गुरुवार, 27 जुलाई 2023

सभ्य राष्ट्र के निर्माता और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत थे डॉo अब्दुल कलाम

सौरभ वीपी वर्मा

अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक, शिक्षक और राष्ट्रपति थे। उनका पूरा नाम डॉ. अवुल पकीर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम नामक स्थान पर हुआ था और उनका निधन 27 जुलाई 2015 को मेघालय राज्य के शिलांग शहर में हुआ था।
अब्दुल कलाम ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में वैज्ञानिक के रूप में काम किया था। उन्होंने भारतीय मिसाइल कार्यक्रम के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया और आईएसरो के पहले उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।

2002 से 2007 तक उन्होंने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में भी सेवा की। वे भारत के प्रथम वैज्ञानिक राष्ट्रपति थे और इन्हें "मिसाइल मैन" और "पीपल्स प्रेसिडेंट" के उपनाम से भी जाना जाता था।

अब्दुल कलाम को एक अद्भुत वक्तव्यवधारी, प्रेरणा स्रोत, गुरुत्वाकर्षक शिक्षक और विचारक के रूप में भी जाना जाता था। उनकी दृढ इच्छा थी कि भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति करे और देश को एक उच्च स्तरीय रूप में विकसित देशों की श्रेणी में ले जाए। उनके निधन के बाद, उन्हें भारत और विश्व भर में याद किया जाता है और उनके योगदान को सलामी दी जाती है।

डॉ. अब्दुल कलाम को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और डीआरडीईओ (DRDO) में उनके वैज्ञानिक अनुसंधान में अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई सैन्य और अंतरिक्ष परियोजनाओं की नेतृत्व किया और इन क्षेत्रों में विज्ञान और तकनीक को बढ़ावा दिया।

अब्दुल कलाम को भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था (2002-2007)। उन्होंने अपने पदकाल के दौरान भारतीय युवा पीढ़ी को प्रेरित किया और उन्हें राष्ट्रनिर्माण में भागीदार बनाने के लिए अपने भारत का सपना (Vision 2020) की रूपरेखा प्रस्तुत की।

अब्दुल कलाम ने अपने भाषणों और संवादों के माध्यम से देशवासियों को प्रेरित किया। उनके प्रसिद्ध भाषण "कलाम द्रष्टि" भारतीय युवाओं के बीच बहुत प्रसिद्ध हुआ, जिसमें उन्होंने युवा पीढ़ी को सकारात्मकता, समर्थन और सामर्थ्य के संदेश दिए।

"मिसाइल मैन" के रूप में पहचान: उन्हें "मिसाइल मैन" के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने भारतीय विज्ञान और रक्षा क्षेत्र में बहुत सारे महत्वपूर्ण मिसाइल परियोजनाओं में योगदान दिया।

अब्दुल कलाम को एक महान वैज्ञानिक, शिक्षाविद, और राष्ट्रीय नेता के रूप में याद किया जाता है जिनका योगदान भारत के विकास और उन्नति में महत्वपूर्ण रहा। उनके द्वारा प्रदर्शित किए गए समर्थन, सकारात्मकता और जीवनशैली के संदेश का अधिकांश भारतवासियों पर गहरा प्रभाव पड़ा।

अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को हुआ था। आज भी उन्हें मिसाइल मैन , भारत के 11वें राष्ट्रपति  के रूप में याद किया जाता है। वे एक माननीय वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, और भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन DRDO (Defence Research and Development Organisation) के एक प्रमुख इंजीनियर थे। अपने जीवन के दौरान, वे भारतीय मिसाइल कार्यक्रम की विकास के लिए अपने योगदान के लिए विख्यात थे। उनकी मृत्यु एक सभ्य राष्ट्र और विज्ञान को बढ़ावा देने वाले व्यक्ति की एक बड़ी क्षति थी।

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मंगलवार, 25 जुलाई 2023

मणिपुर कांड पर ऐडवा के नेतृत्व में खेत मज़दूर यूनियन ने प्रदर्शन कर राष्ट्रपाति को भेजा ज्ञापन

बस्ती। 25 जुलाई।मणिपुर हिंसा और महिलाओ को निवस्त्र कर परेड कराए जाने से आक्रोशित महिलाओ ने  अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (ऐडवा) के नेतृत्व में सीटू,एटक,खेतमज़दूर यूनियन ,किसान सभा और जनौस के साथी न्यायमार्ग स्थित कार्यालय से जुलूस निकाल कर जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए माननीय राष्ट्रपाति महोदय के नाम का ज्ञापन सौंपा।
 ऐडवा की जिलाध्यक्ष वंदना ,मंत्री कमलेश, सुंदरी,अनिता,इंद्रावती ,शीला देवी,नीलू,पूनम के नेतृत्व में सीटू,एटक,किसान सभा,जनौस,खेतमज़दूर यूनियन के नेताओ कार्य कर्ताओ ने घटना को बीभत्स ,अमानवीय करार देते हुए केंद्र व प्रदेश की भजपा सरकार की नाकामी बताते हुए  निर्णायक कर्यवाही करने की मांग किया।

 कार्यक्रम में एटक के अशर्फीलाल ,मिड डे मील के ध्रुव चंद ,जनौस के शेष मणि ,सहित राम दयाल ,सीटू के सुनील,,संविदा मजदूर के राकेश कुमार गुप्ता,रविंदर, जनौस के शिव चरण ,नवनीत यादव ,हीरालाल ,खेतमज़दूर के राम लगन ,किसान सभा के राम सुरेमन भगत ,अब्दुल रहीम , राम प्रकाश,शम्भू,विद्या देवी,ज्योति,मीरा,कांति कुमारी, संध्या ,नीता देवी,आरती,अनिता भारती, रुखसाना खातून ,अनुपम तिवारी,प्रमोद, गीता देवी,रमेश,विजय बहादुर ,राजवृत,नीरज,राजकुमार,धर्मेंद्र,अनिल,राजीव कुमार ,राम शंकर, कुसुम,निर्मला, राम संकेत,बसेनू कृष्णा प्रसाद सहित दर्ज़नो शामिल रहे।

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यूपी में 22 लोगों को एक साथ मौत के घाट उतारने के बाद सांसद बनने वाली महिला की सच्ची कहानी

सौरभ वीपी वर्मा 

फूलनदेवी जिसने सामाजिक उत्पीड़न का शिकार होने के बाद हाथ में बंदूख उठा लिया ,और समाज मे व्याप्त ऊंच-नीच ,भेद-भाव एवं जातिवाद जैसी अव्यवस्था को खत्म करने के लिए  बीहड़ के जंगलों में अपना ठिकाना बना लिया । उसके बाद कई दर्जन लोगों की हत्या करने के बाद फूलदेवी डकैत से सांसद बन गईं । फूलन देवी का जन्म 10 अगस्त 1963 में हुआ था। 25 जुलाई को उनका  पुण्यतिथि है। 25 जुलाई 2001 के दिन शेर सिंह राणा ने दिल्ली में फूलन देवी के आवास पर उनकी हत्या कर दी। हत्या के बाद राणा ने यह दावा किया था कि यह 1981 में सवर्णों की हत्या का बदला है। 
अस्सी के दशक में फूलन देवी का नाम चंबल घाटी में किसी शेर की आवाज की तरहं गूंजती थी । कहते हैं फूलन देवी का जितना ज्यादा निशाना अचूक था उससे भी ज्यादा कठोर था उनका दिल। लोगों के मुताबिक  हालात ने ही फूलन देवी को इतना कठोर बना दिया कि  उन्होंने बहमई में एक लाइन में खड़ा करके ठाकुर विरादरी के 22 लोगों को मौत के घाट उतार दिया और फूलदेवी को को इस बात पर जरा भी मलाल नहीं हुआ था।

फूलन देवी का जन्म उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव गोरहा में 10 अगस्त 1963 में हुआ था। जन्म से ही फूलन जाति-भेदभाव की शिकार हुई है। महज 11 साल की उम्र में फूलन का विवाह एक मल्लाह के घर हुआ था। ये बाल विवाह तो था लेकिन सिर्फ फूलन के लिए, क्योंकि उसके पति एक अधेड़ उम्र का व्यकित था। फूलन की शादी के पीछे का मकसद था कि वह गांव से बाहर चली जाए। फूलन के पति का नाम पुट्टी लाल था शादी के बाद से फूलन के साथ दूराचार होने लगा। उसके अधेड़ उम्र का पति उसे काफी ज्यादा परेशान करता था। जिसके बाद फूलन देवी घर भागकर आ गई।

ससुराल से भागकर आने के बाद फूलन अपने पिता के साथ मजदूरी के काम में हाथ बटाने लगी। इसी दौरान फूलन के साथ गांव के कुछ ठाकुरों ने मिलकर गैंगरेप किया। इस घटना को लेकर फूलन इंसाफ के लिए दर-दर भटकती रही। इसके बाद फूलनदेवी को पूरे गांव में एक बार नंगा कर घुमाया गया था। इसके बाद कहीं से न्याय न मिलने के बाद फूलन देवी ने हथियार उठाने का फैसला किया और वो डकैत बन गई।

हथियार उठाने के बाद फूलन सबसे पहले अपने पति के गांव पहुंची। जहां उन्होंने पूरे गांव वालों के सामने लोगों को घर से बाहर निकाल कर, सबके सामने  चाकू मार दिया और सड़क किनारे अधमरे हाल में छोड़ कर चली गई। जाते-जाते इस गांव में फूलन देवी ऐलान करके के गई, '' आज के बाद कोई भी बूढ़ा किसी जवान लड़की से शादी नहीं करेगा।''

इसके बाद फूलन ने अपने साथ हुए रेप का बदला लेने की ठानी। फूलनदेवी ने 1981 में 22 स्वर्ण जाति के लोगों को एक लाइन में खड़ा कराकर गोलियों से भून डाला। इस घटना के बाद पूरे चंबल में फूलनदेवी का खौफ फैल गया। सरकार ने फूलन को पकड़ने का आदेश दिया लेकिन यूपी और मध्य प्रदेश की पुलिस फूलनदेवी को पकड़ने में नाकाम रही।

फूलन के डाकूओं के गिरोह में एक ऐसा वक्त आया, जब इसमें फूट पड़ गई। दरअसल इनके गिरोह का मुखिया बाबू गुज्जर की धोखे से हत्या के बाद विक्रम मल्लाह नाम के शख्स ने खुद को गिरोह का मुखिया घोषित कर दिया। इसके बाद विक्रम मल्लाह के दो खास आदमी जेल से भागे दो भाई श्री राम तथा लाला राम गिरोह में शामिल हुए। बाद में उन्होंने विक्रम मल्लाह को भी मार गिराया और फूलनदेवी को बंदी बनाकर अपने गाँव बेहमई ले गए।

जहां इन्होंने बारी-बारी से कई दिनों तक फूलन को बंधक बनाकर रेप किया। कुछ हफ्तों बाद जब इसकी जानकारी फूलनदेवी के कुछ साथियों को मिली तो वह उसे वहां से छुड़ा कर ले गए। वहां से निकलने के बाद फूलनदेवी ने हार नहीं मानी और अपने साथी मान सिंह मल्लाह की सहायता से अपने पुराने मल्लाह साथियों को इकट्ठा कर के गिरोह का पुनः गठन किया और खुद उसकी सरदार बन गईं। इसके बाद  14 फरवरी 1981 को फूलन देवी ने 22 ठाकुरों की हत्या कर इसका बदला लिया था। इस कांड के बाद फूलन ‘बैंडिट क्वीन’ के नाम से मशहूर हो गई थी।

22 लोगों की हत्या के बाद पुलिस उनके पीछे पड़ गई थी लेकिन फूलनदेवी किसी के हाथ नहीं आ पाई थी। लूट पाट करना, अमीरों के बच्चों को फिरौती के लिए अगवा करना, राजनीतिक रैलियों को लूटना फूलनदेवी के गिरोह का मुख्य काम था। कुछ सालों के बाद फूलनदेवी आत्म समर्पण के लिए तैयार हुई। फूलनदेवी जानती थी कि यूपी पुलिस उनकी जान के पीछे पड़ी है, इसीलिए अपनी पहली शर्त के तहत उन्होंने मध्यप्रदेश पुलिस के सामने ही आत्मसमर्पण करने की बात कही।

फूलनदेवी की दूसरी शर्त थी कि उनके गैंग के किसी साथी को मौत की सजा नहीं दी जाएगी। फूलनदेवी की तीसरी शर्त थी उसने उस जमीन को वापस करने के लिए कहा, जो उसके पिता से हड़प ली गई थी। साथ ही उसने अपने भाई को पुलिस में नौकरी देने की मांग की।  फूलन की दूसरी मांग को छोड़कर पुलिस ने उसकी बाकी सभी शर्तें मान लीं। फूलन ने 13 फरवरी 1983 को भिंड में आत्मसमर्पण किया। मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने फूलन देवी ने एक समारोह में हथियार डाले थे और उस समय उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जमा थी।

11 साल तक फूलन देवी को बिना मुकदमे के जेल में रहना पड़ा। इसके बाद 1994 में आई समाजवादी सरकार ने फूलन को जेल से रिहा किया। इसके दो साल बाद ही फूलन को समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने का ऑफर मिला और वो 1996 में मिर्जापुर सीट से जीतकर सांसद बनी और दिल्ली पहुंच गई। फूलन 1998 का लोकसभा चुनाव हार गईं थी लेकिन अगले ही साल हुए 13वीं लोकसभा के चुनाव में वे फिर जीत गईं। 25 जुलाई 2001 को उनकी हत्या कर दी गई।

1994 में उनके जीवन पर शेखर कपूर ने 'बैंडिट क्वीन' नाम से फिल्म बनाई। इस फिल्म को भारत से ज्यादा यूरोप में लोकप्रियता मिली। फिल्म अपने कुछ दृश्यों और फूलन देवी की भाषा को लेकर भारत में काफी विवादों में रही। फिल्म में फूलन देवी को एक ऐसी बहादुर महिला के रूप में पेश किया गया जिसने समाज की गलत प्रथाओं के खिलाफ पुरजोर संघर्ष किया।

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बुधवार, 19 जुलाई 2023

बस्ती-अपना दल के प्रदेश महासचिव के प्रथम आगमन पर जोरदार स्वागत

बस्ती- अपना दल एस के नवनियुक्त प्रदेश महासचिव, पूर्व जिला पंचायत सदस्य राम सिंह पटेल के प्रथम जनपद  आगमन पर बुधवार को बभनान कस्बे  में जिलाध्यक्ष राजमाणि पटेल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं में जोरदार स्वागत व अभिनंदन किया। श्री पटेल कार्यकर्ताओं के साथ पैदल नगर भ्रमण कर स्थानीय लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए पार्टी कार्यालय पहुंचकर कार्यकतीओं के साथ बैठक किया।
 बैठक को सम्बोधित करते हुए राम सिंह पटेल ने कहा कि कार्यकर्ताओं के सहयोग से पार्टी नेतृत्व ने मुझ पर विश्वास व्यक्त करते हुए जो जिम्मेदारी सौंपी है, उस पर खरा उतरने के लिए दिन रात मेहनत करुंगा। शोषित,वंचित समाज को उनका हक अधिक दिलाने के लिए दल के संस्थापक डॉ. सोने लाल पटेल ने जो सपना देखा था उसे कार्यकर्ताओं के सहयोग से पूरा किया जायेगा। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राजमणि पटेल एवं संचालन जिला उपाध्यक्ष इन्द्रजीत प्रजापति ने किया।
 इस अवसर पर राम नयन पटेल, अभिमन्यु पटेल,राम कुमार पटेल, दिनेश सोनी, चिन्ता राम वर्मा, खुशी राम वर्मा, चन्द्रशेखर चौधरी, हित काली सिंह,संजय चौधरी, लड्डन खान,मनीष श्रीवास्तव, संत राम पटेल, श्रवण कन्नौजिया, निसार अहमद, भागीरथी पटेल, रमेश चंद्र गिरि,शिव कुमार चौधरी,नीरज पटेल, रवीन्द्र पटेल,राम जीत पटेल, प्रमोद कुमार पाल,विजय वर्मा,कमलेश पटेल,देव पटेल,नंद लाल वर्मा, सुभाष चन्द्र वर्मा, आशाराम वर्मा आदि मौजूद रहे।

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मंगलवार, 18 जुलाई 2023

बस्ती- खलिहान के जमीन पर हो रहा था अवैध निर्माण ,डीएम से शिकायत पर रोका गया काम

बस्ती- सदर तहसील क्षेत्र के रिठिया गांव में खलिहान की जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण की शिकायत जिलाधिकारी बस्ती से गई , जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन के निर्देश पर नायब तहसीलदार वीर बहादुर सिंह ने मौके पर पहुंच कर निर्माणाधीन काम को रोकवा दिया।
रिठिया ग्राम पंचायत के निवासी राहुल पटेल ने जिलाधिकारी को शिकायत पत्र देकर बताया कि गांव के खसरा संख्या 205 ,206 एवं 209 पर खलिहान की जमीन है जिसपर गांव के लोग अपने फसलों को लाकर रखते हैं एवं उसकी साफ सफाई करते रहते हैं । शिकायतकर्ता राहुल पटेल ने कहा कि उक्त खलिहान की जमीन पर ग्राम पंचायत द्वारा अवैध तरीके से स्कूल की बाउंड्रीबाल का निर्माण कराया जा रहा है जिससे गांव के लोगों में काफी आक्रोश है । शिकायतकर्ता ने मांग किया कि खलिहान की जमीन पर मनमानी तरीके से हो रहे अवैध निर्माण को बंद कराया जाए।

इस सबंध में नायब तहसीलदार वीर बहादुर सिंह से बात हुई उन्होंने स्पष्ट रूप से कोई  बात नही बताया , शिकायत के सम्बंध में पूछने पर उन्होंने कहा कि इस मामले में हम ज्यादा कुछ नही जानते हैं , स्कूल के बाउंड्रीवाल का निर्माण हो रहा है वह गांव के लोगों के लिए हो रहा है ,उसमें तहसील के लोग जाकर नही रहेंगे ।

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रविवार, 16 जुलाई 2023

बस्ती,-सामाजिक कार्यकर्ता बृजेश पटेल ने घायल को अस्पताल में कराया भर्ती ,हुआ इलाज

कुलदीप चौधरी

बस्ती- कभी कभी सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थाओं में भी हर व्यक्ति को सुविधाओं का लाभ नही मिल पाता है जिसकी वजह से लोगों को परेशान एवं निराश होना पड़ता है।ताजा मामला बस्ती जनपद के वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले एक गांव के विकास का है जहां रात्रि में 12 बजे सड़क दुर्घटना में उनको चोट लग गया । दुर्घटना के बाद जैसे  तैसे विकास जिला अस्पताल पहुंचे लेकन अस्पतला प्रशासन ने उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया । 
थक हार कर विकास ने सामाजिक कार्यकर्ता एवं सरदार सेना के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश पटेल के पास फोन लगाया और उनसे उन्होंने अपनी समस्या बताया। चौधरी बृजेश पटेल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल अधीक्षक से बात किया एवं तत्काल प्रभाव से भर्ती कर उनका इलाज करने के लिए अनुरोध किया । बृजेश पटेल के फोन करने के बाद अस्पताल प्रशासन की नींद खुली उसके बाद जाकर घायल विकास का इलाज शुरू किया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद विकास के स्वास्थ्य में अब सुधार है।

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बुधवार, 12 जुलाई 2023

यूपी में भारी बारिश की चेतावनी , वज्रपात की संभावना -मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

सौरभ वीपी वर्मा
तहकीकात समाचार

मौसम विभाग ने यूपी में अगले कुछ दिनों तक भारी से लेकर बहुत भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की है। देखिए किन जिलों के लिए जारी हुआ मौसम विभाग का चेतावनी

वज्रपात की संभावना फतेहपुर, प्रतापगढ़, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बजलया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, जसद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर , अलीगढ़, मथुरा, हाथर, कासगंज, एटा, आगरा, मैनपुरी, इटावा, औरैया, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, लजलतपुर।

भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना: श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बरेली, पीलीभीत।

भारी वर्षा की संभावना: देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, जसद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, हरिोई, फ़र्रूख़ाबाद, कन्नौज, बाराबंकी, अयोध्या, कासगंज, जबजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, शाहजहांपुर, संभल।

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शुक्रवार, 7 जुलाई 2023

बस्ती- अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के विकास के लिए अपना दल की लड़ाई जारी-रामनयन पटेल

बस्ती-शुक्रवार को अपना दल द्वारा टिनिच बाजार में आयोजित जिला इकाई की बैठक किया गया जिसमें अपना दल एस के राष्ट्रीय सचिव राम नयन पटेल ने कहा कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के विकास के लिए दल के संस्थापक डॉ. सोने लाल पटेल ने जो आन्दोलन शुरू किया था, उसे मंजिल पाने तक जारी रखा जायेगा। 
बैठक को सम्बोधित करते हुए राम नयन पटेल ने कहा कि डॉ. पटेल ने 04 नवम्बर 1995 को पार्टी की स्थापना करके कमेरों, वंचितो एवं समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने  के लिए आंदोलन चलाया था। उसे आगे बढाने की जिम्मेदारी पार्टी कार्यकर्ताओं पर है। सभी को मिलकर उनके मिशन को पूरा करना है।

प्रदेश महासचिव झिनकान चौधरी  ने पदाधिकारियों से कहा कि वे अपने- अपने कार्य क्षेत्र में बूथ स्तर तक के संगठन की समीक्षा करके रिपोर्ट तैयार कर लें,ताकि जरूरत के मुताबिक संगठन में फेरबदल कर लिया जाय।बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राजमणि पटेल एवं संचालन जिला उपाध्यक्ष रमेश चंद्र गिरि ने किया । इस अवसर पर राम सिंह पटेल, सुखराम पटेल, राम कुमार पटेल, संजय चौधरी, निसार अहमद,शिव कुमार चौधरी, चन्द्रशेखर चौधरी, प्रमोद कुमार पाल, राम सागर निषाद, राजेश चौधरी,लड्डन खान, दुर्गेश कुमार, वंदना पटेल,राज कपूर सोनी, प्रदीप पटेल,भागीरथी पटेल, योगेन्द्र पटेल, बलराम चौधरी,पवन कुमार,सईद खान, दयानंद चौरसिया, सुनील पटेल,मनोज कुमार श्रीवास्तव,गौरी शंकर निषाद, राकेश बहादुर श्रीवास्तव, राकेश पटेल,मुकेश गुप्ता, मोहनलाल सोनी, राजित राम, राम नवल, जीतेन्द्र यादव,विजय कुमार आदि मौजूद रहे।

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UP Weather Today: यूपी में जारी रहेगी बारिश, जानिए यूपी के मौसम का हाल

उत्तर प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग की मानें तो अभी बारिश होती रहेगी। 11-12 जुलाई को पश्चिमी और पूर्वी यूपी के लगभग सभी स्थानों पर बारिश होगी। शुक्रवार को यूपी के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी है।
मौसम विभाग के अनुसार, 7 जुलाई को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गरज चमक के साथ बारिश के आसार हैं, जबकि पूर्वी यूपी में कुछ स्थान पर ही गरज चमक के साथ बरसात हो सकती है। इसी तरह 8 जुलाई को पश्चिमी यूपी में अनेक स्थान पर गरज चमक के साथ बारिश हो सकती है तो वहीं इसी दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर ही बारिश होने की उम्मीद है।

9 जुलाई को पश्चिमी यूपी में गरज चमक के साथ लगभग सभी स्थानों पर बारिश होगी। 10 जुलाई को पश्चिमी यूपी में गरज चमक के साथ लगभग सभी स्थानों पर बारिश हो सकती है। इस दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी लगभग सभी स्थानों पर गरज चमक के साथ बारिश होने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है।

11 और 12 जुलाई को बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। 11 जुलाई को पश्चिमी यूपी और पूर्वी यूपी में लगभग सभी स्थानों पर बारिश हो सकती है। 12 जुलाई को पश्चिमी यूपी और पूर्वी यूपी में भी गरज चमक के साथ लगभग सभी स्थानों पर बारिश होने की संभावना है। वहीं, आगरा, औरैया, इटावा, हमीरपुर, जालौन, झांसी, ललितपुर, महोबा, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बस्ती ,सिद्धार्थनगर और उसके आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है। कई जिलों में बादल गरजने और बिजली कड़कने की भी संभावना है

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सोमवार, 3 जुलाई 2023

मिट्टी खनन पर हो रहे उत्पीड़न एवं अवैध वसूली पर यूपी सरकार ने लगाया लगाम

उत्तर प्रदेश में किसानों को निजी उपयोग के लिए मिट्टी खनन के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है। किसान मिट्टी खनन के लिये केवल माइन मित्रा पोर्टल पर अप्लाई करें और जिसके बाद स्वतः पंजीकरण के आधार पर खनन और परिवहन मान्य हो जायेगा। यह जानकारी निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग डा. रोशन जैकब ने दी।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों द्वारा अपने खेत से अपने निजी उपयोग के लिए मिट्टी खनन पर हो रहे उत्पीड़न को रोकने एवं अवैध वसूली पर लगाम लगाने के लिए साधारण मिट्टी की रॉयल्टी शून्य कर दी थी। साथ ही भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय से अनुमति लेने की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया था। वहीं मिट्टी खनन में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए नियमों में बदलाव किया गया एवं इसके तहत माइन मित्रा पोर्टल लांच किया गया है।

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रविवार, 2 जुलाई 2023

बस्ती-फिर जानलेवा बना चौराघाट टिनिच मार्ग ,अति शीघ्र मरम्मत की आवश्यकता

विश्वपति वर्मा (सौरभ)

बस्ती जनपद के सल्टौआ विकास खण्ड के कुशाहवा टिनिच मार्ग पर अभी हाल ही में एप्रोच धंस गया था जिसकी वजह से सड़क जानलेवा बन चुकी थी , बाद में विभाग द्वारा सड़क की मरम्मत की गई।
अब एक बार फिर यह मार्ग जानलेवा बन चुका है जहां बारिश की वजह से सड़क के आधे भाग का हिस्सा कट कर बह गया वहीं सड़क के जिस भाग का ऊपरी परत बचा हुआ है उसके नीचे का हिस्सा भी बारिश के पानी की चपेट में आकर बह गया जिसकी वजह से सड़क जानलेवा बन चुका है।
इस सड़क के मरम्मत का कार्य अति शीघ्र जरूरत है अन्यथा अनजाने में किसी यात्री के साथ बड़ी घटना घट सकती है।

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जिस देश में विधायक सांसद बदलते रहे ,वहां गरीबों के जीवन में बदलाव क्यों नहीं आया

गरीबी एवं बदहाली क्या है इससे क्या फर्क पड़ने वाला है इस देश में एयरकंडीशनर कमरे में बैठे नेताओं ,व्यापारियों ,अधिकारियों और शीर्ष लोगों के सीपा सलाहकारों को । फर्क तो उसको पड़ता है जो दिन भर खेतों में काम करता है और रात में जंगली जानवरों से फसलों की रखवाली करता है उसके बाद भी अपने बच्चों को अच्छा भोजन एवं अच्छी शिक्षा नही दे पाता है ।
इस देश में कई सारे कानून ऐसे बनाये गए जिसमें गरीबी उन्मूलन ,रोजगार गारंटी , स्वास्थ्य , शिक्षा एवं भोजन तक की बात की गई लेकिन आजादी के 7 दशक बीत जाने के बाद आज देश की बहुसंख्यक आबादी उसी लाइन में खड़ी है जहां वह 1950 में खड़ी थी ।

हमने संविधान बनाया ,कानून बनाया ,नियम बनाये , नीति बनाया , उसके बाद इस देश ने विधायक ,सांसद ,मुख्यमंत्री ,प्रधानमंत्री ,राष्ट्रपति बनाया और सब बदलते रहे लेकिन सवाल इस बात का है कि जिन 77 वर्षों में बहुत कुछ बदला गया वहां गरीबों , लाचारों ,किसानों एवं असहाय लोगों के जीवन में बदलाव क्यों नही आया?

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शनिवार, 1 जुलाई 2023

स्वतंत्रता महोत्सव मना रहा है देश ,11 मजदूरों को जंजीर में बांध कर काम ले रहा था ठेकेदार

देश स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहा है लेकिन क्या देश के सभी नागरिक वाकई में स्वतंत्र हैं या फिर इस देश में मुठ्ठी भर लोगों को ही स्वतंत्रता मिला है? उस्मानाबाद में 11 मजदूरों की यह दर्दनाक कहानी इंसानियत को भी शर्मसार करने वाली है.
महाराष्ट्र के उस्मानाबाद में हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. वहां ठेकेदार मजदूरों के पैर में जंजीर बांधकर रखता था ताकि वे भाग न जाएं. पुलिस ने 11 मजदूरों को मुक्त करा लिया है और ठेकदार को गिरफ्तार कर लिया है. जंजीरों से जकड़े होने के कारण मजदूरों को जख्म हो गए हैं. महाराष्ट्र के हिंगोली, नांदेड़, बुलढाना आदि क्षेत्रों के युवकों के अलावा मध्यप्रदेश के गरीब युवक भी इस ठेकेदार के ऐसे जाल में जा फंसे थे जिसमें मजदूरी मिलना तो दूर, जो कुछ उनके पास था, वह भी छीन लिया गया था.  

इंसानों को बांधने के लिए जंजीरों का इस्तेमाल हो रहा था. 11 मजदूरों की यह दर्दनाक कहानी उस्मानाबाद जिले की है. जंजीरों की रगड़ से मजदूरों के पैर जख्मी हो गए, लेकिन ठेकेदारों की बेदर्दी कम नहीं हुई.

मजदूर अमोल निंबालकर ने बताया कि, ''सुबह 6 बजे लात मारकर उठाया. सिर्फ शौच के लिए जाने दिया, न तो मुंह धोने दिया, न ही चाय दी और सीधे कुंए में काम के लिए उतार दिया. फिर दस बजे बाहर निकालने के बाद खाना दिया और फिर पांच मिनट में ही फिर से कुंए में उतार दिया

जुल्म की इंतहा यहीं तक नहीं थी, अमोल और उसके साथी मजदूरों को कुंआ खोदने के लिए नीच उतारने के बाद पेशाब और शौच के लिए भी बाहर नहीं आने दिया जाता था.

रात में भाग ना जाएं इसलिए सभी को जंजीर से बांधकर रखा जाता था. लेकिन आखिरकार एक मजदूर किसी तरह ताला खोलकर भागने में कामयाब रहा और फिर उसकी सूचना पर जब वहां पुलिस पहुंची तो ठेकेदार के होश उड़ गए.

टोकी पुलिस थाने के एपीआई जगदीश राउत ने कहा कि, हमने एक टीम बनाई और वहां पहुंचे तो कुंए में पांच लड़के काम करते हुए मिले. हमने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि हमसे जबरदस्ती काम करवाया जाता है और रात में जंजीर से बांध कर रखते हैं. उन्होंने बताया कि 6 और लड़के दूसरी जगह पर ऐसे ही रखे गए हैं. हमारी टीम वहां गई तो वहां भी 6 लड़के कुंए का काम कर रहे थे. उनसे भी दिन में काम करवाया जाता और रात में जंजीर से बांध देते. फिर लड़कों को छुड़ाकर पुलिस थाने लाए.

टोकी पुलिस के मुताबिक 11 लड़कों को वहां से छुड़ाकर लाया गया और मामले के ठेकेदार और एजेंट के खिलाफ मामला दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

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