भ्रष्टाचार के शिकायत की जांच पूरी ,रिपोर्ट आने में हो रही देरी
भ्रष्टाचार के शिकायत की जांच पूरी ,रिपोर्ट आने में हो रही देरी ।
उप निदेशक पंचायत ने आगे की कार्यवाही के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी बस्ती को किया निर्देशित
अमरौली शुमाली की प्रधान गायत्री देवी और सचिव अखिलेश शुक्ला की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
बस्ती। सल्टौआ विकास खंड के अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत में विकास कार्यों में अनियमितताओं की शिकायत पर जिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर प्रशासनिक जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। इस देरी को लेकर शिकायतकर्ता सौरभ वीपी वर्मा ने उप निदेशक (पंचायत ) को लिखित पत्र देकर जल्द से जल्द मामले का निस्तारण की मांग की है।
शिकायत ने आरोप लगाया था कि ग्राम पंचायत में सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है जिसमे नाली मरम्मत के नाम पर बड़ा घोटाला शामिल है साथ ही निधि के पैसों को प्रधान गायत्री देवी एवं उनके रिश्तेदार दिलीप कुमार के खाते में भेज कर लंबा गोलमाल किया गया है। जिलाधिकारी बस्ती रवीश गुप्ता ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए थे।
इस मामले में जिला प्रशिक्षण अधिकारी डॉ. विजय प्रताप यादव एवं नलकूप विभाग के सहायक अभियंता पंकज विश्वकर्मा को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। दोनों अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पंचायत से जुड़े दस्तावेज, विकास कार्यों की भौतिक स्थिति और ग्रामीणों के बयान एकत्रित किए। कई बिंदुओं पर पूछताछ और निरीक्षण के बाद जांच पूरी कर ली गई।
शिकायतकर्ता सौरभ वीपी वर्मा ने पूरे मामले को उप निदेशक (पंचायत ) से अवगत कराते हुए बताया कि शिकायत के 10 महीने बाद जांच पूरी हो पाई उसके बाद जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्यवाही नही हो रही है उन्होंने शिकायत पत्र में कहा कि यदि जांच की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, तो रिपोर्ट दबाकर रखना बड़ा सवाल खड़े करता है।
इस शिकायत के बाद उप निदेशक पंचायत ने जिला पंचायत राज अधिकारी बस्ती को पत्र लिखकर निर्देशित किया कि अमरौली शुमाली में भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायत के मामले में जब जांच पूरी हो गई है तब यथाशीघ्र आगे की कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई किया जाए।
शिकायतकर्ता ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी एक मामले में दर्जनों बार शिकायत करने के बाद जांच पूरी हो पाती है उसके बाद संबंधित आरोपी अपने रसूख और पैसे के दम पर जांच प्रक्रिया पूरी नही होने देते उन्होंने कहा कि अगर आगे की कार्यवाही में देरी हुई तो वह जल्द ही भ्रष्टाचार के सारे पन्ने को लोकायुक्त के पास ले जाएंगे और ग्राम पंचायत में हुए मनरेगा और वित्त के सभी कार्यों की जांच एक सिरे से करवाएंगे।
लेबल: उत्तर प्रदेश
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