केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा कि बड़े सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के इलाज की व्यवस्था किए जाने के कारण शराब की लत रखने वाले लोगों के इलाज की व्यवस्था परिवार स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर की गई है जहां पर मनोवैज्ञानिक भी उपलब्ध हैं.उन्होंने कहा कि गंभीर मामलों को जिला या तालुक स्तर के अस्पतालों में भेजा जा सकता है और प्रत्येक जिले में 20 बेड शराब की लत वालों के लिए सुरक्षित रखे गए हैं.राज्य के नशा मुक्ति कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डी. राजीव ने कहा, ‘शराब की लत वाले लोगों के लिए हमने तीन जिलों में टेली-काउंसलिंग सुविधा की व्यवस्था की है. सभी नशा मुक्ति केंद्रों में नए लोग आ रहे हैं. शनिवार को हमने करीब 100 ऐसे लोगों की पहचान की जो मानसिक समस्याओं के साथ गंभीर हालात में हैं और जिन्हें तत्काल इलाज की जरूरत है. सरकारी क्षेत्र में सुविधाओं के अलावा, हम सभी जिलों में निजी नशा मुक्ति केंद्रों का भी सहारा लेंगे.
तिरुवनंतपुरम: कोरोना वायरस संक्रमण को फैसले से रोकने के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के पिछले पांच दिनों में कथित तौर पर शराब की लत वाले पांच लोग आत्महत्या कर चुके हैं.इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इसके साथ बीते शनिवार को मलप्पुरम में शराब की लत रखने वाले दो लोगों के आत्महत्या का प्रयास करने की खबर आई.वहीं, सरकारी अस्पतालों के नशा मुक्ति केंद्र और मानसिक स्वास्थ्य इकाइयों में जाने वालों की संख्या में अचानक से बढ़ोतरी देखी गई है.केरल में पहले भी कई मौकों पर शराब पर पाबंदी लगती रही है लेकिन यह पहली बार है जब देशव्यापी लॉकडाउन के कारण राज्य में शराब पर पूरी तरह से पाबंदी लग गई।