शनिवार, 31 अगस्त 2024

बस्ती के गड्ढों वाली सड़कों पर चलना हुआ जोखिम ,आये दिन हो रही दुर्घटनाएं

बस्ती- एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार दावा करती है कि प्रदेश की सड़कों की हालात में काफी सुधार हुआ है दूसरी तरफ यूपी के गड्ढों वाली सड़कों पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रहीं हैं लेकिन लोकनिर्माण विभाग को इसकी कोई परवाह नही है।
ताजा मामला बस्ती जनपद के रामनगर विकास खण्ड के पिरैला नरहरिया का है जहाँ पर करीब 200 मीटर सड़क पर गड्ढे हो जाने की वजह से प्रतिदिन वाहनों से आने जाने वाले यात्रियों को दुर्घटना का शिकार होना पड़ रहा है । 

कांग्रेस नेता विश्वनाथ चौधरी ने बताया कि पिरैला चौराहे पर 200 मीटर सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है जिसकी वजह से सड़क जलमग्न रहता है और कीचड़ होने की वजह से दो पहिया और तीन पहिया वाहनों का दुर्घटना होना आम बात हो गया है , उन्होंने बताया कि यह मार्ग सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज सीमा में प्रवेश करती है ,डुमरियागंज की सड़क काफी अच्छी है जबकि पिछले 5 वर्ष से इस सड़क की हालत काफी खराब है लेकिन दर्जनों शिकायत के बाद भी इस सड़क का मरम्मत नही हुआ । उन्होंने बताया कि 31 अगस्त को दिन में एक तीन पहिया वाहन फिसल कर सड़क पर गिर गया जिससे उसमें बैठे लोगों को चोटें आईं। कांग्रेस नेता विश्वनाथ चौधरी ,प्रधान ध्रुबलाल चौधरी , अनिल यादव , विजय सिंह और अन्य लोगों ने इस सड़क को अतिशीघ्र बनाये जाने की मांग की है।

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शुक्रवार, 30 अगस्त 2024

बीडीओ रामनगर पर अवैध वसूली और नियम विरुद्ध भुगतान का आरोप

बस्ती/ भानपुरः रामनगर विकास खंड के प्रधानों ने आज दूसरे दिन मनरेगा के तहत कराए गए पक्के कार्यों में नियम विरुद्ध भुगतान को लेकर ब्लॉक के गेट पर ताला लगाकर धरना प्रदर्शन किया ,इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी पहुंचे जिन्हें प्रधानों ने मांग पत्र सौंपा ।

प्रधानों ने खण्डविकास अधिकारी ,गणेश दत्त शुक्ला , कम्प्यूटर ऑपरेटर अरविंद यादव , लेखाकार मनोज श्रीवास्तव पर कमीशनखोरी का गंभीर आरोप लगाया प्रधानों ने बताया कि भुगतान करने के लिए  बीडीओ द्वारा 10 प्रतिशत कमीशन की मांग की जा रही थी जबकि पहले से ही 5 प्रतिशत कमीशन वसूला जा रहा है , लेकिन जब 10 फीसदी कमीशन की रकम नही मिली तो सीरियल तोड़कर भुगतान कर दिया गया जो पूरी तरह से नियम के खिलाफ है।
आक्रोशित प्रधानों ने खंड विकास अधिकारी एवं अकाउंटेंट के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी मौके पर पहुंच कर प्रधानों की समस्या को सुना और फोन पर जिलाधिकारी से वार्ता कर प्रधान की समस्याओं के निस्तारण के लिए कहा ।

प्रधानों ने आरोप लगाया है कि 16 महीने से मनरेगा द्वारा कराए गए पक्के कार्यों का भुगतान नहीं किया गया है। जब पैसा आया भी तो बीडीओ द्वारा मनमाने तरीके से क्रम को तोड़कर भुगतान कर दिया गया। उनका कहना है कि कुछ ग्राम पंचायतों का केवल इसी वर्ष का ही भुगतान किया गया है। अभी भी सभी ग्राम पंचायतों का पिछले वित्तीय वर्ष का भुगतान लटका हुआ है।

संगठन के ब्लाक अध्यक्ष पवन द्विवेदी उर्फ मंटू ने कहा कि जब तक उच्चाधिकारी मौके पर पहुंच कर प्रधानों की समस्या का पूरी तरह से निस्तारण नही करेंगे तब तक अनिश्चित काल तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।

 इस मौके पर वीरेंद्र चौधरी, राजू चौधरी, दीपचंद यादव, प्रेम प्रकाश, ऋषभ सिंह, मोहम्मद कयूम, राम सजीवन, हरीशलाल, मनोज कुमार, मोहम्मद रईस, जयराम चौधरी, जसवंत दुबे, शंभू जायसवाल, दिनेश कुमार , रामावतार ,तबारक खान ,मणीन्द्र सिंह , पिंटू दुबे ,सत्य प्रकाश , जैशराम चौरसिया , राजकुमार चौधरी ,दिनेश कुमार (रिंकू)केशव प्रसाद यादव , डब्लू चौधरी ,रामसागर चौधरी , हरीश कुमार ,कुंवरपाल चौधरी ,सुभाष पाल , बाबूलाल , सोहन कुमार ,लालमन चौधरी ,जगदीश चौधरी , बंटू तिवारी ,रसीद अहमद ,ध्रुबलाल चौधरी ,अभिवन सिंह ,अरुण चौधरी ,मनोज पाण्डेय , संजय पाण्डेय ,श्याम बिहारी ,राजेश चौधरी , मणीन्द्र चौधरी ,धारीलाल , मनोज यादव , इम्तियाज अहमद , समेत कई दर्ज प्रधान जमे रहे ।

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रविवार, 25 अगस्त 2024

क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम... NPS से कैसे अलग... क्या होगा फायदा? जानिए आपके हर सवाल के जवाब

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम (NPS) की जगह नई पेंशन स्कीम का ऐलान किया है. यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी UPS को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा. मोदी सरकार ने बताया कि इस स्कीम से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा. हालांकि, कर्मचारियों के पास UPS या NPS में से कोई भी पेंशन स्कीम चुनने का ऑप्शन रहेगा. वहीं, अगर राज्य सरकार भी इसे अपना सकती हैं. UPS से एम्प्लॉयी कॉन्ट्रिब्यूशन का बोझ भी नहीं बढ़ेगा.

आइए जानते हैं क्या है UPS? ये न्यू पेंशन स्कीम से कितना अलग है? इससे कर्मचारियों को क्या-क्या फायदे होंगे:-

यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी UPS क्या है?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना है. इसके तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सुनिश्चित पेंशन दी जाएगी. पेंशन की रकम रिटायरमेंट के पहले के 12 महीने के एवरेज बेसिक पे की 50% होगी.

कब से लागू होगी यूनिफाइड पेंशन स्कीम?
UPS 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी. सरकार ने बताया कि NPS की शुरुआत के समय से इसके तहत रिटायर हुए सभी लोग और 31 मार्च, 2025 तक रिटायर होने वाले लोग भी UPS के सभी लाभों के लिए पात्र होंगे. उन्होंने जो भी पैसा निकाला है, उसे एडजस्ट करने के बाद बकाया मिल जाएगा.

न्यू पेंशन स्कीम में क्या दिक्कत है, जो इसे बदला जा रहा है?
नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की बेसिक सैलरी प्लस DA का 10% हिस्सा कटता है. NPS शेयर मार्केट पर आधारित है. इसलिए ये सेफ स्कीम नहीं मानी जाती. NPS में 6 महीने बाद मिलने वाले DA का कोई प्रावधान नहीं है. NPS में रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती. चूकिं NPS शेयर मार्केट पर बेस्ड है. लिहाजा इसमें टैक्स का भी प्रावधान है. NPS के तहत रिटायरमेंट पर पेंशन पाने के लिए NPS फंड का 40% इंवेस्ट करना होता है.

न्यू पेंशन स्कीम से कैसे अलग है UPS?
UPS में सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट से पहले के 12 महीने की बेसिक सैलरी के औसत का 50% निश्चित पेंशन के तौर पर मिलेगा. UPS के तहत अगर किसी ने 25 साल काम किया है, तो उसे पेंशन मिलेगी. अगर किसी ने 25 साल से कम, लेकिन 10 साल से ज्यादा काम किया है तो भी उसे पेंशन मिलेगी. लेकिन रकम कम होगी. 

UPS से कर्मचारी को और क्या-क्या हैं फायदे?
UPS आपको एश्योर्ड फैमिली पेंशन की सुविधा देता है. यानी कर्मचारी की मौत के समय उसकी जो पेंशन बनेगी, उसका 60% डिपेंडेंट फैमिली को मिलेगा. यही नहीं, अगर किसी की सर्विस 10 साल से कम है, तो भी एश्योर्ड मिनिमम पेंशन 10 हजार महीना है. DA को एड कर दें, तो आज की डेट में ये 15 हजार महीना हो जाती है. पेंशन, एश्योर्ड पेंशन और एश्योर्ड फैमिली पेंशन में DA भी लगेगा. DA ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स पर बेस्ड होगा.

UPS में कर्मचारियों पर कॉन्ट्रिब्यूशन का कितना बोझ बढ़ेगा?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, "कर्मचारियों पर अब कोई बोझ नहीं पड़ेगा. न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10% हिस्सा कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है. इसमें सरकार का कॉन्ट्रिब्यूशन 14% रहता है. लेकिन नई स्कीम (UPS) में सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 % कॉन्ट्रिब्यूट करेगी. सरकार का कॉन्ट्रिब्यूशन 14% से 18.5% बढ़ाए जाने पर पहले साल 6250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा.

क्या रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी के अलावा Lump Sum Payment का लाभ मिलेगा?
रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान का लाभ मिलेगा.6 महीने की सेवा के लिए (सैलरी+DA) का 10% रकम का एकमुश्त पेमेंट किया जाएगा.

पेंशन पर एरियर्स का कैल्कुलेशन कैसे किया जाएगा?
वित्त सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन ने कहा कि 2004 से अब तक 20 साल का वक्त गुजरा है. इस दौरान NPS के तहत रिटायर होने वाले कर्मचारियों की संख्या अपेक्षाकृत कम है. सरकार के पास इसका पूरा रिकॉर्ड है. इसके हिसाब से एरियर्स का कैल्कुलेशन किया जाएगा.

एरियर्स पर कितना ब्याज मिलेगा? 
पेंशन की बकाया राशि यानी एरियर्स पर सरकार ब्याज का भी भुगतान करेगी. अगर कर्मचारी UPS चुनते हैं, तो उन्हें कैल्कुलेशन के मुताबिक ब्याज जोड़कर जितना एरियर्स बनेगा, उतना दिया जाएगा. वहीं, अगर पहले रिटायर हो चुके कर्मचारी UPS चुनते हैं और नए सिरे से कैल्कुलेशन के बाद एरियर्स बनता है तो PPF रेट के हिसाब से ब्याज मिलेगा. 

UPS से कौन जुड़ सकते हैं?
केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को नई पेंशन योजना (NPS) में बने रहने या यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में शिफ्ट होने का ऑप्शन दिया है. सरकार ने कहा है कि UPS उन सभी लोगों पर लागू होगा, जो 2004 के बाद से NPS के तहत पहले ही रिटायर हो चुके हैं. जो पैसा उन्हें पहले मिल चुका है या वे फंड से निकाल चुके हैं, उससे एडजस्ट करने के बाद पेमेंट किया जाएगा.

क्या राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी मिलेगा फायदा?
सरकार ने कहा कि अगर राज्य सरकारें UPS अपनाना चाहती हैं, तो वो ऐसा कर सकती हैं. केंद्र की स्कीम से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा. अगर राज्य सरकारों के कर्मचारी भी इसे अपनाते हैं, तो कुल 90 लाख कर्मियों को इसका फायदा मिलेगा.



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शनिवार, 24 अगस्त 2024

शिक्षक भर्ती में नई सूची बनाये जाने का सरकार का निर्णय सराहनीय-बृजेश पटेल

बस्ती- उत्तर प्रदेश की 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को पूरी मेरिट लिस्ट रद्द कर दी है. कोर्ट ने तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है. 
इसको लेकर सरदार सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी बृजेश पटेल ने जिलाधिकारी कार्यालय बस्ती के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर नई सूची बनाये जाने के निर्णय का स्वागत किया है । ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने कहा कि नई सूची बनाये जाने में पूरी तरह से पारदर्शिता रखी जाए एवं आरक्षित वर्ग के लोगों के कोटे को पूरा करने के लिए उसका पालन किया जाए 
बता दें, यूपी की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले शुक्रवार हो लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने अपने फैसले में पूरी चयन सूची को ही रद्द कर दिया. इससे पहले एकल पीठ ने 69 हजार अभ्यर्थियों की चयन सूची पर पुनर्विचार करने के साथ-साथ 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को खारिज कर दिया था. न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने महेंद्र पाल और अन्य की ओर से एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दायर की गयी 90 विशेष अपीलों को एक साथ निस्तारित करते हुए नयी सूची बनाने के आदेश दिया है।

इस अवसर पर विनय चौधरी ,अभिषेक चौधरी , दिवाकर पाल ,आरिफ अंसारी ,अमर जीत चौधरी ,राजकुमार वर्मा ,शहजाद आलम ,रमेश चौधरी आदि लोग मौजूद थे।

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10 करोड़ की लागत से बने आलीशन मकान को जेसीबी किया गया ध्वस्त

मध्य प्रदेश के छतरपुर पुलिस थाने में पथराव करने वाले उपद्रवियों के ऊपर सख्त कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने पुलिस प्रशासन ने गुरुवार को  मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली की 10 करोड़ रुपये की लागत से बने आलीशान महल को ध्वस्त कर दिया है वहीं घर पर खड़ी दो चारपहिया वाहनों को भी जेसीबी मशीन से कुचल दिया गया . 

बता दें कि 21 अगस्त को धार्मिक नेता सैय्यद हाजी शहजाद अली और सैय्यद जावेद अली के नेतृत्व में करीब 300-400 लोग ज्ञापन सौंपने के लिए पुलिस थाने आए थे. वे महाराष्ट्र के संत रामगिरी महाराज के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग कर रहे थे, जिन पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र में पहले से ही कई केस दर्ज हैं. 
डीआईजी ललित शाक्यवार ने बताया कि भीड़ अचानक आक्रामक हो गई और पथराव शुरू कर दिया, जो करीब दस मिनट तक जारी रहा, जिसके बाद पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले दागने पड़े. पथराव के कारण कोतवाली थाना प्रभारी अनिल कुजूर के हाथ और सिर में गंभीर चोटें आईं हैं. आरक्षक भूपेंद्र प्रजापति भी घायल हुए हैं. पुलिस की टीमें गश्त कर रही हैं और सीसीटीवी फुटेज और वीडियो क्लिपिंग की मदद से पथराव में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है. 

प्रदेश सरकार के मुताबिक, कोतवाली थाने में पथराव के मामले में पुलिस ने 48 नामजद और 100 से अधिक अन्य आरोपियों के खिलाफ थाना कोतवाली में केस दर्ज किया गया है. मामले में अभी तक 70 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई और 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

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सोमवार, 19 अगस्त 2024

बस्ती- कोचिंग सेंटर के छात्रों ने कैंडल मार्च निकाल कर दुष्कर्म और हत्या का किया विरोध

बस्ती-पश्चिम बंगाल में ट्रेनी महिला चिकित्सक से सामूहिक दुराचार और हत्या एवं बिहार के गया में नाबलिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म का विरोध दर्ज कराते हुए रविवार शाम को सोनहा स्थिति आर.के कोचिंग सेंटर के संचालक राकेश चौधरी के नेतृत्व में कोचिंग सेंटर के अध्यापक व छात्र- छात्राओं ने सोनहा बाजार में कैंडल मार्च निकाल कर सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का विरोध किया एवं पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की।
कोचिंग सेंटर के चेयरमैन राकेश चौधरी ने कहा कि देश में दुष्कर्म और हत्या के साथ ही महिलाओं पर जुल्म और अत्याचार के मामले लगातार बढ रहे हैं जो चिन्ता का विषय है ।  कैंडल मार्च के दौरान छात्र-छात्राओं ने वी फॉर जस्टिस व बहन हम शर्मिंदा है तेरे कातिल जिंदा हैं के नारे लगा रहे थे।

 इस मौके पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी पिछड़ा मोर्चा के निवर्तमान जिला प्रमुख महासचिव रमेश चंद्र वर्मा , निवर्तमान जिला महासचिव सूरज कुमार , रवि पटेल, अब्दुल अज़ीज़ सहित कई दर्जन लोगों ने कैंडल मार्च में हिस्सा लिया।

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रविवार, 18 अगस्त 2024

24 नही दो बच्चों की मां हैं खुश्बू पाठक ,मनोरंजन के लिए बनाया वीडियो

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमे बताया जा रहा है कि खुश्बू पाठक नाम की महिला हैं वह 24 बच्चों की मां हैं। तहकीकात समाचार के कई पाठकों और श्रोताओं ने इस वीडियो की हकीकत जानने के लिए वीडियो को हमे व्हाट्सएप किया तो इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमारी टीम ने यूपी के कई जिलों के स्थानीय पत्रकारों से संपर्क किया ।
इस खोजबीन के बीच हमे पता चला कि यह महिला उत्तर प्रदेश में अंबेडकर नगर जनपद के रामनगर गांव की रहने वाली हैं । उनके पति का नाम सच्चिदानंद पाठक है और उनके दो बच्चे  अनमोल और आराध्या हैं। उनके पति ड्राइवर हैं और खुशबू ने यह वीडियो मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया था।

निष्कर्ष- 24 बच्चों की मां कहे जाने वाली वायरल वीडियो के पड़ताल में पता चला है कि वीडियो मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है और उसकी कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है , वायरल वीडियो में 24 बच्चों की मां कहे जाने वाली महिला का नाम खुश्बू पाठक है उनके दो बच्चे अनमोल और आराध्या हैं।

सौरभ वीपी वर्मा
संपादक तहकीकात समाचार

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गुरुवार, 15 अगस्त 2024

78 वर्षों की आजादी में गरीबी के आंकड़ों से नही मिल रही आजादी

सौरभ वीपी वर्मा

15 अगस्त 2024 को इस देश को आजाद हुए 78 वर्ष पूरे हो गए, इन 78 वर्षों में देश मे काफी तरक्की हुई है सड़क ,रेल ,हवाई यात्राएं सुगम हुई हैं , थाना , तहसील ,ब्लॉक हाईटेक हुए हैं , लोगों के बोल -चाल , भाषा एवं सभ्यता में बदलाव आई है , स्कूल ,कॉलेज ,अस्पताल ,दुकान ,मॉल आदि की वृद्धि बड़े पैमाने पर हुई है ।
लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ी चिंता है यह है कि इस देश का धन मुट्ठी भर लोगों के हाथों में सिमटता जा रहा है  जिसका परिणाम है कि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैश हो रहे भारत में वर्ष दर वर्ष गरीबों की संख्या बढ़ती जा रही है। वर्ष 2024 के शुरुआती महीने में नीति आयोग ने दावा किया था कि देश में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर हुए हैं लेकिन आसान भाषा में समझने वाली बात यह है कि यदि देश में गरीबी खत्म हुई और गरीबों की संख्या में कमी आई तो आखिर कोविड-19 के बाद से देश में राशन कार्ड बनवाने की मांग क्यों बढ़ी है।

जिस तरह से इस देश में चंद लोगों के पास धन एकत्रित होता जा रहा है और दूसरी तरफ राशन की मार पड़ी हुई है निश्चित तौर इस देश में गरीबी के आंकड़े बढ़ रहे हैं , ज्यादातर लोगों के पास काम होने के बाद भी पैसे की किल्लत है वहीं अधिकांश लोग ऐसे भी हैं जिनके पास कोई काम नही है तो आखिर इस देश में गरीबी के आंकड़े कम कैसे हो रहे हैं यह अपने आप में बड़ा सवाल है।

सच तो यह है कि इस देश में गरीबी उन्मूलन के बहाने इस देश के गरीबों का उन्मूलन हो रहा है यहां तक कि मध्यवर्गीय परिवार में आये दिन ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जहां कर्ज के बोझ के तले दबे होने की वजह से परिवार का मुखिया कहीं आत्महत्या कर रहा है तो कहीं पूरे परिवार के साथ आत्मदाह कर ले रहा है।

सही मायने में इस देश से गरीबी कम करना है तो सबसे पहले इस देश में गरीबी रेखा की तरह अमीरी रेखा का निर्माण करना होगा , अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को चिन्हित करना होगा ,पहली सीढ़ी , दूसरी सीढ़ी ,तीसरी सीढ़ी पर खड़े लोगों की पहचान करना होगा उसके बाद इस देश में ग्राम पंचायत स्तर पर धन का विकेंद्रीकरण करना होगा तब जाकर एक स्वस्थ भारत का निर्माण होगा अन्यथा पाकिस्तान और बांग्लादेश पर बेबुनियाद बहस करने वाले 100 करोड़ से ज्यादा भारतीय वर्ष दर वर्ष गरीबी रेखा की तरफ जाते दिखाई देंगे। 

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रविवार, 11 अगस्त 2024

बस्ती- मृत्युभोज का बहिष्कार कर शोकसभा का आयोजन ,किया गया वृक्षारोपण

बस्ती- अर्जक संघ के बैनर तले आज जनपद के मूड़घाट में शोकसभा का आयोजन किया गया , यह शोकसभा  सिद्धनाथ प्रजापति की पत्नी गीता प्रजापति के निधन पर आयोजित किया गया । उनके स्मृति एवं सम्मान में आयोजित शोकसभा में उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करने के बाद वृक्षारोपण कार्य किया गया ।
शोकसभा को संबोधित करते हुए उमेश चन्द्र वर्मा ने कहा कि अब लंबे अरसे से चले आ रहे परम्परावादी व्यवस्था को बंद करके अर्जक संघ द्वारा चलाये जा रहे मिशन को आगे बढ़ाने की जरूरत है जिसमें पीड़ित परिवार को किसी प्रकार के बोझ का सामना नही करना पड़ता है क्योंकि अर्जक संघ मृत्युभोज जैसी व्यवस्था से शोक संतप्त परिवार को बाहर निकालना चाहता है।
रजनीश पटेल ,महिपाल पटेल (माही) ,रामसुभग मौर्या ,प्रभाकर पटेल राम प्रकाश पटेल एवं विनोद चौधरी ने भी शोकसभाको संबोधित किया ।

 शोकसभा में रघुनाथ पटेल , सुखराम पटेल ,एडवोकेट रामनरेश चौधरी, राम केवल निगम , उदयभान जी , छोटेलाल , बजरंगी बाबू , गौरी शंकर , बालकृष्ण चौधरी , आरडी निषाद, रामकेश चौधरी , दिनेश चौधरी , पूजा चौधरी , जगदीश चौधरी , विनोद चौधरी , लोटन प्रसाद, मृत्युंजय चौधरी , अमरतंजय चौधरी , धैर्य पटेल , रणंजय चौधरी, रविपाल पटेल समेत परिवार और रिश्तेदार उपस्थित रहे।

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शुक्रवार, 9 अगस्त 2024

बस्ती-जनपद के दो ग्राम पंचायतों की जांच के लिए शासन और लोकपाल से शिकायत

बस्ती जनपद के दो ग्राम पंचायत में राज्य वित्त ,केंद्रीय वित्त एवं मनरेगा के पैसे को अनियमितित तरीके से भुगतान का आरोप ,शासन और लोकपाल से शिकायत।

बस्ती- जनपद के सल्टौआ विकास खण्ड के ग्राम पंचायत अमरौली शुमाली एवं गौर विकासखंड के बलुआ चौबे में हुए वित्तीय अनियमितिता को लेकर शिकायतकर्ता सौरभ वीपी वर्मा ने शासन में शिकायत की है ।वहीं मनरेगा में हुए वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए लोकपाल से दूसरी शिकायत अलग से की गई है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि ग्राम पंचायत अमरौली शुमाली में राज्य वित्त और केंद्रीय वित्त के पैसे को अनियमिति तरीके से भुगतान किया गया है जिसमें नाली मरम्मत के नाम पर करीब चार लाख रुपये का भुगतान किया गया है जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा पुराने और नए खरीदे गए ईटों के सत्यापन की मांग की है। वहीं ग्राम प्रधान गायत्री देवी और उनके रिश्तेदार दिलीप कुमार के खाते में 3,80000 रुपये मजदूरी के पैसे का भुगतान नियम विरुद्ध तरीके से होने का आरोप लगाया गया है। 

इसी के साथ गौर विकास खण्ड के बलुआ चौबे ग्राम पंचायत में 7 लाख 20 हजार रुपये का भुगतान हैंडपंप मरम्मत पर एवं 3 लाख रुपये का भुगतान ह्यूम पाइप पर हुआ है जबकि पूरा भुगतान विभिन्न स्थानों का नाम दिखा कर लिया गया है ,ग्राम पंचायत में विभिन्न स्थानों का नाम दिखा कर सोख्ता निर्माण  पर भुगतान हुआ है शिकायतकर्ता ने तीनों बिंदुओं पर उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए बताया कि ग्राम पंचायत में निधि के धन का बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है ।

फोरेंसिक दस्तावेज जांच में हो सकती है बड़ी कार्यवाई

 शिकायतकर्ता सौरभ वीपी वर्मा द्वारा ग्राम पंचायत अमरौली शुमाली एवं बलुआ चौबे में मनरेगा पर हुए कार्य की उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई है । लोकपाल से की गई शिकायत में बताया गया कि मनरेगा कार्य पर जारी हुए मस्टरोल के दौरान जिन तस्वीरों  का इस्तेमाल किया गया है उनमें ऑनलाइन हाजिरी के दौरान पोर्टल पर एक ही फोटो को कई बार मोबाइल द्वारा फ़ोटो खींच कर अपलोड किया गया है । इसके अलावा शिकायतकर्ता द्वारा कहा गया कि मनरेगा कार्य  डिमांड पर लगाये गए हस्ताक्षर एवं जारी हुए मस्टरोल पर लगाए गए अंगूठे के निशान  मनरेगा मजदूरों के नही हैं उसमें एक या दो व्यक्तियों द्वारा कार्य डिमांड और जारी हुए मस्टरोल पर अंगूठे के निशान फर्जी तरीके से लगा दिए गए हैं। शिकायतकर्ता ने कार्य डिमांड और जारी हुए मस्टरोल पर अंगूठे के निशान की जांच के लिए  फोरेंसिक दस्तावेज़ जांच एवं फिंगरप्रिंट सत्यापन के लिए मनरेगा लोकपाल से शिकायत की गई है ।

इस संबंध में जिलाधिकारी कार्यालय बस्ती द्वारा बताया गया कि कुछ बिंदुओं को लेकर ग्राम पंचायत अमरौली शुमाली और बलुआ चौबे ग्राम पंचायत में हुए वित्तीय अनियमितिता के आरोप को लेकर एक पत्र प्राप्त हुआ है इसको संबंधित खंड विकास अधिकारी को भेज कर रिपोर्ट मांगी गई है 

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मंगलवार, 6 अगस्त 2024

15 सूत्रीय मांगों को लेकर संविदा कर्मचारियों ने विधायक को सौंपा ज्ञापन

बस्ती- सोमवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले 15 सूत्रीय मांगों को लेकर डॉक्टर अजय की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश शासन को संबोधित ज्ञापन पत्र विधायक सदर महेंद्र नाथ यादव, मुख्य चिकित्साधिकारी बस्ती, मुख्य विकास अधिकारी बस्ती और अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण बस्ती को सौंपा गया।
मांग पत्र में मुख्यतः स्वीकृत एवं क्रियाशील पदों पर स्थानांतरण नीति लागू किए जाने, बढ़ती हुई महंगाई के दृष्टिगत HRA, ग्रेड पे, DA (महंगाई भत्ता) लागू किए जाने हेतु, कर्मचारियों के लिए ग्रुप इंश्योरेंस सुविधा, CHO के मानदेय एवं पीबीआई धनराशि की बढ़ोतरी, समस्त संविदा कर्मियों का मानदेय न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के अनुसार निर्धारित किए जाने हेतु (जैसे न्यूनतम मानदेय पर कार्यरत ANM) एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यरत कर्मियों रिक्त पदों के सापेक्ष भर्ती में उम्र एवं कार्य अनुभव के आधार पर प्रथम वरीयता दिए जाने जैसे बिंदु सम्मिलित हैं।इस मौके पर महामंत्री आनंद गौरव शुक्ल, राकेश पांडेय, शशि मौली रत्न पांडेय, विनय सिंह, उमेश कुमार, डॉ विकास गोंड, अरून वर्मा, आशीष पाण्डे, नरेंद्र कुमार, कोमल, जयंती गुप्ता, प्रियंका पाल आदि लोग मौजूद रहे।

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सोमवार, 5 अगस्त 2024

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद भारत पहुंचीं शेख हसीना, हिंडन एयरबेस पर उतरा प्लेन

बांग्लादेश में बढ़ते हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देकर ढाका छोड़ दिया है. सेना प्रमुख ने कहा है कि हम सरकार चलाएंगे. दरअसल, बांग्‍लादेश में विरोध प्रदर्शन थम नहीं रहा था. प्रदर्शनकारी अब शेख हसीना से इस्‍तीफे की मांग कर रहे थे. सूत्रों ने समाचार एजेंसी AFP को बताया, "पीएम शेख हसीना और उनकी बहन रेहाना को गणभवन (प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास) छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चली गई हैं. प्रदर्शनकारियों और सरकार के बीच टकराव में अब तक 98 लोगों की जान चली गईं और सैकड़ों अन्‍य घायल हुए. मारे गए लोगों में कई पुलिसकर्मी भी हैं. 
बांग्लादेश ने सोमवार को बांग्लादेश में हुए घटनाक्रम के मद्देनजर 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर अपनी सभी यूनिट के लिए सोमवार को ‘हाई अलर्ट’ जारी किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बीएसएफ के कार्यवाहक महानिदेशक (डीजी) दलजीत सिंह चौधरी और अन्य वरिष्ठ कमांडर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए कोलकाता पहुंच गए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘बीएसएफ ने अपने सभी ‘फील्ड कमांडर’ को निर्देश दिया है कि वह सभी कर्मियों को सीमा पर ड्यूटी पर तुरंत तैनात करें.


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बस्ती- बैनामे का 16 लाख लेने के बाद पेशाब करने के बहाने फरार हुआ काश्तकार

 सौरभ वीपी वर्मा 

बस्ती- भूमि बैनामे के नाम पर 17 लाख रुपया लेकर फरार हुए काश्तकार से पैसा वापस पाने के लिए जनपद के जखनी निवासी एक पीड़ित व्यक्ति को दर दर की ठोकरें खाना पड़ रहा है लेकिन काश्तकार द्वारा न तो जमीन का रजिस्ट्री किया जा रहा है और न ही पैसा वापस किया जा रहा है।

जनपद के थाना कोतवाली के जखनी निवासी अशोक कुमार चौधरी ने पुलिस अधीक्षक बस्ती को प्रार्थनापत्र देकर बताया कि ग्राम मसजिदिया में भूमि बैनामे के लिए मुंडेरवा थाना क्षेत्र के कुरियार के रहने वाले जमीन के मालिक मिथलेश कुमार उर्फ पप्पू पुत्र विजय पाल के खाते में 15 लाख 70 हजार रुपये का भुगतान किया उसके बाद भूमि मालिक जमीन का बैनामा करने के लिए 13 मई 2024 को पीड़ित खरीददार को बस्ती कचहरी बुलाया और वहां जमीन बैनामे की प्रक्रिया को पूरा कराया जिसमें पीड़ित ने भूमि की रजिस्ट्री के लिए 78 हजार 6 सौ रुपये का स्टाम्प भी खरीदा जिसपर दोनों पक्षकारों ने हस्ताक्षर भी किया लेकिन दस्तावेज पेशी के समय जमीन के मालिक मिथलेश कुमार पेशाब करने का बहाना बनाकर वहां से गायब हो गया और मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिया । पीड़ित ने बताया कि शाम को वह उनके घर गए तब पता चला कि वह चार दिन बाद जमीन का रजिस्ट्री करेगा  लेकिन हर बार चार दिन ,पांच दिन कहकर वह समय बढ़ाता जा रहा लेकिन जमीन का रजिस्ट्री नही कर रहा है और वह पैसा देने को भी राजी नही है।

पीड़ित ने बताया कि वह लगभग 3 माह से परेशान है और मिथलेश कुमार से पैसा वापस लेने के लिए या रजिस्ट्री करने के लिए अनुरोध कर रहे हैं लेकिन उसकी मंशा साफ नही है वह बात करने पर बहाने बनाता है न तो पैसा दे रहा है न ही रजिस्ट्री कर रहा है । पीड़ित ने कहा कि पुलिस से मदद की गुहार लगा रहे हैं लेकिन त्योहारों में व्यस्तता का हवाला देकर पुलिस से अभी कोई मदद नही मिल पाया है ,पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक बस्ती से न्याय की मांग की है।

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गुरुवार, 1 अगस्त 2024

सरयू नहर खंड 4 के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के मामले में सतर्कता आयोग (विजिलेंस) से जॉच कराए जाने की मांग* *सरयू नहर खंड 4 में किए गए भ्रष्टाचार की मुख्य सचिव से शिकायत के बाद जांच शुरू*

*सरयू नहर खंड 4 के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के मामले में सतर्कता आयोग (विजिलेंस) से जॉच कराए जाने की मांग* 

*सरयू नहर खंड 4 में किए गए भ्रष्टाचार की मुख्य सचिव से शिकायत के बाद जांच शुरू*




बस्ती- बस्ती जनपद के तहसील भानपुर अंतर्गत ग्राम भगवान पुर निवासी लाल बिहारी पुत्र राम आसरे ने सरयू नहर में हुए भ्रष्टाचार और गबन की जांच सतर्कता आयोग से करने की मांग की मुख्य सचिव से की है ,पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य बौद्ध अरविंद सिंह पटेल ने इसके लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है । लालबिहारी ने बताया कि उनके गांव में सरयू नहर की एक शाखा जा रही थी जिसका गजट सन 2000 में हुआ था। जिसमें कुछ काश्तकारों से नहर विभाग ने दिनांक-26.08.2000 को नहर की जमीन के अधिग्रहण हेतु अधिग्रहीत भूमि का बैनामा करवाया था। इसी दौरान गाँव की चकबन्दी का गजट हो गया था। उसके बाद बैनामा फार्म 23 के आधार पर करवाया गया था लेकिन ग्राम-भगवानपुर की चकबन्दी निरस्त कर दी गयी और अभिलेख पुनः तहसील में वापस कर दिये गये।

 चकबन्दी निरस्त होने से चकदारो का चक निरस्त हो गया और मूल काश्तकार पुनः अपने चको पर कायम हो गये। सरयू नहर विभाग ने जिन नम्बरो का दस्तावेज बैनामा दिनांक 26.08.2000 को कराया था, चकबन्दी निरस्त होने पर पुनः उन्ही नम्बरो का दस्तावेज बैनामा दिनाक 16.12.2017 व 18.12.2017 को उसी भूमि का चार गुना दर से बैनामा कराया गया। बैनामा दिनाक 26.08.2000 के वजूद में रहते दिनांक 16.12.2017 व 18.12.2017 को पुनः बैनामा कराना व चार गुना धन देकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। उक्त बैनाने की कार्यवाही में अधिशाषी अभियन्ता राकेश कुमार गौतम, अवर अभियन्ता बलिकरन चौहान, तात्कालीन सींचपाल की आपसी सहमति व धोखा देकर भूमिधरो से अच्छी-खासी कमीशन की राशि लेकर पुनः भुगतान किया गया है। उक्त बैनामे की कार्यवाही धोखाधड़ी, सरकारी धन का दुरूपयोग का जब प्रार्थी ने विरोध किया तो उक्त लोग प्रार्थी को जान से मारने की धमकी व गाली-गलौच दिये जिसकी सूचना थाना स्थानीय पर दी गयी। कोई कार्यवाही नहीं हुई। न्यायालय में परिवाद दाखिल किया है। इस संबंध मे अनेको बार इसकी सूचना शासन प्रशासन को पत्र के माध्यम से दिया गया है जिसमे सिंचाई विभाग लखनऊ के जॉच अधिकारी भी अच्छा खासा धन लेकर मामले में निष्पक्ष जांच करने की बजाय जांच को बन्द कर दिया।थक हार कर उक्त प्रकरण में प्रार्थना पत्र मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को दिया गया उक्त क्रम में मुख्य सचिव कार्यालय से जांच कराने के लिए जिलाधिकारी बस्ती को जांच सौंपी गई है । जिलाधिकारी बस्ती ने मुख्य राजस्व अधिकारी बस्ती संजीव ओझा को जॉच अधिकारी नामित करते हुए निष्पक्ष जांच करके रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया है। मुख्य राजस्व अधिकारी बस्ती संजीव ओझा से जब बात हुई तो उन्होंने बताया कि शासन में शिकायत हुई थी जिसकी जांच की जा रही है। शिकायतकर्ता को बुलाकर उनका बयान ले लिया गया है उस संबंध में सभी साक्ष्य लिए गए हैं प्रकरण अत्यंत गंभीर है जिसके क्रम में जांच की जा रही है जांच रिपोर्ट जल्द शासन को भेज दी जाएगी ताकि जल्द कार्रवाई हो सके ।
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जातीय जनगणना पर भड़कने वाले लोग इसका दर्द बस्ती के पटवा भाइयों से पूछिए

सौरभ वीपी वर्मा

जब सदन में जातीय जनगणना की बात हो रही है तब भाजपा के लोग इस विषय पर बहस करने से भड़क क्यों रहे हैं ,अगर भाजपा जातीय जनगणना करवा दे तो कौन सा खेत खलिहान उसका खाली हो जाएगा? इस जातीय समीकरण को साध कर राजनीतिक पार्टियों द्वारा दलित ,ओबीसी आदिवासी का वोट तो लिया जाता है लेकिन जब सत्ता की चाभी मिल जाती है तब हिस्सेदारी देने में समस्या क्यों होती है यह सवाल खड़ा होता है।
अगर सदन में सांसद जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं तो मैं इसका भरपूर समर्थन करता हूँ , जातीय जनगणना इस देश में क्यों जरूरी है मैं इसके लिए एक उदाहरण पेश करना चाहता हूं । 

बस्ती जनपद में दयाशंकर पटवा और उमाशंकर पटवा को शायद ही कोई नही जानता होगा , हर प्रमुख चौराहे पर आरसीसी बेंच की स्थापना करने की बात हो या फिर दीन दुखियों की सहयोग की बात हो पटवा बंधुओं ने दिल खोल कर मदद किया है लेकिन पटवा बंधुओं को आज तक जिला पंचायत सदस्य जीतने में भी जनता का समर्थन नही मिल पाया , जानते हैं क्यों क्योंकि पटवा बंधुओं को जातीय आंकड़े के बारे में कोई जानकारी नही था अगर ऐसा होता तो पटवा बंधु या तो करोड़ो रुपया खर्च नही करते या फिर उस क्षेत्र का नेतृत्व करते जहां से उन्हें राजनीतिक फायदा मिल सकता था । लेकिन पटवा बंधु ठहरे व्यवसायी उन्हें नही पता था कि जिस मिट्टी को अपना मिट्टी समझ कर वह राजनीति में एंट्री कर रहे हैं वहां जातीय समीकरण के हिसाब से सब कुछ चलता है ।

खैर यह तो एक मात्र उदाहरण था , जातीय भेदभाव की वजह से राजनीति में ही नही कई सारी जगहों पर हिस्सेदारी नही मिल पाती है , पत्रकार ,वकील ,नेता ,रिश्ता सब कुछ अपनी जाती का खोजा जा रहा है तो फिर हर किसी के जाति का सही आंकड़ा बताने में दिक्कत क्या है ।

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