अपना दल छोड़कर लोकदल में शामिल हुए महिपाल पटेल और विवेक पटेल
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उत्तर प्रदेश के बलिया में बिहार-यूपी बॉर्डर पर ट्रकों से अवैध वसूली के मामले में सीएम योगी ने सख्त एक्शन लिया है. दो पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के बाद जिले के एसपी और एएसपी को पद से हटा दिया गया है. इतना ही नहीं उस इलाके के सीओ को भी निलंबित कर दिया है.
दरअसल लगातार पुलिसकर्मियों द्वारा अवैध वसूली की शिकायत मिलने के बाद भरौली चेक पोस्ट पर एडीजी और डीआईजी ने संयुक्त रूप से छापेमारी की थी. इस दौरान ट्रकों से अवैध रूप से वसूली करते दो पुलिसकर्मियों को मौके से ही गिरफ्तार किया गया था. उनके साथ वसूली में लिप्त में 16 दलालों को भी पकड़ा गया था.
मामला सामने आने के बाद सरकार ने पूरी कोरंटाडीह चौकी को निलंबित कर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक यूपी-बिहार बॉर्डर पर शराब, पशु तस्करी, लाल बालू की तस्करी में पुलिसकर्मियों के अवैध वसूली की लगातार शिकायतें मिल रही थी.
मामला सामने आने के बाद अवैध वसूली के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए सीएम योगी ने बलिया के एसपी और एएसपी को पद से हटा दिया है जबकि सीओ को निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा सीओ, एसएचओ और चौकी इंचार्ज की संपत्ति की विजिलेंस जांच के भी आदेश दिए गए हैं
बता दें कि छापेमारी में मौके से कांस्टेबल हरदयाल सिंह को गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद खुलासा हुआ कि हर ट्रक से 500 रुपये वसूले जाते थे और वहां से रात को लगभग 1000 ट्रक गुजरते थे. इस हिसाब से हर दिन वहां 5 लाख रुपये की अवैध कमाई की जाती थी
छापमारी के दौरान हेड कांस्टेबल विष्णु यादव और कांस्टेबल दीपक मिश्रा मौके से फरार हो हए. जानकारी के मुताबिक ये पुलिसकर्मी निजी लोगों को दलाल बनाकर वसूली कर रहे थे. इस अवैध वसूली मामले में छापेमारी के बाद अब तक कुल 16 दलाल गिरफ्तार किए गए हैं. बिहार के बक्सर से आने वाले ट्रकों से यूपी सीमा में दाखिल होने के लिए ये वसूली की जा रही थी. दलालों से 37360 रुपए, 14 बाइक, 25 मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं.
अवैध वसूली के इस मामले में नरही थानाध्यक्ष, चौकी प्रभारी (करंटाडीह) के खिलाफ केस दर्ज किया गया है जिसमें कुल 7 पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया है. इस मामले की जांच आजमगढ़ के एएसपी को दी गई है. शुरआती जांच में दोषी पाए जाने पर नरही के थानाध्यक्ष पन्नेलाल और चौकी प्रभारी (करंटाडीह) राजेश प्रभाकर को सस्पेंड किया गया है.
इसके अलावा हेड कांस्टेबल चंद्रजीत यादव, औरंगजेब खान, कांस्टेबल परविंद यादव, सतीश गुप्ता, पंकज यादव, ज्ञानचंद, धर्मवीर पटेल, नरही के नाइट अफसर सब इंस्पेक्टर मंगला प्रसाद, हेड कांस्टेबल विष्णु यादव, कांस्टेबल हरिदयाल सिंह, दीपक मिश्रा, बलराम सिंह, उदयवीर, प्रशांत सिंह, ड्राइवर ओमप्रकाश समेत 10 कांस्टेबल को सस्पेंड किया गया है. वसूली में शामिल सिपाहियों के आवासों को भी सील कर दिया गया है.
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अवर अभियंता दिलीप कुमार कनौजिया संतकबीर नगर जनपद के खलीलाबाद में पोस्ट हैं लेकिन वह भी जनपद में अटैच होकर साऊँघाट विकास खण्ड में कार्य कर रहे हैं। वहीं अवर अभियंता परविंदर सिंह जनपद में15 साल से ज्यादा समय हो गया एक ही जगह जमे हुए हैं जिसकी वजह से लघु सिंचाई विभाग में भ्रष्टाचार का साम्राज्य स्थापित हो चुका है।
सवाल यह है कि दूसरे जनपद में पोस्टिंग होने के बाद आखिर किसके आदेश पर अवर अभियंताओं को जनपद में अटैच किया गया है वहीं 15 वर्षों से ज्यादा समय बीत जाने के बाद एक ही स्थान पर डटे रहना यह भी दर्शाता है कि लघु सिंचाई विभाग में चौतरफा अनियमितिता और भ्रष्टाचार की दीवार खड़ी करके उसके आड़ में मिलीभगत करके जिम्मेदार लोग मलाई काट रहे हैं ।
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उत्तर प्रदेश के फतेहपुर निवासी विकास दुबे के मामले में दिलचस्प बात सामने आई है. जांच में पता चला है कि उसे स्नैक फोबिया है. सांप ने उसे 7 बार नहीं सिर्फ 1 बार ही काटा था. वह 6 बार स्नेक फोबिया का शिकार हुआ था. स्वाथ्य विभाग की टीम ने आज जिलाधिकारी को यह जांच रिपोर्ट सौंपी है. जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था. रिपोर्ट में प्राइवेट हॉस्पिटल के इलाज पर संदेह जताया गया है.
फतेहपुर के सौरा गांव निवासी विकास दुबे ने दावा किया था कि उसे 40 दिनों में सात बार सांप ने काटा है. इस घटनाक्रम ने न केवल स्थानीय लोगों को चौंका दिया, बल्कि वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के बीच भी चर्चा का विषय बन गया. उसने दावा किया कि पहली बार विकास को जब सांप ने काटा, तब वह अपने खेत में काम कर रहा था. इसे सामान्य घटना मानकर इलाज किया गया, लेकिन इसके बाद हर कुछ दिनों में उसे सांप काटता रहा. हर घटना बाद विकास फतेहपुर के एक निजी अस्पताल में जाता था. वहां उसे एंटी-वेनम इंजेक्शन सहित उसकी गंभीर देखभाल की जाती थी. विकास दावा करता था कि उसे एक ही फन वाले सांप ने कई बार काटा है. इस घटना की फिर प्रशासन ने जांच की.
क्या है स्नैक फोबिया
फोबिया तर्कहीन डर को कहते हैं. किसी चीज से बहुत ज्यादा डर जाने के बाद फोबिया हो जाता है. विकास को भी सांप के एक बार काटने के बाद स्नैक फोबिया हो गया. उसे बार-बार लगता था कि वह सांप दोबारा आ गया और उसे डस लिया. इसी कारण उसने सभी को बताया कि उसे 40 दिनों में एक फन वाले सांप ने ही सात बार डस लिया है. हर बार जब उसे ऐसे लगता था तो वह अस्पताल भी चला जाता था. जहां बिल बनाने के लिए उसका इलाज भी कर दिया जाता था. इससे विकास के भ्रम को और बढ़ावा मिला और उसे लगने लगा कि सच में सांप ने डसा है. अगर पहली बार ही निजी अस्पताल वाले उसे बता देते कि उसे सांप ने नहीं डसा है तो शायद इतने दिनों तक वह डर में नहीं रहता. जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी की जांच में यही बात आई है
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बस्ती- स्वास्थ्य के क्षेत्र में बस्ती जनपद में आर्यन हॉस्पिटल एवं सर्जिकल सेंटर लोगों को बेहतर सुविधा प्रदान कर रहा है । आर्यन हॉस्पिटल में एक ही छत के नीचे कई प्रकार के मरीजों का सफल इलाज हो रहा है अस्पताल में प्रसव , एवं कई अन्य बड़ी बीमारियों का ऑपरेशन एवं इलाज अनुभवी डॉक्टरों द्वारा सफल हुआ है जिसकी वजह आर्यन हॉस्पिटल का जिले के टॉप अस्पतालों में गिनती की जा रही है।
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महोबा: उत्तर प्रदेश के महोबा में एक परिवार की खुशियां उस वक्त मातम में बदल गईं जब 35 वर्षीय देवेंद्र की करंट की चपेट में आ जाने के कारण दर्दनाक मौत हो गई. दरअसल, यहां एक परिवार मंदिर जाने की तैयारियां कर रहा था लेकिन तभी देवेंद्र को इतनी जोर का करंट का झटका लगा कि महज 22 सेकेंड में उसकी मौत हो गई. इस घटना का वीडियो सीसीटीवी में भी कैद हो गया है.
जानकारी के मुताबिक चांदो गांव निवासी देवेंद्र अपने ममेरे परिजन सुवेंद्र सिंह के यहां हो रहे धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आया था. यहां हर साल आषाढ़ मास में सुरेंद्र सिंह परिवार के कल्याण और सुख समृद्धि के लिए मंदिर में पूजा अर्चना का कार्यक्रम रखता है. इस परंपरा के तहत सभी लोग घर के अंदर मंदिर में जाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन तभी यह दर्दनाक हादसा हो गया.
परिजनों ने बताया कि घर में सभी लोग मंदिर में पूजा की तैयारी कर रहे थे. कोई प्रसाद बना रहा था तो कोई मंदिर में फूल और जल चढ़ाने की व्यवस्था कर रहा था. इसी बीच देवेंद्र भी मंदिर में झंडा लगाने के लिए बांस का डंडा लेकर आ रहा था लेकिन जैसे ही उसने मुख्य गेट में प्रवेश किया वैसे ही घर के ऊपर निकली 33 केवी की बिजली लाइन से डंडा छू गया और उसमें करंट उतर गया. इससे पहले कोई कुछ समझ पाता देवेंद्र करंट की चपेट में आ गया और देखते ही देखते उसकी मौत हो गई. बरसात के कारण बांस के डंडे में हल्की नमी थी और इस वजह से करंट डंडे में आ गया और देवेंद्र उसे सहन नहीं कर पाया.
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