बुधवार, 31 अगस्त 2022

उत्तर प्रदेश के 18 जिलों के1,111 गांव बाढ़ से डूबे 2,45,585 लोग प्रभावित

लखनऊ : भारी बारिश के कारण देश के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. केरल के कोट्टायम में लगातार बारिश के चलते घरों और रास्तों में जलभराव हो गया है. स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश आफत बनी हुई है. भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण उत्तर प्रदेश के 18 जिलों के 1,111 गांव बाढ़ की चपेट में हैं और हजारों हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है.

वाराणसी में हालत बदतर हैं, जहां घाटों के पानी में डूब जाने के कारण शवदाह में काफी मुश्किलें आ रही हैं. बलिया में बाढ़ के पानी में डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है. राहत आयुक्त कार्यालय से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में इस वक्त 18 जिलों के 1,111 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और उनमें से 116 का संपर्क बाकी क्षेत्रों से पूरी तरह टूट गया है. बाढ़ से कुल 2,45,585 लोग प्रभावित हुए हैं.

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सिद्धार्थनगर-भ्रष्टाचार का बोलबाला गरदहिया में बिना काम कराए हो गया लाखों का भुगतान

सौरभ वीपी वर्मा
तहकीकात समाचार

सिद्धार्थनगर - महात्मा गांधी ने जिस भारत के गांव के लिए ग्राम स्वराज की अवधारणा को देखी थी आज आजादी के 7 दशक बाद ग्राम पंचायत में चुने गए प्रधानों और वहां पर योजनाओं का क्रियान्वयन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की निरंकुशता और भ्रष्टाचार के चलते गांधीजी के ग्राम स्वराज के सपने पर पानी फिर गया है ।
मामला सिद्धार्थनगर जनपद के डुमरियागंज  विकासखंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गरदहिया की है जहां पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपए की योजनाओं को स्थापित किया गया है लेकिन बंदरबांट भ्रष्टाचार एवं कमीशन खोरी की जाल ने ग्राम पंचायत को बद से बदतर हालात ने पहुंचा दिया है ।

टीम तहकीकात द्वारा ग्राम पंचायत गरदहिया में लागू की योजनाओं की पड़ताल की गई तो पता चला सरकार द्वारा चलाई जा रही अधिकांश योजनाओं की धज्जी उड़ गई है ।

ग्राम पंचायत में स्थापित प्राथमिक विद्यालय में पूर्व प्रधान द्वारा लगाए गए टाइल्स को दिखाकर वर्तमान प्रधान ने उसी प्रांगण में स्थिति पूर्व माध्यमिक विद्यालय के भवन में टाइल्स निर्माण का काम दिखा कर करीब डेढ़ लाख रुपये का भुगतान ले लिया लेकिन ग्राम पंचायत की योजनाओं को लागू करने वाले सचिव एवं खण्डविकास अधिकारी ने कार्य की स्थिति का जायजा लेने की जहमत नही उठाई जिसका परिणाम रहा कि ग्राम विकास के पैसे को प्रधान और ब्लॉक अधिकारी द्वारा गबन कर लिया गया।
                     फ़ोटो-तहकीकात समाचार
इसी प्रांगण में स्थित प्राथमिक विद्यालय के शौचालय मरम्मत के नाम पर प्रधान द्वारा करीब 16000 रुपये का भुगतान लिया गया लेकिन स्कूल के शौचालय को देखने के बाद इसके जिम्मेदार लोगों को शर्म नही आती है ।मई 2022 में भुगतान लेने के बाद आज तक स्कूल की दशा सुधारने का कोई प्रयास नही किया गया जिसके चलते गांव के विकास के लिए आने वाला धन प्रधान के विकास और ब्लॉक के अधिकारियों और कर्मचारियों के कमीशन में खत्म हो गया ।
               फोटो-तहकीकात समाचार
सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय बनाने का काम बड़े जोर शोर से किया गया लेकिन भ्रष्टाचार एवं कमीशन खोरी ने इस योजना को भी रसातल पर पहुंचा दिय । ग्राम पंचायत में स्थापित सामुदायिक शौचालय की स्थिति यह है कि लाखों रुपया खर्च करने के बाद भी शौच के लिए लोग उसके अगल-बगल खाली जमीनों का प्रयोग कर रहे हैं । इसके बारे में पूछने पर प्रधान ने बताया कि शौचालय जर्जर हो गया है इसलिए उसका प्रयोग नही हो रहा है । 
       स्कूल का शौचालय-फ़ोटो तहकीकात समाचार
इसी प्रकार ग्राम पंचायत में साफ सफाई के नाम पर करीब 2 लाख रुपये का भुगतान लिया गया जिसमें सफाई अभियान एवं ठेला आदि की खरीदारी दिखाई गई है , लेकिन जिस तरह से ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार ने पांव पसारा हुआ है उसी प्रकार से पूरे गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है ।
भ्रष्टाचार कमीशन खोरी एवं गबन ने इस प्रकार से जिम्मेदार लोगों की नैतिकता का पतन कर दिया है कि ग्राम पंचायत में स्थित है पूर्व माध्यमिक विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालय पर जाने के लिए आज तक मुकम्मल रास्ते का इंतजाम नहीं हो पाया जिसका परिणाम है कि खेतों में भरे पानी के रास्ते से होते हुए अध्यापकों एवं बच्चों को स्कूल में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है ।
             मौत के रास्ते से हो रहा आवागमन
अब सबसे बड़ा सवाल इस बात का है कि जिस ग्राम पंचायत को समग्र एवं समेकित विकास के क्षेत्र में आगे लाने की बात सरकार द्वारा की गई ,और इसके लिए ग्राम विकास अधिकारी ,ग्राम पंचायत अधिकारी ,खंडविकास अधिकारी और अन्य जिम्मेदार लोगों की तैनाती की गई ताकि योजनाओं को अमली जामा पहनाया जा सके तो आखिर इन लोगों ने गांव के निगरानी में क्या किया कि लाखों रुपया गबन हो जाने के बाद किसी को कानों कान पता नही चल पाया  ।

इस मामले में प्रधान मोहम्मद वसीम से बात हुई तो उन्होंने स्वीकार किया कि पैसे का भुगतान होने के बाद अभी तक काम नही कराया गया है ।

इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी जयेंद्र कुमार से बात हुई उन्होंने कहा सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने के लिए काम किया जा रहा है , लेकिन यह बेहद गंभीर मामला है कि ग्राम पंचायत में बिना काम कराए पैसे का भुगतान हो गया है । उन्होंने कहा कि इसकी जांच करा कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी ।

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सोमवार, 29 अगस्त 2022

एशिया कप में अंतिम ओवर के रोमांचक मुकाबले में इस तरह से हुई भारत की जीत

तहकीकात समाचार 

India vs Pakistan, 2nd Match: शनिवार से शुरू हुए एशिया कप में रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मेगा मुकाबले की रोमांचक भिड़ंत मे भारत ने चिर-प्रतिद्वंद्वी को पांच विकेट से हरा दिया, जिसके नायक पहले गेंदबाजी में शानदार प्रदर्शन करने वाले हार्दिक पांड्या रहे. टीम इंडिया को जीत के लिए आखिरी ओवर में 7 रन बनाने थे. मोहम्मद नवाज ने आखिरी ओवर की पहली ही गेंद पर रवींद्र जडेजा को बोल्ड किया, तो दूसरे छोर पर पांड्या ने माथा पकड़ लिया. अगली गेंद पर कार्तिक ने एक रन  लिया, लेकिन तीसरी गेंद खाली गयी, तो फैंस चिंतित हो उठे, लेकिन नवाज की चौथी गेंद पर हार्दिक ने छक्का जड़कर करोड़ों भारतीयों को झूमने की वजह देते हुए पाकिस्तान को 5 विकेट से पीटकर टूर्मामेंट में अपने विजयी अभियान का आगाज कर  दिया. इससे पहले भारत की शुरुआत खराब रही, जब उपकप्तान केएल राहुल (0) दूसरी ही गेंद पर आउट हो गए. यहां से रोहित औ विराट ने दूसरे विकेट के लिए 50 रन जोड़े, लेकिन जब यह दोनों सेट हो चुके थे, तब मोहममद नवाज ने दोनों को ही नियमित अंतराल पर आउट करके भारत को पिछले पांव पर ला दिया. और जब सूर्यकुमार यादव (18) को नसीम शाह ने बोल्ड किया, तो पाकिस्तान एकदम से फ्रंटफुट पर आता दिखायी पड़ा, लेकिन यहां से रवींद्र जडेजा (35 रन, 29 गेंद, 2 चौके, 2 छक्के) और हार्दिक पांड्या (नाबाद 33 रन, 17 गेंद, 4 चौके, 1 छक्के) ने पांचवें विकेट के लिए 52 रन जोड़कर भारत की गाड़ी को ट्रैक पर बनाए रखा. लेकिन जरूरी रन औसत बढ़ता गया और मामला पहले 18 गेंदों पर 32 और फिर 12 गेंदों पर 21 रन और फिर आखिरी ओवर में 6 गेंदों पर 7 रन तक पहुंच गया. और फिर हार्दिक के शीर्ष स्तरीय प्रयास ने भारत को 19.4 ओवरों में 5 विकेट और 2 गेंद बाकी रहते जीत का दीदार करा दिया.

इससे  पहले  पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने जीत के लिए 148 रनों का लक्ष्य रखा है. एक ऐसी पिच पर जहां 160-170 रन बनते रहे हैं, वहां भारतीय गेंदबाजों खासकर भुवनेश्वर कुमार और हार्दिक पांड्या ने उम्दा प्रदर्शन किया. हार्दिक के फेंके 15वें और पारी के 19वें ओवर में पाकिस्तान दो-दो विकेट गंवाए. इसका असर यह रहा कि पाकिस्तान ज्यादा आजादी नहीं ले सका. और उसकी पूरी पारी 19.5 ओवरों में 147 रनों पर  खत्म हो गयी. पाकिस्तान की शुरुआत अच्छी नहीं रही, जब उसके स्टार बल्लेबाज और कप्तान बाबर आजम (10) को भुवनेश्वर कुमार ने तीसरे ही ओवर में पवेलियन भेज को भारत को जल्द ही पहला और बड़ा विकेट दिला दिया, तो फखर जमां को आवेश खान ने छठे ओवर में कार्तिक के हाथों लपकवा दिया. पाकिस्तान के विकेट नियमित अंतराल पर गिरते रहे. एक छोर पर विकेटकीपर मोहम्मद रिजवान (43 ) ने जरूर कुछ देर टिकने की हिम्मत दिखायी, लेकिन दूसरे छोर से उन्हें इफ्तिखार अहमद (28) को छोड़कर सहारा नहीं मिला, जो दूसरे सर्वश्रेष्ठ स्कोरर रहे. टीम इंडिया के पेसरों ने स्लॉग ओवरों में अनुभवहीन पाक बल्लेबाजों के खिलाफ उम्दा गेंदबाजी की. भुवी ने चार, हार्दिक ने तीन और युवा अर्शदीप ने दो और आवेश खान ने 1 विकेट लिया. और नतीजा यह रहा कि पाकिस्तान वह स्कोर नहीं बना सका, जैसी उससे उम्मीद की जा रही थी, लेकिन 148 रन बनाने के बावजूद भी पाकिस्तान करोड़ों भारतीयों को टेंशन देने में सफल रहा, लेकिन इस टेंशन को हार्दिक ने खुद पर हावी नहीं होने दिया और उन्होंने अपने बेहतरीन अंदाज पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. इससे पहले मुकाबले में भारत ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को पहले बल्लेबाजी के लिए चुना, तो बड़े फैसले के तहत भारत ने पंत की जगह कार्तिक को इलेवन में जगह दी. चलिए आप दोनों मैच में खेलीं फाइनल इलेवन पर नजर डाल लें:


भारत:  1. रोहित शर्मा (कप्तान) 2. केल राहुल (उप-कप्तान) 3. विराट कोहली 4. सूर्यकुमार यादव 5. हार्दिक पांड्या 6. दिनेश कार्तिक 7. रवींद्र जडेजा  8. भुवनेश्वर कुमार 9. आवेश खान 10. युजवेंद्र चहल 11. अर्शदीप सिंह

पाकिस्तान: 1. बाबर आजम (कप्तान) 2. मोहम्मद रिजवान (विकेटकीपर) 3. फखर जमां4. इफ्तिखार अहमद 5. खुशदिल शाह 6. आसिफ अली  7.  शादाब खान 8. मोहम्दम नवाज 9. नसीम शाह 10. हैरिस रऊफ 11. शाहनवाज दहानी

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रविवार, 28 अगस्त 2022

बस्ती- वातावरण को शुद्ध बनाये रखने के लिए युवाओं ने किया वृक्षारोपण

बस्ती - समाजवादी पार्टी के जिला सचिव जितेंद्र यादव ने डगडौवा समय माता मंदिर प्रांगण में दर्जनों पेड़ लगाकर  वातावरण को शुद्ध करने का संकल्प लिया । जितेंद्र यादव ने आम,आंवला,अमरूद,बेल के आदि के वृक्ष लगाते हुए कहा कि वृक्षारोपण का कार्य लगातार जारी रहेगा । उन्होंने कहा की पर्यावरण को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने के लिए वृक्षारोपण अति आवश्यक है, जिससे हम सभी को पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त होता है । पौधों से शीतल छाया और फल प्राप्त होते हैं, जिसके बिना वर्षा भी असंभव है । अगर हम वृक्षारोपण करेंगे तो हमारा पर्यावरण संतुलित रहेगा ।जितना अधिक हरियाली होगी  उतना ही अधिक स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण मिलेगा।
वृक्षारोपण कार्यक्रम में भासपा नेता प्रमोद चौधरी,अमर पटवा, विपिन चौधरी,विशाल यादव,धर्मेंद्र चौधरी,अमित चौधरी,विकाश,विशाल,रवि यादव आदि उपस्थित रहे ।

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जानिए क्यों गिराया जा रहा है 800 करोड़ के मार्किट वैल्यू वाला ट्वीन टावर

तहकीकात समाचार

Supertech Twin Towers: नोएडा के सेक्टर-93ए में स्थित सुपरटेक बिल्डर के ट्विन टावर (एपेक्स और सियान) को आज रविवार दोपहर ढाई बजे ध्वस्त कर दिया जाएगा. देश में पहली बार इतनी ऊंची इमारत को ढहाया जाएगा. इसका ध्वस्तीकरण ऐतिहासिक होगा. यही कारण है कि ध्वस्तीकरण से एक दिन पहले तक करीब 800 करोड़ की 32 मंजिला ये इमारत लोगों के लिए सेल्फी प्वाइंट बन गई. भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़ी इस गगनचुंबी इमारत का निर्माण सभी नियमों को ताक पर रखकर किया गया. वहीं इसके खिलाफ एमराल्ड कोर्ट के बायर्स ने अपने खर्च पर एक लंबी लड़ाई लड़ी. इतना ही नहीं, अगर कोर्ट का आदेश समय से नहीं आता तो बिल्डर इन टावरों को 40 मंजिल तक बना डालता.

दरअसल, 23 नवंबर 2004 को सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के लिए नोएडा प्राधिकरण ने जमीन आवंटन किया था. जिसमें सुपरटेक बिल्डर को कुल 84,273 वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई. 16 मार्च 2005 को इसकी लीज डीड हुई. हालांकि उस दौरान जमीन की पैमाइश में लापरवाही के कारण कई बार जमीन बढ़ी या घटी हुई भी निकल आती थी. इसी क्रम में यहां पर प्लॉट नंबर 4 में आवंटित जमीन के पास ही 6.556.61 वर्गमीटर जमीन का एक टुकड़ा निकल आया, जिसे बिल्डर ने ही अपने नाम आंवटित करा लिया. इसके लिए 21 जून 2006 को लीज डीड की गई. लेकिन इन दो अलग-अलग प्लॉट्स को नक्शा पास होने के बाद एक प्लॉट बना दिया गया. जिस पर सुपरटेक ने एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया. 

बता दें कि इस प्रोजेक्ट में बिल्डर ने ग्राउंड फ्लोर के अलावा 11 मंजिल के 16 टावर्स बनाने की योजना तैयार की थी. वहीं नक्शे के हिसाब से आज जिस स्थान पर 32 मंजिला ट्विन टावर खड़े हैं, वहां पर ग्रीन पार्क दिखाया गया था. 2008-09 में इस प्रोजेक्ट को नोएडा प्राधिकरण से कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी मिल गया. लेकिन इसी बीच 28 फरवरी 2009 को उत्तर प्रदेश शासन ने नए आवंटियों के लिए एफएआर बढ़ाने का निर्णय लिया. वहीं पुराने आवंटियों को कुल एफएआर का 33 प्रतिशत तक खरीदने का विकल्प भी दिया. इसी के साथ बिल्डरों को भी अधिक फ्लैट्स बनाने की छूट मिल गई. जिसके बाद सुपरटेक ग्रुप को भी इस बिल्डिंग की ऊंचाई 24 मंजिल और 73 मीटर तक बढ़ाने की अनुमति मिल गई. लेकिन इसके बाद तीसरी बार जब फिर से रिवाइज्ड प्लान में बिल्डिंग की ऊंचाई 40 और 39 मंजिला करने के साथ ही 121 मीटर तक बढ़ाने की अनुमति सुपरटेक को मिली तो होम बायर्स का सब्र टूट गया. 

बायर्स को नहीं दिया गया था नक्शा 

RWA ने बिल्डर से बात करके नक्शा दिखाने की मांग की. लेकिन बायर्स के मांगने के बावजूद बिल्डर ने लोगों को नक्शा नहीं दिखाया. तब RWA ने नोएडा अथॉरिटी से नक्शा देने की मांग की. यहां भी घर खरीदारों को कोई मदद नहीं मिली. एपेक्स और सियाने को गिराने की इस लंबी लड़ाई में शामिल रहे प्रोजेक्ट के निवासी यू बी एस तेवतिया का कहना है कि नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डर के साथ मिलीभगत करके ही इन टावर्स के निर्माण को मंजूरी दी है. उनका आरोप है कि नोएडा अथॉरिटी ने नक्शा मांगने पर कहा कि वो बिल्डर से पूछकर नक्शा दिखाएगी. जबकि बिल्डिंग बायलॉज के मुताबिक किसी भी निर्माण की जगह पर नक्शा लगा होना अनिवार्य है. इसके बावजूद बायर्स को प्रोजेक्ट का नक्शा नहीं दिखाया गया. बायर्स का विरोध बढ़ने के बाद सुपरटेक ने इसे अलग प्रोजेक्ट बताया.

2012 में हाई कोर्ट पहुंचा था ट्विन टावर्स का मामला 

किसी तरह का रास्ता दिखाई ना देने के बाद 2012 में बायर्स ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया. कोर्ट के आदेश पर पुलिस जांच के आदेश दिए गए और पुलिस जांच में बायर्स की बात को सही बताया गया. तेवतिया का कहना है कि इस जांच रिपोर्ट को भी दबा दिया गया. इस बीच बायर्स अथॉरिटी के चक्कर लगाते रहे लेकिन वहां से नक्शा नहीं मिला. इस बीच खानापूर्ति के लिए अथॉरिटी ने बिल्डर को नोटिस तो जारी किया लेकिन कभी भी बिल्डर या अथॉरिटी की तरफ से बायर्स को नक्शा नहीं मिला. 

टावरों के बीच की दूरी में भी खेल हुआ

सोसायटी के निवासी यूबीएस तेवतिया का कहना है कि टावर्स की ऊंचाई बढ़ने पर दो टावर के बीच का अंतर बढ़ाया जाता है. खुद फायर ऑफिसर ने कहा कि एमराल्ड कोर्ट से एपेक्स या सियाने की न्यूनतम दूरी 16 मीटर होनी चाहिए. लेकिन एमराल्ड कोर्ट के टावर से इसकी दूरी महज 9 मीटर थी. इस नियम के उल्लंघन पर नोएडा अथॉरिटी ने फायर ऑफिसर को कोई जवाब नहीं दिया. 16 मीटर की दूरी का नियम इसलिए ज़रूरी है क्योंकि ऊंचे टावर के बराबर में होने से हवा, धूप रुक जाती है. इसके साथ ही आग लगने की दशा में दो टावर्स में कम दूरी होने से आग फैलने का खतरा बढ़ जाएगा. निवासियों का आरोप है कि नए नक्शे में इन बातों का ख्याल नहीं रखा गया. तेवतिया का कहना है कि बिल्डर ने IIT रुड़की के एक असिस्टेंट प्रोफेसर से निजी मंजूरी लेकर निर्माण कार्य शुरू करा दिया. जबकि इस तरह के प्रोजेक्ट में IIT की आधिकारिक मंजूरी आवश्यक है जिसका यहां पर पालन नहीं किया गया. 

मामला कोर्ट में जाते ही तेजी से बनने लगे थे ट्विन टावर 

2012 में ये मामला जब इलाहाबाद हाई कोर्ट में पहुंचा तो एपेक्स और सियाने की महज 13 मंजिलें बनी थीं लेकिन डेढ़ साल के अंदर ही सुपरटेक ने 32 स्टोरीज़ का निर्माण पूरा कर दिया. आरोप है कि इसके लिए बिल्डर ने दिन रात कंस्ट्रक्शन कराया था. हालांकि 2014 में हाईकोर्ट ने बिल्डर को बड़ा झटका दिया और इन्हें गिराने का आदेश जारी कर दिया. जिसके बाद 32 मंजिल पर ही इस इमारत का काम रुक गया. काम ना रुकने के मामले में ये टावर्स 40 और 39 मंजिल तक बनाए जाने थे. वहीं जानकारों की मानें तो दूसरे रिवाइज्ड प्लान के मुताबिक अगर ये टावर 24 मंजिल तक रुक जाते तो भी ये मामला सुलझ जाता क्योंकि ऊंचाई के हिसाब से दो टावर्स के बीच की दूरी का नियम टूटने से बच जाता. 

ट्विन टावर गिराने में खर्च होंगे 17 करोड़ से अधिक 

जानकारी के मुताबिक ट्विन टावर्स को गिराने में करीब 17.55 करोड रुपए का खर्च आने का अनुमान है. जिसे बिल्डर से वसूला जाएगा. इन 2 टावर्स को बनाने में सुपरटेक बिल्डर ने करीब 200 से 300 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. वहीं इन्हें गिराने का आदेश जारी होने से पहले तक इन टावरों में बने फ्लैट्स की मार्केट वैल्यू बढ़कर 700 से 800 करोड़ तक पहुंच चुकी थी. ये वैल्यू तब है जबकि विवाद बढ़ने से इनकी वैल्यू घट चुकी थी. रियल एस्टेट के जानकारों का मानना है कि इस इलाके में 10 हज़ार रुपए प्रति वर्ग फीट का रेट है. इस हिसाब से बिना किसी विवाद के इन टावर्स की बाज़ार कीमत 1000 करोड़ के पार निकल गई होती. 



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शनिवार, 27 अगस्त 2022

बस्ती-रूधौली थाना क्षेत्र में डबल मर्डर से हड़कंप , बेरहमी से मारे पीटे गए युवक-युवती

सौरभ वीपी वर्मा 
तहकीकात समाचार
बस्ती-  उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के अन्तर्ग रुधौली थाना क्षेत्र के पड़रिया चेत सिंह गांव में के गन्ने के खेत मे शव मिलने से हड़कंप मच गया । सूचना के बाद एकत्रित हुए ग्रामीणों ने शव की पहचान गांव के ही अंकित गौतम के रूप में की गई है । मिली जानकारी के अनुसार मृतक अंकित गौतम बीती रात में खाना खाने के बाद से ही गायब था लेकिन खेत में शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
वहीं इसी गांव की रहने वाले नजीबुल्लाह की लड़की की भी आकस्मिक मौत हो गई जिसे आज सुबह आनन फानन में परिजनों ने दफना दिया । लेकिन आज शाम को अंकित की लाश मिलने के बाद तरह तरह की चर्चायें शुरू हो गई जिसमें दोनों की हत्या की बात सामने आ रही है । गांव के कुछ लोगों ने मीडिया को बताया कि युवक और युवती को बेरहमी मारकर हत्या की गई है ।

ग्रामीणों ने बताया कि मृतक अंकित घर का एक जिम्मेदार व्यक्ति था जो ट्रैक्टर चला कर परिवार का जीवन यापन कर रहा था लेकिन उसकी मौत से पूरे परिवार में कोहराम मच गया है ।

इस मामले को लेकर के स्थानीय थाना एवं पुलिस के आला अधिकारी से बात करने की कोशिश हुई लेकिन थानाध्यक्ष एवं क्षेत्राधिकारी के फोन से जवाब नहीं मिल पाया ।

आप बने रहे तहकीकात समाचार के साथ जल्द ही पूरी घटना  का समीक्षात्मक रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी ।

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यूजीसी ने 21 विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित किया, इसमें उत्तर प्रदेश की 4 यूनिवर्सिटी भी शामिल

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 21 विश्वविद्यालयों को ‘फर्जी’ घोषित किया है, जो अब डिग्री प्रदान नहीं कर सकते हैं. इसमें सबसे अधिक फर्जी विश्वविद्यालय दिल्ली और उसके बाद उत्तर प्रदेश में हैं. यूजीसी द्वारा फर्जी विश्वविद्यालयों के बारे में जारी सार्वजनिक सूचना में कहा गया है कि छात्रों एवं जनसाधारण को सूचित किया जाता है कि देश के विभिन्न भागों में 21 स्वत: अभिकल्पित, गैर मान्यता प्राप्त संस्थान कार्यरत हैं जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियमन 1956 का उल्लंघन कर रहे हैं.
इनमें सबसे अधिक दिल्ली में 8, उत्तर प्रदेश (UP) में 4, पश्चिम बंगाल एवं ओडिशा में 2-2 तथा कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय हैं

सार्वजनिक सूचना के अनुसार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956 के अनुच्छेद 22 (1) के अनुसार, केंद्रीय, राज्य, प्रांतीय अधिनियम के तहत स्थापित विश्वविद्यालय अथवा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुच्छेद 3 के तहत स्थापित मानद विश्वविद्यालय ही उपाधि प्रदान कर सकते हैं, जिन्हें संसदीय अधिनियम द्वारा उपाधि प्रदान करने के लिये विशेष रूप से अधिकार दिया गया है.

उत्तर प्रदेश से सूची में दर्ज फर्जी विश्वविद्यालयों में गांधी हिन्दी विद्यापीठ प्रयाग , नेशनल यूनिवर्सिटी आफ इलेक्ट्रो कम्प्लेक्स होम्योपैथी कानपुर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी अलीगढ़ और भारतीय शिक्षा परिषद फैजाबाद शाामिल हैं.

फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में दिल्ली में आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक फिजिकल हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी, कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, यूनाइटेड नेशन्स यूनिवर्सिटी, वॉकेशनल यूनिवर्सिटी, एडीआर सेन्ट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस एंड इंजीनियरिंग, विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फार सेल्फ एम्प्लायमेंट इंडिया और आध्यात्मिक विश्वविद्यालय शामिल हैं.

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बस्ती- मैं नगर थाने का बेईमान दरोगा हूँ , युवक ने सोशल मीडिया पर लिखकर सीएम योगी से लगाई गुहार

बस्ती- जब से सोशल मीडिया ने अपना ताकत दिखाना शुरू किया है तबसे पीड़ित वंचित लोग अपनी समस्या एवं समाधान के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज उठाने लगे हैं ।
बस्ती जनपद के नगर थाना क्षेत्र के रहने वाले एक युवक पवन वर्मा ने नगर थाना के एक दरोगा एवं सदर एसडीएम पर गलत तरीके से कार्यवाई करने के मामले को लेकर दोनों लोगों को भ्रष्ट बताते हुए बड़ा आरोप लगाया है । युवक ने लिखा है कि एसडीएम बस्ती सदर शैलेश दुबे एवं नगर थाना के दरोगा धर्मेंद्र तिवारी ने उनके साथ नाइंसाफी किया है।

इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर लोग काफी प्रतिक्रिया दे रहे हैं ।

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तहकीकात समाचार का असर 24 घंटे के अंदर भरा गया जानलेवा सड़क का गड्ढा

बस्ती - झलहनिया मझौआ होते हुए महादेवा घाट से अजगैवा जंगल की तरफ जाने वाली जानलेवा सड़क के गड्ढे को विभाग द्वारा पाट कर भर दिया गया है । बता दें कि इस जानलेवा सड़क के गड्ढे को देखते हुए भासपा नेता प्रमोद कुमार चौधरी ने आवाज उठाई थी जिसे तहकीकात समाचार ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था । जिसे संज्ञान में लेकर लोक निर्माण विभाग ने सड़क पर हुई बड़े एवं जानलेवा गड्ढे को भर दिया गया है ।

सड़क पर गड्ढे को भरे जाने के बाद की स्थिति
          सड़क पर गड्ढे को भरे जाने के बाद की स्थिति

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बुधवार, 24 अगस्त 2022

बस्ती- महादेवा घाट जाने वाली सड़क पर जानलेवा गड्ढा राहगीरों के लिए बन सकता है बड़ी मुसीबत

बस्ती- सल्टौआ ,जिनवा , झलहनिया ,मझौआ होते हुए महादेवा घाट होकर अजगैवा जंगल , टिनिच तक की यात्रा करने वाले लोगों को बड़ी सावधानी से यात्रा करने की जरूरत है नही तो जिम्मेदारजनों की लापरवाही की वजह से यात्री कभी बड़ी दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं ।
महादेवा घाट पुल से थोड़ी ही दूर पर सड़क पर दोनों तरफ बड़ा गड्ढा हो गया है जिससे दुर्घटना की बड़ी आशंका बनी हुई है । जिम्मेदार जनों की उदासीनता यह है कि न तो सड़क के गड्ढे को भरा गया और न ही किसी प्रकार का कोई संकेत लगाया गया है । भासपा नेता प्रमोद चौधरी ने कहा कि इस सड़क पर सैकड़ो छोटी बडी गाड़ियों के साथ हजारों की संख्या में लोग यात्रा करते हैं इस लिए सड़क के गड्ढे को अतिशीघ्र पाटने की जरूरत है नही तो किसी दिन बड़ी घटना घट सकती है।

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बस्ती पहुंचे रालोद के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने कहा पूरी तरह से फेल है बीजेपी सरकार

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती - राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष राम आशीष राय ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुका है ,महिलाओं के ऊपर अत्याचार बढ़ रहा , निर्दोष और नौनिहाल बच्चों को भेदभाव में मार दिया जा रहा है , प्रदेश में अपराध , महंगाई और बेरोजगारी लगातर बढ़ रही है लेकिन सरकार के पास इसको नियंत्रण करने में पूरी तरह से फेल है ।
मंडलीय समीक्षा बैठक के दौरान बस्ती पहुंचे पूर्व विधायक राम आशीष ने प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश सरकार के ऊपर जमकर हमला बोला । उन्होंने कहा कि छुट्टा जानवरों के चलते प्रदेश के किसानों के फसल बर्बाद हो रहे हैं । वहीं बरसात न होने के बाद भी निरंकुश सरकार सूखा घोषित नही करना चाहती है । उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों के हित में नही बल्कि एमएसपी जैसा कानून लाकर कारपोरेट घरानों की मदद करना चाहती है । उन्होंने कहा कि देश भर में महंगाई के तेजी से बढ़ने के नाते गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवार के लोगों का बजट खराब हो गया है लेकिन सरकार ने इससे निपटने के लिए कोई कदम नही उठाया।  उन्होंने अग्निवीर योजना को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि सरकार को जब रोजगार सृजन करना चाहिए तब  केंद्र सरकार युवाओं को धोखा देने के लिए अग्निपथ योजना लेकर आ गई जिसमें युवाओं और बेरोजगारों का भविष्य अधर में लटकता हुआ दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर सदस्यता अभियान चलाकर राष्ट्रीय लोक दल में पांच लाख लोगों को जोड़ा जाएगा ।
राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश महासचिव अरुणेंद्र पटेल ने कहा कि जनपद की कई महत्वपूर्ण सड़कों पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए हैं लेकिन सरकार के पास उसे बनाने के लिए धन नही है उन्होंने कहा कि जनपद के वाल्टरगंज चीनी मिल पर गन्ना किसानों एवं कर्मचारियों का 60 करोड़ से ज्यादा का बकाया है लेकिन यह पैसा भी किसानों को नही मिल पा रहा है । उन्होंने कहा कि जनपद के पांचों विधानसभा में पार्टी को मजबूत करने के लिए सदस्यता अभियान पर जोर दिया जाएगा ।

इस मौके पर ममता शुक्ला ,ओमप्रकाश चौधरी ,राधेश्याम चौधरी ,उदयभान चौधरी ,शिवकुमार गौतम ,नईद अंसारी ,अजय वर्मा , प्रशांत वर्मा समेत आदि लोग मौजूद रहे

 

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मंगलवार, 23 अगस्त 2022

यूपी: 15 IPS अफसरों के तबादले, पहली बार प्रदेश में ANTS फोर्स का गठन

उत्तर प्रदेश शासन ने सोमवार देर रात 15 IPS अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं. जानकारी के मुताबिक प्रतिनियुक्ति से वापस आए डीआईजी अब्दुल हमीद को एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (Anti Narcotics Task Force) का DIG बनाया गया है. दरअसल, ATS और NCB की तर्ज पर प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए पहली बार ANTS फोर्स का गठन किया गया है.

वहीं, बरेली के सहायक पुलिस अधीक्षक साद मिया खां को गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट में अपर पुलिस उपायुक्त के पद पर भेजा गया है. वहीं, लखनऊ कमिश्नरेट से सहायक पुलिस आयुक्त सैयद अली अब्बास को लखनऊ कमिश्नरेट में ही अपर पुलिस उपायुक्त के पद पर तैनात किया गया है.

शासन ने अलीगढ़ के सहायक पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार शांडिल्य को वाराणसी कमिश्नरेट में अपर पुलिस उपायुक्त के पद पर भेजा है. वहीं गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट  से सहायक पुलिस आयुक्त अंकिता शर्मा का तबादला कानपुर नगर कमिश्नरेट में किया गया है. अब वह अपर पुलिस उपायुक्त का जिम्मा संभालेंगी.

वहीं, गाजियाबाद के सहायक पुलिस अधीक्षक अबीजीथ आर शंकर को लखनऊ कमिश्नरेट में अपर पुलिस उपायुक्त का जिम्मा दिया है. गोरखपुर के सहायक पुलिस आयुक्त राहुल भाटी का तबादला बरेली किया गया है, अब वह अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) का जिम्मा संभालेंगे. 

सहायक पुलिस आयुक्त अनिल कुमार यादव को लखनऊ कमिश्नरेट से गौतमबुद्ध नगर में बतौर अपर पुलिस उपायुक्त, सहायक पुलिस अधीक्षक अभिषेक भारती को प्रयागराज से गाजीपुर बतौर अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), सहायक पुलिस अधीक्षक संदीप कुमार मीना को मथुरा से बतौर अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) मुरादाबाद, सहायक पुलिस आयुक्त संतोष कुमार मीना को कमिश्नरेट वाराणसी से अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) प्रयागराज, सहायक पुलिस अधीक्षक अनिरुद्ध कुमार को अभिसूचना मुख्यालय लखनऊ से बतौर अपर पुलिस अधीक्षक फतेहपुर भेजा गया है.

सहायक पुलिस आयुक्त लखन सिंह यादव को कमिश्नरेट वाराणसी से अपर पुलिस उपायुक्त के तौर पर कमिश्नरेट कानपुर नगर, सेनानायक 11वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर में तैनात अखिलेश कुमार को बतौर पुलिस अधीक्षक, स्थापना मुख्यालय पुलिस महानिदेशक लखनऊ भेजा गया है.


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सोमवार, 22 अगस्त 2022

वरिष्ठ पत्रकार के सामने पुलिस अधिकारी ने महिला का तहरीर फेंका ,थाने के अंदर किया लज्जित

बस्ती- एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश भर में पुलिस और प्रशासन की निगरानी स्वयं कर रहे हैं ताकि आम नागरिक को पुलिस एवं प्रशासन की निरंकुशता का शिकार न होना पड़े लेकिन बस्ती जनपद के रुधौली थाना पर तहरीर देने गई एक महिला की प्रार्थनापत्र थाना अधिकारी ने पढ़ने के बाद फेंक दिया और लज्जित करते हुए थाने से भागने को कह दिया।
मामला थाना क्षेत्र के छपिया गांव की रहने वाली छवि पाण्डेय की है जो अपनी बहन पर षणयंत्र कर जेवरात हड़पने के मामले में पुलिस में सूचना दर्ज कराने के लिए गई हुई थीं जिनके साथ में वरिष्ठ पत्रकार दिनेश मिश्रा भी गए हुए थे लेकिन प्रभारी निरीक्षक राम कृष्ण मिश्रा ने रिपोर्ट दर्ज करने की बजाय पीड़ित महिला के ऊपर ही ऊल जलूल आरोप लगाते हुए उनके प्रार्थनापत्र को फेंक दिया ।

पत्रकार दिनेश मिश्रा ने बताया कि हमारे रिश्तेदार का मामला था इसलिए हम स्वयं थाने पर गए हुए थे लेकिन प्रभारी निरीक्षक राम कृष्ण मिश्रा ने मामले को सुनने की बजाय तहरीर फेंक कर हमें भी लज्जित किया ,उन्होंने कहा कि प्रभारी निरीक्षक की बोल चाल की भाषा भी मर्यादित नही था जिससे काफी पीड़ा हुआ हुआ है । उन्होंने कहा कि जब प्रभारी निरीक्षक द्वारा पत्रकार के साथ बदसलूकी किया गया तो आखिर आम आदमी के साथ इनका व्यवहार कैसा रहता होगा ।

इस संबंध में सीओ रुधौली अंबिका राम ने कहा कि कोई भी पीड़ित थाने पर जाए तो उसके साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार किया जाना निंदनीय है । उन्होंने इस मामले में पीड़ित की मदद करने का आश्वासन दिया  

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों का आज से कार्य बहिष्कार का ऐलान

बस्ती -राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों ने मानदेय भुगतान न होने से नाराज होकर आज से कार्य बहिष्कार करने का ऐलान किया है । जिला अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि जनपद भर के स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात संविदा कर्मचारियों को कई महीने से मानदेय नही मिला है जिससे कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट की विकट समस्या उत्पन्न हो गई है । उन्होंने बताया कि पिछले एक हप्ते तक कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर विरोध करते हुए काम करते रहे लेकिन अब सब्र का बांध टूट गया है इस लिए आज से मानदेय न मिलने तक की तरीख तक कार्य का बहिष्कार करते हुए जिला मुख्यालय पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय का घेराव किया जाएगा ।
मंडल अध्यक्ष डाo नीरज त्रिपाठी ने कहा कि संविदा कर्मचारियों द्वारा मेहनत से स्वास्थ्य सेवाओं का काम किया जा रहा है लेकिन विभागीय निरंकुशता की वजह से कई महीनों से मानदेय नही मिल पाया जिसकी वजह से कार्य बहिष्कार का ऐलान करना पड़ा । महामंत्री आनंद गौरव शुक्ला ने बताया कि जब तक हमारी समस्या का समाधान नहीं हो जाता तब तक सभी कर्मी कार्य का कार्यबहिष्कार जारी रखेंगे 

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शनिवार, 20 अगस्त 2022

आजादी के अमृतकाल में हमारे माथे पर कलंक है राजस्थान, यूपी और एमपी में दलित बच्‍चों संग हुईं ये 3 घटनाएं

दीपक वर्मा NBT 

भारत गणराज्‍य में 'समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय' मिलेगा। 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत और 26 जनवरी 1950 को लागू हुए संविधान की प्रस्‍तावना यही कहती है। 1947 से 2022 तक... स्‍वतंत्रता के ये 75 साल भारत के लिए बड़ी उपलब्धियों का काल रहे हैं। फिर भी आजादी के इस 'अमृतकाल' में पिछड़े तबकों के साथ भेदभाव बरकरार है। राजस्‍थान के जालोर की घटना हो या मध्‍य प्रदेश के सिंगरौली की, उत्‍तर प्रदेश का श्रावस्‍ती हो या बिहार के इलाके... दलितों के लिए 21वीं सदी में भी ज्‍यादा कुछ नहीं बदला है। आए दिन दलितों पर अत्‍याचार की खबरें आती रहती हैं मगर अब बात बच्‍चों तक पहुंच गई है। तीन बड़े राज्‍यों में दलित बच्‍चों पर जैसे जुल्‍म हुए, वह किसी भी समाज के लिए भयावह हैं। ऐसी घटनाएं शर्मिंदा करती है। ये घटनाएं उस भारत को मुंह चिढ़ाती हैं जो 'वसुधैव कुटुंबकम' में विश्‍वास रखता है।

स्‍वतंत्रता दिवस से ठीक पहले राजस्‍थान के जालोर से भयावह खबर आई। सुर्खी थी- 'राजस्थान में टीचर की पिटाई से हुई दलित छात्र की मौत'। आरोप था कि 9 वर्षीय दलित छात्र इंद्र मेघवाल ने सवर्ण जाति के स्कूल टीचर के घड़े से पानी पी लिया था, जिससे गुस्साए टीचर ने मासूम छात्र को इतनी बेरहमी से पीटा कि कुछ दिन बाद अस्पताल में छात्र की मौत हो गई।

सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव के प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले इंद्र मेघवाल की 20 जुलाई को शिक्षक ने पिटाई की थी। उसकी शनिवार (13 अगस्‍त) को अहमदाबाद के एक अस्पताल में मौत हो गई। आरोपी शिक्षक छैल सिंह (40) को गिरफ्तार कर लिया गया है। स्‍वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर ऐसी खबर आने से आक्रोश और बढ़ गया। विपक्षी दलों ने राजस्‍थान में राष्‍ट्रपति शासन तक लगाने की मांग कर डाली।

इंद्रकुमार के साथ पढ़ने वाले उसके भाई ने बताया कि टीचर ने पिटाई मटकी छूने के कारण की। पिटाई के बाद बच्चे के कान से खून निकल गया, जिसकी जानकारी मिलने के बाद परिजनों ने मेडिकल से बच्चे को दवाई दिलवा दी, लेकिन तकलीफ बढ़ती गई और इलाज के दौरान 13 अगस्‍त को अहमदाबाद के एक अस्पताल में मौत हो गई।

अहमदाबाद सिविल अस्पताल के एक डॉक्टर जिन्होंने इंद्र कुमार के मामले को देखा था, उन्होंने बताया कि बच्चे को 11 अगस्त को अस्पताल लाया गया था और 13 अगस्त को उसकी मौत हो गई। डॉक्टर ने कहा कि मौत की असल वजह का अभी पता नहीं चल पाया है।

राजस्‍थान की घटना पर आक्रोश ठंडा भी नहीं पड़ा था कि उत्‍तर प्रदेश से एक और खौफनाक रिपोर्ट आ गई। आरोप है कि श्रावस्‍ती के एक प्राइवेट स्‍कूल में पढ़ने वाले 13 वर्षीय दलित छात्र को फीस ने भर पाने के लिए बुरी तरह पीटा। छात्र की हालत खराब होने पर परिजनों ने अस्‍पताल में भर्ती कराया जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। मृतक बृजेश विश्वकर्मा कक्षा 3 का छात्र था।

पहले मारा-पीटा, फिर धमकाया

थानाक्षेत्र सिरसिया में पंडित ब्रह्मदत्त उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है। यहां पर पढ़ रहे बृजेश विश्वकर्मा को अनुपम पाठक नाम के अध्यापक ने थप्पड़ व डंडे से बेरहमी से पीटा था। रिपोर्ट्स के अनुसार, मासूम छात्र वहीं पर बेहोश हो गया। कुछ देर बाद होश आने पर स्कूल के प्रिंसिपल और आरोपी अध्यापक ने मासूम बच्चे को धमकाया भी कि अगर तुमने किसी को कुछ कहा तो तुमको इससे ज्यादा मारा जाएगा। बाद में उसे घर भेज दिया गया।

छात्र ने घरवालों को आपबीती सुनाई। कुछ घंटों बाद बदन में तेज दर्द उठा तो जिला अस्‍पताल पहुंचाया गया। वहां से बहराइच रेफर कर दिया। वहीं इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई। सोशल मीडिया पर राजनीतिक दलों ने मामले को मुद्दा बना दिया है। एक वायरल वीडियो में परिवार का सदस्य कहा रहा है कि महज 250 रूपये फीस के लिए टीचर ने बच्चे को पीट-पीटकर मार डाला।

यूपी के अलावा मध्‍य प्रदेश से भी दलित स्‍टूडेंट संग बर्बर व्‍यवहार की खबर है। यहां के सिंगरौली जिले से एक सरकारी स्‍कूल की महिला टीचर पर केस दर्ज हुआ है। मुकदमे के अनुसार, सवर्ण टीचर ने दलित स्‍टूडेंट को बुरी तरह पीटा। पीड़‍िता की गलती केवल इतनी थी कि वह क्‍लास में सबसे आगे वाली सीट पर बैठ गई। इसपर जागृति सिंह नाम की टीचर का गुस्‍सा भड़क गया और उसने छात्रा को बेहोश होने तक पीटा। करीब दो घंटे बेसुध रही। उसी हाल में परिजन अस्‍पताल ले गए।

परिजनों व अन्‍य छात्राओं का कहना है कि सिंह का व्‍यवहार हमेशा से ऐसा ही रहा है। वह छात्राओं के साथ गाली-गलौज और मारपीट करती रही है। कई छात्राओं ने इसकी शिकायत कलेक्‍टर से की। डीएम ने जांच बैठाई और रिपोर्ट आने के बाद सिंह के खिलाफ SC/ST एक्‍ट व अन्‍य धाराओं में केस दर्ज करने का आदेश दिया

भारत को स्‍वतंत्र हुए 75 साल हो चुके हैं। हमारा संविधान कहता है कि सभी नागरिक बराबर है। जाति, धर्म, लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं कर सकते। 75 साल गुजर जाने के बावजूद संविधान में लिखी यह बात केवल कागजी मालूम होती है। 21वीं सदी में ऐसी घटनाएं होना इस बात का सबूत है कि भले ही अगले कुछ सालों में आर्थ‍िक रूप से विकसित हो जाएं, एक समाज के रूप में हमें अभी लंबा सफर तय करना है।



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बस्ती- आरएलडी नेता के ऊपर रात्रि में हुआ जानलेवा हमला

बस्ती-  राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश महासचिव अरुणेंद्र पटेल के ऊपर 17 अगस्त की रात में लगभग 10:00 बजे उस समय मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने कट्टा लहराते हुए हमला कर दिए जब वह कटरा स्थिति अपने आवास पर लौट रहे थे।
पुलिस को दिए गए तहरीर में उन्होंने बताया जैसे ही वह मोहल्ले में पहुंचे उसी समय दो लड़के एक मोटरसाइकिल पर आये और मेरे ऊपर उन्होंने असलहे से फायर कर दिया और फिर वह उसी रास्ते से निकल के नेशनल हाईवे की तरफ भाग गए । उन्होंने बताया कि हम बदमाशों की फायरिंग से बच गए लेकिन इस तरह का हमला करने वाले लोगों की गिरफ्तारी जरूरी है ताकि यह साफ हो सके कि आखिर हमले के पीछे किसका हाथ है। 

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बुधवार, 17 अगस्त 2022

बस्ती- सल्टौआ में आयोजित हुआ ब्लॉक दिवस ,फरियादियों की संख्या नगण्य

बस्ती- संपूर्ण समाधान तहसील दिवस और थाना दिवस के बाद अब ब्लाक दिवस भी मनाया जाएगा। इसका आयोजन माह के पहले और तीसरे बुधवार को किया जाएगा। ब्लाक स्तरीय सभी अफसर मौजूद रहकर जन समस्याओं की सुनवाई करेंगे। दरअसल, शासन के निर्देश पर माह के पहले और तीसरे शनिवार को सभी तहसीलों में संपूर्ण समाधान दिवस आयोजित किया जाता है, जिसमें सभी विभागों के अफसर मौजूद रहते हैं। जनता की शिकायतों की सुनवाई कर निस्तारण कराया जाता है। अब इसी तरह ब्लाक स्तर पर ब्लाक दिवस मनाया जाएगा, जिसका आयोजन माह के पहले और तीसरे बुधवार को किया जाएगा। सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक यह दिवस आयोजित होगा। इस दौरान ब्लाक स्तरीय शिकायतों की सुनवाई की जाएगी। 
इस क्रम में आज सल्टौआ गोपालपुर ब्लॉक पर खंड विकास अधिकारी सुशील कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में ब्लॉक दिवस का आयोजन किया गया जहां पर ग्राम विकास अधिकारी  ,ग्राम पंचायत अधिकारी  समेत ब्लॉक से जुड़ी सभी विभागों के लोग मौजूद थे लेकिन यहां पर फरियादियों की संख्या नगण्य रहा ।

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बस्ती-एनआरएचएम कर्मचारियों की चेतावनी ,21 तक नही मिला वेतन तो 22 से करेंगे कार्य बहिष्कार

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों ने आज दूसरे दिन भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सल्टौआ में विरोध प्रदर्शन किया ।  जिलाध्यक्ष डॉ अजय ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश के बाद भी संविदा कर्मियों का मानदेय नही मिल पाया जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है । उन्होंने कहा कि सबको अपना जीवन चलाने के लिए पैसे की आवश्यकता है लेकिन यहां काम के बाद वेतन मिल पाना मुश्किल हो गया है । उन्होंने कहा कि जनपद के समस्त संविदा कर्मचारियों के आग्रह पर सभी कर्मी 16 अगस्त से 21 अगस्त तक काली पट्टी बांधकर प्रतीकात्मक विरोध करते हुए अपना कार्य करेंगे यदि फिर भी मानदेय भुगतान नहीं होता है तो सभी कर्मी 22 अगस्त से मानदेय मिलने तक कार्य बहिष्कार कर देंगे ।
आज दूसरे दिन डॉo अजय की अगुवाई में अधीक्षक डॉ आनंद मिश्रा को प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन करने का पत्र सौंपा गया। इस मौके पर डॉ विकास गोंड, डॉ प्रदीप शुक्ल, डॉ पूनम दूबे, अरुन वर्मा, सर्वजीत चौरसिया, मनोज चौधरी, जसवंत सिंह, आशीष पांडेय, सरोज एस लाल, विजय चौधरी, रितु चौधरी, नरेंद्र, योगेंद्रनाथ श्रीवास्तव आदि संविदा कर्मचारी मौजूद रहे।

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मंगलवार, 16 अगस्त 2022

स्कूलों में धूमधाम से मनाया गया आजादी का अमृत महोत्सव

के०सी० श्रीवास्तव

बस्ती- आजादी के अमृत महोत्सव पर बस्ती जनपद के सभी शिक्षण संस्थानों का उल्लास बहुत ही अनोखा था । आजादी के 75वीं अवसर पर सभी संस्थानों ने खूब बढ चढ कर हिस्सा लिया  । ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों के नेतृत्व में  घर घर तिरंगा लहराया गया । बस्ती मंडल का सबसे अच्छे विद्यालय  
मुसहा प्रथम गौर के बच्चों ने  काफी उल्लास के साथ आजादी का पर्व मनाया  ।
स्कूली बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा , हर्ष उल्लास के बीच बिद्यालय के प्रधानाध्यापक राम सजन यादव  ने ध्वजा रोहण किया ।  विद्यालय 
पहुंचे अतिथि दान बहादुर , रामफिकिर यादव ,बैजनाथ , सियाराम  , अवधेश कुमार सहित  तमाम लोगों ने अपने संबोधन में  देश के अमर सपूतों को याद किया और कहा इनके बलिदानों के कारण हमें यह आजादी का पर्व मिला है ।

 हमारे गौर ,, प्रतिनिधि के अनुसार   कम्पोजिट विद्यालय मेहंदिया खडगबहादुर शाही ,  के प्रधानाध्यापक बैजनाथ सिंह ने ध्वाजारोहण किया इस विद्यालय में बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया  इसी प्रकार पूर्ब माध्यमिक विद्यालय संथुआ में प्रधानाध्यापक शरीफुल्लाह के नेतृत्व
में बच्चों ने   हर्ष उल्लास के साथ आजादी का पर्व मनाया  इसी प्रकार पूर्व माध्यमिक विद्यालय खुटहना  प्राथमिक विद्यालय रानी पुर  प्राथमिक विद्यालय उकरहा , पूर्व माध्यमिक बिद्यालय शिवा , प्राथमिक विद्यालय  बेलवाराजा  सहित सभी शिक्षण संस्थाओं में आजादी का पर्व धूमधाम से मनाया गया ।

 हमारे सल्टौआ प्रतिनिधि के अनुसार ,प्राथमिक विद्यालय चौंकवा ,पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोठिला , प्राथमिक विद्यालय कोठिली , प्राथमिक विद्यालय बसडीला, प्राथमिक विद्यालय तेलियाडीह , पूर्व माध्यमिक विद्यालय , परसा पुरई , अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालय रामपुर मुड़री सहित सभी शिक्षण संस्थानों ने आजादी का पर्व हर्ष उल्लास के साथ मनाया ।

हमारे रामनगर प्रतिनिधि के अनुसार  प्राथमिक विद्यालय नथवापुर, प्राथमिक विद्यालय बरगदवा , प्राथमिक विद्यालय बड़ोखर पूर्व माध्यमिक विद्यालय धवाय ,  पूर्व माध्यमिक विद्यालय खम्हरिया  सहित सभी शिक्षण संस्थाओं ने आजादी का पर्व हर्ष उल्लास से मनाया ।

 हमारे सदर ब्लाक से  कम्पोजिट विद्यालय रमवापुर  कम्पोजिट परसाजागीर प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय गनेशपुर , प्राथमिक विद्यालय वंतला सहित सभी शिक्षण संस्थाओं में आजादी का पर्व उल्लास के साथ मनाया गया ।

 हमारे साऊघाट प्रतिनिधि के अनुसार प्राथमिक विद्यालय दौलतपुर  , पूर्व माध्यमिक विद्यालय पुर्सिया , प्राथमिक विद्यालय छितही प्रह्लाद  सहित सभी विद्यालयों आजादी का अमृत महोत्सव धूमधाम से मनाया गया।

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बस्ती- मैडम की मनमर्जी से चौपट हो रहा प्राइमरी स्कूल के बच्चों का भविष्य

बस्ती- सरकारी स्कूलों की बदहाली एवं अध्यापकों की लापरवाही का मामला आना आम बात हो गया है यही कारण है कि प्रदेश भर के अधिकांश अध्यापक खासकर बच्चों के पढ़ाई में कामचोरी करने वाले मास्टर प्रेरणा पोर्टल एवं डिजिटल हस्ताक्षर वाले अत्याधुनिक सुविधाओं का विरोध कर रहे हैं ताकि स्कूल न आने एवं देर से आने और समय से पहले जाने की आदत पर लगाम न लग पाए । 
ऐसा ही मामला सल्टौआ विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय धवरपारा में देखने को मिला है जहां पर अभिभावकों की शिकायत थी कि स्कूल की प्रधानाध्यापक संध्या गौड़ प्रतिदिन स्कूल नही आती हैं और जब आती हैं तब उनके आने और जाने का कोई समय निर्धारित नही है ।  हमारे प्रतिनिधि ने 8 बजकर 10 मिनट पर स्कूल में पहुंच कर  वहां की स्थिति की पड़ताल किया तब स्कूल में करीब 50 बच्चों की उपस्थिति थी एवं प्रधानाध्यापिका की मौजूदगी नही थी ।
8 बजकर 14 मिनट पर स्कूल में प्रार्थना हो रहा था इस दौरान स्कूल में नामांकित 165 बच्चों में से महज 34 बच्चों की ही मौजूदगी थी ,इस दौरान और बच्चे भी आते हुए दिखाई दे रहे थे । 8 बजकर 20 मिनट पर बच्चों का एक और झुंड देखने को मिला जो टहलते घूमते हुए स्कूल की तरफ आ रहे थे 8 बजकर 26 मिनट तक स्कूल के हेड मास्टर उपस्थित नही थी ।

ऐसी स्थिति को देखने के बाद सवाल पैदा होता है कि आखिर सरकार द्वारा जिन्हें अच्छी तनख्वाह मिल रहा है ,स्कूल को सजाने संवारने एवं बच्चों में शैक्षणिक योग्यता को भरने की जिम्मेदारी मिला हुआ है तब आखिर इस तरह से लापरवाही क्यों हो रहा है ।आखिर बच्चों का जो भविष्य खराब हो रहा है उसकी जवाबदेही कौन तय करेगा ?

इस सबंध में खंड शिक्षा अधिकारी अभिमन्यु कुमार से बात हुई तो उन्होंने कहा कि यह लापरवाही का मामला सामने आया है इस मामले को हम देखेंगे

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स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विद्यालय परिवार ने किया वृक्षारोपण

बस्ती- स्वंतत्रता दिवस के अमृत महोत्सव के अवसर पर सल्टौआ विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय रामपुर मुडरी में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के बाद प्रधानाध्यापक राम भरत वर्मा एवं प्रधान धर्मेंद्र कुमार के साथ विद्यालय परिवार  ने विद्यालय प्रांगण में वृक्षारोपण करने का काम किया है ।
प्रधानाध्यापक राम भरत वर्मा ने कहा कि वृक्ष हमारे जीवन के लिए सबसे उपयोगी चीज है , आज पेड़ों का कटान बहुत तेजी से हो रहा है इसलिए हम सभी को अपने किसी बहुमूल्य अवसर और एवं पर्व पर वृक्षारोपण का कार्य भी करना चाहिए ताकि हम पर्यावरण को संतुलित रख सकें ।

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रविवार, 14 अगस्त 2022

अमृत महोत्सव पर ग्राम पंचायत मैलानी उर्फ हिंदू नगर में प्रधान ने बनाया तिरंगा कुआं

बस्ती - घर-घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत जनपद के रामनगर विकास खंड के ग्राम पंचायत मैलानी उर्फ हिंदू नगर में प्रधान प्रतिनिधि सुनील कुमार उर्फ बंटू तिवारी ने अमृत महोत्सव की 75वी वर्षगांठ पर तिरंगा कुआं बनाने का काम किया है ।
बंटू तिवारी ने बताया कि आज जब कुएं का अस्तित्व खत्म हो रहा है तब इस तरह के अभियान के दौरान कुएं को संरक्षित रखने के लिए यह कार्य किया गया है उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसा पहला गांव होगा जहां अमृत महोत्सव के दौरान तिरंगा कुआं बनाकर उसे संरक्षित करने का काम किया गया है ।

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देश, देशभक्ति और राष्ट्रवाद

अमित कुमार मिश्र

'राष्ट्र' सिर्फ भौगोलिक सीमा का नाम नहीं हो सकता और न ही वो किसी निश्चित शासक के परिधि से परिभाषित किया जा सकता है। राष्ट्र एक उद्देश्य है, एक परियोजना है और रोजाना की रायसुमारि भी है। संविधान निमार्ण के साथ हमने इसे‌ अपने उद्देशिका मे प्रकट किया है। जहां हम कहते है कि 

हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी , पंथनिरपेक्ष,लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करनेवाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ संकल्पित है। 
किसी भी देश की कोई एक भाषा नहीं हो सकती और न ही कोई एक संस्कृति। कोई देश किसी एक धर्म और धर्मिक पहचान के साथ अस्तित्ववान अधिक दिनों तक नही रह सकता है। जबतक वो देश के परिधि के भीतर हर धर्म, भाषा, संस्कृति को न्याय के साथ शामिल न करे। दरअसल देश अनेक राष्ट्रीयताओ को समेटे हुए हो सकता है। जैसे हमारा देश भारत। 

दूसरी सदी रचित विष्णु पुराण में 'भारत' हिमालय के दक्षिण भू भाग को कहा गया है। जहां बसने वाले हर एक को भारतीय कहा गया। इसमें वैष्णव थे, तो जैन भी थे, बौद्ध भी थे। भारतीय को वहाँ भी किसी मत के नागरिक के तौर नहीं देखा गया। भारत करीब 4 हजार संस्कृतियों का समुच्चय है जहां करीब 700 बोलियाँ या भाषाएँ है। यहाँ कोई मूल या पवित्र जाति या धर्म नहीं है। भारत संस्कृतियों के सम्मिश्रण से बना है। यहाँ तुलसी के राम अलग है तो कबीर के राम अलग। यहाँ रामायण के 3000 से अधिक वर्जन है। जो एक दूसरे से एकदम भिन्न है। यहाँ राम की पूजा होती है तो रावण की भी। यहाँ शाकाहारी भी हिन्दू है तो मांसाहारी भी हिन्दू है। यहाँ शिवलिंग पूजने वाला भी हिन्दू है तो शक्ति का उपासक भी हिन्दू है। यहाँ वैष्णव भी हिन्दू है तो राजा बलि को पूजने वाला भी हिन्दू है। 

परन्तु उत्तर प्रदेश का हिन्दू बिल्कुल केरल के हिन्दू जैसा नहीं है। बंगाल का हिन्दू बिहार के हिन्दू से अलग भी है। ऎसे ही एक इस्लाम को मानने वाले, असम या बंगाल के मुसलमान तमिलनाडु या केरल के मुस्लमान से भिन्न है। ये भिन्नताएं भाषा की है, संस्कृति और साझी विरासत की भी है। नेहरू की समझ का सहारा लिया जाय तो भारत उस पन्ने की तरह है जहां समय ने जो दस्तावेज लिखे है, अतीत से लेकर वर्तमान तक सब सुरक्षित है। 

फिर ऎसे में किसे देश समझा जाये और किसी राष्ट्रवादी। क्या मानचित्र देश है या तिंरगा झण्डा देश है। अशोक स्तंभ या किसी दल की सरकार जिसे वोट देकर चुना जाता है, वो देश है। नौकरशाही को देश समझा जाये या पूंजी के समूह को। भारतीय सेना देश है या भारत का अदालतें। क्रिकेट टीम देश है या हाकी टीम। दरअसल ये सब देश के प्रतीक है परन्तु देश नहीं। 

कोई भी देश एक भौगोलिक सीमा के भीतर बसने वाले हर एक नागरिक के राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व का नाम है। इस प्रकार 'हम भारत के लोग' देश है। इन लोगों में वो शामिल है जिनके बारे में हम कुछ भी ठीक से नहीं जानते जैसे, चेन्चू, डाफला, कोरवा, कामर, खोंड, पुरुम, कोलघा, बुक्सा, कोटा और न जाने कितनी जनजाति है। देश के शक्ल में इन सबकी शक्ले शामिल है, चाहे इनकी संख्या कितनी भी क्यो न हो। इसी प्रकार धर्मिक रुप से अल्पसंख्यक पारसी समुदाय भी देश है और बहुसंख्यक हिन्दू भी। जब हम देश की जय बोलते है तब दरअसल हम इनकी ही जय बोलते है। 

परन्तु हम देश उनके प्रतीकों के माध्यम से ही पहचानते है। देश एक राजनैतिक दल की सरकार का और उसके मातहत  नौकरशाही तंत्र का पर्यायवाची बन चुका है। टेलीविजन और अखबार में जिसके चर्चे है वहीं देश को परिभाषित कर रहे है। ये बिल्कुल वैसे है जैसे एक लिबास ही, उस लिबास को धारण करने वाली आत्मा का परियार्य बन गया हो। 

वैसे राष्ट्रवादी होना और देश प्रेमी होने में भारी अंतर है। राष्ट्र  का मतलब लोगो के साझा संस्कृतियां, साझी विरासत का समुच्चय है। जो विविधता में एकता के जरिये ही सम्भव है। इसलिए देश प्रेम की आवश्यकता है। प्रेम किसी रिश्ते का अधार बन जाये तो रिश्ता मजबूत होता और भरोसा पैदा करता है।

 राष्ट्रवाद हमेशा राष्ट्र राज्य और उसकी व्यवस्था पर गर्व करना सिखाती है, उसे ही सबसे बेहतर समझता है और उसके प्रति एक प्रकार का समर्पण पैदा करता है। राष्ट्रवाद, राष्ट्र को एक शक्ति के उभार के रुप में देखता है जो शासन के द्वारा, शासक की इच्छा के अनुरूप ही परिणत होता है। 

जबकि देश प्रेम नैसर्गिक अभिव्यक्ति है जो अपने जन्म भूमि से प्रेम करना सीखती है। देश प्रेम में हर बोली, भाषा, संस्कृति, कला और धर्म के प्रति सम्मान का भाव होता है। वो विविधता को स्वीकार करना सीखती है।

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शनिवार, 13 अगस्त 2022

बस्ती -ग्राम पंचायत गोरखर में निकाली गई तिरंगा जागरूकता यात्रा

बस्ती: आजादी के अमृत महोत्सव को सफल बनाने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जिलों में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान चलाया जा रहा है। आज जनपद के सल्टौआ विकास खंड के गोरखर ग्राम पंचायत में प्रधान पप्पू सिंह  के नेतृत्व में ‘हर घर तिरंगा’अभियान का प्रचार-प्रसार रैली निकालकर किया ताकि आजादी के अमृत महोत्सव  के जश्न में आम नागरिक अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर देशभर में चल रहे 'हर घर तिरंगा' अभियान को सफल बनाने के लिए प्रधान पप्पू सिंह के साथ ,ग्राम सचिव अरविंद कुमार चौधरी ,कोटेदार रोहित कुमार ,रामतौल मौर्या ,किंकर सिंह ,अनिल चौधरी ,पप्पू मौर्य ,रामकुमार ,त्रिभवन ,सूरज कुमार ,फूलचंद ,रामललित समेत स्कूल के शिक्षक ,सफाई कर्मचारी आदि लोग शामिल रहे ।

बेमानी है आजादी का 75वां महोत्सव - 75th festival of independence is meaningless

सौरभ वीपी वर्मा

15 अगस्त 2022 को देश को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुए 75 वर्ष हो जाएगा ,ऐसे अवसर को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार और प्रांतीय सरकारों द्वारा बड़े पैमाने पर जश्न और उत्सव का आयोजन किया गया है लेकिन हमें लगता है कि यह उत्सव महत्सव मनाना और मनाने के लिए बाध्य करना बेमानी है ।
यह वही वर्ष होगा जब मोदी सरकार के दावे के हिसाब से किसानों की आय में वृद्धि होगी ,यह वही वर्ष होगा जब हर सिर पर छत होने की बात कही गई थी लेकिन सरकार के 7 साल बीत जाने के बाद किसानों और गरीबों के हित में ऐसी कोई ठोस योजना लागू नही की गई जिससे उनके जीवन में मूलचूल सुधार हो पाया हो । आज जब बड़े पैमाने पर तिरंगा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है तब देखने को मिल रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों के आर्थिक स्थिति बद से बदतर हालात में पहुंच चुकी है ,महंगाई ने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों की कमर को तोड़ दिया है अरहर दाल और सरसो तेल की जगह एक बड़ी आबादी हरी और बीमार करने वाली दाल एवं केमिकल निर्मित तेल खाने को मजबूर है । खाद्य सुरक्षा की दावे के बीच देश में 23 करोड़ लोग भुखमरी की चपेट में हैं लेकिन सरकार द्वारा इन समस्याओं के समाधान कके लिए किसी पप्रकार के उत्सव महोत्सव का आयोजन नही किया गया ।

देश में जिस तरह से आर्थिक तंगी छाई हुई है इसका अंदाजा केंद्र बैठी सरकार को होने के बाद भी वह बेबुनियाद मुद्दों पर धन की बर्बादी कर रही है जबकि सरकार को चाहिए कि वह अपने नागरिकों को स्वास्थ्य ,शिक्षा ,भोजन ,पानी एवं आवास की उपलब्धता 100 फीसदी सुनिश्चित करे । लेकिन यहां पर देखने को मिल रहा है कि यह पांचों मूलभूत आवश्यकताओं से करोड़ो की आबादी वंचित है ।  15 अगस्त का पर्व हम जैसे भी मनाते थे बेहतर ही मनाते थे लेकिन इस बार राष्ट्र के नाम पर ढिंढोरा पीट कर सरकार ने जनता को मूर्ख बनाने का जितना बड़ा षणयंत्र तैयार किया है यह कोई बौद्धिक संपदा का व्यक्ति ही समझ पायेगा । खैर आजादी के 75 वें वर्षगांठ पर हम उम्मीद करते हैं कि सरकार गरीबी ,बेरोजगारी एवं महंगाई को कम करने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए अन्यथा आजादी के अमृत महोत्सव का कोई अर्थ नही रहेगा ।

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यूं ही नही मिली थी भारत को आजादी , जानने के बाद आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.

75th Independence Day of India: 15 अगस्त, 1947 को हम अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुए थे और आने वाले 15 तारीख यानी 15 अगस्त को हमारे देश की आजादी के 75 साल पूरे हो जाएंगे. 130 करोड़ की मौजूदा जनसंख्या वाले हिंदुस्तान को यूं ही अंग्रेजों से आजादी नहीं मिली थी, देश की आजादी के लिए लाखों हिंदुस्तानियों ने देश की मिट्टी को अपने खून से सींचा था. इस देश को आजाद कराने वाले सच्चे देशभक्तों के संघर्ष, हौसले और जुनून की जितनी तारीफ की जाए, वो हमेशा कम ही रहेगी. आज हम यहां आपको देश की आजादी के उन संघर्षों के बारे में बताएंगे, जिन्हें जानने के बाद आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.

1757 से लेकर 1947 तक अंग्रेजों का गुलाम रहा भारत

भारत में अंग्रेजों की हुकूमत साल 1858 में शुरू हुई और 1947 तक चली. इससे पहले, 1757 से लेकर 1857 तक भारत पर ब्रिटेन की ईस्ट इंडिया कंपनी का कंट्रोल था. देश के वीर स्वतंत्रता सेनानियों के साहस और बलिदान के आगे आखिरकार अंग्रेजों ने घुटने टेक दिए और करीब 200 साल तक अंग्रेजों की गुलामी करने के बाद भारत को 15 अगस्त, 1947 के दिन आजादी मिली.

1857 में उठी थी हिंदुस्तान की आजादी की पहली चिंगारी

अंग्रेजी हुकूमत से आजादी की लड़ाई की पहली चिंगारी साल 1857 में निकली थी. उस वक्त का विद्रोह, सिपाही विद्रोह या 1857 के भारतीय विद्रोह के नाम से प्रसिद्ध है. उस विद्रोह का नेतृत्व किसी और ने नहीं बल्कि मंगल पांडे ने किया था. मंगल पांडेय के अलावा झांसी की रानी लक्ष्मी बाई, बहादुर शाह जफर, तात्या टोपे और नाना साहिब ने भी 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ लोहा लिया था.

बाल गंगाधर तिलक और जेआरडी टाटा ने शुरू किया था स्वदेशी आंदोलन

साल 1900 के आसपास देश में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई. उस वक्त बाल गंगाधर तिलक और जेआरडी टाटा ने बॉम्बे स्वदेशी को-ऑप स्टोर्स कंपनी लिमिटेड की स्थापना कर विदेशी सामानों का बहिष्कार कर स्वदेशी सामानों का समर्थन करना शुरू किया. महात्मा गांधी ने इस आंदोलन को स्वराज की आत्मा बताया था.

साल 1921 में डिजाइन किया गया था भारत का मौजूदा राष्ट्रीय ध्वज

7 अगस्त, 1906 को कोलकाता के पारसी बागान स्क्वैर पर भारत का झंडा फहराया गया. उस झंडे में लाल, पीला और हरे रंग की 3 पट्टियां थीं. साल 1921 में पिंगली वेंकैया ने हमारे मौजूदा राष्ट्रीय ध्वज का पहला वैरिएंट डिजाइन किया. ऊपर भगवा, बीच में सफेद जिसमें 24 तीलियों वाला अशोक चक्र मौजूद है और नीचे हरे रंग की पट्टी वाले झंडे को 22 जुलाई, 1947 को  राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार किया गया. इस तिरंगे को 15 अगस्त, 1947 को फहराया गया.

महात्मा गांधी ने 1942 में शुरू किया था भारत छोड़ो आंदोलन

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 8 अगस्त, 1942 को महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बॉम्बे सत्र में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई, इस आंदोलन को अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है. इस आंदोलन के माध्यम से भारत में ब्रिटिश शासन को खत्म करने की मांग की गई थी.जिसके फलस्वरूप 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों को देश छोड़कर भागना पड़ा और देश गुलामी के जंजीरों से मुक्त हो गया ।


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शुक्रवार, 12 अगस्त 2022

सिद्धार्थनगर- 34 साल से प्रधान रहने के बाद खपरैल के मकान में रहता है प्रधान का परिवार

सौरभ वीपी वर्मा 

सिद्धार्थनगर -  आज जब पद और पॉवर मिलने के बाद लोग ऐशो आराम एवं पैसा को ज्यादा तवज्जो देने लगने हैं तब ऐसे भी चेहरे हमे दिखाई पड़ते हैं जिनके पास सरकारी मद का वित्तीय पॉवर होने के बाद भी वह मोह माया से अलग अपनी दुनिया में रहकर अपना पहचान बनाना चाहता है।
                  फोटो- वहीदुल्लाह पूर्व प्रधान
यह कहानी उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जनपद के डुमरियागंज विकासखंड के भालूकोनी ग्राम पंचायत के प्रधान की है जिनके परिवार में वर्ष 1988 से प्रधानी का सत्ता रहा है लेकिन सेवाभाव एवं ईमानदारी की वजह से आज भी पूरा परिवार खपरैल की जर्जर मकान में रहकर खुश है। 

भालुकोनी ग्राम पंचायत में वर्ष 1988 में मोहम्मद अमीन ने चुनाव जीता था जिनका कार्यालय 7 वर्षो तक चला उसके बाद 1995 में ग्राम पंचायत की सीट आरक्षित हो गई जिसमें इनके एक करीबी ने जीत हासिल की उसके बाद वर्ष 2000 में हुए चुनाव में मोहम्मद अमीन फिर से चुनाव जीतकर प्रधान बन गए वर्ष 2005 एक बार फिर से सीट आरक्षित होने से गांव की लीलावती देवी ने चुनाव में जीत हासिल की उसके बाद वर्ष 2010 में हुए चुनाव में मोहम्मद अमीन के पुत्र वहीदुल्लाह ने चुनाव में जीत हासिल की लेकिन 2015 में एक बार फिर से सीट आरक्षित हो गई जिसमें  राजेंद्र प्रसाद ने चुनाव में जीत हासिल की उसके बाद 2021 में हुए चुनाव में सामान्य सीट पर वहीदुल्लाह के भाई अबुदल्लाह ने चुनाव में जीत हासिल करने के बाद ग्राम पंचायत में एक ही परिवार के तीसरे प्रधान बन गए।
पूर्व प्रधान एवं प्रधान प्रतिनिधि के तौर पर काम को देखने वाले वहीदुल्लाह ने बताया कि लंबे समय से परिवार में प्रधानी है लेकिन उनका परिवार अभी भी खपरैल के मकान में रहता है । उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत का बजट छोटा होने की वजह से अभी कई बुनियादी सुविधाओं का ढांचा तैयार नही हो पाया है ,उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत में पानी सीसी रोड़  एवं नाली की आवश्यकता ज्यादा है अगर सरकार द्वारा बजट दिया जाएगा तो गांव को विकास के पायदान पर सबसे बेहतर बनाने का कार्य किया जाएगा । 

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बुधवार, 10 अगस्त 2022

जोश और जज्बे के साथ 'हर घर तिरंगा' अभियान को सफल बनाने में जुटे ,प्रमुख , प्रधान और सचिव

बस्ती: आजादी के अमृत महोत्सव को सफल बनाने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जिलों में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान चलाया जा रहा है। आज जनपद के रामनगर विकास खंड में ब्लॉक प्रमुख यशकांत सिंह के नेतृत्व में ‘हर घर तिरंगा’अभियान का प्रचार-प्रसार किया गया ताकि आजादी के अमृत महोत्सव  के जश्न में आम नागरिक अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें।
 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर देशभर में चल रहे 'हर घर तिरंगा' अभियान को सफल बनाने के लिए ब्लॉक प्रमुख के साथ रामनगर विकास खंड के सचिव एवं प्रधान बड़ा योगदान दे रहे हैं। देश भक्ति और जन सेवा के लक्ष्य के साथ राष्ट्र प्रेम की भावना लोगों में जगाने के लिए दुबौली चौराहे से रामनगर ब्लॉक मुख्यालय तक तिरंगा बाइक यात्रा निकालकर अभियान को सफक बनाने का आह्वान किया जा रहा है। इस मौके पर ग्राम विकास अधिकारी प्रमोद कुमार , श्री प्रकाश वर्मा ,अनूप शुक्ला ,अमरनाथ गौतम ,विजय चौधरी , राजन चौधरी , प्रधान संघ अध्यक्ष मंटू दुवे , सत्य प्रकाश चौधरी , दीपचंद्र यादव ,तीर्थ प्रसाद ,पप्पू यादव , अर्जुन कुमार वरुण , नंद किशोर ,अभिनव सिंह , आफताब आलम ,रिंकू ,जयराम चौधरी , दिनेश मौर्या , राममूरत , तबारक ,मनोज यादव ,सुभाष , संजय , नशीरुद्दीन ,शिवकुमार ,प्रकाश , राजेश , राजकुमार , अनिल कुमार समेत प्रधान ,सचिव एवं सफाईकर्मी मौजूद थे ।

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सिद्धार्थनगर- लाखों रुपया खर्च करने के बाद बदहाली के भेंट चढ़ गया सागर रौजा गांव की महत्वाकांक्षी योजनाएं

सौरभ वीपी वर्मा

समीक्षात्मक रिपोर्ट

सिद्धार्थनगर -ग्राम पंचायत में समग्र एवं समेकित विकास की योजनाओं का खाका तैयार कर सरकार द्वारा भारी भरकम बजट खर्च किया जा रहा है ताकि गांव में जर्जर हालात एवं बदहाली को खत्म कर गांव को विकास के पायदान पर शिखर पर लाया जा सके लेकिन स्थानीय जिम्मेदारों की उदासीनता एवं भ्रष्टाचार के चलते ग्राम पंचायत में लाखों रुपया खर्च करने के बाद भी गांव अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं ।
ताजा मामला सिद्धार्थनगर जनपद के डुमरियागंज विकास खंड के सागर रौजा ग्राम पंचायत की है जहां पर सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई तो पता चला कि ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन ,मनरेगा , स्वच्छ पेय जल एवं पानी निकासी की व्यवस्था पर लाखों रुपया खर्च किया गया लेकिन सभी योजनाओं भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ चुकी हैं ।

ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनवाये गए समुदाययिक शौचालय बदहाल स्थिति में दिखाई दिया , शौचलय के अंदर पानी के लिए सप्लाई लाइन तो डलवाई गई लेकिन अभी तक उनमें टोटियों का इंतजाम नही हो पाया है ,
पानी की व्यवस्था के लिए के छोटे नल की व्यवस्था भी है लेकिन उसका हैंडल गायब था इसके अलावा शौचालय के फर्श और शीट पर गंदगियों का जमावड़ा देखने को मिला जबकि केयर टेकर को शौचालय को व्यवस्थित रखने के लिए भुगतान किया गया है  ।
इसी योजना के तहत प्राथमिक विद्यालय मझारी में लगभग  1,89,707  रुपया खर्च करके एक शौचालय का मरम्मत करवाया गया लेकिन जिम्मेदार जनों की निरंकुशता एवं घटिया कार्य के चलते पहले से बने इस शौचालय को मरम्मत करने के बाद भी शौचालय प्रयोग में आने से पहले ही दम तोड़ दिया ।
गांव में स्वच्छ पेय जल की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए हैंडपंप मरम्मत एवं रिबोर पर 3,95,433 रुपये का भुगतान लिया गया लेकिन ग्राम पंचायत में लगे कई हैंडपंप बंद पड़े हुए हैं जिससे स्पष्ट है कि ग्राम पंचायत में स्वच्छ पेय जल के नाम पर धन का दुरपयोग किया गया है ।
ग्राम पंचायत के लोगों महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के तहत ग्रामीणों को रोजगार देने की सरकार ने जो व्यवस्था बनाई थी यहां पर यह योजना महज खानापूर्ति एवं बंदरबांट में सिमट कर रह गया है । ग्राम पंचायत में मनरेगा द्वारा तालाब और गड्ढे की सफाई पर तो काफी रुपया व्यय किया गया है लेकिन ग्राम पंचायत में एक ऐसे गड्ढे पर मस्टरोल चल रहा है जिसमें महीनों से पानी भरा हुआ है यानी कि ग्राम पंचायत के धन को खैरात का रुपया मानकर अपने करीबियों के खाते में भेज कर अपनी हिस्सेदारी तय की जा रही है ।
ग्राम पंचायत में स्थित एक और प्राथमिक विद्यालय में शौचालय मरम्मत के नाम पर लगभग 85,976 रुपये का भुगतान लिया गया वहीं पर आंगनबाड़ी के शौचालय के निर्माण पर भी 24000 हजार रुपये का भुगतान किया गया लेकिन स्कूल के अध्यापक द्वारा बताया कि यहां पर महज आंगनबाड़ी के बगल एक शौचालय का निर्माण हुआ स्कूल के शौचालय पर कोई मरम्मत कार्य नही हुआ है ।
सरकार द्वारा कायाकल्प योजना के तहत परिषदीय स्कूलों की दशा को सुधारने का काम किया जा रहा है लेकिन ग्राम पंचायत में स्थिति प्राथमिक विद्यालय मझारी में आज तक पहुंचने के लिए सुगम रास्ते का निर्माण भी नही हो पाया जबकि इसी स्कूल के बगल से एग्रो रोड़ निर्माण का काम दिखा कर मनरेगा से भुगतान के लिए मस्टरोल वेबसाइट पर दर्ज किया गया है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत में गुरु प्रसाद के घर से गड्ढे से बने नाली निर्माण एवं ढक्कन के का काम मनरेगा से हुआ है लेकिन धन के बंदरबांट के उद्देश्य से उसी नाली पर 98,002 रुपये का भुगतान प्रथम खाते से कर लिया गया। 

अब सबसे बड़ा सवाल इस बात का है जब सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों की बदहाली को खत्म करने के लिए राज्य वित्त ,केंद्रीय वित्त एवं मनरेगा के जरिए लाखों रुपये का बजट दिया जा रहा है तब आखिर ऐसी स्थिति क्यों आ रही है कि जब हम आजादी का 75वां  महोत्सव मना रहे हैं तब भी भारत के गांवों में बुनियादी सुविधाओं का ढांचा मजबूत क्यों नही हो पाया है ।

इस सम्बंध में खंड विकास अधिकारी अमित कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाई गई सभी महत्वकांक्षी योजनाओं को धरातल पर लागू करने के लिए मेहनत से काम किया जा रहा है उसके बाद भी अगर ग्राम पंचायत में स्थापित योजनाओं में गड़बड़ी मिलती है तो लापरवाही करने वाले  लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

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मंगलवार, 9 अगस्त 2022

बीजेपी बिहार में पैदा करना चाहती थी एकनाथ शिंदे ,लेकिन नीतीश कुमार ने खेल दिया बड़ा दांव

पटना : Bihar Political Crisis:  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने पद से इस्तीफा दे दिया है. मंगलवार सुबह जेडीयू विधायकों और सांसदों की बैठक के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था. इसके बाद आरजेडी-कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर उनके फिर से सरकार बनाने के कयास पुख्ता हो गए थे. नीतीश मंगलवार दोपहर करीब 3.45 बजे राज्यपाल फागू चौहान से मिलने के लिए निकले. उन्होंने मुख्यमंत्री आवास से करीब 500 मीटर दूर राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और अपना त्यागपत्र सौंप  दिया. नीतीश जब राजभवन पहुंचे तो उसके बीच समर्थकों की भारी भीड़ 'जिंदाबाद' के नारे लगा रही थी. नीतीश कुमार बाद में तेजस्‍वी यादव से मिलने के लिए बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास के लिए निकल गए. सूत्रों के अनुसार, राबड़ी देवी के घर से निकलने के बाद तेजस्वी और नीतीश कुमार साथ-साथ बाहर आए. इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल, लेफ्ट पार्टी और कांग्रेस के विधायक सीएम आवास पर पहुंचे. जहां नए गठबंधन के विधायक दलों की बैठक शुरू हुई. इसमें नीतीश कुमार को महागठबंधन के विधायक दल का नेता चुना गया. माना जा रहा है कि नीतीश तेजस्वी यादव के साथ दोबारा राजभवन जाएंगे और नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.

इससे पहले जेडीयू की विधायक दल की बैठक में नीतीश ने बीजेपी पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया. साथ ही उनकी पार्टी तोड़ने की तोहमत भी मढ़ी.बता दें, वर्ष 2017 तक आरजेडी के तेजस्‍वी यादव और उनके भाई तेज प्रताप यादव,  नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री थे. जेडीयू, लालू यादव की पार्टी आरजेडी और कांग्रेस के सहयोग से यह सरकार बनी थी. नीतीश ने बीजेपी के साथ संबंध खत्‍म करते हुए यह गठजोड़ बनाया था.  बाद में उन्‍होंने तेजस्‍वी और उनके भाई तेजप्रताप पर भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाते हुए गठबंधन खत्‍म कर लिया था और बीजेपी के पास वापस लौट गए थे. 

बिहार में सत्‍ता में सहयोगी रहे जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के  बीच का तनाव चरम पर पहुंच गया था. नीतीश कुमार का मानना था कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह लगातार जेडीयू को विभाजित करने के लिए काम कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के पूर्व नेता आरसीपी सिंह पर अमित शाह के मोहरे के रूप में काम करने का आरोप लगाया था. जेडीयू की ओर से भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाए जाने के बाद आरसीपी ने पिछले सप्‍ताह के अंत में जेडीयू से इस्‍तीफा दे दिया था. वर्ष 2017 में आरसीपी ने नी‍तीश कुमार के प्रतिनिधि के तौर पर जेडीयू कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल ज्‍वॉइन किया था. बाद में नीतीश ने उनका राज्‍यसभा का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जिसके कारण आरसीपी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्‍तीफा देना पड़ा था.  

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