शुक्रवार, 31 मई 2019

मोदी सरकार में दूसरा स्थान रखने वाले राजनाथ सिंह का कद घटा अमित शाह को NDA 2 में मिला गृह मंत्रालय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद में विभागों का बंटावारा कर दिया है नई सरकार में अमित शाह को गृहमंत्री बनाया गया है. इस लिहाज से सरकार में उनकी भूमिका एक तरह से नंबर दो की होगी।

 इसके साथ ही एनडीए-1 में गृहमंत्री रहे राजनाथ सिंह को अब रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है और वित्त मंत्रालय अब निर्मला सीतारमण को दिया गया है. वहीं पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को विदेश मंत्री बनाया गया है. यानी सरकार की सबसे महत्वपूर्ण समिति सुरक्षा मामलों की समिति सीसीएस में पीएम मोदी के अलावा ये चार चेहरे प्रमुख तौर पर रहेंगे. इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री के बाद अमित शाह दूसरे सबसे शक्तिशाली मंत्री रहेंगे और पीएम मोदी के विदेश दौरों के दौरान देश की बागडोर अमित शाह के हाथों में होगी. डीओपीटी, एटॉमिक एनर्जी मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास रहेंगे. इसके साथ ही सभी अहम नीतिगत मुद्दों से जुड़े मंत्रालय तथा अनावंटित मंत्रालय भी प्रधानमंत्री के पास ही रहेंगे।

हरसिमरत कौर बादल खाद्य प्रसंस्करण मंत्री बनी रहेंगी. थावर चंद गहलोत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, किरण रिजिजू नये खेल और युवा कार्य राज्यमंत्री होंगे. रविशंकर प्रसाद को टेलीकॉम मंत्रालय के साथ-साथ विधि तथा आईटी विभाग की भी जिम्मेदारी दी गई है. रमेश पोखरियाल निशंक मानव संसाधन विकास मंत्री होंगे. नितिन गडकरी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री बने रहेंगे. धर्मेन्द्र प्रधान भी पेट्रोलियम मंत्री बने रहेंगे।

वहीं राम विलास पासवान उपभोक्ता मामलों के मंत्री बने रहेंगे जबकि नरेन्द्र सिंह तोमर कृषि मंत्री होंगे. तोमर को ग्रामीण विकास मंत्रालय का प्रभार भी सौंपा गया है. स्मृति ईरानी को महिला एवं बाल विकास तथा कपड़ा मंत्रालय मिला है. पीयूष गोयल रेल मंत्री बने रहेंगे. प्रकाश जावडेकर को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ ही पर्यावरण मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया।

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गुरुवार, 30 मई 2019

पत्रकारिता के असली मूल्यों को जिंदा रखने के लिए भारत मे यूं शुरू हुआ हिंदी अखबार

भारत मे 30 मई का दिन लिखने और पढ़ने वालों के लिए सबसे अहम दिन माना जाता है क्योंकि इसी दिन 1826 में हिंदी भाषा का पहला समाचार पत्र ‘उदंत मार्तंड’ आया था, जिसने भारत में हिंदी पत्रकारिता की नींव रखी। इसलिए हर वर्ष की 30 मई को ‘हिंदी पत्रकारिता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

पत्रकारिता आज दुनिया का अभिन्न अंग बन चुकी है। लोकतंत्र में तो मीडिया को ‘चौथा स्तंभ’ का दर्जा प्राप्त है।पत्रकारिता के इतिहास की बात करें तो लगता है कि विश्व में पत्रकारिता का आरंभ सन 131 ईस्वी पूर्व रोम में हुआ था। उस साल पहला दैनिक समाचार-पत्र जो निकला था उसका नाम "Acta Diurna" था।

भारत में पत्रकारिता का आगाज 1780 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ, लेकिन हिंदी पत्रकारिता को शुरू होने में ज्यादा समय लगा। इसकी शुरुआत वर्ष 1826 में पहले हिंदी समाचार पत्र ‘उदंत मार्तंड’ के साथ हुई।

हिंदी के पहले समाचार पत्र ‘उदंत मार्तंड’ की शुरुआत 30 मई 1826 को हुई थी। इस दिन ही कलकत्ता में एक साप्ताहिक पत्र के रूप में उदंत मार्तंड की पहली प्रति जारी की गई थी। इसके संपादक सक्रिय वकील पंडित जुगलकिशोर शुक्ल थे, जिन्होंने कलकत्ता के बड़ा बाज़ार के पास के 37, अमर तल्ला लेन, कोलूटोला से इस समाचार पत्र की शुरुआत की। साथ ही हिंदी पत्रकारिता को जन्म दिया। उस समय जब देश में अंग्रेजी, फारसी और बांग्लाा भाषा में कई संचार पत्र थे। ऐसे में पहले हिंदी संचार पत्र का आना हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम था।

उदंत मार्तंड से पहले वर्ष 1818-19 में कलकत्ता स्कूल बुक के बंगला पत्र ‘समाचार दर्पण’ में कुछ हिस्से हिंदी के भी हुआ करते थे, लेकिन हिंदी पत्रकारिता की नींव उदंत मार्तंड ने ही रखी। क्योंकि यह पहला पूर्ण हिंदी समाचार पत्र था, जबकि ‘समाचार दर्पण’ में हिंदी भाषा को एक छोटा सा हिस्सा प्राप्त था।

उदंत मार्तंड एक साप्ताहिक पत्र था, जिसे आर्थिक परेशानियों के चलते महज डेढ़ साल के अंदर दिसंबर,1827 में बंद कर दिया गया। हिंदी भाषी राज्यों से बहुत दूर होने के कारण इस पत्र के लिए ग्राहक या पाठक मिलने बहुत मुश्किल थे और जहां कंपनी सरकार द्वारा मिशनरियों के पत्र को डाक आदि की सुविधा दी जाती थी। वहीँ उदंत मार्तंड के लिए ऐसी कोई सुविधा नहीं थी। सरकार ने 16 फरवरी, 1826 को इसे चलाने का लाइसेंस तो दिया, लेकिन बार-बार के अनुरोध के बावजूद भी कोई रियायत नहीं दी। जिससे पत्र कम पैसों में पत्र पाठकों को भेजा जा सके।

कहा जाता है कि उस समय देश में हिंदी भाषा में समाचार पत्र नहीं छपते थे, क्योंकि उस समय शासकों की भाषा अंग्रेज़ी के बाद बंगला और उर्दू थी। ऐसे में हिंदी के ‘टाइप’ मिलना भी बहुत मुश्किल होता था। प्रेस आने के बाद शैक्षिक प्रकाशन भी बंगला और उर्दू में शुरू हुए थे। उदंत मार्तंड का प्रकाशन बंद होने के बाद हिंदी पत्रकारिता को एक बार फिर लंबा इंतजार करना पड़ा। भारत का पहला दैनिक समाचार पत्र ‘समाचार सुधावर्षण’ वर्ष 1854 में शुरू हुआ, लेकिन यह समाचार पत्र द्विभाषी था जिसकी कुछ रिपोर्टें बांग्ला में भी होती थी।

उदंत मार्तंड बेशक न चाहते हुए भी काफी कम समय में बंद कर दिया गया हो, लेकिन उसने देश में पत्रकारिता को नया आयाम दिया और आज भी हिंदी पत्रकारिता देश में सक्रीय है।

लेकिन आज पत्रकारिता की स्थिति देखते हुए इस पर गहराई से सोचने की जरूरत है कि आज पत्रकारिता किस दिशा में जा रही है। उदंत मार्तंड की शुरुआत पत्रकारिता के मूल्यों के साथ हुई थी, जबकि आज इन मूल्यों को नजरअंदाज किया जा रहा है। आज जरूरत है कि जिन उद्देश्यों के साथ हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत हुई उसे समझा जाए और पत्रकारिता के महत्व को बरकरार रखा जाए।

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मंगलवार, 28 मई 2019

लखनऊ/देश का पहला अनोखा भण्डारा जंहा शिक्षा और स्वास्थ्य सामग्री हुआ वितरित

वैसे तो ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल पर भण्डारों का आयोजन तो पूरे प्रदेश में होता रहता है, कहीं पूड़ी सब्जी, कहीं मिठाई तो कहीं शरबत बाटा जाता है लेकिन प्रदेश में शिक्षा के लिए कार्यरत राष्ट्रीय स्वाभिमान दल (आर एस डी) द्वारा एक अनोखे भण्डारे का आयोजन किया गया | विकास नगर के मामा चौराहे पर आयोजित इस भण्डारे में निःशुल्क चिकित्सा शिविर एवं शिक्षण सामग्री वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया| विगत तीन वर्षों से इस अनोखे भंडारे का आयोजन लगातार किया जा रहा है | मंगवार 28 मई को ज्येष्ठ माह के दुसरे बड़े मंगल पर आयोजित इस भण्डारे में जहाँ एक तरफ जीवक आयुर्वेदा के टी. के. श्रीवास्तव अपनी डॉक्टरों की टीम के साथ मरीजों की जाँच कर उन्हें निःशुल्क दवाएं वितरित कर रहे थे वहीँ दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वाभिमान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक श्रीवास्तव अपनी पूरी टीम के साथ शिक्षण सामग्री वितरित कर रहे थे साथ ही साथ प्रसाद के रूप में मिष्ठान वितरण भी किया गया| जीवक आयुर्वेदा के निदेशक टी के श्रीवास्तव ने बताया कि हम इस तरह के निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाते रहते हैं हमारा प्रयास जन जन तक बेहतर स्वास्थ्य सेवा पहुँचाना है  इसी कड़ी में हम सीतापुर रोड पर ग्रामीण क्षेत्र में एक मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल खोल रहे हैं | इस भंडारे में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ प्रोफेशनल ट्रेनिंग (आई. आई. पी. टी.) विकास नगर ने 45 दिन निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण का कूपन वितरित किया | जहाँ किताबें, कॉपी, पेन्सिल, रबर आदि आवश्यक शिक्षण सामग्री पाकर बच्चों के चेहरे पर जो मुस्कान थी वह देखने लायक ही थी, वहीँ लाइनों में लगकर मरीजों ने स्वाथ्य परिक्षण एवं निःशुल्क दवाइयां प्राप्त कर सुखद अनुभव प्राप्त किया | कार्यक्रम में पहुँचे पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बाबा हरदेव सिंह ने इस भण्डारे की प्रसंशा करते हुए कहा कि यह लखनऊ हर जगह होने चाहिए | आर एस डी के राष्ट्रीय महासचिव अजय कुमार ने बाताया कि इस भण्डारे के आयोजन का हमारा उद्देश्य उन लोगों तक शिक्षा और स्वास्थ्य उपलब्ध कराना था जो धन के आभाव में इससे वंचित रह जाते हैं, और जिन्हें इसकी आवश्यकता है|       

सपा प्रदेश सचिव दीपक रंजन, पूर्व आयकर आयुक्त गिरीश पाण्डेय, युवा राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित अग्रवाल, विश्व हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणजीत बच्चन, जन विकास महासभा के अध्यक्ष पंकज तिवारी, कालिंदी निर्मल बच्चन, राजेश राना अन्य सम्मानित लोग कार्यक्रम में पहुँचे| सभी ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह सोच रखने से ही समाज का भला हो सकता है, हम सभी को आगे आकर इस तरह के भण्डारे का आयोजन करना चाहिए| समाज के अन्य लोगों को भी चाहिए कि पारंपरिक तरीके से पूड़ी सब्जी बाटना छोड़ कर समाज की जरूरतों को पूरा करने वाला अनोखा भण्डारा करें | आयोजन में अपनी पूर्ण सहभागिता दिखाते हुए डॉ एस पी तिवारी, डॉ यू एस सिंह, डॉ अगम दयाल, धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, शशांक श्रीवास्तव, पंकज कुमार, राज कमल त्रिपाठी, सागर मिश्रा राहुल पाण्डेय, सिद्धार्थ सिंह, शिप्रा श्रीवास्तव एवं अन्य सहयोगी गण मौजूद रहे|

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यूपी के बाराबंकी में जहरीली शराब का कहर पिता और तीन पुत्रों समेत 10 से अधिक की मौत

बाराबंकी जिले के रामनगर क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई. रामनगर के पुलिस क्षेत्राधिकारी पवन गौतम के मुताबिक रानीगंज गांव और उसके आसपास के छोटे गांवों के कई लोगों ने सोमवार/मंगलवार की दरमियानी रात को शराब पी थी, उसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई. इसी बीच उनमें से एक-एक कर कम से कम दस लोगों की मौत हो गई. यूपी के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया, एक जिला प्रशासन अधिकारी, आठ पुलिसकर्मियों को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है.

मरने वालों में चार एक ही परिवार के सदस्य हैं. मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है. गौतम ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है. घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहरीली शराब से हुई मौतों पर गहरा अफसोस जाहिर करते हुए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को फौरन मौके पर पहुंचकर सहायता उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं।

इन लोगों ने कल देशी शराब के ठेके से शराब लेकर पी थी, लेकिन ठेके वाले ने उन्हें मिलावटी शराब दे दी. शराब पीने के बाद अचानक इन लोगों को दिखना बंद हो गया और इनमें से 10 की मंगलवार सुबह तक जान चली गई. इस दर्दनाक घटना से कई घरों में तो शवों को कंधा देने वाला भी कोई नहीं बचा. बताया जा रहा है कि दानवीर सिंह की एक देशी शराब की दुकान है. इसी दुकान से सोमवार रात आसपास गांव के कई लोगों ने शराब लेकर पी. जिसके बाद इन लोगों की हालत बिगड़ने लगी. इनमें से कुछ की घर पर मौत हो गई, जबकि कई लोगों को अस्पताल ले जाया गया. जहां गंभीर हालत में उनका इलाज चल रहा है. इलाके के तीन भाई रमेश, मुकेश, सोनू के साथ उनके पिता छोटेलाल की मौत इस घटना में हो गई. इलाके के लोगों का आरोप है कि दानवीर सिंह के ठेके से नकली शराब बनाकर बेची जाती ही. सभी लोगों ने यहीं से शराब खरीदी थी.

साथ ही उन्होंने इस घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ बेहद सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं. मुख्यमंत्री ने आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव को भी इस मामले की जल्द से जल्द जांच करने और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं. 

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सोमवार, 27 मई 2019

जातिसूचक शब्दों के तानों से परेशान डॉक्टर पायल ने की थी आत्महत्या

मुंबई: महारष्ट्र के नायर अस्पताल में पढ़ने वाली 23 वर्षीय डॉक्टर पायल तड़वी की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ गया है. देश के कई नेताओं और फिल्मी हस्तियों ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. दलित नेता और गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवानी और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने हैशटैग #JusticeForDrPayal के साथ ट्विटर पर इस मामले की कड़ी निंदा की है.

कन्हैया कुमार ने ट्विटर पर लिखा है कि जातिवाद ने पायल जैसी प्रतिभाशाली डॉक्टर की जान ले ली. दोषियों को सज़ा दिलाने की मांग करने के साथ जातिगत भेदभाव के तमाम मामलों में न्याय दिलाने के लिए पूरे देश के स्तर पर आंदोलन करने की ज़रूरत है. रोहित वेमुला के मामले में भी अभी तक दोषियों को सज़ा नहीं मिली है.


मृतक डॉ पायल की मां का आरोप है कि पायल के सीनियर्स उसपर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते थे और हास्टल में उसे प्रताड़ित करते थे. पुलिस ने मामले में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज तो कर लिया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. महाराष्ट्र एसोसियेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर (मार्ड) ने आरोपी तीनों सीनियर डॉक्टर की सदस्यता को रद्द कर दिया है.

आपको बता दें कि पायल तड़वी महाराष्ट्र के जलगांव की रहने वाली थी और महाराष्ट्र के बीवाईएल नायर अस्पताल में पीजी की पढ़ाई कर रही थी. उसने आरक्षण कोटे के तहत 1 मई 2018 को नायर कॉलेज में दाखिला मिला था. बीती 22 मई को पायल ने हॉस्टल में खुदकुशी कर ली. पायल आदिवासी जाति से थी और उसे आरक्षण के चलते उसे कॉलेज में दाखिला मिला था.

आरोप है कि इस बात से नाराज पायल की तीनों सीनियर डॉक्टर डॉ हेमा आहुजा, डॉ भक्ती अहिरे और डॉ. अंकिता खंडेलवाल उसको टॉर्चर करती थीं. पायल की मां अबेदा तड़वी का कहना है कि पायल की तीन सीनियर डॉक्टर आदिवासी होने कारण उसकी रैगिंग करते थे और जाति को लेकर अपशब्द कहते थे.

इस मामले के बाद महारष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर (मार्ड) ने तत्काल एक्शन एक्शन लिया है. मार्ड ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी तीनों डॉक्टर की सदस्यता रद्द कर दी है. पायल की मां आबेदा तड़वी का कहना है कि वह न्याय के लिए लड़ेंगी चाहे जो भी हो.

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रविवार, 26 मई 2019

अमेठी: BJP कार्यकर्ता की अंतिम यात्रा में शामिल हुईं स्मृति ईरानी, अर्थी को दिया कंधा,

*अमेठी: BJP कार्यकर्ता की अंतिम यात्रा में शामिल हुईं स्मृति ईरानी, अर्थी को दिया कंधा,*



उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि सात लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. हमें उम्मीद है कि केस 12 घंटे में सुलझा लिया जाएगा.


अमेठी के गौरीगंज इलाके के बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सुरेंद्र स्मृति ईरानी के करीबी माने जाते थे. उन्होंने स्मृति की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी. घटना की सूचना मिलने के बाद स्मृति दिल्ली से अमेठी पहुंचीं. उन्होंने मृतक के परिजन से मुलाकात की और सुरेंद्र के शव को कंधा भी दिया. सुरेंद्र के बेटे ने इस मामले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर शक जताया है.


सुरेंद्र सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए गांव में लोगों की भीड़ उमड़ी थी. वहीं, गांव में तनाव को देखते हुए मौके पर फोर्स को तैनात किया गया है. पीएसी के अलावा बड़ी संख्या में पुलिसबल मौके पर पहले से ही मौजूद हैं.


बता दें कि रविवार सुबह इस मामले में मृतक सुरेंद्र सिंह के बेटे अभय ने कांग्रेस समर्थकों पर पिता की हत्या का शक जताया था. अभय ने कहा, 'मेरे पिता स्मृति ईरानी के प्रचार मेंचौबीसों घंटे लगे रहते थे. स्मृति ईरानी की जीत के बाद विजय यात्रा निकाली जा रही थी. ये बात कांग्रेस समर्थकों को अच्छी नहीं लगी, शायद इसीलिए उनकी हत्या कर दी गई. हमें कुछ लोगों पर संदेह है।


हालांकि, पुलिस को इस वारदात के पीछे परिवारिक रंजिश होने का शक है. उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि सात लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. हमें उम्मीद है कि केस 12 घंटे में सुलझा लिया जाएगा.

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सेंध काटकर चुराए गए 818 शीशी शराब के साथ सोनहा पुलिस ने दो को किया गिरफ्तार

19 मई को फरेनिया स्थित लाइसेंसी शराब की दुकान से सेंध काटकर चोरी की गई शराब के साथ दो अभियुक्तों को सोनहा पुलिस ने गिरफ्तार किया है,प्रभारी निरीक्षक सोनहा शिवाकांत मिश्रा ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि 25 मई को शाम 5:30 बजे सूचना के आधार पर थाना क्षेत्र के हरिहरपुर चौराहे पर दो अभियुक्त रमेशचन्द्र उर्फ करिया पुत्र रामप्रताप चौधरी ग्राम हरिहरपुर ,संजय गुप्ता पुत्र जगराम गुप्ता ग्राम सिसवा बरुआर थाना सोनहा को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वें चोरी की गई शराब की बोतलों को ठिकाने लगाने की जुगाड़ में लगे हुए थे ।

प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि अभियुक्तों के पास से 16 पेटी और एक बोरे में मिलाकर कुल 818 शीशी बंटी बबली का रैपर लगा हुआ देशी शराब बरामद हुआ है ।गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में से रमेश चन्द्र उर्फ करिया के खिलाफ वाल्टरगंज एवं सोनहा थाने में पहले से ही मुकदमा दर्ज है जिसके चलते वह चोरी के मुकदमे में जेल जा चुका है।


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एक बड़ा मुद्दा 100 एपिसोड- देखें तहकीकात समाचार पर आज से

नमस्कार मित्रों, लोकसभा चुनाव खत्म हो गया है हमे लगता है कि अब आप दल गत भावनाओं से बाहर निकलकर पहले की तरहं अपने कार्यों में लग गए होंगे।।

जैसा कि आपको पता है कि हम ग्रामीण क्षेत्र की उन समस्याओं को चिन्हित कर शासन-प्रशासन को अवगत कराते हैं जिससे जनसामान्य को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।

तो अब एक बार फिर नई सरकार में नई उमंग के साथ फिर हम जुड़ रहे हैं आपके साथ एक नए कार्यक्रम के साथ ।

एक बड़ा मुद्दा -100 एपिसोड।

"एक बड़ा मुद्दा" कार्यक्रम में आप सीधा जुड़ सकते हैं तहकीकात समाचार के साथ ,जंहा रिकार्डेड प्रोग्राम के साथ लाइव प्रसारण की व्यवस्था भी की गई है।

तहकीकात समाचार के यूट्यूब चैनल को सब्स्क्राइब कर आप उन मुद्दों को जान सकते हैं कि देश के लोगों की सरकार से क्या अपेक्षाए हैं।
https://www.youtube.com/channel/UCj-dVWj5XuBjSjGciVL30bA

विश्वपति वर्मा
संपादक- तहकीकात समाचार

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शनिवार, 25 मई 2019

कलम हमारी है इसके ताकत का अंदाजा हमे पता है

विश्वपति वर्मा_

हम वो लोग हैं जो अपनी कलम के ताकत पर समय समय पर सत्ता में बैठे सियारों को बताते रहते हैं कि  नील में रंगने वाले सियार की तरहं  शेर बनकर जंगल का राजा बनने की कोशिश न करें ,अपनी कलम के दम पर सत्ता के उन तमाम देशविरोधी ताकतों को नष्ट करने के लिए आवाज उठाते रहते हैं ताकि समाज के एक बड़ी आबादी को मिलने वाली हिस्सेदारी सुनिश्चित हो सके ।

देखने को मिल रहा है कि आज समाज मे सही बात की तुलनात्मक अध्ययन करने वाले लोगों की संख्या बेहद कम है आज ऐसे लोग समाज की बागडोर संभालने की वकालत करते हैं जिनकी सोचने और समझने की क्षमता शून्य हो चुकी है ।

खैर हम इन सबकी चिंता नही करते हैं क्योंकि मुझे पता है कि भगत सिंह जैसे लोग देश को आजादी दिलाने के लिए अपने आपको बलिदान की सूली पर चढ़ गए ,जब भगत सिंह को फांसी दिया जा रहा था तब देश की 30 करोड़ आबादी चाहती तो अंग्रेजी हुकूमत के छक्के छुड़ा कर चारो क्रांतिकारियों को अपने कब्जे में कर लेती लेकिन आज की तरहं तब भी जाहिल और निकम्मे लोग थे जो मौजूदा सरकार की गलत नीतियों का समर्थन करते थे।

तो कहना यह है कि हम जैसे देश भर के 2 करोड़ से अधिक लोग  उन सभी सरकारों की गोलबंद नीतियों का विरोध करते रहेंगे जो 543 सदस्यों के दम पर देश के किसानों और बेरोजगारों की समस्या को दरकिनार कर कारपोरेट घरानों के लिए काम करने के लिए सर झुकाए खड़े हुए हैं।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता ऐसे ही चलती रहेगी ,सरकार की आलोचना पहले से भी तेज होगी क्योंकि जो लोग फेसबुक पर चिल्ला रहे हैं कि कुछ तुम्हारे बोलने का नतीजा क्या रहा उन्हें पता होना चाहिए कि हम लोग चापलूसपसन्द लोग नही हैं।हम लोगों के लिखने और बोलने की वजह से ही बहुसंख्यक आबादी को लाभ मिल जाता है।इस कलम से किसको क्या फायदा मिलता है यह हमें पता है क्योंकि यह कलम हमारी है इसके धार का असर हमे मालूम है।

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शुक्रवार, 24 मई 2019

एक बार बढ़त बना तो जीत की तरफ बढ़ते गए हरीश द्विवेदी,देखें कौन कंहा जीता कंहा हारा

विश्वपति वर्मा-

देश मे हुए आम चुनाव में कई लोकसभा सीटों पर रोमांचक मुकाबला देखने को मिला वंही बस्ती लोकसभा सीट पर भी गठबंधन प्रत्याशी रामप्रसाद चौधरी और भाजपा प्रत्याशी हरीश द्विवेदी में दिलचस्प मुकाबला चला लेकिन यंहा राम प्रसाद चौधरी को बढ़त न मिलने की वजह से उनके सदन में जाने का पत्ता साफ हो गया।

मतगणना के दौरान शुरुआती रुझान में ही हरीश द्विवेदी को बढ़त मिलना शुरू हो गया था लेकिन राजकिशोर के गढ़ हर्रैया में जंहा राम प्रसाद को 65715 वोट मिले वंही भाजपा प्रत्याशी हरीश द्विवेदी 108319 वोट पाकर राम प्रसाद चौधरी को 42604 वोटों से पीछे छोड़ चुके थे वंही हर्रैया के शिरोमणि माने जाने वाले राजकिशोर सिंह को कांग्रेस की  झंडे पर मात्र 24767 मत ही मिले।यंहा से अजय सिंह भाजपा से विधायक हैं।

रुधौली विधानसभा में जंहा गठबंधन प्रत्याशी की जीत को पक्की मानी जा रही थी वँहा पर विधायक संजय प्रताप जायसवाल के मेहनत ने भी रंग लाया और यंहा से भाजपा को 100961 वोट के साथ गठबंधन को 95622 वोट मिला जंहा 5339 से पिछड़कर रामप्रसाद ने रुधौली विधानसभा को भी गंवा दिया ।राजकिशोर सिंह को यंहा से 17564 वोट मिले।

रामप्रसाद चौधरी की जमीन मानी जाने वाले कप्तानगंज विधानसभा के वोटरों ने गठबंधन का भरपूर सहयोग किया जिसमे 93866 वोट पाकर रामप्रसाद चौधरी जंहा अपने वोटों को बढ़ाने में कामयाब हुए वंही 82918 वोट पाकर हरीश द्विवेदी ने रामप्रसाद को 10948 मत के मामूली बढ़त पर रोक दिया ।यंहा भी कांग्रेस 14525 वोट पाने में कामयाब रही।

सदर विधानसभा की बात करें तो यंहा पर परम्परागत भाजपा का शहरी वोट रहा है लेकिन गठबंधन प्रत्याशी ने यंहा पर भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर देते हुए 90715 वोट बटोर लिए वंही 92162 वोट पाकर सदर विधानसभा को भी भाजपा ने 1447 वोटों से जीत लिया ।कांग्रेस से राजकिशोर सिंह सदर में 13055 वोट पर संतुष्ट होना पड़ा।

महादेवा विधानसभा में  गठबंधन को 91723 वोट मिले तो भाजपा 84854 वोट पाकर रामप्रसाद चौधरी से 6869 वोटों से पिछड़ गई वंही राजकिशोर सिंह को यंहा पर 16542 मत मिले।

इस तरहं पांचों विधानसभा की वोटों को जोड़ने पर भाजपा प्रत्याशी हरीश द्विवेदी को 471162 वोट मिले तो गठबंधन प्रत्याशी राम प्रसाद चौधरी 440808 वोट पाकर 30355 मतों से चुनाव हार गए ।कांग्रेस प्रत्याशी राजकिशोर सिंह को कुल86920 मत मिले।

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गुरुवार, 23 मई 2019

बस्ती लोकसभा सीट पर चौथे नंबर पर नोटा का जलवा कायम


राज किशोर सिंहआईएनसी315440315449.66
2राम प्रसाद चौधरीबीएसपी127129012712938.92
3हरीश चन्द्र उर्फ हरीश द्विवेदीबीजेपी151026015102646.23
4पंकज दुबेलोगप2318023180.71
5प्रमोद शुक्लारपी83008300.25
6राम प्रसाद चौरसियाजेकेआईपी1187011870.36
7रोहित कुमार पाठकएचएनडी95509550.29
8विनोद कुमार राजभरएसबीएसपी3289032891.01
9चन्द्रमणि पाण्डेयआईएनडी95909590.29
10भगवानदासआईएनडी1746017460.53
11रंगी लाल यादवआईएनडी2328023280.71
12NOTAएनओटीए335703357

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डाक मत पत्रों में NDA आगे शुरुआती रुझानों में NDA बहुमत के पार,

लोकसभा चुनाव की वोटों की गिनती में शुरुआती रुझानों में एनडीए ने 501 सीटों की रुझान में 272 सीटों पर बढ़त बना ली है जबकि यूपीए 117 सीटों पर आगे है।अन्य 112 पर आगे।

भोपाल से प्रज्ञा ठाकुर आगे चल रही हैं. बेगूसराय से गिरिराज सिंह आगे चल रहे हैं।गोरखपुर से रविकिशन आगे हैं ,आजमगढ़ से अखिलेश यादव आगे हैं ,अमेठी से स्मृति ईरानी आगे हैं।

लोकसभा चुनाव के तहत देश भर में 542 संसदीय सीटों के लिए डाले गए मतों की गिनती चल रही है। शुरुआती रुझान में NDA आगे हैं इसमे सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती हो रही है
 जो संख्या करीब 18 लाख है. इनमें सशस्त्र बल, केन्द्रीय पुलिस बल और राज्य पुलिस बल के जवान शामिल हैं जो अपने संसदीय क्षेत्र से बाहर तैनात हैं. विदेश में भारतीय दूतावासों में पदस्थ राजनयिक और कर्मचारी भी सेवा मतदाता हैं. इन 18 लाख पंजीकृत मतदाताओं में से 16.49 लाख ने 17 मई को अपने अपने रिटर्निंग अधिकारियों को डाक मतपत्र भेज दिए थे।


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बुधवार, 22 मई 2019

गृह मंत्रालय को मतगणना के दिन हिंसा की आशंका, सभी राज्यों के डीजीपी को किया अलर्ट

                     प्रतीकात्मक तस्वीर

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मतगणना को लेकर हिंसा की आशंका जताते हुए सभी राज्यों के मुख्य सचिव, DGP को अलर्ट किया है. गृह मंत्रालय को हिंसा का डर है. सभी राज्य के DGP को किसी भी आपातस्थित से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. बयान में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को कल मतगणना के सिलसिले में देश के अलग -अलग हिस्सों में हिंसा भड़कने की आशंका के संबंध में अलर्ट किया है. मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को साथ ही यह भी कहा गया है कि वे स्ट्रांग रुम और मतगणना स्थलों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठायें. इसमें कहा गया है कि यह विभिन्न पक्षों की ओर से मतगणना वाले दिन हिंसा भड़काने और बाधा उत्पन्न करने के लिए किये गए आह्वान और दिये गए बयानों के संबंध में किया गया है. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली है कि कुछ संगठन और व्यक्तियों ने, विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और त्रिपुरा में, कुछ बयान दिये हैं जिससे हिंसा उत्पन्न होने की आशंका है और इससे मतगणना प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है.बता दें कि लोकसभा चुनाव के मतों की गिनती गुरुवार को होनी है. ध्यान हो कि ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर विपक्षी पार्टियां चुनाव खत्म होने के बाद से ही केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही हैं. किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचने के लिए विपक्षी दलों ने मतगणना से पहले चुनाव आयोग से VVPAT-EVM का मिलान करने की मांग की थी. मंगलवार को 22 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से यह मांग की थी. 

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बस्ती का प्राइवेट अस्पताल जंहा इलाज के नाम पर मरीजों को किया जाता है ज्यादा बीमार ,ताकि हो सके मोटी कमाई

विश्वपति वर्मा-

प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी से पूरा समाज परिचित है.शहर और कस्बों में नही अब गली -गली में प्राइवेट अस्पतालों का उदय हो रहा है ताकि इनका कारोबार तेजी से फैल सके अब इनके लिए जनता की सेवा का कोई उद्देश्य नहीं रह गया है बस इनका एक ही उद्देश्य है कि इलाज के नाम पर मरीजों के परिवारजनों का जेब जल्दी से जल्दी काट कर अपनी तिजोरी भर लिया जाए
अस्पताल के अंदर की दृश्य जंहा एक बेड पर तीन बच्चों को रखा गया है और उसका फीस 700 प्रति बच्चा चार्ज किया जाता है।

ताजा मामला बस्ती का है जंहा पर रोडवेज के निकट पचपेडिया स्थिति JK Hospital जेके हॉस्पिटल में मरीज के साथ शोषण किये जाने की बात सामने आई है। jk हॉस्पिटल बच्चों के अस्पताल के रूप में जाना जाता है जिसका संचालन डॉक्टर SK गौड़ करते हैं ।इस अस्पताल में इलाज कराने आये कुदरहा ब्लॉक के कोप गांव के निवासी सूर्य प्रकाश ने बताया कि वें अपनी बेटी एंजिल (1 माह)का इलाज कराने के लिए JK हॉस्पिटल में लाये हुए थे।उन्होंने बताया कि एक माह की बेटी को जब अस्पताल में उचित इलाज की जरूरत थी तब उसको 4 दिन में पांच बार विगो लगाया गया उन्होंने बताया कि हर बार विगो लगाने पर 1 माह की बच्ची दर्द से तड़प रही थी लेकिन इलाज करने के नाम पर बच्ची को और बीमार करते जा रहे थे ,एंजिल के परिवार के लोगों ने बताया कि बच्ची को दस्त हो रहा था हॉस्पिटल में जब उसके उचित देखभाल की जरूरत थी तब डॉक्टर ने मोटी फीस की रकम वसूलने के बाद बिना स्वास्थ्य सही हुए बच्ची को घर ले जाने के लिए सलाह दे दिया।

पीड़ित परिवार के लोगों ने बताया कि जब बच्ची को अस्पताल लेकर आये थे तब उसका स्वास्थ्य ज्यादा खराब नही था लेकिन डॉक्टर ने परामर्श के बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दे दिया 4 दिन तक अस्पताल में इलाज चलने के बाद जब बच्ची को ठीक होना था तब वह और बीमार हो गई। उसके बाद अस्पताल में 700 रुपया प्रतिदिन बेड चार्ज, डॉक्टर फीस और दवा इत्यादि के नाम पर बनाई गई मोटी रकम का बिल पकड़ा दिया गया ।

अब यंहा एक सबसे बड़ा सवाल पैदा होता है कि जब बड़े बड़े अस्पताल मरीज को ठीक भी नही कर पाते तब मोटी मोटी रकम वसूलने के क्या मतलब है?क्या मरीज के परिजनों को कंगाल बनाने के लिये प्राइवेट अस्पतालों का संचालन हो रहा है?क्या जिला प्रशासन को इस काले कारनामे की हकीकत नही मालूम है ?या फिर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार सब कुछ देखकर आंखे बन्द कर बैठे हुए हैं .ऐसे ही तमाम सवाल खड़े होते हैं कि आखिर इलाज के नाम पर जनता का शोषण क्यों किया जा रहा है।

सरकारी अस्पतालों की अव्यवस्था देख कर आम जनता दूर भागती है. यहां के चिकित्सक भी बेलगाम होते हैं और अक्सर समय से अपनी सीट पर मिलते नहीं हैं.क्योंकि सबसे बड़ी बात यह है कि इन सरकारी डॉक्टरों ने अपने निजी अस्पताल जो खोल लिए हैं डॉक्टर SK गौड़ खुद एक सरकारी डॉक्टर हैं जो सरकारी अस्पताल में नही मिलते ऐसे में विवश होकर जनता को निजी अस्पतालों की शरण लेनी पड़ती है. लोग पैसे देकर बेहतर इलाज की उम्मीद लेकर इनके पास जाते हैं लेकिन बेहिसाब खर्च देकर उनका होश उड़ जाना स्वाभाविक है

ऐसी स्थिति को देखने के बाद लगता है कि इन कारपोरेट दलालों और सरकार का चोली दामन का साथ है क्योंकि यह बस्ती का पहला मामला नही है इसके पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं जंहा पर निजी अस्पताल नियम कानून का पालन करने में घोर लापरवाही बरतते हैं इलाज के नाम पर उनका पहला उद्देश्य धन कमाना है क्योंकि यह एक लाभकारी बिज़नस हो गया है. मरीज की सेवा और बेहतर इलाज का मुद्दा बाद में आता है।


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आम चुनाव में सोशल मीडिया पर विज्ञापन देने में आगे रही भाजपा ,राजनीतिक दलों ने खर्च किये 53 करोड़

भारत में राजनीतिक दलों ने इस साल फरवरी से अब तक फेसबुक और गूगल आदि डिजिटल मंचों पर प्रचार के मद में 53 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए. इसमें सत्तारूढ़ भाजपा की हिस्सेदारी सर्वाधिक रही.फेसबुक की विज्ञापन से जुड़ी रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल फरवरी की शुरुआत से 15 मई तक उसके प्लेटफॉर्म पर 1.21 लाख राजनीतिक विज्ञापनों का प्रसारण हुआ. इन विज्ञापनों पर राजनीतिक दलों ने 26.5 करोड़ रुपये खर्च किए.इसी तरह राजनीतिक पार्टियों ने गूगल, यूट्यूब और उसकी सहायक कंपनियों पर 19 फरवरी से अब तक 14,837 विज्ञापनों पर 27.36 करोड़ रुपये खर्च किए.भाजपा ने फेसबुक पर 2,500 से अधिक विज्ञापनों पर 4.23 करोड़ रुपये खर्च किए. ‘माय फर्स्ट वोट फॉर मोदी’, ‘भारत के मन की बात’ और ‘नेशन विद नमो’ जैसे पेजों के जरिये सोशल नेटवर्किंग साइट पर चार करोड़ से अधिक खर्च किए गए।


गूगल के प्लेटफॉर्म पर भाजपा ने 17 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए. कांग्रेस ने फेसबुक पर 3,686 विज्ञापनों पर 1.46 करोड़ रुपये खर्च किए. कांग्रेस ने गूगल पर 425 विज्ञापनों पर 2.71 करोड़ रुपये खर्च किए.फेसबुक के आंकड़ों के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस ने उसके प्लेटफॉर्म पर विज्ञापनों पर 29.28 लाख रुपये खर्च किए.आम आदमी पार्टी ने फेसबुक पर 176 विज्ञापन चलाए और इसके लिए उसने 13.62 लाख रुपये का भुगतान किया.गूगल के मुताबिक, उसके प्लेटफॉर्म अबर्न डिजिटल सॉल्यूशन्स आम आदमी पार्टी के लिए विज्ञापनों का प्रचार कर रही है और पार्टी ने 19 मई के बाद इसके लिए 2.18 करोड़ रुपये का भुगतान किया.इससे पहले गूगल और फेसबुक जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म ने कहा था कि वे भारत में चुनाव से पहले पारदर्शिता लाने के लए अपने सोशल प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक विज्ञापनों का ब्योरा मुहैया कराएंगे. इन सोशल मीडिया वेबसाइटों ने इस दिशआ में बीते कुछ महीनों में कई कदम भी उठाए थे।

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मंगलवार, 21 मई 2019

डुमरियागंज ,गाजीपुर और बिहार में ईवीएम की 'संदिग्ध आवाजाही' के आरोप को चुनाव आयोग ने नकारा

उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर में प्रशासन ने स्ट्रांग रूम की निगरानी में 5 लोगों को रहने की इजाज़त दे दी है. सोमवार को यहां से गठबंधन के उम्मीदवार अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए थे. उनका आरोप था कि गाजीपुर लोकसभा के अंतर्गत 5 विधानसभा आती हैं और हर विधानसभा की ईवीएम 5 अलग-अलग जगहों पर है. यूपी के चंदौली में भी ईवीएम को लेकर गठबंधन समर्थक धरने पर बैठ गए. आरोप है कि गाड़ी से लाई गई कुछ ईवीएम को काउंटिंग स्थल के एक अलग कमरे में रखा गया. बता दें, बिहार में भी कुछ जगहों पर ईवीएम की 'संदिग्ध आवाजाही' का आरोप लगाया गया है. लेकिन चुनाव आयोग का कहना है कि सभी मामलों को सुलझा लिया गया है, ये आरोप बेबुनियाद हैं.

वहीं उत्तर प्रदेश के डुमरियागंज में सपा-बसपा कार्यकर्ताओं ने पिछले मंगलवार को ईवीएम से भरा एक मिनी ट्रक पकड़ा. इनका आरोप है कि इस ट्रक को ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर लाया जा रहा था. साथ ही इनका आरोप है कि बीजेपी के लोगों ने इन ईवीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ की है. यहां 12 मई वोटिंग डाले गए थे. उत्तर प्रदेश के मऊ में सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार अतुल राय अपने समर्थकों के साथ ईवीएम में गड़बड़ी होने की आशंका को लेकर स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर बैठ गए. ईवीएम की सुरक्षा करने पहुंच कर वहां स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर कुर्सी लगाकर बैठ गए.

इन सभी आरोपों पर चुनाव आयोग ने मंगलवार को बयान जारी किया है. चुनाव आयोग ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है और कहा है कि जहां भी समस्या थी, वहीं सभी मामलों को सुलझा लिया गया है. चुनाव आयोग ने गाजीपुर में लगे आरोपों पर कहा कि यहां ईवीएम स्ट्रॉंग रूप पर उम्मीदवारों द्वारा निगरानी रखने से संबंधित मुद्दा था, जिसे चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक सुलझा लिया गया है. वहीं चंदौली पर कहा है कि कुछ लोगों ने आरोप लगाया था. ईवीएम उचित सुरक्षा में हैं और प्रोटोकॉल के तहत रखा हुआ है.

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सोमवार, 20 मई 2019

मंत्री पद से हटाए जाने पर बोले ओपी राजभर ,हक मांगना बगावत है तो समझो हम बागी हैं

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सिफारिश पर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने ओम प्रकाश राजभर को मंत्री पद से हटा दिया है. राजभर के पास पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकलांग जन विकास मंत्रालय था. लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजे सामने आने के एक दिन बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओपी राजभर को यूपी कैबिनेट से बाहर करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल से सिफारिश की थी. रविवार को आए अधिकत्तर एग्जिट पोल के नतीजों में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनती हुई दिख रही है. सीएम योगी के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ओपी राजभर ने कहा, 'यह गरीबों की आवाज उठाने की सजा मिली है. अगर हक मांगना बगावत है तो समझो हम बागी हैं।


सुभासपा उत्तरप्रदेश में भाजपा  की सहयोगी पार्टी है और 2017 के विधानसभा चुनाव में उसने चार सीटें जीती थीं. लेकिन लोकसभा चुनाव राजभर की पार्टी ने भाजपा के साथ मिलकर नहीं लड़ा. राजभर की पार्टी ने खुद 39 उम्मीदवार चुनाव में उतारे थें. वहीं कुछ सीटों पर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार भी किया था. हालांकि सचिव अरूण राजभर ने स्पष्ट किया था कि भाजपा के साथ विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन था ना कि लोकसभा चुनाव के लिए।

बता दें, लोकसभा के दौरान उससे पहले राजभर भाजपा के खिलाफ लगातार हमला करते रहे हैं. उन्होंने सीएम योगी पर निशाना साधा था. हालही ही ओम प्रकाश राजभर ने कहा था कहा कि पूर्वांचल की 30 सीटों में से भाजपा केवल तीन सीटें ही जीत पाएगी. राजभर ने एक चुनावी सभा में दावा किया था कि भविष्य में केन्द्र व उत्तर प्रदेश में सपा व बसपा के सहयोग से ही किसी पार्टी की सरकार बनेगी.

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रविवार, 19 मई 2019

एक्जिट पोल के अनुमान में स्पष्ट बहुमत के साथ NDA कर रही सत्ता में वापसी-देखें कंहा किसको मिल रही कितनी सीट

एनबीटी_

लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण का मतदान रविवार शाम समाप्त होते ही एग्जिट पोल्स के अनुमान बीजेपी के लिए अच्छी खबर लेकर आए हैं। हमारे सहयोगी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ और वीएमआर द्वारा कराए गए एग्जिट पोल की मानें तो बीजेपी की अगुआई वाला NDA सत्ता में शानदार तरीके से वापसी कर रहा है। मोदी लहर के आगे ऐंटी-इनकंबेंसी फैक्टर धराशायी हो गया और बिखरा दिख रहा विपक्ष मौजूदा सरकार की सत्ता को हिलाने में नाकाम रहा। गौर करने वाली बात यह है कि यूपी में महागठबंधन भी कोई चुनौती दे पाने में नाकाम साबित होता दिख रहा है। विपक्ष के तमाम आरोपों के बावजूद जनता ने NDA सरकार पर भरोसा जताया है। आंकड़ों से समझें तो टाइम्स नाउ के एग्जिट पोल के मुताबिक NDA को 542 में से 306 सीटें मिल सकती हैं जो बहुमत (272) के जादुई आंकड़े से काफी ज्यादा हैं। वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाले UPA को तगड़ा झटका लगता दिख रहा है। हाल के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस जबर्दस्त वापसी करती दिखी थी पर लोकसभा चुनावों में NDA के वोटबैंक को साधने में वह असफल रही। टाइम्स नाउ-VMR एग्जिट पोल के मुताबिक UPA 132 सीटों पर सिमटता दिख रहा है। अन्य दलों के खाते में 104 सीटें जाती दिख रही हैं।

C-वोटर भी दे रहा NDA की वापसी के संकेत

सी-वोटर का एग्जिट पोल भी NDA की बहुमत वाली सरकार बनने के स्पष्ट संकेत दे रहा है। इसकी मानें तो बीजेपी की अगुआई वाला गठबंधन 287 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी कर रहा है। आपको बता दें कि अगर 23 मई को नतीजे इन एग्जिट पोल्स के अनुसार रहे तो केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में NDA की सरकार आसानी से बन जाएगी।

यूपी में महागठबंधन को बहुमत
कहते हैं कि दिल्ली की सत्ता यूपी से होकर जाती है। बीजेपी को 2014 का ऐतिहासिक जनमत दोहराने से रोकने के लिए इस बार यूपी में धुर विरोधी समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने हाथ मिला लिया था और साथ में अजित कुमार की RLD भी आ गई थी। राजनीतिक जानकार इस महागठबंधन को बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती मानकर चल रहे थे लेकिन टाइम्स नाउ-VMR एग्जिट पोल के मुताबिक यह गठजोड़ भी बीजेपी को झटका दे पाने में नाकाम साबित हो रहा है। इसके मुताबिक 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में बीजेपी अकेले 47 सीटें जीत सकती हैं और उसके सहयोगी दलों को 2 सीटें मिल सकती हैं, जिससे NDA के खाते में 49 सीटें जाती दिख रही हैं। यूपी में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है और उसे पिछली बार की तरह ही मात्र 2 सीटें मिलती दिख रही हैं। अन्य दलों जिसमें महागठबंधन शामिल है, को 29 सीटें मिल सकती हैं।

यूपी में बीजेपी का बढ़ेगा वोट शेयर?

2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी+ को यूपी में 43.3 फीसदी वोट मिले थे। दिलचस्प यह है कि एसपी, बीएसपी और RLD के महागठबंधन के बावजूद सत्ताधारी NDA का वोट शेयर बढ़कर 44.8 फीसदी (+1.5%) तक पहुंच सकता है। तुलनात्मक रूप से देखें तो पिछली बार तीनों दलों को 42.65 फीसदी वोट मिले थे जबकि इस बार साथ लड़ने के बाद भी महागठबंधन का वोट शेयर घटा (40.2%) है।


बंगाल में TMC को झटका
यूपी के बाद जिन दो राज्यों में पीएम मोदी ने सबसे ज्यादा रैलियां कीं, उनमें पश्चिम बंगाल दूसरे नंबर पर रहा और चुनाव के दौरान हिंसा के कारण भी यह राज्य सुर्खियों में बना रहा। ऐसे में यहां के नतीजों पर देशभर की नजरें टिकी हैं। बीजेपी के दावे के अनुसार ही एग्जिट पोल में भी यहां उसके वोट शेयर में जबर्दस्त इजाफा होता दिख रहा है। 42 सीटों वाले इस राज्य में बीजेपी 11 सीटें जीतती दिख रही है। कांग्रेस को 2 और अन्य, जिसमें ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और लेफ्ट शामिल हैं, को 29 सीटें मिल सकती हैं। खास बात यह है कि पिछले चुनाव में बीजेपी को मात्र 2 सीटें मिली थीं और उसका वोट शेयर भी 16.8 फीसदा था। इस बार एग्जिट पोल के अनुमानों पर यकीन करें तो बीजेपी तृणमूल कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने में कामयाब रही है। 31.86 फीसदी वोटों के साथ BJP 9 सीटों के फायदे में दिख रही है। वहीं, राज्य में सरकार चला रही ममता बनर्जी की पार्टी TMC का वोट शेयर आंशिक रूप से ही सही पर घट सकता है। सीटों में भी पिछली बार की 34 में से उसे 6 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है।


बिहार में बीजेपी+ की घट सकती हैं सीटें
40 सीटों वाले बिहार में NDA की सीटें घट सकती हैं। यहां कांग्रेस की अगुआई वाले UPA को पिछले चुनाव की तुलना में सीधे तौर पर 5 सीटों का फायदा होता दिख रहा है। 42.78 फीसदी वोटों के साथ कांग्रेस+ को 15 सीटें मिल सकती हैं जबकि 2.98 फीसदी वोट शेयरों की कमी के साथ (48.52%) BJP+ को 25 सीटें मिल सकती हैं।


टाइम्स नाउ-VMR सर्वे की मानें तो पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में बीजेपी 4 सीटें गंवा सकती है। पिछली बार उसने सभी 26 सीटों पर फतह हासिल की थी लेकिन इस बार 4 सीटें कांग्रेस के खाते में जाती दिख रही हैं।

48 लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में बीजेपी+ ने पिछली बार 42 सीटें जीती थीं और कांग्रेस+ को 6 सीटें मिली थीं। हालांकि इस बार टाइम्स नाउ एग्जिट पोल के मुताबिक NDA को 38 सीटों (-4) से ही संतोष करना पड़ सकता है जबकि यही नुकसान UPA में बढ़त के तौर पर जुड़कर उसकी सीटों की संख्या 10 तक (+4) पहुंचा सकता है।


अब बात पीएम मोदी की सबसे ज्यादा रैलियों वाले प्रमुख राज्यों में तीसरे नंबर पर रहे ओडिशा (21) की। पिछली बार भले ही बीजेपी का यहां खाता ही खुल पाया था पर इस बार राज्य की सत्ता पर काबिज बीजेडी को मोदी-शाह की रणनीति ने तगड़ा नुकसान पहुंचाया है। टाइम्स नाउ के एग्जिट पोल की मानें तो BJD को पिछली बार की 20 सीटों की तुलना में 12 सीटों का नुकसान हो सकता है। वहीं, BJP एक सीटों से आगे बढ़कर इस बार 12 सीटें जीत सकती है। कांग्रेस के खाते में 1 सीट जाने की संभावना जताई गई है।


पिछले चुनावों में बीजेपी ने दिल्ली की सभी सातों सीटों पर कब्जा जमाया था। हालांकि इस बार कांग्रेस एक सीट जीतने में कामयाब हो सकती है। 29 सीटों वाले मध्य प्रदेश में 2014 में बीजेपी को 27 और कांग्रेस को 2 सीटें मिली थीं। इस बार राज्य की सत्ता भले ही कांग्रेस को मिल गई हो पर वह लोकसभा चुनावों में बीजेपी का ज्यादा नुकसान नहीं कर सकी है। टाइम्स नाउ की मानें तो इस बार BJP को 21 और कांग्रेस को 8 सीटें मिल सकती हैं।

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मतदान से एक दिन पहले भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा वोटर्स की उंगलियों पर जबरन लगाई गई स्याही

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव  के आखिरी चरण के मतदान से एक दिन पहले मतदाताओं की उंगुलियों पर जबरन स्याही लगाने का मामला सामने आया है. मामला यूपी की चंदौली सीट का है. इस संसदीय सीट के तहत पड़ने वाले तारा जीवनपुर गांव के लोगों का कहना है कि मतदान से एक दिन पहले उनकी उंगलियों पर जबरन स्याही लगा दी गई. इसके साथ ही उन्हें 500 रुपये दिए गए. ऐसा करने वाले उनकी गांव के रहने वाले ही तीन लोग थे. उन्होंने कहा, 'वे लोग भाजपा के थे. उन्होंने हमसे पूछा कि क्या हम पार्टी के लिए वोट डालेंगे. उन्होंने हमें कहा कि अब आप वोट नहीं डाल सकते. किसी को बताना नहीं.'


चंदौली के एसडीएम कुमार हर्ष ने इस मामले पर कहा, 'शिकायतकर्ता अभी पुलिस थाने में हैं. वे लोग जो शिकायत दर्ज कराते हैं, उसके मुताबिक हम लोग कार्रवाई करेंगे. वे अभी भी वोट डालने के योग्य हैं क्योंकि चुनाव तब शुरू नहीं हुए थे. उन्हें अपनी एफआईआर में लिखवाना होगा कि उनके उंगलियों पर जबरन स्याही लगाई गई है.' न्यूज एजेंसी ने इन मतदाताओं की उंगुलियों पर लगी स्याही वाली तस्वीरें जारी की हैं. इन लोगों ने अपने हाथ में उन्हें कथित तौर पर दिए गए नोटों पकड़ रखे हैं और उनकी उंगलियों पर स्याही लगी हुई है.

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शनिवार, 18 मई 2019

बस्ती/अमरौली शुमाली में बने 5 करोड़ की लागत वाले स्वास्थ्य केंद्र पर 7 साल बाद नही शुरू हो सका ओपीडी

विश्वपति वर्मा_

जनपद में जिम्मेदार जनों की उदासीनता किस तरहं से हावी है यह देखने के लिए आप सल्टौआ ब्लॉक के अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चले आइये।

2012-13 से निर्माणाधीन इस स्वास्थ्य केंद्र को 2017 में जनता के लिए हर हाल में खोलना था लेकिन कार्यों की गति धीमी होने की वजह से इसके निर्माण को पूरा करने और जनता के लिए खोलने का समय मार्च 2019 कर दिया गया लेकिन 7 वर्ष बीत जाने के बाद 5 करोड़ की लागत वाले इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन अभी तक भी ओपीडी शुरू करने लायक तैयार नही हो पाया । 

ग्रामीण क्षेत्र के हर आबादी तक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए शासन द्वारा सल्टौआ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण को स्वीकृति 2012-13 में दी गई थी जिसके लिए विकास खण्ड के अमरौली शुमाली में जमीन की तलाश कर निर्माण कार्य शुरू किया गया लेकिन एक लंबा समय बीत जाने के बाद आज तक क्षेत्र के लोगों के लिए संचालित करने योग्य अस्पताल का निर्माण नही हो सका है।

ओपीडी और इलाज शुरू होने के बाद इन गांवों के लोगों को मिलेगा फायदा

अमरौली शुमाली में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ओपीडी और इलाज शुरू होने के बाद अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत के 65 पुरवे के अलावां भिरियाँ, तेलियाडीह, सेखुई, पिटाउट, बस्थनवा,चौकवां ,गोरखर, औड़जंगल ,समेत दर्जनों ग्राम पंचायत के 30 हजार से अधिक लोग अपने नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ जाएंगे।

यह सेवाएं होंगी उपलब्ध

आंतरिक रोगियों के लिए ओपीडी सेवाएं,टेस्ट सुविधाएं,एक्स-रे सुविधाएं,ऑपरेशन सुविधाएं,एम्बुलेंस सुविधा (108,102) प्रसव सुविधा,नेत्र चिकित्सा ,कुष्ठ रोग इलाज,शिशुओं में टीबी, पोलियो, डिप्थीरिया, टेटनस, वॉपिंग कफ और खसरे के टीकाकरण 
मृत्यु और जन्म का पंजीकरण, के अलावां मौसमी एवं संक्रमित बीमारियों का इलाज होगा।

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शुक्रवार, 17 मई 2019

तो क्या सत्ता से बाहर हो रही है एनडीए, इंडिया टुडे ग्रुप का लीक हुआ एक्जिट पोल देखें

लीक हुए एक सनसनीखेज रिपोर्ट के हवाले से माने तो लोकसभा चुनाव में एनडीए को भारी नुकसान हुआ है, वंही यूपीए को बढ़त मिलती दिख रही है ,हालांकि मजे की बात यह है कि दोनों गठबंधन की मुख्य दलें एनडीए और यूपीए सत्ता से काफी दूर हैं वंही गैरएनडीए और गैर यूपीए दल सर्वाधिक 224 सीट हासिल करने में सफल हो रही हैं जबकि एनडीए को 177 तो यूपीए को141 सीट मिल रही है।

सोशल मीडिया पर वायरल एक्ज़िट पोल इंडिया टूडे ग्रुप का है. जो एक्जिट पोल 19 मई के आखिरी चरण के मतदान के बाद दिखाए जाने थे, उसके स्क्रीनशाट जाने किन हालात में अभी से लीक हो गए हैं. इससे पूरे देश में हड़कंप है.
इंडिया टुडे ग्रुप के वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने इस एक्जिट पोल को फर्जी करार देकर इसे न फैलाने के लिए चेतावनी दी है. 
 साथ ही लीक हुए एक्जिट पोल की झलक देखें.


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जिला महिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के लिए सभी जांच फ्री ऐसे उठाएं लाभ

विश्वपति वर्मा_

बेहतर चिकित्सा हर किसी की जरूरत है और हर सरकार का इसे कमसे कम या निःशुल्क रूप से आम जनता के लिए उपलब्ध कराने की नैतिक जिम्मेदारी है।

चिकित्सा के क्षेत्र में सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार नाना प्रकार की व्यवस्था करती भी हैं लेकिन जानकारी के अभाव में लोग इन सुविधाओं का लाभ नही उठा पाते हैं जिसका परिणाम है कि एक बड़ी आबादी प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने के लिए मजबूर होती हैं जंहा पर उन्हें भारी भरकम खर्च का सामना करना पड़ता है ।

तो आइये आपको बताते हैं कि आपके जिला महिला अस्पताल में किस प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है

जिला महिला अस्पताल बस्ती का पूरा नाम " वीरांगना रानी तलाश कुँवरि जिला महिला चिकित्सालय " है जो जनपद के पिकौरा मोहल्ला में स्थिति है।

यंहा पर महिलाओं एवं बच्चों से सम्बंधित इलाज सरकारी फीस पर किया जाता है ।यदि गर्भवती महिलाएं प्रसव के पूर्व यंहा जांच इत्यादि के लिए आती हैं तो कई अनुभवी डॉक्टरों द्वारा उचित परामर्श दिया जाता है।

यंहा पंहुचने के बाद आप को मामूली फीस देकर एक पर्चा लेना होगा जो उस महिला या बच्चे के नाम पर होगा जिसको यंहा इलाज कराना है ,उसके बाद उन्हें ओपीडी (Out Patient  Department) या हिंदी के शब्दों में लिखे हुए बाह्य रोगी विभाग में जाना होगा जंहा पर डॉक्टरों की टीम अपने अपने निर्धारित कमरे में बैठते हैं।

गर्भवती महिलाओं समेत किसी नार्मल महिला या बच्चे को यदि किसी प्रकार का परामर्श लेना है तो वह उस पर्चे को लेकर अपने समस्या से संबंधित डॉक्टरों से मिले जंहा उन्हें परामर्श दिया जाता है

ओपीडी में बैठने वाले डॉक्टर

डॉक्टर एस आर कनौजिया स्त्री रोग विशेषज्ञ,डॉo पीके श्रीवास्तव बाल रोग विशेषज्ञ,डॉo सुधांशु द्विवेदी, डॉo सुरेंद्र यादव बेहोशी से सम्बंधित, डॉ० तैयब अंसारी बाल रोग, डॉo ममता रानी DGO(स्त्री रोग और प्रसूति में डिप्लोमा) शागुफ्ता उस्मानी (पैथोलॉजी) डॉo अर्चना त्रिपाठी ,परामर्शदाता स्त्री रोग, डॉo अनिता वर्मा ,परामर्शदाता स्त्री रोग, डॉo पंकज शुक्ला, बाल रोग विशेषज्ञ, डॉo नीलम सिंह ,स्त्री रोग

इसके अलावां महिला अस्पताल बस्ती में इन डॉक्टरों की तैनाती भी की जाती है

डॉoएपीडी द्विवेदी ,डॉo सीमा चौधरी स्त्री रोग, डॉo स्वेता श्रीवास्तव, स्त्री रोग, डॉo शबनम जंहा (आयुर्वेद परामर्शदाता)डॉo एलिना द्विवेदी ,परामर्शदाता, डॉo विपिन कुमार बाल रोग, डॉo रजत शाहू

जिला महिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं से सम्बंधित सभी प्रकार की जांच एवं अल्ट्रासाउंड फ्री है यंहा यदि कोई महिला अपने स्वास्थ्य सम्बंधित परामर्श लेने के लिए आती है तो हमारे डॉक्टर सेहत के सम्बंध में उचित सलाह देते हैं ।आवश्यकता पड़ने पर जांच के लिए लिखा जाता है जो अस्पताल में निःशुल्क रूप से उपलब्ध है।

डॉक्टर एके सिंह ,मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ,महिला अस्पताल बस्ती

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गुरुवार, 16 मई 2019

घर मे लगी एलईडी लाइट आपके आंखों को पंहुचा रहा नुकसान

फ्रांस की सरकारी स्वास्थ्य निगरानी संस्थान ने कहा है कि एलईडी लाइट (LED Light) की ‘नीली रोशनी' से आंख के रेटीना को नुकसान हो सकता है और प्राकृतिक रूप से सोने की प्रक्रिया बाधित हो सकती है. 


फ्रांसीसी एजेंसी खाद्य, पर्यावरण और व्यावसायिक स्वास्थ्य तथा सुरक्षा (एएनएसईएस) ने एक बयान में चेतावनी दी है कि नये तथ्य पहले की चिंताओं की पुष्टि करते हैं कि ‘‘एक तीव्र और शक्तिशाली (एलईडी) प्रकाश ‘फोटो-टॉक्सिक' होता है और यह रेटिना की कोशिकाओं को कभी सही नहीं होने वाली हानि पहुंचा सकता है और दृष्टि की तीक्ष्णता को कम कर सकता है.''  

एजेंसी ने 400 पृष्ठों की एक रिपोर्ट में सिफारिश की है कि भले ही ऐसे स्तर घर या कार्यस्थल के वातावरण में शायद ही कभी मिले हों फिर भी तीव्र जोखिम के लिए अधिकतम सीमा को संशोधित किया जाना चाहिए.

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बीमा कंपनी के दावे को चुनौती देने के लिए पीड़ित के वकील जज के सामने झोले में लेकर पंहुचे ट्रक और मोटरसाइकिल

दैनिक भास्कर खबर के अनुसार गुजरात के जूनागढ़ में 3 साल पहले एक सड़क हादसे में पीडब्लूडी विभाग के इंजीनियर और उनके साथी की माैत हाे गई थी। हादसे के बाद मुआवजा देने से बचने के लिए बीमा कंपनी ने कहा कि हादसा मधुमक्खी के काटने से हुआ।

मामले काे कोर्ट में चुनाैती दी गई। यहां पीड़ित पक्ष के वकील ने काेर्ट में ही जज के सामने ट्रक और बाइक के खिलाैने से हादसे का सीन रिक्रिएट कर बताया कि हादसा ट्रक चालक की लापरवाही से हुआ था न कि मधुमक्खी के काटने से। इसके बाद जज ने बीमा कंपनी को मृतक के परिवार को डेढ़ करोड़ चुकाने के निर्देश दिए।

बीमा कंपनी ने मुआवजे देने से किया था इनकार: दरअसल, बीमा कंपनी ने दलील दी थी कि रास्ते में मधुमक्खी का एक झुंड बाइक सवाराें पर टूट पड़ा इसलिए बाइक सवार पिछले चक्के में फंस गए औरउनकी माैत हाे गई। इसके लिए बीमा कंपनी मुआवजा चुकाने की जिम्मेदार नहीं है।

मृतकाें के शरीर पर काटने के निशान नहीं थे :पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा कि अगर मधुमक्खी काटती ताे मृतकाें के शरीर पर उसके निशान भी हाेने चाहिए थे, जाे कि मौजूद नहीं थे। वकील ने हादसा जज को दिखाने के लिए खिलौने वाले ट्रक और बाइक का इस्तेमाल किया। साथ ही माैके का पंचनामा, बाइक की स्थिति, मृतकाें के शरीर पर चाेट के निशान (मधुमक्खी के काटने के नहीं) की रिपाेर्ट भी दिखाई। जज एनबी पीठवा ने दाेनाें पक्षाें की दलीलें सुनने के बाद मृतक दिलीप के परिजनाें काे 1 कराेड़ 5 लाख रुपए और अरुण के परिजनाें काे 45 लाख रुपए 8 फीसदी ब्याज के साथ ट्रक की बीमा कंपनी काे चुकाने का आदेश दिया।

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बुधवार, 15 मई 2019

मोदी को लगता है अकेले चला लेंगे देश -राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को लगता है कि सिर्फ एक शख्स देश चला सकता है, जबकि सच्चाई यह है कि लोग इस देश को चला रहे हैं। राहुल गांधी ने पंजाब के बरगारी में एक रैली को सबांधित करते हुए कहा कि एक समय मोदी पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का मजाक उड़ाते थे, लेकिन अब पांच साल बाद पूरा देश उनका मजाक उड़ा रहा है।

राहुल गांधी फरीदकोट लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद सिद्दिकी के लिए वोट मांगने गए थे। राहुल गांधी ने इस दौरान 2015 की एक घटना का जिक्र करते हुए धार्मिक ग्रंथ का अपमान करने वाले को सजा दिलाने की बात भी कही।
राहुल ने कहा, 'मैं उस घटना को भी याद कर रहा था, जब धर्म ग्रंथ का अपमान का मामला सामने आया था। उस वक्त मैं यहां आया था। मैं वादा करता हूं कि जिन्होंने यह गलत काम किया, उन्हें सजा जरूर दी जाएगी।' बता दें कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी मंगलवार को धर्मग्रंथ की बेअदबी के मामले पर बीजेपी की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल पर हमला बोला था।
मोदी पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'पीएम मोदी को लगता है कि एक व्यक्ति देश चला सकता है, लेकिन वास्तव में यहां के लोग देश चला रहे हैं।' राहुल गांधी ने इस दौरान राफेल जेट का भी मुद्दा उठाया। राहुल ने मोदी को चुनौती दी कि वे राफेल के मुद्दे पर उनसे बहस करें। बीजेपी सरकार के अहम कदम नोटबंदी और जीएसटी की आलोचना करते हुए कहा कि मोदी के इन फैसलों ने देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर दिया और लाखों लोगों को नौकरी छोड़ने पर मजबूर कर दिया था।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हर भारतीय के खाते 15 लाख रुपये न डालने को लेकर भी पीएम मोदी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी देश के लोगों को 2 करोड़ रोजगाद देने में विफल रहे हैं।

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मंगलवार, 14 मई 2019

कांग्रेस विधायक के काफिले पर हमला हाइवे पर कई गाड़ियां छतिग्रस्त

पीसी चौधरी_

यूपी की रायबरेली में मंगलवार को सदर सीट से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह पर कथित रूप से जानलेवा हमला किया गया। बताया जा रहा है कि विधायक अदिति सिंह की गाड़ी काफी दूर तक दबंगों से बचते हुए आगे चलती रही और फिर अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई।

जानकारी के अनुसार विधायिका की कार समेत उनके काफिले की तीन अन्य गाड़ियां भी पलट गई हैं। हादसे में विधायक अदिति सिंह घायल हो गई हैं, जिन्हें इलाज के लिए लखनऊ रिफर किया गया है। यह घटना रायबरेली में हरचंदपुर थाना क्षेत्र के मोदी स्कूल के पास हुई।

दरअसल, अदिति सिंह रायबरेली जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हो रही वोटिंग में अपने समर्थकों के साथ गई थीं। अवधेश सिंह, सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे बीजेपी प्रत्याशी दिनेश सिंह के भाई हैं और उनके ऊपर ही अदिति सिंह पर हमला करवाने का आरोप लगाया जा रहा है।

आरोप है कि पीछा कर रही गाड़ी से कुछ लोगों ने अदिति सिंह पर जानलेवा हमला किया। इस घटना में अदिति सिंह घायल हो गईं। उन्हें लखनऊ के एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। कई अन्य जिला पंचायत सदस्यों पर भी हमला किया गया। इस दौरान कथित रूप से गाड़ियों के काफिले पर पथराव और फायरिंग के बाद कई गाड़ियां हाइवे पर पलट गईं।
 

घटना बछरांवा के पास हुई। यहां के टोल प्लाजा और फ्लाइओवर पर जमकर बवाल हुआ। कई गाड़ियां पलट जाने से सड़क मार्ग पर यातायात भी बाधित हुआ। अदिति सिंह के समर्थकों का आरोप है कि पीछा कर रही गाड़ियों से अदिति सिंह पर फायरिंग भी की गई।

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सोमवार, 13 मई 2019

सफेद झूठ बोलने में माहिर हैं पीएम,1988 में डिजिटल कैमरा था ही नही तो मोदी ने कैसे खींचा फ़ोटो


अमेरिका के 42वें राष्ट्रपति बिल क्लिंटन अपनी अध्यक्षता के दौरान  ईमेल भेजने वाले पहले राष्ट्रपति बने थे. उन्होंने 7 नवंबर, 1998 को अंतरिक्ष यात्री जॉन ग्लेन को ये ऐतिहासिक ई-मेल भेजा था तो एक बड़ा सवाल पैदा होता है कि 1988 में यानी 10 साल पहले पीएम मोदी ने मेल किसको भेजा

1988 में प्रथम बार JPEG और MPEG स्टैंडर्ड फॉर्मेट के कैमरे की निर्माण के वजह से डिजिटल फॉर्मेट की कैमरे रचना संभव हुई थी लेकिन बाजार में 1988 में डिजिटल कैमरा लांच नही किया गया था ।

ठोस जानकारी के आधार पर हमने पता लगाया है कि पीएम मोदी द्वारा 1988 में डिजिटल कैमरे से फोटो खींच कर मेल से भेजे जाने की बात झूठी है ।

सबसे पहला एनालॉग कैमरा, कैनन RC-250 ज़ैपशॉट  हो सकता है जो 1988 में विपणन के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुंचा। उस वर्ष निकोन QV-1000C नामक एक उल्लेखनीय एनालॉग कैमरे का उत्पादन हुआ जिसे एक प्रेस कैमरे के रूप में डिजाइन किया गया था वंही डिजिटल कैमरे की बात करें तो यह 1990 में पहली बार लांच किया गया था।

अब यह सवाल पैदा होता है कि मोदी जी को वह डिजिटल कैमरा कंहा से और कैसे मिला जिससे वें 1988 में फोटों खींच कर मेल किये थे।

अब दूसरा सवाल यह है कि 1988 में मोदी जी का मेल आईडी क्या था ? जानकारी के अनुसार मेल का इस्तेमाल तो इस वर्ष में किया जाता था लेकिन भारत मे इसकी चलन 1995 है इसके अलावां यदि 1995 के पहले भारत मे मेल का इस्तेमाल होता था तो कुछ बड़े वैज्ञानिक ही इसका इस्तेमाल करते थे।

अब सोच लो कि पीएम मोदी किस तरहं से सफेद झूठ बोलने में माहिर हैं।

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यूपी में 500 करोड रुपये का निवेश कर रही है जीडी फूडस कंपनी

 उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के निवेश प्रयासों को पंख देते हुए खाद्य उत्पादों के प्रमुख ब्राण्ड 'टॉप्स' की निर्माता कम्पनी जीडी फूड्स मैन्युफैक्चर प्राइवेट लिमिटेड उत्तर प्रदेश में चालू वित्त वर्ष में चरणबद्ध तरीके से 500 करोड रूपये का निवेश करने जा रही है. कम्पनी के उपाध्यक्ष नितिन सेठ ने रविवार को 'भाषा' से बातचीत में कहा, ''कम्पनी चालू वित्त वर्ष में चरणबद्ध तरीके से 500 करोड़ रूपये का निवेश कर रही है. गन्ना समृद्ध मुज़फ़्फ़रनगर-सहारनपुर बेल्ट में 50 एकड़ में चीनी मिल स्थापित होगी .''

सेठ ने चीनी मिल के अगले साल शुरू होने की संभावना व्यक्त करते हुए कहा कि शुरूआती चरण में मिल की सालाना क्षमता 15 हजार टन होगी, जो क्रमश: बढायी जाएगी . उन्होंने बताया कि विभिन्न खाद्य उत्पादों के उत्पादन के लिए कंपनी द्वारा स्वयं लगभग 10, 000 टन चीनी का उपयोग किया जाएगा जबकि बाकी 5, 000 टन खुले बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होगी . सेठ ने कहा कि एक बार संयंत्र स्थापित हो जाने के बाद यह उनके बड़े और विविध खाद्य व्यवसाय के लिए भारी बचत करेगा .

सेठ ने कहा, ''... लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह गन्ने की अतिरिक्त मांग पैदा करके लाभार्थी क्षेत्र में सैकड़ों रोजगार पैदा करेगा .'' उन्होंने बताया कि यह पूरी तरह से एकीकृत संयंत्र होगा, जिससे इसके सभी उप-उत्पाद जैसे गुड़ को मूल्य वर्द्धित उत्पाद या आंतरिक आवश्यकताओं के लिए उपयोग किया जाएगा . इस संयंत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को समर्पित करते हुए सेठ कहते हैं कि यह किसानों को उनकी आय बढ़ाने में मदद करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में लाभकारी रोजगार का सृजन करेगा . उन्होंने बताया कि चीनी कारखाना स्थापित करने के अलावा हम किसानों को उनकी आय बढ़ाने के लिए उनके साथ ठेका खेती करने के लिए भी प्रोत्साहित करेंगे . सेठ ने बताया कि वह पंजाब में बहुत सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं .

कंपनी पंजाब में 6,000 एकड़ से अधिक भूभाग पर टमाटर, हरी मिर्च, नींबू, लाल मिर्च, सरसों और सेब की खेती कर रही है . टॉप्स के पास पंजाब के तरनतारन में टमाटर का पेस्ट संयंत्र भी है. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह चुके हैं कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधरी है, जिसकी वजह से निवेशकों का विश्वास बढ़ा और प्रदेश में पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं

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शनिवार, 11 मई 2019

लो यही वादा बाकी था,आधे दाम पर शराब, ईद पर बकरा फ्री ,10 हजार महीना बेरोजगारी भत्ता

वायदे पढ़कर हंस पड़ेंगे आप
                प्रतीकात्मक तस्वीर
लोकसभा चुनाव 2019 में तमाम प्रकार की पार्टियों के साथ कई प्रकार के नेता चुनावी मैदान में आ रहे हैं इसी बीच राजधानी दिल्ली से चुनाव लड़ रहे एक प्रत्याशी की घोषणा पत्र तो सबको हैरान ही कर दिया है उम्मीदवार ने कब्रिस्तान के लिए 25 बीघा मुफ्त जमीन, ईद पर मुस्लिम परिवार को बकरा फ्री, हर औरत को मुफ्त में सोना के साथ शराब का दाम आधा करने का वादा किया गया है।हालांकि, ये वादे कितने पूरे हो पाएंगे, ये तो तब पता चलेगा जब उम्मीदवार चुनाव जीतेंगे। उत्तर पूर्व दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से सांझी विरासत पार्टी के उम्मीदवार ने कुछ ऐसे ही वादे किए हैं। उन्होंने ईद में ‘मुफ्त बकरा, आधे दाम में शराब और औरतों को मुफ्त में सोना’ उपलब्ध करवाने का वादा किया है।

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