शुक्रवार, 30 जुलाई 2021

भारत में तीन हफ्ते में सबसे ज्‍यादा कोरोना केस दर्ज, R-वैल्‍यू ऊपर जाने से बढ़ी चिंता

नई दिल्ली : Covif-19 Pandemic: भारत में कोरोना के नए मामलों (New Covid Cases in India) का ग्राफ कुछ ऊपर चढ़ा है. कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच देश में शुक्रवार को बीते 24 घंटों में 44,230 नए मामले दर्ज किए गए. पिछले तीन हफ्तों में एक दिन में आए यह कोरोना केसों की सबसे अधिक संख्‍या है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारत में पिछले 24 घंटे में 44,230 नए COVID-19 केस सामने आए हैं. वहीं, गुजरे 24 घंटों में 555 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है. अब तक देश में 4,23,217 लोगों की संक्रमण के चलते जान जा चुकी है. गौरतलब है कि मई माह में कोरोना की दूसरी लहर के चरम पर पहुंचने के दौरान देश में रोजाना के कोरोना केसों की संख्‍या चार लाख तक पहुंच गई थी लेकिन बाद में यह धीरे-धीरे कम होती गई. कोरोना के मामलों में अब फिर कुछ तेजी आई है जिसके चलते एक राज्‍य (केरल) में वीकेंड लॉकडाउन लागू करने पड़े हैं जबकि पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में भी केसों की संख्‍या में केसों की संख्‍या बढ़ी है. 


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गुरुवार, 29 जुलाई 2021

बस्ती -पवन धर द्विवेदी बनें अखिल भारतीय प्रधान संगठन के रामनगर ब्लॉक अध्यक्ष

बस्ती- पंचायतों का कामकाज संभालने के बाद ग्राम प्रधानों ने अखिल भारतीय प्रधान संगठन के बैनर तले ब्लॉक अध्यक्ष पद के लिए चुनाव का आयोजन किया  जिसमें 3 प्रत्याशियों ने अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश किया ।

अखिल भारतीय प्रधान संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजय पाल सिंह की देखरेख में विकासखंड रामनगर के ब्लॉक सभागार में मतदान एवं मतगणना हुआ जिसमें पवन द्विवेदी उर्फ पिंटू दुबे विजयी हुए।

ब्लॉक में कुल 81 ग्राम पंचायतों के प्रधानों द्वारा जब अध्यक्ष पद के लिए वोट दिया गया तो गिनती में कुल 82 वोट मिले जिसमे किसी प्रधान द्वारा 2 वोट का प्रयोग किया गया हालांकि उस वोट को भी गिनती में शामिल कर लिया गया। जिसमें पवन धर द्विवेदी (मंटू दुबे ) को 37 मत मिले दर्शिता शुक्ला को 26 एवं सरस्वती देवी को 19 मत प्राप्त हुए इस प्रकार से मंटू दुबे 11 वोटों से विजयी घोषित किये गए।

संगठन की तरफ से चुनाव कराने के लिए नामित किये गए जिला अध्यक्ष नीरज सिंह , राष्ट्रीय प्रवक्ता अमित सिंह ,मंडल अध्यक्ष गमंगराम यादव , परमहंस शुक्ला ,  ब्लॉक अध्यक्ष सल्टौआ विजय चन्द्र सिंह उर्फ पप्पू  सिंह, वेद प्रकाश चौधरी ,दुर्गेश आदि लोग मौजूद रहे।

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बुधवार, 28 जुलाई 2021

उत्तर प्रदेश में 58189 पंचायत सहायक भर्ती में क्या हैं अहर्ताएं ,जानिए सब कुछ

प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने सोमवार को ग्राम पंचायतों में 58,189 पंचायत सहायकों (पंचायत सहायक/ एकाउंटेंट-कम-डाटा इंट्री आपरेटर) की नियुक्ति से संबंधित विस्तृत दिशा निर्देश का एलान किया। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत के पदाधिकारी अपने परिजनों व रिश्तेदारों को पंचायत सहायक नहीं बना पाएंगे। चयन की प्रक्रिया 30 जुलाई से शुरू होगी और 10 सितंबर तक पूरी कर नियुक्ति पत्र दे दिए जाएंगे।
आइए जानते हैं कि इस भर्ती प्रक्रिया में क्या-क्या है शैक्षिक अहर्ताएं।
 पंचायत सहायक/अकाउंटेंट-कम-डाटा-एंट्री ऑपरेटर हेतु अहर्ताएं-

(i) पंचायत सहायक/अकाउंटेंट कम-डाटा-एंट्री ऑपरेटर के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण या राज्य सरकार द्वारा इसके समकक्ष मान्यता प्राप्त कोई अन्य अहर्ता होगी।
(ii) पंचायत सहायक/अकाउंटेंट कम-डाटा-एंट्री ऑपरेटर के लिए न्यूनतम आयु चयन वर्ष की 01 जुलाई को 18 वर्ष तथा अधिकतम आयु 40 वर्ष होगी। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग के लिए अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट दी जाएगी।
(iii)पंचायत सहायक/अकाउंटेंट कम-डाटा-एंट्री ऑपरेटर के लिए अभ्यर्थी उसी ग्राम पंचायत का निवासी होगा।
(iv) ग्राम पंचायत की प्रशासनिक समिति हाईस्कूल तथा इंटरमीडिएट के प्राप्तांको के प्रतिशत के औसत अंकों के आधार पर पंचायत सहायक के चयन हेतु पात्रता सूची तैयार करेगी तथा सूची में सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी का नाम पहले क्रम पर और उससे कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को अवरोही क्रम में सूचीबद्ध किया जाएगा। प्रशासनिक समिति सूची में सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी का चयन करेगी तथा ग्राम पंचायत से उसका अनुमोदन प्राप्त करेगी। यदि सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाला उम्मीदवार इच्छुक नहीं है तो योग्यता क्रम में अगले उम्मीदवार का चयन किया जाएगा।
 आरक्षण
आरक्षण की व्यवस्था इस प्रकार होगी कि पंचायत राज अधिनियम में दी गई व्यवस्था के अनुसार जो पंचायतें जिस श्रेणी के लिए आरक्षित हैं, उन पंचायतों में उसी आरक्षित श्रेणी के पंचायत सहायक का चयन किया जाएगा अर्थात जिन पंचायतों के प्रधान पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं, उनमें अनुसूचित जाति का, जिन पंचायतों के प्रधान अनुसूचित जनजाति के हैं वहां अनुसूचित जनजाति तथा जिन पंचायतों के प्रधान पद अनुसूचित जनजाति महिला, अनुसूचित जाति महिला, पिछड़ी जाति महिला, व महिला के लिए आरक्षित है, वहां उसी श्रेणी की महिला अभ्यर्थी चयनित कर पंचायत सहायक/अकाउंटेंट कम-डाटा-एंट्री ऑपरेटर नियुक्त किया जाएगा।
 
संविदा पर अपनी सेवाएं ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराने वाले पंचायत सहायक/अकाउंटेंट कम-डाटा-एंट्री ऑपरेटर को ग्राम पंचायत द्वारा उसकी सेवाओं के बदले में रू. 6000/- प्रतिमाह का भुगतान किया जाएगा। उक्त धनराशि का भुगतान ग्राम पंचायत द्वारा वित्त आयोग की धनराशि, ग्राम निधि तथा अन्य योजनातर्गत उपलब्ध प्रशासनिक मद हेतु अनुमन्य धनराशि से किया जाएगा।

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मंगलवार, 27 जुलाई 2021

भर्ती होंगे 58,189 पंचायत सहायक, कार्यक्रम जारी,10 सितंबर तक पूरी होगी नियुक्ति

लखनऊ- प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने सोमवार को ग्राम पंचायतों में 58,189 पंचायत सहायकों (पंचायत सहायक/ एकाउंटेंट-कम-डाटा इंट्री आपरेटर) की नियुक्ति से संबंधित विस्तृत दिशा निर्देश का एलान किया। 

उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत के पदाधिकारी अपने परिजनों व रिश्तेदारों को पंचायत सहायक नहीं बना पाएंगे। चयन की प्रक्रिया 30 जुलाई से शुरू होगी और 10 सितंबर तक पूरी कर नियुक्ति पत्र दे दिए जाएंगे।

भूपेंद्र सिंह चौधरी लोकभवन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पंचायत सहायक के पद पर ग्राम पंचायत के प्रधान, उप प्रधान, सदस्य अथवा सचिव का संबंधी नहीं नियुक्त किया जा सकेगा। संबंधियों में पिता, दादा, श्वसुर (पितृ अथवा मातृ संबंधी) पुत्र, पौत्र, दामाद, पुत्र-वधु, बहन, पति, पत्नी, पुत्री, मां आएंगे।

 उन्होंने कहा कि योगी सरकार पंचायत सहायक की नियुक्ति के जरिए 58 हजार से अधिक लोगों को रोजगार देने जा रही है। साथ ही पंचायतों को ग्राम सचिवालय के रूप में विकसित कर ग्राम पंचायतों के सशक्तीकरण का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि पंचायत सहायकों की नियुक्ति से प्रत्येक ग्राम पंचायत का नियमित व सुचारू संचालन संभव होगा। उन्होंने इस योजना को क्रांतिकारी पहल करार दिया। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, निदेशक पंचायतीराज किंजल सिंह व उप निदेशक पंचायत एसएन सिंह खासतौर से उपस्थित रहे।

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सोमवार, 26 जुलाई 2021

बस्ती -उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की बैठक सम्पन्न ,जिला कार्यकारिणी का गठन

बस्ती- उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की बैठक बेगम खैर गर्ल्स इंटर कालेज बस्ती में सम्पन्न हुई। जिसमें संघ के जिला कार्यकारिणी का गठन एवं विस्तार किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेशीय महामंत्री राजीव यादव व संयोजन प्रदेशीय कोषाध्यक्ष विजेन्द्र वर्मा ने किया।

  बैठक में सर्वसम्मति से अजय कुमार वर्मा को जिलाध्यक्ष व श्रवण गुप्ता को जिलामहामंत्री मनोनीत किया गया। इसी प्रकार जिला उपाध्यक्ष पद हेतु सत्यप्रकाश मौर्य, आशुतोष मिश्रा, अजय वर्मा, आलोक कनौजिया, संजय पांडेय, रमेश, रजनीश वर्मा, अवलोकन कुमार, विपलेश वर्मा, अंजुम परवीन तथा जिला संयुक्त मंत्री पद हेतु अनीता प्रजापति, हीरालाल यादव, संतोष कुमार, जयराम, रणविजय सिंह को मनोनीत किया गया।

 इसी क्रम में जिला मीडिया प्रभारी नीरज वर्मा एवं कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध को मनोनीत किया गया। संतोष पांडेय एवं जयप्रकाश चौधरी को संरक्षक मनोनीत किया गया और कार्यकारिणी सदस्य के रुप में देवेन्द्र कुमार, ललित कुमार, रविप्रकाश, राजेश कुमार आर्य एवं संजय कुमार पासवान का मनोयन किया गया। बैठक में राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य शिवबहादुर सिंह, प्रधानाचार्य नीलम सिंह, प्रधानाचार्या मुस्लिमा खातून, प्रधानाचार्य आज्ञाराम वर्मा, प्रधानाचार्य कृष्ण विजय, डा कमलेश चौधरी, रमाकांत पटेल, अभिषेक सिंह, आज्ञाराम चौधरी, विरेन्द्र यादव, अंजू वर्मा, रमेश गुप्ता, इन्द्रेश गौतम, शबाना अंजुम, अंजुम परवीन, अल्का पांडेय, रीता देवी आदि शिक्षक उपस्थित रहे।

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रविवार, 25 जुलाई 2021

पुण्यतिथि विशेष- डकैत से सांसद बनने वाली महिला ,जिसका चंबल घाटी में चलता था सिक्का

सौरभ वीपी वर्मा

डकैत से सांसद बनने वाली फूलन देवी का जन्म 10 अगस्त 1963 में हुआ था। 25 जुलाई यानि आज  उनका  पुण्यतिथि है। फूलन देवी को 25 जुलाई 2001 के दिन शेर सिंह राणा ने दिल्ली में फूलन देवी के आवास पर उनकी हत्या कर दी। हत्या के बाद राणा ने यह दावा किया था कि यह 1981 में सवर्णों की हत्या का बदला है। 

अस्सी के दशक में फूलन देवी का नाम चंबल घाटी में किसी शेर की आवाज की तरहं गूंजती थी । कहते हैं फूलन देवी का जितना ज्यादा निशाना अचूक था उससे भी ज्यादा कठोर था उनका दिल। लोगों के मुताबिक  हालात ने ही फूलन देवी को इतना कठोर बना दिया कि जब उन्होंने बहमई में एक लाइन में खड़ा करके 22 ठाकुरों की हत्या की तो उन्हें जरा भी मलाल नहीं हुआ था।

फूलन देवी का जन्म उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव गोरहा में 10 अगस्त 1963 में हुआ था। जन्म से ही फूलन जाति-भेदभाव की शिकार हुई है। महज 11 साल की उम्र में फूलन का विवाह एक मल्लाह के घर हुआ था। ये बाल विवाह तो था लेकिन सिर्फ फूलन के लिए, क्योंकि उसके पति एक अधेड़ उम्र का व्यकित था। फूलन की शादी के पीछे का मकसद था कि वह गांव से बाहर चली जाए। फूलन के पति का नाम पुट्टी लाल से करवा दी। शादी के बाद से फूलन के साथ दूराचार होने लगा। उसके अधेड़ उम्र का पति उसे काफी ज्यादा परेशान करता था। जिसके बाद फूलन फिर से घर भागकर आ गई।

ससुराल से भागकर आने के बाद फूलन अपने पिता के साथ मजदूरी के काम में हाथ बटाने लगी। इसी दौरान फूलन के साथ गांव के कुछ ठाकुरों ने मिलकर गैंगरेप किया। इस घटना को लेकर फूलन इंसाफ के लिए दर-दर भटकती रही। इसके बाद फूलन को पूरे गांव में एक बार नंगा कर घुमाया गया था। इसके बाद कहीं से न्याय न मिलने के बाद फूलन देवी ने हथियार उठाने का फैसला किया और वो डकैत बन गई।

हथियार उठाने के बाद फूलन सबसे पहले अपने पति के गांव पहुंची। जहां उन्होंने पूरे गांव वालों के सामने लोगों को घर से बाहर निकाल कर, सबके सामने  चाकू मार दिया और सड़क किनारे अधमरे हाल में छोड़ कर चली गई। जाते-जाते इस गांव में फूलन देवी ऐलान करके के गई, '' आज के बाद कोई भी बूढ़ा किसी जवान लड़की से शादी नहीं करेगा।''

इसके बाद फूलन ने अपने साथ हुए रेप का बदला लेने की ठानी। फूलन ने 1981 में 22 स्वर्ण जाति के लोगों को एक लाइन में खड़ा कराकर गोलियों से भून डाला। इस घटना के बाद पूरे चंबल में फूलन का खौफ फैल गया। सरकार ने फूलन को पकड़ने का आदेश दिया लेकिन यूपी और मध्य प्रदेश की पुलिस फूलन को पकड़ने में नाकाम रही।

फूलन के डाकूओं के गिरोह में एक ऐसा वक्त आया, जब इसमें फूट पड़ गई। दरअसल इनके गिरोह का मुखिया बाबू गुज्जर की धोखे से हत्या के बाद विक्रम मल्लाह नाम के शख्स ने खुद को गिरोह का मुखिया घोषित कर दिया। इसके बाद विक्रम मल्लाह के दो खास आदमी जेल से भागे दो भाई श्री राम तथा लाला राम गिरोह में शामिल हुए। बाद में उन्होंने विक्रम मल्लाह को भी मार गिराया और फूलन को बंदी बनाकर अपने गाँव बेहमई ले गए।

जहां इन्होंने बारी-बारी से कई दिनों तक फूलन को बंधक बनाकर रेप किया। कुछ हफ्तों बाद जब इसकी जानकारी फूलन के कुछ साथियों के मिली तो वह उसे वहां छुड़ा कर ले गए। वहां से निकलने के बाद फूलन ने हार नहीं मानी और उन्होंने फूलन ने अपने साथी मान सिंह मल्लाह की सहायता से अपने पुराने मल्लाह साथियों को इकट्ठा कर के गिरोह का पुनः गठन किया और खुद उसकी सरदार बनी। इसके बाद  14 फरवरी 1981 को फूलन ने 22 ठाकुरों की हत्या कर इसका बदला लिया था। इस कांड के बाद फूलन ‘बैंडिट क्वीन’ के नाम से मशहूर हो गई थी।

22 लोगों की हत्या के बाद पुलिस उनके पीछे पड़ गई थी लेकिन फूलन देवी किसी के हाथ नहीं आ पाई थी। लूट पाट करना, अमीरों के बच्चों को फिरौती के लिए अगवा करना, राजनीतिक रैलियों के लूटना फूलन के गिरोह का मुख्य काम था। कुछ सालों के बाद फूलन ने आत्म समर्पण के लिए तैयार हुई। फूलन जानती थी कि यूपी पुलिस उनकी जान के पीछे पड़े हैं, इसीलिए अपनी पहली शर्त के तहत उन्होंने मध्यप्रदेश पुलिस के सामने ही आत्मसमर्पण करने की बात कही।

फूलन की दूसरी शर्त थी कि उनके गैंग के किसी साथी को मौत की सजा नहीं दी जाएगी। फूलन की तीसरी शर्त थी उसने उस जमीन को वापस करने के लिए कहा, जो उसके पिता से हड़प ली गई थी। साथ ही उसने अपने भाई को पुलिस में नौकरी देने की मांग की।  फूलन की दूसरी मांग को छोड़कर पुलिस ने उसकी बाकी सभी शर्तें मान लीं। फूलन ने 13 फरवरी 1983 को भिंड में आत्मसमर्पण किया। मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने फूलन देवी ने एक समारोह में हथियार डाले थे और उस समय उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जमा थी।

11 साल तक फूलन देवी को बिना मुकदमे के जेल में रहना पड़ा। इसके बाद 1994 में आई समाजवादी सरकार ने फूलन को जेल से रिहा किया। इसके दो साल बाद ही फूलन को समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने का ऑफर मिला और वो 1996 में मिर्जापुर सीट से जीतकर सांसद बनी और दिल्ली पहुंच गई। फूलन 1998 का लोकसभा चुनाव हार गईं थी लेकिन अगले ही साल हुए 13वीं लोकसभा के चुनाव में वे फिर जीत गईं। 25 जुलाई 2001 को उनकी हत्या कर दी गई।

1994 में उनके जीवन पर शेखर कपूर ने 'बैंडिट क्वीन' नाम से फिल्म बनाई। इस फिल्म को भारत से ज्यादा यूरोप में लोकप्रियता मिली। फिल्म अपने कुछ दृश्यों और फूलन देवी की भाषा को लेकर भारत में काफी विवादों में रही। फिल्म में फूलन देवी को एक ऐसी बहादुर महिला के रूप में पेश किया गया जिसने समाज की गलत प्रथाओं के खिलाफ पुरजोर संघर्ष किया।

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आर्थिक उदारीकरण के 30 साल पूरे होने पर मनमोहन सिंह ने कहा,आगे का रास्ता 1991 से ज़्यादा चुनौतीपूर्ण

नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 के ऐतिहासिक बजट के 30 साल पूरा होने के मौके पर शुक्रवार को कहा कि कोरोना महामारी के कारण पैदा हुए हालात के मद्देनजर आगे का रास्ता उस वक्त की तुलना में ज्यादा चुनौतीपूर्ण है और ऐसे में एक राष्ट्र के तौर पर भारत को अपनी प्राथमिकताओं को फिर से निर्धारित करना होगा.मनमोहन सिंह 1991 में नरसिंह राव की अगुवाई में बनी सरकार में वित्त मंत्री थे और 24 जुलाई, 1991 को अपना पहला बजट पेश किया था. 

इस बजट को देश में आर्थिक उदारीकरण की बुनियाद माना जाता है.उन्होंने उस बजट को पेश किए जाने के 30 साल पूरे होने के मौके पर कहा, ‘1991 में 30 साल पहले कांग्रेस पार्टी ने भारत की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण सुधारों की शुरुआत की थी और देश की आर्थिक नीति के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त किया था. पिछले तीन दशकों के दौरान विभिन्न सरकारों ने इस मार्ग का अनुसरण किया और देश की अर्थव्यवस्था तीन हजार अरब डॉलर की हो गई और यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है.’सिंह ने एक बयान में कहा, ‘अत्यंत महत्वपूर्ण बात यह है कि इस अवधि में करीब 30 करोड़ भारतीय नागरिक गरीबी से बाहर निकले और करोड़ों नई नौकरियों का सृजन हुआ. सुधारों की प्रक्रिया आगे बढ़ने से स्वतंत्र उपक्रमों की भावना शुरू हुई, जिसका परिणाम यह है कि भारत में कई विश्व स्तरीय कंपनियां अस्तित्व में आईं और भारत कई क्षेत्रों में वैश्विक ताकत बनकर उभरा.

उनके मुताबिक, ‘1991 में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत उस आर्थिक संकट की वजह से हुई थी, जिसने हमारे देश को घेर रखा था, लेकिन यह सिर्फ संकट प्रबंधन तक सीमित नहीं था. समृद्धि की इच्छा, अपनी क्षमताओं में विश्वास और अर्थव्यवस्था पर सरकार के नियंत्रण को छोड़ने के भरोसे की बुनियाद पर भारत के आर्थिक सुधारों की इमारत खड़ी हुई.’उन्होंने कहा, ‘मैं सौभाग्यशाली हूं कि मैंने कांग्रेस में कई साथियों के साथ मिलकर सुधारों की इस प्रक्रिया में भूमिका निभाई. इससे मुझे बहुत खुशी और गर्व की अनुभूति होती है कि पिछले तीन दशकों में हमारे देश ने शानदार आर्थिक प्रगति की, परंतु मैं कोविड के कारण हुई तबाही और करोड़ों नौकरियां जाने से बहुत दुखी हूं.’मनमोहन सिंह ने कहा, ‘स्वास्थ्य और शिक्षा के सामाजिक क्षेत्र पीछे छूट गए और यह हमारी आर्थिक प्रगति की गति के साथ नहीं चल पाया. इतनी सारी जिंदगियां और जीविका गई हैं, वो नहीं होना चाहिए था.’उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘यह आनंदित और मग्न होने का नहीं, बल्कि आत्ममंथन और विचार करने का समय है. आगे का रास्ता 1991 के संकट की तुलना में ज्यादा चुनौतीपूर्ण है. 

एक राष्ट्र के तौर पर हमारी प्राथमिकताओं को फिर से निर्धारित करने की जरूरत है, ताकि हर भारतीय के लिये स्वस्थ और गरिमामयी जीवन सुनिश्चित हो सके.’पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘1991 में मैंने एक वित्त मंत्री के तौर पर विक्टर ह्यूगो (फ्रांसीसी कवि) के कथन का उल्लेख किया था कि ‘पृथ्वी पर कोई शक्ति उस विचार को नहीं रोक सकती है, जिसका समय आ चुका है.’ 30 साल बाद एक राष्ट्र के तौर पर हमें रॉबर्ट फ्रॉस्ट (अमेरिका कवि) की उस कविता को याद रखना है कि हमें अपने वादों को पूरा करने और मीलों का सफर तय करने के बाद ही आराम फरमाना है.

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शनिवार, 24 जुलाई 2021

पढ़िए क्या है पेगासस जासूसी मामला? जिसपर घिरी हुई है दिल्ली की सरकार

 इस वक्त देश भर में संसद से लेकर मीडिया में जासूसी मामले को लेकर हंगामा मचा हुआ है. विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है.मामला इजरायली कंपनी एनएसओ (NSO) के पेगासस (Pegasus) सॉफ्टवेयर से भारत में कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए जाने का है।

 मानसून सत्र की शुरुआत होते ही इस मामले का खुलासा किया गया है. दावा किया जा रहा है कि जिन लोगों के फोन टैप कर जासूसी कराई गई उनमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल, पूर्व निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर सहित कई पत्रकार भी शामिल हैं.

कहां से आई रिपोर्ट?

यहां यह समझना भी जरूरी है कि आखिर ये रिपोर्ट कहां से आई. दरअसल लीक हुए आंकड़ों के आधार पर की गई एक वैश्विक मीडिया संघ की जांच के बाद इस बात के और सबूत मिले कि इजराइल स्थित कंपनी 'एनएसओ ग्रुप के सैन्य दर्जे के मालवेयर का इस्तेमाल पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीतिक असंतुष्टों की जासूसी करने के लिए किया जा रहा है. वैश्विक मीडिया संघ के सदस्य 'द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, जिन लोगों को संभावित निगरानी के लिए चुना गया, उनमें 189 पत्रकार, 600 से अधिक नेता एवं सरकारी अधिकारी, कम से कम 65 व्यावसायिक अधिकारी, 85 मानवाधिकार कार्यकर्ता और कई राष्ट्राध्यक्ष शामिल हैं. ये पत्रकार 'द एसोसिएटेड प्रेस (एपी), 'रॉयटर, 'सीएनएन, 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल, 'ले मोंदे और 'द फाइनेंशियल टाइम्स जैसे संगठनों के लिए काम करते हैं.

किस-किस से फोन हुए हैक?

दावा किया गया है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, भाजपा के मंत्रियों अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल, पूर्व निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर उन लोगों में शामिल हैं. जिनके फोन नंबरों को इजराइली स्पाइवेयर के जरिए हैकिंग के लिए सूचीबद्ध किया गया था. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे तथा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अभिषेक बनर्जी और भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर अप्रैल 2019 में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली उच्चतम न्यायालय की कर्मचारी और उसके रिश्तेदारों से जुड़े 11 फोन नंबर हैकरों के निशाने पर थे. वहीं चुनाव पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के संस्थापक जगदीप छोकर और शीर्ष वायरोलॉजिस्ट गगनदीप कांग शामिल हैं. इसके अलावा राजस्थान की मुख्यमंत्री रहते वसुंधरा राजे सिंधिया के निजी सचिव और संजय काचरू का नाम शामिल था, जो 2014 से 2019 के दौरान केन्द्रीय मंत्री के रूप में स्मृति ईरानी के पहले कार्यकाल के दौरान उनके विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) थे. विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया का फोन नंबर भी शामिल था.

क्या है पेगासस सॉफ्टवेयर?

पेगासस एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो संबंधित फोन पर आने-जाने वाले हर कॉल का ब्योरा जुटाने में सक्षम है. यह फोन में मौजूद मीडिया फाइल और दस्तावेजों के अलावा उस पर आने-जाने वाले एसएमएस, ईमेल और सोशल मीडिया मैसेज की भी जानकारी दे सकता है. पेगासस सॉफ्टवेयर को जासूसी के क्षेत्र में अचूक माना जाता है. तकनीक जानकारों का दावा है कि इससे व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे एप भी सुरक्षित नहीं. क्योंकि यह फोन में मौजूद एंड टू एंड एंक्रिप्टेड चैट को भी पढ़ सकता है. पेगासस एक स्पाइवेयर (जासूसी साफ्टवेयर) है, जिसे इसराइली साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप टेक्नॉलॉजीज़ ने बनाया है. इसका दूसरा नाम क्यू-सुईट भी है.

कितना है खतरनाक?

इस सॉफ्टवेटर को किसी भी स्मार्टफोन में सिर्फ एक मिस कॉल के जरिए इसे इंस्टॉल किया जा सकता है. इसे यूजर की इजाजत और जानकारी के बिना भी फोन में डाला जा सकता है. एक बार फोन में पहुंच जाने के बाद इसे हटाना आसान नहीं होता.

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शुक्रवार, 23 जुलाई 2021

महाराष्ट्र में बाढ़ का कहर : महाड में तीन जगहों पर भूस्खलन, 36 की मौत, 35 की तलाश जारी

मुंबई : महाराष्ट्र (Maharashtra)  में भारी बारिश और नदियों में उफान आने से लोग बुरी फंस गए हैं. मुंबई से सटे रायगढ़ जिले के महाड में कुल तीन जगहों पर भूस्खलन हुआ है.तीन जगहों पर भूस्खलन होने से कई घर दब गए हैं, जिसमें 36 लोगों की मौत हुई है. यहां के तलई  में 32 लोगों की मौत हुई है और साखर सुतार वाड़ी में चार लोगों की मौत हुई है. दोनों जगहों पर करीब 15 लोगों को बचाया गया है.वहीं 30-35 लोगों की अभी भी तलाश जारी है. महाड में सावित्री नदी खतरे के निशान से ऊपर बहकर सब कुछ डुबा रही है. महाड और खेड में NDRF और कोस्टगार्ड की मदद ली जा रही थी.अब बचाव के लिए नौसेना की टीम भी मदद कर रही है. महाड से थोड़ा पहले दासगांव, टोल नाके के पास नौसेना की टीम अपने साथ लाए बोट पानी में उतारकर मदद कर रही है. इसके आगे सड़क पर भी पानी भरा है.


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गुरुवार, 22 जुलाई 2021

भानपुर -मनबढ़ लोगों ने रोका बरसात का पानी ,दर्जनों लोगों के लिए बना मुसीबत

बस्ती- भानपुर तहसील क्षेत्र के मझारी पश्चिम ग्राम पंचायत में बरसात का पानी रोकने की वजह से गांव के दर्जनों लोगों के लिए मुसीबत खड़ा हो चुका है जहां पीड़ित लोगों का मकान भी गिरने की अवस्था में पहुंच गया है।
 गांव के बहाऊ ,घुरहू ,त्रिभवन ,भजन चौधरी , प्रेमचंद्र , सहजराम ,पंचम यादव ,रामनरेश ,चनई ,प्रहलाद ,पंचम ,कन्हैया  एवं मायाराम  बताया कि गांव के उत्तर दिशा में स्थित गड्ढे से बरसात का पानी बह कर वर्षों से दक्षिण दिशा में बह जाता था जिससे गांव में जल जमाव की कोई शिकायत नही रहती थी लेकिन वर्तमान समय में गांव के रामसागर  एवं विकास यादव ने पानी निकासी का रास्ता बंद दिया गया जिसके चलते गांव में जहां जल जमाव है वहीं कई घर और झोपड़ी भी पानी की चपेट में आने से गिरने के कगार पर पहुंच गया है।
पीड़ित लोगों का कहना है कि जिस रास्ते से पानी निकल रहा था उसी रास्ते को बहाल कराने की अति आवश्यकता है नही तो कई गरीब लोगों के सिर से छत भी खत्म हो जाएगा।  

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मीडिया ग्रुप दैनिक भास्‍कर और यूपी के चैनल के ठिकानों पर इनकम टैक्‍स के छापे

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नई दिल्ली : मीडिया ग्रुप दैनिक भास्‍कर (Media group Dainik Bhaskar) के देशभर के कई ऑफिसों में गुरुवार सुबह इनकम टैक्‍स के छापे मारे गए. सूत्रों ने बताया कि भास्‍कर ग्रुप पर कर चोरी का आरोप है. न्‍यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि अधिकारियों ने दैनिक भास्‍कर के दिल्‍ली, मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान, गुजरात और महाराष्‍ट्र के ऑफिस परिसरों की तलाशी ली. ग्रुप के प्रमोटर्स के घरों और ऑफिसों पर भी छापेमारी की गई. दैनिक भास्‍कर के वरिष्‍ठ संपादक ने NDTV  को बताया कि भास्‍कर ग्रुप के जयपुर, अहमदाबाद, भोपाल और इंदौर ऑफिसों पर छापे जारी हैं.

सूत्रों के अनुसार, यूपी के एक टीवी चैनल, भारत समाचार (Bharat Samachar) के ठिकानों पर भी छापे मारे गए. आयकर अधिकारियों की टीम ने इसके लखनऊ स्थित ऑफिस और संपादक के घर की तलाशी ली. सूत्रों ने दावा कि चैनल की ओर से टैक्‍स चोरी के पुख्‍ता सबूत के आधार पर यह छापे मारे गए. भारत समाचार की हालिया रिपोर्टिंग में यूपी सरकार की आलोचना की गई थी.

विपक्ष ने आरोप लगाया है कि भास्‍कर ग्रुप ने सरकार के 'कोविड कुप्रबंधन (Covid "mismanagement)' को लेकर रिपोर्टिंग की थी, इसलिए ये छापे मारे गए. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'अपनी रिपोर्टिंग के जरिये दैनिक भास्‍कर ने मोदी सरकार के कोविड-19 महामारी के 'कुप्रबंधन' को उजागर किया था, इसकी कीमत उसे चुकानी पड़ रही है. अघोषित आपातकाल जैसा कि अरुण शौरी ने कहा है-यह मोडिफाइड इमरजेंसी (Modified Emergency) है '


देश के सबसे बड़े अखबार समूहों में से एक, दैनिक भास्‍कर ने अप्रैल-मई माह में कोविड-19 की दूसरी लहर में बड़े पैमाने पर तबाही की मुखरता से रिपोर्टिंग की थी.भास्कर ने कोरोना महामारी के दौरान आधिकारिक दावों पर आलोचनात्मक रुख वाली रिपोर्टों की एक सीरीज प्रकाशित की थी, इसमें ऑक्‍सीजन, हॉस्पिटल बेड और वैक्‍सीन की कमी के कारण लोगों को हुई भारी परेशानी को हाईलाइट किया गया था.इसकी कवरेज ने यूपी और बिहार के कस्‍बों में गंगा नदी में तैरते कोविड प्रभावितों के शवों की भयावह स्थिति को उजागर किया था, संभवत: शवों के अंतिम संस्‍कार करने के लिए साधनों की कमी के कारण ऐसा किया गया. रिपोर्टिंग में यूपी में गंगा नदी कि किनारे पर उथली कब्रों में दफन शवों के बारे में भी खुलासा था.  

करीब एक माह पहले, न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने दैनिक भास्‍कर के संपादक ओम गौड़ की भारत में कोविड के कारण हुई मौतों को लेकर ऑप-एड (op-ed) इस शीर्षक के साथ प्रकाशित किया था, 'गंगा शवों का लौटा रही है, यह झूठ नहीं बोलती (The Ganges Is Returning the Dead. It Does Not Lie). इसमें कोरोना के चरम पर होने के दौरान स्थिति को नियंत्रण करने के मामले में सरकार की आलोचना की गई थी. उन्‍होंने लिखा था, 'देश की पवित्र नदियों मोदी प्रशासन की नाकामियों और धोखे का प्रदर्शन बन गई हैं.' 


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बुधवार, 21 जुलाई 2021

जब चीन -अमरीका से प्रतिस्पर्धा करने की जरूरत तब हंगरी और रवांडा के श्रेणी में पहुंच गया भारत

सौरभ वीपी वर्मा
भारतीय जनता पार्टी की सरकार जितने भी अनैतिक कार्यों को करे आप स्वीकार कर लो , यदि आप उसके प्रोपोगंडा से सहमत नहीं होंगे तो आप देशद्रोही हो जाओगे ,आप आतंकी समर्थक हो जाओगे आप किसी न किस मामले में आरोपी हो जाओगे और आपकी जगह हवालात में स्थापित कर दी जाएगी।

2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए अमित शाह जैसे नेताओं ने देश के जवानों को दांव पर लगा दिया जहां 50 से अधिक जवानों को आरडीएक्स से निशाना बनाकर मार दिया गया ,बहुत सारे सवाल खड़े हुए ,प्रश्न पूछे गए लेकिन एयर स्ट्राइक के नाम पर भाजपा ने देश के नागरिकों के जेहन में राष्ट्रवाद का विचार भर दिया।

क्या कुछ नही हुआ भारतीय जनता पार्टी की सरकार में उसके सारे मुद्दे चाहे स्वच्छ भारत मिशन हो , स्मार्ट सिटी हो ,नमामि गंगे हो ,आदर्श ग्राम पंचायत हो , रोजगार हो ,गरीबी उन्मूलन हो सब नेताओं के मंच और माइक से निकल कर रह गया और आंकड़ों के दस्तावेजों में सिमट कर रह गया न रोजगार सृजन हो पाए और न ही नागरिकों के आर्थिक स्थिति में सुधार हो पाया।

शिक्षा ,चिकित्सा ,भोजन ,आवास एवं  हिंसा मुक्त समाज की स्थापना करने के लिए किसी सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार में आज तक इन सब मुद्दों पर ना तो चर्चा हुई और ना ही इसके सुधार के प्रयास किए गए । आज देश की एक बहुत बड़ी आबादी बद से बदतर जिंदगी जीने के लिए मजबूर है लेकिन देश की सबसे बड़ी सत्ताधारी को केवल अपना कुनबा बढ़ाने का खुमार चढ़ा हुआ है।

इन सबके बीच जासूसी कांड भी सामने आ गया जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश के माने जाने पत्रकारों एवं विपक्ष के शीर्ष नेताओं के गतिविधियों को टेप कर रही थी ताकि तोड़ मोड़ करके जैसे तैसे सत्ता को अपने पास रखा जाए।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी देश के लोकतांत्रिक मूल्यों का अवलोकन करने वाली एक संस्था ने जो खुलासा किया है उसके आंकड़े देखने के बाद लगता है कि अंग्रेजी हुकूमत से ज्यादा बर्बरता भारतीय जनता पार्टी की सरकार में हो चुकी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2014 में भारत लोकतांत्रिक मूल्यों को कायम रखने के श्रेणी में 27 वें नंबर पर था लेकिन 2021 में बढ़कर 53वें नंबर पर पहुंच गया ।

आप विचार कीजिये जब भारत जैसे देश को चीन को चुनौती ददेना था ,जब अमेरिका से प्रतिस्पर्धा करना था, जब जापान और रूस के टेक्नोलॉजी को पकड़ना था तब हम मोरक्को ,हंगरी ,अजरवैजान ,बहरीन और रवांडा जैसे देशों के श्रेणी में खड़ा है। आप आप वर्ड इंडेक्स की रिपोर्ट को पढ़िए और ताली थाली बजाकर बर्बाद होते लोकतंत्र के जश्न में खुशियां मनाइए।

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सोमवार, 19 जुलाई 2021

बस्ती-आबादी की जमीन को लेकर मारपीट , पुलिस पर एकतरफा कार्यवाई का आरोप

बस्ती- जनपद के कोतवाली थाना क्षेत्र के बरसांव निवासी मोहम्मद हुसैन ने एवं इसी गांव के निवासी संतोष सोनी ,पंकज सोनी और आदि में आबादी की जमीन पर बाउंड्री जोड़ने को लेकर मारपीट हो गया । 

मोहम्मद हुसैन ने बताया वें आबादी की जमीन पर बाउंड्रीवाल के निर्माण के लिए नींव की खुदाई कर रहे थे तब तक गोलबंद होकर गांव के संतोष सोनी ,पंकज ,रामशंकर ,अंगद ,रामनवल और आदि लोग आकर नींव की खुदाई को रोकने जिससे दोनों पक्षों में मारपीट और विवाद हुआ ।

पीड़ित मोहम्मद हुसैन ने बताया कि मामले की शिकायत लेकर हम कोतवाली पहुंचे लेकिन पुलिस ने दूसरे पक्ष के लोगों पर रहम करते हुए उनपर कोई कार्यवाही नही की जबकि उल्टा उसी के ऊपर कार्यवाही कर दी गई । पीड़ित का आरोप है पुलिस ने राजनीतिक दबाव में दूसरे पक्ष के लोगों के ऊपर कोई कार्यवाई नही की।

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बस्ती -अधूरे शौचालय पर सचिव ने कर दिया रखरखाव के लिए मानदेय का भुगतान ,भ्रष्टाचार की संभावना

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को स्वच्छ बनाने के लिए नाना प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन स्थानीय जिम्मेदारों की उदासीनता और धन की बंदरबांट करने की वजह से ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन पूरी तरह से फेल दिखाई दे रहा है ।

 ताजा मामला सल्टौआ गोपालपुर ब्लॉक के हसनापुर ग्राम पंचायत की है जहां पर स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायत में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण होना था । शासन के मंशा अनुसार ग्राम पंचायत में शौचालय बनकर तैयार होने के बाद गांव के लोगों को समर्पित हो जाना था लेकिन एक वर्ष से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी ग्राम पंचायत में बन रहा सार्वजनिक शौचालय अपने उद्देश की तरफ नहीं जा पाया लिहाजा आज भी गांव में सैकड़ों की संख्या में खुले में शौच करने के लिए वहां के नागरिक मजबूर हैं ।

अभी ग्राम पंचायत में बन रहे शौचालय का काम पूरा भी नहीं हो पाया उधर सचिव द्वारा उसके रखरखाव हेतु ₹21000 का भुगतान कर दिया गया  ,गांव के निवासी राम आशीष यादव और जलील अहमद ने बताया कि सुबह शाम सैकड़ो की संख्या में महिलाएं ,बच्चियां और अन्य लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं लेकिन अभी तक शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नही हो सका ग्रामीणों का कहना है कि अधूरे शौचालय पर मानदेय का भुगतान करने से भ्रष्टाचार की प्रबल संभावना दिखाई दे रही है क्योंकि जब अभी शौचालय पर कोई काम नही है तो निश्चित तौर पर इस पैसे का बंदरबांट होना है।

इस संदर्भ में खंड विकास अधिकारी इंद्रपाल सिंह से बात हुई तो उन्होंने कहा कि जब शौचालय अस्तित्व में नही है तो मानदेय का भुगतान नियम विरुद्ध है । उन्होंने संबंधित सचिव से मामले की जानकारी मांग करने की बात कही है।

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रविवार, 18 जुलाई 2021

मुंबई में भारी बारिश के बीच मिट्टी धंसने से 20 की मौत, कई लोगों के दबे होने की आशंका

मुंबई : मुंबई के चेंबूर में भारी बारिश के चलते एक दर्दनाक हादसा हुआ है. भूस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं में 20 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. चेंबूर में भारी बारिश के चलते हुए भूस्खलन में कई घर समा गए. घर के मलबे में दबकर 17 लोगों की मौत हो गई. वहीं विक्रोली में हुए भूस्खलन में चार लोगों ने मलबे में दबकर अपनी जान गंवाई है. दोनों ही हादसों में कई लोगों के घायल होने की भी आशंका है. अधिकारियों ने बताया कि मौके पर बचाव और राहत कार्य अब भी जारी है. हादसे के बाद बचाव दल ने कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. भूस्खलन में हुई लोगों की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है, साथ ही पीएम के कार्यालय की तरफ से पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे का भी ऐलान किया गया है.


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शनिवार, 17 जुलाई 2021

लोगों की जान सर्वोपरि,कांवड़ यात्रा पूरी तरह रद्द करने पर विचार करे यूपी सरकार -सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली : यूपी में कांवड़ यात्रा पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि राज्य को हरिद्वार से गंगाजल शिव मंदिरों में लाने के लिए कांवड़ियों की आवाजाही की अनुमति नहीं देनी चाहिए. हालांकि ये सदियों पुरानी प्रथा है और धार्मिक भावनाओं को देखते हुए राज्य को टैंकरों के माध्यम से पवित्र गंगाजल उपलब्ध कराने के लिए एक प्रणाली विकसित करनी चाहिए. राज्य सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए श्रद्धालुओं के बीच गंगाजल का वितरण सुनिश्चित करें. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.

यूपी सरकार ने कहा- प्रतीक के तौर पर चाहते हैं कांवड़ यात्रा

सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने कहा कि हम केवल प्रतीक के तौर पर कांवड़ यात्रा चाहते हैं . कोर्ट यूपी में सौ फीसदी कांवड़ यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को विचार करने का एक मौका दिया. कोर्ट ने कहा 
कि हम यूपी को अपने फैसलों पर पुनर्विचार करने का एक और मौका दे रहे हैं. अनुच्छेद-21, जीने  का अधिकार हम सभी पर लागू होता है. यूपी यात्रा पूरी तरह रद्द करने पर विचार करें.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत के नागरिकों का स्वास्थ्य और जीवन का अधिकार सर्वोपरि है. अन्य सभी भावनाएं चाहे धार्मिक हों, इस मौलिक अधिकार के अधीन हैं. यूपी सरकार फिर से विचार करे. मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी.

इससे पूर्व गुरुवार को यूपी के वरिष्ठ मंत्री ने कहा था कि आगामी 25 जुलाई को राज्य में शुरू हो रही कांवड़ यात्रा में कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ साथ सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का भी सख्ती से पालन किया जाएगा. प्रदेश के स्वास्थ्यमंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा था कि हर साल निकाली जाने वाली कांवड़ याात्रा के लिए इस वक्त जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करके तैयारियां की जा रही है. इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी के दौरान यूपी सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा निकालने की अनुमति देने की खबर का स्वत: संज्ञान लिया था. इस मामले पर राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र से भी जवाब तलब किया था.


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शुक्रवार, 16 जुलाई 2021

बस्ती- पुलिस चौकी के पास से पैदल जा रहे युवक का ट्राली बैग छीनकर फरार हुआ बाइक सवार

बस्ती-  बृहस्पतिवार को सुबह लगभग 5 बजे पटेल चौक के पास से होकर घर जा रहे रजया निवासी मनीष कुमार चौधरी के साथ छिनैती हो गई  जिससे नगदी और सामान सहित लगभग 20 हजार रुपये का नुकसान हुआ है।

पीड़ित मनीष कुमार ने बताया कि वह कानपुर से आ रहे थे बस्ती के पटेल चौक पर बस से उतर कर वह अपने घर रजया के लिए हाथ में ट्राली बैग लेकर पैदल जा रहे थे इसी दौरान सुजकी मोटरसाइकिल पर सवार होकर एक अज्ञात व्यक्ति ने हाथ से ट्राली बैग छीन कर फरार हो गया ।उन्होंने बताया कि इस घटना की सीसीटीवी फुटेज भी मिला है जिसमे अज्ञात द्वारा छिनैती करते हुए दिखाई दे रहा है। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी पुलिस को दिया गया है।

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गुरुवार, 15 जुलाई 2021

बस्ती- अखिल भारतीय प्रधान संघ का चुनाव सम्पन्न ,विजय चन्द्र सिंह बने ब्लॉक अध्यक्ष

बस्ती।अखिल भारतीय प्रधान संगठन द्वारा सल्टौआ ब्लाक के अध्यक्ष पद का चुनाव ब्लॉक परिसर के सभागार में सम्पन्न हुआ जिसमें विजय चन्द्र सिंह ने चुनाव जीता है ।

12 बजे तक हुए मतदान में 95 प्रधानों में से 94 लोगों ने वोट दिया जिसमें विजय चंद्र सिंह को 50 मत एवं  आशुतोष शुक्ला को 44 मत प्राप्त हुआ ।

अखिल भारतीय प्रधान संगठन के मण्डल अध्यक्ष  वेद प्रकाश चौधरी ने दिया यह जानकारी दिया।

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बुधवार, 14 जुलाई 2021

बस्ती के बहुचर्चित अश्लीलता कांड में दरोगा दीपक सिंह बर्खास्त तत्कालीन कोतवाल समेत बारह बरी

लखनऊ- उत्तर प्रदेश बस्ती जिले के बहुचर्चित अश्लीलता कांड में दर्ज मुकदमे की पुलिस जांच में तत्कालीन कोतवाल समेत बारह पुलिस व राजस्वकर्मियों को बरी कर दिया गया है। हाई प्रोफाइल केस के विवेचक संतकबीरनगर के खलीलाबाद सीओ ने साक्ष्यों के आधार पर तैयार की चार्जशीट में मुख्य आरोपी बर्खास्त दरोगा दीपक सिंह को अभियुक्त बनाया है। वहीं विवेचना के दौरान अन्य आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य न मिलने के कारण उनका नाम मुकदमे से निकाल दिया गया है।

चार्जशीट में कुल 83 लोगों के बयान साक्ष्य के तौर पर दर्ज किए गए हैं। विवेचक ने मुख्य आरोपी दीपक सिंह निवासी सोनबरसा, चौरीचौरा, गोरखपुर को आईपीसी की धारा 323, 325, 342, 504, 506, 354 (क), 354 (ख), 354 (घ), 427, 452 व 67 आईटी एक्ट के तहत आरोपी बनाया है। सीजेएम कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में 23 जुलाई 2021 को आरोपी बर्खास्त दरोगा को न्यायालय में हाजिर होने के लिए तलब किया गया है। 21 मार्च 2021 को दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया आरोपी दीपक सिंह 18 जून 2021 को जमानत रिहा हुआ था।राज्य महिला आयोग की मदद से सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंचे इस प्रकरण ने पूरे महकमे में हड़कंप मचा दिया था। फिर 18 मार्च 2021 को सीएम के संज्ञान लेने के बाद एडीजी गोरखपुर जोन अखिल कुमार की अगुवाई में उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित की गई। 19 मार्च को तत्कालीन एसपी हेमराज मीणा ने मुख्य आरोपी दरोगा दीपक सिंह को निलंबित कर दिया था। इधर शासन के निर्देश पर एडीजी के साथ आईजी रेंज, डीएम बस्ती, एसपी संतकबीरनगर जांच करने शिकायतकर्ता युवती के गांव पहुंचे थे। घंटों चली पूछताछ व बयान दर्ज करने की प्रक्रिया के बाद एक्शन शुरू हुआ था। सबसे पहले कोतवाल समेत 10 पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित करने के साथ ही मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया था। तत्कालीन सीओ सिटी गिरिश सिंह को भी बाद में निलंबित कर दिया गया था। कुछ दिनों बाद जिले के पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा व एएसपी को हटा दिया गया था।

 इन पर दर्ज हुआ था मुकदमा

युवती लगातार आला अफसरों से शिकायत करती रही। फिर 20 मार्च 2021 को उसकी तहरीर पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। युवती ने तत्कालीन चौकी प्रभारी सोनूपार दीपक सिंह के अलावा अन्य पुलिसकर्मियों पर फर्जी मुकदमे में फंसाने समेत अन्य संगीन आरोप लगाए थे। साथ ही गांव में पैमाइश को लेकर हल्का लेखपाल व कानूनगो को भी आरोपी बनाया था। तहरीर के आधार पर मुख्य आरोपी दीपक सिंह के अलावा कोतवाली में ही तैनात दीपक के भाई दरोगा राजन सिंह, तत्कालीन कोतवाल इंस्पेक्टर रामपाल यादव, तत्कालीन महिला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर शीला यादव, कोतवाली के दरोगा अभिषेक सिंह, कोतवाली के आरक्षी संजय कुमार, आलोक कुमार, पवन कुमार कुशवाहा, अवधेश सिंह, महिला आरक्षी दीक्षा यादव, नीलम सिंह, हल्का लेखपाल रहीं शालिनी सिंह व कानूनगो सतीश के साथ दो-तीन अन्य अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ 323, 324, 211, 342, 504, 354, 354 (क), 354 (ख), 354 (ग), 354 (घ), 452, 120बी व 67 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। पहले जांच सीओ सिटी आलोक प्रसाद को सौंपी गई थी और बाद में इसे संतकबीरनगर जनपद के खलीलाबाद सीओ अंशुमान मिश्रा को ट्रांसफर कर दी गई थी।

लॉकडाउन में हुई घटना
कोरोना की पहली लहर में लगे लॉकडाउन के दौरान 31 मार्च 2020 को इस प्रकरण की शुरुआत हुई थी। कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली युवती ने सोनूपार चौकी प्रभारी रहे दीपक सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए आला अफसरों से शिकायत की थी कि 31 मार्च 2020 को वह घर से अपनी दादी की दवा लेने गई थी। सोनूपार चौकी पर तैनात तत्कालीन प्रभारी दारोगा दीपक सिंह ने उसे रोका और गाड़ी के कागजात चेकिंग के बहाने उसका मोबाइल नंबर ले लिया था। उसी दिन से दारोगा उसके मोबाइल नंबर पर फोन करने लगा था। युवती ने आपत्ति जताई तो पट्टीदारी के विवाद को आधार बनाकर उसके घरवालों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिए गए
दारोगा दीपक सिंह

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मंगलवार, 13 जुलाई 2021

बस्ती- निजी विद्यालय प्रबंधक संघर्ष समिति द्वारा स्कूलों को खोलने के लिए उठाई गई आवाज

केoसीo श्रीवास्तव
बस्ती- निजी विद्यालय प्रबंधक संघर्ष सेवा समिति द्वारा बैठक का आयोजन किया गया जिसमें जनपद के अलग -अलग हिस्सों से एकत्रित स्कूल प्रबंधकों द्वारा विद्यालय को खोलने के लिए मांग किया गया । बैठक श्री राम अवध चौधरी शिक्षण सेवा संस्थान टिनिच में संपन्न हुई ।

 बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष विक्रम जीत सिँह रघुवंशी ने सरकार से स्कूल जल्द खोलने की मांग किया ,उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर के स्कूलों से जहां गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा बच्चों को दिया जाता है वहीं प्रत्येक विद्यालय में आधा दर्जन से लेकर एक दर्जन पढ़े लिखे बेरोजगार लोगों को शिक्षक के तौर पर रखकर रोजगार देने का काम किया जाता है।

इस मौके पर एक विद्यालय के प्रबंधक राम स्वरूप वर्मा ने कहा कि वह जिस क्षेत्र में विद्यालय का संचालन करते हैं वहां सैकड़ो बच्चे उचित शिक्षा का लाभ पाते थे लेकिन सरकारी नियमानुसार स्कूल बंद होने से जहां बच्चे शिक्षा से वंचित हो  रहे हैं वहीं उनमें सीखने ,समझने की क्षमता भी कमजोर हो रहा है।

इस मौके पर स्कूल संचालक  सुनील यादव को संगठन का मीडिया प्रभारी बनाया गया और उन्होंने इस पद पर आने के बाद कहा कि वह स्कूल संचालक से लेकर  शिक्षक समाज की समस्याओं को प्रमुखता से संगठन के माध्यम से उठाते रहेंगे। बैठक में समिति के अन्य सभी पदाधिकारियों ने स्कूल से सम्बंधित समस्याओ पर विचार करते हुए चर्चा को खत्म किया।

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बस्ती-वेब मीडिया एसोसिएशन की बैठक में हुई पत्रकार हितों पर चर्चा ,संगठन की मजबूती पर जोर

बस्ती : वेब मीडिया एसोसिएशन ऑफ इण्डिया ( रजि . ) की बैठक मालवीय रोड स्थित कार्यालय पर सौरभ वीपी वर्मा की अध्यक्षता में हुई । संयोजक अशोक श्रीवास्तव ने सांगठनिक मजबूती के लिये अन्य जिलों व मण्डलों में कार्यकारिणी गठित करने पर जोर दिया गया । महासचिव राजकुमार पाण्डेय , उपाध्यक्ष राजन चौधरी ने पंचायत चुनावों में पत्रकारों के साथ प्रदेश भर में हुई बदसलूकी और उन्हे कवरेज से दूर रखने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया । बैठक में पत्रकार उत्पीड़न और मौजूदा सरकार की सोच को लेकर लम्बी बहस हुई । 27 जुलाई तक संगठन का सदस्यता अभियान संचालित करने तथा 01 अगस्त को परिचय पत्र जारी करने की योजना बनी । जिलाध्यक्ष ने कहा जिन साथियों को संगठन की सदस्यता लेनी वे विधिवत भरा हुआ आवेदन पत्र जिला मुख्यालय पर संगठन के कार्यालय अथवा तहसील मुख्यालय पर संस्था से जुड़े पत्रकार साथियों को दे दें जिससे समय से परिचय पत्र जारी हो सके । बैठक में कपीश मिश्रा , राजप्रकाश , लालू प्रसाद यादव , आशुतोष नरायन मिश्रा , एसपी श्रीवास्तव , धर्मेन्द्र भट्ट , कुलदीप चौधरी , बजरंग प्रसाद शुक्ल सहित कई अन्य पत्रकार मौजूद रहे ।

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यूपी-मनरेगा में हुआ कमाल एक गांव के मृतक लोगों के खाते में हुआ पैसे का भुगतान

सौरभ वीपी वर्मा
लखनऊ- उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत टड़वा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना (मनरेगा) के जिम्मेदार लोगों ने  लापरवाही की हद को पार करते हुए स्वयं को हंसी के पात्र बना दिया है।

टड़वा गांव के निवासी मोहम्मद लईफ ने एडवोकेट कुंवर ब्रह्मदेव उपाध्याय के द्वारा शिकायत करते हुए बताया कि गांव के मृतक बकरीदी पुत्र दूल्हा के नाम से फर्जी डिमांड नोट तैयार कर मृतक व्यक्ति के नाम से मस्टररोल जारी कराकर 18 नवंबर 2020 से 24 नवंबर 2020 तक ग्राम पंचायत में फर्जी तौर पर पंचायत घर का निर्माण दिखाकर मृतक बकरीदी की उपस्थिति 7 दिनों तक रोजगार सेवक रामचंद्र द्वारा दर्ज किया गया जिसके आधार पर कार्यक्रम अधिकारी ने मृतक बकरीदी के संबंधित बैंक खाते में बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा बेवा में 7 दिन की मजदूरी आहरित करने का आदेश दिया उसके बाद ग्राम प्रधान अब्दुल गफ्फार ने मृतक बकरीदी का हस्ताक्षर व निशानी आगूठा मस्टररोल पर स्वयं लगा कर मृतक के खाते से पैसा निकाल लिया गया ।

इसी प्रकार गांव के बिरजा की मृत्व वर्ष 2018 में हो गई थी लेकिन फर्जी तरीके से मृतक के खाते में पैसा भेजा गया ताकि सरकारी धन का बंदरबांट किया जा सके ।शिकायतकर्ता ने बताया कि इसी प्रकार से गांव के दो और मृतक के खाते में मनरेगा का पैसा भेजा गया ।

शिकायतकर्ता ने बताया कि इस मामले की शिकायत पहले भी की गई जिसमें तत्कालीन प्रधान अब्दुल गफ्फार, सचिव हरिशंकर सिंह,रोजगार सेवक राम चंद्र मनरेगा तकनीशियन ,कार्यक्रम अधिकारी एक षणयंत्र के तहत अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ कर निकाली गई धनराशि को छिपाने का प्रयास किया गया । शिकायतकर्ता ने दूसरे विभाग के अधिकारियों द्वारा मामले की निष्पक्ष जांच करावाने की बात की है।

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सोमवार, 12 जुलाई 2021

कोरोना की तीसरी लहर करीब'' : पर्यटन और धार्मिक यात्राओं को लेकर IMA ने दी चेतावनी

नई दिल्ली : देश के डॉक्‍टरों की शीर्ष संस्‍था, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन  (IMA) ने केंद्र और राज्‍य सरकारों से कोविड के खिलाफ जंग में कोई 'ढिलाई' नहीं बरतने की अपील की है. संस्‍था ने चेताया है कि कोरोना की तीसरी लहर करीब ही है. संस्‍था ने इस मुश्किल वक्‍त पर देश के विभिन्‍न स्‍थानों पर अधिकारियों और लोगों द्वारा कोरोना मामले में बरते जा रहे 'आत्‍मसंतोष' (Complacency) पर नाराजगी और दुख जताया है. आईएमए ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि  मेडिकल बिरादरी और राजनीतिक नेतृत्‍व के तमाम प्रयासों की बदौलत ही देश कोरोना महामारी की घातक दूसरी लहर से उबर पाया है, ऐसे में हमें 'लापरवाह' नहीं होना चाहिए. IMA की  प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, 'उपलब्‍ध वैश्विक साक्ष्‍यों और किसी भी महामारी के इतिहास को देखते हुए कहा जा सकता है कि तीसरी लहर अपरिहार्य और करीब है. हालांकि यह बेहद दुर्भाग्‍यपूर्ण है कि देश में ज्‍यादातर हिस्‍सों में सरकार और लोग, 'आत्‍मसंतुष्‍ट' (complacent) हो गए हैं और कोविड प्रोटोकॉल का पालन किए गए बड़ी संख्‍या में लोग एकत्र हो रहे हैं.'

विज्ञप्ति में कहा गया है, 'पर्यटन, धार्मिक यात्राएं और धार्मिक समारोह जरूरी हैं लेकिन इसके लिए कुछ माह इंतजार किया जा सकता है. इन स्‍थलों को खोलना और टीकाकरण के बगैर ही लोगों का वहां बड़ी पैमाने पर एकत्रित होना कोरोना की तीसरी लहर के फैलने का कारण बन सकता है.'आईएमए की ओर से कहा गया है कि इस अहम मोड़ पर हमें अगले दो-तीन माह तक कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहिए.


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रविवार, 11 जुलाई 2021

उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भाजपा को सर्वाधिक सीटें , शतक से चूक गई सपा

उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी को ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भी सर्वाधिक सीटें मिली है. ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में बीजेपी के खाते में 625 से ज्यादा सीटें गई हैं जबकि मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी 100 का आंकड़ा पार करने में विफल रही ।

प्रदेश के 825 ब्लॉक प्रमुख  (Block Pramukh Election) के चुनाव में बीजेपी को 626 सीटें मिली, जबकि समाजवादी पार्टी के कब्जे में 98 सीटें आई हैं. शेष 101 सीटें अन्य के खाते में गई हैं जिसमें बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं.

सूबे में पहले ही 334 ब्लॉक प्रमुख निर्विरोध चुन लिए गए थे, जबकि 476 सीटों पर शनिवार को मतदान (Election Voting) कराया गया.


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शनिवार, 10 जुलाई 2021

जगह-जगह हिंसा और जबरिया निर्वरोध होने के बाद रुधौली और दुबौलिया में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

सौरभ वीपी वर्मा
लखनऊ-प्रमुख पद के नामांकन के दौरान 8 मई को प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों और उनके समर्थकों द्वारा हुई हिंसा  से प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग की जो किरकिरी हुई है शायद उसे अब सरकार दुबारा दोहराना नही चाहती है।

यूपी के बस्ती जनपद के रुधौली एवं दुबौलिया ब्लॉक में आज मतदान होना है ताजा जानकारी के अनुसार दोनों जगहों पर प्रत्याशियों के समर्थकों के साथ भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात हैं ताकि किसी दल के लोगों द्वारा किसी प्रकार का अराजकता न फैलाई जा सके।

निष्पक्ष निर्वाचन के दृष्टिगत मतदान स्थल दुबौलिया में डीएम और एसपी भी पहुंच कर व्यवस्था की जायजा ले रहे हैं  । पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने दोनों मतदान स्थलों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं।

बता दें कि जनपद में14 सीटों में से 12 सीटों पर भाजपा ने अपना कब्जा जमा लिया है वहीं रुधौली और दुबौलिया में कांटे की टक्कर मानी जा रही है। 

सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है कि यदि रुधौली और दुबौलिया में नामांकन के दिन की तरह आज भी सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर प्रशासन ने काम करना शुरू किया तो मामला गंभीर हो सकता है।
रुधौली में प्रत्याशियों का वेरिफिकेशन करती पुलिस 

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शुक्रवार, 9 जुलाई 2021

आगरा के सिकंदराबाद से अयोध्या घूमने आये एक ही परिवार के 12 लोग नदी में डूबे ,रेस्कयू जारी

अयोध्या. अयोध्या (Ayodhya) में घूमने आए एक ही परिवार के 12 सदस्य सरयू नदी में डूब गए। जानकारी के मुताबिक डूब रहे तीन लोगों को स्थानीय गोताखोरों ने बचा लिया है। बाकी लोगों को स्थानीय गोताखोरों और जल पुलिस की मदद से तलाशी की जा रही है। डूबने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। पूरा परिवार आगरा के सिकंदराबाद से अयोध्या घूमने आया था। स्नान करते समय गुप्तार घाट के कच्चे घाट पर हुआ हादसा। सीएम योगी ने मामले का संज्ञान लिया है।

सीएम योगी ने दिए निर्देश-
सीएम योगी (CM Yogi) ने मामले के संज्ञान लेते हुए डीएम व अन्य अधिकारियों को तत्काल बचाव कार्य के निर्देश दिए हैं। सीएम ने पीएसी (PAC) के गोताखोरों को लोगों की तलाशी में लगाने के निर्देश दिए हैं। निर्देशों को बाद रेस्क्यू टीम ने दो बच्चियों को बचा लिया। उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन का खुद एसएसपी शैलेश पांडे नेतृत्व कर रहे हैं।

बताया जा रहा है कि गुप्तार घाट के आखरी छोर पर परिवार कच्चे जीने पर बैठा था। बारिश होने के कारण वह जीना टूट गया, जिस कारण एक महिला फिसकर नदी में बह गई। उसे बचाने के चक्कर में परिवार के अन्य सभी सदस्य नदी में बह गए।


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लखनऊ- जमकर हुए बवाल के बीच राज्य में भारतीय जनता पार्टी के 292 प्रत्याशी हुए निर्वरोध

UP Block Pramukh Chunav: बीजेपी ने 292 प्रत्याशियों के निर्विरोध जीत का किया दावा, कल वोटिंग
यूपी ब्लॉक प्रमुख चुनाव के लिए गुरुवार को नामांकन पत्र दाखिल किए गए. 
जमकर हुए बवाल के बीच राज्य में बड़े स्तर पर बीजेपी उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत  ।

यूपी ब्लॉक प्रमुख चुनाव (UP Block Pramukh Chunav) के लिए गुरुवार को नामांकन पत्र दाखिल किए गए. जमकर हुए बवाल के बीच राज्य में बड़े स्तर पर बीजेपी उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत लगभग तय है. बीजेपी के दावे के मुताबिक वह पूरे राज्य में करीब 292 सीटों पर जीत हासिल करेगी. उसका कहना है कि सहयोगी अपना दल के साथ मिलकर जीत का आंकड़ा 295 तक पहुंच जाएगा.

गुरुवार को राज्य के 75 जिलों में 826 ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव के लिए नामांकन (Nomination) दाखिल किए गए. 10 जुलाई को चुनाव होना है. इस दौरान बीजेपी बहुत सी सीटों पर निर्विरोध जीत का दावा कर रही हैं. बीजेपी (BJP) का दावा है कि वह लखनऊ में 61, बनारस में 27, बरेली में 30, गोरखपुर में 44, प्रयागराज में 3, मेरठ में 29, कानपुर में 30, बुंदेलखंड में 19, बाजियाबाद में 1 और गौतमबुद्ध नगर में 2, अलीगढ़ में 7, मुरादाबाद में 8 और आगरा में 31 सीटों पर जीत हालिल करेगी.

बीजेपी का निर्विरोध जीत का दावा
वहीं सपा के करीब 10 प्रत्याशियों की जीत लगभग तय दिख रही है. लखनऊ में सपा और बीजेपी के करीब 64 प्रत्याशियों का निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख चुनाव जीतना करीब तय माना जा रहा है. इनमें एक उम्मीदवार सपा का और दो निर्दलीय हैं. वहीं बीजेपी के 61 प्रत्याशी है. वहीं खबर ये है कि कांग्रेस, आरएलडी समेत दूसरे दलों को कई जगह पर तो प्रत्याशी ही नहीं मिले तो वहीं कई जगह पर उन्होंने पार्टी के साथ धोखा कर दिया.

जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में शानदार जीत के बाद बीजेपी का जोश ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी बहुत हाई है. उनका मानना है कि ज्यादातर सीटों पर बीजेपी का ही कब्जा होगा. चुनाव में मेन मुकाबला सपा और बीजेपी के बीच है. पंचायत अध्यक्ष चुनाव में शानदार जीत के बाद बीजेपी को लग रहा है कि जमीनी स्तर पर सपा उनके सामने कहीं भी नहीं है. वही कांग्रेस और बीएसपी का भी इस चुनाव में कोई अस्तित्व नहीं दिख रहा है.

सपा-बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला
बतादें कि नॉमिनेशन फाइल करने के दौरान सपा और बीजेपी उम्मीदवारों में जमकर बवाल हुआ. दोनों कार्यकर्ता और प्रत्याशी आपस में भिड़ गए. हंगामा इतना बढ़ गया कि सपा समर्थकों की गाड़ी पर हमला कर दिया गया. इस हमले का आरोप सपा बीजेपी पर लगा रही है. हैरानी की बात ये है कि जिला प्रशासन की मौजूदगी में ये पूरा बवाल होता रहा और उन्होंने कोई सख्त एक्शन तक नहीं लिया. कई जगहों पर बीजेपी पर सपा उम्मीदवारों को पर्चा भरने से रोकने का भी आरोप लगाया गया ।

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गुरुवार, 8 जुलाई 2021

बस्ती- सत्ता के दबाव में नही हो पाया प्रमुख प्रत्याशियों का नामांकन बस्ती में 10 निर्वरोध

सत्ता के दबाव में प्रशासन ने रामनगर में नही होने दिया महंत दास का नामांकन ,बेकाबू भीड़ ने प्रत्याशी अंकुर भारती , एवं आदित्य विक्रम सिंह के पुत्र पुष्कर सिंह पर किया हमला ,पुष्कर सिंह के सिर में लगी चोट ,भाजपा प्रत्याशी यशकांत सिंह निर्वरोध।

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- ब्लॉक प्रमुख पद के लिए नामांकन के दौरान रामनगर विकास खण्ड पर भाजपा प्रत्याशी यशकांत सिंह एवं निर्दल प्रत्याशी अंकुर भारती के समर्थकों में जमकर ईंट पत्थर चले जिसमे आदित्य विक्रम सिंह के पुत्र पुष्कर सिंह के सिर में चोटें आईं उसके बाद उनके समर्थकों के द्वारा उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।

इसके पहले भाजपा प्रत्याशी यशकांत सिंह ने अपना नामांकन लगभग 12 बजे ही कर दिया था उसके बाद 1 बजे आदित्य विक्रम सिंह उर्फ बोकू सिंह ने अंकुर भारती को लेकर रामनगर विकास खण्ड मुख्यालय पर पहुंचे लेकिन पुलिस ने गेट पर ताला जड़ दिया उसके बाद बोकू सिंह ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर मुख्य गेट को तोड़ते हुए अपने प्रत्याशी अंकुर भारती को अंदर ले ही जा रहे थे कि बेकाबू भीड़ इन लोगों के ऊपर टूट पड़ी जिसमे अंकुर भारती और आदित्य विक्रम सिंह को चोटें आईं , भीड़ अंकुर भारती को जिस तरह से पीटने में लगी थी यदि प्रभारी निरीक्षक सोनहा राम कृष्ण मिश्रा सूझ बूझ के साथ उन्हें अंदर न ले जाते तो किसी बड़ी घटना को होने से कोई रोक नही पाता।

आदित्य विक्रम सिंह और अंकुर भारती के अंदर जाने के बाद प्रशासन ने नामांकन कक्ष में ताला जड़ दिया उधर बाहर उनके समर्थकों को जब पता चला कि वह नामांकन दाखिल नही कर पा रहे हैं तो वह सब उग्र हो गए और चहरदीवारी एवं गेट को धक्का मारकर कर अंदर जाने का प्रयास किये लेकिन इधर यशकांत सिंह के समर्थकों ने भी धावा बोल दिया उसके बाद उनके समर्थकों ने सबको दूर खदेड़ दिया। 

ढाई बजे तक गहमागहमी के बीच   बाबा महंत दास अपना पर्चा नही भर पाए उसके बाद  भाजपा विधायक संजय प्रताप जायसवाल ब्लॉक मुख्यालय पहुंचे और भाजपा प्रत्याशी यशकांत सिंह से बात चीत किया इस दौरान भी दोनों पक्षों में तनातनी का माहौल देखने को मिला 3 बजे नामांकन दाखिल करने का समय पूरा हो गया और यशकांत सिंह निर्वरोध ब्लॉक प्रमुख हो गए।

वहीं जनपद भर की बात करें तो जिले से भाजपा के 10 उम्मीदवार निर्वरोध हुए हैं जिसमे कुदरहा ब्लॉक से अनिल दुबे, कप्तानगंज ब्लाक से मिथिलेश निषाद प्रशारामपुर  से शांति देवी  , सदर ब्लाक से राकेश श्रीवास्तव, बहादुरपुर ब्लाक से रामकुमार, विक्रमजोत से कृष्ण कुमार सिंह, रामनगर ब्लाक से यशकांत सिंह, सल्टौआ गोपालपुर से गीता देवी पत्नी अशोक कुमार , साउघाट ब्लाक से अभिषेक कुमार, हरैया ब्लाक से विकास कुमार निषाद  निर्विरोध हुए हैं 

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सिद्धार्थनगर: अनुप्रिया पटेल के मंत्री बनने पर अपना दल (एस) कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर

राकेश चौधरी
लखनऊ -बीते बुधवार को एनडीए कैबिनेट का विस्तार हुआ जिसमें कुल 43 मंत्रियों ने शपथ लिया उत्तर प्रदेश से भी 7 नेताओं को मोदी कैबिनेट में जगह मिला जिसमें अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्षा और मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया सिंह पटेल को भी मोदी कैबिनेट में राज्य मंत्री का दर्जा मिला। जिसके खुशी में जगह-जगह मिठाइयां बांटकर अपना दल (एस) के कार्यकर्ताओं ने खुशी का इजहार किया। 

इस दौरान सिद्धार्थ नगर के अपना दल (एस) के जिला अध्यक्ष आत्माराम पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद दिया तथा अपनी राष्ट्रीय अध्यक्षा अनुप्रिया पटेल को और सभी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि यह आप सभी कार्यकर्ताओं के मेहनत और संघर्ष का परिणाम है।

 इस मौके पर अपना दल (एस) महिला मोर्चा की जिला अध्यक्षा अंजली चौधरी,अल्पसंख्यक मोर्चा जिला अध्यक्ष कमर अब्बास काजमी के साथ जिला सचिव डॉ. रामधनी चौधरी, सुबाश चौधरी, दिनेश कुमार, नवल पटेल, आलोक चौधरी,यार मोहम्मद, राधेश्याम तिवारी, विनय जायसवाल, रामदास मौर्य, सतीश चौधरी, राम लुटावन वाल्मीकि, शिवानंद बाल्मीकि, उषा चौधरी  आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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14 दिनों में गन्ना भुगतान की बात करने वाली योगी सरकार में किसानों का 12हजार करोड़ बकाया

 उत्तर प्रदेश में गन्ने की बकाया राशि का तत्काल भुगतान करने के लिए दायर की गई एक जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

 नोएडा स्थित एक वकील ने ये याचिका दायर की है, जिसमें दावा किया गया है कि करीब 12,000 करोड़ रुपये की राशि के गन्ने का भुगतान अभी तक किसानों को नहीं चुकाया गया है.

जनहित याचिका पर बीते मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और जस्टिस पीयूष अग्रवाल ने सुनवाई की. अदालत ने राज्य सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा और जनहित याचिका को सुनवाई के लिए 4 अगस्त को सूचीबद्ध कर दिया.

वकील पुनीत कौर ढांडा द्वारा दायर याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया है, ‘अधिकारियों को गन्ना किसानों का बकाया भुगतान जारी करने का निर्देश दिया जाए, जो उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों के पास साल 2019-20 और 2020-21 से लंबित है.’

याचिका में कहा गया है कि वर्तमान में चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 12,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. उन्होंने कहा कि यदि इसमें ब्याज जोड़ दिया जाए तो यह राशि लगभग 15,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है.

याचिकाकर्ता ने गन्ने का मूल्य भी बढ़ाने के लिए कोर्ट से मांग की है.

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पुनीत कौर ढांडा की ओर से पेश हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत ढांडा ने कहा, ‘याचिका दायर करने की आवश्यकता तब महसूस हुई जब इस बारे में न्यूज रिपोर्ट पढ़ने के बाद पता चला कि राज्य में गन्ना किसान कैसे पीड़ित हैं, उनके बकाये का भुगतान नहीं किया गया है.’

जनहित याचिका में कहा गया है कि गन्ना किसानों को भुगतान में देरी और आज की आवश्यकताओं के अनुसार इसके मूल्य में संशोधन न करना किसानों के दुखों और कष्टों को बढ़ा रहा है और महामारी के बाद से उनके लिए स्थिति और खराब हो गई है.


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मंगलवार, 6 जुलाई 2021

आईएफएस अधिकारी के एक अभियान ने बदल डाली सैकड़ो बच्चों की सोच ,सरेंडर कराए 590 गुलेल

महाराष्ट्र के नासिक से एक फोटो को ट्विटर पर शेयर करते हुए आईएफएस अधिकारी आनंद रेड्डी ने लिखा है, 'यहाँ एक दुविधा है.. आप एक प्यारा पक्षी देखते हैं. और एक प्यारा बच्चा. फिर आप बच्चे को इस गुलेल से पक्षी को मारते हुए देखें. क्या आप बच्चे को सजा देंगे? नासिक के कई गांवों में यह बहुत आम बात है. इसकी वजह से इन खाली जंगलों में कोई पक्षी नहीं, कोई चहकना नहीं, कोई गाना नहीं. केवल सन्नाटा है.।
आनंद रेड्डी ने जो ट्विटर थ्रेड शेयर किया उसमें आगे और भी तस्वीरें दिखाई दे रही हैं. जिसमें बच्चों ने आगे की ओर गुलेल रखा है और हाथ फैलकर शपथ ले रहे हैं. बच्चों ने बैनर भी लिए हुए हैं, जिसपर लिखा है ‘गलोर हटवा पक्षी वाचवा' जिसका मतलब है, गुलेल हटाओ पक्षी बचाओ.
उन्होंने अपने ट्वीट में ये भी लिखा है कि गुलेल छोड़ने के लिए बच्चों से बात कर उन्हें प्रेरित करें. उन्हें बताएं कि गुलेल कितना खतरनाक है. उन्हें प्यार से समझाकर उनसे ये वादा लें कि वो गुलेल छोड़ देंगे. 

बता दें कि अबतक 68 गावों के बच्चों ने 590 गुलेल सरेंडर कर दिए हैं. बच्चों ने ये शपथ ली है कि अब वो गुलेल नहीं रखेंगे. न वो इससे पक्षियों को मारेंगे बल्कि लोगों को भी गुलेल न चलाने के लिए प्रेरित करेंगे. अब लोग बच्चों के इस कदम की सराहना कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर अपने रिएक्शन दे रहे हैं.

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सोमवार, 5 जुलाई 2021

बैंक में गहरी नींद लेने के लिए आते हैं शाखा प्रबंधक ,ग्राहकों की समस्याओं पर देते हैं गाली

बस्ती- नागरिकों की समस्याओं को कम करने के लिए सरकार द्वारा संस्थाओं का निर्माण किया गया है एवं अच्छी सुविधा प्रदान करने के लिए वहां कर्मचारियों की तैनाती की गई है लेकिन  पंजाब नेशनल बैंक भिरियाँ ऋतुराज के शाखा प्रबंधक परमिल कुमार ने सरकार के उद्देश्यों की धज्जियां उड़ाते हुए मुफ्त में तनख्वाह लेकर केवल चूना लगाने का काम कर रहे हैं।

बैंक पर पहुंच कर परमिल कुमार एक कमरे में जाकर सो जाते हैं जब किसी समस्या को लेकर ग्राहक उनके पास जाता है तो वह काम करने से साफ मना कर देते हैं । शाखा प्रबंधन से सिविल स्कोर पर फर्जी तरीके से 9 लाख रुपये का लोन अपडेट होने के संबंध में जब हमने बात करना शुरू किया तब उन्होंने कहा कि हमारे पास इस काम के लिए मत आया करो । जब उनके कर्तव्यों का हमने हवाला दिया तो शाखा प्रबंधक ने अपने कर्मचारियों एवं पूर्व शाखा प्रबंधकों को गाली गलौज देते हुए बहुत कुछ अमर्यादित शब्दों के साथ कहा कि जिन लोगों ने सिविल खराब किया है वही सही करने तरीका बताएंगे।इतना ही नही कई और लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि शाखा प्रबंधक से बात करने पर वह गाली गलौज करने लगते हैं । इसी प्रकार से कई प्रकार के अश्लीलता वाली शब्दों का प्रयोग ग्राहकों के साथ शाखा प्रबंधक द्वारा किया जाता है।

सवाल यह है कि इस तरह के कामचोर लोगों के द्वारा सरकारी संस्थाओं का विकास कैसे हो पायेगा ? सच तो यह है कि ऐसे लोगों को शाखा से तत्काल प्रभाव से हटाकर सर्किल ऑफिस में फाइलों को समेटने के लिए भेज देना चाहिए।

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बस्ती- सार्वजनिक रास्ता रोके जाने से गांव में तनाव ,बड़ी घटना से नही किया जा सकता इनकार

बस्ती- जनपद के लालगंज थाना क्षेत्र के सेल्हरा गांव के दक्षिण दिशा में सार्वजनिक रास्ते को रोके जाने के चलते गांव के एक बड़ी आबादी का आवागमन बाधित हो गया है ।गांव वाले सड़क को बहाल कराने के लिए काफी दिनों से भागदौड़ कर रहे हैं लेकिन न तो प्रशासन से मदद मिल रही है और न ही रास्ता खुल पा रहा है।

रास्ते के लिए पीड़ित गांव के राम महेश ,रोशनलाल ,संतोष ,राजेश कनौजिया ,चिरंजू ,मगनलाल ,राजवंत ,प्रेमसागर ,रामलौट ,हरिश्चन्द्र ,सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि गांव में 1986 के पहले से एक ही सार्वजनिक रास्ता चल रहा था लेकिन अब गांव के कुछ दबंग लोगो द्वारा रास्ते पर घास ,फूस ,रखकर रास्ते को बंद कर दिया गया है।

पीड़ितों का आरोप है कि वह काफी दिनों से प्रशासन से मामले की जांच कराकर रास्ता खाली करवाने का मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नही हो पा रही है।

पीड़ित लोगों ने कहा कि रास्ता बंद होने की वजह से उन लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है लेकिन अभिलेखों में सड़क दर्ज होने के बाद भी उन्हें न्याय के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। लोगों की मांग है कि समय रहते रास्ते को खाली करवाकर बहाल करवाया जाए ताकि पीड़ित लोगों की समस्या खत्म हो और गांव में शांति बनी रहे।

कुछ लोगों का कहना है कि यदि समय रहते सड़क से अतिक्रमण हटाकर रास्ते को बहाल नही करवाया गया तो आने वाले दिनों में तनाव बढ़ने के कारण किसी बड़ी घटना से इनकार नही किया जा सकता है।

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रविवार, 4 जुलाई 2021

बस्ती -मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिये विशाल हास्पिटल का उद्घाटन

बस्ती। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा रियायती दरों पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बैरियहवां मोहल्ले में विशाल फाउन्डेशन की ओर से हास्पिटल का उद्घाटन डा. बबिता शुक्ल की माता पुष्पा शुक्ल ने किया। उन्होंने कहा कि जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है। जिसे देखते हुए 10 बेड से सेवायें शुरू की गई है।  यहां कुशल चिकित्सकों द्वारा मरीजों का समुचित उपचार कराया जाना प्राथमिकता है।

विशाल फाउन्डेशन की डा. बबिता शुक्ल ने बताया कि उनके भाई स्वर्गीय विशाल की स्मृति में अस्पताल आरम्भ किया गया है। यहां गरीबों, मजलूमों को बहुत ही रियायती दरों पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जायेगा। कहा कि पिछले दिनों से उन्होने सरकारी अस्पतालों में जब स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्गति और मरीजों की परेशानियों को समझा उसी समय संकल्प लिया था कि शहर में एक अच्छा हास्पिटल खोला जाय। अति शीघ्र इसका 100 बेड के रूप में विस्तार किया जायेगा जिसमें जांच और आपरेशन की बेहतर सुविधायें उपलब्ध करायी जायेगी। यह अस्पताल मरीजों के लिये वरदान सावित होगा।

उद्घाटन अवसर पर मुख्य रूप से ममता शुक्ल, नोमान अहमद,  सूर्यमणि पाण्डेय, गंगा प्रसाद मिश्र, परमवीर गौड़, मनोज कुमार शुक्ल, मो. दानिश, शनि शुक्ल के साथ ही अस्पताल में सेवा देने वाले डा. मनीष कुमार सिंह सर्जन, डा. एन.के. अस्थाना, डा. स्मृति स्त्री रोग विशेषज्ञ, डा. नमन सक्सेना, डा. शशांक सक्सेना एवं न्यूरो विशेषज्ञ डा. अलका सक्सेना आदि उपस्थित रहे।

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शनिवार, 3 जुलाई 2021

भानपुर/बस्ती - कार दुर्घटना में बाल- बाल बचीं सपा जिला अध्यक्ष ,उनकी माँ समेत तीन घायल

तहकीकात समाचार
बस्ती- सोनहा थाना क्षेत्र के उकडा के पास कार दुर्घटना में सपा की महिला विंग की जिला अध्यक्ष समेत 3 लोग घायल हो गए।बलरामपुर जिले के नगरपालिका लेडीज हास्पिटल गेट के निवासी सबाना खान ने बताया कि वह बस्ती में सूर्या अस्पताल में अपनी माँ निगहतारा की कूल्हे का ऑपरेशन करवाने गई हुई थी।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस्ती की तरफ से आ रही  कार डीएल 1V 9621 उकडा तिराहे से 200 मीटर पहले पहुंची थी उस वक्त तेज रफ्तार मोटरसाइकिल चालक कार की लेन में गाड़ी लेकर आता दिखाई दिया गाड़ी चालक जब तक कुछ समझ पाता तब तक गाड़ी पूरी तरह से अनियंत्रित हो गई और तेज रफ्तार गाड़ी सड़क के किनारे गड्ढे में चली गई जहां पानी भरा होने के नाते आधे हिस्से की गाड़ी पानी मे समा गई।

उसके बाद मौके पर मौजूद लोगों ने मदद की हाथ बढ़ाते हुए सभी को बाहर निकाला जिसमे जिला अध्यक्ष सबाना खान को सीने में ,उनकी बहन दरक्षा अंजुम को पैर में,उनकी मां निगह तारा को एवं 18 वर्षीय बेटी इरम फातिमा को चोट आई है वहीं गाड़ी चालक दानिश पूरी तरह से सुरक्षित है।


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बस्ती-सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी पंचायत अशोक कुमार सिंह का हार्ट अटैक से मौत

बस्ती- सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी पंचायत अशोक कुमार सिंह का हार्ट अटैक से शुक्रवार की रात जिला अस्पताल में मृत्यु हो गई। इससे कलेक्ट्रेट एवं उनके कार्यालय में शोक की लहर फैल गई। उल्लेखनीय है कि अशोक कुमार सिंह वर्ष 2018 से बस्ती में तैनात थे तथा अगले साल अप्रैल माह में सेवानिवृत्त होने वाले थे। लगभग 59 वर्ष की आयु मे उन्होंने अंतिम सांस ली। वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

 जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट परिसर में शोकसभा का आयोजन किया गया जिसमें उन्हें 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। अपने संबोधन में जिलाधिकारी ने कहा कि वे पिछले 4 माह से उनके कार्य एवं आचरण को देख रही थी। उन्हें पंचायत निर्वाचन के बारे में अच्छी जानकारी थी तथा वे कर्मठ व्यक्ति थे। सौपे गए कार्यों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से संपादित करते थे। उनके आकस्मिक निधन से पंचायत निर्वाचन कार्यालय की अपूरणीय क्षति हुई है।

 इस अवसर पर सीडीओ डॉ0 राजेश कुमार प्रजापति, सीआरओ नीता यादव, एसडीएम सदर आशाराम वर्मा, भानपुर आनंद श्रीनेत, सीओ धनंजय कुमार कुशवाहा, कृष्णराम तिवारी, तुलसीराम, हीरालाल, अरुण सिंह, शोएब मोहम्मद, कलेक्ट्रेट के सूर्य लाल, अशोक मिश्रा, राम कुमार पाल, रामकुमार, राघवेंद्र पांडे, राघवेंद्र शरण शुक्ला, आशीष आदि उपस्थित रहे

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7 जुलाई के बाद बदलेगा उत्तर भारत का मौसम ,इन राज्यों में हल्की बारिश की संभावना

मौसम विभाग के अनुसार शनिवार से अरब सागर से नम हवाएं गुजरात, राजस्थान और दिल्ली पहुंचने लगेंगी. तब गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है. लेकिन फिर भी दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में 7 जुलाई तक मॉनसून दस्तक नहीं देगा. 7 जुलाई के बाद बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाएं उत्तर भारत में पहुंचने लगेंगी. तब मॉनसून फिर सक्रिय होगा. 11-12 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र भी बनेगा, जिससे कमजोर पड़े मॉनसून को ताकत मिलेगी.

मौसम विभाग (IMD) के अनुसार कि पूर्वी दिशा से आने वाली नमी वाली हवाओं को पाकिस्तान से आने वाली पश्चिमी हवाएं रोक रही रही हैं. इसलिए दिल्ली को मॉनसून के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. दिल्ली के साथ हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी यूपी के इलाके भी इसी वजह से जबरदस्त लू की चपेट में हैं. यहां भी मॉनसून की एंट्री पिछले 2 हफ्ते से रुकी हुई है.

इन राज्यों में हल्की बारिश की संभावना
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम के कुछ हिस्सों, मेघालय, बिहार, तेलंगाना के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु, केरल, तटीय कर्नाटक और तटीय आंध्र प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है.


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उत्तर प्रदेश में आज होगा जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव ,शाम को ही आ जाएगा परिणाम

UP Zila Panchayat Adhyaksh Chunav: उत्तर प्रदेश के 53 जिलों में शनिवार यानी आज जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मतदान होगा. राज्‍य निर्वाचन आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 53 जिलों में तीन जुलाई को 11 बजे पूर्वाह्न से तीन बजे अपराह्न तक मतदान होगा तथा तीन बजे के बाद मतगणना प्रारंभ होगी.

जानकारी के अनुसार राज्य के चंदौली, हापुड़, सुलतानपुर, मिर्जापुर, रायबरेली, मथुरा, फिरोजाबाद, बिजनौर, हमीरपुर, मुजफ्फरनगर, सोनभद्र, बलिया, गाजीपुर, उन्नाव, हरदोई, कुशीनगर, मैनपुरी, प्रतापगढ़, कन्नौज, जालौन, महराजगंज, संतकबीरनगर, लखीमपुर, बदायूं, प्रयागराज,, अमेठी, भदोही, बाराबंकी, फर्रुखाबाद, संभल, बस्ती, फतेहपुर, शामली, अलीगढ़, जौनपुर, कासगंज, आजमगढ़, सिद्धार्थनगर, एटा, अयोध्‍या, रामपुर, सीतापुर, औरैया, महोबा, फतेहपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, अंबेडकरनगर, बरेली, कौशांबी, हाथरस, देवरिया और लखनऊ में शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मतदान होगा.

बस्ती में भाजपा प्रत्याशी संजय चौधरी और सपा उम्मीदवार वीरेंद्र चौधरी मैदान में हैं।


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