विश्वपति वर्मा_
नमस्कार ,आकाशवाणी से प्रस्तुत है समाचार प्रभात
समाचार संध्या के साथ मैं चंद्रिका जोशी
अब आप लवलीन निगम से समाचार सुनेंगे
जी हां...ऐसे ही आवाज को आपने भी सुना होगा क्योंकि ये आपके लोकप्रिय रेडियो आकाशवाणी के समाचार वाचक की आवाज है ।
बचपन मे जब मैं पिता जी के पास बैठता था तब वें सुबह 8 बजे और संध्या 8:45 बजे की समाचार सुनते थे तब मैं भी उनके साथ 14 मिनट 56 सेकेंड से लेकर 15 मिनट की समाचार को सुनता था ।
2017 में आकाशवाणी से रिटायर हुए अखिल मित्तल की आवाज जैसे ही रेडियो पर आती थी ऐसा लगता था जैसे आसमान खुद गरज रहा हो,बताते हैं कि एक जमाने मे देवकीनंदन पाण्डेय और अमीन सयानी को जो लोग सुनते थे वो इनकी आवाज के दीवाने हो जाते थे ।
हरि सिंधु, सरिता बरारा ,विमलेन्दु कुमार पाण्डेय यूनुस खान, कमल शर्मा ,अमरकांत दुबे जैसे कई वाचक आज भी करोड़ो श्रोताओं के दीवाने हैं भले ही अब वें रेडियो सेट पर नही आते हैं ।कनकलता, ममता किरण,लवलीन निगम,मुकेश कुमार ,चंद्रिका जोशी जैसे समाचार वाचक रेडियो के चाहने वालों की जिंदगी में आज भी ताजगी घोल रहे हैं।
92 साल का हुआ आकाशवाणी
आकाशवाणी की स्थापना 1927 में 23 जुलाई के दिन की गई थी और उस समय इस सेवा का नाम भारतीय प्रसारण सेवा (इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन) रखा गया था। देश में रेडियो प्रसारण की शुरुआत मुंबई और कोलकाता में सन 1927 में दो निजी ट्रांसमीटरों से की गई। 1930 में इसका राष्ट्रीयकरण हुआ और 1957 में इसका नाम बदल कर आकाशवाणी रखा गया। प्रसार भारती (ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के नाम से भी जानते हैं) भारत की एक सार्वजनिक प्रसारण संस्था है। इसमें मुख्य रूप से दूरदर्शन एवं आकाशवाणी शामिल हैं। सरकारी प्रसारण संस्थाओं को स्वायत्तता देने के इरादे से 23 नवंबर 1997 को प्रसार भारती का गठन किया गया, जो देश की एक सार्वजनिक प्रसारण संस्था है और इसमें मुख्य रूप से दूरदर्शन और आकाशवाणी को शामिल किया गया है।
नमस्कार ,आकाशवाणी से प्रस्तुत है समाचार प्रभात
समाचार संध्या के साथ मैं चंद्रिका जोशी
अब आप लवलीन निगम से समाचार सुनेंगे
जी हां...ऐसे ही आवाज को आपने भी सुना होगा क्योंकि ये आपके लोकप्रिय रेडियो आकाशवाणी के समाचार वाचक की आवाज है ।
बचपन मे जब मैं पिता जी के पास बैठता था तब वें सुबह 8 बजे और संध्या 8:45 बजे की समाचार सुनते थे तब मैं भी उनके साथ 14 मिनट 56 सेकेंड से लेकर 15 मिनट की समाचार को सुनता था ।
2017 में आकाशवाणी से रिटायर हुए अखिल मित्तल की आवाज जैसे ही रेडियो पर आती थी ऐसा लगता था जैसे आसमान खुद गरज रहा हो,बताते हैं कि एक जमाने मे देवकीनंदन पाण्डेय और अमीन सयानी को जो लोग सुनते थे वो इनकी आवाज के दीवाने हो जाते थे ।
हरि सिंधु, सरिता बरारा ,विमलेन्दु कुमार पाण्डेय यूनुस खान, कमल शर्मा ,अमरकांत दुबे जैसे कई वाचक आज भी करोड़ो श्रोताओं के दीवाने हैं भले ही अब वें रेडियो सेट पर नही आते हैं ।कनकलता, ममता किरण,लवलीन निगम,मुकेश कुमार ,चंद्रिका जोशी जैसे समाचार वाचक रेडियो के चाहने वालों की जिंदगी में आज भी ताजगी घोल रहे हैं।
92 साल का हुआ आकाशवाणी
आकाशवाणी की स्थापना 1927 में 23 जुलाई के दिन की गई थी और उस समय इस सेवा का नाम भारतीय प्रसारण सेवा (इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन) रखा गया था। देश में रेडियो प्रसारण की शुरुआत मुंबई और कोलकाता में सन 1927 में दो निजी ट्रांसमीटरों से की गई। 1930 में इसका राष्ट्रीयकरण हुआ और 1957 में इसका नाम बदल कर आकाशवाणी रखा गया। प्रसार भारती (ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के नाम से भी जानते हैं) भारत की एक सार्वजनिक प्रसारण संस्था है। इसमें मुख्य रूप से दूरदर्शन एवं आकाशवाणी शामिल हैं। सरकारी प्रसारण संस्थाओं को स्वायत्तता देने के इरादे से 23 नवंबर 1997 को प्रसार भारती का गठन किया गया, जो देश की एक सार्वजनिक प्रसारण संस्था है और इसमें मुख्य रूप से दूरदर्शन और आकाशवाणी को शामिल किया गया है।