गुरुवार, 30 सितंबर 2021

सिद्धार्थनगर -प्रधान और सुपरवाइजर के उपस्थिति में वितरित किया गया खाद्यान्न

राकेश चौधरी
सिद्धार्थनगर - जनपद के मिठवल विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बरहपुर में ग्राम प्रधान और सुपरवाइजर के मौजूदगी में आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा खाद्यान्न का वितरण किया गया।

आपको बता दें कि बीते कुछ दिन पहले किसी अनजान व्यक्ति के द्वारा गुप्त शिकायत किया गया था कि ग्राम पंचायत बरहपुर के राजस्व गांव खिरौहा तथा बरहपुर में आंगनबाड़ी कार्यकत्री के द्वारा खाद्यान्न वितरण में धांधली किया जा रहा है। जिसके तत्पश्चात संबंधित विभाग के सुपरवाइजर द्वारा जांच किया गया तथा शिकायतकर्ता को मौके पर बुलाकर जानकारी लेना चाहा तो शिकायतकर्ता अपना नाम पता ना बताते हुए तथा कर्मचारियों के समक्ष आने से भी इंकार कर दिया।उसके बाद सुपरवाइजर के द्वारा ग्राम पंचायत के लाभार्थियों से पूछताछ किया गया और पाया गया कि लोगों को समय पर खाद्यान्न वितरित किया जाता रहा है।

आज ग्राम पंचायत प्रधान और सुपरवाइजर के मौजूदगी में आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा ग्राम खिरौहा में खाद्यान्न का वितरण किया गया।

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बस्ती- सहारा में जमा पैसा न मिलने से ग्राहकों ने किया बैंक पर प्रदर्शन ,कहा सहारा ने छीन लिया खुशियां

केसी श्रीवास्तव
पैसा वापस न मिलने पर जमाकर्ताओं ने सहारा इंडिया लिमिटेड की गौर शाखा के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए ,अपने पैसे को वापस मांगा । प्रदर्शन में एकत्रित सैकड़ो लोगों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि सहारा में जमा अपने ही पैसे के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है लेकिन पैसा मिलने की कोई उम्मीद नही दिखाई पड़ रही है।

जमाकर्ताओं ने कहा कि कंपनी और सरकार के बीच क्या चल रहा है इससे हमें कोई लेना देना नहीं है ,उनका कहना है कि इस उम्मीद से सहारा में पैसा जमा किया गया था कि बच्चों के पढ़ाई लिखाई और शादी निकाह के वक्त यह पैसा सहारा बनेगा लेकिन आज अपने ही पैसे के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

प्रदर्शन में वरुण पाण्डेय ,मनोज कुमार उर्फ डॉक्टर , महेश कसौधन संदीप कुमार , विमल कसौधन , इमरान भाई ,राम मौर्य, राजेश मिश्रा , अजीत शुक्ला , आकाश कसौधन , नीतीश कुमार ,हाफिज जी, समेत सैकड़ो लोग शामिल थे। 

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बस्ती- महिला का आरोप उसकी लड़की की हत्या का मुकदमा नही दर्ज कर रही गौर पुलिस

बस्ती- गौर थाना क्षेत्र के अजगैवा जंगल गांव की निवासी एक महिला ने अपनी पुत्री की हत्या का आरोप अपने दामाद पर लगाया है । वहीं महिला का आरोप है कि गौर पुलिस हत्या के मामले में मुकदमा दर्ज करने में हीलाहवाली कर रही है।

अजगैवाजंगल के केवटहिया टोला की रहने वाली सुंदरा देवी ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2004 में अपनी लड़की ललिता की शादी गौर थाना क्षेत्र के चकचई गांव के रहने वाले यशवंत के साथ की थी। महिला ने बताया की लड़की की शादी होने के बाद दामाद यशवंत द्वारा लड़की के सुंदर न होने एवं दहेज के लिए प्रताड़ित किया करते थे ।
महिला ने बताया कि दहेज आदि को लेकर न्यायालय के समक्ष मुकदमा भी चल रहा था बाद में यशवंत द्वारा मामले को सुलह कर लिया गया और उनकी लड़की ललिता को लेकर घर चले गए। महिला ने बताया कि कुछ दिन बाद दामाद यशवंत की नौकरी लग गई उसके बाद वह ललिता को फिर प्रताड़ित करने लगे।

सुंदरा देवी ने कहा कि वह लडक़ी से कुशल क्षेम पूछने के लिए फोंन पर बात किया करती थीं जिसमें हमेशा उनकी लड़की द्वारा पति यशवंत पर प्रताड़ित करने की बात कही जा रही थी इसी बीच 8 अगस्त 2021 को यशवंत द्वारा फोंन पर जानकारी दी गई कि उनकी ललिता की मृत्व हो गई । महिला ने बताया कि घटना की सूचना के बाद हम लोग वहां पहुंचे तो लड़की के ससुराल के लोग लाश को जला दिए थे।

इस सम्बंध में प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार से बात हुई तो उन्होंने बताया कि सुंदरा देवी द्वारा थाने पर तहरीर दी गई है मामले की जांच करवाई जा रही है ,घटना सही पाए जाने पर दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
 
 

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बुधवार, 29 सितंबर 2021

बस्ती-पंचायत ने सुनाई तुगलकी फरमान ,प्रेमी जोड़े के मुंह पर कालिख और जूते की माला पहना कर घुमाया

बस्ती। जिले के गौर थाना क्षेत्र के एक गांव की पंचायत ने तुगलकी फरमान सुनाया, दलित नाबालिग प्रेमी जोड़े के चेहरे पर कालिख पोत कर चप्पलों की माला पहना कर पूरे गांव में घुमाने की सजा सुनाई गई।

पंचायत के फरमान के बाद नाबालिग प्रेमी जोड़े को पूरे गांव में चेहरे पर कालिख पोत कर चप्पल की माला पहना कर घुमाया गया, किसी गांव वाले ने भी इस का विरोध नही किया।

मामला गौर थाना क्षेत्र के एक गांव का है जहां पर नाबालिग प्रेमी जोड़े को गांव वालों ने आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लिया, इस के बाद इनको गांव की पंचायत में मुजरिम की तरह पेश किया गया। पंचायत के सदस्य बाकायदा जज बन कर कुर्सी पर बैठ गए, प्रेमी युगल को किसी मुलजिम की तरह जमीन पर बैठा दिया गया, इस के बाद गांव वाले भी दर्शक बन कर खड़े हो गये। इस के बाद पंचायत के सदस्यों ने इन को सजा सुनाई, प्रेमी जोड़े को प्यार करने की सजा के तौर पर चेहरे पर कालिख पोत कर चप्पल की माला पहना कर गांव में घुमाने का पंचायत ने फरमान जारी किया। पंचायत के फरमान का गांव वालों ने विरोध तक नही किया और नाबालिग प्रेमी जोड़े को पूरे गांव में चेहरे पर कालिख पोत कर चप्पल की माला पहना कर घुमाया गया, फिलहाल पुलिस ने मामले में 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, 5 लोगों पुलिस ने गिरफ्तार किया है बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।

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मंगलवार, 28 सितंबर 2021

बस्ती - जनपद में 25 नवंबर तक धारा 144 लागू ,जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने दिए आदेश

बस्ती।जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने पूरे जनपद में जनहित में तत्काल प्रभाव से 27 सितम्बर से 25 नवम्बर तक धारा 144 का प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिया है। इस संबंध में उन्होने बताया कि 02 अक्टूॅबर को चेहल्लुम एवं गॉधी जयन्ती, 07 अक्टॅॅूबर को महाराजा अग्रसेन जयन्ती, 13 से 15 अक्टूॅबर तक दशहरा, 19 अक्टॅूबर को ईद-ए-मिलाद, 20 अक्टॅूबर को महर्षि वालमीकि जयन्ती, 31 अक्टूबर को सरदार बल्लभ भाई पटेल एंव आचार्य नरेन्द्र देव जयन्ती मनायी जायेंगी। नवम्बर माह में 04 से 06 नवम्बर तक दीपावली, 10 नवम्बर को छठ पूजा तथा 19 नवम्बर को गुरूनानक जयन्ती, कार्तिक पूर्णिमा का पर्व है। 

उन्होने बताया कि इसके अलावा कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम सहित अन्य त्यौहारो/पर्वो एवं जनपद में होने वाली विभिन्न परीक्षाओं के दृष्टिगत शान्ति, सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त रखने के लिए ये आदेश लागू किए गये है। इसका उल्लंघन भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 व आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 की धारा-51 से 60 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा। 

 उन्होने आदेश दिया है कि कोविड-19 के संबंध में अपेक्षित आचरण/कार्यवाही को प्रोत्साहित करने हेतु तथा मास्क पहनने, हाथो की स्वच्छता व सामाजिक दूरी के मानको का सख्ती से पालन किया जाय अन्यथा की स्थिति में कार्यवाही सुनिश्चित की जायेंगी। सार्वजनिक स्थलों एवं कार्य स्थलों पर मास्क न पहनने वाले लोगों के खिलाफ यथोचित कार्यवाही की जायेंगी।  

उन्होने कहा कि भीड़-भाड़ वाले स्थलों यथा मार्केट, बाजार, सार्वजनिक परिवहन आदि में कोविड-19 के सुसंगत प्रोटोकाल एवं शासन के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय। उन्होने कहा कि परीक्षा केन्द्र के आस-पास 200 मीटर की परिधि में 05 या 05 से अधिक व्यक्तियों की भीड़ एकत्र नही होगी। 

उन्होने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के दृष्टिगत राजनैतिक दलों धार्मिक संगठनों तथा समस्त विभागों के समस्त सरकारी सेवको तथा मान्यता प्राप्त संघ/महासंघ/परिसंघ को धरना, सांकेतिक प्रदर्शन अथवा हड़ताल का आयोजन पूर्णतया प्रतिबन्धित रहेंगा। उन्होने कहा कि किसी भी सार्वजनिक स्थल पर 05 या 05 से अधिक व्यक्तियों का समूह एकत्रित नही होंगा। कोई भी सभा करने से पूर्व संबंधित उप जिला मजिस्ट्रेट अथवा जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होंगी। 

 उन्होने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का प्रतिबन्धित/अवैध अस्त्र-शस्त्र जैसे आग्नेयास्त्र, बन्दूक, पिस्टल, राइफल, रिवाल्वर, तलवार, कटार, गुप्ती, चाकू, लाठी, स्टिक, भाल, बरछा, फरसा, गड़ासा एवं किसी भी प्रकार का विस्फोटकर पदार्थ जैसे हथगोला, बारूद, तेजाब आदि लेकर नही चलेंगा। उन्होने कहा कि लाइसेंसी शस्त्र धारको को खुलेआम शस्त्र लेकर चलने पर प्रतिबन्धित किया गया है। कोई भी व्यक्ति मा0 सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विपरीत ध्वनि विस्तारण यंत्रों का प्रयोग नही करेगा।

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सोमवार, 27 सितंबर 2021

बस्ती -मनवर नदी में पानी के बढ़ने से बर्बाद हो गईं फसलें ,आवागमन बाधित

बस्ती -मनवर नदी में पानी बढ़ने के कारण बहादुरपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत पूरा पिरई (तकिया) ग्राम पंचायत भैवापार,मुस्तफाबाद,रानीपुर,मोहम्मदपुर,गोविंदा पुर नदी के आसपास बसे गांव में पानी घुसने से धान की फसल को काफी नुकसान हो रहा है ।

समाजवादी नेता शमीम अहमद खान,मोहम्मद नासिर खान,राष्ट्रीय अध्यक्ष सामाजिक संस्था हाजी मोहम्मद खालिद , महेशर अली ने बताया कि सड़कों पर पानी भरा हुआ है जिससे काफी समस्या हो रही है , ग्रामीणों ने बताया कि आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है साथ ही फसल भी बर्बाद हो गए हैं।ग्रामीणों ने समस्या पर समाधान मांगा है।

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बस्ती -भारतीय किसान यूनियन ने भारत बंद पर तहसील प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

बस्ती। भानपुर तहसील में आज भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं के द्वारा 5 सूत्रीय ज्ञापन तहसीलदार भानपुर केसरी नंदन तिवारी को  सौंपा गया किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष श्याम नारायण सिंह ने भारत के राष्ट्रपति को पत्र लिख करके बताया कि 27 सितंबर को राष्ट्रीय आवाहन पर भारत बंद के दौरान हम लोग आज ज्ञापन दे रहे हैं। 

1.भारत सरकार द्वारा लाए गए तीन किससे कानून को वापस लिया जाए ।
2. बकाया गन्ना मूल्य भुगतान कराया जाए वाल्टरगंज एवं रुधौली चीनी मिल द्वारा किसानों को ब्याज सहित भुगतान कराया जाए ।
3. भानपुर तहसील के अंतर्गत भारी बारिश होने के कारण किसानों के धान के फसल बर्बाद हुए हैं उसकी जांच करवा कर किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाई जाए।
4. विद्युत विभाग द्वारा सर्कुलर के हिसाब से ग्रामीण क्षेत्र में बिजली सप्लाई नहीं हो पा रही है लोकल फाल्ट के चलते सप्लाई अधिकतम बाधित रहती है

5. भानपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत बहू से सड़कें टूट गई हैं उसको पुनः लेपन एवं मरम्मत कार्य कराया जाए बस्ती डुमरियागंज मार्ग में दुबौली चौराहे से काटे खैरा से होते हुए सगरा तक , भानपुर चौराहे से तेनुआ असनहरा मार्ग एवं बड़ोखर से अडवा घाट तक भानपुर उकडा पोखरा से जोगिया होते हुए शंकरपुर तक देईपार से भैसहवा मार्ग जिनवा से तेजू नगर तक पचंमोहनी से चक्कर चौराहा , मुड़वारा से सल्टौआ तक एवं सरयू नहर से बेलगाड़ी तक पिच बनाने की अनुमति शासन द्वारा किया गया है लेकिन बीच-बीच में गिट्टी डालकर छोड़ दिया गया है इन सब सड़कों का पूर्ण रूप से निर्माण  कराया जाए।

इस दौरान हृदय राम चौधरी ,नायब चौधरी ,राम प्रसाद चौधरी, रमेश चंद यादव श्याम नारायण चौधरी ,दयाराम वर्मा, पीतांबर मौर्या ,विजय बहादुर मौर्या, राम जीत, राम प्रसाद, जगदीश राम सूरत ,उमेश तिवारी ,राम भजन, शराफत अली ,राम सुमिरन मौर्य समेत आदि लोग मौजूद रहे।

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रविवार, 26 सितंबर 2021

संयुक्‍त किसान मोर्चा का कृषि कानूनों के खिलाफ भारत बंद कल, विपक्षी दलों ने किया समर्थन का एलान

नई दिल्‍ली : संयुक्‍त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. 40 किसान संगठनों के संगठन संयुक्‍त किसान मोर्चा ने देश के सभी लोगों से बंद में शामिल होने की अपील की है. साथ ही मोर्चे की ओर से सभी राजनीतिक दलों और राज्‍य सरकारों से भी भारत बंद में शामिल होने की अपील की गई है. भारत बंद के मद्देनजर दिल्‍ली में भी सुरक्षा के पुख्‍ता बंदोबस्‍त किए गए हैं. दस महीने से जारी आंदोलन के दस महीने पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने मोदी सरकार के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया है. 

संयुक्‍त किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों से कहा है कि वे ‘‘लोकतंत्र और संघवाद के सिद्धांतों को बचाए रखने की उनकी लड़ाई में हिस्सा लें.'' जिसके बाद संयुक्‍त किसान मोर्चा के भारत बंद को कई राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन दिया है. पंजाब के मुख्‍यमंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी ने बंद को अपना समर्थन दिया है. वहीं बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने भारत बंद में शामिल होने की घोषणा की है. हालांकि संयुक्‍त किसान मोर्चा ने कहा है कि उनकी नीति है कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ किसान मोर्चा मंच साझा नहीं करेगा.


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शनिवार, 25 सितंबर 2021

बस्ती-निजी स्वार्थ के लिए प्रशासन का इस्तेमाल कर रहे भाजपा जिला अध्यक्ष ,उठ रहे सवाल

बस्ती। जनपद में भाजपा के जिलाध्यक्ष अपने कार्यप्रणाली से जनता के बीच अपनी अच्छी छवि को तार-तार करते हुये विगत महीनों में जिला प्रशासन को अपने स्वार्थ को लेकर कठपुतली की तरह नचा रहे है इनके द्वारा अध्यक्ष बनने से पहले ही पत्रकारों के उपर हमला करने वाले जिले के बडे व्यवसाई का साथ देकर पत्रकारों से तो दूरी बना ली थी। लेकिन पद प्राप्त होने के बाद सत्ता के मद में चूर मद मस्त छोटी या बडी घटना हो इनमें इनके हाथ होने की बात सामने आ ही जाती है जिससे इनकी छवि तो खराब हो रही है के साथ पार्टी की छवि खराब कर रहे है।

बताते चले कि प्रेस क्लब के निर्वाचित सदस्यक डा0 वीके वर्मा ने प्रताडित करने की बात प्रेस क्लब के आम सभा की बैठक में प्रेस के सदस्यों अपनी जान माल की गुहार लगाते हुये बताया कि भाजपा अध्यक्ष के सम्बन्धी जो इनके कालेज पढ रहा था फीस न जमा करने पर इनका सर्टिफिकेट रोक दिया गया। जिससे खुन्नक खाये अध्यक्ष द्वारा इनके हास्पिटल पर सीएमओ से कहकर हास्पिटल को सीज करने की बात कहे जाने की बात सामने आई इनके हास्पिटल पर छापा पडा और सब ठीक प्राप्त हुआ कुछ रख-रखाब में कमी पाई गई जिसे ठीक करने की चेतावनी दी गई। इसके बाद जब इनके उपर कोई कार्यवाही न हुई तो इन्होने इनके अन्य स्कूलो व कालेजों पर छापा डलवाया वहॉ भी बात नही बनी तो एक स्कूल में परती जमीन को इनके कब्जे दिखाकर कार्यवाही करने की बात हर्रैया उपजिलाधिकारी को कहा जो उन्होने कार्यवाही की लेकिन रिपोट क्या लिखा समाचार लिखे जाने तक नही आयी थी। डा0वर्मा ने बताया कि हमारा जीवन जनता की सेवा के लिए सर्मित कर दिया है।उन्होने शंका व्यक्त करते हुये कहा अगर एैसा ही चलता रहा तो कभी भी पुलिस द्वारा मुझै किसी न किसी केस में फसा कर जेल डालने का प्रयास भी किया जा सकता है। इस बात को लेकर सभी पत्रकारो ने भाजपा अध्यक्ष के विरूद्ध अवमानना प्रस्ताव पास हुआ। सभी ने कहा कि अगर मामला नही सुलझा तो इनके विरूद्ध विधिक कार्यवाही के साथ लडाई लडी जायेगी।

इतना ही नही भाजपा अध्यक्ष बनने से पहले एक पत्रकार के उपर हमला करने वाले जिले बडे व्यवसाई का साथ देकर सत्ता का लाभ लेकर कार्यवाही न करने का प्रयास किया था लेकिन पत्रकारो के डबास के चलते वहॉ वे सफल नही हुये और मुहकी खानी पडी। और बैक डोर से उनकी जमानत कराई।

इतना ही अध्यक्ष बनने के बाद इनके खास व्यक्ति ने गॉधी नगर में एक मकान की दिवाल तोडकर गेट खोलवाने की बात सामने आई दिवाल तोडते हुये मौके पर कुछ लोग पकडे गये लेकिन इनकी मेहरवानी से वे बच गये इसको लेकर व्यापारियों ने मोर्चा खोला और पत्रकारो के सहयोग से एक महीने से ज्यादा आन्दोलन चला तब जाकर जिला प्रशासन झुका और कुछ अन्य लोगो के उपर मुकदमा दर्ज हुआ। वहॉ भी इनकी न चली। इतने पर ये बस नही हुआ विकास खण्ड बस्ती सदर में पंचायत चुनाव को लेकर दो पक्ष आमने सामने लडाई शुरू होने के मामले में हिन्दू /मुस्लिम कराने का प्रयास किया लेकिन उसमें भी सफलता नही मिली लेकिन पुलिस ने दबाव में आकर एक पक्षीय कार्यवाही कर दूसरे पक्ष के उपर हरिजन बनाम सर्वण का मुकदमा दर्ज करवाने में सफल हो गये। इसी तरह जिले में छोटी बडी घटना में इनके हाथ होने के संकेत मिलते रहते है।

अगर यही हालत रहे तो इनके कार्यप्रणाली से जहॉ एक ओर जनता भाजपा से दूर होती जायेगी और एक दिन एैसा आयेगा कि जिला प्रशासन भी अपना हाथ खडा कर देगा अगर भाजपा के शीर्ष नेताओ द्वारा इनके उपर शिकजा नही कसा तो आगामी चुनाव में इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड सकता है।


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शुक्रवार, 24 सितंबर 2021

लोक निर्माण विभाग के जमीन पर अतिक्रमण से सैकड़ों किसानों की फसल चौपट ,जिम्मेदार मौन

राकेश चौधरी
बाँसी, सिद्धार्थनगर

जिसकी लाठी उसकी भैंस तो आपने सुनी ही होगी लेकिन इसका जीता जागता उदाहरण देखना हो तो बाँसी तहसील के ग्राम कोल्हुआ खुर्द से छितौना तक हुए धान की फसलों के जलभराव से नुकसान देखकर लगा सकते हैं।

मामला कुछ यूं है बाजारडीह से छितौना के बीच कुछ लोंगो द्वारा मकान बनवा लिया गया है जबकि रोड से नियमानुसार 55 फ़ीट स्थायी निमार्ण अवैध माना जाता है उसे दरकिनार करते हुए एक व्यक्ति जो निकटतम ग्राम पंचायत से वर्तमान प्रधान भी है उसने लोकनिर्माण विभाग के जमीन में अतिक्रमण करके स्थायी धर्मकांटा स्थापित कर दिया साथ ही उनके देखा देखी कई अन्य ने भी मकान बना लिया जिससे पानी का निकास पूरी तरह ठप गयी हो गई और सालों से धान की फसलें बर्बाद होती रहती हैं  जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने पूर्व में लिखित शिकायत भी स्थानीय तहसील में दी थी,और पुनः सामूहिक रूप से जनसुनवाई के माध्यम से शिकायत भी दर्ज कराई है लेकिन महीना बीत गया लेकिन कार्यवाही तो दूर कोई झांकने तक नही आया।

जबकि जरा जरा सी बात पर शासन प्रशासन जेसीबी से गरीबों के घर को चंद मिनटों में खंडहर कर देता है लेकिन यहाँ स्थिति ऐसी है कि उक्त दबंग व्यक्ति के आगे  प्रशासन भीगी बिल्ली बना दिख रहा और अन्नदाताओं के हाड़तोड़ मेहनत और लागत को दो  कौड़ी की हैसियत मानते हुए कार्यवाही के नाम पर खामोश है

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गुरुवार, 23 सितंबर 2021

बस्ती- ग्राम सभा की 18 बीघा भूमि पर अवैध कब्जा , ग्राम प्रधान ने की खाली कराने की मांग

बस्ती - सरकार द्वारा भूमाफियों पर शिकंजा कसने की बात तो कही जा रही है लेकिन उसके बाद ग्राम पंचायत के सरकारी जमीन पर लोग कब्जा जमाए बैठे हुए हैं ।

मामला बस्ती जनपद के रामनगर ब्लॉक के लोढ़वा ग्राम पंचायत की है जहां पर ग्राम पंचायत के 18 बीघा भूमि पर गांव के अंगनू पुत्र मंगल ने कब्जा किया हुआ है जिसकी शिकायत गांव के लोगों ने उप जिला अधिकारी भानपुर से किया है।

ग्राम प्रधान गुड्डू चौधरी ने बताया कि यह मामला काफी दिनों से कोर्ट में भी लंबित है और लंबे समय से ग्राम पंचायत के जमीन से अन्य लोगों का कब्जा खाली कराने की मांग की जा रही है जिसकी सुनवाई तहसील भानपुर में हो रही है लेकिन अभी तक जमीन खाली नही हो सका है।

गांव के लोगों ने मांग किया कि उक्त जमीन को खाली कराकर गांव के हित में लाने के लिए ग्राम पंचायत को दिया जाए।

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बुधवार, 22 सितंबर 2021

बस्ती- सड़कों के किनारे पर उगी बड़ी-बड़ी झाड़ियों सरपत को साफ करवाने की मांग

बस्ती-  अखिल भारतीय प्रधान संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष विजय चन्द्र सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने ब्लॉक के कुछ सड़कों के किनारे उगी बड़ी बड़ी झाड़ियों एवं मूँज (सरपत) को साफ करवाने की मांग की है।
विजय चन्द्र सिंह ने बताया कि चक्कर से पचमोहनी , चौकवा से गौहनिया ,चिरैयाडाड़ से जिनवा सल्टौआ से मुड़वरा समेत एक दर्जन सड़कों के किनारे पर उगी झाड़ियों और घासों को साफ करना अति आवश्यक है । उन्होंने कहा कि घासों और मूंजो का सड़क पर गिरने की वजह से सड़कों पर दिखाई नही देता है जिसके चलते आये दिन दुर्घटना हो रही है।

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मंगलवार, 21 सितंबर 2021

बस्ती- अलग-अलग विकास खंड के दो ग्राम सचिव को जिला पंचायत राज अधिकारी ने किया निलंबित

बस्ती – जिला पंचायत राज अधिकारी शिवशंकर सिंह ने वित्तीय अनियमितता के आरोप में दो ग्राम पंचायत सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर संबंधित ब्लाक मुख्यालयों से संबद्ध कर दिया है।

हर्रैया विकास खंड में तैनात पंचायत सचिव संदीप कुमार पर आरोप है कि जब वह दुबौलिया ब्लाक में तैनात थे तो उनके प्रभार की ग्राम पंचायत महुलानी बुजुर्ग में बिना फर्म का चयन किए तीन लाख रुपये से अधिक की धनराशि का फर्जी तरीके से भुगतान कर दिया। स्वच्छ भरत मिशन के जिला सलाहकार और एडीओ पंचायत दुबौलिया की रिपोर्ट में उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया।

 इसी प्रकार परशुरामपुर में तैनात पंचायत सचिव रमाकांत वर्मा ने सल्टौआ गोपालपुर में तैनाती के दौरान अपने प्रभार के गांव पोखरभिटवा में मनरेगा से तालाब की खोदाई के दौरान वित्तीय अनियमितता बरती। तालाब की खोदाई मनरेगा मजदूरों से न कराकर जेसीबी से कराई गई। दोनो मामलों में पंचायत सचिवों को निलंबित कर जांच अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं। उन्हें 15 दिन के अंदर आरोप पत्र प्रस्तुत करने को कहा गया है।

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बस्ती -ढपोर शंख की तरह मिल रहा आश्वासन पर आश्वासन ,फूस की झोपड़ी में कट रही काली रात

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- अधिकारियों कर्मचारियों की उदासीनता कहें या ग्राम प्रधान की लापरवाही समझ में नही आ रहा है कि आखिर गंभीर रूप से पात्र व्यक्ति को क्यों नही मिल पा रहा है आवास योजना का लाभ ।

जनपद के सल्टौआ ब्लॉक गोपालपुर विकास खंड के अजगैवा जंगल ग्राम पंचायत के कूपनगर पुरवे के निवासी श्यामलाल पुत्र अगर्दी बेहद गरीब व्यक्ति हैं । उनका सपना था कि सरकार द्वारा चलाये जा रहे आवास योजना का लाभ उन्हें भी मिल जाये ताकि उनके बच्चों के सिर पर भी छत हो जाये लेकिन सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के लाभ के नाम पर श्यामलाल को वर्ष दर वर्ष आश्वासन पर आश्वासन मिलता रहा है लेकिन उन्हें आवास योजना का लाभ अभी तक नहीं मिल पाया ।

खेती मजदूरी करने वाले श्यामलाल ने तहकीकात समाचार को बताया कि उन्होने आवास का लाभ लेने के कई वर्ष पूर्व आवेदन किया था लेकिन जब सरकार द्वारा आवास की सबसे बड़ी योजना चलाई गई तो उस वर्ष भी वह सरकारी लाभ से वंचित हो गए। श्यामलाल का आरोप है कि उनसे सम्पन्न लोगों को आवास का लाभ मिल गया लेकिन मकान के नाम पर उनके पास ईंट का एक टुकड़ा भी नही है फिर भी वह आवास योजना के श्रेणी में नही आ पाए। श्यामलाल का कहना है सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना का लाभ हमें मिल जाता तो फूस के टूटी हुई झोपड़ी से निकलकर परिवार के सात सदस्यों को लेकर छत के नीचे आने का सपना पूरा हो जाता।

इस संबंध में ग्राम पंचायत अधिकारी अखिलेश वर्मा से बात हुई तो उन्होंने बताया संबंधित व्यक्ति के पात्रता सूची की जांच करेंगे अगर आवास की सूची में उनका नाम होगा तो प्राथमिकता के तौर पर उन्हें आवास दिलाने का काम किया जाएगा । उन्होंने कहा कि आवास की सूची में उनका नाम नहीं होगा तो इसी वर्ष के अंतिम महीने तक छूटे हुए पात्र लोगों को योजना की सूची में जोड़कर आवास दिलाने का काम किया जाएगा ।

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सोमवार, 20 सितंबर 2021

बस्ती -पुलिस अधीक्षक ने सोनहा थाने के जीर्णोद्धार भवन का किया उद्घाटन ,1908 में बना था भवन

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती - जनपद के सोनहा थाने के जीर्णोद्धार भवन का उद्घाटन पुलिस अधीक्षक आशीष कुमार श्रीवास्तव ने किया।भवन का निर्माण 1908 में अंग्रेजी हुकूमत के शासक एडवर्ड सप्तम के कार्यकाल में हुआ था।
पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने प्रशासनिक भवन के उद्घाटन के बाद कहा कि यह खुशी का विषय है कि क्षेत्र के अग्रणी नागरिकों के सहयोग से भवन का कायाकल्प हो रहा है ,उन्होंने कहा कि परिसर को साफ रखना ,पेय जल की व्यवस्था करना ,शौचालय को व्यवस्थित रखना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है।

उन्होंने सम्बोधित करते हुए कहा कि यह थाना इसी क्षेत्र के लोगों का है और क्षेत्र की जनता का सहयोग थाने की भवन को जीर्णोद्धार करने में रहा है ।उन्होंने भवन के जीर्णोद्धार में सहयोग करने वाले नागरिकों , पुलिस के जवानों एवं प्रभारी निरीक्षक राम कृष्ण मिश्रा को धन्यवाद दिया अपने सम्बोधन के बाद पुलिस अधीक्षक ने थाना परिसर में वृक्षारोपण भी किया ।

प्रभारी निरीक्षक राम कृष्ण मिश्रा ने कहा कि क्षेत्र के लोगों के सहयोग से थाना परिसर को स्वच्छ एवं सुंदर बनाया जा रहा है उन्होंने थाने के उद्घाटन में आये पुलिस अधीक्षक एवं नागरिकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि सोनहा थाना को बेहतर से बेहतर बनाने का प्रयास निरंतर जारी रहेगा। इस मौके पर ब्लॉक प्रमुख यशकांत सिंह ने थाना परिसर में सामुदायिक शौचालय के निर्माण करवाने की घोषणा की।

हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश गुप्ता हुए सम्मानित

थाने के प्रशासनिक भवन के जीर्णोद्धार में समुचित देखरेख करने वाले हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश गुप्ता को अपर पुलिस महानिदेशक गोरखपुर अखिल कुमार ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया साथ ही पुलिस अधीक्षक आशीष कुमार श्रीवास्तव एवं प्रभारी निरीक्षक राम कृष्ण मिश्रा द्वारा उन्हें अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर ब्लॉक प्रमुख रामनगर यशकांत सिंह ,भाजपा नेता नितेश शर्मा ,प्रधान संघ के रामनगर ब्लॉक अध्यक्ष मंटू दूबे , सुशील त्रिपाठी , विकास सिंह ,प्रमोद कुमार ,राजकिशोर वर्मा ,समेत थाने के समस्त कांस्टेबल ,हेड कांस्टेबल ,महिला कॉन्स्टेबल एवं सब इंस्पेक्टर मौजूद रहे।



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बस्ती- अधूरे सामुदायिक शौचालय को प्रयोग लायक बनाने के लिए गांव वालों ने किया मांग

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती -सरकार ने भले ही स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर ग्राम पंचायतों में व्यक्तिगत से लेकर सामुदायिक शौचालय का निर्माण करवाने का काम जोर-शोर से किया है लेकिन धरातल पर उतर कर देखने के बाद पता चलता है कि सरकारी योजनाएं महज हाथी दांत बनकर पड़ी हुई हैं। और तो और वित्तीय वर्ष 2020-21 में बनाए गए सामुदायिक शौचालय जस के तस पड़े हुए हैं यहां तक अधिकांश ग्राम पंचायतों का शौचालय निर्माण कार्य अभी भी अधूरा है ।

जनपद के सल्टौआ ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बस्थनवा के चौरा गांव में बनाये गए सामुदायिक शौचालय का हाल भी बदहाल ही है । गांव के इसरार अली ,जहूरमोहम्मद ,आशिक अली ,वली मोहम्मद सहित गांव के दर्जनों लोगों जे बताया कि गांव में पिछले साल सामुदायिक शौचालय के निर्माण के लिए नींव रखा गया था जिसमे भवन बनाकर तैयार कर दिया गया लेकिन उसके बाद अभी तक शौचालय के अधूरे काम को पूरा नही किया गया जिसके चलते शौचालय के अगल-बगल बडी बडी झाड़ियां उग आई है और शौचालय अपने उद्देश्य की तरफ जाने में असफल है।

गांव के लोगों का कहना है कि यहां पर जो शौचालय बनवाया गया है उसके काम को पूरा किया जाये क्योंकि यह गांव तीन तरफ से बाढ़ से घिरा हुआ है इसलिए लोगों को इसकी अति आवश्यकता है।

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रविवार, 19 सितंबर 2021

बस्ती - बिजली की चपेट में आने से माँ बेटी समेत एक साल के नवजात शिशु की मौत , क्षेत्र में मातम

बस्ती- कलवारी थाना क्षेत्र के जमुनीजोत गांव मे पंखे का प्लग लगाते समय करंट की चपेट में आने से मां समेत तीन मासूम गम्भीर रूप से झुलस गए जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई ।

जमुनिजोत गांव निवासी रामपाल की तीस वर्षीय पत्नी मैना देवी रविवार की दोपहर करीब बारह बजे खाना खा कर अपने सात वर्षीय पुत्री चांदनी , पल्लवी पांच वर्ष एंव एक वर्षीय पुत्र प्रेम के साथ कमरे में आराम करने जा रही थी । कमरे मे पंहुच कर मैना देवी अपने एक वर्षीय बेटे प्रेम को गोद मे लेकर टेबल फैन का प्लग बोर्ड मे लगा रही थी अचानक करंट की चपेट मे आ गई मां को तडपता देख दोनो बिटिया चांदनी और पल्लवी मां को छुडाने लगी जिससे चारो करंट की चपेट मे आ कर गम्भीर रूप से घायल हो गये  , मौके पर मौजूद परिजन इलाज के लिए बहादुरपुर ( कलवारी ) सीएचसी लेकर गये जहा चिकित्सक ने मैना देवी , चांदनी , एंव बेटे प्रेम को मृत घोषित कर दिया । जबकी पल्लवी का इलाज विशेषरगंज कस्बे मे निजी चिकित्सक के यहा चल रहा है । इस घटना को सुनने के बाद पीड़ित परिवार के घर शुभचिंतकों की भीड़ लग गई और हर किसी के आंख में आंसू दिखाई दे रहा था।

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शनिवार, 18 सितंबर 2021

जानिए क्या होती है ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी और किस-किस काम के लिए आता है पैसा

सौरभ वीपी वर्मा
गांवों का कायाकल्प करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार हर साल एक-एक ग्राम पंचायत को लाखों करोड़ों रुपए देते हैं। इन पैसों से वहां शौचालय, नाली खडंजा, पानी, साफ सफाई, पक्के निर्माण होने चाहिए। गांव में सिंचाई की सुविधा हो ये भी प्रधान का काम है। आप के घर का पानी सड़क पर न बहे ये भी पंचायत का काम है, लेकिन ज्यातादर लोग इस बारें में जानते नहीं है।
ऐसी बहुत सी योजनाएं हैं, जिनके बारे में न तो प्रधान ग्रामीणों को बताते हैं और न ही लोगों को इनके बारे में पता चलता है। जैसे कि गाँव में पशुओं के लिए चरागाह की व्यवस्था किसी भी ग्राम पंचायत में नहीं होती है।" 

उत्तर प्रदेश में कुल 58,194 ग्राम पंचायतें हैं, प्रदेश में 16 करोड़ लोग गांव में रहते हैं। 14वें वित्त, मनरेगा और स्वच्छ भारत मिशन के वार्षिक औसत निकाला जाए तो एक पंचायत को 20 लाख से 30 लाख रुपए मिलते हैं। ये आंकड़े आपको बताने इसलिए जरूरी हैं, क्योंकि इन्हीं पैसों से आपके लिए पानी, घर के सामने की नाली, आपकी सड़क, शौचालय, स्कूल का प्रबंधन, साफ-सफाई और तालाब बनते हैं।

मुख्य रूप से ग्राम पंचायत की होती हैं ये जिम्मेदारियां

गांव में पक्की सड़क
गाँव में पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करना
इसमें ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी होती है कि ग्रामीणों के पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी होती है।

पशु पालन व्यवसाय को बढ़ावा देना, दूध बिक्री केंद्र और डेयरी की व्यवस्था करना
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के पास पशुपालन कमाई का एक जरिया होता है, लेकिन पशुपालकों को दूध बिक्री की समस्या होती है, इसलिए पंचायत स्तर पर दूध बिक्री केंद्र व डेयरी की व्यवस्था होनी चाहिए। पशुपालन के लिए जानकारी, उनका टीका और उनका उपचार कराना भी पंचायती राज्य के अंतर्गत रखा गया है ताकि पशुपालन ज्यादा फायदेमंद हो।

सिंचाई के साधन की व्यवस्था
किसानों की फसलों की सिंचाई के लिए सरकारी ट्यूबवेल की व्यवस्था, नहर से निकली नालियों की साफ-सफाई का काम भी ग्राम पंचायत को देखना होता है।

गाँव में स्वच्छता बनाये रखना
ग्रामीण क्षेत्र में नालियों की साफ-सफाई, गाँव में दवाइयों का छिड़काव, साथ एएनएम, आशा बहु टीका लगा रहीं हैं कि नहीं ये भी देखना होता है।

गाँव के सार्वजनिक स्थानों पर लाइट्स का इंतजाम करना
ग्राम पंचायत के सार्वजनिक स्थान, जैसे मंदिर, मस्जिद आदि स्थानों पर लाइट की व्यवस्था करनी होती है, ताकि ऐसे स्थानों पर पर्याप्त उजाला रहे।

दाह संस्कार व कब्रिस्तान का रख रखाव करना
पंचायत में अलग-अलग धर्म व समुदाय के लोगों के लिए दाह संस्कार स्थल व कब्रिस्तान की देख रेख भी ग्राम पंचायत को करनी होती है। कब्रिस्तान की चाहरदिवारी का निर्माण भी ग्राम प्रधान को कराना होता है।

कृषि कार्यक्रमों में हिस्सा लेना
गाँवों में खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर कृषि गोष्ठी करानी होती है, ताकि किसानों को नई जानकारियां मिलती रहें।

कृषि को बढ़ावा देने वाले प्रयोगों प्रोत्साहित करना
अगर कोई किसान कृषि क्षेत्र में नया प्रयोग करता है तो उसे प्रोत्साहित करना होता है, जिससे दूसरे किसान भी उनसे जानकारी ले सकें।

गाँव में प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देना
गाँव में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए, समय-समय पर जागरूकता रैली निकालने, घर-घर जाकर लोगों को शिक्षा का महत्व समझाना ताकि वो अपने बच्चों को विद्यालय भेजें।

खेल का मैदान व खेल को बढ़ावा देना
बच्चों के लिए खेल के मैदान का इंतजाम करना व खेल कूद से सम्बंधित सामान की व्यवस्था करना।  विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता कराकर बच्चों में खेल और पढाई की भावना को प्रोत्साहित करना।

स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना
स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना, गाँव में सार्वजनिक शौचालय बनाना व उनका रख रखाव करना। जिनके घर में शौचालय का निर्माण हो गया है, उन्हें शौचालय प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना और लोगों को स्वच्छता अभियान का महत्व समझाना।

गाँव की सड़कों और सार्वजनिक स्थान पर पेड़ लगाना
गाँव को हरा-भरा बनाने के लिए गाँव की सड़कों और सार्वजनिक स्थान पर पेड़ लगाना और दूसरों को प्रोत्साहित करना, साथ ही उसका उनका रख रखाव करना।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना
बेटियों को बढ़ावा देने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना, जिससे लोग अपनी बेटियों को स्कूल भेजें।

जन्म मृत्यु विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना
ग्राम पंचायत में जन्म मृत्यु विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना, जिससे जनगणना जैसे कामों में आसानी आ जाए। इसके बारे में प्रशासन को समय-समय पर सूचित करना होता है।

गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था
शिक्षा के अधिकार के तहत एक से लेकर आठवीं तक बच्चों की शिक्षा की मुफ्त व्यवस्था करना।

गाँव में भाई चारे का माहौल बनाना
गाँव में किसी धर्म या समुदाय में लड़ाई-झगड़े न हो ऐसा माहौल बनाना, झगड़ों को सुलझाना व दोस्ताना माहौल पैदा करना।

आंगनबाड़ी केंद्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करना
ग्राम पंचायत स्तर पर बच्चों, किशोरियों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की होती है, वो काम कर रही हैं कि नहीं, सभी को पोषाहार मिल रहा है कि नहीं ये सब देखने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होती है।

मछली पालन को बढ़ावा देना
मनरेगा योजना के तहत मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए तालाबों की खुदाई ग्राम पंचायत के कार्यों में शामिल किया गया है। अगर किसी ग्रामीण क्षेत्र में नदियां हैं तो उनका संरक्षण व मछली पालन भी ग्राम पंचायत के कार्यों में शामिल किया गया।

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शुक्रवार, 17 सितंबर 2021

जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक शुरू ,जीएसटी के दायरे में पेट्रोल डीजल को लाने का विचार

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक लखनऊ में शुरू हो गई है। इसमें चार दर्जन से अधिक वस्तुओं पर टैक्स दर की समीक्षा हो सकती है। इसमें कोविड-19 से संबंधित 11 दवाओं पर टैक्स छूट को 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ाने का फैसला भी हो सकता है।

इस बैठक में पेट्रोल और डीजल, प्राकृतिक गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (विमान ईंधन) को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार हो सकता है। बैठक में राज्यों के राजस्व नुकसान पर मुआवजे पर भी चर्चा हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में जीएसटी परिषद से जुड़ी सभी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कॉमन इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल भी लॉन्च हो सकता है। 

साथ ही परिषद जोमैटो और स्विगी जैसे ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप को रेस्टोरेंट मानते हुए उनके डिलीवरी पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर विचार कर सकती है। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि सुबह 11 बजे से होने वाली बैठक में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों एवं केंद्र सरकार व राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी शामिल होंगे।

जीएसटी के दायरे में आ सकते हैं पेट्रोल-डीजल

एक या एक से अधिक पेट्रोलियम पदार्थों- पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (विमान ईंधन) को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। केरल हाईकोर्ट की ओर से पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए जाने के निर्देश के बाद जीएसटी काउंसिल के समक्ष यह मामला 17 सितंबर को लाया जाएगा। जीएसटी काउंसिल ने अभी तक उस तारीख की घोषणा नहीं की है जब से पेट्रोलियम पदार्थों पर जीएसटी लागू होगा। नाम न लेने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि राजस्व को देखते हुए जीएसएटी काउंसिल के उच्च अधिकारी पेट्रोलियम पदार्थों पर एक समान जीएसटी लगाने को तैयार नहीं हैं। दरअसल, वित्तीय वर्ष 2019-20 में पेट्रोलियम पदार्थों से राज्य व केंद्र सरकार को 5.55 लाख करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। इसमें पेट्रोल व डीजल से ही सबसे ज्यादा राजस्व सरकारों को मिला। एक समान जीएसटी से पेट्रोल व डीजल के दामों में भारी कमी आएगी। पेट्रोल पर केंद्र सरकार 32 फीसदी तो राज्य सरकार 23.07 फीसदी टैक्स ले रही है। वहीं डीजल पर केंद्र 35 तो राज्य सरकारें 14 फीसदी से ज्यादा का टैक्स वसूल कर रही हैं।

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गुरुवार, 16 सितंबर 2021

बस्ती -शिक्षक से घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गए खण्ड शिक्षा अधिकारी ,विजिलेंस ने किया गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश -बस्ती जिले के सल्टौआ ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी को विजिलेंस की टीम ने बुधवार की शाम घूस  पकड़ लिया। सहायक अध्यापक की सूचना पर गोरखपुर से पहुंची टीम कोतवाली क्षेत्र के मड़वानगर टोल प्लाजा के पास स्थित खंड शिक्षा अधिकारी के आवास पर पहुंची और उनके आवास पर ही घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया उसके  बाद  टीम ने आरोपी बीईओ को साथ लेकर गोरखपुर रवाना हो गई। 

गोरखपुर से आई टीम ने कोतवाली पुलिस को गिरफ्तारी के बावत जानकारी दी है। बीएसए जगदीश शुक्ल ने पूछने पर बताया कि वे अवकाश पर हैं। अभी तक उन्हें कोई अधिकृत सूचना नहीं मिली है। लेकिन ऐसा कृत्य करने वालों पर पूरी सख्ती के साथ कार्रवाई होनी चाहिए।

बताया जा रहा है कि इसकी जानकारी सहायक अध्यापक ने विजिलेंस गोरखपुर की टीम को दी थी। सबकुछ तय होने के बाद बुधवार की शाम खंड शिक्षा अधिकारी को घूस की रकम देने शिकायतकर्ता सहायक अध्यापक मड़वानगर स्थित उनके किराए के आवास पर पहुंचे थे। इधर विजिलेंस गोरखपुर से हरिसेवक शुक्ला की अगुवाई में टीम भी बस्ती पहुंच चुकी थी। 

खण्ड शिक्षा अधिकारी को गिरफ्तार करने के बाद टीम गोरखपुर के लिए रवाना हो गई बताया गया कि लिखा-पढ़ी की कार्रवाई गोरखपुर में ही की जाएगी। खंड शिक्षा अधिकारी की गिरफ्तारी से बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।


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बुधवार, 15 सितंबर 2021

यूपी -पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए शिक्षकों ने बीआरसी पर किया धरना प्रदर्शन

केoसीo श्रीवास्तव
उत्तर प्रदेश- पुरानी पेंशन बहाली के लिए मंगलवार को शिक्षकों ने बीआरसी पर हुंकार भरी। तीन घंटे तक चले धरना-प्रदर्शन में शिक्षकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने मुख्य सचिव को संबोधित 21 सूत्री मांग पत्र संबंधित बीईओ को सौंपा। शिक्षक एक दिन का आकस्मिक अवकाश लेकर आंदोलन में शामिल हुए।

बस्ती जनपद के विकास खण्ड कप्तानगंज  के ब्लाक संसाधन केन्द्र पर आयोजित धरने को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष चन्द्रिका सिंह ने कहा कि इतिहास गवाह है कि जिन - जिन सरकारों ने शिक्षकों का अहित किया है उसकी सत्ता में पुनः वापसी नहीं हो पाई है ।उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन हम लेकर ही दम लेंगे और इक्कीस सूत्रीय मांगों के पूरी  होने तक संघर्ष जारी रहेगा ।

 शिक्षकों ने कहा कि यूपी में पुरानी पेंशन बहाली के लिए वर्षों से आंदोलन चल रहा है। केंद्र और राज्य सरकार शिक्षकों के हितों की अनदेखी कर रही है। शिक्षकों को उपार्जित और प्रत्येक महीने के दूसरे शनिवार को भी अवकाश चाहिए। शिक्षा पर जोर देने वाली सरकार हर विद्यालय में फर्नीचर, पंखे, पीने का शुद्ध पानी और चहारदीवारी के इंतजाम कराए जाएं। विद्यालय की रखवाली के लिए चौकीदार की नियुक्ति और शिक्षकों के पदोन्नति की कार्रवाई तत्काल पूरी की जाए।

शिक्षकों ने शिक्षामित्र, अनुदेशक और रसाइयों का मानदेय भी बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के दौरान मृतक शिक्षकों के परिजनों को अब तक अहेतुक मदद नहीं मिली, जिससे उनका परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है

21 सूत्री मागों को लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ  के डुमरियागंज ब्लॉक के अमृत लाल वर्मा ने पुरानी पेंशन को लेकर अपना पक्ष रखा।

 खुनियाव मे, प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा आयोजित धरने में अनिल कुमार त्रिपाठी ने आवाज बुलंद किया 

इसी प्रकार सल्टौआ गोपालपुर , रामनगर ,रुधौली ,गौर समेत मंडल के सभी ब्लाकों में शिक्षक संघ के लोगों ने धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों के लिए आवाज बुलंद किया।

धरने मुख्य रुप से नसीम अहमद , दिनेश चन्द्र राम मिलन ,हरि ओम शंकर दौलत राम, राहुल श्रीवास्तव, शैलेंद्र श्रीवास्तव, तिलक राम , इश्तियाक अहमद, तनवीर अहमद। सुधीर तिवारी , शिव प्रकाश सिंह , उमेश यादव , अशद जमाल , फौजदार यादव , कुसुम , दुर्गावती मिश्रा , बी ० पी० आनन्द , संजय मिश्र , पुष्पेन्द्र कुमार , शिवयज्ञ , बेंचू , शिवशरन , प्रदीप यादव , राम सूरत
 सहित भारी संख्या में शिक्षकों की लोगों उपस्थिति रही।
 

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मंगलवार, 14 सितंबर 2021

अस्पताल में इलाज न मिलने से 11 वर्षीय लड़की की मौत ,मृतक की बहन कमिश्नर के गाड़ी के आगे लेटी

यूपी में डेंगू और बुखार से मरने वालों का आंकड़ा 100  के पार पहुंच गया है. अकेले फिरोजाबाद में 60 से ज्यादा मौतें हुई हैं. पिछले 48 घंटों में 16 लोगों ने जान गंवाई है. यहां निकिता कुशवाहा की 11 साल की बहन वैष्णवी कुशवाहा की सोमवार शाम को फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई. वैष्णवी पिछले 5 दिन से मेडिकल कॉलेज में भर्ती थी. 

शाम को आगरा के कमिश्नर दौरे पर आए थे, तभी वैष्णवी को मृत घोषित किया गया. वैष्णवी की बहन आगरा कमिश्नर की गाड़ी के आगे लेट गई. परिवार का आरोप है कि वैष्णवी को सही इलाज नहीं मिला.बता दें कि पश्चिमी यूपी  के अस्पतालों में डेंगू के कई मरीज हैं. अस्पताल प्रभारी संगीता अनेजा ने कहा कि मरीज की हालत गंभीर थी.हमने उसे बचाने की कोशिश की. खेद है हम उसे बचा नहीं पाए. मृतक परिवार दुख में है इसलिए ऐसा बोल रहा है. 




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रविवार, 12 सितंबर 2021

कांग्रेस सरकार में सभ्यता बदली तो मोदी सरकार में सभ्यता और संस्कार का हो रहा पतन

सौरभ वीपी वर्मा

यह बेहद चिंताजनक विषय है की आजादी के साढ़े सात दशक बाद भी इस देश की सरकार इस देश के लोगों के लिए 5 किलो अनाज की व्यवस्था बनाकर उनके विकास की पटकथा लिख रही है । सरकार गरीबों को अनाज और एक झोला देकर यह बताने का प्रयास कर रही है कि वह सब गरीब कल्याण योजना चलाकर इस देश से गरीबी खत्म कर रही है। लेकिन सच तो यह है कि 5 किलो अनाज से न तो भूख खत्म होने वाली है ना तो गरीबी ।

गरीबी उन्मूलन की जो भी योजनाएं वर्षों से चली आ रही हैं उसमें सबसे ज्यादा बेहतर  कांग्रेस सरकार की योजनाएं रही हैं । कांग्रेस सरकार की देन है की 2005 से लेकर के और 2012 के बीच देश भर में आर्थिक क्रांति पैदा कर दी थी  । कांग्रेसी सरकार की ही देन है कि उसने जिस आर्थिक क्रांति को पैदा किया था उस के दम पर एक बड़ी आबादी अच्छा कपड़ा पहनने , अच्छा खाना खाने और साइकिल से उठकर मोटरसाइकिल पर पहुंचने की स्थिति में पहुंचे थे ।

यानी कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इस देश में सभ्यताओं का दौर बदला है और जब किसी देश में सभ्यता बदलती है तो निश्चित तौर पर उस देश की व्यवस्था में बदलाव आना है और यह काम कांग्रेस की सरकार में हुआ था 

वहीं दूसरी तरफ 2014 के बाद केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद से न तो किसी सभ्यता में बदलाव हुआ है और ना ही व्यवस्था में बदलाव हुआ है देखा जाए तो सभ्यता और संस्कार दोनों का पतन हो रहा है । 

जब देश में और अत्याधुनिक संसाधनों का अविष्कार और निर्माण होना चाहिए , विश्वविद्यालय खोले जाना चाहिए ,स्कूल और कॉलेज में मूल्यपरक शिक्षा होनी चाहिए तब यहां सरकार गुंडों को पाल रही है , नौकरी देने की बजाय 300 रुपये की दिहाड़ी पर युवाओं से पार्टी का प्रचार करवा रही है ,धर्म -कर्म के नाम पर बड़ी आबादी को गर्त में डाल रही है । यही भारतीय जनता पार्टी का विकास है । क्योंकि यहां 5 किलो गेहूं और चावल पाकर 80 फ़ीसदी लोग खुश हैं ।

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शनिवार, 11 सितंबर 2021

मुद्दे की बात पर भगवा चोला पहन कर अंडरग्राउंड हो जाते हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

सौरभ वीपी वर्मा

14 दिन के अंदर गन्ना किसानों का बकाया भुगतान दिलाने की बात करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के किसानों का 12 हजार करोड़ रुपये का भुगतान मिल मालिकों से नही दिला पाए  । वहीं बस्ती जनपद के वाल्टरगंज चीनी मिल द्वारा किसानों और कर्मचारियों का लगभग 60 करोड़ रुपया अभी तक नही मिल पाया है। 

यह चिंता का विषय है कि जहां सरकार द्वारा लगातार किसानों के हित की बात कही जा रही है वहीं दिन प्रतिदिन  किसानों की स्थिति हाशिए पर जाता हुआ दिखाई दे रहा है  , देश भर में किसानों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा किसान वर्ग के लोग हैं और उनकी स्थिति लगातर बद से बदतर होती जा रही है , एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के 50 फीसदी से ज्यादा किसान कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं जिनका औसत कर्ज 74 हजार रुपये के आस पास है इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रदेश की एक बड़ी आबादी आर्थिक मामलों में कहां खड़ी है।

 विसंगतियां यह है कि जिस किसान द्वारा बिजली का बिल नहीं जमा किया गया जिसके द्वारा केसीसी का भुगतान नहीं किया गया उसका वारंट ,जुर्माना और गिरफ्तारी हो रही है लेकिन इस देश का कोई भी नेता, अभिनेता , सरकार यह बोलने के लिए तैयार नहीं है कि आखिर जिन मिलों द्वारा किसानों और कर्मचारियों का भुगतान नही किया गया है उसके ऊपर भी जुर्माना और सजा की व्यवस्था की जाए।

निश्चित तौर पर यह बाबा योगी आदित्यनाथ की नाकामी है जिन्होंने प्रदेश की जनता को ठगने के लिए अनेकों प्रकार के वादे किए लेकिन जब सच से सामना करना पड़ा तो भगवा चोला पहन कर अंडरग्राउंड हो गए । उसके बाद किसानों और बेरोजगारों का हाल उसी स्थिति में रह गया जहां से उन्होंने इस क्षेत्र के लोगों को संवारने और सुधारने की बात कही थी।

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देश का 50 % से अधिक किसान कर्ज में, प्रति परिवार पर 74,121 रुपये का औसतन ऋण : सर्वे

नई दिल्ली : देश में खेती-बाड़ी करने वाले आधे से अधिक परिवार कर्ज के बोझ तले दबे हैं. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के एक सर्वे के अनुसार 2019 में 50 प्रतिशत से अधिक कृषक परिवार कर्ज में थे और उन पर प्रति परिवार औसतन 74,121 रुपये कर्ज था. सर्वे में कहा गया है कि उनके कुल बकाया कर्ज में से केवल 69.6 प्रतिशत बैंक, सहकरी समितियों और सरकारी एजेंसियों जैसे संस्थागत स्रोतों से लिये गये. जबकि 20.5 प्रतिशत कर्ज पेशेवर सूदखोरों से लिये गये. इसके अनुसार कुल कर्ज में 57.5 प्रतिशत ऋण कृषि उद्देश्य से लिये गये.

सर्वे में कहा गया है, ‘‘कर्ज ले रखे कृषि परिवारों का प्रतिशत 50.2 प्रतिशत है. वहीं प्रति कृषि परिवार बकाया ऋण की औसत राशि 74,121 रुपये है.'' एनएसओ ने जनवरी-दिसंबर 2019 के दौरान देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की भूमि और पशुधन के अलावा कृषि परिवारों की स्थिति का आकलन किया. सर्वे के अनुसार कृषि वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) के दौरान प्रति कृषि परिवार की औसत मासिक आय 10,218 रुपये थी. इसमें से मजदूरी से प्राप्त प्रति परिवार औसत आय 4,063 रुपये, फसल उत्पादन से 3,798 रुपये, पशुपालन से 1,582 रुपये, गैर-कृषि व्यवसाय 641 रुपये तथा भूमि पट्टे से 134 रुपये की आय थी. इसमें कहा गया है कि देश में कृषि परिवार की संख्या 9.3 करोड़ अनुमानित है. इसमें अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) 45.8 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 15.9 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 14.2 प्रतिशत और अन्य 24.1 प्रतिशत हैं.

सर्वे के अनुसार गांवों में रहने वाले गैर-कृषि परिवार की संख्या 7.93 करोड़ अनुमानित है. इससे यह भी पता चला कि 83.5 प्रतिशत ग्रामीण परिवार के पास एक हेक्टेयर से कम जमीन है. जबकि केवल 0.2 प्रतिशत के पास 10 हेक्टेयर से अधिक जमीन थी. इस बीच, एक अन्य रिपोर्ट में एनएसओ ने कहा कि 30 जून, 2018 की स्थिति के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में कर्ज लेने वाले परिवार का प्रतिशत 35 था (40.3 प्रतिशत कृषक परिवार, 28.2 प्रतिशत गैर-कृषि परिवार) जबकि शहरी क्षेत्र में यह 22.4 प्रतिशत (27.5 प्रतिशत स्व-रोजगार से जुड़े परिवार, 20.6 प्रतिशत अन्य परिवार) थे. एनएसओ ने राष्ट्रीय नमूना सर्वे (एनएसएस) के 77वें दौर के तहत अखिल भारतीय कर्ज और निवेश पर ताजा सर्वे जनवरी-दिसंबर, 2019 के दौरान किया.

सर्वे में यह भी पाया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कर्ज ले रखे परिवारों में से 17.8 प्रतिशत परिवार संस्थागत एजेंसियों से (जिनमें 21.2 प्रतिशत कृषक परिवार और 13.5 प्रतिशत गैर-कृषक परिवार) जबकि शहरी क्षेत्रों में 14.5 प्रतिशत परिवार संस्थागत कर्जदाताओं से (18 प्रतिशत स्व-रोजगार करने वाले तथा 13.3 प्रतिशत अन्य परिवार) कर्ज ले रखे थे. इसके अलावा ग्रामीण भारत में करीब 10.2 प्रतिशत परिवारों ने गैर- संस्थागत एजेंसिंयों से कर्ज लिया जबकि शहरी भारत में यह संख्या 4.9 प्रतिशत परिवार थी. वहीं ग्रामीण भारत में सात प्रतिशत परिवार ऐसे थे जिन्होंने संस्थागत कर्ज और गैर-संस्थागत दोनों तरह से कर्ज लिया था जबकि शहरी क्षेत्र में ऐसे परिवारों की संख्या तीन प्रतिशत थी.


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शुक्रवार, 10 सितंबर 2021

बस्ती -पुण्य तिथि पर याद किये गये अमर बलिदानी वीर अब्दुल हमीद

बस्ती । शुक्रवार को कबीर साहित्य एवं सेवा संस्थान के अध्यक्ष मो. सामईन फारूकी के संयोजन में प्रेस क्लब में कार्यक्रम आयोजित कर 1965 के युद्ध में पाकिस्तान के दांत खट्टे कर देने वाले परमवीर चक्र से सम्मानित वीर अब्दुल हमीद को उनके पुण्य तिथि पर याद किया गया।

मुख्य अतिथि सपा नेता महादेव यादव ने कहा कि  वीर अब्दुल हमीद ने अपनी ‘गन माउनटेड जीप’ से सात, पाकिस्तानी पैटन टैंकों को नष्ट कर भारतीय सैन्य इतिहास में एक मील का पत्थर खड़ा किया। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा। हमें ऐसे वीर जवानों की स्मृतियों को संजोये रखना होगा।

 वरिष्ठ साहित्यकार सत्येन्द्रनाथ मतवाला ने कहा कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के धामूपुर गाँव में 1 जुलाई 1933 में  जन्मे वीर अब्दुल हमीद का योगदान सदैव याद किया जायेगा। भारतीय सैनिकों के पास न तो टैंक थे और न तो बड़े हथियार लेकिन उनके पास था भारत माता की रक्षा के लिए लड़ते हुए मर जाने का हौसला था। ऐसे बलिदानियों के कारण ही हम सुरक्षित है।

 साहित्यकार त्रिभुवन प्रसाद मिश्र ने कहा कि वीर अब्दुल हमीद ने सिद्ध कर दिया कि यदि इच्छा शक्ति हो तो कुछ भी असंभव नहीं है।

पुण्य तिथि पर अमर बलिदानी वीर अब्दुल हमीद को नमन् करने वालों में बाबूराम वर्मा, दशरथ प्रसाद यादव, डा. वाहिद अली सिद्दीकी, विनोद कुमार उपाध्याय, तौआब अली, ओंकार चर्तुवेदी, श्याम प्रकाश शर्मा एडवोकेट, फूलचन्द्र चौधरी, चन्द्रमोहन लाल श्रीवास्तव, पं. चन्द्रबली मिश्र आदि शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन नीरज कुमार वर्मा ‘ नीरप्रिय’ ने किया ।

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गुरुवार, 9 सितंबर 2021

यूपी/ शिकायत के बाद हरकत में आए पूर्व प्रधान और सचिव पहले भुगतान अब चल रहा काम

राकेश चौधरी
सिद्धार्थनगर-देश भर में ग्राम पंचायतों में जो भ्रष्टाचार है वह किसी से छुपा नहीं है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर के विकास खण्ड मिठवल स्थित ग्राम पंचायत बनगवा द्वितीय का प्रकाश में आया है। जहां पर पूर्व प्रधान द्वारा ग्राम बनगवा में एक नाला निर्माण तथा एक इंटरलॉकिंग का कार्य कागजों में पूरा कर भुगतान करा लिया गया था।

बीते 31 अगस्त को ग्राम वासियों ने जिलाधकारी सिद्धार्थ नगर के साथ ही प्रमुख सचिव पंचायती राज के साथ कई संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर कर शिक़ायत किया तो भ्रष्टाचार में लिप्त पूर्व ग्राम प्रधान और सचिव हरकत में आए और आनन फानन में कार्य को पूरा करने के युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा।

हमारे सिद्धार्थ नगर संवादाता ने जब मौके पर पड़ताल किया तो पता चला कि बीते वर्ष अप्रैल में बड़की गड़ही से पुलिया तक नाला निर्माण का बिल तथा बीते नवंबर में बुधिराम के मड़ई से शब्बीर के घर तक इंटरलॉकिंग कार्य का बिल किया गया था जिसका भुगतान बीते अगस्त में हो गया लेकिन मौके पर काम ही नहीं हुआ था।

अब शिकायत के बाद तेजी से कार्य पूरा करके इस घटना को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है।
बड़ा सवाल यह है कि आखिर जब कार्य हुआ ही नहीं था तो फिर इसका सत्यापन और भुगतान कैसे हो गया?

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बुधवार, 8 सितंबर 2021

अब यूपी में ब्राह्मण और कुर्मी को साधने की शुरू हुई राजनीति ,ठंडे बस्ते में मुसलमान

सौरभ वीपी वर्मा

मायावती ब्राह्मणों को साधने के लिए सतीश मिश्रा के जरिये प्रबुद्ध सभा करवा रही हैं ,समाजवादी पार्टी कुर्मी वोट सहेजने के लिए किसान पटेल यात्रा नरेश उत्तम पटेल से करवा रही है। भारतीय जनता पार्टी ओबीसी वोट बैंक को एक बार फिर बनाये रखने के लिए उनकी जातियों के नेताओं को मंत्री बना रही है । इसी प्रकार दलितों और मुसलमानों को अपना बनाने के लिए राजनीतिक दलों द्वारा तरह तरह का कांटा फेंका जा रहा है। ताकि वें किसी एक पार्टी का वोट बैंक बनकर उसे सत्ता के मुहाने पर पहुंचा दें।फिलहाल इस वक्त मुसलमान ठंडे बस्ते में डाल दिये गए हैं।

लेकिन उत्तर प्रदेश जैस बड़े राज्यों के ग्रामीण इलाकों के लोगों के जीवन और उनके रहन सहन की स्थिति को किसी कागज पर चित्रण किया जाए तो आपको दिखाई देगा कि आजादी के साढ़े सात दशक बाद 22 करोड़ में से 15 करोड़ से ज्यादा लोगों की स्थिति बद से बदतर है। 

जातियों के आधार पर ही प्रदेश के लोगों की जीवन 
पर समीक्षा करें तो  दिखाई देता है कि निसाद ,राजभर ,कुम्हार ,तेली, नाई ,दलित ,धोबी ,खटीक ,लोध ,बनिया ,चौहान ,पासी ,
पाल और आदि समकक्ष जातियों के लिए समता ,स्वतंत्रता ,बंधुता एवं न्याय आधारित समाज की स्थापना नही हो पा रही है। यहां तक कि उनके लिए रहन सहन की मुकम्मल व्यवस्था अभी तक नही हो पाई है ।

प्रतिवर्ष सालाना आने वाले रिपोर्ट को देखा जाए तो सबसे ज्यादा इन्ही जातियों में बच्चों में कुपोषण ,महिलाओं में खून की कमी , शिक्षा की बदहाली ,चिकित्सा की असुविधा ,जागरूकता की कमी , आदि अव्यवस्था  बरकरार है । 

इसलिए हिंदू और मुसलमान को ही नहीं सभी जाति वर्ग के लोगों को अपनी सरकार से जवाबदेही मांगनी चाहिए कि आखिर उनके समाज और उनके देश के नागरिकों के लिए सरकार द्वारा कौन-कौन सा मुख्य कार्य किया जा रहा है। 

क्या सारे विकास के दावे नेता द्वारा मंच और मीडिया के माध्यम से ही किया जाएगा या धरातल पर सरकार और राजनीतिक पार्टियों के मिशन के बारे में भी जनता को पता चलेगा ? ऐसे सभी सवालों पर जवाब लेने के लिए जनता को सत्ताधारी पार्टी के नेताओं और राजनीतिक दलों के नेताओं के सामने खड़ा होना पड़ेगा अन्यथा यह देश जिस तरह 1947 के पहले गुलाम था वैसे ही आने वाले कई दशकों तक उसके नागरिक मानसिक गुलामी की प्रताड़ना झेलने के लिए सिर झुकाए खड़े रहेंगे। क्योंकि यहां मुद्दा देश की अर्थव्यवस्था , स्वास्थ्य एवं शिक्षा एवं रोजगार पर नहीं होती है ,यहां बहस बच्चों में कुपोषण एवं महिलाओं की खून की कमी में नहीं होती है , यहां तो बस जाति और धर्म के नाम पर लोगों को लड़वाने में इस देश की राजनीतिक पार्टियों और सत्ताधारी दलों को मजा आता है ।
              सौरभ वीपी वर्मा संपादक

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के पिता हुए गिरफ्तार ,सीएम बोले कानून अपना काम करेगा, भेजे गए जेल

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल bhupesh baghel के पिता नंदकुमार बघेल nand Kumar baghel को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उनपर ब्राह्मण समाज के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने का आरोप है. उनके बयान को लेकर उनपर मामला दर्ज किया गया था. एडिशनल एसपी तारकेश्वर पटेल ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है.

गिरफ्तारी के बाद  रायपुर पुलिस नंदकुमार बघेल को कोर्ट लेकर पहुंची.यहां मजिस्ट्रेट जनक कुमार हिडको की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई. कोर्ट ने नंदकुमार को 15 दिनों के लिए जेल भेजने का आदेश दिया है. कोर्ट ने उनसे जमानत लेने को कहा था लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया.

क्या है मामला 

नंदकुमार बघेल ने ब्राह्मणों को बाहरी (विदेशी) बताया था, जिसके बाद ब्राह्मण समाज की शिकायत पर रायपुर के डीडी नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई. खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिता के खिलाफ एफआईआर पर कहा था कि कानून अपना काम करेगा.  दरअसल, कुछ दिन पहले आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नंदकुमार बघेल ने कहा था कि ब्राह्मण विदेशी हैं. उन्हें गंगा से वोल्गा भेज देंगे.

उन्होंने आगे कहा था कि,  ब्राह्मण या तो सुधर जाएं या वोल्गा जाने के लिए तैयार हो जाएं. डीडी नगर थाना प्रभारी योगिता खापरडे ने बताया था कि नंद कुमार बघेल के बयान पर ब्राह्मण समाज ने आपत्ति दर्ज कराई थी और नंदकुमार बघेल पर समाज में द्वेष पैदा करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत की थी जिसके बाद डीडी नगर थाने में आईपीसी की धारा 505 और 153 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

 भूपेश बघेल मुख्यमंत्री

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मंगलवार, 7 सितंबर 2021

यूपी के इस गांव में सचिव ने डीपीआरओ से कहा ,साहब यहीं तो बनवाई थी सड़क ,लगता है चोरी हो गई

देश भर की ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार का जो आलम है वह किसी से छिपा नही है लेकिन उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद के एक ग्राम पंचायत में इंटरलॉकिंग सड़क की जांच करने पहुंचे डीपीआरओ से ग्राम सचिव ने कहा कि साहब यहीं तो सड़क बनवाई थी लगता है चोरी हो गई ,यह सुनने के बाद अधिकारियों के होश उड़ गए।

 जिले के नौगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत अमृतपुर में घोटाले की शिकायत पर जांच करने पहुंचे डीपीआरओ को मौके पर इंटरलॉकिंग की सड़क नहीं मिली। जबकि पंचायत सचिव गुड्डू प्रसाद ने डीएम को बताया था कि बलवंत यादव के घर के पास इंटरलॉकिंग की सड़क बना दी गई है। पूछताछ में ग्राम सचिव ने कहा कि साहब, सड़क तो यहीं बनाई थी, लगता है वह चोरी हो गई। 

इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए डीपीआरओ ने कहा कि सड़क कैसे चोरी हो सकती है, अगर चोरी हुई तो मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराए। गांव के शिकायतकर्ता विनोद कुमार यादव ने जिलाधिकारी को बताया था कि प्राथमिक विद्यालय विनायकपुर में टाइल्स, प्राथमिक विद्यालय बिंद्रावन में स्नानागार तथा इंटरलॉकिंग की सड़क का निर्माण कराए बिना लाखों रुपये की धनराशि का बंदरबांट कर लिया गया है। इसमें लापरवाही करने पर शनिवार को ही एडीओ पंचायत प्रेमचंद्र को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।

डीएम के निर्देश पर अमृतपुर गांव में निरीक्षण करने पहुंचे डीपीआरओ ब्रह्मचारी दुबे को इंटरलॉकिंग की सड़क मौके पर नहीं मिली। जबकि पंचायत सचिव ने डीएम को बताया था कि बलवंत यादव के घर के पास इंटरलॉकिंग की सड़क बना दी गई है।

पूछताछ में मौके पर मौजूद सचिव बार-बार यही कहते रहे कि  साहब, सड़क तो यहीं बनाई थी, लगता है वह चोरी हो गई। 

वहीं 171 शौचालय के निर्माण में भी खामियां मिलीं। डीपीआरओ ने पंचायत सचिव गुड्डूू प्रसाद को चेतावनी दी कि अब तुम्हें जेल जाने से कोई नहीं बचा सकता।  के अलावा ग्राम प्रधान चंद्रशेखर यादव भी मौजूद थे।

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राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी , जानिए क्या है पूरा मामला

आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और राज्यसभा सदस्य (MP) संजय सिंह (Sanjay Singh)के खिलाफ लुधियाना की एक अदालत (Ludiana Court) ने गिरफ्तारी वारंट (Arrest Warrant) जारी किया है और कहा है कि वो जहां भी हों, उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए.

 बता दें कि. यह वारंट पूर्व मंत्री और अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (SAD Leader Bikram Majithia) की ओर से दायर मानहानि मामले में जारी किया गया है. कोर्ट के आदेश के बावजूद संजय सिंह के अदालत में पेश नहीं होने की वजह से उनके खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वांरट जारी करने के आदेश दिए हैं.

सोमवार, 6 सितंबर को मानहानि के इस मामले में संजय सिंह को पेश होना था और सीनियर अकाली नेता महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल का क्रास एग्जामिनेशन होना था. जिसमें संजय सिंह के कोर्ट में पेश नहीं होने पर उनके  वकीलों ने एक एप्लीकेशन दी थी कि वह पेश नहीं हो सकते हैं. जिसके बाद अदालत ने उनका बेल बांड रद कर दिया और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया है.

अदालत की ओर से इस सख्ती के बाद अब उनको अदालत में खुद पेश होना होगा या फिर उन्हें पुलिस कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. बता दें कि उनके खिलाफ यह मामला एडिशनल चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट हरसिमरन सिंह की अदालत में चल रहा है और वह पिछले लंबे समय से अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं.

गौरतलब है कि, 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने पूर्व मंत्री और वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पर नशे के व्यापार से जुड़ने और अन्य कई तरह के आरोप लगाए थे. जिसके बाद बिक्रम सिंह मजीठिया ने लुधियाना की अदालत में उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करा दिया था.

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क्या होता है हिरासत और गिरफ्तारी में अंतर ,पढ़िए और समझिए आसान भाषा में

सौरभ वीपी वर्मा
तहकीकात समाचार के पाठक गण द्वार कई बार संदेश भेजा गया की गिरफ्तारी और हिरासत के बारे में सही जानकारी दी जाए तो आइए आपको बताते हैं क्या होता है हिरासत और गिरफ्तारी में अंतर।

सामान्यतया 'कस्टडी' (हिरासत) का अर्थ एक व्यक्ति पर नियंत्रण या निगाह रखना है। इसका तात्पर्य किसी व्यक्ति के अपनी इच्छा के मुताबिक कहीं आने-जाने पर प्रतिबंध से है। हिरासत भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्तिगत आजादी के अधिकार पर सीधा हमला है, इसलिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कानून में एक विस्तृत प्रक्रिया निर्धारित की गई है कि किसी व्यक्ति को केवल कानूनी उद्देश्यों के लिए ही अधिकारी द्वारा उचित, तार्किक और समानुपातिक तरीके से हिरासत में लिया जाये।

'हिरासत' और 'गिरफ्तारी'

हिरासत और गिरफ्तारी पर्यायवाची नहीं हैं। गिरफ्तारी किसी व्यक्ति को पुलिस द्वारा बलपूर्वक कैद में रखना है।

 गिरफ्तारी के बाद हिरासत होती है, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हिरासत के प्रत्येक मामले में पहले गिरफ्तारी हो। उदाहरण के तौर पर, जब कोई व्यक्ति अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करता है तो वह हिरासत में होता है, इस मामले में गिरफ्तारी नहीं होती है।

न्यायमूर्ति कृष्णा अय्यर ने 'निरंजन सिंह बनाम प्रभाकरण राजाराम खरोटे'मामले में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 438 के तहत 'हिरासत में'शब्द की व्याख्या करते हुए कहा है - "वह (एक व्यक्ति) केवल उस समय ही हिरासत में नहीं होता, जब पुलिस उसे गिरफ्तार करती है, उसे मजिस्ट्रेट के पास पेश करती है और उसे न्यायिक या अन्य कस्टडी पर रिमांड में लेती है। उसे उस वक्त भी हिरासत में कहा जा सकता है जब वह अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करता है और उसके निर्देशों को मान लेता है।

(2) इस प्रकार, जब किसी अभियुक्त ने सत्र अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है, तो सत्र अदालत सीआरपीसी की धारा 439 के तहत जमानत याचिका पर विचार करने का अधिकार क्षेत्र हासिल कर लेता है।

(3) निरंजन सिंह मामले का अनुसरण करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में व्यवस्था दी थी कि यदि उच्च न्यायालय ने किसी आरोपी को अपने समक्ष आत्मसमर्पण करने की अनुमति दी है, तो वह उच्च न्यायालय की हिरासत में होगा। इसलिए, हाईकोर्ट को सीआरपीसी की धारा 439 के तहत नियमित जमानत के लिए आवेदन पर विचार करने का अधिकार होगा।

(4) पुलिस हिरासत जब एक पुलिस अधिकारी एक व्यक्ति को संज्ञेय अपराध करने के संदेह में गिरफ्तार करता है, तो गिरफ्तार व्यक्ति को हिरासत में लिया गया बताया जाता है। पुलिस हिरासत का उद्देश्य अपराध के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए संदिग्ध से पूछताछ करना है, और सबूतों को नष्ट करने से रोकना और गवाहों को आरोपी द्वारा डरा-धमकाकर मामले को प्रभावित करने से बचाना है। यह कस्टडी मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना 24 घंटे से अधिक नहीं हो सकती। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये और हिरासत में रखे गए प्रत्येक व्यक्ति को गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर निकटतम मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना चाहिए, जिसमें गिरफ्तारी के स्थान से लेकर मजिस्ट्रेट के कोर्ट तक के सफर का आवश्यक समय शामिल नहीं होगा।

(5)मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना किसी भी व्यक्ति को 24 घंटे की अवधि से अधिक हिरासत में नहीं रखा जा सकता है

(6) न्यायिक हिरासत जब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अभियुक्त को मजिस्ट्रेट के पास पेश किया जाता है तो उसके पास दो विकल्प होते हैं, आरोपी को पुलिस हिरासत में या न्यायिक हिरासत में भेजना। यह सीआरपीसी की धारा 167(2) के प्रावधानों से स्पष्ट है कि मजिस्ट्रेट को जो उचित लगता है उस प्रकार की कस्टडी वह आरोपी के लिए मुकर्रर कर सकता है। पुलिस हिरासत में, पुलिस के पास आरोपी की शारीरिक हिरासत होगी। इसलिए जब पुलिस हिरासत में भेजा जायेगा, तो आरोपी को पुलिस स्टेशन में बंद कर दिया जाएगा। उस परिदृश्य में, पुलिस को पूछताछ के लिए आरोपी तक हर समय पहुंच होगी। न्यायिक हिरासत में, अभियुक्त मजिस्ट्रेट की हिरासत में होगा और उसे जेल भेजा जाएगा। न्यायिक हिरासत में रखे गये आरोपी से पूछताछ के लिए पुलिस को संबंधित मजिस्ट्रेट की अनुमति लेनी होगी। मजिस्ट्रेट की अनुमति से ऐसी हिरासत के दौरान पुलिस द्वारा पूछताछ, हिरासत की प्रकृति को बदल नहीं सकती है

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पाकिस्तान की मदद से, 'कमतर दर्जे' का नेता बन सकता है अफगानिस्तान का प्रधानमंत्री : सूत्र

साभार-एनडीटीवी

नई दिल्ली : यूएन की आतंकियों की लिस्ट में शामिल और तालिबान के 'कमतर' नेता मुल्ला हसन अखुंद अफगानिस्तान के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं. चरमपंथी समूह के कई गुटों के बीच मतभेदों ने अब तक युद्धग्रस्त राष्ट्र में सरकार के गठन को बाधित किया है. तीन हफ्ते पहले काबुल पर तालिबान ने कब्जा कर लिया था. मुल्ला बरादर के नेतृत्व वाली तालिबान की दोहा इकाई, हक्कानी नेटवर्क, पूर्वी अफगानिस्तान से संचालित एक आतंकवादी संगठन और तालिबान का कंधार गुट में सत्ता को लेकर मतभेद हैं, जिसकी वजह से अफगानिस्तान में सरकार बनाने में देरी हो रही है. ।

सूत्रों के मुताबिक, नए फॉर्मूले के तहत, मुल्ला बरादर और मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला अखुंद के डिप्टी के रूप में काम कर सकते हैं. हक्कानी नेटवर्क के सिराज हक्कानी को भारत के गृह मंत्रालय के बराबर शक्तिशाली आंतरिक मंत्रालय का नेतृत्व करने के लिए चुना जा सकता है.

तालिबान के शीर्ष मौलवी और नेता हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा को 'सर्वोच्च नेता' होने की संभावना है.

मुल्ला हसन अखुंद तालिबान के नेतृत्व परिषद, "रहबारी शूरा" के प्रमुख हैं और 2001 में अमेरिका के साथ युद्ध शुरू होने से पहले तालिबान-नियंत्रित अफगानिस्तान में एक मंत्री के रूप में कार्य किया है.

ऐसी अटकलें हैं कि पिछले हफ्ते पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई प्रमुख के काबुल जाने के दौरान सहमति बनी थी. अब आईएसआई प्रमुख फैज हमीद अब इस्लामाबाद वापस आ गए हैं.

काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान के साथ बातचीत करने के बाद भी पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला अब्दुल्ला सहित देश के पूर्व नेताओं के लिए कोई भूमिका नहीं दिखाई दे रही है.


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रविवार, 5 सितंबर 2021

बस्ती -क्रांतिकारियों के सम्मान में अर्जक संघ ने आयोजित किया विचार गोष्ठी का आयोजन

 बस्ती. अर्जक संघ की शाखा इकाई बस्ती के द्वारा बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा के शहीद दिवस पर आर. डी. सरमाउंट इंटरनेशनल स्कूल में विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता अर्जक संघ के जिलाध्यक्ष रघुनाथ पटेल तथा संचालन राकेश कुमार ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत महापुरुषों के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
रघुनाथ पटेल ने जगदेव बाबू के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जगदेव बाबू पटना विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद वें शोसलिस्ट पार्टी से जुड़ गए और पार्टी के मुखपत्र 'जनता' का संपादन भी किया। एक संजीदा पत्रकार की हैसियत से उन्होंने दलित-पिछड़ों-शोषितों की समस्याओं के बारे में खूब लिखा तथा उनके समाधान के बारे में अपनी कलम चलायी। 1955 में हैदराबाद जाकर अंग्रेजी साप्ताहिक 'सिटिजेन' तथा हिन्दी साप्ताहिक 'उदय' का संपादन आरभ किया। प्रकाशक से भी मन-मुटाव हुआ लेकिन जगदेव बाबू ने अपने सिद्धान्तों से कभी समझौता नहीं किया। संपादक पद से त्यागपत्र देकर पटना वापस लौट आये और समाजवादियों के साथ आन्दोलन शुरू किया।

बिहार में उस समय समाजवादी आन्दोलन की बयार थी, लेकिन जे.पी. तथा लोहिया के बीच सद्धान्तिक मतभेद था। जब जे. पी. ने राम मनोहर लोहिया का साथ छोड़ दिया तब बिहार में जगदेव बाबू ने लोहिया का साथ दिया। उन्होंने सोशलिस्ट पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत किया और समाजवादी विचारधारा का देशीकरण करके इसको घर-घर पहुंचा दिया।जगदेव बाबू ने 1967 के विधानसभा चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी  के उम्मीदवार के रूप में कुर्था में जोरदार जीत दर्ज की। उनके अथक प्रयासों से स्वतंत्र बिहार के इतिहास में पहली बार 'संविद सरकार ' बनी तथा महामाया प्रसाद सिन्हा को मुख्यमंत्री बनाया गया।

राष्ट्रीय मंत्री उमेशचन्द ने जगदेव बाबू के द्वारा किए गए सामाजिक कार्यो के बारे में बताते हुए कहा कि बिहार में राजनीति का प्रजातांत्रिकरण को स्थाई रूप देने के लिए उन्होंने सामाजिक-सांस्कृतिक क्रान्ति की आवश्यकता महसूस किया। इसके लिए वें रामस्वरूप वर्मा द्वारा स्थापित अर्जक संघ में शामिल हुए। 7 अगस्त 1972 को शोषित दल तथा रामस्वरूप वर्मा जी की पार्टी 'समाज दल' का एकीकरण हुआ और 'शोषित समाज दल' नामक नयी पार्टी का गठन किया गया। एक दार्शनिक तथा एक क्रांतिकारी के संगम से पार्टी में नयी उर्जा का संचार हुआ। जगदेव बाबू पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री के रूप में जगह-जगह तूफानी दौरा आरम्भ किया। वे नए-नए तथा जनवादी नारे गढ़ने में निपुण थे. सभाओं में जगदेव बाबू के भाषण बहुत ही प्रभावशाली होते थे इसी के दम पर उन्होंने समाज के वंचित तबके की आवाज को बुलंद कर उनका हक अधिकार दिलवाने का काम किया।
कार्यक्रम को पूर्व न्यायाधीश आघाशरण चौधरी, अवधेश मौर्य, कृष्ण कन्हैया वर्मा, रामसेवक, नीरज कुमार वर्मा, गंगाराम, रामप्रकाश पटेल, प्रभाकर पटेल, रामपूरन, रामकेवल निगम, गंगाप्रसाद कनौजिया,लौटन प्रसाद, प्रेमचंद, रामकेश, सतराम, जंगबहादुर यादव , प्रभाकर वर्मा ,बृजेश पटेल आदि ने संबोधित किया। 

कार्यक्रम में सत्येंद्र मानव, श्वेता पटेल, सोनी, सुनील, सुभाष चंद्र, प्रताप कुमार कनौजिया, प्रेम कुमार, सत्यप्रकाश ,राममूरत चौधरी ,रामबहोर चौधरी,आदि लोग उपस्थित रहे। इस दौरान विभिन्न पदाधिकारियों को सम्मानित भी किया गया।

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आज देशभर के 300 किसान संगठनों की महापंचायत, 10 लाख किसानों के शामिल होने की संभावना

पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर में आज किसानों ने एक बड़ी महापंचायत बुलाई है. इसमें देशभर के 15 राज्यों के 300 किसान संगठनों से जुड़े लोग हिस्सा लेंगे. किसानों की महापंचायत को देखते हुए यूपी पुलिस ने वहां कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुजफ्फरनगर में 8000 से ज्यादा पुलिस और पैरा मिलिट्री के जवान तैनात किए गए हैं. किसान नेताओं का दावा है कि महापंचायत में दस लाख से ज्यादा किसान शामिल होंगे. किसान नेताओं ने कहा है कि उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव से पहले हो रही इस महापंचायत में मिशन यूपी की शुरुआत होगी, जिसके तहत किसान राज्यभर में जाकर बीजेपी के नीतियों का विरोध करेंगे.

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CMIE की रिपोर्ट से बढ़ी चिंता ,एक महीने में भारत में 15 लाख लोग बेरोजगार 8.32% हुई बेरोजगारी दर

नई दिल्ली : Unemployment Rate In India: सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, एक महीने में यानी जुलाई 2021 के मुकाबले अगस्त 2021 में 15 लाख के करीब जॉब अपॉर्चुनिटी घट गई और बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) जुलाई के 6.96% से बढ़कर अगस्त में 8.32% हो गई. 

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के इंस्टीट्यूशनल हेड प्रभाकर सिंह ने मीडिया से कहा, "बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी की मुख्य वजह लेबर पार्टिसिपेशन रेट में बढ़ोतरी है." बतौर सिंह जुलाई से अगस्त, 2021 के बीच एक महीने में करीब 40 लाख अतिरिक्त लोग जॉब मार्केट में नौकरी खोजने के लिए पहुंचे.

कोविड-19 महामारी के नियंत्रण में आने के बाद लोग शहरों में काम की तलाश में पहुंचे हैं. CMIE के आंकड़ों के मुताबिक, शहरी बेरोजगारी जो जुलाई में 8.3% थी, वह अगस्‍त माह में बढ़कर  9.78% तक पहुंच गई है. 

देश में COVID-19 महामारी की दूसरी लहर आने से ठीक पहले मार्च में शहरी बेरोजगारी दर 7.27 प्रतिशत थी. सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार, मुख्य रूप से खरीफ सीजन के दौरान कम बुवाई के कारण ग्रामीण बेरोजगारी भी जुलाई में 6.34 प्रतिशत से बढ़कर अगस्त में 7.64 प्रतिशत हुई है.


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शुक्रवार, 3 सितंबर 2021

बस्ती - पुलिस और स्थानीय लोगों के प्रयास से कुवानों नदी के बाढ़ में डूबे युवक की मिली लाश

बस्ती - जनपद के वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के चौरा घाट कुवानों नदी के बाढ़ में डूबने से 30 वर्षीय युवक की मौत हो गई ।
घटना स्थल पर प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सोनहा थाना क्षेत्र के चिरैयाडाड़ गांव के रहने वाले रामनयन गुप्ता पुत्र बुधिराम 30 , लाल मोहम्मद पुत्र ,नूर मोहम्मद ,जाफर अली पुत्र अहमद बाढ़ के पानी मे स्नान कर रहे थे जंहा तेज बहाव में रामनयन डूबने लगा जिसको पकड़ने के लिए लाल मोहम्मद आगे बढ़ा उसके बाद वह वह भी तेज धार में बहने लगा इसे देख तीसरे साथी समेत एक और युवक डीके ने चिल्लाना शुरू किया तो गांव के निवासी 
इसरार अली , शौकत अली ,रफीक ,जहूर मोहम्मद आदि ने बाढ़ के बहाव में कूदकर लाल मोहम्मद को बचा लिया वहीं रामनयन डूब गया।
सूचना पर प्रभारी निरीक्षक वाल्टरगंज दुर्विजय एवं प्रभारी निरीक्षक सोनहा राम कृष्णा मिश्रा पुलिस फोर्स के साथ पहुंच कर लापता को खोजने के लिए गांव के लोगों की मदद ली और प्रभारी निरीक्षक रामकृष्ण मिश्रा स्वयं भी पानी मे उतर कर डूबे हुए युवक को खोजने में मदद कर रहे थे इसी बीच इरशाद एवं दीपू को लाश मिल गई और उसे निकाल कर बाहर लाया गया।

लाश निकाले जाने के बाद लाश की पंचनामा कर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए भेज दिया गया।

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बस्ती -कुवानों नदी के बाढ़ में डूबने से 30 वर्षीय युवक लापता , खोजबीन करने के लिए लगी पुलिस

बस्ती - जनपद के वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के चौरा घाट कुवानों नदी के बाढ़ में एक युवक डूब कर लापता हो गया वहीं बाढ़ की बहाव में डूब रहे एक बच्चे को स्थानीय लोगों ने बचा लिया।

घटना स्थल पर प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सोनहा थाना क्षेत्र के चिरैयाडाड़ गांव के रहने वाले रामनयन पुत्र बुधिराम 30 , लाल मोहम्मद पुत्र ,नूर मोहम्मद ,जाफर अली पुत्र अहमद बाढ़ के पानी मे स्नान कर रहे थे जंहा तेज बहाव में रामनयन डूबने लगा जिसको पकड़ने के लिए लाल मोहम्मद आगे बढ़ा उसके बाद वह वह भी तेज धार में बहने लगा इसे देख तीसरे साथी समेत एक और युवक डीके ने चिल्लाना शुरू किया तो गांव के निवासी 
इसरार अली , रफीक ,जहूर मोहम्मद आदि ने बाढ़ के बहाव में कूदकर लाल मोहम्मद को बचा लिया गया वहीं रामनयन तेज बहाव में लापता हो गया।

सूचना पर प्रभारी निरीक्षक वाल्टरगंज दुर्विजय एवं प्रभारी निरीक्षक सोनहा राम कृष्णा मिश्रा पुलिस फोर्स के साथ पहुंच कर लापता की खोज करने में जुटे हुए हैं

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बस्ती -अखिल भारतीय प्रधान संगठन के ब्लॉक इकाई सल्टौआ के कार्यकारिणी का हुआ विस्तार

बस्ती- अखिल भारतीय प्रधान संगठन के ब्लॉक इकाई सल्टौआ गोपालपुर के कार्यकारिणी का विस्तार प्रधानों की बैठक आयोजित कर किया गया ।

ब्लॉक अध्यक्ष विजय चन्द्र सिंह ने बताया कि विकासखंड सल्टौआ गोपालपुर ब्लॉक सभागार में विकासखंड के प्रधानों के साथ बैठक कर आपसी विचार विमर्श के आधार पर संगठन के ब्लाक कार्यकारिणी का गठन किया गया जिसमे हिर्दय राम चौधरी संरक्षक ,श्री राम पाण्डेय प्रभारी , रविंद्र चौधरी उपाध्यक्ष , संतोष कुमार चौधरी महासचिव ,राम सुभाग सिंह उपाध्यक्ष ,जब्बार अली सचिव , चंद्रशेखर चौधरी कोषाध्यक्ष , हरि प्रकाश संगठन मंत्री , जय प्रकाश शुक्ला प्रवक्ता , अरशद खान मीडिया प्रभारी ,मोहम्मद रफीक विधिक सलाहकार ,धर्मेंद्र शुक्ला शिव शंकर चौधरी एवं राम तौल चौधरी कार्यकारिणी सदस्य बनाये गए ।

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गुरुवार, 2 सितंबर 2021

उत्तर प्रदेश - कैली स्थिति ओपेक चिकित्सालय के लिफ्ट में मिला नर कंकाल बना रहस्य

बस्ती- उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के कैली स्थिति ओपेक चिकित्सालय में बुधवार को नरकंकाल मिलने से सनसनी फैल गई। अस्पताल प्रशासन की सूचना पर पहुंची पुलिस ने करीब चार साल से बंद पड़ी लिफ्ट से नरकंकाल को निकालकर कब्जे में ले लिया। कोतवाल शिवाकांत मिश्र ने बताया कि फोरेसिंक जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि मौत कब हुई है। पहचान का प्रयास किया जा रहा है।

 मिली जानकारी के अनुसार  चिकित्सालय में मरम्मत का काम चल रहा है। जिसमें पहले से लगी लिफ्ट भी बंद पड़ी है  बंद पड़ी लिफ्ट को भी बदला जाना है। काम करते हुए कुछ श्रमिकों ने लिफ्ट को खोलकर नीचे देखा तो उसमें एक नरकंकाल फंसा था। यह देखकर श्रमिक डर गए और अस्पताल के लोगों को जानकारी दी। 

थोड़ी ही देर में मौके पर भीड़ जमा हो गई। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार की ओर से यह जानकारी कोतवाली पुलिस को दी गई। पुलिस ने बताया कि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नरकंकाल महिला का है पुरुष का। इन सब का पता जांच के बाद ही चलेगा। फिलहाल जांच रिपोर्ट आने तक  रहस्य बना रहेगा कि आखिर लिफ्ट में नर कंकाल कैसे पहुंचा ? क्या किसी व्यक्ति द्वारा लिफ्ट का प्रयोग करते हुए वह उसमें फंस कर तड़प कर मर गया या फिर कोई और कहानी है।

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यदि गाय राष्ट्रीय पशु हो गई तो बाघ बेचारे का क्या होगा ? हाईकोर्ट ने इन बातों पर भी चिंता नही की

सौरभ वीपी वर्मा

बात समझ में नहीं आ रहा है कि अगर गाय देश का राष्ट्रीय पशु हो गई तो उस बाघ का क्या होगा जो आज तक भारत का राष्ट्रीय पशु है ।

हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा किसी पशु की बदहाली है तो गाय की है किसान के खेतों से लेकर नगरपालिका और महानगरपालिका के कार्यालयों में पॉलीथिन ,कचड़ा एवं कूड़ेदान के अपशिष्ट पदार्थों को  चबाती हुई गायें मिल जाती हैं।

तो क्या गाय के राष्ट्रीय पशु होने के बाद उसके ऐसी स्थिति में बदलाव आएगी या फिर गायों की यही दुर्दशा आगे भी जारी रहेगी इस बात पर सवाल होना चाहिए और गायों की लड़ाई लड़ने वाले लोगों को इसकी चिंता करनी चाहिए । 

गाय की लड़ाई लड़ने वाले लोगों को ही क्यों इसी चिंता करनी चाहिए इलाहाबाद हाईकोर्ट को भी ऐसे मामले को संज्ञान लेकर सरकार को आदेश देना चाहिए कि आखिर उत्तर प्रदेश के शहरों में गायों की इतनी बदहाली क्यों है। आखिर जिन गाय को गाय माता कहा जा रहा है उस माता की इतनी बुरी हालत क्यों है , आखिर सड़कों पर दर-दर भटकने के लिए गाय मजबूर क्यों है ,आखिर उत्तर प्रदेश के कान्हा गौशाला भ्रष्टाचार के आगोश में आने के बाद बंद क्यों हो गए , उत्तर प्रदेश में 600 करोड़ से ज्यादा रुपया खर्च करने के बाद गौशाला पर गाय क्यों नहीं है ? इन सब सवालों पर भी हाई कोर्ट को सरकार से जवाब मांगना चाहिए।

फिलहाल न्यायालय के निर्देश को कोई चुनौती नहीं है सरकार अपनी मर्जी से इस देश में बहुत सारे नियम कानून लागू करती है एक कानून और लागू कर देगी तो कोई बात बिगड़ने वाली नहीं है । बस गायों की स्थिति में सुधार आनी चाहिए ।

बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि गाय का भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है। गाय को भारत देश में मां के रूप में जाना जाता है और देवताओं की तरह उसकी पूजा होती है। इसलिए गाय को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि गाय के संरक्षण को हिंदुओं का मौलिक अधिकार में शामिल किया जाए ।

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