मंगलवार, 31 दिसंबर 2019

देश के नागरिकों के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे सरकार ,मीडिया और न्यायपालिका की भी जिम्मेदारी

विश्वपति वर्मा
   संपादक

आज 2019 का अंतिम दिन है ,वर्ष 2019 में समाज से जुड़ी तमाम विसंगतियों पर आवाज उठाई गई ,समाचार के माध्यम से शासन -प्रशासन को कई दर्जन मामलों से अवगत कराया गया कुछ का समाधान हुआ कुछ ठंडे बस्ते में पड़ा है। 

राज्य और केंद्र सरकार के पास 3 दर्जन से अधिक सुझाव और शिकायत भी भेजी गई हर बार CMO और PMO से धन्यवाद लिखा हुआ एक पन्ना प्राप्त हुआ जिसको सहेजे हुए पूरा वर्ष बीतने के अंतिम धुरी पर है जहां पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करते हुए 365 दिन 6 घंटे 48 मिनट और 45.51 सेकेंड का समय पूरा करने वाला है।

किसी देश की व्यवस्थापिका और कार्यपालिका की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह देश के नागरिकों की चिंता को समझे और उसकी समस्या के समाधान के लिए बेहतर प्रयास करे ,मीडिया और न्यायपालिका भी अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए  यह  सुनिश्चित करे कि नागरिकों के पक्ष को सुनने के बाद उसे न्याय दिलाने के लिए बाध्य हो लेकिन देखने में आया है कि देश का 90 फीसदी मशीनिरी "सिस्टम " में चल रहा है जो राजनीतिक दलों और सत्ताधारियों के इशारे पर शोषित वंचित वर्ग के लोगों का खून चूसने में लगा है

सरकार की योजनाएं अंतिम व्यक्ति के पास नही पहुंच पा रही हैं ,प्रशासन की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ रहा है ,मीडिया का अस्तित्व सवालिया निशाने पर है न्यायपालिका में लाखों मामले लंबित हैं उसके बाद भी हम सशक्त भारत बनाने की बात करते नजर आ रहे हैं।

बेहतर होता कि देश मे गरीबी ,बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे पर भी कानून बनाया जाता जहां यह सुनिश्चित हो सके कि गरीब के सिर पर छत पहुंचाने के लिए उसका किसी प्रकार का शोषण नही होगा ,बेरोजगारी के प्रति ऐसी व्यवस्था बनाई जाती जहां यह तय हो सके कि देश में 18 से 25 साल के ऊपर के व्यक्ति को प्रशिक्षण देकर देश विदेश के नामी गिरामी कंपनियों और संस्थाओं में भर्ती कराया जाता , कर्मचारियों के कमी से जूझ रहे देश के प्रत्येक विद्यालय ,चिकित्सालय , ट्रैफिक व्यवस्था,तहसील, प्रखंड ,बिजली, समेत दर्जनों विभागों में 10 हजार रुपया महीना मानदेय पर भर्ती कर लोगों को रोजगार दिया जाता और बदहाली झेल रहे तमाम विभागों के द्वारा लेट लतीफे कार्यों पर विराम लगाया जाता , उसके बाद के बचे हुए बेरोजगारों को भारतीय मतदाता पेंशन के रूप में कमसेकम 5 हजार रुपया महीना भत्ता देने का प्रावधान तैयार किया जाता इसके अलावां भ्रष्टाचार के दलदल में डूब रहे भारत मे ऐसी व्यवस्था तैयार की जाए जहां पर घूस और घोटाला के आरोपों पर त्वरित न्याय हो और लोगों को बेहतर सरकार और समाज की बात समझ मे आये । 

लेकिन देश मे इस प्रकार से कोई कानून प्रभावी ढंग से लागू नही हो पा रहे हैं इसके पीछे का कारण भी समझ मे नही आ रहा है ,ऐसा करने से देश को आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ेगा इस तरह की कोई बात भी सामने नही आती क्योंकि जिस देश मे  1 से अधिक बार जीतने वाले सांसदों विधायकों को जितनी बार जीतते हैं पेंशन की संख्या उतनी ही बढ़ती जाती है तो उस देश मे आर्थिक समस्याओं का होना कोई प्रश्न खड़ा नही होता ।इससे  एक बात साफ है कि ऐसा करने के लिए देश की सरकारों के पास नीति और नियति नही है।

फिलहाल आने वाले 2020 में ऐसे ही धारदार लेखनी के माध्यम से शासन और प्रशासन के दबावों से मुक्त होकर  समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को अग्रिम पंक्ति में लाने का शानदार प्रयास किये जाने का सिलसिला चलता रहेगा।

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जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने थल सेनाध्यक्ष का पदभार संभाला, बने देश के 28वें सेना प्रमुख

जनरल बिपिन रावत के उत्तराधिकारी के रूप में जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को 28वें सेना प्रमुख का पदभार संभाला. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने जनरल बिपिन रावत से सेना प्रमुख का कार्यभार ग्रहण किया. जनरल रावत को भारत का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया है. वह बुधवार को CDS का पदभार संभालेंगे. तीन साल के कार्यकाल के बाद वह मंगलवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. अभी तक नरवणे फिलहाल उप-सेनाप्रमुख की जिम्मेदारी निभा रहे थे. सितंबर में उप सेना प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभालने से पहले नरवणे सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे, जो चीन से लगने वाली करीब 4000 किलोमीटर लंबी भारतीय सीमा पर नजर रखती है.

बता दें, अपने 37 साल के कार्यकाल के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे विभिन्न कमानों में शांति, क्षेत्र और उग्रवाद रोधी बेहद सक्रिय माहौल में जम्मू कश्मीर व पूर्वोत्तर में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वह जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स की बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इंफेंट्री ब्रिगेड की कमान संभाल चुके हैं. वह श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षक बल का हिस्सा थे और तीन वर्षों तक म्यामांर स्थित भारतीय दूतावास में रक्षा अताशे रहे.

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Google पर इस साल भारतीयों ने इन चीजों को किया सबसे ज्यादा सर्च, देखें लिस्ट


दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल को सब पता है। यूजर्स किसी भी जानकारी के लिए सबसे पहले गूगल सर्च का इस्तेमाल करते हैं। गूगल ने भी साल 2019 में सबसे ज्यादा सर्च किए गए मुद्दों की एक लिस्ट जारी की है। गूगल के मुताबिक, इस साल लोगों ने Lok Sabha Elections, Chandrayaan 2 और Article 370 जैसे मुद्दों को सबसे ज्यादा सर्च किया है। इतना ही नहीं, कबीर सिंह और अवेंजर्स एंडगेम जैसी फिल्मों ने भी सर्च किए जाने के मामले में बाजी मारी है। यहां हम आपको न्यूज और स्पोर्ट्स से लेकर गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च की गईं फिल्मों की Top 5 लिस्ट बताने जा रहे हैं।

सबसे ज्यादा सर्च किए गए टॉपिक

अगर ओवरऑल की बात करें तो भारत में सबसे ज्यादा सर्च किए गए टॉपिक में टॉप पर Cricket World Cup है। इसके बाद लोगों ने Lok Sabha Elections, Chandrayaan 2, Kabir Singh, Avengers: Endgame और Article 370 को सर्च किया है।

सबसे ज्यादा सर्च की गई News

खबरों की बात करें तो भारत में सबसे ज्यादा Lok Sabha election results को सर्च किया गया। इसके बाद इसरो के मिशन Chandrayaan 2, कश्मीर से हटाए गए Article 370, भारत सरकार की PM Kisan Yojana और काफी उलटफेर वाले Maharashtra assembly elections को सर्च किया गया।

सबसे ज्यादा सर्च की गई Personalities

जिन लोगों को गूगल पर सर्च किया गया उनमें सबसे ऊपर रहे इंडियन एयरफोर्स के विंग कमांडर Abhinandan Varthaman. बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन एक बड़ा चेहरा बने थे। इसके अलावा Lata Mangeshkar, Yuvraj Singh, Anand Kumar और Vicky Kaushal को भी सर्च किया गया।

सबसे ज्यादा सर्च किए गए Sports Events
गूगल पर 2019 में सर्च किए गए टॉप स्पोर्ट्स इवेंट में क्रिकेट वर्ल्ड कप, प्रो कबड्डी लीग, विंबलडन, कोपा अमेरिका और ऑस्ट्रेलियन ओपन रहे।

सबसे ज्यादा सर्च किए गए What is...

लोग किसी भी टॉपिक को शुरुआत से समझने के लिए इस तरह सर्च करते हैं। भारतीय यूजर्स ने सबसे ज्यादा सर्च किया What is Article 370. इसके अलावा What is exit poll, What is a black hole, What is howdy Modi और What is e-cigarette को भी सर्च किया गया।

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सोमवार, 30 दिसंबर 2019

फ्रिज में करंट उतरने से 5 बच्चों समेत 6 की मौत

गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र में करंट लगने से 6 लोगों की मौत हो गई है. इसमें 5 बच्चों समेत एक बुजुर्ग महिला शामिल है. मिली जानकारी के मुताबिक शॉर्ट सर्किट के कारण फ्रिज में करंट उतर आया है और फ्रिज जलकर हुआ राख हो गया.

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रविवार, 29 दिसंबर 2019

सत्ताधारी से डर रही है सपा और बसपा -प्रियंका गांधी

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के खुद को मजबूत करने की कवायद में जुटी है और इसके लिए पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी खुद मैदान में हैं. लोकसभा चुनाव में राज्य में भले ही कांग्रेस सफलता न मिली हो लेकिन अब पार्टी का पूरा ध्यान विधानसभा चुनाव पर है.

 शनिवार को कांग्रेस की स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची पहुंची प्रियंका गांधी ने संकेत दिए हैं कि साल 2022 में होने वाले चुनाव में कांग्रेस यहां अकेले लड़ सकती है. हालांकि साथ में उन्होंने में प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टियों समाजवादी पार्टी और बीएसपी को भी निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां सरकार से डर रही हैं, और वे कुछ नहीं कर रही हैं. लेकिन कांग्रेस को संघर्ष की चुनौती स्वीकार है. इसके साथ ही उन्होंने नसीहत दी है कि उत्तर प्रदेश में विपक्ष को एकजुट होना चाहिए, और अगर ज़रूरत पड़ी तो कांग्रेस अकेले चलने के लिए तैयार है. प्रियंका ने दोनों दलों से कहा, ' अपनी आवाज़ क्यों नहीं उठाते...उनको सरकार के ख़िलाफ़ खड़ा होना चाहिए...वो पहल नहीं लेते, आवाज़ नहीं उठाते... वही जानें क्यों नहीं करते, करना चाहिए...हमें अकेला चलना पड़े तो अकेले चलेंगे...कई महीनों से लड़ रहे, लड़ते रहेंगे.. हम अन्याय के ख़िलाफ़ लड़ेंगे...2022 में अकेले लड़ सकते हैं...


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शनिवार, 28 दिसंबर 2019

125 करोड़ भारतीयों के पास पहुंचा आधार कार्ड

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने शुक्रवार को कहा कि अब तक 125 करोड़ भारतवासियों को आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 'आधारधारकों की पहचान के लिए प्राथमिक पहचान दस्तावेज के रूप में आधार के तेजी से बढ़ते उपयोग के साथ यह उपलब्धि हासिल की गई है. यह इस तथ्य से साबित होता है कि शुरुआत से लेकर अबतक सत्यापन सेवाओं के लिए 37,000 करोड़ बार आधार का उपयोग किया गया है.'

यूआईडीएआई ने कहा कि आधार परियोजना ने नया मील का पत्थर हासिल किया है. यह 125 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है. बयान के अनुसार, 'इसका मतलब है कि देश के 1.25 अरब भारतीयों के पास 12 अंकों वाली विशिष्ट पहचान संख्या है.' यूआईडीएआई को हर दिन आधार के जरिए सत्यापन हेतु करीब 3 करोड़ अनुरोध मिलते हैं.

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शुक्रवार, 27 दिसंबर 2019

भारत के गरीबी का रहस्य जानने की उत्सुकता हर नागरिक को होनी चाहिए

विश्वपति वर्मा-

भारत दुनिया के सम्पन्न देशों की सूची में एक बहुत ही गरीब मुल्क है, यह स्थिति ऐसे समय मे है जब स्वतंत्र भारत मे पैदा हुए बच्चे 25 से 30 वर्ष के हो चुके हैं, दुनिया के हर गुलाम देशों ने गुलामी से मुक्ति पाते ही अपनी दरिद्रता को खत्म किया है  लेकिन भारत और अधिक  दलदल में फंसता जा रहा है।

 साधन की कमी से देश तरक्की ना कर पाए तो बात समझ में आती है लेकिन भारत विश्व का सर्वाधिक साधन संपन्न देश है उसके बाद भी यहां की बदहाली खत्म होने का नाम नही ले रही है।

 विश्व का 30% यूरेनियम व 25% लोहे का भंडार भारत में है ,विश्व का 15% पानी यहां की नदियों में सतत बहता रहता है जो विश्व की सबसे अधिक ऊंचाई से आता है जिससे सिंचाई के साथ-साथ विद्युत शक्ति पैदा करने की संभावनाएं सर्वाधिक रहती हैं,इसके अलावा भारत अन्नदाता का देश है जो दुनिया की अन्य देशों से बेहतर उपजाऊ है , तमाम प्राकृतिक साधनों के होने के कारण ही भारत सोने का चिड़िया कहा जाता था उसके बाद भी भारत  आज विश्व का सबसे ज्यादा गरीब लोगों का देश हो चुका है ।

इसके कारणों के रहस्य को जानने की उत्सुकता देश के हर नागरिक को होनी चाहिए और देश के सत्ताधारी ही नही कार्यपालिका, न्यायपालिका ,विधायिका और मीडिया को इसकी जवाबदेही तय करनी चाहिए।

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गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

सरकार की दोगली नीति आम साइकिल पर 12% जीएसटी, जबकि महंगी इलेक्ट्रिक साइकिल पर जीएसटी 5%

MB -नई दिल्ली.

 केंद्र सरकार की तरफ से प्रदूषण न करने वाले इलेक्ट्रिकवाहनों की खरीद पर छूट देने का ऐलान किया था। इस लिहाज से इलेक्ट्रिक साइकिल के साथ ही आम पैडल वाली साइकिल भी प्रदूषण नहीं करती है। लेकिन इस मामले में सरकार का दोहरा रवैया है। जहां एक तरफ इलेक्ट्रिक साइकिल पर सबसे कम 5 फीसदी जीएसटी वसूली जाती है। वहीं आम साइकिल पर 12 फीसदी जीएसटी लगाई जा रही है।

मोदी सरकार की मानें, तो भारत में हर आय वर्ग का व्यक्ति रहता है। इसलिए गरीब और मध्यम आय वर्ग के इस्तेमाल में आने वाली जरूरी चीजों पर कम जीएसटी की कम दर लगाई जाती है। लेकिन आम साइकिल पर लगने वाली 12 फीसदी की जीएसटी इस मामले में बिल्कुल अलग है, जिसका आमतौर पर इस्तेमाल कम आमदनी वाले लोग करते हैं। साथ ही इस मामले में सरकार का रुख भी काफी अड़ियल है।वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर की ओर से शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा को बताया गया था कि सरकार आम साइकिल को 5 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

ईटी ऑटो की रिपोर्ट के मुताबिक इंडस्ट्री की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में यातायात के वाहनों से करीब 24 फीसदी कार्बन उत्सर्जन होता है जो कि प्रदूषण की एक बड़ी वजह है। ऐसे में सरकार को इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। कुछ मार्केट एक्सपर्ट भारत सरकार के फैसले के साथ हैं।उनकी मानें, तो इलेक्ट्रिक साइकिल की तुलना आम साइकिल पर कम जीएसटी दरनहीं लगानी चाहिए, क्योंकि इलेक्ट्रिक साइकिल स्कूटर को टक्कर देती हैं, जहां एक तरह आम साइकिल से रोजाना 2 से 3 किमी सफर तय किया जाता है, वहीं इलेक्ट्रिक साइकिल से कहीं ज्यादा दूरी तर की जा सकती है। हालांकि कुछ एक्सपर्ट आम साइकिल पर लगाई जाने वाली 5 फीसदी जीएसटी दर को गलत मानते हैं।

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आज लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण,श्रीलंका का एस्ट्रोनॉमी चैनल दिखा रहा लाइव


आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2019) लगने जा रहा है. आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 8.04 मिनट से शुरू होगा और सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse December 2019) सुबह 9.24 से चंद्रमा सूर्य के किनारे को ढकना शुरू करेगा. पूर्व सूर्य ग्रहण सुबह 9.26 पर दिखाई देगा. वहीं, 11.05 तक यह सूर्य ग्रहण खत्म हो जाएगा. इस ग्रहण (Surya Grahan December) की अवधि 3.12 मिनट होगी. यह ग्रहण विशेष खगोलीय घटना होगी क्योंकि इस दिन सूर्य 'रिंग ऑफ फायर' की तरह दिखेगा. 

साल के आखिरी Solar Eclipse को भारत, ऑस्ट्रेलिया, फिलिपिंस, साउदी अरब और सिंगापुर जैसे जगहों में देखा जा सकता है. भारत में सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा जा सकेगा. जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा. सूर्य ग्रहण के दौरान नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण की तरफ न देखें. यही नहीं इसको देखने के समय विशेष सावधानी बरतें.


श्रीलंका के एस्ट्रोनॉमी चैनल Tharulowa Digital की वेबसाइट और यूट्वूब चैनल पर सूर्य ग्रहण को लाइव देखा जा सकता है. आप वेबसाइट slooh.com पर जाकर सूर्य ग्रहण लाइव देख सकते हैं, इसके अलावा आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर भी लाइव स्ट्रीमिंग कर सकते हैं.

https://youtu.be/4OwDo4SAjCg


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बुधवार, 25 दिसंबर 2019

NPR को मिली मंजूरी, देश के हर नागरिक को देनी पड़ेगी यह जानकारी


नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (National Population Register) को अपडेट करने की मंजूरी मिल गई है. अब देश के हर नागरिक को  राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर NPR में अपना नाम दर्ज करवाना होगा. 

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के अपडेशन के लिए एक विशेष ऐप तैयार किया गया है. नागरिकों को अपना नाम दर्ज कराने के लिए किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ेगी. नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को अपडेट करने के लिए 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक लोगों के घर-घर जाकर आकड़े जुटाए जाएंगे. कैबिनेट से जनगणना 2021 के लिए 8,754.23 करोUड़ और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के अपडेशन के लिए 3,941.35 करोड़ की मंजूरी मिली है.

एनपीआर (NPR) के लिए कलेक्ट की जाएगी ये डिटेल्स
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) के तहत देश के सभी नागरिकों को अपना नाम इसमें रजिस्टर करवाना अनिवार्य होगा. एनपीआर विभिन्न सरकारी योजनाओं/कार्यक्रमों के तहत लाभ के वितरण तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करेगा. एनपीआर में एक ही जगह पर छह माह या उससे अधिक वक्‍त तक रहने वालों रजिस्‍ट्रेशन कराना होगा.



यह रजिस्टर नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है. एनपीआर में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए नागरिकों को नीचे दी गई डिटेल्स देनी होगी.

-व्यक्ति का नाम
-परिवार के मुखिया से उसका संबंध
-पिता का नाम
-माता का नाम
-पति/पत्नी का नाम
-लिंग
-जन्म तिथि
-वैवाहिक स्थिति
-जन्म स्थान
-नागरिकता
-वर्तमान पता
-पते पर रहने की अवधि
-स्थायी पता
-व्‍यवसाय
-शैक्षणिक स्थिति

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मंगलवार, 24 दिसंबर 2019

चौकीदार हैं कि बोलते नही

गरीबी

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 64 करोड़ लोग (55.1 प्रतिशत) गरीब हैं ,वहीं एक और रिपोर्ट में बताया गया है भारत मे गरीबों की संख्या घटकर 36.9 करोड़ (27.9 प्रतिशत) पर आ गयी.फिलहाल भारत में गरीबी बड़े पैमाने पर है ।

लेकिन चौकीदार हैं कि बोलते नही



बेरोजगारी
नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) की जनवरी में लीक हुई रिपोर्ट के अनुसार देश में 2017-18 में बेरोजगारी दर 6.1% रही। यह 45 साल में सबसे ज्यादा है। इससे पहले 1972-73 में बेरोजगारी दर का यही आंकड़ा था। 6.1% का आंकड़ा में भी बताया गया था। 

लेकिन चौकीदार हैं कि बोलते नही



भ्रष्टाचार
एशिया महाद्वीप में भ्रष्टाचार के मामले में भारत प्रथम स्थान पर है. एक सर्वे में पाया गया है कि भारत में रिश्वतखोरी की दर 69 प्रतिशत है.  फोर्ब्स द्वारा किए गए 18 महीने लंबे सर्वे में भारत को टॉप 5 देशों में पहला स्थान दिया गया है. फोर्ब्स ने यह सर्वे मार्च, 2017 में प्रकाशित किया था.

लेकिन चौकीदार हैं कि बोलते नही


कुपोषण
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि भारत में हर साल कुपोषण के कारण मरने वाले पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों की संख्या दस लाख से भी ज्यादा है. दक्षिण एशिया में भारत कुपोषण के मामले में सबसे बुरी हालत में है. 

लेकिन चौकीदार हैं कि बोलते नही



महिलाओं मे खून की कमी
वैश्विक पोषण रिपोर्ट के अनुसार भारत कुपोषण की गंभीर समस्या से ग्रस्त हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि हमारे देश में जो महिलाएं कम उम्र में मां बनती हैं उनमें से लगभग आधी महिलाएं खून की कमी से पीड़ित हैं. भारत मे लगभग 46 फीसदी महिलाएं के अंदर खून की कमी है।


लेकिन चौकीदार हैं कि बोलते नही

यानी कि सबकी चौकीदारी केवल अपने घर की रखवाली करने का है इस देश की जनता का नही।

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लखनऊ में महिला कांग्रेस नेता को नागरिकता संशोधन प्रदर्शन को लेकर भेजा गया जेल


उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में अब तक राज्य भर में 925 और राजधानी लखनऊ में 150 लोगों की गिरफ़्तारी हुई है.


गिरफ़्तारियों का दौर जारी है. इस बीच, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के बाद कांग्रेस पार्टी की सदस्य, सोशल एक्टिविस्ट और अभिनेत्री सदफ़ जाफ़र को भी लखनऊ में गिरफ़्तार किया गया है.

लखनऊ के पुलिस अधीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) सुरेश रावत ने बताया, "सदफ़ जाफ़र को 19 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान ही बलवा करते हुए मौक़े से गिरफ़्तार किया गया था. अन्य लोगों को भी इनके साथ गिरफ़्तार किया गया था."

सदफ़ जाफ़र ने इस प्रदर्शन के लिए सोशल मीडिया के ज़रिए बड़ी संख्या में लोगों से परिवर्तन चौक पर पहुंचने की अपील भी की थी. हालांकि कुछ वीडियोज़ में वो ये कहते हुए भी सुनी और देखी जा रही हैं कि "इतनी हिंसा के बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है." 

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सोमवार, 23 दिसंबर 2019

यूपी-/पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एसआर दारापुरी गिरफ्तार कर भेजे गए जेल

उत्तर प्रदेश पुलिस ने गत 19 दिसंबर को लखनऊ में हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एस आर दारापुरी को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया है.

एस आर दारापुरी आईपीएस रहे हैं और उत्तर प्रदेश पुलिस में महानिरीक्षक के पद से रिटायर हुए हैं. सामाजिक मामलों और आंदोलनों में उनकी अक्सर भागीदरी रही है

लखनऊ में ही रहने वाले मेग्सेसे पुरस्कार विजेता और सोशलिस्ट पार्टी के नेता संदीप पांडे बताते हैं कि पुलिस ने 19 दिसंबर को होने वाले प्रदर्शनों से पहले कई बुद्धिजीवियों को नज़रबंद कर रखा था. ताकि ये लोग ना तो खुद प्रदर्शनों में पहुंच सकें और ना ही दूसरों से वहां पहुंचने की अपील कर सकें.

संदीप पांडे के मुताबिक, ''हम लोग विरोध प्रकट करने के लिए शांतिपूर्ण तरीकों में ही विश्वास करते हैं और प्रदर्शनों में हुई हिंसा की निंदा करते हैं. ये हिंसा कुछ शरारती तत्वों द्वारा की गई जिन्हें रोकने में पुलिस नाकाम रही. अपनी नाकामी को छिपाने के लिए वो बुद्धिजीवियों और शांतिप्रिय लोगों को प्रताड़ित कर रही है.''

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झेलम नदी पर पुल बनाने के लिए 40 साल पुरानी मस्जिद गिराने पर मुस्लिम समुदाय सहमत

झेलम नदी पर लंबे समय से बहुप्रतीक्षित पुल के काम को पूरा करने के लिए यहां मुस्लिम समुदाय ने 40 साल पुरानी एक मस्जिद को गिराए जाने पर सहमति व्यक्त की. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि मस्जिद और कुछ आवासीय तथा वाणिज्यिक संरचनाओं की मौजूदगी समेत कुछ अड़चनों के कारण 2002 से परियोजना का काम लंबित था. उन्होंने बताया कि कमरवारी के रामपुरा क्षेत्र में श्रीनगर जिला विकास आयुक्त शाहिद इकबाल चौधरी और मस्जिद अबू तुराब की प्रबंध समिति के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर के 24 घंटे बाद शनिवार को मस्जिद गिराने का काम शुरू हुआ. यह दूसरा उदाहरण है जब उपायुक्त के प्रयासों से महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर रुके हुए काम को फिर से शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है.
                     प्रतीकात्मक तस्वीर
इस महीने की शुरुआत में उन्होंने श्रीनगर को बारामूला से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए जैनाकोट में ऐतिहासिक दमदमा साहिब गुरुद्वारे के प्रबंधन से सफल बातचीत की थी. अधिकारियों ने बताया कि जिला विकास आयुक्त ने प्रमुख भूमि अधिग्रहण मुद्दे के समाधान के लिए मस्जिद प्रबंधन के साथ कई बैठकें कीं. उन्होंने बताया कि सरकार और मस्जिद प्रबंधन के बीच समझौता हुआ है, जिसमें जिला प्रशासन की ओर से मस्जिद के पुनर्निर्माण की पूरी लागत वहन करने और 12 महीने के भीतर इसे पूरा किए जाने का प्रस्ताव शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि 10 करोड़ रुपये की लागत वाली यह पुल परियोजना 2002 में शुरू हुई थी लेकिन अधिग्रहण और अड़चनों को दूर करने समेत कई मुद्दों के कारण इसे पूरा नहीं किया जा सका था. 

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रविवार, 22 दिसंबर 2019

यूपी-/पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं पंचायती राज और ग्राम विकास के जिम्मेदार अधिकारी

विश्वपति वर्मा (सौरभ)

प्रत्येक विकास खण्ड में दर्जनों ऐसी ग्राम पंचायते हैं जहां पर बुनियादी सुविधाओं का ढांचा तैयार करने के लिए पंचवर्षीय योजनाओं के तहत सरकार द्वारा 2 से 3 करोड़ रुपये तक की धनराशि आवंटित की गई लेकिन जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के मिलीभगत से किसी भी ग्राम पंचायत में बेसिक समस्याओं का समाधान भी नही हो पाया है।

सरकार द्वारा हाल के वर्षों में स्वच्छता अभियान के जितने भी कार्यक्रम चलाए गए उसमें बताया तो यह गया कि सरकार की सभी योजनाएं अंतिम व्यक्ति के पास पहुंच बनाने में सफल हुई हैं लेकिन धरातल पर उतर कर देखने के बाद पता चलता है कि शौचालय निर्माण ,पानी निकासी ,नाली निर्माण ,खड़ंजा मरम्मत ,स्वच्छ पेय जल समेत पंचायत की अधिकांश योजनाएं पूरी तरह से फेल है।

बस्ती ,सिद्धार्थनगर ,सीतापुर और बाराबंकी जिले के कई दर्जन ग्राम पंचायतो में खर्च हुए धन और वहां की बदलने वाली व्यवस्था की हमने समीक्षा किया तो पता चला कि सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को बेहिसाब धन दिया गया लेकिन समग्र एवं समेकित विकास के लिए जारी किए गए ग्राम पंचायतों के निधि को ब्लॉक अधिकारियों के मिलीभगत से जनप्रतिनिधियों द्वारा बिना काम कराए ही डकार लिया गया।

बस्ती जनपद के सल्टौआ ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली  99 ग्राम पंचायत के सापेक्ष 16 ग्राम पंचायतों में आय व्यय के हिसाब को जानने का प्रयास किया गया जिसमें पता चला कि ग्राम पंचायतों द्वारा खड़ंजा मरम्मत, हैंडपंप मरम्मत ,मिट्टी कार्य ,स्ट्रीट लाइट ,बाउंड्रीबाल , शौचालय,आंगनवाड़ी ,मिनी सचिवालय और स्कूल मरम्मत , नाली निर्माण ,तालाब और स्कूल सुंदरीकरण  के नाम पर बिना काम कराए ही पैसा निकाल लिया गया। वहीं सरकार की सबसे बड़ी महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय ,डस्टबिन और सफाई कर्मी किट के नाम पर पैसा निकाल कर बांट लिया गया।

ग्राम पंचायत के इस रिपोर्ट कार्ड की समीक्षा करने के बाद स्पष्ट है कि पंचायती राज और ग्राम विकास के जिम्मेदार और अधिकारी पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

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शनिवार, 21 दिसंबर 2019

यूपी में हिंसा के दौरान 15 की मौत ,124 एफआईआर 705 गिरफ्तार

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी हिंसक प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश में 15 लोग मारे गए हैं. आज रामपुर में हिंसा पथराव और आगज़नी हुई है. यूपी के IG लॉ एंड ऑर्डर प्रवीण कुमार ने बताया कि रामपुर में एक शख़्स की मौत हुई है. प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गये और जमकर पथराव हुआ. कानपुर में आज फिर भीड़ ने हिंसा की. बेगमगंज में लोगों ने पुलिस चौकी को फूंक दिया. वहीं, मुज़फ्फरनगर में भी हालात बिगड़ गए. यहां 200 लोगों पर केस दर्ज किया गया है और 14 पर एफआईआर हुई है, साथ ही कम से कम 50 दुकानें सील की गई हैं. कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुए बवाल के मामले में 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जबकि 124 एफआईआर दर्ज हुई हैं.

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नाश्ता कर रहे पत्रकार को पुलिस ने उठाया ,CMO के दखल पर छोड़ा ,सीओ ने मांगी माफी

नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) का देशभर में जबरदस्त विरोध हो रहा है. लखनऊ में भड़की हिंसा मामले में हजरतगंज पुलिस ने शुक्रवार शाम 'द हिंदू' (The Hindu) अखबार के पत्रकार उमर राशिद  को हिरासत में ले लिया. मुख्यमंत्री कार्यालय के दखल के बाद उन्हें छोड़ा गया. राशिद ने बताया कि वह अपने कुछ पत्रकार दोस्तों के साथ बीजेपी दफ्तर के पास स्थित एक होटल में नाश्‍ता कर रहे थे. उसी वक्त सादी वर्दी में आए पुलिसकर्मियों ने कुछ बात करने के लिये उन्‍हें अलग बुलाया और जबरन गाड़ी में बैठा लिया.

उमर राशिद ने बताया कि उन्‍होंने पुलिसकर्मियों से कहा कि वह पत्रकार हैं और उन्‍होंने अपना आईडी कार्ड भी दिखाया. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उनका फोन छीन लिया और बदसलूकी की. राशिद ने कहा कि बाद में उन्हें हजरतगंज कोतवाली ले जाकर एक कमरे में बंद कर दिया गया और उनके साथ लाए गए उनके दोस्‍त रॉबिन वर्मा के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई. राशिद के अनुसार, बाद में हजरतगंज के पुलिस क्षेत्राधिकारी अभय कुमार मिश्रा आए और माफी मांगते हुए कहा कि कुछ गलतफहमी की वजह से पुलिस उन्हें ले आई.

उमर राशिद ने दावा किया कि मुख्‍यमंत्री कार्यालय के दखल के बाद डीजीपी ओम प्रका‍श सिंह के कहने पर उन्‍हें छोड़ा गया. फिलहाल इस मामले में लखनऊ पुलिस के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

श्रोत-NDTV

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शुक्रवार, 20 दिसंबर 2019

उन्नाव रेप कांड में विधायक कुलदीप सेंगर को आजीवन कारावास की सजा ,25 लाख जुर्माना


उत्तर प्रदेश के विधायक कुलदीप सेंगर को उन्नाव रेप कांड में दिल्ली की तीस हज़ारी अदालत ने उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई है. इस सज़ा के मुताबिक अब कुलदीप सिंह सेंगर को आजीवन जेल में रहना होगा.

उन्हें आईपीसी की धारा 376 और पोक्सो एक्ट की 5 सी और 6 धारा के तहत ये सज़ा सुनाई गई है. अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसमें से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है.

इस मामले में सह अभियुक्त शशि सिंह को अदालत ने बरी कर दिया था.

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तानाशाही /- प्रदर्शन को कवरेज कर रहे 30 पत्रकारों को पुलिस ने हिरासत में लिया

नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) का उत्तर भारत ही नहीं बल्कि दक्षिण भारत में भी काफी विरोध हो रहा है. बीते गुरुवार कर्नाटक के मंगलुरु में प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत हो गई. कथित तौर पर पुलिस की गोलीबारी में दोनों की मौत हुई. अब खबर मिल रही है कि केरल के चार स्थानीय चैनल - न्यूज 24, मीडिया वन, एशियानेट और मातृभूमि केरल के पत्रकारों और क्रू मेंबर्स को मंगलुरु में रिपोर्टिंग करने से रोका गया है.

मिली जानकारी के अनुसार, इससे जुड़े एक वीडियो में एक सीनियर पुलिस ऑफिसर चैनल पर लाइव मौजूद रिपोर्टर को रोकते हुए नजर आ रहे हैं. वह रिपोर्टर से आईडी की मांग करते हैं. आईडी कार्ड दिखाए जाने के बाद पुलिस अधिकारी पत्रकार से कहते हैं, 'यह मान्यता प्राप्त नहीं है. सरकार ने इसे जारी नहीं किया है. बाहर निकलो.' बताया जा रहा है कि करीब 30 पत्रकारों को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त न होने पर पुलिस ने हिरासत में लिया.

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बस्ती/सोनहा -जर्जर भवन में चकबंदी अभिलेख, उधार के भवन में कार्यालय

के०सीo श्रीवास्तव -

भानपुर तहसील क्षेत्र के किसानों और काश्तकारों का कई दशकों के मुकदमे आज भी चकबंदी अदालत में विचाराधीन हैं। न जाने कितनी फाइलें न्याय की मोहर लगने के आस में सड़ रही हैं क्योंकि चकबंदी कार्यालय का भवन तो जर्जर हो चुका है।

वैसे तो भानपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत जितने भी चकबंदी कार्यालय हैं किसी का भी अपना भवन नही है लेकिन उधार के भवन में चलने वाला सोनहा कार्यालय एक जर्जर भवन में चल रहा है जो अपनी व्यवस्था के वजह से बदहाली का आंसू बहा  रहा है।

बस्ती-डुमरियागंज मार्ग पर स्थित सोनहा पड़ाव पर यह कार्यालय पहले किराये के मकान में चल रहा था लेकिन किन्हीं कारणों के चलते अब यह कार्यालय सोनहा में ही स्थित सहकारी समिति के एक भवन में स्थानांतरित कर दिया गया जहां पर न अभिलेख सुरक्षित हैं और न ही बिजली-पानी और फर्नीचर की मुकम्मल व्यवस्था है।

और अधिक जानकारी के लिए  तहकीकात समाचार के प्रतिनिधि बुधवार को दो बजे कार्यालय पर पंहुचे तो वहां पर ताला लगा हुआ था अगले दिन बृहस्पतिवार को एक बार फिर हमारे संवाददाता जानकारी हासिल करने के लिए 12:30 बजे पहुंचे तब कार्यालय का बड़ा सा गेट तो खुला हुआ था लेकिन वहां पर कोई नही था ,बगल में चाय की दुकान चलाने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि साहब बस्ती गए हैं।

खबर को पढ़िए, सोचिए और हंसिए कि सचमुच हम एक ऐसे भारत मे रहते हैं जहां पर करोड़ो रूपये खर्च होकर भवन बनने के बाद कैली जैसे अस्पताल के अंदर जर्जर हो गया ,भानपुर तहसील के अंदर बने करोड़ो रूपये के भवन का किसी को जरूरत ही नही है, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भानपुर के अंदर 3 करोड़ रुपये से अधिक के बने हुए भवन के चारो तरफ झाड़ियों का झुंड लग गया लेकिन सरकारी कार्यालय को चलाने के लिए सरकार के पास एक कमरे का कोई ऐसा भवन नही है जो हंस कर कह सके कि हाँ "मैं कार्यालय "हूं ।

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गुरुवार, 19 दिसंबर 2019

ठंड के चपेट में उत्तर भारत ,जिलाधिकारी बस्ती ने 2 दिन तक स्कूल बंद करने के दिए आदेश


उत्तर भारत में शीत लहर के चलते बुधवार से ठंड और अधिक बढ़ गई. दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों में इस मौसम का सबसे कम तापमान दर्ज किया गया. वहीं, राजस्थान, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में अलग-अलग स्थानों पर घना कोहरा छाया रहा।

राष्ट्रीय राजधानी में मौसम का सबसे ठंडा दिन रिकॉर्ड किया गया, यहां न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने कहा कि अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से पांच डिग्री कम है. आर्द्रता का स्तर 97 से 61 प्रतिशत के बीच दर्ज किया गया।

ठंड के कारण गुरुवार और शुक्रवार को  उत्तर प्रदेश के कई जिलों में स्कूल और कॉलेज को बंद किया गया तो वहीं कल के आदेश में ठंड को देखते हुए अगले कुछ दिनों तक स्कूल कालेज बंद करने का निर्णय लिया गया है।


मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मिले आकंड़े को देखते जिला अधिकारी बस्ती आशुतोष निरंजन ने जनपद के सभी स्कूलों को 21 दिसंबर तक बंद रखने का आदेश जारी किया है। जनपद में  आज 18 और कल अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.

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बुधवार, 18 दिसंबर 2019

जानिए क्या होता है ग्राम पंचायतों का कार्य ,गांव के मुखिया की क्या होती है जिम्मेदारी

विश्वपति वर्मा-

उत्तर प्रदेश में कुल 59,163 ग्राम पंचायतें हैं, प्रदेश में 16 करोड़ लोग गांव में रहते हैं। 14वें वित्त, मनरेगा और स्वच्छ भारत मिशन के वार्षिक औसत निकाला जाए तो एक पंचायत को 20 लाख से 50 लाख रुपए मिलते हैं। 

ये आंकड़े आपको बताने इसलिए जरूरी हैं, क्योंकि इन्हीं पैसों से आपके लिए पानी, घर के सामने की नाली, आपकी सड़क, शौचालय, स्कूल का प्रबंधन, साफ-सफाई और तालाब बनते हैं।
गांवों के देश भारत में ग्राम पंचायतें सबसे अहम है। ग्रामीण भारत की तरक्की के लिए सरकारें तमाम योजनाएं इन्हीं पंयायतों के जरिए चलाती है। पंयायतों में वर्तमान समय में हर साल लाखों-करोड़ों रुपए आते हैं। सरकार समय समय पर अभियान चलाकर लोगों को बताती भी है कि कौन सी सरकारी योजनाएं उनके इलाके में चलाई जा रही हैं

सरकार हर साल लाखों करोड़ों रुपए एक ग्राम पंचायत को देती है। ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव समेत कई अधिकारी मिलकर उस फंड को विकास कार्यों में खर्च करते हैं। अगर आप को जानकारी होगी तो आप न सिर्फ प्रधान से बैठक में पूछ पाएंगे, बल्कि आरटीआई के द्वारा सरकार से भी सवाल कर सकते हैं। 


मुख्य रूप से ग्राम पंचायत की होती हैं ये जिम्मेदारियां

  • गाँव के रोड को पक्का करना, उनका रख रखाव करना
ग्राम पंचायत में जितनी भी कच्ची-पक्की सड़कों का निर्माण होता है, सभी ग्राम प्रधान को ही देखने होते हैं, साथ ही पानी निकासी के ड्रेनेज की भी व्यवस्था भी करनी होती है।

गांव में पक्की सड़क

  • गाँव में पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करना
इसमें ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी होती है कि ग्रामीणों के पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी होती है।
  • पशु पालन व्यवसाय को बढ़ावा देना, दूध बिक्री केंद्र और डेयरी की व्यवस्था करना
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के पास पशुपालन कमाई का एक जरिया होता है, लेकिन पशुपालकों को दूध बिक्री की समस्या होती है, इसलिए पंचायत स्तर पर दूध बिक्री केंद्र व डेयरी की व्यवस्था होनी चाहिए। पशुपालन के लिए जानकारी, उनका टीका और उनका उपचार कराना भी पंचायती राज्य के अंतर्गत रखा गया है ताकि पशुपालन ज्यादा फायदेमंद हो।
  • सिंचाई के साधन की व्यवस्था
किसानों की फसलों की सिंचाई के लिए सरकारी ट्यूबवेल की व्यवस्था, नहर से निकली नालियों की साफ-सफाई का काम भी ग्राम पंचायत को देखना होता है।

  • गाँव में स्वच्छता बनाये रखना
ग्रामीण क्षेत्र में नालियों की साफ-सफाई, गाँव में दवाइयों का छिड़काव, साथ एएनएम, आशा बहु टीका लगा रहीं हैं कि नहीं ये भी देखना होता है।

  • गाँव के सार्वजनिक स्थानों पर लाइट्स का इंतजाम करना
ग्राम पंचायत के सार्वजनिक स्थान, जैसे मंदिर, मस्जिद आदि स्थानों पर लाइट की व्यवस्था करनी होती है, ताकि ऐसे स्थानों पर पर्याप्त उजाला रहे।
  • दाह संस्कार व कब्रिस्तान का रख रखाव करना
पंचायत में अलग-अलग धर्म व समुदाय के लोगों के लिए दाह संस्कार स्थल व कब्रिस्तान की देख रेख भी ग्राम पंचायत को करनी होती है। कब्रिस्तान की चाहरदिवारी का निर्माण भी ग्राम प्रधान को कराना होता है।
  • कृषि कार्यक्रमों में हिस्सा लेना
गाँवों में खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर कृषि गोष्ठी करानी होती है, ताकि किसानों को नई जानकारियां मिलती रहें।
  • कृषि को बढ़ावा देने वाले प्रयोगों प्रोत्साहित करना
अगर कोई किसान कृषि क्षेत्र में नया प्रयोग करता है तो उसे प्रोत्साहित करना होता है, जिससे दूसरे किसान भी उनसे जानकारी ले सकें।
  • गाँव में प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देना
गाँव में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए, समय-समय पर जागरूकता रैली निकालने, घर-घर जाकर लोगों को शिक्षा का महत्व समझाना ताकि वो अपने बच्चों को विद्यालय भेजें।
  • खेल का मैदान व खेल को बढ़ावा देना
बच्चों के लिए खेल के मैदान का इंतजाम करना व खेल कूद से सम्बंधित सामान की व्यवस्था करना।  विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता कराकर बच्चों में खेल और पढाई की भावना को प्रोत्साहित करना।
  • स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना
स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना, गाँव में सार्वजनिक शौचालय बनाना व उनका रख रखाव करना। जिनके घर में शौचालय का निर्माण हो गया है, उन्हें शौचालय प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना और लोगों को स्वच्छता अभियान का महत्व समझाना।

  • गाँव की सड़कों और सार्वजनिक स्थान पर पेड़ लगाना
गाँव को हरा-भरा बनाने के लिए गाँव की सड़कों और सार्वजनिक स्थान पर पेड़ लगाना और दूसरों को प्रोत्साहित करना, साथ ही उसका उनका रख रखाव करना।
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना
बेटियों को बढ़ावा देने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना, जिससे लोग अपनी बेटियों को स्कूल भेजें।

गांव में हो हरियाली और पेड़ पौधे

  • जन्म मृत्यु विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना
ग्राम पंचायत में जन्म मृत्यु विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना, जिससे जनगणना जैसे कामों में आसानी आ जाए। इसके बारे में प्रशासन को समय-समय पर सूचित करना होता है।
  • गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था
शिक्षा के अधिकार के तहत एक से लेकर आठवीं तक बच्चों की शिक्षा की मुफ्त व्यवस्था करना।
  • गाँव में भाई चारे का माहौल बनाना
गाँव में किसी धर्म या समुदाय में लड़ाई-झगड़े न हो ऐसा माहौल बनाना, झगड़ों को सुलझाना व दोस्ताना माहौल पैदा करना।
  • आंगनबाड़ी केंद्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करना
ग्राम पंचायत स्तर पर बच्चों, किशोरियों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की होती है, वो काम कर रही हैं कि नहीं, सभी को पोषाहार मिल रहा है कि नहीं ये सब देखने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होती है।
  • मछली पालन को बढ़ावा देना
मनरेगा योजना के तहत मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए तालाबों की खुदाई ग्राम पंचायत के कार्यों में शामिल किया गया है। अगर किसी ग्रामीण क्षेत्र में नदियां हैं तो उनका संरक्षण व मछली पालन भी ग्राम पंचायत के कार्यों में शामिल किया गया

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6 वर्ष बाद भी बनकर तैयार नही हो पाया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ,5 करोड़ की योजना

केoसीo श्रीवास्तव-

स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता और भ्रष्टाचार की वजह से जनपद के सल्टौआ ब्लाक के अमरौली शुमाली में निर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण 6 वर्ष बीत जाने के बाद भी नही पूरा हो पाया है जिसका परिणाम है कि स्थानीय नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं को लेने के लिए 10 से 25 किलोमीटर दूर तक कि यात्रा करना पड़ रहा है।

2012-13 से निर्माणाधीन इस स्वास्थ्य केंद्र को 2017 में जनता के लिए हर हाल में खोलना था लेकिन कार्यों की गति धीमी होने की वजह से इसके निर्माण को पूरा करने और जनता के लिए खोलने का समय मार्च 2019 कर दिया गया लेकिन लगभग 7 वर्ष बीत जाने के बाद 5 करोड़ की लागत वाले इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन अभी तक भी ओपीडी शुरू करने लायक तैयार नही हो पाया । 

ग्रामीण क्षेत्र के हर आबादी तक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए शासन द्वारा सल्टौआ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण को स्वीकृति 2012-13 में दी गई थी जिसके लिए विकास खण्ड के अमरौली शुमाली में जमीन की तलाश कर निर्माण कार्य शुरू किया गया लेकिन एक लंबा समय बीत जाने के बाद आज तक क्षेत्र के लोगों के लिए संचालित करने योग्य अस्पताल का निर्माण नही हो सका है।

ओपीडी और इलाज शुरू होने के बाद इन गांवों के लोगों को मिलेगा फायदा

अमरौली शुमाली में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ओपीडी और इलाज शुरू होने के बाद अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत के 65 पुरवे के अलावां भिरियाँ, तेलियाडीह, सेखुई, पिटाउट, बस्थनवा,चौकवां ,गोरखर, औड़जंगल ,समेत दर्जनों ग्राम पंचायत के 30 हजार से अधिक लोग अपने नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ जाएंगे।

यह सेवाएं होंगी उपलब्ध

आंतरिक रोगियों के लिए ओपीडी सेवाएं,टेस्ट सुविधाएं,एक्स-रे सुविधाएं,ऑपरेशन सुविधाएं,एम्बुलेंस सुविधा (108,102) प्रसव सुविधा,नेत्र चिकित्सा ,कुष्ठ रोग इलाज,शिशुओं में टीबी, पोलियो, डिप्थीरिया, टेटनस, वॉपिंग कफ और खसरे के टीकाकरण 
मृत्यु और जन्म का पंजीकरण, के अलावां मौसमी एवं संक्रमित बीमारियों का इलाज होगा।

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मंगलवार, 17 दिसंबर 2019

बस्ती -जनपद में तेजी से फैल रहा 100 और 200 का नकली नोट ,छोटे दुकानदारों के लिए बनी समस्या

के०सी० श्रीवास्तव-

जनपद के कई इलाकों में इस वक्त नकली नोटों का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है जिसके चलते छोटे दुकानदारों और आम नागरिकों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।


सोनहा थाना क्षेत्र के सेखुई निवासी राजू वर्मा ने बताया कि उनका सोनहा में दुकान है जहां पर वें गाड़ी मरम्मत करने का काम करते हैं ।उन्होंने बताया कि 2 अलग अलग मौकों पर उन्हें पैंसा मिला सही तरीके से पहचान न कर पाने की वजह से एक बार 200 रुपये का नकली नोट और एक बार 100 रुपये का नकली नोट ग्राहक थमा कर चला गया जिसकी जानकारी बाद में हुई कि नोट नकली है।

पचमोहनी निवासी अजय विश्वकर्मा ने बताया कि वें सामान खरीदने के लिए बस्ती गए थे जंहा पर उन्हें 3000 रुपये का भुगतान करना था ।पैंसा देने के बाद दुकानदार ने 200 रुपये का नोट वापस करते हुए बताया कि यह नकली है ,उन्होंने बताया कि यह याद नही आ रहा है कि नकली नोट किसने दिया।

ऐसे ही कई और जगहों पर लोगों ने चर्चा के दौरान बताया कि उनके हाथ नकली नोट लग चुका है ।

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सोमवार, 16 दिसंबर 2019

झारखंड में 15 सीटों के चुनाव के लिए चौथे चरण का मतदान शुरू

झारखंड विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में सोमवार को 15 सीटों के लिए मतदान शुरू हो गया है, जिसमें राज्य के दो प्रमुख मंत्रियों सहित कुल 221 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा. 

मधुपुर सीट पर राज्य के श्रम मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार राज पालीवार का मुख्य मुकाबला झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार हुसैन अंसारी से होने की संभावना है. वहीं, चंदनकियारी सीट पर मुख्य मुकाबला राजस्व मंत्री अमर कुमार बावरी और आजसू के उम्मीदवार उमाकांत रजक के बीच होने की संभावना है. झरिया सीट पर एक ही परिवार की दो महिलाओं के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल सकती है जहां भाजपा ने रागिनी सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, कांग्रेस ने पूर्णिमा नीरज सिंह को टिकट दिया है. रागिनी भगवा पार्टी के मौजूदा विधायक संजीव सिंह की पत्नी हैं. सिंह अपने चचेरे भाई नीरज सिंह (कांग्रेस नेता) की हत्या के मामले में जेल में हैं. मुख्य चुनाव अधिकारी विनय कुमार चौबे ने रविवार को बताया कि 15 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 47,85,009 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए योग्य हैं. इनमें 22,44,134 महिलाएं और 81 तृतीय लिंग के मतदाता हैं. चौथे चरण में 23 महिला प्रत्याशी सहित कुल 221 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. बोकारो सीट पर सबसे ज्यादा 25 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. चौबे ने बताया कि जमुआ, बगोदर, गिरिडीह, डुमरी और तुंडी सीटों पर मतदान सुबह सात बजे शुरू होगा तथा दोपहर तीन बजे तक चलेगा, जबकि शेष सीटों पर यह शाम पांच बजे तक वोट डाले जा सकेंगे. उन्होंने बताया कि कुल 6101 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. पांचवें एवं अंतिम चरण में 16 सीटों के लिए 20 दिसंबर को मतदान होगा. मतगणना 23 दिसंबर को होगी. 

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रविवार, 15 दिसंबर 2019

सरदार पटेल के 69वें परिनिर्वाण दिवस पर हुआ विचार गोष्ठी का आयोजन


अपना दल एस ने रविवार को  सल्टौआ ब्लाक अन्तर्गत मझौआ में स्थापित भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री भारत रत्न लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करके उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया।

  सरदार पटेल के 69वें परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए प्रदेश सचिव झिनकान चौधरी ने सरदार पटेल को कुशल प्रशासक बताते हुए कहा कि अखण्ड भारत निर्माण में सरदार बल्लभ भाई पटेल का अहम योगदान था। जिस समय अंग्रेज देश छोड़ कर जा रहे थे,उस समय देश में फूट डालने की नियत से 565 देशी रियासतों को छूट दे दी कि वह अपनी मर्जी से भारत या पाकिस्तान में विलय कर लें। इन कठिन परिस्थितियों में पटेल ने अपने दृढ़ संकल्प से सभी रियासतों को भारत में विलय करने को विवश कर दिया। इसी लिए वे अखण्ड भारत वर्ष में निर्माण कर्ता के रूप में आज भी जाने जाते हैं।

  प्रदेश कोषाध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य रामसिंह पटेल ने कहा अखंड भारत का निर्माण करने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के राजनैतिक एवं सामाजिक जीवन की शुरुआत खेड़ा व बारडोली जैसे बड़े किसान आंदोलन से हुई थी। उन्होंने कहा कि बारडोली के किसान आंदोलन ने ब्रिटिश हुकूमत की चूलें हिला दी थीं। किसानों के सवालों पर अंग्रेजों को आंदोलन के बल पर पीछे हटाया गया था। किसान आंदोलन से उपजे इस महापुरुष का जीवन एवं विचार आज के दौर में और भी प्रासंगिक हो गया है। इसलिए अपना दल के कार्यकर्ता सरदार पटेल के विचारों पर चलते हुए अपने राजनैतिक अभियान को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।
    कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष विवेक कुमार चौधरी तथा संचालन बिधानसभा अध्यक्ष  सुरेंद्र कुमार चौधरी ने किया।
    इस अवसर पर महिपाल पटेल 'माही' बृजेश पटेल, जुग्गीलाल वर्मा, राजकुमार पटेल,राकेश पटेल, पवन वर्मा, जीतेन्द्र पटेल, मंगल पटेल,नायब चौधरी,नीतीश पटेल,अखिलेश यादव, आदर्श पटेल, रामस्वरूप वर्मा,राम सजीवन दूबे,अशोक कुमार तिवारी,अनुज कुमार यादव,अनिल कुमार पटेल,अकबाल, जगराम गौड़ आदि मौजूद रहे ।
              

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शनिवार, 14 दिसंबर 2019

दिल्ली मेट्रो करेगा 1493 पदों पर भर्ती ,इस तरहं से ऑनलाइन करें आवेदन

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने विभिन्न केटेगरी में 1400 पदों पर भर्ती की घोषणा की है. इन पदों के लिए उम्मीदवार आज से ही ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. आवेदन की प्रक्रिया 13 जनवरी 2020 तक चलेगी. उम्मीदवारों का चयन कंप्यूटर आधारित टेस्ट, स्किल टेस्ट, मनोवैज्ञानिक टेस्ट और मैडिकल टेस्ट के आधार पर होगा.

विज्ञापित 1493 पदों में से 60 रेगुलर एक्सीक्यूटिव कैटेगरी के पद हैं, 929 एक्सीक्यूटिव कैटेगरी पद हैं, 106 पद कॉन्ट्रैक्ट आधारित एक्सीक्यूटिव पद हैं और 398 पद कॉन्ट्रैक्ट आधारित नॉन-एक्सीक्यूटिव पद हैं. पदों में विभिन्न विभागों में असिस्टेंट मैनेजर, असिस्टेंट, जूनियर इंजीनियर, स्टेनोग्राफर, मेनटेनर और लीगल असिस्टेंट के पद शामिल हैं. सभी पदों के लिए योग्यता अलग-अलग है. उम्मीदवार आधिकारिक विज्ञापन में विभिन्न पदों के लिए योग्यता देख सकते हैं.


बता दें कि जो उम्मीदवार क्वालिफाइंग परीक्षा के रिजल्ट के इंतजार में हैं वे भी इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं. आवेदकों के लिए कम्प्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित की जाएगी जिसमें एक या दो पेपर होंगे.

पेपर 1 में बहुविकल्प प्रश्न पूछे जाएंगे जो कि हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में होंगे. सामान्य जागरुकता, सामान्य बुद्धिमता, रीजनिंग और क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड से जुड़े सवाल पेपर 1 में पूछे जाएंगे. पेपर में कुल 120 सवाल होंगे, जिन्हें उम्मीदवार को डेढ़ घंटे में पूरा करना होगा.

मेंटेनर के अलावा अन्य पदों के आवेदकों को पेपर 2 भी देना होगा. इस पेपर में उम्मीदवार का अंग्रेजी भाषा का ज्ञान देखा जाएगा. पेपर में 60 सवाल होंगे, प्रत्येक प्रश्न के अंक समान होंगे. पेपर 2 के लिए उम्मीदवार को 45 मिनट का समय दिया जाएगा.  

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राहुल गांधी के भाषण में "रेप इन इंडिया "मुद्दा नही था इस वजह से स्मृति ईरानी ने सदन में ध्यान भटकाया

विश्वपति वर्मा-

शीत कालीन सत्र के अंतिम दिन सदन में सांसदों द्वारा जिस तरहं से बेबुनियाद चर्चा किया गया वह देश के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए कलंक है।

राहुल गांधी ने एक भाषण में कहा कि भारत के हर राज्य से आये दिन बलात्कार की खबर आ रही है ,जैसे ही अखबार खोलो तुरन्त रेप की खबर मिलती है कभी झारखंड में तो कभी उत्तर प्रदेश में ,राहुल ने अपने भाषण में कहा कि पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया बनाने की बात की थी लेकिन जगह-जगह हो रहे बलात्कार को रोकने में फेल सरकार के नीति से लगता है देश रेप इन इंडिया बन गया है।

अब क्या विपक्ष के नेताओं को खास कर स्मृति ईरानी को जैसे मुर्गे का टांग मिल गया उस नोच - नोच कर खाये जा रही थीं ,स्मृति ईरानी ने इस मुद्दे को लेकर सदन में जिस तरहं से चिल्लाया है उससे ऐसा लगता है कि भाजपा एक पाक साफ पार्टी है .अकेले भाजपा के ही 22 सांसद ऐसे हैं जिनके ऊपर छेड़खानी और रेप के गंभीर आरोप लगे हैं वंही अलग -अलग राज्यों की बात करें तो बीजेपी के 47 विधायकों पर रेप के आरोप हैं उसके बाद भी स्मृति ईरानी राहुल गांधी के बयान पर गला फाड़कर चिल्ला रही हैं।

 राहुल गांधी के भाषण वाले पूरे वीडियो को सुनने के बाद स्पष्ट होता है कि राहुल के भाषण में ऐसा कुछ नही है जिससे देश को शर्मिंदा होना पड़ा हो दरअसल यह पूरा प्रोपोगंडा देश के पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में हो रही तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है।

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शुक्रवार, 13 दिसंबर 2019

नियमों को दरकिनार कर KRP का हुआ चयन, निष्ठा योजना का हाल

कृपा शंकर चौधरी
  गोरखपुर

 प्राथमिक व जूनियर स्तर के सरकारी स्कूलों में पढ़ाये जाने वाले अंग्रेजी ,गणित, हिंदी, विज्ञान एवं सामाजिक विषयों में स्नातक करने वाले शिक्षकों को केन्द्र सरकार द्वारा निष्ठा योजना के तहत प्रशिक्षक (KRP एवं SRP) के लिए चयनित किया गया है । इस चयन प्रक्रिया पर ही सवाल उठाते हुए क्षेत्र के एक आवेदित शिक्षक ने जिलाधिकारी को पत्र देकर पूरे चयन प्रक्रिया का जांच कराने की मांग की है ।

क्षेत्र के जूनियर हाईस्कूल बनकट के शिक्षक महेन्द्र कुमार पटेल ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा पूरे देश भर के कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक के विद्यालयों के शिक्षा स्तर में गुणात्मक सुधार के लिए एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण पकार्यक्रम (NISHTHA) योजना लागू किया है ।इसे दो भाग में  केआरपी तथा एस आर पी  में बांटकर  चयनित शिक्षकों को  बनारस में प्रशिक्षण दिया जायेगा।ये प्रशिक्षक वाराणसी डायट से प्रशिक्षण प्राप्त करके ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर ब्लॉक के समस्त शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। इस योजना के तहत गोरखपुर जनपद से के आर पी के तहत 40 शिक्षक तथा एस आर पी में 8 शिक्षकों का चयन निर्धारित मानक के विपरित कर लिया गया है ।

   श्री पटेल ने आरोप लगाया कि डायट गोरखपुर व एस सी ई आर टी के जिम्मेदारों ने शासनादेश में दिए गए  निर्धारित मानकों की उपेक्षा कर शिक्षकों का चयन प्रशिक्षण के लिए बिना प्रवेश परीक्षा कराये ही कर लिया है । उन्होंने बताया कि जो मानक के मूल अंश है उसमें आवेदन करने वाले शिक्षक को पांच साल पढ़ाने का अनुभव हो । शिक्षक के कार्यरत स्कूल में कम से कम 100 छात्रों की संख्या हो ,उम्र सीमा 28 से 50 वर्ष , हिंदी, अंग्रेजी,गणित , विज्ञान,तथा सामाजिक विषय  में स्नातक किया हो आदि शर्ते पूरा करने वाले शिक्षक ही आवेदन हो सकते हैं । सबसे बड़ी बात यह है आवेदन करने वालों की परीक्षा डायट और scert द्वारा होनी थी।पास होने वाले शिक्षक ही प्रशिक्षण के लिए चयनित किया जाना था । लेकिन जिम्मेदारों ने शासन के नियमों के विपरित अपने चहेतों का चयन कर लिया।जिनको  10 दिसंबर से बनारस डायट में प्रशिक्षण दिया जाना शुरू भी हो गया है।

 यह सारा खेल अपने चहेतों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए डायट में प्रभावी शिक्षकों एवं अधिकारियों द्वारा किया गया है। विदित हो कि इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षक krp एवं srp पर प्रतिदिन 1000 रुपये व्यय करने हेतु शासन से बजट जारी कर दिया गया है।
 इसी क्रम मे महेंद्र कुमार पटेल ने सवाल उठाया कि शासनादेश में दी गयी चयन प्रक्रिया की अवहेलना करते हुए चयनित अयोग्य शिक्षक बाद में बीआरसी पर अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षित कैसे  कर पायेंगे?

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एडीआर की रिपोर्ट में महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे अधिक मामले भाजपा सांसदों पर

महिलाओं के विरूद्ध अपराध के मामलों का सामना कर रहे सांसदों के संदर्भ में भाजपा में सर्वाधिक 21 ऐसे सांसद है, उसके बाद कांग्रेस 16 ऐसे सांसदों के साथ दूसरे नंबर पर और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सात ऐसे सांसदों के साथ तीसरे नंबर पर है.

एसोसएिशन फोर डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स (एडीआर) ने यह बात कही है.उसने यह भी कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अपराधों से संबंधित मामलों के सिलसिले में लोकसभा में जहां 2009 में दो ऐसे सांसद थे, वहीं 2019 में ऐसे सांसदों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है.एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘तीने ऐसे सांसद और छह ऐसे विधायक हैं जिन्होंने बलात्कार से जुड़े मामले घोषित किए हैं…… पिछले पांच सालों में मान्यता प्राप्त दलों ने 41 उम्मीदवारों को टिकट दिया था जिन्होंने बलात्कार से संबंधित मामले घोषित किए थे.’पिछले पांच सालों में भाजपा ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों से जूझ रहे 66 उम्मीदवारों को लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया. कांग्रेस ने 46 ऐसे उम्मीदवार और बहुजन समाज पार्टी ने 40 ऐसे उम्मीदवार उतारे.


एडीआर और नेशनल इलेक्शन वाच ने कहा कि उसने वर्तमान 759 सांसदों और 4063 विधायकों के 4,896 चुनावी हलफनामों में से 4822 का विश्लेषण किया.रिपोर्ट कहती है कि इस अवधि के दौरान महिलाओं के विरूद्ध अपराध के मामले वाले लोकसभा चुनाव उम्मीदवारों की संख्या 38 से बढ़कर 126 हो गयी यानी ऐसे उम्मीदवार 231 फीसद बढ़ गये.पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक ऐसे 16 सांसद/विधायक है जिन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले होने की घोषणा की. उसके बाद ओडिशा और महाराष्ट्र आते हैं जहां ऐसे 12-12 सांसद/विधायक हैं.रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पिछले पांच सालों में कुल 572 ऐसे उम्मीदवारों ने लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन उनमें से भी अदालत में दोषी नहीं ठहराया गया है.’

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गुरुवार, 12 दिसंबर 2019

आधुनिक सभ्य समाज में पुरुष वर्ग की महिलाओं के प्रति मानसिकता क्रूरता-राम सिंह पटेल


       अपना दल की बैठक बृहस्पतिवार को बभनान कस्बे में स्थित पार्टी कार्यालय पर जिला उपाध्यक्ष राम कुमार पटेल की अध्यक्षता में आयोजित हुई, बैठक में उन्नाव घटना की निंदा करते हुए मृतका की आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की गयी।

    बैठक को संबोधित करते हुए जिला पंचायत सदस्य राम सिंह पटेल ने कहा कि उन्नाव में जिस प्रकार दरिंदों द्वारा नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार करके जलाकर मार देने की घटना सामने आई है इससे साबित होता है कि आधुनिक सभ्य समाज में पुरुष वर्ग की महिलाओं के प्रति मानसिकता मध्यकालीन क्रूर, बरबर व गुलामीपूर्ण ही है, इस वीभत्स घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है, ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कठोर कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, आरोपियों को एक निश्चित समय अवधि के भीतर मृत्युदंड प्रावधान किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

    जिला महासचिव राजमणि पटेल नें कहा कि प्रदेश में महिलाओं के ऊपर हो रहे जघन्य अपराध को देखते हुए पूर्ववर्ती निकम्मी सरकारों के सापेक्ष इस सरकार को भी अलग नहीं किया जा सकता है, वर्तमान सरकार की कारगुजारी पूर्ववर्ती सरकारों जैसी ही साबित हो रही है, अपना दल सामाजिक न्याय, शोषितों के हक-अधिकार के लिए हमेशा संघर्ष करता रहा है, यदि आरोपियों पर शीघ्र  कठोर कार्यवाही नहीं की गई तो अपना दल पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए अपने संघर्षमय इतिहास के अनरूप मैदान उतरेगा।

       बैठक का संचालन अरविंद कुमार सोनकर ने किया।
     इस अवसर पर राम जीत पटेल,जगराम गोंड,इन्द्रजीत प्रजापति, राज कुमार चौधरी,पिंटू चौधरी,विनोद यादव,डा इसहाक अली,अवधेश कुमार यादव, देव चौधरी,मस्त राम पटेल,राकेश पटेल, प्रकाश पटेल,पवन कुमार वर्मा,मंशाराम पटेल,भानू प्रताप वर्मा, सुभाष चन्द्र चौधरी,श्याम सुंदर यादव आदि मौजूद रहे ।

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हैदराबाद एनकाउंटर केस में SC ने पूर्व जज वीएस सिरपुरकर के नेतृत्व में किया जांच आयोग का गठन

सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद एनकाउंटर मामले में पूर्व जज वीएस सिरपुरकर के नेतृत्व में जांच आयोग का गठन किया है. तीन सदस्यों वाले इस आयोग को छह महीने में रिपोर्ट सौंपनी है. इसके साथ ही हाईकोर्ट और NHRC की जांच पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि पुलिस दोषी है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आपका इस घटना से क्या संबंध है. आपने सुप्रीम कोर्ट में याचिका क्यों दाखिल की? क्या आप हैदराबाद से हैं? इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि मैं तमिलनाडु से हूं.


सुनवाई के दौरान सीजेआई एसए बोबडे ने तेलंगाना सरकार की ओर से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी से पूछा कि किसी को भी तथ्यों का नहीं पता? इस पर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमें पता है. चारों को टोल प्लाजा के सीसीटीवी से पहचाना गया. चारों को गिरफ्तार किया गया. थाने के बाहर लोगों की भीड जुटी. चारों को मोबाइल व अन्य सामान बरामद करने के लिए मौके पर ले जाना था, लेकिन लोगों की भीड़ जुटने की वजह से रात में ले जाना पड़ा.

वकील मुकुल रोहतगी ने आगे बताया कि दो रिवाल्वर उन्होंने छीन ली और लोहे की रॉड, डंडे और पत्थरों से हमला कर दिया. फिर CJI ने सवाल किया कि क्या उन्होंने पिस्तौल छीनी? क्या मेडिकल रिकार्ड है? फिर वकील ने कहा, जवाब में पुलिस को गोली चलानी पड़ी. CJI का अगला सवाल था कि किस रैंक के अफसर मौके पर थे? जिस पर मुकुल ने कहा कि एसीपी, SI समेत दस पुलिस वाले थे.

सीजेआई ने पूछा कि उन्होंने पिस्तौल से पुलिस पर फायर किया? क्या पुलिस वाले को गोली लगी? इस पर वकील ने कहा कि नहीं दो पुलिस वाले पत्थर डंडे से जख्मी हुए.  सीजेआई ने आगे पूछा कि क्या पिस्तौल की गोली बरामद हुए? इस पर वकील ने जवाब हां में दिया. उन्होंने कहा कि एक दूधवाले ने अपराध देखा था, उसने लड़की को जलते हुए देखा. पुलिस को सूचना दी. कोई भी कह सकता है कि ये फर्जी मुठभेड़ है.

CJI ने कहा कि हम मुठभेड़ की जांच कराने की राय रखते हैं. इस मामले में कुछ तथ्यों की जांच जरूरी है. फिर वकील मुकुल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक जांच हो रही है. पुलिस कमिश्नर जो IPS अफसर हैं व अन्य अफसरों की SIT जांच कर रही है.( एनडीटीवी)

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बुधवार, 11 दिसंबर 2019

बस्ती- स्वच्छता और शिक्षा के क्षेत्र में मिशाल पेश करता प्राथमिक विद्यालय गौहनिया

विश्वपति वर्मा-

देश की सरकारों द्वारा जनहित से जुड़ी कई  महत्वाकांक्षी योजनाओं को संचालित किया जाता है लेकिन बहुत कम ही जगहों पर उसकी योजनाओं का क्रियान्वयन पूर्ण रूप से हो पाता है ,उसी में से एक बस्ती जनपद मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर स्थित एक प्राथमिक विद्यालय शिक्षा और स्वच्छता के मामले में अपनी ईमानदारी का मिशाल पेश कर रहा है।

सल्टौआ ब्लॉक के गौहनिया ग्राम पंचायत में स्थिति प्राथमिक विद्यालय में 140 बच्चे नामांकित हैं .स्कूल में वेद प्रकाश चौधरी प्रियंका वर्मा और सत्य प्रकाश अध्यापक हैं तो वंही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी बच्चों का देखभाल करती हैं।

 स्कूल का सौंदर्य भी इस बात की तरफ आकर्षित करता है कि विद्यालय को सजाने और संवारने मे भी बेहतर प्रयास किया गया गया है। स्कूल के चारों तरफ बने बाउंड्रीवाल पर कराई गई वलपेंटिंग भी अपने आप मे आकर्षक है ।



फूलों की खुशबू और  स्वच्छ  वातावरण ने जंहा बच्चों  को स्कूल में एक पढ़ने वाला माहौल दिया है वंही ड्रेस ,जूता ,टाई और आईकार्ड में बच्चे भी हौसले के साथ पढ़ाई करते हुए दिखाई दे रहे हैं कक्षा 2 की छात्रा प्रतिज्ञा आंशिक और पायल की एक तस्वीर कैद है




तहकीकात समाचार टीम ने स्कूल के प्रधानाध्यापक वेद प्रकाश चौधरी से बात किया तो उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा स्कूल को सजाने और संवारने में जंहा बेहतरीन प्रयास किया गया है तो वंही अध्यापकों ने भी अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए पठन -पाठन व्यवस्था को दुरुस्त किया है ।स्कूल में प्रियंका वर्मा सहायक अध्यापिका हैं तो सत्य प्रकाश शिक्षा मित्र के पद पर अध्यापन कार्य को पूरा कर रहे हैं।




हमारी टीम ने ग्राम प्रधान राजेश कुमार पाण्डेय से बात किया तो उन्होंने बताया कि हमारी प्राथमिकता शिक्षा के क्षेत्र को बेहतर बनाना है  इसलिए हमने स्कूल पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने बताया कि स्कूल के सुन्दरीकरण के साथ शौचालय बनवाने में भी विशेष ध्यान दिया गया है जंहा पानी की व्यवस्था और साफ- सफाई का प्रबंध हुआ है।

संसाधनों की जरूरत  

ग्राम प्रधान राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि स्कूल में कम्प्यूटर शिक्षा  और डिजिटल क्लास  के साथ ,अंग्रेजी और हिंदी को सही तरीके से समझने के लिए साफ्टवेयर  पर आधारित शिक्षा उपलब्ध कराने की हमारी मंशा है लेकिन आर्थिक समस्या की वजह से इस कार्य को करने में समस्या उतपन्न हो रही है ।उन्होंने कहा कि यदि शासन-प्रशासन का सहयोग मिलता है तो आने वाले वर्षों में प्राथमिक विद्यालय जनपद ही नही प्रदेश के टॉप 10 विद्यालय के श्रेणी में गिना जाएगा।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्कूल को साफ सुथरा रखने में कोई कोर कसर नही छोड़ा गया है ,अगर अन्य प्रकार के शैक्षणिक मद ग्राम पंचायत को मिलते हैं तो उस योजना का क्रियान्वयन ईमानदारी से किया जाएगा।

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मंगलवार, 10 दिसंबर 2019

बस्ती- प्रधान प्रतिनिधि ने दिव्यांगों से भी ले लिया घूस ,एसडीएम से हुई शिकायत


बस्ती। गौर विकास खंड के ग्राम चनईपुर ग्राम सभा के लोगो ने उपजिलाधिकारी/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा हर्रैया को शिकायती पत्र देकर गाँव में हुई धांधली की जांच कराने की मांग की है।

पीड़ित ग्रामीण संतकुमार ने मीडिया से कहा कि हम से आवास के नाम पर 20हजार रुपया माँगा गया था जिसमे हमने प्रधान प्रतिनिधि अखलेश पाण्डेय को 15 हजार रुपया दे दिया 05 हजार ना देने पर हमको अब तक शौचालय नही मिला।

वही प्रमोद चौहान ने कहा कि हमारी माता जो दिव्यांग है उनसे भी आवास के नाम पर 20 हजार रूपये की मांग की गयी थी 10 हजार रुपया ले लिया गया,वही कन्हैया कुमार ने कहा कि आवास के लिए प्रधान प्रतिनिधि 20 हजार रुपया मांगते है कहते है रुपया दो तब आवास मिलेगा।

वही गाँव के प्रमोद पाण्डेय,राजू पाण्डेय ने कहा कि गाँव में विकास के नाम पर बड़े पैमाने पर लूट की गयी और एक सड़क के नाम पर अनेको बार भुगतान कर लिया गया है।

ग्रमीणों ने बताया कि  गाँव में कूप मरम्मत,सोलर लाइट,हैण्ड पम्प मरम्मत,शौचालय,मिनी सचिवालय,पंचायत भवन,गड्ढा सुंदरी करण के नाम पर लाखो रूपये की धांधली कर ली गयी है।

पीड़ित ग्रामीणों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से जांच कर धांधली करने वालो के खिलाफ मुकदमा लिखकर सख्त कार्यवाही की मांग की है।

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सभी शक्तियां प्रधानमंत्री कार्यालय के पास होना अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नही -रघुराम राजन

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय ‘सुस्ती’ के चंगुल में फंसी है और इसमें बेचैनी और अस्वस्थता के गहरे संकेत दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस समय भारतीय अर्थव्यवस्था में सभी शक्तियां प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन केंद्रित हैं और सभी मंत्री अधिकारविहीन हैं.

इंडिया टुडे’ पत्रिका में प्रकाशित एक लेख में राजन ने भारत की कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था को सुस्ती से बाहर निकालने के लिए  सुझाव दिए हैं. उन्होंने लगातार सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए पूंजी क्षेत्र, भूमि और श्रम बाजारों में सुधारों को आगे बढ़ाने की अपील की है. इसके साथ ही उन्होंने निवेश और वृद्धि को बढ़ाने पर भी जोर दिया है.उन्होंने कहा कि भारत को विवेकपूर्ण तरीके से मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) में शामिल होना चाहिए ताकि प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जा सके और घरेलू दक्षता को सुधारा जा सके.राजन ने इसमें लिखा है, ‘यह समझने के लिए कि गलती कहां हुई है, हमें सबसे पहले मौजूदा सरकार के केंद्रीकृत स्वरूप से शुरुआत करने की आवश्यकता है. निर्णय प्रक्रिया ही नहीं, बल्कि इस सरकार में नए विचार और योजनाएं जो भी सामने आ रही हैं वह सब प्रधानमंत्री के ईद-गिर्द रहने वाले लोगों और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जुड़े़ लोगों तक ही सीमित हैं.

’राजन ने लिखा है, ‘यह स्थिति पार्टी के राजनीतिक एजेंडे और सामाजिक एजेंडा के हिसाब से तो ठीक काम कर सकती है. क्योंकि इस स्तर पर सभी चीजें स्पष्ट तरीके से तय हैं और इन क्षेत्रों में इन लोगों के पास विशेषज्ञता भी है. लेकिन आर्थिक सुधारों के मामले में यह इतने बेहतर तरीके से काम नहीं कर सकती है. क्योंकि इस मामले में शीर्ष स्तर पर कोई सुसंगत स्पष्ट एजेंडा पहले से तय नहीं है, इसके साथ ही राज्य स्तर के मुकाबले राष्ट्रीय स्तर पर अर्थव्यवस्था किस तरह से काम करती है इसके बारे में भी जानकारी का अभाव है.’उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें बेशक ‘अव्यवस्थित’ गठबंधन थीं, लेकिन उन्होंने आर्थिक उदारीकरण के क्षेत्र में लगातार काम किया.राजन ने कहा, ‘सत्ता का अत्यधिक केन्द्रीकरण, मजबूत और सशक्त मंत्रियों का अभाव और एक सरल एवं स्पष्ट दिशा वाली दृष्टि की कमी से यह सुनिश्चित हुआ है कि कोई भी सुधार तब ही रफ्तार पकड़ता है जबकि पीएमओ उस पर ध्यान देता है, लेकिन जब पीएमओ का ध्यान दूसरे अहम मुद्दों की तरफ रहता है तो ये मुद्दे पीछे रह जाते हैं.’उन्होंने लिखा है कि मोदी सरकार न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के नारे के साथ सत्ता में आई थी. इस नारे का गलत मतलब लिया जाता है. इसका मतलब यह है कि सरकार चीजों को अधिक दक्षता से करेगी न कि लोगों और निजी क्षेत्र को अधिक करने की आजादी होगी.

 सरकार आटोमेशन की दिशा में बेहतर अभियान चला रही है. लाभार्थियों को सीधे उनके खाते में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. कई क्षेत्रों में सरकार की भूमिका बढ़ी है, सिकुड़ी नहीं है.’राजन ने कहा कि आर्थिक सुस्ती को दूर करने की शुरुआत के लिए यह जरूरी है कि मोदी सरकार सबसे पहले समस्या को स्वीकार करे. उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक मंदी के घेरे में है.‘शुरुआती बिंदु यह है कि समस्या कितनी बड़ी है उसे समझा जाए, प्रत्येक आंतरिक या बाहरी आलोचक को राजनीतिक मंशा से प्रेरित नहीं बताया जाना चाहिए. यह मानना कि समस्या अस्थायी है और बुरी खबरों को दबाने और सुविधाजनक सर्वे के जरिए इसका हल किया जा सकेगा, यह सब बंद करना होगा.’भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में घटकर 4.5 प्रतिशत रह गई है जो इसका छह साल का निचला स्तर है. मुद्रास्फीति बढ़ने से मुद्रास्फीतिजनित मंदी की आशंका पैदा हो गई है. यह ऐसी स्थिति होती है जबकि मुद्रास्फीति बढ़ने के कारण मांग में कमी आने लगती है.राजन ने लिखा है कि निर्माण, रीयल एस्टेट और बुनियादी ढांचा क्षेत्र ‘गहरे संकट’ में हैं. इसी तरह गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) भी दबाव में हैं. एनबीएफसी में संकट खड़ा होने और बैंकों में फंसा कर्ज बढ़ने की वजह से अर्थव्यवस्था में ऋण संकट पैदा हुआ है.राजन ने कहा है कि गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की संपत्तियों की गुणवत्ता की समीक्षा की जानी चाहिए. कॉरपोरेट और परिवारों को दिया गया कर्ज बढ़ रहा हैं. वित्तीय क्षेत्र के कई हिस्से गंभीर दबाव में हैं. बेरोजगारी के मामले में उन्होंने कहा कि युवाओं के बीच यह बढ़ रही है. इससे युवाओं के बीच असंतोष भी बढ़ रहा है. ‘घरेलू उद्योग जगत नया निवेश नहीं कर रहा है और यह स्थिति इस बात का पुख्ता संकेत देती है कहीं कुछ बहुत गलत हो रहा है.’राजन ने भूमि अधिग्रहण, श्रम कानूनों, स्थिर कर और नियामकीय प्रशासन, कर्ज में फंसे डेवलपर्स का दिवाला प्रक्रिया के तहत तेजी से समाधान, दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बनाये रखना और किसानों को जरूरी सामान और वित्त सुविधायें उपलब्ध कराना जरूरी है.राजन ने यह भी कहा कि सरकार को मध्यम वर्ग के लिए व्यक्तिगत आयकर की दरों में कटौती से फिलहाल परहेज करना चाहिए और अपने अहम वित्तीय संसाधनों का उपयोग ग्रामीण गरीबों को मनरेगा जैसी योजनाओं के जरिए समर्थन देने के लिए करना चाहिए.

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