रविवार, 30 सितंबर 2018

लखनऊ गोलीकांड के बाद DGP बोले- अच्छे दौर से गुजर रही है UP पुलिस

लखनऊ में हुए गोलीकांड के बाद गाजियाबाद पुलिस को अनुशासन का पाठ पढ़ाने पहुंचे यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने धूमिल होती पुलिस की छवि को सुधारने पर जोर दिया.


लखनऊ में गोलीकांड के बाद गाजियाबाद पहुंचे उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने शनिवार को कहा कि राज्य की पुलिस आज अच्छे दौर से गुजर रही है. पिछले एक-डेढ़ साल में पुलिस अपराधियों पर काबू पाने में काफी हद तक कामयाब रही है. ओपी सिंह गाजियाबाद पुलिसकर्मियों के एक संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे.
ओपी सिंह ने कहा, 'हमने कम्युनिटी पुलिसिंग पर भी काफी ध्यान दिया है. हमने कई ऐसे प्रयोग किए हैं, जो काफी सफल हुए हैं. हमने गाजियाबाद में ही डायल 100 FIR की शुरुआत की है. यह पायलट प्रोजेक्ट संभवत आने वाले दिनों में सभी जनपदों में लागू करेंगे.'
डीजीपी ने कहा, 'हमने अपने पुलिसकर्मियों से सीधा संवाद का कार्यक्रम बनाया है. अभी भी हमारे चंद पुलिसकर्मी अपनी भाषा और व्यवहार से पूरी पुलिस की छवि को धूमिल करते हैं. हमने कुछ दृष्टांत उन्हें बताएं दिखाएं कि कैसे कुछ पुलिसकर्मी ड्यूटी पर शराब पीकर लोगों के बीच अपनी छवि धूमिल करते हैं. अवैध वसूली की बातें होती है. मैंने यह अपेक्षा की है कि जब तक हमारा व्यवहार हमारी कार्यशैली ठीक नहीं होगी, हम एक अच्छे पुलिस ऑफिसर के रूप में नहीं उभरेगें.
बरहाल उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक के इस संवाद का पुलिसकर्मियों पर कितना असर पड़ता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा.
बता दें कि लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में चेकिंग के दौरान कथित तौर पर वाहन नहीं रोकने पर एक सिपाही द्वारा चलायी गई गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जरूरत पड़ी तो मामले की सीबीआई जांच भी करायी जाएगी. वहीं विपक्ष ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है.

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शुक्रवार, 28 सितंबर 2018

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बुधवार, 26 सितंबर 2018

केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक

केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में गन्ना, रेल, होटेल समेत कई अहम फैसले लिए गए हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंत्रिपरिषद के फैसलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश में अतिरिक्त शुगर प्रॉडक्शन को देखते हुए कैबिनेट ने एक विस्तृत पॉलिसी को मंजूरी दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले और इस साल में गन्ने की पैदावार काफी अधिक रही है, जिसके लिए यह काफी अहम होगा।विधानसभा चुनावों से पहले इन घोषणाओं को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 
 


चीनी उद्योग को विशेष पैकेज

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पॉलिसी के तहत शुगर मिलों को ट्रांसपोर्ट, हैंडलिंग आदि के खर्चे के लिए, खासतौर से निर्यात में विशेष मदद दी जाएगी।इसके साथ ही शुगर इंडस्ट्री को 5,500 करोड़ रुपये का पैकेज दिए जाने की घोषणा की गई है।
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पटना में नया डमेस्टिक टर्मिनल
पटना एयरपोर्ट पर नया डमेस्टिक टर्मिनल बनाने को मंजूरी दी गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि इसकी अनुमानित लागत 1216.90 करोड़ रुपये होगी। उन्होंने आगे बताया कि कुछ ऐसे होटेल्स थे, जो बनते-बनते रुक गए थे। पटना का पाटलिपुत्र अशोक होटेल और गुलमर्ग का अधूरा होटेल इन दोनों को अब राज्य सरकारों को वापस कर दिया जाएगा।

GSTN अब सरकारी कंपनी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) को 100 प्रतिशत सरकारी कंपनी बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जेटली ने कहा कि GSTN यूपीए सरकार के कार्यकाल में बनी थी। उस समय 49 फीसदी सरकार और 51 फीसदी वित्तीय संस्थानों की शेयरहोल्डिंग थी। इन कंपनियों का कैरेक्टर प्राइवेट था जबकि 49 फीसदी में आधा-आधा केंद्र और राज्य सरकारों का था। अब ये 100 फीसदी सरकारी कंपनी बन जाएगी।

छत्तीसगढ़ में रेल लाइन का ऐलान
छत्तीसगढ़ में कथगौरा से लेकर दोनगढ़ तक रेल लाइन की घोषणा की गई है। राज्य सरकार और रेलवे के बीच इस तरह का पहला जॉइंट वेंचर होगा। 294 किमी लंबी लाइन पर 5,950 करोड़ रुपये लागत आएगी।

राजस्थान और पंजाब के लिए
सरहिंद फीडर कैनाल और राजस्थान फीडर कैनाल की रीलाइनिंग के लिए 825 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद की घोषणा की गई है।

MCI पर ऑर्डिनेंस को मंजूरी
कैबिनेट ने मेडिकल काउंसिल ऐक्ट में संशोधन के लिए ऑर्डिनेंस को मंजूरी दे दी है। इस पर राष्ट्रपति ने अपनी मुहर भी लगा दी है। जेटली ने बताया कि अध्यादेश के तहत विशेषज्ञों की एक समिति मेडिकल काउंसिल को चलाएगी।

नई दूरसंचार नीति
मंत्रिमंडल ने नई दूरसंचार नीति को मंजूरी दी है। दूरसंचार क्षेत्र में 2022 तक 100 अरब डॉलर का नया निवेश होने और 40 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद जताई गई है। कैबिनेट ने नई नैशनल डिजिटल कम्युनिकेशंस पॉलिसी-2018 और टेलिकॉम कमिशन को दोबारा 'डिजिटल कम्युनिकेशंस कमिशन' बनाने की मंजूरी दी है।

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जस्टिस चंद्रचूड़ ने आधार को क्यों कहा असंवैधानिक

आधार की अनिवार्यता और उससे निजता के उल्लंघन पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अहम फ़ैसला दिया.

शीर्ष अदालत की संवैधानिक बेंच ने बहुमत से कहा कि आधार नंबर संवैधानिक रूप से वैध है.
लेकिन जस्टिस चंद्रचूड़ ने इससे अलग राय जताते हुए आधार को असंवैधानिक क़रार दिया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आधार एक्ट को धन विधेयक की तरह पास करना संविधान के साथ धोखा है.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि वो जस्टिस सीकरी के सुनाए फ़ैसले से अलग राय रखते हैं.
उन्होंने कहा कि आधार एक्ट को राज्यसभा से बचने के लिए धन विधेयक की तरह पास करना संविधान से धोखा है, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 110 का उल्लंघन है.

अनुच्छेद 110 ख़ास तौर पर धन विधेयक के संबंध में ही है और आधार क़ानून को भी इसी तर्ज़ पर पास किया गया था. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि वर्तमान रूप में आधार एक्ट संवैधानिक नहीं हो सकता.
फैसला तीन हिस्सों में सुनाया गया. पहला हिस्सा जस्टिस एके सीकरी ने अपने, चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस एएम खानविलकर के लिए फैसला पढ़ा.
जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस ए भूषण ने अपने व्यक्तिगत विचार लिखे.
जस्टिस सीकरी ने आधार एक्टर के सेक्शन 57 को रद्द कर दिया, जिसके तहत निजी कंपनियों को आधार डेटा हासिल किए जाने की इजाज़त थी और कहा कि आधार का डेटा छह महीने से ज़्यादा स्टोर करके नहीं रखा जा सकता.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मोबाइल हमारे वक़्त में जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है और इसे आधार से जोड़ दिया गया. ऐसा करने से निजता, स्वतंत्रता और स्वायत्तता को ख़तरा है. उन्होंने कहा कि वो मोबाइल से आधार नंबर को डीलिंक करने के पक्ष में हैं.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट के संबंध में कहा कि यह क़ानून मानकर क्यों चल रहा है कि सभी बैंक खाताधारक धांधली करने वाले हैं.
उन्होंने कहा कि यह मानकर चलना कि बैंक में खाता खोलने वाला हर व्यक्ति संभावित आतंकी या धांधली करने वाला है, यह अपने आप में क्रूरता है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि डेटा के संग्रह से नागरिकों की व्यक्तिगत प्रोफ़ाइलिंग का भी ख़तरा है. इसके ज़रिए किसी को भी निशाना बनाया जा सकता है.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आधार नंबर सूचना की निजता, स्वाधीनता और डेटा सुरक्षा के ख़िलाफ़ है. इस तरह के उल्लंघन यूआईडीएआई स्टोर से भी सामने आए हैं. उन्होंने इसे निजता के अधिकार के ख़िलाफ़ भी बताया.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि इससे संवेदनशील डेटा के दुरुपयोग होने की आशंका है और थर्ड पार्टी के लिए यह आसान है. उन्होंने कहा कि निजी कारोबारी भी बिना सहमति या अनुमति के व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग कर सकते हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आधार प्रोग्राम समाधान तलाशने में नाकाम रहा है.
हालांकि जस्टिस सीकरी ने कहा कि आधार पंजीकरण के लिए यूआईडीएआई ने बहुत कम डेमोग्राफिक और बायोमीट्रिक डेटा जुटाया है और विशिष्ट पहचान के इस कार्यक्रम ने समाज के वंचित तबकों को पहचान दी है और उन्हें सशक्त बनाया है.
वहीं जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आधार के बिना कल्याणकारी योजनाओं से महरूम करना नागरिकों के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि यूआईडीएआई के पास लोगों के डेटा की सुरक्षा के लिए कोई जवाबदेही नहीं है.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि डेटा की सुरक्षा के लिए किसी भी तरह की मशीनरी का न होना ख़तरनाक है. उन्होंने कहा कि अभी तक आधार के बिना भारत में रहना असंभव था, लेकिन यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन था.

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कई तेल कंपनियों ने पेट्रोल पंपों पर लगीं मशीनों में तब्दीली

कई तेल कंपनियों ने पेट्रोल पंपों पर लगीं मशीनों में तब्दीली

लाने का फ़ैसला किया है ताकि पेट्रोल की क़ीमत अगर 100 रुपये प्रति लीटर के पार चली जाये तो मशीनें ग्राहकों को ठीक क़ीमतें  कुछ पेट्रोल पंप मालिकों ने ये आशंका ज़ाहिर की थी कि उनके यहाँ लगीं मशीनें तीन अंकों में तेल की क़ीमत दिखाने में फ़िलहाल अक्षम हैं.
वैश्विक बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमत बढ़ने की वजह से तेल कंपनियों ने ये निर्णय किया है.
सोमवार को मुंबई में पेट्रोल की क़ीमत 90 रुपये प्रति लीटर तक पहुँच गई थी. हालांकि तेल कंपनियों का ये भी कहना है कि हाल फ़िलहाल में पेट्रोल की क़ीमत 100 रुपये प्रति लीटर तक नहीं

टीवी पर देनी होगी आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी

सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों से कहा है कि वो ये सुनिश्चित करें हर प्रत्याशी अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी निर्वाचन आयोग की ओर से दिये गए फ़ॉर्म में 'बोल्ड लेटर्स' में दे.
कोर्ट ने ये भी कहा है कि हर प्रत्याशी को नामांकन दाखिल करने के बाद अपने क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी कम से कम तीन बार अख़बारों और टीवी पर देनी होगी.
निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार क्रिमिनल रिकॉर्ड्स के डिक्लेयरेशन के लिए एक नया फ़ॉरमैट तैयार करेगा.
कोर्ट ने ये भी कहा है कि राजनीतिक दलों को अपने प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी अपनी वेबसाइट पर भी देनी

आधार कार्ड की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फ़ैसला सुना सकता है.
साथ ही प्रमोशन में आरक्षण, कोर्ट की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग और दोषी नेताओं की कुर्सी किसके आदेश से जाएगी, इन तमाम मामलों पर भी सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फ़ैसला दे सकती है.
चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्रा के रिटायरमेंट से पहले 4 कार्यदिवस बचे हैं. इस दौरान वो आधार, अयोध्या, अडल्टरी, सबरीमाला, भीड़ द्वारा संपत्ति के नुकसान पहुँचाने के मामले और एक्टिविस्टों के ख़िलाफ़ केस रद्द करने और एसआईटी जाँच की गुहार पर फ़ैसला दे सकते हैं.
यानी चार कार्यदिवस में वो 9 अहम फ़ैसले सुनाने वाले हैं.
सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस नेता अहमद पटेल द्वारा दायर याचिका पर भी फैसला सुनाएगा, जिसमें गुजरात हाईकोर्ट में चुनाव याचिका में सुनवाई आगे बढ़ने के आदेश को चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि अहमद पटेल के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में चुनाव याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी या नहीं

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सोमवार, 24 सितंबर 2018

आपका स्वागत है

     तहकीकात  समाचार  पत्रिका


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रविवार, 23 सितंबर 2018

जानें कौन हैं विश्वपति वर्मा Know who is Vishwapati Verma or saurabh vp verma

विश्वपति वर्मा (vishwapati verma) या सौरभ वीपी वर्मा उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के निवासी हैं वें स्वतंत्र पत्रकार हैं और भारत के ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों और सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए जाने जाते हैं।[https://www.tahkikatsamachar.in]
 
विश्वपति वर्मा मूलरूप से अमरौली शुमाली गांव के निवासी हैं जो भारत के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद का एक बड़ा ग्राम पंचायत है ।सौरभ वीपी वर्मा (विश्वपति वर्मा) का समाज से काफी लगाव रहा है जिसके नाते उन्होंन वर्ष 2009 से सामाजिक में व्याप्त कई समस्याओं को लेकर प्रमुखता से आवाज उठाई है। विश्वपति वर्मा (सौरभ) वर्तमान में पत्रकारिता के क्षेत्र को चुन कर अपने क्रांतिकारी लेखों और यूट्यूब पर वीडियो के माध्यम से समाज की दबी कुचली आवाज को बुलंद करने का काम कर रहे हैं।
विश्वपति वर्मा को सौरभ वीपी वर्मा के नाम से भी जाना जाता है उनका फेसबुक अकाउंट saurabh vp verma और वेबसाइट web www.tahkikatsamachar.inतहक़ीकात समाचार पर उनकी लेखों की काफी प्रशंसा होती है।
 
सौरभ वीपी वर्मा (विश्वपति वर्मा) बहुत ही  शांतिप्रिय व्यक्ति हैं वें किसी भी मामले को गंभीरता से जाने बगैर उस पर बहसँ करना नही चाहते हैं। किसी भी मुद्दे पर वें सामने वाले से तर्क वितर्क के आधार पर ही बात करना पसंद करते हैं।
वें अपने लेखनी के क्षेत्र में एक हजार से अधिक मुद्दों पर लेख लिखकर जंहा जिम्मेदारों को जगाने का काम कर चुके हैं वंही वें नेशनल वॉयस टीबी चैनल, विचार परक हिंदी पेपर,सिटीजन न्यूज़ में भी अपनी सेवा दे चुके हैं ।
 
इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के मुद्दे को डर और भय को त्यागते हुए स्थानीय समस्याओं को बेबाकी से बुलंद करने के लिए उन्हें जाना जाता है। वर्तमान में वें एक यूट्यूबर और लेखक हैं जो अपनी लेखनी और वीडियो को तहकीकात समाचार के नाम से बनाये गए यूट्यूब और वेब पोर्टल पर पाठकों के लिए परोसते हैं।
 
शिक्षा 
 
शिक्षा की बात करें तो उन्होंने प्राथमिक शिक्षा गांव के स्कूल से ही प्राप्त किया उसके बाद मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद से स्नातक की डिग्री हासिल की, स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद विश्वपति वर्मा कहते हैं कि अभी वह अपनी पढ़ाई को जारी रखेंगे, लेकिन उनका यह भी मत है कि लोगों को अपना परचम लहराने के लिए कुछ ऐसा स्थान मिलता है जहां डिग्री की कोई महत्व नहीं रह जाता बशर्ते लोगों को अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए प्लेटफार्म मिलना चाहिए। वो कहते हैं कि फिलहाल लोगों को शिक्षा ग्रहण करना चाहिए ताकि देश दुनिया और समाज की गतिविधियों को कोई भी व्यक्ति कायदे से समझ सके।
 
सामाजिक कार्य
 
अपने छात्र जीवन से ही उन्होंने समाज के शोषित ,वंचित, गरीब, किसान एवं व्यापारियों के हित की लड़ाई लड़ी है , क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर चाहे तहसील मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करने की बात रही हो या फिर ता बेसिक मुद्दे को लेकर राजधानी लखनऊ में धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेने की बात रही हो उन्होंने कम उम्र में देश की जनता के हित में लड़ाई लड़ने के लिए अपने आपको समाज के लिए समर्पित किया है । बेहद कम उम्र में एक अलग छवि बनाते हुए विश्वपति वर्मा ने जिस तरहं से गरीबों एवं मजबूरों की मदद की है उसी तरहं से उनकी लोकप्रियता भी क्षेत्र के महिलाओं बुजुर्गों एवं बच्चों में बनी रहती है।
 
सम्मान
अपने मेहनत के दम पर विश्वपति वर्मा ने कई बड़े संस्थानों से सम्मान भी हासिल किया है 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में महावारी की समस्या से निपटने के लिए लिखे गए लेख पर वैश्विक सतत विकास लक्ष्य के कार्यक्रम में उन्हें राजधानी लखनऊ में सम्मानित किया गया।
 
देश के उत्तरी इलाके बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती महाराजगंज एवं पीलीभीत के ग्रामीण क्षेत्रों में  शासन प्रशासन की विसंगतियों की वजह से सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही एवं मूलभूत सुविधाओं से वंचित होने वाले लोगों पर लिखी गई स्टोरी पर भी उन्हें सम्मान दिया गया है। इसके अलावा ग्रामीण अंचल में पत्रकारिता के क्षेत्र में तैयार की जाने वाली समीक्षात्मक रिपोर्ट की जरूरत और निष्पक्षता को देखते हुए वर्ष 2022 में राजधानी लखनऊ में बहादुर शाह जफर सम्मान 1857 से सम्मानित किया ।
 
वर्ष 2016 में उन्होंने प्रदेश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर फ्यूचर आफ इंडिया के संस्थापक मजहर आजाद के साथ लखनऊ के हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा के सामने भूख हड़ताल किया जिसमें मैग्सेसे पुरस्कार विजेता  संदीप पाण्डेय का समर्थन मिला जिसका परिणाम रहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मिलने के लिए आमंत्रित किया और उन्होंने नई सरकार के गठन के बाद शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की बात कही ,अखिलेश यादव ने चुनावी माहौल का हवाला देकर बदहाल शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए वक्त मांगा लेकिन मजहर आजाद ,संदीप पांडेय और विश्वपति वर्मा ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
 
इसके अलावा कई स्थानीय ,प्रादेशिक और राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर विश्वपति वर्मा ने तहसील प्रशासन एवं जिला प्रशासन के सामने कई आंदोलन भी किए हैं जिसके परिणामस्वरूप कई समस्याओं पर तत्काल प्रभाव से समाधान निकाला गया है।
 
पत्रकारिता
विश्वपति वर्मा या सौरभ वीपी वर्मा वर्ष 2009- 10 से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रहे हैं लेकिन यह उनका व्यवसायिक काम नही है ,वें चाहते हैं कि समाज के बड़ी आबादी को अपनी पत्रकारिता के माध्यम से जागरूक करें ताकि लोग अपने हक अधिकारों को समझ सकें और समाज के अग्रिम पंक्ति में आने का निर्णय स्वयं ले सकें।
 
राजनीतिक कैरियर
 
पारिवारिक पृष्ठभूमि
 
विजन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 24 सितम्बर को करेंगे पहली यात्री उड़ान 8 अक्टूबर

सिक्किम की राजधानी गैंगटोक से  30 किमी दूर बने  पाक्योंग एयर पोर्ट  जिसका  उद्घाटन  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 24 सितम्बर को करेंगे पहली यात्री उड़ान 8 अक्टूबर को सिक्किम के पाक्योंग हवाई अड्डे पर उतरेगी, जिससे हिमालयी राज्य भारत के विमानन मानचित्र में आएगा।


स्पाइसजेट जिसे कोलकाता -पाक्योंग मार्ग से सम्मानित किया गया है, ने 10 मार्च को पाक्योंग में 78 सीटों वाले बमबारीर क्यू 400 विमान लैंडिंग के साथ एक परीक्षण चलाया था।

"एयरलाइन कंपनी ने पहले 4 अक्टूबर को कोलकाता और पाक्योंग। के बीच उड़ान सेवा शुरू करने का फैसला किया था, लेकिन अब यह योजना बनाई गई है कि सेवा 8 अक्टूबर से शुरू होगी।

अभी तक, सिक्किम में बागदोगरा से एक हेलिकॉप्टर सेवा है।राज्य के निवासी और सिक्किम जाने वाले लोगों को बगडोगरा से उड़ानें लेनी पड़ती थी  जो गंगटोक राज्य की राजधानी से 140 किमी दूर स्थित थीं।

8 अक्टूबर को, स्पाइसजेट उड़ान 9.30 बजे कलकत्ता से प्रस्थान करेगी और 10.55 बजे गंगटोक से 35 किमी दूर स्थित पकीओंग पहुंच जाएगी।

यह 12.15 बजे कलकत्ता पहुंचने के लिए 11.15 बजे पकीओंग छोड़ देगा।

पवन चामलिंग मुख्यमंत्री सिक्किम

स्पाइसजेट की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से एक चेक से पता चला कि मार्ग के साथ एक तरफा टिकट 2,600 रुपये खर्च होंगे। केंद्र द्वारा तैनात उदान (उदय देश का आम नगर) योजना के तहत एयरलाइन को मार्ग प्रदान किया गया है।

"यह सिक्किम के लिए अच्छी खबर है। यह सेवा दुर्गा पूजा और दिवाली छुट्टियों के दौरान पर्यटन के मौसम से ठीक पहले शुरू होगी। हमें विश्वास है कि प्रतिक्रिया भारी होगी क्योंकि बहुत से लोग गंगटोक में सीधे पहुंचने के लिए उड़ान लेना पसंद करेंगे, पूर्वी हिमालय यात्रा और टूर ऑपरेटर एसोसिएशन के महासचिव संदीपन घोष ने कहा, "बागदोगरा पहुंचने के बजाय और फिर चार घंटे तक सड़क यात्रा करें।"

हालांकि, 16 अक्टूबर से, उड़ान समय सारिणी पकीओंग में बदल जाएगी, क्योंकि स्पाइसजेट उस दिन सिक्किम से गुवाहाटी में अपनी सेवा पेश करेगा।

कलकत्ता से आगमन का समय वही होगा, लेकिन 11.15 बजे, कलकत्ता जाने के बजाए, उड़ान गुवाहाटी के लिए जाएगी जहां यह 12.30 बजे पहुंचेगी।

यह गुवाहाटी से 2 बजे प्रस्थान करेगी और 2.05 बजे पकीओंग पहुंचेगा। Pakyong से, उड़ान अपराह्न 4.20 बजे कलकत्ता पहुंचने के लिए 2.50 बजे प्रस्थान होगा।

पकीओंग-गुवाहाटी मार्ग पर, एक तरफा उड़ान किराया अब 2,060 रुपये है।

घोष ने कहा, "यह उन पर्यटकों के लिए अधिक फायदेमंद होगा जो कुछ घंटों खर्च कर सकते हैं और प्रस्थान की तारीख तक सिक्किम में कुछ गंतव्यों पर जा सकते हैं। अभी तक, उन उड़ानों को उड़ान भरने की जरूरत है, जो सुबह सुबह बगडोगरा शुरू करने की जरूरत है।"

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी संवाद कुशलता पर गर्व है ,48 घंटे बीत जाने पर मोदी मौन क्यों ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी संवाद कुशलता पर गर्व है और उन्हें एक अच्छा वक्ता भी माना जाता है. फिर भी रफ़ाएल सौदे पर पूर्व फ़्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद का चौंकाने वाला बयान आने के 48 घंटे बीत जाने पर भी उन्होंने मौन साध रखा है.


ओलांद ने कहा और दोहराया भी है कि करोड़ों के रफ़ाएल सौदे में अनिल अंबानी को भारत सरकार ने ऑफ़सेट पार्टनर के तौर पर फ्रांस पर 'थोपा' था. इससे मोदी सरकार के उस दावे की हवा निकल गई जिसमें कहा गया था कि 'इस समझौते में पार्टनर चुनने में सरकार का कोई हाथ नहीं था और इसे विमान बनाने वाली कंपनी दसो एविएशन ने ही चुना था.'

सुरक्षा पर बनी कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) में शामिल मोदी सरकार के शीर्ष मंत्रियों जैसे कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस बात को दोहराया था.

सीतारमण ने तो यहां तक कह दिया था कि भारत सरकार को यह तक पता नहीं था कि दसो ने किस कंपनी को पार्टनर चुना है. यह दावा अविश्वसनीय है क्योंकि कैबिनेट में उनके सहयोगी नितिन गडकरी ने ही नागपुर में अंबानी की फ़ैक्ट्री का उद्घाटन किया था.

मगर फिर भी मोदी सरकार की ओर से अविश्वसनीय दावे और 'जुमले' पेश किए जाते रहे. पिछले हफ़्ते ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दावा किया कि अरबों खरबों के बक़ायेदार विजय माल्या का यह कहना 'तथ्यात्मक रूप से' ग़लत है कि वह भागने से पहले उनसे मिले थे क्योंकि उन्होंने कभी माल्या को अपॉइंटमेंट नहीं दिया था. मगर मीटिंग हुई, माल्या भागे भी लेकिन हमारे वित्त मंत्री बचने के लिए बेहद कमज़ोर क़ानूनी तर्क दे रहे थे.

रफ़ाएल से जु़ड़ा स्कैंडल

इस स्कैंडल की जड़ में मोदी द्वारा करोड़ों डॉलर के जेटों की ख़रीद है, जिसके लिए स्पष्ट तौर पर ज़रूरी मंज़ूरी नहीं थी और ऊपर से अनिल अंबानी उनके साथ थे, जिन्होंने कुछ ही दिन पहले रक्षा निर्माण की कंपनी का पंजीकरण करवाया था.

मोदी ने पेरिस में इस समझौते का एलान किया था और उस समय के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर तक इससे हैरान रह गए थे.

भारतीय सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी रक्षा कंपनियों में गिनी जाने वाली दसो को हाल ही में पैदा हुई एक कंपनी से हाथ मिलाने को कहा, जो अभी तक कुछ साबित नहीं कर पाई है. इस काम के लिए हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को नज़रअंदाज़ कर दिया गया. दसो ने भी बिना कोई सवाल पूछे ऐसा ही किया.

सरकार का कमज़ोर बचाव

अक्सर मुदों पर डटे नहीं रहने वाले कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार अपने दावे पर डटे हुए हैं कि रफ़ाएल सौदे में पार्टनर चुना जाना घोटाला है.

मोदी सरकार बिना किसी दमदार बचाव के घोटाले के आरोपों से इनकार कर रही है. सीतारमण ने पहले दावा किया कि वह जेट विमानों की क़ीमत बताएंगी मगर बाद में रहस्यमय 'गोपनीयता की शर्त' का हवाला देते हुए मुकर गईं.

इस बीच मोदी सरकार के चियरलीडर्स और पन्ना प्रमुखों ने मीडिया में बिना जांच के ही मोदी सरकार को यह तक कहते हुए क्लीन चिट दे दी कि 'इस समझौते में भ्रष्टाचार नहीं बल्कि बेवकूफ़ी है.'

वर्तमान सरकार का महिमामंडन करने में लगे भारतीय मीडिया के एक धड़े द्वारा नज़रअंदाज करने के बावजूद इस घोटाले ने मोदी सरकार को ज़ोरदार झटका दिया है.

मोदी की चुप्पी से उनको कोई फ़ायदा नहीं मिलने वाला. अनिल अंबानी विपक्ष के नेताओं और मीडिया के उन लोगों के ख़िलाफ़ मानहानि का मामला दर्ज कर रहे हैं जो यह सवाल उठा रहे हैं कि यह डील उन्हें सौंप दी गई जिनके पास रक्षा के क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं है.

अंबानी ने स्वतंत्र मीडिया से इस तरह के 'आरोप लगाना बंद करने और इससे बचने' को भी कहा है.

राहुल ने पूछा जवाब कब देंगे मोदी, रविशंकर प्रसाद का पलटवाररफ़ाएल सौदा मोदी सरकार का सबसे बड़ा सिरदर्द?तो रफ़ाएल घोटाले में आगे क्या होगा?

इस बात पर ग़ौर करें कि केंद्र तो पहले ही सरकारी स्वामित्व वाले हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के दावों को दरकिनार कर चुका है, जो इस तरह के ऑफ़सेट एग्रीमेंट के लिए उच्चस्तरीय रक्षा निर्माण में एक ट्रैक रिकॉर्ड रखता है.

रक्षा मंत्रालय संभाल चुके विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक इस मुद्दे पर सरकार हताश नज़र आ रही है.

इसमें सबसे बड़ा नुक़सान मोदी के उस दावे का होगा जिसमें वो ख़ुद को करदाताओं के पैसे का चौकीदार (गार्ड) बताते रहे हैं. अगर मोदी ने रफ़ाएल पर ख़ुद ही मनमाने तरीके से निर्णय लिया है तो इससे होने वाला नुक़सान भी उनके अपने व्यक्तित्व पर भी असर डालेगा.

विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि रफ़ाएल डील आने वाले आम चुनावों में बड़ा मुद्दा होगा. राहुल गांधी ने भी अपने संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही है. उन्होंने कहा कि 'मोदी और अनिल अंबानी ने साथ मिलकर भारतीय सुरक्षाबलों पर 130 हज़ार करोड़ रुपये की सर्जिकल स्ट्राइक की है. मोदी जी आपने हमारे शहीद सैनिकों के ख़ून का अपमान किया है. आपको शर्म आनी चाहिए. आपने भारत की आत्मा के साथ धोखा किया है.'

इससे ये भी संकेत मिलता है कि विपक्ष किस तरह पीएम मोदी पर आरोप लगाएगा. उम्मीद है कि जल्द ही ओलांद के बयान की ख़बर पर फ़्रांसीसी मीडिया में फ़ॉलोअप आएगा.

अब तक तो यही लग रहा है कि बोफ़ोर्स के पुराने भूत की तरह ही एक बार फिर एक रक्षा सौदा एक और प्रधानमंत्री का खेल बिगाड़ सकता है.
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मोदी सरकार के बचाव में आगे आई फ्रांस सरकार


Rafale controversy: मोदी सरकार के बचाव में आगे आई फ्रांस सरकार और दसॉल्‍ट एविएशन, बताई सौदे से जुड़ी ये बात Read In Englishकरोड़ों डॉलर के राफेल विमान सौदे की आग से मोदी सरकार को बचाने के लिए फ्रांस सरकार और राफेल की निर्माता कंपनी दसॉल्‍ट एविएशन दोनों ढाल बनकर सामने


नई दिल्‍ली। करोड़ों डॉलर के राफेल विमान सौदे की आग से मोदी सरकार को बचाने के लिए फ्रांस सरकार और राफेल की निर्माता कंपनी दसॉल्‍ट एविएशन दोनों ढाल बनकर सामने आए हैं। फ्रांस सरकार और दसॉल्‍ट एविएशन दोनों ने शनिवार को यह साफ कर दिया है कि राफेल सौदे के लिए भारतीय साझेदार चुनने में फ्रांस या भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं है। दसॉल्‍ट एविएशन ने कहा है कि उसने अपनी मर्जी से अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस का चुनाव किया था।

फ्रांस और दसॉल्‍ट एविएशन को यह सफाई तब देनी पड़ी है जब खुद फ्रांस के पूर्व राष्‍ट्रपति फ्रांस्‍वा ओलांद ने यह दावा किया है कि भारत सरकार ने राफेल सौदे के लिए खुद रिलायंस डिफेंस का नाम सुझाया

राफेल पर यूपीए की बातचीत के दौरान एचएएल और दसॉल्ट एविएशन के बीच थे गंभीर मतभेद: सूत्रसरकार का राफेल ऑफसेट निर्णय से कुछ लेना-देना नहीं : रक्षा मंत्रालयराफेल सौदे पर होलांदे के बयान के बाद हिंदुस्तान में मचा हड़कंप, कांग्रेस-बीजेपी की आज प्रेस कॉन्फ्रेंसओलांद के बयान को दसॉल्ट ने नकारा, कहा-राफेल सौदे के लिए रिलायंस को अपनी मर्जी से चुना

क्‍या कहा ओलांद ने

एक फ्रांसीसी वेबसाइट ने ओलांद के हवाले से कहा है कि भारत सरकार ने फ्रांस सरकार से रिलायंस डिफेंस को इस सौदे के लिए भारतीय भागीदार के रूप में नामित करने के लिए कहा था। ओलांद ने अपने बयान में कहा है कि हमारे पास कोई विकल्‍प नहीं था। भारत सरकार ने यह नाम (रिलायंस डिफेंस) सुझाया था और दसॉल्‍ट कंपनी के अधिकारियों ने अनिल अंबानी से बात की थी।

फ्रांस सरकार का बयान

शुक्रवार रात जारी फ्रांस सरकार ने अपने बयान में कहा है कि इस सौदे के लिए भारतीय कारोबार भागीदार को चुनने में फ्रांस सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। फ्रांस सरकार ने कहा है कि भारतीय अधिग्रहण प्रक्रिया के अनुसार फ्रांस की कंपनी को यह पूरी स्‍वतंत्रता है कि वह जिसे उपयुक्‍त समझे उसे भारतीय भागीदार के रूप में चुन सकती है।

दसॉल्‍ट एविएशन की सफाई

राफेल विमानों की निर्माता कंपनी दसॉल्‍ट एविएशन ने भी एक बयान जारी कर सफाई दी है कि राफेल विमान की आपूर्ति के लिए भारत में कारोबारी भागीदार के लिए रिलायंस ग्रुप के साथ साझेदारी करने का फैसला दसॉल्‍ट कंपनी का था और इसके लिए उस पर किसी ने कोई दबाव नहीं डाला था।

क्‍या है राफेल सौदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की घोषणा की थी। इस सौदे पर दोनों देशों ने 2016 में हस्‍ताक्षर किए थे। इससे पहले कांग्रसे नेतृत्‍व वाली यूपीए सरकार ने फ्रांस से 126 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था, जिसमें से 18 विमान उड़ान स्थिति में आपूर्ति किए जाने थे, जबकि शेष 108 विमानों का निर्माण लाइसेंस के तहत भारत में एचएएल द्वारा किया जाना था।
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शनिवार, 22 सितंबर 2018

२८ विश्वविद्यालयों से आए वाद-विवाद प्रतिभागी।

राजभवन मे मा0 राज्यपाल राम नाईक
जी,केबिनेट मंत्री डा रीता बहुगुणा जोशी के साथ उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के २८ विश्वविद्यालयों से आए वाद-विवाद प्रतिभागी।

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अनूप जलोटा 28 के होते जसलीन 65 की होतीं तो? 'नजरिया'

यूँ तो प्रेम का मामला हमेशा नाज़ुक ही होता है, लेकिन कुछ प्रेम कहानियाँ इतनी नाज़ुक होती हैं कि उनके सामने आते ही समझो प्रेमियों की शामत आई!
हिंदुस्तान में, अगर जाति या धर्म का फ़र्क़ हो तो परिवार और समाज के लोगों को तो तकलीफ़ होती ही है, प्रेमियों की जान को भी ख़तरा हो जाता है.
अगर आर्थिक स्तर में फ़र्क़ हो तो लोगों की नाक-भौं सिकुड़ जाती हैं. जिसके पास पैसे ज़्यादा हों, उससे और उसके परिवार वालों से हमदर्दी भी जताई जाती है.
और अगर उम्र में बहुत फ़र्क़ हो, तो प्रेमियों का मज़ाक उड़ाया जाता है.
इसका ताज़ा उदाहरण है अनूप जलोटा और जसलीन मथारू की जोड़ी.
ज़ाहिर है, मज़ाक जलोटा का उड़ाया जा रहा है क्योंकि उनकी उम्र ज़्यादा है. कहा जा रहा है कि दोनों में 37 साल का फ़र्क़ है, सो प्रेमिका बेटी की उम्र की है.
मगर मज़ाक में एक तरह की ये ईर्ष्या भी झलक रही है कि देखो! जवानों से बाज़ी मार ले गया!

अगर कहानी उलट होती तो?

मैं सोचती हूँ, क्या होता अगर 65 साल की औरत, ख़ासकर भजन गाने वाली या प्रवचन सुनाने वाली कोई देवी जी, 28 साल के किसी बेहद खूबसूरत, तने-कसे बदन वाले आदमी का हाथ पकड़ लेती?
एक-आध महीने की बात है, प्रियंका चोपड़ा का भी मज़ाक उड़ाया गया था क्योंकि उनकी मंगनी निक जोनास के साथ हुई थी. ख़ैर, यहाँ तो सिर्फ़ 10 साल का ही फ़र्क़ था.
औरत की उम्र ज़्यादा हो तो लोगों को तीन या पांच साल भी बहुत ज़्यादा लगते हैं. मैंने अपने दोस्तों में, पढ़े-लिखे और काफ़ी हद तक आज़ाद ख़्याल लोगों के मुँह से 'क्रेडल-स्नैचर' यानी पालने से बच्चा चुराना जैसी अजीब संज्ञाएँ सुनी हैं.
अब चाहे ये छेड़ने के लिए ही कहा जाता हो, मगर आज भी युवा पीढ़ी को ये मंज़ूर नहीं कि 30 साल की लड़की 25 साल के लड़के पर नज़र डाले.

बड़ी उम्र की महिलाओं से शादी कल्पना से परे

आप कोई भी अख़बार उठा लें, शादी के विज्ञापन पढ़ लें. अगर 'लड़के' की उम्र 28 है, तो उसे 21 से 28 के बीच की 'लड़की' चाहिए. अगर 38 है, तो 25 से 35 के बीच की लड़की चाहिए और अगर 48 है, तो 30 से 45.
कुछ लोग इसको औरत के बच्चे पैदा करने की उम्र से जोड़ते हैं. मगर ये एक सच है कि आदमी अगर जीवन की संध्या में भी दूसरी शादी कर रहा हो, तब भी ये असंतुलन नहीं बदलता.
मैंने आज तक ऐसा कोई विज्ञापन नहीं देखा जहां 60 का आदमी 55-70 साल की औरत की तलाश में हो. तलाश तो बहुत दूर की बात है, कोई इसकी कल्पना भी नहीं करना चाहता.
कुछ हद तक इसका प्रमाण आपको फ़िल्मी अभिनेता और उनके किरदारों में भी दिखेगा.
50 साल के अभिनेता 23-24 साल की अभिनेत्रियों के साथ फ़िल्मों में प्रेम करते नज़र आते हैं और इसे स्वाभाविक माना जाता है. लेकिन अभिनेत्री 40 की हुई नहीं कि प्रेम कहानियाँ ही ख़त्म!

कमसिन महिला से ब्याह क्यों?

शादी-ब्याह के मामले में 10 साल ज़्यादा नहीं माने जाते. बड़े-बुज़ुर्गों से ये भी सुना है कि मर्द-औरत में 10 साल का फ़र्क़ ठीक है.
ठीक इस लिहाज़ से मानते हैं कि आदमी कमाएगा अच्छा और लड़की जितनी कमसिन और अनाड़ी, जितनी अनुभवहीन, जितनी परतंत्र हो, उतनी आसानी से पति और उसके परिवार के क़ाबू में रहेगी.
लेकिन जब आदमी की उम्र कम हो तो यही 10-12 साल का फ़र्क़ भयानक लगने लगता है.
पत्नी या प्रेमिका अनुभवी हों, अपना अच्छा-बुरा समझती हों, ख़ुद पैसे कमाती हों, उसे आदमी के पैसों और उसकी दुनियादारी की ज़रूरत न हो, तो ये किसी को मंज़ूर नहीं

कामुक नज़रें मिलेगी

हमारा समाज दरअसल आइना नहीं देखता.
हर अधेड़ उम्र का या बूढ़ा आदमी, जवान औरत को देखता है तो उसकी नज़र में हमेशा ममता नहीं होती. बाज़ार में, रेस्टोरेंट में, सिनेमा हॉल में- आपको उनकी कामुक नज़रें मिलेंगी.
अधेड़ उम्र की औरतें अगर उसी आज़ादी, उसी आत्मविश्वास के साथ, घर से बाहर निकल कर ख़ूबसूरत जवान उम्र के लड़कों को देखतीं तो उन्हें ख़ूबसूरती और जवानी ही नज़र आती. ममता उमड़ने की संभावना कम है.
ये बात अलग है कि हमारे समाज में औरतें अधिकतर पहल नहीं करती हैं. और बदतमीज़ी भी नहीं करती हैं. नज़र पे ज़रा पर्दा पड़ा रहता है. चाहे उम्र का कोई भी पड़ाव क्यों न हो.

अनूप जलोटा, प्रियंका चोपड़ा क्या करें?
लेकिन समाज अनूप जलोटा साहब से उम्मीद करता है कि वे भजन गायें, प्रभु और माता की चौकी में मन लगाएँ. संपत्ति हो तो बच्चों के लिए छोड़ जाएं. अकेलापन काटने को दौड़ता है तो अपनी उम्र के आस-पास किसी महिला से शादी कर लें.
लोग कहेंगे, कोई बात नहीं; बुढ़ापे का सहारा हो गया. ख़याल रखने को भी कोई चाहिए इत्यादि.
प्रियंका चोपड़ा साहिबा से भी यह उम्मीद है लेकिन उनके लिए 'आस-पास' की खिड़की और संकुचित है.
किन्तु प्रेम? उम्र का लिहाज़ नहीं करता.
प्रेम किसी चीज़ का लिहाज़ नहीं करता. जात-धर्म का भी नहीं. गोत्र और दर्जे का भी नहीं.
एक बार 'लोग क्या कहेंगे' का डर दिल से निकल जाए, फिर इंसान को किसी धर्म या झूठी रस्मों के खूँटे से बाँधना मुश्किल है.

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गरीबों के लिए पक्के 'कागजी' मकान बनाने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे

गरीबों के लिए पक्के 'कागजी' मकान बनाने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे


केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने उप्र को बेहतर प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा है। इधर हकीकत कागजी आंकड़ों के ठीक उलट है।...

 प्रधानमंत्री ग्र्रामीण आवास योजना का प्रथम चरण पूर्णता की ओर है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने उप्र को बेहतर प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा है। इधर हकीकत कागजी आंकड़ों के ठीक उलट है। पुरस्कार प्राप्त अफजलगढ़, जोया और धनोरा विकासखंडों से सचाई सामने लाती लाइव रिपोर्ट।

उप्र के बिजनौर का अफजलगढ़ विकासखंड राष्ट्रीय फलक पर तो चमका लेकिन यह चमक फीकी साबित हुई। अमरोहा के जोया और धनौरा में भी यही स्थिति मिली। यहां अनेक गरीब परिवार अब भी आवास को तरस रहे हैं। उप्र के इन विकासखंडों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्र्रामीण) में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है।

पहला चरण समाप्ति की ओर : प्रधानमंत्री आवास योजना यानी 2022 तक हर परिवार को पक्का मकान। जनवरी, 1996 से चली आ रही इंदिरा आवास योजना को 'दुरुस्त कर 01 अप्रैल, 2016 को नया नाम दे दिया गया- प्रधानमंत्री आवास योजना। प्रथम चरण के तहत 2016-17 से 2018-19 तक प्रारंभिक तीन वर्ष में देश के एक करोड़ वंचित परिवारों को पक्का मकान मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया। इस समय सीमा की समाप्ति में अब महज छह माह का समय शेष है।



उप्र को क्यों मिले पुरस्कार : बीते दिनों केंद्रीय ग्र्रामीण विकास मंत्रालय ने आवास योजना सहित ग्र्रामीण विकास की अन्य योजनाओं में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर उत्तरप्रदेश को सर्वाधिक 12 राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा। सात पुरस्कारों के साथ छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर रहा। यूपी के दो जिलों और पांच विकासखंडों को पुरस्कार हासिल हुआ। राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल करने वाले बिजनौर के अफजलगढ़ (कासमपुरगढ़ी) विकासखंड ने कोई अलग करिश्मा नहीं किया है।

केवल प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को लागू करने में 'तत्परता दिखाई। इसी तरह अमरोहा के जोया और धनौरा ब्लॉक में ऑनलाइन फीडिंग का काम 'तत्परता से किया गया। इसे ही पुरस्कार का आधार बनाया गया न कि आवास की उपलब्धता को। आंकड़ों में अब इन विकासखंडों में कोई गरीब बेघर नहीं है, लेकिन हकीकत यह है कि बारिश से धराशायी दर्जनों कच्चे मकानों में गरीब परिवारों को अब पन्नी का सहारा है, कई के पास तो यह भी नहीं है।

ये है अफजलगढ़ की 'तत्परता का राज : 76 ग्राम पंचायतों वाले अफजलगढ़ ब्लॉक में लक्ष्य महज 30 आवासों का ही था, लिहाजा समय से पूरा कर लिया गया। पहले वर्ष 16-17 में तो मात्र तीन आवासों का ही लक्ष्य था, जबकि वर्ष 17-18 में 27 आवास स्वीकृत किए गए। चालू वर्ष में ब्लॉकका लक्ष्य शून्य है। जबकि ग्राम पंचायत आसफाबाद चमन में ओममप्रकाश, अशोक, फूल सिंह, बिजेंद्र आदि अनेक लोग आवास की राह देख रहे हैं। ग्राम प्रधान सुधा देवी का कहना है कि पात्रों की सूची ब्लॉक को दे दी है।

अमरोहा में जारी है वंचित परिवारों की खोज : अमरोहा जिले के जोया विकास खंड ने वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत केवल 9 ही आवास बनाए हैं। इसी तरह धनौरा में 21 आवास दो साल में बनाए गए हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष में भी 32 आवास का लक्ष्य आया था, लेकिन अधिकारियों ने इसको वापस यह कहते हुए भेज दिया कि जिले में अब कोई पात्र लाभार्थी नहीं है, सर्वे कराया जा रहा है। सचाई यह है कि आज भी कई पात्र परिवार आवास को तरस रहे हैं



उप्र में प्रथम चरण का हाल : ग्राम्य विकास विभाग, उ.प्र. के आधिकारिक पोर्टल में सितंबर के दूसरे सप्ताह में जारी की गई प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की भौतिक प्रगति रिपोर्ट (2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 के लक्ष्य के सापेक्ष) में यह कहीं भी दर्ज नहीं है कि कुल कितने आवास बनकर तैयार हो गए। प्रथम किस्त जारी कर देने को ही प्रगति का पैमाना दर्शा दिया गया है। इस प्रगति रिपोर्ट के अनुसार उक्त अवधि में उप्र में कुल 11 लाख 71 हजार 852 आवासों का लक्ष्य था। इनमें से 10 लाख 83 हजार 118 स्वीकृत हुए। जबकि 10 लाख 70 हजार 294 लाभार्थियों को प्रथम किस्त की राशि प्रदान कर दी गई। प्रथम किस्त प्राप्त लाभार्थियों का प्रतिशत 91.

100.88 और 100.31 प्रतिशत प्रदर्शन : सूची में पहले और दूसरे नंबर पर दर्ज संत कबीर नगर और रामपुर जिले ने तो 100 प्रतिशत का आंकड़ा भी पार कर दिया है। यहां प्रथम किस्त प्राप्त लाभार्थियों का प्रतिशत क्रमश: 100.88 और 100.31 है। संत कबीर नगर में 13 हजार 996 आवास का लक्ष्य था जबकि 14 हजार 175 आवास स्वीकृत हुए। रामपुर में 2572 आवास का लक्ष्य था, 2559 आवास स्वीकृत हुए, जबकि 2580 लाभार्थियों को प्रथम किस्त जारी की गई। यानी स्वीकृति हुई 2559 की और किस्त जारी कर दी गई 2580 को। प्रतिशत हो गया 100.31। गौतम बुद्ध नगर और बागपत में सभी आंकड़े शून्य के रूप में दर्ज हैं यानी यहां योजना लागू ही नहीं हुई।

10 लाख 70 हजार 294 लाभार्थियों को प्रथम किस्त, मकान बने 8 लाख 85 हजार : उप्र में 8.85 लाख पक्के मकान बनाए जा चुके हैैं, जबकि अक्तूबर तक यह संख्या 11 लाख को पार कर जाएगी। यह देश में किसी भी राज्य के मुकाबले सबसे अधिक है। उप्र ग्र्राम्य विकास विभाग को पहली बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिला
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शुक्रवार, 21 सितंबर 2018

शेयर बाजार में जबरदस्त उतार-चढ़ाव, भारी गिरावट के बाद रिकवरी की ओर सेंसेक्स

शेयर बाजार में शुक्रवार को बड़ी गिरावट देखने को मिली है. सेंसेक्स शुक्रवार दोपहर करीब 1 बजे एक हजार अंक तक गिरा. हालांकि, बाद में लगातार सुधार आता गया. सिर्फ सेंसेक्स हीं नहीं बल्कि निफ्टी ने भी शुक्रवार दोपहर गोते लगाए और आंकड़ा 11000 के आस-पास पहुंच गया.
बता दें कि गुरुवार को मुहर्रम के मौके पर बंद रहने के बाद शुक्रवार को बाजार ने रफ्तार भरी थी. सेंसेक्स जहां 172 अंक मजबूत होकर खुला था. वहीं, निफ्टी भी 69 अंक बढ़ा था. लेकिन दोपहर आते-आते सेंसेक्स ने गोते खाने शुरू कर दिए और 1000 अंकों तक गिर गया.  

मंगलवार, 18 सितंबर 2018

अक्षय कुमार सुई में डाल नहीं पाए धागा, वीडियो इंटरनेट पर हुआ वायरल

बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार (Akshay Kumar) न सिर्फ एक्टिंग में माहिर हैं, बल्कि एक्शन में भी दमदार अभियन करते हैं.

नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार (Akshay Kumar) न सिर्फ एक्टिंग में माहिर हैं, बल्कि एक्शन में भी दमदार अभियन करते हैं. फिजिकली-मेंटली स्ट्रांग अक्षय कुमार के साथ एक ऐसी घटना हुई, जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते. जी हां, अक्षय कुमार जब ऐसा नहीं कर पाए तो उन्होंने हार भी मान ली. वरुण धवन और अनुष्का शर्मा की आने वाली फिल्म 'सुई-धागा' के प्रमोशन के लिए बॉलीवुड के कई स्टार सपोर्ट कर रहे हैं. अक्षय कुमार ने भी उन्हें अलग अंदाज में शुभकामनाएं दी हैं. अक्षय से छोटा सा काम नहीं हो पाया, जिसके बारे में आप नहीं उम्मीद नहीं कर सकते. उन्होंने सुई में धागा डालने की कोशिश की और इसमें वह कामयाब नहीं हो सके

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शेयर बाजार : सेंसेक्स 294.84 और निफ्टी 98.85 अंकों की गिरावट के साथ हुआ बंद

बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 74.68 अंकों की तेजी के साथ 37,660.19 पर खुला और 294.84 अंकों या 0.78 फीसदी गिरावट के साथ 37,290.67 पर बंद हुआ.


मुंबई: 
देश के शेयर बाजारों में मंगलवार को भी गिरावट दर्ज की गई. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 294.84 अंकों की गिरावट के साथ 37,290.67 पर और निफ्टी 98.85 अंकों की गिरावट के साथ 11,278.90 पर बंद हुआ. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 74.68 अंकों की तेजी के साथ 37,660.19 पर खुला और 294.84 अंकों या 0.78 फीसदी गिरावट के साथ 37,290.67 पर बंद हुआ. दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 37,745.44 के ऊपरी और 37,242.85 के निचले स्तर को छुआ.
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही. बीएसई का मिडकैप सूचकांक 242.20 अंकों की गिरावट के साथ 15,983.64 पर और स्मॉलकैप सूचकांक 250.79 अंकों की गिरावट के साथ 16,412.37 पर बंद हुआ.
COMMENT
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 3.8 अंकों की तेजी के साथ 11,381.55 पर खुला और 98.85 अंकों या 0.87 फीसदी गिरावट के साथ 11,278.90 पर बंद हुआ. दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 11,411.45 के ऊपरी और 11,268.95 के निचले स्तर को छुआ. बीएसई के 19 में से एक सेक्टर-तेज खपत उपभोक्ता वस्तुएं (0.86 फीसदी) में तेजी रही. बीएसई के गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे - रियल्टी (3.13 फीसदी), बिजली (2.00 फीसदी), औद्योगिक (1.77 फीसदी), दूरसंचार (1.75 फीसदी) और बैंकिंग (1.68 फीसदी).

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खेल समाचार

भारत की मजबूत टीम मंगलवार को कमजोर माने जाने वाले हांगकांग के खिलाफ उतरेगी तो उसकी नजरें बुधवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले बहुप्रतीक्षित मुकाबले की तैयारी पर टिकी होंगी। भारत-पाक की प्रतिद्वंद्विता से पहले हांगकांग मैच भारतीय प्रशंसकों के लिए ट्रेलर की तरह होगा।

कासगंज में बदमाशों ने बरपाया कहर: घर में घुसकर 2 को मारी गोली, एक की मौत

कासगंज: उत्तर प्रदेश में कासगंज के अमापुर थाना क्षेत्र में बदमाशों ने एक घर में घुसकर गोलीबारी की है। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि दूसरे की हालत गंभीर है।
पुलिस ने बताया कि सोमवार देर रात 2 बजे के आसपास कुछ बदमाश परतापुर गांव के एक घर मे घुस गए और जोगिंदर उर्फ पप्पू तथा सत्तन को गोली मार दी जिससे सत्तन की मौके पर ही मौत हो गई। हमले में पप्पू गंभीर रूप से घायल हो गया। गोलीबारी के बाद बदमाश मौके से भाग गए। परिजनों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। पप्पू को गंभीर हालत में आगरा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार और अपर पुलिस अधीक्षक पवित्र मोहन त्रिपाठी भारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि प्रथम दृष्टया तो मामला रंजिश या अनैतिक संबंधों का लगता है लेकिन जांच के बाद ही कारण साफ हो पाएगा। शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

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मोर्चा अखिलेश और डिंपल के खिलाफ भी उम्मीदवार खड़ा करेगा: शिवपाल

लखनऊ: समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के प्रमुख शिवपाल यादव ने कहा है कि आगामी लोकसभा चुनावों में मोर्चा राज्य की 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा सपा प्रमुख अखिलेश उनकी पत्नी डिंपल और परिवार के धर्मेंद्र यादव के खिलाफ भी मोर्चा उम्मीदवार खड़ा करेगा।

शिवपाल ने संकेत दिया कि अब किसी तरह के समझौते की गुजांइश नहीं बची है। अब पीछे हटने का सवाल ही पैदा नहीं होता। वह यूपी के मैनपुरी कस्बा करहल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। अपनी चुनावी रणनीति के बारे में बताते हुए शिवपाल ने कहा कि अब तो धर्मयुद्ध शुरु होने वाला है। मुलायम सिंह मोर्चा की तरफ से मैनपुरी से चुनाव लड़ेगे। उन्होंने यह भी कहा समान विचारधारा वाली सभी पार्टियों के लिए गठबंधन हेतु दरवाजे खुले हैं। शिवपाल ने बसपा से भी गठबंधन होने के संकेत दिए हैं।

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