रविवार, 31 अक्टूबर 2021

पटेल स्मारक संस्थान में मनाई गई लौह पुरुष की जयंती

 बस्ती. आज सरदार पटेल स्मारक संस्थान में लौह पुरुष की 146 वीं जयंती धूम धाम से मनाई गई। सबसे पहले कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व ब्लाक प्रमुख धर्मदेव चौधरी तथा विशिष्ट अतिथि डा. वी. के. वर्मा, डा. राजेन्द्र प्रसाद तथा शिवपूजन चौधरी रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेमनाथ चौधरी तथा संचालन डा. सुरेन्द्र चौधरी ने किया।

 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने पटेल के व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि डा. वी. के. वर्मा ने पटेल को भारत का विस्मार्क बताते हुए उनके देश के एकीकरण में योगदान की चर्चा की। कार्यक्रम को शिवपूजन चौधरी, राजेश कुमार निराला, जयंत चौधरी, नीरज वर्मा, आर. के. सिंह पटेल, अवनि कुमार पटेल, विजयरंजन, नरसिंह पटेल अज्ञानी, शीतला पटेल, पी. सी. सिंह पटेल, सुभाष चौधरी, गिरिजेश चौधरी आदि ने संबोधित किया।

 कार्यक्रम में परशुराम चौधरी, राजीव चौधरी, रामशिरोमणि चौधरी, वीरेंद्र चौधरी, रामकमल वर्मा, नितराम चौधरी, विघासागर, प्रह्लाद चौधरी, आज्ञाराम चौधरी, गिरिजाशंकर चौधरी आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रेमनाथ चौधरी ने अंत में सभी उपस्थित लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार व्यक्त किया।

लेबल:

राकेश टिकैत ने कहा किसानों को जबरन हटाया तो सरकारी कार्यालयों को गल्ला मंडी में कर देंगे तब्दील

नई दिल्ली : किसान नेता राकेश टिकैत ( Rakesh Tikait) ने कहा है कि अगर किसानों  को जबरन हटाने की कोशिश की गई तो सरकारी कार्यालयों को हम गल्ला मंडी (galla mandi)में तब्दील कर देंगे. दिल्ली के गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर (Ghazipur,Tikri border)  से बैरीकेड हटाए जाने और रास्ता पूरी तरह खोले जाने को लेकर किसान नेताओं और पुलिस प्रशासन के बीच गतिरोध के बीच राकेश टिकैत ने ये चेतावनी दी है. टिकैत ने अपने परंपरागत अंदाज पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा, अगर किसानों को जबरदस्ती हटाया गया तो हम सरकारी ऑफिसों को अनाज मंडी बना देंगे.

टिकैत ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि प्रशासन जेसीबी के जरिये प्रदर्शनकारी किसानों के टेंट हटाने की तैयारी कर रहा है. अगर वो ऐसा करते हैं तो किसान अपने टेंट पुलिस स्टेशन में लगा देंगे.


लेबल:

शनिवार, 30 अक्टूबर 2021

उद्योगपतियों के प्रधानमंत्री हैं नरेंद्र मोदी ,इतिहास के पन्नों में नहीं बन पाएंगे महान

सौरभ वीपी वर्मा
भारतीय जनता पार्टी की सरकार में जिस तरह से निजीकरण का काम किया जा रहा है उसको लेकर के इस देश के नागरिकों में ही नहीं बल्कि उन कर्मचारियों की खुशियां छीन ली जा रहीं हैं जिनकी कमाई पहले की अपेक्षा कम हो रही है ।

 19 जुलाई 1969 को देश के 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर इंदिरा गांधी सरकार ने इस देश के लाखों लोगों की दिवाली पहली बार मनाने का काम किया था । धीरे-धीरे दिन बदलता गया देश तरक्की की तरफ बढ़ने लगा और इंदिरा गांधी की सरकार ने 27 बैंकों का राष्ट्रीयकरण का दर्जा दे दिया जिसके माध्यम से चपरासी से लेकर के बैंक के सबसे बड़े अधिकारी की खुशियों में चार चांद लग गया । साथ ही दर्जनों विभागों के साथ जुड़ी हुई लाखों कर्मचारियों को ठेके-पट्टी से बाहर करते हुए सरकार के साथ जोड़ते हुए इंदिरा गांधी की सरकार ने उन्हें सरकारी कर्मचारी के तौर पर दर्जा प्रदान किया ।

लेकिन इसी देश के एक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 बैंकों में से 15 बैंकों को हटा दिया जिससे जहां लाखों लोगों के रोजगार के अवसर खत्म हुए वहीं लोगों की आमदनी भी कम हो गई । इसके अलावा , मेडिकल , सुरक्षा , स्वास्थ्य , सफाई कर्मचारी , ड्राइवर, रोड़वेज ,बिजली ,समेत दर्जनों विभागों के कई लाख कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी बनने से रोकते हुए उन्हें देश के किसी एक बड़े कंपनी के हाथों में गुलाम बना कर रख दिया गया । 

फिलहाल ये सब तो एकमात्र उदाहरण है रेल , सड़क , खदान ,वायुयान ,एलआईसी जैसे तमाम जगहों से जहां पर देश को अच्छी आय होती थी साथ ही उससे ज्यादा देश की एक बड़ी आबादी काम करके पैसा कमाती थी आज मोदी सरकार ने उसे कारपोरेट घरानों को सौंप दिया जिससे जहां मात्र मुट्ठी भर लोगों को फायदा होगा वहीं गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार पर दोगुना खर्चे का बोझ बढ़ेगा ।

 उदाहरण स्वरूप आपको बता दें कि सड़कों के निर्माण के लिए बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर (बीओटी) के आधार पर मोदी सरकार ने बोली लगवाने का काम किया है जिसमें 27000  किलोमीटर  सड़कों को निजी हाथों में सौंप दिया गया है जिसके माध्यम से गिने-चुने दो-तीन लोग उसे 4 सालों के लिए सरकार से गिरवी लिए हुए हैं , सरकार तो लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये का लाभ कमा लेगी लेकिन कम से कम 10 लाख करोड़ से ज्यादा इस देश के नागरिकों को उस पर सड़क पर बने टोल प्लाजा पर टैक्स देना पड़ेगा , क्योंकि आज जहां 5 टोल प्लाजा का प्रयोग करना पड़ रहा है वहीं आपको सीधा 10 टोल प्लाजा का प्रयोग करना पड़ेगा यानी कि आपकी जेब पर खर्चा सीधा दोगुना पड़ेगा ।

 अच्छा लगता है जब दोगुनी आय की बात होती है लेकिन चौगुनी खर्चे की बात कोई नहीं कर रहा है । अब आप खुद ही विचार कीजिए इस देश के किस व्यक्ति को घर से बाहर नहीं निकलना है अब वह चाहे अपनी गाड़ी से निकले या फिर किराए के बस से । महंगाई का शुल्क तो उसे अदा ही करना पड़ेगा

लेबल:

शुक्रवार, 29 अक्टूबर 2021

चुनावी मौसम में यूपी में घटेगा पेट्रोल डीजल का दाम? योगी ने बुलाई अहम बैठक

तेल के बढ़ते दामों (Petrol Diesel Price) से पूरे देश में इस वक्त हाहाकार मचा है. इस बीच उत्तर प्रदेश के लोगों को पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों से कुछ राहत मिल सकती है. दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज शाम को सीएम आवास पर अहम बैठक बुलाई है. इसमें डीजल-पेट्रोल की कीमतों पर भी चर्चा होगी.

जानकारी के मुताबिक, वित्त विभाग के अधिकारियों की मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई है. शाम 5.30 बजे सीएम आवास पर मीटिंग होगी. पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ जमाखोरी,कालाबाज़ारी पर भी बात होगी. इसपर भी सीएम योगी कोई अहम फैसला कर सकते हैं. 

उत्तर प्रदेश की बात करें तो इंडियन ऑयल की साइट के मुताबिक, आज लखनऊ में पेट्रोल की कीमत 105.22 रुपये प्रति लीटर है. वहीं डीजल के रेट 97.48 रुपये प्रति लीटर हैं.

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल (Crude Oil) उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बीच देश भर में तेल के भाव पर महंगाई की मार जारी है. भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर दिन नया रिकॉर्ड बना रही हैं. गुरुवार यानी 28 अक्टूबर को पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) के रेट में 35-35 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ है. 

चुनाव से पहले राहत देने की तैयारी

विपक्षी पार्टियों ने ईंधन की कीमतों और महंगाई को चुनावी मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है. सपा नेता अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी समेत सभी विपक्षी पार्टियों के नेता पेट्रोल-डीजल की कीमतों, महंगाई को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं. माना जा रहा है कि योगी सरकार चुनाव से पहले ईंधन की कीमतों में कटौती करके जनता को कुछ राहत दे सकती है.

देश में पेट्रोल और डीजलों की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. ऐसे में तमाम लोगों को उम्मीद थी, कि मोदी सरकार इसे जीएसटी में लाकर लोगों को राहत दे सकती है. लेकिन सितंबर के आखिरी में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. दरअसल, ज्यादातर राज्य पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के पक्ष में नहीं थे.

लेबल:

बुधवार, 27 अक्टूबर 2021

यथार्थ नही झूठ पर टिके हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

झूठ के बुनियाद पर खड़े भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री इस देश के नागरिकों को अपने मन की बातों से ठगने का काम कर रहे हैं ।

निश्चित तौर पर पीएम मोदी भाजपा के प्रधानमंत्री हैं अगर वह देश के प्रधानमंत्री होते हैं तो झूठ कम यथार्त पर बात करते।

पहले से ही देश अस्पतालों और मेडिकल संसाधनों से जूझ रहा है लेकिन इस देश के नेता वहां पर बुनियादी सुविधाओं का ढांचा मजबूत करने की बजाय झूठ बोलकर अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं।

यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में बन रहे मेडिकल कॉलेज है जो अभी बनकर तैयार भी नही हुआ और भाजपा के प्रधानमंत्री मोदी जी ने इसे देश के नागरिकों को  समर्पित करने की घोषणा कर दिया ।

अब सोचिए और विचार कीजिये कि इस देश के नेता अपने ही नागरिकों को किस तरह से ठगने में लगे हुए हैं। जहां अभी निर्माण कार्य चल रहा है वहां के भवन का लोकार्पण कर दिया गया।

लेबल:

मंगलवार, 26 अक्टूबर 2021

हज़ारों किसान मौजूद थे, सिर्फ 23 चश्मदीद गवाह मिले...?" : लखीमपुर हिंसा पर SC का सवाल

NDTV

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अदालत की निगरानी में स्वतंत्र जांच की याचिका पर आज सुनवाई हुई. CJI एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने ये सुनवाई की. अब अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी.  सुनवाई के दौरान CJI ने कहा कि गवाहों के मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराए ? यूपी सरकार - कुछ गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने कराए गए हैं, कुछ बाकी हैं. यूपी सरकार की ओर से पेश हरीश साल्वे ने कहा कि 30 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए हैं. इनमें से 23 चश्मदीद गवाह बताए गए हैं. CJI ने कहा कि मामला ये है कि वहां पर बड़े पैमाने पर किसानों की रैली चल रही थी, क्या सिर्फ 23 चश्मदीद मिले?  यूपी सरकार की ओर से साल्वे ने कहा कि हमने सार्वजनिक विज्ञापन देकर यह मांगा है कि जो  चश्मदीद गवाह हैं,  वो सामने आएं, जिन्होंने कार में असल में लोगों को देखा था. हमने घटना के सभी मोबाइल वीडियो और वीडियोग्राफी पर भी ध्यान दिया है.

गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए : सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि  हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इन चार हजार लोगों में से कई शायद सिर्फ देखने आए थे, लेकिन कुछ लोगों ने चीजों को गंभीरता से देखा होगा और वो गवाही देने में सक्षम हो सकते हैं. साल्वे ने कहा कि  गवाह और भी होंगे जो आरोपियों की पहचान कर सकते हैं. CJI ने कहा कि क्या इन 23 चश्मदीद गवाहों में से कोई घायल हुआ है? साल्वे ने कहा -नहीं. दुर्भाग्य से जिन लोगों को चोटें आईं, उनकी बाद में मौत हो गई. सीजेआई ने कहा कि और अधिक जानकारी लें फिर हम लैब को मामले में तेजी लाने के लिए कह सकते हैं. साल्वे ने कहा- हम अदालत को अगली बार ब्योरा देंगे. CJI ने कहा कि गवाहों की सुरक्षा का भी एक मुद्दा है. साल्वे ने कहा कि उनको सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने मारे गए पत्रकार और एक आरोपी के परिवार की शिकायत पर भी यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार इन शिकायतों पर भी अलग से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. 

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार पर सवाल उठाए थे. अदालत ने कहा था कि ये कभी ना खत्म होने वाली कहानी नहीं होनी चाहिए. हमें लगता है कि आप अपने पैर खींच रहे हैं. आप इस धारणा को दूर करें. कोर्ट ने पूछा कि आरोपियों को तीन दिन के लिए ही  पुलिस हिरासत में क्यों लिया गया. साथ ही न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने मामले में बाकी गवाहों के बयान दर्ज करने को कहा था और संवेदनशील गवाहों की पहचान कर उन्हें सुरक्षा देने को भी कहा था. कोर्ट ने इसके बाद मामले में सुनवाई 26 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी थी क्योंकि UP सरकार ने गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए और समय मांगा था.


लेबल:

न्याय पंचायत स्तरीय बेसिक बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन

बस्ती- सल्टौआ विकास खंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय कोठिला के प्रांगण में  न्याय पंचायत स्तरीय बेसिक बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थानाध्यक्ष सोनहा  राम कृष्ण मिश्र व विशिष्ट अतिथि  उ0प्र0 प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला संयुक्त मंन्त्री विजय प्रकाश चौधरी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया।खेल प्रभारी बब्बन पाण्डेय के निर्देशन में इस खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया

  खेल प्रतियोगिता में उ0प्रा0 विद्यालय कोठिला की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि द्वय द्वारा प्रतियोगियों को खेल भावना की शपथ भी दिलाई गई।
 
 मुख्य अतिथि थानाध्यक्ष सोनहा रामकृष्ण मिश्र ने कहा कि खेल व खेल भावना का समावेश छात्रों के जीवन मे शामिल होना नितांत आवश्यक है। विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए उ0प्र0 प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला संयुक्त मंन्त्री  विजय प्रकाश चौधरी ने कहा कि खेल बच्चोँ के सर्वांगीण विकास में सहायक है। स्वस्थ शरीर मे ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है।

 संकुल प्रभारी भाष्कर दूबे ने आये हुए अतिथियों उ0प्रा0 शिक्षक संघ सल्टौआ के अध्यक्ष राम भारत वर्मा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रमोद पासवान,संयुक्त मंन्त्री चन्द्रशेखर पाण्डेय, ब्लाक व्यायाम शिक्षक मनीष कुमार मिश्र एवं पूर्व ए० बी० आर० सी० संदेश रंजन को कैप पहनाकर व बैज लगाकर स्वगत किया।

  खेल प्रतियोगिता में प्राथमिक विद्यालय रामपुर मुड़री व उ0प्रा0 कोठिला का दबदबा रहा। प्राथमिक स्तर कबड्डी में  बालक व बालिका दोनों वर्गों  में  प्राथमिक विद्यालय रामपुर मुड़री विजेता रहा। जबकि उच्च प्राथमिक स्तर खो-खो में उच्च प्राथमिक विद्यालय कोठिला बालक व बालिका दोनों वर्गों में विजेता रहा। प्राथमिक संवर्ग बालक 50 मीटर दौड़ में प्राथमिक विद्यालय आमा करमहिया के मो0 खालिद, 100 व 200 मीटर दौड़ में प्राथमिक विद्यालय कोरिया डीह के मो0 अक़ीम विजयी रहे। प्राथमिक वर्ग बालिका 50 व 100 मी0 दौड़ में प्राथमिक विद्यालय बनरही की रोशनी, 200 व 400 मीटर दौड़ में प्राथमिक विद्यालय रामपुर मुड़री की खुशनुमा प्रथम स्थान पर रही।

उच्च प्राथमिक स्तर बालक संवर्ग के 100 मी0 दौड़ में उ0प्रा0 विद्यालय के शिवा, 200 मी0 में उ0प्रा0 विद्यालय कोठिला के कौशल, जबकि उ0 प्रा0 वर्ग बालिका 100 मी0 दौड़ में उ0प्रा0 विद्यालय कोठिला की सलोनी, 200 मी0 दौड़ में उ0प्रा0 विद्यालय कोठिला की ही लक्ष्मी प्रथम स्थान पर रहीं। रिंग बाल प्रतियोगिता में प्रा0वि0 कोरिया डीह की रुचि व शिव कुमार ने प्रतिभाग किया।

न्याय पंचायत स्तरीय इस खेल प्रतियोगिता में 11 प्राथमिक व 04 उच्च प्राथमिक विद्यालय सहित कुल 15 विद्यालयों के बच्चों ने प्रतिभाग किया।खेल प्रतियोगिता सम्पन्न होने के उपरान्त कार्यकम के विशिष्ट अतिथि उ0प्र0 प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला संयुक्त मंन्त्री विजय प्रकाश चौधरी व ब्लाक इकाई सल्टौआ के अध्यक्ष राम भरत वर्मा द्वारा विजयी प्रतिभागियों को मैडल पहनाकर पुरष्कृत किया गया।
 
इस अवसर पर शिव कुमार यादव,सत्येन्द्र कुमार सिंह,लाल साहब पाण्डेय,संजीव कुमार,मनोज कुमार,राजकुमार,बच्चाराम,राजकुमार,शहजाद,मनीष कुमार पाण्डेय,सौम्या पाण्डेय,संजय वर्मा,मनोज चौधरी,कन्हैयालाल,बहरैची प्रसाद,आदित्य प्रकाश गिरी,अशोक कुमार,प्रमोद व मेराज उपस्थित रहे।

लेबल:

सोमवार, 25 अक्टूबर 2021

डर पैदा कर मोदी योगी की सभाओं में जुटाई जा रही भीड़

भारतीय जनता पार्टी के रैली में या कहें मोदी योगी की रैली में अब जनता नही जाती है , वहां अब भीड़ नही आती है , रैलियों और सभाओं में अब प्रशासन द्वारा भीड़ जुटाने के बंदोबस्त किए जाते हैं।

यह दिखाने के लिए कि भीड़ उमड़ी हुई है उसमें सफाईकर्मचारी ,समूह की महिलाएं ,सभी विभाग के कर्मचारी , बड़ी संख्या में पुलिस बल , भाजपा के बूथ कार्यकर्ता यही सब शामिल होते हैं इसके अलावा अब जनता जान चुकी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आएंगे तो बस गप्प गाएंगे । इस लिए बातों के जादूगर नेता का अब जनता के बीच से मोहभंग हो रहा है। यह बात अब सबको पता चल रहा है की गरीबी बेरोजगारी और भ्रष्टाचार का हवाला देकर सत्ता पर कब्जा जमाने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार में गरीबों एवं किसानों का कोई भला होने वाला नहीं । देश में जितना से लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है उसके आम आदमी ही नहीं बल्कि 20 से ₹30000 महीना कमाने वाला व्यक्ति भी परेशान है

लेबल:

जैसे तैसे चल रही सरकार ,1500 रुपया तनख्वाह नही दे पा रही सरकार

सौरभ वीपी वर्मा
भारतीय जनता पार्टी की सरकार और उसके नेता देश में अच्छे दिनों को लाने का वादा किए हुए थे पार्टी ने सबका साथ सबका विकास की बात भी कही और देश में वर्ष 2014 के बाद इन्हीं सब बड़े-बड़े नारों को सुनकर लोगों में जुनून पैदा हुआ और भारतीय जनता पार्टी को केंद्रीय सत्ता से लेकर प्रदेश के कई राज्यों में कुर्सी को सौंप दिया ।

लेकिन यह बहुत बड़ी चिंता का विषय है कि जहां भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों मजदूरों किसानों के हित की बात कही वहीं निचले पायदान पर खड़े गरीबों का शोषण भारतीय जनता पार्टी की सरकार में जमकर हो रहा है ।

इस देश के निचले तबके का शोषण कहां-कहां हो रहा है  उसके बारे में बताना हम ज्यादा मुनासिब नहीं समझते हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार , प्रशासन ,सामाजिक कार्यकर्ता और इस देश के प्रत्येक नागरिकों को यह बात समझना चाहिए कि सरकार जो कह रही है वह करती नहीं है , यह झूठ की बुनियाद पर खड़ी होकर अंतिम वर्ग के लोगों का खून चूसने में लगी हुई है।

मित्रों इस देश में एक एक सबसे कम तनख्वाह वाला पद है जिसका नाम है रसोईया । जिसको पंद्रह सौ रुपया महीना तनख्वाह मिलता है । मात्र 15 सौ रुपए मिलता है ठीक तो बिल्कुल नहीं है क्योंकि 15 सौ रुपए में ना तो किसी का परिवार चल सकता है ना किसी का जीविकोपार्जन हो सकता है , महंगाई की जो मार है इसमें 15 सौ रुपए में घर का तेल और मसाला भी ठीक तरीके से नहीं आ पाएगा लेकिन उससे भी ज्यादा दुख इस बात का है कि 6 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है और रसोइयों को अभी तक तनख्वाह नहीं मिला है । आखिर रसोइयों को तनख्वाह क्यों नहीं मिल रहा है ? क्या मात्र 15 सौ रुपए देने की औकात सरकार के पास अब नहीं रह गई है ? जो सरकार देश के उपक्रमों को बेच रही है जो सरकार देश की संपत्तियों को बेच रही है क्या अब उस सरकार के पास देश के सबसे छोटे कर्मचारी को पैसा देने के लिए खजाने में धन नहीं रह गया है ? अच्छे दिनों की आहट में सवाल तो पैदा होगा ही।

लेबल:

रविवार, 24 अक्टूबर 2021

बस्ती के ग्राम पंचायतों का खेल एक ही सड़क पर दो बार हो गया भुगतान


बस्ती जिले के रामनगर विकासखंड के ग्राम पंचायत परसोहिया में विकास कार्यों में मनमानी को लेकर आए दिन मिल रही शिकायतों की पड़ताल में जब डीपीआरओ (जिला पंचायती राज अधिकारी) ने मौके पर जांच की तो लापरवाही सामने आ गई। अधिकारियों ने जिम्मेदारों से जवाब मांगा तो किसी भी सवाल का जवाब नही मिल सका, जिससे अधिकारियों की टीम ने ग्राम पंचायत में बड़े गोलमाल की आशंका व्यक्त करते हुये सेक्रेटरी से संबन्धित विकास कार्यों के अभिलेखों को तलब करने को कहा है।

विकासखंड रामनगर के ग्राम पंचायत परसोहिया में मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों की डीपीआरओ शिवशंकर सिंह ने स्थलीय जांच की तो, जांच के दौरान सामुदायिक शौचालय का निर्माण अधूरा पाया गया। इसके अलावा पंचायत भवन का निर्माण भी पूरा नहीं मिला। साथ ही एक ही सड़क पर अलग-अलग इंटरलाकिंग कार्य दिखाकर भुगतान कराने की भी पोल खुल गई। कार्य अधूरा होने के बावजूद भुगतान करा लिए जाने के मामले में डीपीआरओ ने सेक्रेटरी से पूछताछ की तो वह भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद सेक्रेटरी से मामले के सभी अभिलेखों को पेश करने को कहा गया।
 
परसोहिया ग्राम पंचायत में घोटाले की मिली थी शिकायत

ग्राम पंचायत परसोहिया निवासी अशोक चौधरी ने ग्राम पंचायत में बिना कार्य पूर्ण कराए पूर्व ग्राम प्रधान द्वारा सरकारी धन निकाल कर उसके गबन कर लेने की शिकायत मुख्यमंत्री के यहां की गई थी। शिकायत में ग्राम प्रधान सहित लेखाकार, कम्प्यूटर आपरेटर, रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक द्वारा ग्राम पंचायत के विकास के नाम पर सरकारी धन का बंदरबाट करने का आरोप लगाया था।
जांच में मिला सरकारी धन का दुरुपयोग

ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में घोटाले के मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इसका संज्ञान लेते हुए डीएम को मामले की जांच कराए जाने के लिए निर्देशित किया गया। इसके बाद डीएम के निर्देश पर डीपीआरओ ने टीम के साथ पहुंचकर मामले की जांच की। डीपीआरओ द्वारा टीम के साथ की गई स्थलीय जांच में मौके पर शिकायत सही पाई गई। ग्रामीणों ने एक-एक कर ग्राम पंचायत में हुए सरकारी धन के दुरुपयोग को गिनाया। मौके पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण और पंचायत भवन तक का निर्माण अधूरा मिला। एक ही सड़क पर कई बार इंटरलाकिंग कार्य दिखा कर भुगतान करना पाया गया।
 
डीपीआरओ ने बताया कि, “शिकायत की स्थलीय जांच के दौरान खामियां मिली है। प्रथम दृष्टया सरकारी धन के गबन का मामला पाया गया है। इसकी जांच रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। इसे डीएम को सौंपा जाएगा। उनके निर्देश पर मामले में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी”।

बस्ती जिले के अन्य ग्राम पंचायतों में भी यही हाल
 
बस्ती जिले के परसोहिया ग्राम पंचायत के जागरूक ग्रामवासियों ने अपने ग्राम पंचायत में हुई गड़बड़ी के खिलाफ आवाज उठाई और अंतत उन्हें न्याय की उम्मीद मिली। उन्होने इस बात को समझा कि गांव के जनप्रतिनिधि गांव के विकास के लिए होते हैं, विकास कार्यों के लिए मिले सरकारी धन से अपना पेट भरने के लिए नही। इसके लिए वहां के लोगों ने मुख्यमंत्री कार्यालय तक दौड़ लगाई, लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि; अगर जिला स्तरीय अधिकारी ऐसे गंभीर मामलों को स्वयं सज्ञान में लेते तो वह जांच और भ्रष्टाचार की पोल और पहले खुल चुकी होती, और ग्रामवासियों को समय से न्याय मिला चुका होता।

बस्ती जिले के 14 ब्लाकों की कुल 1185 ग्राम पंचायतों से संबन्धित हर समाधान दिवसों और जिले के जनता दर्शन में ऐसे हजारों मामले अधिकारियों के सामने हर रोज आते हैं, जो शायद ग्राम पंचायत परसोहिया के भ्रष्टाचार से भी ज्यादा गंभीर होते हैं, लेकिन फरियादियों द्वारा किए गए शिकायतों पर कितनी प्रभावी कार्यवाही होती है यह आपके सामने है।

लेबल:

शनिवार, 23 अक्टूबर 2021

108 रुपया पहुंचा पेट्रोल का भाव , महंगाई से आम आदमी परेशान

नई दिल्ली : पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol- Diesel Prices) में लगातार तेजी देखने को मिल रही है. तेल के दामों के रोजाना नए रिकॉर्ड बनाने से आम आदमी को महंगाई की मार सता रही है. पेट्रोल-डीजल में शनिवार (23 अक्टूबर) को लगातार चौथे दिन इजाफा किया. दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के भाव में क्रमश: 35-35 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है. बढ़ोतरी के बाद राजधानी में पेट्रोल 107 रुपये के पार निकल गया है. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के मुताबिक, ताजा वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल 107.24 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 95.97 रुपये लीटर पर पहुंच गया है. देशभर में पेट्रोल और डीजल के दाम अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए. 

लगातार चौथे दिन 35 पैसे महंगा हुआ तेल
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार चौथे दिन 35 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई है. इससे पहले, 18 और 19 अक्टूबर को दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया था जबकि उससे पहले लगातार चार दिन कीमतों में हर दिन 35 पैसे प्रति लीटर का इजाफा किया गया था. पेट्रोल पहले ही देश के अधिकांश हिस्सों में 100 रुपये प्रति लीटर या उससे अधिक का आंकड़ा छू चुका है, डीजल भी एक दर्जन से अधिक राज्यों में 100 के स्तर को पार कर चुका है. 


लेबल:

शुक्रवार, 22 अक्टूबर 2021

बूढ़ी हो चुकी है हमारे देश की व्यवस्थाएं , दवा और दुआ भी नही कर रहा काम

सौरभ वीपी वर्मा
बेहतर शिक्षा व्यवस्था के बगैर देश का विकास संभव नही है । हमारे देश की शिक्षा  प्रणाली एकदम से बूढ़ी हो चुकी है वह अस्वस्थ भी हो चुकी है इसके लिए कोई कारगर दवा भी नही है कि वह इस बीमारी से उबर सके ।यदि इस भयानक बीमारी को जड़ से खत्म करना है तो सबसे पहले देश मे नई शिक्षा नीति बनाई जाए ,पढ़ाई में गुणवक्ता सुनिश्चित किया जाए ,फेल न करने वाले नियम को बंद किया जाए , स्कूल के पाठ्यक्रम को बदला जाए वंही बच्चों के बैठने के लिए स्कूल में फर्नीचर की व्यवस्था हो स्वच्छ पेय जल की उपलब्धता हो  साथ ही शिक्षक और छात्र अनुपात को ठीक किया जाए जिसमे यह निश्चित किया जाए कि एक एक सौ बच्चों की संख्या को पढ़ाने के लिए कितने अध्यापक होंगे ।इतना सब करने के बाद हम देश को विकास के रास्ते पर जाता देख पाएंगे क्योंकि बिना शिक्षा के विकास के किसी देश और देश के लोगों का विकास संभव नही है।

लेबल:

जानिए कब होगा विधानसभा चुनाव ,उत्तर प्रदेश के साथ 5 राज्यों में होना है चुनाव

UP Election 2022 Date:  देश की राजनीति में एक कहावत है कि दिल्ली की गद्दी का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है और ऐसा हो भी क्यों ना? जिस प्रदेश में 75 जिले, 403 विधानसभा सीटें, 80 लोकसभा सांसद, 31 राज्यसभा सीटें हों, उसकी राजनीति की देश में अलग ही अहमियत हो जाती है. देश के इस सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में कुछ महीने के भीतर ही सियासी दंगल की शुरुआत हो जाएगी. चुनाव की आमद देख सभी राजनीतिक दलों ने जमीन के साथ-साथ सियासी गणित पर काम करना शुरू कर दिया है. 

बयानों और दौरों की राजनीतिक के बीच सबसे बड़ा सवाल अभी भी है कि आखिर उत्तर प्रदेश में चुनाव कब होंगे? इस सवाल का सटीक जवाब तो तब मिलेगा जब चुनाव आयोग तारीखों का एलान करेगा. लेकिन पिछले दो विधानसभा चुनाव के आधार पर आज हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव कब हो सकते हैं ?

साल 2017 में कब हुआ चुनाव?
पिछले चुनाव की बात करें तो सात चरणों में 11 फ़रवरी से आठ मार्च के बीच चुनाव हुए थे. 11 फ़रवरी को पहले चरण में पश्चिमी यूपी की 73 सीटों पर, 15 फ़रवरी को दूसरे चरण में 67 सीटों पर, 19 फ़रवरी को तीसरे चरण में 69 सीटों पर, 23 फ़रवरी को चौथे चरण में 53 सीटों पर, 27 फ़रवरी को पाँचवें चरण में  52 सीटों पर, 4 मार्च को छठे चरण में 49 सीटों पर, 8 मार्च को सातवें चरण में 40 सीटों पर वोट डाले गए थे.

साल 2012 में कैसा था चुनावी कार्यक्रम?
साल 2012 में भी उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव आठ फरवरी से तीन मार्च के बीच हुआ था. पहले चरण के लिए 8 फरवरी, दूसरे चरण के लिए 11 फरवरी, तीसरे चरण के लिए 15 फरवरी, चौथे चरण के लिए 19 फरवरी, पांचवें चरण के लिए 23 फरवरी, छठे चरण के लिए 28 फरवरी और सातवें चरण के लिए 3 मार्च को वोट डाले गए थे. 2012 में वोटों की गिनती 6 मार्च को हुई थी.

2022 में कब हो सकते हैं चुनाव?
उत्तर प्रदेश में वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 14 मार्च 2022 तक है. इसका सीधा मतलब ये है कि इससे पहले चुनाव की पूरी प्रक्रिया पूरी होकर नई सरकार का गठन होना लाजमी है यानि नए मुख्यमंत्री का शपथ इससे पहले हो जाएगा. साल 2022 में 18वीं विधानसभा के लिए वोटिंग होगी. 14 मार्च 2017 को सत्रहवीं विधान सभा का गठन हुआ था. बीते दो चुनाव के आधार पर कह सकते हैं कि जनवरी के आखिरी हफ्ते या फरवरी की शुरुआत से लेकर मार्च के पहले हफ्ते तक उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.


लेबल:

गुरुवार, 21 अक्टूबर 2021

रिश्वत, भाई-भतीजावाद आदि के चलते योग्य युवकों को अवसर मिल पाना मुश्किल

सौरभ वीपी वर्मा-

 किसी देश की युवा वर्ग उस देश की भविष्य मानी जाती है ,हमारे देश भारत की युवा आबादी अमेरिका और जापान जैसे देशों की पूरी आबादी से भी अधिक है लेकिन यंहा के युवाओं को न उचित मार्गदर्शन मिल रहा है न उनमे इक्षाशक्ति ही बची है क्योंकि हमारे देश की सरकारों ने भी कभी युवाओं के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई जबकि इन युवकों से ही देश की वास्तविक पहचान होती है । 

यदि देश के नवयुवकों में चारित्रिक दृढ़ता व नैतिक मूल्यों का समावेश है तथा वे बौद्‌धिक, मानसिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक शक्तियों से परिपूर्ण हैं तो निस्संदेह हम एक स्वस्थ एवं विकसित राष्ट्र की कल्पना कर सकते हैं । परंतु यदि हमारे युवकों की मानसिकता रुग्ण है अथवा उनमें नैतिक मूल्यों का अभाव है तो यह देश अथवा राष्ट्र का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है क्योंकि इन परिस्थितियों में विकास की कल्पना केवल कल्पना तक ही सीमित रह सकती है, उसे यथार्थ का रूप नहीं दिया जा सकता है । 

विश्व एकीकरण के दौर में अन्य विकासशील देशों की भाँति हमारा भारत देश भी विकास की दौड़ में किसी से पीछे नहीं है । विगत कुछ वर्षों में देश में विकास की दर में अभूतपूर्व वृद्‌धि हुई है । विशेष रूप से विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में आज हमारा स्थान अग्रणी देशों में है । इसका संपूर्ण श्रेय हमारे देश के युवा वर्ग को जाता है जिसने यह सिद्‌ध कर दिया है कि बुद्‌धि और शक्ति दोनों में ही हम किसी से पीछे नहीं हैं । हमारे देश में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में डॉक्टर, इंजीनियर तथा व्यवसायी निकलते हैं जिनकी विश्व बाजार में विशेष माँग है । निस्संदेह हम चहुमुखी विकास की ओर अग्रसर हैं । विश्व बाजार में अनेक क्षेत्रों में हमने अपनी उपलब्धि दर्ज कराई है । अनेक क्षेत्रों में हमने गुमनामी के अँधेरों से निकलने में सफलता प्राप्त की है । परंतु हम अपने देश के युवा वर्ग की मानसिकता, उनकी मन:स्थिति व उनकी वर्तमान परिस्थितियों का आकलन करें तो हम पाते हैं कि उनमें से अधिकांश अपनी वर्तमान परिस्थितियों से संतुष्ट नहीं हैं । 

हमारे युवा वर्ग में असंतोष फैल रहा है । देश के युवा वर्ग में बढ़ते असंतोष के अनेक कारक हैं । कुछ तो हमारे देश की वर्तमान परिस्थितियाँ इसके लिए उत्तरदायी हैं तो कुछ उत्तरदायित्व हमारी त्रुटिपूर्ण राष्ट्रीय नीतियों एवं दोषपूर्ण शिक्षा पद्‌धति का भी है । अनियंत्रित रूप से बढ़ती जनसंख्या के फलस्वरूप उत्पन्न प्रतिस्पर्धा से युवा वर्ग में असंतोष की भावना उत्पन्न होती है । जब युवाओं के हुनर का कोई राष्ट्र समुचित उपयोग नहीं कर पाता है तब युवा असंतोष मुखर हो उठता है । हमारी शिक्षा पद्‌धति युवा वर्ग में असंतोष का सबसे प्रमुख कारण है । स्वतंत्रता के सात दशकों बाद भी हमारी शिक्षा पद्‌धति में कोई भी मूलभूत परिवर्तन नहीं आया है । 

हमारी शिक्षा का स्वरूप आज भी सैद्‌धांतिक अधिक तथा प्रयोगात्मक कम है जिससे कार्यक्षेत्र में शिक्षा का विशेष लाभ नहीं मिल पाता है । परिणामस्वरूप देश में बेकारी की समस्या दिनों-दिन बढ़ रही है । शिक्षा पूरी करने के बाद भी लाखों युवक रोजगार की तालाश में भटकते रहते हैं जिससे उनमें निराशा, हताशा, कुंठा एवं असंतोष बढ़ता चला जाता है । देश में व्याप्त भ्रष्टाचार से भी युवा वर्ग पीड़ित है । सभी विभागों, कार्यालयों आदि में रिश्वत, भाई-भतीजावाद आदि के चलते योग्य युवकों को अवसर मिल पाना अत्यंत दुष्कर हो गया है । इसके अतिरिक्त हमारी राष्ट्रीय नीतियाँ भी युवाओं के बीच असंतोष का कारण बनती हैं । ये नीतियाँ या तो दोषपूर्ण होती हैं या उनका कार्यान्वयन सुचारू रूप से नहीं होता है जिससे इसका वास्तविक लाभ युवा वर्ग को नहीं मिल पाता है । आज देश का युवा वर्ग कुंठा से ग्रसित है । सभी ओर निराशा एवं हताशा का वातावरण है । चारों ओर अव्यवस्था फैल रही है ।

 दिनों-दिन हत्याएँ, लूटमार, आगजनी, चोरी आदि की घटनाओं में वृद्‌धि हो रही है । आए दिन हड़ताल की खबरें समाचार-पत्रों की सुर्खियों में होती हैं । कभी वकीलों की हड़ताल, तो कभी डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक आदि हड़ताल पर दिखाई देते हैं । छात्रगण कभी कक्षाओं का बहिष्कार करते हैं तो कभी परीक्षाओं का । ये समस्त घटनाएँ युवा वर्ग में बढ़ते असंतोष का ही परिणाम हैं। देश के युवा वर्ग में बढ़ता असंतोष राष्ट्र के लिए चिंता का विषय है । इसे समाप्त करने के लिए आवश्यक है कि हमारे राजनीतिज्ञ व प्रमुख पदाधिकारीगण निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर देश के विकास की ओर ध्यान केंद्रित करें एवं सुदृढ़ नीतियाँ लागू करें । 

इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उनका कार्यान्वयन सुचारू ढंग से हो रहा है या नहीं । भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों व कर्मचारियों से सख्ती से निपटा जाए । देश भर में स्वच्छ एवं विकासशील वातावरण के लिए आवश्यक है कि सभी भर्तियाँ गुणवत्ता के आधार पर हों तथा उनमें भाई-भतीजावाद आदि का कोई स्थान न हो । हमारी शिक्षा पद्‌धति में भी मूलभूत परिवर्तन की आवश्यकता है । हमारी शिक्षा का आधार व्यवसायिक एवं प्रयोगात्मक होना चाहिए जिससे युवा वर्ग को शिक्षा का संपूर्ण लाभ मिल सके । देश का युवा वर्ग स्वयं में एक शक्ति है । वह स्वयं एकजुट होकर अपनी समस्याओं का निदान कर सकता है यदि उसे राष्ट्र की ओर से थोडा-सा प्रोत्साहन एवं सहयोग प्राप्त हो जाए । युवाओं की नेतृत्व शक्ति कई बार सिद्‌ध की जा चुकी है । स्व. श्री राजीव गाँधी अपनी युवावस्था में ही भारत के प्रधानमंत्री बने थे रवीश भाटिया जैसे युवाओं ने विदेशों में भी परचम लहराया लहराया है ।

 यह देखते हुए सरकार को युवाओं के प्रति गंभीर होने की आवश्यकता है ,पढ़े लिखे युवाओं की अलग अलग रुचियों के आधार पर अलग अलग कैटेगरी तैयार करने की जरुरत है ,नौकरी कौन करेगा ,राजनीति में हिस्सा कौन लेगा ,खेती को मिशाल कौन बनायेगा,विजनेश को कौन चलायेगा विश्व स्तर पर परचम कौन जब इन्हे अलग अलग वर्गों में बांटा जायेगा तब वास्तव में कामकाजी लोगों की पहचान आसानी से हो पायेगी। इतना ही नहीं युवाओं को ध्यान में सरकार को रोजगार के लिए उचित संसाधन बनाने की जरुरत है ताकि रोजगार के आभाव में लोगों को पलायन न करना पड़ेलोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिले एवं समता ,स्वतंत्रता ,बंधुता सहित न्याय आधारित समाज की स्थापना हो तथा संतोष की भावना जागृत हो।

लेबल:

बुधवार, 20 अक्टूबर 2021

अन्नदाता के देश में 80 करोड़ लोग सरकारी कोटे की दुकान से ले रहे राशन

भारत जैसे अन्नदाता के देश में 25 करोड़ लोग भूखे पेट सोने को मजबूर हैं , कृषि प्रधान देश होने के बावजूद भी यहां पर 80 करोड लोगों को सरकारी कोटे से दुकान लेकर  जीविकोपार्जन  करने के लिए मजबूर होना पड़ता है ।
भारत में सबसे चिंता इस बात की होती है कि दुनियाभर के देश टेक्नोलॉजी के दौर में कृषि के क्षेत्र में भारत से ज्यादा पैदावार करते हैं वही भारत गेहूं ,धान ,आलू , प्याज टमाटर से लेकर सभी फसलों में फिसड्डी साबित होता है ।
वहीं दूसरी तरफ आपदा की मार से भी किसान परेशान रहता है जबकि दुनियाभर के कई उन्नतशील देश नीदरलैंड ,संयुक्त राज्य अमेरिका ,चाइना जैसे देश प्राकृतिक आपदाओं से अपनी फसलों को बचा लेता है  । वहीं भारत के नेता हेलीकॉप्टर पर सवार होकर सर्वेक्षण करते हैं कि भारत का फसल कितना नुकसान हुआ और हर वर्ष यह काम होता रहता है , लेकिन इसके बचाव का कोई इंतजाम आज तक नहीं हो पाया जिसका परिणाम है कि भारत में किसानों की स्थिति हाशिए पर जाती हुई दिखाई दे रही है

लेबल:

मंगलवार, 19 अक्टूबर 2021

21 दिन में 16 बार बढ़ा पेट्रोल की कीमत ,19 बार बढ़े डीजल के दाम

नई दिल्ली : Petrol-Diesel Price : देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें रिकॉर्ड हाई पर बिक रही हैं. देश के अधिकतर शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के पार चल रही है. वहीं, डीजल भी कुछ राज्यों में 100 के पार है. अधिकतर शहरों में डीजल 90 रुपये के ऊपर बिक रहा है. मंगलवार यानी 19 अक्टूबर को देश में लगातार दो दिनों से ईंधन तेल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इसके पहले रविवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 35 पैसों की तक की बढ़ोतरी हुई थी. 

बता दें कि अगस्त-सितंबर में पेट्रोल-डीजल के दामों में तेजी थमी थी, लेकिन 24 सितंबर से डीजल और 28 सितंबर से पेट्रोल के दाम बढ़ने लगे. और इसके बाद से लेकर आज की तारीख तक ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल की कीमतों में 16 बार और डीजल की कीमतों में 19 बार बढ़ोतरी की है. इतनी किस्तों में बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल के दाम 4.65 रुपये और डीजल के दाम 5.95 रुपये प्रति लीटर की दर से बढ़ा है.


लेबल:

सोमवार, 18 अक्टूबर 2021

बस्ती के वाल्टरगंज चीनी मिल पर किसानों का 60 करोड़ का बकाया आखिर कब तक रहेगी चुप्पी

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के वाल्टरगंज में स्थित बजाज ग्रुप के शुगर मिल पर क्षेत्र के किसानों का लगभग ₹42 करोड़ का बकाया है वहीं अगर कर्मचारियों के पैसे को लेकर की बात करें तो मिल पर करीब ₹60 करोड़ का बकाया है लेकिन ना तो मिल पैसा देना चाह रहा है और ना ही इस मामले पर यहां के सांसद और विधायक चुप्पी तोड़ रहे हैं ।

क्षेत्रीय किसानों एवं मिल कर्मियों द्वारा मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से लेकर के तमाम जिम्मेदारों को सैकड़ों बार पत्र भेज चुके हैं ,कई बार धरना प्रदर्शन हो चुका है लेकिन वर्ष 2018 में चीनी मिल बंद होने के बाद से आज तक ना तो किसानों का गन्ना बकाया मिल पाया और ना ही इस में कार्यरत कर्मियों को तनख्वाह ।

यह बात सरकार को भी पता है और यहां के सांसद और विधायकों को भी पता है कि किसानों की स्थिति लगातार हाशिए पर जा रही है , क्योंकि किसानों को अपनी फसलों का जो वाजिब दाम मिलना चाहिए अभी तक सरकारों ने दिलवाने का काम नहीं किया वहीं जैसे तैसे करके किसान अपना फसल तैयार कर रहा है लेकिन उसे अपनी फसलों की वाजिब रेट की बात दूर उनकी फसलों का बकाया भुगतान भी मिलने वाला नहीं है ।

किसानों को शादी- निकाह बच्चों के पढ़ाई लिखाई एवं दवाई में कितना खर्च करना पड़ता है इसके समीक्षा ना तो जिला प्रशासन ने किया ना तो सांसदों विधायकों ने किया और ना ही सरकार ने किया बस देश के किसानों का खून चूस कर उन्हें वेंटिलेटर पर डाल दिया जाए यही हमारे देश की सरकार किसानों के साथ कर रही है ।

वर्ष 2018 में वाल्टरगंज चीनी मिल बंद होने के बाद से जिन किसानों का पैसा अभी तक नहीं मिल पाया है उनमें से दर्जनों ऐसे किसानों को देखा गया है जो बिजली का बिल नहीं जमा कर पाने के कारण एवं केसीसी का भुगतान न कर पाने के कारण हवालात तक भी गए हैं लेकिन किसानों के बकाए पर प्रशासन और सरकार द्वारा अभी तक कोई समाधान लाने का काम नहीं किया गया।

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एलान किया था कि गन्ना किसानों का भुगतान मिलो द्वारा 14 दिनों के अंदर किया जाएगा लेकिन ना तो आज तक 14 दिन के अंदर गन्ना किसानों का भुगतान हो पाया और ना ही पिछली बकाए पर चर्चा हुई लिहाजा किसानों की स्थिति लगातार हाशिए पर जाती हुई दिखाई दे रही है ।

 5 महीने के अंदर उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है और इसके मद्देनजर राजनीतिक पार्टियों द्वारा किसानों को ठगने एवं लुभाने के लिए ढेर सारी जुमलेबाजी की जाएगी ।

फिलहाल देखना यह होगा कि भारतीय जनता पार्टी की सत्ताधारी सरकार किसानों का बकाया दिलवा पाएगी या फिर नई सरकार बनने के बाद किसानों का गन्ना भुगतान दिलाने का वादा करेगी ,देखना होगा कि उत्तर प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं मायावती द्वारा उत्तर प्रदेश के किसानों का 12000 करोड़ के गन्ना मूल्य बकाया पर किस तरह का चुनावी वादा किया जाएगा।

लेबल:

रविवार, 17 अक्टूबर 2021

रोटरी क्लब बस्ती मिड टाउन को सारनाथ में आयोजित डिस्ट्रिक्ट अवार्ड कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य के लिए किया गया सम्मानित

बस्ती- रोटरी क्लब डिस्ट्रिक्ट 3120 के तत्वाधान में सारनाथ में आयोजित अवॉर्ड सेरेमनी में रोटरी क्लब बस्ती मिड टाउन को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रोटेरियन के के श्रीवास्तव द्वारा रोटरी क्लब के सर्वोच्च अवार्ड डायमंड अवार्ड से सम्मानित किया गया । इस मौके पर डॉ डीके गुप्ता सर्वश्रेष्ठ रोटरी क्लब अध्यक्ष , अरुण कुमार को सर्वश्रेष्ठ सचिव के रूप में घोषित किया गया ।

रोटरी क्लब के सभी सदस्यों को विभिन्न कार्यों के लिए अपने-अपने सेवा क्षेत्र में सम्मानित किया गया । रोटरी क्लब बस्ती मिड टाउन के निवर्तमान अध्यक्ष डॉ डीके गुप्ता निवर्तमान असिस्टेंट गवर्नर , महेंद्र सिंह निवर्तमान सचिव , अरुण कुमार रोटेरियन ,आशीष श्रीवास्तव रोटेरियन ,कुलदीप सिंह रोटेरियन , विवेक वर्मा ने बस्ती रोटरी क्लब मिड टाउन का प्रतिनिधित्व किया । पूर्व अध्यक्ष रोटरी क्लब  रोटेरियन डॉ डीके गुप्ता द्वारा रोटरी हैप्पी स्कूल डॉक्टर एट डोर जीवन कौशल विकास कैंपेन रोटरी ओपन स्कूल सर्विस कम्युनिटी सर्विसेज प्लांटेशन वॉटर एंड सैनिटेशन कोविड-19 किए गए राहत सामग्री वितरण और खाद्य पदार्थ वितरण और प्रवासियों को घर तक पहुंचाने के लिए साधन उपलब्ध कराना , मेडिकल कैंप रक्तदान शैक्षिक क्रियाकलाप संबंधित प्रतियोगिताएं , खिलाड़ियों को किट उपलब्ध कराना , महिला उद्यमी को बढ़ाने के लिए कुटीर उद्योग को बढ़ावा देना सहित तमाम कार्य शामिल रहे हैं जिसके कारण से रोटरी क्लब बस्ती मिड टाउन को सम्मानित किया गया । पूर्व असिस्टेंट गवर्नर रोटेरियन महेंद्र सिंह द्वारा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के के श्रीवास्तव तथा प्रथम महिला को आभार व्यक्त किया गया।

लेबल:

बस्ती-ग्रापए की बैठक में पत्रकार हितों पर हुई चर्चा

बस्ती- ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन तहसील इकाई भानपुर की एक बैठक तहसील अध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव के अध्यक्षता में रविवार को सोनहा स्थित डाक बंगले में आयोजित की गई। बैठक में मुख्य रुप से  संगठन की मजबूती व पत्रकार साथियों के द्वारा एक कोष व समय समय पर मासिक बैठक के लिए तथा तहसील पर सेमिनार आयोजित करने के लिए चर्चा भी हुई। व्यापार मंडल भानपुर के अध्यक्ष सुरेश चन्द्र गुप्ता व कोषाध्यक्ष भगवंत गुप्ता द्वारा पदाधिकारियों व सदस्यों को अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। बैठक में मुख्य रूप से बस्ती मंडल महामंत्री कमलेन्द्र पटेल, संगठन मंत्री गिरजेश त्रिपाठी, जिला उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार मिश्र, रमेश चन्द्र त्रिपाठी, अनूपलाल श्रीवास्तव, शैलेन्द्र पाण्डेय, प्रशान्त पाण्डेय, विमलेश श्रीवास्तव, प्रदीप पाण्डेय, बृजलाल जायसवाल, आदित्य रंजन धर दूबे, विकास पाण्डेय, अजय पाण्डेय, सौरभ वीपी वर्मा ,धर्मेंद्र कुमार एवं कुलदीप चौधरी मौजूद रहे।

लेबल:

आरएलडी की घोषणा पत्र ,यूपी में सरकार बनी तो किसानों को 15000 और पुलिस को मिलेगा भारी सौगात

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में चुनाव अब कुछ ही महीने दूर हैं. तमाम राजनीतिक दल मैदान में हैं. नेता एक पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं. इस बीच राष्ट्रीय लोकदल (RLD) सबसे पहले अपना मेनिफेस्टो लेकर जनता के सामने आया है. राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता शाहिद सिद्दीकी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 7 अक्टूबर से हमारी जन आशीर्वाद यात्रा चल रही है. जमीन पर बहुत भारी परिवर्तन चल रहा है. मीडिया को अभी अहसास नहीं हो रहा है. जयंत चौधरी हर रोज़ दो या तीन सभाएं कर रहे हैं. लोग अपना पैसा लगाकर हमारी सभाओं में आ रहे हैं. हमने सामाजिक परिवर्तन के बारे में सोचा हैं. 

सिद्दीकी ने कहा कि हम अपने मेनिफेस्टो में सबकी राय ले रहे हैं. हम हर सरपंच से सुझाव मांग रहे हैं. हम 22 संकल्पों के साथ जनता के बीच जाएंगे. राष्ट्रीय लोकदल अपना घोषणापत्र 31 अक्टूबर को लखनऊ में जारी करेगा. इसके कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं - किसान सम्मान निधि जो अभी केंद्र से मिल रही है वह सालाना 3000 है अगर हमारी सरकार आती है तो हम यह निधि बढ़ाकर 12000 कर देंगे. जिन किसानों की जमीनें नहीं हैं उन्हें हम सालाना 15000 रुपये देंगे. हम गरीब परिवारों को राशन के साथ 3 किलो आलू भी देंगे. 


सिद्दीकी ने कहा कि जो अंतर जातीय  विवाह करेगा उसे आरएलडी एक लाख रुपये देगी. हम जाति को तोड़ना चाहते हैं. पुलिस की ड्यूटी को हम 8 घंटे का करेंगे. अगर उससे ज़्यादा ड्यूटी लेंगे तो उन्हें ओवर टाइम मिलेगा. पुलिस के वेतन को भी बढ़ाया जाएगा. महिलाओं की भागीदारी पुलिस में बढ़ाएंगे. हम स्टार्टअप को एक करोड़ रुपये देंगे, उनका काम देखेंगे. 

उन्होंने कहा कि सरकारी कॉलेजों में मुफ़्त wifi देंगे. हम पुलिस के लोगों को गृह जनपद के आसपास तैनाती देंगे. शहरी मज़दूरों को भी मनरेगा के अंदर लाएंगे. हम SC,ST और OBC छात्रों को टॉप 500 विश्वविद्यालयों में दाख़िला पाने पर स्कॉलरशिप देंगे. हमारी सरकार आई तो पश्चिम-उत्तर, बुंदेलखंड और पूर्वांचल में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित की जाएगी. हम प्रदूषण को देखते हुए 50000 से ज़्यादा ई बसें खरीदेंगे. हम वृद्धावस्था पेंशन को 500 से बढ़ाकर 1500 करेंगे. 


लेबल:

शुक्रवार, 15 अक्टूबर 2021

वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत और बांग्लादेश से भी बदतर हालात में पहुंचा भारत

वैश्विक भुखमरी सूचकांक(GHI) 2021 में भारत 116 देशों में 101वें स्थान पर अपनी जगह बना पाया है। यह पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से भी पीछे है। इससे पहले भारत 2020 में 94वें स्थान पर था लेकिन 2021 में वो सात पायदान नीचे खिसक गया है। सहायता कार्यों से जुड़ी आयरलैंड की एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी का संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ की संयुक्त रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को ‘खतरनाक’ बताया गया है।

वहीं भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो इस रिपोर्ट में पड़ोसी देश नेपाल का 76वां स्थान है, बांग्लादेश (76), म्यांमार (71) और पाकिस्तान ने 92वां स्थान हासिल किया है। हालांकि इन देशों में भी भुखमरी की स्थिति चिंताजनक हैं, लेकिन भारत से अगर इनकी तुलना देखें तो ये सभी देश आगे नजर आ रहे हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान जैसे देशों ने अपने नागरिकों को भोजन उपलब्ध कराने में भारत से अच्छा प्रदर्शन किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना काल में कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंधों के चलते लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। यहां दुनिया भर में बच्चों की वेस्टिंग की दर सबसे ज्यादा है। 1998 और 2002 के बीच भारत में चाइल्ड वेस्टिंग की दर 17.1% से बढ़कर 2016 और 2020 के बीच 17.3 प्रतिशत हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने बाल मृत्यु दर, बाल स्टंटिंग की व्यापकता और अपर्याप्त भोजन के कारण अल्पपोषण की व्यापकता जैसे अन्य पैरामीटरों में अपने यहां सुधार दिखाया है।

गौरतलब है कि भारत का जीएचआई स्कोर 2000 में 38.8 था, और 2012 और 2021 के बीच 28.8-27.5 पाया गया। जीएचआई स्कोर की गणना के लिए चार पैरामीटर पर नजर रखी जाती है, जिसमें कुपोषण, बच्चों की वृद्धि दर, अल्पपोषण और बाल मृत्यु से जुड़े आंकड़ें लिए जाते हैं।

इस रिपोर्ट में चीन, ब्राजील और कुवैत सहित 18 देशों ने पांच से कम का जीएचआई स्कोर हासिल किया है और टॉप स्थान साझा किया है। जीएचआई की रिपोर्ट के अनुसार, भुखमरी के खिलाफ पूरी दुनिया की लड़ाई को खतरनाक तरीके से झटका लगा है। मौजूदा समय में अनुमानों के आधार पर, दुनिया और खास तौर पर 47 देश 2030 तक निम्न स्तर की भूख को प्राप्त करने में समर्थ नहीं होंगे।

लेबल:

गुरुवार, 14 अक्टूबर 2021

यूपी/सिद्धार्थ नगर- अध्यापक नदारद रसोइए खोल रहें स्कूल

राकेश चौधरी

बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालय तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय सरकार द्वारा सुचारू रूप से चलाने के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। लेकिन सरकारी कर्मचारियों की उदासीनता के कारण आए दिन शिक्षा विभाग में लापरवाही बरतने की घटनाए सामने आती रहती हैं।

मंगलवार को सिद्धार्थ नगर के मिठवल विकास खण्ड के अन्तर्गत आने वाले प्राथमिक विद्यालय तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय दनोकुईया में अध्यापक नदारद मिलें तथा रसोईयों के द्वारा तकरीबन 10 बजे के बाद विद्यालय खोला गया।

हमारे संवाददाता ने जब खण्ड शिक्षा अधिकारी मिठवल से जानकारी लेना चाहा तो उन्होने कोई ठोस जवाब नहीं दिया तथा फोन काट कर मोबाइल बंद कर लिया गया तब हमारे संवाददाता ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को फोन कर जानकारी लेनी चाही लेकिन अधिकारी के मीटिंग में होने के कारण बात नहीं हो सकी।

अब सवाल यह उठता है कि आखिर किसके शय पर अध्यापक लगातार मनमानी करते रहते हैं और अपने मनमर्जी से गायब रहते हैं?

लेबल:

बुधवार, 13 अक्टूबर 2021

बस्ती- बिजली की चपेट में आई डबल डेकर बस ,लाइन ट्रिप होने से बची सैकड़ो की जान

बस्ती-सोनहा थाना क्षेत्र के द्वारिका चक चौराहे पर बिजली विभाग की लापरवाही के चलते सड़क से जा रही डबल डेकर बस बिजली की तार में छू गई गनीमत रही कि बस के तार में छूते ही बिजली ट्रिप हो गई जिससे एक बड़ी दुर्घटना होते-होते बच गई ।

भानपुर के आसपास के इलाकों से दिल्ली , फैजाबाद ,लखनऊ और मुंबई को जाने वाली यात्री बस हर दिन इस सड़क से गुजरती है और सड़क के किनारे से जाने वाली बिजली की तार पोल से काफी नीचे लटक गया है जिसके चलते आये दिन यह तार किसी न किसी गाड़ी के संपर्क में आ जाता है अभी तक तो अच्छा यह रहा है कि जब भी कोई गाड़ी तार के सम्पर्क में आया तो कभी बिजली की सप्लाई बंद रही है और कभी बिजली ट्रिप हो गई । लेकिन अगर बिजली के लटकी हुई तार को सही नहीं किया गया तो किसी ना किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है जिसमें निर्दोष लोगों की जान भी जाएगी ।
प्रतीकात्मक तस्वीर

लेबल:

मंगलवार, 12 अक्टूबर 2021

यूपी -लखीमपुर की घटना को लेकर बस्ती के किसानों में आक्रोश ,मोमबत्ती जलाकर दिया श्रद्धांजलि

बस्ती- प्रबुद्ध वर्ग के समाज से जुड़े किसानों ने जनपद के अमरौली शुमाली में कैंडल मार्च निकालकर लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर किसान चिंतक रामबुझारत मौर्या ने कहा कि इसी समाज का एक हिस्सा किसानों को आतंकवादी और खालिस्तानी  कह रहा है और इन सबके साथ भी वह किसानों को मारने और उनकी दशा को खराब करने के लिए मुट्ठी भर लोग खड़े हुए हैं। 

मंगलवार को शाम 6 बजे हुए इस श्रद्धांजलि अर्पित कार्यक्रम में किसानों ने एकजुट होकर कहा कि निरंकुश सरकार 135 करोड़ की आबादी में से मात्र आधा दर्जन उद्योगपतियों को आगे बढ़ाने के लिए तीन कृषि कानून लाने का काम किया है और इसके विरोध में जब देश के किसानों ने प्रदर्शन करना शुरू किया तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार और इससे जुड़े नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं ने किसानों को आतंकवादी तक भी कहा है लेकिन सरकार को यह बात समझना चाहिए कि किसान किसी के उकसाने से भड़कने वाला नहीं है । किसान इमानदारी  और मेहनत से अपना काम करता है और अपनी जीविका के लिए स्वयं पर विश्वास करता है इसलिए सरकार को इस बात को समझना चाहिए कि किसानों के खेती को बर्बाद करने की बजाय उनके हित में काम करना जरूरी है।

 किसानों ने अमरौली शुमाली के रामनगर चौराहे पर  कैंडिल मार्च निकालकर  लखीमपुर खीरी हमले की निंदा करते हुए मृतक किसानों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर किसान समर्थकों ने कहा कि किसानों का आवाज को दबाने का प्रयास किया गया लेकिन किसान डर के भागने वाला नहीं है।

 कैंडिल मार्च में मुख्य रूप से प्रभकार वर्मा ,मेवालाल यादव ,रामचन्द्र यादव ,महंत यादव , राजमंगल वर्मा ,प्रभकार पटेल  ,रामसेवक बौद्ध , राकेश पटेल समेत दर्जनों किसान शामिल थे।


लेबल:

बस्ती के इस गांव में दिखाई दिया तेंदुआ ग्रामीणों में दहशत का माहौल

 बस्ती : यूपी के बस्ती जिले में सदर ब्लाक कुम्हिया गांव में तेंदुआ दिखने से इलाके में दहशत फैल गया । गांव के कुछ लोगों ने तेंदुआ देखा और दूर से उसकी फोटो लिया । लेकिन पलक झपकते देर नही लगी वह आखों से ओझल हो गया । इसी बीच गाव के हबीबुल्लाह की बकरी पर तेंदुये ने हमला कर दिया । डर के मारे को कोई निकट नही जा पाया । बताया जा रहा है कुछ देर में तेंदुये ने बकरी को अपना निवाला बना लिया । इसकी जानकारी लालगंज थाना क्षेत्र के महसो पुलिस चौकी को दी गयी । कास्टेबल गजेंद्र सिंह , राम सिंह यादव मौके पर पहुचे लेकिन तेंदुये का कोई सुराग नही मिला । गांव में तेंदुआ आने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है ।
 प्रतीकात्मक तस्वीर

लेबल:

सोमवार, 11 अक्टूबर 2021

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हुई मुठभेड़ में सेना का अधिकारी और 4 जवान शहीद

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सोमवार को आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ (Poonch Encounter) हुई. तलाशी दल पर आतंकियों ने जबरदस्त फायरिंग की. मुठभेड़ में सेना के एक अफसर और चार अन्य जवान शहीद हो गए हैं. रक्षा सूत्रों ने यह जानकारी दी. 

सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना मिलने के बाद आज सुबह तड़के सुरनकोट में डेरा की गली के पास एक गांव में अभियान शुरू किया गया. इस दौरान छिपे हुए आंतकियों ने तलाशी अभियान में जुटी टीम पर भारी फायरिंग की. जिसके चलते एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (JCO) और चार अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गए. गंभीर रूप से जख्मी होने से उनकी मृत्यु हो गई. 



लेबल:

रविवार, 10 अक्टूबर 2021

लखीमपुर खीरी-12 घंटे की पूछताछ के बाद मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा गिरफ्तार

नई दिल्ली : यूपी के लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने का आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को पुलिस ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. यूपी पुलिस ने कहा है कि आरोपी आशीष मिश्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहा है.आशीष मिश्रा की गिरफ़्तारी पर लखीमपुर खीरी मामले में पर्यवेक्षण समिति के अध्यक्ष DIG उपेंद्र अग्रवाल ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि लंबी पूछताछ के बाद हमने पाया कि वे (आशीष मिश्रा) सहयोग नहीं कर रहे, विवेचना में कई बातें बताना नहीं चाहते. इसलिए हम उन्हें गिरफ़्तार कर रहे हैं. उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा.

सूत्रों ने बताया है कि आशीष मिश्रा घटना के दिन दोपहर 2.45 से लेकर 3.30 बजे तक कहां थे? वे इसका कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए. जबकि कई प्रत्यक्षदर्शी उनके एसयूवी में सवार होने की बात कह रहे थे. अब आशीष मिश्रा के दो सहयोगी सुमित जयसवाल और अंकित दास से भी पूछताछ की जाएगी.

आशीष मिश्रा के खिलाफ तिकुनिया थाने में 304 ए, 302, 120बी, 338, 279, 147,148,149 के तहत संगीन धाराओं में मामला दर्ज है. धारा 160 के तहत आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. एसआईटी ने करीब दस घंटे तक पूछताछ की. लखीमपुर खीरी कांड से जुड़े दो अन्य लोगों की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है. तीन अक्टूबर को हुए लखीमपुर कांड में आठ व्यक्तियों की मौत हो गई थी.


लेबल:

शनिवार, 9 अक्टूबर 2021

सबसे बड़ा झूठ यही है कि कानून सबके लिए एक समान काम करता है ,क्योंकि कानून के रखवाले दोगले हैं

सौरभ वीपी वर्मा

लखीमपुर खीरी की घटना में गृह राज्य मंत्री का बेटा मुख्य अभियुक्त है लेकिन मुकदमा दर्ज होने के 5 दिन बाद तक पुलिस अभी तक उसे गिरफ्तार नही कर पाई।

पहला सवाल यूपी पुलिस पर है कि जो पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नही कर पाती तो उसके परिजनों के ऊपर दबाव बनाकर या हिरासत में लेकर आरोपी को गिरफ्तार करने की कोशिश करती है , ऐसा तमाम वाकया देखने को मिला है लेकिन पुलिस ने गृह राज्य मंत्री को हिरासत में लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। आखिर क्यों? क्योंकि वह गृह राज्य मंत्री है और पुलिस महकमा उसके दायरे में आती है।
आप विचार कीजिए कि इतने बड़े घटना में जहां पर 9 लोगों की हत्या हो चुकी है अगर इसमें मुख्य आरोपी कोई आम आदमी होता तो क्या हुआ अभी तक पुलिस की चंगुल से बच पाता ? क्या पुलिस इस तरह से उसे बचाने के लिए प्रयास करती ? 

बाबा योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता टीवी पर आकर बेवजह बेबुनियाद तरीके से बताने का काम कर रहे हैं कि कानून सबके लिए एक तरह से काम करता है लेकिन मित्रों यह बात सही नहीं है इस देश में कानून सबके लिए एक तरह काम नहीं कर रहा है आम आदमी के लिए दूसरा कानून है और खास आदमी के लिए दूसरा काम है । आम आदमी की बात आए तो उसका घर कुर्की हो जाएगा लेकिन जब खास आदमी की बात आ जाए तो उसके साथ बचाव पक्ष में सरकार खड़ी रहती है।

फिलहाल देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद उत्तर प्रदेश की पुलिस आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर पाती है या  गृह राज्य मंत्री अपने बेटे को सरेंडर करवाते हैं।

लेबल:

बस्ती- एक्शन में डीएम सौम्या अग्रवाल , ग्राम विकास अधिकारी पर दर्ज हुआ मुकदमा

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- सल्टौआ विकास खंड में तैनात ग्राम विकास अधिकारी अखिलेश शुक्ला और सेवन ग्राम पंचायत अधिकारी राम नेवास के खिलाफ शुक्रवार को कप्तानगंज थाने में वित्तीय वर्ष 2009-10 एवं 2012 -13 तक का अभिलेख गायब करने के आरोप में एडीओ सहजराम की ओर से मुकदमा दर्ज करवाया गया है 

ग्राम पंचायत कौडीकोल में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत पीएम कार्यालय में की गई थी जिसे संज्ञान में लेकर पीएम कार्यालय ने जांच के आदेश दिया था।जिसमे घोटाला करने और अभिलेख को छिपाने का आरोप सच साबित हुआ। बता दें कि इसमें सबसे ज्यादा मनरेगा के कार्य के नाम पर घोटाला किया गया था।

लेबल:

शुक्रवार, 8 अक्टूबर 2021

यूपी के बस्ती में डबल डेकर बस पलटने से हुआ बड़ा हादसा ,बस में बैठे थे सैकड़ो यात्री

Basti News dabal dekar bas बस्ती- आज सुबह साढ़े सात बजे के लगभग बस्ती के अमहट पुल पर डबल डेकर बस पलट गई, बस में लगभग 80 यात्री सवार थे। इस हादसे में लगभग एक दर्जन यात्री घायल हो गए हैं। घायलों को पुलिस कर्मियों द्वारा जिला अस्पताल में कराया गया है। एडिशनल एसपी व पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है। एनएच 28 लखनऊ-गोरखपुर मार्ग पर हादसे के बाद लगे लंबा जाम को खुलवाकर यातायात बहाल कराया जा रहा है।

पुणे से आ रही बस इटावा सिद्धार्थनगर जनपद की तरफ जा रही थी, नया अमहट पुल पर ड्राइवर को झपकी आ जाने के बाद बस अनियंत्रित होकर पलट गई। इस बस में 80 से ज्यादा यात्री सवार थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को दुर्घटनाग्रस्त बस से निकालकर अस्पताल पहुंचाया व रास्ते को खाली कराया। अभी तक इस हादसे में किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है दो की हालत गंभीर है घटनास्थल पर अपर पुलिस अधीक्षक बस्ती सहित कई थानों की फोर्स पहुंच गई है। एनएच 28 गोरखपुर-लखनऊ मार्ग पर लगे भीषण जाम को खाली कराया जा रहा है।



लेबल:

गुरुवार, 7 अक्टूबर 2021

दुर्गापूजा में नई मूर्ति की नही होगी स्थापना ,एक साथ 5 लोग कर सकते हैं पूजा, डीएम की बैठक में निर्णय

बस्ती- दुर्गा पूजा में इस वर्ष किसी नयी मूर्ति की स्थापना नही की जायेंगी। सार्वजनिक स्थान एवं मुख्य मार्ग पर भी मूर्ति स्थापना नही की जायेंगी। उक्त निर्देश जिला मजिस्ट्रेट सौम्या अग्रवाल ने दी है, पुलिस लाइन सभागार में जिला शान्ति समिति की बैठक को सम्बोधित 
करते हुए उन्होंने कहा कि पाण्डाल छोटा होगा, मूर्ति भी छोटी होगी। एक बार में अधिकतम 05 लोग पूजा अर्चना कर सकेंगे। 

उन्होने कहा कि मूर्ति स्थापना के लिए अनुमति अनिवार्य होंगी। इसके लिए संबंधित थाने, तहसील में आवेदन पत्र दिया जा सकेंगा। प्रत्येक पाण्डाल के लिए मूर्ति सुरक्षा समिति गठित की जायेंगी। विसर्जन के दौरान 20 अक्टूबर को कोई जुलूस नही निकाला जायेंगा। छोटे वाहन पर मूर्ति ले जायी जायेंगी। मूर्ति के साथ लोग भी वाहन पर ही जायेंगे।

  उन्होने कहा कि प्रत्येक पाण्डाल के बाहर कोविड हेल्प डेस्क स्थापित किया जायेंगा। जो भक्त मास्क पहन कर नही आयेंगे उन्हें वहां पर मास्क दिया जायेगा, सेनिटाइजर की व्यवस्था होगी। यदि बैठने की व्यवस्था की जाती है तो दो गज की दूरी मेनटेन किया जायेंगा। उन्होने कहा कि वर्तमान समय में जनपद कोरोना मुक्त है। त्यौहार के दौरान बाहर से लोग आयेंगे। इस दौरान सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। 

उन्होने अधिशासी अभियन्ता विद्युत संतोष कुमार को निर्देश दिया कि विद्युत संबंधित समस्या सुनने के लिए प्रत्येक थाने पर एक जेई और लाइन मैन तैनात करें। नगर पालिका एंव नगर पंचायत में साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था रहें। 

पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि आगामी 10 नवम्बर तक त्यौहारों की श्रृखला जारी रहेंगी। 19 अक्टॅूबर को बारावफात का पर्व है इस दिन मूर्ति विर्सजन न किया जाय। ग्रामीण क्षेत्रों में 15 अक्टूबर को तथा नगर पालिका बस्ती में 20 अक्टॅूबर को मूर्ति विर्सजन किया जायेगा। उन्होने कहा कि शासन के वर्तमान निर्देशों के अनुसार रात को 11.00 बजे से प्रातः 06.00 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा, इसलिए पूजा, अर्चना, आरती एंव रामलीला 11.00 बजे के पहले समाप्त कर लें। उन्होने कहा कि मूर्ति स्थापना की अनुमति के साथ  गाइड लाइन भी दी जायेगी। 

उन्होने सभी मूर्ति व्यवस्थापको को अपने वालटिंयर तैनात करने का निर्देश दिया।
बैठक में सीडीओ डॉ0 राजेश कुमार प्रजापति, एडीएम अभय कुमार मिश्रा, एसडीएम/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अमृत पाल कौर, रूधौली नगर पंचायत अध्यक्ष धीरसेन निषाद, नन्दाबाबा, पंकज सोनी, डॉ0 वीके वर्मा, निजामुद्दीन ने अपने-अपने सुझाव दिये। 

बैठक में अधिशासी अभियन्ता विद्युत संतोष कुमार, एसडीएम पवन कुमार जायसवाल, तहसीलदार चन्द्रभूषण प्रताप, विनोंद कुमार, डीएसओ सत्यवीर सिंह, डीपीआरओ एसएस सिंह, ईओ अखिलेश त्रिपाठी, पुलिस क्षेत्राधिकारीगण उपस्थित रहें।

लेबल:

सरकार की निरंकुशता से बढ़ रहा युवाओं में विसंगतियां,कोमल हाथों वाली लड़कियां भी मजबूर

सौरभ वीपी वर्मा
भले ही देश-विदेश मे भारतीय युवा आईटी,राजनीतिक ,शिक्षा समाजसेवा आदि के क्षेत्र मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं,लेकिन इन्ही युवावों मे जिस्मफरोशी , फिरौती ,तस्करी , जैसी विसंगतियों की भी कमी नही है 

भारत एक ऐसा देश है जंहा की साठ फीसदी आबादी युवा है जिनकी उम्र 13 से 35 वर्ष है लेकिन यह बहुसंख्यक युवा अपने ही देश मे उचित नेतृत्व की कमी और टेक्नोलॉजी आधारित संरचनाओं की कमी को महसूस कर रहा है ।

देश के उत्तर प्रदेश,दिल्ली,हरियाणा,पंजाब राजस्थान बिहार और सीमा से सटे सभी राज्यों के युवा केवल उचित संसाधन के कमी के कारण अपनी आजीविका मे वृद्धि नही कर पा रहे हैं और उसका परिणाम है की ये तस्करी और फिरौती के धंधे को तेजी से अंजाम दे रहे हैं ।

ऐसे कृत कार्यो को अंजाम देकर वें इस मुकाम पर जा रहे हैं जंहा से उन्हे वास्तविक जिंदगी मे लौट कर आना मुश्किल है ,ऐसी स्थित मे पुरुष ही नही कोमल हाथो वाली मजबूर लड़कियां भी अनुचित कार्यों मे कदम बढा रही हैं ,इनके लिये धोखा और जिस्मपरोशी जैसे धंधे आम है ।

आखिर एक बात निश्चित है की रोजगार के कमी के कारण ही ये युवा समाज अपने आप को अंधकार के तरफ ढकेल रहे हैं ,ऐसी स्थित मे देश प्रदेश की सरकारों को चाहिये की हर प्रदेश मे फैक्ट्रीयाँ ,कूटीर धंधे,पुश्तैनी धंधे ,नौकरी आदि के माध्यम से रोजगार का बढावा दे ताकि ये समाज ऐसी निकिष्ट कार्यों के तरफ जाने से अपने आप को रोक सके  ,अन्यथा आने वाले वाले दिनों में देश सूडान और मंगोलिया जैसे देशों के साथ मुकाबला करेगा।

लेबल:

सास को मारने के लिए बहू और प्रेमी ने रचा ऐसा साजिश कि सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

एनडीटीवी

नई दिल्‍ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सांप से डसवाकर एक महिला की हत्या करने के मामले में आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया. CJI एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि ये नया ट्रेंड है  कि लोग सपेरे से जहरीला सांप ले आते हैं और इसके जरिए हत्या कर देते हैं. राजस्थान में ये अब कॉमन होता जा रहा है सुनवाई के दौरान आरोपी कृष्ण कुमार की ओर से पेश वकील आदित्य चौधरी ने अदालत में कहा कि आरोपी के खिलाफ कोई सीधे सबूत नहीं है.उस पर आरोप है कि वो मुख्य आरोपी के साथ सपेरे के पास गया था और उसके जरिए दस हजार रुपये में सांप खरीदा था.चौधरी की दलील थी कि उसे नहीं पता था कि उसका दोस्त सांप या जहर किसलिए खरीद रहा है. उसे बताया गया था कि ये दवा के लिए चाहिए. इसके अलावा वो सांप लेकर महिला के घर भी नहीं गया था. चौधरी ने कहा कि आरोपी इंजीनियरिंग का छात्र है और उसके भविष्य के लिए जमानत दी जानी चाहिए. 

दरअसल 2019 में ये खबर सुर्खियों में थी.एक महिला द्वारा अपनी सास को सांप से डसवाकर हत्या कर दी गई है.यह घटना राजस्थान के झुंझुनू जिले के एक गांव की है. आरोप है बहू अल्पना का जयपुर निवासी मनीष के साथ विवाहेतर संबंध था.अल्पना और उनकी सास सुबोध देवी गांव में एक साथ रहती थीं.अल्पना के पति और उनके भाई सेना में हैं और बाहर रहते थे. सुबोध देवी के पति राजेश भी नौकरी के कारण दूर रहते थे.सचिन और अल्पना की शादी 12 दिसंबर 2018 को हुई थी.जब उसका पति दूर था, तब अल्पना के मनीष के साथ विवाहेतर संबंध बन गए. वे अक्सर बात भी करते थे.जब सुबोध देवी को अफेयर की भनक लग गई और वह हमेशा फोन पर रहने के लिए उसे ताना मारने लगी.

जब उसकी सास  प्रेम कहानी में बाधा बनने लगी तो अल्पना और उसके प्रेमी मनीष ने सुबोध देवी को इस तरह से मारने की योजना बनाई, जिससे वो फंसे भी नहीं. 2 जून 2019 को सुबोध देवी को सांप ने डस लिया.हालांकि, उसकी मौत के डेढ़ महीने बाद, अल्पना के ससुराल वालों को उस पर शक हुआ और उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.उन्होंने कुछ सबूत भी दिए.परिवार ने पुलिस को अल्पना और मनीष के फोन नंबर दिए. पुलिस के मुताबिक 2 जून को  अल्पना और मनीष के बीच 124 और अल्पना और कृष्ण कुमार के बीच 19 कॉल की गईं.इन नंबरों के बीच कुछ मैसेज भी शेयर किए गए. पुलिस ने अल्पना, मनीष और उसके दोस्त कृष्ण कुमार को सुबोध देवी की हत्या में शामिल माना. उसे 4 जनवरी, 2020 को गिरफ्तार कर लिया गया  तभी से वो जेल में है.


लेबल:

मंगलवार, 5 अक्टूबर 2021

बस्ती- राष्ट्रीय राजमार्ग बना लेकिन पानी निकासी की व्यवस्था न होने से पूरा गांव हो जाता है जलमग्न

सरकार गांव के लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़े , राजकीय मार्ग से जोड़े ,प्रधानमंत्री ,मुख्यमंत्री सड़क योजना एवं खड़ंजा से भी जोड़े । लेकिन इस बात का निश्चित तौर पर ध्यान देना जरूरी है कि जिन गांवों को सड़कों से जोड़ा जा रहा है उस गांव से पानी निकासी की व्यवस्था पूरी तरह से सुनिश्चित हो।

ये तस्वीर जनपद के साऊंघाट ब्लॉक के मरवटिया गांव की है जिसके बगल से राष्ट्रीय राजमार्ग निकलता है। गांव के बगल राजमार्ग बनने से गांव से पानी निकासी की व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई  लेकिन आज तक पानी निकासी की व्यवस्था के लिए मुकम्मल इंतजाम नही किया गया।

 जिसका परिणाम है कि पूरा गांव पानी से भर गया ,घर में भी पानी घुस गया साथ ही पशुओं और जानवरों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई । गांव के अगल बगल रहने वाले कीड़े ,मकोड़े ,सांप और बिच्छू भी पानी में डूबने लगे तो गांव वालों के घरों में उन्होंने अपना जगह बना लिया।

इस गंभीर विषय को लेकर गांव वालों ने संपूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी के नाम मांग पत्र देकर राष्ट्रीय राजमार्ग मरवटिया के बगल जल निकासी के लिए नाला बनवाने एवं  राजमार्ग की वजह से बंद पड़े नालों एवं पुलिया बहाल करवाने की मांग की गई । लेकिन अभी तक प्रशासन या राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने कोई गंभीरता नही दिखाया।

 राष्ट्रीय राजमार्ग बनने से जहाँ लोगों को राहत मिला है वहीं पानी निकासी की व्यवस्था न होने से मरवटिया गांव के लोगों को विनाश के रास्ते पर खड़ा कर दिया है गांव में जहां घर और रास्ते पानी में डूब गए हैं वही यहां के किसानों की फसलें हर वर्ष बरसात में बर्बाद जाती है । किसानों की मांग है कि पानी निकासी के लिए नाले का निर्माण किया जाए।


लेबल:

सोमवार, 4 अक्टूबर 2021

UP-सत्तापक्ष अपने अहंकारी रवैये से किसानों और मजदूरों के साथ कर रही अन्याय- ऐश्वर्य राज सिंह

UP lakhimpur khiri news उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुई किसानों की निर्मम हत्याओं के उपरांत उनके परिवारों में संवेदना व्यक्त करने के लिए राष्ट्रीय लोकदल बस्ती एवं संत कबीरनगर इकाई के कार्यकर्ता लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुए। इस प्रतिनिधि मंडल में प्रवक्ता ऐश्वर्य राज सिंह एवं किसान प्रकोष्ट के प्रदेश अध्यक्ष गंगा सिंह सेन्थवार मुख्य रूप से थे। 
इस प्रतिनिधि मंडल को सीतापुर स्थित चहलारी घाट पर वहां उपस्थित उप जिलाधकारी एवं सीओ ने रोककर सभी को हिरासत में ले लिया।

प्रशासन द्वारा घटना स्थल पर जाने वाले नेताओं को हिरासत में लिए जाने के बाद ऐश्वर्य राज सिंह ने कहा कि सत्तापक्ष अपने अहंकारी रवैये से किसानों और मजदूरों के साथ हर स्तर पर अन्याय कर रही है इसपर सरकार की कड़ी निंदा करते हैं।

प्रतिनिधि मंड़ल में प्रदेश महासचिव युवा रालोद अजय सिंह, जिलाध्यक्ष संतकबीर नगर विपिन सिंह, वीरेंद्र सिंह, बब्बू खान, अतुल सिंह, रहमान, बबलू चौधरी, राकेश यादव, रवि तिवारी, अशफ़ाक़ खान, राजन सिंह आदि मौजूद रहे।

ज्ञात हो राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह जी भी आज लखीमपुर खीरी पहुंचने वाले हैं, तथा वो अपनी किसान बिरादरी के पास पहुंचने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

लेबल:

लखीमपुर जा रहीं प्रियंका गांधी को पुलिस ने हिरासत में लिया, AAP नेता संजय सिंह को भी रोका


up lakhimpur news कृषि कानूनों पर विरोध-प्रदर्शन (Protest Against Farm Laws) के दौरान लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Incident) में रविवार को जमकर खूनी संघर्ष हुआ और फायरिंग व आगजनी में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। किसानों का आरोप है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष उर्फ मोनू और उसके समर्थकों ने किसानों पर गाड़ियां चढ़ा दीं। इसमें चार किसानों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हैं। 

इससे गुस्साए किसानों ने मोनू और उनके समर्थकों की तीन गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait in Lakhimpur Kheri) पीलीभीत से लखीमपुर के लिए रवाना हो गए हैं। पुलिस ने उनको रोकने की कोशिश की, लेकिन उनका काफिल बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आगे बढ़ गया। वहीं, लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश कर रहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को पुलिस ने हिरासत में लिया। इस घटना में 4 किसानों समेत कुल 8 लोगों की मौत की पुष्टि अभी तक हुई है ।

लेबल:

रविवार, 3 अक्टूबर 2021

2014 से लेकर 2021 तक, पेट्रोल 30 रुपये, डीजल 36 रुपये प्रति लीटर हुआ महंगा ,जानें कब कितना बढ़ा

India petrol price- देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ौतरी का दौर जारी है. हर साल पेट्रोल-डीजल पहले से ज्यादा महंगा होता जा रहा है. लेकिन पिछले सात सालों में कीमतों में कुछ ज्यादा ही इजाफा हुआ है. इस दौरान पेट्रोल-डीजल में 30-36 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी देखने को मिली है.

साल 2014-15 में पेट्रोल 66 रुपये प्रति लीटर और डीजल 50 रुपये प्रति लीटर था. आज 2021 में पेट्रोल 102.39 रुपये पहुंच गया वहीं, डीजल 90.77 रुपये लीटर हो गया.

2014-15- पेट्रोल 66.09 रुपये प्रति लीटर, डीजल 50.32 रुपये प्रति लीटर

2015-16- पेट्रोल 61.41 रुपये प्रति लीटर, डीजल 46.87 रुपये प्रति लीटर

2016-17- पेट्रोल 64.70 रुपये प्रति लीटर, डीजल 53.28 रुपये प्रति लीटर

2017-18- पेट्रोल 69.19 रुपये प्रति लीटर, डीजल 59.08 रुपये प्रति लीटर

2018-19- पेट्रोल 78.09 रुपये प्रति लीटर, डीजल 69.18 रुपये प्रति लीटर

2019-20- पेट्रोल 71.05 रुपये प्रति लीटर, डीजल 60.02 रुपये प्रति लीटर

2020-21- पेट्रोल 76.32 रुपये प्रति लीटर, डीजल 66.12 रुपये प्रति लीटर

11 जून 2021- पेट्रोल 95.85 रुपये प्रति लीटर, डीजल 86.75 रुपये प्रति लीटर

वहीं आज यानी 3 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 25 पैसे चढ़कर 102.39 रुपये पहुंच गया, जो शनिवार को 102.14 रुपये पर था. वहीं, डीजल 90.47 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 90.77 रुपये लीटर हो गया.

देश के अलग-अलग हिस्सों में अब पेट्रोल ऐतिहासिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और लद्दाख समेत छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल 107 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच गया है. तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले 15 दिन के भावों के औसत के आधार पर रोजाना घरेलू बाजार में दाम तय करतीं हैं.

लेबल:

शनिवार, 2 अक्टूबर 2021

सिद्धार्थनगर-जिला स्तर पर 240 बाढ़ प्रभावित परिवारों के बीच आर्थिक सहायता का वितरण

राकेश चौधरी
सिद्धार्थ नगर -जमीयत-ए-अहल-ए-हदीस, सिद्धार्थ नगर के नजीम-ए-अला मौलाना वसीउल्लाह अब्दुल हकीम मदनी ने तहक़ीकात समाचार के संवाददाता को बताया कि बाढ़ के कारण लोगों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। सेवा की भावना से जिला जमीयत के पदाधिकारियों ने शोक संतप्त राष्ट्र एवं शुभचिंतकों से तत्काल आर्थिक सहायता की अपील करते हुए स्थानीय एवं विधानसभा क्षेत्र जमीयत के नेताओं से कहा कि वे जनता को इसकी महत्ता एवं उपयोगिता की आवश्यकता से अवगत करायें। जमीयत के इस आंदोलन और मिश से यथासंभव वित्तीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया। ताकि बाढ़ पीड़ितों की मदद की जा सके।

दोस्तों तथा सभी हलकों के नेताओं और शासकों के प्रयासों से कुछ धन एकत्र किया गया था और इस दौरान कुल 240 बाढ़ पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान किया गया।

इस दौरान अमीर जमीयत मौलाना मोहम्मद इब्राहिम मदनी, नाजिम जमीयत मौलाना वासिउल्लह अब्दुल हकीम मदनी, मौलाना अब्दुल रहमान साहब, नायब नाजिम मौलाना अब्दुल रब सल्फी, मौलाना ओवैदूर्रहमान सल्फी आदि तमाम लोग मौजूद रहें।
                 प्रतीकात्मक तस्वीर

लेबल: