सिद्धार्थनगर -प्रधान और सुपरवाइजर के उपस्थिति में वितरित किया गया खाद्यान्न
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नैतिकता,प्रमाणिकता,निष्पक्षता
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बस्ती- गौर थाना क्षेत्र के अजगैवा जंगल गांव की निवासी एक महिला ने अपनी पुत्री की हत्या का आरोप अपने दामाद पर लगाया है । वहीं महिला का आरोप है कि गौर पुलिस हत्या के मामले में मुकदमा दर्ज करने में हीलाहवाली कर रही है।
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बस्ती। जिले के गौर थाना क्षेत्र के एक गांव की पंचायत ने तुगलकी फरमान सुनाया, दलित नाबालिग प्रेमी जोड़े के चेहरे पर कालिख पोत कर चप्पलों की माला पहना कर पूरे गांव में घुमाने की सजा सुनाई गई।
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नई दिल्ली : संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. 40 किसान संगठनों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने देश के सभी लोगों से बंद में शामिल होने की अपील की है. साथ ही मोर्चे की ओर से सभी राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों से भी भारत बंद में शामिल होने की अपील की गई है. भारत बंद के मद्देनजर दिल्ली में भी सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं. दस महीने से जारी आंदोलन के दस महीने पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने मोदी सरकार के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों से कहा है कि वे ‘‘लोकतंत्र और संघवाद के सिद्धांतों को बचाए रखने की उनकी लड़ाई में हिस्सा लें.'' जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद को कई राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन दिया है. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बंद को अपना समर्थन दिया है. वहीं बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भारत बंद में शामिल होने की घोषणा की है. हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि उनकी नीति है कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ किसान मोर्चा मंच साझा नहीं करेगा.
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बस्ती। जनपद में भाजपा के जिलाध्यक्ष अपने कार्यप्रणाली से जनता के बीच अपनी अच्छी छवि को तार-तार करते हुये विगत महीनों में जिला प्रशासन को अपने स्वार्थ को लेकर कठपुतली की तरह नचा रहे है इनके द्वारा अध्यक्ष बनने से पहले ही पत्रकारों के उपर हमला करने वाले जिले के बडे व्यवसाई का साथ देकर पत्रकारों से तो दूरी बना ली थी। लेकिन पद प्राप्त होने के बाद सत्ता के मद में चूर मद मस्त छोटी या बडी घटना हो इनमें इनके हाथ होने की बात सामने आ ही जाती है जिससे इनकी छवि तो खराब हो रही है के साथ पार्टी की छवि खराब कर रहे है।
बताते चले कि प्रेस क्लब के निर्वाचित सदस्यक डा0 वीके वर्मा ने प्रताडित करने की बात प्रेस क्लब के आम सभा की बैठक में प्रेस के सदस्यों अपनी जान माल की गुहार लगाते हुये बताया कि भाजपा अध्यक्ष के सम्बन्धी जो इनके कालेज पढ रहा था फीस न जमा करने पर इनका सर्टिफिकेट रोक दिया गया। जिससे खुन्नक खाये अध्यक्ष द्वारा इनके हास्पिटल पर सीएमओ से कहकर हास्पिटल को सीज करने की बात कहे जाने की बात सामने आई इनके हास्पिटल पर छापा पडा और सब ठीक प्राप्त हुआ कुछ रख-रखाब में कमी पाई गई जिसे ठीक करने की चेतावनी दी गई। इसके बाद जब इनके उपर कोई कार्यवाही न हुई तो इन्होने इनके अन्य स्कूलो व कालेजों पर छापा डलवाया वहॉ भी बात नही बनी तो एक स्कूल में परती जमीन को इनके कब्जे दिखाकर कार्यवाही करने की बात हर्रैया उपजिलाधिकारी को कहा जो उन्होने कार्यवाही की लेकिन रिपोट क्या लिखा समाचार लिखे जाने तक नही आयी थी। डा0वर्मा ने बताया कि हमारा जीवन जनता की सेवा के लिए सर्मित कर दिया है।उन्होने शंका व्यक्त करते हुये कहा अगर एैसा ही चलता रहा तो कभी भी पुलिस द्वारा मुझै किसी न किसी केस में फसा कर जेल डालने का प्रयास भी किया जा सकता है। इस बात को लेकर सभी पत्रकारो ने भाजपा अध्यक्ष के विरूद्ध अवमानना प्रस्ताव पास हुआ। सभी ने कहा कि अगर मामला नही सुलझा तो इनके विरूद्ध विधिक कार्यवाही के साथ लडाई लडी जायेगी।
इतना ही नही भाजपा अध्यक्ष बनने से पहले एक पत्रकार के उपर हमला करने वाले जिले बडे व्यवसाई का साथ देकर सत्ता का लाभ लेकर कार्यवाही न करने का प्रयास किया था लेकिन पत्रकारो के डबास के चलते वहॉ वे सफल नही हुये और मुहकी खानी पडी। और बैक डोर से उनकी जमानत कराई।
इतना ही अध्यक्ष बनने के बाद इनके खास व्यक्ति ने गॉधी नगर में एक मकान की दिवाल तोडकर गेट खोलवाने की बात सामने आई दिवाल तोडते हुये मौके पर कुछ लोग पकडे गये लेकिन इनकी मेहरवानी से वे बच गये इसको लेकर व्यापारियों ने मोर्चा खोला और पत्रकारो के सहयोग से एक महीने से ज्यादा आन्दोलन चला तब जाकर जिला प्रशासन झुका और कुछ अन्य लोगो के उपर मुकदमा दर्ज हुआ। वहॉ भी इनकी न चली। इतने पर ये बस नही हुआ विकास खण्ड बस्ती सदर में पंचायत चुनाव को लेकर दो पक्ष आमने सामने लडाई शुरू होने के मामले में हिन्दू /मुस्लिम कराने का प्रयास किया लेकिन उसमें भी सफलता नही मिली लेकिन पुलिस ने दबाव में आकर एक पक्षीय कार्यवाही कर दूसरे पक्ष के उपर हरिजन बनाम सर्वण का मुकदमा दर्ज करवाने में सफल हो गये। इसी तरह जिले में छोटी बडी घटना में इनके हाथ होने के संकेत मिलते रहते है।
अगर यही हालत रहे तो इनके कार्यप्रणाली से जहॉ एक ओर जनता भाजपा से दूर होती जायेगी और एक दिन एैसा आयेगा कि जिला प्रशासन भी अपना हाथ खडा कर देगा अगर भाजपा के शीर्ष नेताओ द्वारा इनके उपर शिकजा नही कसा तो आगामी चुनाव में इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड सकता है।
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बस्ती - सरकार द्वारा भूमाफियों पर शिकंजा कसने की बात तो कही जा रही है लेकिन उसके बाद ग्राम पंचायत के सरकारी जमीन पर लोग कब्जा जमाए बैठे हुए हैं ।
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बस्ती- अखिल भारतीय प्रधान संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष विजय चन्द्र सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने ब्लॉक के कुछ सड़कों के किनारे उगी बड़ी बड़ी झाड़ियों एवं मूँज (सरपत) को साफ करवाने की मांग की है।
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बस्ती – जिला पंचायत राज अधिकारी शिवशंकर सिंह ने वित्तीय अनियमितता के आरोप में दो ग्राम पंचायत सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर संबंधित ब्लाक मुख्यालयों से संबद्ध कर दिया है।
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बस्ती- कलवारी थाना क्षेत्र के जमुनीजोत गांव मे पंखे का प्लग लगाते समय करंट की चपेट में आने से मां समेत तीन मासूम गम्भीर रूप से झुलस गए जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई ।
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बताया जा रहा है कि इसकी जानकारी सहायक अध्यापक ने विजिलेंस गोरखपुर की टीम को दी थी। सबकुछ तय होने के बाद बुधवार की शाम खंड शिक्षा अधिकारी को घूस की रकम देने शिकायतकर्ता सहायक अध्यापक मड़वानगर स्थित उनके किराए के आवास पर पहुंचे थे। इधर विजिलेंस गोरखपुर से हरिसेवक शुक्ला की अगुवाई में टीम भी बस्ती पहुंच चुकी थी।
खण्ड शिक्षा अधिकारी को गिरफ्तार करने के बाद टीम गोरखपुर के लिए रवाना हो गई बताया गया कि लिखा-पढ़ी की कार्रवाई गोरखपुर में ही की जाएगी। खंड शिक्षा अधिकारी की गिरफ्तारी से बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
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यूपी में डेंगू और बुखार से मरने वालों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच गया है. अकेले फिरोजाबाद में 60 से ज्यादा मौतें हुई हैं. पिछले 48 घंटों में 16 लोगों ने जान गंवाई है. यहां निकिता कुशवाहा की 11 साल की बहन वैष्णवी कुशवाहा की सोमवार शाम को फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई. वैष्णवी पिछले 5 दिन से मेडिकल कॉलेज में भर्ती थी.
शाम को आगरा के कमिश्नर दौरे पर आए थे, तभी वैष्णवी को मृत घोषित किया गया. वैष्णवी की बहन आगरा कमिश्नर की गाड़ी के आगे लेट गई. परिवार का आरोप है कि वैष्णवी को सही इलाज नहीं मिला.बता दें कि पश्चिमी यूपी के अस्पतालों में डेंगू के कई मरीज हैं. अस्पताल प्रभारी संगीता अनेजा ने कहा कि मरीज की हालत गंभीर थी.हमने उसे बचाने की कोशिश की. खेद है हम उसे बचा नहीं पाए. मृतक परिवार दुख में है इसलिए ऐसा बोल रहा है.
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नई दिल्ली : देश में खेती-बाड़ी करने वाले आधे से अधिक परिवार कर्ज के बोझ तले दबे हैं. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के एक सर्वे के अनुसार 2019 में 50 प्रतिशत से अधिक कृषक परिवार कर्ज में थे और उन पर प्रति परिवार औसतन 74,121 रुपये कर्ज था. सर्वे में कहा गया है कि उनके कुल बकाया कर्ज में से केवल 69.6 प्रतिशत बैंक, सहकरी समितियों और सरकारी एजेंसियों जैसे संस्थागत स्रोतों से लिये गये. जबकि 20.5 प्रतिशत कर्ज पेशेवर सूदखोरों से लिये गये. इसके अनुसार कुल कर्ज में 57.5 प्रतिशत ऋण कृषि उद्देश्य से लिये गये.
सर्वे में कहा गया है, ‘‘कर्ज ले रखे कृषि परिवारों का प्रतिशत 50.2 प्रतिशत है. वहीं प्रति कृषि परिवार बकाया ऋण की औसत राशि 74,121 रुपये है.'' एनएसओ ने जनवरी-दिसंबर 2019 के दौरान देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की भूमि और पशुधन के अलावा कृषि परिवारों की स्थिति का आकलन किया. सर्वे के अनुसार कृषि वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) के दौरान प्रति कृषि परिवार की औसत मासिक आय 10,218 रुपये थी. इसमें से मजदूरी से प्राप्त प्रति परिवार औसत आय 4,063 रुपये, फसल उत्पादन से 3,798 रुपये, पशुपालन से 1,582 रुपये, गैर-कृषि व्यवसाय 641 रुपये तथा भूमि पट्टे से 134 रुपये की आय थी. इसमें कहा गया है कि देश में कृषि परिवार की संख्या 9.3 करोड़ अनुमानित है. इसमें अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) 45.8 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 15.9 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 14.2 प्रतिशत और अन्य 24.1 प्रतिशत हैं.
सर्वे के अनुसार गांवों में रहने वाले गैर-कृषि परिवार की संख्या 7.93 करोड़ अनुमानित है. इससे यह भी पता चला कि 83.5 प्रतिशत ग्रामीण परिवार के पास एक हेक्टेयर से कम जमीन है. जबकि केवल 0.2 प्रतिशत के पास 10 हेक्टेयर से अधिक जमीन थी. इस बीच, एक अन्य रिपोर्ट में एनएसओ ने कहा कि 30 जून, 2018 की स्थिति के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में कर्ज लेने वाले परिवार का प्रतिशत 35 था (40.3 प्रतिशत कृषक परिवार, 28.2 प्रतिशत गैर-कृषि परिवार) जबकि शहरी क्षेत्र में यह 22.4 प्रतिशत (27.5 प्रतिशत स्व-रोजगार से जुड़े परिवार, 20.6 प्रतिशत अन्य परिवार) थे. एनएसओ ने राष्ट्रीय नमूना सर्वे (एनएसएस) के 77वें दौर के तहत अखिल भारतीय कर्ज और निवेश पर ताजा सर्वे जनवरी-दिसंबर, 2019 के दौरान किया.
सर्वे में यह भी पाया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कर्ज ले रखे परिवारों में से 17.8 प्रतिशत परिवार संस्थागत एजेंसियों से (जिनमें 21.2 प्रतिशत कृषक परिवार और 13.5 प्रतिशत गैर-कृषक परिवार) जबकि शहरी क्षेत्रों में 14.5 प्रतिशत परिवार संस्थागत कर्जदाताओं से (18 प्रतिशत स्व-रोजगार करने वाले तथा 13.3 प्रतिशत अन्य परिवार) कर्ज ले रखे थे. इसके अलावा ग्रामीण भारत में करीब 10.2 प्रतिशत परिवारों ने गैर- संस्थागत एजेंसिंयों से कर्ज लिया जबकि शहरी भारत में यह संख्या 4.9 प्रतिशत परिवार थी. वहीं ग्रामीण भारत में सात प्रतिशत परिवार ऐसे थे जिन्होंने संस्थागत कर्ज और गैर-संस्थागत दोनों तरह से कर्ज लिया था जबकि शहरी क्षेत्र में ऐसे परिवारों की संख्या तीन प्रतिशत थी.
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल bhupesh baghel के पिता नंदकुमार बघेल nand Kumar baghel को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उनपर ब्राह्मण समाज के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने का आरोप है. उनके बयान को लेकर उनपर मामला दर्ज किया गया था. एडिशनल एसपी तारकेश्वर पटेल ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है.
गिरफ्तारी के बाद रायपुर पुलिस नंदकुमार बघेल को कोर्ट लेकर पहुंची.यहां मजिस्ट्रेट जनक कुमार हिडको की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई. कोर्ट ने नंदकुमार को 15 दिनों के लिए जेल भेजने का आदेश दिया है. कोर्ट ने उनसे जमानत लेने को कहा था लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया.
क्या है मामला
नंदकुमार बघेल ने ब्राह्मणों को बाहरी (विदेशी) बताया था, जिसके बाद ब्राह्मण समाज की शिकायत पर रायपुर के डीडी नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई. खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिता के खिलाफ एफआईआर पर कहा था कि कानून अपना काम करेगा. दरअसल, कुछ दिन पहले आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नंदकुमार बघेल ने कहा था कि ब्राह्मण विदेशी हैं. उन्हें गंगा से वोल्गा भेज देंगे.
उन्होंने आगे कहा था कि, ब्राह्मण या तो सुधर जाएं या वोल्गा जाने के लिए तैयार हो जाएं. डीडी नगर थाना प्रभारी योगिता खापरडे ने बताया था कि नंद कुमार बघेल के बयान पर ब्राह्मण समाज ने आपत्ति दर्ज कराई थी और नंदकुमार बघेल पर समाज में द्वेष पैदा करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत की थी जिसके बाद डीडी नगर थाने में आईपीसी की धारा 505 और 153 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.
भूपेश बघेल मुख्यमंत्रीलेबल: देश
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साभार-एनडीटीवी
नई दिल्ली : यूएन की आतंकियों की लिस्ट में शामिल और तालिबान के 'कमतर' नेता मुल्ला हसन अखुंद अफगानिस्तान के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं. चरमपंथी समूह के कई गुटों के बीच मतभेदों ने अब तक युद्धग्रस्त राष्ट्र में सरकार के गठन को बाधित किया है. तीन हफ्ते पहले काबुल पर तालिबान ने कब्जा कर लिया था. मुल्ला बरादर के नेतृत्व वाली तालिबान की दोहा इकाई, हक्कानी नेटवर्क, पूर्वी अफगानिस्तान से संचालित एक आतंकवादी संगठन और तालिबान का कंधार गुट में सत्ता को लेकर मतभेद हैं, जिसकी वजह से अफगानिस्तान में सरकार बनाने में देरी हो रही है. ।
सूत्रों के मुताबिक, नए फॉर्मूले के तहत, मुल्ला बरादर और मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला अखुंद के डिप्टी के रूप में काम कर सकते हैं. हक्कानी नेटवर्क के सिराज हक्कानी को भारत के गृह मंत्रालय के बराबर शक्तिशाली आंतरिक मंत्रालय का नेतृत्व करने के लिए चुना जा सकता है.
तालिबान के शीर्ष मौलवी और नेता हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा को 'सर्वोच्च नेता' होने की संभावना है.
मुल्ला हसन अखुंद तालिबान के नेतृत्व परिषद, "रहबारी शूरा" के प्रमुख हैं और 2001 में अमेरिका के साथ युद्ध शुरू होने से पहले तालिबान-नियंत्रित अफगानिस्तान में एक मंत्री के रूप में कार्य किया है.
ऐसी अटकलें हैं कि पिछले हफ्ते पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई प्रमुख के काबुल जाने के दौरान सहमति बनी थी. अब आईएसआई प्रमुख फैज हमीद अब इस्लामाबाद वापस आ गए हैं.
काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान के साथ बातचीत करने के बाद भी पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला अब्दुल्ला सहित देश के पूर्व नेताओं के लिए कोई भूमिका नहीं दिखाई दे रही है.
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बिहार में उस समय समाजवादी आन्दोलन की बयार थी, लेकिन जे.पी. तथा लोहिया के बीच सद्धान्तिक मतभेद था। जब जे. पी. ने राम मनोहर लोहिया का साथ छोड़ दिया तब बिहार में जगदेव बाबू ने लोहिया का साथ दिया। उन्होंने सोशलिस्ट पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत किया और समाजवादी विचारधारा का देशीकरण करके इसको घर-घर पहुंचा दिया।जगदेव बाबू ने 1967 के विधानसभा चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में कुर्था में जोरदार जीत दर्ज की। उनके अथक प्रयासों से स्वतंत्र बिहार के इतिहास में पहली बार 'संविद सरकार ' बनी तथा महामाया प्रसाद सिन्हा को मुख्यमंत्री बनाया गया।
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पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर में आज किसानों ने एक बड़ी महापंचायत बुलाई है. इसमें देशभर के 15 राज्यों के 300 किसान संगठनों से जुड़े लोग हिस्सा लेंगे. किसानों की महापंचायत को देखते हुए यूपी पुलिस ने वहां कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुजफ्फरनगर में 8000 से ज्यादा पुलिस और पैरा मिलिट्री के जवान तैनात किए गए हैं. किसान नेताओं का दावा है कि महापंचायत में दस लाख से ज्यादा किसान शामिल होंगे. किसान नेताओं ने कहा है कि उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव से पहले हो रही इस महापंचायत में मिशन यूपी की शुरुआत होगी, जिसके तहत किसान राज्यभर में जाकर बीजेपी के नीतियों का विरोध करेंगे.
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नई दिल्ली : Unemployment Rate In India: सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, एक महीने में यानी जुलाई 2021 के मुकाबले अगस्त 2021 में 15 लाख के करीब जॉब अपॉर्चुनिटी घट गई और बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) जुलाई के 6.96% से बढ़कर अगस्त में 8.32% हो गई.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के इंस्टीट्यूशनल हेड प्रभाकर सिंह ने मीडिया से कहा, "बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी की मुख्य वजह लेबर पार्टिसिपेशन रेट में बढ़ोतरी है." बतौर सिंह जुलाई से अगस्त, 2021 के बीच एक महीने में करीब 40 लाख अतिरिक्त लोग जॉब मार्केट में नौकरी खोजने के लिए पहुंचे.
कोविड-19 महामारी के नियंत्रण में आने के बाद लोग शहरों में काम की तलाश में पहुंचे हैं. CMIE के आंकड़ों के मुताबिक, शहरी बेरोजगारी जो जुलाई में 8.3% थी, वह अगस्त माह में बढ़कर 9.78% तक पहुंच गई है.
देश में COVID-19 महामारी की दूसरी लहर आने से ठीक पहले मार्च में शहरी बेरोजगारी दर 7.27 प्रतिशत थी. सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार, मुख्य रूप से खरीफ सीजन के दौरान कम बुवाई के कारण ग्रामीण बेरोजगारी भी जुलाई में 6.34 प्रतिशत से बढ़कर अगस्त में 7.64 प्रतिशत हुई है.
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बस्ती - जनपद के वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के चौरा घाट कुवानों नदी के बाढ़ में डूबने से 30 वर्षीय युवक की मौत हो गई ।
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बस्ती - जनपद के वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के चौरा घाट कुवानों नदी के बाढ़ में एक युवक डूब कर लापता हो गया वहीं बाढ़ की बहाव में डूब रहे एक बच्चे को स्थानीय लोगों ने बचा लिया।
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बस्ती- अखिल भारतीय प्रधान संगठन के ब्लॉक इकाई सल्टौआ गोपालपुर के कार्यकारिणी का विस्तार प्रधानों की बैठक आयोजित कर किया गया ।
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बस्ती- उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के कैली स्थिति ओपेक चिकित्सालय में बुधवार को नरकंकाल मिलने से सनसनी फैल गई। अस्पताल प्रशासन की सूचना पर पहुंची पुलिस ने करीब चार साल से बंद पड़ी लिफ्ट से नरकंकाल को निकालकर कब्जे में ले लिया। कोतवाल शिवाकांत मिश्र ने बताया कि फोरेसिंक जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि मौत कब हुई है। पहचान का प्रयास किया जा रहा है।
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