अमरीका ने किया तालिबान को सत्ता हस्तांतरण ,दुनिया को करता रहा गुमराह ,इन आंकड़ों से समझिए कैसे?
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Amitabh Thakur Arrested In Lucknow: उत्तर प्रदेश के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अमिताभ ठाकुर को लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह करने वाली महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी दर्ज किया गया था.
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बस्ती - जनपद के सल्टौआ ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत रुद्रपुर में प्रधान द्वार पंचायत भवन के शिलापट्ट पर अंकित पूर्व प्रधान का नाम मिटाकर अपना नाम लिखने का मामला सामने आया है।
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सौरभ वीपी वर्मा
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नई दिल्ली : Kisan Aandolan: किसानों के धरने के चलते दिल्ली- यूपी सीमा पर सड़क बंद होने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र और राज्य सरकारों पर फिर सवाल उठाए हैं. SC ने पूछा कि अभी तक सड़कें बंद क्यों हैं? सड़क पर ट्रैफिक को इस तरह रोका नहीं जा सकता. सरकार को कोई हल निकालना होगा. सुप्रीम कोर्ट के इस संबंध में कई फैसले हैं, सड़क के रूट इस तरह बंद नहीं हो सकते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन सड़कों पर आवाजाही को नहीं रोका जा सकता. इसके साथ ही अदालत ने केंद्र और यूपी सरकार को दो हफ्ते में हल निकालने को कहा है.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें, आपस में सहयोग करें ताकि आम लोग परेशान न हों.
शीर्ष अदालत ने कहा कि आपको बहुत समय मिल चुका अब कुछ कीजिए. 20 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी. इससे पहले, यूपी सरकार ने किसानों के विरोध के कारण सड़कों के अवरुद्ध होने पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया और कहा कि सरकार अदालत के आदेशों के तहत सड़कों को जाम करने के घोर अवैध काम पर किसानों को समझाने का प्रयास कर रही है. प्रदर्शनकारियों में अधिकतर बड़ी उम्र के और वृद्ध किसान हैं. यूपी सरकार ने कहा है कि गाजियाबाद / यूपी और दिल्ली के बीच महाराजपुर और हिंडन सड़कों के माध्यम से यातायात की सुचारू आवाजाही की अनुमति देने के लिए डायवर्सन बनाया गया है क्योंकि एनएच 24 अभी भी अवरुद्ध है. जनवरी, मार्च और फिर अप्रैल में किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा एनएच 24 को बार-बार अवरुद्ध किया गया .कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर कहा था कि दूसरों के जीवन में बाधा न डालें. SC ने साफ कहा कि यदि प्रदर्शनकारी नीति को स्वीकार नहीं करते तो दूसरों को नुकसान नहीं होना चाहिए. एक गांव बना लें लेकिन दूसरे लोगों के लिए बाधा न बनें. SC ने कहा कि लोगों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन दूसरों को बाधित नहीं कर सकते.
इस मामले में केंद्र सरकार ने कहा कि इस मुद्दे को हल करने का प्रयास कर कर रहा है और दो सप्ताह का समय चाहिए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को और समय दिया था .दरअसल, सुप्रीम कोर्ट नोएडा और दिल्ली के बीच सड़क को सुनिश्चित करने के लिए नोएडा निवासी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा निवासी मोनिका अग्रवाल द्वारा दायर रिट याचिका पर उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्य को नोटिस जारी किया था जिसमें उसने आरोप लगाया था कि नोएडा से दिल्ली तक उसका सफर सड़क जाम के कारण सामान्य 20 मिनट के बजाय दो घंटे का समय ले रहा है. जस्टिस एसके कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध नहीं किया जाना चाहिए. यह एक ऐसा पहलू है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेशों में बार-बार जोर दिया गया है.NDTV
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश (UP) के दो बार मुख्यमंत्री रहे भाजपा (BJP) के दिग्गज नेता कल्याण सिंह का निधन (Kalyan Singh ) हो गया है. कल्याण सिंह ने लखनऊ के अस्पताल में अंतिम सांस ली है, वह 89 साल के थे. कई दिनों से लखनऊ के अस्पताल में उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी. कल्याण सिंह ने 2014 - 2019 के बीच राजस्थान के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया. कल्याण सिंह की गिनती भाजपा के शीर्ष नेताओं में होती है.
कल्याण सिंह भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे - जून 1991 से दिसंबर 1992 और सितंबर 1997 से नवंबर 1999 तक.कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था।उनका अंतिम संस्कार 23 अगस्त को नरौरा में गंगा तट पर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए राज्य में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। उन्होंने प्रदेश में 23 अगस्त को एक दिन के सार्वजनिक अवकाश की भी घोषणा की है। अलीगढ़ जिले के मढ़ौली ग्राम में तेजपाल सिंह लोधी और सीता देवी के घर पांच जनवरी 1932 को जन्मे कल्याण सिंह पहली बार 1967 में जनसंघ के टिकट पर अलीगढ़ जिले की अतरौली सीट से विधानसभा सदस्य चुने गये और इसके बाद 2002 तक दस बार विधायक बने।
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नई दिल्ली : मद्रास हाईकोर्ट ने सीबीआई (CBI)को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो केवल संसद को रिपोर्ट करने वाला स्वायत्त निकाय होना चाहिए. दरअसल, विपक्ष भी आरोप लगाता रहा है कि सीबीआई बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के हाथों का पोलिटिकल टूल बन गया है. कोर्ट का कहना है कि सीबीआई को सीएजी की तरह होना चाहिए जो केवल संसद के प्रति जवाबदेह है. मौजूदा व्यवस्था में बदलाव करने की बात करते हुए 12 प्वाइंट्स के निर्देश में कोर्ट ने कहा, ''यह आदेश 'पिंजड़े में बंद तोते (सीबीआई)' को रिहा करने का प्रयास है. बता दें कि 2013 में कोलफील्ड आवंटन मामलों की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई पर टिप्पणी की थी और उसे "पिंजरे के तोते" के रूप में वर्णित किया था. उस समय विपक्ष में रहने वाली भाजपा ने एजेंसी पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा नियंत्रित होने का आरोप लगाया था.
पिछले कुछ सालों ने सीबीआई ने विपक्ष के काफी नेताओं के खिलाफ केस दर्ज कर जांच आगे बढ़ाई है, जिसे लेकर भी उस पर भाजपा के नियंत्रण का आरोप लगता रहता है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तो स्पष्ट रूप कहती रही हैं कि ये पीएम द्वारा कंट्रोल की जाने वाली 'साजिश ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन' है.
कोर्ट ने कहा की एजेंसी की स्वायत्तता तभी सुनिश्चित होगी, जब उसे वैधानिक दर्जा दिया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार को सीबीआई को अधिक अधिकार और शक्तियां देने के लिए एक अलग अधिनियम बनाने के लिए विचार करके निर्णय का निर्देश दिया जाता है, ताकि सीबीआई केंद्र के प्रशासनिक नियंत्रण के बिना कार्यात्मक स्वायत्तता के साथ अपना काम कर सके.
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वाशिंगटन : अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों को हटाने का फैसला सही है. मैं उस पर अडिग हूं. अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को निकालने के फैसले का बचाव करते हुए बाइडेन ने कहा कि अफ़गानिस्तान को अमेरिका ने बीच मंझधार में नहीं छोड़ा . 20 साल में तीन लाख अफगानी सैनिक तैयार किए. सालों तक वहां काम किया, लेकिन वहां के राष्ट्रपति बिना लड़े ही भाग खड़े हुए. सवाल राष्ट्रपति अशरफ गनी से किए जाने चाहिए. बाइडेन ने अफगानिस्तान में भ्रष्टाचार को बड़ी समस्या बताया. उन्होंने माना कि अफगानिस्तान में उम्मीद से पहले बड़े बदलाव हो गए.
बाइडेन ने कहा कि अफगानिस्तान के राजनीतिक नेताओं ने हार मान ली और देश छोड़कर भाग गए. कभी-कभी लड़ने की कोशिश किए बिना, अफगान सेना तालिबान के आगे गिर गई. यदि कुछ भी हो, तो पिछले सप्ताह के घटनाक्रम इस बात को पुष्ट करते हैं कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य भागीदारी को समाप्त करना अब सही निर्णय था.अमेरिकी सैनिक युद्ध में नहीं लड़ सकते हैं और न ही ऐसे युद्ध में मरना चाहिए कि अफगान सेनाएं अपने लिए लड़ने को तैयार नहीं हैं.
काबुल के हालात पर जो बाइडेन ने कहा कि ऐसी स्थिति को लेकर उन्हें गहरा दुख है. तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद भी महिलाओं के अधिकारों पर कदम उठाने का उन्होंने भरोसा दिया. बाइडेन ने दो टूक कहा कि तमाम आलोचनाओं के बावजूद अमेरिका सैनिकों की वापसी के फैसले पर कायम है. अमेरिकी अगुवाई में अफगानिस्तान में सैन्य दखल के दो दशकों के अंत का कोई अफसोस नहीं है.
बता दें कि अफगानिस्तान से भागते हुए राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने हेलीकॉप्टर में ठूंस-ठूंस कर पैसा भरा. जगह की कमी के चलते नोटों से भरे कुछ बैग रनवे पर ही छोड़ने पड़े. रूसी मीडिया ने एक खबर में ये दावा किया है. काबुल पर तालिबान के कब्जे के साथ ही अमेरिकी समर्थित गनी सरकार गिर गई और राष्ट्रपति भी सामान्य लोगों की तरह देश छोड़ने को मजबूर हो गए. कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक गनी अफगानिस्तान से भागकर संभवत तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान गए हैं. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई.
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में अब भी 200 से ज़्यादा भारतीय फंसे हैं. इनमें 100 से ज़्यादा विदेश मंत्रालय के कर्मचारी हैं और 100 से ज़्यादा आईटीबीपी के जवान. तालिबान ने कर्फ़्यू लगा दिया है, इसलिए आवाजाही की इजाज़त नहीं है. अफगानिस्तान से भारतीयों की वापसी पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह अपने नागरिकों से संपर्क में है और उनकी सुरक्षित वापसी के लिए काम कर रहा है.NDTV
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लखनऊ : भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने शनिवार को कहा कि वह उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ खड़े होंगे. उत्तर प्रदेश काडर के आईपीएस अधिकारी ठाकुर को समयपूर्व सेवानिवृत्त कर दिया गया था.
ठाकुर ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरुद्ध आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा,‘‘ आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल में तमाम अलोकतांत्रिक, अराजक, दमनकारी, उत्पीड़नात्मक तथा विभेदकारी कार्य किये, वह इनके विरोध में मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे,फिर चाहे आदित्यनाथ जहां से भी चुनाव लड़ें.
ठाकुर ने कहा कि यह उनके लिए सिद्धांतों की लड़ाई है, जिसमें वह गलत के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त करेंगे. उन्हें गृह मंत्रालय के निर्णय के अनुपालन में गत 23 मार्च को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गयी थी.
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नई दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश (CJI) एन वी रमण ने रविवार को कहा कि हिरासत में यातना और अन्य पुलिसिया अत्याचार देश में अब भी जारी हैं और यहां तक कि ‘‘विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को भी ‘थर्ड डिग्री' की प्रताड़ना से नहीं बख्शा जाता है.'' उन्होंने राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण (नालसा) से देश में पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील बनाने को कहा. ‘न्याय तक पहुंच' कार्यक्रम को निरंतर चलने वाला मिशन बताते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि कानून के शासन द्वारा शासित समाज बनने के लिए ‘‘अत्यधिक विशेषाधिकार प्राप्त और सबसे कमजोर लोगों के बीच न्याय तक पहुंच के अंतर को पाटना'' जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘‘यदि, एक संस्था के रूप में न्यायपालिका नागरिकों का विश्वास हासिल करना चाहती है, तो हमें सभी को आश्वस्त करना होगा कि हम उनके लिए मौजूद हैं. लंबे समय तक, कमजोर आबादी न्याय प्रणाली से बाहर रही है.''
न्यायमूर्ति रमण ने यहां विज्ञान भवन में कानूनी सेवा मोबाइल एप्लिकेशन और नालसा के दृष्टिकोण और ‘मिशन स्टेटमेंट' की शुरुआत के अवसर पर जोर दिया कि अतीत से भविष्य का निर्धारण नहीं करना चाहिए और सभी को समानता लाने के लिए काम करना चाहिए. मोबाइल ऐप गरीब और जरूरतमंद लोगों को कानूनी सहायता के लिए आवेदन करने और पीड़ितों को मुआवजे की मांग करने में मदद करेगा. नालसा का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण कानून, 1987 के तहत समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करने और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान की दिशा में लोक अदालतों का आयोजन करने के लिए किया गया था. प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मानवाधिकारों और शारीरिक चोट, नुकसान का खतरा पुलिस थानों में सबसे ज्यादा है. हिरासत में यातना और अन्य पुलिस अत्याचार ऐसी समस्याएं हैं जो हमारे समाज में अब भी विद्यमान हैं. संवैधानिक घोषणाओं और गारंटियों के बावजूद, पुलिस थानों में प्रभावी कानूनी प्रतिनिधित्व का अभाव गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए व्यक्तियों के लिए एक बड़ा नुकसान है.''
उन्होंने कहा, ‘‘इन शुरुआती घंटों में लिए गए फैसले बाद में आरोपी का खुद का बचाव करने की क्षमता को निर्धारित करेंगे. हाल की रिपोर्टों के अनुसार पता चला कि विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को भी ‘थर्ड-डिग्री' वाली प्रताड़ना से नहीं बख्शा जाता है.'' प्रधान न्यायाधीश नालसा के मुख्य संरक्षक भी हैं. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि कानूनी सहायता के संवैधानिक अधिकार और मुफ्त कानूनी सहायता सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जानकारी का प्रसार पुलिस की ज्यादतियों को रोकने के लिए आवश्यक है. उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक थाने, जेल में डिस्प्ले बोर्ड और होर्डिंग लगाना इस दिशा में एक कदम है.'' साथ ही कहा कि नालसा को देश में पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील बनाने के लिए कदम उठाना चाहिए. प्रधान न्यायाधीश ने वकीलों, विशेष रूप से वरिष्ठ वकीलों को कानूनी सहायता की आवश्यकता वाले लोगों की मदद करने के लिए कहा और मीडिया से नालसा के ‘‘सेवा के संदेश को फैलाने की क्षमता'' का उपयोग करने का आग्रह किया.
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बस्ती -निजी विद्यालय प्रबंधक संघर्ष सेवा समिति की पूर्व निर्धारित बैठक यंग एजुकेशन पब्लिक स्कूल मुडिला में संपन्न हुआ ।
बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह रघुवंशी ने वित्तविहीन शिक्षकों को आर्थिक सहायता देने की मांग की उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि निजी विद्यालय बंद होने के बाद से अध्यापकों एवं प्रबंधकों के जीवन यापन में काफी समस्या आ रही है उन्होंने कहा कि जितने भी विद्यालय बंद है उसमें कार्यरत सभी अध्यापकों को आर्थिक सहायता देना चाहिए ।
इसी क्रम में प्रदेश प्रभारी दीपक कौल ने बंद पड़े स्कूलों को शीघ्र खोलने की मांग किया । प्रदेश संयोजक रामस्वरूप वर्मा ने कोरोनावायरस पैकेज शिक्षकों को देने की मांग की । प्रदेश प्रवक्ता सुनील यादव ने सरकार से मांग किया कि शीघ्र ही स्कूल खोले जाएं क्योंकि बच्चे मानसिक और शैक्षणिक रूप से कमजोर हो रहे हैं।
इसी क्रम में अनिल यादव, प्रदेश महासचिव रमेश चंद्र चौधरी , सुखदेव पाण्डेय ,ओपी सिंह आदि ने बैठक को संबोधित किया इस मौके पर
दिना नाथ वर्मा ,शीला यादव , अजीत कुमार चौधरी संजय कुमार प्रजापति ,मोहनलाल ,परमात्मा प्रसाद आदि मौजूद रहे।
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आपने राजाओं की कहानी में पढ़ा और सुना होगा कि राजा अपने राज्य में क्या चल रहा है इसको जानने के लिए भेष बदलकर जनता के बीच जाता है और वास्तिवक स्थिति का पता लगाता है। ये ही तरकीब आज भी ईमानदार अफसर अजमा रहे हैं। सोशल मीडिया पर ऐसा ही एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें एक शहर के डीएम ने भेष बदलकर धोखाधड़ी कर रहे दुकानदारों को रंगे हाथों पकड़ा ।
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बस्ती- जनपद के रुधौली स्थिति अठदमा पावर हाउस के मझौआ लाल सिंह गांव में डबल विद्युत पोल के टूटने की वजह से दुर्घटना की आशंका बन गई है । ग्राम पंचायत में सुनील चौधरी के डीह पर लगे बिजली के पोल में से एक पोल टूट कर अलग हो गया है जो कभी भी बड़े घटना का कारण बन सकता है ।
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उत्तर प्रदेश में 50 फ़ीसदी उपस्थिति के साथ स्कूल खोलने का फैसला लिया गया है. यूपी के स्कूल भी कोविड-19 प्रोटोकोल के साथ 16 अगस्त से खुलेंगे. बता दें कि देश के कई राज्यों में दो अगस्त से स्कूल खोले जा चुके हैं. स्कूल खोलने को लेकर लोकभवन में सीएम योगी के साथ बैठक हो चुकी है. ढाई बजे से विभाग में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा बैठक लेंगे.
उत्तर प्रदेश में सभी स्कूल कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ खोले जाएंगे. छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ साथ मास्क पहनना अनिवार्य किया जाएगा. यूपी में छात्रों को स्कूल आने के लिए उनके अभिभावकों की लिखित सहमति जरूर देनी होगी. बिना सहमति पत्र स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
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