मंगलवार, 31 मार्च 2020

जियो के साथ इन कंपनियों ने बढ़ाया उपभोक्ताओं की वैधता

रिलायंस जियो ने अपने 'जियो फोन' उपभाक्ताओं की वैधता 17 अप्रैल तक बढ़ा दी है. इसके साथ कंपनी इन ग्राहकों को बात करने के लिए 100 मिनट की कॉलिंग और 100 मुफ्त एसएमएस भी देगी. कंपनी ने एक बयान में कहा कि ऐसे ग्राहकों की वैधता खत्म होने के बावजूद उन्हें इनकमिंग कॉल की सुविधा मिलती रहेगी. 
कोरोनावायरस के सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए सरकार ने देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन (सार्वजनिक पाबंदी) किया है. ऐसे में कई लोगों को विशेषकर गरीब या प्रवासी मजदूरों को अपने फोन रिचार्ज करने में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी ने कहा कि ऐसे लोगों की जरूरत को विशेष तौर पर ध्यान में रखते हुए वैधता बढ़ाने का फैसला किया गया है. इससे पहले भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने सभी कंपनियों से प्रीपेड ग्राहकों की वैधता बढ़ाने के लिए कहा था. सरकारी क्षेत्र की बीएसएनएल (BSNL) और एमटीएनएल (MTNL) ने 20 अप्रैल और एयरटेल (Airtel) ने 17 अप्रैल तक वैधता बढ़ाने की घोषणा की है. इसके अलावा तीनों कंपनी अपने ग्राहकों को 10 रुपये का मुफ्त टॉकटाइम भी दे रही हैं. जियो ने कहा कि उसके अधिकतर उपभोक्ता ऑनलाइन रिचार्ज करते हैं, लेकिन जो ग्राहक जियो स्टोर या अन्य खुदरा दुकानों से रिचार्ज कराने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं, उनके लिए कंपनी यूपीआई, एटीएम, एसएमएस और कॉल के माध्यम से रिचार्ज की सुविधा उपलब्ध करा रही है. 

कोरोना के दस्तक से बर्बाद हुए पोल्ट्री फार्म के मालिक ,20 रुपया किलो बिका मुर्गा

बीते एक साल से ज़्यादा समय से मुश्किल में चल रहे पूर्वांचल के अंडा उत्पादकों और मुर्गी पालकों के लिए कोरोना के मद्देनज़र हुआ लॉकडाउन संकट बनकर उभरा है. कोरोना संक्रमण के डर से जहां मुर्गों की मांग घटी, वहीं लॉकडाउन के चलते अंडा उत्पादकों को ख़रीददार नहीं मिल रहे हैं. कोरोना महामारी और उसको रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन से पूर्वांचल के लेयर और पोल्ट्री फार्म वाले बर्बाद हो गए है. 
पिछले एक वर्ष से अधिक समय से संकट में चल रहे अंडा उत्पादकों के लिए कोरोना और लॉकडाउन दोहरी मार लेकर आया है.लॉकडाउन के चलते उत्पादकों के फार्म पर लाखों अंडे बेकार पड़े हैं. उन्हें खरीदार नहीं मिल रहे हैं. उनका डर है कि यही हालात रहे तो ये अंडे सड़कर खराब हो जाएंगे और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.पोल्ट्री फार्म के मालिकों का कहना है कि उनके लिए मुर्गों को दाना खिलाना तक मुश्किल हो गया.कोरोना संक्रमण के डर से होली से पहले ही लोग चिकेन खाने से कतराने लगे थे. इस कारण मुर्गों की मांग घटती गई. हालात इतने खराब हो गए कि पोल्ट्री फार्म मालिकों ने 20 रुपये किलो मुर्गा बेच कर अपना फार्म बंद कर दिया है. मुर्गों की घटती मांग से पोल्ट्री फार्म मालिकों ने मुफ्त में लोगों में मुर्गा बांट दिए और चूजों को इधर-उधर फेंक दिया.लेयर और पोल्ट्री फार्म से जुड़े सैकड़ों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. दोनों व्यवसायों से जुड़े किसान को लाखों का नुकसान हुआ है और वे बैक से लिए गए कर्ज की किश्त तक नहीं दे पा रहे हैं.अच्छी शुरुआत के बाद पड़ी महंगाई की मार उत्तर प्रदेश कुक्कुट नीति 2013 की वजह से प्रदेश में छोटे लेयर फार्मों की स्थापना बड़ी संख्या में हुई और प्रदेश में अंडे का उत्पादन काफी बढ़ा. तमाम लेयर फार्म मालिकों ने लेयर फार्म के साथ पोल्ट्री फार्म भी स्थापित किया.ज्ञात हो कि लेयर फार्मिंग का अर्थ अंडे के लिए होने वाले मुर्गीपालन से है, वहीं पोल्ट्री फार्म में चिकेन यानी मांस के लिए मुर्गीपालन होता है.पिछले छह वर्षो में गोरखपुर मंडल के चार जिलों- गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया और महराजगंज में 200 से अधिक लेयर फार्मो की स्थापना हुई.लेयर फार्म स्थापित करने वाले अधिकतर युवा हैं जिन्होंने बैंकों से ऋण लेकर अपना कारोबार शुरू किया. गोरखपुर में 24 लेयर फार्म 50 हजार बर्ड की क्षमता के स्थापित हुए जबकि 10 हजार बर्ड की क्षमता वाले लेयर फार्मों की संख्या पांच दर्जन से अधिक हैं.गोरखपुर मंडल में स्थापित लेयर फार्मो की उत्पादन क्षमता 25 लाख अंडा प्रतिदिन है. कई ऐसे बड़े लेयर फार्म हैं जो एक दिन में एक लाख अंडा उत्पादित करते हैं. दस हजार से 20 हजार प्रतिदिन अंडा उत्पादित करने वाले फार्मों की संख्या अधिक है.गोरखपुर जिले में भटहट, बासगांव, कुशीनगर जिले में जगदीशपुर, महराजगंज में पनियरा आदि क्षेत्रों में कई लेयर फार्म स्थापित किए गए.शुरू में तो कारोबार बहुत अच्छा चला लेकिन सरकार की ओर से संरक्षण न मिलने से उनकी हालत खस्ता होने लगी.उन पर सबसे अधिक मार तब पड़ी जब सरकार ने मक्का और सोया की एमएसपी बढ़ा दी, जिसके कारण मुर्गी दाने के दाम काफी बढ़ गये. इससे मुर्गी दाना यानी फीड का दाम 25 रुपये किलो हो गया है जो 2018 में 19 रुपये ही था.पूर्वांचल अंडा उत्पादक कृषक कल्याण समिति के अमित सिंह विसेन, ओमर अहमद , सोबूर अहमद ने बताया कि मक्का और सोया के रेट में इजाफे के साथ-साथ खाने (फीड) में लगने वाली हर चीज का दाम वर्ष 2019 में काफी बढ़ गया.इससे एक अंडे के उत्पादन में ब्रीडिंग, फीड, दवा, लेबर चार्ज, बिजली और लोन की किश्त मिलाकर 4.25 रुपये खर्च आने लगा और जबकि अंडा उत्पादक मार्च 2019 से 3.25 रुपये प्रति अंडा बेचने का मजबूर हुए.इस तरह दस हजार बर्ड के लेयर फार्म वाले किसानों को प्रतिदिन 9 हजार रुपये और महीने में 2.70 लाख रुपये का घाटा हुआ. बढ़ते घाटे के कारण लेयर फार्म मालिकों ने अंडे का उत्पादन घटाना शुरू किया.गोरखपुर मंडल के लेयर फार्मों की क्षमता हर रोज 25 लाख उत्पादन की है लेकिन कारोबार में घाटे के कारण उन्होंने उत्पादन क्षमता लगभग आधी कर दी, फिर भी संकट से उबर नहीं पाए.अंडा उत्पादकों ने सरकार से राहत की मांग की लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने धरना-प्रदर्शन किया, मंत्रियों और अफसरों से मिलकर मांग पत्र दिया.मांग थी कि सरकार खुद अंडे का मूल्य निर्धारित करे जो कि हरियाणा-पंजाब के बड़े अंडा उत्पादक करते हैं. सरकार अंडे का एमएसपी तय करे, मक्का और सोया पर सब्सिडी दे या सब्सिडी पर फीड उपलब्ध कराने में मदद करे. साथ ही अन्य राज्यों की तरह यूपी में मध्यान्ह भोजन योजना में अंडा भी शामिल किया जाए.सरकार ने उनकी एक भी मांग नहीं मानी जिससे उनकी हालत खराब होती चली गयी. कई अंडा उत्पादकों ने बढ़ते घाटे के कारण अपना कारोबार बंद कर दिया.कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन से पड़ी दोहरी मारकोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन से अंडा उत्पादकों पर दोहरी मार पड़ी है. 22 मार्च के जनता कर्फ्यू के बाद से ही बाजार पूरी तरह बंद हैं. अंडों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है.लेयर फार्म मालिक ओमर अहमद ने बताया कि दस हजार बर्ड वाले लेयर फार्म का प्रतिदिन का खर्चा 30 हजार है. अब तो मुर्गी दाना भी नहीं मिल पा रहा है. आज की स्थिति में उनके सामने लेयर फार्म बंद करने के अलावा कोई चारा नहीं हैं. फार्म पर अंडे डम्प पड़े हुए हैं.उन्होंने बताया कि कमिश्नर से बात करने पर कई लेयर फार्म मालिकों को पास जारी किए गए हैं और अंडों की गाड़ियों को न रोकने का भी आदेश दिया गया है लेकिन आखिर वे अंडे किसे बेचें!वे कहते हैं कि सभी बाजार बंद हैं. ठेले पर अंडा लगाने वाले घर बैठे हैं. यही हालात रहे तो फार्म पर डम्प अंडे सड़ जाएंगे और वे पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे.पोल्ट्री फार्म वालों का तो और भी बुरा हाल है. कोरोना संक्रमण की अफवाह के कारण लोगों ने इस महीने के आरंभ से ही चिकेन खाने से परहेज शुरू कर दिया था.पोल्ट्री फार्म वालों ने होली के मद्देनजर बड़ी संख्या में मुर्गे तैयार किए थे लेकिन उनकी बिक्री बहुत कम हुई. होली में मुर्गे 30-40 रुपये किलो बिके.इसके बाद हालात सुधरने के बजाय बिगड़ते चले गए. कई पोल्टी फार्म वालों ने अपने सभी मुर्गे 20 रुपये किलो बेचकर खाली कर दिए.गोरखपुर के कुतबुद्दीन अंसारी उर्फ मेठी भाई ने बताया कि उनके तीन पोल्ट्री फार्म हैं. वह रिटेलर भी हैं.उन्होंने लॉकडाउन के पहले 20 रुपये में सभी मुर्गे बेचकर अपना फार्म बंद कर दिया. उनके अनुसार गोरखपुर शहर में रोज 300 से 400 क्विंटल मुर्गे की खपत होती थी.मेठी भाई ने तो अपना पोल्ट्री फार्म बंद कर दिया लेकिन कई ऐसे पोल्ट्री फार्म मालिकों के पास सैकड़ों क्विंटल मुर्गे मौजूद है.लॉकडाउन के कारण पोल्ट्री फार्म वालों को मुर्गों को खिलाने के लिए दाने नहीं मिल रहे हैं. दानों की आपूर्ति बंद है.महराजगंज जिले के पनियरा क्षेत्र के पोल्ट्री फार्म मालिक छविलाल ने शुक्रवार को अपने फार्म के 30 क्विंटल मुर्गे लोगों में बांट दिए. इस क्षेत्र के दो और पोल्ट्री फार्म वालों ने भी यही काम किया.कई पोल्ट्री फार्म वालों ने अपने चूजों को इधर-उधर फेंक दिया. पिछले सोमवार को गोरखपुर के सुभाषनगर के पास बंधे पर किसी पोल्ट्री फार्म वाले ने एक ट्रक चूजे फेंक दिए गए, जहां से इन्हें गांव के लोग उठा ले गए.बस्ती मंडल के तीन जिले बस्ती ,संतकबीरनगर और सिद्धार्थनगर में भी बड़े पैमाने पर पोल्ट्री फार्म लगे हुए हैं लेकिन मार्च के महीने से भारत मे उभरते हुए कोरोना वायरस के मध्यनजर मांस खाने वाले लोगों में कमी देखी गई जिसके चलते मुर्गे पोल्ट्री फार्म में पड़े रह गए और किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा भानपुर तहसील क्षेत्र में पोल्ट्री फार्म चलाने वाले लक्ष्मण चौधरी ,ज्योति प्रकाश वर्मा ,धर्मेंद्र, इजहार सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि कोरोना वायरस के दस्तक ने डेढ़ से ढाई लाख रुपये तक का घाटा लगाया है जिससे पोल्ट्री मालिक पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं।

सोमवार, 30 मार्च 2020

यूपी प्रशासन का अमानवीय चेहरा ,सड़क से गुजर रहे मजदूरों पर किया डिसइंफेक्ट का छिड़काव

दुनियाभर के देशों में एक ओर कोरोना वायरस का खतरा मंडरा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर संवेदनहीनता से जुड़ी खबरें भी खूब देखने और सुनने को मिल रही हैं. प्रशासन के अमानवीय चेहरे का ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बरेली से सामने आया है. यहां कर्मचारियों ने दूसरी जगहों से आए बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को सैनिटाइज करने का अनोखा तरीका ईजाद किया है. सभी को जमीन पर बैठाकर उनको डिसइंफेक्ट किया जा रहा है. इसका एक वीडियो सामने आया है. 
वीडियो वायरल होते ही जिलाधिकारी ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश प्रशासन का अमानवीय चेहरा बरेली जिले में देखने को मिला, जहां दिल्ली, हरियाणा, नोएडा से आए सैकड़ों मजदूरों, महिलाओं और छोटे बच्चों को जमीन पर बैठाकर उनके ऊपर डिसइंफेक्ट दवाई का छिड़काव किया गया. जिसके बाद बहुत सारे बच्चों ने अपनी आंखों में जलन की शिकायत की. इनके ऊपर डिसइंफेक्ट का छिड़काव कर इन्हें अपने घर भेज दिया गया. आंखों में जलन की शिकायत के बावजूद किसी को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया.

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लॉकडाउन के चलते शराब न मिलने पर पांच लोगों ने किया आत्महत्या

तिरुवनंतपुरम: कोरोना वायरस संक्रमण को फैसले से रोकने के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के पिछले पांच दिनों में कथित तौर पर शराब की लत वाले पांच लोग आत्महत्या कर चुके हैं.इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इसके साथ बीते शनिवार को मलप्पुरम में शराब की लत रखने वाले दो लोगों के आत्महत्या का प्रयास करने की खबर आई.वहीं, सरकारी अस्पतालों के नशा मुक्ति केंद्र और मानसिक स्वास्थ्य इकाइयों में जाने वालों की संख्या में अचानक से बढ़ोतरी देखी गई है.केरल में पहले भी कई मौकों पर शराब पर पाबंदी लगती रही है लेकिन यह पहली बार है जब देशव्यापी लॉकडाउन के कारण राज्य में शराब पर पूरी तरह से पाबंदी लग गई। 
   केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा कि बड़े सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के इलाज की व्यवस्था किए जाने के कारण शराब की लत रखने वाले लोगों के इलाज की व्यवस्था परिवार स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर की गई है जहां पर मनोवैज्ञानिक भी उपलब्ध हैं.उन्होंने कहा कि गंभीर मामलों को जिला या तालुक स्तर के अस्पतालों में भेजा जा सकता है और प्रत्येक जिले में 20 बेड शराब की लत वालों के लिए सुरक्षित रखे गए हैं.राज्य के नशा मुक्ति कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डी. राजीव ने कहा, ‘शराब की लत वाले लोगों के लिए हमने तीन जिलों में टेली-काउंसलिंग सुविधा की व्यवस्था की है. सभी नशा मुक्ति केंद्रों में नए लोग आ रहे हैं. शनिवार को हमने करीब 100 ऐसे लोगों की पहचान की जो मानसिक समस्याओं के साथ गंभीर हालात में हैं और जिन्हें तत्काल इलाज की जरूरत है. सरकारी क्षेत्र में सुविधाओं के अलावा, हम सभी जिलों में निजी नशा मुक्ति केंद्रों का भी सहारा लेंगे.

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अमरीका में एक से दो लाख लोगों की जान ले सकता है कोरोना वायरस

दुनिया मे फैले कोविड-19 पर एक नजर अमरीकी सरकार में संक्रामक बीमारी के विशेषज्ञ डॉ एंथोनी फाउची ने चेताया है कि अमरीका में कोरोना वायरस एक से दो लाख लोगों की जान ले सकता है. दुनिया भर में कोरोना वायरस से अब तक 33 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इससे संक्रमित लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. अभी दुनिया भर में कुल संक्रमित लोग 716,101 हैं. अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग गाइडलाइंस की समय सीमा 30 अप्रैल तक बढ़ा दी है. भारत में कोरोना वायरस से अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है और एक हज़ार से ज़्यादा लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है. इटली ने कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन की समय सीमा और बढ़ाई जाएगी. इटली में अब तक 10,779 लोगों की जान जा चुकी है. भारत सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 21 दिन तक लॉकडाउन किया है. लॉकडाउन के चलते दिल्ली ,मुम्बई ,गुजरात और अन्य महानगरों में काम कर रहे करोड़ो लोगों में से लाखों लोग अपने घरों के लिए पैदल ही निकल गए हैं. भारत सरकार द्वारा कोविड-19 से निपटने के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा किया गया है. दुनिया भर के 202 देशों में फैल चुका है कोरोना वायरस का संक्रमण, दुनिया के कई देशों ने किया है लॉकडाउन.

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रविवार, 29 मार्च 2020

दिल्ली से पैदल निकले शख्स की 200 किलोमीटर चलने के बाद मौत, परिवार में हैं मां, पत्नी और तीन बच्चे

भोपाल : लॉकडाउन के दौरान दिल्ली से पैदल मुरैना के बड़फरा गांव के लिए निकले 39 साल के युवक की आगरा के सिकंदरा थाने में मौत हो गई.  मौत से पहले रणवीर 200 किलोमीटर चल चुका था. युवक शुक्रवार की शाम 3 बजे अपने साथियों के साथ निकला था. शाम 6 बजे उसने अंबाह में ब्याही अपनी बहन पिंकी को फोन करके कहा कि मैं फरीदाबाद आ गया हूं और जल्द ही घर पहुंच जाऊंगा. शनिवार सुबह आगरा पहुंचने के बाद उसके साथी आगे निकल गए और सुबह 6.30 बजे सिकंदरा थाना क्षेत्र में सड़क किनारे ही उसकी मौत हो गई. परिजन मौत की वजह भूख-प्यास बता रहे हैं जबकि सिकंदरा थानाध्यक्ष कुलदीप सिंह का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई है. 
 जानकारी के अनुसार रणवीर सिंह पुत्र रामलाल (35) दिल्ली में एक होटल में टिपिन डिलीवरी करने का काम करता था. लॉकडाउन की वजह से होटल मालिक ने उसकी छुट्‌टी कर दी. शुक्रवार को शाम 3 बजे रणवीर अपने कुछ साथियों के साथ दिल्ली से पैदल मुरैना के लिए निकला. सुबह 5.30 बजे रणवीर व उसके साथी आगरा पहुंच गए.  मृतक रणवीर के परिवार में वृद्ध मां के अलावा पत्नी ममता, बेटी गीता, आराध्या व बेटा अंशू है. इनकी परवरिश के लिए ही वह तीन साल पहले दिल्ली पहुंचा था और वहीं होटल में टिपिन डिलीवरी का काम करता था. शनिवार शाम जब रणवीर का शव बड़फरा गांव में पहुंचा तो वहां मातम पसर गया. पत्नी, बच्चे व बूढ़ी मां बेसुध हो गई. 

शनिवार, 28 मार्च 2020

जनता की सेवा के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बढ़ाया हाथ ,रिंकू दूबे ने बांटा राहत सामग्री

पूरे देश मे चल रहे लॉक डाउन के बीच खाद्य पदार्थों की कमियों को पूरा करने के लिए क्षेत्र के युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जरूरतमंद लोगों तक राहत सामग्री उपलब्ध कराने का बीड़ा उठा लिया है। 

 राहत के क्रम में गौर ब्लॉक के जोगिया निवासी रिंकू दूबे ने अपने साथियों के साथ क्षेत्र के सैकड़ों लोगों को राहत सामग्री का पैकेट दिया जिसमें चावल ,दाल, आटा ,नमक तेल और साबुन शामिल था इस कार्य में प्रिंस शुक्ला,पंकज दूबे, अंकित मिश्रा के कई लोग सहयोगी रहे।

बस्ती-जरूरतमंद लोगों के लिए ऐश्वर्यराज सिंह ने उपलब्ध कराया 500 किलोग्राम राहत सामग्री

कोरोना वायरस के मध्यनजर देश भर में लागू हुए लॉकडाउन में आम जनमानस को समस्या न हो यह देखते हुए सदर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी और राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश संयोजक (आईटी सेल) ऐश्वर्यराज सिंह ने जिला अधिकारी आशुतोष निरंजन को 400 किलोग्राम सब्जी और 100 किलोग्राम चावल उपलब्ध कराकर समाज के लिए अपनी जिम्मदारियों का निर्वाहन किया है।इस मौके पर उन्होंने कहा आगे और भी खाद्य सामग्री जरूरतमंदों को उपलब्ध कराई जाएगी।

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कहीं नही हो रही सरकार की प्रशंसा , शहरों से गांव पैदल निकले लोग

विश्वपति वर्मा-

 जनता के साथ गैर बराबरी और अपनी लाचारी का एहसास जुड़ जाए तो वह उससे मुक्त होने के लिए नए- नए प्रयोग करता है .सबसे पहले वह उस अव्यवस्था से बाहर निकलना चाहता है जहां उसके साथ शोषण हो रहा हो जब वहां भी कोई रास्ता नही मिलता तब वह या तो आत्महत्या कर लेता है या फिर हिंसा पर उतर जाता है क्योंकि जबरदस्ती थोपे जाने वाली व्यवस्था हिंसा को जन्म देती है।


यह तस्वीर पीटीआई द्वारा ली गई उन लोगों की है जो दिल्ली ,मुम्बई ,गुजरात और अन्य नगरों के शहरों में फंसे हुए हैं और पैदल ही अपने घरों के लिए निकल गए हैं  क्योंकि कोरोना वायरस के चलते भारत मे 21 दिन के लिए लॉकडाउन किया गया है जहां पर लोगों को अपने घरों में आइसोलेशन होने के लिए कहा गया है लेकिन सवाल यह है जब लोगों का घर ही नही है तो लोग रहेंगे कहाँ। इस वजह से सरकार की जमकर आलोचना हो रही है ।

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शुक्रवार, 27 मार्च 2020

लॉकडाउन -एक बार फिर सरकार का गलत फैसला

विश्वपति वर्मा-

देश मे लॉकडाउन का फैसला सरकार के गलत नीतियों में उलझ गया जिसका परिणाम है कि 80 करोड़ से ज्यादा लोग परेशान हैं और हम कोरोना वायरस को तीसरे स्टेज में जाता हुआ देख रहे हैं।

पहली गलती सरकार ने यह  किया कि वह फरवरी के महीने में विश्व स्वास्थ्य संगठन के चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया जिसके कारण लॉकडाउन की स्थिति तब बनी जब भारत मे तेजी से संक्रमित व्यक्ति दिखाई देने लगे और ऐसे समय मे लॉकडाउन करने का फैसला लिया गया जब 30 करोड़ से ज्यादा लोग दिल्ली ,मुम्बई ,गुजरात ,और अन्य बड़े नगरों के शहरों में फंसे हुए हैं।

मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी राज्यों के सरकारों और केंद्र सरकार को  स्क्रीनिंग की व्यवस्था कराते हुए कोविड-19 से सुरक्षित लोगों को सरकारी बसों और उनके निजी गाड़ियों द्वारा उनके घर भेजवा कर उन्हें आइसोलेशन के लिए कहा जाए।

क्योंकि ताजा आंकड़ों के अनुसार देश भर में 40 लाख से ज्यादा लोग पैदल अपने घरों के लिए निकल चुके हैं वहीं 30 लाख गाड़ियां सड़कों पर फंसी हुई हैं और इन्ही लोगों की वजह से लॉकडाउन सफल होने में असफल दिखाई दे रहा है ।

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पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा का निधन

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद बेनी प्रसाद वर्मा का शुक्रवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे और लखनऊ के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।

समाजवादी पार्टी ने आधिकारिक बयान जारी कर बेनी प्रसाद के निधन की जानकारी दी। 

पार्टी ने अपने ऑफिशल हैंडल से ट्वीट किया, 'पार्टी के वरिष्ठ नेता, राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री आदरणीय बेनी प्रसाद वर्मा जी और हम सबके प्रिय 'बाबू जी' का निधन अपूरणीय क्षति है। शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना! शत-शत नमन और अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि।'

देश मे 724 लोग हुए कोरोना से संक्रमित अब तक 17 लोगों की मौत,सरकार ने दिया राहत

देश में कोरोनावायरस  के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 724 हो गई है. आज 30 नए मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इसमें से 17 लोगों की वायरस की वजह से जान चली गई जबकि 67 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं. कोरोना के खतरे को देखते हुए बुधवार से देशव्यापी लॉकडाउन है।

इस बीच, सरकार ने 1.7 लाख करोड़ रुपये के पीएम गरीब कल्याण योजना पैकेज की घोषणा की है. इसमें गरीबों, जरूरतमंदों, महिलाओं, दिव्यांगों समेत लगभग सभी वर्गों को राहत देने की कोशिश की गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि कोई भी गरीब भूखा नहीं रहे. इसके अलावा, संगठित क्षेत्र के कामगारों को ध्यान में रखते हुए सरकार कर्मचारियों के कर्मचारी भविष्य निधि खाते में अगले तीन महीने पैसे जमा करेगी. सरकार नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के हिस्से का भुगतान करेगी.  

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गुरुवार, 26 मार्च 2020

जीवन के इतिहास में पहली बार नही लगा भिरियाँ बाजार

केसी श्रीवास्तव-

मार्च-अप्रैल महीने का भीषण धूप रहा हो या दिसंबर -जनवरी महीने का कड़ाके की ठंड या फिर झमाझम बारिश हो रहा हो लेकिन सोमवार और बृहस्पतिवार को हमने भिरियां बाजार को लगते हुए देखा है।

बस्ती जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर सल्टौआ ब्लॉक के भिरियाँ न्यायपंचायत के भिरियाँ पड़ाव से सटे हुए बाग में कई दशक से बाजार लगता है जहां पर लगभग 2 से 3 हजार की संख्या में क्रेता और बिक्रेता का आगमन और प्रस्थान बाजार में होता है ।

लेकिन कोरोना वायरस के मध्यनजर चल रहे 21 दिन के लॉकडाउन में आज यहां एक भी दुकान दिखाई नही दिया।जो जीवन काल खण्डों में पहली बार देखने को मिला है
फिलहाल सब्जी विक्रेताओं और जरूरतमंद को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने बाजार से हटकर सड़क के किनारे लगभग 10 दुकानों को लगाने के लिए अनुमति दिया हुआ है।

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लॉकडाउन के बाद भी भारत मे बढ़ कोरोना का कहर 13 लोगों की मौत 649 संक्रमित

देश में कोरोनावायरस के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार से तीन हफ्तों के लिए देश में लॉकडाउन  का ऐलान किया है ताकि इस घातक वायरस को फैलने से रोका जा सके उसके बावजूद भी कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर अब तक 649 पहुंच गई है. वहीं, इस बीमारी के शिकार 13 लोगों की मौत हो चुकी है.

इस वायरस से महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा तीन लोगों की जान गई है. इसके बाद गुजरात में दो लोगों की मौत हुई. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार को 43 नए मामले सामने आए हैं. हालांकि, राहत की बात यह है कि इस बीमारी से अब तक 43 लोग ठीक हुए हैं. 

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कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने पीएम को लिखा पत्र ,ईएमआई को टालने और और बैंक ब्याज को माफ करने के लिए किया मांग

कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर 21 दिन के लॉकडाउन का समर्थन किया, डॉक्टरों और अर्द्धचिकित्सकों की रक्षा करने तथा आपूर्ति श्रृंखला को आसान बनाने के लिए कदम उठाने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र को छह महीनों के लिए सभी ईएमआई को टालने पर विचार करना चाहिए, इस अवधि के लिए बैंकों द्वारा लिया जाने वाला ब्याज भी माफ करना चाहिए. सोनिया गांधी ने कहा कि पूरे देश में 21 दिन तक लॉकडाउन का सरकार का फैसला स्वागत योग्य है, हम इसका समर्थन करेंगे.

बता दें, देश में कोरोनावायरस के मामले दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं. कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर अब 649 हो गई है. वहीं, इस बीमारी के शिकार 13 लोगों की मौत हो चुकी है. इस वायरस से महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा तीन लोगों की जान गई है. इसके बाद गुजरात में दो लोगों की मौत हुई. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार को 43 नए मामले सामने आए हैं. हालांकि, राहत की बात यह है कि इस बीमारी से 43 लोग ठीक हुए हैं. 

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बुधवार, 25 मार्च 2020

लॉकडाउन के ऐलान के बाद UP के लोगों से बोले सीएम योगी, 'आपके दरवाजे पर मिलेगा सारा सामान'

पीएम मोदी ने कोरोना वायरस के चक्र को तोड़ने के लिए देश में 21 दिनों के लॉकाउडन का ऐलान किया है. इसके बाद लोगों में शंकाओं का दौर शुरू हो गया है. बड़ी संख्या में लोग राशन की दुकानों पर पहुंच रहे हैं. इसको देखते हुए सीएम योगी ने प्रदेशवासियों से शंकित या परेशान न होने की अपील की है. राज्य के लोगों का आश्वासन देते हुए सीएम योगी ने कहा कि मैं प्रदेश के 23 करोड़ लोगों को आश्वस्त करता हूं कि हमारे पास आवश्यक सामान जैसे कि दूध, सब्जियां या फिर दवाई वगैरह पर्याप्त मात्रा में हैं. आप अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के मद्देनजर घरों से बाहर न निकलें और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखे.

सीएम योगी ने कहा कि आज (बुधवार) से सब्जी, दूध, फल, दवाई व जरूरी सामान आपके दरवाजों तक पहुंचाए जाएंगे. इसके लिए हमने 10 हजार से ज्यादा वाहनों को चिन्हित किया है मैं लोगों से एक बार फिर अपील करता हूं कि वह जरूरी सामानों के घरों से बाहर न निकलें.

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मंगलवार, 24 मार्च 2020

कोरोना वायरस से भारत में हुई 10 वीं मौत ,सरकार पूरी तरह से सख्त

मुम्बई में कोरोनावायरस (Coronavirus) से संक्रमित तीसरे व्यक्ति की मौत हो गई है. 65 वर्षीय शख्स को कल अस्पताल में एडमिट किया गया था. यह पहले UAE में थे, उसके बाद अहमदाबाद होकर मुम्बई लौटे थे. मुम्बई महानगरपालिका (बीएमसी) ने एक बयान में कहा कि यह व्यक्ति हाल में संयुक्त अरब अमीरात से अहमदाबाद लौटा था.  बाद में उसने बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की.  बीएमसी ने बताया कि व्यक्ति पहले ही उच्च रक्तचाप और गंभीर मधुमेह समेत कई बीमारियों से पीड़ित था. उसे इलाज के लिए 20 मार्च को मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल लाया गया लेकिन उसका स्वास्थ्य दिनोंदिन बदतर होता चला गया.  

आपको बता दें कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक करीब 500 मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार तक के आंकड़ों में यह संख्या सामने आई है.  मंगलवार सुबह तक के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-19 के कुल मामले 492 हो गए हैं जिनमें से 446 लोगों का अभी इलाज चल रहा है .  स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इन आंकड़ों में कम से कम 41 विदेशी नागरिक शामिल हैं और अब तक नौ मौत हो चुकी है.  पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश में सोमवार को एक-एक मौत हुई जबकि पूर्व में हुई सात मौत महाराष्ट्र (दो), बिहार, कर्नाटक, दिल्ली, गुजरात और पंजाब में एक एक मौत हुई थी. 

कोरोना वायरस के इस भयकंर आपदा से निपटने के लिए केंद्र और राज्य की सरकारें पूरी तरह से सावधान हो चुकी है और पूरा देश मे लॉकडाउन की स्थिति में है 

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सोमवार, 23 मार्च 2020

कोविड-19 से निपटने के लिए भारत सरकार की व्यवस्था शून्य

विश्वपति वर्मा-

कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए पूरा देश पूरी तरह से अपनी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहा है ,इंसान द्वारा बनाई गई संवैधानिक व्यवस्था के तहत देश के प्रधानमंत्री  द्वारा किये गए अपील का पालन भी 90 फीसदी लोगों ने किया ,हर व्यक्ति इस महामारी से निपटने के लिए तैयार है ।लोग घण्टी,घण्टा ,ताली-थाली पीटने में भी उत्सुकता दिखा रहे हैं ,लेकिन देश की सत्ताधारी पार्टी केवल आम जनमानस के बदौलत ही इस महामारी से निपटना चाहती है क्योंकि वर्तमान समय मे सरकार की अपनी व्यवस्था पूरी तरह से शून्य है जिसपर सरकार को ध्यान देते हुए तत्काल प्रभाव से देश भर के होटलों ,प्राइवेट और सरकारी स्कूलों, प्राइवेट अस्पतालों और अन्य बड़े कालेजों और अनुसंधान केंद्रों को एक निश्चित समय के लिए राष्ट्रीयकरण कर वहां आम जीवन के सम्पूर्ण सुबिधाओं को उपलब्ध करवाना चाहिए ,क्योंकि जरा सी चूक से भारत दुनिया के नक्शे से 100 साल पीछे हो सकता है।

कोरोना वायरस की चपेट में आने से इटली में मौत के मुह में समाए लोगों की एक तस्वीर 

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क्या है लॉकडाउन , जानिए कौन सी सेवाएं रहेंगी चालू

लॉकडाउन (बंदी) एक इमर्जेंसी व्यवस्था होती है। अगर किसी क्षेत्र में लॉकडाउन हो जाता है तो उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है। जीवन के लिए आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है। अगर किसी को दवा या अनाज की जरूरत है तो बाहर जा सकता है या फिर अस्पताल और बैंक के काम के लिए अनुमति मिल सकती है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के काम से भी बाहर निकलने की अनुमति मिल सती है।

किसी तरह के खतरे से इंसान और किसी इलाके को बचाने के लिए लॉकडाउन किया जाता है। जैसे कोरोना के संक्रमण को लेकर कई देशों में किया गया है। कोरोनावायरस का संक्रमण एक-दूसरे इंसान में न हो इसके लिए जरूरी है कि लोग घरों से बाहर कम निकले। बाहर निकलने की स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। इसलिए कुछ देशों में लॉकडाउन जैसी स्थिति हो गई है।

चीन, डेनमार्क, अल सलवाडोर, फ्रांस, आयरलैंड, इटली, न्यूजीलैंड, पोलैंड और स्पेन में लॉकडाउन जैसी स्थिति है। चूंकि चीन में ही सबसे पहले कोरोनावायरस संक्रमण का मामला सामने आया था, इसलिए सबसे पहले वहां लॉकडाउन किया गया। इटली में मामला गंभीर होने के बाद वहां के प्रधानमंत्री ने पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया। उसके बाद स्पेन और फ्रांस ने भी कोरोना संक्रमण रोकने के लिए यही कदम उठाया।

देश के80 से ज्यादा शहर किये गए बंद 

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए देश भर में 80 से ज्यादा छोटे-बड़े शहरों को बंद कर दिया गया है, जिसमे उत्तर प्रदेश के 15 शहर शामिल हैं। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को पूरी तरह से लॉक डाउन कर दिया गया है और महाराष्ट्र में धारा144 लागू कर दी गई है।

ये सेवाएं जारी रहेंगी
1. कानून व्यवस्था को लागू करने वाले और मजिस्ट्रेट के सारे ऑफिस खुले रहेंगे.
2. पुलिस का कामकाज जारी रहेगा.
3. सभी अस्पताल, दमकल का काम जारी रहेगा.
4. राशन की दुकानें खुली रहेंगी.
5. बिजली के दफ्तर खुले रहेंगे.
6. पानी की सप्लाई से जुड़े सभी विभाग खुले रहेंगे. नगर निगम का काम जारी रहेगा.
7. दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र है. ऐसे में उससे जुड़े सभी विभागों में काम होगा.
8. प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का काम जारी रहेगा.
9. बैंकों में कैशियर रहेंगे ताकि लोग अपने पैसे निकाल सके.
10. टेलीकॉम, इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सर्विस जारी रहेगी.
11. जो जरूरी चीजें हैं, जैसे खाना, दवाई से संबंधित सभी काम जारी रहेंगे. केमिस्ट और दवाई की दुकानें खुली रहेंगी.
12. खाने से संबंधित जैसे- ग्रोसरी, दूध, मीट की दुकानें खुली रहेंगी.
13. मिल्क प्लांट में काम जारी रहेगा.
14. जनरल किराने के दुकानें खुली रहेंगी.
15. रेस्टोरेंट से सिर्फ टेकअवे और होम डिलिवरी होगी.
16. पेट्रोल और एलपीजी की एजेंसी खुली रहेंगी.
17. जानवरों के खाने-पीने के सामान बेचने वाली दुकानें खुली रहेंगी.

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रविवार, 22 मार्च 2020

छतीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमला ,14 जवान घायल 13 लापता

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सली हमले में 14 जवान घायल हो गए हैं जबकि 13 जवानों से अभी तक संपर्क नहीं हो सका है. सुरक्षा बलों ने इस हमले में बड़े नक्सली नेताओं को मार गिराने का दावा किया है. राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र में कोराजगुड़ा पहाड़ी के करीब जंगल में नक्सलियों ने पुलिस दल पर हमला कर दिया है. इस हमले में 14 जवान घायल हो गए हैं.
                    प्रतीकात्मक तस्वीर

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शनिवार, 21 मार्च 2020

विधायक संजय प्रताप जायसवाल के साथ कनिका का कोरोना कनेक्शन

विश्व भर में फैल रहे कोरोना वायरस ने बड़े बड़े दिग्गजों को भी हैरान परेशान कर दिया है जिसके कारण एहतियात के तौर पर लोग आइसोलेशन हो रहे हैं।

उधर राजधानी लखनऊ में कनिका कपूर के पार्टी से कई लोगों को वायरस के चपेट में आने की संभावना है बताया जा रहा है कि कनिका कपूर के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री जयप्रताप सिंह भी शामिल थे ।

15 मार्च को हुए पार्टी में जय प्रताप सिंह कनिका कपूर से मिले थे उसके बाद 18 मार्च को रुधौली विधानसभा के विधायक संजय प्रताप जायसवाल मंत्री जय प्रताप सिंह से मुलाकात की थी।

हालांकि राहत भरी खबर यह है कि  बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर की पार्टी में शामिल हुए उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव मिली है।

हालांकि अभी भी वह आइसोलेशन में रहेंगे. सूत्रों का कहना है कि सप्ताह भर बाद उनका दोबारा टेस्ट किया जाएगा. इसके बाद उन्हें आइसोलेशन से बाहर जाने की इजाजत होगी. 

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भारत मे कोरोना के संक्रमित व्यक्ति बढ़े ,इटली में 627 के साथ पूरी दुनिया मे 10 हजार लोगों की मौत

कोरोना वायरस दुनिया भर के लिए एक विकराल समस्या बनता जा रहा है. चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ इसका प्रसार रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. अबतक दुनिया के तमाम देश इसकी चपेट में आ चुके हैं. भारत में भी यह वायरस तेजी से फैल रहा है.

ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि इटली में कोरोना का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को इटली में कोरोना की वजह से 627 लोगों की जान चली गई, जबकि कोरोना वायरस के संक्रमण के 5986 नए मामले भी सामने आए.

आपको बता दें कि शुक्रवार के इन आंकड़ों को मिला लें तो इटली में अब तक कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 4032 हो चुकी है. वहीं कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या भी बढ़कर 47,021 हो चुकी है.

इसी के के साथ कोरोना वायरस का कहर दुनिया के 177 देशों में पहुंच गया है जिसकी वजह से 9840 लोगों की जान चली गई वहीं 234073 लोग इस वायरस की चपेट में हैं ,भारत मे अब तक 236 लोग इस संक्रमण के शिकार हुए हैं और चार लोगों की जाने गई हैं वहीं 7700 लोगों को निगरानी में रखा गया है।

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शुक्रवार, 20 मार्च 2020

यूपी के बस्ती जनपद के एक गांव का रहने वाला था निर्भया बलात्कार कांड का एक दोषी

भास्कर.कॉम के लिए रवि श्रीवास्तव की रिपोर्ट ,खबर की मूल प्रति दैनिक भास्कर के अधीन है 

बस्ती. उत्तर प्रदेश के बस्ती से 35 किमी दूर रुधौली थाना क्षेत्र में विनय का गांव है। गांव का नाम हम नहीं बता रहे हैं क्योंकि यहां के लोग यह नहीं चाहते कि विनय के कारण इस गांव का नाम खराब हो। गांव वालों का कहना था कि आप खबर में गांव का नाम न लिखें, इससे यहां के नौजवानों का भविष्य खराब हो जाएगा। हम सबसे पहले विनय के घर पहुंचे। बरामदे में पड़े तख्त पर चाचा और कमरे के देहरी पर चाची बैठी दिखीं। विनय का नाम लेते ही चाची फफक कर रो पड़ीं। उनकी आंखों से लगातार आंसू गिरते रहे। वह कह रहीं थीं कि पूरी दुनिया हमारे बेटे के पीछे पड़ गयी तो भला वह कैसे बच पाता? उन्होंने कहा सबको लग रहा है कि इस फांसी से कुछ बदल जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि क्या अब जो रेप होंगे उनमें भी कोर्ट फांसी की ही सजा देगी? अगर ऐसा होता है तो फैसला ठीक है। नहीं तो ये गलत है।

एक और नई कहानी जो हमें विनय की चाची से पता चली वो यह थी कि 16 दिसंबर 2012 को हुए इस कांड से ठीक 15 दिन पहले ही विनय की सगाई हुई थी। विनय की चाची बताती हैं कि उस दिन से 15 दिन पहले ही विनय गांव आया था। यहां उसका फलदान हुआ और जल्द ही शादी होने वाली थी। लेकिन उस घटना के बाद हमारे परिवार ने लड़की के घर वालों से माफी मांग ली और दूसरी जगह शादी करने के लिए कह दिया।
विनय दिल्ली में ही पैदा हुआ लेकिन इंटर तक उसने गांव में ही पढ़ाई की
विनय के चाचा मायाराम बताते हैं कि "हम तीन भाई हैं। विनय के पिता हरिराम बहुत पहले ही दिल्ली जाकर बस गए थे। वहां गुब्बारा बेचने का काम करते थे। विनय की पैदाइश भी दिल्ली की ही है लेकिन गांव में रहकर उसने इंटर तक पढ़ाई की। निर्भया कांड से पहले उसने मिलिट्री का फॉर्म भी डाला था।" चाचा ने यह भी बताया कि विनय के परिवार में अब माता-पिता, एक बेटा और दो बेटियां हैं।
बाबा ने विनय को जेल में रोता देखा और फिर कुछ दिन बाद उनकी जान चली गई
चाचा ने बताया, "हमारे घर में टीवी नहीं है। सुबह 4 बजे से ही दूसरे के घर में टीवी देख रहे थे। जो भी हुआ, गलत हुआ, उसे आजीवन कारावास की सजा दे दी जाती तो ज्यादा अच्छा रहता। घर परिवार सब लूट गया और जान भी नहीं बची।" पिछले दिनों को याद करते हुए वे बताते हैं, "इसी दुख में विनय के बाबा भी गुजर गए। जब विनय को जेल में डाला गया तो छह महीने बाद ही मैं पिता जी के साथ उससे मिलने गया था। वह बस रो रहा था। मेरे बाबूजी से यह सब सहन नहीं हुआ और उसके कुछ दिन बाद ही वह चल बसे।" विनय के चाचा यह भी कहते हैं कि विनय को जबरन फंसाया गया। अगर वह गलत होता तो वह कभी मिलता ही नहीं, कहीं भाग गया होता।

हमनें उसे बड़ा होता देखा है, उसकी मौत का दुख तो होगा ही
एक बुजुर्ग महिला कहती है, "विनय जब गांव में रहता था तो सबकी इज्जत करता था। सब उसे पसंद भी करते थे। बूढ़े बुजुर्ग या जरूरतमंदों की मदद भी करता था। लेकिन गलत संगत में पड़ गया। अब जब उसके मरने की खबर सुन रही हूं तो दुख हो रहा है।
गांव का नाम आया तो युवाओं का होगा भविष्य खराब
7 सालों तक मीडिया को इस गांव की भनक क्यों नही लगी? यह पूछने पर जवाब मिला कि जब मुकदमा हुआ तो विनय के पिता ने दिल्ली का पता दिया। जिससे गांव का नाम कभी सामने कभी नहीं आ पाया। युवाओं की चिंता है कि गांव का नाम सामने आने से यहां के जो मेधावी युवा है उनका भविष्य खराब हो सकता है।

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22 नए मामले के साथ भारत में 195 लोगों तक पहुंचा कोरोना का कहर

देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस के 22 नए मामले सामने आने के बाद भारत में इससे संक्रमित लोगों की संख्या शुक्रवार को 195 हो गई. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इनमें 32 विदेशी नागरिक शामिल हैं.

मंत्रालय के अनुसार, ‘देश में कोविड-19 के अभी 171 मामले हैं.’ इसके अलावा 20 लोग वे हैं, जो ठीक हो गये हैं या उन्हें छुट्टी दे दी गई है जबकि चार लोगों की मौत हो गई है. दिल्ली में अभी तक एक विदेशी सहित 17 लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं. वहीं उत्तर प्रदेश में भी एक विदेशी सहित 19 मामले सामने आए हैं. महाराष्ट्र में तीन विदेशियों समेत 47 मामले सामने आए हैं जबकि केरल में दो विदेशी नागरिकों समेत 28 मामले दर्ज किए गए हैं. कर्नाटक में कोरोना वायरस के 15 मरीज हैं. लद्दाख में संक्रमण के मामले बढ़कर 10 हो गए हैं और जम्मू-कश्मीर में इसकी संख्या बढ़कर चार हो गई है. तेलंगाना में नौ विदेशियों समेत 16 मामले सामने आए हैं. राजस्थान में दो विदेशियों समेत सात लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. तमिलनाडु में तीन मामले सामने आए हैं. वहीं आंध्र प्रदेश में दो लोग इससे संक्रमित हैं. ओडिशा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, चंडीगढ़ और पंजाब में एक-एक मामला सामने आया है. हरियाणा में 14 विदेशियों समेत 17 लोग संक्रमित हैं.

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पहली बार तिहाड़ जेल में चार फांसी हुई एक साथ, जानिए दोषियों ने क्या -क्या कहा

सात साल के लंबे इंतजार के बाद दिल्ली के निर्भया गैंगरेप मामले में चार दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकना ही पड़ा. फांसी पर लटकाए जाने से पहले दोषियों ने फांसी से बचने के लिए अपने सभी कानूनी विकल्पों का पूरा इस्तेमाल किया, लेकिन निर्भया को आखिरकार इंसाफ मिला. चारों दोषियों में विनय फांसी के पहले बहुत रोया और गिड़गिड़ाया. बाकी तीनों दोषी पवन, मुकेश और अक्षय शांत रहे. मुकेश ने मौत के बाद अपने अंगदान करने की इच्छा जाहिर की थी. वहीं, दोषी विनय ने कहा था कि जो मैंने पेंटिंग बनाई हैं वो मेरे घरवालों को दे देना.

फांसी के एक दिन पहले की रात में मुकेश-विनय ने डिनर किया था, खिचड़ी खायी. वहीं पवन और अक्षय रातभर बेचैन रहे. ये लोग पूरी रात सो नहीं सके और रात भर जागकर पुलिसकर्मियों से पूछते रहे कि क्या कोर्ट से कोई नया ऑर्डर आया है. चारों दोषियों ने चाय पीने से सुबह मना कर दिया. विनय कह रहा था मैं मरना नहीं चाहता. वह फांसी से पहले बुरी तरह गिड़गिड़िया और कहा, ''मुझे माफ कर दो... मुझे नहीं मरना. जमीन में लेटने लगा.

फंदे पर लटकाने से पहले जब दोषियों को नहाने और कपड़े बदलने के लिए कहा गया, तो दोषी विनय ने कपड़े बदलने से इनकार कर दिया. इसके अलावा उसने रोना शुरू कर दिया और माफी मांगने लगा. सुबह नए कपड़े पहनने को दिए जाते हैं. विनय ने नए कुर्ता-पैजामा पहनने से मना कर दिया. आज सुबह आखिरी इच्छा पूछी गयी, कुछ चाहिए- पूजा करनी या कुछ और लेकिन चारों ने कोई जवाब नहीं दिया.

बता दें कि दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक लड़की के साथ हुए सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई. जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने यह जानकारी दी. पूरे देश की आत्मा को झकझोर देने वाले इस मामले के चारों दोषियों... मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी गई. दक्षिण एशिया के सबसे बड़े जेल परिसर तिहाड़ जेल में पहली बार चार दोषियों को एक साथ फांसी दी गई.

चारों दोषियों ने फांसी से बचने के लिए अपने सभी कानूनी विकल्पों का पूरा इस्तेमाल किया और बृहस्पतिवार की रात तक इस मामले की सुनवाई चली. सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के इस मामले के इन दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद तीन बार सजा की तामील के लिए तारीखें तय हुईं लेकिन फांसी टलती गई. अंतत: आज सुबह चारों दोषियों को फांसी दे दी गई.

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गुरुवार, 19 मार्च 2020

परमाणु हथियार के प्रयोग से वैश्विक भुखमरी के संकेत

 भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध से आधुनिक इतिहास में वैश्विक स्तर पर सबसे भयावह खाद्यान्न संकट पैदा हो सकता है. अपनी तरह के एक पहले अध्ययन में ऐसा कहा गया है. पत्रिका पीएनएएस में प्रकाशित इस अध्ययन में सामने आया कि वैश्विक परमाणु आयुधों के एक फीसदी से भी कम ऐसे हथियारों के उपयोग वाले युद्ध के बाद वैश्विक स्तर पर तापमान में गिरावट और सूरज की रौशनी में कमी से दुनियाभर में खाद्यान्न उत्पादन और व्यापार करीब एक दशक के लिए बाधित हो सकते हैं.

अमेरिका के रटजर्स यूनिवर्सिटी- न्यू ब्रून्सविक के शोधकर्ताओं का कहना है कि 'इसका असर 21वीं सदी के आखिर तक मानवजनित जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से कहीं ज्यादा होगा.' उनका मानना है कि वैसे तो कृषि उत्पादकता पर वैश्विक तापमान में वृद्धि का व्यापक रूप से अध्ययन किया गया है।

परमाणु हथियारों को नष्‍ट किया जाना चाहिए

इस अध्ययन के सह लेखक और विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अलान रॉबोक ने कहा, हमारे नतीजे से इस वजह को बल मिलता है कि परमाणु हथियारों का अवश्य ही सफाया किया जाना चाहिए, क्योंकि अगर ये बने रहे तो इनका इस्तेमाल किया जा सकता और दुनिया के लिए इसके परिणाम त्रासद हो सकते हैं.

युद्ध क्षेत्र से ज्यादा लोग भूख से मरेंगे

उन्होंने आगे कहा, परमाणु हथियारों का और भयावह और सीधा असर यह होगा कि युद्ध क्षेत्र से बाहर ज्यादा लोग भूख से मरेंगे. पत्रिका ‘साइंस एडवांसेज में हाल ही में प्रकाशित रॉबोक के एक अध्यनन में अनुमान व्यक्त किया गया है कि अगर भारत और पाकिस्तान परमाणु युद्ध करते हैं, तो तत्काल 10 करोड़ लोगों की जान जाएगी और उसके बाद दुनियाभर में भुखमरी पैदा होगी.

इस नवीनतम अध्ययन में वैज्ञानिकों ने माना कि अगर महज 100 परमाणु हथियार भी इस्तेमाल किए गए तो उसके फलस्वरूप उपरी वायुमंडल में 50 लाख टन काला धुंआ पैदा होगा और कम से कम पांच सालों के लिए धरती का तापमान 1.8 डिग्री घट जाएगा, वर्षा में आठ फीसदी की गिरावट आएगी और सूरज की रौशनी भी कम हो जाएगी.

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बुधवार, 18 मार्च 2020

भारत मे दूसरे स्टेज पर पहुंचा कोरोना वायरस, जानिए तीसरे और चौथे स्टेज का परिणाम

 भारत वर्तमान में कोरोना वायरस (Coronavirus) के दूसरे स्टेज में है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक, स्टेज-2 का अर्थ है कि अभी वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन (लोगों के बीच आपस में नहीं फैला है) नहीं हुआ है. वर्तमान में 100 से ज्यादा देश कोरोना वायरस से प्रभावित है. करीब 7,000 लोगों को इस वायरस से जान गंवानी पड़ी है. भारत में इससे 130 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और 3 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. भारत कोशिश कर रहा है कि वह कोरोना वायरस के स्टेज-3 में नहीं पहुंचे.

आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने मंगलवार को कहा, "हम कोरोना वायरस के दूसरे चरण में हैं. हम तीसरे चरण में अभी नहीं पहुंचे हैं. तीसरा चरण कम्युनिटी ट्रांसमिशन है, हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह स्थिति नहीं आनी चाहिए." उन्होंने कहा, "यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम कितनी तत्परता से अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमा को बंद करते हैं, इसी वजह से सरकार ने बहुत सक्रिय रूप से कदम उठाए हैं, लेकिन हम यह नहीं कह सकते हैं कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं होगा."

 जानिए चारों स्टेज के बारे में

स्टेज 1: इस स्थिति में संक्रमण के मामले वायरस से प्रभावित देशों से आते हैं. इसमें वहीं लोग संक्रमित पाए जाते हैं जिन्होंने विदेश की यात्रा की होती है.

स्टेज 2: जब संक्रमित लोगों से बीमारी का फैलाव स्थानीय लोगों में होता है. उदाहरण के लिए, जब कोई वायरस प्रभावित देश जाता या लौटता है और अपने रिश्तेदारों या परिचितों के संपर्क में आता है, जिससे वे भी संक्रमित हो जाते हैं.
इस स्थिति में स्थानीय ट्रांसमिशन में बहुत कम लोग प्रभावित होते हैं. इस स्थिति में वायरस का सोर्स पता होता है और उसे आसानी से ट्रेस किया जा सकता है.

स्टेज 3: जब वायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन में पहुंच जाता है तो बहुत बड़ा क्षेत्र इससे प्रभावित होता है. इस स्टेज में यह बीमारी भारत के अंदर मौजूद संक्रमित लोगों से यहीं के दूसरे लोगों में फैलने लगेगी. यह बेहद खतरनाक स्थिति है. इस स्टेज में टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए लोग यह नहीं जानते हैं कि उनमें वायरस कहां से आया है. इटली और स्पेन अभी इसी चरण में हैं.

 स्टेज 4: यह सबसे भयावह स्थिति है, जब बीमारी महामारी को रूप ले लेती है और यह स्पष्ट नहीं होता है कि इसका खात्मा कब होगी. चीन में ऐसा ही हुआ है. 

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मंगलवार, 17 मार्च 2020

कोरोना वायरस से देश मे हुई तीसरी मौत , संक्रमित लोग पहुंचे डेढ़ सौ के पास ,देश भर में हाईअलर्ट

दुनिया भर में 6000 से ज्यादा लोगों के लिए काल बना कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है ।भारत मे प्रतिदिन में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. देश में 24 घंटे में 12 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई है. अब तक देशभर में 131 मामले सामने आए हैं, जिसमें महाराष्ट्र से एक तीन साल की बच्ची भी शामिल है।

कोरोना से महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित है. मुंबई, नवी मुंबई और यवतमाल में कोरोना वायरस के 5 नए मामले सामने आने के साथ ही महाराष्ट्र में कोरोना के पॉजिटिव केस 39 तक पहुंच गया है. मुंबई पुलिस धारा 144 लागू कर चुकी है, जबकि ग्रुप टूर पर रोक लगा दी गई है. पुणे में अब तक सबसे ज्यादा 16 मामले सामने आ चुके हैं. देश मे कोरोना वायरस की चपेट में आने से अब तक 3 लोगों की  मौत हो चुकी है।

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कोरोना वायरस की वजह से यूपी में 2 अप्रैल तक बंद रहेंगे स्कूल और कालेज

कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्कूल और कॉलेज की छुट्टियों पर पहले जो पाबंदियां लगाई हुई थी उनको बढ़ाकर 2 अप्रैल तक कर दिया है और साथ में कुछ और निर्देश भी जारी किए हैं। योगी सरकार ने सभी स्कूल और कॉलेज 2 अप्रैल तक बंद रखने का निर्देश दिया है, पहले उत्तर प्रदेश में स्कूल और कॉलेज 22 मार्च तक बंद रखने का फैसला हुआ था।

योगी सरकार ने इसके अलावा सभी पर्यटक स्थलों को भी बंद करने का फैसला किया है और यह निर्देश भी 2 अप्रैल तक लागू रहेगा। इन सबके अलावा उत्तर प्रदेश में 2 अप्रैल तक सभी तरह के धरना प्रदर्शनों ,प्रतियोगी परीक्षाओं पर भी रोक लगा दी गई है। 

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बस्ती-आप नेता राहुल ने दिलाई एक दर्जन लोगों को सदस्यता ,कुलदीप जायसवाल ने दी बधाई

 आम आदमी पार्टी के युवा नेता राहुल जिले में पार्टी को मजबूत करने में लगे हुए हैं ।सोमवार को सल्टौआ कार्यालय पर राहुल ने क्षेत्र के नौजवानों को पार्टी की नीतियों को बताते हुए शहजाद अली ,शैख पासवान, जुबेर अब्दुल, मुबारक ,अर्जुन चौधरी, अफसर अली, अजमत अली, सद्दाम अली ,राहुल कुमार, फिरोज ,रामजी रहमान सैफी, शाहिद खान ,रजनीश पाल एवं अमित कुमार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई।


इस मौके पर राहुल ने कहा कि जनपद में पार्टी को मजूबत किया जाएगा और पार्टी के निर्देशानुसार 2022 विधानसभा चुनाव मजबूती से लड़ा जाएगा। आम आदमी पार्टी में शामिल होने पर जिला अध्यक्ष कुलदीप जायसवाल ने सभी को बधाई दी है।

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सोमवार, 16 मार्च 2020

अंग्रेजी हुकूमत में बस्ती के कई गांवों में बनता था नील ,इस तरह से बनाया गया था इकाई

रिपोर्ट -केसी श्रीवास्तव ,फोटो सुशील कुमार

 उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 205 किलोमीटर दूर बस्ती जनपद के अमरौली शुमली ग्राम पंचायत में कुवानों नदी के तट पर अंग्रेजी हुकूमत में नील बनाने का कार्य होता था । यह ब्रिटिश हुकूमत के समय में नील कोठी के नाम से जाना जाता था।

आजादी के पहले अंग्रेज अमरौली शुमाली के पश्चिमी छोर पर कोठी बनाकर रहते थे और यहीं से नील की खेती कराते थे। अंग्रेज यहां की जनता को नील की खेती करने का फरमान सुनाकर गरीब किसानों को खेती के नाम पर कर्ज देते थे। कर्ज से दबे किसान जीवन भर बंधुआ मजदूरी करने और अंग्रेजों के कोड़े खाने के लिए मजबूर थे। 

क्षेत्र के बुजुर्ग सेवा निर्वित शिक्षक राम छत्तर वर्मा बताते हैं कि भारत में व्यापार के इरादे से आए अंग्रेज व्यवसाय के नाम पर गोरे राजा-महाराजाओं और जमींदारों से जमीन को लीज पर लेकर उसमें नील और अफीम की खेती कराने लगे। उसी दौरान बस्ती जनपद के कई स्थानों के साथ अमरौली शुमाली क्षेत्र में भी अंग्रेजों ने यहां के जमींदारों से जमीन लीज पर लेकर कुवानों नदी के तट पर  नील उत्पादन की फैक्ट्री लगा ली।

आसपास की जमीन पर नील की खेती करके कारखाना में उसके उत्पादन का कार्य जोर-शोर से करने लगे। धीरे-धीरे अंग्रेजों ने यहां के गरीब किसानों को लालच देकर खेती का कार्य शुरू कराने के साथ ही उनको कर्ज उपलब्ध कराना शुरू कर दिया। कर्ज देकर उन्होंने यहां के लोगों को ऐसे मकड़जाल में फंसाया कि जीवन भर उनकी गुलामी करने के बाद मौत के आगोश में चले गए परिवार के मुखिया के बाद उसके परिवारीजनों को भी कर्ज के बोझ तले दबकर अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार करना पड़ा। राम छत्तर बताते हैं कि अंग्रेजों का प्रभुत्व जब भारत में बढ़ा तो उन्होंने नील की खेती में मुनाफा को देखते हुए यहां के किसानों को कम से कम तीन कट्ठा भूमि पर नील की खेती करने का कानून बना कर उसका पालन कराना शुरू कर दिया। जो किसान ऐसा करने से मना करते थे, उन्हें सबके सामने 100 कोड़े लगाकर जलील किया जाता था।

अमरौली शुमाली के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य 65 वर्षीय मेहीलाल चौधरी बताते हैं कि उनके पिता पूर्व प्रधान स्वo ठाकुरदीन चौधरी नील कोठी के बारे याद करते हुए बताया करते थे लेकिन उनके जमाने मे भी यह नील मशीन बंद हो चुका था और यहां पर बांसी राजा का अधिकार हो चुका था।

यहां का इतिहास जो भी रहा हो लेकिन अंग्रेजों के जमाने में नील बनाने की इकाई कुआनो नदी के तट पर आज भी मौजूद है ।इस नील मशीन के इकाई के बारे में पूरा बताने वाला कोई नहीं है परन्तु  उसकी मजबूती और बनावट को देख कर ऐसा प्रतीत होता है की अंग्रेजों  के जमाने में कभी यह गुलजार रहा होगा ।


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भीम आर्मी प्रमुख ने बनाई नई पार्टी रखा यह नाम

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने एक नई पार्टी बना ली जिसका नाम 'आज़ाद समाज पार्टी' (आसपा) होगा. चंद्रेशेखर ने रविवार को नोएडा में इस पार्टी के गठन का ऐलान किया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि ''हमारे लोगों की नागरिकता छीनी जा रही है, आरक्षण छीना जा रहा है, षड्यंत्र हो रहे हैं. सड़क पर आंदोलन नहीं हो रहा है, इसलिए पार्टी बनाई है.'' उन्होंने कहा कि समता मूलक समाज के लिए यह पार्टी बनाई है.

चंद्रशेखर ने कहा कि ''बहुजन समाज का दुर्भाग्य है कि राज्यसभा में सतीश चंद्र मिश्र और लोकसभा में रीतेश पांडेय हमारी बात रखते हैं, लेकिन वे विचारधारा से भटक गए हैं. उनके पीछे झंडा क्यों उठाएं. बीजेपी को रोकने के लिए सहयोग लेंगे. हम गरीबों और नौजवानों की बात करेंगे.''

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने नोएडा के सेक्टर 70 में स्थित बसई गांव में अपनी नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान किया. उन्होंने संविधान की शपथ लेकर आजाद समाज पार्टी  (ASP) के गठन की घोषणा की. इस पार्टी का झंडा नीले रंग का है.

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रविवार, 15 मार्च 2020

किस काम का सीएम योगी के आदेशों वाली छुट्टी ,हमारी पड़ताल में फेल हुआ छुट्टी का उद्देश्य

विश्वपति वर्मा .

विश्व भर में फैल रहे कोरोना वायरस को देखते हुए अलग अलग देशों और प्रदेश सरकारों द्वारा वायरस पर नियंत्रण पाने के लिए युद्ध स्तर पर सावधानी बरती जा रही है इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी स्कूलों को 22 मार्च तक बंद रखने का आदेश जारी किया।

यह जानने के लिए हम गांव में निकले कि क्या उन बच्चों को सही बात की जानकारी है जिन्हें स्कूल से छुट्टी दी गई है ,और स्कूल से छुट्टी दी गई है तो क्यों दी गई है । हम सोनहा थाने के बगल के गांव में पहुंचे और परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले कुछ बच्चों से मिले हमने उनसे पूछा स्कूल में छुट्टी कर दी गई है आपको पता है कि छुट्टी क्यों की गई है तो 7 बच्चों की पूरी संख्या ने बताया कि कोरोना वायरस फैल गया है इसी लिए छुट्टी हो गई है ,हमने बच्चों को सही बात की जानकारी दिया उसके बाद हम पहुंचे कोरिया डीह जहां सड़क के किनारे कुछ बच्चे खेल रहे थे हमने वहां भी बच्चों से वही सवाल किया और वहां भी जवाब वही मिला कि कोरोना वायरस फैल गया है  ,उसके बाद हम महुआडावर पहुंचे और जायत्री देवी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाले दो बच्चियों से हमने पूछा कि स्कूल में छुट्टी क्यों हो गई तो उन बच्चियों ने भी बताया कि कोरोना वायरस फैल गया है इसी लिए छुट्टी कर दी गई।

इसी प्रकार हमने शेखापुर,सेखुई और करीमनगर में भी कुछ बच्चों से वही सवाल किया कि स्कूल में छुट्टी क्यों है तो हर जगह केवल एक ही जवाब मिला कि कोरोना वायरस फैल गया है।

अब सवाल पैदा होता है जिम्मदारों पर कि वें आखिर कैसे जागरूकता लाएंगे ?क्या सारे बच्चे टीवी और मोबाइल पर यह जान रहे हैं कि यह छुट्टी बचाव के दृष्टि से किया गया है?शायद नही ।

इस लिए यह जरूरी था कि सरकारी आदेश के बाद अगले दिन स्कूल में बच्चों को बुलाया जाता और उन्हें यह बताया जाता कि छुट्टी कोरोना वायरस फैलने की वजह से नही हो रही है कोरोना वायरस की चपेट में कोई न आये इस लिए यह छुट्टी की जा रही है ,बच्चों को साफ -सफाई के साथ हंसते, खेलते, कूदते ,छींकते वक्त कौन -कौन सी सावधानी बरतनी है इस बात की जानकारी दी जानी चाहिए थी।लेकिन अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहानी इस देश मे चल रही है तो किसी को किसी बात का परवाह क्यों हो  .इस प्रदेश के 98 फीसदी बच्चों को नही पता है कि यह छुट्टी क्यों की गई है बेहतर होता कि एक लाइन में ही बता दिया गया होता कि संक्रमण से बचने के यह छुट्टी की गई है ।

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शनिवार, 14 मार्च 2020

कोरोना वायरस के बाद केरल मे बर्ड फ्लू का आहट,सरकार ने दिया मुर्गा मुर्गियों को मारने का आदेश

 केरल सरकार ने परप्पनंगडी में बर्ड फ्लू का पता चलने के बाद मुर्गियों को मारने का आदेश दिया है। रोग निरीक्षण अधिकारी ने बताया कि फ्लू के केंद्र के एक किमी के दायरे में सभी मुर्गा-मुर्गियों को मारने के लिए 10 विशेष दस्तों को तैनात किया गया है। कोराना के बीच केरल में बर्ड फ्लू की आहट ने प्रशासन की मुश्‍किलें बढ़ा दी हैं। केरल में 19 लोगों के कोरोना वायरस के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है।
            प्रतीकात्मक तस्वीर( पुरानी फोटो)
दैनिक जागरण ने लिखा कि मलप्पुरम जिले के पलथींगल में बर्ड फ्लू फैलने के बाद आसपास एक किलोमीटर तक के क्षेत्र में विशेष रूप से प्रशिक्षित दल ने मुर्गियों को मारने और संक्रमण मुक्त करने का काम शुरू कर दिया है। खबरों के मुताबिक, मलप्पुरम रानी ओम्मेन के पशुपालन अधिकारी (एएचओ) का कहना है कि दल के सदस्यों को परपंगड़ी निकाय कार्यालय में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि जिला कलेक्टर के आदेश से प्रभावित क्षेत्र के आसपास 10 किलोमीटर तक अंडे, चिकन और पालतू जानवर बेचने पर प्रतिबंध है।

बता दें कि भारत में कोरोना वायरस की पुष्टि सबसे पहले केरल में हुई थी, ये तीनों चीन से लौटे थे। ये तीनों ही इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। हालांकि, इस बीच कुछ और लोग भी केरल में कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। केरल में अब तक कुल 17 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। भारत में अभी तक कोरोना वायरस के 83 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और दो लोगों की मौत हुई है।

गौरतलब है कि बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस H5N1 की वजह से होती है। यह वायरस पक्षियों और इंसानों को अपनी गिरफ्त में लेता है। बर्ड फ्लू संक्रमण चिकन, टर्की, गीस, मोर और बत्तख जैसे पक्षियों में तेजी से फैलता है। इसलिए बर्ड फ्लू के दौरान इन पक्षियों को न खाने की सलाह डॉक्‍टर्स द्वारा दी जाती है। बता दें कि यह इन्फ्लूएंजा वायरस इतना खतरनाक होता है कि इससे इंसान व पक्षियों की बेहद कम समय में मौत हो जाती है। वैसे, अभी तक बर्ड फ्लू का मुख्य कारण पक्षियों को ही माना जाता है, लेकिन कई बार यह इंसान से इंसान में फैलता है। बर्ड फ्लू के लक्षण भी सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं, लेकिन सांस लेने में समस्या और हर वक्त उल्टी होने का एहसास इसके खास लक्षण हैं।

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भारत में कोरोना वायरस से दूसरी मौत ,अब तक 81 लोग हुए संक्रमित

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक 81 मामलों की पुष्टि हुई हैं. इनमें से कर्नाटक में 76 वर्षीय एक व्यक्ति और दिल्ली में 69 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई है. 

हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि अभी तक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा कि केरल से तीन रोगियों के अलावा (जिन्हें स्वस्थ होने के बाद पिछले महीने अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी), कोरोना वायरस से संक्रमित सात और रोगियों को ठीक कर दिया गया है और उन्हें जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी. उन्होंने बताया कि संक्रमित 81 लोगों में 16 इतालवी और एक कनाडियाई शामिल है.

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शुक्रवार, 13 मार्च 2020

बस्ती-प्राथमिक विद्यालय देईडीहा में स्मार्ट कक्ष का हुआ उद्घाटन,शिक्षक हुए सम्मानित

केoसीo श्रीवास्तव-

परिषदीय विद्यालय को मॉडल विद्यालय बनाने के लिए शासन एवं विभाग द्वारा लगातार नए-नए प्रयोग किये जा रहे हैं इसी क्रम में सल्टौआ ब्लॉक के देईडीहा प्राथमिक विद्यालय में स्मार्ट कक्षा की शुरुआत की गई ।

स्मार्ट कक्षा के उद्घाटन कार्यक्रम में  उपजिलाधिकारी भानपुर आशाराम वर्मा, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल एवं  खंड शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा शामिल हुए । कार्यक्रम का शुभारंभ  अतिथियों द्वारा  दीप प्रज्वलित कर किया गया।विद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत का प्रस्तुतिकरण मनमोहक ढंग से किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपजिलाधिकारी ने कहा कि विद्यालय परिवार  द्वारा किया जा रहा कार्य अत्यंत सराहनीय है इस विद्यालय में अब हमारे बच्चे आधुनिक तकनीक से शिक्षा ग्रहण करेंगे, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सकेगा, ऐसा माहौल उपलब्ध कराने के लिए इस विद्यालय के शिक्षक वास्तव में बधाई के पात्र हैं।

शिक्षक उदयशंकर शुक्ल ने कहा कि संगठन शिक्षकों के हित के कार्यों को कराने के साथ ही साथ शिक्षा के उत्तरोत्तर विकास में अपना अमूल्य योगदान देता है, अपने विद्यालय में स्मार्ट कक्षा की स्थापना के साथ ही तरुण कुमार, अजय त्रिपाठी और यशवंत कुमार यादव ने यह सिद्ध कर दिया।

 खंड शिक्षा अधिकारी ने बच्चों को आधुनिक तकनीक से शिक्षा देने के लिये विद्यालय परिवार की मुक्त कंठ से प्रसंशा की तथा अविभावकों से अपील की आप सभी अधिक से अधिक संख्या में अपने बच्चों का नामांकन इस विद्यालय में कराये  । कार्यक्रम का संचालन ब्लॉक मंत्री बब्बन पाण्डेय ने किया एवं अतिथियों का आभार ज्ञापन ब्लॉक अध्यक्ष राम भरत वर्मा ने किया।

 कार्यक्रम में मुख्य रूप से शैल शुक्ल, विजय प्रकाश चौधरी, रमेश विश्वकर्मा, रमेश चौधरी, प्रमोद पासवान , भाष्कर दूबे, सत्येंद्र सिंह, बालगोपाल शुक्ल, संतोष भट्ट,ध्रुव लाल मिश्र, सुभाष , महेंद्र कुमार, सुरेंद्र यादव, सौरभ पद्माकर, मानिक राम, अखिलेश श्रीवास्तव, अरुण यादव,अमृत लाल, दीप चंद, विशाल प्रताप, सुनील कुमार सहित सैकङों की संख्या में बच्चे और अविभावक उपस्थित रहे।

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कोरोना वायरस को देखते हुए यूपी के सभी स्कूल 22 मार्च तक रहेंगे बंद ,सीएम योगी ने लिया फैसला

देश भर में फैल रहे कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाने के लिए यूपी सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूल और कॉलेज को बंद करने का फैसला लिया है ।

 सीएम योगी की मीटिंग में हुए फैसले में कोरोना के मद्देनजर बेसिक शिक्षा से उच्च शिक्षा तक के सभी शिक्षण संस्थान 22 मार्च तक बन्द रखने के आदेश जारी किए गए हैं।

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कोरोना के कहर से भारत में रैपिड टेस्ट किट की आपूर्ति में कमी, पैथोलॉजी में जांच होगा महंगा

चीन के बुहान शहर से उपजा कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया के लिये खतरा बन चुका है ,इस भयंकर वायरस के चपेट में जहां दुनिया भर के सैकड़ो देश आ चुके हैं वहीं अब भारत जैसे देशों में मेडिकल टेस्ट में प्रयोग आने वाली कई प्रकार के किट उपलब्ध न होने का संकट गहरा सकता है क्योंकि भारत 80% मेडिकल उपकरण चीन से आयात करता है।

भारत बल्क ड्रग और उनके इंग्रीडिएंट्स का 70% चीन से आयात करता है। दवाओं का बनाने के लिए एपीआई (एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इंग्रीडिएंट्स) और कुछ जरूरी दवाओं के लिए भारत, चीनी बाजार पर काफी हद तक निर्भर है। कोरोनावायरस का संकट अगर और बढ़ा तो हेल्थकेयर सेक्टर भी प्रभावित हो सकता है। वायरस की वजह से पिछले कुछ समय से चीन की ज्यादातर कंपनियों में काम रोक दिया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक भारत पेनसिलीन-जी जैसी कई दवाओं के लिए पूरी तरह से चीन पर निर्भर है। भारत मेडिकल उपकरणों का 80% आयात करता है और इस आयात में चीन की अहम हिस्सेदारी है। अगर ऐसी स्थिति बनी रही तो मेडिकल जांच के लिए पैथोलॉजी पर टेस्ट के दाम में वृद्धि होने की पूरी संभावना है।




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गुरुवार, 12 मार्च 2020

राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस का पहला मामला आया सामने, भारत मे कोरोना पीड़ितों की संख्या हुआ 61

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस के पहले मामले की पुष्टि हुई है. इसके साथ ही भारत में कोरोना वायरस से पीड़ितों की संख्या 61 हो गई है. कनाडा से लखनऊ अपने रिश्तेदारों से मिलने आई एक महिला में कोरोना की पुष्टि हुई है. हालांकि, महिला के पति की रिपोर्ट निगेटिव आ गई है.

कनाडा से लौटी इस महिला को केजीएमयू के आईसोलेशन वॉर्ड मे रखा गया है. इस बीच कोरोना के खौफ से लखनऊ में इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) का दीक्षांत समारोह टाल दिया गया. इससे पहले आईआईएम बैंगलूरू समेत अन्य संस्थानों ने भी समारोह कैंसिल किये थे.

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बुधवार, 11 मार्च 2020

भाजपा अपनी असफलता को जाति-धर्म ,आतंकवाद और राष्ट्रवाद में बदल देती है

विश्वपति वर्मा-

सरकार के दावे सबका साथ सबका विकास और अच्छे दिन की है, किसानों की आय दोगुना करने की बात मंच और मीडिया के जरिये जोर शोर से किया जा रहा है लेकिन धरातल पर उतर कर देखने के बाद यह स्पष्ट होता है कि ग्रामीण इलाके में न सिर्फ खेती से आय घटी है बल्कि खेती से जुड़े काम करने वालों की संख्या भी कम हुई है ।

बेरोजगारी चरम सीमा पर है ,भुखमरी की चपेट में देश की 22 करोड़ से अधिक आबादी है ,भ्रष्टाचार पर किसी भी प्रकार का कोई नियंत्रण नही है ,शिक्षा और चिकित्सा की जरूरत ने गरीब ही नही मध्यम वर्गीय परिवार को तोड़ कर रख दिया है ,गर्भवती महिलाओं को समय से इलाज नही मिल पा रहा है ,महिलाओं में खून की कमी घटने की बजाय उनकी संख्या बढ़ी है ,बच्चे कुपोषण के शिकार हैं ,मजदूर तबका वहीं का वहीं है ,ग्राम पंचायतों की स्थिति में कोई बदलाव नही ,आदर्श ग्राम पंचायत भी धोखा है ,देश का कोई भी शहर किसी भी पैमाने पर स्वस्थ नही है , स्मार्ट सिटी केवल कागजों में आदर्श बन रहा है ,इधर योगी सरकार में गड्ढा मुक्ति के नाम पर हवा में सड़कें बनाकर अरबो रुपये का घोटाला कर लिया गया, गौशाला के नाम पर कर दाताओं के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है ,स्कूलों में ड्रेस और स्वेटर वितरण के नाम पर शासन द्वारा कमीशन लिया गया ,वृक्षारोपण के नाम पर हजारों करोड़ रुपया डकार लिया गया और ऐसे ही न जाने कितनी योजनाओं और कार्यों के नाम पर देश के साधन, संसधान और पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है ।

लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी अपनी इस असफलता को जाति-धर्म ,आतंकवाद और राष्ट्रवाद के जोशीले नारों से ढक कर सबका साथ सबका विकास की बात जादूई तरीके से कर रहे हैं , इसके बाद भी अगर आम आदमी को अच्छे दिन दिखाई दे रहे हैं तो वाकई में लोग अपनी आमदनी गंवा कर इस सरकार से बेहद ख़ुश हैं. यह एक नया राजनीतिक बदलाव है ।

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स्वास्थ्य मंत्री को हुआ कोरोना वायरस ,स्वास्थ्य विभाग का दफ्तर हुआ बंद


ब्रिटेन की स्वास्थ्य मंत्री नदीन डॉरिस ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के उनके टेस्ट का नतीजा पॉज़िटिव आया है.


उन्होंने कहा, "इंग्लैंड का स्वास्थ्य विभाग मुझसे मुलाक़ात करने वाले सभी लोगों से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है और उनकी हिदायत मानते हुए मेरा विभाग और मेरा दफ्तर कुछ दिनों तक बंद रहेगा।


एक बयान जारी कर उन्होंने कहा है कि जैसे ही उन्हें इसके बारे में बताया गया उन्होंने सभी ऐहतियात लेते हुए ख़ुद को अपने घर सभी से अलग कर लिया है.बता दें कि अब तक ब्रिटेन में कोरोना वायरस के कारण छह लोगों की मौत हो चुकी है. अभी तक वहां संक्रमण के लिए 26,000 लोगों की जाँच हुई है जिसमें से 373 मामलों में संक्रमण की पुष्टि हुई है.


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मंगलवार, 10 मार्च 2020

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिया इस्तीफा तो जाने बुआ यशोधरा राजे सिंधिया ने क्या कहा

मध्य प्रदेश में सियासी हलचल के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही कांग्रेस के 19 विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस ने भी ज्योतिरादित्य को 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' में शामिल होने पर पार्टी से निष्कासित कर दिया है. ज्योतिरादित्य के कांग्रेस छोड़ने पर उनकी बुआ और भाजपा नेता यशोधरा राजे सिंधिया ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'राजमाता के रक्त ने लिया राष्ट्रहित में फैसला. साथ चलेंगे, नया देश गढ़ेंगे,अब मिट गया हर फासला. ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ने  के साहसिक कदम का मैं आत्मीय स्वागत करती हूं.'

वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से मंगलवार को इस्तीफा देने के बाद उनके समर्थकों ने भी पार्टी को अलविदा कहना शुरू कर दिया है. सिंधिया के वफादार माने जाने वाले शहर कांग्रेस समिति के अध्यक्ष प्रमोद टंडन ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ दी. टंडन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे त्यागपत्र में कहा, "मैं विगत 13 वर्षों से इंदौर शहर कांग्रेस समिति का वह अध्यक्ष रहा हूं जिसने पार्टी के विपक्ष में रहने के दौरान कार्य किया. लेकिन कांग्रेस के राज्य की सत्ता में आते ही वे दलाल और अवसरवादी लोग सर्वेसर्वा हो गये जो उस समय कहीं नजर नहीं आते थे जब पार्टी विपक्ष में थी."

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