शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2020

यूपी- दलित प्रधान पति से गांव के दबंग कर रहे थे धनउगाही ,पैसा न मिलने पर जिंदा जलाया हुई मौत

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के चुनाव क्षेत्र अमेठी (Amethi) के एक गांव में एक दलित प्रधान के पति को ज़िंदा जलाने का मामला सामने आया है. पीड़ित शख्स 90 फीसद जली हालत में गांव के ही एक ऊंची जाति के शख्स के घर के हाते में मिले, लेकिन अस्पताल जाते हुए उनकी मौत हो गई. प्रधान ने गांव के ही पांच लोगों पर पति को जिंदा जलाने का आरोप लगाया है. परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने (UP Police) हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है. इस मामले में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.  
अमेठी के बंदुहिया गांव की प्रधान छोटका के पति अर्जुन गुरुवार शाम करीब साढ़े छह बजे गांव के चौराहे पर चाय पीने गए थे. वहां से वो गायब हो गए. प्रधान छोटका का आरोप है कि गांव के कृष्ण कुमार तिवारी और उनके चार साथी उन्हें चौराहे से उठा ले गए और अपने घर के हाते में जिंदा जला दिया. उनका आरोप है कि कृष्ण कुमार उन्हें धन उगाही के लिए धमकी देते थे. उनका कहना था कि प्रधान के पास काफी सरकारी पैसा होता है. उन्हें उसमें से "कट" दिया जाए. उनका कहना है कि उनके पास ऐसा कोई पैसा नहीं है, जिसमें उन्हें हिस्सा दिया जाता. इसलिए रंजिश में उन्होंने उन्हें जल दिया. 

अमेठी के एसपी दिनेश सिंह ने मीडिया से बताया कि,"पुलिस को कल रात करीब 12 बजे सूचना मिली कि प्रधानपति अर्जुन जली हालत में कृष्णा कुमार के अहाते में पड़े हैं. उन्हें फौरन लोकल पीएचसी में प्राथमिक उपचार के लिए ले जाया गया. वहां से उन्हें सुल्तानपुर ज़िला अस्पताल में रेफर किया गया. आज सुबह जब उन्हें वहां से बेहतर इलाज के लिए लखनऊ ले जाया जा तो रास्ते में उनकी मृत्यु हो गई।

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गुरुवार, 29 अक्टूबर 2020

सपा को हराने के लिए अगर भाजपा को वोट करना पड़े तो वह भी किया जाएगा -मायावती

बसपा (BSP) के कुछ विधायकों के पाला बदलकर सपा का दामन थामने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने गठबंधन के पूर्व सहयोगी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सपा को हराने के लिए अगर भाजपा को वोट करना पड़े तो वह भी किया जाएगा.
मायावती ने कहा कि सपा से गठबंधन की भलाई के लिए 1995 के गेस्ट हाउस कांड का केस वापस लेना उनकी भूल थी. उनके इस बयान को यूपी में नौ नवंबर के राज्यसभा चुनाव में पार्टी को लगे झटके से जोड़कर देखा जा रहा है.बीएसपी महासचिव सतीश मिश्रा ने भी कहा कि खरीद-फरोख्त सपा की पुरानी प्रथा है. इसमें कोई नई चीज नहीं है. इस चीज के जरिये उन्होंने जो संदेश दिया है कि उससे पूरा देश और पूरे प्रदेश उनके खिलाफ थू-थू करने के काम करेगा.

मायावती ने कहा कि यूपी के विधान परिषद चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को हराने के लिए जरूरी हुआ तो भाजपा के पक्ष में भी वोट करेंगी. गौरतलब है कि बसपा के सात विधायकों ने बगावत कर अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. राज्यसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार के प्रस्तावक बने दस विधायकों में भी पांच ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया था.

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रेप और हत्या के बाद हाथ मे मोमबत्ती लेकर न्याय मांगने वाला समाज ढोंगी है,ऐसा ही रहा तो ये सब चलता रहेगा

विश्वपति वर्मा(सौरभ)

रेप ,बलात्कार और हत्या के बाद हाथ मे मोमबत्ती लेकर न्याय मांगने वाला समाज ढोंगी है , इसे कहने में हमे न तो कोई संकोच है और न ही कोई शक ये वही समाज है जो पहले तो आनंद लेता है और जब कोई मामला गंभीर हो जाता है तब वह बहुत बड़ा सामाजिक चिंतक बन जाता है ,और जगह जगह होने वाले तोड़ फोड़ और धरना प्रदर्शन में शामिल हो जाता है।

आप थोड़ा विचार कीजिये कि जिस निर्दोष निकिता तोमर को हत्या के पहले मुख्य आरोपी तौफीक और रेहान दिनदहाड़े उसे धमका रहे थे उसे गाड़ी में जबरदस्ती बैठाने की कोशिश कर रहे थे क्या उस वक्त आस पास में कोई व्यक्ति मौजूद नही था? क्या किसी ने इस घटना को अपनी आंखों से नही देखा ? क्या स्कूल कालेज की तरफ जाने वाला यह मार्ग सूनसान था या लोगों ने यह मंजर देख कर अपने आप को किनारे कर लिया? इन सवालों का जवाब खुद से मांगिये फिर समझ मे आ जायेगा कि इस समाज की चुप्पी ने तमाम निर्दोषों की जान ले चुका है .
अगर यह समाज वक्त रहते अपने दायित्वों और कर्तव्यों का निर्वहन किया होता तो न जाने कितनी लड़कियों की जान और इज्जत बच जाती .और यदि ऐसे ही परवाहों को दरकिनार किया जाता रहेगा तो जाने कितनी निकिताओं की जान जाती रहेगी।

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कोरोना संक्रमितों की तेजी से बढ़ोतरी के बाद राष्ट्रपति मैक्रॉन ने किया राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का ऐलान

पेरिस: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने बुधवार को अपने देश को एक नए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है. लेकिन उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल और कुछ कार्यस्थल खुले रहेंगे. कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के चलते ये नए लॉकडाउन का ऐलान किया गया है. कोविड-19 मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के चलते यूरोप के अस्पताल भरने लगे हैं.

फ्रांसीसी नेता ने कहा कि कोविड-19 का मुकाबला करने का लॉकडाउन ही एकमात्र तरीका है. यहां शुक्रवार से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू हो जाएगा. इस दौरान फ्रांस के सभी रेस्तरां, बार और गैर-आवश्यक व्यवसाय बंद रहेंगे. हालांकि फैक्ट्रीज, खेती और कंस्ट्रक्शन का काम जारी रखा जा सकता है. इसके अलावा नर्सिंग होम भी खुले रहेंगे.

बता दें कि फ्रांस में रिकवरी रेट बहुत कम है यहां 10 लाख से ज्यादा संक्रमित लोगों में अभी 1 लाख 13 हजार लोग ही ठीक हो पाए हैं।

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बुधवार, 28 अक्टूबर 2020

आरटीआई की जरूरत नही घर बैठे देखिए ग्राम पंचायत में किन-किन कामों पर हुआ पैसे का भुगतान

गांव के समग्र एवं समेकित विकास के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाओं पर बजट जारी किया जाता है यह पैसा ग्राम पंचायत में चुने गए प्रधान और ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों द्वारा योजना बना कर गांव के विकास के लिए खर्च किया जाता है।

गांव में कौन-कौन से कार्यो को कराया गया है और उसपर कितना धनराशि खर्च की गई है यह जानने का अधिकार प्रत्येक नागरिक को है इसके लिए सरकार द्वारा आय-व्यय के विवरण को विभागीय पोर्टल और एप्लिकेशन के द्वारा सार्वजनिक की गई है लेकिन जानकारी के अभाव में लोग सही जानकारी पाने से वंचित हो जाते हैं।

तो आइए जानते हैं कि आप किसी ग्राम पंचायत में खर्चे के विवरण को कैसे जानें।कैसे जानें ग्राम पंचायत में आय व्यय का ब्यौरा
सबसे पहले आपको अपने मोबाइल के गूगल प्ले स्टोर googel paly store में जाना होगा उसके बाद वहां सर्च बार मे आपको e gram swaraj सर्च करना होगा।

उसके बाद आपके सामने कुछ एप दिखाई देंगे जिसमे आपको इस तरह का एप डाउनलोड करना होगा।

यह एप दिखाई देेंने के बाद आप उसे डाउनलोड कर लें उसके बाद आपको अपना राज्य ,जिला ,ब्लॉक और ग्राम पंचायत का नाम भरना होगा जिसकी जानकारी चाहते हैं ।
सबमिट करने के बाद आपके सामने वित्तीय वर्ष चुनने का विकल्प दिखाई देगा जिस वर्ष की जानकारी चाहते हैं उसे क्लिक करें।

ग्राम पंचायत में किस काम पर कितना खर्च हुआ।

इस तरह से आप ग्राम पंचायत में हुए काम और उसपर खर्च हुए धन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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Bihar Assembly Polls -बिहार में पहले चरण के लिये 71 सीटों पर मतदान की प्रक्रिया शुरू

Bihar Assembly Elections 2020: बिहार विधानसभा चुनाव में (Bihar Assembly Polls) पहले चरण के लिये 71 सीटों पर मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई है (first phase voting) जिसमें दो करोड़ से अधिक मतदाता 1,066 उम्मीदवारों की किस्मत पर फैसला करेंगे. कोविड-19 के बीच हो रहे चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने सुरक्षित मतदान के लिये दिशानिर्देश जारी किये हैं. इन दिशानिर्देशों के तहत एक मतदान केंद्र (Voting Centre) में मतदाताओं की संख्या 1600 से घटाकर 1000 कर दी गयी है. साथ ही 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिये पोस्टल बैलेट की सुविधा उपलब्ध कराई गयी है . इसके अलावा इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन को सेनिटाइज करना, मतदान कर्मियों के लिये मास्क और सुरक्षा सामग्री और थर्मल स्कैनर, हैंड सेनिटाइजर, साबुन और पानी उपलब्ध कराना शामिल है .

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मंगलवार, 27 अक्टूबर 2020

पुलिस का अफसर करता था लड़कियों के साथ छेड़छाड़,200 पुलिसकर्मियों ने 200 कैमरों के माध्यम से किया गिरफ्तार

सोमवार को दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर delhi police si को छेड़छाड़ के मामले में गिरफ्तार किया गया. हैरानी की बात यह है कि यह पुलिसकर्मी, DCP ट्रैफिक का पर्सनल असिस्टेंट भी है. यह पुलिसकर्मी ग्रे कलर की बिना नम्बर की बलेनो कार से महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की वारदात को अंजाम दिया करता था और इस दौरान बिना वर्दी के होता था. 

17 अक्टूबर को सुबह 8 बजे से 9 बजे के बीच एक के बाद एक  द्वारका इलाके में कई छेड़छाड़ की शिकायतें दर्द की गईं, जहां सभी पीड़िताओं ने कार से पीछा करने और भद्दे कमेंट की बात कही. आरोपी की इस हरकत से कुछ लड़कियों ने भीड़ में जाकर अपनी जान बचाई तो कुछ इस कदर डर गई थी कि उन्होंने शिकायत भी दर्ज नहीं करवाई. 
            आरोपी एसआई पुुुनीत ग्रेवाल
एक ही दिन में द्वारिका इलाके से चार शिकायतें आने के बाद अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए इलाके में लगे 200 सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू किया. दिल्ली में ग्रे कलर की 286 बलेनो कार हैं, सभी कारों की तलाशी ली गई और उनके मालिकों का डोजियर बनाया गया. दिल्ली पुलिस के तकरीबन 200 पुलिसकर्मियों को जिसमें SHO, ACP शामिल थे आरोपी को पकड़ने के लिए लगाया गया.

आखिर में जब पुलिस ने आरोपी तक पहुंची तो जानकारी मिली वह उन्हीं के विभाग का सब इंस्पेक्टर है. सूत्रों के मानें तो और भी कई मामले इस सब इंस्पेक्टर के खिलाफ दर्ज हो सकते हैं जिसकी हिस्ट्री निकाली जा रही है. 

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बस्ती- इंसेफेलाइटिस प्रभावित गांव में टीटीएसपी निर्माण के नाम पर करोड़ो रुपया बर्बाद

जनपद में लापरवाही का जो आलम है उसे देख कर लगता है या तो जल निगम भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुका है या तो विभाग के जिम्मेदार  गूंगे,बहरे, और अंधे हो चुके हैं जो सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को बर्बाद करने के लिए जन्मसिद्ध अधिकार मान बैठे हैं।
ये तस्वीर टैंक टाइप स्पीड पोस्ट ( टीटीएसपी) की है इसका निर्माण वर्ष 2014 में जनपद के 300 से ज्यादा इंसेफेलाइटिस प्रभावित गांवों में हुआ था  लेकिन पूरे जनपद में बने इस पानी टँकी से आजतक ग्रामीणों को कटोरी भर पानी नसीब नही हुआ।

सल्टौआ गोपालपुर ब्लॉक के अमरौली शुमाली ,पिटाउट, फेरसम ,दसिया ,सेखुई ,सिसवारी ,बसडीला ,जिनवा, सूरतगढ़ , गोरखर  समेत 27  ग्राम पंचायत में इस टँकी का निर्माण हुआ था लेकिन ब्लॉक के एक मात्र ग्राम पंचायत सिसवारी के अलावा इस पानी टँकी से 6 साल बाद भी सप्लाई शुरू नही हो पाया ,जबकि इसके टंकी और अन्य संसाधन टूट कर जर्जर हालात में पहुंच गये।

अब ये अधिकारियों की निरंकुशता मानें या विभाग में फैले भ्रष्टाचार का परिणाम इसकी जवाबदेही इस जनपद के जिम्मेदार अधिकारी ही तय करें। 

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देश में पहली बार गुजरात हाईकोर्ट के कार्यवाही का सीधा प्रसारण , यूट्यूब चैनल पर शुरू हुआ प्रयोग

अहमदाबाद: गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat Highcourt) की कार्यवाही के यूट्यूब (YouTube) पर लाइव स्ट्रीमिंग की शुरुआत हो गई. सोमवार को गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ (Justice Vikram Nath) की कोर्ट की कार्यवाही का इंटरनेट पर सीधा प्रसारण किया गया. अब यूट्यूब पर हाई कोर्ट के चैनल पर जाकर कोई भी लाइव स्ट्रीमिंग देख सकता है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर लाइव स्ट्रीमिंग की शुरुआत

हाईकोर्ट ने ऐसा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के उस फैसले के अनुरूप किया है जिसमें कहा गया था कि जनता को वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट की सुनवाई देखने की मंजूरी मिलनी चाहिए. हाई कोर्ट की ओर से जारी विज्ञप्ति में निरमा यूनिवर्सिटी (Nirma University)के लॉ स्‍टूडेंट पृथ्‍वीराज सिंह जाला की उस पीआईएल का भी उल्‍लेख है जिसमें कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्‍ट्रीमिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट से निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया था. हालांकि यूट्यूब पर प्रसारण अभी प्रायोगिक तौर पर चल रहा है.

कार्यवाही को देखने के लिए हाईकोर्ट की वेबसाइट के होम पेज पर जाकर यूट्यूब चैनल का लिंक खोलना होगा।


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सोमवार, 26 अक्टूबर 2020

ई-चालान से बढ़ी आम जनमानस की समस्या , पुलिस वाले कर रहे व्यवस्था का जमकर दुरुपयोग

विश्वपति वर्मा-

बस्ती- ई -चालान की व्यवस्था लागू होने के बाद जहां ट्रैफिक नियमों में सुधार हुआ है वहीं इस व्यवस्था के लागू होने की वजह से आम आदमी को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

ये तस्वीर जनपद के रोडवेज तिराहे की है जहां पुलिस के लोग सड़क पर खड़े होकर बिना हेलमेट के गुजरने वाले बाइक सवार का फोटो खींच कर धड़ल्ले से ई-चालान कर रहे हैं।

रोड़वेज तिराहे पर हम 20 मिनट तक खड़े रहे इस वक्त में पुलिस ने 2 दर्जन से ज्यादा मोटरसाइकिल और चार पहिया वाहनों के फोटो खींचे , हालांकि पुलिस वालों ने मास्क और हेलमेट न लगाने वाले चालक के वाहनों के फोटो सर्वाधिक लिए ।
सोनहा थाना क्षेत्र के सेखुई निवासी राजू चौधरी ने बताया कि इस व्यवस्था की वजह से हमारी गाड़ी को चार बार चालान किया गया जिसमें 15- 1500 रुपये का चालान 2 बार एवं 5-500 रुपये का चालान दो बार किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस तरह से जनपद में सैकड़ो गाड़ियों का चालान प्रतिदिन होता है जिसमे लोगों को पता भी नही चलता कि कब उनके गाड़ी का फोटो खींच कर ई-चालान कर दिया गया उन्होंने कहा कि ट्रैफिक नियमों को।सुधारने के नाम पर इस व्यवस्था का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है।

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रविवार, 25 अक्टूबर 2020

काल्पनिक राम और रावण कि विजय बता कर बौद्धों के त्यौहार "अशोक विजयदशमी" पर किया गया कब्ज़ा

सम्राट अशोक के कलिंग युद्ध में विजयी होने के दसवें दिन मनाये जाने के कारण इसे अशोक विजयदशमी कहते हैं। इसी दिन सम्राट अशोक ने बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी।विजय दशमी बौद्धों का पवित्र त्यौहार है। ऐतिहासिक सत्यता है कि महाराजा अशोक कलिंग युद्ध के बाद हिंसा का मार्ग त्याग कर बुद्ध धम्म अपनाने की घोषणा कर दी थी।
बौद्ध बन जाने पर वह बौद्ध स्थलों की यात्राओ पर गए। भगवान बुद्ध के जीवन को चरितार्थ करने तथा अपने जीवन को कृतार्थ करने के निमित्त हजारो स्तुपो ,शिलालेखो ,धम्म स्तम्भो का निर्माण कराया। अशोक की इस धार्मिक परिवर्तनसे खुश होकर देश की जनता ने उन सभी स्मारकों को सजाया -सवारा तथा उस पर दीपोत्सव किया। यह आयोजनहर्षोलास के साथ १० दिनों तक चलता रहा, दसवे दिन महाराजा ने राजपरिवार के साथ पूज्य भंते मोग्गिलिपुत्त तिष्य से धम्म दीक्षा ग्रहण किया।
 
धम्म दीक्षा के उपरांत महाराजा ने प्रतिज्ञा किया कि आज के बाद हम शास्त्रो से नही बल्कि शांति और अहिंसा से प्राणी मात्र के दिलो पर विजय प्राप्त करूँगा। इसीलिए सम्पूर्ण बौद्ध जगत इसे अशोक विजय दसमी के रूप में मनाता है।लेकिन एक खास वर्ग ने इसे काल्पनिक राम और रावण कि विजय बता कर बहुजनों के इस महत्त्वपूर्ण त्यौहार पर कब्ज़ा कर लिया है।

जहां तक दशहरे की बात है तो इससे जुड़ा तथ्य यह है कि चन्द्रगुप्त मौर्य से लेकर मौर्य साम्राज्य के अंतिम शासक बृहद्रथ मौर्य तक कुल दस सम्राट हुए। अंतिम सम्राट बृहद्रथ मौर्य की उनके सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने हत्या कर दी और “शुंग वंश” की स्थापना की।

पुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण थे इसलिए इस समाज ने इस दिन बहुत बड़ा उत्सव मनाया। उस साल यह अशोक विजयदशमी का ही दिन था उन्होंने “अशोक” शब्द को हटा दिया और जश्न मनाया जो आज तक चलता आ रहा है। 
इस जश्न में मौर्य वंश के 10 सम्राटों के अलग-अलग पुतले न बनाकर एक ही पुतला बनाया और उसके 10 सर बना दिए और उसका दहन किया। 2500 साल के सम्राट अशोक के विरासत से जोड़ते हुए 14 अक्टूबर 1956 को अशोक विजयदशमी के दिन ही डॉ. आंबेडकर ने 5 लाख लोगों के साथ बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी।

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शनिवार, 24 अक्टूबर 2020

विश्व बैंक और यूनिसेफ की रिपोर्ट-दुनिया मे हर 6 में से 1 बच्चा गंभीर गरीबी में जीने को मजबूर


विश्व बैंक और यूनिसेफ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारों को तुरंत बच्चों को इस संकट से उबारने की योजना बनाने की ज़रूरत है ताकि असंख्य बच्चों और उनके परिवारों को घोर ग़रीबी में जाने से रोका जा सके.
कोविड-19 महामारी शुरू होने से पहले दुनिया का हर छठा बच्चा (करीब 35.6 करोड़) घोर गरीबी में जीवनयापन कर रहा था और यह स्थिति और खराब होने की आशंका है. यह आकलन विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की नवीनतम विश्लेषण रिपोर्ट में किया गया है.‘ग्लोबल एस्टीमेट ऑफ चिल्ड्रेन इन मॉनिटरी पॉवर्टी : ऑन अपडेट’ नाम से जारी रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि उप सहारा क्षेत्र जहां पर सीमित सामाजिक सुरक्षा ढांचा है, वहां दो तिहाई बच्चे ऐसे परिवारों में रहते हैं जो रोजाना 1.90 डॉलर या इससे कम राशि पर जीवनयापन करते हैं, जो विश्व मानकों के तहत घोर या अत्याधिक गरीबी की श्रेणी में आता है.वहीं दक्षिण एशिया में घोर गरीबी में रहने वाले बच्चों का पांचवां हिस्सा (करीब 20 प्रतिशत) निवास करता है.रिपोर्ट में किए गए विश्लेषण के मुताबिक वर्ष 2013 से 2017 के बीच घोर गरीबी में जीवनयापन करने वाले बच्चों की संख्या में 2.9 करोड़ की कमी आई थी.लेकिन यूनिसेफ और विश्व बैंक ने सचेत किया है कि हाल के वर्षों में दर्ज की गई प्रगति धीमी और असमान रूप से हुई है और कोविड-19 महामारी की वजह से उस पर जोखिम मंडरा रहा है.

यूनिसेफ के कार्यक्रम निदेशक संजय विजेसेकरा ने कहा, ‘हर छह में से एक बच्चा गंभीर गरीबी में जीवनयापन कर रहा है और हर छह बच्चों में से एक बच्चा जीने के लिए संघर्ष कर रहा है.’उन्होंने कहा, ‘यह संख्या ही किसी को भी हिला सकती है और महामारी की वजह से जो वित्तीय संकट आया है उससे यह संख्या और विकराल रूप लेगी. सरकारों को तुरंत बच्चों को इस संकट से उबारने की योजना बनाने की जरूरत है ताकि असंख्य बच्चों और उनके परिवारों को घोर गरीबी में जाने से रोका जा सके.’विजेसेकरा ने कहा कि दुनिया की कुल आबादी में बच्चों की हिस्सेदारी एक तिहाई है लेकिन दुनिया में घोर गरीबी में जीवनयापन करने वालों की कुल संख्या का करीब 50 फीसदी बच्चे हैं. इसके साथ ही वयस्क के मुकाबले उनके घोर गरीबी में जाने की आशंका दोगुनी है.

रिपोर्ट के मुताबिक सबसे कम उम्र के बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हैं और विकासशील देशों में पांच साल से कम उम्र के करीब 20 प्रतिशत बच्चे घोर गरीबी में जीवनयापन कर रहे हैं.विश्व बैंक में वैश्विक गरीबी और समानता मामलों की निदेशक कैरोलिना सांचेज परामो ने कहा, ‘यह तथ्य है कि छह में से एक बच्चा घोर गरीबी में रह रहा है और दुनिया में अत्याधिक गरीबों में बच्चों की संख्या 50 प्रतिशत है. कोविड-19 महामारी शुरू होने से पहले भी यह हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय रहा है.’उल्लेखनीय है कि उप सहारा क्षेत्र को छोड़कर दुनिया के विभिन्न हिस्सों में वर्ष 2013 से 2017 के बीच बच्चों में अत्याधिक गरीबी में कमी देखने को मिली थी. उप सहारा क्षेत्र में घोर गरीबी में रहने वाले बच्चों की संख्या में 6.4 करोड़ की वृद्धि हुई और यह वर्ष 2013 के 17 करोड़ के मुकाबले वर्ष 2017 में 23.4 करोड़ हो गया.अस्थिर और संघर्षरत देशों में घोर गरीबी में रहने वाले बच्चों की संख्या ज्यादा है जहां 40 प्रतिशत से अधिक बच्चे घोर गरीबी में जीवनयापन कर रहे हैं, जबकि अन्य देशों में यह संख्या 15 प्रतिशत के करीब है.

रिपोर्ट के अनुसार, अत्यधिक गरीबी का शिकार 70 फीसदी से ज्यादा बच्चे ऐसे घरों में रहते हैं, जहां घर के मुखिया खेतों और चारागाहों में काम करते हैं.कोविड-19 संकट का बच्चों, लड़कियों व महिलाओं पर गैर आनुपातिक असर पड़ रहा है और लैंगिक समानता की दिशा में मुश्किल से हासिल हुई प्रगति की दिशा पलट जाने का खतरा है.रिपोर्ट में कहा गया है कि गरीब और कमजोर वर्गों पर कोविड-19 महामारी के असर को कम करने लिए पुनर्बहाली व व्यापक सामाजिक संरक्षा के उपायों की अहम भूमिका हो सकती है.

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20 हजार करोड़ रुपये की ऑप्टिकल फाइबर केबल द्वारा इंटरनेट पहुंचाने की योजना बस्ती में ध्वस्त



वर्ष 2011 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा देश भर के ढाई लाख ग्राम पंचायतों में हाईस्पीड इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए फाइबर ऑप्टिकल केबल के जरिये इंटरनेट नेटवर्क पहुंचाने के लिए काम शुरू किया गया था जिसके जरिये देश के नागरिकों को ई-स्वास्थ्य, ई शिक्षा ,ई गवर्नेंस ,आय, जाति ,निवास ,खेती-खतौनी की जानकारी सहित सैकड़ों योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित किया गया था ,जिसपर सरकार द्वारा 20 हजार करोड़ रुपया खर्च करके वर्ष 2016 में यह सुविधा आम जनमानस के लिए खोलने का लक्ष्य रखा गया था ।
लेकिन उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में योजना भ्रष्टाचार में डूब कर मरने के कगार पर पहुंच चुकी है ,जनपद के 14 ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली सभी 1235 ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल केबल के जरिये इंटरनेट पहुंचाने के लिए उससे जुड़ी सम्बन्धित संसाधनों को स्कूल ,पंचायत, भवन ,सीएससी आदि जगहों पर लगाया गया लेकिन वर्ष 2020 के अंतिम तिमाही में भी योजना मुहूर्त रूप में नही आ पाया ।

ऐसी स्थिति में सवाल पैदा होता है कि आखिर इतनी बड़ी योजना को संचालित करने की जिम्मेदारी लेने वाले लोगों की इतनी लापरवाही क्यों है ,क्या यह योजना भी तमाम योजनाओं की तरह दफन हो जाएगी य फिर इसे गंभीरता से लेते हुए इस पर ईमानदारी से काम किया जाएगा।

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शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2020

योजना की बदहाली - बस्ती जनपद में 20 हजार करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना वेंटिलेटर पर

वर्ष 2011 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा देश भर के ढाई लाख ग्राम पंचायतों में हाईस्पीड इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए फाइबर ऑप्टिकल केबल के जरिये इंटरनेट नेटवर्क पहुंचाने के लिए काम शुरू किया गया था जिसके जरिये देश के नागरिकों को ई-स्वास्थ्य, ई शिक्षा ,ई गवर्नेंस ,आय, जाति ,निवास ,खेती-खतौनी की जानकारी सहित सैकड़ों योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित किया गया था ,जिसपर सरकार द्वारा 20 हजार करोड़ रुपया खर्च करके वर्ष 2016 में यह सुविधा आम जनमानस के लिए खोलने का लक्ष्य रखा गया था ।
लेकिन उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में योजना भ्रष्टाचार में डूब कर मरने के कगार पर पहुंच चुकी है ,जनपद के 14 ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली सभी 1235 ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल केबल के जरिये इंटरनेट पहुंचाने के लिए उससे जुड़ी सम्बन्धित संसाधनों को स्कूल ,पंचायत, भवन ,सीएससी आदि जगहों पर लगाया गया लेकिन वर्ष 2020 के अंतिम तिमाही में भी योजना मुहूर्त रूप में नही आ पाया ।

ऐसी स्थिति में सवाल पैदा होता है कि आखिर इतनी बड़ी योजना को संचालित करने की जिम्मेदारी लेने वाले लोगों की इतनी लापरवाही क्यों है ,क्या यह योजना भी तमाम योजनाओं की तरह दफन हो जाएगी य फिर इसे गंभीरता से लेते हुए इस पर ईमानदारी से काम किया जाएगा।

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गुरुवार, 22 अक्टूबर 2020

बस्ती-अखिल एकता उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष बनाये गए दिनेश चंद्र जायसवाल

 बस्ती- अखिल एकता उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप जायसवाल के नेतृत्व में पाण्डेय बाजार में एक बैठक का आयोजन किया गया ,बैठक में सर्व सम्मति से दिनेश चंद्र जायसवाल को मनोनयन पत्र देकर बस्ती का जिला अध्यक्ष मनोनीत किया गया.जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने पर व्यापारियों ने दिनेश चंद्र जायसवाल को बधाइयां दी।
 इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप जायसवाल ने कहा कि हम पूरे जनपद में सघन जनसंपर्क कर व्यापारियों की समस्याओं को जानने का प्रयास कर रहे हैं जिससे व्यापारियों के लिए आने वाले समय में आर- पार की लड़ाई लड़ने का कार्य अखिल एकता उद्योग व्यापार मंडल करेगी । 

प्रदेश नेतृत्व द्वारा 17 अक्टूबर से व्यापारियों को जोड़ने के लिए व्यापारिक जनसंपर्क अभियान  पूरे प्रदेश में जोर-शोर से चलाया जा रहा है जिसमे काफी संख्या में व्यापारी इस अभियान से जुड़ रहे हैं।

 इस अवसर पर अखिल एकता उद्योग व्यापार मंडल के नवनिर्वाचित जिला अध्यक्ष  दिनेश चंद्र जयसवाल ने कहा कि हम जनपद में व्यापारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर व्यापारी हितों के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार हैं।

  बैठक में निम्न राजकुमार जायसवाल, बजरंग लाल जायसवाल, संजय जायसवाल, विपिन आहूजा ,सतीश चंद जायसवाल, कुलदीप बरनवाल, बजरंगी गुप्ता ,महेश चंद जायसवाल ,रामनारायण जयसवाल, श्याम नारायण जयसवाल ,गणेश चंद्र भट्ट ,श्याम कसौधान ,रतन जायसवाल, शिव कुमार समेत आदि लोग उपस्थित रहे।

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बुधवार, 21 अक्टूबर 2020

अन्नदाता के देश में भोजन का अकाल ,वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का बुरा हाल,बंग्लादेश-पाकिस्तान हमसे बेहतर

इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा प्रकाशित एक पेपर में कहा गया है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले हर चार में से तीन भारतीयों को पौष्टिक आहार नहीं मिल पाता है.


बता दें कि हाल में जारी वैश्विक भूख सूचकांक 2020 में भारत 107 देशों की सूची में 94वें स्थान पर है और भूख की ‘गंभीर’ श्रेणी में है.

विशेषज्ञों ने इसके लिए खराब कार्यान्वयन प्रक्रियाओं, प्रभावी निगरानी की कमी, कुपोषण से निपटने का उदासीन दृष्टिकोण और बड़े राज्यों के खराब प्रदर्शन को दोषी ठहराया है.

द हिंदू के अनुसार, पीअर-रिव्यूड पत्रिका फूड पॉलिसी में प्रकाशित अफोर्डबिलिटी ऑफ न्यूट्रिशियस डाइट्स इन रूरल इंडिया  शीर्षक वाले इस हालिया पेपर को संस्थान के अर्थशास्त्री कल्याणी रघुनाथन और शोधकर्ता डेरेक डी. हीडे ने वरिष्ठ शोधकर्ता एना हरफोर्थ के साथ मिलकर लिखा है.

2011 के राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) से ग्रामीण खाद्य मूल्य और मजदूरी की जानकारी के आधार पर पेपर इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारत में कुपोषण स्थानिक है.

इस तथ्य के बावजूद कि 2015-16 में 38 फीसदी स्कूल जाने से पहले की उम्र वाले बच्चों का विकास रुक गया और 21 फीसदी कमजोर हो गए जबकि आधे से अधिक मां और बच्चे एनीमिया से ग्रसित हो गए, पेपर ने पाया कि आश्चर्यजनक रूप से बहुत कम लोग आहार, विशेष रूप से भारत में पौष्टिक आहार की उपलब्धता पर चर्चा करते हैं.पिछले साल, वैश्विक भूख सूचकांक में भारत 117 देशों की सूची में भारत का 102वां स्थान था.

भारत के साथ-साथ पड़ोसी देशों- बांग्लादेश, म्यांमार और पाकिस्तान भी ‘गंभीर’ श्रेणी में हैं, लेकिन भूख सूचकांक में भारत से ऊपर हैं. बांग्लादेश 75वें, म्यांमार 78वें और पाकिस्तान 88वें स्थान पर हैं.

वहीं, नेपाल 73वें और श्रीलंका 64वें स्थान पर हैं. दोनों देश ‘मध्यम’ श्रेणी में आते हैं.

पेपर में कहा गया कि ग्रामीण भारत में भयावह आहार परिदृश्य के लिए जिम्मेदार समस्याओं में कम मजदूरी और भारत के कृषि क्षेत्र के सामने आने वाली महत्वपूर्ण संरचनात्मक समस्याएं हैं.

पेपर के लेखकों ने कहा है कि साल 2001 से 2011 के बीच की अवधि में आहार की बढ़ती लागत के बावजूद  उस समय में ग्रामीण मजदूरी भी बढ़ी है. हालांकि, 2011 में पूर्ण रूप से पौष्टिक आहार अकुशल मजदूरी की तुलना में महंगे थे, जहां लगभग 50-60 फीसदी पुरुष और लगभग 70-80 फीसदी महिलाएं मनरेगा में दैनिक मजदूरी करते हैं.

पेपर में पाया गया है कि औसत ग्रामीण परिवारों और अन्य गैर-खाद्य खर्चों पर आश्रितों की संख्या को देखते हुए 45-64 फीसदी ग्रामीण गरीब भारत के राष्ट्रीय खाद्य-आहार संबंधी दिशानिर्देशों को पूरा करने वाले पौष्टिक आहार नहीं ले सकते हैं.

गौरतलब है कि पेपर नीति बनाने में पोषण संबंधी आवश्यकताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और भारत की मौजूदा खाद्य नीतियों को अनाज के प्रति अपने भारी पूर्वाग्रह से दूर करने का आह्वान करता है.

द हिंदू के अनुसार, लेखकों के नजरिए और डेयरी, फल और सब्जियों जैसे खाद्य पदार्थों पर ध्यान केंद्रित करने के उनके निर्णय और अकुशल श्रमिकों के बीच इन चीजों की उपलब्धता भारत की खाद्य वास्तविकताओं की एक स्पष्ट तस्वीर पेश करने में मदद करती है, जो आर्थिक सर्वेक्षण की ‘थालीनॉमिक्स’ के विपरीत है, जहां खाने की कीमतों की खूबसूरत तस्वीर पेश की गई है.

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मंगलवार, 20 अक्टूबर 2020

बस्ती- गौशाला के अंदर बेजुबान पशु की दर्दनाक मौत ,कुत्ता नोच-नोच कर खा रहा मांस

बस्ती- जनपद के रामनगर ब्लॉग के अंतर्गत ग्राम पंचायत मझारी पश्चिम में आवारा पशुओं के लिए बनाए गए पशु शेड के अंदर मरे हुए एक बेजुबान जानवर की तस्वीर सामने आई है।
सबसे हैरानी की बात यह है कि जो पशु मरा है वह भूख और प्यास की वजह से बीमार हो चुका था जो पशु शेड के अंदर ही मर गया ,जिम्मेदार लोगों की लापरवाही इतना ज्यादा देखने को मिला कि मृतक पशु को कई घण्टे तक मिट्टी भी नसीब नहीं हुआ ।और मृत शरीर को कुत्ता नोच कर खा रहा था जिसकी एक तस्वीर सामने आई है।


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बस्ती -ब्लॉक पर बनाये गए मॉडल शौचालय ने तोड़ा दम,आखिर ग्रामीणों को क्या देंगे संदेश

विश्वपति वर्मा(सौरभ)

बस्ती-स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव को ओडीएफ करने के चाहे जितने भी दावे किए जाए लेकिन सच तो यह है कि यह योजना झूठ के कलम से लिखी हुई फर्जी दस्तावेजों के आंकड़ों में सिमट कर रह गई है।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत जहां गांव के लोगों को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए व्यापक पैमाने पर अभियान चलाया गया वहीं इस योजना से जुड़ने और इसका लाभ लेने के लिए सरकारी संस्थाओं में मॉडल शौचालय बना कर योजना से जुड़ने के लिए अपील किया गया।

लेकिन जिम्मेदार जनों की उदासीनता और लापरवाही के चलते यह योजना गांवों में ही नही मात्र दिखावा बनकर रह गया ।
एक तस्वीर जनपद के रामनगर ब्लॉक के प्रांगण में बने मॉडल शौचालय की है जो निर्माण के बाद से ही दम तोड़ चुकी है।

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सोमवार, 19 अक्टूबर 2020

198 लाख रुपया खर्च होने के बाद शिवाघाट -पैकोलिया मार्ग पर स्विमिंग पूल का मजा लेता भैंसा

बस्ती - जनपद के शिवाघाट पैकोलिया मार्ग के जर्जर हालत पर भले ही जिम्मेदार जनों का नजर ना पड़े लेकिन बीच सड़क पर गड्ढे में भरे पानी के अंदर बैठा भैंसा लोगों को तो आकर्षित करता ही है।
शिवा घाट पैकोलिया मार्ग कई बरसों से जर्जर है , इस मार्ग को बनवाने के लिए कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों द्वारा बरसों से मांग किया जाता रहा है ,ग्रामीणों के भारी विरोध के बीच वर्ष 2019 में इस सड़क के मरम्मत के लिए एक करोड़ 98 लाख रुपये का बजट पास किया गया था लेकिन न तो इस सड़क के गड्ढे खत्म हो पाए और न ही सड़क चलने योग्य बन पाई।

 इस सड़क की एक तस्वीर यह भी है जहां भैंसा बीच सड़क में बैठकर आराम फरमा रहा है ।फिलहाल तस्वीर महीने भर पुरानी है।

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रविवार, 18 अक्टूबर 2020

इंसान की त्वचा पर 9 घंटे तक जिंदा रह सकता है कोरोना वायरस, शोध में हुआ खुलासा


पूरी दुनिया कोरोनावायरस (Coronavirus) के कहर से जूझ रही है. विभिन्न देश कोरोना से मुकाबला करने के लिए COVID-19 वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं. इस बीच, एक के बाद एक कई स्टडी सामने आ रही हैं, जिनमें नए-नए तथ्यों का पता चला रहा है. एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि कोरोनावायरस मनुष्य की त्वचा पर 9 घंटे तक जीवित रह सकता है. जापानी शोधकर्ताओं ने एक शोध में यह पता लगाया है. उन्होंने कोरोना महामारी से बचने के लिए बार-बार हाथ धोने की भी सलाह दी है. 
क्लीनिकल इन्फेक्शस डिसीजेज जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, कोरोनावायरस की तुलना में फ्लू का वायरस इंसान की त्वचा पर करीब 1.8 घंटे तक जिंदा रह सकता है. 

स्टडी में कहा गया है कि "इन्फ्लुएंजा ए वायरस (IAV) के मुकाबले SARS-CoV-2 के मनुष्य की त्वचा पर 9 घंटे तक जीवित रहने की वजह से कॉन्टैक्ट ट्रांसमिशन का जोखिम बढ़ सकता है. जिससे महामारी बढ़ सकती है." स्टडी के मुताबिक, दोनों ही वायरस और Flu Virus) एथनॉल लगाने के 15 सेकेंड के अंदर निष्क्रिय हो जाते हैं, जिसका इस्तेमाल हैंड सैनिटाइजर में होता है. 

स्टडी में कहा गया है कि  SARS-CoV-2 के स्किन पर ज्यादा समय तक सक्रिय रहने की वजह से संपर्क संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि, हाथों को साफ-सुथरा यानी स्वच्छ रखकर इस जोखिम को कम किया जा सकता है.

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बलिया गोलीकांड का मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह गिरफ्तार, तीन दिन बाद दबोचा गया

बलिया गोलीकांड का मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी धीरेंद्र सिंह को घटना के तीन दिन बाद लखनऊ से दबोचा गया है. इससे पहले, पुलिस ने दुर्जनपुर गांव में हुए गोली कांड में रविवार को 2 और नामजद आरोपी संतोष यादव और अमरजीत यादव गिरफ्तार किया था. इस मामले में कुल 8  नामजद आरोपी हैं. पुलिस ने सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के आवंटन के दौरान गोलीबारी में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में फरार आरोपियों के विरुद्ध इनाम घोषित किया था तथा उनके विरुद्ध रासुका व गैंगस्टर के अंतर्गत कार्रवाई की घोषणा की थी. 

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शनिवार, 17 अक्टूबर 2020

रेप,हत्या,बलात्कार के बाद आवाज उठने पर पुलिस पर ही क्यों गिरती है गाज,सीएम भी तो समाज का हिस्सा है!

सुनिए सरकार....
MYogiAdityanath

16 दिन में उत्तर प्रदेश में 29 से ज्यादा रेप, बलात्कर उसके बाद हत्या के मामले हो चुके हैं जिसमें,2 साल की बच्चियों से लेकर 63 साल की बुजुर्ग महिला शामिल हैं।
यह आपके लिए गंभीर नही हो सकता, विधायक और सांसद के लिए गंभीर नही हो सकता ,मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के लिए गंभीर नही हो सकता लेकिन मेरे लिए यह गंभीर सवाल है।

रेप ,हत्या और बलात्कार में अक्सर पुलिस वालों को निलंबित किया जाता है लेकिन इस देश की विधायिका से सवाल है कि आखिर ऐसे मामलों में पहला दोषी पुलिसकर्मी क्यों होता है?

क्या राज्यों के मुख्यमंत्री इन सब मामलों के दोषी नही होते जो सत्ता में आने के बाद किसी ऐसी नवाचार की व्यवस्था और वकालत नही करते जिससे लोगों में कुंठा की भावना खत्म हो और लोग रेप बलात्कार से ऊपर उठकर कुछ नया सोचें?

सच तो यह है कि सत्ताधारी और सरकार के शीर्ष लोग भी इन सब मुद्दों को बनाये रखना चाहते हैं नही तो ऐसे मामलों पर नियंत्रण किसी सरकार के गठन के 20 वें दिन के बाद से हो जाये जैसे योगी सरकार के ऐंटीरोमियों पर कार्यवाही कुछ दिन तक हुई थी।

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ज्ञान-जानिए क्या है पंचायती राज व्यवस्था ,क्या है पंचायत समिति और क्या है उसकी भूमिका

विश्वपति वर्मा-

जिस तरहं से सदन को चलाने के लिए संसद की आवश्यकता होती है उसी तरहं पंचायत को चलाने के लिए ग्राम प्रधान की व्यवस्था की गई है-पंचायत समिति का एक परिचय

त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के अन्तर्गत पंचायत समिति मध्यवर्ती पंचायत के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ग्राम पंचायत एवं जिला परिषद के बीच कड़ी का कार्य करता है। जिस प्रकार केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के प्रषासनिक एवं विधायी सम्बन्धी सारे कार्य संविधान के नियमों के अनुकूल संचालित होता है, उसी प्रकार पंचायत समिति के सारे कार्य पंचायत राज अधिनियम  के विभिन्न धाराओं एवं नियमों के अनुकूल संचालित होता है।
 

पंचायत समिति की मुख्य धारा एवं उससे संबंधित प्रावधानों का संक्षिप्त विवरण नीचे अंकित है:-

पंचायत समिति की संरचना

      लगभग 5000 की आबादी पर निर्धारित प्रत्येक प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र से पंचायत समिति के लिये एक प्रतिनिधि पंचायत समिति सदस्य के रूप में मतदाताओं द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है। पंचायत समिति में प्रादेषिक निर्वाचन क्षेत्र से सीधे चुनकर आये हुए सदस्यों के अतिरिक्त और भी निम्न सदस्य होते है :-

·                     
सामान्य स्थायी समिति

वित्त अंकेक्षण तथा योजना समिति

उत्पादन समिति

समाजिक न्याय समिति

शिक्षा समिति

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं ग्रामीण स्वच्छता समिति

लोक निर्माण समिति

प्रत्येक समिति में निर्वाचित सदस्यों में से अध्यक्ष सहित कम से कम तीन और अधिक से अधिक पाँच सदस्य होगें। प्रत्येक समिति अपने दायित्वों के प्रभावी निर्वहन के लिये विषेषज्ञो या लोक हित से सम्बध्द अधिकतम दो सदस्यों को कोऑप्ट (सहयोजित) कर सकती है।

   प्रमुख सामान्य स्थायी समिति तथा वित्ता, अंकेक्षण तथा योजना समिति का पदेन सदस्य और अध्यक्ष होगा तथा प्रत्येक समिति के लिये एक अध्यक्ष नामित करेगा। उप-प्रमुख सामाजिक न्याय समिति का अध्यक्ष होगा।  प्रमुख उपर्युक्त दो समितियों सहित तीन से अधिक समितियों के अध्यक्ष का प्रभार नही रेखेगा, परन्तु प्रत्येक समिति में कम से कम एक महिला सदस्य होगी तथा समाजिक न्याय समिति में एक सदस्य अनुसूचित जाति या अनुसूचित जन जाति का होगा।

 पंचायत समिति का निर्वाचित सदस्य तीन से अधिक समितियों का सदस्य नही होगा।

  कार्यपालक पदाधिकारी सामान्य स्थायी समिति तथा वित अंकेक्षण एवं योजना समिति का पदेन सचिव होगा। प्रत्येक अन्य स्थायी समिति के सचिव के रूप में जिलापदाधिकारी या उनके द्वारा प्राधिकृत पदाधिकारी जो प्रखण्ड स्तरीय सम्बध्द विभाग का प्रभारी होगा उसे सचिव के रूप में नामित करेगा।

उत्पादन समिति& कृषि, भूमि विकास, लघु सिंचाई एवं जल प्रबंधन, पशुपालन, दुग्धशाला, कुक्कुट एवं मत्स्यपालन, वानिकी प्रक्षेत्र, खादी ग्रामीण एवं कुटीर उद्योगों तथा गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों से संबंधित कार्यों का निष्पादन करेगी।

·सामाजिक न्याय समिति- निम्नलिखित से संबंध्द कृत्यों का निष्पादन करेगी।

अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनतातियों तथा अन्य कमजोर वर्गों की शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा अन्य हितों का प्रोत्साहन

ऐसी जातियों एवं वर्गों का सामाजिक अन्याय तथा अन्य सभी प्रकार के शोषणों से सुरक्षा प्रदान करना।

 महिलाओं तथा बच्चों का कल्याण

शिक्षा समिति- प्राथमिक, माध्यमिक, जन-शिक्षा सहित, पुस्तकालयों एवं सांस्कृतिक कार्यकलाप संबंधी कार्य करेगी।

·लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं ग्रामीण स्वच्छता समिति& लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं ग्रामीण स्वच्छता संबंधी कृत्यों का निष्पादन करेगी।

लोक निर्माण समिति& ग्रामीण आवास, जलापूर्ति श्रोत सड़क एवं आवागमन के अन्य माध्यमों एवं ग्रामीण विद्युतीकरण एवं संबंध्द कार्यों के निर्माण एवं अनुरक्षण सहित सभी प्रकार के कार्य करेगी।

समितियों की प्रक्रिया

पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव, उसके कार्य संचालन तथा उनसे सम्बध्द सभी मामलों में विनियम बना सकेगी।

प्रत्येक समिति का अध्यक्ष समिति के कार्यों के मामले में पंचायत समिति के कार्यालय से कोई सूचना, विवरणी, विवरण लेखा या प्रतिवेदन मंगवाने तथा पंचायत समिति के किसी भी अन्य सम्पति या समिति से संबंधित कार्य की प्रगति के निरूपन और निरिक्षण का हकदार होगा।

प्रत्येक पंचायत समिति को यह अधिकार होगा कि वह समिति के कार्य से संबंध्द पंचायत समिति के किसी पदाधिकारी को अपनी बैठक में उपस्थित होने की अपेक्षा करें। समिति के अनुदेशों के अधीन सचिव सूचना निर्गत करेगा और पदाधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करेगा।

प्रमुख की शक्ति, कार्य और दायित्व

 प्रमुख, पंचायत समिति की बैठक का आयोजन, अध्यक्षता तथा संचालन करेगा;

पंचायत समिति या स्थायी समिति के निर्णयों का कार्यान्वयन सुनिष्चित करायेगें;

पंचायत समिति की वित्तीय और कार्यपालिका प्रषासन पर पूर्ण नियंत्रण रखेगा;

पंचायत समिति क्षेत्र (प्रखंड) में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित जान माल को तत्काल राहत देने के लिये उसे एक वर्ष में कुल पच्चीस हजार रूपये तक की राषि स्वीकृत करने की शक्ति होगी परन्तु पंचायत समिति की अगली बैठक में प्रमुख ऐसी स्वीकृत राषि का ब्यौरा पंचायत समिति की स्वीकृति हेतु रखेगा।

पंचायत समिति की निधि

  प्रत्येक पंचायत समिति में पंचायत समिति के नाम से एक पंचायत समिति निधि का गठन किया जाएगा और जमा खाते में निम्नलिखित प्रकार की राशि जमा की जायगी :-

(i)    केन्द्र एवं राज्य सरकार, जिला परिषद एवं स्थानीय प्राधिकरण द्वारा दिये गये अंशदान या अनुदान

(ii)    केन्द्र अथवा राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत ऋण यदि कोई हो अथवा पंचायत समिति द्वारा अपनी सम्पति से उगाही राशि।

(iii)   अपने द्वारा उगाहे गये पथ कर, उपशुल्क और शुल्क आदि।

(iv)   पंचायत समिति में निहित या उसके द्वारा निर्मित या इसके नियंत्रण और प्रबंधन के अधीन किसी विद्यालय अस्पताल, औषधालय, भवन, संस्थान अथवा किसी निर्माण की बावत हुई सभी प्राप्तियाँ।

(v)    उपहार या अंशदान के रूप में प्राप्त सभी रकम और पंचायत समिति के पक्ष में किसी भी न्यास धर्मदाय से प्राप्त सभी आय।

(vi)   जुर्माना तथा अर्थदण्ड से वसूले गये राशि

(vii)   पंचायत समिति द्वारा प्राप्त अन्य सभी राशियाँ।

      पंचायत समिति वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर (जो किसी अन्य अधिनियम के अधीन निबंधित न हो), तीर्थ स्थलों, हाटों, मेलों में सफाई व्यवस्था के लिए शुल्क, जल शुल्क, विद्युत शुल्क तथा संपत्तिा कर (उक्त सभी प्रकार की आवासीय एवं वाणिज्यिक संपत्तिायों पर कर) आदि वसूल कर सकेगी। सरकार द्वारा नियमावली के गठन के बाद एवं अधिसूचित शुल्क/ फीस के आधार पर शुल्क वसूल कर सकेगी।

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शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2020

बलिया मर्डर कांड- मुख्य आरोपी के बचाव में बीजेपी विधायक ने जारी किया वीडियो,कहा आत्मरक्षा में चलाई गोली

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में गुरुवार की दोपहर एक अधेड़ की हत्या का मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है. इस मामले में मुख्य आरोपी बीजेपी कार्यकर्ता धीरेंद्र सिंह को लेकर बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने एक बयान जारी किया है. सुरेंद्र सिंह इस वीडियो में आरोपी का बचाव करते नजर करते आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि धीरेंद्र सिंह अगर आत्मरक्षा में गोली नहीं चलाता तो उसके परिवार के दर्जनों लोग मारे जाते. उन्होंने यह भी कहा कि दूसरे पक्ष के कई लोग बुरी तरह घायल हैं, तो उनकी बात भी सुनी जानी चाहिए.
बीजेपी विधायक ने इस वीडियो में कहा, 'जो घटना हुई है वह निंदनीय है, लेकिन पुलिस एकतरफा कार्रवाई कर रही है. दूसरी तरफ के लोगों की 6-6 महिलाएं घायल हुई हैं और एक शख्स गंभीर रूप से घायल होकर बनारस रेफर कर दिया गया है, जिसके पक्ष को नहीं सुना जा रहा है. उनकी पीड़ा को कोई नहीं देख रहा.'

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गुरुवार, 15 अक्टूबर 2020

बस्ती से ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट -शौचालय निर्माण में महाघोटाला, सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ध्वस्त

समीक्षात्मक रिपोर्ट
विश्वपति वर्मा(सौरभ)

बस्ती-पूरे देश के लोगों को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए भारत सरकार ने एक बड़ी योजना चलाकर देश के प्रत्येक घर मे शौचालय बनवाने का लक्ष्य रखा था जो खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी योजना था लेकिन धरातल पर शौचालय निर्माण के नाम पर ओडीएफ के फर्जी दस्तावेज और घोटालों के अलावा कुछ दिखाई नही देता।

तहकीकात समाचार के समीक्षात्मक रिपोर्ट में जनपद के रामनगर ब्लॉक के परसाखुर्द बुजुर्ग उर्फ दरियापुर जंगल ग्राम पंचायत में बने शौचालय की स्थिति और स्वच्छ भारत मिशन के प्रगति का जायजा लिया गया तो हमारी पड़ताल में ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर एक बड़े भ्रष्टाचार किये जाने का मामला सामने आया है।
जिला मुख्यालय बस्ती से 37 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र में बसने वाले दरियापुर जंगल मे 907 घरों में शौचालय बनवाने का लक्ष्य रखा गया था वहीं 863 लाभार्थियों को शौचालय का लाभ देकर स्वच्छ भारत मिशन के तहत 1 करोड़ 35 लाख 6 हजार रुपया खर्च किया गया जिसमें से 12000 रुपये का लाभ पाए कई दर्जन लोगों को शौचालय का लाभ नही मिल पाया वहीं ठेके पर बनवाये गए शौचालय में हुए बंदरबांट और प्रधान की लापरवाही की वजह से बनवाये गए शौचालय बनने के कुछ दिन बाद से ही भरभरा का गिरने लगा।

गांव की एक लाभार्थी सुषमा देवी ने बताया कि जब शौचालय बनवाने की जानकारी हुई तब हमने शौचालय बनवाने की इच्छा जाहिर की लेकिन ग्राम पंचायत द्वारा शौचालय का पैसा दिए जाने से मना कर दिया और ग्राम सचिव और प्रधान द्वारा पूरे गांव में शौचालय बनवाने के लिए तीसरे व्यक्ति को ठेका दे दिया गया और ठेकेदार शौचालय बनवाकर चला गया ,सुषमा ने बताया कि जब ठीकेदार शौचालय बनवा कर चला गया तो कुछ ही दिन बाद शौचालय गिर पड़ा और वह पूरी तरह से छतिग्रस्त हो गया ।
इसी गांव की निवासिनी रंभा देवी ने बताया कि ठीकेदार ने हमारे घर पर शौचालय का निर्माण करवाया लेकिन घटिया निर्माण के चलते महीने भर के बाद शौचालय के गड्ढे का ढक्कन टूट कर गिर गया और उससे जुड़ी पाइप भी टूट फूट गई जिससे शौचालय का सपना साकार नही हो पाया।
गांव की और लाभार्थी सावित्री देवी ने बताया कि जब शौचालय निर्माण हो रहा था तब हम लोग चाहते थे कि शौचालय कुछ अच्छा बन जाये लेकिन यहां पर किसी ने हम लोगों के बात की सुनवाई नही की और बालू की मात्रा ज्यादा कर शौचालय बना दिया गया जिसमें मजबूती बिल्कुल नही था जिसके चलते कुछ दिन बाद शौचालय का छत टूट कर गिर गया।
इसी गांव में एक और शौचालय दिखाई दिया जो अधूरा पड़ा था इस शौचालय के गड्ढे खोदे गए लेकिन शौचालय की सीट से गड्ढे तक न तो पाइप लगाया और न ही ढक्कन इस लिए यह शौचालय भी भ्रष्टाचार के दलदल में फंस कर रह गया।

ये सब तो मात्र एक उदाहरण है रामनगर ब्लॉक के इस बड़े ग्राम पंचायत में शौचालय निर्माण के नाम पर जितना भ्रष्टाचार हुआ है उसको बताते और दिखाते घड़ी का घंटा बदल जायेगा ग्राम पंचायत के अधिकांश घरों में बनवाये गए शौचालय के दरवाजे टूट कर गायब हो चुके हैं क्योंकि ठेके प्रथा पर बनवाये गए शौचालय के दरवाजे बहुत ही घटिया किस्म के लगाए गए थे।


इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी सरनीति कौर ब्रोका से हुई तो उन्होंने कहा कि मामला काफी गंभीर है इसकी जांच करवाकर दोषियों के ऊपर कड़ी कार्यवाई की जाएगी।

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बुधवार, 14 अक्टूबर 2020

आधा दर्जन फर्जी कंपनियां बना कर शातिर गैंग नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से करते थे ठगी ?

आधा दर्जन फर्जी कंपनियां बना कर शातिर गैंग नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से करते थे ठगी ?



लखनऊ 

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बड़े शातिर गैंग का भंडाफोड़ हुआ है जो नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी कंपनियों के सहारे टेंडर जारी कर बेरोजगार युवक युवतियों को निशाना बनाते थे । इस गैंग का खुलासा तब हुआ जब कंपनी के ही मैनेजर ने पूरे सबूत के साथ गाजीपुर थाने में जाकर शिकायत किया।

कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत उदय प्रताप ने गाजीपुर थाने में तहरीर देते हुए बताया कि 1 वर्ष पहले अखिलेश तिवारी ग्राम - सिधाई, थाना - शाहगंज,जिला जौनपुर, नामक व्यक्ति से मुलाकात हुई धीरे धीरे यह मुलाकात विजनेस पार्टनर में बदल गया ,चूंकि अखिलेश तिवारी ने कहा कि उसके पास कई कंपनियां हैं जो स्वास्थ्य से लेकर संविदा कर्मचारी की नियुक्तियों का काम करती है अखिलेश ने कहा कि कंपनी में सहयोगी के तौर मैनेजर का पद लेकर काम करो ।

उदय प्रताप ने बताया कि अखिलेश तिवारी के साथ जब करना शुरू किए तो पता चला कि होम फॉर डिसएबल सोसाइटी,अल्फा खुशी मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड,अल्फा टूमेगा फाइनेंसियल सर्विस,अल्फा इन्फोटेच प्राइवेट लिमिटेड एवं अल्फा शॉपिंग कंपनी बनाकर बेरोजगारों को सरकारी और संविदा पर नौकरी देने का नाम पर टारगेट किया जाता था ,बाद में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर बेरोजगारों से लाखों रुपया हड़प लिया जाता जब तक पीड़ितों को इस बात की जानकारी होती तब तक वह ठगे जा चुके होते थे।मैनेजर ने बताया कि जब इस साजिश की जानकारी हमे हुई तो बेरोजगार लोगों को इस जालसाज कंपनी से बचाने के लिए गाजीपुर थाने में सबूतों के साथ शिकायत थी । पर गाजीपुर थाना एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की। मामले को लीपापोती करने लगे।
क्यू की मामला हाई फाई प्रोफ़ाइल से जुड़ी है।
फिर प्राथी ने मामले को लखनऊ पुलिस कमिश्नर से सिकायात की मामले को संज्ञान में लेकर जांच के लिए DCP/ACP  को सौंप दी है । ACP इंद्रा नगर लखनऊ  ने बताया है जांच चल रही जांच के बाद FIR  दर्ज़ कर ली जायेगी।

फर्जी वेबसाइट के जरिये जारी होता था टेंडर  ?

 मैनेजर ने बताया कि इस शातिर गैंग द्वारा कई विभागों का फर्जी वेबसाइट बनवाई जाती थी । उसके बाद यहां सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए टेंडर जारी किया जाता था । जब कोई बेरोजगार गूगल पर नौकरियों के बारे में जानकारी प्राप्त करता था । तब वह इस कंपनी के साजिश का शिकार हो जाता था ,मैनेजर ने बताया कि  इस फ़र्ज़ी गैंग के जाल में अब तक सैकड़ो लोग फंस चुके हैं। वहीं ऑनलाइन फॉर्म भर कर नौकरी दिलवाने के नाम पर इस गैंग ने अब तक करोड़ों रुपये की ठगी की है जिसमें मुख्य साजिशकर्ता अखिलेश तिवारी और अमन तिवारी  हैं जिनके द्वारा बेरोजगार लोगों को ठगने के काम को अंजाम दिया जाता है।

पूर्व में इसी प्रकार के जालसाजी में चिनहट थाने में दर्ज है मुकदमा ?

इस शातिर गैंग का यह कारनामा काफी दिनों से चल रहा है जिसमे एक वर्ष पूर्व  7 युवकों के साथ नौकरी का झांसा देकर धोखाधड़ी करने के आरोप में  चिनहट थाने में  मुकदमा दर्ज है जिसमे आरोपी अखिलेश तिवारी ने फाइनेंस एंड प्लेसमेंट एजेंसी अल्फा टु ओमेगा कंपनी के माध्यम से सरकारी विभागों में नौकरियां दिलवाने के नाम पर  इन युवाओं  से 17.50 लाख रुपये का ठगी कर लिया था।

आरोपी अपहरण, लूट गैंगस्टर में जा चुका है जेल ?

नौकरी में जालसाजी करने के अलावा गैंग के मुखिया के ऊपर कई गंभीर धाराओं में मुकदमा भी दर्ज है वहीं पिछली दिवाली के दौरान अखिलेश तिवारी को कैसरबाग पुलिस ने अपहरण , लूट और गैंगस्टर के एक मामले में दर्ज मुकदमे के बाद अखिलेश तिवारी को दबोचा था जिसमे दो महीना जेल में रहने के बाद वह जमानत पर बाहर आकर इस तरह के कार्यों को अंजाम दे रहा है।
तहकीकात समाचार नैतिकता, प्रमाणिकता ,निष्पक्षता

IMF की रिपोर्ट -प्रति व्यक्ति GDP ग्रोथ में भारत को पछाड़ने जा रहा बांग्लादेश

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मामले में बांग्लादेश भारत को पछाड़ते हुए आगे निकलने को तैयार है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)-वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) के मुताबिक, साल 2020 में बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी 4 फीसदी बढ़कर 1,888 डॉलर होने की उम्मीद है, जबकि भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 10.5 प्रतिशत घटकर 1,877 डॉलर रहने की उम्मीद है - जो पिछले चार वर्षों में सबसे कम है. आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि इस साल भारत की जीडीपी में 10.3 फीसदी की गिरावट आ सकती है.
भारत के लिए आईएमएफ का यह अनुमान, जून में किए गए पूर्वानुमान से बहुत नीचे है, जिसमें कहा गया है कि कोरोनोवायरस महामारी की वजह से  उभरते बाजारों में सबसे बड़ा संकुचन देखने को मिल सकता है. मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों की जीडीपी का यह आंकड़ा मौजूदा कीमतों पर आधारित है.  जून में आईएमएफ के पिछले पूर्वानुमान में कहा गया था कि उत्पादन 4.5 प्रतिशत कम हो जाएगा. 

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)-वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO)की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दक्षिण एशिया में तीसरा सबसे गरीब देश बनने की ओर अग्रसर है. केवल पाकिस्तान और नेपाल की प्रति व्यक्ति जीडीपी ही भारत से कम होगी जबकि बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और मालदीव जैसे देश भारत से आगे होंगे.

हालाँकि, IMF ने अनुमान जताया है कि 2021 में प्रभावशाली 8.8 प्रतिशत की विकास दर के साथ भारत, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में वापसी कर सकता है. इस प्रकार सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्था की स्थिति को फिर से हासिल करते हुए भारत चीन की अनुमानित विकास दर 8.2 प्रतिशत को पार कर सकता है.

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ग्राम पंचायत के खाते से सचिव ने किया 11 लाख का घोटाला ,आखिर बर्खास्तगी क्यों नही

उत्तर प्रदेश-बस्ती

ग्राम पंचायत के समग्र एवं समेकित विकास के लिए आये हुए धन में सेंध लगाकर रुधौली के मल्हवार के तत्कालीन सचिव विवेक कुमार को 11 लाख रुपया फर्जी तरीके से निकालने के बाद हुई शिकायतों के संज्ञान के बाद निलंबित कर दिया गया।
सचिव को निलंबित तब किया गया जब वह दोषी पाया गया ,सोचने वाली बात यह है कि जब 2 ग्राम पंचायत में उसने बड़े बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया तो क्या उसके द्वारा अन्य ग्राम पंचायतों में तैनाती के दौरान घोटाला नही किया गया होगा? 

इसलिए लिए शासन और प्रशासन को इस बात पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि इस तरह से भ्रष्ट लोगों पर आरोप सिद्ध होने के तुरंत बाद उसे सेवा मुक्त कर उसके घर भेज देना चाहिए ऐसा न करना सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा होता है जो भ्रष्टाचार को रोकने में ठोस कदम उठाने के जरा सा भी प्रयास नही करती।

आखिर किसी भ्रष्ट व्यक्ति को  निलंबित करने का मतलब ही क्या है जो 4 -6 महीने बाद पूरे तनख्वाह के साथ बहाल होकर वापस आ जायेगा और फिर वही काम करेगा ,क्योंकि जिस भ्रष्ट व्यक्ति को आरोप मुक्त कर बहाल किया जाएगा उसे लाखों के सौदे से गुजरना पड़ेगा वह पैसा कमाने के लिए वह फिर अनैतिक कार्यों में लिप्त होगा जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगना मुश्किल ही नही नामुमकिन है ।

इसलिए सरकार को इस बात पर गंभीरता से विचार करते हुए इस पर बने कानून पर ध्यान देना चाहिए कि किसी भी अधिकारी कर्मचारी या जनप्रतिनिधि पर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होने के तुरंत बाद उसे बर्खास्त करने के प्रावधान पर जोर देना चाहिए यह देश हित में एक बेहतर कदम होगा ।

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मंगलवार, 13 अक्टूबर 2020

बस्ती- दुर्गा प्रतिमा स्थापित करने के लिए जिलाधिकारी का निर्देश, सड़कों पर नही रखी जाएंगी मूर्तियां

 बस्ती - जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने कहा है कि दुर्गा पूजा के दौरान चौराहों तथा सड़कों पर कोई मूर्ति नहीं रखी जाएगी. इस दौरान प्रत्येक आयोजन के लिए संबंधित एसडीएम से अनुमति लेनी होगी. 

पुलिस लाइन सभागार में आयोजित जिला शांति समिति की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 का खतरा अभी भी बरकरार है. हमें अपने परिवार एवं समाज को इस वायरस से बचाना है. इसलिए परम्परागत ढंग से मूर्ति की स्थापना जुलूस एवं विसर्जन की व्यवस्था में बदलाव किया गया है.
उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त किया कि बदली हुई परिस्थिति में सहयोग करने के लिए सभी दुर्गा पूजा समिति के पदाधिकारी सहमत हैं. प्रशासन उनके धार्मिक आयोजन में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करेगा और पूरी तरह सहयोग करेगा. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर दी गई किसी भी सूचना के बारे में पहले संबंधित एसडीएम, सीओ या थाना प्रभारी से असलियत जान लें. किसी प्रकार के भ्रम में न आए.

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सोमवार, 12 अक्टूबर 2020

दौलत का विकेंद्रीकरण किए बिना दुनिया की कोई शक्ति भारत के गरीबों को संपन्न नहीं बना सकती

विश्वपति वर्मा(सौरभ)

देश में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी जब शोषित वंचित, गरीबों एवं किसानों के हित की बात अपने मंच से करती है तो सुनने में बहुत अच्छा लगता है ,लेकिन सत्ताधारी पार्टी को समझना चाहिए की आर्थिक विकेंद्रीकरण के बिना  देश की निचली इकाई में जीवन यापन करने वाले लोगों के आय में वृद्धि नहीं हो सकता है ।
आज देश की जितनी पूरी संपत्ति है उसकी आधी संपत्ति मुट्ठी भर लोगों के पास जमा हुआ है वहीं 36 से 40 करोड़ लोग ऐसे हैं जो 20 रुपये से कम पर जीवन यापन करने के लिए मजबूर है ,ये अन्नदाता का देश है जहां किसानों द्वारा उपजाई गई फसलों से देश के सभी वर्गों के लोगों को भोजन मिलता है लेकिन यह सुनकर दुख होता है कि अन्नदाता के देश में 22 करोड़ लोग भूखे पेट सोने को मजबूर हैं  आखिर यह क्यों है? इसके पीछे का कारण क्या है? यह जानने के लिए आपको देश की वर्तमान नीतियों की समीक्षा करना पड़ेगा ,हमे सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं का अध्ययन करना पड़ेगा तब पता चलेगा कि आखिर आजादी के 7 दशक बाद जब दुनिया के कई देश परचम लहरा रहे हैं तब भारत मे गरीबी और बेरोजगारी पर आखिर नियंत्रण क्यों नही हो पा रहा है।
भारत में निचली इकाई में जीवन यापन करने वाले गरीब व असहाय लोगों के जीवन में बदलाव आए इसके लिए कोई ठोस योजना नही बनाई गई है यहां ऐसे लोगों को मात्र500 रुपया महीना पेंशन देकर उनके जीवन जीने के लिए नीति बना दी गई है जबकि उनके जीविका के लिए कोई योजना का निर्माण नही किया गया ।

देश के नीति निर्माताओं को चाहिए कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत कर उनके जीविकोपार्जन के लिए उनको काम देने की आवश्यकता पर जोर दिया जाए , और यह काम पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ किया जाए क्योंकि इसके पहले कई बार सरकारों द्वारा कई तरह की कुटीर उद्योगों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को रोजगार देने की योजना बनाई गई लेकिन गलत नीतियों के चलते आज तक ग्रामीण क्षेत्र में लगाए गए कुटीर उद्योग या फैक्ट्रियों का वजूद संकट में आ गया।

सरकार को इस बात पर जोर देना चाहिए कि जो मुट्ठी भर लोग दौलत की ढेरी पर बैठे हुए हैं उनकी दौलत का 10% हिस्सा सरकारी संपत्ति में जोड़कर पहले खजाने को मजबूत करे उसके बाद उस धन का विकेंद्रीकरण कर पूरे देश में आर्थिक संकट को दूर करे, जब तक धन का विकेंद्रीकरण नहीं होगा, गांव तक पैसा नहीं पहुंचेगा तब तक दुनिया की कोई शक्ति भारत के गरीबों और बेरोजगारों को संपन्न नहीं बना सकती है

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बस्ती-कई दर्जन ग्राम पंचायत में हुआ कूड़ेदान घोटाला ,1800 के कूड़ेदान पर 6500 का भुगतान

विश्वपति वर्मा(सौरभ)

स्वच्छता अभियान के नाम पर गांव-गांव रखवाए कूड़ेदानों का उपयोग क्या है ग्रामवासियों को यह पता नही चल पाया लेकिन तहकीकात समाचार के समीक्षात्मक रिपोर्ट में स्वच्छ भारत मिशन के नाम घोटाले की हकीकत उजागिर हुआ है।
रामनगर ब्लॉक में 91 ग्राम पंचायत के सापेक्ष कई दर्जन गांवों में कूड़ेदान की स्थापना की गई है लेकिन स्थलीय पड़ताल के दौरान पता चला कि गांव में लगाये गए कूड़ेदान का उद्देश्य केवल सरकारी धन को हड़पने का है।

विकास खण्ड के मनौडी ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के प्रगति का जायजा लिया गया  तो पता चला कि न तो ग्राम पंचायत में साफ सफाई है और न ही ग्राम पंचायत में लगाये गए कूड़ेदान का उपयोग ,ग्राम पंचायत के एक कोने में कूड़ेदान का एक सेट पड़ा हुआ दिखाई दिया।
ग्राम पंचायत बड़ोखर में लगाये गए कूड़ेदान भी गांव के गलियों में टूटे फूटे पड़े हुए दिखाई दिए यहां भी स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर कूड़ेदान का कोई उपयोग नही दिखाई दिया। यहाँ की हर गलियों में जहां गंदगी का अंबार है वहीं शौचालय योजना का निर्माण जोर शोर से करवाए जाने के बाद भी सड़क के दोनों छोर पर शौच करने वाले लोगों की संख्या भी भारी भरकम है।

इसी तरह बेलगड़ी ग्राम पंचायत में लगाये गए कूड़ेदान भी मात्र दिखावा बनकर रह गया है जो घूर गड्ढे पर रखकर स्वच्छ भारत मिशन के फर्जी उद्देश्यों को पूरा कर रहा है। ग्राम पंचायत में दर्जन भर कूड़ेदान लगाए गए हैं लेकिन कोई टूटा पड़ा हुआ है तो कोई खुद कूड़े के ढेर में दफन हो गया है ।
बाजार भाव से 4 गुणा दामों पर खरीदा गया कूड़ेदान

तहकीकात समाचार ने कूड़ेदान के भाव का पता लगाया तो बाजार में इसकी कीमत 1600 से लेकर 1800 के बीच पाया गया वहीं ग्राम पंचायतों द्वारा कूड़ेदान स्थापना के नाम पर 6500 से लेकर के दस हजार रुपये तक का भुगतान किया गया है ।

कूड़ेदान के लगाये गए कीमत और बाजार भाव जानने के बाद योजना के नाम पर बड़ी गड़बड़ी की आशंका प्रतीत हुई है। सच तो यह है कि कूड़ेदान स्थापना के नाम पर ब्लॉक में करोड़ो रूपये का घोटाला हुआ है जिसमे अफसरों की भूमिका भी संदेहास्पद है।

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शनिवार, 10 अक्टूबर 2020

बस्ती-किसान यूनियन ने लगाई पंचायत ,चार बिंदुओं पर स्थानीय प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

बस्ती/भानपुर-भारतीय किसान यूनियन ने कन्हैया प्रसाद के नेतृत्व में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरौली शुमाली के गेट पर पंचायत लगाकर स्वास्थ्य, सड़क ,आधार कार्ड और किसानों की समस्या पर एसडीएम आनंद श्रीनेत के माध्यम से मंडलायुक्त को ज्ञापन सौंपा साथ मे तहसीलदार केसरी नंदन तिवारी और थानाध्यक्ष अटल बिहारी ठाकुर भी मौजूद रहे।
भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरौली शुमाली में ओपीडी शुरू करने की मांग किया ,मांग पत्र में कहा गया कि स्वास्थ्य केंद्र जिस उद्देश्य से बनाया गया है उसपर काम नही हो रहा है इसलिए सभी खाली पदों को भरते हुए अस्पताल की ओपीडी को तत्काल प्रभाव से शुरू किया जाए। मांग पत्र में कहा गया कि हर काम के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है लेकिन आज आधार कार्ड बनवाने के लिए कठिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है सल्टौआ और सोनहा में आधार सेंटर बनाने की मांग की गई।

मांग पत्र में क्षेत्र की छतिग्रस्त सड़कों को सुधारने और किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने में आ रही समस्या पर समाधान लाने की मांग की गई.

इस मौके पर श्याम नारायण सिंह, हिर्दय राम वर्मा ,रामप्रताप चौधरी, चंद्र प्रकाश वर्मा ,बंधु चौधरी , राम नयन किसान, पीतांबर मौर्या, राम नरेश चौधरी, राम धीरज पटेल ,गौरी शंकर ,राम बुझारत मौर्य ,नायब चौधरी ,पप्पू गौतम, स्नेही, कमल कुमार ,शोभाराम ठाकुर, जय राम चौधरी ,राकेश पटेल, राम प्रकाश पटेल,नेबुलाल समेत सैकड़ो किसान मौजूद रहे।


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बस्ती-सपा की बैठक में बूथ स्तर पर मजबूती लाने के लिए दिया गया जोर ,सदस्यता अभियान चलाने की चर्चा

बस्ती-समाजवादी पार्टी रुधौली विधानसभा कमेटी की बैठक विधानसभा अध्यक्ष मोहम्म उमर की अध्यक्षता में शनिवार को अमरौली शुमाली स्थिति राम जानकी मंदिर पर सम्पन्न हुई. बैठक में बूथ, सेक्टर स्तर की कमेटियों को सक्रिय करने, सदस्यता अभियान तेज करने, मतदाता सूची की बूथ स्तर पर जांच कर जिनके नाम छूटे हो या कट गया है उन्हें शामिल कराने, नये नाम बढवाने आदि पर विचार किया गया.

बैठक को सम्बोधित करते हुये सपा जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव ने कहा कि बूथ स्तर की मजबूती से ही 2022 में जीत का लक्ष्य पूरा हो सकेगा. कहा कि बूथ स्तर के पदाधिकारी लोगों के सीधे सम्पर्क में रहे और यदि किसी की कोई समस्या हो तो समाधान का प्रयास करें.


रुधौली विधानसभा कमेटी की बैठक में पूर्व विधायक राजेन्द्र प्रसाद चौधरी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार रोजगार उपलब्ध कराने में पूरी तरह से फेल हो गई है ,उन्होंने बताया कि जो बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इलाहाबाद ,लखनऊ, दिल्ली और अन्य शहरों में तैयारी कर रहे हैं आज रोजगार न मिलने की वजह से उनका मनोबल टूट चुका है उन्होंने किसानों की समस्या पर संबोधित करते हुए कहा की मौजूदा सरकार किसानों की आय में वृद्धि करने की बात करती है लेकिन आजादी के 7 दशक बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि पिछले 3 सालों में फसलों का मूल्य नहीं बढ़ाया गया है, वही गन्ना किसानों की कई सौ करोड़ रुपया मिल मालिकों द्वारा दबा कर रखा गया है लेकिन मौजूदा सरकार युवाओं और किसानों के न्याय के लिए बात नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार आने के बाद किसानों युवाओं और व्यापारियों समेत सभी समाज के लोगों को ध्यान में रख कर काम किया जाएगा।

विजय प्रकाश वर्मा, प्रभाकर वर्मा ,महेश चौधरी ,राम तीरथ यादव  ने भी बैठक को संबोधित करते हुए मौजूदा सरकार की निरंकुशता पर सवाल खड़ा किया।

इस मौके पर राजेश यादव ,नागेंद्र पटेल, ओमप्रकाश प्रजापति, चंद्रिका ,चौधरी ,मेवालाल यादव, राम नरेश चौधरी, रामचंद्र यादव, अभय नंद मौर्या, विजय वर्मा, राजमंगल वर्मा, प्रेम चन्द्र,जहूर मोहम्मद, राम उजागीर वर्मा ,जमुना यादव ,महंत यादव, महेंद्र यादव, परशुराम मौर्या, राम सेवक, गौतम बलराम चौहान,राहुल वर्मा, कल्लू मोदनवाल, दिनेश चौधरी , प्रेम चौधरी, संजय, धीरज,सुधाकर चौधरी समेत सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।

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बस्ती -लाखों की तनख्वाह लेने वाले डॉक्टर फार्मासिस्ट गायब,राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का बुरा हाल

विश्वपति वर्मा(सौरभ)

शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों की दशा व दिशा को सुधारने के चाहे जितने प्रयास किये जाए लेकिन लापरवाह  डॉक्टरों और कर्मचारियों की उदासीनता के चलते बीमारों को दवा और इलाज दोनों मिलना मुश्किल हो गया है।
तहकीकात समाचार ने भानपुर तहसील के अंतर्गत शंकरपुर में बने 4 बेड के राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल का पड़ताल किया सुबह करीब 11 बजे जब राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय पर पहुंचे तो स्थलीय पड़ताल में वहां की व्यवस्था काफी चौंकाने वाली दिखी जहां डॉक्टर ,फार्मासिस्ट ,और वार्ड व्वाय सब गायब मिले ,अस्पताल का ताला खुला था जहां वार्डव्वाय ने अपने लड़के को भेज रखा था ।

चार बेड के इस अस्पताल में कई दशक बीत गये कोई भी मरीज भर्ती नहीं हुआ यहां पर एक कमरा था जिसमे कबाड़ भरे हुए थे ,वार्ड में भी टूटे फूटे कुर्सी मेज और अन्य गंदगियों का अंबार लगा मिला। परिसर को गन्दगी ने अपने आगोश में ले रखा था। यह हाल तब है जब देश के पीएम व सीएम पूरे देश में स्वच्छता अभियान चला रहे हैं लेकिन इस अस्पताल में इसका कोई असर नहीं दिख रहा है।

एक कोने में पड़ा राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का सांकेतिक बोर्ड ।

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शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2020

MLA ए. प्रभु और 19 साल की पत्नी को कोर्ट में मिली जीत, दलित-ब्राह्मण की शादी पर झेल रहे थे विरोध

35 साल के विधायक ए. प्रभु और उनकी पत्नी को मद्रास हाईकोर्ट में जीत मिली है. दरअसल, उनकी 19 साल की पत्नी के पिता ने कोर्ट में एक हेबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की थी, जिसमें विधायक के खिलाफ अपनी बेटी को किडनैप करने का आरोप लगाया था. कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है. 35 साल के दलित विधायक ने ब्राह्मण पुजारी के परिवार से आने वाली 19 साल की सौन्दर्या से शादी की है, जिसका इस हफ्ते काफी विरोध हो रहा था. 
सौन्दर्या भी शुक्रवार को हाईकोर्ट में पेश हुईं और उन्हें अपने पिता से बात करने की अनुमति दी गई थी. बात करने के बाद सौन्दर्या ने कोर्ट के सामने कहा कि वो अपने पति के साथ रहना चाहती हैं. उन्होंने किडनैपिंग को लेकर लगे आरोपों को भी खारिज कर दिया. 

विरोध सामने आने के बाद पति-पत्नी ने पिछले दिनों एक वीडियो जारी कर कहा कि वो दोनों ही वयस्क हैं, कुछ महीने पहले साथ आए थे और अब आपसी सहमति से शादी की. सौन्दर्या के मुताबिक, उनका परिवार ए. प्रभु को एक दशक से ज्यादा वक्त से जानता है और सोमवार को उनकी शादी से पहले तक अपने घर में हमेशा स्वागत करता था. सौन्दर्या के पिता स्वामीनाथन ने बेटी का हाथ मांगे जाने पर ए. प्रभु को सीधे-सीधे मना कर दिया था. उन्होंने उनके संबंध को 'विश्वास को धोखा' देने का दर्जा दिया था. उन्होंने ए. प्रभु पर आरोप लगाया कि वो सौन्दर्या के साथ तभी रिलेशनशिप में आ गए थे, जब वो नाबालिग थीं. उन्होंने विधायक पर अपनी बेटी को फंसाने का भी आरोप लगाया. 

स्वामीनाथन ने शुक्रवार को कोर्ट में बताया, 'प्रभु मेरी बेटी के साथ चार साल से प्यार में थे, जब अभी वो नाबालिग ही थी. वो उनके कंट्रोल में थी.' उन्होंने पहले कहा था कि उन्हें इस शादी से एतराज 'जाति की वजह नहीं बल्कि उम्र में फर्क से है.' हालांकि, उन्होंने कोर्ट में इसका जिक्र नहीं किया है. 

इसके पहले मीडिया से बातचीत में ए प्रभु ने कहा था कि वो उम्मीद करते हैं कि उनका उनके ससुराल वालों से संबंध जल्दी ही सुधर जाएगा. उन्होंने कहा था, '30 साल की उम्र तक मैं राजनीति में व्यस्त था. लॉकडाउन के दौरान मैं उनके (अपनी पत्नी) करीब आया और उनसे प्यार करने लगा. मैं अपनी पत्नी के पिता को सालों से जानता हूं, हमारे अच्छे संबंध रहे हैं. उन्होंने मुझे अपने हाथों से भी खिलाया और मेरी सफलता के लिए प्रार्थना की है. मुझे लगता है कि कुछ राजनीतिक ताकतों ने मेरे खिलाफ उनके दिमाग में जहर भर दिया है.'

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गुरुवार, 8 अक्टूबर 2020

पुलिस की नौकरी छोड़ कर राम विलास पासवान बने थे सबसे युवा विधायक ,बनाया था विश्व कीर्तिमान


केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री, राम विलास पासवान का गुरुवार को निधन हो गया। वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। दिल्ली के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। 74 वर्षीय राम विलास पासवान की कुछ दिनों पहले ही दिल की सर्जरी भी हुई थी। 

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन की सूचना उनके बेटे और लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने दी। 
Ramvilash-paswan रामविलास पासवान देश के ऐसे राजनेता रहे जिन्हें जानने समझने की जरूरत है। क्योंकि वह एक ऐसे परिवार से निकले जहां काफी आर्थिक तंगी थी। दलित समाज के इस बड़े नेता के राजनीति में आने का भी दिलचस्प किस्सा है। 

युवा अवस्था में रामविलास पासवान सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर डीएसपी बन चुके थे उसी बीच 1969 के मध्यावधि चुनाव की हलचल थी। खगड़िया जिले के अलौली विधानसभा सीट से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी को प्रत्याशी की तलाश हो रही थी। 

नौकरी ज्वाइन करने के बाद  उनकी मुलाकात कुछ समाजवादियों से हुई रामविलास की प्रतिभा देखकर उन्होंने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया।

बड़ी मशक्कत के बाद रामविलास पासवान को नौकरी मिली थी, इस वजह से उनका मन डगमगा रहा था। वह राजनीति में नहीं जाना चाहते थे। लेकिन समाजवादी नेताओं ने उन्हें समझाया कि राजनीति में जाओगे तो केवल अपना ही नहीं पूरे समाज का भला कर पाओगे। यह बात रामविलास पासवान को अंदर तक झकझोर गई और वह अलौली विधानसभा सीट से चुनाव में उतर गए।

संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी एसएसपी ने रामविलास पासवान को चुनाव के मैदान में उतारा। सामने कांग्रेस के नेता मिश्री सदा थे। प्रचार के मामले में रामविलास पासवान मिश्री से काफी पीछे थे क्योंकि इनके पास पैसों की किल्लत थी। जैसे तैसे साइकिल से पूरा चुनाव प्रचार किया गया। हालांकि चुनाव परिणाम आने पर उनका फैसला सही साबित हुआ और वह विधायक बन गए। पासवान को 20330 वोट आये, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मिश्री सदा को 19424 वोट मिले थे। इस तरह राम विलास पासवान की राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई।

विधायक बनने के आठ साल बाद पासवान ने जनता पार्टी के टिकट पर 1977 में हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा. तब पासवान 4.25 लाख वोट से जीते थे. यह पासवान का वर्ल्ड रिकॉर्ड था. 1989 में रामविलास पासवान ने फिर से हाजीपुर से जीत दर्ज की थी. इस बार उन्हें 5.05 लाख वोट मिले. उन्होंने खुद अपना पुराना गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया था.

रामविलास पासवान को राजनीति का मौसम विज्ञानी कहा जाता था. शायद यही वजह है कि वो पिछले तीन दशकों में पीवी नरसिम्हा राव को छोड़कर सभी प्रधानमंत्रियों की मंत्रिपरिषद में शामिल रहे हैं. फिलहाल वो मोदी सरकार में खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री थे. उन्होंने साल 2000 में लोक जनशक्ति पार्टी बनाई थी. इससे पहले वो बिहार में दलित सेना नाम का संगठन भी चला रहे थे.

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सीबीआई के निदेशक रहे नागालैंड के पूर्व राज्यपाल अश्विनी कुमार ने किया आत्महत्या

नागालैंड के पूर्व राज्यपाल व सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) के पूर्व निदेशक अश्विनी कुमार ने शिमला स्थित अपने आवास में सुसाइड कर लिया. उन्होंने फंदा लगाकर खुदकुशी की. इसकी जानकारी पुलिस ने दी. 

पुलिस सूत्रों के अनुसार शिमला स्थित ब्राक हास्ट में आवास में उनका शव लटका पाया गया. पूर्व आईपीएस अधिकारी ने यह खौफनाक कदम क्यों उठाया, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है. फिलहाल एसपी शिमला मोहित चावला की अगुवाई में पुलिस टीम घटनास्थल पर मौजूद है और मामले में जांच कर रही है.

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बस्ती-उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने मृतक अवधेश के परिजनों को सौंपा 70 हजार का सहयोग

बस्ती - पूर्व माध्यमिक विद्यालय शाहपुर में कार्यरत अध्यापक अवधेश कुमार का कोविड-19 से हुई मौत के बाद उनके परजिनों को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने नगद धनराशि देकर संगठन के दायित्यों का निर्वहन करते हुए मानवता की मिसाल कायम किया है।
 उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ सल्टौआ के अध्यक्ष राम भरत वर्मा ने बताया कि स्व0 अवधेश कुमार के परिवार को ब्लॉक के शिक्षकों , शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, एवं अनुचर साथियों के सहयोग 70,500 रुपये का आर्थिक सहायता दिया गया ,उन्होंने कहा कि इस दुखद घड़ी में शिक्षक संगठन पीड़ित परिवार के साथ अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए आगे भी सहयोग करने के लिए परिवार के साथ खड़ा रहेगा ।

बता दें कि सल्टौआ ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय शाहपुर में कार्यरत अध्यापक अवधेश कुमार कोरोना संक्रमित हो गए थे जिनका इलाज के दौरान ओपेक अस्पताल में निधन हो गया था।इस मौके पर बब्बन पाण्डेय ,चंद्रशेखर पाण्डेय ,सौरभ ,पद्माकर, विजय चौधरी ,प्रमोद कुमार पासवान, रमेश विश्वकर्मा सहित संगठन के कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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