरदाना का निधन एक हप्ते पहले हुए थे कोरोना संक्रमित

मशहूर न्यूज एंकर रोहित सरदाना को शुक्रवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया। रोहित सरदाना कोरोना संक्रमण से भी जूझ रहे थे। इससे पहले उनकी मां भी कोरोना संक्रमित हुई थीं। रोहित वेंटिलेटर पर थे और संक्रमण अधिक बताया जा रहा था। रोहित फिलहाल आज तक न्यूज चैनल में कार्यरत थे। इससे पहले वह लंबे समय तक जी न्यूज का हिस्सा थे। 

लेबल:

गुरुवार, 29 अप्रैल 2021

बस्ती-पंचायत चुनाव में एक सीट से 6 प्रत्याशियों ने किया नामांकन ,मतदान के दिन नही आया मतपत्र

सौरभ वीपी वर्मा

बस्ती- रामनगर ब्लॉक के पटखौली पश्चिम में क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए 6 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था लेकिन आज मतदान के दिन बूथ पर मतपत्र ही नहीं पहुंचा जिसकी वजह से बूथ संख्या 56 पर क्षेत्र पंचायत सदस्य का मतदान नही हो रहा है।

 बूथ पर मतपत्र न पहुंचने से प्रत्याशी काफी परेशान हैं लेकिन उसके बारे में उन्हें दोपहर बाद तक कोई सही जानकारी नही मिल पा रहा है। निराश प्रत्याशी भाग कर जिला मुख्यालय पहुंचे लेकिन वहां से भी कोई ठोस जवाब नही मिला जिसके कारण प्रत्याशी काफी परेशान हैं।


लेबल:

यूपी: पंचायत चुनाव ड्यूटी करने वाले 135 शिक्षकों की मौत, हाईकोर्ट की फटकार, कौन है जिम्मेदार?

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे कोरोना संकट के बीच पंचायत चुनाव ड्यूटी में लगे 135 शिक्षकों की मौत का मामला सामने आया है. शिक्षकों की मौत पर संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. साथ ही हाईकोर्ट ने आयोग से कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान कोविड प्रोटोकॉल्स लागू नहीं करवाने पर आपके और आपके अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए? 

दरअसल, एक हिंदी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 135 शिक्षक, शिक्षा मित्र और अनुदेशकों की मृत्यु हो गई है. इसके अलावा पंचायत चुनाव में प्रथम चरण के प्रशिक्षण से लेकर तीसरे चरण के मतदान तक हजारों शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. सूबे में अभी तक जहां-जहां चुनाव हो चुके हैं वहां कोरोना संक्रमण के मामले कई गुना बढ़े हैं. 


लेबल:

बुधवार, 28 अप्रैल 2021

कोरोना से महिला की मौत ,गांव वालों ने नही होने दिया अंतिम संस्कार,साइकिल पर लाश लेकर घूमता रहा बुजुर्ग

इस देश में किस तरह से इंसानियत शर्मसार होता जा रहा है इसका जीता जागता तस्वीर यूपी के जौनपुर से आया है जहां एक बुजुर्ग व्यक्ति अपनी पत्नी को साइकिल पर लाद कर ले जाते हुए दिखाई दिया है ।

दरअसल जौनपुर में मड़ियाहूं कोतवाली के अम्बरपुर गांव निवासी तिलकधारी सिंह की पत्नी राजकुमारी देवी (55 वर्ष) की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी । उसके बाद उन्हें लाश ले जाने के लिए एम्बुलेंस नही मिल पाया और वह लाश को साइकिल पर लाद कर जैसे तैसे अपने गांव पहुंचे लेकिन गांव वालों ने कोरोना से मरने के नाते महिला का अंतिम संस्कार नही करने दिया और बुजुर्ग व्यक्ति पत्नी के शव को साइकिल पर लेकर घूमता रहा । हालांकि जानकारी प्राप्त हुई है कि पुलिस ने बुजुर्ग की मदद की है।

लेबल:

असम और उत्तर बंगाल में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.4

असम के कई इलाकों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. सुबह करीब 8 बजे आए इन झटकों के बाद लोगों में दहशत है, वह सुरक्षित स्थानों पर जाने के घरों से बाहर निकल आए. भूकंप के ये तेज झटके पूर्वोत्तर के अलावा उत्तर बंगाल के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए हैं. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, बुधवार सुबह तेजपुर के निकट रिक्टर पैमाने पर 6.4 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए. एजेंसी के अनुसार, भूकंप का केंद्र असम के तेजपुर से 43 किलोमीटर पश्चिम में था. भूकंप भारतीय समयानुसार 7:51 AM बजे सतह से 17 किलोमीटर की गहराई में आया.

लेबल:

मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

दारू के दम पर बनाया जा रहा चुनाव जीतने का समीकरण, सरकारी दुकानों पर शराब का भंडार खत्म

विश्वपति वर्मा (सौरभ)
बस्ती- उत्तर प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भावी प्रत्याशी दारू के दम पर जीत का समीकरण बना रहे हैं। यही वजह है कि चुनाव की घोषणा होते ही शराब की खपत भी बढ़ गई है। आबकारी विभाग की माने तो मार्च की इनकम के सापेक्ष अप्रैल महीने में कमाई 50 फीसदी से ज्यादा तक पहुंच गई है। 

बस्ती जनपद में कुल दुकानों की बात करें तो देशी शराब की 187,अंग्रेजी शराब की 64 एवं बियर की 68 दुकान है (मॉडल शॉप )छोड़कर  जिसमे से अधिकांश दुकानों पर शराब का भंडार खत्म हो चुका है वहीं देशी शराब की बात करें तो हप्ते भर से दुकानों पर शराब खत्म हो गया है वहीं जिन दुकानों पर शराब आ भी रहा है वह देखते ही देखते खत्म हो जा रहा है ।

मतदाताओं में शराब की बढ़ती मांग को देखते हुए प्रत्याशियों का जेब भी भारी हो रहा है । देशी शराब न मिलने की वजह से प्रत्याशी देव तुल्य मतदाताओं को अंग्रेजी की खुराक दे रहे हैं लेकिन अंग्रेजी शराब न मिलने की वजह से अब बियर की तरफ भागना पड़ रहा है जिससे भारी खर्चा भी वहन करना पड़ रहा है।

महंगे दामों में बिक रहा शराब
शराब की बढ़ती मांग को देखते हुए शराब व्यापारियों का भी बल्ले बल्ले है , जनपद के कई हिस्सों से जानकारी प्राप्त हुई है कि सरकारी देशी शराब की दुकानों पर 50 रुपये के हिसाब से 2250 रुपये में मिलने वाला देशी शराब का एक पेटी 3200 रुपये तक में बिक्री हुआ है वहीं दुकानों पर शराब न मिलने की वजह से जहां प्रत्याशी उससे भी अधिक दाम में शराब खरीदने के लिए तैयार हैं वहीं नकली शराब की खपत को भी इंकार नही किया जा सकता है।

शराब के शौकीनों के लिए दो दिन तक और चांदी

शराब के शौकीनों की बात करें तो अभी दो दिनों तक और उनका मौज है क्योंकि उत्तर प्रदेश में चौथे और अंतिम चरण का मतदान 29 तारीख को होना है इसे देखते हुए प्रत्याशी किसी भी हालत में अपने वोटरों को नाराज करना नही चाह रहे हैं जिसके लिए 27 और 28 की रात को प्रत्याशी और उनके समर्थक शराब के शौकीन लोगों के पीछे बोतल लेकर घूमते नजर आएंगे।

लेबल:

सोमवार, 26 अप्रैल 2021

कोविड19- चुनाव आयोग के अधिकारियों पर दर्ज होना चाहिए हत्या का आरोप -मद्रास हाईकोर्ट

चेन्नई : देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर जारी है. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच विधानसभा चुनाव कराये जाने को लेकर चुनाव आयोग सवालों के घेरे में है. इस बीच, मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने कोरोना महामारी के दौरान राजनीतिक रैलियों की अनुमति देने के लिए सोमवार को चुनाव आयोग (Election Commission) की कड़ी आलोचना की. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने चुनाव आयोग के वकील से कहा, "आपकी संस्था एकल रूप से COVID -19 की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार है." कोर्ट ने कहा कि यदि मतगणना का "ब्लूप्रिंट" नहीं रखा जाता है तो कोर्ट मतगणना पर रोक लगा देगी.


कोरोना के केस बढ़ने के बीच चुनाव अभियान की मंजूरी देने के लिए कड़ी आलोचना करते हुए मद्रास हाइकोर्ट ने कहा कि "कोविड की दूसरी लहर के लिए अकेले आपकी संस्था (चुनाव आयोग)  जिम्मेदार है और आपके अधिकारियों को संभवतः हत्या के आरोप में बुक किया जाना चाहिए"  

उच्च न्यायालय ने कहा कि कोर्ट के आदेशों के बावजूद चुनाव आयोग चुनाव अभियान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग जैसे कोविड सेफ्टी नियमों को लागू करने में नाकाम रहा. चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी ने सवाल किया, "जब चुनाव रैलियां आयोजित होती थी तो क्या आप दूसरे ग्रह पर होते थे."

हाईकोर्ट ने मतगणना वाले दिन यानी 2 मई को कोविड नियमों को लागू करने की योजना के बारे में भी शुक्रवार तक बताने को कहा है. न्यायालय ने कहा कि इसकी जानकारी नहीं देने पर मतगणना को रोका भी जा सकता है. 

कोर्ट ने कहा, "लोगों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है और संवैधानिक अधिकारियों को इस बात को याद रखना चाहिए." न्यायालय ने कहा कि "कोई नागरिक जब जीवित रहेगा तब ही वह उन अधिकारों का इस्तेमाल कर सकेगा जिसका गारंटी एक लोकतांत्रिक गणराज्य देता है." 

लेबल:

पश्चिम बंगाल में सातवें चरण के लिए मतदान शुरू, ममता बनर्जी समेत 34 सीटों पर वोटिंग

कोलकाता : कोविड-19 की दूसरी लहर और सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के सातवें चरण के तहत राज्य की 34 सीटों पर सोमवार सुबह सात बजे से मतदान आरंभ हो गया, अधिकांश मतदान केंद्रों पर मतादाताओं की लंबी कतारें देखी गई. लोग कोरोना से बचाव के उपायों का पालन करते हुए अपने-अपने मतदान केंद्रों पर अपनी बारी आने का इंतजार करते दिखे. इस चरण में 86 लाख से अधिक मतदाता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गृह निर्वाचन क्षेत्र भवानीपुर सहित 34 सीटों पर 284 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे. 

एक निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव के पूर्व के चरणों में हुई हिंसा के मद्देनजर सातवें चरण के मतदान के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, ज्ञात हो कि चौथे चरण में कूचबिहार में मतदान के दौरान हिंसा हो गई थी जिसमें पांच लोगों मारे गए थे. उन्होंने बताया कि निर्वाचन इकाई ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए इस चरण में केंद्रीय बलों की कम से कम 796 कंपनी तैनात की गई है. 

लेबल:

रविवार, 25 अप्रैल 2021

अगर लोग कोरोना से मर रहे हैं तो हर साल अनेकों बीमारियों से मरने वाले आंकड़े कहाँ गए

विश्वपति वर्मा(सौरभ)

हम प्रकृति के संसाधनों को नष्ट कर जिस तकनीकी दुनिया  की तरफ बढ़ रहे हैं वह हमारे जीवन के लिए कितना खतरा बनता जा रहा है इसका हम जीता जागता उदाहरण देखना शुरू कर दिए हैं , क्या आपको नही लगता कि जिस दौर में महज 2 से 3 फीसदी लोगों  को ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ने पर पूरे देश में हाहाकार मच गया जरा सोचिए इतने बड़े भूभाग पर अगर 25 फीसदी लोगों को ही एक साथ ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ जाए तो क्या होगा ?

निश्चित तौर पर हमे इस बात पर ध्यान देना ही चाहिए कि इतिहास के काल खंडों में यह सबसे बड़ा आपदा काल होगा कि जब इंसान मुफ्त में मिलने वाली चीज़ों को रुपया ,पैसा सोना ,चांदी , गाड़ी आदि का लाभ देकर भी उसे हासिल नही कर पायेगा और अपनी आंखों के सामने अनेकों इंसानों , जानवरों और पक्षियों को दम तोड़ते देख वह बस यही सोच सकेगा कि मेरी बारी भी आने वाली होगी। 

देश के नीति निर्माताओं को इस बात का दुख होता है कि इस देश का किसान अपनी खेतों से धुआं क्यों पैदा कर रहा है , लेकिन वीआईपी से लेकर वीवीआइपी इलाक़ों में सबसे ज्यादा कार्बनडाइऑक्साइड उनके एयरकंडीशनर से निकल रहा है इस बात की चिंता उन्होंने कभी नही की ।
हमे इस बात की चिंता भी करनी चाहिए कि यदि लोग कोरोना से मर रहे हैं तो हर साल अनेकों बीमारियों से मरने वाले आंकड़े कहाँ गए?फिलहाल मौका मिला है कोरोना के नाम पर देश दुनिया के लोगों को डरा दिया जाए क्योंकि अभी तक हमने  इंसानी जिंदगी बचाने वाली संसाधनों की व्यवस्था बहुत सीमित मात्रा में की है। 

लेबल:

शनिवार, 24 अप्रैल 2021

पत्रकारों और लेखकों को 10 हजार महीना देने का प्रावधान तैयार करे सरकार -अरविंद कुमार सिंह

अरविंद कुमार सिंह
वरिष्ठ पत्रकार( राज्य सभा)

चुनाव में राजनेताओं को सबसे अधिक याद आते हैं लेखक, पत्रकार, लोक कलाकार। सरकारें भी उनकी काफी बात करती हैं। लेकिन कोविड-19 के दौरान इनमें से जो लोग स्वतंत्र तौर पर काम करते रहे हैं औऱ जिन पर आश्रित लोगों की संख्या बहुत बड़ी है, क्या किसी ने उनको याद किया। क्या उनकी मदद के लिए कुछ सोचा भी गया है। 
दिल्ली में अपने एक साथी पत्रकार को मैं जानता हूं जो हमारे दिल्ली पत्रकार संघ के अध्यक्ष भी रहे हैं और स्वतंत्र पत्रकारिता से आजीविका चलती थी वे आज बुरी दशा में है। उनकी मदद की फाइल भारत सरकार में झूल रही है। तमाम लोक कलाकारों का कामकाज एक साल से बंद पड़ा है। आनलाइन में कुछ मिलता नहीं है। इन श्रेणियों में जिनको रोजगार मिला था उनमें भी जाने कितने बेरोजगार हो गए हैं। मीडिया की दुनिया में इस बात की गणना होनी अभी बाकी है कि कितने बेरोजगार हुए। जब पब्लिक ब्राडकास्टर लोगोंं को बाहर कर रहे हैं तो बाकियों का क्या कहना। लेकिन कहीं भी सरकार ने इस बात की तरफ नहीं सोचा कि इनके लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज मेंं से दो तीन करोड़ रख दिया जाये। इस बात का अंदाज करना भी मुश्किल है कि इसमें से कितने स्वाभिमानी लोगों ने भूख से दम तोड़ दिया हो या फिर दवाओं के अभाव में। अभी भी समय है कि इनकी तरफ भारत सरकार औऱ राज्य सरकारें ध्यान दें।

 स्वतंत्र पत्रकारिता और लेखन से जुड़े लोगों के साथ लोक कलाकारों और ऐसे अन्य तबकों के लिए हर माह एक सीमित अवधि के लिए 10 हजार रुपए महीने के एक सांकेतिक प्रावधान कर दें तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा।

लेबल:

कोविड-19 राजधानी दिल्ली में एक दिन में सर्वाधिक 348 मरीजों की मौत, 24 घंटे में 24,331नए मामले

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस से रिकॉर्ड मौत दर्ज की गई हैं. एक दिन में 348 मरीजों की मौत हुई, यह आंकड़ा अब तक सबसे ज्यादा है. दिल्ली में अब तक कोरोना वायरस से 13,541 लोगों की मौत हो गई.  वहीं, कोरोना वायरस के नए मामलों की बात करें पिछले 24 घंटे में 24,331 कोविड-19 के नए मामले दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही पॉजिटिविटी रेट 32% से ऊपर पहुंच गए है. सक्रिय मामले बढ़कर 92,000 के पार हो गए, जो कि अब तक सबसे ज्यादा हैं. दिल्ली में अब तक मरीजों की संख्या 9,80,679 पहुंच गई है.

पिछले 24 घंटे में 23,572 मरीजों ने कोरोना को मात दी है. वहीं, अब तक कोरोना से सही होने वालों की संख्या 8,75,109 पहुंच गई है. दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 75,037 टेस्ट हुए हैं. वहीं, अब तक हुए कुल टेस्ट की संख्या 1,66,31,245 पहुंच गई है.

लेबल:

गुरुवार, 22 अप्रैल 2021

महामारी की हालत देखकर लगता है कि सरकार को लोगों के जान जाने की फिक्र नहीं है -दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली : देश में कोरोना के हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चिंता जताई है. शीर्ष अदालत के चीफ जस्टिस ने कहा कि देश में कोविड से हालात नेशनल इमरजेंसी जैसे हो गए हैं. देश में कोरोना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. कोर्ट ने चार मुद्दों पर स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें ऑक्सीजन की सप्लाई और वैक्सीन का मुद्दा भी शामिल है. CJI एस ए बोबडे ने केंद्र को इसपर नोटिस जारी किया है. 

CJI ने कहा कि 'हम आपदा से निपटने के लिए नेशनल प्लान चाहते हैं.' सुप्रीम कोर्ट ने कहा, '6 हाईकोर्ट इन मुद्दों पर सुनवाई कर रहे हैं. हम देखेंगे कि क्या मुद्दे अपने पास रखें.' कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन लगाने का अधिकार राज्यों को होना चाहिए. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो ऑक्सीजन की सप्लाई, जरूरी दवाओं की सप्लाई, वैक्सीन लगाने का तरीका और प्रक्रिया और लॉकडाउन के मुद्दे पर विचार करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर अलग-अलग राज्यों में हो रही सुनवाइयों पर कहा कि 'दिल्ली, मध्य प्रदेश, बॉम्बे, कलकत्ता, सिक्किम और इलाहाबाद हाईकोर्ट मामले की सुनवाई कर रहे हैं, हालांकि वो अच्छे हित के लिए सुनवाई कर रहे हैं, लेकिन इससे भ्रम हो रहा है और संसाधन डाइवर्ट हो रहे हैं.'

सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणियां तब आई, जब गुरुवार को वेदांता कंपनी की उस याचिका पर सुनवाई हो रही थी, जिसमें कंपनी ने अपने प्लांट को ऑक्सीजन पैदा करने के लिए खोले जाने के लिए अनुमति मांगी है. तमिलनाडु याचिका पर सुनवाई कल चाहता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कोविड की स्थिति पर कई मुद्दों को लेकर स्वत: संज्ञान लिया और कहा कि देश में हालात नेशनल इमरजेंसी जैसे बन गए हैं.

बता दें कि अभी बुधवार को भी दिल्ली हाईकोर्ट में ऑक्सीजन संकट के मसले पर एक सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी. हाईकोर्ट ने देशभर में अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई में आ रही बाधा और बढ़ते मौतों को लेकर कहा कि 'इस महामारी की हालत देखकर लगता है कि सरकार को लोगों के जान जाने की फिक्र नहीं है.

लेबल:

बस्ती- निवर्तमान ब्लाक प्रमुख रामनरेश चौधरी के निधन से शुभचिंतकों में शोक की लहर,

बस्ती- जनपद के रामनगर ब्लाक के निवर्तमान ब्लाक प्रमुख राम नरेश चौधरी का बीती रात निधन हो गया। वें करीब पचास वर्ष के थे। इनके निधन से जिले के राजनैतिक क्षेत्र में शोक की लहर है , निधन की खबर सुनने के बाद हर कोई स्तब्ध है।

बस्ती जिले के रामनगर विकास खण्ड के नउवागांव में साधारण किसान परिवार में जन्में राम नरेश चौधरी लगातार तीन बार ब्लाक प्रमुख रहे। इनके पिता स्व. राम चरन चौधरी एक प्रगतिशील किसान थे। जानकारी के मुताबिक चार पांच दिन पूर्व इन्होंने कोविड वैक्सीन की पहली खुराक लगवाई थी। उसके बाद किसी कार्य से अयोध्या गये थे। इसी बीच इन्हें तेज बुखार हो गया, और सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी । आनन फानन में उन्हें श्री कृष्णा मिशन हास्पिटल में भर्ती कराया गया जहां बीती रात करीब दो बजे इनका निधन हो गया।

राम नरेश अपनी अपनी सादगी और व्यवहार कुशलता, सौम्य स्वभाव के कारण राजनीतिक जीवन में सफल रहे
। इनके चाहने वालों मित्रों, शुभचिंतकों की शोक संवेदनाओं का सोशल प्लेटफार्म पर तांता लगा हुआ है।

लेबल:

बुधवार, 21 अप्रैल 2021

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को स्थगित करने के लिए इप्सेफ ने उठाई आवाज

इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) ने यूपी में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार से हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने का आग्रह किया है। साथ ही प्रधानमंत्री व चुनाव आयोग से पंचायत चुनाव स्थगित करने की मांग की है।

इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी मिश्र एवं महामंत्री प्रेमचंद्र ने प्रधानमंत्री एवं चुनाव आयोग को फिर पत्र भेजकर आग्रह किया है कि पंचायत चुनाव को तत्काल रोका जाए, क्योंकि चुनाव ड्यूटी में लगे हजारों कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं और कई कर्मचारियों की मौत भी हो चुकी है। पदाधिकारियों ने कहा जहां-जहां चुनाव हो रहे हैं वहां कर्मचारी चुनाव ड्यूटी नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि संक्रमण तेजी से फैल रहा है।

क्योंकि उन्हें कुछ हो गया तो उनके परिवार की देखभाल कौन करेगा? जिन्हें पुरानी पेंशन नहीं मिल रही है उन कर्मचारियों की मौत पर उनके परिवार को कुछ भी नहीं मिल रहा है। इप्सेफ की मांग है कि मृत कर्मचारियों के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा, पारिवारिक पेंशन, मृतक आश्रित को नौकरी एवं समस्त देयकों का तत्काल भुगतान किया जाए।  संगठन के सचिव अतुल मिश्रा ने भी सरकार पर कर्मचारियों की अनदेखी का आरोप लगाया है।

लेबल:

मंगलवार, 20 अप्रैल 2021

कोरोना महामारी के बढ़ते कहर को देखते हुए उत्तर प्रदेश में अब हप्ते में दो दिन के लॉकडाउन का एलान

उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को वीकेंड लॉकडाउन का ऐलान किया है। इससे पहले योगी सरकार ने एक दिन यानी कि रविवार को लॉकडाउन का ऐलान किया था लेकिन मंगलवार को इसमें शनिवार को भी शामिल कर लिया गया है। अब पूरे प्रदेश में शनिवार और रविवार दो दिन तालाबंदी रहेगी। वहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट के 5 शहरों में लॉकडाउन के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया है।

बता दें कि सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह 26 अप्रैल तक प्रदेश में पूर्ण लॉकडाउन लागू करे। हालांकि, राज्य सरकार ने कोर्ट के निर्देश के मुताबिक लॉकडाउन लगाने से इनकार कर दिया था। राज्य सरकार ने कहा कि उन्होंने कोरोना की रोकथाम के लिए सख्ती लगाई है। वे और भी ज्यादा सख्ती पर विचार कर रहे हैं लेकिन प्रदेश के लोगों की अजीविका को बचाने के मद्देनजर प्रदेश में पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगाएंगे। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला देते हुए कोर्ट का निर्णय खारिज कर दिया।

लेबल:

सोमवार, 19 अप्रैल 2021

यूपी -इलाहाबाद हाइकोर्ट ने 5 शहरों के लिए 26 अप्रैल तक लॉक डाउन का दिया निर्देश

 उत्तर प्रदेश में COVID19 मामलों के तेजी से बढ़ने को देखते हुए, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लॉकडाउन शब्द का उपयोग किए बिना, एक प्रकार का लॉकडाउन लगाया है। 

तदनुसार, न्यायालय ने प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर शहरों के निम्नलिखित दिशा-निर्देश पारित किए हैं, और सरकार को उन्हें सख्ती से लागू करने का निर्देश दिए हैं:

 1. वित्तीय संस्थानों और वित्तीय विभागों, चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं, औद्योगिक और वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों, नगर निगम के कार्यों और सार्वजनिक परिवहन सहित आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी प्रतिष्ठान सरकारी या निजी 26 अप्रैल, 2021 तक बंद रहेंगे। 
न्यायपालिका हालांकि , अपने स्वयं के विवेक पर कार्य करें;

 2. सभी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मॉल 26 अप्रैल, 2021 तक बंद रहें।

3.3 श्रमिकों के साथ किराने की दुकानें और अन्य वाणिज्यिक दुकानें , मेडिकल दुकानों को छोड़कर 26 अप्रैल, 2021 तक बंद रहेंगे;

 4. सभी होटल, रेस्तरां और यहां तक ​​कि ठेले आदि पर खाने के छोटे पॉइंट भी 26 अप्रैल, 2021 तक बंद रहेंगे; 


5. सभी संस्थान जैसे कि अन्य विषयों और गतिविधियों से संबंधित शिक्षण संस्थान और अन्य संस्थाएँ चाहे सरकारी हों, अर्ध सरकारी या निजी उनके शिक्षकों और प्रशिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के लिए 26 अप्रैल, 2021 तक बंद रहेंगे ।

6. 26 अप्रैल, 2021 तक विवाह समारोहों सहित किसी भी सामाजिक समारोह और समारोहों की अनुमति नहीं होगी। हालाँकि, पहले से तय विवाह के मामले में संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट से आवश्यक अनुमति लेनी होगी। 25 लोगों तक ही सीमित होगा और संबंधित जिला मजिस्ट्रेट कोविड 19 के प्रभाव की मौजूदा स्थिति पर गहन विचार करने के बाद निर्णय लेंगे,

7. किसी भी तरह की सार्वजनिक सभी धार्मिक गतिविधियों को 26 अप्रैल, 2021 तक निलंबित रखने का निर्देश 


8. किसी भी प्रकार के सभी धार्मिक प्रतिष्ठानों को 26 अप्रैल, 2021 तक बंद रहने के लिए निर्देशित 


10. प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर / देहात और गोरखपुर जिलों में व्यापक प्रसार वाले दो प्रमुख हिंदी और अंग्रेजी समाचार पत्रों में हर दिन  कंटेनमेंट जोन की सूचना दी जाएगी 

 11. सड़कों पर सभी सार्वजनिक गतिविधियों को पूरी तरह से प्रतिबंधित रखा जाएगा, जो उपरोक्त निर्देशों के अधीन है। चिकित्सा सहायता और आपात स्थिति के मामले में गतिविधियों को अनुमति दी जाएगी।

 12. उपरोक्त निर्देशों के अलावा, हम राज्य सरकार को वर्तमान टीकाकरण कार्यक्रम को लागू करने के लिए मजबूत होने का निर्देश ।

लेबल:

पंचायत चुनाव के लिए राजधानी लखनऊ समेत 20 जिलों में दूसरे चरण का मतदान जारी

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में आज राजधानी लखनऊ समेत 20 जिलों में मतदान शुरू हो गया है। इसके लिए 20,929 मतदान केंद्र बनाए गए हैं और सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। 57 कंपनी पीएसी और 10 कंपनी केंद्रीय अर्ध सैनिक बल लगाया गया है।

इन जिलों में होगी वोटिंग :
 लखनऊ, सुल्तानपुर, गोंडा, मुजफ्फरनगर, बागपत, गौतमबुद्धनगर, बिजनौर, अमरोहा, बदायूं, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, इटावा, ललितपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़,  लखीमपुर खीरी, महराजगंज, वाराणसी और आजमगढ़।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव चार चरणों में संपन्न होंगे वही एक साथ 2 मई को मतों की गणना की जाएगी। 

लेबल:

भारत में एक दिन में सबसे ज़्यादा COVID-19 केस दर्ज,2,73,810 नए मामले, 1,619 की मौत

भारत में कोरोनावायरस का प्रकोप किसी भी तरह काबू में आता नज़र नहीं आ रहा है, और सोमवार को लगातार दूसरे दिन देश में ढाई लाख से ज़्यादा नए COVID-19 केस दर्ज किए गए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में 2,73,810 नए कोरोना वायरस के मामले सामने आए, जबकि एक दिन में वायरस के चलते 1,619 मौतें दर्ज हुईं. यह दोनों ही आंकड़े एक दिन में अब तक दर्ज हुई सबसे बड़ी संख्याएं हैं. इन आंकड़ों को जोड़कर कोरोना का फैलाव होने के बाद से देशभर में अब तक 1,50,61,919 लोग संक्रमण का शिकार हो चुके हैं, और कुल 1,78,769 लोगों ने वायरस के कारण जान गंवाई है.

लेबल:

रविवार, 18 अप्रैल 2021

उत्तर प्रदेश में रविवार के साप्ताहिक बंदी में जानिए किन किन सेवाओं को मिलेगी छूट और क्या रहेगा बंद

UP Weekend Lockdown: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने रविवार साप्ताहिक बंदी (Lockdown on Sunday) के 35 घंटे के कोरोना कर्फ्यू (Lockdown) के लिए गाइडलाइन जारी किए हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि प्रदेश में प्रत्येक रविवार को लॉकडाउन रहेगा और मास्‍क नहीं लगाने पर पहली बार में एक हजार रुपये का जुर्माना देना होगा. लॉकडाउन के दौरान आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी बाजार और दफ्तर बंद रहेंगे.

अपर मुख्‍य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्‍थी ने शनिवार को कोविड नियंत्रण के लिए कोरोना कर्फ्यू के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए है. जारी निर्देश के मुताबिक रविवार को ‘कंटीन्यूअस प्रोसेस इंडस्‍ट्रीज’ को चलाने सहित कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए शेष उद्योगों विशेष रूप से फार्मास्युटिकल्स, दवा, सेनिटाइजर बनाने वाले उद्योगों को चलाने की अनुमति रहेगी और इनके कर्मचारियों को इसी अनुसार आने-जाने की भी छूट मिलेगी.

शनिवार व रविवार को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करते हुए सभी शादी समारोह में बंद स्थानों पर 50 लोगों और खुले स्थानों पर 200 लोगों को शामिल होने की अनुमति होगी. लेकिन सभी के लिए मास्‍क, सुरक्षित दूरी और सेनिटाइजर का इस्तेमाल सहित प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा. निर्देश के अनुसार एनडीए व अन्‍य निर्धारित परीक्षा की अनुमति रहेगी और परीक्षार्थियों व अभ्‍यर्थियों का आईडी कार्ड पास के तौर पर मान्य होगा.

राज्‍य परिवहन निगम की बसों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलाने की अनुमति रहेगी. शासन ने तय किया है कि अंतिम संस्कार के लिए अधिकतम 20 व्यक्तियों को शामिल होने की अनुमति रहेगी.

इस दौरान चिकित्सा व स्वास्थ्य से जुड़ी आवश्यक सेवाएं एवं आवश्‍यक वस्‍तुओं की आपूर्ति यथावत जारी रहेगी और पंचायत चुनाव के मतदान के लिए पोलिंग पार्टियों की रवानगी का कार्य संचालित होता रहेगा. 

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने निर्देश दिया कि शनिवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक सभी ग्रामों एवं नगरों में संचालित किये जाने वाले सेनिटाइजेशन, स्वच्छता एवं फॉगिंग अभियान के सुचारू संचालन के लिए मण्डलायुक्तों को अपने-अपने मण्डल का नोडल अधिकारी नामित किया जाए.

सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अगर किसी को पहली बार बिना मास्क पहने पकड़ा जाए तो उस पर एक हजार रुपये जुर्माना लगाया जाए और अगर वह व्यक्ति दूसरी बार पकड़ा जाए तो दस गुना ज्यादा जुर्माना लगाया जाए. मुख्यमंत्री ने सेनिटाइजेशन, स्वच्छता एवं फॉगिंग का विशेष अभियान संचालित करने के निर्देश दिये हैं.

उन्होंने कहा कि इस अभियान के सुचारु संचालन के लिए 15 मई, 2021 तक प्रत्येक रविवार शहरी और ग्रामीण इलाकों में बाजार, हाट, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, कार्यालय इत्यादि बन्द रहेंगे. त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन -2021 (Three tier panchayat general election) के मतदान के लिए पोलिंग पार्टियों की रवानगी का कार्य निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार संचालित होता रहेगा.

लेबल:

शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021

बस्ती-उपजिलाधिकारी आनंद श्रीनेत ने नामांकन स्थलों का निरीक्षण कर तैयारियों का लिया जायजा

बस्ती- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर भानपुर तहसील क्षेत्र के सल्टौआ एवं रामनगर ब्लॉक पर स्थित नामांकन स्थल का शुक्रवार को उपजिलाधिकारी भानपुर आनंद श्रीनेत ,तहसीलदार केसरी नंदन तिवारी , प्रभारी निरीक्षक वाल्टरगंज डीके सरोज एवं प्रभारी निरीक्षक सोनहा अशोक कुमार सिंह  ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने नामांकन स्थलों पर व्यवस्था का जायजा लिया तथा सम्बंधितों नामांकन से पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूरी करने का निर्देश दिया।

 एसडीएम ने  कोरोना बीमारी के बढ़ते खतरे को देखते हुए नामांकन करने वाले हर प्रत्याशियों को माक्स लगाने ,दूरी बनाने एवं ब्लॉक परिसर में भीड़भाड़ न हो  इसके लिए कई तरह के आवश्यक दिशा निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया।

उन्होंने कम्प्यूटर कक्ष का आगामी 29 अप्रैल को होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया के लिए हुई तैयारियों का जायजा लिया।एसडीएम ने ब्लाक परिसर स्थित नामांकन स्थल का निरीक्षण कर बैरिकेटिंग साफ सफाई, पानी की व्यवस्था आदि को दुरुस्त करने का निर्देश दिया। 


लेबल:

भारत में कोरोना का कहर 24 घंटे में सामने आए 2,17,353 नए मामले, 1185 की मौत

भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर थमता दिखाई नहीं दे रहा है, और COVID-19 की दूसरी लहर चिंताजनक गति से रोज़ाना नए रिकॉर्ड बना रही है. शुक्रवार सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे के दौरान देशभर में 2,17,353 नए कोरोनावायरस केस दर्ज किए गए हैं, और इसी के साथ भारत में अब तक दर्ज कुल कोविड केसों की तादाद 1,42,91,917 हो गई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में पिछले 24 घंटों के दौरान 1,185 मरीज़ों की कोरोनावायरस संक्रमण के चलते मौत भी हुई है, और देश में कोरोना से मरने वालों की कुल तादाद 1,74,308 हो गई है.

शुक्रवार को जारी आंकड़ों को जोड़ने पर अप्रैल माह के पहले 16 दिन में अब तक कुल 21,42,582 नए केस सामने आ चुके हैं, जबकि इस रोग से अप्रैल की इसी अवधि में कुल 11,840 मरीज़ों ने जान भी गंवाई है.

लेबल:

प्रधानमंत्री और गृहमंत्री प्राइवेट अस्पताल में जाकर मरने से बच जाएंगे लेकिन आपका क्या होगा ?

विश्वपति वर्मा(सौरभ)

21वीं सदी के 2021 में बेतहाशा गरीबी और लाचारी झेलने वाले भारत के बारे में बस आप इतना जानते हैं कि हमारे देश का प्रधानमंत्री दुनिया में परचम लहराया है ,लेकिन सच यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परिधानों के अलावा कोई परचम नही है ।

जरा आप सोचिए कि जब पूरी दुनिया कोविड-19 जैसे महामारी से झेल रही थी तब भारत सरकार के अलावा दुनिया भर के कई देशों और संगठनों द्वारा भारत को अपने देश में मेडकिल संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का सहयोग दिया गया वहीं भारत सरकार ने भी 20 हजार करोड़ 86 हजार करोड़ एवं 20 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज बनाया लेकिन देश के किसी भी कोने में अस्पताल और अस्पताल के संसाधनों के नाम पर कोई व्यवस्था नही की गई।

महामारी से निपटने के लिए भारत को इंटनेशनल मॉनेटरी फंड ,वर्ड बैंक ,एशियन डेवलपमेंट बैंक और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा लगभग 53 हजार करोड़ रुपये का सहयोग दिया गया लेकिन भारत सरकार ने ये पैसा कहाँ खर्च किया उसके पास इसका कोई हिसाब किताब नही है।

भले ही 53 हजार करोड़ रुपये का पैकेज आपको छोटा लगे लेकिन 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक सुधारों वाला फंड कहाँ गया इसकी जवाबदेही भी भाजपा ,मोदी और शाह के पास नही है , सच तो यह है कि कारपोरेट घरानों का ख्याल रखने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों को फलने फूलने में सहयोग देती रही है , मौजूदा सरकार का ध्यान ना तो खुद के अस्पतालों को बनाने का रहा है और ना ही सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं को सुनिश्चित करने का ,दूसरा सच यह भी है कि भारत में अस्पतालों का जितना बुरा हाल है उसमें देश के बहुसंख्यक गरीब और असहाय आबादी को इलाज के अभाव में मरना निश्चित है ,पीएम मोदी और शाह जैसे लोग एम्स और प्राइवेट अस्पतालों में जाकर मरने से बच जाएंगे लेकिन इलाज के लिए गरीब आदमी की परछाई भी प्राइवेट अस्पतालों के दरवाजे पर नही पहुंच पाएगी ।

लेबल:

गुरुवार, 15 अप्रैल 2021

बस्ती -पीसीएस-2020 की परीक्षा उत्तीर्ण कर दुर्गेश यादव बने नायब तहसीलदार

अनिरुद्ध चौधरी

 बस्ती - जनपद के गौर ब्लॉक के कोदयपुर निवासी दुर्गेश यादव ने नायाब तहसीलदार के पद पर चयनित होकर जिले के साथ परिवार और समाज का नाम रोशन किया है। दुर्गेश के इस उपलब्धि पर परिवार मे बधाई देने वाला का तांता लगा है। 

मूल रूप से कोदयपुर गांव के निवासी दुर्गेश यादव सल्टौआ ब्लॉक के अमरौली शुमाली गांव में अपने नाना दयाराम यादव के साथ रहकर पढ़ाई लिखाई की है ,आगे की पढ़ाई के लिए वह इलाहाबाद (प्रयागराज) चले गए और मेहनत से तैयारी की । जिसका परिणाम रहा कि दुर्गेश यादव ने पीसीएस-2020 की परीक्षा उत्तीर्ण कर नायाब तहसीलदार का पद हासिल किया है।

दुर्गेश यादव की इस सफलता पर उनके हित- नात और मित्रगण का द्वारा लगातार बधाइयां दी जा रही हैं । तहकीकात समाचार की तरफ से जनपद का नाम रोशन करने वाले दुर्गेश यादव को ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं। 



लेबल:

उत्तर प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान जारी 333,944 प्रत्याशी मैदान में

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में आज अयोध्या, आगरा, कानपुर, ग़ाज़ियाबाद, गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, प्रयागराज, बरेली, भदोही, महोबा, रामपुर, रायबरेली, श्रावस्ती, संत कबीर नगर, सहारनपुर, हरदोई और हाथरस ज़िलों में मतदान हो रहा है.
निर्वाचन आयोग के मुताबिक़, पहले चरण में ज़िला पंचायत सदस्य के 779 पदों के लिए 11,442 प्रत्याशी, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 19,313 पदों के लिए 81,747 उम्मीदवार, ग्राम प्रधान के 14,789 पदों के लिए 1,14,142 प्रत्याशी तथा ग्राम पंचायत वार्ड सदस्यों के 1,86,583 पदों के लिए 1,26,613 उम्मीदवार मैदान में हैं

बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल चार चरणों में पंचयात चुनाव होना है मतगणना एक साथ 2 मई को होगा।

लेबल:

बुधवार, 14 अप्रैल 2021

सोशल मीडिया की खबरों पर लगा विराम ,पहले चरण के चुनाव में कल होगा 18 जिलों में मतदान

लखनऊ | यूपी में पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान कल सुबह सात बजे से शुरू होगा। सोशल मीडिया पर पंचायत चुनाव को टालने की चल ही खबरों पर विराम लगाते हुए पंचायती राज निदेशक किंजल सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि चुुनाव नहीं टलेंगे। पोलिंग पार्टियां पहुंच चुकी हैं। पंचायत चुनाव के पहले चरण के तहत बृहस्पतिवार को 18 जिलों में 2.21 लाख से ज्यादा पदों के लिए मतदान होगा।

राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक मतदान सुबह सात बजे से शुरू होकर शाम छह बजे तक चलेगा। जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य के 2.21 लाख से अधिक पदों के लिए 3.33 लाख से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं। चार चरणों में होने वाले चुनाव के पहले चरण में अयोध्या, आगरा, कानपुर, गाजियाबाद, गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, प्रयागराज, बरेली, भदोही, महोबा, रामपुर, रायबरेली, श्रावस्ती, संत कबीर नगर, सहारनपुर, हरदोई और हाथरस जिलों में मतदान होगा।

 पहले चरण में जिला पंचायत सदस्य के 779 पदों के लिए 11,442 प्रत्याशी, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 19,313 पदों के लिए 81,747 उम्मीदवार, ग्राम प्रधान के 14,789 पदों के लिए 1,14,142 प्रत्याशी तथा ग्राम पंचायत वार्ड सदस्यों के 1,86,583 पदों के लिए 1,26,613 उम्मीदवार मैदान में हैं। प्रदेश के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने बुधवार को बताया कि मतदान कोविड-19 संबंधित कड़े प्रोटोकॉल के बीच होगा। इस दौरान मतदाताओं को मास्क लगाना और सामाजिक दूरी बनाए रखना अनिवार्य होगा। आयोग ने मतदान केंद्रों के बाहर छह-छह फीट की दूरी पर घेरे बनाने का आदेश जारी किया है।

लेबल:

CBSE Board Exams : 10वीं की परीक्षा रद्द, 12वीं की परीक्षा टाली गई

नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की इस बार की 10वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं. वहीं, कक्षा 12वीं की परीक्षाओं को टाल दिया गया है. परीक्षाओं को रद्द करने पर चल रही बहस के बीच बुधवार को प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा मंत्री के साथ बैठक की, जिसमें यह फैसला लिया गया है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को परीक्षाओं के मुद्दे पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय शिक्षा सचिव और कई शीर्ष अधिकारियों को एक बैठक के लिए बुलाया था. बैठक के बाद एक एक बयान जारी कर बताया गया कि केंद्र सरकार ने देश भर में कोविड-19 महामारी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा रद्द कर दी है जबकि 12वीं की परीक्षा स्थगित करने का फैसला किया है.

शिक्षा मंत्रालय ने बताया है कि वो इस फैसले के बाद वो फिर से 1 जून को स्थिति की समीक्षा करेगा. मंत्रालय ने बताया है कि कक्षा 10वीं के बच्चों का रिजल्ट निकालने के लिए बोर्ड एक क्राइटेरिया सिस्टम बनाएगा और 12वीं की परीक्षाएं बाद में ली जाएंगी. शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने ट्वीट कर कहा कि मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है, इसलिए यह फैसला लिया गया है.

लेबल:

डाॅ. आम्बेडकर की पत्रकारिता Dr. Ambedkar's Journalism

लेखक-नीरज कुमार वर्मा नीरप्रिय 
किसान सर्वोदय इंटर कालेज रायठ बस्ती

डाॅ. आम्बेडकर के पत्रकारिता के विषय में चर्चा करने से पहले उनके व्यक्तित्व व सामाजिक अवधारणा के विषय में जानना आवश्यक है। आम्बेडकर समाज सुधार के क्षेत्र में, राजनीति के क्षेत्र में,विधि के क्षेत्र में, संविधान के वास्तुकार के क्षेत्र में एक आईकान थे। उन्होंने उस समय एक असाधारण उच्च योग्यता अर्जित की जब हिन्दू समाज में एक दलित व्यक्ति को सम्मानजनक जीवन जीना भी असंभव था। 
उन्होंने बी. ए. मुम्बई विश्वविद्यालय, एम. ए. कोलंबिया विश्वविद्यालय, एमएससी लंदन स्कूल ऑफ इकाॅनामिक्स, पी-एच. डी. कोलंबिया विश्वविद्यालय, डीफिल, डिएससी. लंदन स्कूल ऑफ इकाॅनामिक्स, एलएलडी कोलंबिया विश्वविद्यालय, डि. लिट उस्मानिया विश्वविद्यालय से प्राप्त की। संविधान निर्माण के लिए जब प्रारुप समिति का गठन हुआ तो उसमें सबसे ज्यादा पढ़े लिखे व्यक्ति डाॅ. आम्बेडकर थे। उस प्रारुप समिति के सदस्यों में यदि योग्यता के मामले में कोई इनके सामने टिक पाते थे तो वे थे वी. एन. राव, बाकी अन्य लोगों की तो इनसे तुलना ही नहीं की जा सकती थी। इतना शिक्षित और सफल व्यक्तित्व होने के बावजूद भी आम्बेडकर ने संघर्ष का रास्ता चुना। उस समय ये इतने काबिल तो हो ही गये थे कि एक सुखद और आरामतलब जीवन गुजार सकते थे। पर इन्होंने सारे सुखों को छोड़कर समाज सुधार, दलितों के उत्थान व सामाजिक न्याय के लिए त्याग के रास्ते को अपनाया। यह आंबेडकर का उस वंचित व पिछड़े समाज के लिए त्याग व बलिदान ही है कि हम प्रतिवर्ष 14 अप्रैल को उन्हें श्रद्धा के साथ स्मरण करते हैं। 

देश, समाज व दलितों के लिए उन्होंने संविधान व अपनी लेखनी के माध्यम से जो कार्य किए है उसके लिए यह देश व समाज उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता है। समाज सुधार के क्षेत्र में उनका स्थान वैसा ही  है जैसाकि मध्ययुग में कबीर का था। जिस तरह से कबीर ने अपने दोहो के माध्यम से जाति प्रथा, अंधविश्वास आदि का खंडन किया तथा एक दिशाहीन समाज को एक दिशा देने का सतत् प्रयत्न किया है। ठीक उसी तरह से डाॅ. आम्बेडकर ने हिंदू धर्म में प्रचलित अस्पृश्यता, वर्णव्यवस्था आदि का खंडन किया है। इन्होने दलितों व पिछड़ों में आत्मविश्वास, आत्मज्ञान, समानता व स्वतंत्रता की भावना को भरकर समाज को एक नई दिशा देने की कोशिश की है। इस प्रकार आंबेडकर विशुद्ध रूप से क्रांतिकारी थे पर वे संवैधानिक आधार पर सामाजिक समस्याओं का समाधान ढूंढते थे। क्योंकि उनका मानना था कि यदि ऐसा तरीका नहीं अपनाया गया तो समाज में अराजकता का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। उनका सिद्धांत वाक्य - 'शिक्षित बनों, संगठित रहो, और संघर्ष करो' था। इन्हीं सिद्धांतों पर उन्होंने कार्य किया। 

 डाॅ. आम्बेडकर ने जातिभेद खत्म करने और सामाजिक न्याय के लिए बहुत से प्रयास किए। उनका मानना था कि दलितों को जागरुक करने व उन्हें संगठित करने के लिए उनका अपना एक स्वंय का मीडिया होना नितांत आवश्यक है। इसी को कार्य रुप मे परिणति करने के लिए उन्होंने पत्रकारिता में भी अपना हाथ आजमाया। इस क्षेत्र में उन्हें एक अच्छा खासा मुकाम भी प्राप्त हुआ। उन्होंने 31 जनवरी 1920 को मराठी पाक्षिक 'मूकनायक' का प्रकाशन प्रारंभ किया। मूकनायक से तात्पर्य है मूक लोगों का नायक। मूक लोगों का जहाँ तक सवाल है वे दलित, पिछड़े व अल्पसंख्यक है। जब इन्होंने ने मूकनायक पत्र का संपादन किया तो इसके प्रवेशांक में इसके औचित्य के विषय में इन्होंने लिखा था-"बहिष्कृत लोगों पर हो रहे और भविष्य में होने वाले अन्याय के उपाय सोचकर उनकी भावी उन्नति व उनके मार्ग के सच्चे स्वरुप की चर्चा करने के लिए वर्तमान पत्रों में जगह नहीं है। अधिसंख्य समाचार पत्र विशिष्ट जातियों के हितसाधन करने वाले है। कभी कभी उनका अलाप इतर जातियों को अहितकारक होता है। " उसी संपादकी में आम्बेडकर ने लिखा था-" हिंदू समाज एक मीनार है। एक एक जाति इस मीनार का एक एक तल है। और एक से दूसरे तल में जाने का कोई मार्ग नहीं है। जो जिस तल में जन्म लेता है, उसी तल में मरता है। " इनके इस टिप्पणी का आशय यह है कि हिंदू समाज एक जड़ समाज है। जहाँ पर व्यक्ति के जाति व कर्तव्य का निर्धारण उसके जन्म से ही तय हो जाता है। और वह इससे इतर करने के बारें में कुछ सोच भी नहीं पाता है। 

आम्बेडकर का मानना था कि अछूतों के साथ जो अन्याय व भेदभाव होते है उनके खिलाफ संघर्ष का कार्य केवल दलित पत्रकारिता ही कर सकती है। यही पत्रिकारिता है जो उनकी आवाजों  को मुखर रुप से उठा सकती है। 14 अगस्त 1920 के संपादकीय में उन्होंने लिखा था - 'कुत्ते बिल्ली जो अछूतों का भी जूठा खाते है, वे बच्चों का मल भी खाते है। उसके बाद वरिष्ठों-स्पृश्यों के घरों में जाते है तो उन्हें छूत नहीँ लगती। वे उनके बदन से लिपटते-चिपकते है। उनकी थाली तक में मुंह डालते है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होती। लेकिन यदि अछूत उनके घर काम से भी जाता है तो पहले से बाहर दीवार से सटकर खड़ा हो जाता है। घर का मालिक दूर से ही देखते ही कहता है-अरे अरे दूर हो, यहाँ बच्चे के टट्टी डालने का खपड़ा रखा है, तू उसे छुएगा। ' डाॅ. आम्बेडकर की यह टिप्पणी भारतीय समाज में जाति व्यवस्था के अन्तर्गत अछूतों की विकट स्थिति को व्यक्त करती है। उनकी यह टिप्पणी भारतीय समाज में इन अछूतों की स्थिति जानवरों से भी गई गुजरी है को प्रकट करती है। समाज में दलितों को कुत्ते, बिल्ली के बराबर भी सम्मान नहीं मिलता था। उन्होंने इस पत्र में केवल अस्पृश्यता की ही समस्या नहीं उठायी है बल्कि उन्होंने दलितों की हिस्सेदारी पर भी चर्चा की है। 28 फरवरी 1920 को मूकनायक के 'यह स्वराज्य नहीं हमारे ऊपर राज्य है' शीर्षक संपादकीय में लिखा था कि यदि हमें स्वराज्य मिले तो उसमें अछूतों का भी हिस्सा होना चाहिए। 

 डाॅ. आम्बेडकर ने शिक्षा के प्रति दलितों को अपनी पत्रकारिता के माध्यम से जागरुक बनाने का कार्य किया। यही नहीं वे अछूतो की कमजोरियों को बखूबी जानते थे यही कारण है कि जब कभी अवसर आता तो वे खुलकर आलोचना भी करते थे। बहिष्कृत भारत नामक पत्र के 22 अप्रैल 1927 के अंक के संपादकीय में यह टिप्पणी की थी - 'आचार - विचार और आचरण में शुद्धि नहीं आयेगी, अछूत समाज में जागृति और प्रगति के बीज कभी नहीं उगेंगे। आज की स्थिति पथरीली बंजर मनःस्थिति है। इसमें कोई भी अंकुर नहीं फूटेगा इसलिए मन को सुसंस्कृति करने के लिए पठन-पाठन व्यवसाय का आलंबन करना चाहिए।' शिक्षा की बात तो उन्होंने अपने पत्रों में की है साथ ही साथ उन्होंने दलितों व पिछड़ों के लिए आरक्षण के सवाल को भी उठाया। 20 मई 1927 के बहिष्कृत भारत के संपादकीय में बाबा साहब टिप्पणी करते है-' पिछड़े वर्ग को आगे लाने के लिए सरकारी नौकरियों में उन्हें प्रथम स्थान मिलना चाहिए। यह बात प्रगतिशील लोगों को अस्वीकार नहीं है परन्तु यदि धन के स्वामी कुबेर पर अपनी संपत्ति सब लोगों में समान रुप से बांटने का प्रसंग आये तो योग्य मांग (अतिशूद्र) जाति के व्यक्ति को योग्य जोशी अपनी वृत्ति उसकों अर्पण करने के प्रसंग में प्रोग्रेसिव व्यक्ति का भी आश्चर्य से मुंह खुला रह जायेगा। 

       आगे चलकर बाबा साहब ने समाज में समता लाने के उद्देश्य से समता नामक पत्रिका निकाली। यह एक पाक्षिक पत्रिका थी। यह पत्रिका इन्होंने सन् 1928 ई. में निकाली। कुछ समय बाद इस पत्रिका का नाम बदलकर जनता कर दिया। सन् 1954 ई. में इस पत्रिका का नाम अंततः प्रबुद्ध भारत कर दिया गया। इन्होंने 'द अनटेचबल :ए थिसिस आन द ओरिजन ऑफ अनटेचबिलिटी' में लिखा है - 'हिंदू सभ्यता जो मानवता को दास बनाने और उसका दमन करने की एक क्रूर युक्ति है और इसका उचित नाम बदनामी होगा। एक सभ्यता के बारे में और क्या कहा जा सकता है जिसने लोगों के एक बहुत बड़े वर्ग को विकसित किया। एक मानव से हीन समझा गया और जिसका स्पर्श मात्र प्रदूषण फैलाने का पर्याप्त कारण है। ' 
     इस प्रकार बाबा साहब के पत्रकारिता में जो विभिन्न प्रकार की तल्ख टिप्पणियाँ मिलती है उन्हें भारतीय समाज व्यवस्था में मुठभेड़ के रुप में देखा जाना चाहिए। कबीर के समान ये भी जब किसी विषमता पर टिप्पणी करते थे तो पूरे जोश के साथ। समाज में जो विसंगतियां, विषमताएं आदि जाति धर्म के नाम पर फैली है उस पर न केवल ये प्रहार करते है बल्कि इससे कैसे निकला जाय वह रास्ता भी सुझा देते है। ये समाज में जो यथास्थिति की परंपरा है उसे बदलने की पुरजोर कोशिश अपनी पत्रकारिता के माध्यम से करते है। बाबा साहब का लेखन व पत्रकारिता हमें इस बात के लिए आगाह करता है कि समाज में जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर जो भेदभाव है इससे मुक्ति के लिए हमे ईमानदारी से कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने अपनी पत्रकारिता के जरिए दलितों, पिछड़ों व महिला समाज के संवेदनशील मसले को मुख्यधारा में लाने का प्रयत्न किया। आज  हम सभी को आंबेडकर जयंती के अवसर पर उनके कार्यो से सीख लेते हुए उनके  मूल्यों को जीवन  में उतारने का संकल्प लेते है। 
        

लेबल:

मंगलवार, 13 अप्रैल 2021

बस्ती-अति संवेदनशील बूथों पर शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए एसडीएम आनंद श्रीनेत जमीन पर उतरे

के0सी0 श्रीवास्तव

बस्ती- उत्तर प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को देखते हुए अतिसंवेदनशील बूथों पर शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए उप जिलाधिकारी भानपुर आनंद श्रीनेत लगातार धरातल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं ।

पिछले 15 दिनों से क्षेत्र के अतिसंवेदनशील बूथों का निरीक्षण करते हुए उप जिलाधिकारी आनंद श्रीनेत ने आज सोनहा थाना क्षेत्र के अतिसंवेदनशील बूथ रेंगी और तेलियाडीह का निरीक्षण किया साथ में तहसीलदार केसरी नंदन तिवारी एवं प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह मौजूद रहे ।

इस दौरान दोनों गांवों में के वरिष्ठ जनों एवं प्रत्याशियों के साथ उप जिलाधिकारी आनंद श्रीनेत , तहसीलदार केसरी नंदन तिवारी एवं प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह ने ग्रामीणों से बातचीत किया एवं लोगों को चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए अपील किया।

उपजिलाधिकारी ने कोविड-19 का पालन करने ,मास्क लगाने एवं बूथों पर सेनेटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए संबंधित को निर्देशित किया । प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह ने भी नागरिकों से अपील किया कि किसी भी हालत में अराजकतत्व चुनावी माहौल में बाधा न डाल पाएं इसके लिए सभी लोग अपने अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा की क्षेत्र में हल्का सिपाहियों से ग्रुप के माध्यम से सभी सूचनाओं से जुड़े हुए हैं किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह से फिट है।

लेबल:

कोरोना संक्रमण ने बढ़ाई देश में चिंता ,लगातार तीसरे दिन डेढ़ लाख से ज्यादा मामले दर्ज ,879 की मौत

कोरोना विस्फोट के कारण देश में अब अफरा-तफरी जैसे हालात पैदा हो गए हैं. देश में लगातार सातवें दिन एक लाख से ज्यादा मामले और लगातार तीसरे दिन 1.5 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं. मंगलवार को देश में कोरोना के 1,61,736 नए मामले सामने आए हैं. इसके अलावा कोरोना के कारण 879 मरीजों की मौत हुई है. अस्पतालों में बेड और श्मशानों में जमीन कम पड़ गई है. देश के लगभग आधे हिस्से में नाइट कर्फ्यू के साथ अलग अलग तरह की पाबंदियां लगी हुई हैं लेकिन कोरोना के मामले हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या के लिहाज से ब्राजील को पीछे छोड़कर भारत दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. इन सबके बीच एक राहत की खबर ये है कि देश को कोरोना के खिलाफ जंग में एक वैक्सीन का साथ और मिल गया है. रूसी वैक्सीन SPUTNIK V को DCGI से भी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है. इस वैक्सीन की प्रभावशीलता 91.6 प्रतिशत है

लेबल:

सोमवार, 12 अप्रैल 2021

बस्ती के इंसेफेलाइटिस प्रभावित सैकड़ो गांवों में स्वच्छ पेय जल के नाम पर बनाई गई टीटीएसपी ध्वस्त

विश्वपति वर्मा(सौरभ)
बस्ती- सरकार द्वारा कई प्रकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को बनाया जाता है ताकि ग्रामीण क्षेत्र के आबादी के पास मूलभूत सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित हो पाए लेकिन स्थानीय जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते करोड़ो रूपये की लागत से बनाई गई योजनाएं देखते ही देखते ध्वस्त हो जाती हैं और योजना का उद्देश्य भी जमींदोज हो जाता है ।

आज हम आपको ऐसे ही एक बड़ी योजना टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट (टीटीएसपी) के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसके निर्माण में जनपद भर में करोड़ो रुपया तो खर्च किया गया लेकिन योजना अपने उद्देश्य तक जाने से पहले ही ध्वस्त हो गया।

टीटीएसपी का निर्माण वर्ष 2013-14 में जनपद के लगभग 300 इंसेफेलाइटिस प्रभावित ग्रामपंचायतों में हुआ था जिसमे से सल्टौआ ब्लॉक के 27 ग्राम पंचायतों में भी इसका निर्माण हुआ था लेकिन ब्लॉक के मात्र एक ग्राम पंचायत सिसवारी के अलावा 26 अन्य गांव में लगे पानी की टंकी से लोगों को पानी पीने का नसीब नहीं हो पाया।

सल्टौआ ब्लॉक के अमरौली शुमाली, पिटाउट , फेरसम ,कोठिला ,दसिया ,मनवा ,सेखुई ,सिसवारी ,बसडीला ,जिनवा, सूरतगढ़ , गोरखर , बंगरिया ,बालेडीहा समेत 27 इंसेफेलाइटिस गांवों में इस तरह के पानी की टंकी का निर्माण हुआ था लेकिन डेढ़ दर्जन से ज्यादा टीटीएसपी तो बिना चले ही ध्वस्त हो गया और देखते ही देखते वह ढहने के करीब पहुंच गया।जिन गांवों में पानी टंकी को चालू किया गया उसमें रिसाव होने के चलते वह भी बंद कर दिया गया।

स्वच्छ पेय जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हुआ था टीटीएसपी का निर्माण
विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं भारत सरकार द्वारा भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को दूषित पानी से मुक्ति दिलाने के लिए इस योजना की शुरुआत किया गया था । इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए बस्ती मंडल में सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग उसके बाद जल निगम को इसके देख रेख की जिम्मेदारी सौंपी गई लेकिन जल निगम ने आज तक गांवों में निर्मित पानी टंकियों को देखने और जमीन पर उसके उद्देश्य की पूर्ति को जानने की जहमत नहीं उठाया जिसका परिणाम है कि करोड़ो रूपये की लागत से बने पानी की टंकी से आज तक एक बूंद पानी पीने का नसीब नही हुआ।

टाइल्स के नाम पर डकार लिया गया धन
कई गांव के स्थानीय लोगों द्वारा इसकी शिकायत करने पर जिम्मेदारों की आंख खुली तो पानी टंकी में टाइल्स लगाने की बात कही गई उसके बाद ग्राम पंचायत के सभी 27 गांवों में टीटीएसपी पर टाइल्स लगाने का काम शुरू हुआ लेकिन टाइल्स के नाम पर भी इस योजना में धन को डकार लिया गया क्योंकि न ही टाइल्स लगने के बाद रिसाव बंद हुआ और न ही योजना अपने उद्देश्य की तरफ बढ़ पाया।

सात साल बाद योजना को लागू करने वाले जिम्मेदार लोगों का जो लापरवाही दिखाई देता है इससे लगता है कि जनता के धन को बंदरबांट करने एवं बर्बाद करने के सिवा अधिकारियों और स्थानीय जिम्मेदारों के पास न तो कोई  जिम्मेदारी है न ही जवाबदेही।
1603769743296526-0

लेबल:

भारत में कोरोना का कहर 24 घंटे में 839 लोगों की मौत ,महाराष्ट्र में लॉकडाउन की संभावना

भारत में कोरोना की दूसरी लहर विकराल रूप लेती जा रही है. रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में डेढ़ लाख से ज्यादा नए कोविड-19 मामले सामने आए हैं. एक दिन में कोरोना मामलों की यह सर्वाधिक संख्या है. इसी के साथ संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 1,33,58,805 पहुंच गई है. वहीं, बीते 24 घंटे में 839 मरीजों की घातक वायरस के चलते मौत हुई है. अब तक कुल 169275 लोग जान गंवा चुके हैं. 

महाराष्ट्र, दिल्ली छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में कोरोनावायरस के मामलों में काफी उछाल देखा जा रहा है. प्रशासन ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं. कई राज्यों में कोरोना के खतरे को देखते हुए नाइट कर्फ्यू समेत अन्य पाबंदियां लगाई गई हैं.  वहीं महाराष्ट्र में लॉकडाउन की संभावना बढ़ गई है ,14 अप्रैल को इसपर फैसला लिया जाएगा ।

लेबल:

रविवार, 11 अप्रैल 2021

बस्ती - सोनहा थाने पर त्योहारों एवं पंचायत चुनाव के दृष्टिगत की गई पीस कमेटी की बैठक ,शांति की अपील

सौरभ वीपी वर्मा

बस्ती- आने वाले नवरात्रि ,रमजान, रामनवमी, अंबेडकर जयंती एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दृष्टिगत शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए उपजिलाधिकारी आनंद श्रीनेत की अध्यक्षता एवं तहसीलदार केसरी नंदन तिवारी , प्रभारी निरीक्षक सोनहा अशोक कुमार सिंह की मौजूदगी में शांति समिति की बैठक की गई।

शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए रविवार दोपहर सोनहा थाने पर शांति कमेटी का आयोजन किया गया जिसमे इन सभी त्योहारों एवं पंचायत चुनाव के दौरान आपसी भाईचारे को कायम रखने के लिए उपस्थित नागरिकों से अपील किया गया।

उपजिलाधिकारी आनंद श्रीनेत ने कहा कि क्षेत्र में किसी प्रकार की अराजकता न फैले इसके लिए सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वह जगह जगह शांति व्यवस्था रखें ,साथ ही उन्होनें पुलिस को भी निर्देश दिया कि वह हर वक्त चौकन्ना रहें एवं माहौल बिगाड़ने वाले अराजकतत्वों पर त्वरित कार्यवाही करें ।

बैठक में तहसीलदार केसरी नंदन तिवारी ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि त्योहार एवं पंचायत चुनाव को सौहार्द पूर्ण ढंग से सम्पन्न करें ताकि समाज में भाईचारा बना रहे, अराजक तत्वों पर निगाह रखें जिससे समाज में शांति व्यवस्था कायम रहे साथ ही उन्होने कहा क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं की भी जिम्मेदारी है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो जिससे माहौल खराब हो और लोगो मे मनमुटाव पैदा हो ।

प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह ने कहा कि त्योहारों एवं चुनाव को ध्यान में रखते हुए ,जगह जगह शांति की अपील की जा रही है ,हर नुक्कड़ एवं चौराहों पर पुलिस की गश्त को बढ़ा दिया गया है एवं क्षेत्र के सभी इलाके में निगरानी तेज कर दिया गया है , सूचना प्राप्त करने के लिए सभी हल्के में पुलिस की तरफ से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है ताकि आसानी से हर गांव के लोग थाने से जुड़ सकें ।उन्होंने कहा कि सोनहा पुलिस 24 घंटे सक्रिय है। इस मौके पर सभी गांवों के चौकीदार एवं थाने के पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

लेबल:

शनिवार, 10 अप्रैल 2021

पश्चिम बंगाल -मतदान के दौरान जवानों से राइफल छीनने का प्रयास, गोलीबारी में चार की मौत

पश्चिम बंगाल में पाँच ज़िलों की 44 सीटों पर शनिवार को चौथे चरण के मतदान के दौरान कूचबिहार ज़िले के शीतलकुची इलाक़े के तहत जोड़ापाटकी में केंद्रीय बलों की फ़ायरिंग में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई.

इससे पहले, सुबह टीएमसी और बीजेपी समर्थकों के बीच हुई कथित झड़प में गोली लगने से 18 साल के आनंद बर्मन की मौत हो गई. सरकारी सूत्रों ने यहाँ इसकी जानकारी दी.

इन घटनाओं के बाद, चुनाव आयोग ने शीतलकुची विधानसभा क्षेत्र के 125 और 126 नंबर मतदान केंद्र पर मतदान स्थगित करने का निर्देश दिया है. चुनाव पर्यवेक्षक की अंतरिम रिपोर्ट के बाद चुनाव आयोग ने यह निर्देश दिया है.

चुनाव आयोग ने इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट और मौक़े की वीडियो फ़ुटेज माँगी है.यह घटना उस समय हुई जब उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली हो रही थी.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “कुछ लोगों ने मौक़े पर चुनावी ड्यूटी पर तैनात सीआईएसएफ़ के जवानो को घेर लिया था और उनकी राइफ़लें छीनने का प्रयास किया. उसके बाद उन्होंने फ़ायरिंग शुरू की. इससे तीन लोगों की मौक़े पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया. शवों को पोस्टमार्टम के लिए माथाभांगा अस्पताल ले जाया गया है. गोली लगने से घायल चार लोगों को भी वहीं भर्ती कराया गया है.


लेबल:

शुक्रवार, 9 अप्रैल 2021

उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, कानपुर और प्रयागराज के बाद पाँच और शहरों में रात्रि कर्फ़्यू

उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, कानपुर और प्रयागराज के बाद अब पाँच और शहरों में रात्रि कर्फ़्यू का एलान कर दिया गया है.

दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के दो ज़िलों, गौतम बुद्ध नगर और ग़ाज़ियाबाद के अलावा मेरठ, बरेली और सहारनपुर में रात्रि कर्फ़्यू लगाने की घोषणा की गई है.

गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद और मेरठ में रात्रि कर्फ़्यू की शुरुआत गुरुवार से ही हो गई जबकि बरेली और सहारनपुर में यह शुक्रवार से लागू होगा.

रात्रि कर्फ़्यू फ़िलहाल 17 अप्रैल तक के लिए लगाया गया है और इस दौरान ज़रूरी सेवाओं के लिए आवागमन में छूट रहेगी.

इस बीच, राज्य में कोविड-19 का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है.

गुरुवार को यूपी में कोरोना के अब तक सबसे ज़्यादा 8,490 मामले मिले, जबकि 39 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई.

संक्रमण के लिहाज़ से यूपी में एक दिन में यह सबसे बड़ी संख्या है. इससे पहले 11 सितंबर को एक दिन में सबसे ज़्यादा 7,103 कोरोना संक्रमित मिले थे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को उन 13 ज़िलों में नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है जहां संक्रमण की दर सबसे ज़्यादा है.

ये सभी नोडल अधिकारी 15 दिनों तक संबंधित ज़िले में रुक कर डीएम के साथ समन्वय स्थापित करेंगे और कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाएंगे. इनकी निगरानी मुख्यमंत्री कार्यालय करेगा.

राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में 26 डॉक्टर और कर्मचारी गुरुवार को भी कोरोना संक्रमित पाए गए. इससे पहले यहां केजीएमयू के वीसी समेत 40 डॉक्टर कोरोना पॉज़िटिव मिले थे जिसके बाद 153 का डॉक्टरों और कर्मचारियों का टेस्ट कराया गया.

राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या राज्य में सबसे ज़्यादा है.


लेबल:

गुरुवार, 8 अप्रैल 2021

यूपी के इस शहर में लगाया गया नाइट कर्फ्यू ,कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए लिया गया फैसला

भारत में कोरोनावायरस के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में कोविड-19 की स्थिति के कारण रात दस बजे से सुबह पांच बजे तक रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाया गया. जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने यह जानकारी दी है. साथ ही बताया गया कि गौतम बुद्ध नगर में आवश्यक सामान, चिकित्सा और अन्य आवश्यक सेवाओं को रात्रिकालीन कर्फ्यू से छूट दी गई. बता दें, नोएडा में बुधवार को एक दिन में 125 नए कोरोना मामले दर्ज किए गए थे.

बुधवार को उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 संक्रमित 40 और लोगों की मौत हो गई तथा 6023 नए मरीज सामने आए. पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कोविड-19 संक्रमित 40 और लोगों की मौत के साथ राज्य में इस वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 8964 हो गई है.

लेबल:

बुधवार, 7 अप्रैल 2021

पंचायत चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को दिया अहम सुझाव

Allahabad High Court On UP Panchayat Election: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मध्यनजर बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कुछ सलाह दिया है 

पंचायत चुनावों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव इस तरह से कराए जाएं कि कोई जुलूस ना निकले. अदालत ने कहा कि चाहे वह नामांकन हो, चुनाव प्रचार हो या मतदान हो, हर चरण में कोविड-19 के सभी नियमों का पालन किया जाना चाहिए.- Uttar Pradesh Gram Panchayat Chunav:

मालूम हो कि पहले चरण यानी 15 अप्रैल को 19 जिलों में मतदान होगा. बरेली, हाथरस, आगरा, कानपुर नगर, झांसी, महोबा, सहारनपुर, जौनपुर, श्रावस्ती ,भदोही, गाजियाबाद, रामपुर, प्रयागराज, बरेली, संतकबीर नगर, गोरखपुर, रायबरेली, हरदोई, अयोध्या में लोग अपने गांवों के प्रतिनिधि चुनने के लिए वोट डालेंगे. वहीं, दूसरे चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा. इस दौरान बिजनौर, अमरोहा, बदायूं, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, मुजफ्फरनगर, बागपत, वाराणसी, प्रतापगढ़, गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) लखनऊ, सुल्तानपुर, लखीमपुर खीरी, गोंडा, इटावा, ललितपुर, आजमगढ़, चित्रकूट और महाराजगंज में मतदान होगा. 

26 अप्रैल को तीसरे चरण में भी 20 जिलों में वोटिंग होगी. इस दौरान सिद्धार्थनगर, देवरिया, फिरोजाबाद, औरैया, फतेहपुर, जालौन, हमीरपुर, बलिया, उन्नाव, मिर्जापुर, अमेठी, बाराबंकी, कानपुर देहात, शामली, मेरठ, पीलीभीत, कासगंज, चंदौली, मुरादाबाद और बलरामपुर वोट डाले जाएंगे.

वहीं चौथे और अंतिम चरण में 29 अप्रैल को 17 जिलों में चुनाव होगा. इस दौरान संभल, हापुड़, अलीगढ़, बुलंदशहर, मथुरा, मऊ, फर्रुखाबाद, सीतापुर, बांदा, अंबेडकर नगर, बहराइच, बस्ती, कौशांबी, सोनभद्र, गाजीपुर, कुशीनगर, और शाहजहांपुर जिले में लोग मतदान करेंगे.

लेबल:

तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन जिन्होंने किया था चुनावी व्यवस्था में काफी सुधार

सौरभ वीपी वर्मा

एक दौर था जब चुनाव आयोग के दफ्तर पर या उसके लिफाफे पर चुनाव आयोग भारत सरकार लिखा होता था ,लेकिन तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन ने चुनाव आयोग का बैकराउंड ही बदल दिया जहां उन्होंने सबसे पहले चुनाव आयोग से भारत सरकार शब्द हटाया उसके बाद मतदाता पहचान पत्र पर जोर दिया ,साथ ही बूथ कैप्चरिंग की घटना को काफी हद तक नियंत्रण किया ,चुनाव में सरकारी गाड़ियों और पैसों के खर्च को बंद करवाया यहां तक की प्रचार अवधि खत्म होने के बाद अच्छे-अच्छे नेताओं और बाहुबलियों को मंच से उतरने के लिए मजबूर कर दिया , इन्ही का श्रेय है कि आज बहुत सारे सुधार देखे जा रहे हैं ,लेकिन वहीं आज के चुनाव आयुक्त हैं जो पिछले दरवाजे से सरकार के आदेशों को सुनने और काम करने के लिए मजबूर होते दिखाई दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सरकार में सुब्रमण्यन स्वामी कानून मंत्री थे जो उनके दोस्त थे। सुब्रमण्यन स्वामी ने शेषन को मुख्य चुनाव आयुक्त का पद ऑफर किया। उन्होंने शुरू में तो इस ऑफर को ठुकराना चाहा लेकिन उन्होंने पहले राजीव गांधी से मशविरा किया, फिर तत्कालीन राष्ट्रपति आर.वेंकटरमन, अपने बड़े भाई और अपने ससुर से सलाह ली। उसके बाद उन्होंने ऑफर स्वीकार कर लिया और दिसंबर 1990 में देश के मुख्य चुनाव आयुक्त का प्रभार संभाल लिया। इसके बाद उन्होंने देश की चुनाव व्यवस्था में जो सुधार किया, उससे उनका नाम इतिहास में अमर हो गया।

आज देश में लगभग 99% वोटर्स के पास पहचान पत्र है, तो उसका क्रेडिट भी शेषन को जाता है। उनके कार्य काल में इसकी शुरुआत हुई और 1996 में इसका प्रयोग शुरू हुआ। यह फर्जी वोटिंग रोकने में सबसे बड़ा हथियार साबित हुआ है। 90 के दशक में बिहार, यूपी ही नहीं दिल्ली जैसे शहरों में लोग शिकायत करते पाए जाते थे कि वोट डालने पहुंचे तो पता चला कि उनका वोट पहले ही पड़ चुका है, ये शिकायत दूर हुई।

शेषन के चुनाव आयुक्त बनने से पहले आचार संहिता सिर्फ कागजों में थी, लेकिन शेषन ने इसे कड़ाई से लागू किया। पहले चुनाव प्रचार को लेकर नियमों का पालन नहीं होता था। नतीजा उम्मीदवार बेहिसाब और बेहिचक खर्च करते थे। आचार संहिता लागू होने के बाद आयोग की प्रचार पर नज़र रहने लगी। रात 10 बजे के बाद प्रचार पर रोक लगी। कैंडिडेट के लिए चुनाव खर्च का हिसाब प्रचार के दौरान नियमित देना अनिवार्य हुआ और फिजूलखर्ची रुकी। दलों और उम्मीदवार की मनमानी पर रोक लगाने के लिए पर्यवेक्षक तैनात करने की प्रक्रिया को शेषन ने ही सख्ती के साथ लागू किया।

लेबल:

मंगलवार, 6 अप्रैल 2021

राष्ट्रीय राजधानी में 30 अप्रैल तक रात्रि 10 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू

नई दिल्ली : पूरे देश में फैली कोरोनावायरस की दूसरी लहर के कहर के बीच अब दिल्ली में भी नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंगलवार को यह फैसला लिया है. यह नाइट कर्फ्यू शहर में 30 अप्रैल तक लागू रहेगा. इस दौरान रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लगा रहेगा.

नाइट कर्फ्यू के दौरान ट्रैफिक मूवमेंट पर किसी तरह की कोई रोक नहीं होगी. जो लोग वैक्सीन लगवाने जाना चाहते हैं उनको छूट होगी लेकिन ई-पास लेना होगा. राशन, किराना, फल सब्जी, दूध, दवा से जुड़े दुकानदारों को ई-पास के जरिए ही मूवमेंट की छूट होगी. प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को भी ई-पास के जरिए ही मूवमेंट की इजाजत होगी. आईडी कार्ड दिखाने पर प्राइवेट डॉक्टर नर्स पैरामेडिकल स्टाफ को भी छूट मिलेगी

वैध टिकट दिखाने पर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस अड्डे आने-जाने वाले यात्रियों को छूट दी जाएगी. गर्भवती महिलाओं और इलाज के लिए जाने वाले मरीजों को छूट मिलेगी. पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बस, दिल्ली मेट्रो, ऑटो, टैक्सी आदि को तय समय के दौरान उन्हीं लोगों को लाने ले जाने की इजाजत होगी जिनको नाइट कर्फ्यू के दौरान छूट दी गई है.

लेबल:

सोमवार, 5 अप्रैल 2021

बस्ती - सेवानिवृत्त शिक्षक को दी गई भावभीनी विदाई ,अंगवस्त्र और उपहार किये गए भेंट

केoसीo श्रीवास्तव

बस्ती-  शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षक राजेन्द्र नारायण शुक्ल को सेवानिवृत्त होने के बाद आज भावभीनी विदाई दी गई पिछले महीन 31मार्च को उनका कार्यकाल पूरा हुआ है।

पूर्व माध्यमिक विद्यालय नेवादा से सेवानिवृत्त हुए राजेन्द्र नारायण शुक्ला ने स्कूल को संवारने सजाने में जितना मेहनत किया है उसे भुलाया नही जा सकता है यही कारण है कि आज विदाई समारोह में उपस्थित अध्यापकों और रसोइयों के आंखों में आंसू आ गए।

 सहज स्वभाव के वरिष्ठ शिक्षक की सेवानिवृत्त होने पर पर स्टाफ व अन्य लोगों ने विदाई कार्यक्रम आयोजित की जिसमे उन्हें अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया इसके अलावा उन्हें राधा कृष्णा का चित्र , पेन ,डायरी और अन्य पोशाक देकर उनका सम्मान किया गया।

 विदाई समारोह में शिक्षक  राजेन्द्र नारायण शुक्ल ने कहा कि शिक्षक ही जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलाता है, जिससे बच्चे अपने जीवन और करियर को सही दिशा में अग्रसर करते हैं। उन्होंने अपने स्कूल के अध्यापकों से कहा कि वह निरंतर शिक्षा को बच्चों में बांटते रहें और उन्हें ज्ञान -विज्ञान की दुनिया से परिचित कराते रहें यही उनका असली कर्तव्य होगा। उन्होंने स्कूल के बच्चों और अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक होने और उसे ग्रहण करने का संदेश देते हुए आगे बढ़ने का आशीर्वाद दिया।

इस मौके पर अध्यापक गण विजय कुमार मिश्र ,राम प्रकाश शुक्ल ,अवनीश कुमार त्रिपाठी ,सोमनाथ गुप्ता ,पंकज सिंह , साक्षी सिंह एवं रसोइया संगीता ,दुर्गावती ,रमा पाण्डेय ,गुड़िया पाण्डेय ,शकुंतला मौजूद रहीं।

लेबल:

आखिर कौन है नक्सली हिंसा में मारे जा रहे जवानों का जिम्मेदार ,इसकी जवाबदेही कौन करेगा तय

सौरभ वीपी वर्मा 

छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर बार्डर पर  नक्सलियों के मुठभेड़ में 22 जवानों की मौत हुई है लेकिन इस मामले में राज्य और केंद्र सरकार ने अभी तक केवल यह कहा है कि यह शहादत बेकार नही जाएगा।

कैसा शहादत ? कैसा शहीद ? अब ये सब बातें बेकार की हो गई हैं जब हम किसी जवान की मौत पर उसके सामने शहीद लिखकर श्रद्धांजलि देते हैं तो सोशल मीडिया से लेकर शोक सभा मे सत् सत् नमन के अलावा इन जवानों के नाम पर और मिलता ही क्या है?

पुलवामा हमले में लगभग 50 जवानों ने अपनी जान गंवाई  है लेकिन उन परिवारों को अभी तक क्या मिला है इसका पड़ताल भी समाज को करना चाहिए , फिलहाल समाज जांच पड़ताल क्या करेगा ,समाज खुद अंधा है जो जाति-धर्म और राजनीतिक दलों के पागलपन में डूबा हुआ है। जिसके नाते वह कभी कुछ सही सोचने और सच बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है।

सच तो यह है कि इस लुटेरे नेताओं के चलते इस तरह के हमले हो रहे हैं क्योंकि आदिवासियों की भूमि को बिना दाम दिये यह नेता कारपोरेट घरानों को कब्जा करवाना चाहते हैं जो आदिवासी या वहां के स्थानीय निवासी नही चाहते।

अगर यह सही नही है तो वर्ष 2007 में बीजापुर के रानीबोदली में 55 पुलिस के जवानों की हत्या कर दी गई थी आखिर उसके कारण को जानने का प्रयास क्यों नही किया गया और किया गया तो इसका रिपोर्ट अभी तक क्यों नही आया।

इसी प्रकार 2007 में उरपलमेटा में सीआरपीएफ के 23 वर्ष  2009 में मानपुर इलाके में पुलिस अधीक्षक समेत 29 , वर्ष अप्रैल 2010 में ताड़मेटला इलाके में सीआरपीएफ के 76 + 36 +27 वर्ष 2013 में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल एवं पूर्व मंत्री विद्याचरण शुक्ला समेत 30  वर्ष 2017 में दुर्पाल इलाके में रिजर्व पुलिस बल के 25  ,वर्ष 2019 में भाजपा विधायक और उनके चार सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी गई लेकिन आज तक इनके कारणों को जानने का प्रयास क्यों नही किया गया। इसके अलावा  1, 2 ,3 , जवानों की मौत इस इलाके में प्रतिदिन होता रहता है लेकिन नेता अपनी जवाबदेही अभी तक भी तय नही कर पाए।

लेबल:

रविवार, 4 अप्रैल 2021

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुठभेड़ में 8 सुरक्षाकर्मी शहीद, 18 जवान अभी भी हैं लापता

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में शनिवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ के दौरान 8 जवान शहीद हो गए जबकि 18 जवान अभी भी लापता हैं. वहीं करीब एक दर्जन जवान जख्मी हैं.  छत्तीसगढ़ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मुठभेड़ में कई नक्सली भी मारे गए हैं.

खबरों के मुताबिक, सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो टीम, डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड और स्पेशल टास्क फोर्स की टीम इलाके में माओवादियों के खिलाफ अभियान चला रही थी, तभी यह मुठभेड़ शुरू हो गई. बस्तर रेंज के बीजापुर जिले के तारेम इलाके में यह मुठभेड़ हुई है. 

लेबल:

शनिवार, 3 अप्रैल 2021

उपजिलाधिकारी आनंद श्रीनेत ने अति संवेदनशील बूथों पर शांति और सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती - त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मध्यनजर वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के संसारपुर ,आमा नारायणपुर एवं सिहबरा ग्राम पंचायत में बने बूथ पर पर स्थलीय निरीक्षण कर उपजिलाधिकारी भानपुर आनंद श्रीनेत , क्षेत्राधिकारी आलोक प्रसाद एवं प्रभारी निरीक्षक डीके सरोज ने शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया ।
 इस दौरान एसडीएम आनंद श्रीनेत ने आम जनता से बातचीत की और निडर होकर मतदान करने की अपील की उन्होंने कहा कि किसी तरह की दिक्कत हो तो तत्काल पुलिस को सूचित करें। उन्होंने बताया कि गांव में पुलिस हमेशा भ्रमणशील रहेगी इस लिए कोई भी व्यक्ति किसी तरह का अराजकता का माहौल उत्पन्न न करे।

उन्होंने संबंधित को निर्देशित करते हुए कहा कि चुनाव में शांति व्यवस्था बनाए रखने एवं कोविड-19 से बचाव हेतु उपायों का पालन करना सुनिश्चित किए जाए। इस दौरान उन्होंने थाना प्रभारी डीके सरोज को हर वक्त तैयार रहने के लिए निर्देशित किया।

लेबल:

देश में कोरोना का भयावह रूप ,पिछले 24 घंटे में 89129 नए मामले 714 की मौत

भारत - देश में एक बार फिर कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटे में भारत में 89129 नए मामले सामने आए हैं वहीं इस दौरान 714 लोगों की मौत हो चुकी है । पिछले 20 दिनों से लगातार बढ़ते हुए आंकड़े को देखते हुए केंद्र सरकार राज्यों से लगातार संपर्क  उसके बाद पंजाब , महाराष्ट्र समेत कई राज्यों की स्थिति बिगड़ती जा रही है ।

लेबल:

शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

बस्ती- पंचायत चुनाव को पारदर्शी ढंग से सम्पन्न कराने के लिए जनपद में चुनाव कंट्रोल रूम स्थापित

बस्ती - त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 को पारदर्शी एवं सुचितापूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए जनपद मेंचुनाव कंट्रोल रूम की स्थापना कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में की गयी है। उक्त जानकारी एडीएम/उप जिला निर्वाचन अधिकारी अभय कुमार मिश्र ने दी है। उन्होने बताया कि इसके प्रभारी अधिकारी/अपर उप जिला अधिकारी (न्यायिक) प्रथम राजेश सिंह, मोबाइल एंव व्हाट्सएप नम्बर-9415235211 है।

 शिकायत प्रकोष्ठ के प्रभारी वरिष्ठ प्रसाशनिक अधिकारी संचित मोहन तिवारी मोबाइल एवं व्हाट्सएप नम्बर-9450514435 है तथा सहायक प्रभारी अधिकारी राम कुमार पाल मोबाइल एंव व्हाट्सएप नम्बर-9450565697 है।

उन्होने बताया कि शिकायत प्रकोष्ठ का दूरभाष नम्बर 05542-245725/245262 एवं ई-मेल sunilbhu48@gmail.com है। पंचायत चुनाव से संबंधित किसी भी प्रकार की कोई शिकायत उपरोक्त नम्बर या मेल पर दी जा सकती है। इसका निस्तारण प्रभारी अधिकारियों द्वारा संबंधित अधिकारियों से समयान्तर्गत कराया जायेगा।

लेबल:

गुरुवार, 1 अप्रैल 2021

लूह के थपेड़ों से बचने के लिए हो जाइये तैयार ,उत्तर भारत में सामान्य से अधिक रहेगा तापमान

नई दिल्ली : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गर्मियों से संबंधित अपने पूर्वानुमान में कहा है कि उत्तर और पूर्वी भारत में अप्रैल से जून तक दिन का तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है. आईएमडी ने कहा कि दक्षिण भारत के अधिकतर हिस्सों, पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों, पूर्वोत्तर आदि क्षेत्रों में अधिकतम तापमान के सामान्य स्तर से कम रहने का अनुमान है. मौसम विज्ञान विभाग ने कहा, “आगामी गर्मियों के मौसम (अप्रैल से जून) में, उत्तर, उत्तर-पश्चिम के अधिकांश हिस्सों और पूर्व मध्य भारत के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान के सामान्य से ऊपर रहने का अनुमान है.

उल्लेखनीय है कि देश के कई हिस्सों में मार्च महीने में ही अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया. आईएमडी ने यह भी कहा कि अभी भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में मध्यम ला नीना की स्थिति है और समुद्र की सतह का तापमान (एसएसटी) मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में सामान्य से नीचे है. निकाय ने कहा कि ताजा पूर्वानुमान आने वाले मौसम में एसएसटी बढ़ने का संकेत देते हैं. गर्मियों के संबंध में यह आईएमडी का दूसरा पूर्वानुमान है. इससे पहले उसने इस महीने की शुरुआत में मार्च से मई के लिए पूर्वानुमान जारी किया था.

लेबल:

उत्तर प्रदेश -जानिए पंचायत चुनाव लड़ने के लिए किस पद के लिए कितना लगेगा फीस ,और नियम

उत्तर प्रदेश -अगर आप त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं तो आपके लिए यह खबर बेहद जरूरी है क्योंकि इसमें आज हम आपको बता रहे हैं कि पंचायत चुनाव लड़ने के लिए किस-किस पदों पर कितना रुपया फीस लगेगाup panchayt chunav nomination 

15 अप्रैल को ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य का चुनाव शुरू होगा। इन पदों पर चुनाव लडऩे वालों को खर्चे का ब्यौरा देना होगा। राज्य चुनाव आयोग से जारी निर्देश के अनुसार प्रधान पद के दावेदार चुनाव प्रचार में अधिकतर 75 हजार रुपये खर्च कर सकते हैं। इतनी ही धनराशि क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) के लिए भी निर्धारित की गई है। जबकि, जिला पंचायत सदस्य के लिए यह सीमा 1.50 लाख रुपये कर दी गई है। वहीं, ग्राम पंचायत सदस्य के लिए दस हजार रुपये ही निर्धारित की गई है। ग्राम पंचायत सदस्य का दायरा प्रधान से भी कम होता, इसलिए चुनावी खर्च सबसे कम है।

पहले चरण के चुनाव के लिए विकास खंड कार्यालयों से शनिवार से पर्चा (नामांकन पत्र) बिक्री शुरू हो जाएगी। सभी पदों के लिए नामांकन पत्र की अलग-अलग दर निर्धारित की गई है। ग्राम पंचायत सदस्य को नामांकन पत्र 150 रुपये में, प्रधान और बीडीसी को 300 रुपये में और जिला पंचायत सदस्य को 500 रुपये में मिलेगा। एससी, ओबीसी और महिला वर्ग के उम्मीदवारों को नामांकन पत्र आधे दाम पर मिलेगा।

चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों को जमानत राशि जमा करनी होगी। सदस्य के लिए जमानत राशि पांच सौ रुपये निर्धारित की गई है। प्रधान और बीडीसी को दो हजार रुपये जमानत राशि देना होगा। जबकि जिला पंचायत सदस्य को चार हजार रुपये जमा करना होगा। जमानत राशि नगद भी जमा कराई जा सकती है। अगर प्रत्याशी इसे चालान के माध्यम से बैंक में जमा करवाते हैं तो निर्वाचन अधिकारी को इसकी रसीद देनी पड़ेगी।

पर्चा भरते समय कोई गड़बड़ी न हो, इसलिए सभी प्रत्याशी इस मामले बहुत सावधानी बरते। इस बार प्रत्याशियों को चार सेट में पर्चा भरने की छूट दी गई है। अधिसूचना जारी होने के अगले दिन से सभी ब्लाकों में नामांकन पत्रों की बिक्री शुरू हो गई है।

लेबल:

बंगाल और असम में दूसरे चरण का मतदान जारी,हाईप्रोफाइल सीट नंदीग्राम पर टिकी निगाहें

बंगाल और असम में दूसरे दौर का मतदान जारी, दोनों जगह पर कई दिग्गज नेताओं के किस्मत का होगा फैसला ,हाईप्रोफाइल सीट नंदीग्राम से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने शुभेंदु अधिकारी मैदान में। इस सीट पर पूरे देश के लोगों की टिकी निगाहें।

लेबल: