मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

बस्ती- विकसित भारत संकल्प यात्रा वैन का भानपुर में आगमन ,योजनाओं की दी गई जानकारी

बस्ती- आज विकसित भारत संकल्प यात्रा वैन का आगमन नगर पंचायत भानपुर में हुआ , जिसमें विकसित भारत प्रकल्प यात्रा में उप जिलाधिकारी सत्रुधन पाठक ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभायी। कार्यक्रम में मेरी कहानी मेरी जुबानी कार्यक्रम के तहत नगर पंचायत निवासी अबरुनिशा, पश्शुराम, श्यामा देवी , आदि ने सरकार की योजनाओं से मिले लाभ के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया । 
मुख्य अतिथि उपजिलाधिकारी ने लाभार्थियों को बताया की उनके जीवन में किस प्रकार से पी०एम० योजना से प्राप्त ऋण से परिवर्तन आया एवं पीएम आवास के लाभ को साझा किया

 कार्यक्रम के शपथ कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी व अधिशासी अधिकारी ऋचा सिंह ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाये जाने हेतु संकल्प लिया गया है। कार्यक्रम में विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी जैसे पीएम स्वानिधि, पी०एम० आवास योजना , उज्ज्वला योजना, आयुष्मान कार्ड धारक,  एवं  सम्मान निधि के लाभार्थी प्रतिभाग किये। 

उक्त आयोजन में नगर विकास विभाग द्वारा संचालित योजना, का स्टाल लगाया गया, डूडा, स्वास्थय विभाग ,बिजली विभाग, कृषि विभाग द्वारा भी स्टाल लगाये गये। जिसक लाभ लोगो द्वारा लिया गया ।

कार्यक्रम में अधिशासी अधिकारी ऋचा सिंह द्वारा लोगो को संचालित योजनाओ के बारे में अवगत कराया गया। SDM शत्रुधन पाठक, अविनाश मिश्रा ,रफीक अहमद, नितीश, वीरेन्द्र, रंजीत, उमेश, एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी राज मंगल चौधरी  उपास्थिति रहे।

लेबल:

रविवार, 24 दिसंबर 2023

38 दिन से गायब वंशिका का सुराग नही लगा पाई पुलिस , द केरल स्टोरी जैसे मामले पर संदेह

सौरभ वीपी वर्मा

उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जनपद के अंतर्गत भवानीगंज थाना के चकमारूफ गांव से गायब कक्षा 8 की छात्रा वंशिका का 38 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है जिससे परिवार के लोगों में चिंता और भय का माहौल व्याप्त हो चुका है ।
वंशिका के पिता बृजकिशोर ने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी 14 वर्षीय वंशिका बस्ती जनपद के पिरैला नरहरिया स्थिति धूपा देवी पब्लिक स्कूल की छात्रा थी वंशिका 17 नवंबर 2023 को शाम 5:00 बजे घर से कहीं निकल गई जिसका कोई पता नही चल पा रहा है ।

 मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर खोजबीन शुरू किया जिसमें लड़की को बेवा बाजार में ऑटो से उतरकर टाटा मैजिक गाड़ी में बैठते हुए सीसीटीवी फुटेज में देखा गया उसके बाद उसका अंतिम लोकेशन सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से बस्ती रेलवे स्टेशन पर करीब 8:00 बजे देखा गया उसके बाद लड़की कहां गई और किसके साथ गई इस बात की कोई जानकारी अभी तक ना तो पुलिस को मिल पाई है और ना ही पीड़ित परिवार के लोगों को किसी माध्यम के जरिए उसका लोकेशन मिल पा रहा है ।

40 दिन से ज्यादा समय बीत जाने के बाद गायब 14 वर्षीय छात्रा के बारे में पुलिस को अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया वहीं इस मामले में जमीनी स्तर पर खोजबीन एवं पड़ताल करने और सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम अकाउंट से मिले कुछ प्रमाण के आधार पर कहा जा सकता है कि लड़की  क्षेत्र के कुछ मुस्लिम युवक के संपर्क में थी जिसके जरिए लड़की को या तो कहीं भगा दिया गया या फिर उसके साथ किसी बड़े कहानी को गढ़ा गया है , जिसमें द केरल स्टोरी जैसी कहानी भी शामिल हो सकती है । क्योंकि अभी तक मिली जानकारी के अनुसार जो प्रमाण मिलते हैं उसमें धूपा  देवी पब्लिक स्कूल के एक मुस्लिम अध्यापक द्वारा भी वंशिका से चैटिंग करने साक्ष्य प्राप्त हुआ है इसके अलावा कुछ और नंबर भी प्राप्त हुए हैं जिसपर वंशिका द्वारा बात किया गया है ,साथ ही लड़की के कॉपी में भी एक नंबर प्राप्त हुआ है जो क्षेत्र के एक मुस्लिम लड़के का नंबर है । लड़की के पिता बृजकिशोर ने बताया कि कॉपी और मोबाइल फोन के जरिए जो नंबर एवं प्रमाण मिले हैं उसे पुलिस को दिया गया लेकिन पुलिस अभी तक इस मामले में कोई खास कामयाबी हासिल नही कर पाई है।

पुलिस के कार्यशैली पर भी सवाल 

इस मामले में सिद्धार्थनगर जनपद की पुलिस पर भी सवाल खड़ा होता है कि आखिर जब कई  मोबाइल नंबर एवं इंस्टाग्राम अकाउंट के साथ सोशल मीडिया अकाउंट की चैटिंग का भी साक्ष्य मिला है तो अभी तक पुलिस के हाथ खाली क्यों हैं। लड़की के पिता बृजकिशोर ने बताया कि लड़की के पास कोई निजी मोबाइल नही था ,लड़की अपनी मां की मोबाइल फोन को ही इस्तेमाल करती थी ऐसे में सवाल इस बात का भी है कि पुलिस ने उसकी मां के मोबाइल से होने वाले संदिग्ध नंबरों के बारे पड़ताल की या नही , आखिर क्या कारण है कि इस आधुनिक युग में भी पुलिस इस मामले की तह में नही पहुंच पा रही है ,क्या इसमें कोई राजनीतिक दबाव है या पुलिस की लापरवाही ।

लड़की के पिता बृजकिशोर ने बताया कि 2 दिन पूर्व लड़की की मां की मोबाइल पर 40 मिनट के अंदर तीन फोन आए जिसे गलती से उसकी मां रिसीव नहीं कर पाई बाद में उस नंबर पर बातचीत किया गया तो उस नंबर पर बात करने वाला कभी आजमगढ़ तो कभी वाराणसी का रहने वाला बताया।  यह नंबर भी एक संदिग्ध नंबर हो सकता है जिसके तार लड़की से जुड़ी हुई हो सकते हैं ,पुलिस को इस कड़ी पर भी बल देना चाहिए और इसके तह में जाकर इसकी पड़ताल करनी चाहिए ताकि लड़की के गायब होने का राज खुल सके ।

38 दिन से ज्यादा समय बीत जाने के बाद लड़की के बारे में किसी प्रकार की कोई जानकारी न मिलने की वजह से क्षेत्र के लोगों में भय व्याप्त है कि आखिर ऐसी कौन सी कहानी है जिसकी वजह से अभी तक लड़की का पता नही चल पाया है ।
लड़की के पिता ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की ,उन्होंने कहा कि अभी तक इतना समय बीत जाने के बाद किसी प्रकार की कोई जानकारी स्थानीय पुलिस नही जुटा पाई है जिसकी वजह से उसके परिवार सदमें में हैं । उन्होंने कहा कि जैसे भी हो लड़की को बरामद किया जाए क्योंकि लड़की की मां और उसकी छोटी बहन का स्वास्थ्य सदमे में खराब हो रहा है ।

लेबल:

शनिवार, 23 दिसंबर 2023

यूपी -रेप के मामले में दोषी करार दिए गए भाजपा विधायक की सदस्यता रद्द

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के दुद्धी विधानसभा से भाजपा विधायक राम दुलार की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है. मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से भाजपा विधायक द्वारा नाबालिक से दुष्कर्म मामले में बीजेपी विधायक की सदस्यता रद्द कर दी गई है.

विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रमुख प्रदीप कुमार दुबे ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें कहा गया है कि सोनभद्र जिला के 403 दुद्धी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक राम दुलार को एडीजे प्रथम की एमपी/एमएलए कोर्ट ने कई दूसरे मामलों सहित पॉक्सो एक्ट मामले में दोषी पाया है. जिसके चलते 25 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है. 

सजा में 20 साल के कठोर कारावास के साथ-साथ 10 लख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना न देने पर 3 साल की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी. साथ ही धारा 506 के अपराध में 2 साल का कारावास और 5 हजार का अर्थदंड एमपी/एमएलए कोर्ट ने विधान सभा सदस्य पर लगाया है.

खाली हो गई रामदुला की सीट

विधानसभा की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया कि धारा 502 के तहत 5 हजार का जुर्माना न देने पर 6 माह के अतिरिक्त कारावास से दंडित करने के भी आदेश न्यायलय ने दिए हैं. यह सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी, ऐसे में रामदुलार 15 दिसंबर से विधानसभा के लिए डिसक्वालीफाई माने जाएंगे. 15 दिसंबर 2023 से ही उत्तर प्रदेश विधानसभा में रामदुलार का स्थान रिक्त हो गया है.

लेबल:

गुरुवार, 21 दिसंबर 2023

बस्ती- मारपीट का मुकदमा दर्ज होने के बाद पीड़ित को धमका रहे हैं आरोपी

बस्ती- सोनहा थाना क्षेत्र के सुदईडीह गांव में 18 तारीख को जमीनी विवाद को लेकर हुए मारपीट में पुलिस ने हल्के मामले में मुदकमा दर्ज किया जिसकी वजह से आरोपी पीड़ित के घर के आस पास पहुंच कर धमकी दे रहे हैं । पीड़ित तिलकराम ने तहकीकात समाचार से यह बात कहते हुए मांग किया कि उपरोक्त नामजद एवं अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस ठोस कार्रवाई करे ताकि निकट भविष्य में इन लोगों द्वारा कोई बड़ी घटना का अंजाम ना दिया जा सके ।
तिलकराम ने बताया कि 15 दिसंबर को करीब 3 बजे गांव के गणेश एवं कुशल ने कई बाहरी लोगों को बुलाकर जमीन के मामले को लेकर मारपीट किया जिसमें उसकी मां को गंभीर चोटे आई थीं , उन्होंने बताया कि 2 ज्ञात और दो अज्ञात लोगों के ऊपर मुकदमा दर्ज होने के बाद यह लोग बार बार घर के आस पास पहुंच कर दुबारा मारपीट करने की साजिश तैयार कर रहे हैं जिससे उनके परिवार के लोगों में भय बना हुआ है।

प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर गणेश पुत्र हरीराम , कुशल पुत्र माधव एवं एवं 2 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है ,यदि उक्त लोगों द्वारा पीड़ित को धमकी दिया जाएगा तो शिकायत मिलने पर आवश्यक कार्यवाही को जाएगी।

लेबल:

पत्रकारों से सूत्र पूछने का अधिकार पुलिस को नहीं है - सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर पुलिस प्रशासन एवं प्रशासनिक अधिकारियों को जमकर निशाना साधा और चेतवानी भी दी ।मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूर्ण की बेंच ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 19 और 22 के तहत पत्रकारों के मूल अधिकारों की स्वतंत्रता के खिलाफ पुलिस किसी भी पत्रकार के सूत्र नही पूंछ सकती है और न ही न्यायाल । तब तक जब तक कि पत्रकारों के खिलाफ बिना जांच और पुख्ता सबूत के दर्ज मुकदमे और गवाही की जांच नही हो जाती है । आज कल देखा जा रहा है कि पुलिस पत्रकारों की स्वतंत्रता हनन कर रही है क्यों कि अधिकतर मामले में पुलिस खुद को श्रेष्ठ बनाने के लिए ऐसा करती है जिस संबंध में उच्च न्यायालय ने अब अपने कड़े रुख दिखाने पर कहा है अगर पुलिस ऐसा करती पाई जाती है तो फिर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है ।

मंगलवार, 19 दिसंबर 2023

देश की लोकसभा में सबसे बड़ी तानाशाही , 141 सांसद निलंबित ,विपक्ष खत्म

Parliament Winter Session: सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए मंगलवार को NC नेता फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस नेता शशि थरूर, मनीष तिवारी, कार्ति चिदंबरम और NCP की सुप्रिया सुले सहित 49 लोकसभा (Lok Sabha) सांसदों को निलंबित (MPs Suspend) कर दिया गया। इसके साथ, संसद के इस शीतकालीन सत्र में अब कुल 141 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है- लोकसभा से 95 और राज्यसभा से 461

लोकसभा और राज्यसभा दोनों को आज दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया, क्योंकि विपक्ष ने विपक्षी सांसदों के निलंबन को लेकर अपना विरोध जारी रखा और संसद सुरक्षा उल्लंघन पर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बयान के लिए दबाव डाला।

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि सरकार से जवाबदेही की मांग करने पर उन्हें और उनकी पार्टी के सहयोगियों को अनुचित तरीके से लोकसभा से निलंबित कर दिया गया।

लेबल:

शनिवार, 16 दिसंबर 2023

यूपी की महिला जज ने सहकर्मी पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप, CJI से मांगी आत्महत्या की अनुमति

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (यूपी) की एक महिला सिविल जज ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न रोकथाम (POSH) अधिनियम, 2013 को “एक बड़ा झूठ” करार देते हुए, भारत में कामकाजी महिलाओं को “यौन उत्पीड़न के साथ जीना सीखने” की सलाह दी. उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ को एक खुला पत्र लिखा, जिसमें एक जिला न्यायाधीश और उनके सहयोगियों द्वारा कथित यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच में “एक वर्ष से अधिक समय में बहुत कम प्रगति” के बाद अपना जीवन समाप्त करने की अनुमति मांगी.

यह पत्र जो गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, कथित तौर पर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका बुधवार को “आठ सेकंड के भीतर खारिज” होने के बाद लिखा गया था. महिला ने अपने पत्र में आगे दावा किया है कि इसके बाद उन्होंने आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन उनका पहला प्रयास असफल रहा.

इसलिए उन्होंने सीजेआई को “सबसे बड़े अभिभावक” के रूप में संबोधित करते हुए अपना जीवन समाप्त करने की अनुमति मांगी, और उन्होंने लिखा, “मेरे जीवन का कोई उद्देश्य नहीं बचा है.

महिला जज ने अपने पत्र में आगे आरोप लगाया, “एक विशेष जिला न्यायाधीश और उनके सहयोगियों द्वारा मेरा यौन उत्पीड़न किया गया है. मुझे रात में जिला जज से मिलने के लिए कहा गया. मैंने 2022 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश और प्रशासनिक न्यायाधीश (उच्च न्यायालय के न्यायाधीश) से शिकायत की. आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. किसी ने भी मुझसे यह पूछने की जहमत नहीं उठाई कि ‘क्या हुआ, आप परेशान क्यों हैं’.”

मीडिया के एक बयान में सुप्रीम कोर्ट के महासचिव ने कहा, “सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के निर्देशों के तहत न्यायिक अधिकारी द्वारा सभी शिकायतों की वर्तमान स्थिति जानने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें गुरुवार सुबह 11 बजे तक महिला ने अपना जीवन समाप्त करने की अनुमति मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट के महासचिव को कल रात फोन पर सूचित किया गया कि हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने भी ओपन लेटर का संज्ञान लिया है

यह दावा करते हुए कि आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) को POSH दिशानिर्देशों के तहत कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतें प्राप्त करने और उनका निवारण करने के लिए अनिवार्य किया गया है, उसे “एक जांच शुरू करने में छह महीने और एक हजार ईमेल” लगे. महिला न्यायाधीश ने लिखा, “मैं जुलाई 2023 में हाई कोर्ट की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) से शिकायत की. जांच शुरू करने में ही छह महीने और एक हजार ईमेल लग गए. प्रस्तावित जांच भी एक दिखावा है.”

महिला जज के मुताबिक उनकी शिकायतों की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है.

यह कहते हुए कि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए जांच के लंबित रहने के दौरान आरोपी न्यायाधीश के स्थानांतरण के उनके अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया गया, उन्होंने आरोप लगाया, “जांच में गवाह जिला न्यायाधीश के तत्काल अधीनस्थ हैं. समिति गवाहों से अपने मालिक के विरुद्ध गवाही देने की अपेक्षा कैसे कर सकती है? ये मेरी समझ से परे है. यह बुनियादी बात है कि निष्पक्ष जांच के लिए गवाह को प्रतिवादी (अभियुक्त) के प्रशासनिक नियंत्रण में नहीं होना चाहिए.”


महिला जज ने आरोप लगाया कि आरोपी “जानबूझकर उन्हें निशाना बना रहा है, परेशान कर रहा है क्योंकि उन्होंने रात में मिलने जैसी उनकी मांगों को अस्वीकार कर दिया है.”उन्होंने संबंधित जज और जिला बार एसोसिएशन के दो पदाधिकारियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा, “POSH अधिनियम के अनुसार, मामले की जांच तीन महीने के भीतर समाप्त हो जानी चाहिए थी, लेकिन उस जांच को शुरू होने में ही छह महीने लग गए.”जुलाई 2023 में जांच शुरू होने के बाद भी आरोपी उसी पद पर बने रहे, उन्होंने आरोप लगाया कि “अगर वे लोग उसी पद पर रहेंगे तो जांच निष्पक्ष नहीं होगी.”

उन्होंने मीडिया को बताया, “उस तथाकथित पूछताछ का कोई उद्देश्य नहीं होगा. आरोपी ऊंचे पद पर हैं और ताकतवर हैं. मेरे सभी गवाह अधीनस्थ हैं.”उन्होंने आगे दावा किया कि आरोपी अभी भी यूपी के बाराबंकी जिले में उसी पद पर कार्यरत है.

सीजेआई को लिखे अपने दो पन्नों के ओपन लेटर में, महिला न्यायाधीश ने लिखा है कि वह केवल एक “निष्पक्ष जांच” चाहती थीं और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर उन्होंने इस महीने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दायर की थी, उसे बुधवार को “आठ सेकंड के भीतर” खारिज कर दिया गया.”

उन्होंने आगे लिखा, “मेरे साथ बिल्कुल कूड़े जैसा व्यवहार किया गया है. मैं किसी कीड़े जैसी महसूस कर रहा हूं और मैं दूसरों को न्याय दिलाना चाहती थी. मैं कितनी भोली हूं! मैं भारत की सभी कामकाजी महिलाओं से कहना चाहती हूं, यौन उत्पीड़न के साथ जीना सीख लें. यह हमारे जीवन का सच है.”

उन्होंने आगे कहा, “अगर तुम शिकायत करोगी तो तुम्हें प्रताड़ित किया जाएगा. शांत रहें. और जब मेरा मतलब है, कोई नहीं सुनता, इसमें सुप्रीम कोर्ट भी शामिल है. आपको आठ सेकंड की सुनवाई मिलेगी, आपका अपमान होगा और [न्यायिक कार्यवाही के लिए] जुर्माना लगाने की धमकी दी जाएगी. आपको आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया जाएगा और यदि आप भाग्यशाली हैं (मेरे विपरीत) तो आत्महत्या का आपका पहला प्रयास सफल होगा.”

पत्र में आगे आरोप लगाया गया कि “अगर कोई महिला सोचती है कि आप सिस्टम के खिलाफ लड़ेंगे, तो मैं आपको बता दूं, मैं ऐसा नहीं कर पाई और मैं एक जज हूं. मैं अपने लिए निष्पक्ष जांच भी नहीं करवा सकी. न्याय तो दूर की बात है. मैं सभी महिलाओं को सलाह देती हूं कि वे खिलौना या निर्जीव वस्तु बनना सीखें.”

यह दावा करते हुए कि उन्हें “पिछले डेढ़ साल में एक चलती फिरती लाश बना दिया गया है”, उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि “अब इस बिना आत्मा और जिंदगी वाले इस शरीर को लेकर नहीं भटक सकती और अब इस जिंदगी का कोई मतलब बचा भी नहीं है.”

उन्होंने लिखा, “मैंने सोचा था कि उच्चतम न्यायालय ऐसी सीधी, सौम्य प्रार्थना अवश्य सुनेगा. मुझे क्या पता था? मेरी रिट याचिका बिना किसी सुनवाई, लेकिन मेरी प्रार्थनाओं पर विचार किए बिना आठ सेकंड में खारिज कर दी गई. बस एक वाक्य, और ख़ारिज कर दिया गया. मुझे ऐसा महसूस हुआ कि मेरी जिंदगी, मेरी गरिमा और मेरी आत्मा को खारिज कर दिया गया है, यह व्यक्तिगत अपमान जैसा महसूस हुआ.”

उन्होंने आगे कहा, “कृपया मुझे अपना जीवन सम्मानजनक तरीके से समाप्त करने की अनुमति दें. मेरे जीवन को भी ख़ारिज करने की अनुमति दी जाए.”



लेबल:

मंगलवार, 12 दिसंबर 2023

बीएसपीएस की राष्ट्रीय प्रवक्ता व वरिष्ठ पत्रकार इंदु बंसल विद्यावाचस्पति से होंगी सम्मानित

  पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ, वृंदावन धाम,मथुरा विश्वस्तर पर हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिये विख्यात है। भारतीय संस्कृति को हिंदी भाषा के माध्यम से विश्वपटल पर लाने में विद्यापीठ की अहम भूमिका रही है। विद्यापीठ के कुलपति डॉ इंदु भूषण मिश्रा 'देवेंदु' ने विद्यापीठ की ओर से एक पत्र जारी करते हुए बीएसपीएस की राष्ट्रीय प्रवक्ता व  वरिष्ठ पत्रकार इंदु बंसल को सूचित किया कि  विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले विद्यापीठ के भव्य कार्यक्रम में बंसल को हिंदी पत्रकारिता,हिंदी साहित्य में योगदान व समाजसेवा के लिये विधावाचस्पति (डॉक्टरेट की मानद उपाधि) से सम्मानित किया जाएगा। विद्यावाचस्पति की उपाधि डॉक्टरेट के समकक्ष मानी जाती है,यह उपाधि हिंदी साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिये दी जाती है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ देश के की उन संस्थाओं में से एक है जो विद्यावाचस्पति (डॉक्टरेट की मानद उपाधि) प्रदान करती है। इंदु बंसल को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित होने का समाचार मिलते ही देश भर के पत्रकारों, साहित्यकारों, संत समाज, राजनेताओं व सुभचिंतको ने वरिष्ठ पत्रकार को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की साथ ही इंदु बंसल ने इस सम्मान के लिये पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ के कुलपति डॉ इंदु भूषण मिश्रा का धन्यवाद किया।

लेबल:

सोमवार, 11 दिसंबर 2023

बस्ती- प्रउत ने किया भोजपुरी को संविधान के आठवीं सूची में शामिल करने की मांग

बस्ती- कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठकर प्रगतिशील भोजपुरी समाज के जिला इकाई बस्ती की शाखा ने भोजपुरी को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने की मांग किया । प्रगतिशील भोजपुरी समाज के जिला अध्यक्ष नेबूलाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश ,बिहार एवं मध्यप्रदेश के करीब 99हजार वर्ग किलोमीटर के दायरे में भोजपुरी भाषा का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है जिसमें करीब 14 करोड लोग भोजपुरी भाषा बोलते हैं । जिसमें गोरखपुर , वाराणसी , कैमूर गोपालगंज , देवरिया , बस्ती , मिर्जापुर , सोनभद्र , कुशीनगर महाराजगंज जैसे कई प्रमुख जिले शामिल हैं ।
उन्होंने कहा कि बड़ी आबादी को भोजपुरी भाषा में बोलने एवं समझने की आदत बनी हुई है जिसकी वजह से सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यों में भी इस भाषा का इस्तेमाल होना जरूरी है । किसान , मजदूर , विद्यार्थी ,बेरोजगार , युवा एवं अन्य लोग भी भोजपुरी भाषा का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर करते हैं इसलिए इस भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल किया जाना आवश्यक है ।

इस अवसर पर विशुनदेव चौधरी , बाबूराम वर्मा , जितेंद्र कुमार ,निर्भय प्रसाद , द्वारिका चौधरी समेत दर्जनों लोग शामिल थे।

लेबल:

बस्ती-बेकाबू कार ने दो को रौंदा दोनों की मौत ,दहेज में मिली कार को दूल्हा कर रहा था ड्राइव

बस्ती- उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के परशुरामपुर थाना क्षेत्र में एक बेकाबू कार ने दो लोगों को रौंद दिया जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि कार सवार सुरक्षित बच गये। मिली जानकारी के अनुसार गोंडा जिले के उदई गांव से शनिवार को सूरज की बारात गोरखपुर गई हुई थी। रविवार को उधर से लौटते समय शादी में मिली कार खुद सूरज चलाते हुए आ रहा था।
कार अभी केशवपुर गांव के पास पहुंची ही थी, कि ठेले पर टेंट का सामान लादकर किनारे खड़े घुरहू पुत्र छोटेलाल व लाल बहादुर पुत्र केशव प्रसाद को रौंदते हुए आंगनबाड़ी केंद्र की दीवार से जाकर टकरा गई। सूचना पर पहुंचे चौकी प्रभारी घघौवा सर्वेश कुमार ने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को श्रीराम चिकित्सालय अयोध्या पहुंचाया। जहां दोनों घायलों को चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया।

वहीं कार में सवार अन्य 4 लोगों को दूसरे वाहन से भेजा गया।मृतक लाल बहादुर के मां की शनिवार को तेरहवीं थी। वह 4 भाइयों में सबसे छोटा था। शनिवार को तेरहवीं के लिए टेंट हाउस से सामान आया था। रविवार को वह सामान पहुंचाने जा रहा था। लोगों ने बताया कि दोनों सड़क पार करने के लिए खड़े थे। दूर से कार आते देख वे रुक गए। तभी बस्ती की तरफ से आ रही कार ने उन्हें चपेट में ले लिया। चौकी इंचार्ज घधौवा सर्वेश चौधरी ने बताया कि वाहन को कब्जे में लेकर विधिक कार्यवाही की जा

लेबल:

बुधवार, 6 दिसंबर 2023

उत्तर प्रदेश हत्‍या, बलात्‍कार, अपहरण एवं गैंगरेप में नंबर 1 ,NCRB रिपोर्ट

तीन दिसंबर को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने 'क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट 2022' (Crime in India Report 2022) शीर्षक से देश में हुए अपराध का वार्षिक डेटा जारी किया। इस रिपोर्ट में साल 2022 में हुए अपराधों का लेखा-जोखा है। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश हत्या, बलात्कार,अपहरण, रेप के बाद हत्‍या, गैंगरेप और मह‍िलाओं के ख‍िलाफ होने वाले अपराधों के मामले में नंबर वन है।
2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले NCRB के मुताबिक, साल 2022 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 65743 मामले दर्ज हुए। यह देश के किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक है, साथ ही साल दर साल बढ़ा भी है। आंकड़ा यह भी बताता है कि 'पाताल से अपराधियों को खोज लाने' का दावा करने वाली सरकार 2021 तक लंब‍ित सारे मामलों की जांच तक नहीं करा पाई। 2021 में यूपी में ऐसे 11732 केस की जांच पूरी नहीं हो पाई थी।

इसके अलावा यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 13097 ऐसे मामले थे, जो सही तो थे लेकिन उसे साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले। 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 66936 ऐसे मामले रहे, जिन्हें पुलिस ने निपटा दिया। 10539 ऐसे मामले थे, जिनकी साल के अंत तक जांच पूरी नहीं हुई थी।

2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 50616 ऐसे मामले थे जिन्हें ट्रायल के लिए भेजा गया। 2021 के भी ट्रायल के 240921 मामले पेंडिंग है। इस तरह उत्तर प्रदेश में ट्रायल के ल‍िए पेंड‍िंंग कुल 291537 मामले हैं। यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 421 ऐसे भी मामले रहे, जो ट्रायल के बिना ही खत्म कर दिए गए।

गैंगरेप में भी यूपी नंबर 1, रेप में राजस्‍थान के बाद दूसरे नंबर पर

बलात्कार के सबसे ज्यादा मामले राजस्थान और उसके बाद उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए हैं। 2022 में राजस्थान में रेप के 5399 और उत्तर प्रदेश में 3690 मामले दर्ज हुए थे। रेप के बाद हत्या और गैंगरेप के मामले में यूपी नंबर वन है। वहां साल 2022 में इस तरह 92 मामले दर्ज हुए थे। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश (41) और तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र (22) है।

दहेज के लिए हत्या के मामले में भी उत्तर प्रदेश एक नंबर है। वहां इसके 2138 मामले दर्ज हुए हैं। इस लिस्ट में 1057 मामलों के साथ बिहार दूसरे नंबर पर और मध्य प्रदेश (518) तीसरे नंबर पर है । पति और रिश्तेदारों द्वारा महिलाओं के साथ मारपीट के मामले में भी उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है। वहां एक साल में इस तरह के 20371 मामले दर्ज हुए थे। इस मामले में दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल (19650) और तीसरे नंबर पर राजस्थान (18847) है।

महिलाओं के अपहरण के मामले में भी यूपी टॉप पर है। एक साल में 14887 मामले दर्ज किए गए हैं। दूसरे नंबर पर बिहार और तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र है।

वही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कहते रहते हैं कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों की कोई जगह नहीं है , लेकिन उसके उलट उत्तर प्रदेश अपराध की मामले में पूरे देश में नंबर एक बना हुआ है ।


लेबल:

मंगलवार, 5 दिसंबर 2023

बस्ती-गन्ना आयुक्त से मिलकर मुंडेरवा चीनी मिल की पेराई प्रारम्भ कराए जाने की हुई मांग

 बस्ती - जनपद के मुण्डेरवा चीनी मिल में पेराई शुरू न होने के कारण किसानों को हो रही समस्या को लेकर सदस्य राज्य सलाहकार समिति उ०प्र० भारतीय खाद्य निगम , लवकुश पटेल ने गन्ना आयुक्त पी.एन सिंह मुलाकात की एवं मिल को अतिशीघ्र चालू करने की मांग की  , गन्ना आयुक्त ने आश्वासन दिया कि इस सप्ताह मिल स्टार्ट हो जाएगा ।
गन्ना आयुक्त को पत्र देते हुए लवकुश पटेल ने बताया कि समय से मिल न चलने के कारण गन्ना किसानों को काफी संकटों का सामना करना पड़ रहा है। किसान अपना गन्ना औने पौने दामों में क्रेसर पर तौलने पर मजबूर है ,जिसकी वजह से किसानों का मानना है कि प्रदेश सरकार गन्ना किसानों के प्रति संवेदनशील नहीं है। मुण्डेरवा चीनी मिल जब शुरू हुई तो उम्मीदें जगी थी किन्तु अब यह मिल कुप्रबन्धन का शिकार हो गई है। सरकार गन्ना विकास पर करोड़ो रूपया खर्च कर रही है किन्तु गन्ना किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। यही हश्र रहा तो मुण्डेरवा चीनी मिल घाटे में चली जायेगी एवं सरकार के प्रति किसानों का आक्रोश बरकरार रहेगा । लवकुश पटेल ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए चीनी मिल को चालू करने की मांग की है।

लेबल: