सोमवार, 30 सितंबर 2019

प्रमोद यादव के नेतृत्व में रामनगर ब्लॉक पर सरकार के खिलाफ सपा का धरना कल

स्थानीय एवं प्रादेशिक समस्याओं एवं हाल ही में सरकार द्वारा लिए गए कठोर निर्णय के खिलाफ समाजवादी लोहिया वाहिनी के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रमोद यादव के नेतृत्व में रुधौली विधानसभा के रामनगर ब्लॉक पर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है।

प्रमोद यादव ने तहकीकात समाचार को बताया कि जब प्रदेश भर के किसानों की समस्या पर समाधान करने की जरूरत थी तब प्रदेश सरकार द्वारा सितम्बर महीने में सूबे में बिजली दरों में भारी वृद्धि कर दी गई । उन्होंने कहा बिजली के बढ़ोतरी को लेकर बस्ती जनपद के तमाम किसानों ने सरकार से पुनः बिजली की बढ़ी हुई दरों में बदलाव करने की मांग की लेकिन सरकार द्वारा जायज मांगों को अनसुनी कर दिया गया। सरकार के इस निरंकुशता के कारण बाध्य होकर किसान ,मजदूर के साथ शोषित,वंचित वर्ग के पीड़ित जन समाजवादी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं के साथ ब्लाक मुख्यालय पर धरना देकर आम जनमानस के समस्ययाओं पर समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन के माध्यम से शासन को मांग पत्र सौंपा जाएगा।

 मंहगाई , विद्युत दरों में बेतहाशा वृद्धि, किसानों की समस्यायें  , कर्ज के बोझ से दबे किसानों द्वारा आत्महत्यायें ,बेरोजगारी , कानून व्यवस्था, अपराधों में भारी वृद्धि सहित 11 बिंदुओ की समस्या पर समाधान के लिए धरना प्रदर्शन के माध्यम से आवाज बुलंद करने के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष ने भारी संख्या में लोगों से धरना स्थल पर पंहुचने की अपील की।

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बारिश के कारण घर गिरने, पेड़ गिरने व सांप के काटने के चलते सूबे में 93 लोगों की मौत


उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हो रही लगातार बारिश ने आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. बारिश की वजह से अभी तक राज्य में कुल 93 लोगों की मौत हो गई है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और बनारस समेत आसपास के जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने को कहा है. उधर, यूपी सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार बारिश के कारण घर गिरने, पेड़ गिरने व सांप के काटने के चलते लोगों की मौत हुई. कच्चे मकानों के गिरने के अलावा दीवार गिरने के कारण भी लोगों की मौत हुई है. जारी बयान में कहा गया है कि वर्षाजनित इन हादसों में पांच लोग घायल भी हुए हैं.

बता दें राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'बाढ़ वाले इलाकों से पानी को बाहर निकालने के लिए तत्काल व्यापक इंतजाम किए जाने चाहिए. साथ ही बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री मुहैया कराई जानी चाहिए.' इसके साथ ही कहा गया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य सामग्री की आपूर्ति को सुनिश्चित करते हुए राहत कार्यों में तेजी लाई जानी चाहिए.

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रविवार, 29 सितंबर 2019

इंकलाब-जिन्दाबाद, साम्राज्यवाद-मुर्दाबाद, का नारा लगा कर भगत सिंह को किया गया याद

अपना दल ने रविवार को हलुआ बाजार स्थित एच. एल. वी.इण्टर कालेज में महान क्रांतिकारी सरदार भगत सिंह जी जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया।अपना दल के कार्यकर्ताओं ने सर्वप्रथम भगत सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर इंकलाब-जिन्दाबाद, साम्राज्यवाद-मुर्दाबाद, शहीद तेरे अरमानों को-मंजिल तक पंहुचायेंगे आदि क्रांतिकारी नारे लगाये।

 गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अपना दल के प्रदेश सचिव एवं जिला पंचायत सदस्य गोंडा अभिमन्यु पटेल ने कहा कि भगत सिंह महान क्रांतिकारी के साथ ही महान विचारक भी थे ,भगत सिंह राजनीतिक आजादी के साथ ही सामाजिक एवं आर्थिक आजादी का भी सपना देखे थे ,साम्राज्यवादी व्यवस्था को समूल नष्ट कर मानववादी व्यवस्था स्थापित करना उनका ध्येय था। पर अफसोस है कि आजादी के 72 वर्ष बीत जाने के बाद भी उनका सपना अधूरा है।

  प्रदेश कोषाध्यक्ष व सदस्य जिला पंचायत राम सिंह पटेल ने कहा की भगत सिंह खूनी क्रांति के बजाय वैचारिक क्रांति के पक्षधार थे। शासन तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए उन्होंने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार असेंबली में ऐसे स्थान पर बम फेंका जहां कोई मौजूद नहीं था, अन्यथा किसी को चोट पहुंच सकती थी, वह चाहते तो बम फेंकने के बाद भाग सकते थे परंतु अपनी आवाज को शासन व जनता तक पहुंचाने के लिए इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाते हुए अपने साथ लाए पर्चो को हवा  में उछाल कर अपने साथियों के साथ गिरफ्तारी दे दी। इस कार्यक्रम का संचालन बिनोद कुमार यादव ने किया।
   
इस अवसर पर प्रकाश पटेल,राज कुमार वर्मा,बाल मुकुन्द यादव,सुभाष चंद्र चौधरी,दिलीप चौधरी,अशोक कुमार वर्मा,अवधेश कुमार यादव,मनीराम वर्मा,सुरेन्द्र चौधरी,भानू प्रताप पटेल,आत्मा प्रसाद, विनय कुमार प्रजापति,राजेंद्र वर्मा, राजू गुप्ता,अतुल पटेल ,श्याम सुंदर यादव ,राम नाथ पाल,अनुज कुमार चौरसिया, गप्पू चौरसिया,ब्रम्हाचारी मिश्र,रवीन्द्र पटेल, राम सरन वर्मा,पवन कुमार वर्मा,उदयभान,गंगा राम वर्मा,केशव प्रसाद,शिव कुमार,अकबाल, साधू चौधरी, जगराम गौड़,राहुल पटेल,राम अनुज,मंसाराम वर्मा आदि मौजूद रहे ।
              

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उपचुनाव के लिए भाजपा ने यूपी के 10 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की ,कुल 32 सीटों पर जारी हुआ लिस्ट

भारतीय जनता पार्टी ने  17 राज्यों की 64 विधानसभा सीटों और एक केंद्र शासित प्रदेश में 21 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है. इसमें कुल 32 सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा की गई है. आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने कर्नाटक में 15 सीटों, उत्तर प्रदेश में 11 सीटों, केरल और बिहार में पांच-पांच सीटों, गुजरात, असम और पंजाब में चार-चार सीटों, सिक्किम में तीन सीटों, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और राजस्थान में दो-दो सीटों और अरुणाचल प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, मेघालय, ओडिशा और पुडुचेरी में एक-एक सीट के लिए विधानसभा उपचुनाव की घोषणा की है. नतीजे 24 अक्टूबर को आएंगे.

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शनिवार, 28 सितंबर 2019

जम्मू कश्मीर में आतंकियों ने बस अगवा करने की किया कोशिश, सेना के साथ मुठभेड़ जारी

जम्मू-कश्मीर में शनिवार के सुबह अलग-अलग जगह तीन हमले की सूचना मिली है. दो जगहों पर आतंकियों और सुरक्षा बल के बीच मुठभेड जारी है. जबकि एक जगह आतंकियों ने सुरक्षाकर्मियों पर ग्रेनेड से हमला किया है. घटना रामबन जिले के बटोटे की है. सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी जम्मू-कश्मीर के बटोटे में जारी मुठभेड़ में आतंकी पास के ही एक घर में घुसे हुए हैं. और वहीं से लगातार फायरिंग कर रहे हैं. सेना के अनुसार आतंकी श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर एक बस को रोकना चाह रहे थे. इसी दौरान सेना के जवानों ने उन्हें चारों तरफ से घेर कर उनपर फायरिंग शुरू कर दी. सेना और आतंकियों के बीच यह मुठभेड़ अभी भी जारी है. इस मुठभेड़ में अभी तक एक आतंकी के मारे जाने की सूचना है.

            प्रतीकात्मक तस्वीर

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शुक्रवार, 27 सितंबर 2019

गरीब परिवार से निकलकर देश की अर्थव्यवस्था संभालते हुए 2 बार पीएम रहे मनमोहन सिंह नही चाहते थे कोई उनकी गरीबी पर तरस खाये

विश्वपति वर्मा-

यूपीए सरकार में 2 बार प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह के बारे में आपने बहुत कुछ पढ़ा होगा लेकिन शायद आपको नही पता होगा कि वह एक गरीब परिवार के सदस्य थे जंहा पर उजाले की कोई अत्याधुनिक व्यवस्था न होने के कारण ढिबरी के सामने पढ़ते-पढ़ते उनकी आंखें कमजोर हो चुकी थी। इसके बावजूद भी उन्होंने पीएम रहते हुए  कभी भी अपनी गरीबी का रोना नहीं रोया।

 पीएम नरेंद्र मोदी की चाय विक्रेता की छवि के बारे में चर्चा होने पर डॉ मनमोहन सिंह ने एक बार कहा भी था कि वह नहीं चाहते कि लोग उनकी गरीबी की पृष्ठभूमि पर तरस खाएं. वह इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोई प्रतियोगिता नहीं करना चाहते.

 एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनसे पूछा गया था कि वह अपनी गरीबी की पृष्ठभूमि के बारे में बात क्यों नहीं करते हैं, जिस तरह मोदी हमेशा बचपन में अपने परिवार की मदद के लिए गुजरात के रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने की बात करते हैं. तो उन्होंने कहा, "मैं नहीं चाहता कि मेरी पृष्ठभूमि के बारे में जानकर देश मुझ पर तरस खाए. मैं नहीं समझता कि इस मामले में प्रधानमंत्री मोदीजी के साथ मैं किसी प्रतिस्पर्धा में हूं."

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितम्बर, 1932 को हुआ था. वह 2004 से 2014 के बीच देश के प्रधानमंत्री पद पर रहे. सुलझे हुए अर्थशास्त्री डॉ.सिंह को तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव के कार्यकाल में वित्त मंत्री के रूप में किये गये आर्थिक सुधारों का श्रेय भी जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री एक गरीब परिवार में पैदा हुए थे. अपने जीवन के शुरुआती 12 सालों तक वह गांव में ही रहे, जिस गांव में न बिजली थी, न स्कूल था, न अस्पताल था और न ही पाइपलाइन से आपूर्ति किया जानेवाला पानी ही था.

मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार के रूप में 2004 से 2008 तक काम कर चुके संजय बारू के मुताबिक, मनमोहन सिंह स्कूल जाने के लिए रोज मीलों चलते थे और रात में केरोसिन तेल की ढिबरी की मंद रोशनी में पढ़ाई किया करते थे. एक बार जब उनसे उनकी कमजोर नजर को लेकर पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि वह मंद रोशनी में घंटों किताबें पढ़ा करते थे.

उनका परिवार 1947 में विभाजन के दौरान भारत के अमृतसर आ गया. उन्होंने बहुत कम उम्र में ही अपनी मां को खो दिया और उनकी दादी ने उन्हें पाला-पोसा. उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से 1954 में अर्थशास्त्र में एमए की डिग्री हासिल की. अपने अकादमिक करियर में उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र ट्राइपोज पूरा किया, जहां वह 1957 में सेंट जॉन्स कॉलेज के सदस्य थे.

उसके बाद ऑक्सफोर्ड से अर्थशास्त्र में डाक्टरेट की डिग्री हासिल करने के बाद मनमोहन सिंह ने साल 1966-69 तक संयुक्त राष्ट्र में काम किया. 1969 से 1971 तक वह दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के शिक्षक थे. 1970 और 80 के दशक में उन्होंने सरकार में कई पदों पर अपनी सेवाएं दीं, जैसे मुख्य आर्थिक सलाहकार (1972-76), भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर (1982-85) और योजना आयोग के प्रमुख (1985-87). साल 1991 के जून में प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव ने उन्हें वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी और वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को उदार बनाने के लिए कई संरचनात्मक सुधार किए उसके बाद डॉo मनमोहन सिंह 2004 से लेकर 2014 तक यूपीए सरकार में दो बार प्रधानमंत्री रहे।

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गुरुवार, 26 सितंबर 2019

दक्षिणपंथी विचारधारा के दो नेता लोकलुभावन वादों के साथ सत्ता में आने के लिए करते हैं नए-नए प्रयोग

विश्वपति वर्मा-

देश भक्ति के रासलीला में डूबे दक्षिणपंथी विचारधारा के दो नेता भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने-अपने देश की जनता को गुमराह करने में माहिर हैं। ये दोनों नेता अपना-अपना कनेक्शन सीधा भगवान से जोड़ते हैं लेकिन सत्ता हथियाने के लिए पुनः धरती के भगवान वोटरों के जेहन को हाईजैक करने के लिए तरहं-तरहं के प्रयोग करते हैं जिसमे 2014 के बाद एक नेता को 2019 में लाभ भी हुआ।

दरअसल भारत की एक बड़ी आबादी के पास सोचने और समझने के लिए प्रयाप्त मात्रा में ज्ञान नही है जिसका नतीजा है कि समय-समय पर राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने-अपने प्रयोगों में इनका उपयोग जमकर हुआ है ।

गरीबी ,बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों का हवाला देकर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से पहली बार प्रधानमंत्री के चेहरे के रूप में आये नरेंद्र मोदी ने वोटरों को खूब लुभाया जिसका परिणाम रहा कि पार्टी को पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटने का मौका मिला ।

दूसरी बार 2019 चुनाव के पहले जंहा पीएम मोदी की आलोचना जमकर  हो रही थी वंही भाजपा का विरोध भी कम नही था जगह-जगह चौराहे-चौराहे पर 10-5 विरोधी सरकार की आलोचना खुल कर करने के लिए अपनी उपस्थिति दर्ज करा देते थे लेकिन भारतीय जनता पार्टी और देश मे काम कर रही इसकी शाखाओं के आकाओं ने जनता के नब्ज को टटोल लिया जंहा पर उन्हें दिखाई दे रहा था कि भारत जैसे देश मे पुनः सत्ता हथियाना तो बहुत आसान है ।

और इसके फायदे के लिए पार्टी आलाकमान ने वही किया जैसे काला जादू दिखाने वाला जादूगर दर्शकों से बोलता है "आंख और मुट्ठी एक साथ बन्द कर लो जैसे आंख खोलकर मुट्ठी खोलोगे चमत्कार होगा" बस यही बात जनता को समझाना था और यह सब समझाने के लिए नरेंद्र मोदी अकेले काफी थे और उन्होंने एक बार फिर राष्ट्रवाद और धर्म के नाम पर अगला चमत्कार दिखाने के लिए जनता की आंखों पर अपनी चतुराई से पट्टी बांध दिया और उसका फायदा 2019 के चुनाव में भाजपा को हुआ ।

अब बातों के जादूगर माने जाने वाले नरेंद्र मोदी के फैन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी हो गए और अपने साथ भी उसी तरहं के चमत्कार के आस में ट्रम्प ने ह्यूस्टन में हाउडी मोदी कार्यक्रम के तहत हुक्म का इक्का फेंककर जीत का सेहरा बांधने के लिए कुटिल मुस्कान के साथ जनता का अभिवादन स्वीकार करते नजर आए ।

लेकिन डोनाल्ड ट्रंप का पत्ता 2020 के चुनाव में फेल हो सकता है क्योंकि वँहा की जनता भारतीय जनता की तरहं अप्रत्यक्ष लाभ और धर्म के साथ राष्ट्रवाद की बात कर लेने भर से ही किसी के साथ खड़ा होने के लिए मजबूर नही है इस बात का संकेत खुद अमेरिकी मीडिया ने भी दिया है ।

अमेरिका के अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है " इस रैली ने समान विचारधारा वाले नेताओं को एक मंच पर ला दिया दोनों दक्षिणपंथी विचारधारा के नेताओं ने लोकलुभावन वादों के साथ सत्ता में आए थे। दोनों ने अपने-अपने देश को महान बनाने और धार्मिक, आर्थिक और सामाजिक सुधारों की बात की लेकिन भारतीय-अमेरिकी वोटरों से मोदी की अपील "अबकी बार ट्रम्प सरकार" के बाद भी ट्रम्प के लिए वोट हासिल करना आसान नहीं होगा "

इसी तरहं कई अखबार ने जंहा मोदी और ट्रम्प की जमकर आलोचना की वंही ट्रम्प ने भी पीएम मोदी के भाषण को क्रूर और आक्रामक बताया लेकिन अपनी नाक कटाकर बैठी भारतीय मीडिया ने यह नही दिखाया कि ह्यूस्टन में मोदी के कार्यक्रम खत्म होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने किस तरहं से मोदी को नीचा दिखाया है बेशर्म भारतीय मीडिया तो जनता को यह दिखा रही है कि मोदी की तुलना राष्ट्रपिता और रॉकस्टार एल्विस प्रेस्ली से हो रही है जो पीएम मोदी के अंदर है ही नही।

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बुधवार, 25 सितंबर 2019

अपना दल के बैठक में किसानों की समस्याओं पर हुई चर्चा


अपना दल की बैठक बुधवार को हलुआ बाजार स्थित पार्टी कार्यालय पर किया गया बैठक को संबोधित करते हुए  प्रदेश कोषाध्यक्ष  व जिला पंचायत सदस्य  राम सिंह पटेल ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ  किसानों तक न पहुंच पाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अपना दल किसान हितो को लेकर निरन्तर संघर्ष कर रहा है यदि प्रशासन शीघ्र ही किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं करता है तो संगठन आन्दोलन के रास्ते पर चलने को बाध्य होगा।

 जिला उपाध्यक्ष राम कुमार पटेल की अध्यक्षता में आयोजित  बैठक में किसानों की समस्याओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई,तथा आगामी 29 सितंबर 2019 को शहीदे आजम भगत सिंह की जयंती हलुआ बाजार में धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया गया।  बैठक की अध्यक्षता कर रहे जिला उपाध्यक्ष रामकुमार पटेल ने बताया कि शहीदे आजम भगतसिंह की जयंती में अपना दल के प्रदेश सचिव मा.अभिमन्यु पटेल होंगे।


  इस अवसर पर प्रमोद कुमार पाल ,राजमणि पटेल,मस्त राम पटेल,जगराम गोंड,राकेश पटेल,अरबिंद कुमार सोनकर, प्रकाश पटेल ,पवन कुमार वर्मा,मंशाराम पटेल,भानू प्रताप वर्मा, सुभाष चन्द्र चौधरी,श्याम सुंदर यादव, इंद्रजीत प्रजापति आदि मौजूद रहे ।

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इस तरहं से अपने गांव के प्रधान को हटाने के लिए ला सकते हैं प्रस्ताव ,और जानें क्या होता है ग्राम पंचायत का कार्य

देश की करीब 70 फीसदी आबादी गाँवों में रहती है और पूरे देश में दो लाख 39 हजार ग्राम पंचायतें हैं। त्रीस्तरीय पंचायत व्यस्था लागू होने के बाद पंचायतों को लाखों रुपए का फंड सालाना दिया जा रहा है।लेकिन देखने को मिलता है कि ग्राम पंचायतों में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन ठीक तरीके से नही हो पा रहा है।

ग्राम पंचायतों में विकास कार्य की जिम्मेदारी प्रधान की होती है। इसके लिए हर पांच साल में ग्राम प्रधान का चुनाव होता है, लेकिन ग्रामीण जनता को अपने अधिकारों और ग्राम पंचायत के नियमों के बारे अभी भी कुछ जानकारी नही है जिसके कारण प्रधान जनता को गुमराह भी कर देता है।

 किसी भी ग्रामसभा में 200 या उससे अधिक की जनसंख्या का होना आवश्यक है। 1000 तक की आबादी वाले गाँवों में 10 ग्राम पंचायत सदस्य, 2000 तक 11 तथा 3000 की आबादी तक 15 सदस्य हाेने चाहिए। ग्राम सभा की बैठक साल में दो बार होनी जरूरी है। जिसकी सूचना 15 दिन पहले नोटिस से देनी होती है। ग्रामसभा की बैठक बुलाने का अधिकार ग्राम प्रधान को होता है। बैठक के लिए कुल सदस्यों की संख्या के 5वें भाग की उपस्थिति जरूरी होती है।

  ग्राम पंचायत के 1/3 सदस्य किसी भी समय हस्ताक्षर करके लिखित रूप से यदि बैठक बुलाने की मांग करते हैं, तो 15 दिनों के अंदर ग्राम प्रधान को बैठक आयोजित करनी होगी। ग्राम पंचायत के सदस्यों के द्वारा अपने में से एक उप प्रधान का निर्वाचन किया जाता है। यदि उप प्रधान का निर्वाचन नहीं किया जा सका हो तो नियत अधिकारी किसी सदस्य को उप प्रधान नामित कर सकता है।

प्रधान और उपप्रधान को अगर पद से हटाना हो सूचना प्राप्त होने के 30 दिन के अंदर जिला पंचायत राज अधिकारी गाँव में एक बैठक बुलाएगा जिसकी सूचना कम से कम 15 दिन पहले दी जाएगी। बैठक में उपस्थित तथा वोट देने वाले सदस्यों के 2/3 बहुमत से प्रधान एवं उप प्रधान को पदमुक्त किया जा सकता है। अगर ग्राम प्रधान या उप प्रधान गाँव की प्रगति के लिए ठीक से काम नहीं कर रहा है तो उसे पद से हटाया भी जा सकता है।

 समय से पहले पदमुक्त करने के लिए एक लिखित सूचना जिला पंचायत राज अधिकारी को दी जानी चाहिए, जिसमे ग्राम पंचायत के आधे सदस्यों के हस्ताक्षर होने ज़रूरी होते हैं। सूचना में पदमुक्त करने के सभी कारणों का उल्लेख होना चाहिए। हस्ताक्षर करने वाले ग्राम पंचायत सदस्यों में से तीन सदस्यों का जिला पंचायतीराज अधिकारी के सामने उपस्थित होना अनिवार्य होगा।

सूचना प्राप्त होने के 30 दिन के अंदर जिला पंचायत राज अधिकारी गाँव में एक बैठक बुलाएगा जिसकी सूचना कम से कम 15 दिन पहले दी जाएगी। बैठक में उपस्थित तथा वोट देने वाले सदस्यों के 2/3 बहुमत से प्रधान एवं उप प्रधान को पदमुक्त किया जा सकता है।

  ग्राम पंचायत की समितियां और उनके कार्य

1. नियोजन एवं विकास समिति सदस्य : सभापति, प्रधान, छह अन्य सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला एवं पिछड़े वर्ग का एक-एक सदस्य अनिवार्य होता है। समिति के कार्य: ग्राम पंचायत की योजना का निर्माण करना, कृषि, पशुपालन और ग़रीबी उन्मूलन कार्यक्रमों का संचालन करना।

2. निर्माण कार्य समिति सदस्य: सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित सदस्य, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की ही तरह) समिति के कार्य: समस्त निर्माण कार्य करना तथा गुणवत्ता निश्चित करना।

 3. शिक्षा समिति सदस्य: सभापति, उप-प्रधान, छह अन्य सदस्य, (आरक्षण उपर्युक्त की भांति) प्रधानाध्यापक सहयोजित, अभिवाहक-सहयोजित करना। समिति के कार्य: प्राथमिक शिक्षा, उच्च प्राथमिक शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा तथा साक्षरता आदि सम्बंधी कार्यों को देखना।

4. प्रशासनिक समिति सदस्य: सभापति-प्रधान, छह अन्य सदस्य आरक्षण (ऊपर की तरह) समिति के कार्य: कमियों-खामियों को देखना।

 5. स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति सदस्य : सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित सदस्य, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की तरह) समिति के कार्य: चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण सम्बंधी कार्य और समाज कल्याण योजनाओं का संचालन, अनुसूचित जाति-जनजाति तथा पिछड़े वर्ग की उन्नति एवं संरक्षण।

6. जल प्रबंधन समिति सदस्य: सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की तरह) प्रत्येक राजकीय नलकूप के कमांड एरिया में से उपभोक्ता सहयोजित समिति के कार्य : राजकीय नलकूपों का संचालन पेयजल सम्बंधी कार्य देखना। ग्राम पंचायत के कार्य कृषि संबंधी कार्य ग्राम्य विकास संबंधी कार्य प्राथमिक विद्यालय, उच्च प्राथमिक विद्यालय व अनौपचारिक शिक्षा के कार्य युवा कल्याण सम्बंधी कार्य राजकीय नलकूपों की मरम्मत व रखरखाव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सम्बंधी कार्य महिला एवं बाल विकास सम्बंधी कार्य पशुधन विकास सम्बंधी कार्य समस्त प्रकार की पेंशन को स्वीकृत करने व वितरण का कार्य समस्त प्रकार की छात्रवृत्तियों को स्वीकृति करने व वितरण का कार्य राशन की दुकान का आवंटन व निरस्तीकरण पंचायती राज सम्बंधी ग्राम्यस्तरीय कार्य आदि। मनरेगा भी प्रधान के अंतर्गत आता है।

ग्राम न्यायालय 12 अप्रैल 2007 को केंद्र सरकार के एक निर्णय के अनुसार ग्रामीण भारत के निवासियों को पंचायत स्तर पर ही न्याय दिलाने के लिए प्रत्येक पंचायत स्तर पर एक ग्राम न्यायालय की स्थापना की जाएगी। इस पर प्रत्येक वर्ष 325 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारें तीन वर्ष तक इन न्यायालयों पर आने वाला खर्च वहन करेंगी। ग्राम न्यायालयों की स्थापना से अन्य अदालतों में मुकदमों की संख्या कम करने में मदद मिलेगी।

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मंगलवार, 24 सितंबर 2019

चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता को एसआईटी ने हिरासत में लिया

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय राज्य गृहमंत्री चिन्मयानंद  पर रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता को एसआईटी ने अपनी हिरासत में ले लिया. यूपी पुलिस के सूत्रों ने बताया कि कानून की पढ़ाई कर रही पीड़िता को पूछताछ के लिए पुलिस अपने साथ लेकर गई है. साथ ही पीड़िता ने गिरफ्तारी से छूट के लिए शाहजहांपुर की स्थानीय कोर्ट में अपील की थी. कोर्ट में इस मामले पर दोपहर के बाद सुनवाई होगी. सूत्रों के मुताबिक जब पीड़िता अपनी याचिका कोर्ट में लगाने के लिए जा रही थी तो पुलिस ने उसे रास्ते में रोका और अपने साथ ले गई. बता दें, पुलिस ने पीड़िता के खिलाफ जबरन वसूली का मामला भी दर्ज किया है.

गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग वाली शाहजहांपुर की पीड़ित छात्रा की अर्जी पर किसी भी तरह की राहत देने से सोमवार को इनकार कर दिया था.

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हेलंग मारवाड़ी के विरोध में 23 वें दिन धरना जारी ,जिंदा शहीद देवेंद्र सिंह पंवार ने दिया समर्थन

अभिषेक अग्रवाल-

जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले हेलंग मारवाड़ी बाईपास के विरोध में चल रहे धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन में नित्य प्रतिदिन किसी न किसी राजनीतिक दल के दिग्गज  धरने को समर्थन देते दिखाई दे रहे हैं इसी क्रम में आज धरने के 23 वे दिन धरना स्थल पर उत्तराखंड क्रांति दल के राष्ट्रीय स्तरीय नेता धरने को समर्थन देने पहुंचे.

 धरना स्थल पर पूरे दिन बैठते हुए जोशीमठ वासियों को विश्वास दिलाया के ऑल वेदर रोड  को हेलंग मारवाड़ी बाईपास नहीं बनने दिया जाएगा उक्रांद वादियों का कहना है यदि सरकार जोशीमठ को काटते हुए बाईपास का निर्माण करती है तो यह किसी दुर्भाग्य से कम नहीं होगा ऐसा करने से जोशीमठ का अस्तित्व ही नहीं बल्कि पर्यटक स्थल औली भविष्य, बद्री नरसिंह मंदिर, शंकराचार्य तपस्थली ,अमर कल्पवृक्ष ,ज्योर्तेश्वर महादेव के साथ कई अन्य प्रतिष्ठित क्षेत्रों का धार्मिक एवं पर्यटन का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा

 उक्रांद वादियों का कहना है कि उत्तराखंड क्रांति दल ऐसा स्वीकार नहीं करेगा धरना स्थल पर उत्तराखंड क्रांति दल के प्रदेश संरक्षक  (जिंदा शहीद) देवेंद्र सिंह पवार  केंद्रीय महामंत्री केदार  सिंह बिष्ट केंद्रीय संगठन मंत्री सुरेंद्र सिंह पोखरियाल जिला अध्यक्ष अरुण कुमार साह नगर अध्यक्ष जयप्रकाश भट्ट  ,भगवती प्रसाद   नंबूरी ,अतुल सती ,अमित सती, गौरव नंबूरी नितिन व्यास ,माधव प्रसाद सेमवाल के साथ कई अन्य लोग उपस्थित रहे।

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सोमवार, 23 सितंबर 2019

5,7,9,11,12,13,16,17,20,21,21 सितंबर को बदमाशों ने राजधानी में बरसाई गोलियां, फिर भी कानून व्यवस्था ठीक

यूपी की कानून व्यवस्था ध्वस्त आये दिन हो रही दिन दहाड़े हत्याएं लूट यूपी सरकार पर कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने किया हमला

यूपी की राजधानी पुलिस भी  बनी लापरवाह

राजधानी में हर दूसरे दिन गोलियों की तड़तड़ाहट

दिन दहाड़े हुई हत्याएं बदमाश बेखौफ,पुलिस खामोश

केवल लखनऊ में पिछले 22 दिनों में 12 गोली कांड के आंकड़े चौकाने वाले अशोक सिंह

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ 2022 के विधानसभा चुनाव के8 फतह में जुटे जनता बेहाल- अशोक सिंह

22 दिनों में हुई चार हत्याएं ताबड़तोड़ घटनाओ से पुलिस के इकबाल पर उठे सवाल

राजधानी में जैसे अवैध पिस्टल असलहो से गोली कांड जैसे आम बात हो गई

सितम्बर माह में हुई संगीन वारदाते
 5,7,9,11,12,13,16,17,20,21,21 सितम्बर को राजधानी में बदमाशों ने बरसाई गोलिया

फिर भी अधिकारियों का दावा राजधानी में कानून व्यवस्था ठीक ठाक

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खलीलाबाद में युवक को दिनदहाड़े गोलियों से उड़ाया, मौत

खलीलाबाद कोतवाली क्षेत्र के ऊनखास गांव मे पुरानी रंजिश को लेकर लवकुश यादव नामक युवक की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई, घटना से आक्रोशित परिजनो नेशनल हाईवे 28 को किया जाम कर दिया है मौके पर कई थाने से पुलिस बल पंहुच चुकी है।वंही इस घटना के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।

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रविवार, 22 सितंबर 2019

बालाकोट में 129 आतंकी लांच पैड पर भारत मे घुसपैठ की कर रहे तैयारी -सरकारी सूत्र

भारत सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान के बालाकोट में हुई स्ट्राइक के बाद तबाह हो गए आतंकी कैंप एक बार फिर से वहां सक्रिय हो गए हैं.  129 आतंकी लॉन्च पैड पर घुसपैठ को तैयार बैठे हुए हैं. सूत्रों का कहना है कि 5 अगस्त के बाद 100 गुना घुसपैठ बढ़ गई है और इतना ही नहीं 45 दिनों में 60 आतंकियों ने की घुसपैठ की है.  उसके पहले के 7 महीने में सिर्फ़ 35 घुसपैठ हुई थी. बताया जा रहा है कि इमरान खान के अमेरिका दौरे के दौरान इन आतंकी कैंपों को हटा लिया गया था. इन कैंपों में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. पहले भी इसी आतंकी संगठन के कैंप यहां चलाए जा रहे थे.

गौरतलब है कि इसी साल 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ एक काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें 44 जवानों शहीद हो गए थे.  लोकसभा चुनाव के ठीक पहले हुआ यह आतंकी हमला मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया था. लेकिन 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना के फाइटर प्लेन पाकिस्तान की सीमा में घुसकर बालाकोट में चल रहे आतंकी कैंपों को तबाह कर डाला था. हालांकि इस स्ट्राइक के बाद कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने दावा किया कि भारतीय वायुसेना की इस स्ट्राइक में कोई मारा नहीं गया है. लेकिन बाद में वायुसेना की ओर से की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा गया कि हमले के वक्त वहां पर 300 मोबाइल फोन सक्रिय थे. हालांकि वायुसेना की ओर से यह साफ नहीं किया गया कि वहां पर कितने आतंकवादी मारे गए हैं. वायुसेना का कहना था कि लाशें गिनना हमारा काम नहीं है.

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शनिवार, 21 सितंबर 2019

सवालों और चुनौतियों के घेरे में मीडिया का अस्तित्व

विश्वपति वर्मा-

समय बदला, समाज बदला, सोच बदली और इन सबके साथ पत्रकारिता के सरोकार भी बदल गए ।मिशन को खूंटी पर टांग कर अधिकांश मीडिया समूहों ने पहले बाजार फिर मुनाफे की ओर दौड़ लगाकर एक दूसरे से आगे निकल जाने की होड़ में शामिल हो गए इस नाते समाज के विविध मुद्दों पर पर सवाल उठाने वाले मीडिया पर खुद ही सवाल उठने लगे

मसलन क्या मीडिया पहले से अधिक ताकतवर हुआ?क्या आम जनता मीडिया की ताकत को बढ़ाने में योगदान दे रही है?क्या मीडिया अपने जन सरोकारी रूप को बचा पा रही है?क्या अब लोगों उनके अपने हिस्से की खबरों के लिए तरसना पड़ रहा है?क्या टीवी के बाद अब अखबारों से भी लोगों का विश्वास उठने लगा? क्या मीडिया अपने मिशन से भटक कर नकरात्मकत सामाजिक बदलाव की दिशा में चल पड़ा है?क्या देश के विकास में मीडिया का योगदान नही रह गया?

ऐसे ही कई और सवाल हैं जो मीडिया और उससे जुड़े संदर्भों को लेकर होने वाली बहंसों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बात से इंकार नही किया जा सकता कि इक्कीसवीं सदी पहले दशक के समाप्त होते होते मीडिया को लेकर कई सवाल व चुनौतियां हमसे रू-ब-रू हुए हैं।

अब इस देश का बौद्धिक वर्ग ,नागरिक पत्रकार ,लेखक इस पर चिंता करे कि आखिर मीडिया समूह किस दौर से गुजर रहा है और आगे क्या होने वाला है।

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हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा के साथ 64 सीटों के उपचुनाव के तरीखों की हुई घोषणा


महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव  की तारीखों का चुनाव आयोग  ने ऐलान कर दिया है. महाराष्ट्र और हरियाणा में 21 अक्टूबर को मतदान होगा और मतगणना 24 अक्टूबर को होगी. नामांकन करने की आखिरी तारीख 4 अक्टूबर को होगी और नामांकन वापस लेने की तारीख 7 अक्टूबर को होगी.हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 2 नवंबर को और महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा है. इस मौके पर देश भर में 64 सीटों के उपचुनाव की घोषणा भी हुई।

बता दें कि हरियाणा में 90 और महाराष्ट्र में 288 सीटों पर चुनाव होना है। इस तरीके से कुल 64 सीटों के उपचुनाव के साथ 444 सीटों पर मतदान होना है ।


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प्रधानमंत्री के खिलाफ महज अपमानजनक शब्द बोलने भर से राजद्रोह का मामला नहीं बनता-दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को अदालत को बताया कि देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ महज अपमानजनक शब्द बोलने भर से कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के खिलाफ राजद्रोह का मामला नहीं बनता.

अधिवक्ता एवं भाजपा नेता अजय अग्रवाल की ओर से दायर याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए पुलिस ने अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में कहा कि यहां तक कि अगर अय्यर ने पाकिस्तानी अधिकारियों की मेजबानी करने में प्रोटोकॉल तोड़ा होता भी यह भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध नहीं है.

पुलिस ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वसुंधरा आजाद से कहा, ‘भारत के प्रधानमंत्री के खिलाफ महज अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करना भारतीय दंड संहिता की धारा124 ए (राजद्रोह) और धारा153 ए (शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत अपराध की श्रेणी में नहीं आता.

पुलिस ने कहा कि फौजदारी कानून में कार्रवाई एक पहलू है जो सबूतों के साथ प्रमाणित होनी चाहिए और जिससे आपराधिक इरादे का पता लगाया जा सके.पुलिस ने कहा, ‘जहां तक इन लोगों पर भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप है तो शिकायतकर्ता ऐसा मानते हैं लेकिन अब तक ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया गया है.

गौरतलब है कि अग्रवाल ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने और पाकिस्तानी अधिकारियों की मेजबानी करने पर कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के खिलाफ 2017 में दो याचिकाएं दायर कर राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की थी और आरोप लगाया था कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है.अग्रवाल ने दावा किया था कि अय्यर ने छह दिसंबर 2017 को अपने दक्षिणी दिल्ली स्थित आवास पर पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बैठक की थी जिसमें पाकिस्तानी उच्चायुक्त भी शामिल हुए थे.

बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मौजूद थे.बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित तौर ‘अपमानजनक’ शब्दों का इस्तेमाल किया गया.उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के बावजूद बैठक की जानकारी विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय को नहीं दी गई.याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी और दिल्ली पुलिस से अनुरोध किया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तारीख तय की है.

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शुक्रवार, 20 सितंबर 2019

राजधानी में बस्ती की रहने वाली लड़की को वंही के युवक ने मारी गोली ,खुद को भी उड़ाया,दोनों की मौत

लखनऊ. राजधानी के हसनगंज थाना क्षेत्र के ठठेरी मोहल्ला में शुक्रवार को एक युवक ने एक लड़की को गोली मार दी उसके बाद खुद को भी गोली मार लिया । इस वारदात में दोनों की मौके पर मौत हो गई.

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि ठठेरी मोहल्ला डालीगंज के एक घर से पड़ोसियों ने गोली सुनने की आवाज सुनी. मौके पर जब जाकर देखा तो दो लोग खून से लथपथ जमीन पर गिरे पड़े थे. पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी।

 लड़की मूलरूप से बस्ती जनपद के वाल्टरगंज थाने की रहने वाली थी जिसका नाम वंदना चौधरी था मृतक युवक मदन पुत्र प्रभुनाथ  रुधौली  थाने के मुड़ियार का रहने वाला था ।

पुलिस ने दोनों  शवों को कब्जे में लेकर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है वंही इस घटना के बारे में पुलिस ने अभी कोई जानकारी नही दी है । फिलहाल पुलिस सभी बिन्दुओं पर पड़ताल आगे बढ़ा रही है.पुलिस द्वारा इस घटना की जानकारी मृतकों के परिवार जनों को दी गई है।

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बाबुल का घेराव तो ट्रेलर था ,प्रधानमंत्री ,गृहमंत्री और मुख्यमंत्री भी घेरे जाएंगे

विश्वपति वर्मा-

सत्ता के हाथों बिकने वाली मीडिया समूहों के प्रधान संपादकों को लाल किले के सामने ढाई हाथ के रस्सी में लटकर यह कहते हुए जान दे देना चाहिए कि अब उनके अंदर निष्पक्ष बोलने की क्षमता नही रह गई है।

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जाधवपुर यूनिवर्सिटी के गेट पर छात्रों के एक गुट द्वारा बाबुल सुप्रियो को रोके जाने के बाद जिस तरहं से मीडिया ने एक पक्षीय खबर चलाया है इससे साफ है कि मीडिया समूहों से इससे ज्यादा कुछ उम्मीद भी नही है

कई अखबारों ने बाबुल सुप्रियो के पक्ष में इस तरहं से खबर छापी है जैसे बाबुल सुप्रियो के पास सुरक्षा व्यवस्था और उनके लोगों की वँहा कमी थी ।

एक दो अखबारों को छोड़ कर एक भी अखबार ने छात्रों की समस्या को समझने और उनकी भी बात को रखने लिए प्राथमिकता नही समझी ,अखबारों और चैनलों के साथ एबीवीपी के सोशल इंजीनियरिंग करने वाले लोग इस तरहं से बाबुल की दुर्दशा को  दिखा रहे हैं जैसे कि सबसे असहाय और असशक्त व्यति बाबुल सुप्रियो ही थे ।

क्यों फैलाते हो इतना प्रोपोगेंडा ? क्या तुम सत्ताधारी किसी विशेष व्यक्ति और संस्था के लिए मंत्रिपरिषद में शामिल हुए हो या फिर देश के समस्त नागरिकों की समस्याओं पर समाधान लाने के लिए उपाय खोजोगे।

परेशान न हो बाबुल, सुप्रियो का घेराव तो अभी ट्रेलर है,प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी घिरेंगे, प्रदेश के मुख्यमंत्री भी घेरे जाएंगे उनके मंत्रिमंडल भी चपेट में आएंगे, जिला अधिकारी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को बंधक बनाया जाएगा क्योंकि इस देश मे किसी राजनैतिक पार्टी की फासीवादी ताकत नही चलेगी , बस जोशीले युवाओं का एक संगठन देश के कोने में तैयार होने की देर है।

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गुरुवार, 19 सितंबर 2019

उत्तराखंड -चमोली जिले के उरगम मार्ग बंद होने से आमजन की बढ़ी समस्याएं

उत्तराखंड के चमोली जिले के उरगम मुख्य मार्ग बंद होने से आमजन की समस्या बढ़ गई है उरगम मोटर मार्ग बंद होने की वजह से पिछले कई दिनों से स्थानीय लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है यही वजह है कि लोगों को कई किलोमीटर दूर पैदल चलकर आवागमन करना पड़ रहा है

 स्थानीय लोगों ने इस समस्या के बारे में प्रशासन को कई बार अवगत कराया लेकिन जिम्मेदार इसपर गंभीरता नही दिखा रहे हैं। जिसके चलते सड़क मार्ग बंद हो गया है इस वजह से गांव  के बच्चे विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं ,ग्रामीणों को किलोमीटर के हिसाब से पैदल चलकर अपने रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना पड़ रहा है भोजन इत्यादि की व्यवस्था भी ग्रामीण कई किलोमीटर तक पैदल  चल कर ही कर रहे हैं पर आज तक सरकार ने इस मोटर मार्ग की ओर कोई ध्यान नहीं दिया

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बुधवार, 18 सितंबर 2019

मोदी सरकार ने ई सिगरेट पर लगाई बैन ,पीते मिले तो होगा 50 हजार का जुर्माना

केंद्र सरकार ने ई-सिगरेट के उत्पादन और बिक्री पर पूरी तरह से बैन लगाने का फैसला किया है. बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया. कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ई-सिगरेट समाज में एक नई समस्‍या को जन्‍म दे रहा है और बच्‍चे इससे अपना रहे हैं. निर्मला सीतारमण ने कहा कि ई-सिगरेट को बनाना, आयात/निर्यात, बिक्री, वितरण, स्‍टोर करना और विज्ञापन करना सब पर प्रतिबंध होगा.

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17 नवंबर को तय हो जाएगा राम मंदिर बनेगा या नही -चीफ जस्टिस

अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 26वें दिन की सुनवाई हुई. इस मुद्दे पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा है कि सभी को संयुक्त प्रयास करना होगा और पक्षकार समझौता कर अदालत को बताए. इस केस की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी होने की उम्मीद भी जताई.

27 सितंबर तक मुस्लिम पक्षकार अपनी बहस पूरी कर लेंगे. मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से राजीव धवन ने कहा, ''अगले हफ़्ते तक हम अपनी बहस पूरी कर लेंगे.'' इस पर CJI ने कहा, ''आप अपनी बहस इस महीने तक पूरी कर लेंगे.'' इस पर रामलला विराजमान ने कहा कि उन्हें जवाब देने के लिए 2 दिनों का वक्त चहिये.

CJI ने कहा, ''हमें उम्मीद है कि हम अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी कर लेंगे. इसके लिए हम सभी को संयुक्त प्रयास करना होगा. इसके बाद जजमेंट लिखने के लिए जजों को चार हफ्तों का वक्त मिलेगा.'' सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''अगर पक्षकार इस मामले को मध्यस्थता समेत अन्य तरीके से सैटल करना चाहते हैं तो कर सकते हैं. पक्षकार समझौता कर अदालत को बताएं.''

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मंगलवार, 17 सितंबर 2019

उत्तर प्रदेश यातायात निदेशालय ने जारी किया नया सर्कुलर, गाड़ियों की मनमानी चेकिंग पर लगाई रोक

लखनऊ-
गाड़ी चेकिंग के नाम पर वाहन चालकों के साथ हो रही अभद्रता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार फिलहाल नया मोटर व्हीकल एक्ट नहीं लागू करेगी ।

 परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने कहा कि सरकार ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर नई दरों पर विचार कर रही है। जनहित के ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार उत्तर प्रदेश में इसे लागू करने पर विचार कर रही है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में भी नया मोटर वाहन कानून लागू है, जिसके तहत लोगों से जुर्माने की भारी-भरकम राशि वसूली जा रही है।

योगी सरकार के परिवहन मंत्री ने कहा कि नये मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में जब तक कोई निर्णय नहीं लिया जाता तब तक प्रदेश में जुर्माने की पुरानी दरें ही लागू रहेंगी।

 उन्होंने स्पष्ट कहा कि सूबे में चार पहिया वाहन में सीट बेल्ट न लगाने, दोपहिया वाहन पर हेलमेट न लगाने जैसे नियमों के उल्लंघन में पुरानी दरों के आधार पर ही जुर्माना वसूला जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बाबत यातायात पुलिस को भी निर्देश दे दिये गये हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर जुर्माना लगने के बाद कोई वाहन मालिक अदालत जाएगा तो उसे नई दरों के हिसाब से ही शमन शुल्क वहन करना होगा।

मंत्री अशोक कटारिया ने कहा कि नया मोटर व्हीकल एक्ट आमजन की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसलिए सभी को इनका पालन करना चाहिये। उन्होंने कहा कि दोपहिया वाहनों के लिए यातायात नियम जितनी कड़ाई से लागू हैं, वैसे ही वह टैक्सी, टैंपो और बसों पर लागू हैं। यह सभी यातायात नियमों का पालन करें, यातायात पुलिस इसका भी ध्यान रखे।

नये मोटर व्हीकल एक्ट के चौतरफा विरोध के बाद यातायात निदेशालय ने नया सर्कुलर जारी किया है। इसके मुताबिक, पुलिसकर्मी अब वाहनों की धड़ल्ले से चेकिंग नहीं कर सकेंगे। जारी नये सर्कुलर में कहा गया है कि सिर्फ कागजात की जांच के नाम पर वाहनों को नहीं रोका जा सकेगा। विपक्षी दलों के साथ ही आम भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने भी नये मोटर व्हीकल एक्ट पर सवाल उठाये हैं, जिसके बाद यातायात निदेशालय को नया सर्कुलर जारी करना पड़ा है।

निदेशालय ने नया सर्कुलर प्रदेश के सभी जिला कप्तानों, आईजी, एडीजी के लिए जारी किया गया है। यातायात निदेशालय ने नया सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि पुलिसकर्मी अब नियमों के प्रत्यक्ष उल्लंघन पर ही कागजात की जांच कर सकते हैं। अगर कोई ट्रैफिक नियम तोड़ता दिखे तो उसके कागजात चेक किए जा सकते हैं। इसी तरह बिना हेलमेट, सीट बेल्ट नहीं लगाने वाले, यातायात नियमों और संकेतों को तोड़ने वालों के कागजात चेक किए जाएंगे। सर्कुलर में कहा गया है कि टू-व्हीलर के साथ ही फोर-व्हीलर आदि बड़े वाहनों की चेकिंग पर भी ध्यान दिया जाए। जो भी यातायात नियमों का उल्लंघन करता है, उसके खिलाफ प्रवर्तन की कार्रवाई निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से की जाए।

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सोशल मीडिया खाते को आधार से जोड़ने की जरूरत -सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि सोशल मीडिया प्रोफाइलों को आधार से जोड़ने के मुद्दे पर यथाशीघ्र निर्णय लेने की आवश्यकता है. ऐसा होने पर यह पता लगाना आसान हो जायेगा कि यह संदेश या विवरण कहां से शुरू हुआ था.जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा, ‘इस समय हमें नहीं मालूम कि क्या हम इस मुद्दे पर निर्णय कर सकते हैं या उच्च न्यायालय फैसला करेगा.’पीठ ने कहा, ‘यदि केंद्र सरकार निकट भविष्य में इस मामले में कोई दिशा निर्देश या रूपरेखा तैयार करने पर विचार कर रही है तो हम आपको (केंद्र को) कुछ समय दे सकते हैं.’पीठ ने यह भी कहा कि कि वह इस मामले के गुण-दोष पर गौर नहीं करेगी और सिर्फ मद्रास, बॉम्बे और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालयों में लंबित ऐसे मामलों को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की फेसबुक की याचिका पर निर्णय करेगी.

केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें इन मामलों को उच्च न्यायालयों से शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने पर कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि पहले ही उच्च न्यायालयों में ऐसे मामलों पर काफी न्यायिक समय लग चुका है.फेसबुक और वाट्सऐप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेशों के खिलाफ दो अपील दायर की हैं. पीठ ने कहा कि वह इन दो अपीलों को स्थानांतरण याचिका के साथ सूचीबद्ध करेगी. इसके साथ उसने इस मामले को 24 सितंबर के लिये सूचीबद्ध कर दिया.तमिलनाडु सरकार ने गुरुवार को न्यायालय में दावा किया था कि फेसबुक इंक. और अन्य सोशल मीडिया कंपनियां भारतीय कानून का अनुपालन नहीं कर रही हैं, जिसकी वजह से ‘अराजकता बढ़ रही है’ और ‘अपराधों की पहचान’ में मुश्किल आ रही है.उसने न्यायालय से उसके 20 अगस्त के आदेश में संशोधन का अनुरोध किया था जिसमें मद्रास उच्च न्यायालय को निर्देश दिया गया था कि वह सोशल मीडिया प्रोफाइल को आधार से जोड़ने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखे लेकिन कोई प्रभावी आदेश पारित करने से बचे.प्रदेश सरकार ने कहा था कि उच्च न्यायालय में सुनवाई काफी आगे बढ़ चुकी है लेकिन सर्वोच्च अदालत के 20 अगस्त के आदेश की वजह से उसने उन याचिकाओं पर सुनवाई टाल दी थी.विभिन्न आपराधिक मामलों का संदर्भ देते हुए प्रदेश सरकार ने कहा था कि स्थानीय विधि प्रवर्तन अधिकारियों ने इन कंपनियों से कई मामलों पर जांच और अपराधियों की पहचान के लिए जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई.उसने कहा था कि ये कंपनियां ‘भारतीय धरती से संचालित होने के बावजूद’ अधिकारियों से अनुरोध पत्र भेजने को कहती हैं और सभी मामलों में ‘पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने में विफल रहीं.’प्रदेश सरकार ने यह भी कहा कि मद्रास, बंबई और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालयों में दायर याचिकाओं को सर्वोच्च न्यायालय स्थानांतरित करने का फेसबुक का अनुरोध झूठे और भ्रामक कथनों से भरा हुआ है और यह अदालत को अपनी परोक्ष मंशाओं को लेकर दिग्भ्रमित करने का सीधा प्रयास है.

न्यायालय ने 20 अगस्त को केंद्र, गूगल, वाट्सऐप, ट्विटर, यूट्यूब और अन्य को फेसबुक की याचिका पर नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था.फेसबुक ने अपनी याचिका में दलील दी थी कि सेवा प्रदाता आपराधिक मामलों की जांच में जांच एजेंसियों से आंकड़ा साझा कर सकता है या नहीं, इसका फैसला उच्चतम न्यायालय द्वारा किये जाने की जरूरत है क्योंकि इसके वैश्विक प्रभाव होंगे.सोशल मीडिया से आधार लिंक करने के समर्थन में दो याचिकाएं मद्रास हाईकोर्ट में दायर की गई हैं. इसी तरह की याचिका बॉम्बे और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में भी हैं.गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में फेसबुक इंक की उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया था जिसमें उपयोगकर्ता के सोशल मीडिया अकाउंट को आधार नंबर से जोड़ने की मांग करने वाले मामलों को मद्रास, बंबई और मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालयों से सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित करने की मांग की गई थी.तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि फर्जी खबरों के प्रसार, मानहानि, अश्लील, राष्ट्र विरोधी एवं आतंकवाद से संबंधित सामग्री के प्रवाह को रोकने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट को उसके उपयोगकर्ताओं के आधार नंबर से जोड़ने की आवश्यकता है.फेसबुक इंक तमिलनाडु सरकार के इस सुझाव का इस आधार पर विरोध कर रहा है कि 12-अंकों की आधार संख्या को साझा करने से उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता नीति का उल्लंघन होगा.फेसबुक इंक ने कहा कि वह तीसरे पक्ष के साथ आधार संख्या को साझा नहीं कर सकता है क्योंकि त्वरित मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप के संदेश को कोई और नहीं देख सकता है और यहां तक कि उनकी भी पहुंच नहीं है. मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी.

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सोमवार, 16 सितंबर 2019

यूपी पुलिस का नया कारनामा ,बैलगाड़ी का काट दिया 1 हजार रुपये का चालान

नया मोटर वाहन कानून लागू होने के बाद वाहन मालिकों का भारी भरकम चालान काटा जा रहा है,इसी के साथ उत्तर प्रदेश के  बिजनौर जिले से चालान काटने का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है ।
                 प्रतीकात्मक तस्वीर
जानकारी के अनुसार यूपी के बिजनौर जिले के साहसपुर में ट्रैफिक पुलिस ने एक बैलगाड़ी वाले का चालान काट दिया । पुलिस ने शनिवार को जब बैलगाड़ी मालिक को चालान थमाया तो उस वक्त वँहा के लोग भौचक्के रह गए हालांकि मोटर वाहन अधिनियम में बैलगाड़ी पर जुर्माने का कोई प्रावधान न होने पर पुलिस को चालान निरस्त करना पड़ा।

बता दें कि बैलगाड़ी मालिक रियाज हसन ने शनिवार को अपने खेत के बगल में बैलगाड़ी खड़ी की थी। इतने में सब इंस्पेक्टर पंकज कुमार के नेतृत्व में एक पुलिस टीम वहां आ पहुंची जो उस इलाके में पट्रोलिंग कर रही थी। उन्होंने देखा कि बैलगाड़ी के आस-पास कोई मौजूद नहीं है। ग्रामीणों से पूछने पर पता लगा कि बैलगाड़ी हसन की है। पुलिस बैलगाड़ी लेकर हसन के घर गई और अबीमाकृत वाहन को चलाने वाले मोटर व्हीकल ऐक्ट के सेक्शन 81 के तहत 1 हजार रुपये का चालान थमा दिया।

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पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में लिए गए पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला


जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में ले लिया गया है ,खबर है कि रविवार को रात में ही उन्हें हिरासत में लिया गया है बता दें, फारुक अब्दुल्ला की कथित 'हिरासत' को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर केंद्र सरकार से एक हफ्ते में जवाब मांगा गया है.


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उत्तराखंड-जोशीमठ बचाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ने के लिए तैयार -शैलेंद्र पंवार

रिपोर्ट-अभिषेक अग्रवाल-

उत्तराखंड के चमोली में चल रहे हेलंग मारवाड़ी बाईपास के विरोध में जोशीमठ की जनता को 15 दिनों से लगातार सड़कों पर है लोग निरंतर सड़कों पर बैठ कर सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि हेलंग मारवाड़ी बाईपास को बंद करके ऑल वेदर रोड को जोशीमठ से जोड़ा जाए परंतु सरकार जनता की सुनवाई नहीं कर रही है।

 सीमांत नगर पालिका जोशीमठ के अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार  ने बताया कि अभी तक सरकार का कोई भी जनप्रतिनिधि धरना स्थल पर नहीं पहुंचा है शैलेंद्र पंवार  का कहना है यदि सरकार हमारी भावनाओं को कुचलने का प्रयास करती है तो जोशीमठ की जनता भी अंतिम सांस तक लड़ने के लिए तैयार है

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रविवार, 15 सितंबर 2019

केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने चापलूसी की हदों को किया पार ,कहा उत्तर भारतीयों में योग्यता नही

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार का कहना है कि देश में नौकरियों की कमी नहीं है। हमारे उत्तर भारत के लोगों में योग्यता की कमी है। यहां नौकरी के लिएआवदेन करने वाले लोगों में वह योग्यता नही है जो चाहिए।

केंद्रीय मंत्री आईवीआरआई के सभागर में केंद्र सरकार के 100 दिन पूरे होने पर उपलब्धियों और भावी योजनाओं की जानकारी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले पांच साल में अपने कार्य से जनता में शासन के प्रति विश्वास जगाया है। देश में आर्थिक मंदी जैसी स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाये हैं। इनमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय भी शामिल है। 

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उत्तराखंड-पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी 3 चरणों मे 16 अक्टूबर तक होगा मतदान,21 को आएंगे परिणाम

रिपोर्ट-अभिषेक अग्रवाल
उत्तराखंड में राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी है.इसके लिए 12 जिलों में तीन चरणों में मतदान कराए जाने के लिए निर्वाचन आयोग ने खाका तैयार किया है। अधिसूचना के बाद से सूबे के 12 जिलों में आचार संहिता लागू हो गई है।
राज्य के हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव नहीं होगा क्योंकि हरिद्वार जिले के त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल साल 2021 में खत्म हो रहा है. जिसकी वजह से हरिद्वार जिला छोड़कर  प्रदेश के 12 जिलों में पंचायत चुनाव कराए जाएंगे. हरिद्वार जिले में कुल 306 ग्राम पंचायत, 6 क्षेत्र पंचायत और एक जिला पंचायत है. इसके अलावा उत्तराखंड  प्रदेश के बाकी बचे 12 जिलों में कुल 7491 ग्राम प्रधान, 55506 ग्राम पंचायत सदस्य, 2988 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 357 जिला पंचायत सदस्य चुने जाने हैं.
12 जिलों में तीन चरणों में पंचायत चुनाव होंगे. जिसके लिए 20 सितंबर से 24 सितंबर तक तीनों चरणों के लिए नामांकन भरे जाएंगे. वहीं 25 सितंबर से 27 सितंबर तक प्रत्याशियों द्वारा भरे गए नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. 28 सितंबर को नाम वापसी की तिथि निर्धारित की गई है. इसी दिन पहले चरण के चुनाव के उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न भी आवंटित किए जाएंगे और 5 अक्टूबर को पहले चरण का मतदान होगा.
4 अक्टूबर को दूसरे चरण के चुनाव के उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे और 11 अक्टूबर को दूसरे चरण के लिए वोट डाले जाएंगे. जबकि 9 अक्टूबर को तीसरे चरण के चुनाव के उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे जिसके बाद 16 अक्टूबर को तीसरे चरण के मतदान की तिथि घोषित की गई है.वंही 21 अक्टूबर को मतों की गिनती की जाएगी।

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शनिवार, 14 सितंबर 2019

हिसार: सरकारी गोदाम में सड़ रहा था गेहूं, पत्रकार ने उठाया मामला तो उसके ही खिलाफ दर्ज हो गया केस

NDTV

हिसार के पत्रकार अनूप कुंडू पर मानहानि और अवैध घुसपैठ का मामला दर्ज किया गया है. यह कार्रवाई जिला पुलिस द्वारा इसलिए की गई है क्योंकि अनूप ने उकलाना में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के गोदाम में खराब हो रही गेहूं की खबर को कवर किया था. वहीं एफआईआर में कहा गया है कि पत्रकार ने विभाग को बदनाम करने के लिए अपने चैनल पर फर्जी वीडियो चलाया. बता दें कि 17 जुलाई को पता लगा कि उकलाना के डीएफएससी गोदाम में पानी की वजह से गेहूं खराब हो रहा है. इस बारे में पत्रकार ने सिक्योरिटी गार्ड से बात की और घटना का वीडियो बनाया. उन्होंने फूड सप्लाई इंस्पेक्टर राम फल से भी बात की लेकिन उन्होंने उसे धमका दिया.  


18 जुलाई को इस बारे में चैनल पर 21 मिनट की स्टोरी चलाई गई. मंत्री करन देव कंबोज ने चैनल से बात की और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया. इसी दिन मंत्री ने डीएफएससी सुभाष को जांच का सुझाव दिया जिसके बाद पत्रकार समेत कुछ बीजेपी नेता और जिला फूड सप्लाई कंट्रोलर ने गोदाम का निरीक्षण किया.

इस दौरान अधिकारियों को खराब अनाज मिला. अधिकारियों ने गलती को स्वीकार किया और साउंडबाइट दिया. लेकिन 19 जुलाई को जब करनाल में मंत्री से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पत्रकार ने गलत खबर दी है.

25 जुलाई को पत्रकार ने डीसी हिसार के पास शिकायत दर्ज कराई और इस शिकायत को डीएफएससी हिसार के पास भी भेजा लेकिन यह अभी तक पेंडिंग है. इसके बाद 8 सितंबर को पत्रकार के खिलाफ धारा 451, 465 और 500 के तहत मामला दर्ज किया गया.

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चमोली-नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के कर्मचारियों ने श्रम विभाग के उच्चाधिकारियों पर लगाया शोषण का आरोप

रिपोर्ट- अभिषेक अग्रवाल-

उत्तराखंड के चमोली में नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के कर्मचारियों जिला श्रमिक विभाग के उच्चाधिकारियों पर शोषण का आरोप लगाया है यंहा पर कार्यरत एक कर्मचारी ने बताया कि वर्तमान समय में नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अधीन 19 कर्मचारी हैं जिनका पिछले 6 माह से  वेतन प्राप्त नहीं हुआ है एवं कर्मचारियों का कहना है कि नियमानुसार उन्हें प्रतिदिन का ₹370 दिया जाना चाहिए लेकिन उनका वेतन काट कर उन्हें मात्र ₹229 ही दिया जाता है

 पैन खंडा संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट रमेश चंद्र सती ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए जिला श्रम अधिकारी को ज्ञापन भेजा ज्ञापन के माध्यम से रमेश चंद्र सती ने कहा यदि इस कालाबाजारी को बंद नहीं किया गया तो इन  श्रमिकों के हित के लिए पूरा पैनखंडा क्षेत्र एक हो उठेगा एवं विशालकाय आंदोलन भी किया जाएगा।

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शुक्रवार, 13 सितंबर 2019

प्रदेश सरकार ने सीएम योगी सहित मंत्रियों के 86 लाख रुपये का टैक्स खजाने से किया अदा,कारण जान कर हो जाएंगे हैरान


BBC_

प्रदेश में लगभग चार दशक पुराना एक कानून मंत्रियों के आयकर का भुगतान राजकोष से सुनिश्चित करता है, हालांकि राजनेता इसके बारे में जानकारी नहीं होने की बात करते हैं. उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन, भत्ते एवं विविध कानून 1981 जब बना था, विश्वनाथ प्रताप सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे. इस कानून ने अब तक 19 मुख्यमंत्रियों और लगभग 1000 मंत्रियों को लाभ पहुंचाया है, हालांकि कुछ मंत्रियों का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. 

जब से कानून लागू हुआ, विभिन्न राजनीतिक दलों के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , मुलायम सिंह यादव, मायावती , कल्याण सिंह, अखिलेश यादव , राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह  श्रीपति मिश्र, वीर बहादुर सिंह और नारायण दत्त तिवारी को इसका लाभ हुआ. विश्वनाथ प्रताप सिंह के सहयोगी रहे कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि कानून पारित होते समय तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने विधानसभा में तर्क दिया था कि राज्य सरकार को आयकर का बोझ उठाना चाहिए क्योंकि अधिकांश मंत्री गरीब पृष्ठभूमि से हैं और उनकी आय कम है.

दिलचस्प बात यह है कि समय बीतने के साथ ही राज्य का नेतृत्व बसपा सुप्रीमो मायावती जैसे नेताओं के हाथ रहा. राज्यसभा के 2012 के चुनाव के समय दाखिल हलफनामे के अनुसार जिनकी संपत्ति 111 करोड़ रुपये बतायी जाती है. लोकसभा के हाल के चुनाव के समय दाखिल हलफनामे के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भी उनकी पत्नी डिम्पल के साथ 37 करोड़ ऱपये से अधिक की संपत्ति है. विधान परिषद के 2017 के चुनाव के समय दाखिल हलफनामे के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी की संपत्ति 95 लाख रुपये से अधिक है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी एल पुनिया ने कहा कि फैसला सही नहीं लगता. इस पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि अब वेतन कई गुना अधिक हो चुके हैं इसलिए इस रियायत की कोई प्रासंगिकता नहीं रह गयी है. इस कानून पर पुनर्विचार कर इसे समाप्त किया जाना चाहिए. पूर्व वित्त मंत्री एवं बसपा नेता लालजी वर्मा सहित कई नेताओं को इस कानून की जानकारी नहीं है. उनका कहना है कि जहां तक उन्हें याद है, वह कर अदायगी करते रहे हैं. सपा के एक नेता ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी सुविधा की जानकारी नहीं है.

वरिष्ठ सपा नेताओं से बात करने के बाद ही वह इस बारे में कुछ कह पाएंगे. प्रदेश के विधि मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि अधिकारियों से इसकी पुष्टि करने के बाद ही वह इस मुद्दे पर कोई बात करने की स्थिति में होंगे. समाजसेवी अनिल कुमार कहते हैं कि आम आदमी के लिए यह हैरानी की बात है, जो भारी भरकम राशि कर के रूप में देता है लेकिन राजनेता कर अदायगी नहीं करते. उन्होंने कहा कि हमारी तरह नेताओं को भी आयकर का भुगतान करना चाहिए.

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के 86 लाख रुपये कर की अदायगी राज्य सरकार ने की है. इस बीच, राज्य के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि वीपी सिंह के समय 1981 से एक कानून चला आ रहा है. जो भी किया जा रहा है, उस कानून के अनुरूप किया जा रहा है. शर्मा ने कहा कि आने वाले समय में हम किसी भी ऐसे सुझाव पर विचार करेंगे कि इस बारे में क्या कुछ अच्छे से अच्छा किया जा सकता है.

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गुरुवार, 12 सितंबर 2019

उत्तराखंड/ चमोली के जोशीमठ में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की सरकार के दावे फेल

अभिषेक अग्रवाल
      चमोली

जन जन तक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के चाहे जितने भी दावे सरकार द्वारा किये जायें लेकिन स्थलीय निरीक्षण के दौरान झूठ और लूट के खेल का पोल खुल ही जाता है

प्रदेश के चमोली जनपद के जोशीमठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बदहाल स्थिति की बार -बार मिल रही शिकायत को देखते हुए तहकीकात समाचार के संवाददाता ने मौके की स्थिति का जायजा लिया तो पता चला कि यंहा पर स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर उपलब्ध व्यवस्थाएं खुद ही बीमार चल रही हैं

हमारे संवाददाता ने बताया कि जोशीमठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों का अभाव है यंहा पर अल्ट्रासाउंड के लिए लगाई गई मशीन भी आये दिन खराब रहती है इसके साथ दवाओं की उपलब्धता भी सीमित मात्रा में रहता है जिसके चलते मरीजों को बाहर से दवा लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है ,स्वास्थ्य केंद्र पर अव्यवस्था और जिम्मेदारों की निरंकुशता के चलते यह स्वास्थ्य केंद्र नही बल्कि यह एक रिफर भवन बनकर रह गया है जंहा पर आने वाले अधिकांश मरीजों को यंहा से दूसरे अस्पताल में भेज दिया जाता है  ।

यंहा की समस्याओं को लेकर स्थानीय निवासियों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की लेकिन हर बार जिम्मदारों और सम्बंधित लोगों की तालमेल के चलते कोई गंभीरता नही लिया जाता जिसके कारण स्थानीय लोगों में आक्रोश भी है यंहा के लोगों का कहना है कि जोशीमठ स्वास्थ्य केंद्र में जो कि एक सीमांत पालिका का स्वास्थ्य केंद्र है वहां डॉक्टरों की उचित व्यवस्था की जाए साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराया जाए ।

स्वास्थ्य केंद्र की बार -बार मिल रही शिकायतों और यंहा पर व्याप्त अव्यवस्थाओं को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी कुलदीप कठैत के द्वारा उत्तराखंड सरकार को ज्ञापन भेजा गया जिसमें स्वास्थ्य केंद्र को विकसित करने के साथ डॉक्टरों ,जरूरी संसधानों और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की मांग की गई है।

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पूर्व केंद्रीय मंत्री की मुश्किलें बढ़ीं ,रेप का आरोप लगाने वाली लड़की ने SIT को सौंपा पेन ड्राइव


भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. स्वामी चिन्मयानंद पर रेप और प्रताड़ित करने का आरोप लगाने वाली लड़की के दोस्तों ने बुधवार को इस मामले से जुड़े कई सबूतों से भरा एक पेन ड्राइव एसआईटी (SIT) को सौंपा है. पीड़िता ने कहा कि मेरे दोस्तों ने एसआईटी को एक पेन ड्राइव दी है जिसमें आरोपी के खिलाफ तमाम सबूत हैं. बता दें कि पुलिस फिलहाल इस पूरे मामले की जांच करने में जुटी है. SIT को पेन ड्राइव देने से पहले पीड़ित छात्रा ने 12 पन्नों में दर्ज शिकायत भी सौंपी थी. लड़की द्वारा SIT को दिए बयान में कई चौंका देने वाली बातें सामने आई हैं. पीड़िता का कहना है कि चिन्मयानंद ने ब्लैकमेल कर रेप किया है. पीड़िता का हॉस्टल के बाथरूम में नहाने का वीडियो बनाया गया और उस वीडियो को वॉयरल करने की धमकी देकर एक साल तक रेप करता रहा. 

गौरतलब है कि एसआईट को पेन ड्राइव देने से पहले पीड़िता ने बताया कि चिन्मयानंद ने शारीरिक शोषण का वीडियो भी बनाया है. चिन्मयानंद पीड़िता से मसाज करने का भी दबाव बनाता था और कई बार उसके साथ बंदूक के दम पर भी रेप हुआ है. लड़की ने भी अपने बचाव के लिए चिन्मयानंद का वीडियो बनाया है. लड़की ने इसके लिए अपनी चश्मे में खुफिया कैमरा लगाया और चिन्मयानंद का वीडियो बनाया है.

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मंगलवार, 10 सितंबर 2019

आतंकियों का जम्मू कश्मीर में सेब किसानों को धमकी के बाद केंद्र सरकार ने उत्पादकों को दिया बड़ी सौगात


सरकार ने जम्मू-कश्मीर के सेब की सीधी खरीद करने और उत्पादकों को उनका भुगतान सीधे बैंक खाते के जरिये करने की घोषणा की है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. सेब के किसानों से खरीद का काम भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) द्वारा किया जाएगा. खरीद का काम 15 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. सरकार ने यह कदम इन खबरों के बाद उठाया है कि कुछ आतंकवादियों ने सेब उत्पादकों से अपने उत्पादन को बाजार में नहीं बेचने की धमकी दी है. 

सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को धारा 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को समाप्त किए जाने और राज्य को दो संघ शासित प्रदेशों में बांटने के बाद आतंकवादियों द्वारा सेब किसानों को धमकी दी जा रही है. एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘सरकार ने चालू सीजन 2019 में जम्मू-कश्मीर के किसानों से सेब की खरीद करने की घोषणा की है. नाफेड द्वारा राज्य सरकार की अधिकृत एजेंसियों के जरिये खरीद का काम 15 दिसंबर तक पूरा किया जाएगा.'' 

अधिकारी ने कहा कि सही सेब उत्पादकों से खरीद सीधे की जाएगी और राज्य प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये उनका भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाए. अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के सभी सेब उत्पाद जिलों में सब श्रेणियों के सेब...ए, बी, सी की खरीद की जाएगी. इसके अलावा सोपोर, शोपियां और श्रीनगर के थोक बाजारों से भी सीधी खरीद की जाएगी. विभिन्न श्रेणियों के सेब का दाम मूल्य समिति द्वारा तय किया जाएगा. इस समिति में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड से भी सदस्य होगा. गुणवत्ता समिति यह सेब की उचित ग्रेडिंग सुनिश्चित करेगी. 


एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव राज्य स्तर की क्रियान्वयन एवं संयोजन समिति के प्रमुख होंगे. वहीं केंद्रीय कृषि, गृह मंत्रालय तथा अन्य केंद्रीय एजेंसियों इस योजना का सुगमता से क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगी. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने शनिवार को कहा था कि घाटी से प्रतिदिन 750 ट्रक सेब देश के अन्य हिस्सों के लिए जाते हैं. पिछले शुक्रवार को आतंकवादियों ने सोपोर में एक प्रमुख फल कारोबारी के परिवार के सदस्यों पर हमला किया था. इस हमले में व्यापारी का 25 वर्षीय पुत्र और ढाई साल की पोती घायल हुए थे.

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सोमवार, 9 सितंबर 2019

पूर्व BJP सांसद चिन्मयानंद की बढ़ीं मुश्किलें, अब छात्रा ने रेप का आरोप लगाया- दिल्ली में FIR दर्ज



पूर्व BJP सांसद स्वामी चिन्मयानंद की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. अब शाहजहांपुर की छात्रा ने चिन्मयानंद  पर रेप का आरोप लगाया है. शाहजहांपुर की छात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि बीजेपी (BJP) नेता चिन्मयानंद ने बलात्कार किया और एक वर्ष तक प्रताड़ित किया. छात्रा ने दिल्ली में जीरो एफआईआर दर्ज करवाई है. वहीं, छात्रा ने आरोप लगाया कि शाहजहांपुर पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही. बता दें कि पिछले महीने एक वायरल वीडियो में चिन्मयानंद पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाने वाली एलएलएम की छात्रा आज पहली बार मीडिया के सामने आई.

छात्रा ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री पर बलात्कार का भी आरोप लगाते हुए कहा कि वह मामले की जांच कर रही एसआईटी को भी यह बात बता चुकी है. एसआईटी ने रविवार को करीब 11 घंटे तक उससे पूछताछ की थी. युवती के मुताबिक उसने जांच दल को बताया है कि स्वामी चिन्मयानंद ने उसके साथ बलात्कार और एक वर्ष तक उसका शारीरिक शोषण भी किया है. उसने दावा किया कि यह रिपोर्ट दिल्ली के लोधी रोड थाने में जीरो क्राइम नंबर पर दर्ज करके शाहजहांपुर भेज दी गई है, मगर स्थानीय पुलिस बलात्कार और शारीरिक शोषण की रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही है.

लड़की ने कहा कि जांच दल को सारी बातें बताने के बाद भी चिन्मयानंद को गिरफ्तार नहीं किया गया है. उसने बताया कि इससे पहले जब उसके पिता ने चिन्मयानंद के खिलाफ शारीरिक शोषण के आरोप में मुकदमे की तहरीर दी थी तब मुकदमा दर्ज करना तो दूर, जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने उसके पिता को धमकी देते हुए चिन्मयानंद के रसूख का हवाला दिया और बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा. छात्रा ने कहा कि उसके पास सारे साक्ष्य मौजूद हैं. वह कॉलेज हॉस्टल के जिस कमरे में रहती थी उसे सील कर दिया गया है. उसे मीडिया के सामने खोला जाए. सही समय आने पर साक्ष्य (वीडियो क्लिप) भी पेश किया जाएगा.



छात्रा ने कहा कि उसने अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए ही अपना वह वीडियो वायरल किया था, जिसमें उसने चिन्मयानंद से जान का खतरा बताया था. स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह की ओर से दर्ज कराए गए पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगे जाने के मामले में कथित पीड़िता ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए. चिन्मयानंद ने जो आरोप लगाया है वह फर्जी है. एक सवाल के जवाब में छात्रा ने बताया कि उसके साथ दिल्ली के होटल में देखा गया संजय सिंह नामक युवक उसका भाई है.
मालूम हो कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद के कॉलेज स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल किया था, जिसमें उसने चिन्मयानंद पर आरोप लगाया था कि उसने उसकी तथा कई अन्य लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी है. इसके साथ ही उसने अपने और अपने परिवार की जान का खतरा बताया था. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने चिन्मयानंद के खिलाफ अपहरण और जान से मारने की धमकी की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया था.
बिना किसी संशोधन के यह खबर NDTV वेबसाइट से ली गई है।

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गाड़ी चलाते हैं तो नोट कर लीजिए यह बात,यदि हुआ है 7 हजार का चालान तो 300 में हो जाएगी छुट्टी

विश्वपति वर्मा-
लखनऊ;

केंद्र की मोदी सरकार ने यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए 1 सितंबर को  नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू किया है ।
इसके चलते लोगों को यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने और जेल जाने का भी प्रावधान रखा गया है। इस सब के बीच वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट , इंश्योरेंस सर्टीफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट तत्काल नहीं दिखाने पर चालान काटा जा रहा है।

 लेकिन हम तहकीकात समाचार के पाठकों को इस अहम जानकारी से अवगत करवाना चाहता हूँ कि अगर आप ट्रैफिक पुलिस के मांगने पर आप उन्हें तत्काल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस , पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट नहीं दिखाते हैं तो ट्रैफिक पुलिस आपाका चालान नहीं काट सकती है क्योंकि यह बात केंद्रीय मोटर वाहन नियम कहता है।

आपको मिलेगा दस्तावेज दिखाने के लिए 15 दिन का समय

केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली के अनुसार , नियम 139 में प्रावधान किया गया है कि वाहन चालक को दस्तावेजों को पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा । ऐसी स्थिति में यातायात पुलिस वाहन चालक का तत्काल चालान नहीं काट सकती , वाहन चालक द्वारा यह बताए जाने पर कि उसके पास दस्तावेज हैं , लेकिन इस समय उसके साथ नहीं है तो उसे दस्तावेज दिखाने के लिए 15 दिनों का समय देना ही होगा । लेकिन दूसरी तरफ आपको हर हाल में 15 दिन के भीतर अपना दस्तावेज  दिखाना ही होगा।

सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिवक्ता अश्वनी दुबे ने बताया कि अगर यातायात पुलिस आपके यह कहने के बावजूद की आपके पास कागजात हैं और वह लाकर दिखा सकता है , इसके बावजूद अगर आपका ट्रैफिक पुलिस चालान काटती है तो यह गैर कानूनी है । इस तरहं से यदि पुलिस चालान काटती है, तो इसका मतलब यह नहीं कि आपको चालान भरना ही होगा ट्रैफिक पुलिस के चालान को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है, अगर कोर्ट को लगता है कि चालक के पास सभी दस्तावेज हैं और उसको इन दस्तावेजों को पेश करने के लिए 15 दिन का समय नहीं दिया गया, तो वह जुर्माना माफ कर सकता है ।

और 15 दिन का समय मिलने के पहले यदि आप अपना कागज दिखाते हैं तो आपको भारी भरकम जुर्माने से राहत मिल जाएगी

 मान लीजिए किसी वाहन मालिक ने अपना रजिस्ट्रेशन पेपर नही रखा है तो उसपर 2000, लाइसेंस न होने पर 2500 रुपये और प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं है तो 2500 रुपये यानी कुल 7000 रुपये का चालान कटेगा। पर, वाहन चालक 15 दिन में ये सभी पेपर ट्रैफिक पुलिस को दिखा देता है तो इन तीनों की चालान राशि न्यूनतम 100-100 रुपये ही ली जायेगी। यानी अब उसे 100+100+100) का ही जुर्माना भरना पड़ेगा।

 इसके अलावां शराब पीकर गाड़ी चलाना, हेलमेट न पहनना सीट बेल्ट न लगाना ,ट्रैफिक सिग्नलों की अनदेखी करना ,नो पार्किंग जोन में गाड़ी खड़ी करना इन सब का जुर्माना आपको भरना ही होगा।


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1.78 लाख करोड़ के घाटे में NAHI ,वेंटिलेटर पर चल रही हैं सरकारी कंपनियां ,19 बंद

विश्वपति वर्मा_
देश भर की कई दिग्गज सरकारी संस्थाएं जबरदस्त घाटे में चल रही हैं 1.78 लाख करोड़ रुपये के घाटे के साथ भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति जितनी खराब है ठीक वैसे ही स्थिति बीएसएनएल और भारतीय डाक की है जो वेंटिलेटर पर चल रहा है वंही जबरदस्त तरीके से घाटे में चल रही 19 भारतीय कंपनियों को गुपचुप तरीके से बन्द कर दिया गया लेकिन यह मुद्दा कभी मीडिया के लिए डिबेट का हिस्सा नही बना।

मोदी सरकार ने जिन 19 कंपनियों को बंद किया है उसमें तुंगभद्रा स्टील प्रोडक्ट्स लिमिटेड, एच.एम.टी. वॉचेज लिमिटेड, एच.एम.टी. चिनार वॉचेज लिमिटेड, एच.एम.टी. बियरिंग्स लिमिटेड, हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड, एच.एम.टी. लिमिटेड की ट्रैक्टर यूनिट और इंस्ट्रूमैंटेशन लिमिटेड की कोटा यूनिट, जहाजरानी मंत्रालय के अधीन आने वाले केन्द्रीय अंतर्देशीय जल परिवहन निगम लिमिटेड , फार्मास्यूटिकल्स विभाग के इंडियन ड्रग्स और राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के साथ पैट्रोलियम, पर्यावरण, रेल मंत्रालय के अधीन आने वाली कम्पनियां भी शामिल हैं।

 इसके अलावां आई.ओ.सी.एल.-क्रेडा बायोफ्यूल्स, के्रडा एच.पी.सी.एल. बायोफ्यूल्स, अंडेमान निकोबार दीप समूह वन और पौधरोपण विकास निगम पोर्ट ब्लेयर, भारत वैगन एंड इंजीनियरिंग कंपनी, बर्न स्टैंडर्ड कंपनी, हिंदुस्तान आर्गैनिक कैमिकल्स लि. में सभी संयंत्रों का  संचालन बंद होगा।

 नैशनल जूट मैन्युफैक्चरर्स कार्पो., बर्डस जूट एंड एक्सपोर्ट, एस.टी.सी.एल. को भी बंद करने के लिए मंजूरी सरकार की ओर से दी जा चुकी है।

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रविवार, 8 सितंबर 2019

हेलमेट न होने पर 11 हजार जुर्माना भरने के बाद दूसरे दिन युवक ने दारोगा को दिलाया कानून की याद ,हुए निलंबित

NDTV-
एक दिन पहले नए ट्रैफिक कानून के तहत 11 हजार रुपये का जुर्माना भरने वाले नागरिक ने जब दारोगा को कानून की याद दिलाई तो उन्हें पुलिसिया रौब का सामना करना पड़ा. शिक्षक कॉलोनी के कमल कुमार सिंह एक दिन पहले वाहन चेकिंग में पकड़े गए थे और हेलमेट नहीं पहनने और ड्राइविग लाइसेंस नहीं होने पर उनके ऊपर 11 हजार रुपये का जुर्माना लगा था. शनिवार को वे बक्सर के आईटीआई फील्ड के पास खड़े थे और एक दिन पहले उन्हें जांच में पकड़ने वाले नगर थाना के दारोगा रौशन कुमार वहां से बिना हेलमेट के गुजर रहे थे, कमल ने उनसे हेलमेट नहीं पहनने का कारण पूछा तो इससे दारोगा जी भड़क गए. इसके बाद दरोगा युवक को खींचते हुए उसे थाने ले गए. 

शनिवार को ही क्राइम मीटिग के दौरान पुलिस अधीक्षक उपेंद्रनाथ वर्मा ने पुलिस पदाधिकारियों को पुलिस पब्लिक सहयोग की भावना रखने के साथ ही यातायात नियमों का सख्ती से खुद भी पालन करने का पाठ पढ़ाया था. बताया जाता है कि पुलिस आईटीआई के पास वाहन जांच करने में लगी थी. इस बीच शिक्षक कॉलोनी निवासी कमल कुमार ने उन्हें पकड़ने वाले दारोगा रौशन कुमार को बगैर हेलमेट बाइक चलाते देख अचानक रोक लिया और पूछ बैठे कि कल तो आपने मुझे बगैर हेलमेट चलने पर ग्यारह हजार रुपया जुर्माना कर दिया, जबकि आज आप तो खुद ही नियमों का उल्लंघन करते हुए बगैर हेलमेट चल रहे हैं. युवक के मुंह से यह सुनते ही अचानक दारोगा जी भड़क गए. युवक द्वारा पुलिस को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाना बेहद नागवार गुजरा और बाइक से नीचे उतर युवक से उलझ गए. बातचीत से शुरू हुआ मामला थोड़ी देर में झड़प और कुछ देर बाद हाथापाई में तब्दील हो गया. इस दौरान युवक को चारों तरफ से पुलिस ने घेर लिया और घसीटते हुए जबरदस्ती उसे पुलिस वाहन में बैठाकर थाना ले गए. 


पुलिस के इस व्यवहार से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है, क्योंकि इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें पुलिसकर्मी युवक को घसीटते हुए दिख रहा है. थानाध्यक्ष राहुल कुमार ने कहा कि दारोगा ने युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और मामले की जांच चल रही है. नगर थाने में पदस्थापित पुलिस अवर निरीक्षक रोशन कुमार द्वारा हेलमेट को लेकर युवक के साथ हुए विवाद में वायरल वीडियो के आधार पर निलंबित कर लाइन हाजिर कर दिया गया है. इस बात की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि वायरल वीडियो क्लिप को देखने के बाद रौशन कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. एसपी ने बताया कि निलंबन की अवधि में रौशन कुमार को सामान्य जीवन भत्ता प्रदान किया जाएगा. निलंबन की अवधि में वह जिला मुख्यालय में बने पुलिस केंद्र में ही रहेंगे. दूसरी तरफ हिरासत में लिए गए युवक को भी रिहा कर दिया गया है. 

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चन्द्रयान 2 की आलोचना कर फंस गए पाकिस्तानी मंत्री, अपने ही घर मे हुए ट्रोल


BBC-

पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीक मंत्री चौधरी फ़वाद हुसैन ने भारतीय अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान 2 की आंशिक असफ़लता के बाद तीखी टिप्पणियां की हैं.


उन्होंने इस अंतरिक्ष मिशन का मज़ाक उड़ाने के अंदाज में कई ट्वीट किए जिसकी भारतीय सोशल मीडिया यूज़र्स ने कड़ी भर्त्सना की है.

हुसैन ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, "जो काम आता नहीं, पंगा नहीं लेते ना. डियर इंडिया"

इसके बाद कई पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूज़र्स ने अपने अपने तर्कों के साथ उनकी आलोचना की.

अलजज़ीरा से जुड़ीं वरिष्ठ पत्रकार आलिया चुगताई लिखती हैं, "ये बेहद अनुचित बात है. ख़ास तौर पर इस समय. काश, मंत्रियों में थोड़ी परिपक्वता होती."

एक अन्य पाकिस्तानी ट्विटर यूज़र दानिका कमल लिखती हैं, "हमारे पास मुश्किल से एक शहर से दूसरे शहर तक ले जाने के लिए एक एयरलाइन है. चांद तक जाने की बात तो भूल ही जाइए. अंकल अब आप बैठ जाइए."

वहीं, एक पाकिस्तानी वकील ने ट्विटर पर लिखा है, "भारत के क्रैश मिशन की असफलता का मज़ाक उड़ाना कुछ ऐसा है कि स्थानीय यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के ड्रॉपआउट से तुलना करें. हम मून तक जाने की रेस में भी नहीं हैं. हमें अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को विकसित करने की ज़रूरत है. नहीं, तो हमें आख़िर में शर्मसार होना पड़ेगा."

एस अली रज़ा बुख़ारी लिखते हैं, "मुझे नहीं पता है कि हम लोग उनका मज़ाक क्यों उड़ा रहे हैं. उन्होंने कम से कम कोशिश तो की है. और वो इसमें सफल होने के काफ़ी करीब भी है. ये सिर्फ़ खराब किस्मत की बात थी. उन्हें कोशिश करने के लिए पूरे नंबर मिलने चाहिए."

अल्ताफ़ बट्ट लिखते हैं, "अल्लाह के लिए रुक जाइए, आप साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर हैं. भारत को उनका मून मिशन रोकने का लेक्चर देने की जगह आप उस तारीख़ की घोषणा कर सकते थे जब आप भारत से पहले चांद तक पहुंचेंगे. इसे एक अवसर की तरह लीजिए."

ट्विटर यूज़र हम्माद अज़ीज लिखते हैं, "हम सभी उन्हें ट्रोल कर रहे हैं, जिनमें मैं भी शामिल हूं. लेकिन मंत्री जी, उन्होंने कोशिश तो की है और उनके अंदर अपनी असफलता स्वीकार करने का साहस तो है. मज़ाक की बात छोड़ दें तो ये इस कॉन्टिनेंट के लिए एक उपलब्धि है."

इसके साथ ही एक अन्य छात्र मुहम्मद वसीम लिखते हैं, "ये हमारे साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर हैं जिनकी सोच है अंतरिक्ष में एक मिशन भेजना और चांद की कक्षा तक पहुंचना, पागलपन से भरा मिशन है और ये पैसे की बर्बादी है.

काशिफ़ इनायत ने ट्वीट कर लिखा है, "डियर आसिफ़ साहब, इसरो ने शानदार काम किया है. वैज्ञानिक समुदाय के सदस्य होने के नाते मैं इसरो को लगभग सफल मिशन के लिए बधाई देना चाहता हूं. हां, इसरो फेल हुआ है क्योंकि ये एक कठिन काम था. लेकिन उन्हें अहम डेटा मिला है जोकि उन्हें उनके अगले मिशन में मदद देगा.

वे लिखते हैं, "मैं ये सलाह देना चाहता हूं कि पड़ोसियों को चिढ़ाने की जगह पाकिस्तान की साइंटिफिक कम्युनिटी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. मैं एक बार फिर इसरो को उनके प्रयासों के लिए बधाई देना चाहूंगा."

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शनिवार, 7 सितंबर 2019

चन्द्रयान- 2 का 11 साल की यात्रा ,जीत के मंजिल पर पंहुचने से चूका


जंग वही जीतता है जो मैदान में उतरता है ,हार और जीत तो एक सिक्के का दो पहलू है।



विश्वपति वर्मा_
भारत शुक्रवार की रात इतिहास रचने से दो क़दम दूर रह गया. अगर सब कुछ ठीक रहता तो भारत दुनिया पहला देश बन जाता जिसका अंतरिक्षयान चन्द्रमा की सतह के दक्षिणी ध्रुव के क़रीब उतरता.


इससे पहले अमरीका, रूस और चीन ने चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैन्डिंग करवाई थी लेकिन दक्षिणी ध्रुव पर नहीं. कहा जा रहा है कि दक्षिणी ध्रुव पर जाना बहुत जटिल था इसलिए भी भारत का मून मिशन चन्द्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर दूर रह गया.

शुक्रवार की रात चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह पर बस उतरने ही वाला था कि लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया. संपर्क टूटने से पहले चंद्रमा की सतह से दूरी महज 2.1 किलोमीटर बची थी.

प्रधानमंत्री मोदी भी इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए इसरो मुख्यालय बेंगलुरु पहुंचे थे. लेकिन आख़िरी पल में चंद्रयान-2 का 47 दिनों का सफ़र अधूरा रह गया.

चन्द्रयान 2 के इतिहास के बारे में बता दें कि 12 नवम्बर 2007 को इसरो और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी (रोसकोसमोस) के प्रतिनिधियों ने चंद्रयान-2 परियोजना पर साथ काम करने के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसमे बताया गया कि ऑर्बिटर तथा रोवर की मुख्य जिम्मेदारी इसरो की होगी तथा रोसकोसमोस लैंडर के लिए जिम्मेदार होगा.
भारत सरकार ने 18 सितंबर 2008 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस अभियान को स्वीकृति दी थी अंतरिक्ष यान के डिजाइन को अगस्त 2009 में पूर्ण कर लिया गया जिसमे दोनों देशों के वैज्ञानिकों ने अपना संयुक्त योगदान दिया.
हालांकि इसरो ने चंद्रयान -2 कार्यक्रम के अनुसार पेलोड को अंतिम रूप दिया। परंतु अभियान को जनवरी 2013 में स्थगित कर दिया गया। तथा अभियान को 2016 के लिये पुनर्निर्धारित किया। क्योंकि रूस लैंडर को समय पर विकसित करने में असमर्थ था। रोसकोसमोस को बाद में मंगल ग्रह के लिए भेज़े फोबोस-ग्रन्ट अभियान मे मिली विफलता के कारण चंद्रयान -2 कार्यक्रम से अलग कर दिया गया। तथा भारत ने चंद्र मिशन को स्वतंत्र रूप से विकसित करने का फैसला किया।जिसे 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा रेंज से भारतीय समयानुसार 02:43 अपराह्न को सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किया गया था।

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