जेईई मेन सेशन 2 रिजल्ट जारी, बस्ती के अमन ने 99.91 फीसदी अंक लाकर बढ़ाया जनपद का मान
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छत्तीसगढ़ के जंगल बुधवार को एक बार फिर से गोलियों की तड़ताहड़ से गूंज उठे। दंतेवाड़ा में नक्सलियों द्वारा किए गए विस्फोट में 10 जवान शहीद हो गए, जबकि एक ड्राइवर की भी मौत हो गई। डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) फोर्स के जवान जब एक ऑपरेशन से लौट रहे थे, तभी नक्सलियों ने उनके वाहन को IED से उड़ा दिया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घटना पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि नक्सलियों को किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा और नक्सलवाद को जड़ से खत्म किया जाएगा। इस घटना के बाद मोदी सरकार अब बड़े एक्शन की तैयारी कर रही है। ये पहली बार नहीं है कि छत्तीसगढ़ की मिट्टी जवानों के खून से लाल हुई है। ऐसी घटनाएं पहले भी कई बार हो चुकी हैं।
जानिए कब-कब नक्सलियों ने बनाया सुरक्षाबल को निशाना
6 अप्रैल, 2010 : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमला, 76 जवान शहीद हुए थे।
25 मई, 2013 : झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला, कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सहित 30 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
11 मार्च, 2014 : सुकमा जिले के टाहकवा़डा में नक्सली हमला, 15 जवान शहीद हुए।
12 अप्रैल, 2014 : छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के दरभा में नक्सली हमला, 5 जवानों समेत 14 लोगों की मौत हुई थी।
11 मार्च, 2017 : सुकमा के दुर्गम भेज्जी इलाके में नक्सली हमले में 12 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे।
24 अप्रैल, 2017 : सुकमा में नक्सलियों ने हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 25 जवान शहीद हुए।
21 मार्च, 2020 : सुकमा जिले के मिनपा में जवानों नक्सली हमला, 17 जवान शहीद हुए थे।
23 मार्च, 2021 : छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले जवानों से भरी बस पर हमला, 5 जवान शहीद हो गए थे।
4 अप्रैल 2021 : छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा जिले के बॉर्डर पर हुई नक्सली हमला, 22 जवान शहीद हो गए थे।
ये 8 जिले सबसे ज्यादा प्रभावित
सरकार के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 8 जिले नक्सल प्रभावित हैं। इनमें बीजापुर, सुकमा, बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर, राजनंदगांव और कोंडागांव शामिल हैं। सुरक्षाबल या पुलिस जब भी नक्सलियों को पकड़ने जाती है, तो ये नक्सली उन पर हमला कर देते हैं। छत्तीसगढ़ से ज्यादा नक्सल प्रभावित झारखंड है। यहां 13 जिले नक्सल प्रभावित हैं। उसके बावजूद झारखंड में नक्सली हमले छत्तीसगढ़ की तुलना में कम होते हैं।
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UP Board Result 2023 LIVE UPDATE: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) आज यानी मंगलवार 25 अप्रैल को कक्षा 10वीं, 12वीं का रिजल्ट (UP Board 10th, 12th Result 2023) जारी करेगा. छात्र जो भी हाई स्कूल, इंटरमीडिएट की परीक्षा में शामिल हुए हैं, वे अपना रिजल्ट (UP Board 10th, 12th) UP Board की आधिकारिक वेबसाइट upmsp.edu.in और upresults.nic.in पर जाकर चेक कर सकते हैं. रिजल्ट (UP Board Result) की घोषणा दोपहर 1:30 बजे माध्यमिक शिक्षा परिषद मुख्यालय, प्रयागराज से की जाएगी. इसके अलावा छात्र सीधे इस लिंक HTTPS://UPRESULTS.NIC.IN/पर क्लिक करके भी UP Board 10th, 12th Result 2023 चेक कर सकते हैं.
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उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की शनिवार देर रात हत्या करने वाले तीनों आरोपियों की पहचान कर ली गई है। मिली जानकारी के मुताबिक अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों युवकों के नाम सनी, अरुण और बांदा है। पुलिस रिकॉर्ड में भी तीनों को शातिर अपराधी है। पुलिस ने तीनों हत्यारों को कॉल्विन अस्पताल ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी है। अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपी प्रयागराज के रहने वाले नहीं है। अब तक की पूछताछ में पता चला है कि अतीक अशरफ की हत्या करने वाला लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है जबकि अरुण मौर्य हमीरपुर का निवासी है। तीसरा आरोपी सनी कासगंज जनपद से है। तीनों हमलावर शातिर अपराधी हैं। कम उम्र में ही उन्होंने क्राइम की दुनिया में कदम रख दिया था। तीनों ही हत्या, लूट सहित कई संगीन आरोपों में लिप्त रह चुके हैं।Ateeq ahmed and ashraf ahmed murder case up
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भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1988 बैच के अधिकारी राजकुमार विश्वकर्मा को उत्तर प्रदेश का कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाया गया है. यूपी सरकार के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि विश्वकर्मा को कार्यवाहक डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान के स्थान पर नियुक्त किया गया है. चौहान भी 1988 बैच के अधिकारी हैं.
वरिष्ठता क्रम में 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल के बाद उत्तर प्रदेश कैडर में दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी विश्वकर्मा का कार्यकाल 31 मई 2023 तक है. उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मूल निवासी विश्वकर्मा वर्तमान में पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड के महानिदेशक और अध्यक्ष के पद पर तैनात हैं.
आरके विश्वकर्मा ने रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया है. इसी के साथ दिल्ली IIT से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स डिग्री हासिल की है. दिल्ली IIT से ही उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में पीएचडी भी की है. वे इंजीनियरिंग कर चुके हैं. इसके बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की और आईपीएस बने.
आरके विश्वकर्मा ढाई साल तक टाटा के साथ जुड़े रहे. टाटा मोटर्स को सेवाएं देने के दौरान टाटा की मशहूर भार ढोने वाली गाड़ी टाटा 407 की डिजाइन का कार्य इन्होंने ही किया है.
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