सोमवार, 31 अक्टूबर 2022

बस्ती-भ्रष्टाचार एवं कमीशनखोरी के चलते बिना उपयोग के ही ध्वस्त हो गई करोड़ो रुपये की महत्वाकांक्षी योजना

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- सरकार द्वारा कई प्रकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को बनाया जाता है ताकि ग्रामीण क्षेत्र के आबादी के पास मूलभूत सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित हो पाए लेकिन स्थानीय जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते करोड़ो रूपये की लागत से बनाई गई योजनाएं देखते ही देखते ध्वस्त हो जाती हैं और योजना का उद्देश्य भी जमींदोज हो जाता है ।
आज हम आपको ऐसे ही एक बड़ी योजना टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट (टीटीएसपी) के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसके निर्माण में जनपद भर में करोड़ो रुपया तो खर्च किया गया लेकिन योजना अपने उद्देश्य तक जाने से पहले ही ध्वस्त हो गया।

टीटीएसपी का निर्माण वर्ष 2013-14 में जनपद के लगभग 300 इंसेफेलाइटिस प्रभावित ग्रामपंचायतों में हुआ था जिसमे से सल्टौआ ब्लॉक के 27 ग्राम पंचायतों में भी इसका निर्माण हुआ था लेकिन विकासखंड के 27 ग्राम पंचायतों में लगाये गए टीटीएसपी हाथी दांत बनकर रह गया ।

सल्टौआ ब्लॉक के अमरौली शुमाली, पिटाउट , फेरसम ,कोठिला ,दसिया ,मनवा ,सेखुई ,सिसवारी ,बसडीला ,जिनवा, सूरतगढ़ , गोरखर , बंगरिया ,बालेडीहा समेत 27 इंसेफेलाइटिस गांवों में इस तरह के पानी की टंकी का निर्माण हुआ था लेकिन डेढ़ दर्जन से ज्यादा टीटीएसपी तो बिना चले ही ध्वस्त हो गया और देखते ही देखते वह ढहने के करीब पहुंच गया।जिन गांवों में पानी टंकी को चालू किया गया उसमें रिसाव होने के चलते वह भी बंद कर दिया गया।

स्वच्छ पेय जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हुआ था टीटीएसपी का निर्माण
विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं भारत सरकार द्वारा भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को दूषित पानी से मुक्ति दिलाने के लिए इस योजना की शुरुआत किया गया था । इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए बस्ती मंडल में सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग उसके बाद जल निगम को इसके देख रेख की जिम्मेदारी सौंपी गई लेकिन जल निगम ने आज तक गांवों में निर्मित पानी टंकियों को देखने और जमीन पर उसके उद्देश्य की पूर्ति को जानने की जहमत नहीं उठाया जिसका परिणाम है कि करोड़ो रूपये की लागत से बने पानी की टंकी से आज तक एक बूंद पानी पीने का नसीब नही हुआ।

टाइल्स के नाम पर डकार लिया गया धन
कई गांव के स्थानीय लोगों द्वारा इसकी शिकायत करने पर जिम्मेदारों की आंख खुली तो पानी टंकी में टाइल्स लगाने की बात कही गई उसके बाद ग्राम पंचायत के सभी 27 गांवों में टीटीएसपी पर टाइल्स लगाने का काम शुरू हुआ लेकिन टाइल्स के नाम पर भी इस योजना में धन को डकार लिया गया क्योंकि न ही टाइल्स लगने के बाद रिसाव बंद हुआ और न ही योजना अपने उद्देश्य की तरफ बढ़ पाया।

सात साल बाद योजना को लागू करने वाले जिम्मेदार लोगों का जो लापरवाही दिखाई देता है इससे लगता है कि जनता के धन को बंदरबांट करने एवं बर्बाद करने के सिवा अधिकारियों और स्थानीय जिम्मेदारों के पास न तो कोई  जिम्मेदारी है न ही जवाबदेही।

लेबल:

मंगलवार, 25 अक्टूबर 2022

बस्ती-संदिग्ध परिस्थितियों में युवक की मौत ,गांव के ही दो व्यक्तियों पर लगा हत्या का आरोप

बस्ती- सोनहा थाना क्षेत्र के बरगदवा गांव के निवासी रामकेस यादव 42 की बीती रात में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई जिसकी लाश परिजनों को सुबह गांव में स्थिति पोखरे में काफी खोजबीन के बाद मिला । 
परिजनों ने बताया कि रामकेस शाम 7 बजे घर से यह कहकर गए थे कि गांव के ही किसी व्यक्ति को मजदूरी का पैसा देना है उसके बाद जब देर रात तक रामकेस घर नही आये तो परिजनों ने खोजबीन शुरू किया जिसमें पता चला कि रामकेस को गांव के ही प्रकाश एवं बिनोद के साथ थे ,परिजनों ने जब प्रकाश और बिनोद के घर पर जाकर पूछा तब दोनों ने कहा कि वह भी साथ में आये हैं और घर गए हैं। रात भर परिजन रामकेस को ढूंढते रहे लेकिन कोई पता नही मिल पाया ।  सुबह खोजते हुए परिजनों ने गांव में स्थिति पोखरे के भीटे पर रामकेस का चप्पल देखा जिससे सभी लोग भयभीत हो गए उसके बाद कुछ लोग पोखरे के अंदर गए तो रामकेश  का लाश नीचे दबा हुआ था । लाश मिलने के बाद रामकेस के घर में कोहराम मच गया घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर सोनहा पुलिस पहुंच कर लाश को कब्जे में ले लिया ।

दोनों युवकों पर लगा हत्या का आरोप

रात में जिन दो व्यक्तियों प्रकाश और बिनोद को रामकेस के  साथ देखा गया था उन्ही पर हत्या का आरोप लगा है परिजनों ने कहा कि प्रकाश और बिनोद ने ही रात में रामकेस की हत्या कर लाश को पोखरे में फेंक दिया । आरोपियों को सोनहा पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और पूछताछ कर रही है।

घर में मच गया कोहराम

रामकेस की मौत की जानकारी मिलने में घर में कोहराम मच गया पत्नी सुनीता देवी रो रो कर बेहोश हो रही थीं तो वहीं ,बच्चे मनीष 14 वर्ष ,अनीश 12 वर्ष एवं संतोष 10 साल का भी रो रो कर बुरा हाल हो गया । मृतक के बड़े भाई बुधिराम एवं छोटे भाई लवकुश के साथ पिता जगदीश एवं माता भी सदमें में हैं। 

लेबल:

सोमवार, 24 अक्टूबर 2022

क्रिकेट प्रेमियों को भारतीय टीम ने दिया बड़ा तोहफा ,18 गेंद पर 48 रन बनाकर दिलाया जीत

नई दिल्ली:  टी-20 विश्व कप (T20 World Cup) में ही नहीं, बल्कि जब-जब भारतीय क्रिकेट इतिहास में टी20 ही नहीं, बलिक सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ जीतों का इतिहास लिखा जाएगा, तो रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ भारत की "विराट जीत  को सपसे ऊपर लिखा जाएगा. पूर्व कप्तान ने ऐसे समय अपने बल्ले से ऐसा सुनहरा इतिहास लिख दिया, जिसकी हमेशा मिसाल दी जाएगी. कोहली ने पाकिस्तान के जबड़े से तब निवाला छीन लिया, जब सभी ने भारत की हार को एक तरह से सभी ने स्वीकार कर लिया, लेकिन कोहली ने 53 गेंदों पर बिना आउट हुए 6 चौकों और 4 चौकों से 82 रन बनाए. एक समय भारत को जीत के लिए आखिरी तीन ओवर मतलब 18 गेंदों पर 48 रन बनाने थे. आप जानिए यहां से क्या-क्या और कैसे हुए.

भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया. इस दौरान पाकिस्तान ने 8 विकेट के नुकसान के साथ 159 रन बनाए. इसके जवाब में भारत ने 19वें ओवर तक 4 विकेट के नुकसान पर 144 रन बनाए. इस ओवर तक कोहली 74 रन और पांड्या 40 रन बनाकर खेल रहे थे. इसके बाद पाकिस्तान ने आखिरी ओवर मोहम्मद नवाज को दिया. 

लेबल:

गुरुवार, 20 अक्टूबर 2022

11 किलोमीटर लंबी सोनहा शिवाघाट मार्ग जर्जर , अधिकारी पैसे की कमी बताकर झाड़ रहे पल्ला

बस्ती जनपद की सड़कों की बात करें तो कई प्रमुख सड़कें पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं लेकिन सोनहा शिवाघाट मार्ग जो गौर बभनान ,हरैया, विक्रमजोत अयोध्या आदि जगहों को जोड़ता है   यह सड़क पूरी तरह से गड्ढे में तब्दील हो चुकी है जिससे यात्रियों को कड़ी मशक्कत में यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है ।
विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि इस सड़क के चौड़ीकरण के लिए विभाग द्वारा वर्ष 2021 में करीब 29 करोड़ रुपये के खर्चे का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था लेकिन धन का आवंटन न होने के कारण 2021 में सड़क नही बन पाया उसके बाद वर्ष 2022 में इस सड़क के निर्माण एवं चौड़ीकरण के लिए विभाग द्वारा करीब 32 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है लेकिन सरकार द्वारा अभी तक धन मुहैया नही कराया गया जिसकी वजह से सड़क निर्माण का कार्य नही हो पा रहा है।

इस सड़क के मामले में जब भी विभागीय अधिकारियों से बात होती है तब यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि विभाग के पास सड़क बनाने के लिए पैसा नहीं है अब इसकी जवाबदेही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ MYogiAdityanath  एवं लोक निर्माण विभाग के मंत्री Jitin Prasada  प्रसाद को तय करनी चाहिए कि आखिर एक प्रमुख सड़क न बनने का कारण क्या है ।

लेबल:

बुधवार, 19 अक्टूबर 2022

यूपी निकाय चुनाव : नवंबर के दूसरे सप्ताह तक हो सकती है चुनाव की घोषणा

लखनऊ- उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय संस्थाओं के चुनाव के लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण 31 अक्तूबर से शुरू किया जाएगा। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 18 नवंबर को होगा। आयोग की ओर से निर्धारित मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम के मद्देनजर निकाय चुनाव की तारीख का एलान नवंबर के दूसरे सप्ताह तक हो सकता है। 
राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि 31 अक्तूबर को मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशित किया जाएगा। आठ से 12 नवंबर तक उन पर दावे और आपत्तियां प्राप्त की जाएगी। 13 से 17 नवंबर तक उनका निस्तारण किया जाएगा। 18 नवंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।

राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त मनोज कुमार ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निकाय चुनाव की मतदाता सूची के पुनरीक्षण में एक भी मतदाता, मतदाता सूची में शामिल होने से वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये रायबरेली, गोंडा, सीतापुर, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, अंबेडकर नगर सहित विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों से मतदाता सूची पुनरीक्षण की तैयारियों की समीक्षा की।


लेबल:

मंगलवार, 18 अक्टूबर 2022

बस्ती-अघोषित बिजली कटौती से ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी ,निर्धारित शेड्यूल पर नही मिल रहा सप्लाई

बस्ती- भानपुर पॉवर हाउस द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों को दिए जा रहे बिजली सप्लाई में अघोषित कटौती करने की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की समस्या बढ़ चुकी है ।
पॉवर हाउस के सोनहा फीडर पर आए दिन शाम को ही बिजली काट दी जाती है उसके बाद रात्रि में 12 से 2 बजे के आसपास सप्लाई दी है जाती है वहीं सुबह होते ही सप्लाई काट दी जाती है । उसके बाद कभी 7 बजे ,तो कभी 8 बजे तो कभी सुबह 9 बजे सप्लाई दी जाती है जो दिन के 12 बजे काट दी जाती है इस प्रकार से पावर हाउस द्वारा निर्धारित शेडयूल पर बिजली सप्लाई नही दी जा रही है जिसके चलते लोगों की मुसीबतें बढ़ चुकी हैं ।

लेबल:

यूपी सरकार का खाली हो चुका खजाना? प्रधानों ,रसोइयों और संविदाकर्मियों को देने के लिए नही बचा पैंसा?

सौरभ वीपी वर्मा

देश में दीपावली का पर्व नजदीक आ चुका है जिसे हर तबके का व्यक्ति बडे ही धूम धाम से मनाता है लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से करोड़ लोगों की खुशियों का दिवाला निकलता हुआ दिखाई दे रहा है ।

उत्तर प्रदेश एवं केंद्रीय सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों के निधि का भुगतान न करने की वजह से प्रधान से लेकर दुकानदार तक सब परेशान होते हुए दिखाई दे रहे हैं लेकिन कोई समाधान निकलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है , गांवों में आर्थिक मंदी से निपटने के लिए मनरेगा योजना को सबसे बड़ा स्रोत माना गया है लेकिन मनरेगा में श्रमिकों और सामग्री का भुगतान न होने की वजह से श्रमिक ,राज मिस्त्री ,दुकानदार एवं प्रधान समेत इससे जुड़े सभी लोगों को आर्थिक तंगी के मुहाने पर खड़ा कर दिया है ।
इतना ही नही उत्तर प्रदेश सरकार की कंगाली इस कदर दिखाई दे रही है कि स्कूल में खाना बनाने वाली रसोइयों को भी पांच से छह महीने का मानदेय नही मिल पाया है जिसके नाते प्रदेश भर में लाखों रसोइयों के घर के रसोई में भी ग्रहण लगता हुआ दिखाई दे रहा है । 

ये तो महज एक उदाहरण है प्रदेश में लोगों की हालात किस कदर आर्थिक रूप से खराब है इसे बारीकी से समझने के लिए संविदाकर्मियों के पास जाना होगा जिन्हें कई महीने का मानदेय अभी तक नही मिल पाया है , रोजगार सेवक ,पंचायत सहायक ,नगरपंचायत के कर्मचारियों , स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों , रसोइया , प्रधान ,दुकानदार से लेकर हर तबके का व्यक्ति परेशान है केवल मुट्ठी भर लोगों को छोड़कर ।

लेबल:

रविवार, 16 अक्टूबर 2022

वैश्विक भुखमरी सूचकांक में पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका से भी पिछड़ा भारत ,पढ़ें पूरी रिपोर्ट

नई दिल्ली : भारत 121 देशों के ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) 2022 में 101 से 107वें स्थान पर खिसक गया है. अब इस सूचकांक में पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका भी भारत से आगे हो गया है.

भूख और कुपोषण पर नजर रखने वाले ग्लोबल हंगर इंडेक्स की वेबसाइट ने शनिवार को यह जानकारी दी कि चीन, तुर्की और कुवैत सहित 17 देशों ने 5 से कम  जीएचआई स्कोर के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है.

कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 8 साल में 2014 के बाद से हमारा स्कोर खराब हुआ है. उन्होंने ट्विटर पर पूछा, "माननीय प्रधान मंत्री कब बच्चों के बीच कुपोषण, भूख और लाचारगी जैसे वास्तविक मुद्दों का समाधान करेंगे?" 

वर्ष 2021 में भारत 116 देशों की सूची में 101 स्थान पर था लेकिन इस बार 121 देशों की लिस्ट में भारत छह अंक लुढ़ककर 107वें नंबर पर पहुंच गया है. इसके साथ ही भारत का जीएचआई स्कोर भी गिर गया है - 2000 में यह 38.8 था जो 2014 और 2022 के बीच 28.2 - 29.1 के बीच पहुंच गया है.

भारत की रैंकिंग गिरने के बाद सरकार ने पिछले साल इस रिपोर्ट की आलोचना करते हुए कहा था कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स की गणना के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पद्धति अवैज्ञानिक है.

इंडेक्स जारी करने वाले संगठन के मुताबिक, श्रीलंका 64, नेपाल 81, बांग्लादेश 84 और पाकिस्तान 99 वें नंबर पर है. दक्षिण एशिया में केवल अफगानिस्तान ही भारत से पीछे है. अफगानिस्तान इस इंडेक्स में 109 नंबर पर है. गौर करने वाली बात यह है कि इस इंडेक्स में सूडान, इथोपिया, रवांडा, नाइजीरिया, केन्या, गाम्बिया, नामीबिया, कम्बोडिया, म्यांमार, घाना, इराक, वियतनाम, लेबनान, गुयाना, यूक्रेन और जमैका जैसे देश भी भारत से कहीं ऊपर हैं.

लेबल:

शनिवार, 15 अक्टूबर 2022

यूपी : दुकान के बाहर लगा बल्ब चुराने वाला दारोगा निलंबित, वीडियो वायरल होने पर हुआ एक्शन

प्रयागराज : यूपी के प्रयागराज जिले के फूलपुर थाना क्षेत्र के एक दरोगा का बल्ब चुराते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.  पुलिस अधिकारियों ने अब मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल कार्यवाही कर दरोगा को निलंबित कर दिया है. दरअसल फूलपुर थाना क्षेत्र में तैनात दरोगा राजेश वर्मा की ड्यूटी रात की थी. उस रोज दशहरा का मेला था. इलाके के लोगों के मुताबिक घटना 6 अक्टूबर की है. सुनसान रात को प्रतापपुर बैरियर पर तैनात ड्यूटी में गश्त के दौरान दरोगा जी एक बंद दुकान पर पहुंचे और इधर-उधर देखने के बाद वहां लगे बल्ब को चुपके से चुराकर जेब में डालकर चलते बने. दरोगा को ये नहीं पता था कि उनकी हरकत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है.

सुबह जब दुकानदार ने देखा कि दुकान पर लगा बल्ब नहीं है, तो सीसीटीवी फुटेज चेक किया गया. वहीं वीडियो शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. पुलिस विभाग की जमकर किरकिरी हुई. वहीं मामला बढ़ता देख पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों ने आनन-फानन में उसे निलंबित कर दिया. आरोपी दरोगा सिपाही से प्रोन्नति पाकर दरोगा बना था और बीते आठ माह से फूलपुर थाने में तैनात था. वहीं निलंबित दरोगा राजेश वर्मा की दलील थी कि जिस जगह पर वह ड्यूटी कर रहे थे, वहां पर अंधेरा होने के कारण यहां से बल्ब उतार कर वहां लगाया था. फिलहाल दरोगा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए है. 

लेबल:

बुधवार, 12 अक्टूबर 2022

बस्ती-जमीनी विवाद के चलते अधर में लटका विद्यालय का बाउंड्रीवाल निर्माण कार्य

सौरभ वीपी वर्मा

बस्ती- रामनगर विकासखंड के ग्राम पंचायत बरगदवा में स्थित प्राथमिक विद्यालय पर जमीनी विवाद के चलते बाउंड्री वाल का निर्माण अधर में लटक गया है । गांव में संचालित प्राथमिक विद्यालय का निर्माण गाटा संख्या 279 में हुआ लेकिन चकबंदी अधिकारियों के गलती के कारण स्कूल का जमीन विवादों में चला गया है , क्योंकि खतौनी में स्कूल की भूमि को दर्ज नही किया गया । अब  गांव के ही निवासी राजकुमार चौधरी द्वारा न्यायालय में जाकर स्थगनादेश लाया गया कि उपरोक्त जमीन हमारी है । 
इस मामले में गांव के बुजुर्ग वीरभद्र ने बताया कि उक्त जमीन को गांव के धर्मदत्त ने भदेशर को बैनामा कर दिया जबकि उसी जमीन को धर्मदत्त के पिता मुनेशर ने स्कूल संचालित करने के लिए भारत में ब्रिटिश गवर्नमेंट को अपनी जमीन स्वेच्छा से दान कर दिया था जिसके बाद ब्रिटिश हुकूमत में जमीन पर विद्यालय के भवन का निर्माण पहली बार किया गया था । गांव वालों ने बताया कि इस जमीन पर वर्तमान समय में संचालित स्कूल का तीसरा भवन है इसके पहले किसी प्रकार का कोई विवाद नही था।

इस मामले में गहराई से जानकारी प्राप्त करने पर पता चला कि उक्त जमीन के सहखातेदार दीनानाथ पुत्र लालबहादुर व भदेशर पुत्र राम आसरे ने हिस्से को लेकर के आपस में मुकदमा लड़े परन्तु वादी और प्रतिवादी किसी ने भी बदनीयती के नियत से न्यायालय में विद्यालय व विद्यालय की जमीन कोनही दर्शाया और दस्तावेजों में विद्यालय की जमीन को अपना बता दिया ।

अब वर्तमान समय में जब स्कूल द्वारा अपनी जमीन पर बाउंड्रीवाल का निर्माण शुरू कराने का काम किया गया तब राजकुमार चौधरी द्वारा अपनी जमीन का हवाला देकर निर्माण कार्य को रोकवा दिया गया जिससे विद्यालय का बाउन्ड्रीवाल अधर में लटक गया ।

विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रदीप कुमार मिश्रा ने बताया कि ब्रिटिश हुकूमत से यहां पर विद्यालय संचालित हो रहा है ,और चकबंदी के फार्म संख्या 41/45 के दस्तावेज में स्कूल भवन दर्ज है । इस मामले में उपजिलाधिकारी भानपुर गिरीश कुमार झा से बात हुई तो उन्होंने कहा कि विद्यालय के बाउन्ड्रीवाल से जुडी शिकायत मिलने पर दस्तावेजों की जांच कर मामले का निस्तारण किया जाएगा ।

लेबल:

कर्नाटक में भाजपा कार्यकर्ता ने 16 दलितों को टॉर्चर कर जेल में किया कैद, मारपीट से गर्भवती महिला का हुआ गर्भपात

NDTV की खबर के मुताबिक कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले में भाजपा के कट्टर समर्थक जगदीश गौड़ा पर अपने कॉफी बागान में 16 दलित लोगों को कई दिनों तक बंद रखने का आरोप लगाया गया है. पीड़ितों का कहना है कि उन्हें प्रताड़ित किया गया. पुलिस ने कहा कि उनमें से एक, एक गर्भवती महिला ने उसके साथ मारपीट करने के बाद अपना बच्चा खो दिया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और महिला का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है.
पुलिस ने कहा कि जगदीश गौड़ा और उनके बेटे तिलक गौड़ा नाम के दलितों पर अत्याचार के खिलाफ कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने कहा कि दोनों फरार हैं और तलाश की जा रही है.

इस शख्स से बीजेपी ने दूरी बना ली है. पार्टी के जिला प्रवक्ता ने इन दावों को खारिज कर दिया कि वह पार्टी के नेता हैं. वरसिद्धि वेणुगोपाल ने कहा, "न तो जगदीश पार्टी कार्यकर्ता हैं और न ही सदस्य. वह सिर्फ BJP समर्थक हैं. वह किसी भी अन्य मतदाता की तरह हैं."

पीड़ित जेनुगड्डे गांव में कॉफी बागान में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम कर रहे थे. पुलिस ने कहा कि उन्होंने मालिक से 9 लाख रुपये की राशि उधार ली थी. कर्ज नहीं चुकाने पर उन्हें बंद कर दिया गया.

लेबल:

बस्ती -नम आंखों से नेता जीमुलायम सिंह यादव को जगह जगह दी गई श्रद्धांजलि

बस्ती- उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव के निधन से उनके समर्थकों एवं प्रशंसकों द्वारा जगह जगह उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धाजंलि दिया जा रहा है ।

सुहेलदेव पार्टी के जिला महासचिव प्रमोद चौधरी द्वारा  कप्तानगंज विधानसभा के दुबौला चौराहे पर दर्जनों साथियों के साथ नेता जी चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित कर पांच मिनट का शोक किया गया । प्रमोद चौधरी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव पिछड़ों ,अगड़ो अति पिछड़ों ,शोषितो , वंचितों ,गरीबों एवं मजदूरों को साथ लेकर चलते थे यही कारण है कि आज उनके निधन पर सबकी आंखें नम हो गईं ।

 शोक सभा में  जिला प्रभारी उमेश राजभर, कुलदीप शुक्ला, वीरेंद्र यादव, धर्मेन्द्र यादव, देवी प्रसाद शुक्ला, बाबूलाल यादव , प्रमोद निषाद, विशाल आदि ने श्रद्धाजंलि अर्पित किया । 

लेबल:

सोमवार, 10 अक्टूबर 2022

भारत की राजनीति के अखाड़े में हर कोई नही हो सकता मुलायम सिंह यादव

 उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव का आज लंबी बीमारी के चलते गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया उनका राजनीतिक करियर साढ़े पांच दशक लंबा रहा. मुलायम सिंह यादव कांग्रेस विरोधी राजनीति की सोच के साथ सियासी अखाड़े में कूदे और राम मनोहर लोहिया के साथ समाजवाद की राह पकड़ ली. मुलायम सिंह यादव ने चौधरी चरण सिंह के सहारे सियासी बुलंदी हासिल की. पहलवानी से राजनीति में आए मुलायम अपने दौर की राजनीति के मजबूत 'पहलवान' रहे.

भारत की राजनीति के अखाड़े में हर कोई मुलायम सिंह यादव नहीं हो सकता. समाजवाद की राह पर चलकर पहलवानी से राजनीति में आए मुलायम सिंह यादव को उन राजनेताओं में शुमार किया जाता है, जिनके सियासी दांव-पेंच ने अपने दौर में कई धुरंधरों को पटखनी दी. मुलायम आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे और अब उनके खून-पसीने से सींची समाजवादी पार्टी को उनके बेटे अखिलेश यादव संभाल रहे हैं.

यूपी का मुख्यमंत्री रहने के बाद अखिलेश अब अन्य विपक्षी दलों को पीछे छोड़कर राज्य की राजनीति में मुख्य विपक्षी नेता की भूमिका में हैं. मुलायम सिंह ने केंद्र की सत्ता में रक्षा मंत्री का पद भी संभाला लेकिन सत्ता के शीर्ष पद यानी प्रधानमंत्री की कुर्सी तक कभी नहीं पहुंच पाए. 

1989 में मिली मुख्यमंत्री की कुर्सी 

जमीन से जुड़ी राजनीति करने वाले मुलायम सिंह यादव को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी 1989 में मिली. मुलायम 5 दिसंबर 1989 को देश के सबसे बड़े राज्य के मुखिया बने. लेकिन मुलायम सिंह यादव की सत्ता ज्यादा समय नहीं चल पाई. 24 जनवरी 1991 को उनकी सरकार गिर गई. इसके बाद 1993 के विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने कांशीराम और मायावती की पार्टी बीएसपी से हाथ मिलाया और दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. 


5 दिसंबर 1993 को मुलायम सिंह ने दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली. मुलायम सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई और बसपा ने समर्थन वापस ले लिया.  2 जून 1995 को लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड हो गया. बता दें कि सहयोगी बसपा ने मुलायम सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए गेस्ट हाउस में विधायकों की बैठक बुलाई थी. मीटिंग शुरू होते ही सपा कार्यकर्ताओं ने गेस्ट हाउस में हंगामा कर दिया. गेस्ट हाउस कांड के बाद मुलायम की सरकार गिर गई और मायावती बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गईं.

बाबरी मस्जिद को गिरने से बचाया 

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के विवाद ने इस देश की राजनीति को हमेशा के लिए बदल दिया. बीजेपी को इस आंदोलन में संजीवनी देने का काम मुलायम ने ही किया. तारीख थी 30 अक्टूबर 1990, जब कारसेवक बाबरी मस्जिद की तरफ बढ़ रहे थे. उस समय यूपी की कमान मुख्यमंत्री के तौर पर मुलायम सिंह यादव के पास ही थी. उनकी सरकार ने सख्त फैसला लेते हुए कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया. इसमें कई कारसेवकों की मौत हो गई. 


मुलायम सिंह के इस कदम से बाबरी मस्जिद तो उस समय बच गई, लेकिन मुलायम सिंह यादव की छवि हिंदू विरोधी बन गई. हिंदूवादी संगठनों ने उन्हें 'मुल्ला मुलायम' कहना शुरू कर दिया. अपनी इस हिंदू विरोधी छवि से मुलायम और उनकी पार्टी कभी नहीं उबर पाए, लेकिन वे मुसलमानों के सबसे बड़े नेता बनकर भी उभरे. इसका सियासत में उन्हें खूब फायदा मिला, जिसके चलते 1992 में उन्होंने जनता दल से अलग होकर अपनी समाजवादी पार्टी का गठन किया. बसपा के साथ मिलकर मुलायम सिंह यादव ने बीजेपी के पक्ष में बनी राम मंदिर आंदोलन की हवा को मात दे दी, लेकिन दो साल बाद गेस्ट हाउस कांड से उनकी सरकार चली गई. 

रक्षा मंत्री की कुर्सी भी संभाली 

1995 में मुख्यमंत्री की कुर्सी जाने के बाद मुलायम का कद सियासत में गिरा नहीं बल्कि वे और बड़े बनकर खड़े हुए. 1996 में वे मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से 11वीं लोकसभा के सदस्य चुने गए. जब केंद्र में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला तो मुलायम किंगेमकर बने. तीसरे मोर्चे की सरकार में रक्षा मंत्री बने और अपनी पार्टी के कई नेताओं को केंद्र में मंत्री बनवाया. हालांकि उनका कार्यकाल लंबा नहीं रहा, क्योंकि 1998 में सरकार ही गिर गई. इसके बाद मुलायम सिंह ने 29 अगस्त 2003 को तीसरी बार यूपी के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 11 मई 2007 तक राज्य की सत्ता संभाली.

लेबल:

बस्ती-मड़वा नगर में आयोजित हुआ विजय धम्म दशमी पर्व ,बुद्धजीवियों ने इसकी महत्ता पर डाला प्रकाश

बस्ती-बाबा साहब भीम राव अंबेडकर पार्क मड़वानगर में विजय धम्म दशमी पर्व का आयोजन किया गया ,कार्यक्रम का प्रारंभ राम बक्स गौतम द्वारा त्रिशरण एवं पंचशील दान के द्वारा शुरू हुआ ।कार्यक्रम की अध्यक्षता सरोज कुमारी ने किया । एवं संचालन  तिलकराम गौतम ने किया । मुख्य अतिथि हाईकोर्ट के एडवोकेट गुरुप्रसाद मदन कहा कि अंधविश्वास, रुढ़िवाद और पाखंड समाज को पीछे की ओर धकेल रहा है। धम्माचरण से ही इन कुरीतियों को दूर किया जा सकता है और इसमें ही समाज और देश की भलाई है। 
                    अशोक धम्म का तस्वीर
विशिष्ठ अतिथि उदयभान ने कहा कि  कहा कि 2200 वर्ष पूर्व अश्विन शुुक्ल दशमी के दिन महाराजा सम्राट अशोक ने कलिंग पर विजय के बाद शस्त्र त्यागकर संसार में धम्म विजय की घोषणा की थी। इसी दिन महाराजा सम्राट अशोक के सुपुत्र महेंद्र एवं सुपुत्री संघ मित्रा ने सिंघस (श्री लंका) जाकर धम्म प्रचार कार्य शुरू किया था। उसी के अनुसार 14 अक्तूबर 1956 अश्विन शुक्ल दशमी को भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर ने दस लाख भारतीयों के साथ बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी। दीक्षा लेकर भारत में धम्म प्रचार शुरू किया था। 

उमेश चन्द्र वर्मा ने कहा कि आज पिछड़ा एवं दलित समाज के लोग बाबा साहब के बताए मार्ग से भटक गए हैं ,जिसकी वजह से आज समाज में अंधविश्वास और आडंबर तेजी से पांव पसार रहा है उन्होंने कहा कि समाज के सभी वंचित तबके को जागरूक होने एवं अपने महापुरुषों के बताए रास्ते पर चलने की जरूरत है तब जाकर स्वच्छ समाज की स्थापना की जा सकती है । उन्होंने बताया कि समाज को जगाने के लिए बस्ती में 5 और 6 नवंबर को विशाल जनसभा का आयोजन किया गया है ।

राम प्रकाश गौतम ,विजय कुमार गौतम ,जानकी प्रसाद ,राम प्रसाद ,विनीता ,विश्वनाथ बौद्ध ,वीपी सक्सेना ने भी इस दिन की महत्ता पर प्रकाश डाला ।

लेबल:

शनिवार, 8 अक्टूबर 2022

भारत में गरीबी का तांडव करीब 6 करोड़ भारतीय एक साल में हुए अति गरीब -विश्व बैंक

विश्व बैंक ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा है कि 2020 के कोरोना महामारी वर्ष में कुल 5.6 करोड़ भारतीय गरीबी में धकेल दिए गए। इसने थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी सीएमआईई द्वारा तैयार किए गए एक घरेलू सर्वेक्षण के आँकड़ों का हवाला देते हुए यह रिपोर्ट दी है। इसमें खास बात यह है कि इसने सीएमआईई के आँकड़ों पर भरोसा जताया है और कारण बताया है कि क्यों इसने किसी थिंक टैंक के आँकड़ों के हवाले से रिपोर्ट तैयार की है। 
विश्व बैंक ने कहा है कि सीएमआईई सर्वेक्षण के आँकड़ों का इस्तेमाल वैश्विक और क्षेत्रीय गरीबी अनुमानों में उस गैप को भरने के लिए किया गया था क्योंकि भारत ने 2011 से आधिकारिक आँकड़े प्रकाशित ही नहीं किए हैं। 

विश्व बैंक की यह रिपोर्ट सरकार की आँखें खोलने वाली भी हैं क्योंकि सरकार की तरफ़ से बारबार ग़रीबी कम करने के दावे किए जाते हैं। सवाल है कि सरकार ने जब ग़रीबी के आँकड़े जारी ही नहीं किए हैं तो ग़रीबी कम होने का दावा किस आधार पर सरकार करती है? हालाँकि, एक सवाल इससे भी उठता रहा है कि सरकार क़रीब 80 करोड़ लोगों को सरकारी अनाज मुहैया करने का दावा करती रही है तो ग़रीबी बढ़ी होगी या कम हुई होगी, यह सवाल तो उठता ही है। 

बहरहाल, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी द्वारा किए गए उपभोक्ता पिरामिड घरेलू सर्वेक्षण के निष्कर्षों को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाक़ी है, लेकिन उनका उपयोग विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में किया है। विश्व बैंक ने 'गरीबी और साझा समृद्धि 2022' शीर्षक वाली अपनी रिपोर्ट में वैश्विक ग़रीबी अनुमानों का आकलन जारी किया है।

विश्व बैंक ने उल्लेख किया है कि भारत में गरीबी पर उसका अनुमान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में पेश एक पेपर की तुलना में काफी अधिक था। उस पेपर में दावा किया गया था कि 2020 में 2.3 करोड़ भारतीय गरीबी में पहुँच गए।

आईएमएफ़ वाला वह पेपर अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला, करण भसीन और अरविंद विरमानी द्वारा तैयार किया गया है। 2018 में प्रधानमंत्री को आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य के रूप में इस्तीफा देने वाले भल्ला वर्तमान में आईएमएफ में भारत के कार्यकारी निदेशक हैं।

इस बीच, विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतिम संख्या अधिक या कम हो सकती है, लेकिन सभी संकेतों से पता चलता है कि कोरोना वायरस महामारी के परिणामस्वरूप ग़रीबी में कमी पर वैश्विक झटका 'ऐतिहासिक रूप से बड़ा' था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी ने वैश्विक अति ग़रीबी की दर को 2020 में अनुमानित 9.3% तक बढ़ा दिया, जो 2019 में 8.4% थी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2011 के बाद से भारत में गरीबी में गिरावट आई है, ख़ासकर ग्रामीण इलाक़ों में। विश्व बैंक के पहले के एक अनुमान ने सुझाव दिया था कि 2017 में भारत की 10.4% आबादी 155 रुपये की ग़रीबी रेखा से नीचे होगी। हालाँकि, नवीनतम अनुमान से पता चला है कि 2017 में 13.6 फ़ीसदी लोग ग़रीबी रेखा के नीचे थे। स्क्रॉल.इन की रिपोर्ट के अनुसार विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-2020 में भारत की 10% आबादी 175.50 रुपये की गरीबी रेखा के नीचे रह रही थी। ग्रामीण क्षेत्रों में 12% आबादी गरीबी रेखा से नीचे रह रही थी, जबकि 6% शहरी लोग गरीबी रेखा के अंदर थे।

विश्व बैंक ने कहा है कि गरीब आबादी की स्थिति कोविड-19 महामारी से और ख़राब हो गई थी क्योंकि सरकार को ज़रूरतमंद लोगों तक पहुँचना मुश्किल हो गया था। बहरहाल, बैंक ने दावा किया कि सरकार महामारी के दौरान अपनी योजनाओं के साथ 85% ग्रामीण घरों और शहरी क्षेत्रों में 69% तक पहुंची।

लेबल:

गुरुवार, 6 अक्टूबर 2022

यूपी-बिहार समेत देश के 20 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट ,यूपी में भारी बारिश की चेतावनी

नई दिल्ली: आने वाले कुछ दिनों में भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग (IMD) ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 8 अक्टूबर तक तीव्र वर्षा का पूर्वानुमान जताया है. इस बीच, इन दोनों राज्यों में 7 अक्टूबर को अत्यधिक भारी वर्षा होने की भविष्यवाणी की गई है. अगले दो से तीन दिनों के दौरान ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी भारी बारिश की संभावना आईएमडी की ओर से जताई गई है. राजधानी दिल्ली में भी 6 से 11 अक्टूबर तक आसमान में बाद छाए रहने और बूंदाबादी की संभावना है. पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे आंध्र प्रदेश के ऊपर बना लो-प्रेशर एरिया का प्रभाव अब कम हो गया है. आईएमडी के अनुसार, संबंधित साइक्लोनिक सर्कुलेशन अब तटीय आंध्र प्रदेश और निचले क्षोभमंडल स्तरों (Tropospheric Levels) और उसके आसपास के क्षेत्रों में स्थित है.
पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार और ओडिशा सहित भारत के पूर्वी राज्यों में अगले कुछ दिनों के दौरान भारी वर्षा होने की संभावना है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, ‘6 अक्टूबर को बिहार, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है. 08-09 को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम; 06-07 तारीख के दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और पश्चिम मध्य प्रदेश में 06-08 अक्टूबर, 2022 के दौरान मध्यम से तेज वर्षा होगी. 8 अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है.’ मौसम एजेंसी ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ’06-08 के दौरान उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में, पूर्वी उत्तर प्रदेश में 06-09 अक्टूबर, 2022 के दौरान अलग-अलग स्थानों पर गरज/चमक के साथ मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है.

उत्तराखंड और यूपी में ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग के मुताबिक देश के कई हिस्सों में मानसून अब भी एक्टिव है. इस बार मानसून के विदाई में देरी का कारण साइक्लोन नोरु के चलते बंगाल की खाड़ी के उपर बना साइक्लोनिक सर्कुलेशन है. उत्तराखंड में अक्टूबर को भारी बारिश की आशंका देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग ने 7-8 अक्टूबर को उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में भारी से भी बहुत भारी बारिश की संभावना जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है. उत्तर प्रदेश में भी अगले 2-3 दिन तक अगल-अलग क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है. आईएमडी ने राज्य में 6 से 8 अक्टूबर तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. अगले दो से तीन दिनों तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, बहराइच, गोरखपुर, देवरिया, मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़, जौनपुर, भदोही, वाराणसी, मिर्जापुर, चंदौली, लखनऊ, सुल्तानपुर, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ, प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशांबी आदि जिलों सहित पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मध्यम से तेज बारिश की संभावना है.

लेबल:

सोमवार, 3 अक्टूबर 2022

बस्ती - प्रधान ने हैंडपंप मरम्मत पर लिया दो लाख का भुगतान ,उसके बाद भी पानी का संकट

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती - ग्राम पंचायत के लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाओं को ग्राम पंचायत में लागू किया जाता है , जिसमें से एक सबसे महत्वपूर्ण योजना हैंडपंप है , हैंडपंप ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का सबसे बड़ा स्रोत है , लेकिन अब हैंडपंप भ्रष्टाचार का एक सबसे बड़ा माध्यम भी बन गया है , जिसके जरिये कुछ गांव के प्रधान एवं सचिव हैंडपंप मरम्मत  एवं रिबोर के नाम पर ग्राम पंचायत के धन को बंदरबांट करने के उद्देश्य से बिना काम कराए ही पैसे का भुगतान कर ले रहे हैं।
बस्ती जनपद के रुधौली विकासखंड के बखरिया ग्राम पंचायत में हैंडपंप मरम्मत के नाम पर ग्राम प्रधान एवं सचिव ने 3 बार में करीब 2 लाख रुपये का भुगतान लिया उसके बाद भी ग्राम पंचायत में दर्जनों हैंडपंप बेकार एवं बंद पड़े हुए हैं , ग्राम पंचायत में स्थापित हैंडपंप को देखने के बाद ऐसा लग रहा था जैसे वर्षों से उनपर कोई काम नही हुआ है उसके बाद भी सितंबर 2022 में एक साथ 20 हैंडपंप के मरम्मत के नाम पर 1 लाख 17 हजार 600 रुपये का भुगतान लिया गया ।इसी महीने में हैंडपंप मरम्मत के नाम पर 15800 का भुगतान और लिया गया लेकिन ग्राम पंचायत में स्थापित हैंडपंप से पेय जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है । इतना ही नही ग्राम पंचायत में लगे हैंडपंप के मरम्मत के नाम पर अगस्त 2021 में 73,500 रुपये का एक और भुगतान लिया गया है ।
ग्रामीणों से बातचीत करने पर पता चला कि ग्राम पंचायत द्वारा करीब 1 वर्ष पूर्व कुछ हैंडपंप का मरम्मत करवाया गया लेकिन ग्राम पंचायत में स्थापित अधिकतर हैंडपंप पर कोई कार्य नही हुआ , लोगों ने बताया कि ग्राम पंचायत में करीब अधिकतर हैंडपम्प ऐसे हैं जो काफी देर तक चलाने के बाद पानी देता है । प्रधान सईद अहमद एवं सचिव शैलेन्द्र त्रिपाठी से बात हुई तो इन लोगों ने बताया कि ग्राम पंचायत में 43 हैंडपंप लगे हैं जिसमें कई नल अभी तक नही बन पाए हैं । ऐसी स्थिति में यह भी सवाल खड़ा होता है कि हैंडपंप मरम्मत के नाम पर ग्राम पंचायत में 1 वर्ष के अंदर 2 लाख 6 हजार 9 सौ रुपये का जो भुगतान हुआ है उससे कितने हैंडपंप बनाये गए ,क्या ग्राम पंचायत में स्थापित सभी हैंडपंप पहले से खराब थे या पैसे का बंदरबांट करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया गया है ।

लेबल: