JEE NEET परीक्षा को टालने के लिए छात्र सोशल मीडिया पर चला रहे मुहिम, शिक्षा मंत्री ने झूठ बोलते हुए कहा कि छात्र और अभिभावक चाहते हैं परीक्षा हो - तहक़ीकात समाचार

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बुधवार, 26 अगस्त 2020

JEE NEET परीक्षा को टालने के लिए छात्र सोशल मीडिया पर चला रहे मुहिम, शिक्षा मंत्री ने झूठ बोलते हुए कहा कि छात्र और अभिभावक चाहते हैं परीक्षा हो

देश में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में दाखिला पाने के लिए सितंबर में प्रस्तावित परीक्षा को टालने के लिए छात्र सोशल मीडिया पर मुहिम चला रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना काल में परीक्षा कराना उचित नहीं है. वहीं देश के शिक्षा मंत्री ने झूठ बोलते हुए कहा कि छात्र और अभिभावक चाहते हैं परीक्षा हो इस लिए निर्धारित तारीख में ही परीक्षा कराए जाएंगे ।

भारत में इस वक्त कोरोना वायरस महामारी से हर क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित है. स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. स्कूली बच्चे ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं और कॉलेज में भी इसी तरह से पढ़ाई हो रही है लेकिन इस बीच अंडर ग्रैजुएट कार्यक्रम में दाखिला लेने के लिए होने वाली परीक्षा को लेकर छात्रों का एक बड़ा तबका मांग कर रहा है कि कोरोना काल में इसे टाल देना चाहिए.

सितंबर में कोविड-19 के बीच राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट), संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2020 (जेईई) JEE NEET EXAM होनी है. नीट की परीक्षा मेडिकल कॉलेजों में दाखिला के लिए होती है, जो कि 13 सितंबर को निर्धारित है. इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला के लिए जेईई मुख्य परीक्षा 1 से 6 सितंबर और जेईई एडवांस्ड परीक्षा 27 सितंबर को निर्धारित है.

छात्रों की दलील

परीक्षा टालने के लिए छात्र अपनी-अपनी दलीलें दे रहे हैं. छात्रों का कहना है कि कोरोना वायरस के बीच में वह परीक्षा केंद्र तक कैसे जाएंगे. कुछ इलाकों में बाढ़ की भी स्थिति है और वहां के छात्र कह रहे हैं कि बाढ़ और बिजली कटौती के बीच परीक्षा के लिए बैठना मुश्किल भरा काम है. कुछ छात्र बाढ़ के साथ-साथ कोरोना वायरस का भी खतरा जता रहे हैं

रविवार 23 अगस्त को हजारों छात्रों ने दिनभर की भूख हड़ताल की और सोशल मीडिया पर परीक्षा को टालने के लिए अनेक तरह के हैश टैग चलाए. छात्रों ने अपनी बातों को सरकार के कान तक पहुंचाने के लिए मौजूदा हालात के फोटो भी डाले. कुछ छात्रों का कहना है कि परीक्षा केंद्र उनके घर से 150 किलोमीटर दूर है और केंद्र तक पहुंचने के लिए बस और ट्रेन सेवा भी नहीं चल रही है. छात्र सवाल कर रहे हैं कि परीक्षा केंद्र तक वे कैसे पहुंचेंगे जब बस और ट्रेन ही नहीं चलेगी.

छात्रों की इस दलील के बाद भी निरंकुश सरकार और उसके झूठे मंत्री देश दे झूठ बोलकर यह बता रहे हैं कि बच्चों और उनके अभिभाव ही चाहते हैं कि तय समय परपरीक्षा हो लेकिन यह सरासर झूठ है।

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