जानिए बिजली, पानी, भत्ता के अलावां और क्या-क्या मिलता है सांसदों को
विश्वपति वर्मा_
माना कि अपने संसदीय क्षेत्र में एक सांसद के बहुत खर्चे होते हैं लेकिन किसानों ,बेरोजगारों और श्रमिकों की स्थिति देखने के बाद भारत के सांसदों पर सरकार द्वारा खर्च की जाने वाली धनराशि कम भी नही है ।
आइए, देखें क्या है सच्चाई और जानें कि आपके सांसद को हर महीने कितना वेतन-भत्ता और साथ में क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं।
1 . वेतन और भत्ता : किसी भी सांसद को उसका वेतन और भत्ता मेंबर ऑफ पार्लियामेंट एक्ट 1954 सैलरी, अलाउंस और पेंशन के तहत दिया जाता है। बता दें कि एक्ट के तहत इसके नियम समय-समय पर बदलते भी रहते हैं। फिलहाल के हिसाब से आइए क्रम से जानते हैं कि आपके सांसद कमाते हैं कितना।
मासिक वेतन : लोकसभा और राज्यसभा दोनों के हर एक सदस्य को प्रति महीने 50,000 सैलरी मिलती है। दैनिक भत्ता : बात इनके दैनिक भत्ते की करें तो हर सांसद को प्रतिदिन 2,000 रुपये इसके नाम पर मिलते हैं। संवैधानिक भत्ता :इस भत्ते के नाम पर इन सांसदों को प्रति महीने 45,000 रुपये का भुगतान किया जाता है। कार्यालय व्यय भत्ता :
कार्यालय व्यय भत्ते के नाम पर एक सांसद को 45000 रुपए प्रतिमाह मिलता है। इसमें से वह 15 हजार रुपए स्टेशनरी और पोस्ट आइटम्स पर खर्च कर सकता है। इसके अलावा अपने सहायक रखने पर सांसद 30 हजार रुपए खर्च कर सकता है।
2 . यात्रा भत्ता (TA) और यात्रा सुविधाएं : कभी किसी पार्लियामेंट सेशन, मीटिंग या इस ड्यूटी से जुड़ी किसी बिजनेस मीटिंग को अटैंड करने के लिए सांसद को कहीं बाहर जाना होता है तो इसके लिए उन्हें यात्रा भत्ता भी दिया जाता है। आइए देखें, कैसे जोड़ा जाता है ये यात्रा भत्ता। रेल यात्रा : हर महीने के आधार पर एक फ्री नॉन-ट्रांसफेयरेबल फर्स्ट क्लास एसी या किसी भी एक्जेक्यूटिव क्लास का ट्रेन पास और एक फर्स्ट क्लास और एक सेकेंड क्लास का किराया भी इन्हें दिया जाता है। हवाई यात्रा : हवाई यात्रा का 25 प्रतिशत ही देना पड़ता है। इस छूट के साथ एक सांसद सालभर में 34 हवाई यात्राएं कर सकता है। यह सुविधा सांसद के पति/पत्नी दोनों के लिए है।
बाय रोड यात्रा : अपनी या सरकार की गाड़ी से कहीं की भी यात्रा करने पर 16 रुपये प्रति किमी के हिसाब से यात्रा भत्ता इन सांसदों को मिलता है। यात्रा के दौरान ऐसी मिलती हैं सुविधाएं : सांसद अगर हवाई यात्रा कर रहे हैं तो उनको कई तरह की सुविधाएं भी सरकार की ओर से उनको मुहैया कराई जाती हैं। हर साल वह पति या पत्नी या किसी रिश्तेदार के साथ 34 हवाई यात्रा बिल्कुल फ्री कर सकते हैं। इनकी ओर से इनके पति या पत्नी या कोई भी रिश्तेदार अकेले साल में आठ बार हवाई सफर कर सकते हैं। वो भी बिल्कुल मुफ्त। वहीं अब बात करें रेल यात्रा की तो आईकार्ड लिए हुए सदस्य साल में कभी भी अपने देश के अंदर कहीं की भी फर्स्ट-क्लास एसी कोच से सफर कर सकता है।
3 . टेलीफोन संबंधी सुविधाएं : हर सदस्य को तीन फोन रखने का अधिकार है। इनमें से एक फोन सांसद के घर पर जरूर होगा। दूसरा इनके दिल्ली ऑफिस में और तीसरा खुद सांसद की चुनी हुई जगह या इनके दूसरे आवास पर। तीनों का खर्चा सरकार की ओर से वहन किया जाता है। इन फोन में से हर एक से एक साल में कुल 50,000 लोकल कॉल करने की आजादी है। इसके अलावा हर सदस्य को एक MTNL का मोबाइल कनेक्शन भी मिलता है। इसी के साथ एक और मोबाइल इन्हें मिलता है। ये MTNL या किसी भी प्राइवेट कंपनी का हो सकता है। MTNL या BSNL की ओर से सदस्य को 3G सुविधा का भी विकल्प मिलता है।
4 . पानी और बिजली : प्रति वर्ष 4000 किलोलीटर पानी और 50,000 यूनिट बिजली सप्लाई सांसद के कोटे में बिल्कुल फ्री होती है। इनको ये सुविधा इनके सरकारी निवास या निजी भवन में भी मिलती है। ऐसे में अगर इतनी बिजली और पानी की इतनी मात्रा का इस्तेमाल वह एक साल में नहीं कर पाते तो वह उन्हें अगले साल के कोटे में जुड़कर मिल जाती है।
5 . स्वास्थ्य संबंधी सुविधा : पार्लियामेंट के सदस्य को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के नाम पर वह सभी सुविधाएं मिलती हैं जो सेंट्रल गर्वनमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) के तहत सेंट्रल सिविल सर्विसेज के क्लास-1 ऑफीसर को मिलती है।
5 . स्वास्थ्य संबंधी सुविधा : पार्लियामेंट के सदस्य को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के नाम पर वह सभी सुविधाएं मिलती हैं जो सेंट्रल गर्वनमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) के तहत सेंट्रल सिविल सर्विसेज के क्लास-1 ऑफीसर को मिलती है।
6 . वाहन खरीद के लिए खर्च : हर सांसद को कोई भी वाहन खरीदने के लिए सरकार की ओर से 4,00,000 रुपये का भुगतान किया जाता है, लेकिन इस रकम को सदस्य को हर महीने के वेतन से इंस्टॉलमेंट के तौर पर चुकाना होगा। वह चाहें तो इसको पांच साल में चुका सकते हैं या उससे पहले ही ज्यादा किश्तों के साथ चुका सकते हैं।
7 . इनकम टैक्स सुविधा : अब यहां बात करें इतना कमाने के बाद इनके इनकम टैक्स भरने की तो ‘अन्य स्रोतों से आय’ के तहत इनको अपने वेतन और भत्ते पर किसी भी तरह का कोई टैक्स भरना नहीं पड़ता। कुल मिलाकर इनका दैनिक भत्ता और निर्वाचन क्षेत्र भत्ता पूरी तरह आयकर से मुक्त है।
8 . आवासीय भत्ता : लोकसभा चुनाव में चुने जाने के तुरंत बाद नवनिर्वाचित सांसद के लिए नई दिल्ली में स्टेट गर्वनमेंट के गेस्ट हाउस, होटल या भवन में रहने की व्यवस्था की जाती है। यहां इनको सभी तरह की सुविधाएं सरकार की ओर से दिलवाई जाती हैं। इसके बाद किसी भी फ्लैट, हॉस्टल या बंगले में इनके सपरिवार रहने की व्यवस्था कराई जाती है। इस जगह का किराया भी सरकार की ओर से मिलने वाले भत्ते के अंतर्गत आता है।
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