बुधवार, 29 नवंबर 2023

रैट माइनर्स उत्तराखंड के टनल में फंसे मजदूरों के लिए बने 'देवदूत' जानिए क्या होता है रैट माइनिंग

वीर भूमि झांसी के रैट माइनर्स ने उत्तराखंड में अपने हाथों का ऐसा कमाल दिखाया जिसके बाद टनल में फंसी 41 जिंदगीयां सुरक्षित बाहर निकल पाए. उत्तराखंड की सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने झांसी से पहुंचे रैट माइनर्स ने कहा कि यह तो हमारे लिए रोजमर्रा का काम है. जब झांसी के रैट माइनर्स ने अभियान को आगे बढ़ाया तो इसके बाद 17 दिन बाद पूरे देश को सबसे बड़ी खुशी मिली.
झांसी से उत्तरकाशी पहुंचे झांसी के बहादुर रैट माइनर्स ने गजब का विश्वास दिखाया. रैट माइनर्स ने टनल के बाहर मौजूद बड़े-बड़े अधिकारियों के सामने जो भी कहा उससे सब की हिम्मत बढ़ती चली गई. सभी ने कहा मुझे टनल में जाने से डर नहीं लगता. यहां तो 800 MM का पाइप है, हम लोग तो 600 MM के पाइप में घुसकर भी रैट माइनिंग कर लेते हैं. ये तो रोज का काम है. यह बात झांसी के रहने वाले परसादी लोधी ने उत्तराखंड की सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाते समय कही.


परसादी का ये कॉन्फिडेंस सही साबित हुआ, क्योंकि सिर्फ 26 घंटे में हाथों से उनकी टीम ने करीब 12 से 13 मीटर खोद दिया. अब उत्तराखंड के सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में 17 दिनों से फंसे मजदूर सुरक्षित बाहर आ चुके हैं. मजदूरों और रेस्क्यू टीम के बीच 60 मीटर की दूरी थी. आपको बता दें कि 21 नवंबर को अमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू हुई, लेकिन 25 नवंबर की सुबह करीब 47 मीटर पर मशीन जवाब दे गई. आगे की खुदाई की रैट माइनर्स को जिम्मेदारी दी गई. इसके लिए रैट माइनर्स की टीम सिल्क्यारा बुलाई गई. ये टीम रेस्क्यू ऑपरेशन की असली हीरो साबित हुई, क्योंकि वर्टिकल ड्रिलिंग न सिर्फ खतरनाक थी बल्कि धीमी भी मानी जा रही थी.

रैट माइनर परसादी लोधी ने बताया कि पिछले 10-12 साल से रैट होल माइनिंग का काम कर रहा हूं. दिल्ली और अहमदाबाद में काम करता हूं. टनल में फंसे लोगों को निकालने का काम पहली बार किया।मुझे डर नहीं, ये तो मेरा रोज का काम है. बता दें कि परसादी लोधी 28 नवंबर की सुबह टनल में अंदर घुसे थे. परसादी ने बताया कि हम हिलटी नाम की हैंड ड्रिलर मशीन लाए हैं. 800 MM के पाइप में अंदर घुसकर पहले हम हैंड ड्रिलर से ड्रिल कर रहे थे, फिर मलबे को बाहर निकाल रहे थे. ये काम करने में कोई दिक्कत नहीं हुई.

रैट माइनिंग क्या है?

यह माइन‍िंग का एक तरीका है जिसका इस्‍तेमाल करके संकरे क्षेत्रों से कोयला निकाला जाता है। 'रैट-होल' टर्म जमीन में खोदे गए संकरे गड्ढों को दर्शाता है। यह गड्ढा आमतौर पर सिर्फ एक व्यक्ति के उतरने और कोयला निकालने के लिए होता है। एक बार गड्ढे खुदने के बाद माइनर या खनिक कोयले की परतों तक पहुंचने के लिए रस्सियों या बांस की सीढ़ियों का उपयोग करते हैं। फिर कोयले को गैंती, फावड़े और टोकरियों जैसे आदिम उपकरणों का इस्‍तेमाल करके मैन्युअली निकाला जाता है।

दरअसल, मेघालय में जयंतिया पहाड़ियों के इलाके में बहुत सी गैरकानूनी कोयला खदाने हैं लेकिन पहाड़ियों पर होने के चलते और यहां मशीने ले जाने से बचने के चलते सीधे मजदूरों से काम लेना ज्यादा आसान पड़ता है। मजदूर लेटकर इन खदानों में घुसते हैं। चूंकि, मजदूर चूहों की तरह इन खदानों में घुसते हैं इसलिए इसे ‘रैट माइनिंग’ कहा जाता है। 2018 में जब मेघालय में खदान में 15 मजदूर फंस गए थे, तब भी इसी रैट माइनिंग का सहारा लिया गया था।


लेबल:

रविवार, 26 नवंबर 2023

नायब तहसीलदार मामले में आरोपी द्वारा जांच को भ्रमित करने की गयी कोशिश -कमेटी

बस्ती-नायब तहसीलदार के मामले में  आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला द्वारा जांच को प्रभावित करने के लिए तीसरे व्यक्ति  के मौजूद होने की मनगढ़ंत बात कही गई थी |घनश्याम शुक्ला द्वारा जांच कमेटी के सामने जांच के मामले  को उलझाने  के लिए तीसरे व्यक्ति के मौजूद होने के मनगढ़ंत कहानी गढ़ी गई थी ।परंतु पुलिस द्वारा अब तक की अपने विवेचना में घनश्याम शुक्ला के गढ़ी कहानी में तीसरे व्यक्ति की बात को पूरी तरह निराधार पाया गया है ।
अब तक हुई पुलिस की जांच में पीड़िता और आरोपी के अलावा किसी तीसरे व्यक्ति की मौजूदगी का कोई प्रमाण नहीं मिला ।पुलिस द्वारा भौतिक तथा इलेक्ट्रॉनिक वर्जन के जाँच द्वारा घनश्याम शुक्ला के बयान को झूठा पाया गया ।
 वहीं पुलिस की जांच में दुष्कर्म के प्रयास तथा हत्या के प्रयास के पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने की बात कही गयी है ।पुलिस अब शासन द्वारा नामित जांच अधिकारी के आने के पहले ही आरोपीय घनश्याम शुक्ला को गिरफ्तार कर लेना चाह रही है ।
 इसी क्रम में आरोपी को पनाह देने वाले उसके ससुराल पक्ष के लोगों को हिरासत में लेकर आरोपी के बारे में पूछताछ कर रही है। 

बता दें कि ये पूरा घटनाक्रम बीती 12 नवंबर की रात का है, जब महिला मजिस्ट्रेट अपने घर पर अकेली थी। रात 1 बजे आरोपी नायब तहसीलदार लेडी मजिस्ट्रेट के घर पर जा धमका। आरोपी ने दरवाजा खटखटाया लेकिन देर रात होने की वजह से लेडी नायब तहसीलदार ने दरवाजा नहीं खोला। इसके बाद आरोपी नायब घर के पीछे पहुंच गया और घर के पीछे का दरवाजा लात मारकर तोड़ दिया और घर में घुस गया

लेबल:

गुरुवार, 23 नवंबर 2023

आज है पूर्व विधायक बाबूराम वर्मा की जयंती , वर्मा जी के बेहद करीबी थे मुलायम सिंह यादव

सौरभ वीपी वर्मा

बस्ती- समाज के वंचित तबके के लोगों का नेतृत्व करने के लिए यशाकायी बाबूराम वर्मा ने 1957 में प्राइमरी स्कूल के अध्यापक पद से त्याग पत्र देने के बाद राजनीति में एंट्री लिया । राजनीति में आने के बाद वर्मा जी को अमरौली शुमाली की जनता ने प्रधान बनाया और वें लगातार 20 वर्षों तक प्रधान रहें । इस दौरान वर्मा जी लगातार शोषित वंचित ,पिछड़े एंव दलितों की समस्या को समाधान में बदलने के लिए लड़ाई लड़ते रहे ।  1975 तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की अनुच्छेद 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी , आपातकाल के दौरान आवाज बुलंद करने के नाते वर्मा जी को जेल में डाल दिया गया जिसकी वजह से उन्हें 2 साल तक जेल में रहना पड़ा जेल से बाहर आने के बाद रामनगर विधानसभा से 1977 में जनता पार्टी की टिकट पर भारी बहुमत से विधायक चुने गए , लगातर गरीबों एवं मजलूमों की आवाज उठाने वाले वर्मा जी 1993 में समाजवादी पार्टी की  टिकट पर एक बार फिर विधायक चुने गए ।
बाबूराम वर्मा के पिता राम नरेश चौधरी एक सम्पन्न किसान थे जिन्होंने अंग्रेजों की बर्बरता पर तमाम क्षेत्रीय लड़ाई लड़ी । उनकी पांच पुत्रों बाबूराम वर्मा ,श्रीराम वर्मा , आचार्य मुनिराम पटेल ,सीताराम वर्मा एवं राजराम वर्मा में से बाबूराम वर्मा सबसे बडे थे जिन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद सबसे पहले समाजसेवा के रूप में अध्यापन का कार्य शुरू किया उसके बाद क्षेत्रीय सस्याओं एवं पिछड़े दलितों की उपेक्षाओं को देखते हुए राजनीति में एंट्री लिया लंबे संघर्षों के बाद एवं जेल से बाहर लौटने पर उन्होंने रामनगर विधानसभा( अब रुधौली) का प्रतिनिधित्व किया जिसमें वह 2 बार विधायक बने एवं 3 बार उप विजेता रहे ।  23 नवंबर 1997 को वंचितों के मसीहा बाबूराम वर्मा का निधन हो गया जिससे पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ पड़ी।

मुलायम सिंह के करीबी थे बाबूराम वर्मा

यशाकायी बाबूराम वर्मा पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी थे ,जानकर बताते हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान मुलायम सिंह यादव उनके साथ रह कर उनके विधानसभा क्षेत्र में प्रचार प्रसार भी करवाने के लिए आया करते थे । मुलायम सिंह यादव और वर्मा जी के सबंध कितने प्रगाढ़ थे इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्मा जी के निधन के बाद मुलायम सिंह यादव उनके पैतृक निवास बरहपुर हवाईमार्ग से पहुंचे थे। आज 23 नवंबर को वर्मा जी की जयंती है जिनके तमाम सामाजिक और इतिहासिक कार्य अतीत के पन्नों में सिमटा हुआ है।


लेबल:

मंगलवार, 21 नवंबर 2023

सांसद हरीश द्विवेदी ने रामनगर में किया 131 विकास कार्यों का लोकार्पण

बस्ती। मंगलवार को  सांसद हरीश द्विवेदी ने क्षेत्र पंचायत रामनगर के 442.10 लाख के कुल 131 कार्यों का लोकार्पण एंव विकास पुस्तिका अंक-2 का विमोचन  किया ।इस मौके पर सांसद हरीश द्विवेदी ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं पर प्रकाश डाला और उन्होंने बताया की 2014 से 2023 के बीच में केंद्र सरकार के द्वारा हर घर शौचालय ,किसान सम्मन निधि ,सड़क का विस्तार ,उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को गैस सिलेंडर , गरीब तबके के लोगों के लिए आयुष्मान कार्ड आदि की केंद्र सरकार ने व्यवस्था की है ।
सांसद हरीश द्विवेदी न  कहा कि जनपद बस्ती को एक अग्रणी जनपद बनाना है इसके लिए उनके द्वारा अथक प्रयास किया जा रहा है। उन्होने  सांसद खेल महाकुम्भ के सम्बन्ध में भी विस्तृत जानकारी देते कहा कि इस आयोजन में अधिक से अधिक खिलाड़ियों द्वारा प्रतिभाग किया जाय।  कहा कि ग्रामीणों में छिपी प्रतिभा को निखारने के लिए इस सांसद खेल महाकुम्भ का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है।  इस अवसर पर सांसद हरीश द्विवेदी ने   05 विद्यालय के प्रधानाध्यापक को टेबलेट वितरण किया ।  इसके बाद उन्होने विभागों द्वारा लगाये गये स्टाल का भ्रमण किया गया।

इस अवसर पर  प्रमुख संघ  अध्यक्ष बस्ती मंण्डल एवं प्रमुख  यशकान्त सिंह ने उपस्थित जनों  का स्वागत करते हुए विकास खण्ड अन्तर्गत संचालित समस्त योजनाओं के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी।  उन्होने विकास खण्ड में कई सड़कों के पुनः निर्माण कराये जाने हेतु  सांसद  से अनुरोध किया एवं भविष्य की योजनाओं की जानकारी दिया ।

कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष प्रमुख संघ  सिद्धार्थनगर प्रमुख  लवकुश ओझा, अध्यक्ष प्रमुख संघ जनपद संतकबीरनगर प्रमुख राम मिलन यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष प्रेम सागर तिवारी, श्री महेश शुक्ल, सुषील सिंह,एम0एल0सी0 प्रतिनिधि  हरीश सिंह, बस्ती जनपद के कई ब्लाक प्रमुख व प्रतिनिधि, भाजपा नेता  नितेश शर्मा, जिला पंचायत सदस्य  मण्डल अध्यक्ष  बलराम सिंह राहुल ,मण्डल महामंत्री गिरिजेश मिश्रा, गिरिजेश यादव, विष्णु जायसवाल, प्रशान्त सिंह, शिवम श्रीवास्तव, प्रदीप सिंह, जयराम चौधरी, अनूप शुक्ल, प्रधान संघ अध्यक्ष, मंटू दूबे, मनोज कुमार पाण्डेय, सुनील कुमार त्रिपाठी, जिलाजीत चौधरी, दीप चन्द यादव, इम्तियाज अहमद, असदुल्लाह ,अब्दुल कयूम,घारीलाल, रिंकू, मनोज कुमार, महावीर पाण्डेय, के साथ ही ग्राम प्रधान गंण , क्षेत्र पंचायत सदस्य, सचिव गंण, तकनीकी सहायक  षिक्षा विभाग व बाल विकास विभाग के अधिकारी, कर्मचारी एवं विकास खण्ड कार्यालय के लोग उपस्थित रहे।

लेबल:

शुक्रवार, 17 नवंबर 2023

बस्ती में महिला नायब तहसीलदार ने लगाया पुरुष नायब तहसीलदार पर बलात्कार के प्रयास का आरोप

बस्ती। जनपद में तैनात एक महिला नायब तहसीलदार ने एक पुरुष नायब तहसीलदार पर गंभीर आरोप लगाया है महिला नायब तहसीलदार ने पुलिस को बताया कि उसके आवास के बगल में बस्ती जिले के बस्ती सदर नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला का भी आवास है । महिला ने घनश्याम शुक्ला के ऊपर जान से मारने की कोशिश ,बलात्कार करने का प्रयास और मारने पीटने का  गंभीर आरोप लगाए हैं ।
थाना कोतवाली ने नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला के ऊपर मुकदमा दर्ज कर लिया है महिला तहसीलदार ने आरोप लगाया कि 12 नवंबर को मेरे आवास मे मैं अकेली थी मेरे सरकारी आवास में नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला जबरदस्ती पिछले दरवाजे को लात मार कर दरवाजा तोड़कर अंदर घुस गए मुझे गंदी-गंदी गालियां देने लगे थप्पड़ से मारा कई जगह दाँत से काट लिए और कपड़ा फाड़ दिए और फर्श पर लेटा कर मेरे साथ जबरदस्ती बलात्कार करने की कोशिश की और हाल की तरफ चले गए मैं छुपाने की कोशिश की पुनः मुझे पकड़ कर जबरदस्ती बिस्तर पर ले गए और बलात्कार करने की कोशिश करने लगे मैं बड़ी मुश्किल से जान बचा पायी नायब तहसीलदार बस्ती सदर के चले जाने के बाद मैंने दोनों तरफ का दरवाजा बंद कर लिया और डरी हुई थी दूसरे दिन मेरे पिताजी आए मैं लाज और शर्म के मारे अपने पिताजी से कुछ नहीं कह पाई और तीन दिन का अवकाश लेकर अपने निवास स्थान गोरखपुर चली गई वहां जाकर हमने अपने परिजनों से आप बीती बताई । परिजिनों के साथ महिला नायब तहसीलदार थाना कोतवाली पहुंची जहां पर पुलिस तत्काल मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। 

लेबल:

पूर्व विधायक बाबूराम वर्मा के सम्मान में विधायक राजेन्द्र प्रसाद चौधरी ने लगाया स्मृति द्वार

बस्ती- समाज के वंचित तबके के लोगों का नेतृत्व करने के लिए यशाकायी बाबूराम वर्मा ने 1957 में प्राइमरी स्कूल के अध्यापक पद से त्याग पत्र देने के बाद राजनीति में एंट्री लिया । राजनीति में आने के बाद वर्मा जी को अमरौली शुमाली की जनता ने प्रधान बनाया और वें लगातार 20 वर्षों तक प्रधान रहें । इस दौरान वर्मा जी लगातार शोषित वंचित ,पिछड़े एंव दलितों की समस्या को समाधान में बदलने के लिए लड़ाई लड़ते रहे ।  1975 तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की अनुच्छेद 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी , आपातकाल के दौरान आवाज बुलंद करने के नाते वर्मा जी को जेल में डाल दिया गया जिसकी वजह से उन्हें 2 साल तक जेल में रहना पड़ा जेल से बाहर आने के बाद रामनगर विधानसभा से 1977 में जनता पार्टी की टिकट पर भारी बहुमत से विधायक चुने गए , लगातर गरीबों एवं मजलूमों की आवाज उठाने वाले वर्मा जी 1993 में समाजवादी पार्टी की  टिकट पर एक बार फिर विधायक चुने गए उसके बाद 23 नवंबर 1997 को हमारे परिवार के लिए वो कला दिन था जिसदिन पूरे प्रदेश में अपना परचम लहराने वाले राजनेता एवं परिवार के मुखिया को हम सबने खो दिया। 
उनके निधन के 26 साल बाद रुधौली विधानसभा के विधायक श्री राजेन्द्र प्रसाद चौधरी ने यशाकायी बाबूराम वर्मा जी के सम्मान में बस्ती डुमरियागंज मार्ग से कटने वाले सोनहा शिवाघट मार्ग पर स्मृति द्वारा बनाकर उनकी यादों को एक बार ताजा कर दिया ।

लेबल:

ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका को तीन विकेट से हराया ,19 को होगा फाइनल मुकाबला

भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच विश्व कप 2023 का फाइनल 19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में (WC2023 Final) खेला जायेगा. विश्व कप फाइनल की बात करें तो पहले सेमीफाइनल मुकाबले में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 70 रनों से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया है. 
ऑस्ट्रेलिया बनाम दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका को तीन विकेट से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया है. दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया लेकिन उनका ये फैसला ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ो के सामने गलत साबित हुआ. ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 49.4 ओवर में मात्र 212 रन ही बना सकी

लेबल:

गुरुवार, 16 नवंबर 2023

बस्ती- बकाया पैसा मांगने पर युवक ने ताना पिस्टल , धैर्य का परिचय देते हुए पीड़ित ने छीन लिया हथियार

बस्ती-  ट्रेजरी ऑफिस के सामने आज एक बड़ी घटना होते होते बच गई , अगर पीड़ित युवक ने धैर्य का परिचय न दिया होता तो शायद आज उसकी जान चली जाती ।
                    प्रतीकात्मक तस्वीर
मामला उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के जिला मुख्यालय का है जहां पर शहर के जयपुरवा निवासी सुरेंद्र कुमार चौधरी खड़े थे इसी बीच वहां से मुकेश चौधरी जाते हुए दिखाई दिया जिसका किसी व्यवसाय में सुरेंद्र से पार्टनरशिप था । सुरेंद्र कुमार चौधरी ने पुलिस को बताया कि मुकेश व्यवसाय के नाम पर उनसे एक करोड़ 20 लाख रुपया ले चुके हैं लेकिन जब पैसा मांगने लगे तो वह आनाकानी करने लगे । इस मामले को लेकर उन्होंने पुलिस में शिकायत भी किया हुआ है लेकिन मुकेश चौधरी अभी तक पुलिस के सामने कभी पेश नहीं हुआ ।
उन्होंने बताया कि आज जब वह ट्रेजरी ऑफिस के सामने खड़े थे तभी उन्होंने मुकेश को जाता हुआ देख लिया उसके बाद उसके निकट पहुंच कर अपने पैसे की मांग की तबतक मुकेश ने लाइसेंसी रिवाल्वर निकाल कर माथे पर सटा दिया । सुरेंद्र ने बताया कि मौके की स्थिति को देखते हुए उन्होंने धैर्य का परिचय देते हुए बचाव के लिए गुहार लगाते हुए उसके हाथ से रिवाल्वर छीन लिया एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पुलिस अधिकारी को ले जाकर दे दिया । इसी बीच मौके पर महिपाल पटेल और उनके साथियों ने सुरेंद्र कुमार का साथ दिया एवं एक बड़ी घटना  होने से बचा लिया ।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि पिस्टल को कब्जे में ले लिया लिया गया है मामले की जांच की जा रही है।

लेबल:

बुधवार, 15 नवंबर 2023

साहस की स्याही से पुरुषार्थ के पृष्ठों पर शौर्य की शब्दावली रचने वाले बिरसा मुंडा की कहानी

आदिवासियों के महानायक बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के आदिवासी दम्पति सुगना और करमी के घर हुआ था। भारतीय इतिहास में बिरसा मुंडा एक ऐसे नायक थे, जिन्होंने भारत के झारखंड में अपने क्रांतिकारी चिंतन से उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का मिसाल कायम किया था
 
बिरसा मुंडा ने साहस की स्याही से पुरुषार्थ के पृष्ठों पर शौर्य की शब्दावली रची। उन्होंने हिन्दू धर्म और ईसाई धर्म का बारीकी से अध्ययन किया तथा इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि आदिवासी समाज मिशनरियों से तो भ्रमित है ही हिन्दू धर्म को भी ठीक से न तो समझ पा रहा है, न ग्रहण कर पा रहा है।

बिरसा मुंडा ने महसूस किया कि आचरण के धरातल पर आदिवासी समाज अंधविश्वासों की आंधियों में तिनके-सा उड़ रहा है तथा आस्था के मामले में भटका हुआ है। उन्होंने यह भी अनुभव किया कि सामाजिक कुरीतियों के कोहरे ने आदिवासी समाज को ज्ञान के प्रकाश से वंचित कर दिया है। धर्म के बिंदु पर आदिवासी कभी मिशनरियों के प्रलोभन में आ जाते हैं, तो कभी ढकोसलों को ही ईश्वर मान लेते हैं।

भारतीय जमींदारों और जागीरदारों तथा ब्रिटिश शासकों के शोषण की भट्टी में आदिवासी समाज झुलस रहा था। बिरसा मुंडा ने आदिवासियों को शोषण की नाटकीय यातना से मुक्ति दिलाने के लिए उन्हें तीन स्तरों पर संगठित करना आवश्यक समझा।

1. पहला तो सामाजिक स्तर पर ताकि आदिवासी-समाज अंधविश्वासों और ढकोसलों के चंगुल से छूट कर पाखंड के पिंजरे से बाहर आ सके। इसके लिए उन्होंने ने आदिवासियों को स्वच्छता का संस्कार सिखाया। शिक्षा का महत्व समझाया। सहयोग और सरकार का रास्ता दिखाया।
 
सामाजिक स्तर पर आदिवासियों के इस जागरण से जमींदार-जागीरदार और तत्कालीन ब्रिटिश शासन तो बौखलाया ही, पाखंडी झाड़-फूंक करने वालों की दुकानदारी भी ठप हो गई। यह सब बिरसा मुंडा के खिलाफ हो गए। उन्होंने बिरसा को साजिश रचकर फंसाने की काली करतूतें प्रारंभ की। यह तो था सामाजिक स्तर पर बिरसा का प्रभाव। काले कानूनों को चुनौती देकर बर्बर ब्रिटिश साम्राज्य को सांसत में डाल दिया।


2. दूसरा था आर्थिक स्तर पर सुधार ताकि आदिवासी समाज को जमींदारों और जागीरदारों क आर्थिक शोषण से मुक्त किया जा सके। बिरसा मुंडा ने जब सामाजिक स्तर पर आदिवासी समाज में चेतना पैदा कर दी तो आर्थिक स्तर पर सारे आदिवासी शोषण के विरुद्ध स्वयं ही संगठित होने लगे। बिरसा मुंडा ने उनके नेतृत्व की कमान संभाली। आदिवासियों ने 'बेगारी प्रथा' के विरुद्ध जबर्दस्त आंदोलन किया। परिणामस्वरूप जमींदारों और जागीरदारों के घरों तथा खेतों और वन की भूमि पर कार्य रूक गया।

3. तीसरा था राजनीतिक स्तर पर आदिवासियों को संगठित करना। चूंकि उन्होंने सामाजिक और आर्थिक स्तर पर आदिवासियों में चेतना की चिंगारी सुलगा दी थी, अतः राजनीतिक स्तर पर इसे आग बनने में देर नहीं लगी। आदिवासी अपने राजनीतिक अधिकारों के प्रति सजग हुए।
 
बिरसा मुंडा सही मायने में पराक्रम और सामाजिक जागरण के धरातल पर तत्कालीन युग के एकलव्य और स्वामी विवेकानंद थे। बिरसा मुंडा की गणना महान देशभक्तों में की जाती है। ब्रिटिश हुकूमत ने इसे खतरे का संकेत समझकर बिरसा मुंडा को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया। वहां अंग्रेजों ने उन्हें धीमा जहर दिया था। जिस कारण वे 9 जून 1900 को शहीद हो गए।


लेबल:

स्कूटर पर नमकीन-बिस्कुट बेचने वाले सुब्रत रॉय ने कैसे खड़ा किया दो लाख करोड़ का कारोबार

सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय (Subrata Roy) का मंगलवार रात निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के कोकिला बेन हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। बिहार के अररिया जिले के रहने वाले सुब्रत रॉय ने स्कूटर पर नमकीन बेचने से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद वह कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते गए। किसी जमाने में सहारा ग्रुप का बिजनस रियल एस्टेट, फाइनेंस, इन्फ्रास्ट्रक्चर, मीडिया, एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और एयरलाइन सेक्टर तक सहारा फैला था। फिर एक दौर ऐसा भी आया कि उन्हें जेल की हवा खानी पड़ी। एक नजर सुब्रत राय सहारा के फर्श से अर्श तक के सफर किया ।
बिहार के अररिया जिले के रहने वाले सुब्रत रॉय को पढ़ने में कुछ खास मन नहीं लगता था। शुरूआती पढ़ाई-लिखाई कोलकाता में हुई और फिर वो गोरखपुर पहुंच गए। साल 1978 में सुब्रत रॉय ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर स्कूटर पर बिस्कुट और नमकीन बेचने का काम शुरू किया। एक कमरे में दो कुर्सी और एक स्कूटर के साथ उन्होंने दो लाख करोड़ रुपये तक का सफर तय कर किया। सपने बेचने में उन्हें महाराथ हासिल थी। दोस्त के साथ मिलकर उन्होंने चिट फंड कंपनी शुरू की। उन्होंने पैरा बैंकिंग की शुरूआत की। गरीब और मध्यम वर्ग को टारगेट किया। मात्र 100 रुपये कमाने वाले लोग भी उनके पास 20 रुपये जमा कराते थे।
देश की गलियों-गलियों तक उनकी ये स्कीम मशहूर हो गई। लाखों की संख्या में लोग सहारा के साथ जुड़ते चले गए। हालांकि साल 1980 में सरकार ने इस स्कीम पर रोक लगा दी। ये वो दौर था, जब सुब्रत रॉय सहारा ने हाउसिंग डेवलपमेंट सेक्टर में कदम रखा। इसके बाद वो एक के बाद सेक्टर में उनके पंख फैलते चले गए। रियल एस्टेट, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया, एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी तक सहारा फैल चुका था। देश ही नहीं दुनियाभर में सहारा का डंका बज रहा था। 11 सालों तक सहारा ग्रुप टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा। जैसे जैसे सहारा का कारोबार बढ़ता गया, सुब्रत रॉय की संपत्ति दो गुनी, चौगुनी होती चली गई।

सहारा अपनी लाइफस्टाइल, लग्जरी के लिए मशहूर होते चले गए। अमेरिका के न्यूयार्क शहर में इनके 4400 करोड़ के दो आलीशान होटल हैं। मुंबई के एबीवैली में 313 एकड़ का डेवलपमेंट साइट, मुंबई के बरसोवा में 113 एकड़ की जमीन है। लखनऊ के गोमतीनगर में सुब्रत ने 170 एकड़ जमीन पर अपना पूरा शहर बसा डाला। देश के अलग-अलग हिस्सों में उनके पास 764 एकड़ की जमीन है। माना जाता है कि उन्होंने अपने बेटों की शादी की तो उसमें 500 करोड़ से ज्यादा का खर्च किया था। कई जानी-मानी हस्तियां इस शादी में पहुंची थीं।

टाइम्स मैगजीन ने सहारा को रेलवे के बाद दूसरी सबसे ज्यादा नौकरी देने वाली कंपनी बताया था। 11 लाख से अधिक कर्मचारी सहारा परिवार का हिस्सा थे। लेकिन फिर किस्मत ने ऐसी बाजी पलटी कि किसी को अंदाजा तक नहीं था कि खुद को सहारा श्री कहने वाले सुब्रत रॉय के दिन ऐसे फिरेगें कि उन्हें जेल की हवा खानी पड़ेगी। वो साल 2009 था, जब सहारा ने कंपनी ने आईपीओ लाने की योजना बनाई थी। सहारा ने जब सेबी से IPO के लिए आवेदन दिया तो सेबी ने उससे DRHP यानी कंपनी का पूरा बायोडेटा मांग लिया।

सहारा के बुरे दिन की शुरूआत हो चुकी थी। साल 2009 में सहारा ने अपनी दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल इस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इवेस्टेमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड का आईपीओ लाने का प्रस्ताव सेबी के सामने रखा। सेबी ने सहारा के दस्तावेजों में गड़बड़ी पाई। सहारा पर आरोप लगे कि उसने अपने निवेशकों का पैसा गलत तरीके से इस्तेमाल किया। सेबी ने आरोप लगाए कि सहारा ने अपनी दोनों कंपनियों के 3 करोड़ निवेशकों ने 24000 करोड़ रुपये जुटाए जबकि इनकी कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं थी। नियमों के उल्लघंन मामले में सहारा पर 12000 करोड़ का जुर्माना लगाया गया।

सेबी ने जब सहारा से निवेशकों के डिटल और दस्तावेज मांगे तो सहारा की ओर से 127 ट्रक डॉक्यूमेंट भेजे गए। इन ट्रकों के कारण मुंबई के बाहरी इलाके में ट्रैफिक जाम लग गया। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जहां मशहूर वकील राम जेठमलानी ने सुब्रत रॉय की ओर से दलीलें पेश की। उन्होंने सुब्रत रॉय को बचाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके। सुप्रीम कोर्ट का रूख सुब्रत रॉय के लिए सख्त बना रहा। सहारा को निवेशकों के पैसे 15 प्रतिशत ब्याज के साथ 24000 करोड़ रुपये लौटाने का निर्देश दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने पर फरवरी 2014 में सुब्रत रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया। दो साल जेल में रहने के बाद वो पेरोल पर बाहर आए।

लेबल:

शुक्रवार, 10 नवंबर 2023

नगर पंचायत भानपुर में चलाया गया "स्वच्छ दीपावली शुभ दीपावली" के माध्यम से जागरूकता अभियान

बस्ती- नगर पंचायत भानपुर की अधिशासी अधिकारी रिचा सिंह के निर्देश के क्रम में आज "स्वच्छ दीपावली शुभ दीपावली" कैंपेन के अंतर्गत नगर पंचायत कर्मियों द्वारा जुलूस निकाला गया , जुलूस के माध्यम से नगर वासियों को दीपावली की बधाई देते हुए सौहार्दपूर्ण एवं स्वच्छ दीपावली मनाने हेतु जागरूक किया गया  ।
"स्वच्छ दीपावली शुभ दीपावली" अभियान के तहत नगर पंचायत भानपुर के समस्त वार्डों में में साफ सफाई कराई गई साथ ही लोगों को भी अपने आस पास साफ सुथरा रखने के लिए जागरूक किया गया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से अविनाश मिश्रा , वीरेंद्र कुमार , नितीश, रवि, मुकेश, आदित्य, अरुण ,दीपक, दीपू , विवेक ,दीपचंद आदि उपस्थित रहे।

लेबल:

गुरुवार, 9 नवंबर 2023

घूसकांड-महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश

घूस लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों में घिरीं पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पार्लियामेंट एथिक्स कमेटी ने इस मामले की जांच के बाद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है. वहीं, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया है कि एंटी-करप्शन पैनल ने इसी मामले में महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया है
बता दें कि 19 अक्टूबर:- बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी का विस्फोटक कबूलनामा सामने आया. उन्होंने अपने एफिडेविट में माना कि महुआ मोइत्रा ने उन्हें अपने लोकसभा अकाउंट का क्रेडेंशियल दिया था, ताकि वो सवाल पोस्ट कर सके. हीरानंदानी ने ये भी कबूल किया कि मोइत्रा ने इसके एवज में उनसे मोटा कैश और लग्जरी गिफ्ट्स, फॉरिन टूर की डिमांड की.

लेबल:

सोमवार, 6 नवंबर 2023

आंगनवाडी केन्द्र की जमीन से अवैध कब्जा हटाने एवं विभिन्न मुद्दों पर सुभासपा ने सौंपा ज्ञापन

बस्ती। सोमवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी पिछड़ा मोर्चा जिलाध्यक्ष  प्रमोद कुमार चौधरी के नेतृत्व में पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। मांग किया कि रूधौली क्षेत्र के सरयू नहर खण्ड- 4 पकड़ी रजवाहा के तहत माइनर निकला है। नहर पूरी हो जाने के बावजूद अनेक किसानोेें को मुआवजा नहीं मिल पाया है। उन्होने मांग किया है कि जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिल सका है उन्हें दिलाया जाय।
ज्ञापन देने के बाद सुभासपा पिछड़ा मोर्चा जिलाध्यक्ष  प्रमोद कुमार चौधरी ने बताया कि भानपुर तहसील क्षेत्र के सिसवा बरूआर में गाटा संख्या 470. रक्बा 0.135 हेक्टेयर जमीन जो हरिहरपुर के जगदीश पुत्र ठाकुर, कुलदीप पुत्र बाबूराम, रवि, खुशी पुत्रगण स्वर्गीय राम सिधारे की है, उस पर सरकार ने नहर तो बनवा दिया किन्तु 18 वर्ष बीत जाने के बावजूद मुआवजा नहीं मिला। मांग किया कि किसानों को उनके जमीन का मुआवजा दिलाया जाय। 

सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि जल जीवन मिशन के तहत ठेकेदार गांवों में सड़कों की खुदाई करा दे रहे हैं किन्तु उन्हें पाटा नहीं जा रहा है। सल्टौआ गोपालपुर के लपसी, भौखरी, पिपरी आदि गांवों में सड़क और खण्डजा खोद डाले गये। मांग किया कि ठेकेदार द्वारा खोदी गई सड़क और खण्डजे को सही ढंग से पाटा जाय।

 एक अन्य ज्ञापन में भानपुर तहसील क्षेत्र के कोठिली गांव में बने आंगनवाडी केन्द्र की जमीन पर गांव के ही द्वारिका पुत्र दयाराम ने अवैध कब्जा कर दीवाल जोड़ लिया है, 15 सी की कार्रवाई के बावजूद बेदखली की कार्रवाई न होने से आंगनवाड़ी केन्द्र का बाउन्ड्रीवाल नहीं बन पा रहा है। यहां अवैध कब्जा हटवाकर आंगनवाड़ी केन्द्र का बाउन्ड्रीवाल  पूरा कराया जाय।

ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के वृजभूषण मिश्र, सूरज कुमार, कृष्ण प्रताप, अब्दुल अजीज, रमेश चन्द्र, अमन राजभर आदि शामिल रहे।

लेबल:

शनिवार, 4 नवंबर 2023

उत्तर भारत में 3 बार हिली धरती, नेपाल में 70 लोगों की मौत ,जानें- कहां-कहां महसूस किए गए भूकंप के झटके

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने जानकारी देते हुए बताया कि भूकंप का एपिसेंटर नेपाल में था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मापी गई है. जानकारी के अनुसार, ये भूकंप जमीन के 10 किमी नीचे आया था.NDTV

दिल्ली-NCR में शुक्रवार देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. यूपी, बिहार, उत्तराखंड में भी भूकंप (Earthquake in Delhi) के झटके महसूस हुए हैं. भूकंप रात करीब 11 बजकर 35 मिनट पर आया. लगातार तीन झटके महसूस हुए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.9 मापी गई मापी गई है. भूकंप का केंद्र नेपाल रहा. नेपाल में इसकी तीव्रता 6.4 थी. जानकारी के अनुसार, ये भूकंप जमीन के 10 किमी नीचे आया था. नेपाल में 70 से ज्यादा लोगों की मरने की सूचना है । चीन में भी भूकंप के झटके महसूस हुए हैं.

Earthquake in Uttar Pradesh: दिल्ली के साथ ही उत्तर प्रदेश में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. धरती हिलने के बाद लखनऊ में लोग घरों से बाहर निकल आए. लोगों ने बताया कि वह सोने की तैयारी कर रहे थे, तभी अचानक से पंखा हिलने लगा, तभी वह बाहर की ओर भागे. लोग सोशल मीडिया पर भूकंप महसूस होने के वीडियो भी शेयर कर रहे हैं.

Earthquake in Bihar: नेपाल से सटे बिहार में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. यहां देर रात 11:32 बजे दो झटके महसूस हुए. सीवान में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए.

भूकंप का असर उत्तराखंड में देखा गया. यहां झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर खुली जगह पर आ गए. झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी भूकंप के झटके महसूस हुए.

Earthquake in Haryana: हरियाणा में भी देर रात भूकंप के झटके महसूस हुए. सोनीपत में एक महिला ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, "मैं सो रही थी, तभी झटके महसूस हुए. मैं डर गई थी. मैं नीचे आ गई. अब जाने में भी डर लग रहा है. रातों की नींद गायब हो गई है.

 मध्य प्रदेश में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. यहां भी कई अपार्टमेंट में सोने की तैयारी कर रहे लोग बाहर पार्क में आ गए थे. भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सतना और रीवा में रात करीब 11:30 बजे भूकंप ​​​​​​के झटके महसूस किए गए. 




लेबल:

गुरुवार, 2 नवंबर 2023

बस्ती- सांसद निधि से बन रहे स्टेडियम की शटरिंग गिरने से एक मजदूर की मौत ,एक घायल

बस्ती-  जनपद के नगर पंचायत भानपुर के बनटिकरा में निर्माणाधीन मिनी स्टेडियम के छत की शटरिंग का गिरने से एक मजदूर की मौके पर मौत हो गई जबकि दो मजदूर घायल हो गए जिन्हें चिकित्सा के लिए अस्पताल भेजा गया।
घटना की सूचना पर तत्काल प्रभाव से पहुंचे प्रभारी निरीक्षक सोनहा शैलेश कुमार सिंह ने बताया कि शटरिंग गिरने से  राम लौट पुत्र राम अच्छेवर उम्र करीब 35 वर्ष निवासी ग्राम खजुहा थाना कप्तानगंज शटरिंग के नीचे दब गए जिन्हें तत्काल मौके पर पहुंचकर अथक प्रयास करके बाहर निकाला गया एवं इलाज हेतु 108 एंबुलेंस से भानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया जहां चिकित्सकों द्वारा मृत घोषित कर दिया गया इस घटना में फूलचंद पुत्र राम अवध उम्र करीब 40 वर्ष निवासी ग्राम कोटवा थाना नगर जनपद बस्ती भी घायल हुए हैं जिनको हल्की चोटें आई हैं।

सांसद निधि से बन रहा था स्टेडियम

नगर पंचायत भानपुर के बनटिकरा में इंडोर स्टेडियम बनना है. इंडोर स्टेडियम का निर्माण 25 सौ वर्ग मीटर भूमि में कराया जा रहा था जिसकी पहली किस्त तीन करोड़ 89 लाख 22 हज़ार रुपए अवमुक्त भी कर दी गई थी निमार्ण कार्य कराने की ज़िम्मेदारी कार्यदायी संस्था यूपी सिडको को सौंपी गई थी. मौके पर सोनहा पुलिस के अलावा जिले के शीर्ष अधिकारियों में अपर पुलिस अधीक्षक दीपेंद्र नाथ चौदरी में पहुंच कर हालातों की जानकारी लिया।
विस्तृत समाचार ....आगे

लेबल: