शनिवार, 31 अगस्त 2019

अपने बुरे दिनों के दौर से गुजर रहे हैं रानू मंडल के गाये हुए गाने को लिखने वाले संतोष आनंद

विश्वपति वर्मा_

ये बॉलीबुड के अभिनेताओं ने भी समय समय पर देश के गरीबों के नाम पर खूब व्यापार किया है ,बॉलीबुड हो या  किसी और पर्दे की बात करें जंहा भी गरीब या गरीबी से जुड़ी हुई पहलुओं पर फ़िल्म का निर्माण किया गया है वँहा देश के नागरिकों ने जमकर धनवर्षा किया है ,जिसमे फायदा केवल और केवल फ़िल्म जगत को हुआ है ।

हाल ही में गायक हिमेश रेशमिया ने अपने अपकमिंग फिल्म हैप्पी हार्डी एंड हीर' में रेलवे स्टेशन पर गाना गाकर जीवन यापन करने वाली रानू मंडल को गाने का मौका दिया ,जिससे एक तरफ जंहा रानू मंडल विख्यात हो गईं वंही हिमेश रेशमिया सहित फ़िल्म जगत के तमाम कलाकरों के तारीफों के पुल बांधे जा रहे हैं।

  लेकिन क्या आपको पता है कि इस गाने को लिखने वाले गीतकार संतोष आनंद आज बदहाली में जीवन गुज़ार रहे हैं पांच साल पहले उनके बेटे और बहू ने सुसाइड कर लिया था। इस घटना के बाद वह बुरी तरह से टूट गए आज उनकी स्थिती यह है कि कार्यक्रमों में गाना गाकर अपना पेट पाल रहे हैं लेकिन हिमेश रेशमिया या किसी अन्य कलाकारों ने कभी संतोष आंनद के विपरीत परिस्थितियों में उनका साथ देना  उचित नही समझा जबकि रानू मंडल यानी एक गरीब असहाय गायिका को अपने फ़िल्म में गाने का मौका देकर फ़िल्म का प्रमोशन फ्री में करा लिया है ,कौन जान रहा था हिमेश के फ़िल्म के बारे में लेकिन अब हर किसी को उस फिल्म को देखने का इंतजार है कि आखिर कब वह फ़िल्म आएगी जिसमे एक रेलवे स्टेशन पर गाना गाने वाली गरीब महिला को फिल्म में जगह मिल गया यानी बात साफ है कि गरीब और गरीबी के नाम पर एक फ़िल्म की टीआरपी आसानी से बढ़ गया अब रोकरके आंसू बहाएं संतोष आनंद जिसके पास रानू मंडल को देखने के लिए अपना स्मार्टफोन भी नही है।

लेबल:

फ़ोटो सेशन और अखबार के पन्नों पर जगह बनाने की चाहत कम करें जिम्मेदार ,तब बने बात

विश्वपति वर्मा_
हत्या,बलात्कार,छेड़छाड़ ,डकैती, लूटपाट, अपहरण, मारपीट, ठगी, चोरी, साइबर क्राइम जैसी घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं,फरवरी 2017से जुलाई 2019 तक केवल राजधानी लखनऊ के आंकड़े बताते हैं कि जंहा पर मुख्यमंत्री समेत सभी विभागाध्यक्ष रहते हैं वँहा 40 हत्याएं ,छेड़छाड़ व बलात्कार,20 डकैती,29 लूट और अपहरण, 328 चोरी और मारपीट ,45 साइबर क्राइम की घटनाएं हुई हैं ,यह आंकड़ा केवल सरकार के आस पास का और सरकारी है इसके अलावां पूरे देश और प्रदेश की घटनाओं पर नजर दौड़ाएं तो उत्तर प्रदेश में इस तरहं की घटनाओं में 20 से 41 फीसदी तक बढ़ोतरी दर्ज हुई है।

ऐसी स्थिति को देखते हुए एक बड़ा सवाल पैदा होता है कि आखिर इस तरहं के गतिविधियों का सबसे बड़ा कारण क्या है ?आखिर सरकार अपने नागरिकों को कौन सी शिक्षा दे रही है कि लोगों में समता और बंधुता की भावना आने के बजाय लोग एक दूसरे के प्रति और अधिक क्रूर बनते जा रहे हैं .क्या ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए सरकार के पास कोई व्यवस्था नही है या फिर सरकार यह सोचकर बैठी हुई है कि इस तरहं की घटनाएं ऐसे ही होते रहेंगे।

हमे लगता है कि सरकार को ऐसा अभियान चलाना चाहिए जिसमें इंसान का इंसान से भाईचारा बढ़े लोगों में सद्भावना आये लोग एक दूसरे से नफरत करना कम करें हिंसा की बात न सोचें .लेकिन यह काम टीवी पर विज्ञापन देकर न किया जाए इसके लिए सरकार को सबसे पहले अपने तानाशाह अधिकारियों को सुधरने की नसीहत देनी चाहिए इसके बाद प्रदेश के समस्त 59163 ग्राम पंचायतों में लगातर 1 महीने तक रात्रि चौपाल लगाकर लोगों को सरकारी योजनाओ समेत उनके दायित्यों और कर्तव्यों के प्रति जागरुक करना चाहिए.लेकिन यह ध्यान रहे यह कार्य केवल फोटो सेशन और अखबार के पन्नों में जगह बनाने के लिए न किया जाए।

लेबल:

शुक्रवार, 30 अगस्त 2019

भाजपा विधायक ने कहा प्रदेश में बढ़ा भ्रष्टाचार,95 फीसदी अधिकारी अवसादग्रस्त

विश्वपति वर्मा-

हरदोई के भाजपा विधायक श्याम प्रकाश ने कहा कि प्रदेश के 95% अधिकारी भ्रष्टाचार के अवसाद ग्रसित हैं।

जगह जगह कमीशनखोरी की धनराशि बढ़ रही है।अधिक कमीशन की मांग के कारण जायज भुगतान और काम नही हो पा रहे हैं जिसका परिणाम है कि ठीकेदार, किसान ,व्यापारी आम आदमी आत्महत्या कर रहा है।

अपनी फेसबुक वॉल पर लिखते हुए विधायक ने मुख्यमंत्री से अपील किया कि इस मामले में गंभीरता लेते हुए संज्ञान लिया जाए।

विधायक ने यह बात ठीकेदार द्वारा मुख्य अभियंता के सामने खुद को गोली से उड़ा लेने के बाद एक समाचार पत्र को साझा करते हुए लिखा

बता दें कि कमीशनखोरी के चलते बिल भुगतान न होने के नाते ठीकेदार अवधेश श्रीवास्तव ने वाराणसी में लोकनिर्माण विभाग में मुख्य अभियंता के चेंबर में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर लिया था ।

बताया जा रहा है कि विभाग ने अवधेश श्रीवास्तव का लगभग 10 करोड़ रुपये के बिल का भुगतान रोक रखा था।

लेबल:

गुरुवार, 29 अगस्त 2019

समुद्र के रास्ते भारतीय क्षेत्र में घुसे पाकिस्तानी कमांडो ,बंदरगाहों पर अलर्ट जारी

कच्छ क्षेत्र के जरिए पाकिस्तानी कमांडो के भारतीय क्षेत्र में घुसने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद गुजरात में सभी बंदरगाहों को अलर्ट पर रखा गया है. सूत्रों ने मीडिया को बताया कि गुजरात में सांप्रदायिक दंगे या आतंकी हमले के लिए ये कमांडो समुद्र के रास्ते भारतीय क्षेत्र में घुस सकते हैं. अडानी पोर्ट्स और SEZ के बयान के मुताबिक 'तटरक्षक बल स्टेशन से सूचना मिली थी कि पाकिस्तान प्रशिक्षित कमांडोज ने हरमी नाला क्षेत्र के जरिए कच्छ की खाड़ी में प्रवेश किया है. माना जाना रहा है कि ये कमांडोज पानी के अंदर हमला करने के लिए प्रशिक्षित हैं.'
                    प्रतीकात्मक तस्वीर
साथ ही बताया गया है, 'इसलिए गुजरात में किसी भी तरह की प्रतिकूल परिस्थिति से निपटने और सुरक्षा के उपाय करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. यह सलाह दी गई कि मुंद्रा पोर्ट के सभी जहाज अत्यंत सुरक्षा उपाय करें और सतर्क निगरानी बनाए रखें.'

कच्छ में कंडला पोर्ट ट्रस्ट के नाम से जाने जाते रहे दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट के सिगनल सुपरिंटेंडेंट के दस्तखतों के साथ जारी अलर्ट में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाए जाने को कहा गया है, जिसमें 'तैयारी और सतर्कता की चरम स्थिति' बनाए रखना, कमज़ोर पड़ सकने वाले इलाकों में अधिकतम उपलब्ध संसाधनों तथा कर्मियों की तैनाती, तट के निकट संदिग्ध व्यक्तियों व नौकाओं पर नज़र रखना, तट के आसपास गश्त लगाते रहना और आसपास के घरों तथा दफ्तरों में सभी वाहनों की तलाशी लिया जाना शामिल हो.

यह अलर्ट कश्मीर को लेकर भारत सरकार द्वारा किए गए फैसलों तथा पाकिस्तान की ओर से पिछले कुछ हफ्तों में जारी किए गए आक्रामक बयानों से भारत व पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव के चलते जारी किया गया है.

लेबल:

बुधवार, 28 अगस्त 2019

मोदी सरकार के गलत आर्थिक नीतियों के कारण चौपट हुई अर्थव्यवस्था


मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियो और गलत निर्णयों का परिणाम है कि आज देश की अर्थव्यवस्था के सामने इधर कुआं उधर खाई जैसी स्थिति पैदा हो गई है

कल वित्तमंत्री ने भरी हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से मिले फंड को कैसे खर्च किया जाएगा, इसका निर्णय अभी नहीं लिया गया है.

लेकिन सब जानते है कि यह सिर्फ दिखावा है अंदर ही अंदर यह निर्णय बहुत पहले लिया जा चुका है कि इस बड़ी राशि को किस मद में लगाया जाएगा.....

कल ही कोटक इक्विटीज  ने इस सरप्लस फंड को सरकार को ट्रांसफर किये जाने की असली वजह का खुलासा किया है रिपोर्ट में कहा गया है कि 'सरकार को वित्त वर्ष 2019-20 के बजट अनुमानों की तुलना में आरबीआई से 58,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलेंगे. इससे जीएसटी राजस्व में होने वाली 1,500 अरब रुपये की कमी को भरने में कुछ मदद मिलेगी, लेकिन कमजोर कर राजस्व के कारण सरकार के खजाने पर दवाब बना रहेगा.' सरकार को केवल मामूली राहत मिलेगी, जबकि GST राजस्व में कमी के कारण वित्तीय घाटे को लक्ष्य के अंदर रखना मुश्किल होगा

यानी साफ है कि दोषपूर्ण टैक्स व्यवस्था जीएसटी के कारण इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन पर विपरीत असर पड़ा है देश में सरकारी वित्त का प्रबंधन कठिन होता जा रहा है क्योंकि राजस्व संग्रह कम है और व्यय प्रतिबद्धताएं बहुत अधिक हैं। इसी कारण एक बड़ा गैप पैदा हुआ जिसे इस बड़ी रकम से भरे जाने की जरुरत महसूस की जा रही हैं

इसके अलावा इस वर्ष जो टैक्स कलेक्शन के लक्ष्य दिए गए हैं वह इस रुके हुए जीएसटी कलेक्शन से पूरे होने वाले नही है गत वित्त वर्ष में कुल राजस्व सकल घरेलू उत्पाद के एक फीसदी तक कम रहा। हालांकि केंद्रीय बजट में इस तथ्य को जनता से छिपाने का प्रयास किया गया। यह कमी पूरी तरह जीएसटी के कारण रही जो गत वर्ष के बजट अनुमान से कम संग्रह कर सका।

CAG ने भी अपनी रिपोर्ट में इस बात को स्वीकार किया है कि जीएसटी लागू होने के पहले साल के दौरान कर संग्रह सुस्त रहा। अपने इस बात की पुष्टि करने के लिए सीएजी ने कहा कि केंद्र सरकार का अप्रत्यक्ष कर संग्रह 2017-18 में सुस्त होकर 5.80 प्रतिशत रह गया, जो 2016-17 में 21.33 प्रतिशत था।

हालात अब तो इतने बिगड़ चुके हैं कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के सदस्य रथिन रॉय सरकार से अनुरोध किया कि मध्यावधि राजकोषीय खाके को लेकर एक श्वेत पत्र जारी किया जाए। उनका मानना है कि 2019-20 के लिए बजट में निर्धारित कर संग्रह लक्ष्य हासिल करना मुश्किल हो सकता है रॉय ने कहा, 'मेरे पेशेगत फैसले के हिसाब से आप उतना कर संग्रह करने में सक्षम नहीं होंगे, जितना 2019-20 के बजट मेंं अनुमान लगाया गया है। ऐसे में या तो आपको और ज्यादा उधारी लेनी पड़ेगी, या आपको खर्च में कमी करनी होगी।' उन्होंने आगे कहा, 'अगर आप ज्यादा उधारी लेते हैं तो इसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा, या अगर आप कम खर्च करते हैं तो उसका भी असर होगा।'.......

यह इधर कुआ उधर खाई वाली स्थिति है यही स्थिति तब भी पैदा हो रही है जब सरकार वस्तुओं से जीएसटी की दरें कम करने की बात करती है तो भी मुश्किल है ........समस्या यह है कि सरकार यह कहती है कि दरों में कटौती आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए की गई है तो वह बढ़ोतरी कहां है?उपभोग कहाँ बढ रहा है? , माँग क्यो नही पैदा हो रही?.... कारोबारियों में उत्साह की भावना क्यों नहीं नजर आ रही है? .....अगर लोगों के पास इतनी अधिक धनराशि है तो खपत में इजाफा क्यों नहीं आ रहा है और निवेश बढ़ता हुआ क्यों नहीं दिख रहा?.......

यानी ऐसी स्थिति है कि यदि जीएसटी की दरें कम की जाती है तो भी नुकसान है और बढ़ती है तो भी नुकसान है ........जीएसटी अब ऐसा भंवर बन गया है कि जिससे निकल पाना अब असम्भव लग रहा है और यह सब मोदी सरकार की बिना सोचे समझे बेहद जल्दबाजी में GST लागू कर देने का नतीजा है.

गिरीश मालवीय

लेबल:

मंगलवार, 27 अगस्त 2019

यूपी/पुलिस की पिटाई से युवक की मौत के बाद थाना प्रभारी एवं चौकी इंचार्ज निलंबित

अमेठी: उत्तर प्रदेश के अमेठी शहर की इंहौना पुलिस चौकी में एक आरोपी की हिरासत में मौत के बाद दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.पुलिस अधीक्षक ख्याति गर्ग ने बताया कि चोरी के संदेह में हिरासत में लिए गए राम अवतार चौधरी (35) की रविवार को इंहौना पुलिस चौकी में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी.उन्होंने बताया कि अवैध रूप से हिरासत में रखने और मानवाधिकार उल्लंघन का प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने के बाद थाना प्रभारी एंव चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है. मामले की मजिस्ट्रेट जांच भी कराई जा रही है.पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उपरोक्त मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशानिर्देश का अनुकरण करते हुए सबसे पहले मजिस्ट्रेट के सामने पंचायतनामा करवाया गया. उसके बाद पैनल से शव का पोस्टमॉर्टम करवाया गया है, जिसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई है.
                        प्रतीकात्मक तस्वीर
ख्याति गर्ग ने बताया कि अयोध्या क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक संजीव कुमार ने भी रविवार देर शाम घटनास्थल का दौरा कर हालात का जायजा लेने के बाद जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की.इन्हौना चौकी में 25 अगस्त को पुलिस हिरासत में संदिग्ध हालात में आरोपी राम अवतार चौधरी की मौत हो गई थी. मृतक के पिता राम अभिलाख एवं माता रामपति का आरोप है कि पुलिस ने पीट-पीट कर उनके बेटे को मार डाला.

लेबल:

सोमवार, 26 अगस्त 2019

सुरक्षाबलों का वाहन समझ कर दक्षिण कश्मीर में हुआ पथराव ,एक कश्मीरी की मौत

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में रविवार शाम प्रदर्शनकारियों द्वारा किये गए पथराव में एक कश्मीरी ट्रक चालक की मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि नूर मोहम्मद डार जिले के जरादीपुरा उरानहाल इलाके का रहने वाला था और घटना के समय अपने घर लौट रहा था. इसी दौरान प्रदर्शनकारियों ने उसके ट्रक को गलती से सुरक्षा बलों का वाहन समझकर उस पर पथराव कर दिया. चालक को सिर में चोट लगने के बाद अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
              प्रतीकात्मक तस्वीर

पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारी आम लोगों पर भी पथराव करते रहे हैं और इस महीने की शुरुआत में श्रीनगर शहर में पथराव में 11 वर्षीय लड़की की आंख में चोट आई थी.

जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने अधिकारियों को आरोपियों को पकड़ने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के हवाले से लिखा है कि पत्थरबाज की पहचान करके उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.

लेबल:

रविवार, 25 अगस्त 2019

आईएएस अधिकारी ने दिया इस्तीफा ,कहा ऐसा न करता तो 20 साल बाद लोगों को जवाब क्या देता

विश्वपति वर्मा

 प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के केरल कैडर के एक अधिकारी कन्नन गोपीनाथन जम्मू कश्मीर में लगे आभासी आपातकाल के खिलाफ बोलने के लिए देश में सबसे प्रतिष्ठित मानी जाने वाली अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया.बता दें कि, बीते 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के बाद से वहां पर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं, चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों का पहरा है, संचार सेवाएं पूरी तरह से बंद हैं.

हमारी सहयोगी समाचार संस्था द वायर से बात करते हुए गोपीनाथन ने कहा, ‘यह यमन नहीं है, यह 1970 के दशक का दौर नहीं है जिसमें आप पूरी जनता को मूल अधिकार देने से इनकार कर देंगे और कोई कुछ नहीं कहेगा.’उन्होंने कहा, ‘एक पूरे क्षेत्र में सभी तरह के प्रतिबंधों को लगाकर उसे पूरी तरह से बंद किए हुए पूरे 20 दिन हो चुके हैं. मैं इस पर चुप नहीं बैठ सकता हूं चाहे खुल कर बोलने की आजादी के लिए मुझे आईएएस से ही इस्तीफा क्यों न देना पड़े और मैं वही करने जा रहा हूं.

2012 में आईएएस में शामिल होने वाले गोपीनाथन अरुणाचल-गोआ-मिजोरम-केंद्र शासित प्रदेश कैडर से जुड़े हुए हैं. ऐसा हो सकता है कि उन्हें जम्मू कश्मीर भेजा जा सकता था जिसे एक केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है.इस समय वे दादर एवं नागर हवेली सरकार के साथ जुड़े हुए थे लेकिन 21 अगस्त बुधवार को उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया.गोपीनाथन ने कहा, ‘मैं सार्वजनिक तौर पर तब तक कुछ नहीं कहना चाहता था जब तक कि मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं हो जाता है. लेकिन यह बात तब लीक हो गई जब उनके साथियों ने यह सूचना केरल की मीडिया को बता दी जिनके साथ उन्होंने एक सोशल मीडिया ग्रुप में यह बात शेयर की थी.वायर से बात करते हुए गोपीनाथन ने कहा, ‘बाहरी संकट या सशस्त्र विद्रोह होने पर संविधान आपातकाल लगाने (और स्वतंत्रता को निलंबित करने) की अनुमति देता है, लेकिन कश्मीर में, लोगों की स्वतंत्रता को इस आधार पर रोक दिया गया है कि यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो आंतरिक गड़बड़ी हो सकती है.

44वें संशोधन के बाद किसी भी मामले में आंतरिक गड़बड़ी को आधार बनाते हुए आपातकाल नहीं लगाया जा सकता है.’उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर आपातकाल की तरह यहां पर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई. सब कुछ आईएएस अधिकारियों के कार्यकारी आदेशों पर छोड़ दिया गया है. इसके साथ ही नागरिकों के न्यायिक सहायता मांगने पर रोक भले ही न लगी हो लेकिन अदालतें उन पर कार्यवाही करने को उत्सुक नहीं दिख रही है.’गोपीनाथन खासतौर पर इस साल जनवरी में आईएएस से इस्तीफा देने वाले पूर्व आईएएस टॉपर शाह फैसल की गिरफ्तारी के तरीके को लेकर चिंतित हैं.इस मामले में 19 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट में एक हैबियस कॉर्पस याचिका लगाई गई. ऐसी याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई की जाती है लेकिन अदालत ने कहा कि वह इस मामले पर 3 सितंबर को सुनवाई करेगी.अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ समय से सिविल सेवा से मोहभंग होने के बाद भी कश्मीर की असामान्य स्थिति ने उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया.उन्होंने कहा, ‘अगर मैं एक अखबार का मालिक हूं, तो कल मेरी हेडलाइन सिर्फ ’20’ शब्द होगी क्योंकि यह बीसवां दिन है जब कश्मीर के लोगों से उनकी स्वतंत्रता छीनकर उन पर इन प्रतिबंधों को लगा दिया गया है.’आईएएस छोड़ने के बाद उनकी योजना के बारे में पूछे जाने पर गोपीनाथन ने कहा, ‘मैंने इतनी दूर का नहीं सोचा है. लेकिन आज से बीस साल बाद अगर लोग मुझसे पूछेंगे कि जब देश के एक हिस्से में आभासी आपातकाल लगा दिया गया था तब आप क्या कर रहे थे तब कम से कम मैं यह कह सकूंगा कि मैंने आईएएस से इस्तीफा दे दिया था.’

लेबल:

शनिवार, 24 अगस्त 2019

आखिर ब्राजील में लगी आग को बुझाने के लिए पूरी दुनिया मे क्यों हो रहा विरोध प्रदर्शन


 इस समय ब्राजील के वर्षावन में भयानक आग लगी हुई है जिसके कारण दुनिया भर के देश चिंतित हैं क्योंकि ब्राजील के जंगलों को दुनिया के ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत माना जाता है  ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने अमेज़न के वर्षावन में लगी आग को रोकने के लिए सेना की मदद लेने के आदेश दिए हैं. 

राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने एक आदेश जारी करते हुए प्रशासन को सीमाई, आदिवासी और संरक्षित इलाक़ों में सेना तैनात करने को कहा है.

ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने यह घोषणा यूरोपीय नेताओं के दबाव के बाद की है. दरअसल, फ़्रांस और आयरलैंड ने कहा था कि वह ब्राज़ील के साथ तब तक व्यापार सौदे को मंज़ूरी नहीं देंगे जब तक कि वह अमेज़न के जंगलों में लगी आग के लिए कुछ नहीं करता है.

फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा था कि ब्राज़ील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने जलवायु परिवर्तन पर उनसे झूठ कहा है.पर्यावरण समूहों का कहना है कि यह आग बोलसोनारो की नीति से जुड़ी हुई है जिसे उन्होंने ख़ारिज किया है. वहीं, दूसरे यूरोपीय नेताओं ने भी अमेज़न के जंगलों में लगी आग पर चिंता जताई है.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस आग को 'दिल तोड़ने वाला बताते हुए कहा है' कि यह 'एक अंतरराष्ट्रीय समस्या' है.उन्होंने कहा, "हम ऐसी हर संभव मदद के लिए तैयार हैं जिससे आग रोकी जा सकती है और जिससे पृथ्वी के सबसे बड़े चमत्कार को बचाया जा सकता है."

जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल ने आग को आपातकालीन स्थिति बताते हुए कहा कि यह सिर्फ़ ब्राज़ील के लिए न केवल चौंकाने वाला और भयंकर है बल्कि यह दूसरे देशों के साथ-साथ दुनिया को भी प्रभावित करेगा.बोलसोनारो ने शुक्रवार को कहा कि वह आग से लड़ने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं और इसके लिए वह सेना को भी उतारने का विचार कर रहे हैं.

हालांकि, उन्होंने मैक्रों पर आरोप लगाया कि वह 'राजनीतिक लाभ' के लिए हस्तक्षेप कर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने कहा था कि फ़्रांस में जी-7 सम्मेलन हो रहा है जिसमें ब्राज़ील भाग नहीं ले रहा है और उसमें आग पर चर्चा 'एक अनुपयुक्त औपनिवेशिक मानसिकता' को दिखाता है. पर्यावरण समूहों ने आग से लड़ने की मांग करते हुए शुक्रवार को ब्राज़ील के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन भी किए.

इसके साथ ही लंदन, बर्लिन, मुंबई और पेरिस में ब्राज़ील दूतावास के बाहर कई लोगों ने भी विरोध प्रदर्शन किए.

लेबल:

शुक्रवार, 23 अगस्त 2019

दो सवर्णों ने तार बांध कर बुजुर्ग दलित के शवयात्रा को रोका, बीच पुल से रस्सी के सहारे उतारा गया शव

DB,चेन्नई-तमिलनाडु में एक दलित बुजुर्ग की शव यात्रा को श्मशान घाट तक जाने के लिए सवर्णों ने रास्ता नहीं दिया। इसके बाद लोगों ने मजबूरन अर्थी को रस्सियों के सहारे पुल से नीचे उतारा और इसे लेकर आगे बढ़ गए। मानवीय संवेदनाओं के प्रति सोचने पर मजबूर करने वाली यह घटना वेल्लोर जिले की है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।

बताया जा रहा है कि गांव में श्मशान घाट तक जाने के लिए कोई सरकारी रास्ता नहीं है। दो सवर्णों की जमीन से होकर ही यहां तक पहुंचा जा सकता है। हालांकि, स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इलाके में किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार को रोकने की जानकारी उन्हें नहीं मिली है।

 मृतक कुप्पन (65) के रिश्तेदार ने मीडिया से कहा कि सालों पहले ऊंची जाति के लोगों ने तार खींचकर श्मशान का रास्ता बंद कर दिया था। पुल से नीचे जाने के लिए सीढ़ियां तो हैं, लेकिन यहां से अर्थी लेकर उतरना बड़ा मुश्किल है। हम चाहते हैं कि सरकार सड़क का इंतजाम करे ताकि आगे किसी को ऐसा अपमान न झेलना पड़े। इलाके में 50 से ज्यादा दलित परिवार रहते हैं।

दूसरी ओर, वेल्लोर की कलेक्टर ए षण्मुगा सुंदरम ने कहा कि श्मशान घाट नदी से लगा हुआ है, जो अवैध जमीन पर स्थित है। प्रशासन समस्या का हल निकालने का प्रयास करेगा। रास्ते के लिए कुछ जमीन अधिग्रहित करेंगे और अंतिम संस्कार के लिए एक शेड का निर्माण भी कराया जाएगा।

लेबल:

गुरुवार, 22 अगस्त 2019

योगी सरकार के गौशाला में 134 पशुओं की देखभाल कर रही महिला प्रधान ने लिखा भावुक पत्र

विश्वपति वर्मा (सौरभ)
सूबे में भाजपा की सराकर बनने के बाद से गायों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और उनकी देखभाल के लिए कई फ़ैसले लिए गए खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कान्हा गौशाला बनवाने के निर्देश दिए और इसके लिए अलग से बजट का प्रावधान किया उसके बावजूद भी पशुओं के सामने रहने -खाने की समस्याएं लगातार सामने आ रही हैं जिसका परिणाम है कि ग्राम पंचायत स्तर पर प्रधान और अन्य संरक्षकों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो चुकी है 

इसी क्रम में बस्ती जनपद के रामनगर ब्लाक में आने वाली ग्राम पंचायत नरकटहा की महिला प्रधान श्यामादेवी ने ग्राम पंचायत में संचालित गोवंश आश्रय स्थल की समस्या को तहकीकात समाचार से एक भावुक पत्र के माध्यम से साझा किया .प्रधान ने पत्र में लिखते हुए बताया कि "गौशाला में 134 पशुओं को रखा गया है लेकिन अल्प मात्रा में सरकारी सुबिधा मिलने के नाते पशुओं के लिए चारा ,भूसा, पानी आदि व्यवस्था के लिए संकट खड़ा हो गया है.पशुओं के रहने के लिए मात्र छोटे से टीन शेड की व्यवस्था कराई गई है जिसमे दो दर्जन से अधिक पशु नही आ सकते .जब गांव -गांव बिजली दौड़ाई जा रही है तब गौशाला तक बिजली पंहुचाने के लिए की मांग के बाद भी उजाले की कोई व्यवस्था नही की गई .लगभग डेढ़ सौ की संख्या में पशुओं को लाकर यंहा रखा गया है लेकिन शासन द्वारा यंहा बाउंड्रीबाल लगवाने के लिए भी धन मुहैया नही कराया गया .पशु बाड़े से निकलकर भाग न जाएं और किसानों का फसल बर्बाद न करें इसलिए इसके देखभाल के लिए 12 श्रमिकों को रखना पड़ा है परन्तु अब वह लोग मजदूरी की मांग कर रहे हैं लेकिन धन न होने की वजह से उन्हें मजदूरी देना भी मुश्किल हो गया है.जो लोग पिछले कई महीनों से मजदूरी कर रहे हैं वह सब उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार धन की व्यवस्था कराए ताकि वें घर परिवार चलाने और बच्चों को पढ़ाने के लिए पैंसे का बंदोबस्त कर सकें लेकिन ग्राम प्रधान होने के नाते सारी जिम्मेदारी को इस तरहं से थोप दिया गया है जैसे लगताा है कि सरकार ने यह काम हमारी नैतिक जिम्मेदारी पर सौंप दिया है कि इसके खर्चे का वहन हम करें. इस लिए इस आवाज को हम सभी जिम्मेदार लोगों तक पंहुचाना चाहती हूं जो इस गंभीर समस्या की भौतिक निरीक्षण कर बुनियादी सुविधाओं को प्रदान करने के लिए तैयार हों"
उन्होंने आगे लिखा कि गौशाला में पशुओं को रहने खाने और उजाले की समस्या  न हो इसके लिए उपजिलाधिकारी भानपुर के माध्यम से अतिरिक्त धन के लिए गुहार लगाई थी लेकिन अभी तक किसी प्रकार की सुबिधा उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार लोगों ने गंभीरता नही दिखाई ।
प्रधान के इस भावुक पत्र से शासन-प्रशासन के लोगों पर सवाल खड़ा होता है कि आखिर उनमें इतनी निरंकुशता कैसे बढ गई है कि एक जनप्रतिनिधि की समस्या सुनने के लिए कोई तैयार नही है ,क्या शासन के पास गौशाला संचालित करने के लिए धन की व्यवस्था नही है? या फिर प्रशासन इन सब झमेलों से बचना चाहता है आखिर क्यों नही कोई खुल कर सही बात बताना चाहता है?कोई तो है जो बेशर्म न हो उसे अपनी जवाबदेही तय करनी चाहिए।

लेबल:

मेरा पानी उतरते देख, किनारे पर घर मत बना लेना मैं समुन्दर हूँ, लौट कर जरूर आऊगा _ अमित शाह

आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व गृह मंत्री पी चितम्बरम   इस समय सीबीआई की गिरफ्त में है। करीब 10 साल पहले कुछ ऐसा ही मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुआ था, जब एजेंसियां उनके पीछे पड़ी थीं लेकिन अब समय बदल गया है और खेल भी बदल गया है।


यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान जब पी. चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे, उस वक्त सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामला चरम पर था और इसी मामले में अमित शाह पर कार्रवाई की गई थी। 25 जुलाई 2010 को सीबीआई ने अमित शाह को गिरफ्तार भी किया था और जेल में डाल दिया था।

2010 में गिरफ्तार होने के बाद अमित शाह को गुजरात से बाहर भेजा गया था और 2012 में वापस लौटने पर शाह ने एक शेर बोला था जो इस तरह है- होता है मेरा पानी उतरते देख, किनारे पर घर मत बना लेना मैं समुन्दर हूँ, लौट कर जरूर आऊगा

बता दें कि चिदंबरम 29 नवंबर, 2008 से 31 जुलाई 2012 तक देश के गृह मंत्री रहे थे। अब समय का चक्कर घूमा है और अमित शाह देश के गृह मंत्री और सीबीआई-ईडी पी. चिदंबरम को जेल में डालने के लिए तैयार हैं।

लेबल:

बदहाली-यूनिफॉर्म वितरण में दलाली, टेंडर के नाम पर हो रहा मनमानी

बस्ती-

सरकार द्वारा अपने विभागों के माध्यम से जनता के समक्ष उच्चस्तरीय गुणवत्ता वाले सामान को परोसने के चाहे जितने प्रयास कर लिए जाएं लेकिन प्रशासन और स्थानीय जिम्मेदार लोगों में व्याप्त भ्रष्टाचार और परंपरा बन गई कमीशनखोरी की वजह से धरातल पर सरकार के सारे दावे फेल नजर आते हैं।

ताजा मामला जनपद बस्ती से बेशिक शिक्षा विभाग से जुड़ी हुई है जंहा पर स्कूलों में ड्रेस वितरण के नाम पर जमकर मनमानी हो रही है जिसमे सरकारी धन का दुरुपयोग एवं गरीब असहाय बच्चों के साथ सीधा धोखा हो रहा है।

तहकीकात समाचार से बात करते हुए कुमार वस्त्रालय फर्म के प्रोपराइटर प्रमोद चौधरी ने बताया कि उनके पास कपड़े की सिलाई करने वाली यूनिट है जिसे जिला उद्योग से प्रोत्साहित मिला हुआ है उन्होंने बताया कि ;हमने देखा कि स्कूल में बच्चों को वितरित की जाने वाली ड्रेस के सिलाई की गुणवत्ता काफी खराब और जल्द ही कपड़ों में दरारें पड़ जाने (भसकने)  वाली होती थीं इसे देखकर हमने अपने फर्म से उच्च गुणवक्ता वाले ड्रेस की सिलाई करवाने और उसे स्कूल में वितरण करवाने के लिए कपड़े की सिलाई करवाना शुरू किया उन्होंने एक लिखित नोट देकर बताया कि जब हम कपड़ा लेकर स्कूल में गए तब हमारा कपड़ा और सिलाई हर किसी को पसंद आया लेकिन स्कूलों में बात तब बिगड़ जाती जब वें उच्च क्वालटी के ड्रेस को 160-70 में वितरण करने के लिए कहते थे ।
                      प्रतीकात्मक तस्वीर

उन्होंने बताया कि सल्टौआ ब्लॉक के कई दर्जन विद्यालय में हमने चक्कर लगाया लेकिन अधिकांश अध्यापक कम दाम पर ड्रेस बांटने की बात करते जबकि सरकार बच्चों को ड्रेस उपलब्ध करवाने के लिए 300 रुपया प्रति 1 सेट के हिसाब से धन उपलब्ध करवा रही है .उन्होंने आगे लिखा कि जब हमने स्कूलों में बताया कि हम अच्छे कपड़े की क्वालटी और गुणवक्तापरक सिलाई दे रहे हैं तब अधिकांश अध्यापकों ने कहा कि इस कपडे में ऊपर तक कमीशन देना है इसलिए सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई गई धनराशि में ड्रेस खरीदना संभव नही है।

उन्होंने बताया कि ब्लॉक क्षेत्र के कुछ विद्यालय के अध्यापकों द्वार सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई गई धनराशि पर ड्रेस  की खरीददारी की गई लेकिन उनके द्वारा कभी नही कहा गया कि इसमे कमीशन चाहिए कुछ विद्यालय के अध्यापकों द्वारा कहा गया कि ड्रेस की क्वालटी सही होनी चाहिए इसके लिए वह पैंसा दिया जाएगा जो शासन ने उपलब्ध कराया है .उन्होंने कहा कि इसके बावजूद अधिकांश विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा ड्रेस के पैंसे में कमीशनखोरी करने के लिए मनमानी का कार्य किया जिसके चलते बच्चों तक कुछ हद तक ठीक-ठाक ड्रेस पंहुचना असंभव है

टेंडर के नाम पर दलाली

अपनी समस्या को साझा करते हुए प्रमोद ने बताया कि जब वें विद्यालय में ड्रेस लगवाने के लिए चक्कर लगा रहे थे तब उन्हें बताया गया कि अधिक बच्चों वाले विद्यालय में ड्रेस का वितरण टेंडर प्रक्रिया द्वारा की जाएगी ,इसको लेकर उन्होंने बताया कि जब हम टेंडर की प्रक्रिया जानने के लिए विद्यालय और विभागीय जिम्मेदार लोगों से जानकारी चाही तो हर कोई यही कहता कि पहली बार टेंडर हो रहा है इसकी जानकारी हमे नही है जबकि अंदरखाने हुई सांठ-गांठ के चलते अपने चहेतों के नाम पर टेंडर जारी कर दिया गया

इन विद्यालयों में चहेतों को टेंडर देने की एवज में कपड़े की गुणवत्ता को किया गया दरकिनार

फर्म के प्रोपराइटर ने बताया कि काफी दौड़ भाग करने के बाद जब हमे टेंडर डालने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त हुआ तब हमने सारी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय नेवादा ,जगतापुर ,मझौआ बाबू ,बस्थनवा और अमरौली शुमाली विद्यालय में टेंडर पाने के लिए बन्द लिफाफे में कोटेशन दिया. इस सम्बंध में हमे 7 अगस्त को पूर्व माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालय अमरौली शुमाली में टेंडर खोलने के दौरान बुलाया गया जब हम और अन्य फर्म के लोग वँहा पंहुचे तब  ग्राम प्रधान द्वारा शिक्षा समिति के अध्यक्ष के बारे में प्रधानाध्यापक से जानकारी लिया गया तब उनके द्वारा बताया गया कि समिति का अध्यक्ष दूसरे ग्राम पंचायत के हैं जिनके बच्चे इस विद्यालय में पढ़ते हैं इस बात पर कुछ मतभेदों को लेकर ग्राम प्रधान द्वारा उस दिन टेंडर न खोले जाने की बात कहकर दूसरे दिन सबको उपस्थित होने के लिए कहा गया गया लेकिन बाद में बिना कोई जानकारी दिए एक फर्म के नाम पर टेंडर खोल दिया गया ।

उन्होंने बताया कि इसी प्रकार बस्थनवा विद्यालय में टेंडर खोलने के दौरान हमको बुलाया गया लेकिन प्रधानाध्यापक द्वारा पहले यह कहा गया कि आपके कपडे की गुणवक्ता सही नही है लेकिन उस दौरान मौजूद वँहा कुछ ग्रामवासी एवं शिक्षा समिति के लोगों ने कहा कि कुमार वस्त्रालय द्वारा दी गई कोटेशन में कपडे की गुणवत्ता काफी सही है इस लिए इस कपड़े को ही वितरित करवाने के लिए फर्म को आमंत्रित किया जाए इस बात पर असहज महसूस करने के बाद प्रधानाध्यापक ने यह कहते हुए कोटेशन को खारिज कर दिया गया कि इसमें नियमानुसार औपचारिकताओं को पूरा नही किया गया है,एक और जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष में इस विद्यालय पर ड्रेस लगवाने के लिए जब प्रधानाध्यापक से सम्पर्क किया था तब उन्होंने 145 रुपये में ड्रेस बांटने के लिए कहा था इतने कम रुपये में ड्रेस बांटने की बात पर विरोध करने के बाद उन्होंने हमारे ड्रेस को स्कूल में लगाने से मना कर दिया था ।

एक और विद्यालय मझौआ बाबू में टेंडर के दौरान हुए मनमानी की जानकारी देते हुए फर्म के प्रोपराइटर ने बताया कि जब टेंडर  खुलने के दौरान हम वँहा उपस्थित हुए तब वँहा शिक्षा समिति का कोई सदस्य उपस्थित नही था इस दौरान फर्म के लोग और प्रधानाध्यापक उपस्थित थे लेकिन कपड़े की गुणवत्ता जांचे परखे बगैर प्रधानाध्यापक द्वारा एक फर्म को यूनिफॉर्म वितरित करने के लिए आमंत्रित कर दिया गया जिसके चलते वँहा भी टेंडर प्रक्रिया में हमे निराशा हाथ लगी ।

फिलहाल अभी आगे यह देखना होगा कि जिन विद्यालयों की बात हुई है उसमें वितरित होने वाले ड्रेस की गुणवत्ता सरकारी मानकों पर खरा उतरता है या नही यह बात बच्चों को ड्रेस मिलने और उसके उपयोग के बाद ही पता चल सकेगा .हालांकि यह स्पष्ट है कि अधिकांश विद्यालयों द्वारा ड्रेस वितरण के नाम पर जमकर  भ्रष्टाचार पूर्व में किया जा चुका है जंहा पर ड्रेस में 25 रुपये से लेकर 60 रुपये तक का कमीशन फर्म से लिया गया है तो यह अपेक्षा रखना गलत होगा कि बच्चों को मानक के अनुसार ड्रेस मिल पायेगा।

लेबल:

बुधवार, 21 अगस्त 2019

सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल को आधार से जोड़ने का मामला पंहुचा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट फेसबुक इंक की उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है जिसमें उपयोगकर्ता के सोशल मीडिया अकाउंट को आधार नंबर से जोड़ने की मांग करने वाले मामलों को मद्रास, बंबई और मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालयों से सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित करने की मांग की गई है.सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, गूगल, ट्विटर, यूट्यूब और अन्य को नोटिस भेज कर 13 सितंबर तक जवाब देने को कहा.

जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि जिन पक्षों को नोटिस जारी नहीं किए गए हैं उन्हें ईमेल से नोटिस भेजे जाएं.पीठ ने कहा कि उपयोगकर्ता के सोशल मीडिया प्रोफाइल को आधार से जोड़ने के जो मामले मद्रास हाईकोर्ट में लंबित हैं उन पर सुनवाई जारी रहेगी लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं दिया जाएगा. इस मामले पर अगली सुनवाई बुधवार को होनी है.

गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को कहा था कि फर्जी खबरों के प्रसार, मानहानि, अश्लील, राष्ट्र विरोधी एवं आतंकवाद से संबंधित सामग्री के प्रवाह को रोकने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट को उसके उपयोगकर्ताओं के आधार नंबर से जोड़ने की आवश्यकता है.

फेसबुक इंक तमिलनाडु सरकार के इस सुझाव का इस आधार पर विरोध कर रहा है कि 12-अंकों की आधार संख्या को साझा करने से उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता नीति का उल्लंघन होगा.फेसबुक इंक ने कहा कि वह तीसरे पक्ष के साथ आधार संख्या को साझा नहीं कर सकता है क्योंकि त्वरित मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप के संदेश को कोई और नहीं देख सकता है और यहां तक कि उनकी भी पहुंच नहीं है.लाइव लॉ के अनुसार, मद्रास हाईकोर्ट में दायर मामले के स्थानांतरण का विरोध करते हुए तमिलनाडु सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश होते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, ‘आधार के साथ सोशल मीडिया अकाउंट को जोड़ने से फेक न्यूज, पोर्नोग्राफी, राष्ट्रद्रोही सामग्रियों और साइबर दुरुपयोग को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी.’उन्होंने आगे कहा, ‘मद्रास हाईकोर्ट में कई सुनवाइयां हुई हैं. मामले की सुनवाई जल्द ही पूरी हो जाएगी और एक महीने में फैसला आ सकता है.उन्हें (फेसबुक) इस पर आपत्ति नहीं जतानी चाहिए.’इस दौरान उन्होंने ब्लू व्हेल गेम के कारण फैले भय का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा, ‘ब्लू व्हेल गेम की चुनौतियों का सामना करते हुए कई भारतीयों ने अपनी जान दे दी. ऐसी कोई प्रणाली नहीं है जिससे उसे शुरू करने वाले का पता लगाया जा सके. आज भी भारत सरकार इस मामले को सुलझाने का प्रयास कर रही है.’उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी का दावा है कि दो लोगों के बीच होने वाले व्हाट्सएप संदेशों के आदान-प्रदान को कोई तीसरा नहीं पढ़ सकता है और न ही देख सकता है, लेकिन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के एक प्रोफेसर का कहना है कि संदेश को लिखने वाले का पता लगाया जा सकता है.वेणुगोपाल ने कहा, ‘अगर किसी मैसेज के मूलस्त्रोत का पता चल सके, खासकर आपराधिक मामलों में तो यह हमारे लिए बहुत अच्छा होगा.

फेसबुक इंक के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस तरह की महत्व के मुद्दों को केवल सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुना जाना चाहिए न कि किसी हाईकोर्ट द्वारा. जब केंद्र सरकार मामले की जांच कर रही है तब राज्य सरकार ऐसा फैसला नहीं ले सकती है कि वह फेसबुक को उपयोगकर्ताओं का डेटा साझा करने का निर्देश दे.रोहतगी ने यह भी कहा कि फेसबुक-व्हाट्सएप प्रोइवेसी पॉलिसी से जुड़ा हुआ मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इस पर रोहतगी ने पूछा कि फिर आखिर क्यों तमिलनाडु सरकार इस मामले को मद्रास हाईकोर्ट में निपटाना चाहती है.वहीं, व्हाट्सएप की ओर से पेश होते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, ‘व्हाट्सएप में दो लोगों के बीच होने वाले व्हाट्सएप संदेशों के आदान-प्रदान को किसी तीसरे द्वारा नहीं पढ़ सकने और न ही देख सकने के मुद्दे को लेकर केंद्र चिंतित है और इस मामले को देख रहा है. यह भारत सरकार का नीतिगत मुद्दा है.

सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, ‘हमें ऑनलाइन निजता के अधिकारों और भय फैलाने और ऑनलाइन अपराध करने वाले की पहचान करने के कर्तव्य के बीच एक सामंजस्य बैठाने की जरुरत है.’स्थानांतरण याचिका में कहा गया है कि याचिका में आईटी एक्ट, 2000 और आधार अधिनियम, 2016 जैसे केंद्रीय कानूनों की व्याख्या जैसे मामले शामिल हैं इसलिए आदर्श स्थिति यह होगी कि मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट करे.

लेबल:

मंगलवार, 20 अगस्त 2019

400 परिवारों के लिए मात्र 2शौचालय की व्यवस्था पर ममता बनर्जी ने अधिकारियों को लगाई फटकार

 पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने वह काम किया, जो उन्होंने पिछले कई सालों से नहीं किया था. वह हावड़ा में एक झुग्गी बस्ती में गईं, झोंपड़ियों में पहुंचीं, और वहां रहने वालों से उनकी समस्याओं के बारे में बातचीत की.

उन्हें सबसे ज़्यादा गुस्सा जिस बात पर आया, वह था वॉर्ड 29 में नंबर 2 राउंड टैंक पुरानाबस्ती के रहने वाले लगभग 400 लोगों के लिए कुल दो शौचालयों की व्यवस्था.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री अपनी प्रशासनिक बैठक के लिए जाते वक्त इस बस्ती में रुक गई थीं. जब वह बैठक में पहुंचीं, तो उन्होंने शहरी विकास एवं निगम मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम की क्लास लगा दी.


फिरहाद हकीम को उनके उपनाम से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "बॉबी, आपके विभाग को बताया गया था... मैंने यहां आते हुए एक बस्ती का दौरा किया... चार सौ परिवार, दो शौचालय व गुसलखाने... क्यों...? हम झुग्गी-झोंपड़ी विकास के लिए पैसा देते हैं... पार्षद कौन है...? वह क्या कर रहे हैं...?"

कुछ पल खामोशी रही. फिर किसी ने मुख्यमंत्री को बताया कि स्थानीय तृणमूल पार्षद जून, 2017 से हत्या के आरोप में गिरफ्तार है.

लेकिन ममता बनर्जी इससे विचलित नहीं हुईं, और उन्होंने फिरहाद हकीम से कहा, "तो पार्षद किसी मामले में जेल में हैं... लेकिन निगम तो है... उसका प्रशासक भी है... आप अपने वॉर्डों की निगरानी क्यों नहीं कर रहे हैं...? मैं आपसे कह रही हूं, सात दिन के भीतर आपको सभी झुग्गी बस्तियों का दौरा कर उनकी समस्याओं को दूर करना होगा..."


हावड़ा नगर निगम इस वक्त एक प्रशासक के तहत काम कर रही है, क्योंकि पिछले साल दिसंबर में निर्धारित चुनाव अब तक नहीं हो पाए हैं.

उन्होंने गरजते हुए कहा, "ज़्यादा शौचालय - कम से कम छह या आठ - बनाकर देने में क्या समस्या है...? 400 लोगों के लिए दो शौचालय... क्या आप कल्पना कर सकते हैं, क्या होता, अगर यह हालत आपके घर में होती...? अगर प्रावधान है, तो हम उपलब्ध क्यों नहीं करवा सकते...? नागरिक इकाई प्रशासक के तहत काम कर रही है... आप अपना काम तुरंत शुरू कीजिए..."

लेबल:

रविवार, 18 अगस्त 2019

कश्मीर मुद्दे पर यूएनएसी से पाकिस्तान और चीन को झटका भारत ने सभी दलीलों को बंद कमरे में किया ध्वस्त


कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएसी) की एक दुर्लभ एवं बंद कमरे में बैठक बेनतीजा या बगैर किसी बयान के समाप्त हो जाने से इस विषय का अंतरराष्ट्रीयकरण करने में जुटे पाकिस्तान और उसके सहयोगी देश चीन को एक बड़ा झटका लगा है. 


वैश्विक संस्था की 15 देशों की सदस्यता वाली परिषद के ज्यादातर देशों ने इस बात पर जोर दिया कि यह भारत और पाक के बीच एक द्विपक्षीय मामला है. चीन के अनुरोध पर शुक्रवार को बुलायी गयी यह अनौपचारिक बैठक करीब एक घंटे तक चली. उसके बाद संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जुन और पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोदी ने एक-एक कर टिप्पणी की उन्होंने संवाददाताओं का कोई सवाल नहीं लिया. बैठक में हुई चर्चा के बारे में सूत्रों ने बताया कि चीन किसी नतीजे के लिए या पोलैंड द्वारा कोई विज्ञप्ति जारी किये जाने पर जोर दे रहा था. ब्रिटेन ने भी प्रेस विज्ञप्ति की मांग पर चीन का साथ दिया. पोलैंड अगस्त महीने के लिए सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है. 

सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में ज्यादातर का कहना था कि इस चर्चा के बाद कोई बयान या नतीजा जारी नहीं किया जाना चाहिए और आखिरकार उनकी ही बात रही. उसके बाद चीन बैठक से बाहर आ गया और बतौर एक देश उसने बयान दिया. फिर पाकिस्तान ने भी बयान दिया. सूत्रों ने बताया कि यूएनएससी अध्यक्ष ने चर्चा के बाद कहा, ‘पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में उठाने का कोई आधार नहीं है. इस बार भी उसकी बातों में कोई दम नहीं था. कोई नतीजा नहीं निकला, परामर्श के बाद पोलैंड ने कोई बयान नहीं दिया.' संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने मीडिया से कहा कि ‘‘यदि राष्ट्रीय बयानों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की इच्छा के रूप में पेश करने कोशिश की जाएगी'' तो वह भी भारत का राष्ट्रीय रूख सामने रखेंगे. उनका इशारा चीन और पाकिस्तान के बयानों की ओर था. 

सूत्रों के अनुसार सुरक्षा परिषद के ज्यादातर सदस्यों ने माना कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है और उन दोनों को ही आपस में इसका समाधान करने की जरूरत है. यह कश्मीर का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की मंशा रखने वाले पाकिस्तान के लिए एक झटका है. सुरक्षा परिषद में वीटो का अधिकार वाले पांच स्थायी सदस्य देशों में शामिल चीन ने यह बैठक बुलाने की मांग की थी. परिषद की प्रक्रियाओं के अनुसार उसके सदस्य किसी भी मुद्दे पर चर्चा की मांग कर सकते हैं, लेकिन बंद कमरे में बैठकों का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाएगा. सूत्रों के अनुसार सुरक्षा परिषद के सदस्यों के साथ इस चर्चा में भारत ने एक-एक कर सारी दलीलें ध्वस्त कर दी. भारत का यह रूख रहा कि कैसे कोई संवैधानिक मामला शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है, जैसा कि पाकिस्तान ने अनुच्छेद 370 के संदर्भ में दावा किया है.

लेबल:

शनिवार, 17 अगस्त 2019

जम्मू में 12 दिन बाद मोबाइल सेवा बहाल, इंटरनेट के लिए मिला 2G

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली बार कुछ इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की गई है. केंद्र सरकार ने जिन इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की गई है उनमें जम्मू, रियासी, सांबा, कठुआ और उधमपुर जैसे इलाके शामिल हैं. साथ ही कश्मीर घाटी के 50 हजार लैंडलाइन कनेक्शन भी शुरू किया गया है.

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में हिंसा की आशंकाओं के बीच केंद्र सरकार ने मोबाइल इंटरनेट और मोबाइल सेवा बंद करने का फैसला किया था.जिन 17 इलाकों एक्सचेंज में लैंडलाइन सेवाएं शुरू की गई हैं उनमें सिविल लाइन्स क्षेत्र, छावनी क्षेत्र, श्रीनगर जिले के हवाई अड्डे के पास के हैं. मध्य कश्मीर में बडगाम, सोनमर्ग और मनिगम में लैंडलाइन सेवाएं बहाल की गई हैं. वहीं, उत्तर कश्मीर में गुरेज, तंगमार्ग, उरी केरन करनाह और तंगधार इलाकों में सेवाएं बहाल हुई हैं.इंटरनेट के लिए 2G सेवा शुरू की गई है

लेबल: ,

शुक्रवार, 16 अगस्त 2019

कश्मीर में हालात सामान्य सोमवार से खुल जाएंगे स्कूल -दफ्तर-सूत्र


कश्मीर प्रशासन ने जमीनी हालात का जायजा लेने के बाद स्कूल और सरकारी दफ्तर सोमवार को दोबारा खोलने का फैसला किया है.सूत्रों के हवाले से यह बात मीडिया को बताई गई है. वहीं कश्मीर में मीडिया पर लगे बैन को हटाने के लिए दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अगले कुछ दिनों में कश्मीर से पाबंदियां हटा दी जाएंगी. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, 'जमीनी हकीकत का रोजाना जायजा लिया जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट को सुरक्षा एजेंसियों पर भरोसा करना चाहिए.'

बता दें, कश्मीर टाइम्स की एक्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन ने धारा  370 के हटने के बाद घाटी में कामकाजी पत्रकारों पर लगी पाबंदियों को चुनौती दी है. याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए कहा, 'हमने सुबह पेपर में पढ़ा है कि लैंडलाइन सर्विस शुरू हो गई है.  इस पर अनुराधा भसीन की ओर से कहा गया है कि सिर्फ कुछ लैंडलाइन चालू हैं. इस पर केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि कश्मीर टाइम्स जम्मू से छपता है दिन पर दिन सेवाएं शुरू हो रही हैं. हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. 

केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि इनका अखबार रोज छप रहा है. सुरक्षा एजेंसी रोजाना नजर रख रही हैं. हालात का जायजा लिया जा रहा है. कोर्ट को एजेंसियों पर भरोसा करना चाहिए.  कुछ दिन में हालात सामान्य हो जाएंगे.  सभी न्यूज पेपर रिलीज हो रहे है आखिर कश्मीर टाइम्स क्यों नहीं. हम रोज ही थोड़ा-थोड़ा कर के बैन हटा रहे हैं. हर रोज हम परिस्थितियों को देखकर ढील दी रहे हैं.

लेबल:

बुधवार, 14 अगस्त 2019

गरीबी बेरोजगारी भ्रष्टाचार के नियंत्रण पर 72 वर्षों बाद भी सरकारें फेल ,आखिर किस बात की आजादी

विश्वपति वर्मा-

 कल यानी 15 अगस्त को देश अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा आजादी के इस जश्न पर देश के 135 करोड़ की आबादी भी तिरंगा झंडा, जुलूस ,रैली एवं तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से अपने देश की स्वतंत्रता के उपलक्ष्य में रंगारंग कार्यक्रमों में सराबोर रहेगी लेकिन हमे नही लगता कि देश मे कुछ बेहतर हो रहा है जिसके उपलक्ष्य में इतने व्यापक पैमाने पर खुशियां मनाई जाए।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की एक आंकड़े को देखें तो सही मायने में देश भर में महज 11 फीसदी लोग ही आर्थिक और राजनीतिक रूप से आजाद हैं उसके बाद बचे 89 फीसदी लोगों का जश्न केवल नासमझी और दिखावा है।

आज देश भर के अलग- अलग क्षेत्रों के लोगों की अपनी अलग -अलग समस्याएं हैं लेकिन सारी समस्या का हल सत्ता के गलियारे में मौजूद मठाधीश लखनऊ और दिल्ली के एयरकंडीशनर कमरों में बैठ कर कर दे रहे हैं. देश के लोगों की जमीनी हकीकत क्या है यह मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री भी नही समझ पा रहा है.

इस देश मे पढ़े लिखे और अनपढ़ वर्ग से आने वाली एक बड़ी आबादी को जब शासन और प्रशासन की विसंगतियों  पर आवाज उठाने की जरूरत है तब उनके अंदर अभी यह काबिलियत पैदा नही हो पा रही है कि उन्हें कब ,कैसे,कंहा और कौन सा निर्णय लेना है ।

भारत में पढ़े लिखे या गैरपढ़े लिखे लोगों की एक बड़ी आबादी है जिनके पास खुद किसी बात पर निर्णय लेने की क्षमता नही है वह दूसरे लोगों की कही गई बातों पर ही विश्वास कर किसी भी प्रोपोगेंडा का प्रचार -प्रसार करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं वंही कथित बुद्धजीवियों का एक वर्ग तो यह भी कहने लगा है कि फला बात टीबी पर बताई गई है .टीबी पर बताई जाने वाली कौन सी बात उन्हें भा गई मुझे नही पता लेकिन मुझे यह पता है कि टीबी पर बताई जाने वाली हर बात सही नही होती।
विश्वपति वर्मा

आज देखने को मिल रहा है कि देश की 40 फीसदी से अधिक आबादी सरकार की निरंकुशता शासन की उदासीनता और जनप्रतिनिधियों के दोगली नीतियों पर बोलने के लिए सक्षम नही हैं बल्कि उसके उलट यह देखने को मिला है यह वर्ग इन उच्च वर्ग के लोगों के सामने सिर खुकाये खड़ी हुई है।

जिसका परिणाम है की आजादी के 72 वर्षों बाद भी एक बड़ी आबादी बदसे बदतर जिंदगी जीने को मजबूर है,गरीबी ,बेरोजगारी ,भ्रष्टाचार ,चिकित्सा की असुविधा एवं कुपोषण के दायरे में जीने वाले लोगों की संख्या भारत मे बहुसंख्यक है उसके बाद भी हम आने वाले कल के तारीख में 15 अगस्त की खुशियां केवल इस लिए मनाएंगे क्योंकि हमें लगता है कि हम आजाद हैं।

आजादी का जश्न मनाइये और वह भी जोर- शोर से क्योंकि बार्कलेज-हुरुन इंडिया  की रिपोर्ट के अनुसार मुकेश अंबानी प्रति दिन 300 करोड़ रुपया कमाते हैं वंही लगभग 44 करोड़ भारतीय 22 रुपये से कम में जीवन यापन करते हैं.उसके बाद भी लगता है कि हम आजाद हैं.

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय की पीएलएफएस की रिपोर्ट के मुताबिक देश में साल 2017-18 में बेरोजगारी दर पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा बढ़ी है रिपोर्ट में बताया गया है कि 1972 के बाद से बेरोजगारी का यह सबसे बड़ा त्रासदी है .उसके बाद भी लगता है कि हम आजाद हैं.

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की 180 देशों की रिपोर्ट में वर्ष 2019 में भारत को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भ्रष्टाचार और प्रेस स्वतंत्रता के मामले में सबसे ख़राब स्थिति वाले देशों की श्रेणी में रखा गया है.180 देशों की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के मामले में भारत 81 वें स्थान पर हैं जबकि 2016 में 76 वें स्थान पर था यानी कि इन दिनों में भारत मे भ्रष्टाचार और बढ़ा है. उसके बाद भी लगता है कि हम आजाद हैं

72 वर्ष बीत जाने के बाद देश मे व्याप्त इतनी बड़ी-बड़ी एवं गंभीर समस्याओं को देखने के बाद भी यदि आपको लगता है कि हम आजाद हैं तो आप आजादी का जश्न जोर-शोर से मनाइये क्योंकि आजादी के जश्न में हिस्सा तो हमे भी लेना है .लेकिन बीते 72 वर्षों की समीक्षा जरूर कीजियेगा ताकि 73वें वर्ष में अच्छे दिनों की खोज के लिए कुछ करने की इच्छा जाग जाए।

लेबल:

बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए प्राथमिक विद्यालय में हुआ ड्रेस वितरित

सल्टौआ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय पिटाउट में 1 से 5 वीं कक्षा तक नामांकित 111 में से 96 बच्चों को ड्रेस-बेल्ट-टाई वितरित कर उन्हें शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया गया ।

 ड्रेस वितरण कार्यक्रम वि0क्षे0- सल्टौआ के खण्ड शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा उ0प्र0 प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला संयुक्त मन्त्री विजय प्रकाश चौधरी के उपस्थित में शुरू किया गया ।इस मौके पर  अनिल कुमार मिश्रा ने कहा कि क्षेत्र के  6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चे स्कूल पंहुचे और शिक्षा ग्रहण करें यह सरकार की प्राथमिकता है इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए विभाग और शिक्षक लगातर प्रयत्नशील हैं।

ड्रेस वितरण के बाद विद्यालय के प्रधानाध्यापक राम भरत वर्मा ने कहा कि घर -घर जाकर बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और जो बच्चे स्कूल आने से वंचित हैं उन्हें स्कूल भेजने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को निःशुल्क ड्रेस,स्वेटर व जूता मोजा वितरण से विद्यालयों में बच्चों का नामांकन बढ़ा है।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भिरिया के NPRC चंद्रशेखर पाण्डेय,पूर्व ABRC संदेश रंजन, सहायक अध्यापक अब्दुल कादिर, विद्यालय के SMC अध्यक्ष हरिश्चंद्र, बब्बन पाण्डेय,रमेश चन्द्र चौधरी, सौरभ पद्माकर, सहित तमाम अभिभावक मौजूद रहे।

लेबल:

राजनीति से जुड़ी मामलों में सीबीआई के हाथ कमजोर- चीफ जस्टिस

सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई ने मंगलवार को सीबीआई को और स्वायत्तता दिए जाने की वकालत करते हुए कहा कि जब मामला राजनीति से जुड़ा नहीं होता तो सीबीआई काम अच्छा करती है. लेकिन राजनीति से जुड़े संवेदनशील मामलों में सीबीआई पड़ताल मानकों के अनुरूप नहीं होती.

चीफ़ जस्टिस गोगोई ने 18वें डीपी कोहली मेमोरियल लेक्चर के दौरान ये बात कही. उन्होंने इसकी वजहें गिनाईं- क़ानूनी अस्पष्टता, कमज़ोर मानव संसाधन, समुचित पैसे का अभाव, जवाबदेही, राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तक्षेप.

इस दौरान उन्होंने कहा कि सीबीआई की अपनी एक ख़ास जगह है लेकिन इसकी नाकामी ज़्यादा ध्यान खींचती है.

चीफ़ जस्टिस ने सीबीआई को संवैधानिक अधिनियम के ज़रिए नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की वैधानिक स्थिति के बराबर क़ानूनी दर्जा दिया जाना चाहिए.

लेबल:

नोएडा / लेडी कांस्टेबल को हिस्ट्रीशीटर से जेल में हो गया प्यार, बाहर आने पर लिए सात फेरे

नोएडा.इश्क का नशा एक महिला कांस्टेबल पर इस कदर सवार हुआ कि उसने एक हिस्ट्रीशीटर के साथ ही सात फेरे लेने का फैसला कर लिया। गैंगस्टर राहुल पर एक दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वर्ष 2014 में वहजिले के बहुचर्चित मनमोहन गोयल हत्याकांड में जेल गया था। वह5 हजार रुपए का इनामी बदमाश भी रह चुका है।

दनकौर कोतवाली क्षेत्र के ठसराना गांव के रहने वाले बदमाश राहुल ने महिला पुलिसकर्मी से शादी कर फिल्मी कहानी को सच कर दिखाया है। राहुल जब जेल में बंद था तो महिला पुलिसकर्मी की ड्यूटी बंदी गृह पर थी। ड्यूटी के दौरान दोनों के बीच प्रेम परवान चढ़ा और दोनों छिप-छिप कर मिलने लगे। राहुल के जेल से छूटने के बाद दोनों ने शादी रचा ली।

शादी करने के बाद राहुल की पत्नी अपने ससुराल ठसराना गांव आती है, लेकिन राहुल गांव में नहीं देखा जाता। वर्ष 2014 में दनकौर में हुए व्यापारी मनमोहन गोयल हत्याकांड के बाद पुलिस ने अनिल दुजाना गिरोह के बदमाशों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। राहुलअनिल दुजाना गिरोह का शार्प शूटर हुआ करता था।

लेबल:

सोमवार, 12 अगस्त 2019

मुंबई के होटल ने 2 उबले अंडों के लिए वसूले 1,700 रुपये

श्रोत-NDTV

बॉलीवुड अभिनेता राहुल बोस से दो केलों के लिए 442 रुपए वसूलने का मामला तो आपको याद होगा. अब इसी तरह का एक चौंकाने वाला मामला मुंबई में सामने आया है. एक ट्विटर यूजर को मुंबई के फोर सीजन्स होटल में दो उबले अंडों के लिए 1,700 रुपये चुकाने पड़े. कार्तिक धर नाम के शख़्स ने ट्विटर पर बिल की फोटो साझा की है, जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा है, "फोर सीजन्स होटल में दो अंडों की कीमत 1700 रुपये." कार्तिक ने राहुल बोस को भी पोस्ट के कैप्शन में टैग किया है और लिखा है "भाई आंदोलन करें?"'ऑल द क्वींस मेन' के लेखक द्वारा साझा बिल में यह दिखाई दे रहा है कि होटल ने दो आमलेट के लिए भी उनसे उतनी ही कीमत वसूली है. 

वहीं होटल द्वारा इस विवाद पर बयान जारी करना बाकी है. पोस्ट पर एक यूजर ने लिखा है, "इस अंडे के साथ सोना भी निकला है क्या?" वहीं दूसरे ने कमेंट किया है, "मुर्गी पक्का किसी अमीर घर की होगी."  आपको बता दें कि बीते दिनों अभिनेता राहुल बोस से दो केलों के लिए 442 रुपए वसूलने पर JW Marriott पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया था. एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट, चंडीगढ़ द्वारा सीजीएसटी की धारा 11 के उल्लंघन के लिए होटल को जिम्मेदार ठहराया गया. बता दें केले को टैक्स से बाहर रखा गया है और फिर भी उस पर टैक्स लगाया गया था. बोस ने इसका एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म  ट्विटर पर डाला था. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. 

लेबल:

रविवार, 11 अगस्त 2019

राष्ट्रवादी हिन्दू महासभा के पदाधिकारियों ने स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा यात्रा निकालने के लिए किया तैयारी

सल्टौआ। आज दिन में 11 बजे राष्ट्रवादी हिन्दू महासभा ब्लाक इकाई सल्टौआ की ओर से बस्ती- डुमरियागंज मार्ग स्थित पचमोहनी पड़ाव एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करना था।

बैठक की अध्यक्षता ब्लाक अध्यक्ष यशवन्त तिवारी व संचालन जे0पी0 उपाध्याय ने किया। बैठक को सम्बोधित करते हुए जिला प्रभारी उमाशंकर उपाध्याय( सोनू) ने कहा कि आने वाले 15 दिवस के दिन अमर शहीदों की याद में तिरंगा यात्रा निकालकर राष्ट्रीयता के प्रति लोगो को जागरूक करना है उन्होंने कहा कि ऐसे मौके पर प्रत्येक नागरिकों का दायित्व है कि अधिक से अधिक लोगो को संगठन के उदद्श्यों की जानकारी देकर उससे जोड़ना है जिससे हर नागरिक को राष्ट्र नायकों के बारे में सही जानकारी हो ।

ब्लॉक अध्यक्ष यशवन्त तिवारी ने कहा कि 14 अगस्त को दिन में 11 बजे से ब्लाक मुख्यालय सल्टौआ से भानपुर तहसील तक देश के क्रांतिकारियों की याद में तिरंगा यात्रा निकाला जायेगा जिसमें अधिक से अधिक कार्यकर्ता व क्षेत्रीय लोगो के सम्मिलित होने के लिए जनसंपर्क किया जा रहा है।

बैठक में जिला उपाध्यक्ष रूद्रनाथ पाण्डेय, राज पाण्डेय, मन्टू उपाध्याय, दुर्गेश शुक्ला, रवि मिश्रा, मनीष कुमार उपाध्याय, उमेष गौतम, सूर्यभान पाल व अमित सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

लेबल:

व्यस्तता बढ़ रही है, लेकिन सामाजिकता में कमी नही -विश्वपति वर्मा

मित्रों नमस्कार,

आप लोगों के बीच मे पिछले 10 वर्षों से समय देते हुए हमने समाज के वंचित वर्ग के लिए निःस्वार्थ काम किया जिसमें मुख्य रूप से शिक्षा, चिकित्सा की बदहाल व्यवस्था ,अधिकारी-कर्मचारी की उदासीनता ,ब्लॉक से संचालित योजनाओं में व्याप्त भ्रस्टाचार पर नियंत्रण के लिए तमाम ज्ञापन ,धरना प्रदर्शन, आंदोलन करने के साथ पत्रकारिता के माध्यम से सरकारी तंत्र में सुधार की मांग करते रहे।

यह सब करने से किसी को बहुत बड़ा फायदा तो नही मिल पाता है लेकिन एक बहुत बड़े वंचित वर्ग को इन सबका लाभ मिलता है । लेकिन देखने को मिला है कि हम जिसके लिए आवाज बुलंद करते हैं वह खुद अभी निर्णय नही ले पा रहा है कि उसे किसका साथ देना चाहिए।

फिलहाल इस बात की चिंता नही है क्योंकि मुझे पता है कि लोगों में जागरूकता की कमी ,डर और भय का माहौल के साथ अज्ञानता है इस लिए वें निडर होकर सामने नही आ पाते ।

लेकिन स्पष्ट करना चाहता हूं कि समाज के वंचित वर्ग की आवाज को हमेशा बुलंद किया जाएगा ,बशर्ते अब धरना प्रदर्शन और आंदोलन न करके मात्र पत्रकारिता के माध्यम से उनकी आवाज बुलंद की जाएगी क्योंकि धरना प्रदर्शन और आंदोलन के लिए लोगों तक अपनी विचार पंहुचाने और उन्हें जोड़ने के लिए हमारे पास अब वह समय नही है जो मैं पिछले 10 वर्षों से देता रहा हूँ क्योंकि हम राजधानी लखनऊ में एक छोटे से प्रतिष्ठान की देख रेख में व्यस्त हो सकता हूँ।

यह सब करने का उद्देश्य यही रहा है कि हम अपनी निजी आय से निष्पक्ष लेखनी को धार प्रदान कर सकूं क्योंकि मैं पत्रकारिता के मूल्यों को दफन कर अपनी जीविका के लिए अवसर नही तलाश सकता हूँ।

एक और बात यह है कि ,हो सकता है हम हर वंचित वर्ग के लिए अपना समय न दे पाएं इस लिए हमने तय किया है कि हम अपनी आय का 15 फीसदी हिस्सा जागरूकता अभियान एवं असहाय बच्चों की शिक्षा पर खर्च करूंगा ताकि समाज के दबे कुचले लोगों के बेटे-बेटियों को अग्रिम पंक्ति में लाने का सपना पूरा हो सके।



लेबल:

शनिवार, 10 अगस्त 2019

370 खत्म करने के विरोध में तनावपूर्ण माहौल श्रीनगर में हुआ बड़ा प्रदर्शन


भारत प्रशासित कश्मीर में अनुच्छेद 370 को ख़त्म किए जाने के बाद घाटी में तनावपूर्ण माहौल और सुरक्षाबलों की भारी तैनाती के बीच श्रीनगर के सौरा इलाके में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ है.

भारत सरकार का दावा है कि ऐसा कोई बड़ा प्रदर्शन नहीं हुआ, लेकिन बीबीसी ने एक तस्वीर के माध्यम से दिखाया है कि वँहा भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे हैं.

प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे और पैलेट गन का भी इस्तेमाल किया.

लेबल:

शुक्रवार, 9 अगस्त 2019

विधायक कुलदीप सेंगर की मुश्किलें बढ़ी ,अदालत ने MLA पर बलात्कार का आरोप किया तय


दिल्ली की एक अदालत ने 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की के बलात्कार के मामले में बीजेपी से निष्कासित विधायक  कुलदीप सेंगर  के खिलाफ शुक्रवार को आरोप तय किए. जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने सेंगर के साथी शशि सिंह के खिलाफ भी नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में आरोप तय किए. सिंह इस समय दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती है. अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 363 (अपहरण), 366 (अपहरण एवं महिला पर विवाह के लिए दबाव डालना), 376 (बलात्कार) और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पॉक्सो) की प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं.

सीबीआई ने बृहस्पतिवार को अदालत को बताया था कि कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई ने लड़की के पिता पर हमला किया और तीन राज्य पुलिस अधिकारियों एवं पांच अन्य के साथ मिलकर शस्त्र कानून के एक मामले में उसे फंसाया. बीते दिनों खबर आई थी कि दिल्ली के एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता और उनके वकील की हालत नाजुक बनी हुई है और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है. अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है थी.  

लेबल:

मोबाइल पर पाएं अपने गांव में मनरेगा से होने वाले कार्य की सभी जानकारी

विश्वपति वर्मा_

देखने को मिलता है लोग अक्सर गांव में होने वाले मनरेगा के कार्यों की जानकारी के लिए प्रधान और सचिव के पास दौड़ते रहते हैं लेकिन सही जानकारी लोगों को नही मिल पाती लेकिन इसके लिए आपको परेशान होने की जरूरत नही है आप  गाँव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना (मनरेगा) के तहत काम हो रहे या होने वाले या जो हो चुके हैं उन सब की जानकारी  घर बैठे ही मोबाइल के जरिए पा सकते हैं।

आइये आपको बताते हैं कि आप मनरेगा के कामों की कैसे जानकारी ले सकते हैं

सबसे पहले आप गूगल पर हिंदी या अंग्रेजी में mgnrega डाल कर सर्च करिए। सर्च करने के बाद आपको www.nrega.nic.in वेबसाइट का विकल्प दिया हुआ नजर आएगा। आपको सरकार की इस वेबसाइट पर क्लिक करना होगा। क्लिक करने पर आपके सामने ऐसे वेबसाइट खुलकर आएगी।
अपने गाँव के कामों के बारे में आपको जानकारी के लिए इसके बाद आपको वेबसाइट की Panchayats GP/PS/ZP पर क्लिक करना होगा। इसे क्लिक करने के बाद आपके सामने ऐसी तस्वीर सामने दिखाई देगी।
इसके बाद आपके सामने Panchayats का विकल्प खुलकर आएगा, जिसमें आपके सामने तीन और विकल्प होंगे। इन तीन विकल्पों में आपको Gram Panchayats में क्लिक करना होगा। इसके बाद आपके सामने ऐसी तस्वीर सामने होगी।
क्लिक करने के बाद आपके सामने Gram Panchayats में आपके सामने चार विकल्प खुलकर आएंगे। अपने गाँव के बारे में जानकारी के लिए आपको Generate Reports के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
इसे क्लिक के बाद आपके सामने राज्यों का विकल्प दिखाई देंगे। आपको जिस राज्य में हैं, तो उस राज्य में आपको क्लिक करना होगा। अब जैसे आपका गाँव उत्तर प्रदेश में है तो आपको UTTAR PRADESH के विकल्प पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आपको सामने ऐसी तस्वीर होगी।
UTTAR PRADESH में क्लिक करते ही आपके सामने चार विकल्प खुलकर आएंगे, पहला विकल्प Financial Year होगा, इसमें आपको जिन वर्षों के बारे में जानकारी चाहिए, उस पर क्लिक कर इस विकल्प को भरें।
दूसरा विकल्प District है, जिसमें आपको अपने जिले का नाम चुनकर भरना होगा।
तीसरा विकल्प Block है, जिसमें आपको अपने ब्लॉक का नाम चुनकर भरना होगा।
इसी तरह चौथा विकल्प Panchayat का है, जिसमें आपको अपनी पंचायत चुननी होगी।
वेबसाइट में इन विकल्पों को भरने के बाद आप Proceed विकल्प पर क्लिक करेंगे। 

अगला पेज खुलते ही आप देखेंगे कि आपके सामने REPORTS का विकल्प होगा, जिसमें work के अंदर आपको Work Expenditure में क्लिक करना होगा, इसके बाद अगला पेज इस तरह आपके सामने खुलेगा।
अगले पेज में Work Expenditure में आपके सामने तीन विकल्प होंगे, 

 Financial Year, Amount,  कार्यश्रेणी। इन तीनों विकल्पों में ALL विकल्प चुनते ही आपके सामने आपके पंचायत से जुड़े सभी मनरेगा के कामों के बारे में जानकारी सामने आ जाएगी। आपके सामने अगला पेज इस तरह खुलेगा…
इस पेज के खुलते ही आपके सामने आपकी पंचायत और गाँव से जुड़े मनरेगा के सभी कामों की जानकारी होगी कि कितना काम किस वर्ष में कराया गया। आप जान सकेंगे कि कहां-कहां पर काम हुआ, कितने मजदूर लगाए गए, कितना मानदेय दिया गया, इसके अलावा Work Status में आप देख सकेंगे कि कितना काम पूरा हो गया है, उसमें Completed लिखा होगा, इसके अलावा जो मनरेगा के कार्य चल रहे हैं, वहां Ongoing लिखा होगा, इसी तरह आपकी पंचायत में कौन सा काम Approve कर दिया है, उसके बारे में भी जानकारी होगी। इस तरह आप घर बैठे ही अपनी पंचायत में मनरेगा के कामों की जानकारी ले सकते हैं।

लेबल:

गुरुवार, 8 अगस्त 2019

अमेरिका के प्रभावशाली सांसदों ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान को बदले की भावना से बचने के लिए दिया सलाह


अमेरिका के दो प्रभावशाली डेमोक्रेटिक सांसदों ने पाकिस्तान से भारत के खिलाफ 'बदले की कोई भी कार्रवाई' करने से बचने और अपने देश में आतंकवादी समूहों के खिलाफ 'ठोस कार्रवाई' करने को कहा है. पाकिस्तान ने  जम्मू कश्मीर  का विशेष दर्जा हटाने के भारत के कदम को 'एकतरफा और गैरकानूनी' बताते हुए बुधवार को भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को निष्कासित कर दिया और नयी दिल्ली के साथ राजयनिक संबंधों को कमतर कर दिया था. 

सीनेटर रॉबर्ट मेनेंदेज और कांग्रेस सदस्य इलियट एंजेल ने बुधवार को एक संयुक्त बयान में जम्मू कश्मीर में पाबंदियों पर चिंता भी जताई. मेनेंदेज सीनेट की विदेश संबंधों की समिति के शीर्ष सदस्य हैं जबकि एजेंल सदन की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष हैं. उन्होंने बयान में कहा, "पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ कराने में मदद समेत किसी भी तरह की बदले की कार्रवाई से बचना चाहिए और पाकिस्तान की सरजमीं पर आतंकवादी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए."


जम्मू कश्मीर में नजरबंदी और प्रतिबंधों पर चिंता जताते हुए सांसदों ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत के पास अपने सभी नागरिकों को विधानसभा की आजादी, सूचना तक पहुंच और कानून के तहत समान संरक्षण समेत समान अधिकारों की रक्षा करना तथा उनका प्रचार करने की महत्ता को दिखाने का अवसर है. उन्होंने कहा, "पारदर्शिता और राजनीतिक भागीदारी प्रतिनिधि लोकतंत्रों की आधारशिला हैं और हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार जम्मू कश्मीर में इन सिद्धांतों का पालन करेगी."

लेबल:

बुधवार, 7 अगस्त 2019

पाक पीएम इमरान ने सदन में पूछा, क्या हमें भारत पर हमले का आदेश दे देना चाहिए

जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद-370 हटाने और सूबे के पुनर्गठन को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिलने से पाकिस्‍तान बौखला गया है. यह बौखलाहट आज पाकिस्‍तान की संसद में भी नजर आई. दरअसल, विपक्ष के नेता और पीएमएल-एन नेता शहबाज शरीफ  ने कहा कि पाकिस्‍तान सरकार को जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद-370 हटाने के मामले में तीखी प्रतिक्रिया देनी चाहिए.

पीएम इमरान खान ने शरीफ की मांग पर पूछा कि विपक्ष के नेता क्‍या चाहते हैं? क्‍या मुझे पाकिस्‍तानी सेना को भारत पर हमले का आदेश दे देना चाहिए? इमरान और पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अलावा वहां की सेना समेत कई लोग मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर भारत के खिलाफ बोल रहे हैं. वहीं, पाकिस्तान के मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने ट्वीट किया कि मोदी सरकार  कश्मीर को दूसरा फिलस्तीन बनाना चाहती है. पाकिस्‍तान के सांसदों को भारत को खून, आंसू और पसीने से जवाब देना चाहिए. अगर जंग थोपी जाए तो हमें जंग के लिए तैयार रहना चाहिए.

लेबल:

मंगलवार, 6 अगस्त 2019

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का अभी कुछ देर पहले निधन हो गया है भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज को गंभीर हालत में एम्स में भर्ती कराया गया था.सुषमा ने करीब तीन घंटे पहले ही आर्टिकल 370 हटने के बाद ट्वीट किया था,स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, नितिन गडकरी  ,राजनाथ सिंह सहित तमाम दिग्गज नेता एम्स पंहुच गए हैं।

67 वर्षीय सुषमा स्वराज मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री के पद पर रहीं. सुषमा स्वराज विदेश में फंसे भारतीयों की मदद करने और भारत आने की कोशिश कर रहे विदेशियों की मदद कर लगातार सुर्खियों में रहीं. मोदी सरकार की तेज तर्रार मंत्रियों में से एक कही जाने वाली सुषमा स्वराज ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया.

लेबल:

घाटी में गड़बड़ी की आशंका पर अजीत डोभाल ने डाला डेरा, तीन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रशासन कर रही काम

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के कई प्रावधानों को खत्म करने वाले संकल्प सोमवार को राज्यसभा से पारित होने के बाद राज्य से अभी तक कोई अप्रिय हिंसा की खबर नहीं मिली है. लेकिन सरकार के टॉप सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अधिकारियों को अंदेशा है कि एक बार मोदी सरकार के फैसले की जानकारी जम्मू-कश्मीर में फैलती है तो उसके बाद घाटी में गड़बड़ी पैदा हो सकती है.
बता दें कि इस वक्त घाटी में संचार के सभी साधन ठप हैं. लिहाजा सरकार के फैसले की जानकारी वादी के कई इलाकों में नहीं पहुंची है.
सुरक्षा बलों के आंकलन के मुताबिक घाटी में अव्यवस्था फैलने के आसार हैं. वहीं पाकिस्तान भी वादी में भावनाओं को भड़काने की कोशिश करेगा. माना जा रहा है कि हालात खराब करने के लिए पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर गोली बारी कर सकता है और सीमा पार से आतंकवादियों को भारत में भेज सकता है. सेना और प्रशासन अभी तीन चुनौतियों को लेकर जम्मू कश्मीर में काम कर रही है.
पहली चुनौती
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल जम्मू-कश्मीर में कैंप कर रहे हैं और पूरे हालात की निगरानी कर रहे हैं. अजित डोभाल सुरक्षा बलों के अलावा स्थानीय पुलिस से लगातार तालमेल बैठा रहे हैं और हालात पर नजर रखे हुए हैं. सुरक्षा अधिकारियों का अनुमान है कि अलगाववादी मौका पाते ही लोगों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश करेंगे और इसका निशाना सुरक्षा बल हो सकते हैं. हालांकि सेना ने ऐसे तत्वों से निपटने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति की घोषणा की है. इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि आम नागरिकों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं पंहुचे
दूसरी चुनौती
जम्मू-कश्मीर पर सरकार के सामने अब अधिकारों और दायित्वों को पुराने ढांचे से नई प्रशासनिक व्यवस्था में ट्रांसफर करने की चुनौती है. इसके लिए अजित डोभाल युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं और कोशिश की जा रही है कि पावर का सहज स्थानांतरण हो जाए. सरकार का मानना है कि अगर बिना परेशानी के नई व्यवस्था काम करनी शुरू कर देती है तो लोगों की प्रतिक्रिया सहज हो सकती है.
तीसरी चुनौती
पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ से निपटने के लिए सेना की इकाई को और भी मजबूत कर दिया गया है. नियंत्रण रेखा पर जोरदार तैयारी है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के मुख्य क्षेत्र में गड़बड़ियों से निपटने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया गया है.

लेबल: