सोमवार, 28 फ़रवरी 2022

आज बस्ती में अखिलेश तो कप्तानगंज में अमित शाह करेंगे जनसभा को संबोधित

बस्ती -आज जनपद के हथियागढ़ स्थिति पालीटेक्निक मैदान में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जनसभा को संबोधित करेंगे । अखिलेश यादव जनसभा स्थल पर अपराह्न 2 बजकर 20 मिनट पर पहुंचेंगे जिसमें जनपद के सदर ,कप्तानगंज ,रुधौली ,महादेव एवं हरैया विधानसभा के उम्मीदवार और जनता सभा में शामिल होंगे । वहीं जनपद के कप्तानगंज विधानसभा में शाम साढ़े चार बजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा प्रत्याशी के लिए जनसभा करेंगे ।

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रविवार, 27 फ़रवरी 2022

यूक्रेनी सैनिक ने खुद को बम से उड़ाकर रूसी मंसूबों पर फेरा पानी, सेना ने बताया 'हीरो'

कीव : रूसी सेना ने यूक्रेन में भयंकर तबाही मचाई हुई है. दोनों ओर से हमले में काफी जान-माल की क्षति पहुंची है. इस युद्ध के बीच यूक्रेन अपने एक सैनिक की खूब प्रशंसा कर रहा है. बताया जाता है कि यूक्रेन के इस सैनिक ने रूसी टैंकों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए अपनी जान की भी परवाह नहीं की. दरअसल, रूसी सेना हेनिचेस्क ब्रिज (Henichesk bridge) की ओर बढ़ रही थी. इस सैनिक की तैनाती इसी ब्रिज पर की गई थी. जब इस सैनिक को रूसी सेना को रोकने का कोई उपाय सूझता नहीं दिखा, तो उसने इस ब्रिज को ही उड़ाने का फैसला किया. लेकिन समय बहुत कम था. इसको देखते हुए सैनिक विटाली स्काकुन वोलोडिमिरोविच ( Vitaly Skakun Volodymyrovych) ने खुद को उड़ा लिया और ब्रिज को नष्ट कर दिया. इस वजह से रूसी सेना के हेनिचेस्क ब्रिज से जाने के मंसूबों पर पानी फिर गया. 

रूसी टैंकों को रोकने के लिए उसके बलिदान की अब यूक्रेनी सेना द्वारा खूब तारीफ की जा रही है. यूक्रेन की इस सैनिक को एक हीरो के तौर पर पेश किया जा रहा है.  यूक्रेनी सेना ने फेसबुक पर लिखा, जब रूसी टैंक क्षेत्र में प्रवेश कर गए, तो मरीन बटालियन इंजीनियर वोलोडिमिरोविच को हेनिचेस्क ब्रिज (Henichesk bridge) पर तैनात किया गया था. जैसे ही रूसी सेना उसकी ओर बढ़ी, तभी उसे एहसास हुआ कि पर्याप्त समय नहीं है. इसलिए उसने खुद को उड़ा लिया और ब्रिज को नष्ट कर दिया. द सन की रिपोर्ट के अनुसार, विटाली स्काकुन वोलोडिमिरोविच के साथियों ने दुश्मन को रोकने को लेकर उसके कार्य की प्रशंसा की है. 


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शनिवार, 26 फ़रवरी 2022

बीजेपी के लिए आसान नहीं है 2017 की तरह नतीजे दोहराना ,पांचवे चरण में दांव पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा

उत्तर प्रदेश में चार चरण का चुनाव खत्म हो चुका है और अब बारी पांचवें चरण में अवध और पूर्वांचल की है. यूपी के सात चरणों के चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें इसी चरण में है. पांचवें चरण के 12 जिलों की 61 विधानसभा सीटों पर 27 फरवरी को वोटिंग होनी है, जहां पर 692 उम्मीदवार किस्मत आजमाने उतरे  हैं. पांचवें चरण में भगवान श्रीराम के अयोध्या से लेकर प्रयागराज और चित्रकूट जैसे धार्मिक नगरी में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सियासी संग्राम होने हैं. बीजेपी के लिए अपने दुर्ग को बचाए रखने की चुनौती है तो सपा, बसपा और कांग्रेस सत्ता की वापसी दारोमदार इसी चरण में टिका है.

सूबे के बदले हुए सियासी समीकरणों में बीजेपी के सामने पिछली बार की तरह नतीजे दोहराना आसान नहीं दिख रहा है तो सपा गठबंधन के लिए भी चुनौतियां कम नहीं है. ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस के सामने अमेठी-रायबरेली में है. अमेठी में राहुल गांधी को 2019 में हार का मूंह देखना पड़ा था. ऐसे में कांग्रेस हरहाल में अमेठी में वापसी करना चाहती है. बसपा भी इस चरण में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बेताब है. 

पांचवें चरण की जिन 61 विधानसभा सीटों पर चुनाव पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें 90 फीसदी सीटों पर बीजेपी और अपना दल गठबंधन का कब्जा है. 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 60 सीटों में से 51 सीटें बीजेपी ने जीती थी जबकि उसके सहयोगी अपना दल (एस) को दो सीटें मिली थी. वहीं, सपा के खाते में महज 5 सीटें मिली थी. इसके अलावा कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी और दो सीटों पर निर्दलीय ने जीती थी. बसपा इस चरण में खाता भी नहीं खोल सकी थी. 

योगी सरकार के आधा दर्जन मंत्री

यूपी के इस चरण के चुनाव में योगी सरकार के कई दिग्गज मंत्रियों की भी अग्निपरीक्षा है. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सिराथू सीट से चुनाव लड़ रहे हैं तो कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह पट्टी सीट से उतरे हैं. कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, इलाहबाद पश्चिम से प्रत्याशी हैं तो नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी इलाहाबाद दक्षिण, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री मनकापुर सुरक्षित सीट से और राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय चित्रकूट सदर से चुनाव लड़ रहे हैं. योगी सरकार के मंत्री रहे मुकुट बिहारी की जगह उनके बेटे चुनावी मैदान में हैं. 


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गुरुवार, 24 फ़रवरी 2022

रूस ने किया युद्ध की घोषणा ,विश्वयुद्ध के आसार ,अमरीका ने यूक्रेन का दिया साथ

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आखिरकार यूक्रेन पर सैन्य चढ़ाई का आदेश (Russia invades Ukrain) दे दिया है. गुरुवार की सुबह पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में मिलिट्री ऑपरेशन के आदेश दे दिए. रूसी सेना अब क्रीमिया के रास्ते यूक्रेन में घुस रही है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अन्य देशों को आगाह किया कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास ‘के ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे होंगे.'

अमेरिका ने रूस के इस आदेश की कड़ी आलोचना की है. रूसी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर कहा कि यह हमला बिल्कुल असंगत और बिना उकसावे की कार्रवाई है. अभी बुधवार को ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेन्स्की ने कहा था कि रूस यूक्रेन पर कभी भी हमला कर सकता है.

इस बीच, यूक्रेन की राजधानी कीव में जारी NOTAM (नोटिस टु एयर मिशन) की वजह से एयर इंडिया की फ्लाइट AI1947 वापस दिल्ली लौट रही है.

वहीं रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद अमरीका ने यूक्रेन का साथ देते हुए एयरफोर्स बेस से 2 बॉम्बर भेज दिया है


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Ukraine से केवल 20 KM दूर Russian सैन्य तैनाती और मज़बूत, 'फील्ड अस्पताल' भी तैयार

New Delhi : यूक्रेन पर रूसी सेना के आक्रमण के खतरे के बीच ताजा सेटेलाइट तस्वीरों में यूक्रेन के बॉर्डर पर रूसी सेना की और तैनाती दिख रही है. बीते दिन रूसी संसद ने राष्ट्रपति पुतिन को यह अधिकार दे दिया था कि वो यूक्रेन के अलगाववादियों की मदद के लिए देश के बाहर बल का प्रयोग कर सकते हैं. अमेरिकी कंपनी मैक्ज़र की पिछले 24 घंटों की सेटेलाइट तस्वीरों में दिखता है कि दक्षिणी बेलारूस और पश्चिमी रूस में यूक्रेन की सीमा के पास संचालन व्यवस्था और आपूर्ती के लिए नया मूवमेंट हुआ है. नई गतिविधियों में 100 से अधिक वाहन और दर्जनों सैनिक टैंट दिख रहे हैं. बेलारूस में मोज़यर के पास के एयरफील्ड में यह गतिविधियां दिख रही हैं. यह एयरफील्ड यूक्रेन की सीमा से केवल 20 किलोमीटर दूर है.


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बुधवार, 23 फ़रवरी 2022

रुधौली विधानसभा में किसी के पास नही है बसंत चौधरी जैसा विजन- डाo अजीज आलम

बस्ती - रूधौली विधानसभा में अगर देखा जाए तो  सबसे शानदार प्रत्याशी बसंत चौधरी हैं ,जिनके पास स्वास्थ्य ,शिक्षा एवं रोजगार उपलब्ध कराने की बड़ी सोच है उक्त बातें करते हुए डा0 अजीज आलम ने दर्जनों गांव में जनसंपर्क करते हुए बताया कि किसी प्रत्याशी के पास निजी घोषणा पत्र नहीं है बसंत चौधरी  के पास निजी घोषणा पत्र है ।

जिसमें हर गाँव से दूध डेरी फैक्टरी में रोजगार देने का वादा एवं संकल्प बसंत चौधरी जी ने लिया है । वहीं बस्ती मंडल में सबसे बड़ा अस्पताल श्री कृष्णा मिशन अस्पताल बस्ती में बसंत चौधरी ने बनवाया है जिससे लोगों को कोरोना काल में हजारों की संख्या में जान बचाया है और जिस तरह युवाओं नौजवानों किसानों बेरोजगारों महिलाओं एवं अन्य सभी का साथ मिल रहा है । वह इस बात का संकेत है कि अबकी बार जनता बदलाव लाने जा रहीं हैं और बसंत चौधरी को अपना विधायक बनाकर अपने विधानसभा में रोजगार ,विकास एवं खुशहाली लाएगी ।

 इस लिए सभी से निवेदन करते हुए डा0 अजीज आलम ने कहा कि आने वाली तारीख 3मार्च को ई वी एम मशीन में  दो नंबर के सामने हाथ का पंजा वाले निशान पर बटन दबाकर ऐतिहासिक मतों से विजयी बनाएँ रोजगार पाएँ एवं खुशहाली लाएँ ।

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प्रशासनिक व्यवस्था से नही सुधर रही गांवों की हालात , गांवों को मिले शासन करने का दर्जा

सौरभ वीपी वर्मा
महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया और जय प्रकाश नारायण की मंशा थी कि गांव में शासन हो, प्रशासन नहीं।  प्रशासन तो वहां अंग्रेजों के समय एवं उससे पहले से चल रहा था। गांवों में शासन हो, इसके प्रयास 73 वें संविधान संशोधन के जरिये किए थे। पर उसके बाद भी कोई खास सुधार नहीं हुआ। पंचायतें शासन की इकाई नहीं बन पाईं, तो इसके दो कारण हैं। एक तो नेता नहीं चाहते कि पंचायतें शासन की इकाई बनें, क्योंकि वैसे में उनकी नेतागीरी हल्की पड़ जाएगी। दूसरा यह कि अधिकारी वर्ग अपने उच्च अधिकारियों के नियंत्रण में कार्य करता है, ताकि उनकी अच्छी प्रगति रिपोर्ट मिल सके, जिसके आधार पर उनकी तरक्की हो सके।

लेकिन गांव में प्रशासनिक व्यवस्था के चलते ग्राम पंचायतों को दी जाने वाली भारी भरकम बजट को हड़पने और बंदरबांट कर लेने का प्रथा लगातार चलता रहा है समग्र एवं समेकित विकास के क्षेत्र में आज भी भारत के गांव पीछे खड़े हुए हैं । एक ही योजनाओं के नाम पर सरकार द्वारा कई संस्थाओं के द्वारा धन दिया जा रहा है लेकिन सब जगह केवल बंदरबांट का खेल ही चल रहा है जिसका परिणाम है कि भारत के गांव में मूलभूत सुविधाओं की आवश्यकता की पूर्ति अभी तक नहीं हो पाई है ।

सरकार को चाहिए कि धन का दुरुपयोग रोकने के लिए ग्राम पंचायत को  शासन करने की व्यवस्था दी जाए और ग्राम पंचायत में सदन की व्यवस्था की तरह पक्ष और विपक्ष को सवाल पूछने के लिए बेहतर प्रोग्राम दिए जाएं ताकि ग्राम पंचायत के विकास की कार्ययोजना गांव के पंचायत भवन में बन सके और चिन्हित कार्यों पर धन खर्च करके गांव को तरक्की की तरफ लाया जाए ।

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चौथे चरण के चुनाव में आज उत्तर प्रदेश के 59 सीटों पर हो रहा है मतदान

Assembly Elections 2022 Live Updates : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए आज चौथे चरण का मतदान हो रहा है. पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, बांदा और फतेहपुर जिलों की 59 विधानसभा सीटों पर आज मतदाता वोट डाल रहे हैं. इस चरण में 624 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. शांतिपूर्ण मतदान के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. 2017 में चौथे चरण की 59 सीटों में से 51 सीटें बीजेपी ने जीती थीं. 

इस चरण में उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक, रायबरेली से मौजूदा विधायक अदिति सिंह सहित कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है. लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट से भाजपा ने प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह को सपा उम्मीदवार अभिषेक मिश्रा के खिलाफ खड़ा किया है. पिछली बार बीजेपी ने 2017 में लखनऊ की 9 में से 8 सीटें जीती थीं.

लखीमपुर में मुकाबला बहुकोणीय है. लखीमपुर सीट से बीजेपी के योगेश वर्मा दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला सपा के उत्कर्ष वर्मा मधुर, बसपा के मोहन वाजपेयी, कांग्रेस पार्टी के डॉ रविशंकर त्रिवेदी, एआईएमआईएम के उस्मान सिद्दीकी और आम आदमी पार्टी (आप) के खुशी किन्नर से है. 2017 में लखीमपुर में 8 की 8 सीटें बीजेपी ने जीती थीं


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मंगलवार, 22 फ़रवरी 2022

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज बस्ती में जनसभा को करेंगे संबोधित

बस्ती, कार्यालय। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मंगलवार को 2.00 बजे रुधौली पहुंच रहे हैं। वे यहां बुद्धि बाजार में विशाल जनसभा को सम्बोधित करेंगे। यहां प्रदेशभर के कार्यकर्ता उनका भव्य स्वागत करेंगे और कार्यक्रम को सफल बनाएंगे। यह जानकारी जिलाध्यक्ष रामयज्ञ निषाद ने दी। 310 बस्ती सदर विधानसभा सीट से विरोधियों को कड़ी टक्कर दे रहे आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी रमेश सिंह ने कहा आसपास की करीब 10 विधानसभा सीटों पर अरविन्द केजरीवाल के आने का असर पड़ सकता है। जनता ने भरोसा किया तो दुनिया भर में लोकप्रिय हो चुका दिल्ली मॉडल अब उत्तर प्रदेश में भी लागू होगा।

5 हजार रूपये माहवार बेरोजगारी भत्ता, मुफ्त तीर्थयात्रा, 300 यूनिट बिजली फ्री, महिलाओं को 1 हजार मासिक पेंशन, मॉडल स्कूल और अस्पताल की घोषणा कर चुनाव मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी ऐतिहासिक जीत हासिल करने जा रही है। उन्होने अपील किया कि इस चुनाव में जनता इमानदार और कर्मठ प्रत्याशियों को अपना कीमती वोट दे जो जनता की आवाज बन सके।

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सोमवार, 21 फ़रवरी 2022

बस्ती- विभागीय अधिकारियों और जिम्मेदारों के सामने ध्वस्त हो गई करोड़ो की योजना

बस्ती- इंसेफेलाइटिस व अन्य जलजनित बीमारियों पर प्रभावी रोकथाम के लिए वर्ष 2012 में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए टीटीएसपी (टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट) योजना लागू हुई थी। इसके तहत जिले में बनी अधिकांश टीटीएसपी की गुणवत्ता बेहद खराब थी। कुछ तो उद्घाटन से पहले ही बेकार हो गईं और अधिकांश उद्घाटन के कुछ दिन बाद। 

केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद बस्ती जनपद में 400 से अधिक गांवों में टीटीएसपी लगाने का काम हुआ था जिसका उद्देश्य था कि गांव के लोगों को ढाई सौ फीट नीचे की शुद्ध जल मिल सके लेकिन आलम यह है कि करोड़ो रूपये खर्च होने के बाद आज तक पानी टँकी से पानी पीने का नसीब ग्रामीणों को नही हुआ।

जनपद के सल्टौवा गोपालपुर ब्लॉक 27 ग्राम पंचायतों में टीटीएसपी का निर्माण हुआ था जिसमें से गोरखर और सिसवारी के मात्र 2 टंकी से पानी की सुविधा मिल रही है शेष 25 की हालत खराब हो चुकी है अधिकांश टँकीयां जर्जर भी हो गई है ।

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रविवार, 20 फ़रवरी 2022

तीसरे चरण का मतदान शुरू ,16 जिलों के 59 सीटों पर डाले जा रहे हैं वोट

Uttar Pradesh Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए आज मतदान शुरू हो गया है. इस चरण में 16 जिलों की 59 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं. इनमें 13 सुरक्षित सीटें शामिल हैं. कुल 627 उम्मीदवार किस्मत आजमाने के लिए मैदान में हैं. मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान सुबह सात बजे से शुरू होकर शाम छह बजे तक चलेगा. तीसरे चरण में दो करोड़ 15 लाख से अधिक मतदाता वोट डालेंगे. इनमें एक करोड़ 16 लाख से अधिक पुरुष मतदाता और 99 लाख से ज्यादा महिला मतदाता, जबकि एक हजार से अधिक किन्नर (थर्ड जेंडर) मतदाता शामिल हैं.

हाथरस, फिरोजाबाद, एटा, मैनपुरी, कासगंज, फर्रूखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरय्या, कानपुर नगर, कानपुर देहात, जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा में मतदान शुरू है. बता दें कि इसके लिए शनिवार शाम को ही पोलिंग पार्टियां सभी जिलों में पहुंच गई थीं.


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शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2022

इनका नकली राष्ट्रवाद जितना खोखला है, उतना ही खतरनाक': पूर्व PM का मोदी सरकार पर निशाना

NDTV

नई दिल्ली : पंजाब चुनाव से पहले देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पंजाब की जनता के लिए एक वीडियो संदेश जारी किया है. उन्होंने कहा  कि प्यारे पंजाब वासियों,  भारत एक अहम मोड़ पर खड़ा है. मेरा बहुत मन था की मैं पंजाब, उत्तराखंड,  गोवा, उत्तर प्रदेश और मणिपुर के भाई बहनों के पास जाकर देश के हालातों पर चर्चा करूं. पर वर्तमान हालात में डॉक्टरों की राय मानते हुए मैं आपसे इस वीडियो सन्देश के जरिये बात कर रहा हूं. 

आज की स्थिति बहुत चिंताजनक है. कोरोना की मार के बीच केंद्र सरकार की अदूरदर्शी नीतियों की वजह से एक तरफ लोग गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से परेशान हैं, दूसरी तरफ हमारे आज के हुक्मरान साढ़े सात साल सरकार चलाने के बाद भी अपनी गलतियों को मानकर उनमें सुधार करने के बजाय लोगों की परेशानियों के लिए हमारे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराने में लगे हैं.


मेरा स्पष्ट मानना है कि प्रधानमंत्री पद की खास गरिमा होती है और इतिहास को कसूरवार ठहराने से अपने गुनाह कम नहीं हो सकते. प्रधानमंत्री के रूप में मैंने दस साल तक काम करते हुए खुद ज्यादा बोलने की बजाय मेरे काम के बोलने को प्राथमिकता दी. हमने कभी अपने राजनीतिक फायदे के लिए देश को नहीं बांटा, कभी सच पर पर्दा डालने की कोशिश नहीं की, कभी देश और पद की गरिमा कम नहीं होने दी. हमने हर मुश्किल के बावजूद भारत और भारतीयों का मान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऊंचा बढ़ाया. 

मुझे संतुष्टि है की मुझ पर 'मौनमोहन', कमजोर और भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाने वाली भाजपा और उसकी बी-सी टीमों के दुष्प्रचार की कलई आज देश के सामने खुल चुकी है और देश 2004 से 2014 के दौरान किये गए आज हमारे अच्छे कामों को याद कर रहा है. कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा के नाम पर पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार चरणजीत सिंह चन्नी और यहां के लोगों को भाजपा द्वारा बदनाम करने का प्रयास किया गया, जिसे किसी भी लिहाज से एक सही परिपाटी नहीं माना जा सकता है. इसी प्रकार हमने यह भी देखा की किसान आंदोलन के दौरान भी पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने की कोशिश की गई थी. जिन पंजाबियों के साहस-शौर्य, देशभक्ति और त्याग को पूरी दुनिया सलाम करती है, उन पंजाबियों के बारे में क्या कुछ नहीं कहा गया. पंजाब की बहादुर मिट्टी से उपजे एक सच्चे भारतीय के रूप में मुझे उस पूरे घटनाक्रम से पीड़ा हुई है.


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गुरुवार, 17 फ़रवरी 2022

यूपी के कुशीनगर में बड़ा हादसा, कुएं में गिरने से 13 की मौत 17 को बचाया गया

कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर kushinagar में बड़े हादसे की खबर आई है। नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र में कुएं में गिरने से 13 लोगों की मौत होने की खबर है। मरने वालों में लड़कियां ओर महिलाएं शामिल हैं। करीब डेढ़ दर्जन महिलाओं के गंभीर रूप से घायल होने की खबर है। रिपोर्ट के मुताबिक, औरतें व लड़कियां हल्दी के दिन मटकोड़वा की रस्म के लिए पहुंची थीं। हादसा नौरंगिया गांव में हुआ। अब तक कुएं से 13 लाशें निकाली गई हैं। आशंका है कि यह संख्या बढ़ सकती है।

दिल दहलाने वाली इस घटना के बाद पूरे जिले में हड़कम्प मच गया। बताया जा रहा है कि 10 बार फोन करने के बावजूद भी एक भी एंबुलेंस करीब डेढ़ घंटे तक घटनास्थल पर नहीं पहुंची, जबकि घटनास्थल से अस्पताल की दूरी महज 3 किलोमीटर है। हालांकि पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई थी। हादसे के बाद गांव वालों ने टॉर्च के जरिए ही बचाव कार्य शुरू कर दिया था। प्रशासनिक अधिकारी व डाक्टरों की टीम घटनास्थल पर मौजूद है।

पुलिस के अनुसार नौरंगिया ग्राम सभा के स्कूल टोले पर बुधवार की रात करीब 9 बजे एक मांगलिक कार्यक्रम में कुआं पूजन की रस्म के लिए महिलाएं व बच्चियां इकठ्ठा थीं। कुआं पानी से भरा हुआ था। भीड़ अधिक थी। बच्चियां व महिलाएं कुएं की मुंडेर और कुएं पर बने चबूतरे पर पर बैठीं थीं। कहा जा रहा है कि कुएं का चबूतरा कमजोर होने की वजह टूट गया जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। बच्चियां व महिलाएं कुएं में गिर गईं। उन्हें बचाने में भी कई महिलाएं कुएं में जा समायीं। अधिकारियों के अनुसार ये महिलाएं शादी के एक दिन पहले कुएं के पास मिट्टी कोड़ने की रस्म अदा करने पहुंची थीं। दो घंटे की मशक्कत के बाद 11 बच्चियों व दो महिलाओं को कुएं से निकालकर अस्पताल भेजा गया मगर तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। जिलाधिकारी के साथ तमाम प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी कुएं से और लोगों को निकालने में जुटे हैं।

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बुधवार, 16 फ़रवरी 2022

शोषित वंचित लोगों को यदि सम्मान और स्वाभिमान से जिंदगी जीना है तो निजीकरण का विरोध करना होगा

भारतीय जनता पार्टी ने निजीकरण का बढ़ावा देकर  देश और प्रदेश के नागरिकों के साथ धोखा किया है । निजी करण बहुत छोटी बात नहीं है क्योंकि निजी करण से यह देश सीमित भर लोगों के हाथों में बिक जाएगा और इस देश के नागरिक मुट्ठी भर लोगों के गुलाम बन कर रह जाएंगे जैसे कि 75 वर्ष पूर्व इस देश के लोगों ने देखा है । 
निजी करण देश को चंद प्रजापति औद्योगिक घरानों का गुलाम बनाने का बहुत बड़ी साजिश है , निजी करण को बहुत से पढ़े लिखे लोग हल्के में ले रहे हैं यह गुलामी का शिकंजा है जो धीरे-धीरे आपके गले को कसता ही जाएगा । सरकारी उपक्रम या सरकारी संस्थान के निजीकरण होने पर आम जनता का चुप रहना एक दिन पूरे देश को भारी पड़ेगा क्योंकि जब सारी स्कूल , सारे अस्पताल , सारे रेलवे स्टेशन , हवाई अड्डे ,बिजली , पानी , सड़क सब प्राइवेट हाथों में होगा तो आप देखेंगे कि तानाशाही क्या होती है ।

सरकार व सरकारी उपक्रमों का उद्देश होता है कम से कम कीमत में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक सेवा पहुंचाना जबकि प्राइवेट संस्थानों का उद्देश्य ही होता है कम से कम लागत में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाना ।

इसलिए आपको जागना होगा और अपने देश व देश के सामने संपत्तियों को बचाना होगा रेल को बचाना होगा ,सरकारी अस्पताल व शिक्षण संस्थानों को बचाना होगा , एलआईसी  , बीएसएनल , एयर इंडिया और पोस्ट ऑफिस को बचाना होगा , सरकारी कर्मचारियों को सरकारी विभागों को बचाना होगा क्योंकि मुसीबत में सरकारी विभाग ही काम आता है और कोई निजी विभाग काम नहीं आता जिसका उदाहरण आप ने हाल ही में देखा होगा ।

कितने प्राइवेट हॉस्पिटल कोविड-19 में निशुल्क अथवा न्यूनतम दरों पर इलाज कर रहे थे ? कितने प्राइवेट बसें मजदूरों श्रमिकों व छात्रों को ढो? रहे थे कितने प्राइवेट संस्थान व एनजीओ ग्राउंड पर उतरकर जनता की मदद कर रहे थे ?कौन सी प्राइवेट एयरलाइंस को कोरोना काल में भारत वासियों को एअरलिफ्ट कर रही थी ? तालिबानियों के बीच में घुसकर कितने प्राइवेट पायलट ने देशवासियों को निकाला ?सब जगह आपकी जान बचाने के लिए सरकारी संस्थाओं ने काम किया है ।

अतः सभी को निजी करण का विरोध करना चाहिए अन्यथा आने वाले समय में देश को कुछ ही उद्योगपति घराने चलाएंगे और ईस्ट इंडिया कंपनी वाला दौर फिर आ जाएगा । इस बार राजसत्ता हमारे रूप रंग से मिलते जुलते लोगों के हाथों में रहेगी । इसके अलावा राजनीतिक सत्ता मात्र दिखावे भर रह जाएगी । यह तथ्य निजीकरण के दीवाने मूर्ख नहीं समझ पा रहे हैं क्योंकि उनके दिमाग के साथ कुछ लोग खेल रहे हैं , आपके पास आगे अब दो ही रास्ते हैं या तो आप अंबानी अडानी जैसे बड़े उद्योगपति बन जाइए जो कि संभव नहीं है या फिर सार्वजनिक संस्थाओं को अतिक्रमण से बचाने के लिए आगे आइए ताकि गरीब और मध्यम वर्ग जी सके ।

 किसी पार्टी विशेष की सेवा भक्ति  राष्ट्र सेवा नहीं है ।देश में गरीबी ,भुखमरी , बेरोजगारी ,भ्रष्टाचार का जिम्मेदार चंद पूंजीपति  हैं इस को ध्यान में रखते हुए हम सभी को अपने अपने जगह पर इससे निपटने के लिए रणनीति तैयार करने की जरूरत है । अन्यथा आजादी के साढ़े दशक बीत जाने के बाद भी भारत की जनता मुट्ठी भर लोगों की गुलामी झेलने के लिए सिर झुकाए खड़ी रहेगी । 
इस लिए इस देश के शोषित वंचित लोगों , गरीबों ,बेरोजगारों , पिछड़ों एवं किसानों को यदि सम्मान और स्वाभिमान से जिंदगी जीना है तो निजीकरण का विरोध  करना होगा ।

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मंगलवार, 15 फ़रवरी 2022

बस्ती में पांच दावेदारों का विधायक बनने का सपना हुआ चकनाचूर ,पर्चा रद्द

बस्ती: विधायक बनने की आस लगाए पांच दावेदारों को बड़ा झटका लगा है हरैया विधानसभा के आरो अमृतपाल कौर ने वैध कागजात न होने की वजह से 5 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र रद्द कर दिए हैं। लोक दल के छक्कन राम, निर्दल प्रत्याशी राम शिरोमणि,कैलाश निर्दल, सत्यपाल निर्दल, जय गुरुदेव राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी के पर्चे रद्द कर दिए गए हैं।

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रविवार, 13 फ़रवरी 2022

बस्ती के पांचों विधानसभा से 59 प्रत्याशियों ने ठोंकी ताल , जानिए सबका नाम और दल

बस्ती- नामांकन का समयनखत्म होने के साथ ही जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर मुकाबले की तस्वीर भी साफ हो गई है । सदर विधानसभा सीट पर 11, हर्रैया व रुधौली विधानसभा क्षेत्र से 14-14, कप्तानगंज में 12 व महादेवा विधानसभा सीट से आठ समेत कुल 59 उम्मीदवारों ने ताल ठोंकी है। 

रुधौली विधानसभा क्षेत्र
- संगीता देवी, भाजपा
- राजेंद्र प्रसाद चौधरी, सपा
- अशोक मिश्रा, बसपा
- बसंत चौधरी, कांग्रेस
- पुष्करादित्य सिंह, आम आदमी पार्टी
- महफूज अली, पीस पार्टी
- जय गोविंद पांडेय, अखिल भारतीय सोशलिस्ट पार्टी
- नीलम, लोग पार्टी
- निहालुद्दीन, एआईएमआईएम
- लक्ष्मीकांत भट्ट, निर्दलीय
- प्रेम कुमार, निर्दलीय
- कय्यूम, अटल जनशक्ति पार्टी
- सुनील कुमार, निर्दलीय
- अजय प्रताप, निर्दलीय

कहां से कौन है उम्मीदवार
सदर विधानसभा क्षेत्र
- दयाराम चौधरी, भाजपा
- महेंद्र नाथ यादव, सपा
- आलोक रंजन वर्मा, बसपा
- देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव, कांग्रेस
- रमेश कुमार सिंह, आम आदमी पार्टी
- राम प्रसाद, जनहित किसान पार्टी
- बबीता शुक्ला, निर्दलीय
- अंबरीश देव गुप्ता सोनू, भारत महापरिवार पार्टी
- प्रदीप कुमार, बहुजन मुक्ति पार्टी
- ज्ञान प्रकाश तिवारी, अटल जनशक्ति पार्टी
- अबराबुल हक, आजाद समाज पार्टी

हर्रैया विधानसभा क्षेत्र
- अजय कुमार सिंह, भाजपा
- त्रयंबक नाथ पाठक, सपा
- राज किशोर सिंह, बसपा
- लबोनी सिंह, कांग्रेस
- सुरेश कुमार सिंह, आम आदमी पार्टी
- जयगुरु देव, राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी
- आद्याशरण चौधरी, शोषित समाज दल
- शशि पाल, निर्दलीय
- श्रवण कुमार, निर्दलीय
- चंद्रमणि पांडेय सुदामा, निर्दलीय
- छक्कन राम, लोकदल
- दीप कुमार, विकासशील इंसान पार्टी
- कैलाश, निर्दलीय
- रामशिरोमणि, निर्दलीय

कप्तानगंज विधानसभा क्षेत्र
- सीए सीपी शुक्ला, भाजपा
- अतुल चौधरी कवींद्र, सपा
- जहीर अहमद, बसपा
- अंबिका सिंह, कांग्रेस
- संजय कुमार, आम आदमी पार्टी
- सुनील, जन अधिकार पार्टी
- दिगिवजय सिंह, निर्दलीय
- रामजी, निर्दलीय
- हृदयराम, बहुजन मुक्ति पार्टी
- ओम प्रकाश, अटल जनशक्ति पार्टी
- लछिमन, लोग पार्टी
- कपिलदेव, निर्दलीय

महादेवा सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र
- रवि सोनकर, भाजपा
- लक्ष्मी चंद्र खरवार, बसपा
- बृजेश कुमार, कांग्रेस
- सुरेश, आम आदमी पार्टी
- पूर्णिमा गौतम, जन अधिकार पार्टी
- दूधराम, सुभासपा
- विजय विक्रम आर्य, सुभासपा
- रामकरन, बहुजन मुक्ति पार्टी

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शनिवार, 12 फ़रवरी 2022

उत्तर प्रदेश में सोमवार से खुलेंगे एक से 12वीं तक के सभी स्कूल

UP: उत्तर प्रदेश में कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ गई है. ऐसे में स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला लिया गया है. लिहाजा सोमवार से यूपी के सभी स्कूल खुल जाएंगे. स्कूलों में एक बार फिर से पढ़ाई की घंटी बजेगी. हालांकि स्टूडेंट्स को कोरोना के नियमों का पालन करना होगा.

बता दें कि अब जैसे-जैसे कोरोना के केस कम होते जा रहे हैं, वैसे स्कूल भी पटरी पर लौटने लगे हैं. क्योंकि यूपी के अलावा दिल्ली में भी पिछले सोमवार यानी 7 फरवरी से स्कूल खुल गए हैं. हालांकि अभी दिल्ली में अभी 9वीं से 12वीं कक्षा तक के स्कूल ही खोले गए हैं.

इसके पीछे की वजह ये है कि दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया था कि 7 फरवरी से 9वीं से 12वीं कक्षा तक के स्कूल खोले जाएं, जबकि नर्सरी से 8वीं क्लास तक के स्कूल 14 फरवरी से खोले जाएं. इसके साथ ही ऑनलाइन क्लासेस भी जारी रहेंगी. वहीं उत्तर प्रदेश में सोमवार (14 फरवरी) से 1 से 12वीं कक्षा तक के स्कूल खोलने का फैसला लिया गया है. 


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शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2022

बस्ती- साइकिल से चलने वाले जज साहब ने हर्रैया विधानसभा से किया नामांकन

बस्ती-  पूर्व अपर जिला जज आघ्या शरण चौधरी ने बृहस्पतिवार को शोषित समाज दल से हर्रैया विधानसभा से पर्चा दाखिल किया। उन्होंने अपनी प्राथमिकता में किफायती पैसे में चुनाव लड़ना तथा विधानसभा का अधिक से अधिक विकास बताया है। जिले में साइकिल वाले जज के नाम से मशहूर  प्रत्याशी श्री चौधरी ने बताया आज के नेता जहां बड़ी बड़ी गाड़ियों से अपना प्रचार-प्रसार करते है वहीं पर हम साइकिल से अपना प्रचार-प्रसार करेंगे। इससे प्रदूषण कम होगा तथा  जनता के टैक्स से जो नेता लंबी-लंबी गाड़ियों से घूम रहे है उसके दुरपयोग को रोका जाएगा । श्री चौधरी ने कहा कि जब तक देश की जनता पैदल घूम रही है तब तक नेताओं को  हवा में उड़ने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम आमजनमानस के साथ उनकी परिस्थितियों में रहकर उनके समस्याओं को बखूबी समझ सकते है। अब जनता को सहानुभूति की नही समानुभूति की जरुरत है।

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बुधवार, 9 फ़रवरी 2022

नकली वादों से नही स्पष्ट नीतियों से होगा रुधौली विधान सभा का विकास -बसंत चौधरी

बस्ती -रुधौली विधानसभा क्षेत्र के अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता बसंत चौधरी ने कहा कि जनता ने यदि मौका दिया तो विधानसभा में रोजगार के अवसर बड़े पैमाने पर पैदा होंगे । उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी कांग्रेस पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया है जिसमें प्रदेश में सरकार बनने के बाद घोषणा पत्र में किये गए वादों पर काम किया जाएगा । उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त हमारा खुद का भी अपना विजन है जिसके जरिये रुधौली विधानसभा के युवाओं, बेरोजगारों एवं किसानों को बड़े पैमाने पर रोजगार से जोड़ा जाएगा एवं नौकरी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि वे रुधौली विधानसभा क्षेत्र के पचमोहनी में एक लाख लीटर क्षमता का डेयरी उद्योग लगाने जा रहे हैं जिसके माध्यम से 280 दूध कलेक्शन एवं 600 दूध पार्लर खोले जाएंगे जिसके जरिये पहले चरण में 5 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी एवं किसानों को बड़े स्तर पर रोजगार करने का माध्यम मिलेगा ।
उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि रुधौली विधानसभा रोजगार का हब बनेगा एवं क्षेत्र में आर्थिक क्रांति पैदा होगी । उन्होंने बताया कि युवाओं को रोजगार से जोड़ने एवं नौकरी करने योग्य क्षमता विकसित करने के लिए विधानसभा में कम्प्यूटर एजुकेशन एकेडमी की स्थापना की जाएगी जिसके जरिये प्रति वर्ष 6000 लोगों को नौकरी करने योग्य तैयार किया जाएगा जिसमें से 1200 लोगों को नौकरी वह स्वयं देंगे ।

बसंत चौधरी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि क्षेत्र के युवाओं एवं किसानों को अच्छे रास्ते की जरूरत है जिसके जरिये वह स्वयं अपने विकास का मंजिल प्राप्त कर सकें इसके लिए अच्छे मार्गदर्शन एवं उचित सुविधाओं को प्रदान करने की जरूरत है । उन्होंने बताया कि रुधौली विधानसभा में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए वह रेडीमेड कपड़ों की पैकिंग के लिए एक बड़ी इकाई शुरू करने जा रहे हैं जिसमें 2000 महिलाओं को नौकरी मिलेगी ।बसंत चौधरी ने कहा कि चुनाव के वक्त जाती धर्म एवं झूठे वादे को दरकिनार कर आप लोग कांग्रेस पार्टी को वोट करें जिससे क्षेत्र के विकास में प्रगति आये। 

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अनुप्रिया पटेल का बड़ा कदम, मां कृष्णा पटेल के खिलाफ नहीं उतारेंगी प्रत्याशी, भाजपा को वापस की प्रतापगढ़ सदर सीट

प्रदेश में भाजपा-सपा के बीच छिड़ी चुनावी जंग के बीच प्रतापगढ़ की सदर सीट पर मां-बेटी के रिश्ते के आगे सारी सियासत धरी रह गई। सदर सीट से सपा की सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल के नामांकन करते ही केंद्रीय मंत्री व अपना दल (एस) की मुखिया अनुप्रिया पटेल ने गठबंधन के कोटे से मिली इस सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा और प्रतापगढ़ की सदर सीट भाजपा को वापस कर दी।

भाजपा से गठबंधन होने के बाद से ही प्रतापगढ़ सदर सीट अपना दल (एस) को मिलती रही। 2017 में यहां अपना दल से संगमलाल गुप्ता विधायक बने। 2019 में संगमलाल के सांसद बनने के बाद उपचुनाव में फिर अपना दल (एस) से राजकुमार पाल यहां से विधायक बने। इस बार भी भाजपा ने यह सीट अपना दल (एस) के कोटे में दी थी लेकिन माता के चुनाव लड़ने से बेटी अनुप्रिया ने यह टिकट भाजपा को वापस कर दी है ।

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मंगलवार, 8 फ़रवरी 2022

सपा ने 10 प्रत्याशियों की नई सूची किया जारी ,बस्ती सदर और रुधौली का टिकट फाइनल

up vidhansambha chunaw sp समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने 10 और प्रत्याशी की घोषणा कर दिया है 10 सीटों पर किए गए प्रत्याशियों की घोषणा में समाजवादी पार्टी ने बस्ती जनपद के सदर विधानसभा एवं रुधौली विधानसभा की सीटों का भी घोषणा की है बस्ती सदर से महेंद्र नाथ यादव को उम्मीदवार बनाया गया है वहीं रुधौली विधानसभा से राजेंद्र प्रसाद चौधरी को प्रत्याशी घोषित किया गया है ।

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बेबुनियाद ,तर्कहीन और झूठ के सहारे चल रही है योगी आदित्यनाथ की सरकार

सौरभ वीपी वर्मा
क्या 5 साल में उन्होंने टेक्नोलॉजी और उभरते हुए उत्तर प्रदेश को शिखर पर पहुंचाने के लिए कोई काम किया है ? क्या उत्तर प्रदेश में अच्छी सड़कें , रोजगार शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए कोई बड़ा कदम उठाया है ? इन सब सवालों का जवाब ढूंढने यूपी के गांवों में चले जाइये तो पता चलेगा कि बाबा योगी आदित्यनाथ ने बुलडोजर ,गाय , गुंडा , बदमाश , की रटी रटाई भाषा बोलने के साथ पिछली सरकारों के कामकाजों पर सवाल उठाने के अलावा और कुछ नही किया है। 

उत्तर प्रदेश एक बहुत बड़ा बाजार है जंहा के नागरिक सबसे ज्यादा टैक्स और श्रम देते हैं और इन्ही टैक्सदाताओं के पैसे से भारतीय जनता पार्टी की सरकार दिया , अगरबत्ती ,पार्टियों की रैली , अपने विज्ञापन और अपने ऐशो आराम पर सबसे ज्यादा पैसा खर्च कर रही है । इसके बदले यहां के नागरिक को क्या मिल रहा कमसे कम बुद्धजीवी वर्ग को इसकी समीक्षा करनी चाहिए ।

इस प्रदेश में टेक्नोलॉजी  ,मूल्य परक शिक्षा ,रोजगार के इकाई ,मेडिकल संसाधन ,स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यापक पैमाने पर बढ़ाने की जरूरत है न कि बेबुनियाद मुद्दों पर बहस की और ये काम बाबा योगी आदित्यनाथ नही कर सकते हैं । यह केवल झूठ और बेबुनियाद मुद्दे पर काम करते हुए  यूपी के मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने के लिए जाने जाएंगे।

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बस्ती-आखिर किसकी शह पर हो रहा है एफसीआई के गोदाम पर राशन की बोरियों से चोरी

बस्ती -असनहरा स्थिति एफसीआई के गोदाम पर गरीबों के राशन में हो रहा सेंधमारी , विपणन अधिकारी की मिलीभगत से लाखों रुपये का राशन बोरियों से हो रहा चोरी।

पढ़ें समीक्षात्मक रिपोर्ट
सौरभ वीपी वर्मा

सरकारी अनाज के गोदामों में घटतौली का ऐसा खेल खेला जा रहा है कि ऊपर की कुर्सी पर बैठे जिम्मेदार आकाओं को भी यह खेल समझ में नही आ रहा है ।गोदाम द्वारा सरकारी गल्ले की दुकान पर दी जाने वाली राशन की बोरियों में कम तौल के चलते कोटेदार और लाभार्थी दोनों ही परेशान हैं । घटतौली और कम यूनिट पर अनाज मिलने की मिल रही सूचना के आधार पर इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि गोदाम द्वारा राशन की बोरियों में सेंधमारी की जाती है इसलिए इस घाटे को पूरा करने के लिए उपभोक्ता को बांटे जा रहे राशन में खेल होता है। जबकि सच यह है कि लाभार्थी तक पूरा राशन पहुंचाने के लिए जरूरी है कि कोटेदारों को भी पूरा राशन मिले और उनकी दुकान तक राशन भी पहुंचे, लेकिन जिले में ऐसा नहीं हो रहा है। कोटेदार अपने घाटा को पूरा करने के लिए लाभार्थियों के हिस्से का अनाज डकार रहे हैं ।

तहकीकात समाचार द्वारा जनपद के रामनगर ब्लाक के 1 दर्जन कोटे की दुकान पर पहुंच कर कोटेदारों से बात चीत की गई गई जिसमें कोटेदारों ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि वह लोग असनहरा स्थिति  गोदाम से अनाज उठाते हैं । कोटेदारों ने बताया कि एक बोरी में उन्हें साढ़े 51 किलो ग्राम चावल या गेहूं का उठान दिया जाता है लेकिन उन्हें 45 से 46 किलो राशन ही मिलता है । 
कोटेदारों से बात चीत करने पर जानकारी मिली कि गोदाम पर राशन तौल कर मिलना चाहिए लेकिन गोदाम प्रभारी द्वारा बोरी के हिसाब से राशन दिया जाता है ,जब राशन को तौल करने की बात कही जाती है कि तो इनकार कर दिया जाता है । कोटेदारों ने बताया कि प्रति 100 बोरी में 4 से 5 क्विंटल राशन कम हो जाता है जिसके चलते उन्हें कार्ड धारकों के साथ घटतौली या निर्धारित दाम से ज्यादा पर राशन देने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

कोटेदारों ने अपनी पीड़ा को साझा करते हुए बताया कि 70 पैसा प्रति किलोग्राम से उन्हें कमीशन मिलता है इसके अलावा न तो किराया मिलता है और न ही राशन को लादने और उतरवाने का खर्चा । कोटेदारों ने बताया कि राशन ढोने के लिए किराए की व्यवस्था उन्हें ही करना पड़ता है।
                प्रतीकात्मक तस्वीर

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सोमवार, 7 फ़रवरी 2022

बस्ती- बीजेपी ने सभी प्रत्याशियों की सूची किया जारी ,जानिए अन्य दलों के प्रत्याशियों का नाम

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने बस्ती जनपद के पांचों सीटों पर अपने उम्मीदवार को घोषणा कर दी है इसके पहले चार सीटों की सूची जारी हुई थी जिसमें रुधौली विधानसभा में उम्मीदवार का नाम नही था पार्टी ने संजय प्रताप जायसवाल की पत्नी संगीता जायसवाल को उम्मीदवार घोषित किया है । वहीं बस्ती सदर से दयाराम चौधरी ,हरैया से अजय सिंह ,महादेवा से रवि सोनकर एवं कप्तानगंज से सीपी शुक्ला को टिकट मिला है । 
अन्य दलों की बात करें तो बहुजन समाज पार्टी ने अपने सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है । जिसमें रुधौली से अशोक कुमार मिश्रा ,बस्ती सदर से आलोक रंजन ,हरैया से राजकिशोर सिंह ,कप्तानगंज से जहीर अहमद ,एवं महादेवा से लक्ष्मीचंद्र खरवार उम्मीदवार घोषित हुए
 हैं।

कांग्रेस की बात करें तो रुधौली से बसंत चौधरी और बस्ती सदर सीट से देवेंद्र श्रीवास्तव को पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया है  

समाजवादी पार्टी ने बस्ती के पांचों सीटों की सूची अभी तक जारी नही की है । कप्तानगंज से अतुल चौधरी का नाम आ चुका है।

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रविवार, 6 फ़रवरी 2022

अभी कोहरे की चपेट में रहेगा उत्तर भारत ,जानिए 13 राज्यों में मौसम का हाल

Weather Updates today: दिल्ली-NCR सहित पूरे उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप जारी है. मौसम विभाग के मुताबिक, आज दिल्ली का न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. अगले तीन दिन बाद यानि 9 फरवरी को हल्की बारिश की संभावना है. इस वजह से तापमान में गिरावट दर्ज हो सकती है.

अगले 4 दिनों के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश और ओडिशा में सुबह और रात में घना कोहरा छाए रहने का अनुमान है. वहीं अगले 2 दिनों के दौरान हिमाचल प्रदेश, उत्तरी राजस्थान, बिहार, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कई इलाके कोहरे की चपेट में रहेंगे. 

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शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

ऑपरेशन लूटपाट - गरीबों के गल्ले पर जिम्मेदारों का डाका , रामनगर ब्लॉक में हर महीने लाखों की चोरी

सौरभ वीपी वर्मा

सरकारी अनाज के गोदामों में घटतौली का ऐसा खेल खेला जा रहा है कि ऊपर की कुर्सी पर बैठे जिम्मेदार आकाओं को भी यह खेल समझ में नही आ रहा है ।गोदाम द्वारा सरकारी गल्ले की दुकान पर दी जाने वाली राशन की बोरियों में कम तौल के चलते कोटेदार और लाभार्थी दोनों ही परेशान हैं । घटतौली और कम यूनिट पर अनाज मिलने की मिल रही सूचना के आधार पर इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि गोदाम द्वारा राशन की बोरियों में सेंधमारी की जाती है इसलिए इस घाटे को पूरा करने के लिए उपभोक्ता को बांटे जा रहे राशन में खेल होता है। जबकि सच यह है कि लाभार्थी तक पूरा राशन पहुंचाने के लिए जरूरी है कि कोटेदारों को भी पूरा राशन मिले और उनकी दुकान तक राशन भी पहुंचे, लेकिन जिले में ऐसा नहीं हो रहा है। कोटेदार अपने घाटा को पूरा करने के लिए लाभार्थियों के हिस्से का अनाज डकार रहे हैं ।

तहकीकात समाचार द्वारा जनपद के रामनगर ब्लाक के 1 दर्जन कोटे की दुकान पर पहुंच कर कोटेदारों से बात चीत की गई गई जिसमें कोटेदारों ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि वह लोग असनहरा स्थिति  गोदाम से अनाज उठाते हैं । कोटेदारों ने बताया कि एक बोरी में उन्हें साढ़े 51 किलो ग्राम चावल या गेहूं का उठान दिया जाता है लेकिन उन्हें 45 से 46 किलो राशन ही मिलता है । 
कोटेदारों से बात चीत करने पर जानकारी मिली कि गोदाम पर राशन तौल कर मिलना चाहिए लेकिन गोदाम प्रभारी द्वारा बोरी के हिसाब से राशन दिया जाता है ,जब राशन को तौल करने की बात कही जाती है कि तो इनकार कर दिया जाता है । कोटेदारों ने बताया कि प्रति 100 बोरी में 4 से 5 क्विंटल राशन कम हो जाता है जिसके चलते उन्हें कार्ड धारकों के साथ घटतौली या निर्धारित दाम से ज्यादा पर राशन देने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

कोटेदारों ने अपनी पीड़ा को साझा करते हुए बताया कि 70 पैसा प्रति किलोग्राम से उन्हें कमीशन मिलता है इसके अलावा न तो किराया मिलता है और न ही राशन को लादने और उतरवाने का खर्चा । कोटेदारों ने बताया कि राशन ढोने के लिए किराए की व्यवस्था उन्हें ही करना पड़ता है।

इस संबंध में विपणन अधिकारी असनहरा माधुरी पाठक से फोन पर बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नही दिया गया।

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2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिला था साढ़े तीन करोड़ वोट ,जानिए किसे क्या मिला

सौरभ वीपी वर्मा
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बज चुका है और 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान भी होना है 10 मार्च को एक साथ प्रदेश के सभी चरणों का मतगणना कराया जाएगा । आपको बता दें कि इस वक्त उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है जिसे वर्ष 2017 के चुनाव में 3,44,03,299 मिले थे । भाजपा को 312 सीटें मिली थी ।
वही समाजवादी पार्टी को 1,89,23,769 वोट प्राप्त हुआ था और प्रदेश में सपा को 47 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि बहुजन समाजवादी पार्टी की बात करें तो उसे सपा से ज्यादा वोट मिले थे लेकिन 1,92,81,340 वोट पाकर बसपा को मात्र 19 सीटें ही मिली थी।

2017 के चुनाव में कांग्रेस की बात करें तो उसे 54,16,540 मत प्राप्त हुए थे और कांग्रेस को सपा के गठबंधन के साथ कुल 7 सीटें मिली थी । राष्ट्रीय लोक दल को इस चुनाव में 15,45,811मत प्राप्त हुए थे और उसे 1 सीट पर जीत हासिल हुई थी ।

वहीं अपना दल की बात करें तो पार्टी को 8,51,336 वोट मिले थे भाजपा के साथ गठबंधन में पार्टी से 9 सीटों पर जीत हासिल हुई थी  । सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को 6,07,911 मत प्राप्त हुए थे पार्टी से 4 विधायक चुनाव जीते थे। 

निषाद पार्टी को 5,40,939 वोट मिले थे वहीं 22,29,453 वोट निर्दलीय उम्मीदवार को मिलने के साथ 7,57,643 वोट नोटा को मिला था।


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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में 1800 साल पुरानी बौद्ध कलाकृतियां मिलीं

पेशावर : पाकिस्तान में पुरातत्वविदों ने देश के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में 1800 साल पुरानी 400 से अधिक बहुमूल्य बौद्ध कलाकृतियों की खोज की है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. खैबर पख्तूनख्वा के स्वाबी जिले के बाबू धेरी गांव में बौद्ध स्तूप सहित 400 विभिन्न कलाकृतियां मिली हैं. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पुरातत्व विभाग के निदेशक डॉ अब्दुस समद ने बताया, ‘‘पुरातत्वविदों ने खुदाई के दौरान बौद्ध काल की 1800 साल पुरानी ऐतिहासिक कलाकृतियों की खोज की है.

उन्होंने कहा कि खुदाई का काम छह महीने पहले शुरू हुआ था और पुरातत्व विभाग ने अब कलाकृतियों के संरक्षण और इस क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों के लिए इसे खोलने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. हाल के दिनों में खैबर पख्तूनख्वा में ऐसी कई पुरातात्विक खोज हुई हैं. पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तानी और इतालवी पुरातत्वविदों की एक संयुक्त उत्खनन टीम ने बौद्ध काल के 2,300 साल पुराने मेहराबनुमा मंदिर और कुछ अन्य बहुमूल्य कलाकृतियों की खोज की. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्वात जिले के बजीरा शहर में की गई खोज को पाकिस्तान में बौद्ध काल का सबसे पुराना मंदिर बताया गया था.


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बुधवार, 2 फ़रवरी 2022

मुझे सवर्णों की राजनीतिक हलवाही नहीं करनी है : बाबू जगदेव प्रसाद

आजादी के बाद खासकर उत्तर भारत में गरीबों-वंचितों के मुद्दों को राजनीति के केंद्र में लाने वाले राजनेताओं में जगदेव प्रसाद का नाम प्रमुख है। उन्हें बिहार का लेनिन कहा जाता हैl

राममनोहर लोहिया के नारे पिछड़ा पावे सौ में साठ के नारे का विस्तार कर जगदेव प्रसाद ने नब्बे बनाम दस का नारा दिया था। वे दलितों-पिछड़ों के बड़े नेता थे। वे बिहार सरकार में तीन बार मंत्री रहे और एक समय मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार भी थे। लेकिन बहुत कम लोग इस तथ्य से परिचित होगें कि उन्हें अपने व्यक्तिगत जीवन में किस तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़़ा था। यहां तक कि एक समय उनके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि सुई-धागा तक खरीद सकें।

शिक्षा सिर्फ पढ़ने-लिखने की काबिलियत ही नहीं देती, बल्कि वह सोचने-समझने की क्षमता भी बढ़ती है। शिक्षित आदमी समाज को नयी दृष्टि से देखता है, समाज की वास्तविक समस्याओं को समझता है और उनके समाधान भी सुझाता है। फिर इसी से  समतावादी समाज की अवधारणा का निर्माण होता है। हमारे देश को औपनिवेशिक गुलामी से आजाद हुए बेशक सात दशक से अधिक समय बीत चुका है लेकिन अभी भी शासन और प्रशासन में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की भागीदारी समानुपातिक नहीं है। असली समस्या यह है कि बहुजनों के पास चिन्तकों की कमी है. और जो हैं उन्हें यह समाज अपने पिछड़ेपन की वजह से नहीं पहचान पाता और तवज्जो नहीं देता। इसका मूल कारण एक ही है – शिक्षा से वंचित होना। और वंचित करने वाला इस देश का ब्राह्मण और सवर्ण समाज है। इसकी वजह यह कि वंचित तबकों में राजनेता जरूर हुए लेकिन सबकी अपनी सीमा रही। परंतु, भारत के लेनिन जगदेव प्रसाद इसके अपवाद थे। डॉ. आंबेडकर के बाद वे ऐसे चिंतक के रूप में सामने आए जिन्होंने राजनीतिक सत्ता से अधिक सामाजिक और सांस्कृतिक सत्ता पर अधिकार की बात कही।

जगदेव प्रसाद सबसे अधिक जोर शिक्षा पर देते थे। उनका कहना था कि शिक्षा पर सबका बराबर का अधिकार है। चाहे वह स्टूडेंट्स के रूप में हो या शिक्षक के रूप में। उनका सपना शिक्षा का सर्वव्यापीकरण और जनतंत्रीकरण था। उनके इस विचार के पीछे फुले दंपत्ति द्वारा 19वीं सदी में जलाई गई मशाल की रोशनी थी। यह अकारण नहीं था कि जब राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले स्कूल पढ़ाने जाती थी तब द्विज/ सवर्ण समाज उन पर गोबर और कीचड़ फेंकता था। और यह भी अकारण नहीं था कि जब अंग्रेजों ने शिक्षा को सार्वभौमिक करने की कोशिश की तब द्विज/ सवर्ण समाज ने उसका विरोध किया। 

जगदेव प्रसाद कहतें हैं कि “राष्ट्रीयता और देशभक्ति का पहला तकाजा है कि कल का भारत नब्बे प्रतिशत शोषितों का भारत बन जाए।”उनकी यह मांग सिर्फ सरकारी नौकरियों तक ही सीमित नहीं थी। उनकी मांग थी कि “सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता और निष्पक्ष प्रशासन के लिए सरकारी, अर्द्ध सरकारी और गैर-सरकारी नौकरियों में कम-से-कम 90 फीसदी जगह शोषितों के लिए सुरक्षित कर दी जाय।” 

मुझे सवर्णों की राजनीतिक हलवाही नहीं करनी है : 

जगदेव प्रसाद ने अपने जीवन मूल्यों को सबसे आगे रखा। न केवल व्यक्तिगत जीवन में बल्कि राजनीति में भी। जब कभी उन्हें लगा कि जिन मूल्यों के लिए वे राजनीति कर रहे हैं, उनका अनुपालन नहीं हो रहा है तब उन्होंने विद्रोह किया। मसलन, जब बिहार में पहली गैरकांग्रेसी सरकार महामाया प्रसाद सिन्हा के नेतृत्व में बनी और मंत्रिपरिषद में पिछड़े वर्ग के लोगों को अपेक्षित हिस्सेदारी नहीं दी गई जो कि सोशलिस्ट पार्टी के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं था, तब जगदेव प्रसाद ने लोहिया जी से इसकी शिकायत की। लेकिन जब उन्होंने भी हस्तक्षेप करने से इनकार किया, तब जगदेव प्रसाद ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ बिगुल फूंका। तब वे स्वयं कुर्था से विधायक थे। पार्टी के कुछ असंतुष्ट विधायकों को साथ लेकर उन्होंने पटना के ऐतिहासिक अंजुमन इस्लामिया हॉल में 25 अगस्त, 1967 को शोषित दल की स्थापना की। 

इसी मौके पर अपने संबोधन में जगदेव प्रसाद ने कहा था – “आज का हिन्दुस्तानी समाज साफ तौर पर दो भागों में बंटा हुआ है – दस प्रतिशत शोषक और नब्बे प्रतिशत शोषित।  दस प्रतिशत शोषक बनाम नब्बे प्रतिशत  शोषितों की इज्जत की लड़ाई हिन्दुस्तान में समाजवाद या वामपंथ  की असली लड़ाई है। उन्होंने यह भी कहा था- कि पिछड़े, दलित, आदिवासी और मुसलमानों की आबादी 90 प्रतिशत है। बाकी बचे हुए तथाकथित ऊंची जाति की आबादी 10 प्रतिशत। मैं केवल 90 प्रतिशत शोषितों के लिए राजनीति करता हूं।
जगदेव प्रसाद अपने विचारों के प्रति कितने प्रतिबद्ध थे, इसका पता इसी से चलता है कि उन्होंने साफ तौर पर घोषित कर रखा था – “ऊंची जाति वालों ने हमारे बाप-दादों से हलवाही करवाई है। मैं उनकी राजनीतिक हलवाही करने के लिए पैदा नहीं हुआ हूं।”

जगदेव प्रसाद भविष्य में होने वाले बदलावों को लेकर आश्वस्त थे। उन्होंने कहा था- “मैं आज सौ वर्षों की लड़ाई की नींव डाल रहा हूं। यह एक क्रांतिकारी पार्टी होगी। जिसमें आने और जाने वालों की कमी नहीं रहेगी। परंतु इसकी धारा रूकेगी नहीं। 

जगदेव प्रसाद बिहार की राजनीति के अगुआ नेता थे। उनके द्वारा स्थापित शोषित दल ने 1968 में ही सरकार बनाने में सफलता हासिल कर ली। सतीश प्रसाद सिंह ओबीसी समाज से आने वाले पहले मुख्यमंत्री बने। हालांकि राजनीतिक कारणों से यह फैसला लिया गया था और वे महज तीन दिन के लिए सीएम रहे। उनके बाद बी.पी. मंडल मुख्यमंत्री बने। वे भी ओबीसी समाज के ही थे। यह सब संभव हुआ जगदेव प्रसाद के नेतृत्व के कारण। 

बहरहाल, जगदेव प्रसाद की राजनीति केवल सत्ता पाने की राजनीति नहीं थी। वे समाज में आमूलचूल बदलाव चाहते थे। वे जाति व्यवस्था के विरोधी थे और हिंदू धर्म में पाखंड का खुलकर विरोध करते थे। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री रामस्वरूप वर्मा तब समाज दल का नेतृत्व करते थे और उन्होंने 1 जून, 1968 को अर्जक संघ की स्थापना की थी, जो ब्राह्म्णवाद को खारिज करता था और इसका उद्देश्य मानववाद को स्थापित करना था। जगदेव प्रसाद भी अर्जक संघ के विचारों को मानते थे। इन्हीं वैचारिक समानताओं के कारण 7 अगस्त, 1972 को दोनों नेताओं ने पटना में मिलकर शोषित समाज दल का गठन किया, जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष रामस्वरूप वर्मा और महामंत्री जगदेव प्रसाद चुने गए। 

इस बीच जगदेव प्रसाद बिहार की राजनीति को बपौती मानने वाले सामंती ताकतों की आंखों में कांटों की तरह चुभने लगे थे। वर्ष 1974 में इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ एक ओर जहां जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में संपूर्ण क्रांति का आंदोलन चल रहा था। वहीं जगदेव बाबू ने सात सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन चला रखा था। इसी क्रम में 5 सितंबर, 1974 को जगदेव प्रसाद कुर्था (तत्कालीन जिला गया और अब अरवल) प्रखंड कार्यालय पर हजारों किसानों मजदूरों के साथ दल की मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। तभी उन्हें एक साजिश के तहत गोली मारकर हत्या कर दी गई।

हत्यारों ने भले ही जगदेव प्रसाद की हत्या कर दी, लेकिन वे उनके विचारों की हत्या नहीं कर सके। आज भी उनका नारा बिहार के दलितों-पिछड़ों में जोश भर देता है- “सौ में नब्बे शोषित हैं, शोषितों ने ललकारा है। धन, धरती और राजपाट में नब्बे भाग हमारा है। दस का शासन नब्बे पर नहीं चलेगा – नहीं चलेगा।” यही वजह है कि जगदेव प्रसाद को याद करते समय उनके समर्थक मातम नहीं मनाते हैं, बल्कि हर वर्ष जयंती के मौके पर यानी 2 फरवरी को कुर्था प्रखंड कार्यालय में तीन दिनों का मेला लगाते हैं, जिसमें देश भर से लोग भाग लेते हैं ।

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बस्ती- स्वास्थ्य उप केंद्रों पर महिलाओं को नही मिल पाता माहवारी में इस्तेमाल होने वाला पैड

सौरभ वीपी वर्मा
भारत भर में स्वास्थ्य सुधार कार्यक्रम के लिए वर्ष 2005 में कांग्रेस सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की शुरुआत की गई जिसके माध्यम से 5000 की आबादी वाले देश के सभी ग्राम पंचायतों में प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया गया था । 
सरकार की मंशा थी कि भारत के गांवों में रहने वाले लोगों को उनके ही गांव में या पड़ोस में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा  मिले ताकि वह बीमारियों को समझ सकें और और स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले सकें लेकिन 2005 से लेकर 2022 का सफर तय हो चुका है परंतु आज तक स्वास्थ्य उप केंद्रों की स्थिति में कोई सुधार नही हो पाया।

वर्ष 2022 की बात करें तो स्वास्थ्य मिशन का बजट बढ़कर 37 हजार करोड़ रुपया हो चुका है लेकिन सही तो यह है इस बजट का दसवां हिस्सा ही नागरिकों के हित में पहुंच पाता है बाकी का धन बंदरबांट के जरिये विभागीय अधिकारियों और मंत्रियों के जेब में चला जाता है और ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के उद्देश्यों पर पानी फिर जाता है।

यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के अंतर्गत आने वाली एक ग्राम पंचायत परसा लंगड़ा गांव की है जहां की बड़ी आबादी स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में जीवन यापन करती हैं , महिलाओं को माहवारी की समस्या और महामारी से बचाने के लिए सराकर द्वार आशा बहुओं ,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के जरिये सेनेटरी पैड की जो व्यवस्था कराई जाती है वह 95 फीसदी महिलाओं को नही मिल पाता है । गांव की कुछ महिलाओं से बात चीत करने पर पता चला कि स्वास्थ्य उपकेंद्र द्वारा किसी भी प्रकार का स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नही मिल पाता है ,महिलाओं ने बताया कि उन्हें माहवारी में इस्तेमाल होने वाला पैड भी मुहैया नही कराया जाता है ।

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भाजपा में शामिल होने के बाद भी लखनऊ से आउट हो गईं अपर्णा यादव

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने मंगलवार को उम्मीदवारों की नौंवी लिस्ट जारी की है. इसमें 17 उम्मीदवारों के नाम शामिल किए गए हैं. लखनऊ की सभी 9 सीटों पर भी उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया गया है. पार्टी ने अब तक 215 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है.समाजवादी पार्टी के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव और भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी दोनों को ही टिकट नहीं दिया गया है. वहीं अब भी करीब 50 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होनी बाकी है. मंत्री स्वाति सिंह का इस बार टिकट काटा गया है. उनकी जगह ईडी के पूर्व अधिकारी राजेश्वर सिंह को सरोजिनी नगर से उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं स्वाति सिंह के पति को भी टिकट नहीं दिया गया है. दोनों ही पार्टी से टिकट की मांग कर रहे थे. 

बीजेपी द्वारा जारी नई लिस्ट के अनुसार महोली से शशांक त्रिवेदी, सिधौली (अजा) से मनीष रावत, भगवन्तनगर से आशुतोष शुक्ला, सीतापुर सीट से राकेश राठौर गुरु, मलिहाबाद (अजा) से जया देवी, सरोजनी नगर से राजेश्वर सिंह, बक्शी का तलब से योगेश शुक्ला, लखनऊ पश्चिम से अंजनी श्रीवास्तव, लखनऊ उत्तर से डॉ.नीरज बोरा, लखनऊ पूर्व से आशुतोष टंडन “गोपाल”, लखनऊ मध्य से रजनीश गुप्ता, लखनऊ कैंट से बृजेश पाठक, मोहनलालगंज (अजा) से अमरेश कुमार, ऊंचाहार से अमरपाल मौर्य, गौरीगंज से चंद्रप्रकाश मिश्रा मटियारी, जहानाबाद सीट से राजेंद्र पटेल और चित्रकूट सीट से पार्टी ने चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय को टिकट दिया है.

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मंगलवार, 1 फ़रवरी 2022

छठे चरण में 10 जिलों के 56 सीटों पर होगा मतदान ,जानिए कहां पड़ेगा वोट

उत्तर प्रदेश में सात चरणों में होने वाला यूपी विधानसभा चुनाव छठे चरण में 56 सीटों पर होगा। तीन मार्च को 10 जिलों में वोट डाले जाएंगे। छठे चरण में बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, संतकबीर नगर, बस्ती, अंबेडकर नगर, देवरिया, बलिया में वोटिंग होगी। छठे चरण के चुनाव के लिए चार फरवरी को अधिसूचना जारी की जाएगी। 11 फरवरी को नामांकन और 14 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी। सभी चरणों की 10 मार्च को मतगणना की जाएगी। 

इन 56 विधानसभा में होंगे छठे चरण का चुनाव 

कटेहारी, टांडा, अलापुर (एससी), जलालपुर, अकबरपुर, तुलसीपुर, गैंसड़ी , उतरौला, बलरामपुर (एससी), शोहरतगढ़, कपिलवस्तु (एससी), बांसी , इटवा, डुमरियागंज, हरैया, कप्तानगंज, रुधौली, बस्ती सदर , महादेवा (एससी),  मेंहदावल , खलीलाबाद, धनघटा (एससी), फरेंदा, नौतनवा, सिसवा, महाराजगंज (एससी), पनियरा, कैम्पियरगंज, पिपराइच, गोरखपुर अर्बन, गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवा, खजनी (एससी), चौरी-चौरा, बांसगांव (एससी), चिल्लूपार, खड्डा, पडरौना, तमकुही राज, फाजिलनगर, कुशीनगर,  हाटा, रामकोला (एससी), रुद्रपुर, देवरिया, पथरदेवा, रामपुर कारखाना, भाटपार रानी, सलेमपुर (एससी), बरहज , बेलथरा रोड (एससी), रसरस, सिकंदरपुर, फेफाना, बलिया नगर, बांसडीह, बैरिया।


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