बुधवार, 30 जून 2021

COVID से हुई मौतों पर दिया जाए मुआवज़ा, 6 हफ्ते में गाइडलाइन जारी करे NDMA: सुप्रीम कोर्ट

नईदिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कोविड पीड़ितों (Covid-19) को मुआवजा देने के लिए गाइडलाइन तैयार करने के आदेश दिए हैं.  SC ने कहा कि  कोविड पीड़ितों को अनुग्रह राशि सहित राहत के न्यूनतम मानक प्रदान करना राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के लिए वैधानिक रूप से अनिवार्य है. अनुग्रह राशि प्रदान न करके NDMA अपने वैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहा है. कोर्ट ने केंद्र को COVID पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि  राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा तय किया जाएगा कि पीड़ितों को कितनी राशि दी जाए. 6 हफ्ते में गाइडलाइन तैयार की जाएगी.

बता दें कि कोविड से हुई मौत पर चार लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत के लिए ये वाजिब नहीं है कि वो सरकार को एक निश्चित राशि का मुआवजा देने के आदेश दे . सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि अगर चार लाख रुपये मुआवजा दिया जाता है तो इससे सरकार को आर्थिक दिक्कत हो सकती है. ये प्राधिकरण पर है कि वो इसके लिए मुआवजा तय करे.

NDMA छह हफ्ते के भीतर गाइडलाइन तैयार करे

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि NDMA छह हफ्ते के भीतर गाइडलाइन तैयार करेगा. कोविड पीड़ितों के मृत्यु प्रमाण पत्र पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत और मृत्यु का कारण होगा. परिवार के संतुष्ट न होने पर मृत्यु के कारण को ठीक करने के लिए तंत्र भी होना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोविड से मृत व्यक्ति के परिवारों को अनुग्रह सहायता देना आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 12 के तहत निर्धारित 'राहत के न्यूनतम मानकों' का हिस्सा है.साथ ही ये भी कहा कि हम मुआवजा तय नहीं कर रहे, लेकिन NDMA छह  हफ्ते के भीतर प्रत्येक कोविड पीड़ित को भुगतान की जाने वाली अनुग्रह राशि निर्धारित करने का दिशानिर्देश जारी करे. भारत में कोविड महामारी के कारण लगभग 3.9 लाख मौतें हुई हैं, जिसे आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आपदा घोषित किया गया है.


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मंगलवार, 29 जून 2021

बस्ती- चकबंदी प्रक्रिया के दौरान बिना बताए जानकारी दिए चक काटने को लेकर काश्तकारों में उबाल

बस्ती- भानपुर तहसील क्षेत्र के अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत में चकबंदी के दौरान बिना बताए चक काटने का आरोप लगाते हुए सैकड़ो काश्तकारों ने फार्म 23 को निरस्त करने की मांग की है ।

काश्तकारों ने जिलाधिकारी को शिकायत देते हुए कहा कि अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत चकबंदी प्रक्रिया में जिसके तहत काश्तकारों की जमीन को बिना उनकी राय के काट कर जहां तहां बैठा दिया गया जिसके चलते या काश्तकारों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है।

गांव के प्रदीप चन्द्र वर्मा ने बताया कि हमारा चक अलग अलग स्थान पर था जिसे समझौते के तहत उसके सहभागी काश्तकार और हम लोग एक स्थान पर करने के लिए राजी थे लेकिन चकबंदी कर्मचारियों द्वारा चक को अलग अलग स्थान पर जस के तस छोड़ दिया गया ।

इसी प्रकार महेंद्र चौधरी ,रामनयन चौधरी ,रामचन्द्र यादव ,श्याम बिहारी चौधरी ,राममूरत चौधरी , जगनारायण चौधरी ,नरसिंह चौधरी ,उदयराज यादव ,कमल कुमार ,केदारनाथ मोदनवाल ,अमित कुमार ,रामजन्म ,रामकुमार सोनी ,कृपाल शर्मा रामप्रताप चौधरी ,राजपाल चौधरी ,रामकुमार यादव ,रामनरेश चौधरी ,राम चरित्र यादव समेत 200 से अधिक काश्तकारों का आरोप है कि लॉकडाउन के दौरान जब सारा काम काज ठप था तब चकबंदी करने वाले लोग काश्तकारों की सलाह लिए बगैर चक काट दिया गया जिसके चलते बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है।

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सोमवार, 28 जून 2021

बस्ती - डॉक्टर डी.के. गुप्ता बने स्काउट गाइड के आजीवन सदस्य

बस्ती- रोटरी क्लब मिड टाउन और स्काउट गाइड का मूल उद्देश्य समाज सेवा और जनहित के कार्यों में अपनी सहभागिता निभाना है,यह विचार जनपद के प्रख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ और रोटरी क्लब मिड टाउन के अध्यक्ष डॉक्टर डीके गुप्ता ने उत्तर प्रदेश भारत स्काउट और गाइड दौलतराम स्काउट भवन बस्ती और उत्तर प्रदेश भारत स्काउट और गाइड प्रादेशिक मुख्यालय लखनऊ की आजीवन सदस्यता ग्रहण करते हुए व्यक्त किया । उन्होंने बताया कि हमारे रोटरी क्लब के चार्टर अध्यक्ष डॉक्टर रमेश चन्द्र श्रीवास्तव भी स्काउट गाइड के वर्षो से आजीवन सदस्य हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रादेशिक मुख्यायुक्त डॉ. प्रभात कुमार की पहल पर  डॉक्टर गुप्ता आजीवन सदस्य बनाये गए हैं।जिला प्रशिक्षण आयुक्त कुलदीप सिंह ने बताया कि श्री गुप्ता ने हमारे अनुरोध को स्वीकार किया है इसके लिये संस्था आभार ज्ञापित करती है ।इनके द्वारा समाज मे होने वाले अधिकांश अच्छे कार्यो और कार्यक्रम में अपनी सहभागिता निभाई जाती है ।उन्होंने बताया कि डॉक्टर डीके गुप्ता की पत्नी डॉ. निधि गुप्ता अध्यक्ष इनरव्हील क्लब के साथ मलिन बस्ती, हरिजन बस्ती, कुष्ठ आश्रम आदि स्थानों पर सेवाकार्य पौध रोपड़ आदि करते रहते हैं इनके स्काउट गाइड संस्था से जुड़ने के बाद संस्था में नई स्फूर्ति आयेगी।

प्रादेशिक मुख्यायुक्त डॉ. प्रभात कुमार,संयुक्त शिक्षा निदेशक मनोज कुमार द्विवेदी,उप शिक्षा निदेशक ओम प्रकाश मिश्र,जिला विद्यालय निरीक्षक दलसिंगार यादव,स्काउट कमिश्नर शिव बहादुर सिंह,गाइड कमिश्नर नीलम सिंह,जिला सचिव डॉ. हरेन्द्र प्रताप सिंह,जिला कोषाध्यक्ष विद्याधर वर्मा,सहायक प्रादेशिक संगठन कमिश्नर सुरेश प्रसाद तिवारी,जिला प्रशिक्षण आयुक्त गाइड सत्या पाण्डेय,जिला प्रशिक्षण आयुक्त स्काउट कुलदीप सिंह,अमित शुक्ल,सरोज सिंह,राम सुधाकर पाण्डेय,आजीवन सदस्य संजय द्विवेदी,आशीष श्रीवास्तव,मेहताब आलम आदि ने प्रसन्नता व्यक्त किया है।

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यूपी-लाखों का बजट खर्च करने के बाद अस्तित्व में नही आ पाया गांव में बनवाये गए सार्वजनिक शौचालय

संवाददाता -राकेश चौधरी
सिद्धार्थनगर - सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत भले ही ग्राम पंचायतों में करोड़ो करोड़ रुपया खर्च किया है लेकिन स्थानीय जिम्मदारों की उदासीनता और भ्रष्टाचार के चलते स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनने वाले सार्वजनिक शौचालय अपने उद्देश्य की पूर्ति करने में अभी तक असफल हैं।
ये तस्वीर जनपद के मिठवल ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बनगवा द्वितीय का है जहां पर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण होकर गांव को खुले में शौच से मुक्त करना था लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक शौचालय का काम पूरा नही हो सका।

ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय का भवन बना दिया गया है , बाहर से प्लास्टर कर दिया गया है लेकिन अंदर से अभी तक ना मिट्टी की भराई हुई है ना ही प्लास्टर हुआ है, शौचालय के भवन में न तो दरवाजे लगे हैं, ना सीट बैठाया गया है यहां तक की गड्ढे का निर्माण भी अभी तक नही किया गया है। जबकि इसके निर्माण पर 3 लाख से अधिक का धनराशि खर्च हो गया।

इस सम्बंध में तहकीकात समाचार की तरफ से ग्राम पंचायत अधिकारी आशुतोष मिश्रा से बात हुई तो उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत में जिस शौचालय का निर्माण हो रहा है उसमें कुछ काम बाकी रह गया है जिसे अगले 10 दिन में पूरा करा लिया जाएगा। फिलहाल हो चाहे जो इस तरह से जनपद भर में सैकड़ो शौचालय की स्थिति दयनीय हालत में है लेकिन अब देखना यह होगा कि ग्राम पंचायत के अस्तित्व में आने के बाद शौचालय की स्थिति में कितना बदलाव आता है ।


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शनिवार, 26 जून 2021

बस्ती-सादगी के साथ मनाई गई छत्रपति शाहू जी महाराज की 147 वीं जयंती

केoसीo श्रीवास्तव

बस्ती : सरदार सेना के जिला अध्यक्ष प्रभाकर वर्मा के नेतृत्व में अमरौली शुमाली के रामनगर चौराहे पर छत्रपति शाहूजी महाराज की 147 वीं जयंती सादगी से मनाई गई।

इस अवसर पर जिला अध्यक्ष प्रभाकर वर्मा ने शाहूजी महाराज के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया ।उन्होंने छत्रपति शाहूजी महाराज के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा किए गए कार्यों के बारे में विस्तार से बताया ।

 उतर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष रामभरत  कहा कि छत्रपति शाहूजी महाराज ने आठ सितंबर 1913 को कोल्हापुर संस्थान में सख्ती से अनिवार्य शिक्षा का आदेश जारी किया। 1917 में विधवा कानून बनाने का आदेश, 1920 को बंधुआ मजदूरी की प्रथा बंद करने का आदेश जारी किया। इसके अलावा उन्होंने समाज के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए। अनेक कार्यक्रम दलित उत्थान के लिए चलाए। 

इस अवसर पर सौरभ वीपी वर्मा ,जमुना यादव ,अनिल चौधरी , अखिलेन्द्र श्रीवास्तव ,अवधेश चौधरी ,राधेश्याम यादव ,दिनेश चौधरी ,संजय चौधरी ,महंत यादव आदि  मौजूद रहे।


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अवैध निर्माण की शिकायत लेकर कार्यालय का चक्कर लगाता रहा पीड़ित बंजर की जमीन पर बन गया मकान

सौरभ वीपी वर्मा

बस्ती- योगी सरकार भले ही भूमाफियाओं पर शिकंजा कसने की बात कर रही है लेकिन स्थानीय स्तर पर जिम्मदेदारों की उदासीनता से सरकारी जमीन पर कब्जा आम हो गया है।

भानपुर तहसील क्षेत्र के बेइली गांव के निवासी मोहम्मद जाबिर ने बताया कि वह पिछले 20 दिनों से गांव में हो रहे बंजर की जमीन पर निर्माण को रोकवाने के लिए तहसील का चक्कर लगा रहे है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही शुरू नही हो पाई।

जाबिर ने बताया कि जिस दिन से वह तहसील और थाना का चक्कर लगा रहा है उस दिन से लेकर आज तक निर्माण छत स्तर पर पहुंच गया लेकिन अभी तक भूमाफिया के ऊपर मामूली कार्यवाही भी नही हो पाई।

पीड़ित ने बताया कि 15 जून को उपजिलाधिकारी भानपुर को वह शिकायत पत्र दिया जिसका रिपोर्ट उन्होंने लेखपाल से मांगा लेकिन अभी तक न तो कोई कार्यवाई हुई और न ही काम को रोका गया।

पीड़ित ने कहा कि वह तहसील के अलावा जिला अधिकारी को भी शिकायत पत्र दिया लेकिन अभी तक बंजर की जमीन पर हो रहे निर्माण को रोकने के लिए कोई प्रयास नही किया गया।

इस संबंध में उपजिलाधिकारी आनंद श्रीनेत से बात हुई तो उन्होंने कहा कि इस मामले में 25 तारीख को पुलिस के साथ लेखपाल को भेज कर काम रोकवाने के लिए निर्देशित किया गया था लेकिन अभी तक मामले की रिपोर्ट सामने नही आई है ,अगर इस मामले में लेखपाल दोषी पाए जाते हैं तो उनके ऊपर कठोर कार्यवाई की जाएगी साथ ही निर्माण स्थल पर कब्जा करने वाले लोगों को भी बेदखल किया जाएगा।

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डेल्‍टा प्‍लस वेरिएंट को लेकर 'अलर्ट मोड' पर केंद्र सरकार, तीसरी लहर की आहट

नई दिल्ली : कोरोना वायरस के नए वेरिएंट डेल्‍टा प्‍लस को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह वेरिएंट, कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है. डेल्टा प्लस वेरियंट (Delta plus variant)  को लेकर केंद्र ने आठ राज्यों को चिट्ठी लिखकर दिए अहम निर्देश दिए हैं. केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा,जम्मू-कश्मीर, पंजाब, कर्नाटक, राजस्थान और तमिलनाडु को यह चिट्ठी लिखी गई है, इसमें इन राज्यों को कहा गया है कि जिलों और समूहों में तत्काल रोकथाम के उपाय करें, जिसमें भीड़ और लोगों का आपस में मिलने जुलने पर रोक, बड़े स्तर पर टेस्टिंग, तत्काल ट्रेसिंग और साथ ही प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन कवरेज शामिल है.


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शुक्रवार, 25 जून 2021

बस्ती- संपत्ति के विवाद में की गई थी बलिराम की हत्या ,बेटी और दामाद ने रची थी साजिश

सौरभ वीपी वर्मा

बस्ती-  सोनहा थाना क्षेत्र के करौता उर्फ करनपुर निवासी बलराम हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने कर दिया है जिसमे उसकी बेटी और दामाद ने ही साजिश रचकर घटना को अंजाम दिया था। 

अपने ससुराल गए थे बलिराम

बलिराम 21 तारीख को अपने ससुराल असुरैना शादी में शामिल होने गए थे जहां उनके साले शिवनारायण की बेटी की शादी थी और यहीं पर उनकी बेटी रेनू और दामाद भी शादी में शामिल होने आए थे। बलिराम की बेटी ने यह साजिश महीनों पूर्व रची थी क्योंकि रेनू के मामा ने उसके पति अरविंद को निमंत्रण नही दिया था लेकिन वह लड़ झगड़ कर अपने पति अरविंद निषाद को बुलाने के लिए निमंत्रण भेजवाया था ।

दोस्त के संघ दिया वारदात को दिया अंजाम 

बलिराम के दामाद अरविंद निषाद बस्ती के पठान टोला का रहने वाला था यहां से वह अपने एक साथी राहुल जो उसी मोहल्ले का रहने वाला था उसको साथ लेकर शादी में शामिल होने मोटरसाइकिल से असुरैना गया था। शादी की रात जब वर वधू पक्ष के लोग शादी के जश्न में डूबे थे तब अरविंद उसकी पत्नी  रेनू और उसका दोस्त राहुल बलिराम को मारने का षणयंत्र रच रहे थे।

ससुराल से लौटने वक्त रास्ते में दिया घटना को अंजाम

बलिराम रात को शादी की रस्में पूरी होने के बाद अपनी मोटरसाइकिल से करीब दो बजे के आसपास अपने घर करनपुर जा रहे थे जहां पहले से ही हत्या की साजिश रचने वाले अरविंद और राहुल उनके पीछे लग गए और मौका पाकर खैरा पुल पर ये दोनों अपने मकसद में कामयाब हो गए । पुलिस के पूछताछ के दौरान अरविंद ने बताया कि जब उसके ससुर बलिराम खैरा पुल के पास पहुंचे तो इनके ऊपर पत्थर फेंक दिया जिससे उनकी गाड़ी अनियंत्रित हो गई और वह सड़क के किनारे पत्थर पर गिर गए उसके बाद उसने गाड़ी से उतर के बलिराम के सिर के पीछे धारदार हथियार से हमला कर दिया जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

शक के आधार पर पुलिस ने जब मृतक बलिराम के दामाद अरविंद से पूछताछ किया तो पहले वह पुलिस को गुमराह करता रहा उसके बाद पुलिस द्वारा कड़ाई करने के बाद उसने जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस के पूछताछ में अरविंद ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद वह रात में ही बस्ती के पठान टोला अपने साथी राहुल को छोड़ने चला गया और वहीं पर उसने अपने खून लगे शर्ट को छिपा दिया और उसके बाद राहुल का टीशर्ट पहनकर रात में ही आकर असुरैना पहुंच गया।

संपत्ति के लालच में दिया घटना को अंजाम

पुलिस के पूछताछ में अभियुक्त अरविंद ने बताया उनकी पत्नी यानी रेनू बलिराम की इकलौती पुत्री थी वहीं बलिराम के पास काफी संपत्ति थी जिसे वह अपने भाइयों से अच्छा तालमेल होने के नाते वह संपत्ति उन्ही को देना चाहता था जिसके लालच में आकर रेनू ने अपने पिता के हत्या की योजना तैयार कर दिया।

घटना में शामिल तीनों अभियुक्तों को शुक्रवार को सुबह अलग अलग जगह से गिरफ्तार कर  तीनो अभियुक्तों के खिलाफ धारा 34,302,201,120(B) IPC में न्यायलय में पेश कर जेल भेज दिया गया।

गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक सोनहा रामकृष्ण मिश्र ,उ0नि0 उमाशंकर त्रिपाठी ,उ0नि0 एखलाख अहमद ,का0 विनय कुमार कनौजिया ,का0 विवेक कुमार यादव ,रि0का0 शुभम दूबे ,महिला कांस्टेबल अनिता यादव शामिल रहे।


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गुरुवार, 24 जून 2021

बस्ती- प्रधान संघ के ब्लॉक अध्यक्ष के लिए तीन धड़ों में बंटे प्रधान ,चुनाव कराए जाने की मांग

बस्ती- सल्टौआ में प्रधान संघ के ब्लॉक अध्यक्ष बनाने के लिए प्रधान तीन धड़ों में बंटे हुए दिखाई दे रहे हैं। बृहस्पतिवार को ब्लॉक पर हुई बैठक में जहां दुर्गेशमणि पाण्डेय ने एक गुट का बहुमत बताते हुए आशुतोष शुक्ला को अध्यक्ष घोषित कर दिया वहीं । गोरखर के प्रधान प्रतिनिधि विजय चन्द्र सिंह और मुस्तफाबाद के प्रधान रविन्द्र कुमार चौधरी ने कहा कि अभी ब्लॉक अध्यक्ष का चयन नही हुआ है इसके लिए अभी सभी प्रधानों का अलग अलग राय है। इन दोनों लोगों ने भी अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश किया है।

जाता के प्रधान संतोष कुमार चौधरी ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि अध्यक्ष पद के लिए 15 जुलाई को चुनाव कराया जाना है उसके बाद ब्लॉक अध्यक्ष का चेहरा साफ होगा। 

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बुधवार, 23 जून 2021

लखनऊ- भाजपा और अपना दल में बात बनी तो बस्ती के राजनीतिक गलियारे में आ सकता है भूचाल

सौरभ वीपी वर्मा 

राजनीति में कब किसका सिक्का चमक जाए और कब किसका पासा पलट जाए कुछ कहा नही जा सकता ।ऐसा ही कुछ बस्ती के राजनीतिक गलियारों में उठा पटक होने की आहट सुनाई दे रही है।

बस्ती के जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के रेस में अभी तक भाजपा के पुराने नेता संजय चौधरी हावी दिखाई दे रहे हैं । और उनका टिकट भी तय माना जा रहा है । लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा द्वारा मात्र तीन जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रत्याशियों की घोषणा न करना भारतीय जनता पार्टी का अपने सहयोगी दलों को साधने की कोशिश भी दिखाई पड़ रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल प्रदेश में अपनी पार्टी से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशियों को उतारने की बात कर रही हैं जिसमे बस्ती ,मिर्जापुर और प्रतापगढ़ की सीट अनुप्रिया पटेल को देकर भाजपा उन्हें खुश करने के प्रयास में जुट गई है।

सूत्रों की मानें तो यदि अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष को भाजपा खुश करने में कामयाब रही तो बस्ती की सीट पर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए गिल्लम चौधरी प्रत्याशी हो सकते हैं।हालांकि अभी तब तक धैर्य बनाये रखना जरूरी है जब तक दोनों दलों के नेताओं का निर्णय नही आ जाता।


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विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी की 9,371 करोड़ की संपत्ति सरकारी बैंकों को स्थानांतरित

नई दिल्ली : भगोड़े कारोबारियों विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी की कुल 9,371 करोड़ की संपत्ति सरकारी बैंकों को ट्रांस्फर कर दी गई है ताकि उनके खिलाफ धोखाधड़ी के कारण हुए नुकसान की भरपाई की जा सके. प्राप्त जानकारी के अनुसार ED ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 8441.5 करोड़ रुपये की कुर्क संपत्तियां हस्तांतरित कीं, जिन्हें विजय माल्या, नीरव मोदी द्वाराधोखाधड़ी के कारण नुकसान हुआ था. बताते चलें कि तीन भगौड़ो कारोबियों (विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी) ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों को अपनी कंपनियों के माध्यम से बड़ी रकम की हेराफेरी करके धोखा दिया है, जिसके कारण बैंकों को कुल 22,585.83 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ था. 


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कोरोना से मौत पर निरंकुश केंद्रीय सत्ता ने हाथ खड़े किए ,तो क्या योगी सरकार के पास 900 करोड़ नही?

सौरभ वीपी वर्मा
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का आगाज हो गया है । 2022 में चुनाव होना है , प्रदेश की जनता मौजूदा भारतीय जनता पार्टी की सरकार से सवाल क्यों न पूछे कि जब सरकारी आंकड़ों में मात्र 22224 लोगों की मौत कोरोना से हुई है तो आखिर यूपी सरकार ने मात्र 4 -4 लाख का मुआवजा क्यों नही दे पाई ? जबकि लगभग 900 करोड़ रुपया खर्च करने भर से सभी को मुआवजा दिया जा सकता है। 

सच तो यह है कि बेबुनियाद मुद्दों पर बहस करने वाली सरकार और बंदरबांट के माध्यम से पार्टी कार्यालय से लेकर के पार्टी नेताओं को मजबूत करने वाली सरकार आम नागरिकों के हित में काम नहीं कर रही है । फ्रंट वर्कर के तौर पर इस प्रदेश की सफाई कर्मचारी ,मेडिकल कर्मचारी ,डॉक्टर ,बिजली मैन चुनाव में ड्यूटी करने वाले शिक्षक , पुलिस के जवान अन्य कर्मचारियों आदि लोगों ने आगे बढ़कर करुणा से जूझ रहे देश और प्रदेश में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है । लेकिन इन लोगों को मुआवजा देने की बात आई तो भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कह दिया कि हमारे बस की बात नहीं है कि हम चार -चार लाख का मुआवजा कोरोना से मरने वाले लोगों को दे पाएं ।

अब आप सोचिए-समझिए,विचार कीजिए एवं अध्ययन कीजिए कि मौजूदा भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के नागरिकों के लिए कितना हमदर्द है ।देश प्रदेश के लोगों को उम्मीद होती है जब उनके परिजन किसी महामारी या दुर्घटना में मारे जाते हैं तो सरकार उनकी मदद करेगी लेकिन मौजूदा भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने मुआवजा देने की बात आई तो हाथ खड़ा कर दिया ।

 नैतिकता और मानवता के आधार पर सरकार को कोरोना से मरने वाले लोगों के परिजन को मुआवजा राशि देना चाहिए  । जिन लोगों की मौत हुई है वह इस प्रदेश के नागरिक हैं इस देश के नागरिक हैं । जरा विचार कीजिए यदि उनके घर में कमाने के लिए कोई और लोग ना हो तो उस घर का खर्चा कैसे चलेगा जिसने अपनी बेटी ,बेटा ,बाप ,भाई ,बहन आदि को खो दिया है

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मंगलवार, 22 जून 2021

यूपी- धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का खुलासा ,दो मौलाना गिरफ्तार ,1000 से ज्यादा का धर्म परिवर्तन

लखनऊ
यूपी के नोएडा में धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का खुलासा होने के बाद से हर कोई सकते में है। फिलहाल यूपी एटीएस ने पूरे मामले में 2 मौलानाओं को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल बीते 2 साल से चल रहे धर्मांतरण के इस रैकेट में मूक-बधिर बच्चों और महिलाओं का धर्म परिवर्तन करा दिया जाता था। अब तक यह रैकेट 1000 लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुका है। पकड़े गए दोनों आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी दिल्ली के जामिया नगर इलाके के रहने वाले हैं।

उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार खुद कह चुके हैं कि बीते एक साल के भीतर 350 लोगों का धर्मांतरण कराया जा चुका है। धर्मांतरण के लिए लोगों को धमकाया और डराया भी गया है। पूछताछ में सामने आया लगभग 1000 लोगों की लिस्ट है जिनको प्रलोभन और पैसे देकर धर्मांतरण किया गया। एडीजी ने कहा कि इन्हें विदेशों से फंडिंग मिलती थी। देश के सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया जा रहा है।

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रविवार, 20 जून 2021

बस्ती :भाजपा ने संजय चौधरी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए घोषित किया प्रत्याशी


 
सोमनाथ सोनकर

बस्ती-  भारतीय जनता पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में संजय चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है. जनपद में में भाजपा समर्थित नौ सदस्य हैं जिन्होने जीत हासिल की है।. सपा समर्थित 16, कांग्रेस समर्थित एक, बसपा समर्थित छह, भासपा समर्थित दो, भीम आर्मी समर्थित एक और अन्य आठ सदस्य हैं ।

 सहायक निर्वाचन अधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी डॉ. राजेश कुमार प्रजापति ने बताया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के निर्वाचन हेतु नाम निर्देशन पत्रों की बिक्री से लेकर मतगणना तक का कार्य न्यायालय जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में होगा उन्होंने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु 26 जून 2021 को नाम निर्देशन पूर्वाहन 11:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक किया जायेगा तथा इसी दिन दोपहर 3:00 बजे से कार्य समाप्ति तक नाम निर्देशन पत्रों की समीक्षा की जाएगी ।

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कोरोना से हुई मौतों पर 4 लाख का मुआवजा नहीं दे सकते, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी जानकारी

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कोरोना से जान गंवाने (Covid-19 Death) वालों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने के संबंध में दाखिल याचिका का केंद्र सरकार (Central Govt) ने जवाब दिया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि  कोरोना से जान गंवाने वाले परिवारों को 4 लाख का मुआवजा (Corona Death Compensation) नहीं दिया जा सकता है. आपदा प्रबंधन कानून के तहत अनिवार्य मुआवजा केवल प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ आदि पर ही लागू होता है. एक बीमारी के लिए अनुग्रह राशि देना और दूसरी के लिए इसे अस्वीकार करना अनुचित होगा. सभी कोरोना पीड़ितों को मुआवजे का भुगतान राज्यों के वित्तीय सामर्थ्य से बाहर है. सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में याचिका पर सुनवाई कर रहा है. याचिका में केंद्र और राज्यों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का अनुरोध किया गया है. सुप्रीम कोर्ट मामले में सोमवार को सुनवाई करेगा।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामें में कहा कि कोरोना के प्रसार और प्रभाव के कारण प्राकृतिक आपदाओं के लिए मुआवजे को लागू करना उचित नहीं होगा. इसे कोरोना महामारी पर लागू नहीं किया जा सकता है. केंद्र और राज्य पहले ही टैक्स राजस्व में कमी और स्वास्थ्य खर्च में वृद्धि के कारण गंभीर वित्तीय दबाव में हैं. अनुग्रह राशि देने के लिए संसाधनों का उपयोग महामारी के खिलाफ कार्यवाही और स्वास्थ्य व्यय को प्रभावित कर सकता है. ये अच्छा करने की बजाए नुकसान का कारण बन सकता है. महामारी के कारण 3,85,000 से अधिक मौतें हुई हैं जिनके और भी बढ़ने की संभावना है.

केंद्र ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसले ही कहते हैं कि नीतिगत मामलों को कार्यपालिका पर छोड़ देना चाहिए और अदालत कार्यपालिका की ओर से निर्णय नहीं ले सकती. कोरोना पीड़ितों के लिए डेथ सर्टिफिकेट पर केंद्र ने कहा कि कोविड से हुई मौतों को मृत्यु प्रमाणपत्रों में कोविड मौतों के रूप में प्रमाणित किया जाएगा. कोविड मौतों को प्रमाणित करने में विफल रहने पर प्रमाणित करने वाले डॉक्टरों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.


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शनिवार, 19 जून 2021

PM मोदी के करीबी और पूर्व IAS अधिकारी एके शर्मा बने यूपी BJP के उपाध्यक्ष

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के करीबी माने जाने वाले पूर्व IAS अफसर एके शर्मा (AK Sharma) को बीजेपी उत्तर प्रदेश का उपाध्यक्ष बनाया गया है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. हफ्तों से अटकलें लगाई जा रही थीं कि एमएलसी,और भारतीय प्रशासनिक सेवाके पूर्व अधिकारी शर्मा को यूपी में मंत्री बनाया जाएगा. उन्हें इस साल की शुरुआत में COVID-19 के खिलाफ लड़ाई की निगरानी के लिए पीएम मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी भेजा गया था.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने शनिवार को पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की घोषणा करते हुए एक प्रदेश उपाध्यक्ष व दो प्रदेश मंत्री घोषित किए हैं. प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ए.के. शर्मा सदस्य विधान परिषद (मऊ) को प्रदेश उपाध्यक्ष और अर्चना मिश्रा (लखनऊ) व अमित बाल्मीकि (बुलन्दशहर) को प्रदेश मंत्री नियुक्त किया है. 

गौरतलब है कि अरविंद कुमार शर्मा वर्ष 2001 से 2020 के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी अधिकारी के तौर पर काम कर चुके हैं. वह गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय और उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में भी कार्यरत रहे हैं. उन्होंने समय से दो साल पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है. 


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शुक्रवार, 18 जून 2021

रिपोर्ट : 2021-22 की पहली तिमाही में ही आ सकती है अर्थव्यवस्था में 12% की गिरावट

मुंबई : कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर को काबू में करने के लिये राज्यों के अप्रैल और मई में लगाये गये ‘लॉकडाउन' से चालू वित्त वर्ष 2021-22 की जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में 12 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में यह कहा.

पिछले साल, केवल चार घंटे के नोटिस पर केंद्र के स्तर पर लगाये गये ढाई महीने के देशव्यापी ‘लॉकडाउन' से अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ था और वित्त वर्ष 2020-21 में इसमें 7.3 प्रतिशत का संकुचन हुआ. पहली तिमाही में इसका काफी प्रतिकूल असर रहा और जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आयी. दूसरी तिमाही में स्थिति थोड़ी सुधरी और अर्थव्यवस्था में 17.5 प्रतिशत का संकुचन हुआ.

हालांकि, दूसरी छमाही में तीव्र गति से पुनरूद्धार हुआ. वर्ष की तीसरी तिमाही में वृद्धि दर 0.4 प्रतिशत रही. वहीं चौथी तिमाही में यह बढ़कर 1.6 प्रतिशत पर पहुंच गयी. इससे कुल मिलाकर गिरावट 2020-21 में 7.3 प्रतिशत पर सीमित रही.

स्विस ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया ने एक रिपोर्ट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 12 प्रतिशत की गिरावट से इस बार अर्थव्यवस्था में V (गिरावट के बाद तीव्र गति से वृद्धि) आकार में वृद्धि मुश्किल होगी, जैसा कि पिछली बार राष्ट्रीय स्तर पर ‘लॉकडाउन' हटने के बाद देखा गया था. उसने कहा कि इसका कारण इस बार उपभोक्ता धारण कमजोर बनी हुई है क्योंकि लोग पिछले साल के मुकाबले महामारी की दूसरी लहर के असर को देखकर काफी चिंतित हैं.



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डीएम सौम्या अग्रवाल और CMO बताएं 5 करोड़ के अस्पताल में क्यों है स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव

सौरभ वीपी वर्मा

बस्ती - योगी सरकार में आज तक ग्रामीण इलाकों से जुड़ने वाली कोई भी योजना का सही तरीके से संचालन नही हो पाया है। स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली झेल रहे भिरियाँ न्याय पंचायत से जुड़े लोगों को सपा सरकार में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का सौगात तो मिल गया लेकिन योगी सरकार इस कदर फेल चल रही है कि आज तक उसने इस अस्पताल की दीन दशा सुधारने की जहमत भी नही उठाई।

आलम यह है कि सल्टौआ विकास खंड के अमरौली शुमाली में बने 30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली खत्म होने का नाम नहीं ले रही है । 5 करोड़ रूपये की लागत से बने इस अस्पताल में डॉक्टर ,दवा और स्वास्थ्य संसाधनों का अभाव लगातर बरकरार है । लेकिन न तो जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गंभीरता ले रहे हैं और न ही जनप्रतिनिधि । अब जिला अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जवाबदेही तो तय करना चाहिए कि आखिर इतने बड़े योजना की बदहाली क्यों नही खत्म हो रही है।

यदि वास्तव में सरकार की मंशा जनता के प्रति ठीक-ठाक है तो उसे तत्काल प्रभाव से अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए । लाखों लोगों के इलाज के लिए बने अस्पतालों में जहां स्वास्थ सुविधाओं का अभाव है वहीं डाक्टरों, दवाओं एवं अन्य कर्मचारियों की कमी भी दिखाई पड़ रही है । इसलिए सरकार को और विभागीय जिम्मेदारों को गंभीरता दिखाई दिखानी चाहिए कि तत्काल प्रभाव से अमरौली शुमाली जैसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर ,स्वास्थ्य संसाधन ,कर्मचारियों एवं दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ।

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गुरुवार, 17 जून 2021

बस्ती- पुलिस की निष्क्रियता कहें या लापरवाही ,बाइक चोर को पकड़ कर ठोंका 6 हजार का जुर्माना,पीड़ित के घर पहुंचा नोटिस

सौरभ वीपी वर्मा

वैसे तो यूपी पुलिस अपने आप को सुपर हाईटेक होने का दावा करती है लेकिन उसकी निष्क्रियता और लापरवाही ने उसकी सूचना तंत्र और हाईटेक होने के दावे पर सवाल खड़ा कर दिया है ।

सोनहा थाना क्षेत्र के हसनापुर निवासी  फूलकुमार 18 मार्च 2021 को गांधीनगर स्टेट बैंक पर अपनी अपाचे गाड़ी लेकर कुछ काम से गए थे बैंक परिसर के सामने गाड़ी खड़ी कर बैंक में जाकर लौटने के बाद जब उन्होंने देखा तो उनकी मोटरसाइकिल नही मिली काफी खोजबीन के बाद जब गाड़ी नही मिली तब जाकर उन्होंने थाना कोतवाली में शिकायत दर्ज करवाया।

उसके बाद पीड़ित अपनी गाड़ी खोजने के लिए दौड़ता रहा लेकिन पुलिस अपने हाईटेक प्रणाली का उपयोग करने की बजाय शांत रही ।   पुलिस तो गाड़ी खोजने में नाकामयाब रही लेकिन 22 दिन बाद 9 अप्रैल को कप्तानगंज थाने की पुलिस ने गाड़ी चोर को बाइक समेत बिना हेलमेट और अन्य कागजात के पकड़ लिया फिर क्या पुलिस को तो सरकार का राजस्व बढ़ाना है तो उसने सरकार की मंशा अनुरूप गाड़ी का 6 हजार रुपये का चालान कर दिया  ।

अब पीड़ित को तो गाड़ी नही मिल पाई लेकिन पीड़ित के घर 6 हजार रुपये का जुर्माना भरने का नोटिस पहुंच गया। अब देखना यह होगा कि गाड़ी चोर का फोटो सामने आने के बाद पुलिस कितना सक्रिय हो पाती है।

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बुधवार, 16 जून 2021

गाजियाबाद बुजुर्ग की पिटाई वाला वीडियो दिखाने पर ट्वीटर ,पत्रकारों एवं विपक्षी नेताओं पर मुकदमा

गाजियाबादः उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक मुस्लिम बुजुर्ग की बर्बर पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने इस मामले के संबंध में ट्वीट करने के लिए ट्विटर, कई कांग्रेसी नेताओं और पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

इस मामले में शिकायतकर्ता लोनी बॉर्डर पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर नरेश सिंह हैं.

मंगलवार रात 11.20 मिनट पर दायर एफआईआर में ऑल्ट न्यूज के पत्रकार मोहम्मद जुबैर, पत्रकार राना अय्यूब, मीडिया संगठन द वायर, कांग्रेस नेता सलमान निजामी, मशकूर उस्मानी, शमा मोहम्मद, लेखिका सब नकवी और ट्विटर इंक एवं ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया प्रा. नामित हैं.

पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 (दंगे के लिए उकसाना), 153ए (विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य बढ़ाना), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से काम करना), 505 (शरारत), 120बी (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य मंशा) के तहत मामला दर्ज किया है.


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मंगलवार, 15 जून 2021

एसडीएम आनंद श्रीनेत ने सुलझाया 50 वर्षों से खाली जमीन पर चल रहे हिंदू-मुस्लिम काश्तकारों का विवाद

बस्ती -जनपद के भानपुर तहसील के अंतर्गत उप जिला अधिकारी आनंद श्रीनेत ने एक ऐतिहासिक काम करते हुए हिंदू और मुस्लिम पक्षों में चल रहे 50 वर्षों का विवाद आपसी समझौते पर खत्म कर दिया ।

तहसील क्षेत्र के मझौआ रामप्रसाद ग्राम पंचायत में पिछले 50 वर्षों से हिंदू और मुस्लिम काश्तकारों के बीच एक जमीन विवाद का कारण बना हुआ था जिससे आये दिन टकराव की स्थिति बनी रहती थी।

काश्तकारों की मांग पर आज उप जिलाधिकारी आनंद श्रीनेत ने मौके पर पहुंच कर खाली जमीन की पैमाइश करवाया जिसमें हिंदू के धार्मिक स्थल काली माता के स्थान को चिन्हित कर छोड़ा गया एवं आने जाने के लिए ढाई मीटर चौड़े रास्ते को निकाला गया साथ ही मुस्लिम काश्तकारों की जमीन को उन्हें पैमाइश कर दे दिया गया इसी के साथ लंबे समय से चले आ रहे विवाद पर विराम लग गया। 

इस मौके पर थाना अध्यक्ष रामकृष्ण मिश्रा चौकी इंचार्ज असनहरा, राजस्व टीम , ग्राम प्रधान मजहर , एवं ग्राम पंचायत के लोग मौजूद रहे ।

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लखनऊ /सिद्धार्थनगर -सुरेश यादव पुनः युवजन सभा के प्रदेश सचिव नामित

राकेश चौधरी
लखनऊ- समाजवादी पार्टी ने आज प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए सुरेश कुमार यादव को एक बार पुनः प्रदेश सचिव के पद पर नामित किया। आज समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद गिरी ने पत्र जारी करते हुए सुरेश यादव को दूसरी बार उत्तर प्रदेश कार्यकारिणी में प्रदेश सचिव के पद पर नामित किया।

सुरेश यादव पिछले कई वर्षों से समाजवादी पार्टी के साथ एक संघर्षशील कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते आए हैं वह उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के निवासी हैं और पिछले कई वर्षों से समाजवादी पार्टी के लिए कार्य कर रहे हैं।विगत कई महीनों से जब से करोना वैश्विक महामारी का प्रकोप बढ़ा है उनको पूर्वांचल के कई जिलों में लोगों को सहयोग करते हुए देखा गया।

उन्होंने तहकीकात समाचार के संवाददाता से बात करते हुए अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल का दूसरी बार विश्वास जताने के लिए आभार प्रकट किया।

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सोमवार, 14 जून 2021

बस्ती- विधि विरूद्ध चयन का लाभ उठाकर 15 वर्षों से कुछ लोग ले रहे हैं रजिस्ट्रार कानूनगो का वेतन

बस्तीः राजस्व विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार से कास्तकार परेशान रहते हैं। कहा जाता है राजस्वकर्मी सिर्फ ज़मीनों की तकदीर नही लिखते हैं बल्कि कास्तकारों का नसीब भी लिखते हैं। कागजों में ये ऐसा खेल कर देते हैं कि कोर्ट कचहरी के चक्कर में पड़कर कई पीढ़ियां बरबाद हो जाती हैं लेकिन विवाद जस का तस बना रहता है। लेकिन इस बार जो भ्रष्टाचार सामने आया है उसमें कोई कास्तकार नहीं बल्कि इसके सूत्रधार खुद फंसते नजर आ रहे हैं।

हम बात कर रहे हैं बस्ती सदर तहसील की। यहां विधि विरूद्ध चयन का लाभ उठाकर करीब 15 वर्षों से कुछ लोग रजिस्ट्रार कानूनगो का वेतन ले रहे हैं जबकि वे लेखपाल हैं और उनका चयन रद किया जा चुका है। यह कहना है मूड़घाट निवासी श्रीमती चित्रा श्रीवास्तव का। चित्रा सदर तहसील में तैनात रजिस्ट्रार कानूनगो देवेन्द्र श्रीवास्तव की पत्नी है। देवेन्द्र संतकबीरनगर से ट्रांसफर होकर यहां आये हैं। एक साल में उनका 6 बार पटल बदला गया और दूसरे विधि विरूद्ध चयन पर 2800 की जगह 4200 ग्रेड पे का मजा ले रहे हैं।

यदि यह चयन वाकई गलत हुआ है तो ऐसे करीब आधा दर्जन लोग जो लेखपाल से राजस्व निरीक्षक बनाये गये हैं वे विभाग को प्रतिमाह 15 से 20 हजार का चूना लगा रहे हैं। हालांकि शिकायतकर्ता चित्रा श्रीवास्तव ने जिलाधिकारी को दिये शिकायती पत्र में फिलहाल 3 ऐसे लोगों का जिक्र किया है। आरोप राजेश मिश्रा, गोपालजी और विजय श्रीवास्तव पर है। बताया जा रहा है कि इनका चयन 13.09.2007 को तत्कालीन जिलाधिकारी सौरभ बाबू ने किया था। बाद में प्रभावित पक्षों और कुछ लेखपालों ने राजस्व परिषद मे प्रत्यावेदन दिया। जिलाधिकारी ने 04.10.2007 को इसे सज्ञान लिया और 29.10.2007 को चयन रद कर दिया।

इसके बाद चयनित लोग पुनः लेखपाल हो गये। प्रभावित होने पर उन्होने उच्च न्यायालय में रिट याचिका 56143/2007 दायर की। 27.07.2010 को रिट याचिका डिसमिस कर दी गयी। आदेश में यह भी कहा गया कि इस संदर्भ में कोई अन्तरिम आदेश हो तो उसे भी डिस्पोज किया जाता है। इसके बाद राजेश मिश्रा, गोपालजी और विजय श्रीवास्तव पुनः लेखपाल हो गये। ऐसा ही मामला देवरिया और कुशीनगर का भी था, वहां अनुचित लाभ ले रहे लोगों को लेखपाल बना दिया गया, लेकिन बस्ती में जो लोग विधि विरूद्ध चयन का लाभ ले रहे हैं वे बेहद प्रभावशाली हैं और कागजों के मामले में माहिर हैं।

साथ ही उसी पटल पर वर्षों से जमे हैं। मामला अण्डर ट्रायल रहते हुये बगैर उच्च न्यायालय की अनुमति के राजेश मिश्रा, गोपालजी और विजय श्रीवास्तव को कानूनगो का प्रशिक्षण भी दिला दिया। शिकायतकर्ता का कहना है कि इनके पटल पर बने रहते हुये मामले का निस्तारण संभव नही है। सच्चाई सामने न आने पाये इसके लिये ये तरह तरह से कागजों में मनमानी किया करते हैं। उन्होने जिलाधिकारी से मांग किया है कि जो लोग विधि विरूद्ध चयन का लाभ लेते हुये कानूनगो का वेतन ले रहे हैं उन्हे तत्काल लेखपाल बनाया जाये जिससे विभाग की क्षति और उनके द्वारा की जा रही मनमानियों को रोका जा सके।

सफाई भी सुनिये

राजेश मिश्रा, गोपालजी और विजय श्रीवास्तव आदि ने उपरोक्त मामले में सफाई देते हुये कहा उनके चयन को लेकर मामला सिंगल बेंच में अण्डर ट्रायल है। सभी औपचारिकतायें पूरी की गयी हैं, विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिलाया गया है, मामला परिषद के सज्ञान मे है। फैसला आने के बाद जैसा आदेश होगा उसे अमल में लाया जायेगा। उन्होने कहा शिकायतकर्ता के आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं।

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बस्ती- बहुचर्चित बंजरिया क्षेत्र पंचायत सदस्य सीट पर माया चौधरी को मिली जीत

बस्ती - सल्टौआ ब्लॉक में क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के एक मात्र सीट पर हुए चुनाव का परिणाम आ गया है जिसमे माया चौधरी ने जीत हासिल की है।

चुनाव में रजनीश चौधरी की माता चमेली देवी
, पूर्व प्रधान एवं वर्तमान प्रधानपति रामबचन चौधरी की पुत्रबधू माया चौधरी , पूर्व प्रधान राजेन्द्र चौधरी की पत्नी दुर्गावती देवी एवं बजरंगी चौधरी के भाई की पत्नी शीला देवी ने भाग्य अजमाया था जिसमे माया चौधरी को 538 वोट ,दुर्गावती देवी को 480 चमेली देवी को 314 शीला देवी को 236 मत प्राप्त हुए।

बता दें कि क्षेत्र पंचायत सदस्य के बंजरिया सीट पर बजरंगी चौधरी की माता इन्द्रमती देवी सदस्य चुनी गई थीं लेकिन परिणाम आने के एक हप्ते बाद उनका निधन हो गया था जिसके नाते यह सीट खाली हो गई थी ।

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बस्ती- विवादों से घिरे कई थानेदारों पर गिरी गाज ,13 पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण

बस्ती- जनपद के 13 पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण हो गया है जिसमे से कई थानेदारों का नाम विवादों से जुड़ा हुआ था। पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि विवादों से घिरे जिले के कई थानेदारों को हटा दिया गया है।

जिन पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण हुआ है उनमें रामकृष्ण मिश्र पुलिस लाइन से प्रभारी निरीक्षक सोनहा बनाये गए हैं ,विनोद कुमार कोरी पुलिस लाइन से प्रभारी निरीक्षक नगर, विजय कुमार सिंह डी०सी०आर०बी० से  प्रभारी निरीक्षक दुबौलिया, बिंदेश्वरी मणि त्रिपाठी सर्विलांस से प्रभारी निरीक्षक थाना हरैया, सतानंद पांडेय पुलिस लाइन से देवीपाटन रेंज हुए स्थानांतरण,अशोक कुमार सिंह सोनहा से प्रभारी निरीक्षक डीसीआरबी एवं विशेष जांच प्रकोष्ठ, अनिल कुमार सिंह कलवारी से स्वाट टीम अनिल कुमार दुबौलिया से प्रभारी सर्विलांस, विकास यादव हर्रैया से एवं राजकुमार पांडेय लालगंज से भेजे गए अपराध शाखा, रोहित कुमार उपाध्याय थानाध्यक्ष लालगंज अरविंद कुमार शाही थानाध्यक्ष कलवारी।


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शनिवार, 12 जून 2021

यूपी-पात्र को नही मिल पाया आवास योजना का लाभ ,बारिश में बढ़ी मुसीबत

राकेश चौधरी

सिद्धार्थनगर - सरकार द्वारा गरीब लोगों को छत उपलब्ध कराने के लिए भले ही बड़े प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन धरातल पर एक बहुत बड़ी आबादी के पास रहने के लिए अपना छत नहीं है । मामला सिद्धार्थनगर जनपद के मिठवल विकासखंड का है जहां पर एक परिवार आवास की योजना से वंचित रह गया। आलम यह है कि विकासखंड के ग्राम पंचायत बनगड़ोरी के राजस्व गांव दुबौली में विधवा सिंगारी देवी पत्नी स्व. राजेंद्र अपने सात बच्चों के साथ टीन- टप्पर में रहने को मजबूर है।

आज हमारे तहकीकात समाचार के संवाददाता ने ग्राउंड जीरो पर पड़ताल किया तो पाया कि एक महिला अपने 7 बच्चो के साथ घोर गरीबी का जीवन यापन कर रही। परिवार में 4 बेटियां हैं जिसमें 3 अविवाहित हैं। 3 बेटों में मात्र एक बेटा ही कमाऊ है जो कि कारोना वैश्विक महामारी के कारण बेरोजगार बैठा है।
इस परिवार के पास रहने को छत नहीं है और न ही शौचालय की व्यवस्था है। बात करने पर पता चला कि उसका नाम आवास योजना की पात्रता सूची में भी शामिल है लेकिन ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी के हीला- हवाली के कारण उसको भुगतान नहीं कराया जा रहा है ।

इस संबंध में जब हमारे संवाददाता ने ग्राम विकास अधिकारी कृष्ण कुमार शुक्ल से बात किया तो उन्होंने कहा कि धन की कमी के कारण उनको भुगतान नहीं किया जा सका है लेकिन जैसे ही धन की उपलब्धता हो जाएगा उनको आवास योजना का लाभ दिया जाएगा।

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शुक्रवार, 11 जून 2021

अगर आपको डीलर दे रहे कम राशन तो इन नंबरों पर करें शिकायत ,जानें कैसे बनवाएं नया राशन कार्ड

नई दिल्ली: राशन कार्ड (Ration Card) एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जिसके जरिए आपको सस्ते में राशन मिल जाता है. कई बार हम देखते हैं कि डीलर राशनकार्ड धारकों को राशन देने में आनाकानी करते हैं या फिर किसी वजह से कम राशन तौल कर दे देते हैं. अगर आपके साथ भी कभी ऐसा कुछ होता है तो बिल्कुल भी परेशान न हो. सरकार की ओर से राज्य के हिसाब से हेल्पलाइन नंबर (Helpline number) जारी किए गए हैं. अगर आपको भी कम राशन मिल रहा है तो आप इन नंबरों पर संपर्क करके डीलर के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

सरकार भ्रष्टाचार को कम करने और खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित करने के लिए शिकायत हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं ताकि सब्सिडी वाले राशन गरीबों तक पहुंच सकें. यदि कोई राशन कार्ड धारक अपना भोजन कोटा प्राप्त नहीं कर रहा है, तो वे टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

इस लिंक पर करें विजिट
बता दें आप अपने राज्य के टोल फ्री नंबर नेशनल फूड सिक्योरिटी पोर्टल के इस लिंक https://nfsa.gov.in/portal/State_UT_Toll_Free_AA पर विजिट करके सभी राज्य के नंबर निकाल सकते हैं. अक्सर देखा गया है कि राशन कार्ड के लिए अप्लाई करने के बावजूद कई लोगों को कई महीनों तक राशन कार्ड नहीं मिल पाता. ऐसे में वह इसकी शिकायत भी आसानी से इसके जरिए कर सकते हैं.

यहां देखें राज्यवार शिकायत हेल्पलाइन नंबर
आंध्रप्रदेश - 1800-425-2977
अरुणाचल प्रदेश - 03602244290
असम - 1800-345-3611
बिहार- 1800-3456-194
छ्त्तीसगढ़- 1800-233-3663
गोवा- 1800-233-0022
गुजरात- 1800-233-5500
हरियाणा - 1800–180–2087
हिमाचल प्रदेश - 1800–180–8026
झारखंड - 1800-345-6598, 1800-212-5512
कर्नाटक- 1800-425-9339
केरल- 1800-425-1550
मध्यप्रदेश- 181
महाराष्ट्र- 1800-22-4950
मणिपुर- 1800-345-3821
मेघालय- 1800-345-3670
मिजोरम- 1860-222-222-789, 1800-345-3891
नागालैंड- 1800-345-3704, 1800-345-3705
ओड़िशा - 1800-345-6724 / 6760
पंजाब - 1800-3006-1313
राजस्थान - 1800-180-6127
सिक्किम - 1800-345-3236
तमिलनाडू - 1800-425-5901
तेलंगाना - 1800-4250-0333
त्रिपुरा- 1800-345-3665
उत्तरप्रदेश- 1800-180-0150
उत्तराखंड - 1800-180-2000, 1800-180-4188
पश्चिम बंगाल - 1800-345-5505
दिल्ली - 1800-110-841
जम्मू - 1800-180-7106
कश्मीर - 1800–180–7011
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह - 1800-343-3197
चण्डीगढ़ - 1800–180–2068
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव - 1800-233-4004
लक्षद्वीप - 1800-425-3186
पुदुच्चेरी - 1800-425-1082


इस तरह बनवा सकते हैं राशन कार्ड
आपको सबसे पहले अपने संबधित राज्य की ऑफिशियल साइट पर जाना होगा. राशन कार्ड बनवाने के लिए आईडी प्रूफ के तौर पर आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट दिया जा सकता है. अगर ये कार्ड नहीं है तो सरकार के द्वारा जारी किया गया कोई आई कार्ड, हेल्थ कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस दिया जा सकता है.आपको राशन कार्ड का आवेदन करने के साथ ही पांच से 45 रुपये फीस देनी होगी. एप्लीकेशन सबमिट होने के बाद इसे फील्ड वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाता है. अधिकारी फॉर्म में भरी जानकारियों की जांच कर पुष्टि करता है.

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गुरुवार, 10 जून 2021

अस्पताल ,बेड,डॉक्टर और दवा के अभाव में मर रहे लोगों के बीच कोरोना का डर फैला रही सरकार

सौरभ वीपी वर्मा
 
इलाज के अभाव में जिस तरह से नागरिकों की मौत हो रही है उसे देखने के बाद मात्र कोरोना वायरस को जिम्मेदार ठहराना बेईमानी होगा । जिला अस्पताल से लेकर राजधानी के प्रमुख अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए पहुंचे सैकड़ों लोगों की मौत प्रतिदन इस लिए हो जा रही है क्योंकि उनको अस्पताल ,बेड ,डॉक्टर और दवा नही मिल पा रही है।

इस देश का हर नागरिक अपने उपभोग के जरिये सरकार को टैक्स देता है ताकि उसके स्वास्थ्य और शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित हो पाए लेकिन आजादी के सात दशक बाद देश में बढ़ती आबादी के बाद भी जनसंख्या के सापेक्ष अस्पताल और डॉक्टर की व्यवस्था नही हो पाई।

आज जब कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने देश में कदम रखा तब हमारे पास अस्पताल कम पड़ने लगे लिहाजा हम  स्कूलों और होटलों को अस्पताल में बदलने लगे लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस तरह के अस्थाई व्यवस्था से हम देश की स्वास्थ्य संबंधी ढाँचा को मजबूत कर सकते हैं ? या फिर अस्पतालों ,दवाओं एवं डॉक्टरों के अभाव में हम अपने नागरिकों को ऐसे ही मरने के लिए छोड़ दें ?

इस तरह की चुनौती को देखने के बाद निश्चित रूप से सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में बुनियादी ढांचा मजबूत करने की सख्त जरूरत है वर्ष 2021 के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में खर्च करने के लिए 94,452 करोड़ का आवंटन भले ही किया गया है लेकिन देश भर के अस्पतालों को चलाने के लिए यह बजट नाकाफी है। 

यदि देश के नागरिकों को अस्पतालों ,डॉक्टरों और दवाओं के अभाव में मरने से बचाना है तो सबसे पहले केंद्र सरकार को प्रति वर्ष 4 से 5 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में करना चाहिए साथ ही प्रदेश सरकार को अपनी व्यवस्था में युद्ध स्तर पर बदलाव लाने की जरूरत है अन्यथा हम ऐसे ही कोरोना को कोसते रहेंगे जबकि नागरिकों की मौत गैर कोरोना बीमारियों से होती रहेंगी।

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बुधवार, 9 जून 2021

बस्ती- पाण्डेय बाजार को जोड़ने वाले दो सम्पर्क मार्गों की स्थिति दयनीय, निर्माण की मांग

सोमनाथ सोनकर बस्ती 

बस्ती - गड्ढामुक्त योजना के नाम पर सरकार सरकार ने भले ही पानी की तरह पैसे बहा दिए लेकिन जिस सड़क पर पूरे जनपद के लोगों का आवागमन है आजतक उसकी बदहाल स्थिति में सुधार नही हो पाया।

 शहर के पाण्डेय बाजार से जुड़ने वाले मनौरी चौराहा जाने वाले मार्ग एवं पाण्डेय बाजार से पालिटेक्निक चौराहे तक जाने वाली सड़क की हालत वर्षो से दयनीय बनी हुई है बरसात के दिनों में तो यह सड़क छोटे तालाब का रूप ले लेती है किन्तु  इस सड़क के निर्माण के नाम पर जिम्मेदार लोगों का चुप्पी नही टूट रहा है।

पाण्डेय बाजार शहर का प्रमुख थोक बाजार है और प्रतिदिन गल्ला, खाद ,बर्तन ,कपड़ा आदि के करोड़ों का कारोबार होता है। यही नहीं रेलवे मालगाडी से उतरने वाला सामान भी इन्ही मार्गो से जाता है लेकिन एक मुकम्मल सड़क की व्यवस्था आज तक नही हो पाई , पाण्डेय बाजार रेलवे क्रांसिंग पर जाम आये दिन की समस्या है पाण्डेय बाजार के व्यापारी अतुल अरोडा, सभासद ताड़क जायसवाल, श्रवण पाण्डेय, राजकिशोर, कृष्ण कुमार गुप्ता, नन्दलाल, सन्तोष जायसवाल आदि ने दोनोें प्रमुख सम्पर्क मार्गों के निर्माण की मांग जिलाधिकारी से किया है। इन दोनों सम्पर्क मार्गो के बन जाने से हाइवे से जुड़ने एवं आवागमन में विशेष सुविधा होगी ।

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मंगलवार, 8 जून 2021

बड़े पैमाने पर इंटरनेट हुआ ठप, दुनिया की बड़ी वेबसाइट हुईं डाउन

नई दिल्ली : दुनिया भर में बड़े पैमाने पर इंटरनेट ठप (Internet Outage) होने से हड़कंप मच गया है. खबरों के मुताबिक, न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) , सीएनएन (CNN)  समेत बड़ी अंतरराष्ट्रीय न्यूज वेबसाइट और पोर्टल इस कारण डाउन हो गए हैं. प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक प्राइवेट सीडीएन (Content Delivery Network) में समस्या आने के कारण इंटरनेट में तकनीकी खामी सामने आई है. इस बारे में और जानकारी हासिल की जा रही है.खबरों के मुताबिक, तमाम पापुलर वेबसाइट रेडिट, स्पॉटिफाई, पेपल, शॉपिफाई आदि भी ठप हो गई हैं. गार्डियन(Guardian) , न्यूयॉर्क टाइम्स, बीबीसी और फाइनेंशियल टाइम्स जैसी साइटों को भी इस परेशानी का सामना करना पड़ा है. माना जा रहा है कि लोकप्रिय सीडीएन प्रोवाइडर फास्टली में दिक्कत के कारण ऐसा हुआ है.


सीडीएन यानी कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क्स को इंटरनेट इन्फ्रास्ट्रक्चर का बुनियादी हिस्सा माना जाता है. फास्टली जैसी कंपनियां सर्वर के ग्लोबल नेटवर्क्स के जरिये अपनी वेब सेवाओं को बेहतर बनाती हैं. उदाहरण के तौर पर मीडिया कंटेंट  को आपके स्थानीय सीडीएन सर्वर द्वारा इकट्ठा कर लिया जाता है और हर बार वेब पेज लोड करने के लिए मूल सर्वर तक जाने की जहमत नहीं उठानी पड़ती. इससे वेब पेज कम समय में लोड हो जाता है और वेबसाइट पर भारी ट्रैफिक होने के बावजूद इसके क्रैश होने का खतरा कम हो जाता है.

BBC के मुताबिक, अमेजन(Amazon) , रेडिट (Reddit), Pinterest और ट्विटच (Twitch) जैसी बड़ी वेबसाइटें भी काम नहीं कर पा रही हैं. ब्रिटिश सरकार की वेबसाइट gov.uk भी ठप है. जिन वेबसाइटों पर यह दिक्कत आ रही है, उनमें 'Error 503 Service Unavailable' दिखाई दे रहा है. फास्टली का कहना है कि वो ग्लोबल कंटेंट डिलिवरी नेटवर्क में आई परेशानी को दूर करने का प्रयास कर रही है. हालांकि यह समस्या क्यों आई है, इसके बारे में अभी कुछ कहना मुश्किल है. किसी साइबर हमले या अन्य बाहरी दखल को लेकर अभी कुछ नहीं कहा गया है.


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सोमवार, 7 जून 2021

बस्ती-बंजरिया की रिक्त हुई बीडीसी सीट पर उतरे दिग्गज , प्रमुख पद के दावेदारी की बढ़ी चर्चा

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- सल्टौआ ब्लॉक के बंजरिया क्षेत्र पंचायत सदस्य पद की सीट पर हो रहे उप चुनाव में दिग्गजों ने भाग्य अजमाने के लिए नामांकन कर दिया है । अब देखना यह होगा कि रोमांचक मुकाबले वाले इस सीट पर किसके सिर जीत का सेहरा बंधेगा।

क्षेत्र पंचायत सदस्य के बंजरिया सीट पर बजरंगी चौधरी की माता इन्द्रमती देवी सदस्य चुनी गई थीं लेकिन परिणाम आने के एक हप्ते बाद उनका निधन हो गया था जिसके नाते यह सीट खाली हो गई थी इस बार बजरंगी चौधरी के छोटे भाई की पत्नी शीला देवी मैदान में हैं।

ब्लॉक प्रमुख पद की दावेदारी की बात कर रहे रजनीश चौधरी ने यहां अपनी माता चमेली देवी को प्रत्याशी बनाया है ,रजनीश चौधरी सम्पन्न हुए पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य पद की सीट निकालने में कामयाब हुए हैं जिला पंचायत सीट पर रजनीश चौधरी की पत्नी उर्मिला चौधरी ने जीत हासिल की है।

ग्राम पंचायत केवटाखोर के पूर्व प्रधान रामबचन चौधरी एवं वर्तमान प्रधान विरामा देवी की पुत्रवधु माया देवी भी मैदान में हैं चर्चा है कि यदि सीट निकलती है तो एक पूर्व ब्लॉक प्रमुख अपना प्रमुख बनाने के लिए दांव खेल सकते हैं ।

वहीं ग्राम पंचायत बंजरिया के पूर्व प्रधान राजेन्द्र चौधरी की पत्नी दुर्गावती देवी भी मैदान में हैं । राजेन्द्र चौधरी के समर्थक बताते हैं कि यदि सीट निकली तो भी प्रमुख पद की रेस में यह भी आएंगे ,चर्चा है कि एक और पूर्व ब्लॉक प्रमुख की नजर बंजरिया सीट पर है।

वहीं भाजपा के मंडल अध्यक्ष राम नेवास गिरी की पत्नी ममता देवी भी क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए उम्मीदवार हैं जो पार्टी की छवि और कार्यकर्ताओं के बदौलत जीत का दावा कर रहे हैं।

सल्टौआ ब्लॉक के प्रमुख पद के रुझानों में अभी तक राजू गुप्ता एवं राम तीर्थ यादव का नाम आया है वहीं भाजपा में अच्छी पकड़ बनाने वाले दुष्यंत विक्रम सिंह अपने प्रत्याशी की जीत की दावेदारी कर रहे हैं। अब देखना यह होगा क्या दुष्यंत विक्रम सिंह सल्टौआ की कुर्सी छकाने में कामयाब रहेंगे या फिर बंजरिया सीट का परिणाम आने के बाद कोई दूसरा माहौल बनेगा।

बता दें कि जिले में पिछले दिनों हुए पंचायत चुनाव के बाद रामनगर के बेलगड़ी, परशुरामपुर के रानीपुर और बस्ती सदर विकास खंड के बरसांव ग्राम पंचायत के नवनिर्वाचित प्रधान का निधन हो गया था। इसी प्रकार परशुरामपुर के लक्ष्मणपुर, साऊंघाट के परसा सूरत, कुदरहा के परसांव व सल्टौआ गोपालपुर के बंजरिया से चुने गए क्षेत्र पंचायत सदस्यों का भी निधन हो गया है। इसके अलावा चुनाव के दौरान 13 हजार 785 ग्राम पंचायत सदस्यों में से 5611 पदों के लिए एक भी नामांकन न आने से पद रिक्त रह गए थे। इसके चलते 570 नव निर्वाचित प्रधान शपथ ग्रहण से वंचित रह गए हैं। इन सभी स्थानों पर उपचुनाव के लिए रविवार को नामांकन हुआ है , 12 जून को मतदान होगा। वहीं, 14 जून को परिणाम आएगा।

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शनिवार, 5 जून 2021

*योगी आदित्यनाथ जन्मदिन विशेष : 26 की उम्र में सांसद और 45 साल के सीएम, कुछ ऐसा है सियासी सफर -*

*योगी आदित्यनाथ जन्मदिन विशेष : 26 की उम्र में सांसद और 45 साल के सीएम, कुछ ऐसा है सियासी सफर -*
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज शनिवार को 49 वर्ष के हो गए हैं। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में 5 जून 1972 को अजय सिंह बिष्ट के रूप में जन्म हुआ था। लेकिन वह गोरखपुर पहुंचकर योगी आदित्यनाथ बन गए। वह आज देश के सबसे बड़े सूबे की सत्ता के सिंहासन पर योगी विराजमान हैं, जहां से होकर रास्ता दिल्ली जाता है। वह महज 26 साल की उम्र में संसद पहुंचे। 45 साल के योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम बन गए। आज यूपी की नहीं बल्कि देश की सियासत में उन्हें हिंदुत्व के शक्तिशाली चेहरे के तौर पर जाना जाता है। योगी आदित्यनाथ का जन्म उत्तराखंड के सामान्य राजपूत परिवार में हुआ था। पिता आनंद सिंह बिष्ट और माता सावित्री देवी हैं। योगी ने 1989 में ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से 12वीं पास की थी। 1992 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी की। जब वह स्नातक कर रहे थे, तभी राम मंदिर आंदोलन शुरू हो गया और वह छात्र जीवन में ही वह राममंदिर आंदोलन से जुड़ गए। *छात्र जीवन में ही राम मंदिर आंदोलन से जुड़ गए* 90 के दशक में राममंदिर आंदोलन के दौरान ही योगी आदित्यनाथ की मुलाकात गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम हुई थी। इसके कुछ दिनों बाद योगी अपने माता-पिता को बिना बताए गोरखपुर जा पहुंच है। उन्होंने संन्यास धारण करने का निश्चय लेते हुए गुरु दीक्षा ले ली। महंत अवैद्यनाथ भी उत्तराखंड के रहने वाले थे। उन्होंने अजय सिंह बिष्ट को योगी आदित्यनाथ बना दिया। *अवैद्यनाथ ने अजय सिंह को आदित्यनाथ बनाया* गोरखनाथ मंदिर के महंत की गद्दी का उत्तराधिकारी बनाने के चार साल बाद ही महंत अवैद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी बना दिया। गोरखपुर से महंत अवैद्यनाथ चार बार सांसद रहे। उसी सीट से योगी 1998 में 26 वर्ष की उम्र में लोकसभा पहुंचे। वह गोरखपुर से लगातार 2017 तक पांच बार सांसद रहे। *संसद में भी सख्त हिंदूवादी चेहरे के रूप में उभरे* सियासत में कदम रखने के बाद योगी आदित्यनाथ की छवि एक कठोर हिंदुत्ववादी नेता के तौर पर उभरकर सामने आई। उन्होंने सांसद रहते गोरखपुर जिले को अपने नियम अनुसार चलाने और त्वरित फैसलों से सबको चकित किया। इसी के चलते योगी के सियासी दुर्ग को न तो मुलायम सिंह का समाजवाद भेद पाया और न ही मायावती की सोशल इंजीनियरिंग काम कर पाई। गोरखपुर में हमेशा योगी का हिंदुत्व कार्ड ही हावी रहा। *योगी ने खड़ी की हिंदू युवा वाहिनी बनाई* योगी आदित्यनाथ ने अपना संगठन हिंदू युवा वाहिनी खड़ी की। यह संगठन गौ सेवा करने और हिंदू विरोधी गतिविधियों से निपटने के लिए बनाया गया था। हिंदू युवा वाहिनी ने गोरखपुर में ऐसा माहौल तैयार किया, जिसके चलते आज तक उन्हें कोई चुनौती नहीं दे सका। एक तेजतर्रार राजनीतिज्ञ के रूप में अपनी छवि योगी आदित्यनाथ ने बना ली थी। *जनता से सीधा संवाद रखते हैं सीधा योगी* योगी आदित्यनाथ की सबसे बड़ी खासियतों में एक है कि वह जनता से सीधा संवाद करने में विश्वास रखते हैं। 2017 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला तो सीएम के लिए कई चेहरे दावेदार थे, लेकिन बाजी योगी के हाथ लगी। योगी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने फैसलों से अपनी राजनीतिक इच्छा को जाहिर कर दिया। हालांकि, प्रदेश में हुए एनकाउंटरों के कारण विपक्ष ने उंगलियां भी उठाईं, लेकिन कानून-व्यवस्था पर सख्त योगी पर इसका खास प्रभाव नहीं हुआ। कोरोना संकट में सीएम योगी सीधे तौर पर सक्रिय नजर आए हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता में और भी इजाफा हुआ है। पीसी चौधरी सीनियर वीडियो जर्नलिस्ट प्रदेश मान्यता प्राप्त पत्रकार लखनऊ तहकीकात समाचार नैतिकता, प्रमाणिकता ,निष्पक्षता

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ट्विटर ने हटाया RSS के बड़े नेताओं के अकाउंट से ब्लू टिक , ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच विवाद बढ़ा

नई दिल्ली : केंद्र सरकार और माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर (Twitter) के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है. ट्विटर द्वारा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और संघ के बड़े नेताओं के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटाने के बाद विवाद गहरा गया है. हालांकि, ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के मामले में अब यू-टर्न ले लिया है. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के निजी ट्विटर अकाउंट पर ब्लू टिकट वापस आ गया है. उपराष्ट्रपति के अकाउंट को अनवैरिफाई करने पर सरकार द्वारा कड़ी नाराजगी जताने की बात सामने आई है.    

यही नहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के जिन बड़े नेताओं के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक (Twitter Blue Tick) को हटाया गया, उनमें सह सर कार्यवाह सुरेश सोनी और संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार शामिल हैं. इसके अलावा संघ नेताओं सुरेश जोशी और कृष्णगोपाल के हैंडल से भी ट्विटर ने ब्लू टिक हटाया है.

सूत्रों ने कहा कि वेंकैया नायडू के ट्विटर एकाउंट से वेरिफिकेशन हटाने से आईटी मंत्रालय नाराज है. ये ट्विटर की गलत मंशा है कि देश के नंबर 2 अथॉरिटी के साथ ये सलूक किया गया. उपराष्ट्रपति राजनीति से ऊपर हैं. वे संवैधानिक पद पर हैं. क्या ट्विटर अमेरिका के संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार कर सकता है? ट्विटर ये देखना चाहता है कि भारत इस मामले में किस हद तक सब्र करता है. 

सूत्रों ने कहा कि ट्विटर की दलील गलत है. ट्विटर ने कहा कि छह महीने अकाउंट इनऐक्टिव था, लेकिन अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के निधन के बाद भी अकाउंट वैरीफाइड हैं. ट्विटर ने कहा कि छह महीने से लॉगइन नहीं हुआ इसलिए हटा दिया गया. सरकार इससे सख्ती से निपटेगी. 

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शुक्रवार, 4 जून 2021

INDIA- सरकारी दुकान पर राशन न मिलने से परेशान आदिवासी लड़की ने वीरता पुरस्कार लौटाया

ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक आदिवासी युवती ने बुधवार को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार इसलिए लौटा दिया, क्योंकि उनके परिवार को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों से राशन नहीं मिल रहा.हाली रघुनाथ बराफ ने दावा किया कि शाहपुर तहसील के 400 आदिवासी परिवारों की यही दुर्दशा है.बराफ को अपनी बहन को तेंदुए के चंगुल से बचाने के लिए 2013 में ‘वीर बापूजी गंधानी राष्ट्रीय बालवीर पुरस्कार’ मिला था. वह जिले के राठ अंडाले पाड़ा में रहती हैं. जब यह घटना हुई थी, तब वह 15 साल की थीं.उन्होंने एक विज्ञप्ति में कहा कि इस पुरस्कार से उसके परिवार के लिए कोई बदलाव नहीं हुआ और आज की तारीख में भी उनके परिवार को सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से राशन नहीं मिल सकता, क्योंकि ऑनलाइन प्रणाली में परिवार का नाम ही दर्ज नहीं किया गया.

उन्होंने बयान में दावा किया कि तहसील के लगभग 400 आदिवासी परिवारों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इस आधिकारिक उदासीनता का विरोध करने के लिए उन्होंने महाराष्ट्र के भिवंडी के उप-मंडल अधिकारी को अपना पुरस्कार वापस कर दिया.

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बुधवार, 2 जून 2021

बस्ती -अर्जक संघ के 53वें स्थापना दिवस पर किया गया विचार गोष्ठी का आयोजन

केoसीo श्रीवास्तव
बस्ती - अर्जक संघ के 53 वें स्थापना दिवस के अवसर पर मंगलवार को अमरौली शुमाली में स्थित प्रभाकर पटेल जी के घर पर बैठक का आयोजन किया गया , बैठक रामनरेश चौधरी की अध्यक्षता में हुआ बैठक का संचालक राम सुभग मौर्या ने किया।

 इस अवसर पर बैठक को संबोधित करते हुए अर्जक संघ के वरिष्ठ नेता पूर्व जिला पंचायत सदस्य फूलचंद चौधरी ने कहा कि अर्जक संघ पूरे देश में  समता एवं मानवता की अलख जगाने के लिए काम कर रहा है ,उन्होंने अर्जक संघ के शिक्षा नीति के बारे में बताते हुए कहा कि किसी भी देश में शिक्षा का उद्देश्य होना चाहिए जिससे देश के नागरिकों में स्वाभिमान एवं राष्ट्र के प्रति सम्मान की भावना उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि जब तक तक शिक्षा का उद्देश्य निर्धारित नही होगा तब तक राष्ट्र अपने नागरिकों को देश के प्रति सकारात्मक निर्णय लेने के लिए काबिल नहीं बना सकता।

 राम सेवक बौद्ध ,प्रभाकर वर्मा ,सौरभ वीपी वर्मा ,रामफेर सैनिक ,प्रभाकर पटेल ने भी बैठक को संबोधित किया ।बैठक में कपिल यादव ,अजय यादव,रामजन्म , घनश्याम चौधरी ,सुबोध चौधरी ,तुलसीराम चौधरी ,जगदीश यादव ,अर्जुन चौधरी सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

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मंगलवार, 1 जून 2021

कोविड-19: पिछले 24 घंटे में 1.27 लाख नए मामले आए सामने , संक्रमण से 2,795 की मौत

नई दिल्ली : कोरोना के मामलों की रफ्तार अब थमती दिखाई दे रही है. पिछले 24 घंटों में कोविड संक्रमण के 1 लाख 27 हजार 510 मामले सामने आए हैं. इस अवधि में 2795 मरीजों की मौत हुई है. देश में संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या 2 करोड़ 81 लाख 75 हजार 044 हो गई. वहीं, एक्टिव मरीजों की संख्या भी कम होकर 18 लाख 95 हजार 520 हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार देश में लगातार 19वें दिन संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या नए मामलों से अधिक रही है. देश में अभी तक 2 करोड़ 59 लाख 47 हजार 629 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जिनमें से 2,55,287 लोग पिछले 24 घंटे में ठीक हुए. मंत्रालय ने बताया कि नमूनों के संक्रमित पाए जाने की दैनिक दर अब 6.62  फीसदी हो गई है है, यह लगातार आठ दिन से 10 प्रतिशत से कम बनी हुई है. देश में अभी तक कुल 34,67,92,257 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 19,25,374 नमूनों की जांच सोमवार को की गई. 


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