सोमवार, 24 फ़रवरी 2025

बस्ती-स्कूली बच्चों में हुआ निःशुल्क जूता, मोजा, बैग का वितरण

बस्ती, 24 फरवरी। सुभासपा पिछडा मोर्चा के जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार चौधरी की अध्यक्षता में, उर्मिला एजुकेशनल एकेडमी एकडेगवा जनपद बस्ती में अखिल भारतीय समूह सहायता ट्रस्ट द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन के तहत निःशुल्क जूता, मोजा, बैग का वितरण किया गया। विद्यालय के चेयरमैन गंगा राम वर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा की इस प्रकार का कार्यक्रम बच्चों का उत्साहवर्धन करते हैं। 
इसके साथ ही उन्हे अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है। इस अवसर पर उन्होने संस्था की ओर से किये जा रहे प्रयासों को विस्तार से साझा किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत शोभा प्रसाद चौहान ने कहा नौनिहालों का मनोबल जितना ऊंचा होगा परिणाम उतने ही सुखद होंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में राम धीरज चौधरी, राम जियावन चौधरी, पूर्व प्रधान कृष्ण कुमार चौधरी, प्रधान जाता करमा संतोष चौधरी, विजय चौहान, रमेश चन्द्र वर्मा, अनिरुध्द चौधरी, सूरज गौतम, सत्य प्रकाश चौधरी व विद्यालय के सम्मानित अध्यापक एवं अभिभावक उपस्थित रहे। अंत में प्रमोद चौधरी ने सभी के प्रति आभार जताया।.

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रविवार, 23 फ़रवरी 2025

आपके मस्तिष्क में क्या चल रहा है इसे पढ़ रही हैं टेक कंपनियां

क्या आपको लगता है कि आपके मस्तिष्क में क्या चल रहा है, इसे कोई टेक कंपनी नहीं जान सकती?

 अगर ऐसा सोचते हैं, तो आप भारी गलतफहमी में हैं। आप जो सोचते हैं, जो महसूस करते हैं, और यहां तक कि जो सपने देखते हैं—सब कुछ टेक कंपनियों के रडार पर है। आपको लगता होगा कि आपका मस्तिष्क अभेद्य किला है, लेकिन हकीकत इससे कहीं ज्यादा डरावनी है।
क्या आपने कभी गौर किया है कि जब आप टाइप कर रहे होते हैं, तो आपके वर्ड सजेशन में अगला शब्द लगभग वही होता है, जो आप सोच रहे थे? यह कोई जादू नहीं है, यह आपकी सोच को पढ़ने की टेक्नोलॉजी है। आपका स्मार्टफोन, आपका लैपटॉप, आपके सोशल मीडिया अकाउंट—ये सभी आपकी आदतों, आपके विचारों, और यहां तक कि आपके सबसे निजी एहसासों को इकट्ठा कर रहे हैं। ये कंपनियां केवल आपके टाइप किए गए शब्दों को नहीं, बल्कि आपके टाइप करने के ढंग को भी समझती हैं। वे यह तक जानती हैं कि आप किस भावनात्मक स्थिति में हैं।

सोचिए, जब आप गूगल पर कुछ टाइप करते हैं, तो ऑटो-सजेशन आपको पहले ही बता देता है कि आप क्या खोज रहे हैं। जब आप यूट्यूब पर जाते हैं, तो वहां वे वीडियो सामने आ जाते हैं जो आपने कभी सोचे थे कि देखने चाहिए। नेटफ्लिक्स आपकी पसंद की मूवी पहले ही सुझा देता है। क्या यह महज़ संयोग है? नहीं, यह आपका डिजिटल प्रोफाइलिंग डेटा है, जो यह समझ चुका है कि आपके मन में क्या चल रहा है।

फेसबुक का मशहूर सवाल What’s on your mind? यूं ही नहीं रखा गया था। यह मासूम सा दिखने वाला सवाल वास्तव में वह जाल था, जो आपकी गहरी भावनाओं, आपकी निजी समस्याओं और आपकी इच्छाओं को टेक कंपनियों की प्रयोगशाला में डालने का जरिया बना। आपको लगा कि आप अपने दोस्तों से बातें कर रहे हैं, लेकिन असल में आप अपने जीवन का ब्लूप्रिंट टेक कंपनियों को सौंप रहे थे।

अमेज़न, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा —ये सब आपकी डिजिटल छाया को इकट्ठा कर रहे हैं। ये जान रहे हैं कि आप कब खुश होते हैं, कब उदास होते हैं, कब गुस्से में होते हैं। फेसबुक के रिएक्शन फीचर्स को देखिए—वे केवल आपको अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं देते, वे आपके मूड का एनालिसिस करते हैं। यही कारण है कि जब आप किसी खास मुद्दे पर गुस्सा होते हैं, तो वही मुद्दा बार-बार आपके सामने लाया जाता है, ताकि आप और अधिक प्रतिक्रिया दें। यह सिर्फ डेटा कलेक्शन नहीं है, यह माइंड कंट्रोल का सबसे परिष्कृत रूप है।

अब सोचिए, जब आप किसी दोस्त से किसी प्रोडक्ट के बारे में बात करते हैं और अचानक से उसी प्रोडक्ट का विज्ञापन आपके फोन पर दिखने लगता है—क्या यह भी संयोग है? नहीं, यह माइक्रोफोन की ताकत है, यह आपके व्यवहार का एनालिसिस है। सिरी, गूगल असिस्टेंट, एलेक्सा—ये केवल आपकी मदद के लिए नहीं बनाए गए, ये आपकी जासूसी करने के लिए बनाए गए हैं।

अभी तो यह शुरुआत है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और न्यूराल नेटवर्क्स की दुनिया में टेक कंपनियां धीरे-धीरे आपके निर्णय लेने की क्षमता तक प्रभावित करने लगी हैं। अब वे केवल यह नहीं जानतीं कि आप क्या सोच रहे हैं, बल्कि वे यह भी तय कर सकती हैं कि आप आगे क्या सोचेंगे। आप जिस खबर को पढ़ते हैं, वह आपकी स्क्रीन पर पहले से तय करके रखी जाती है। आपको किस विचारधारा की ओर झुकाना है, किस मुद्दे से भटकाना है, यह सब एल्गोरिदम तय करते हैं।

तो अगली बार जब आप सोचें कि आपका मस्तिष्क स्वतंत्र है, तो दोबारा सोचिए। टेक कंपनियां आपके अवचेतन तक पहुंच चुकी हैं। सवाल यह नहीं है कि वे आपके दिमाग में क्या चल रहा है, यह जानते हैं या नहीं—सवाल यह है कि आप खुद अपने दिमाग पर कितना नियंत्रण रखते हैं?

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गुरुवार, 13 फ़रवरी 2025

बस्ती- पूर्व प्रधान विजय प्रकाश वर्मा ने स्कूली बच्चों में वितरित किया बैग और जूता

बस्ती- अखिल भारतीय समूह सहायता ट्रस्ट द्वारा स्कूली बच्चों में आज निःशुल्क रूप से जूता ,मोज़ा एवं बैग का वितरण किया गया । कार्यक्रम राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन नई दिल्ली के सहयोग से किया गया ।सामग्री वितरण कार्यक्रम का आयोजन अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान विजय प्रकाश वर्मा ने किया। इसके पूर्व सल्टौआ विकास खण्ड के अशोक कुमार वर्मा पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाले सभी बच्चों को निःशुल्क रूप से जूता एवं बैग का वितरण किया गया था ।
आज यानी बृहस्पतिवार को जीएनपी ग्लोबल स्कूल अमरौली शुमाली में पढ़ने वाले सभी बच्चों को जूता ,मोजा एवं बैग का वितरण किया गया ।

कार्यक्रम के आयोजक विजय प्रकाश वर्मा ने बताया कि क्षेत्र के दो स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को यह सामग्री निःशुल्क रूप से दी गई है अभी और भी स्कूलों में बच्चों को जूता ,मोजा एवं बैग दिया जाएगा।
इस मौके पर स्कूल के प्रबंधक नागेंद्र पटेल , ज्योति प्रकाश वर्मा ,सत्येंद्र चौधरी , गफ्फार खां , दीपक , उदयराज यादव ,जितेंद्र यादव , स्कूल के अध्यापक समेत कई लोग मौजूद रहे।

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बुधवार, 12 फ़रवरी 2025

बस्ती- गेम पार्लर से युवाओं को मिलेगी आधुनिक खेलों की सुविधा - संजय द्विवेदी

बस्ती। गुरुवार को बस्ती में युवाओं के लिए गेमिंग पार्लर के नाम पर नये युग की शुरुआत हुई है। साहू ग्रुप ने गेम हैवेंन के नाम से शहर में आधुनिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए गेम पार्लर खोला है। गेम पार्लर का उद्घाटन उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने किया। श्री द्विवेदी ने कहा कि गेम पार्लर से युवाओं को आधुनिक खेलों की सुविधा मिलेगी। उन्हें स्थानीय स्तर पर मनोरंजन की अच्छी सुविधा मिलेंगे। 
साहू ग्रुप के गौरव साहू ने आये अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कहा बस्ती में अब एक नई और दिलचस्प मनोरंजन की दुनिया का आगाज हुआ है। गेम हैवेंन नामक एक नया गेमिंग पार्लर अब बस्ती के बच्चों और युवाओं के लिए खुल चुका है। बस्ती में बढ़ती तकनीकी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इस जगह का निर्माण कर रहे हैं।

उन्होने कहा कि बस्ती में बच्चों के लिए गेमिंग की इतनी जरूरत थी। इसके लिए घर पर महंगा गेमिंग सेटअप खरीदना कई परिवारों के लिए कठिन था। यही कारण है कि "गेम हैवेंन" पार्लर खोलने का निर्णय लिया गया, ताकि अब बस्ती के बच्चे और युवा किफायती दरों पर सबसे बेहतरीन गेमिंग अनुभव का लाभ उठा सकें।

  सुमित गुप्ता ने कहा कि "गेम हैवेंन" में आपको मिलेगा एक अत्याधुनिक गेमिंग अनुभव, जिसमें कार सिमुलेटर, वर्चुअल रियलिटी (वीआर ) गेम्स और पी एस -5 के सारे नए और लोकप्रिय गेम्स जैसे कि जीटीए -5, स्पाइडर-मैन, फीफा- 23 सहित अन्य बहुत सारे रोमांचक गेम्स खेलने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, यहां पर स्वादिष्ट खाने-पीने की सुविधाएं भी दी गई हैं, ताकि आपको गेमिंग के साथ-साथ अच्छे खाने का भी मजा लिया जा सके। बच्चों को नई तकनीक और गेमिंग की दुनिया से परिचित कराने का यह शानदार अवसर है। यदि आप अपने बच्चों को नई और मजेदार गतिविधियों में भाग दिलाना चाहते हैं तो गेम हैवेंन पार्लर एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इस मनोरंजन केंद्र का एक बार जरूर लाभ उठाएं और अपने बच्चों को इस आधुनिक और शानदार गेमिंग अनुभव का हिस्सा बनाएं।

इस दौरान सौरभ साहू, अमित गुप्ता, राजेश गुप्ता, संजू गुप्ता, आकृति गुप्ता, पूनम साहू, मोनी गुप्ता सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

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रविवार, 9 फ़रवरी 2025

बस्ती-हजारों गर्भवती महिलाओं का नार्मल प्रसव कराने वाली सुधारी देवी का निधन

सौरभ वीपी वर्मा

बस्ती-एक ऐसा नाम जो न तो कभी ग्लैमर रहा है और न ही उनका कोई फीस था उसके बाद भी उन्होंने एक हजार से ज्यादा गर्भवती महिलाओं का नार्मल डिलेवरी उनके घर पर ही करवाने का रिकॉर्ड कायम किया जिसकी वजह से वह अपने इलाके में महिलाओं की एक निःशुल्क डॉक्टर के रूप में प्रसिद्ध हुईं उनका नाम था सुधारी देवी।
बस्ती जनपद के सल्टौआ विकास खंड के अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत के रामनगर गांव की रहने वाली 85 वर्षीय सुधारी देवी करीब 6 दशक तक क्षेत्र में एक महिला वैध के रूप में लोगों की चहेती बनी रहीं क्योंकि वह गर्भवती महिलाओं की नाड़ी छूकर बता देती थीं कि बच्चा नार्मल होगा या अस्पताल जाने की जरूरत पड़ेगी।

 क्षेत्र के ग्रामीण बताते हैं कि सुधारी देवी का इस मामले में अनुभव इतना ज्यादा था कि अगर वह किसी गर्भवती महिला को देखकर और छूकर बच्चा पैदा होने का समय भी बता देती थीं तो वह शत प्रतिशत सही निकलता था। रामनगर गांव के रहने वाले 70 वर्षीय बाबूराम वर्मा बताते हैं कि गायत्री देवी का गर्भवती महिलाओं के बारे में अनुभव इतना ज्यादा था कि वह महिला के शरीर को छूकर पूरी तरह से जान जाती थीं कि महिला को डॉक्टर के पास ले जाना पड़ेगा या नार्मल डिलेवरी होगा वह बताते हैं कि जब अस्पतालों और डॉक्टरों का अभाव था तब सुधारी देवी ही क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की डॉक्टर हुआ करती थीं।

सुधारी देवी के पुत्र शीतला प्रसाद ने बताया कि वह पिछले 4 वर्षों से अस्वस्थ थीं जिसकी वजह से वह कहीं आती जाती नही थीं रविवार करीब 1 बजे उनका निधन हो गया ।सुधारी देवी के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है।







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बस्ती- अखिल भारतीय समूह द्वारा स्कूली बच्चों में जूता एवं बैग का किया गया वितरण

बस्ती- अखिल भारतीय समूह सहायता ट्रस्ट द्वारा स्कूली बच्चों में शनिवार को निःशुल्क रूप से जूता ,मोज़ा एवं बैग का वितरण किया गया । कार्यक्रम राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन नई दिल्ली के सहयोग से किया गया । कार्यक्रम की अगुवाई अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान विजय प्रकाश वर्मा ने किया।
संस्था द्वारा बच्चों को जूता ,मोजा एवं बैग दिया गया । संस्था के पदाधिकारियों ने इसकी शुरुआत सल्टौआ विकास खण्ड के अशोक कुमार वर्मा पूर्व माध्यमिक विद्यालय से की जहां करीब 88 बच्चों को निःशुल्क रूप से सामग्री वितरित की गई।
कार्यक्रम के आयोजक विजय प्रकाश वर्मा ने बताया कि अभी इस कार्य की शुरुआत की गई है अभी क्षेत्र के हजारों बच्चों को इसका लाभ दिया जाएगा ताकि बच्चे शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ें। इस मौके पर बबलू पाण्डेय , ज्योति प्रकाश वर्मा ,प्रदीप चन्द वर्मा ,साहुल ,पवन ,त्रिभवन , डॉक्टर शिवकुमार ,जोखन मौर्य समेत कई लोग मौजूद रहे।

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गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025

बस्ती-जिलाधिकारी के निर्देश पर सातवें दिन महिला के शव की हुई खुदाई , संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी मौत

जिलाधिकारी के निर्देश पर 7 वें दिन युवती के शव की हुई खुदाई संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी मौत 

बस्ती जनपद के रुधौली थाना क्षेत्र का मामला 

बस्ती- संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में रुधौली थाना क्षेत्र के थुमहवा पांडेय गांव की एक महिला का शव कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. परिजनों ने युवती की मौत के बाद शव को दफना दिया था. भानपुर तहसीलदार पंकज गुप्ता 
ने बताया कि जिलाधिकारी की बनाई टीम के सामने युवती के शव की खुदाई की गई है। 
रुधौली थाना क्षेत्र के थुमहवा पांडेय ग्राम पंचायत के राजस्व गांव सुगिया में 31 जनवरी की रात्रि 25 वर्षीय महिला लक्ष्मी देवी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी जिसे परिजनों ने दफना दिया था , लक्ष्मी देवी की मौत के बाद ग्रामीणों में उसकी हत्या की आशंका जताई गई थी जिसके बाद गांव के चौकीदार ने मामले की सूचना स्थानीय थाने पर दी थी जिसे जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने संज्ञान में लेकर टीम गठित कर शव की खुदाई कर पोस्टमार्टम करवाने के निर्देश दिए हैं 

मुस्लिम युवक से लक्ष्मी ने की थी शादी।

बता दें कि गांव के ही मोहम्मद इस्लाम के खिलाफ लक्ष्मी देवी के परिजनों ने वर्ष 2017 में केश दर्ज करवाई थी जिसमे मोहम्मद इस्लाम के खिलाफ स्थानीय थाने में छेड़खानी और पास्को एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें मोहम्मद इस्लाम की गिरफ्तारी हुई थी और वह जेल भेजा गया था 6 महीने बाद जेल से छूटने के बाद मोहम्मद इस्लाम ने लक्ष्मी से शादी कर ली थी जिसे वह गांव में ही लेकर रह रहा था इन दोनों के बीच दो बच्चे एक बेटा 5 साल और एक बेटी दो साल की है। 

इस मौके पर तहसीलदार भानपुर पंकज गुप्ता , प्रभारी निरीक्षक रुधौली विजय दूबे मय फोर्स , फोरेंसिक टीम , ग्राम प्रधान पिंटू दूबे क्षेत्रीय लेखपाल सहित तमाम लोग मौजूद थे।



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रविवार, 2 फ़रवरी 2025

बसंत पंचमी के अवसर पर BDY एजुकेशनल एकेडमी में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

बस्ती- BDY एजुकेशनल एकेडमी अमरौली शुमाली रामनगर में बसंत पंचमी के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।BDY एजुकेशनल एकेडमी के डायरेक्टर सुनील यादव ने धूप बत्ती जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत किया ,इस मौके पर स्कूल के बच्चों ने कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम और डांस शो प्रस्तुत किया ।
स्कूल के डायरेक्टर सुनील यादव ने कहा कि बच्चों के बेहतर भविष्य निर्माण के लिए उनके द्वारा लगातार सकरात्मक प्रयास किये जा रहे हैं जिसमें बच्चों को ज्ञान -विज्ञान , इतिहास , भूगोल , सामान्य ज्ञान आदि विषय को बेहतर तरीके से परोसे जा रहे हैं ताकि बच्चों के दिमाग मे किताबों की सही जानकारी बैठ सके।
इस मौके पर स्कूल के अध्यापक -अध्यापिकाएं ज्योति वर्मा ,आशुतोष , गोपाल ,आकृति ,संदीप ,अजय , रमाकांत , विजय ,नेहा ,स्वेता , शुशीला ,कुशलावती एलिशा धर्मेंद्र और विजय एवं बच्चे और अभिभावक उपस्थिति रहे।

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शनिवार, 1 फ़रवरी 2025

समीक्षा- कुंभ के चकाचौंध के बीच प्राथमिकताओं को किया गया दरकिनार

प्रयागराज कुंभ मेले से समीक्षात्मक रिपोर्ट

सौरभ वीपी वर्मा
25/01/2025

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े मेले का आयोजन किया गया है जो काबिले तारीफ है। शासन -प्रशासन और मेला प्रशासन सब अलग-अलग तरीके से मेले को भव्य एवं सफल बनाने में जुटे हुए हैं जहां देश दुनिया भर के भारी संख्या में लोग धार्मिक आस्था और पर्यटन की दृष्टि से  पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में उस कुंभ को हमने भी करीब से देखा जो अभी तक वर्चुअल माध्यम से देख रहे थे ।
कुंभ में लोगों को व्यवस्था देने की  उद्देश्य से सर्वप्रथम आवागमन एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया है यह स्थानीय प्रशासन का सराहनीय कदम है । सड़कों पर भीड़ को कम करने के लिए संगम घाट के चारो तरफ हर दिन लोहे की चादरों से सड़क बनाने का काम हो रहा है जो ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त रखने में काफी कारगर साबित हो रहा है। जगह-जगह मोबाइल शौचालय एवं प्रसाधन की व्यवस्था भी आगुंतकों के लिए आरामदायक साबित हो रहा है सफाई से जुड़े लोग भी अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपने कर्त्यव्यों का निर्वहन कर रहे हैं जो मेले की सबसे बड़ी सुंदरता है।

लेकिन उन्ही मेले में हजारों की संख्या में पंक्तियों में बैठे भिखारी को देखकर जेहन में सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर इस देश में साढ़े सात दशक से किस तरह से गरीबी उन्मूलन का कार्यक्रम चलाया गया कि वह अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के पास नही पहुंच पाया । कुंभ में ऐसे भी दिव्यांग भिखारी दिखाई दिये जिनका व्हीलचेयर टूटा-फूटा है और वह अपने शरीर के कटे-फ़टे अंगों को दिखा कर लोगों से भीख के नाम पर मदद की गुहार लगा रहे हैं ,3 साल से लेकर 13 साल तक के बच्चे भीख मांग रहे हैं जबकि पिछले ढाई दशक से इन अव्यवस्था एवं आभाव को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर दिव्यांग कल्याण एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा कई हजार करोड़ रुपये को खर्च कर वाहवाही के ढोल पीटे गए हैं। बेरोजगारी का आलम यह है कि प्रदेश के कोने-कोने से प्रयागराज तैयारी करने गए छात्र भी मास्क पहनकर लोगों को चंदन लगा रहे हैं , पानी के लिए डिब्बा बेंच रहे हैं ,चाय की फेरी लगा रहे हैं ,चना और स्वीटकॉर्न बेंच रहे हैं और बहुत सी ऐसी बातें हैं जिसपर सरकार ने प्राथमिकताओं को दरकिनार कर केवल मेले के भव्य आयोजन पर ध्यान दिया।

दुनिया का कोई भी देश केवल बहुत बड़ा मेला लगा लेने से और उसको सफल बना देने से विकसित  नहीं कहा जा सकता है , अगर किसी भी देश की सभ्यता- संस्कृति और वहां की विकास कार्यों को दुनिया के सामने लाना है तो सबसे पहले बुनियादी सुविधाओं में सुधार लाने के लिए ठोस प्रयास करना होगा अन्यथा जिस देश में 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त में राशन दिया रहा है ,जिस देश में गरीब- विधवा और वृद्धाओं को पेंशन दिया रहा है ,जिस देश में अति गरीबों को आवास दिया जा रहा है , जिस देश में लोगों को शौचालय के लिए सहयोग राशि दिया जा रहा है , जिस देश में किसानों को किसान सम्मान निधि के नाम पर सहयोग दिया रहा है , जिस देश में मुफ्त शिक्षा व्यवस्था दी जा रही है , जिस देश में सरकारी अस्पतालों में मुफ्त की चिकित्सा व्यवस्था दी जा रही है ,जहां पर सिलेंडर, साइकिल ,स्मार्टफोन ,लेपटॉप ,स्कूटी ,बिजली पानी भी मुफ्त दी जा रही है वहां पर बड़ी संख्या में लोगों की फटेहाली ,गरीबी एवं बदहाली होना हास्य पद है ।

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